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Thriller Drugs Ka Dhanda (Pulp Fiction, Crime, Suspense, Triller Story - Hardcore BF)
#1
DRUGS KA DHANDA
(Pulp Fiction, Crime, Suspense, Thriller Story - Hardcore BF)



MAIN CHARACTERS: 

1. SANPREET: National Beauty Competition 2025 Winner. Desh Ki Sabse Garam Aurat!!

35 साल की वो माल, जो भारत की सड़कों पर, गलियों में, और टीवी स्क्रीन पर धमाल मचाती है। 5 फुट 11 इंच की लंबी, अमीर घर की, हद से ज्यादा गोरी, भरी हुईगुदाज़, मलाईदार और हद से ज्यादा स्वादिष्ट औरत। उसके शरीर में कोई अतिरिक्त चर्बी नहीं है। तंग जहां होना चाहिए, और नरम और मलाइडर जहां होना चाहिए। देश की कोई और औरत ज़्यादा गोरी और स्वादिस्ट नहीं है। उसकी चमड़ी इतनी मुलायम, इतनी साफ, कि देखकर किसी का भी लंड तन जाए, बिना छुए ही मालपानी छूट जाए। उसका चेहरा? हाय, साली के होंठ इतने लाल, रसीले, कि लगता है चूसने के लिए ही बने हैं। आँखें ऐसी कि एक नजर में किसी का भी लंड खड़ा कर दे। बाल काले, लंबे, चमकदार, जो उसकी कमर तक लहराते हैं। उसके मम्मे? भाई, क्या बताएँ! इतने बड़े, गोल, फुले हुए, और गुदाज़ कि लगता है साली ने इनमें हवा भर रखी है। कभी झुकने का नाम ही न लें। निप्पल? हल्के गुलाबी, लेकिन जब सनप्रीत ब्लाउज खोलती है, तो वो तनकर ऐसे खड़े होते हैं जैसे लंड को सलामी दे रहे हों। 

उसकी जांघें? माँ कसम, इतनी गोरी, मुलायम, और मांसल कि देखकर मुँह में पानी आ जाए। ऐसी कि चूसने, चाटने, और दबाने का मन करे। और उसकी गांड? उफ्फ, गोल, फूली हुई, इतनी गुदाज़ कि अगर दबाए तो उंगलियाँ धंस जाएँ। एक बार तो एक नीच मर्द ने कहा था, “सनप्रीत की गांड दबाने में अहसहनिय  मजा आता है।”—चमड़ी इतनी साफ, इतनी गर्म, कि छूते ही लंड से मालपानी का फव्वारा छूट जाए। उसकी चूत? टाइट, गर्म, और इतनी रसीली कि लंड अंदर जाते ही घिनौना मालपानी भर भराके उड़ेल दे, मज़ा इतना बर्दाश के बाहर  होता है । नीच मर्द बताते हैं, “सनप्रीत की चूत में लंड डालो, तो एक दम कसा हुआ रंडाना मज़ा मिलता है। पाँच मिनट भी टिकना मुश्किल, मालपानी अपने आप छूट जाता है, घना, सफेद।” 

सनप्रीत अमीर घर की बहू है, ससुराल में पैसे की बारिश होती है। पति उसका, राघव, कोई बड़ा बिजनेसमैन, जो दिन-रात ऑफिस में गधे की तरह खटता है। लेकिन सनप्रीत? साली को चुदास का भूत सवार है। राघव को महीने में एक-दो बार चोदने देती है, वो भी ऐसे जैसे एहसान कर रही हो। पेटीकोट ऊपर उठाकर, चूत में लंड डलवाती है, लेकिन मम्मे? वो तो कभी नंगे नहीं करती। “बस, जल्दी कर, मुझे नींद आ रही है,”—ऐसा कहकर राघव को भगा देती है। 

लेकिन बाहर? वहाँ सनप्रीत की असलियत खुलती है। सनप्रीत को नीच मर्दों का नशा है। गटर साफ करने वाले, कचरा बीनने वाले, रिक्शा चलाने वाले—वो छोटे कद के, घुप्प काले, पसीने से लथपथ, गंदे मर्द, जिनके दाँत पीले, मुँह से सिगरेट और पान की बू आती है। यही वो मर्द हैं जो सनप्रीत को पटाके कसके नंगा करते है।

सनप्रीत की सोच? वो सोचती है, “मैं अमीर घर की बहू हूँ, लेकिन मेरी चूत गटर के मर्दों के लिए बनी है।” उसे नीच मर्दों का लंड चूसने में, उनकी गंदी बातें सुनने में, और उनकी गंदगी में लोटने में मजा आता है। हर बार जब वो चुदवाती है, उसे लगता है कि वो और नीचे गिर रही है।

2. AJANTA: Yeh National Beauty Competition mein nahi gayi. Varna Sanpreet ke baad dusra no. isi ka hota!!!

सिक्योरिटी अफसर अजंता: 30 साल की, 5 फुट 10 इंच की वो औरत, जो वर्दी में कातिल लगती है। अमीर घर की, हद से ज्यादा गोरी। उसकी चमड़ी इतनी साफ, इतनी चिकनी, कि छूने से पहले ही लंड तन जाए। चेहरा? साली का मुँह ऐसा कि देखकर लगे, ये तो बस चूसने और चाटने के लिए बना है। होंठ मोटे, गीले, जैसे हर वक्त लंड का इंतज़ार कर रहे हों। आँखें काली, चमकती हुई, जो एक बार घूर लें, तो मर्द का लंड पैंट में ही फड़फड़ाने लगे। 

