06-08-2025, 05:47 AM
यह घटना उस समय की है जब मैं 19 साल का था और मेरे पड़ोस में एक भैया भाभी रहते हैं जिनकी नई-नई शादी हुई उनकी बीवी का नाम था रेनू। और हम रो हाउस में रहते थे जिसमें घर एक दूसरे के अगल-बगल बने रहते हैं और हमारे बगल में उनकी छत जुड़ी हुई थी। शुरू शुरू में तो मुझे रेणु भाभी की तरफ कुछ अट्रैक्शन नहीं था, क्योंकि मैंने कभी ध्यान नहीं दिया। लेकिन एक सुबह जब मैं उन्हें बरामदे में झाड़ू झाड़ते हुए देखा, वह झुक कर अपने घर के सामने झाड़ू झाड़ रही थी और कचरे को किनारे कर रही थी, मैंने देखा उन्होंने हरे रंग की साड़ी पहनी हुई थी और साड़ी का पल्लू उन्होंने अच्छे से नहीं लपेट था तो उनका ब्लाउज के अंदर से उनके बड़े-बड़े स्तन की लाइन साफ नजर आ रही थी और उनके स्तन बाहर निकल रहे थे और साड़ी का पल्लू किनारे से उनके कंधों से होकर पीछे उन्होंने साड़ी में लपेटा हुआ था। यह देखकर मेरा उनके तरफ नजरिया ही बदल गया। और उस दिन के बाद मैं उनकी तरफ अलग नजर देखना शुरू कर दिया। मेरे सभी दोस्त जो कि मेरी कहानी पढ़ रहे हैं उन्हें मैं बता दूं कि रेणु भाभी के शरीर का रंग गोरा और उनकी गांड और उनके स्तनों का साइज काफी बड़ा है। उस समय रेनू भाभी की उम्र कुछ 28 साल के आसपास थी। उसके बाद में जब भी छत में जाता था तो रेणु भाभी अपनी छत में बनी हुई बाउंड्री की दीवार के ऊपर अपना हाथ रखकर हल्का सा झुक कर आसपास के खेतों को देखा करती थी, लेकिन जब वह बाउंड्री में झुक कर हाथ रखकर खड़ी होती बहुत ही सेक्सी लगती थी और यह मैंने एक दिन उन्हें करते हुए देखा। मेरा तो आपा ही खो गया था, मैं अपनी छत से खड़े होकर रेणु भाभी के मोटी सुडौल गांड का उभार देखकर मेरा लंड तुरंत कड़क हो गया था। हालांकि रेणु भाभी को पता था कि मैं अपने छत पर आ चुका हूं लेकिन वह मुझे नजरअंदाज करके वैसी ही पोजीशन में खड़ी हुई थी और आसपास के खेतों को देख रही थी यह कुछ दोपहर का समय था जब धूप देखने के लिए वह छत पर आया करती थी, मैं चुपके से अपने पेट में हाथ डाला और अपना लंड जैसे ही बाहर निकाला वह वहां से जाने लगी, हालांकि उन्होंने मुझे देखा नहीं, मुझे लगता था कि मुझे दिखाने के लिए वह यूं खड़ी होती थी, मेरा तो मन करता था मैं पीछे से जाऊं और उनके चूत की सारी प्यास बुझा दूं। समय बिता गया मेरी उम्र 28 हुई तब रेणु भाभी की उम्र करीब 40 साल के आसपास थी l और उसे वक्त रेणु भाभी के स्तन और गांड औरभी बड़ी हो गई थी और उनकी गांड देखकर लंड खडे होने में समय नहीं लगता। रेणु भाभी के परिवार में तीन लोग थे रेणु भाभी उनका पति और उनका बेटा। रेणु भाभी के पति की करीब 15 सालों से दवाइयां शुरू है जो की एक नींद की गोली की तरह की दवाइयां थी। मैंने कई बार रेणु भाभी को उनके पति को नीच कमिना बोलते हुए सुना।