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लंड की प्यासी मौसेरी बहनें
#1
लंड की प्यासी मौसेरी बहनें





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अंजलि की उम्र 24 साल है. मैं उससे 1 साल बड़ा हूं. फिगर उसका मस्त है और 5’4″ की हाइट है। इसके साथ ही कातिलाना अंदाज में उभरे हुए चूचे और गोल गोल फूली हुई गांड। पूरा सेक्स बम लगती है वो!

वहीं मेघा 20 साल की कच्ची कली है जिसके लम्बे काले घने बाल हैं जो उसके कूल्हों तक आते हैं. छोटे छोटे चूचे और गोल उभार वाली गांड है उसकी!

कड़ी मेहनत के बाद मुझे मेरा फल मिलने लगा। अंजलि ने चुदने के लिए मुझे अपने घर आने को कहा। मैं घर वालों से बहाना बना कर घूमने के लिए मौसी के घर आगरा आ गया।

पहले दिन अंजलि और मैं मौका तलाशते रहे लेकिन निराशा हाथ आयी।
अगले दिन रविवार था तो मौसी मेरे मौसा के साथ मार्केट गई थी।


मैं टीवी देख रहा था और अंजलि झाड़ू लगा रही थी।
अंजलि झुक कर झाड़ू लगाते हुए मेरे सामने आई।
मेरी नजरें टीवी छोड़ कर अंजलि की हिलती हुई गांड देखने लगीं।


अंजलि आधी नीचे की ओर झुकी थी जिससे उसकी गांड और ज्यादा बाहर निकली हुई नजर आने लगी। 

मौका अच्छा था. मैंने उठकर मेन डोर बन्द कर दिया और मैंने इधर उधर नजर दौड़ा कर देखा कि आस पास मेघा है या नहीं.
वो शायद बाहर गयी हुई थी क्योंकि काफी देर से मुझे वो दिखी नहीं थी. 


मैंने अंजलि की कमर पकड़ कर गांड में अपना लण्ड सटा दिया।
अंजलि ने कहा- क्या कर रहे हो? मेघा देख लेगी।
मैंने कहा- अभी तो नहीं है वो घर में शायद!


फिर मैंने उसके दोनों हाथ पीछे पकड़ कर कपड़ों के ऊपर से ही अपना लण्ड उसकी गांड और चूत में गोल गोल टकराना शुरू कर दिया.
अंजलि भी अपनी गांड हिलाने लगी। 


उसकी गांड और चूत की धार को मैं अपने लण्ड पर महसूस कर रहा था।
मैंने कहा- चलो … जल्दी से निपटा लेते हैं.
वो बोली- क्या बात है … बहुत जल्दी है … रुका नहीं जा रहा क्या?


मैंने उसे अपनी ओर खींचते हुए कहा- नहीं मेरी जान … जल्दी कर ना!
कहकर मैं उसके होंठों को पीने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी.


उस वक्त अंजलि ने टीशर्ट और छोटा शार्ट्स पहन रखा था। मैं अंजलि को किस करते करते उसकी पीठ को सहलाते हुए अपना हाथ शॉर्ट्स में डालकर उसकी गांड भींचने लगा।
उसकी मुलायम गोल गांड मेरे हाथों में दबने लगी।


अंजलि मुस्कराते हुए मेरा लण्ड छू रही थी।

तभी दरवाजे की बेल बजी।
मैंने तुरन्त अपना लण्ड ठीक से सेट किया और अंजलि ने दरवाजा खोला. 


फिर वो वापस आकर झाड़ू लगाने लगी।
अंजलि ने मेरी तरफ देखा और मुस्कराने लगी।


इतने में मेघा बाहर से आई. उसने जीन्स और पिंक टॉप और काली नेट वाली जैकेट पहनी थी। 

मैं तो पहले से ही मूड में था और मेघा को ऐसे देख मेरा लंड पैंट में ही तनने लगा।

फिर वो कुछ कागज लेकर दोबारा से बाहर निकल गयी.
उसके जाते ही मौसा मौसी भी आ गये.
मेरी हवस की आग ऐसे ही धधकती रह गयी. 


अब मैं प्यासा रह गया था. खड़ा लंड खड़ा ही रहा और पूरा दिन ऐसे ही गुजर गया.

