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Incest जबरजस्त संस्कारी परिवार की प्यार की ये एक कहानी
#1
Heart 
जैसे ही मैने 19 साल में प्रवेश किया तब से में बहुत शक्तिशाली फिल करने लगा था, जब से मैने अपना होश संभाला तब से मुझे मेरी मम्मी पापा और दीदी , मतलब पूरे परिवार के प्रति बहुत प्यार आने लगा था।

क्यू की बाकी सब लोगों को देखते हुए मुझे लग रहा था कि मेरी परवरिश बहुत अच्छे से हुई हे।

न्यूज,टीवी सीरियल सब देखते हुए ओर सभी आजू बाजू का वातावरण देख कर लग रहा था कि में बहुत अच्छी जगह पला बढ़ा हु।

इसीलिए में उन को सब से पहले थैंक यू बोलना चाहूंगा वो हे....." मेरी मां ,मेरे पापा एंड मेरी दीदी,"







में मम्मी प्यार से में उनको "मीमी "बुलाता हु , दीदी को दीदु और पापा को पापा ही बुलाता हु।

पर मेरी मिमी ने प्यार से मेरा नाम चुचू रखा घर में

पर एक हरामी दोस्त ने उस नाम सुन कर अपने हिसाब से मेरा नाम चूचे रख दिया था। तो कॉलेज में भी कोई लोग मुई ये नाम से चिढ़ाते थे।

तो फिर स्टार्ट करता हु उम्मीद हे आप सभी को पसंद आएगी।





सुबह सुबह जल्दी उठ कर नहाने गया था तभी मेरा फोन बज उठा पर में तो नहा रहा था तो नहीं उठा पाया,

में (मन में):अरे ये तो मि का कॉल था पर वो कोल क्यों की? आवाज लगाती।।।



कोई बात नहीं कोई खास बात होगी जो पापा को नहीं बतानी होगी इसीलिए कोल किया होगा यह सोच कर मैने जैसे ही कॉल लगाया व्हाट्सअप एप पर नोटिफिकेशन आया देखा तो मीमी का हे,

तो मैने देखा

मीमी: गुड मॉर्निंग चूचू।। बेस्ट ऑफ लक माय चूचू बेटा

बेटा आज जरा मेरी तबियत सही नहीं हे थोड़ा सा बुखार जैसा लग रहा हे तो सोरी बेटा में आज तेरा नाश्ता एंड टिफिन नहीं बना सकीं तो तेरे पापा जो कुछ देंगे वो खा लेना और सही से एक्जाम दे आना और अपना ख्याल रखना में दवाई ले कर सो रही हु।

में: अरे ये क्या मिमी अचानक आपको? कल रात तक तो ठीक थी आप टीवी देख रहे थे ?

मिमि: हा चूचू ।।। पता नहीं... में अच्छी खासी घूम भी रही थी उसके बाद से ही स्टार्ट हुआ था थोड़ा थोड़ा और फिर बढ़ गया और अब में चल भी नहीं पा रही इतना बुखार हे पर में ठीक हो जाऊंगी तुम एक्जाम दे कर आवो अच्छे से और नाश्ता करके जाना अच्छे से ।

में: मिमी में आपके पास आ रहा हु आपको देखने

मिमि : नहीं बेटा में अभी सोने वाली हु एग्जाम दे कर आना फिर मिलते हे।

में: दवाई ले लेना मिमि आप में दोपहर तक आ जाऊंगा

मिमि: बाई चूचू।

में नीचे किचन में नाश्ता खाने गया वहां पापा थे

में: अचानक क्या हुआ

पापा : पता नहीं कल मिमी को कुछ खाने में आ गया लग रहा हे तभी ऐसा हुआ हे,मेरे एक दोस्त ने बताया वैसा दावा दिया हु ठीक होनी चाहिए, और मैने आज छूटी भी ली हे तो में हु घर जरूर पड़े तो डॉक्टर के पास ले जाऊंगा पर तू अच्छे से एक्जाम दे कर आ जाना।

दीदू: बेस्ट ऑफ लक भाई।में भी मम्मी के पास रहूंगी आज कॉलेज नहीं जाऊंगी।

फिर में चला गया कॉलेज।

३ बजे घर आया तो पहले सीधे मिमी के रूम की तरफ गया दरवाजा खुला ही था तो में अंदर चला गया

देखा तो मिमी नहीं दिखी

न पापा दिखे कि नहीं दीदी दिखी साले सभी मिमी को डॉक्टर के पास ले कर गए होंगे ऐसा सोच कर में बाहर जाने ही वाला था तभी बाथरूम से आवाज आई कुछ गाने गुनगुना ने की और साथ में पानी की तो में समझा चलो मिमी यहां हे फिर में बैठ पर लेट गया मिमी का वेट करने लगा। दिल में सुकून मिला कि मेरी मिमी ठीक हो चुकी हे

कुछ देर में मिमी ने बाथरूम का दरवाजा खोला और बेड के सामने आ गई



में: मन में(अरे .......... ओह माय गॉड,,.....

