22-02-2025, 02:51 PM
(This post was last modified: 27-02-2025, 12:15 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
लंड की प्यासी मौसेरी बहनें
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सी
अंजलि की उम्र 24 साल है. मैं उससे 1 साल बड़ा हूं. फिगर उसका मस्त है और 5’4″ की हाइट है। इसके साथ ही कातिलाना अंदाज में उभरे हुए चूचे और गोल गोल फूली हुई गांड। पूरा सेक्स बम लगती है वो!
वहीं मेघा 20 साल की कच्ची कली है जिसके लम्बे काले घने बाल हैं जो उसके कूल्हों तक आते हैं. छोटे छोटे चूचे और गोल उभार वाली गांड है उसकी!
कड़ी मेहनत के बाद मुझे मेरा फल मिलने लगा। अंजलि ने चुदने के लिए मुझे अपने घर आने को कहा। मैं घर वालों से बहाना बना कर घूमने के लिए मौसी के घर आगरा आ गया।
पहले दिन अंजलि और मैं मौका तलाशते रहे लेकिन निराशा हाथ आयी।
अगले दिन रविवार था तो मौसी मेरे मौसा के साथ मार्केट गई थी।
मैं टीवी देख रहा था और अंजलि झाड़ू लगा रही थी।
अंजलि झुक कर झाड़ू लगाते हुए मेरे सामने आई।
मेरी नजरें टीवी छोड़ कर अंजलि की हिलती हुई गांड देखने लगीं।
अंजलि आधी नीचे की ओर झुकी थी जिससे उसकी गांड और ज्यादा बाहर निकली हुई नजर आने लगी।
मौका अच्छा था. मैंने उठकर मेन डोर बन्द कर दिया और मैंने इधर उधर नजर दौड़ा कर देखा कि आस पास मेघा है या नहीं.
वो शायद बाहर गयी हुई थी क्योंकि काफी देर से मुझे वो दिखी नहीं थी.
मैंने अंजलि की कमर पकड़ कर गांड में अपना लण्ड सटा दिया।
अंजलि ने कहा- क्या कर रहे हो? मेघा देख लेगी।
मैंने कहा- अभी तो नहीं है वो घर में शायद!
फिर मैंने उसके दोनों हाथ पीछे पकड़ कर कपड़ों के ऊपर से ही अपना लण्ड उसकी गांड और चूत में गोल गोल टकराना शुरू कर दिया.
अंजलि भी अपनी गांड हिलाने लगी।
उसकी गांड और चूत की धार को मैं अपने लण्ड पर महसूस कर रहा था।
मैंने कहा- चलो … जल्दी से निपटा लेते हैं.
वो बोली- क्या बात है … बहुत जल्दी है … रुका नहीं जा रहा क्या?
मैंने उसे अपनी ओर खींचते हुए कहा- नहीं मेरी जान … जल्दी कर ना!
कहकर मैं उसके होंठों को पीने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी.
उस वक्त अंजलि ने टीशर्ट और छोटा शार्ट्स पहन रखा था। मैं अंजलि को किस करते करते उसकी पीठ को सहलाते हुए अपना हाथ शॉर्ट्स में डालकर उसकी गांड भींचने लगा।
उसकी मुलायम गोल गांड मेरे हाथों में दबने लगी।
अंजलि मुस्कराते हुए मेरा लण्ड छू रही थी।
तभी दरवाजे की बेल बजी।
मैंने तुरन्त अपना लण्ड ठीक से सेट किया और अंजलि ने दरवाजा खोला.
फिर वो वापस आकर झाड़ू लगाने लगी।
अंजलि ने मेरी तरफ देखा और मुस्कराने लगी।
इतने में मेघा बाहर से आई. उसने जीन्स और पिंक टॉप और काली नेट वाली जैकेट पहनी थी।
मैं तो पहले से ही मूड में था और मेघा को ऐसे देख मेरा लंड पैंट में ही तनने लगा।
फिर वो कुछ कागज लेकर दोबारा से बाहर निकल गयी.
उसके जाते ही मौसा मौसी भी आ गये.
मेरी हवस की आग ऐसे ही धधकती रह गयी.
अब मैं प्यासा रह गया था. खड़ा लंड खड़ा ही रहा और पूरा दिन ऐसे ही गुजर गया.
फिर शाम होने तक मुझसे रुका न गया और मैंने मौका पाकर अंजलि को छत पर चलने के लिए कहा.
हम छत पर पहुंचे और थोड़ी देर में कुछ करने ही वाले थे कि मेघा भी आ गयी।
मेघा ने भी छोटा कॉटन का शॉर्ट्स पहन रखा था और टीशर्ट डाली हुई थी.