बाल छोटे, कटे हुए, जो उसकी गर्दन तक आते हैं। उसका बदन? माँ कसम, जिम का कमाल। कसरत करती है, तो मांसल है, पर गुदाज़ भी। उसकी बाहें टोन्ड, पर इतनी मुलायम कि दबाने में उंगलियाँ धंस जाएँ। कमर पतली, पर कूल्हे चौड़े, जैसे किसी ने गोल-मटोल गांड को तराश कर रख दिया हो। उसकी गांड इतनी भरी हुई, इतनी उभरी कि वर्दी की पैंट में भी फटने को तैयार लगती है। एक बार एक नीच मर्द ने कहा था, “अजंता की गांड देखकर लगता है, साली को पीछे से पकड़कर बस चोद दो।” उसके मम्मे? भारी, टाइट, और इतने गोल कि ब्रा में भी उछल-उछल कर बाहर आने को बेताब। निप्पल? छोटे, सख्त, जैसे हर वक्त तने रहते हों। उसकी जांघें? मोटी, मांसल, पर इतनी चिकनी कि देखकर मुँह में पानी आ जाए। चूत? पूरी साफ, एक भी बाल नहीं, और इतनी टाइट कि लंड अंदर जाए, तो बाहर निकलने का मन न करे। 

अजंता की चमड़ी इतनी गोरी, इतनी गर्म कि नीच मर्द के लंड से मालपानी बिना छुए ही छूट जाए। नीच मर्द बताते हैं, “अजंता की चूत में लंड डालो, तो ऐसा लगता है जैसे मक्खन में चाकू घुसा दिया। टाइट, गर्म, और इतनी गीली कि लंड फिसलते हुए भी जकड़ लेती है। मालपानी? दस गुना ज्यादा, घना, सफेद, जैसे कोई फव्वारा फूट पड़ा हो।” 

अजंता सिक्योरिटी अफसर है, क्राइम रोकती है, गुंडों की गांड मारती है। दिन में थाने में बैठकर फाइलें चेक करती है, बदमाशों को धमकाती है। लेकिन रात? रात में साली अपनी वर्दी उतारकर नीच मर्दों की निजी नंगी औरत बन जाती है। वो गंदी जगहों— गटर के पास की झोपड़ियों, या कचरे के बड़े बड़े ढेर के पीछे—फेके हुए गद्दों पर नंगी होकर लेटती है। 

लेकिन अजंता को पटा लो, तो समझो जन्नत मिल गई। साली आसानी से नहीं पटती। नीच मर्दों को उसकी चूत तक पहुँचने के लिए जी-तोड़ मेहनत करनी पड़ती है। 

अजंता की सोच? साली मानती है कि उसका बदन नीच मर्दों के लिए बना है। वो सोचती है, “मैं सिक्योरिटी अफसर हूँ, मैं क्राइम रोकती हूँ, लेकिन मेरी चूत गंदे मर्दों के लंड के लिए तड़पती है।” उसे नीच मर्दों की गंदी बू, उनका पसीना, उनकी गालियाँ—सब कुछ गीला करता है। वो जानती है कि उसका गोरा, मांसल, गुदाज़ बदन रंडाना मज़ा देने के लिए है। 

3. Kritika: Elite Lounge Club ki Maalkin aur Anti-Drugs NGO ki head!!

कृतिका: क्लब की रानी, चुदास की मालकिन कृतिका, 40 साल की वो औरत, जो दिल्ली के एलीट लाउंज की मालकिन है और दिन में एंटी-ड्रग्स NGO चलाती है। 5 फुट 10 इंच की लंबी, और गोरी—इतनी गोरी कि उसकी चमड़ी में जैसे दूध। उसका बदन? माँ कसम, ऐसा स्वादिष्ट कि देखकर लंड अपने आप तन जाए, और मालपानी बिना छुए छूट जाए। वो जब चलती है, तो कूल्हे ऐसे मटकते हैं जैसे गली के हरामियोंको ललकार रही हो। उसकी ड्रेस? हमेशा टाइट, चाहे ब्लैक सूट हो या साड़ी 

उसके मम्मे? भारी, गोल, और इतने टाइट कि ड्रेस में भी उछल-उछल कर बाहर आने को बेताब। निप्पल? गहरे गुलाबी, सख्त, जैसे हर वक्त किसी लंड को सलामी दे रहे हों। उसकी कमर? पतली, लेकिन कूल्हे चौड़े। उसकी गांड? उफ्फ, गोल, फूली हुई, और इतनी गुदाज़ कि दबाओ तो उंगलियाँ धंस जाएँ उसकी जांघें? मोटी, चिकनी, और इतनी मुलायम कि चूसने का मन करे। चमड़ी इतनी साफ, इतनी गर्म उसकी चूत? पूरी साफ, एक बाल नहीं। नीच मर्द, जो कभी-कभी उस तक पहुँच पाते हैं, बताते हैं, “कृतिका की चूत में लंड डालो, तो मालपानी दस गुना ज्यादा निकलता है—घना, सफेद।” उसके होंठ? मोटे, लाल, और चमकदार, जैसे हर वक्त चूसने के लिए तैयार। जब वो बात करती है, तो उसकी जीभ होंठों पर फिसलती है, और मर्दों के दिमाग में बस एक ख्याल—इसे चूस डालो। बाल? लंबे, सुनहरे 