ये क्या था........... ..... वॉव .........वॉव .........वॉव

मिमी बिना कपड़ों के थी)

मिमी अपने खुले भीगे बालों संवारती हुई आई

लगता हे अभी अभी नहाकर आ रही?



बुखार के कारण मिमि की आँखें थोड़ी ही खुली थी और बेड पर रखे अपने ब्लाउस उठाई और पहनने लगी लगता हे मिमी ने मुझे देखा ही नहीं।

वॉव.... क्या मस्त लग रही थी मिमी,

पूरा गोरा गोरा बदन ,सीने पर ध्यान गया तो वॉव.... गोल गोल बड़े बड़े मिमी के स्तन ,पतली कमर, नीचे सुसु की जगह भी दिखाई दी वॉव.......नितंब भी एक दम परफेक्ट साइज के थे मिमी कोई एक्ट्रेस जैसी थी मेरी मिमी...

साला मेरे कई दोस्त लोग बोलते थे कि तेरी मिमी बहुत सुंदर हे तू ने अपनी मिमी का ये सब देखा की नहीं करके चिढ़ा रहे थे मुझे पर में वो सब से बहुत ऊपर वाला प्यार करता था मिमी से ऐसे संस्कार थे मेरे आज तक कुछ दिखा नहीं पर आज गलती से देख लिया तो मिमी के लिए सोरी फिल कर रहा था दिल मेरा बहुत जोर शोर से धड़क रहा था ऐसा लग रहा था मेरा २ दिल हे दूसरा मेरे पेंट में भी हे । जिसे नुनु कहते हे ऐसा मिमी ने बताया था ,



मिमी से मुझे डरना था फिर भी पता नहीं क्यों थोड़ी देर मेरी नजर मिमी को देखती रही

मिमी थोड़ा घूमी और आगे जा कर फैन चालू कर के फैन के नीचे खड़ी हो गई जैसे शायद नहाने से उनको ज्यादा गर्मी लगी हो।



ओओओ...... वाउ.... वाउ.... वाउ.... मिमी क्या चाल हे बहुत सुंदर तरीके से मटक रहे हे आपके कुलहे आपकी कमर और पीठ । क्या मस्त लग रही हो आप ऐसे बिना कपड़ों के तो। आई लव यू मिमी।।

में ऐसा बोलने वाला था पर डर लगा कि मिमी को पता चल गया कि मैने उनको बिना कपड़ों के देख लिया तो उनको शर्म बहुत आयेगी और शायद वो रो भी देगी तो में सोने की एक्टिंग करने लगा

पर मेरे दोनों दिल नहीं मान रहे थे कि में आंख बंद कर के बेड पर सोता रहु.

मैने फिर आँखें खोल के देख लिया तो मिमी ने अपने बाल खोले अपने पीछे की तरफ फैला दिया और वो ब्लाउस हाथ में रखी ऊपर फैन की और आंख बंद कर के देख रही थी शायद हवा खा रही होगी अपने बदन पर एंजॉय कर रही थी मिमी

थोड़ी देर ऐसी ही हवा खा कर मिमी मेरी तरफ बेड की तरफ मुड़ी और अपना ब्लाउस फेक दिया बेड पर

शुक्र हो मुझे नहीं देखा अभी तक,

फिर मिमी फिर फैन की हवा अपने बदन पर लेते हुए अपने बाल सवार ती रही। अरे वह मिमी तो हल्का हल्का सा गाना भी गुनगुना रही हे। वाह मिमी क्या लगा रही हो आप तो में मन में बोला और देखा कि मिमी के स्तनों हिल रहे थे जैसे जैसे मिमी अपने बाल को संवार रही थी थोड़ी थिरकन आ रही थी दोनों स्तन में,



मेरा नुनु पूरी तरह से खड़ा हो गया था चड्डी में तनाव आ रहा था तो मैने हल्का सही करके नुनु को थोड़ी जगह दी बाहर आने की,फिर मिमी थोड़ा आगे चलके ड्रेसिंग टेबल के पास गई और बाल एक हाथ में ले कर थोड़ी आगे झुक कर अपने बालों में कंघी करने लगी



वॉव.... क्या सीन था लंबे लंबे बाल मिमी के कूल्हे तक आ रहे थे लंबी लंबी टांगे को नंगी दिखने को मिली थी आज मिमी की,जांघ कितनी मस्त हे मिमी की....

