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मैं और खाला पूरे गांव से चुद गई
#1
मैं और खाला पूरे गांव से चुद गई






हम लोग किराए की कार लेकर औरंगाबाद जा रहे थे.
गाड़ी में बस मैं और खाला थे.


रास्ते में बहुत सारे गाँव पड़ते थे जिनकी हरियाली देख कर जन्नत का अहसास होता था.

गाड़ी चलाते चलाते जब हम लोग थक गए तो पानी पीने और थोड़ा आराम करने के लिए रास्ते में एक खेत के किनारे रुक गए.

आस पास के सभी खेतों में जुताई चल रही थी और हर खेत में चार पांच आदमी दिखाई पड़ रहे थे.
इतने सारे मजबूत मर्द देखकर मेरी खाला की चूत पनियाने लगी और उसके अरमान जागने लगे.


मैं हंसती हुई बोली- अगर ये सारे मर्द एक साथ आपको चोद डालें तो आपको कैसा लगेगा?
खाला बोली- अरे, ये ख़्याल मुझे क्यों नहीं आया?


मैं बोली- तो अभी भी देर क्या है? मौसम भी है, मौका भी है और आसपास इतने सारे लंड भी है, चुदवा लो जिससे भी जी चाहे!
खाला बोली- जिससे जी चाहे उससे नहीं, मुझे तो सबसे चुदवाना है।


मैं बोली- लेकिन ये होगा कैसे?
खाला बोली- शबनम तू बस देखती जा मेरा कमाल, आज तो बदल जाएगी तेरी भी चाल!


तब खाला कार से नीचे उतरी और उधर ही टहलने लगी.
एक खूबसूरत औरत को देख कर कुछ मजदूर भी पलट कर खाला को देखने लगे थे.


कुछ देर में खाला उस तरफ मुड़ी जिस तरफ मजदूर खड़े थे और अनजान बनती हुई अपनी सलवार उतार कर सड़क के किनारे मूतने लगी.
अब और भी मजदूर खाला को देखने लगे थे.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#2
खाला मूत कर उठी और सलवार का नाड़ा बांधते बांधते मजदूरों की तरफ चली गई.
खाला ने उनसे कहा- हमें बहुत प्यास लगी है, क्या तुम लोग अपना पानी निकाल दोगे?
एक मजदूर ने पूछा- जी, क्या मतलब?
तो खाला बोली- मेरा मतलब, पानी दे दो पीने को!

एक मजदूर ने लोटे में पानी दिया तो खाला ने जानबूझ कर पानी पीते पीते अपने मम्मों पर पानी गिरा लिया.
खाला के गीले कपड़ों में से उसकी काली ब्रा दिखने लगी थी.

एक मजदूर बोला- अरे, आप तो गीली हो गईं।
खाला बोली- हाँ देखो ना, गीली भी हो गई और प्यास भी नहीं बुझी।

मजदूर मुस्कुराते हुए बोला- पीछे खेतों में बड़ा सा कुआं है, उधर आपकी प्यास बुझ जाएगी।
खाला बोली- ना बाबा, मुझे तो अकेले जाते डर लगता है. तुम सब लोग साथ चलो तो ही जाऊंगी।

मजदूर बोला- अरे मेडम, आपकी प्यास बुझाए बिना थोड़े ही छोड़ देंगे आपको, चलिए हम सब आपके साथ चलते हैं।

मैं भी कार से उतर कर खाला के पास आ गई तो मजदूर बोला- और ज्यादा आदमी बुलाने पड़ेंगे क्या?
खाला बोली- जितने ज्यादा आदमी होंगे उतना काम डर लगेगा, जितने आ सकते हैं बुला लो।

यह सुनकर मजदूर ने मुस्कुराते हुए आवाज लगाईं- अरे भीमा, मुन्ना, गुड्डा, छुट्टन, शादाब, लांड्या, हटेला, कटेला, सब लोग जल्दी से आओ, शहर वाली मैडमों की प्यास बुझानी है कुँए के पास!
आवाज सुनकर आस पास के खेतों से मजदूर दौड़ दौड़ कर कुँए के पास इकठ्ठा होने लगे और उनकी इतनी बड़ी तादाद देखकर मेरी तो गांड ही फट गई.

लेकिन खाला आज बड़ी खुश दिख रही थी.

ख़ुशी से ठुमकती हुई मेरी खाला कुएं की तरफ जाने लगी और पीछे पीछे मैं अपनी फटी गांड को समेटती हुई धीरे धीरे चल रही थी.

