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राशिदा
#1
राशिदा 

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आपको बता दूं कि मेरी दीदी, जिसका नाम रिया है, उम्र में मुझसे चार साल बड़ी है। बचपन से उसी ने मेरी देखभाल की है। 

मां के जाने के बाद दीदी ने पढ़ाई छोड़ दी थी।
दीदी मुझसे बहुत प्यार करती हैं। वे मेरा मां की तरह ख्याल रखती हैं।


दीदी दिखने में भी बहुत सुन्दर है, एकदम साउथ की हीरोइन कीर्ति सुरेश की तरह दिखती हैं।


मैंने सोचा कि दीदी भी मेरे साथ कॉलेज में एडमिशन ले ले।
तो मैंने दीदी से बात की।
लेकिन वे नहीं मानीं तो मैंने पापा को कहा।


मेरा और दीदी का एडमिशन एक ही कॉलेज में हो गया।
अब दीदी मेरे साथ ही कॉलेज जाती थी।


इस कॉलेज में करोड़पति लोगों के बच्चे ज्यादा थे।
कुछ नेता लोगों के थे।
उनका एक ग्रुप था जिसमें ज्यादातर लंडकियां ही थीं, जो बहुत सुन्दर, सेक्सी और एकदम चालू किस्म की थीं।
सारी लड़कियां बड़े घर की होने के कारण कुछ नशे भी करती थीं।



मेरे दोस्त उन लड़कियों के ग्रुप के मेंबर थे।
वे अक्सर उन लड़कियों के साथ होटल में जाते और चुदाई करते।


उन्होंने मुझे भी ग्रुप में शामिल होने होने को बोला।


मेरा भी मन करता था कि इन सुन्दर-सुन्दर अमीर लड़कियों की चुदाई करूं।
इस लिए मैं उनके ग्रुप में शामिल हो गया।


मैं दीदी से छुपकर उनके साथ घूमता और पार्टी में भी जाता।

इनमें से एक राशिदा नाम की लड़की कॉलेज में सबके सामने मेरे साथ फ्लर्ट करने लगी।
दीदी ने भी ये बात नोटिस की।
तो दीदी ने कई बार मुझे उससे दूर रहने को कहा लेकिन मैं राशिदा की चुदाई करना चाहता था।


एक दिन क्लास रूम में राशिदा मुझे किस कर रही थी कि दीदी ने देख लिया।

दीदी ने मुझे उससे अलग कर एक थप्पड़ मारा और राशिदा को बुरा-भला कहा।
यह बात राशिदा को अच्छी नहीं लगी।




मैंने कहा- दीदी, मेरे सारे दोस्त उनके साथ मजा करते हैं, मैं क्यों नहीं कर सकता?
दीदी गुस्से से बोली- उन गंदी और बेशर्म लड़कियों के साथ क्या मजा आता है तुम्हें, अगर आज के बाद तुम उन लड़कियों के साथ दिखे तो मैं तुम्हारी शिकायत पापा से कर दूंगी।


अगले दिन कॉलेज गए तो आज राशिदा और उसकी सहेलियों ने दीदी को परेशान करना शुरू कर दिया।
अब वे जानबूझ कर मेरे ही पास रहती, मेरे साथ फ्लर्ट करती।


एक दिन राशिदा ने मुझे अपने साथ चलने को बोला तो मैं उसके साथ चला गया।
राशिदा मेरे साथ सेक्स करना चाहती थी लेकिन मैंने उसे टाल दिया।
वैसे मन तो मेरा भी बहुत था लेकिन मुझे दीदी का ख्याल आया तो मैं रुक गया, कि अगर दीदी को पता चला तो वो बहुत नाराज होगी।


मैं राशिदा की कार में घूम कर आ गया।
दीदी ने मुझे राशिदा की कार से उतरते देख लिया तो दीदी ने बहुत डांटा।
मैंने कहा- वो मुझे जिद करके अपने साथ घुमाने ले गई थी। 


अगले दिन दीदी कालेज में राशिदा और उसकी सहेलियों से भिड़ गई और उन्हें मुझसे दूर रहने को कहा।
मैं दूर से दीदी को झगड़ते देख रहा था।


तभी राशिदा ने अपने मोबाइल में दीदी को कुछ दिखाया।
दीदी की आखें बड़ीं और चेहरा शर्म से लाल हो गया।