मिमी थोड़ी देर में दूसरी साइड के बाल बनाने लगी थी अब तो क्या सीन दिखने को मिला,पहली साएड्स के बाल ऊपर से नीचे आकर मिमी के स्तन की अर्ध गोलाई से अर्ध गोल घूम के नीचे सीधा आ रहे थे वॉव क्या शेप थे मिमी का

फिर थोड़ी देर में मिमी जैसे ही बेड की और मुड़ी की मैने मेरी आंखे बंद कर दी, मैने कुछ सुना कि मिमी कपड़े पहन रही हे कुछ हुक के आवाज आए , चड्डी की इलास्टिक की आवाज,पेटीकोट का नाडा टाइट करने का आवाज, फिर सारी डालने की आवाज से में समाज गया था कि मिमी अब रेडी हो गई, में थोड़ा शांत भी हो गया था अब में, अचानक मिमी का चौक ने की थोड़ी आवाज आई उई....मां.... मेरा चूचू हे ये तो.... पर यहां???

फिर मिमी मेरे बाजू में आके लेट गई मेरे सर पर एक प्यारी सी गीली गीली पप्पी दे कर मेरे सीने पर सिर रख दी में और मेरा नुनु तभी पूरी तरह से शांत हो चुका था तो मैने जैसे अंगड़ाई ली और मिमी को गले के पीछे हाथ ले कर हग किया,

मिनी: मेरा बच्चा चूचू तू कब आया ?

में: हमम......(सोने का नाटक)

मिमी : धीरे से ठीक हे बेटा बाद में उठाती हु तुझे और रूम से बाहर निकल गई, फिर 30_40 मिनिट के बाद

मिमी ने उठाया और नाश्ता दिया और मैने बताया कि आप शायद बाथरूम में थे तब आया था और थकान नि वजह से जल्दी यही सो गया था क्यों कि आपसे मिला जरूरी था,आपकी तबियत कैसी हे अभी?

मिमी: ओ.... देखो तो मेरा बच्चा मेरी कितनी देखभाल करता हे मेरा... में बिल्कुल ठीक हु बेटा अब और मुझे गले लगा दिया अपने नरम नरम मुलायम स्तनों का स्पर्श का अनुभव मेरी छाती पर हुआ वॉव क्या सॉफ्ट हे मेरी मिमी के स्तन तो जी करता हे अभी उनको पकड़लू पर

फिर भी में कुछ भी नहीं किया क्यों मुझे पता हे ऐसा होने वाला है क्यों कि आज तक में मिमी के कमरे में इस तरह नहीं गया क्यों के दरवाजा खटखटाने का नियम हे पर आज में इसी लिए बिना कुछ किया सीधा अंदर आया क्योंकि मिमी की तबियत खराब थी शायद सो रही होगी तो मेरी आने की वजह से तो मिमी जाग जाती तो फिर में सीधा अंदर ही आ गया था...





में स्वर्ग में पहुंच गया था,मेरी मिमी अप्सरा को देखने का अवसर जो मिला था आज ।ऐसा सोच में आया कि जा कर मिमी को हग कर लू अभी। और किस करता रहु उनके पूरे शरीर को पर नहीं कर सका क्यों कि आज तक जिस स्त्री का मैने स्तन और नितंब तो क्या ब्लाउस में दिखने वाली स्त्रियों की क्लीवेज या स्तन का छोटा सा हिस्सा भी नई देख सका।

मिमी मेरे सामने बार वक्त लंबी स्लीव वाले ब्लाउस पहनती थी, कमर और पेट भी ढक के रखती थी,

जिसमें कुछ ऐसा नहीं दिखता जैसे किसी को मिमी सेक्सी लगे,पूरी ढकी हुई रहती मिमी और दीदी को भी ऐसे संस्कार दिए कि वो भी मेरे सामने कभी अपने स्तन का छोटा सा हिस्सा भी नहीं दिखा सके,ऐसे कपड़े पहनती थी मिमी उसे, मिमी के रात कपड़े में गाउन थे और दीदी का भी वैसा ही शूट था बस इन्हीं कपड़ों में देखा था मिमी और दीदी को रोज।