कृतिका का प्रोफेशन? दिन में वो एंटी-ड्रग्स NGO की हेड है। मीटिंग्स में बैठती है, नेताओं से मिलती है, ड्रग्स के खिलाफ भाषण देती है। उसकी आवाज़ सख्त, लेकिन मखमली, जो सुनने वालों को जकड़ लेती है। वो झुग्गियों में जाती है, ड्रग एडिक्ट्स से बात करती है, उन्हें रिहैब भेजती है। लोग उसे रिस्पेक्ट करते हैं, उसे “मैडम” कहते हैं, लेकिन उसकी आँखों में एक गहरी चमक है, जैसे वो कुछ छुपा रही हो। 

रात में? वो एलीट लाउंज की मालकिन बन जाती है। ये क्लब उसका गढ़ है—यहाँ अमीर, गोरी, मांसल औरतें आती हैं, और कृतिका उनकी रानी। वो हर औरत को देखती है, जैसे उनकी चूत का राज़ जानती हो। क्लब में मसाज, कॉकटेल्स, और गुप्त मुलाकातें—सब कुछ कृतिका की नजर में होता है। लेकिन कृतिका की असलियत? साली की चूत में वही चुदास, जो सनप्रीत और अजंता में है। वो नीच मर्दों की गंदी बू, उनके पसीने, और उनके मोटे, काले लंड की दीवानी है। वो बाहर से शरीफ, सख्त, और कंट्रोल्ड लगती है, लेकिन जब रात गहरी होती है, और क्लब की लाइट्स डिम होती हैं, तो कृतिका अपनी ड्रेस उतारती है, और किसी गटर साफ करने वाले, पान चबाने वाले मर्द के साथ बिस्तर गर्म करती है। उसका बदन? वो हथियार है, जो नीच मर्दों को पागल करता है, और उसकी चूत? वो जाल, जिसमें हर लंड फँस जाता है।



>>>रंडाना मज़ा क्या होता है? वो मज़ा जो सिर्फ अमीर घर की, हद से ज्यादा गोरी, भरी हुई, स्वादिष्ट औरत ही दे सकती है। वो मज़ा जो मर्द के लंड से दस गुना ज्यादा मालपानी निकाल दे, इतना घना, इतना सफेद, कि लगे जैसे कोई नल फूट गया हो। पता नही, अमीर घर की, हद से ज्यादा गोरी, भरी हुई, स्वादिष्ट औरत के बदन और छेदो में क्या काला जादू है? नीच मर्द बताते है की उनके बदन से अपना बदन मलने परऔर उसका मू या चूत चोदने परकिसी भी दूसरी घरेलु औरत के मुकाबले पाँच गुना ज़्यादा रंडाना मज़ा (orgasm जो बर्दाश के बाहर होता है) मिलता है, और आधा मग भरकर घिनौनाघाड़ासफ़ेद मालपानी निकलता है। ऐसे औरतों के बदन पर एक भी बाल नहीं। न बगल में, न चूत में, न कहीं। ये कोई वैक्सिंग-शेविंग का कमाल नहीं, साली पैदाइशी ऐसी है
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#2
Kindly give feedback and expectations from the story.
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#3
AJANTA:
[Image: Ajanta.jpg]

KRITIKA:
[Image: Kritika.jpg]

SANPREET:
[Image: Sanpreet-1.jpg]
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#4
KAHANI SHURU:



Part 1: भारत की सबसे गर्म औरत

रात के 9 बजे। दिल्ली का एक बड़ा सा ऑडिटोरियम, बाहर से चमचमाती लाइट्स, अंदर भारी भीड़। हवा में परफ्यूम की महक, महंगे कपड़ों की सरसराहट, और मर्दों-औरतों की फुसफुसाहट। स्टेज पर रंग-बिरंगी स्पॉटलाइट्स, जो पाँच औरतों को नहला रही हैं। ये हैं देश की टॉप 5 फाइनलिस्ट्स—नेशनल ब्यूटी कॉम्पिटिशन की आखिरी रात। हर एक लंबी, गोरी, मांसल, और गुदाज़। लेकिन इनमें से एक है सनप्रीत—35 साल की वो माल, जो बाकियों को पानी भरवाए।

सनप्रीत स्टेज पर खड़ी है, सिल्वर की साड़ी में, जो उसके बदन से चिपकी हुई है। साड़ी इतनी पतली कि उसकी गोरी कमर की चमक साफ दिख रही है। उसकी चमड़ी? माँ कसम, इतनी गोरी कि स्पॉटलाइट भी फीकी पड़ जाए। 5 फुट 11 इंच की लंबाई, मम्मे इतने भरे और गोल कि साड़ी का पल्लू मुश्किल से ढक पा रहा है। जांघें? साड़ी के नीचे से भी उनकी मांसल उभार साफ झलक रही हैं, जैसे बोल रही हों, “आ, छू के देख, साले।” उसकी गांड? उफ्फ, साड़ी में भी इतनी उभरी कि ऑडियंस में बैठे मर्दों के लंड पैंट में फड़फड़ा रहे हैं। होंठ लाल, रसीले, जैसे अभी-अभी किसी ने चूसकर छोड़ा हो। आँखें? काली, गहरी, और ऐसी चमक कि सामने वाला डूब जाए।

बाकी चार औरतें भी गोरी हैं, मांसल हैं, पर सनप्रीत? साली किसी और ही मिट्टी की बनी है। उसकी चमड़ी इतनी चिकनी, इतनी गर्म कि ऑडियंस में बैठे मर्दों के दिमाग में बस एक ही ख्याल—इसे नंगा करके चोद दो। लेकिन सनप्रीत का चेहरा शांत है, होंठों पर हल्की सी मुस्कान, जैसे वो जानती हो कि हर मर्द की नजर उसकी चूत पर अटकी है। वो एक कदम आगे बढ़ती है, साड़ी का पल्लू हल्का सा सरकता है, और उसकी गोरी, मलाईदार कमर की एक झलक ऑडियंस को दिखती है। भीड़ में एक सन्नाटा, फिर तालियों की गड़गड़ाहट।