राशिदा दीदी से कुछ बोलकर चली गई।
तब मैं दीदी के पास गया तो दीदी अपना सिर झुकाए खड़ी थी।


मैंने दीदी से पूछा- क्या हुआ?
दीदी बोली कि आज से कॉलेज में मैं हर समय उनेक साथ ही रहूं।


अब दीदी अपनी सहेलियों को छोड़कर मेरे साथ मेरे बेंच पर बैठने लगी और घर से कॉलेज और कॉलेज से वापस घर तक वो अक्सर साये की तरह मेरे साथ ही रहती।

फिर एक दिन मेरे पास राशिदा का फोन आया, बोली- तूने तो नया बॉडीगार्ड रख लिया है।
मैंने कहा- ऐसा कुछ नहीं है, दीदी नहीं चाहती कि मैं तुमसे मिलूं। 


मैंने राशिदा से पूछा- और कल तुमने ऐसा क्या दिखाया था दीदी को?
वह बोली- हमारे ग्रुप का सेक्स वीडियो था। जिसमें मैं और मेरी सहेलियां लंडकों से गांड चटवा रही थीं। अगर कुछ करना है तो मुझे क्लास के समय कॉलेज के बाथरूम में मिलना।
मैंने भी हां कर दी क्योंकि मेरा भी सेक्स करने का बहुत मन था।


अगले दिन मैं क्लास से दीदी को बाथरूम में जाने का बोल कर चला आया।
एक यही जगह थी जहां दीदी मेरे साथ नहीं आ सकती थी। 


राशिदा मुझे गर्ल्स के बाथरूम में ले गई और वहां उसकी एक सहेली खुशी भी पहले से मौजूद थी। 

वहां राशिदा ने मुझे एक पाउडर की पुड़िया दी और बोली- इसे चाट!
मैंने उससे पूछा- यह क्या है, तो दोनों हंस कर बोली- ये तुम्हें मर्द बना देगी, तुममें घोड़े जैसी ताकत आ जाएगी।
तो मैंने उस पाउडर को चाट लिया।


मुझे अजीब सा महसूस होने लगा।
राशिदा ने अपनी जींस को घुटनों तक उतार लिया और मेरे सामने घोड़ी बन गई।


उसने गुलाबी पैंटी पहनी हुई थी जिसमें उसकी गांड बहुत मस्त लग रही थी, एकदम गोरी और गोल शेप में!
फिर बोली- जल्दी करो अब!


मैंने भी उसकी पैंटी खीच कर नीचे कर दी।
अब उसकी चूत भी मेरे सामने आ गई। 


मैंने कहा- लेकिन मेरे पास कंडोम नहीं है।
वो बोली- कोई बात नहीं, गांड मार लो। 


मैंने उसकी गांड में लंड डाल दिया।
लंड आराम से अंदर चला गया।
राशिदा बहुत चुदी हुई लड़कियों में से थी। 


उस लड़की राशिदा की गांड चुदाई मैंने जमकर की।

मैंने चोदते हुए अपना सारा माल उसकी गांड में उड़ेल दिया।
फिर मैं जल्दी से क्लास में लौट आया। 




दीदी को शक हो गया और बोली- क्या बात है, बहुत समय लगा दिया बाथरूम में?
मैंने कहा- बस, ऐसे ही बाहर घूम रहा था मैं तो!


वे बोली- क्लास के समय बाहर क्यों घूम रहे थे, पढ़ाई करनी है या नहीं?
मैं बोला- बस मेरा मन नहीं था। 


बस फिर दीदी ने कुछ नहीं कहा। 

उस दिन के बाद क्लास के समय मैं रोज ही अब राशिदा की गांड और चूत चोदने लगा। 

अब मुझे धीरे धीरे इसकी लत पड़ने लगी।
वे लोग मुझे रोज वो पाउडर देती थीं और मुझे चुदाई का पूरा मजा आता था।
मैं अब इस सब के बिना एक दिन भी नहीं रह सकता था। 


फिर अचानक राशिदा कॉलेज में से गायब रहने लगी।
मैंने उसकी सहेलियों से पूछा तो उन्होंने बताया कि वह अपने पापा के साथ विदेश घूमने गई हुई है एक महीने की छुट्टी लेकर!