उसकी गोरी जांघों को देख मेरा लौड़ा फूलने लगा।
अंजलि ने मुझे कोहनी मारी जो शांत रहने का इशारा था।
मैंने जैसे तैसे अपना लण्ड शांत किया.
मेघा अपनी फोटो दिखा कर पूछने लगी कि कौन सी ज्यादा अच्छी है?
मैं फोटो देखते हुए मेघा को चोदने का सोचने लगा।
मैंने कहा- यार … ये तो बहुत मुश्किल है कि किसी एक फोटो के बारे में बता पाऊं. मुझे तो सारी अच्छी लग रही हैं. एकदम हॉट लग रही हो सभी में!
दोस्तो, वाकई में ही मेघा की खूबसूरती बहुत कमाल थी. उसके फुले हुए गुलाबी गाल और सुराहीनुमा कमर और गोल गांड ही काफी थी किसी को उकसाने के लिए।
थोड़ी देर में हम नीचे आ गए क्योंकि शाम ढल गयी थी.
फिर खाना खाया और अपने रूम में चले गए.
मैं हॉल में ही सोता था। मेघा और अंजलि एक रूम में और मौसा मौसी अपने रूम में सोते थे।
रात के अंधेरे की तरह मेरी हवस भी बढ़ने लगी। मैंने अंजलि को बाहर बुलाया और बाथरूम में चलने को कहा जहां मैं मेरी हवस बुझा सकता था।
अंजलि ने मना कर दिया और कहने लगी कि उसे खड़े खड़े मजा नहीं आता।
मैंने छत पर चलने को कहा मगर अंजलि मुझे अपने रूम में ले गयी।
वहां पर मेघा पहले से ही सो रही थी. वहां जाकर तो मैं और पागल हो गया. मेघा की कमसिन जवानी कहर बरसा रही थी.
मैं अंजलि से बोला- पागल है क्या तू? यहां करेंगे हम? अगर मेघा जाग गयी तो?
अंजलि कहने लगी- नहीं जागेगी, तुम अपना काम करो.
यह कह कर उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया।
मैं किस करने लगा और अंजलि भी पूरी तरह साथ देने लगी.
मैंने 2 मिनट में ही अंजलि की ब्रा उतार दी। उसके बड़े बड़े गोरे चूचे नंगे कर दिये. उसके निप्पल्स थोड़े डार्क थे. मगर चूचे एकदम से सिल्की सॉफ्ट थे.
वहीं मेघा 20 साल की कच्ची कली है जिसके लम्बे काले घने बाल हैं जो उसके कूल्हों तक आते हैं. छोटे छोटे चूचे और गोल उभार वाली गांड है उसकी!
कड़ी मेहनत के बाद मुझे मेरा फल मिलने लगा। अंजलि ने चुदने के लिए मुझे अपने घर आने को कहा। मैं घर वालों से बहाना बना कर घूमने के लिए मौसी के घर आगरा आ गया।
पहले दिन अंजलि और मैं मौका तलाशते रहे लेकिन निराशा हाथ आयी।
अगले दिन रविवार था तो मौसी मेरे मौसा के साथ मार्केट गई थी।
मैं टीवी देख रहा था और अंजलि झाड़ू लगा रही थी।
अंजलि झुक कर झाड़ू लगाते हुए मेरे सामने आई।
मेरी नजरें टीवी छोड़ कर अंजलि की हिलती हुई गांड देखने लगीं।
अंजलि आधी नीचे की ओर झुकी थी जिससे उसकी गांड और ज्यादा बाहर निकली हुई नजर आने लगी।
मौका अच्छा था. मैंने उठकर मेन डोर बन्द कर दिया और मैंने इधर उधर नजर दौड़ा कर देखा कि आस पास मेघा है या नहीं.
वो शायद बाहर गयी हुई थी क्योंकि काफी देर से मुझे वो दिखी नहीं थी.
मैंने अंजलि की कमर पकड़ कर गांड में अपना लण्ड सटा दिया।
अंजलि ने कहा- क्या कर रहे हो? मेघा देख लेगी।
मैंने कहा- अभी तो नहीं है वो घर में शायद!
फिर मैंने उसके दोनों हाथ पीछे पकड़ कर कपड़ों के ऊपर से ही अपना लण्ड उसकी गांड और चूत में गोल गोल टकराना शुरू कर दिया.
अंजलि भी अपनी गांड हिलाने लगी।
उसकी गांड और चूत की धार को मैं अपने लण्ड पर महसूस कर रहा था।
मैंने कहा- चलो … जल्दी से निपटा लेते हैं.