पर मुझे कुछ हरामी दोस्त ने ये दोनों को बिना कपड़ों के देख कर मज़ा लेना सिखाया था पर में उन की बातों में आने वाला नहीं था. और नहीं कभी किया ऐसा

की कभी बिना पूछे दीदी के कमरे में जाना,मिमी के कमरे में बिना पूछे जाना, किसी के बाथरूम में केमेरा लगाना,या फिर रोज इनको मॉर्निंग हग करते समय उनके ऐसे अंग को छूना,जब वो घर में पोछा लगाए या कभी झुके तो उनके सीने में देखना ऐसा नहीं करता कभी में

ऐसे संस्कार नहीं हे मेरे।और न ही उन्होंने ऐसे कभी कपड़े पहने जैसे मुझे वो सब देखे,

पोछा लगते समय मिमी या दीदी मुझे और पापा को बाहर या रूम में भेज देती और कभी हम दोनों के सामने कोई झुकना पड़ता हे तो अपने सीने पर हाथ रख के झुकती दोनों मिमी दीदी,

कभी अमीरों वाली पार्टी में जाना हो तो भी मिमी और दीदी ट्रेडीशन सब ढकने वाला कपड़े पहनते थे,कुछ भी नहीं दिखाए देता किसी को,

सभी बोलते थे उस बारे में ,और पापा भी मिमी को बोलता की जमाने के साथ चलो थोड़ा स्टाइल करो पर मिमी नहीं मानती,

मुझे एक किस्सा याद या जब में १४ _१५ साल का था तभी में और मिमी घर आ रहे थे तो पापा का कोई दोस्त के घर के सामने थे तो रस्ते के साइड पर घर कोने पर खड़े होकर मिमी उसके साथ बात कर रही थी ,वो रस्ते से ज्यादा कोई आता जाता भी नहीं था तो अंकल मिमी को बोला यहां आईए ना थोड़ी बाते करते हे तो मिमी मुझे ले कर चली थी वहां थोड़ी देर बात करने के लिए.



20 _25 मिनिट हो गई थी तो में खड़ा खड़ा थक गया था मैने मिमी को बोला चलो तो वो बोली थोड़ी देर में जाते हे ऐसा करते बहुत टाइम होगया तो में मिमी को खींच रहा था घर जाने के लिए पर मिमी आ नहीं रही थी बस बात किए जा रही थी।

मुझे बहुत बोरिंग फिल हो रहा था पर मिमी हस हस के बहुत बात कर रही थी तो मुझे थोड़ा गुस्सा आया मैंने मिमी से बोला मिमी घर चलोओओ.........

मिमी: बस थोड़ी देर बेटा निकलते हे,

में: नहीं मिमी चलो

मिमी: हां ।

पर चल नहीं रही थी तो मैने मिमी का सारी का पल्लू खींचना चालू किया

मिमी ने मुझे देखा तो बोली नहीं बेटा ऐसा नहीं करते छोड़ मुझे.....

में: नहीं मिमी चलो घर

मिमी ने कोई जवाब नहीं दिया और अंकल की बातों पर हस्ती हुई मेरी देखी बोली बस बेटा थोड़ी देर.

में ने फिर मिमी का पल्लू खींचा तो देखा मिमी की सारी कंधे से हो कर आगे से खुल गई और मिमी का सीना और पेट दोनों दिख गए पापा के दोस्त को,

मिमी हस कर बोली अरे बेटा तूने ये क्या किया,कुछ अकल वकल हे की नहीं? ऐसे कौन करता हे अपनी मां से?

शैतान कही का, कौन खड़ा हे मेरे सामने पता हे तुझे?

में: पापा के दोस्त

मिमी: हा तो यहां मिले तो बात तो करना पड़ता हे ना , ऐसे बिना बोले थोड़ी जाते?

मिमी ने इतना बोले अपना पल्लू वापिस खींचना चाहा

पर मैने मना कर दिया ,नहीं मिमी घर चलो अब बहुत बात कर ली आपने तो

तो,

मिमी: अरे बेटा मुझे शर्म आ रही हे ला जल्दी

पापा के दोस्त :मिमी शेम शेम,.... मिमी हा......बा..... ऐसा बोल कर मिमी को चिढ़ा रहे थे.....

मिमी बहुत हस रही थी पापा के दोस्त की बात से....
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