यह सुनकर मेरी तो हालत खराब हो गई और मैं सोचने लगा कि मैं एक महीना बिना चुदाई के कैसे रहूंगा।
मुझे अजीब सी बेचैनी होने लगी।
अब तक मुझे नशे और चूत की लत लग चुकी थी। 


कई दिन तो मैंने मुठ मारकर काम चला लिया लेकिन अब चूत के बिना नहीं रहा जा रहा था।

मैंने राशिदा की सहेली खुशी से कहा कि वह मेरी मदद करे, मेरे साथ सेक्स कर ले।
लेकिन वह भी पूरी रंडी थी, वह पहले तो मानी ही नहीं। 


फिर मैंने उससे मिन्नतें कीं कि वह जो कहेगी मैं करने के लिए तैयार हूं।
ये सुनकर वो मुस्कराई और बोली- सोच लो?
मैंने कहा- सोच लिया, अब मैं बिना चुदाई करे नहीं रह सकता हूं। और मैं किसी लड़की से भी नहीं मिल सकता हूं क्योंकि दीदी हर वक्त मेरे साथ ही रहती है। अब तुम ही मेरी मदद कर सकती हो।


वह बोली- ठीक है, लेकिन तुम्हें मेरी दूसरी सहेलियों को भी चोदना होगा।
यह सुनकर मैं तो और ज्यादा खुश हो गया। 


वह बोली- लेकिन तुम्हें वैसे ही सेक्स करना होगा, जैसे हम कहेंगी। 

खुशी मुझे बाथरूम में ले गई।
वहां पर उसकी और भी सहेलियां थीं जिनका नाम रेणु और प्रीति था। 


खुशी ने कहा कि मुझे उन तीनों को एकसाथ खुश करना होगा।

फिर खुशी ने अपनी जींस पैंट खोल कर पैंटी खींचकर नीचे कर दी और कहा- मेरी गांड को खुश करो।

मैंने अपना लंड निकला और गांड पर लगाया तो खुशी मेरी तरफ मुस्करा कर बोली- ऐसे नहीं।
मैं उसे देखने लगा तो पास खड़ी रेणु और प्रीति भी हंस पड़ीं।


रेणु बोली- ये तो एकदम बुद्धू है। खुशी इसे बताओ कि कैसे खुश करना है।
खुशी मुस्कराते हुए बोली- बहन के लंड, पहले इसे चाट!


मैंने उन लड़कियों के मुंह की तरफ देखा तो तीनों मुस्करा रही थीं।

अब मुझे भी बहुत जोर से चुदाई की तलब लगी थी इस लिए मैंने उसकी गांड चाटना चालू कर दिया।

पहले खुशी, फिर रेणु, और फिर प्रीति … तीनों ने जमकर अपनी गांड चटवाई और एक-एक करके सभी ने मेरे मुंह में पानी भी झाड़ा और मेरे मुंह में ही मूता भी।
उन्होंने मेरा लंड हाथ से हिलाकर मेरा पानी निकलवा दिया।


अब रोज वे मुझे गांड-चूत चटवती और मेरे मुंह में ही पेशाब करती, और अपना चूत का पानी निकालती।

मैं दीदी से दूर रहने लगा।
दीदी मुझ पर नजर रखती लेकिन फिर भी मैं उन तीनों से किसी न किसी तरह मिल ही लेता था।


राशिदा भी आ गई कुछ दिन बाद … अब चारों मेरे साथ सेक्स करने लगीं।

मुझे तो अब इनकी गांड चाटने की लत लग गई थी।
अब पढ़ाई में भी मैं बहुत कमजोर हो गया और शरीर से भी!


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दीदी ये सब नोटिस कर रही थी, दीदी ने कई बार मुझसे बात करने की कोशिश की लेकिन मैं दीदी से कुछ नहीं बोलता था।
तो दीदी ने पापा को भी बोल दिया.


पापा ने मुझे बहुत डांटा क्योंकि मेरे नंबर बहुत कम आए थे जबकि दीदी फर्स्ट डिविजन से पास हुई थी।

एक दिन जब हम चारों सेक्स कर रहे थे तो मैं राशिदा और खुशी की बारी बारी से गांड चाट रहा था

तभी दीदी बाथरूम में आ गईं।
मुझे इस हालत में देख कर वो गुस्से से चिल्लाई। 


मैंने दीदी को नजरंदाज कर दिया तो वे चारों भी हंसने लगीं।


प्रीति बोली- आ जा, मेरा पानी निकलने वाला है, पी ले।

मैं दीदी से बोला- तुम जाओ, मुझे बहुत मजा आ रहा है।
यह बोलकर मैं प्रीति की चूत चाटने लगा।


दीदी ने बाहर चलने के लिए कहा लेकिन उन चारों ने कहा कि अगर मैं बाहर गया तो फिर वे मुझसे कभी नहीं मिलेंगी। 

इतने में रेणु पेशाब करने बैठ गई और बोली- आ, मेरा अमृत पी ले!