फिर शाम होने तक मुझसे रुका न गया और मैंने मौका पाकर अंजलि को छत पर चलने के लिए कहा. 

हम छत पर पहुंचे और थोड़ी देर में कुछ करने ही वाले थे कि मेघा भी आ गयी।
मेघा ने भी छोटा कॉटन का शॉर्ट्स पहन रखा था और टीशर्ट डाली हुई थी. 


उसकी गोरी जांघों को देख मेरा लौड़ा फूलने लगा।
अंजलि ने मुझे कोहनी मारी जो शांत रहने का इशारा था।
मैंने जैसे तैसे अपना लण्ड शांत किया.


मेघा अपनी फोटो दिखा कर पूछने लगी कि कौन सी ज्यादा अच्छी है?
मैं फोटो देखते हुए मेघा को चोदने का सोचने लगा।
मैंने कहा- यार … ये तो बहुत मुश्किल है कि किसी एक फोटो के बारे में बता पाऊं. मुझे तो सारी अच्छी लग रही हैं. एकदम हॉट लग रही हो सभी में!


दोस्तो, वाकई में ही मेघा की खूबसूरती बहुत कमाल थी. उसके फुले हुए गुलाबी गाल और सुराहीनुमा कमर और गोल गांड ही काफी थी किसी को उकसाने के लिए। 

थोड़ी देर में हम नीचे आ गए क्योंकि शाम ढल गयी थी.
फिर खाना खाया और अपने रूम में चले गए.


मैं हॉल में ही सोता था। मेघा और अंजलि एक रूम में और मौसा मौसी अपने रूम में सोते थे।

रात के अंधेरे की तरह मेरी हवस भी बढ़ने लगी। मैंने अंजलि को बाहर बुलाया और बाथरूम में चलने को कहा जहां मैं मेरी हवस बुझा सकता था।

अंजलि ने मना कर दिया और कहने लगी कि उसे खड़े खड़े मजा नहीं आता।
मैंने छत पर चलने को कहा मगर अंजलि मुझे अपने रूम में ले गयी।


वहां पर मेघा पहले से ही सो रही थी. वहां जाकर तो मैं और पागल हो गया. मेघा की कमसिन जवानी कहर बरसा रही थी.
मैं अंजलि से बोला- पागल है क्या तू? यहां करेंगे हम? अगर मेघा जाग गयी तो?


अंजलि कहने लगी- नहीं जागेगी, तुम अपना काम करो.
यह कह कर उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया।


मैं किस करने लगा और अंजलि भी पूरी तरह साथ देने लगी. 
मैंने 2 मिनट में ही अंजलि की ब्रा उतार दी। उसके बड़े बड़े गोरे चूचे नंगे कर दिये. उसके निप्पल्स थोड़े डार्क थे. मगर चूचे एकदम से सिल्की सॉफ्ट थे.

जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#2
अगले दिन सब कुछ नॉर्मल था सिवाय अंजलि के … वो कुछ ज्यादा ही खुश थी।

नाश्ते के वक़्त मैंने मजे लेने के लिए धीरे से पूछ लिया- क्या हुआ मेरी जान … माँ बनने वाली है क्या जो इतनी खुश हो रही है?
अंजलि शर्मा गयी और हंसने लगी।

मौसा अपने बैंक चले गये. मौसी खाना बनाने लगी।

मैंने अंजलि के दूध दबाये और छेड़ने लगा.
अंजलि मजाक में आंखें बड़ी कर रही थी लेकिन उसे भी मजा आ रहा था।

मौसी किचन में थी. मैं सोफे के पीछे गया और फिर से से बड़े आराम से अंजलि के चूचे दबाने लगा.
अंजलि मेरे हाथ को पकड़ कर जोर देने लगी और मैं भी जोर जोर से दूध दबाने लगा।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#3
मेरा एक हाथ उसके टॉप के अंदर भी चला गया था। दोनों मस्त होकर मजे ले रहे थे.