जजेस की टेबल पर तीन लोग—एक बूढ़ा फैशन डिज़ाइनर, एक मॉडलिंग एजेंसी का मालिक, और एक मशहूर एक्ट्रेस। तीनों सनप्रीत को घूर रहे हैं, लेकिन बूढ़े डिज़ाइनर की आँखों में कुछ और ही चमक है। उसकी उंगलियाँ टेबल पर बेचैन हो रही हैं, जैसे वो सनप्रीत के मम्मों को दबाने की सोच रहा हो। मॉडलिंग एजेंसी का मालिक, सूट-बूट में, अपनी मूँछों को ताव दे रहा है, और उसकी नजर सनप्रीत की जांघों पर अटकी है। एक्ट्रेस? वो जल रही है, क्योंकि सनप्रीत की गोरी चमड़ी ने उसकी सारी खूबसूरती को धो डाला है।

हॉस्ट, एक चिकना सा मर्द, माइक लेकर स्टेज पर आता है। उसकी आवाज़ भारी, थोड़ी ड्रामाई। “लेडीज़ एंड जेंटलमेन, अब वो पल आ गया है, जिसका हमें इंतज़ार था। भारत की सबसे... हॉट... वुमन... का ताज!” भीड़ में तालियाँ, सीटियाँ, और कुछ मर्दों की गंदी हँसी। “इंडियाज़ हॉटेस्ट वुमन 2025... सनप्रीत शर्मा!”

सनप्रीत का चेहरा चमक उठता है, लेकिन उसकी आँखों में कुछ और है—एक गहरी, चुदास भरी चमक। वो धीरे-धीरे स्टेज के सेंटर में आती है, कूल्हे हल्के से मटकाते हुए। उसकी साड़ी का पल्लू फिर से सरकता है, और इस बार उसके मम्मों की गहरी लकीर साफ दिखती है। ऑडियंस में एक मर्द, गंजा, पसीने से लथपथ, अपनी सीट पर बेचैन होकर लंड को पैंट के ऊपर से सहलाता है। सनप्रीत की नजर उस पर पड़ती है, और वो हल्के से होंठ काटती है, जैसे कह रही हो, “रुक, साले, बाद में मिल।”

दो मॉडल्स स्टेज पर आती हैं, एक सनप्रीत को क्राउन पहनाती है—चमचमाता, हीरों से जड़ा। दूसरी एक सैश लाती है, जिस पर लिखा है *India’s Hottest Woman 2025*। सैश को सनप्रीत की गर्दन से लेकर कमर तक लटकाया जाता है। सैश उसके मम्मों पर टिका है, और वो जानबूझकर सीना थोड़ा और बाहर करती है, ताकि मम्मे और उभरें। ऑडियंस में फिर से सीटियाँ। एक मर्द चिल्लाता है, “सनप्रीत, तू तो माल है!” सिक्योरिटी उसकी तरफ बढ़ती है, लेकिन सनप्रीत हल्के से हँसती है, और उसकी आँखें उस मर्द को ढूंढती हैं।

हॉस्ट माइक सनप्रीत की तरफ बढ़ाता है। “सनप्रीत, आपने ये खिताब जीता है। भारत की सबसे गर्म औरत! अब बताइए, आप इस पोज़िशन का क्या करेंगी?” सनप्रीत माइक के करीब झुकती है, उसकी साँसें माइक में सुनाई देती हैं। उसकी आवाज़ मखमली, पर उसमें एक गहरी, कामुक खनक। “मैं... समाज के लिए काम करना चाहती हूँ। खासकर नीचले तबके के लोगों के लिए।” वो रुकती है, अपनी जीभ होंठों पर फेरती है, जैसे कुछ और कहना चाह रही हो। “मैं चाहती हूँ कि हर इंसान को मौका मिले... अपनी ज़िंदगी को बेहतर करने का।”

उसके शब्द सुनकर जजेस तालियाँ बजाते हैं, लेकिन सनप्रीत की आँखें ऑडियंस में घूम रही हैं। वो एक कोने में बैठे एक मर्द को देखती है—काला, छोटा कद, गंदी सी बनियान, जिसके दाँत पीले हैं, और जो पान चबाते हुए उसे घूर रहा है। सनप्रीत की चूत में एक हल्की सी सिहरन उठती है। वो जानती है, ये वही मर्द है, जिसके साथ वो आज रात बिस्तर गर्म करेगी। उसकी उंगलियाँ साड़ी के पल्लू को थोड़ा और सरकाती हैं, और उसकी गोरी कमर अब पूरी नंगी है। ऑडियंस में खामोशी, फिर तालियों का तूफान।
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#5
Part 2: शहर की नई सिक्योरिटी अफसर

दिल्ली की गर्म, उमस भरी शाम, 6 बजे। अजंता, 30 साल की वो अफसर, जो महाराष्ट्र से डेपुटेशन पर आई है, शहर में अभी-अभी पाँव रखती है। उसका ट्रांसफर दिल्ली सिक्योरिटी में हुआ है, एक बड़े क्राइम ब्रांच केस के लिए। वो अपना सूटकेस लेकर एक महंगे अपार्टमेंट में चेक-इन करती है, जो शहर के पॉश इलाके में है। कमरा बड़ा, एयर-कंडीशंड, लेकिन अजंता की आँखें खिड़की से बाहर घूम रही हैं—सड़कों पर गंदी गलियाँ, कचरा बीनते लोग, और दूर से दिखते नीच मर्द, जो पसीने से तर हैं। उसकी चूत में एक हल्की सी खुजली उठती है, लेकिन वो खुद को कंट्रोल करती है। “पहले सेटल हो जाऊँ,” वो फुसफुसाती है।