एक रात के वक्त मैं उनके छत पर गया और उनकी ब्रा लेकर अपना ल** निकालकर उनकी ब्रा में अपना पानी निकला। मैंने चेक किया उनके ब्रा का साइज था 36d डी। और उनकी पैंटी 44 की थी। रेणु भाभी का पति कुछ नहीं करता था, तो वह घर पर ही सोता रहता था खाना खाता था बस यही उसका रोज का रूटिंग था जो की 15 सालों से था और आज भी वह घर पर ही रहता है कुछ नहीं करता। और उनका एक फैमिली बिजनेस था जो कि उनका बेटा संभालने लगा जब वह 18 साल का हुआ। मुझे आज भी याद है जब मैं 19 साल का था अब एक दिन जब वह अपने छत में नहा कर धूप सेकने के लिए ऊपर आई तो वह अपने बाल बना रही थी। जैसे कि मैं उनके प्रति पहले से ही आकर्षित हो चुका था और उनकी जोरदार चूदाई करना चाहता था। तो उसे समय जब अपने बाल बना रही थी मैंने देखा कि उनके ब्लाउज के बटन सामने से खुले हुए थे जो की ट्रांसपेरेंट साड़ी से अंदर का दृश्य साफ नजर आ रहा था और मैं उनके बड़े-बड़े दूध के दर्शन किए। और जैसे कि मैं उसे समय 19 साल का था मुझे कुछ पता नहीं था कि सेक्स क्या होता है और कैसे होता है मैं उनका नाम पूछा और फिर उन्होंने जवाब दिया रेनू, मैंने अपने पेट से अपना लंड निकाल कर अपने हाथ में रख कर बोला आप बहुत सेक्सी दिखती हो। रेणु भाभी जो कि गुस्से की बहुत ही ज्यादा तेज थी ऊंची आवाज में मुझे कहा तुम पागल हो क्या तबीयत ठीक है मैंने कहा थोड़ा सा बुखार है और फिर वह छत से चली गई और वह बहुत ही गुस्से में थी। फिर अगले दिन जब वह उनके लड़के को कॉलेज से घर लेकर आ रही थी उन्होंने मेरी मम्मी से कंप्लेंट कर दी लेकिन यह नहीं कहा कि मैं उन्हें क्या कहा उन्होंने मम्मी से यह कहा कि रोहित को बुखार है उसकी तबीयत ठीक नहीं है । तो मम्मी ने मुझसे पूछा तुमने कुछ रेणु भाभी को कुछ कहा क्या मैंने कहा नहीं मैं कुछ भी नहीं कहा।
समय बिता गया फिर मैं थोड़ा बड़ा हुआ। करीब कुछ महीनो के बाद जब हमारे मोहल्ले में होलिका दहन के लिए तैयारी हो रही थी तो हम लकड़ियां इकट्ठी करने में जुड़ गए और रेनू भाभी भी मोहल्ले में टहल रही थी उन्होंने मुझे देखा मैं अकेला बैठा हुआ था और लकड़ियां बिन रहा था उन्होंने मुझसे कहा क्या कर रहे हो यहां मैंने कहा होलिका दहन के लिए तैयारी कर रहा हूं। उसके बाद एक बार वह मुझे छत में मिली तो उन्होंने खुद ही बात की। मेरा आत्मविश्वास बड़ा हो गया। और हमारी छत आपस में जुड़ी हुई थी तो मैं उनके छत में आसानी से जा सकता था और वह मेरे छत में आ सकती थी आसानी से। और एक बात उनके फैमिली का एक छोटा सा बिजनेस था और बिजनेस संभालने के लिए इन्होंने एक आदमी को नौकरी पर रखा हुआ था जिसे वह 5000 देते थे। तो उनके घर का बिजनेस एक अंकल समझते थे जो की उम्र में करीब 55 साल के थे।