उसी वक़्त मेघा ने सीढ़ियों से नीचे उतरते वक़्त देख लिया कि मेरा हाथ अंजलि की चूची पर है।

मैंने हड़बड़ा कर अपने हाथ पीछे किये और बात घुमाने के लिए कह दिया- मेघा, आज कहीं घूमने चलते हैं ना?
मेघा ने कहा- नहीं, आप अंजलि दीदी के साथ चले जाओ।

अंजलि ने मुझे देखते हुए कहा- देख लिया क्या मेघा ने?
मैंने ‘न’ में सिर हिलाया और कहा- चिंता मत करो।

थोड़ी देर में मौसी और अंजलि किसी काम से बाहर चले गये।

मौका देखकर मैं मेघा के पास गया और कहा- यार मैं अंजलि को सिर्फ हग कर रहा था, तूने कुछ गलत तो नहीं समझ लिया?

मेघा मुस्कराने लगी और कहा- हां पता है मुझे. आप उसको केवल हग कर रहे थे।
मैं उसके पास चिपक कर बैठ गया और उसके कंधे पर हाथ रख कर बात करने लगा।

उसने अपना पैर उठाकर मेरे पैर पर रखा।
मैंने उसकी जांघ पर हाथ रख दिया.

जहां तक मुझे शक था कि कल वाली रात को मेघा जाग रही थी जब मैंने रात को उसकी जांघों को छुआ था।

मेघा ने मेरी तरफ देखा मैंने मेघा को किस कर लिया.

अब उसने मेरी तरफ हवस भरी नजर से देखा और बदले में मुझे भी किस कर दिया.
मैं उसकी अधनंगी जांघों को छूने लगा.

उसका एक पैर सीधा था और दूसरा पैर मुड़ा हुआ जिसे मैं टटोल रहा था।
मेरा हाथ मेघा की निक्कर को ऊपर करते हुए उसकी चूत तक पहुंच गया था।

मैंने तुरन्त उसकी टीशर्ट उतारी और उसकी ब्रा में कैद उसके छोटे छोटे संतरे मुझे दिखने लगे.
उसके दूध अंजलि की तुलना में छोटे थे। मेरे सामने मेघा ऐसी थी मानो चाइना की कोई सेक्स टॉय डॉल पड़ी हो।

अब मैंने मेघा को गोद में बिठाया और किस करने लगा. उसके छोटे छोटे सन्तरे मेरी छाती से टकराने लगे।
मेघा के बूब्स मेरे हाथ में आ जाएं इतने ही बड़े थे।

मैं दोनों हाथों से दोनों बूब्स को दबा रहा था। मैं उसके गले पर लव बाइट देने लगा और उसके फूले हुए गालों को काटने लगा।
नीचे से मेरा लौड़ा मेघा की चूत में जाने को तैयार हो गया।

उसको मैं किस करता जा रहा था. बिना पैंट खोले ही झटके लगा कर मैं लण्ड को उसकी चूत से रगड़ने लगा।
मेघा भी मूड में आकर मेरे गले पर किस करने लगी।

मैंने चूमते हुए कान में कहा- मेरी रानी … चुदेगी क्या एक बार?
मेघा ने हां में सिर हिला दिया.

मैंने अपना लौड़ा चेन खोलकर बाहर निकाला और उसकी ग्रे कलर की छोटी सी निक्कर उतार दी.

उसकी चूत के छेद से चड्डी साइड में सरकाई और चूत के छेद में टोपा टच कर दिया.
उसकी सिसकार निकल गयी. उसकी चूत को लंड का अहसास मिल गया था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#4
उसने मेरे होंठों को चूसना शुरू कर दिया और मैंने भी उसके गुलाबों पर हमला बोल दिया.
फिर मैंने नीचे से एक झटका दे दिया और उसकी जोर से चीख निकल गयी- आह्ह … आईई … मम्मी … मर गयी … ओह्ह … मां … आह्ह।

वो लंड से ऊपर सरकने लगी.
शायद इतना बड़ा लंड उसकी चूत में पहली बार ही जा रहा था.
मैंने उसे वापस अपने लौड़े पर बिठाया और किस करने लगा।

दोनों बहनों की टाइट चूत इस बात की गवाह थी कि इनकी खातिरदारी किसी ने काफी वक्त से नहीं की है।
मैंने मेघा की नंगी पीठ पकड़ी और फिर हल्के हल्के लण्ड अंदर करने लगा.

मेघा फिर आह्ह आह्ह … करने लगी और मुझे हाथों से रोकने लगी.
मगर मैं अब रुकना नहीं चाह रहा था. मन कर रहा था पूरा लंड घुसाकर जोर जोर से चोद दूं उसको.