मैं उसकी चूत से मूत की धार देखकर पागल हो गया।
मैंने दीदी से अपना हाथ छुड़ाया और रेणु का पेशाब पीने लगा।

दीदी मुझे वहीं पर छोड़कर आ गई।

बी
शाम को जब मैं घर गया तो दीदी खाना बना रही थी।
पापा अभी तक नहीं लौटे थे तो मैं सीधा अपने कमरे में चला गया। 


थोड़ी देर बाद दीदी ने आवाज लगाई- लकी, खाना खा लो!
लेकिन मैं पापा के डर से नहीं गया कि कहीं दीदी ने पापा को वो सब ना बता दिया हो। 


फिर दीदी खाना लेकर मेरे कमरे में आ गई और बोली- खाना खा लो।[Image: 9k29fb.gif]
मैं दीदी को देखकर रोने लगा।



दीदी बोली- पहले खाना खा लो, फिर बात करेंगे।



मैंने दीदी को देखकर कहा- दीदी, आपको क्या हुआ?
दीदी बोली- आज सुबह कॉलेज में जो हुआ, वो ग़लत है। ये सब बंद कर दो।


फिर मैं दीदी के पैरों में गिर गया तो दीदी ने मुझे गले लगा लिया। 

मैं बोला- दीदी, मैंने बहुत कोशिश की ये सब छोड़ने की, लेकिन नहीं कर पाया मैं। मुझे सेक्स की लत लग चुकी है, नहीं रुका जाता मुझसे!

वे बोली- तू कोशिश तो कर, मैं तेरी मदद करूंगी।
फिर मैं दीदी की बात मान गया और सो गया। 


अगले दिन फिर से मेरी हालत खराब होने लगी।
मुझे बार बार सेक्स की याद आ रही थी और साथ ही नशे की भी। 


किसी तरह दिन कट गया।
फिर रात हुई।


दीदी मेरे साथ सोई हुई थी।
मैंने रात में देखा कि दीदी की गांड मेरी तरफ ही थी।


गांड देखकर मैं पागल होने लगा मुझे एनल गर्ल लिक करने का मन होने लगा.
मैं सलवार के ऊपर से ही दीदी की गांड को चाटने लगा। 


वे उठ गई और बोली- यह क्या कर रहे हो लकी! 

फिर मैं होश में आया और मुझे खुद पर बहुत गुस्सा आया।
मैं लंड को निकाल कर उसे खींचने मरोड़ने लगा, कि सब इसी के कारण हो रहा है। 


दीदी ने मुझे रोका और बोली- शांत हो जाओ।
मैं फिर से रोने लगा.
दीदी ने मुझे चुप कराया। 


मैं बोला- मुझे आपको देखकर गंदे ख्याल आ रहे थे। अबकी बार मैं अपनी जान दे दूंगा।
वे बोली- तू ऐसा कुछ नहीं करेगा, शांत हो जा!


इतना बोल कर दीदी ने मेरा लंड पकड़ लिया और मेरे लंड को सहलाने लगी। 

मैंने दीदी को रोकना चाहा पर दीदी बोली- लकी, इससे तुम्हें आराम मिलेगा।

अब मुझे भी मजा आने लगा था।
मैं अपनी आंखें बंद कर लेटा रहा।
दीदी मेरा लंड सहलाती रही।


थोड़ी देर बाद मेरा पानी निकल गया।
दीदी ने अपने दुपट्टे से मेरा लन्ड साफ कर मेरा लोवर ऊपर कर दिया।


अब मुझे रिलेक्स महसूस हो रहा था।

फिर मुझे पता ही नहीं चला मुझे कब नींद आ गई।

सुबह मुझे दीदी ने कॉलेज के लिए तैयार होने का बोल कर उठाया।
अब मैं दीदी से नजरें नहीं मिला पा रहा था।


दीदी बोली- लकी, तू मुझसे सही से बात नहीं कर रहा! रात जो हुआ मुझे उससे कोई दिक्कत नहीं, आखिर एक बहन अपने प्यारे भाई के लिए इतना तो कर सकती है।