एक रात को छत पर कपड़े इकट्ठे करने के लिए आई उसे समय शाम हो चुकी थी अंधेरा था तो उन्होंने जैसे ही छत की लाइट शुरू की मेरी आंखें दंग रह गई उन्होंने एक लो कट गाउन पहना हुआ था जिसमें से उनके बड़ी बड़ी चूची की लाइन साफ नजर आ रही थी। मेरी छत में अंधेरा था तो मैंने अपना लंड निकाला और बिना देर किए उनके जाने से पहले पानी निकाल दिया और बड़ा ही मजा आया उन्हें देख कर हिलाने में।। उनका ध्यान नहीं गया क्योंकि मेरे छत में अंधेरा था और उन्होंने मुझे भी नहीं देख पाई। उसके बाद कुछ समय बाद में पढ़ने के लिए दूसरे शहर चला गया और जब मेरी पढ़ाई खत्म हुई मैं वापस आया और मेरे घर में फर्स्ट फ्लोर में एक कमरा है तो मैं वहां रहकर दूसरी परीक्षा की तैयारी करने लगा। उसे वक्त मैं अकेला पहले फ्लोर में रहा करता था जहां पर उनका बाथरूम और लैट्रिन का वेंटीलेटर बना हुआ था वहां से उनके घर के अंदर का कुछ हिस्सा दिखाई देता था। और उसे वक्त की बात है जब एक रात रेणु भाभी अपने छत में फोन में बात करने के लिए अकेली आई और छत से ऐसे झुक कर उन्होंने नोटिस किया कि मैं हमारे घर के पहले फ्लोर में अकेला रहता हूं तो उन्हें पता था कि मैं अकेला हूं हालांकि उन्होंने उसे रात मुझसे बात नहीं की क्योंकि वह फोन में बात कर रही थी। एक रात की बात है जब मैं हमारा बाथरूम जो की कमरे के बाहर है और एक छोटा सा बरामदा है जो कि पहले फ्लोर में है, अपने बाथरूम गया और मेरे बाथरूम का दरवाजा जोर से आवाज करता है जब खोलें या बंद करें तो मैं जैसे ही अंदर क्या जोर से आवाज हुई दरवाजे की और जैसे कि उनका बाथरूम में लैट्रिन क्योंकि मेरे पड़ोसी हैं से फ्लोर में था और उनके वेंटिलेटर से उनका घर का कुछ हिस्सा साफ नजर आता था तो वहां से उनके घर के अंदर आवाज जाती है तो शायद उन्होंने सुना की मैं अपने बाथरूम में गया हूं और जब मैं वापस आया और मैंने दरवाजा बंद किया तो मैं रेणु भाभी की चूदाई होने के पहले उनकी हल्की सी चीख की आवाज का अनुभव किया। और मैंने सोचा आज मैं रेणु भाभी की चू दा ई
की आवाज उनके बाथरूम के वेंटिलेटर से कान लगाकर सुनूंगा और अपना लन्ड हिलाऊंगा । उस रात मैंने प्लास्टिक जैसी आवाज सुनी तो मुझे समझ में आया कि भैया कंडोम निकल रहे हैं और उनका बेटा उसे वक्त करीब का था और समय हुआ था 11:30 रात के और मैं अपने कान लगाकर सुन रहा था तभी मैंने अपना पेट खोला और हिलने शुरू कर दिया मैंने सुना रेणु भाभी भैया से कह रही है चलो चोदो हमको अब। भैया ने चू दा ई शुरू कर दी भाभी सी सी कर कराह रही थीं अब मैं अपना पेंट खोलकर हिलाने लगा। और मुझे थोड़ा शक था कि रेणु भाभी को यह पता था कि मैं वहां पर आकर उनकी चू दा ई सुनूंगा और हिलाऊंगा। मैंने देखा कि 2 मिनट भी नहीं हुए थे भैया ने पानी छोड़ दिया। फिर उनके लैट्रिन की लाइट शुरू हुई और वह दृश्य देखकर में हैरान हो गया मैंने देखा रेणु भाभी पूरी नंगी थी और उनके बड़े-बड़े दूध मेरी आंखों के सामने थे मेरा पानी अभी भी नहीं निकला था तो मैं अपने हाथ में थूक ली और अपने ल** में लगाकर जोर-जोर से हिलाने लगा तो फच फच की आवाज सुनकर रेणु