सामने जब एक कमसिन जवानी हो और उसकी टाइट चूत में लंड घुस चुका हो तो फिर भला कैसे खुद को रोक सकता है कोई.
मैं नहीं माना और झटके देने लगा.

उसकी चड्डी सरक कर बार बार लौड़े के बीच में आने लगी.

मैंने मेघा को लिटाया और निप्पल्स चूसते हुए व पेट पर चूमते हुए नीचे गया और अपने मुंह से उसकी चड्डी निकाली.

जवान लड़की की चिकनी चूत और घुमावदार गोल गांड देखकर समझ नहीं आ रहा था कि चुदाई कहां से शुरू करूं।
उसकी चूत उसके गालों की तरह फूली हुई थी।

चूत का छेद ठीक से नजर भी नहीं आ रहा था.
मैंने उसके पैर फैलाये और मैंने चूत के मोटे होंठों को हटाया तब जाकर गुलाब की कली की तरह छोटी सी चूत नज़र आयी।
उसकी चूत का साइज बहुत छोटा था।

मैंने अपनी जीभ मेघा की चूत पर रखी और चाटने लगा। मुझे चूत चाटने में मजा आने लगा. इतनी फ्रेश और छोटी चूत अब तक नहीं मिली थी।

जब जब मेरी जीभ अंदर जाती तो मेघा बीच बीच में कांपने लगती.
मेरी नर्म जीभ भी मेघा को सिसकारियां निकालने पर मजबूर कर रही थी।
वह लेट कर उम्म्म् … आआह्ह ..आउउ … जैसी सेक्सी आवाज निकाल रही थी।

मैंने मेघा को छोटी बच्ची की तरह गोद में उठाया और दीवार में टिका कर एक झटके में ही अपना 7 इंच का लण्ड उसकी छोटी सी चूत में डाल दिया.

इतनी चिकनी चूत होने के बादजूद लण्ड आधा ही घुसा लेकिन मेघा ऐसे चीखी मानो किसी हाथी का लण्ड घुस गया हो उसकी चूत के अन्दर।
मैंने किस करते हुए उसकी आवाज रोकी और चोदना जारी रखा.

मेरे मुंह से गालियां निकलने लगीं- मादरचोद … आह्ह … कितनी सेक्सी है … आज तो तुझे जम कर चोदूँगा।
वो आह … आह … ऊईई … आह्ह … करती रही।

चूत लौड़े की आपस में छप-छप … छप-छप होने लगी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#5
मैंने मेघा को नीचे उतारा. वो बेड की तरफ बढ़ ही रही थी कि मैंने पकड़ कर उसे बेड की तरफ झुकाया और पैर फैला दिये.

मैं अपना लण्ड उसकी चूत और गांड में रगड़ने लगा. लण्ड से उसकी मोटी गांड पर थपेड़े मारने लगा. फिर थूक लगा कर सीधा ही मैंने लण्ड अंदर कर दिया।


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मेघा फिर चीखी.
मैंने उसका मुंह दबाया और चोदता रहा।
हर झटके पर मेघा की आहें निकलने लगीं जैसे कि वो हिचकी ले रही हो.
वो रोने लगी और बोली- बस भैया … अब नहीं लिया जा रहा … बस करो … जाने दो मुझे!

10-12 झटके मारने के बाद मैं रुक गया और मैंने उसको बांहों में भर लिया. उसको लेकर मैं बेड पर लेट गया.

कुछ देर के बाद वो नॉर्मल हुई तो मैं फिर से उसको चोदने लगा.

10 मिनट की आखिरी चुदाई में हम दोनों ढेर हो गये।
फिर लेट कर मैं मेघा की चूत चाटने लगा और सहलाने लगा।

मेघा दर्द होने की शिकायत कर रही थी।
मैंने कहा- मैं दवाई ले आऊंगा, कुछ नहीं होगा तुझे. सब ठीक हो जाएगा।
मेघा फिर मेरे सुस्त लण्ड को पकड़ कर खेलने लगी।

फिर मैंने पूछा- रात को और भी चुदवाओगी अपनी बहन के साथ?
मेघा ने मना कर दिया और अंजलि को भी इस बारे में नहीं बताने को कहा.

थोड़ी ही देर में मौसी और अंजलि आ गये.
मैंने मेघा को किस किया और कहा- आराम करो.