खाला कुँए के पास पहुंची तो एक लम्बे चौड़े मर्द ने आगे आकर कहा- मेडम, इस फ़ौज में से अपनी पसंद के लोग चुन लो, आपको शिकायत का मौका नहीं मिलेगा।
खाला बोली- मुझे भेदभाव पसंद नहीं है, सबको बराबर मौका मिलना चाहिए।

सुन कर उस आदमी की आँखें फटी की फटी रह गईं.
वह बोला- मेडम, आपके तो चीथड़े उड़ जाएंगे. कुछ आदमी कम कर लो।

खाला हंसती हुई बोली- अरे चीथड़े ही तो उड़वाने हैं. लेकिन तुम कहते हो तो चलो, पीछे खड़े वे दो बुड्ढे आदमी मेरे कम करके मेरी भांजी शबनम की तरफ भेज दो!

मैंने कहा- वाह छिनाल, खुद को ढेर साले मूसल और मुझे टूटे चम्मच? वे नहीं मुझे तो ये गबरू और इसका दोस्त चाहिए.
यह कह कर मैंने दो हट्टे कट्टे मर्दों को अपनी तरफ खींच लिया.

उन मर्दों में से एक ने मेरा दूध पकड़ना चाहा तो मैंने उसका हाथ झटकते हुए कहा- पहले खाला को शुरू हो जाने दो. फिर हम लोग शुरू करेंगे।

सारे मर्द दो जवानी के रस से भरी हुई खूबसूरत औरतों को मसल डालने के लिए पूरी तरह तैयार थे.

लेकिन मेरी खाला को कोई जल्दी नहीं थी.
उसने सब मर्दों से कहा- एक लाइन में आ जाओ और अपने कपड़े खोल लो!

सारे मर्द एक आज्ञाकारी बच्चे की तरह नंगे होकर लाइन में खड़े हो गए.

मैंने देखा कि ज्यादातर के लंड बहुत बड़े और मोटे थे.
अब समझ में आया कि हिन्दुस्तान की आबादी इतनी तेजी से क्यों बढ़ती है.

मेरी खाला पहले आदमी के पास जाकर घुटने पर बैठ गई और उसका लंड चूम लिया … फिर दूसरे का, फिर तीसरे का … इस तरह मेरी खाला ने सभी मर्दों के लंड पर अपनी लिपस्टिक के निशान छोड़ दिए.

फिर पहले मर्द के पास आकर मेरी खाला ने उसका लंड मुंह में लेकर दो-तीन चुस्से मारे, फिर दूसरे का, फिर तीसरे का, इस तरह से मेरी खाला ने हर आदमी के लंड को दो-तीन चुस्से मारे.

खाला ने लंड चूस कर उन लोगों में ऐसी आग लगा दी कि ऐसा करते करते कुछ मर्दों का माल छूट गया और बेचारे लाइन से बाहर हो गए.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#3
मेरी खाला पहले आदमी के पास जाकर घुटने पर बैठ गई और उसका लंड चूम लिया … फिर दूसरे का, फिर तीसरे का … इस तरह मेरी खाला ने सभी मर्दों के लंड पर अपनी लिपस्टिक के निशान छोड़ दिए.

फिर पहले मर्द के पास आकर मेरी खाला ने उसका लंड मुंह में लेकर दो-तीन चुस्से मारे, फिर दूसरे का, फिर तीसरे का, इस तरह से मेरी खाला ने हर आदमी के लंड को दो-तीन चुस्से मारे.

खाला ने लंड चूस कर उन लोगों में ऐसी आग लगा दी कि ऐसा करते करते कुछ मर्दों का माल छूट गया और बेचारे लाइन से बाहर हो गए.

मेरी खाला ने जब उन मर्दों का माल छूटते देखा तो वे गुस्से में भर गई और चिल्ला कर बोली- जिस मादरचोद का लंड छूटने वाला हो वे पहले ही बता देना, ऐसे माल बर्बाद करना हराम होता है.

फिर मेरी खाला ने पहले आदमी के पास जाकर उसके लंड पर अपने मम्मे घिसे, फिर दूसरे, फिर तीसरे, इस प्रकार से सब के लंडो पर खाला ने अपने मम्मे घिसे.
ऐसा करते करते एक बार फिर कुछ मर्दों का माल छूटने लगा तो वे लोग खाला को इशारा करने लगे.

मेरी खाला ने एक एक करके सब के लंड अपने मुंह में लेकर उनका माल अपने मुंह में गिरवाया और बेचारे लाइन से बाहर हो गए.

फिर मेरी खाला ने पहले आदमी के पास जाकर उसके लंड पर अपनी गांड घिसी, फिर दूसरे, फिर तीसरे, इस प्रकार से सब के लंडो पर खाला ने अपनी गांड घिसी.
ऐसा करते करते एक बार फिर कुछ मर्दों का माल छूटने लगा.