अब रात को दीदी मेरे पास सोती और मेरा लंड पकड़ कर मेरा पानी निकाल देती।

धीरे धीरे मेरा मन दीदी को चोदने का करने लगा।
मैं सोचता रहता कि दीदी की उनकी सीलपैक चूत चोदने में कितना मजा आएगा।


मैंने दीदी के प्यार का फायदा उठाकर उनको मजबूर करने की सोची।
तब मैंने दीदी को एक वीडियो दिखाया जिसमें हाथ से लंड हिलाने, या मुठ मारने के नुकसान के बारे में था कि कैसे इससे लंड की नसें कमजोर हो जाती हैं।


वीडियो देख दीदी बोली- तो आज से बंद कर देते हैं ये सब!
फिर मैंने कहा- लेकिन दीदी, मुझे लंड शांत हुए बिना नींद नहीं आती है। 


वे बोली- तो फिर क्या करें! 

मैंने कहा- दीदी, मुझे आपके साथ वो सब करना है।
वे बोली- पागल हो गया है क्या तू?




मैं भी सोने की कोशिश करने लगा लेकिन दीदी की गांड देखकर मुझे नींद नहीं आ रही थी।
तो मैं दीदी की गांड पर हाथ फेरने लगा। 


दीदी ने उठकर मुझे थप्पड़ मारा।
फिर वे उठकर दूसरे रूम में चली गई जिससे मुझे बहुत गुस्सा आया।


मैं जैसे तैसे मन मारकर सोने की कोशिश करने लगा।

अगले दिन फिर मैं दीदी से कॉलेज में दूर रहने लगा।
यह सब देखकर राशिदा और उसकी सहेलियां मेरे आसपास घूमने लगीं।


मैं दीदी को जलाने के लिए उनके पैरों में गिरकर माफी मांगने लगा।
वे बोलीं- आ गई हमारी गांड की याद? 


दीदी ने ये सब देखा और उनके पास से हटने को कहा। 

राशिदा बोली- इतनी ही चिंता है तो अपनी गांड चटवा दे इसको!
दीदी बोली- मैं तुम्हारे जैसी नहीं हूं, मुझे रिश्तों और इज्जत का ख्याल है। 


फिर हम लोग घर आ गए। 

मैंने दीदी से कहा- या तो आप मुझे अपने साथ करने दो, नहीं तो फिर मुझे उनके पैरों में पड़ा रहने दो। 

मेरी बात सुनकर वो रोने लगी और बोली- मैं तेरे साथ नहीं कर सकती। हम भाई-बहन हैं। और अगर तू उन लड़कियों के पास जाएगा तो वे तुझे बर्बाद कर देंगी।
मैं नहीं माना और बोला- मैं अपनी जान दे दूंगा।


फिर मैं घर से बाहर निकल गया और शाम को लौटा।
पापा भी आ चुके थे। 


दीदी खाना बना रही थी।
मैं अपने कमरे में चला गया।


दीदी मुझे खाना खाने के लिए बुलाने आई लेकिन मैंने मना कर दिया कि भूख नहीं है।
वे बोली- नहीं खाएगा तो पापा सवाल करेंगे। 


फिर मैं खाना खाने आ गया।
मैं खाकर फिर रूम में चला गया। 


रात को दीदी मेरे पास आई और मुझे समझाने लगी- अगर किसी को इस बारे में पता चला तो हमारी कितनी बदनामी होगी, हम किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रहेंगे।

मैंने दीदी से कहा- मैं आपसे बहुत प्यार करता हूं और आपको पाना चाहता हूं।

दीदी कुछ देर चुप रही फिर बोली- लकी, इस सब में बहुत खतरा है। अगर मैं प्रेगनेंट हो गई तो?
मैंने कहा- गोली ले लेना, उससे बच्चा नहीं होता।
दीदी बोली- मुझे पता है लेकिन उससे लड़कियां बांझ भी हो सकती हैं। 


मैंने कहा- तो मैं कंडोम लगा लूंगा।
दीदी बोली- नहीं, तुम्हारा भरोसा नहीं है। तुम ऊपर से ही कर लो जो करना है, अंदर नहीं देना। 


यह सुनकर मैं तो खुश हो गया।
मैं पकड़ कर दीदी के होंठों को चूसने लगा।
वे भी मेरा साथ देने लगी। 