अजंता का बदन? माँ कसम, 5 फुट 10 इंच की लंबाई, गोरी चमड़ी इतनी चमकदार कि कमरे की लाइट में चमक रही है। वो शीशे के सामने खड़ी होती है, अपनी ब्रा और पैंटी में। उसके मम्मे भारी, टाइट, जैसे जिम की मेहनत से तराशे गए हों। कमर पतली, लेकिन कूल्हे चौड़े, गांड इतनी भरी कि पैंटी में कसी हुई लग रही है। जांघें मोटी, मांसल, लेकिन मुलायम—जिम में घंटों कसरत करने का कमाल।

शहर का सबसे महंगा क्लब—“एलीट लाउंज”—एक छिपी हुई जगह, जहाँ सिर्फ अमीर औरतें आती हैं। मेंबरशिप लाखों में, और अंदर क्या होता है, वो बाहर की दुनिया को पता नहीं चलता। अजंता ने सुना था, ये क्लब अमीर घर की औरतों के लिए है, जहाँ वो रिलैक्स करती हैं, नेटवर्किंग करती हैं, और बदन को और ज्यादा गोरा, मादक बनाने के लिए स्पेशल ट्रीटमेंट लेती हैं। अजंता अपना फॉर्म भरती है, पैसे ट्रांसफर करती है—उसके अमीर बाप की वजह से पैसों की कोई कमी नहीं।

क्लब की मालकिन, कृतिका, 40 साल की वो औरत, जो 5 साल पहले सनप्रीत की तरह देश की सबसे गर्म औरत का खिताब जीत चुकी है। कृतिका का चेहरा अब भी कातिल—गोरी चमड़ी, लंबे बाल, लेकिन उसकी आँखें सख्त, जैसे वो सब कुछ देख चुकी हो। वो एंटी-ड्रग्स NGO भी चलाती है, दिन में मीटिंग्स, रात में क्लब। अजंता को मेंबरशिप अप्रूव करते हुए कृतिका हल्के से मुस्कुराती है, “वेलकम, अफसर अजंता। यहाँ रिलैक्स करो, बाहर की दुनिया भूल जाओ।”

अजंता क्लब में घुसती है, शाम के 7 बजे। हवा में महंगे परफ्यूम की महक, लाइट्स डिम, और बैकग्राउंड में सॉफ्ट म्यूजिक। क्लब में औरतें बिखरी हुई हैं—सब अमीर, गोरी, मांसल, स्वादिष्ट। एक कोने में दो औरतें वाइन पी रही हैं, उनकी जांघें नंगी, गाउन ऊपर सरकी हुई। लेकिन सनप्रीत और अजंता जैसी कोई नहीं—सबसे लंबी, सबसे गोरी, सबसे मादक। अजंता की नजर घूमती है, और वो मसाज रूम की तरफ बढ़ती है। वो चेंजिंग रूम में जाती है, अपनी ड्रेस उतारती है—ब्रा, पैंटी, सब। उसकी चमड़ी गोरी, गर्म, और वो टॉवल लपेटती है, जो मुश्किल से उसके मम्मों को ढक पा रहा है। उसकी गांड टॉवल से बाहर झांक रही है, और वो हल्के से कूल्हे मटकाकर मसाज रूम में घुसती है।

रूम में डिम लाइट्स, दो मसाज टेबल्स, और हवा में महंगे नेचुरल क्रीम और तेल की महक—जो बदन को हद से ज्यादा गोरा, मुलायम, और मादक बनाते हैं। एक टेबल पर सनप्रीत पहले से लेटी हुई है, टॉवल लपेटे, उसकी गोरी पीठ चमक रही है। सनप्रीत की जांघें हल्की सी फैली हुई हैं, और मसाज करने वाली लड़की, एक 25 साल की, उसके कंधों पर तेल मल रही है। सनप्रीत की आँखें बंद हैं, लेकिन उसकी साँसें तेज, जैसे वो मजे ले रही हो। अजंता को देखते ही सनप्रीत की आँखें खुलती हैं, और वो हल्के से मुस्कुराती है। लेकिन अजंता पहले बोलती है, अपनी आवाज़ में एक शरीफ टोन रखते हुए। “कांग्रेचुलेशंस, सनप्रीत। देश की सबसे गर्म औरत... वाह, क्या बात है।” अजंता की आँखें सनप्रीत के बदन पर घूम रही हैं, उसकी गोरी जांघों पर, और वो अपनी जीभ होंठों पर फेरती है, लेकिन बाहर से शरीफ लग रही है। सनप्रीत हल्के से सिर उठाती है, उसकी गोरी कमर चमकती है, और वो कहती है, “थैंक यू, डियर। तुम हो कौन?” उसकी आवाज़ मखमली, लेकिन उसमें एक गहरी खनक, जैसे वो अजंता के बदन को स्कैन कर रही हो।