उसके बाद मैं वहां से बाहर आ गया.

उसके थोड़ी देर बाद मैं अपने काम से बाहर आया और एनर्जी टेबलेट और मेघा के लिए पेन किलर ले गया।
मैं मेघा के पास गया. उसे गोली दे दी.

उस वक्त अंजलि बर्तन साफ कर रही थी।

मेघा से थोड़ी देर बात की और मैंने उसे अपनी गोद में बिठाया और उसका दर्द कम किया।
उसके बाद वो अपने रूम में लेटकर सो गयी.
मैं भी यहां वहां टाइम पास करने लगा.

फिर शाम हुई और खाना खाने तक रात हो गयी.

रात होते ही अंजलि की हवस जागी और वो मुझे जगाने हाल में आ गयी।

हम फिर से रूम में गये.
मेघा ने वही पिछली रात वाले कपड़े पहने थे। मैं लेट गया और अंजलि मेरे ऊपर लेट गयी और थोड़ी देर हम लेटे हुए ही गंदी बातें करते रहे।

अंजलि कहने लगी- बहुत बड़े बहनचोद हो तुम … आज फिर चले आये अपनी बहन की चूत मारने?
मैंने कहा- जब मेरी इतनी सेक्सी बहन लण्ड के लिए तरस रही हो तो मेरा फर्ज बनता ही है उसकी चूत की प्यास मिटाने का!
वो बोली- तो किसका इंतजार कर रहे हो … निकालो अपना औजार और छेड़ दो चूत और लण्ड की जंग।

अंजलि अपने कपड़े खोलने लगी और मैं भी नंगा हो गया।
मैंने कहा- आज गांड में लण्ड लोगी?
अंजलि ने लण्ड पकड़ा और अपने बाल संवारते हुए लंड को मुंह में ले लिया।

वो लंड चूसने लगी और मुझे स्वर्ग की सैर कराने लगी.




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हमने जम कर एक दूसरे को चूमा. लण्ड चुसाई … चूत चटाई होने लगी. कभी 69 की पोज़ में तो कभी किसी और पोज़ में.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#6
मैं अंजलि के जिस्म को चूमने और काटने में लगा हुआ था. उधर वो मेरे लंड को खींच खींचकर लम्बा करने में लगी हुई थी.
मेरा लंड दर्द करने लगा था लेकिन उसकी चूसने की इच्छा पूरी नहीं हो रही थी.

वो कभी मेरे लंड के टोपे को चूसने लगती तो कभी आंडों को मुंह में भर लेती.
एक बार तो वो मेरी गांड तक जीभ ले गयी. मुझे बहुत अच्छा लगा मगर फिर उसने मेघा की तरफ देखा तो उसका ध्यान मेरी गांड से हट गया.

फिर मैंने उसे पेट के बल पटका और उसकी चूत के नीचे एक तकिया लगा दिया. चूत लंड लेने की पोजीशन में आ गयी.
मैंने लंड को चूत पर रखा और धक्का देते हुए उसकी चूत में लौड़ा उतार दिया.

उसकी चूत में लंड लेकर एक सुकून सा पहुंचा जिसके बदले में उसने मेरे हाथों को चूम लिया और चूत को और ऊपर करके मेरे लंड को अंदर तक लेने की कोशिश करने लगी.

मैंने भी पूरा जोर लगाकर लंड ठोक दिया और उसकी चूत मारने लगा. फिर मैंने उसकी पीठ पर अपना सारा भार डाल दिया और उसके पेट के नीचे से हाथ ले जाकर चूचे दबाते हुए उसको जोर जोर से चोदने लगा. हम दोनों चुदाई में मग्न हो गये.

उस रात मैंने अंजलि को नॉन स्टॉप काफी देर तक हर पोज़ में चोदा.
अंजलि इस बीच 2-3 बार झड़ चुकी थी. मगर मैं पहले ही गोली खा चुका था. मेरा लण्ड शांत नही हुआ था।

हम वापस रोमांस करने लगे.
अंजलि मेरे ऊपर सीधी लेटी हुई मेरे लण्ड को अपने हाथ से हिला रही थी. मैं उसके दोनों दूध दबा दबाकर बड़े करने में लगा हुआ था.

थोड़ी देर बाद मैंने अंजलि के मुंह को चूत की तरह चोदा और उसका गला माल से भर दिया।


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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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