धीरे धीरे मैंने दीदी के सारे कपड़े उतार दिए।

अब मैं दीदी की चूचियां दबा कर चूसने लगा।



मैंने दीदी की चूचियां मसल कर लाल कर दीं।

दीदी बोली- लकी, धीरे धीरे करो, मैं कहीं भागी नहीं जा रही।

चूचियां चूसने के बाद मैं दीदी की नाभि चूसने लगा।
दीदी आंखें बंद किए मज़ा ले रही थी। 


अब मैंने दीदी की चूत को देखा।
दीदी की चूत एकदम सील बंद थी; दीदी की चूत छोटी सी, और गुलाबी रंग की थी।


अब दीदी की चूत गीली होने लगी थी।
मैंने अपना मुंह दीदी की सील पैक चूत पर रख दिया और चूत चाटने लगा। 


दीदी एकदम होश में आई और बोली- यह गंदी है, इसे मत चाट!
मगर मैंने दीदी की एक ना सुनी।


दीदी के मुंह से आवाज आती रही- मत चाट … ये गंदी जगह है … आहह … मत चाट … छोड़ दे … आह्ह मर गई।
इतने में दीदी की चूत ने पानी छोड़ दिया। 


मैं दीदी की सील पैक चूत का सारा पानी चाट गया।
उनकी चूत का पानी बहुत स्वादिष्ट था।


वे लंबी सांसें लेने लगी, बोली- अब तो खुश है ना?
मैंने कहा- अभी मेरा पानी नहीं निकला है।
वो बोली- मैं हाथ से कर देती हूं। 


मैंने कहा- नहीं, मुझे मजा नहीं आता।
वे बोली- चूत में तो नहीं डालने दूंगी।
मैंने कहा- कोई बात नहीं, और भी तो छेद हैं उसके अलावा!
तब मैंने दीदी की गांड की ओर इशारा कर दिया। 


वे बोली- नहीं, गंदी जगह है। इससे अच्छा तुम मेरे मुंह में कर लिया करो।
यह बोलकर दीदी मेरा लंड चूसने लगी। 


साथ ही दीदी ने मेरे मुंह में अपनी चूत रख दी।
अब वे मेरा लंड चूस रही थी और मैं उसकी चूत!
हम एकसाथ एक दूसरे के मुंह में झड़ गए। 


मैंने दीदी को कहा- लंड का पानी मुंह में रोक ले।
इधर मैंने भी दीदी की चूत का पानी अपने मुंह में रोक लिया।


फिर हमने लिपलॉक किया और एक दूसरे का पानी पी लिया। 

तब हम लिपटकर सोने लगे।

सुबह मैंने एक बार फिर दीदी को लंड पकड़ा दिया तो दीदी ने मेरे लंड का पानी चूसकर निकाल दिया।
फिर हम कॉलेज चले गए। 


आज मेरा मूड दीदी की गांड मारने का था इस लिए आज मैं जानबूझ कर राशिदा के पास जा रहा था।

दीदी बोली- लकी तुमने वादा किया किया था कि नहीं जाओगे।
मैंने दीदी को कहा दीदी- मेरा मन चुदाई को कर रहा है।


वे बोली- ठीक है, तू उसके पीछे मत जा; मैं तेरा पानी निकाल दूंगी घर जाकर!
मैंने कहा- नहीं, मुझे चुदाई ही करनी है। 


यह बोलकर मैं राशिदा के पीछे बाथरूम में जाने लगा। 

दीदी रोकने लगी तो मैंने कहा- मुझे नहीं पता, मेरा पानी अभी निकलवाओ, नहीं तो राशिदा अपनी गांड खोले खड़ी है अंदर!

तो दीदी मेरा हाथ पकड़ कर मुझे दूसरे बाथरूम में ले गई और मेरी चेन खोल कर लंड बाहर निकाल कर चूसने लगी।
दीदी ने चूस कर मेरा पानी झाड़ दिया और चुपके से वहां से निकल गई।


घर आकर मैं रात होने का इंतजार कर रहा था।

जब दीदी काम खत्म करके रूम में आई तो मैंने उन्हें पकड़ लिया।
मैं दीदी के होंठों को चूसने लगा और उसे जल्दी से नंगी कर दिया। 


मैंने दीदी को पलंग पर लिटा लिया।
मैं दीदी की चूचियों को मसलने लगा।
वे आंख बंद करके सिसकारियां लेने लगी। 