मसाज जारी रहता है—लड़की सनप्रीत की पीठ पर तेल मलती है, उंगलियाँ धीरे-धीरे नीचे सरकाती हैं, सनप्रीत की गांड के पास। सनप्रीत एक हल्की सी सिसकारी भरती है, लेकिन बाहर से शांत। “मैं अजंता, अफसर। नई आई हूँ शहर में।” अजंता दूसरी टेबल पर लेट जाती है, टॉवल थोड़ा सरकता है, और उसकी गोरी जांघें नंगी हो जाती हैं। दूसरी मसाज लड़की आती है, तेल लेकर, और अजंता की पीठ पर लगाती है। तेल गर्म, चिपचिपा, और अजंता की चमड़ी और गोरी लगने लगती है। वो आँखें बंद करती है, लेकिन उसकी उंगलियाँ टेबल पर बेचैन, जैसे वो सनप्रीत की तरफ देखना चाह रही हो। मसाज चलता रहता है—धीरे-धीरे, उंगलियाँ अजंता की जांघों पर फिसलती हैं, उसकी गांड को छूती हैं।

अजंता की साँसें तेज हो जाती हैं, लेकिन वो कंट्रोल करती है। सनप्रीत की तरफ से भी हल्की सी आवाज़ें— “आह, थोड़ा जोर से...” वो फुसफुसाती है, और उसकी जांघें हल्की सी हिलती हैं। रूम में महक फैल रही है, बदन मादक हो रहे हैं।

आधे घंटे बाद, दोनों उठती हैं, टॉवल लपेटे, और बार काउंटर की तरफ जाती हैं। क्लब की दूसरी औरतें उन्हें देख रही हैं—एक ग्रुप में तीन औरतें, सब गोरी, मांसल, लेकिन सनप्रीत और अजंता से कम। एक कहती है, “देखो, वो सिक्योरिटी अफसर... अजंता। इतना महंगा क्लब, खर्चा कैसे उठाती होगी? दिखने में तो देश की किसी हीरोइन से दस गुना ज्यादा गोरी और सुंदर है। जरूर अमीर बाप की बेटी है, लेकिन सिक्योरिटी में क्यों गई?” दूसरी हँसती है।

बार काउंटर पर, डिम लाइट्स, महंगी कॉकटेल्स। अजंता और सनप्रीत साइड बाय साइड बैठती हैं, टॉवल अभी भी लपेटे, लेकिन सरके हुए। बारटेंडर, एक जवान लड़का, उन्हें देखकर लंड को छुपाता है। “दो मार्टिनी,” अजंता ऑर्डर करती है, और ग्लास लेकर सनप्रीत की तरफ मुड़ती है। “तुम्हारी लाइफ कैसी है? ये खिताब जीतने के बाद क्या बदला?” सनप्रीत ग्लास उठाती है, होंठों पर लगाती है, और धीरे से पीती है। उसकी आँखें अजंता के मम्मों पर, जो टॉवल से झांक रहे हैं। “लाइफ... वही है। सोशल वर्क, मॉडलिंग। और तुम? सिक्योरिटी में कैसी हो? नया शहर, डेपुटेशन... मुश्किल तो नहीं?” अजंता हल्के से हँसती है, अपनी जांघ को थोड़ा फैलाती है, लेकिन बाहर से शरीफ। “मुश्किल है, लेकिन मजा आता है। क्राइम रोकना, लोगों की मदद।” दोनों की बातें चलती हैं, लेकिन उनकी आँखों में कुछ और—एक गहरी, छिपी चुदास, जो बाहर नहीं दिख रही।
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#6
tumne teeno characters ko ek hi
tarah ka kar diya hai. Aur theme aisa jo itna specific hai ki ....

Apni story ki had baandh di hai.
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#7
(5 hours ago)fantasywriter Wrote: tumne teeno characters ko ek hi
tarah ka kar diya hai. Aur theme aisa jo itna  specific hai ki ....

Apni story ki had baandh di hai.

Yeh Shuruwaat hai. Slow burning hai. Aage Aage dekho hota hai kya. Yes. Characters same hai - lekin sirf physical appearance mein. Because mera maksad hai desh ke sabse hottest auraton ko dikhana. Toh woh thoda similar hi honge. Par teeno ka profession ekdum alag hai. Agar tum ek beauty competition ke stage par dekho tab sab ek jaise lagte hai kyuki sab sundar aur hot hote hai. Par andar ke characteristics alag hote hai. Aur mere hisaab se kahani specific hi honi chahiye. Uska unnecessary failaana nahi chahiye.
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#8
Part 3: Sex Education Class by Desh ki Sabse Garam Aurat!! - Par Kiske Liye?? Har mard ki fantasy puri hone waali hai!!!

स्थान: सनप्रीत का बंगला, दिल्ली के पॉश इलाके में। रात के 10 बजे। लिविंग रूम में डिम लाइट्स, एक बड़ा सा सोफा, जिस पर सनप्रीत अकेली बैठी है। वो एक पतली सी सिल्क की नाइटी पहने है, जो उसकी गोरी चमड़ी से चिपकी हुई है। नाइटी इतनी छोटी कि उसकी मांसल जांघें पूरी नंगी, और मम्मे उभरे हुए। टेबल पर एक ग्लास वाइन, आधा खाली। बाहर बारिश की हल्की फुहार, और खिड़की से ठंडी हवा आ रही है। सनप्रीत का फोन टेबल पर वाइब्रेट करता है। स्क्रीन पर नाम—कृतिका।