एक बार फिर खाला ने उन सबके लंड से वीर्य पिया और बेचारे लाइन से बाहर हो गए.

अब लाइन में कुछ लोग ही रह गए थे जिनके लंड अब भी तने थे और मेरी खाला को फाड़ डालने के लिए सर उठा कर खड़े थे.

मेरी खाला अब एक जगह तन कर खड़ी हो गई और बुलंद आवाज में बोली- आओ मेरे शेरो, टूट पड़ो मुझ पर, मेरी इज्जत लूटो, मेरी गांड मारो, मेरा अंग अंग चोद डालो, फाड़ डालो मुझे!
यह सुनते ही सारे मुस्टंडे मर्द मेरी खाला पर टूट पड़े.

किसी ने उनका कुरता खींचा, किसी ने सलवार फाड़ी, किसी ने ब्रा हवा में उछाल दी और किसी ने चड्डी के कई टुकड़े कर डाले.
मेरी खाला मादरजात नंगी हो चुकी थी.

अब एक सबसे मुस्टंडे मर्द ने मेरी खाला को उठा कर जमीन पर पटका और भचाक से अपना भयानक लंड मेरी खाला के भोसड़े में पेल दिया.

उस आदमी का लंड इतना बड़ा और मोटा था कि खाला का हजारों बार चुद चुका फटा हुआ भोसड़ा भी कुंवारी लड़की की अनछुई चूत सा लग रहा था.

जैसे ही उस मुस्टंडे ने अपना लंड पेला वैसे ही खाला की चीख निकल गई.
लंड घुसने पर मैंने पहली बार खाला को चीखते हुए सुना था वरना तो वे बड़े से बड़े लंड आराम से ले लेती थी.

बाकी आदमी भी अपना हिस्सा चाहते थे तो कोई खाला के मुंह में लंड घुसा रहा था, कोई उसके मम्मों को चोद रहा था तो किसी ने खाला के हाथ में ही अपने लंड दे रखा था.

एक आदमी को जगह नहीं मिली तो उसने खाला के घुटनों के बीच ही अपना लंड फंसा कर चोदना शुरू कर दिया.
कोई आदमी खाला के पैर के पंजे चोद रहा था तो कोई खाला के बालों में लंड फंसा कर ही मजे ले रहा था.

बहुत सारे मर्द शान्ति से अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रहे थे.

मुस्टंडा खाला की चूत को बहुत बुरी तरह ठोक रहा था और थक ही नहीं रहा था.
हर धक्के के साथ खाला पूरी हिल जाती थी.

और मैंने देखा कि अब तो उसकी चूत से खून भी निकलने लगा था.

इधर जिन मर्दों को मैंने चुना था वे भी चुदाई के लिए उतावले हो रहे थे.

मैंने नौटंकी किये बिना शराफत से अपने कपड़े खोल दिए और नंगी होकर घास पर लेट गई.

उन दोनों मर्दों ने भी अपने कपड़े खोले और एक ने मेरी चूत में और दूसरे ने मेरे मुंह में अपने अपने लंड घुसा दिए.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#4
अब उधर मेरी खाला और इधर मेरी भरपूर चुदाई का कार्यक्रम चल रहा था.

जो मर्द मेरी खाला का मुंह चोद रहा था वह अचानक कुछ ज्यादा ही जोर जोर से धक्के मारने लगा.
मेरी खाला का पूरा बदन दर्द में काँप रहा था.

अचानक उस मर्द ने अपना पूरा जोर लगाया और चिंघाड़ते हुए मेरी खाला के मुंह को अपने गाढ़े माल से भर दिया.
वह आदमी अलग हुआ तो मैंने देखा कि मेरी खाला के मुंह से खून निकल रहा था.

मेरी खाला को दो सेकंड का आराम भी नहीं मिला और तुरंत ही किसी और मर्द ने खाला के मुंह में लंड घुसा कर धक्के मारने शुरू कर दिए.
इधर ये दोनों मुस्टंडे भी मेरी चूत और मुंह चोदे जा रहे थे.

एक आदमी ने देखा कि मेरी छातियां बेकार ही खाली पड़ी हैं तो वह मेरे ऊपर बैठ गया और मेरी छातियां चोदने लगा.
सच में आज तो इन लंडों की गर्मी से बहुत ही मजा आ रहा था.

मैंने हाथ से इशारा करके दो और आदमियों को बुलाया और उनके लंड अपने हाथों में पकड़ कर मसलने लगी.
इतना मजा पहले कभी नहीं आया था, ऐसा लग रहा था मानो मैं जन्नत में हूँ.