चूचियां चूसने के बाद मैं दीदी की चूत चाटने लगा।
दीदी ने मुझे रोक दिया, दीदी बोली- आज मेरे पीरियड्स हैं, आज यहां भी गंदी है।


यह सुनकर मुझे गुस्सा आ गया।
मैंने दीदी से कहा- आपका कुछ गंदा नहीं, आज तो मैं आपकी टट्टी भी खा जाऊंगा।
इतना बोल कर मैं दीदी की चूत चाटने लगा।
[Image: 9k29ov.gif]


दीदी की चूत से खून और बहुत सारा पानी निकल रहा था।
मैं दीदी की चूत चाटने लगा तो दीदी का सारा शरीर कांपने लगा, बदन पसीने से भीग गया था।


मैंने एकदम से दीदी को उल्टा कर उनके चूतड़ों को फैलाकर उनकी गोरी, चिकनी, गुलाबी गांड के छेद पर अपनी जीभ लगा दी।
दीदी एकदम से हड़बड़ा कर उठ गई।


वे बोली- लकी ये मत करो, ये गंदी जगह हैं। यहां मत मुंह मार!
लेकिन मैंने दीदी की एक ना सुनी और दीदी को पकड़ लिया।


मैंने अपना लंड दीदी की चूत पर रख दिया।
दीदी मुझे रोकती, उससे पहले ही मैंने जोर से दबा कर झटका मारा और मेरा लंड दीदी की सील तोड़ता हुआ अंदर चला गया।


इससे दीदी की जैसे जान निकल गई।
दीदी रो रही थी और मैं दीदी को चोद रहा था। 


उसकी चूत बहुत टाइट थी।
मेरा लंड ज्यादा देर दीदी की चूत की गर्मी नहीं झेल पाया और दीदी की चूत में ही झड़ गया।


जब दीदी को गर्म वीर्य का अहसास हुआ तो वो होश में आई।
वे जोर जोर से रोने लगी।
उन्होंने कहा- लकी, तुमने ये क्या कर दिया! 


दीदी की चूत से खून और वीर्य निकल रहा था।
पीरियड्स के कारण दीदी की चूत से इतना खून और पानी निकाला कि दीदी की गांड के नीचे खून और वीर्य का बड़ा दाग़ बन गया।


वे बोली- तुमने तो मेरी इ ज्जत लूट ली।
फिर वे गालियां देने लगी। 


लेकिन मैंने उनको उल्टी कर कुत्ते की तरह गांड को चाटना शुरू कर दिया। 

दीदी की गुलाबी गांड को चाट चाटकर मैंने साफ कर दिया।
वे पलंग पर उल्टी पड़ी अभी भी रो रही थी। 


मैं दीदी के ऊपर लेट गया और दीदी के चूतड़ों को फैलाकर अपना लंड गांड के छेद पर लगा दिया। 

वे गुस्से में देखते हुए बोली- कुत्ते, अपनी औकात दिखा दी!

इससे पहले वे कुछ और कहती, मैंने एक झटके में दीदी की गांड में लंड घुसा दिया।
वे तिलमिला उठी और चिल्लाने लगी। 


दीदी की गांड फट गई और खून निकल आया।
मैं जोर जोर से गांड चोदने लगा।


फिर कुछ देर बाद वे शांत होने लगी।

तब दीदी बोली- अब बहुत अजीब सा लग रहा है।
लेकिन मैं नहीं रुका और गांड को चोदता रहा।


मेरा वीर्य निकलने वाला था।
चोदते हुए ही मैं दीदी की गांड में झड़ गया और दीदी के ऊपर लेट गया।


वे कराह रही थी।
मैंने उन्हें पकड़ कर सीधी किया। 


फिर मैंने उनके होंठ चूसे और उन्हें बाथरूम में ले गया.

वहां मैंने दीदी की चूत गांड को साफ किया और फिर वापस रूम में लाया।

वे चुदाई के कारण थक गई थी। 

मैं भी फिर चिपक कर लेट गया और हम सो गए।

आधी रात को जब नींद खुली तो देखा दीदी ने गांड मेरी तरफ कर ली थी।

मेरा लंड खड़ा हो गया।
मुझे चुदाई का मन करने लगा।

लेकिन दीदी सोती हुई बहुत सुंदर दिख रही थी।
मुझे दीदी पर बहुत प्यार आया और मैंने उसे नहीं जगाया और मैं दीदी के चूतड़ों में लंड डालकर ऐसे ही सो गया।

समाप्त 



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