वो बोली- क्या बात है … बहुत जल्दी है … रुका नहीं जा रहा क्या?
मैंने उसे अपनी ओर खींचते हुए कहा- नहीं मेरी जान … जल्दी कर ना!
कहकर मैं उसके होंठों को पीने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी.
उस वक्त अंजलि ने टीशर्ट और छोटा शार्ट्स पहन रखा था। मैं अंजलि को किस करते करते उसकी पीठ को सहलाते हुए अपना हाथ शॉर्ट्स में डालकर उसकी गांड भींचने लगा।
उसकी मुलायम गोल गांड मेरे हाथों में दबने लगी।
अंजलि मुस्कराते हुए मेरा लण्ड छू रही थी।
तभी दरवाजे की बेल बजी।
मैंने तुरन्त अपना लण्ड ठीक से सेट किया और अंजलि ने दरवाजा खोला.
फिर वो वापस आकर झाड़ू लगाने लगी।
अंजलि ने मेरी तरफ देखा और मुस्कराने लगी।
इतने में मेघा बाहर से आई. उसने जीन्स और पिंक टॉप और काली नेट वाली जैकेट पहनी थी।
मैं तो पहले से ही मूड में था और मेघा को ऐसे देख मेरा लंड पैंट में ही तनने लगा।
फिर वो कुछ कागज लेकर दोबारा से बाहर निकल गयी.
उसके जाते ही मौसा मौसी भी आ गये.
मेरी हवस की आग ऐसे ही धधकती रह गयी.
अब मैं प्यासा रह गया था. खड़ा लंड खड़ा ही रहा और पूरा दिन ऐसे ही गुजर गया.
फिर शाम होने तक मुझसे रुका न गया और मैंने मौका पाकर अंजलि को छत पर चलने के लिए कहा.
हम छत पर पहुंचे और थोड़ी देर में कुछ करने ही वाले थे कि मेघा भी आ गयी।
मेघा ने भी छोटा कॉटन का शॉर्ट्स पहन रखा था और टीशर्ट डाली हुई थी.
उसकी गोरी जांघों को देख मेरा लौड़ा फूलने लगा।
अंजलि ने मुझे कोहनी मारी जो शांत रहने का इशारा था।
मैंने जैसे तैसे अपना लण्ड शांत किया.
मेघा अपनी फोटो दिखा कर पूछने लगी कि कौन सी ज्यादा अच्छी है?
मैं फोटो देखते हुए मेघा को चोदने का सोचने लगा।
मैंने कहा- यार … ये तो बहुत मुश्किल है कि किसी एक फोटो के बारे में बता पाऊं. मुझे तो सारी अच्छी लग रही हैं. एकदम हॉट लग रही हो सभी में!
दोस्तो, वाकई में ही मेघा की खूबसूरती बहुत कमाल थी. उसके फुले हुए गुलाबी गाल और सुराहीनुमा कमर और गोल गांड ही काफी थी किसी को उकसाने के लिए।
थोड़ी देर में हम नीचे आ गए क्योंकि शाम ढल गयी थी.
फिर खाना खाया और अपने रूम में चले गए.
मैं हॉल में ही सोता था। मेघा और अंजलि एक रूम में और मौसा मौसी अपने रूम में सोते थे।
रात के अंधेरे की तरह मेरी हवस भी बढ़ने लगी। मैंने अंजलि को बाहर बुलाया और बाथरूम में चलने को कहा जहां मैं मेरी हवस बुझा सकता था।
अंजलि ने मना कर दिया और कहने लगी कि उसे खड़े खड़े मजा नहीं आता।
मैंने छत पर चलने को कहा मगर अंजलि मुझे अपने रूम में ले गयी।
वहां पर मेघा पहले से ही सो रही थी. वहां जाकर तो मैं और पागल हो गया. मेघा की कमसिन जवानी कहर बरसा रही थी.
मैं अंजलि से बोला- पागल है क्या तू? यहां करेंगे हम? अगर मेघा जाग गयी तो?
अंजलि कहने लगी- नहीं जागेगी, तुम अपना काम करो.
यह कह कर उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया।
मैं किस करने लगा और अंजलि भी पूरी तरह साथ देने लगी.
मैंने 2 मिनट में ही अंजलि की ब्रा उतार दी। उसके बड़े बड़े गोरे चूचे नंगे कर दिये. उसके निप्पल्स थोड़े डार्क थे. मगर चूचे एकदम से सिल्की सॉफ्ट थे.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