भाभी ने अपनी वेंटीलेटर की तरफ नजर डाली और वेंटीलेटर की तरफ मैं अपना लंड लेकर हिलने लगा । मैंने देखा रेणु भाभी आंखें बड़ी करके वेंटिलेटर की तरफ तक ताकि से देख रही थी और मैं अपना लंड जोर-जोर से हिला रहा था फच फच आवाज उनके बाथरूम के अंदर जा रही थी। लेकिन रेणु भाभी ने कुछ नहीं बोला और बाद में बाथरूम से बाहर आ गई। रोज इस समय में उनके बाथरूम की खिड़की के पास जाकर इंतजार करता था। फिर कुछ दिनों के बाद उन्होंने फिर से सेक्स किया और ऐसा करीब 5 या 6 बार मैंने उनकी लाइव चू दा ई सुनकर मुठ मारी। रेणु भाभी को मालूम था कि मैं वहां कान लगाकर क्या कर रहा हूं। कुछ दिनों के बाद रेणु भाभी और भैया के बीच रात में कुछ झगड़ा हुआ और भैया ने रेणु भाभी के बाल पकड़ कर खींचकर उन्हें घर के बाहर निकाल दिया, लेकिन उनके घर में चलती रेणु भाभी की थी भैया की
समय बिता गया फिर मैं थोड़ा बड़ा हुआ। करीब कुछ महीनो के बाद जब हमारे मोहल्ले में होलिका दहन के लिए तैयारी हो रही थी तो हम लकड़ियां इकट्ठी करने में जुड़ गए और रेनू भाभी भी मोहल्ले में टहल रही थी उन्होंने मुझे देखा मैं अकेला बैठा हुआ था और लकड़ियां बिन रहा था उन्होंने मुझसे कहा क्या कर रहे हो यहां मैंने कहा होलिका दहन के लिए तैयारी कर रहा हूं। उसके बाद एक बार वह मुझे छत में मिली तो उन्होंने खुद ही बात की। मेरा आत्मविश्वास बड़ा हो गया। और हमारी छत आपस में जुड़ी हुई थी तो मैं उनके छत में आसानी से जा सकता था और वह मेरे छत में आ सकती थी आसानी से। और एक बात उनके फैमिली का एक छोटा सा बिजनेस था और बिजनेस संभालने के लिए इन्होंने एक आदमी को नौकरी पर रखा हुआ था जिसे वह 5000 देते थे। तो उनके घर का बिजनेस एक अंकल समझते थे जो की उम्र में करीब 55 साल के थे।एक रात को छत पर कपड़े इकट्ठे करने के लिए आई उसे समय शाम हो चुकी थी अंधेरा था तो उन्होंने जैसे ही छत की लाइट शुरू की मेरी आंखें दंग रह गई उन्होंने एक लो कट गाउन पहना हुआ था जिसमें से उनके बड़ी बड़ी चूची की लाइन साफ नजर आ रही थी। मेरी छत में अंधेरा था तो मैंने अपना लंड निकाला और बिना देर किए उनके जाने से पहले पानी निकाल दिया और बड़ा ही मजा आया उन्हें देख कर हिलाने में।। उनका ध्यान नहीं गया क्योंकि मेरे छत में अंधेरा था और उन्होंने मुझे भी नहीं देख पाई। उसके बाद कुछ समय बाद में पढ़ने के लिए दूसरे शहर चला गया और जब मेरी पढ़ाई खत्म हुई मैं वापस आया और मेरे घर में फर्स्ट फ्लोर में एक कमरा है तो मैं वहां रहकर दूसरी परीक्षा की तैयारी करने लगा। उसे वक्त मैं अकेला पहले फ्लोर में रहा करता था जहां पर उनका बाथरूम और लैट्रिन का वेंटीलेटर बना हुआ था वहां से उनके घर के अंदर का कुछ हिस्सा दिखाई देता था। और उसे वक्त की बात है जब एक रात रेणु भाभी अपने छत में फोन में बात करने के लिए अकेली आई और छत से ऐसे झुक कर उन्होंने नोटिस किया कि