सनप्रीत ग्लास को टेबल पर रखती है, और फोन उठाती है। उसकी उंगलियाँ स्क्रीन पर हल्के से फिसलती हैं, जैसे वो सोच रही हो कि कॉल उठाए या नहीं।हीं आखिरकार, वो फोन कान से लगाती है, और वो सोफे पर और पीछे झुकती है। सनप्रीत: (आवाज़ में मखमली खनक, लेकिन थोड़ा चौकन्ना) हेलो, कृतिका। रात को कॉल? सब ठीक? कृतिका की आवाज़ फोन से आती है, शांत, लेकिन उसमें एक गहरी ताकत।

कृतिका: (आवाज़ मखमली, लेकिन भारी) हाय, सनप्रीत। तुझसे एक रिक्वेस्ट थी। डिस्टर्ब तो नहीं किया? सनप्रीत: (हल्के से हँसती है, लेकिन सतर्क) डिस्टर्ब? अरे, नहीं।हीं बस, यहाँ अकेली, वाइन पी रही हूँ। बोल, क्या रिक्वेस्ट है? वो सोफे पर और फैलकर बैठती है, एक टांग दूसरी पर चढ़ाती है। नाइटी और ऊपर सरकती है, उसकी गोरी, मांसल जांघ पूरी नंगी। वो फोन को और कसकर पकड़ती है, जैसे कृतिका की अगली बात का इंतज़ार कर रही हो।

कृतिका: (आवाज़ में अब हल्की सी शैतानी, धीमी) तू तो हमेशा सोशल वर्क की बात करती है, ना? मेरे NGO के लिए एक वॉलंटियर चाहिए। कुछ... खास काम। तू करेगी? सनप्रीत का दिल एक धड़कन छोड़ता है। वो ग्लास टेबल पर रखती है, अपनी उंगलियाँ नाइटी के किनारे पर फेरती है। उसकी आँखें सिकुड़ती हैं, जैसे वो कृतिका की बात को तौल रही हो। वो बाहर से शांत रहती है।

सनप्रीत: (आवाज़ में हल्का सा टेंशन, लेकिन उत्साह दिखाते हुए) वॉलंटियर? हाँ, क्यों नहीं।हीं लेकिन कैसा काम? कुछ डिटेल्स तो दे, कृतिका। उसकी साँसें थोड़ी तेज, लेकिन वो कंट्रो ल करती है। कृतिका की आवाज़ अब और धीमी, जैसे कोई सीक्रेट शेयर करने वाली हो।

कृतिका: (रुककर, आवाज़ में शैतानी बढ़ती है) सेक्स एजुकेशन। कुछ खास लोगों को...। तू परफेक्ट है इसके लिए, सनप्रीत। सनप्रीत की साँस रुकती है। वो सोफे पर सीधी होकर बैठती है, फोन को और कसकर पकड़ती है। उसकी आँखें कमरे में इधर-उधर, जैसे कोई उसे देख रहा हो।

सनप्रीत: (थोड़ा रुककर, आवाज़ में बनावटी उत्साह) सेक्स एजुकेशन? ठीक है, ये तो अच्छा है। (हल्के से हँसती है) मतलब, ज़रूरी है ना, आजकल। लेकिन... किन लोगों को? कृतिका की आवाज़ अब और धीमी, जैसे वो सनप्रीत को जाल में फँसाने की कोशिश कर रही हो।

कृतिका: (आवाज़ में गहरी शैतानी, हर शब्द धीरे-धीरे) नीच लोग। चार मर्द। (रुकती है) लोड़ू , चोदू, गांडू, मुठ्ठल। सब 45-50 के, सड़कछाप, घिनौने गटर साफ करने वाले, कचरा बीनने वाले, मांस बाज़ार के पब्लिक टॉयलेट में झाड़ू लगाने वाले। तू इनके लिए परफेक्ट है, सनप्रीत। सनप्रीत चुप। उसकी साँसें तेज, लेकिन वो कुछ नहीं बोलती। उसका दिमाग चीख रहा है—“कृतिका को कैसे पता? साली को मेरे बारे में क्या-क्या मालूम है?”—लेकिन वो पूछना नहीं चाहती। और वो कृतिका की बात को हजम करने की कोशिश करती है।

सनप्रीत: (आवाज़ में हल्का सा कंपन, लेकिन कंट्रो ल करती है) नीच लोग? (हल्के से हँसती है, जैसे मज़ाक कर रही हो) मतलब, सेक्स एजुकेशन इनके लिए? ठीक है, कृतिका, ये तो... (रुकती है, जैसे शब्द तलाश रही हो) इंट्रेस्टिंग है।

कृतिका: (आवाज़ में गहरी शैतानी, धीरे-धीरे, जैसे हर शब्द सनप्रीत को टटोल रहा हो) तू देश की सबसे गर्म औरत का खिताब जीती है, सनप्रीत। जैसा मैंने पाँच साल पहले जीता था। मुझे पता है, तुझे नीच मर्दों के सामने नंगा होने में गंदा मज़ा मिलता है। (हल्के से हँसती है) वैसे ही, जैसे मुझे मिलता है।

सनप्रीत: (आवाज़ धीमी, कांपती) तुझे... तुझे कैसे पता?

कृतिका: (आवाज़ में शैतानी, लेकिन ठंडी) मुझे पता है, सनप्रीत। मुझे पता है। (रुकती है, जैसे मज़ा ले रही हो) मुझे पता चल जाता है, कौन मेरी तरह है। याद है, रात को वो तेरे सोसाइटी के पीछे वाले स्लम का गंदा पब्लिक टॉयलेट?

सनप्रीत का चेहरा सख्त। वो फोन को और कसकर पकड़ती है, साँसें तेज़। वो कृतिका को बीच में रोकती है, उसकी गोरी कमर अब पसीने से चमक रही है।

सनप्रीत: (आवाज़ में घबराहट, लेकिन कंट्रोल) रुक, कृतिका। (हल्के से साँस लेती है) तूने... तूने कुछ रिकॉर्ड कर लिया है क्या?

कृतिका: (आवाज़ में चालाकी) अरे, नहीं रे! रिकॉर्ड? (हल्के से तंज) तेरी असलियत सामने आ गई, तो मेरा काम कैसे होगा?

सनप्रीत की आँखें सिकुड़ती हैं। वो कुछ पूछना चाहती है, लेकिन रुक जाती है।

सनप्रीत: (आवाज़ में उलझन, धीमी) क... क... कैसा काम?

कृतिका: (आवाज़ अब और शैतानी, जैसे सनप्रीत को जाल में फँसा रही हो) तू उतना मत सोच, सनप्रीत। तुझे जो चाहिए, वो मैं तुझे दे रही हूँ। मुझे जो चाहिए, वो मैं ले लूँगी। सनप्रीत चुप। वो सोचती है, “ये साली क्या चाहती है?” लेकिन बाहर से कुछ नहीं कहती। उसकी उंगलियाँ जांघों पर फिसलती हैं, जैसे खुजली मिटाने की कोशिश।

सनप्रीत: (आवाज़ में बनावटी शराफ़त, लेकिन कांपन) ठीक है, कृतिका। (रुकती है, साँस लेती है) करना क्या है?

कृतिका: (आवाज़ में शैतानी, धीमी, जैसे सनप्रीत को जाल में फँसाए रख रही हो) इन चारों नीच मर्दों को देश की सबसे गर्म, गुदाज़, गोरी औरत का नंगा मज़ा दिलवाना है। तुझे एक हफ्ते बाद, रात 10 बजे, मीट मार्केट की गली नंबर 9, देसी ट्रेडर्स की दूसरी मंजिल पर वो क्लासरूम है, वहाँ जाना है।

सनप्रीत: (आवाज़ में उलझन, लेकिन थरक छुपाती हुई) वो क्लासरूम? (रुकती है, साँस लेती है) जहाँ काम के बाद मज़दूर लिखना-पढ़ना सीखने आते हैं?

कृतिका: (आवाज़ में हल्की हँसी, जैसे मज़ा ले रही हो) हाँ, वही! संडे रात को मीट मार्केट बंद रहता है, तुझे पता होगा। वहाँ मेरा NGO क्लासेस चलाता है। तुझे सेक्स एजुकेशन देना है—पूरी तरह नंगी होकर, उनको कसके रंडाना मज़ा देना है। तुझे तो पता है, क्या और कैसे करना है। (हल्के से तंज) तुझे सब पता है, सनप्रीत।

सनप्रीत: (आवाज़ में बनावटी शराफ़त, लेकिन कांपन) हम्म... लेकिन कुछ खास पहनना होगा क्या?

कृतिका: (आवाज़ में शैतानी, जैसे हर शब्द तौल रही हो) अरे हाँ, बताना भूल गई। सनप्रीत, तुझे हर जगह से नंगा दिखना है। स्लीवलेस, डीप नेक, बैकलेस ब्लाउज पहनना। कंधों पर दो पतली डोरियाँ, पीठ पर दो पतली डोरियाँ। तेरे हद से ज्यादा गोरे, मलाईदार कंधे पूरे नंगे होने चाहिए। तेरी गोरी-गोरी बाहें पूरी नंगी। पीछे से तेरी हद से ज्यादा गोरी पीठ पूरी सपाट नंगी। सामने से ब्लाउज का कट इतना गहरा कि तेरे भयंकर तरीके से फूले हुए, हद से ज्यादा गोरे, तने हुए मम्मे आधे नंगे हों।

सनप्रीत ठरक में दाँत पीसती है, होंठ कांपते हैं

कृतिका: (जारी, आवाज़ और शैतानी) साड़ी को कमर के एकदम नीचे बाँधना, गांड की दरार के ठीक ऊपर। पूरा पेट, कमर सपाट नंगे। पूरे गहने पहनना—पायल, झुमके—क्योंकि किसी और की बीवी नीच, घिनौने, घुप्प काले-कलूटे मर्दों की नंगी औरत बनने जा रही है। और अंदर ना चड्डी ना ब्रा, ताकि जब तुम अपनी ब्लाउज और पेटीकोट फाड़ो तो तेरे वो गुदाज़, भयंकर तरीके से फूले हुए, हद से ज़्याद गोरे मम्मे और गांड एकदम से नंगे हो जाए.

सनप्रीत फिर ठरक में दाँत पीसती है, जैसे कृतिका की बातें उसकी चूत में आग लगा रही हों।

सनप्रीत: (आवाज़ में ठरक, लेकिन बाहर से शरीफ) ठीक है... (रुकती है, साँस लेती है) ठीक है।

कृतिका: (आवाज़ में चालाकी, जैसे जाल पूरा बिछ गया) और हाँ! क्लब में आते रहना। एक स्पेशल हर्बल तेल और क्रीम मँगवाया है—तेरी चमड़ी को और गुदाज़, और हद से ज्यादा गोरा बनाएगा।

कृतिका: (आवाज़ अब सख्त, लेकिन शैतानी) और हाँ, सनप्रीत! तेरी नई दोस्त अजंता को खबर मत दे देना। वरना तेरे जिंदगी भर के मज़े में फुल स्टॉप लग जाएगा।

सनप्रीत: (आवाज़ में कंट्रोल, लेकिन उलझन) ठीक है... मैं तैयारी करती हूँ। बाय।
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