मैं हमारे घर के पहले फ्लोर में अकेला रहता हूं तो उन्हें पता था कि मैं अकेला हूं हालांकि उन्होंने उसे रात मुझसे बात नहीं की क्योंकि वह फोन में बात कर रही थी। एक रात की बात है जब मैं हमारा बाथरूम जो की कमरे के बाहर है और एक छोटा सा बरामदा है जो कि पहले फ्लोर में है, अपने बाथरूम गया और मेरे बाथरूम का दरवाजा जोर से आवाज करता है जब खोलें या बंद करें तो मैं जैसे ही अंदर क्या जोर से आवाज हुई दरवाजे की और जैसे कि उनका बाथरूम में लैट्रिन क्योंकि मेरे पड़ोसी हैं से फ्लोर में था और उनके वेंटिलेटर से उनका घर का कुछ हिस्सा साफ नजर आता था तो वहां से उनके घर के अंदर आवाज जाती है तो शायद उन्होंने सुना की मैं अपने बाथरूम में गया हूं और जब मैं वापस आया और मैंने दरवाजा बंद किया तो मैं रेणु भाभी की चूदाई होने के पहले उनकी हल्की सी चीख की आवाज का अनुभव किया। और मैंने सोचा आज मैं रेणु भाभी की चू दा ई
की आवाज उनके बाथरूम के वेंटिलेटर से कान लगाकर सुनूंगा और अपना लन्ड हिलाऊंगा । उस रात मैंने प्लास्टिक जैसी आवाज सुनी तो मुझे समझ में आया कि भैया कंडोम निकल रहे हैं और उनका बेटा उसे वक्त करीब का था और समय हुआ था 11:30 रात के और मैं अपने कान लगाकर सुन रहा था तभी मैंने अपना पेट खोला और हिलने शुरू कर दिया मैंने सुना रेणु भाभी भैया से कह रही है चलो चोदो हमको अब। भैया ने चू दा ई शुरू कर दी भाभी सी सी कर कराह रही थीं अब मैं अपना पेंट खोलकर हिलाने लगा। और मुझे थोड़ा शक था कि रेणु भाभी को यह पता था कि मैं वहां पर आकर उनकी चू दा ई सुनूंगा और हिलाऊंगा। मैंने देखा कि 2 मिनट भी नहीं हुए थे भैया ने पानी छोड़ दिया। फिर उनके लैट्रिन की लाइट शुरू हुई और वह दृश्य देखकर में हैरान हो गया मैंने देखा रेणु भाभी पूरी नंगी थी और उनके बड़े-बड़े दूध मेरी आंखों के सामने थे मेरा पानी अभी भी नहीं निकला था तो मैं अपने हाथ में थूक ली और अपने ल** में लगाकर जोर-जोर से हिलाने लगा तो फच फच की आवाज सुनकर रेणु भाभी ने अपनी वेंटीलेटर की तरफ नजर डाली और वेंटीलेटर की तरफ मैं अपना लंड लेकर हिलने लगा । मैंने देखा रेणु भाभी आंखें बड़ी करके वेंटिलेटर की तरफ तक ताकि से देख रही थी और मैं अपना लंड जोर-जोर से हिला रहा था फच फच आवाज उनके बाथरूम के अंदर जा रही थी। लेकिन रेणु भाभी ने कुछ नहीं बोला और बाद में बाथरूम से बाहर आ गई। रोज इस समय में उनके बाथरूम की खिड़की के पास जाकर इंतजार करता था। फिर कुछ दिनों के बाद उन्होंने फिर से सेक्स किया और ऐसा करीब 5 या 6 बार मैंने उनकी लाइव चू दा ई सुनकर मुठ मारी। रेणु भाभी को मालूम था कि मैं वहां कान लगाकर क्या कर रहा हूं। कुछ दिनों के बाद रेणु भाभी और भैया के बीच रात में कुछ झगड़ा हुआ और भैया ने रेणु भाभी के बाल पकड़ कर खींचकर उन्हें घर के बाहर निकाल दिया, लेकिन उनके घर में चलती रेणु भाभी की थी भैया की