मैंने देखा कि जिन लोगों का माल निकलने वाला था, उन्होंने खाला के मुंह के आस पास घेरा बना लिया और अपने अपने लंड हिलाने लगे.

खाला ने अपना बड़ा सा मुंह खोला.
और एक एक करके उन लोगों ने खाला के मुंह में अपना सारा माल गिरा दिया.
खाला एक बूँद भी बर्बाद किये बिना हर किसी का वीर्य पूरे प्यार से पीती जा रही थी.

इधर जो आदमी मेरा मुंह चोद रहा था उसने फचाक फचाक करके आठ दस पिचकारियां मारीं और मेरा मुंह अपने माल से भर के अलग हो गया.
उसकी जगह दूसरा आदमी मेरा मुंह चोदने लगा.

जिसका लंड मेरी चूत में था वह भी झड़ने वाला था, उसने भी ना जाने कितनी ही पिचकारियां मेरी चूत में मारीं और अलग हो गया.

लेकिन जो आदमी मेरी खाला को चोद रहा था वे अब भी उसी तेजी से लगा हुआ था.
इस बीच ना जाने कितने ही मर्द मेरी खाला के मुंह में अपना माल गिरा चुके थे.

अचानक वह आदमी भी फारिग होने को आया और तेज तेज धक्के मेरी खाला की चूत में मारने लगा.

मेरी खाला का बदन रुई के गद्दे की तरह हिल रहा था.

उस आदमी ने खाला का मुंह चोद रहे आदमी को हटाया और जोर का झटका लिया.

फिर उसने चूत से अपना लंड निकाला तो खाला की चूत से खून का फवारा भी निकल गया और उस आदमी का सारा बदन खून से भर गया.

उस मुस्टंडे आदमी ने वीर्य की दो तीन पिचकारियां पहले ही खाला की चूत में भर दी थीं.
लेकिन उसके लंड में इतना वीर्य भरा था कि उसने एक बार फिर चूत के पास खड़े खड़े ही वीर्य की पिचकारियां मारना शुरू कर दिया और उसकी धार इतनी तेज थी कि मेरी खाला का सारा चेहरा वीर्य से भर गया.

उस आदमी ने ना जाने कितनी ही पिचकारियां मारीं, उसकी हर पिचकारी गाढ़ी और मलाईदार होती थी और खाला हर पिचकारी को अपने मुंह में कैच करने का प्रयास करती थी.

कई पिचकारियां खाला के मुंह में गईं और कई पिचकारियों से खाला का चेहरा, बाल, गर्दन सब वीर्य से भर गए.

कुछ देर के लिए तो सब लोग आश्चर्य के साथ यह नजारा ही देखते रहे और फिर एक आदमी बोला- दीनू काका बूढ़े हो गए हैं लेकिन आज भी जवानों को मात करते हैं!

तब जाकर मुझे पता चला कि ये गबरू जवान मुस्टंडा असल में बूढ़ा दीनू काका है.
लेकिन हमको क्या, हमें तो चुदने से मतलब है.

एक आदमी बोला- ये छिनाल तो पूरी गन्दी हो गई अब कौन चोदेगा इसको?
दूसरा बोला- अरे पीछे से तो साफ़ है।

बस फिर उन लोगों ने खाला को पलट कर घोड़ी बनाया और एक आदमी ने बिना सोचे विचारे खाला की गांड में अपना मूसल पेल दिया.
खाला की एक बार फिर दर्दनाक चीख निकल गई लेकिन भला उधर कौन सुनने वाला था.

आदमी ने खाला की गांड में धक्के मारने शुरू कर दिए और हर धक्के के साथ खाला की चीख निकलती जा रही थी.

भीड़ में से कोई बोला- भाइयो, जल्दी करो, खेत में बहुत काम बाकी है, मालिक आ गया तो दिहाड़ी नहीं मिलेगी।
यह सुनकर आदमी ने खाला की गांड में बुलेट ट्रेन की गति से धक्के मारने शुरू कर दिए.

इधर मेरी चूत और मुंह भी भर चुके थे तो किसी ने मुझको भी जबरदस्ती पलटाया और मेरी गांड में लंड घुसाने लगा.

मुझे दर्द हो रहा था तो मैं उन लोगों को रोकने की नाकाम कोशिश कर रही थी.

उस आदमी ने मेरी गांड पर ढेर सारा थूक कर उसको चिकना किया और जबरदस्ती जोर लगाया तो उसका लंड मेरी गांड में उतर गया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#5
मुझे भयानक दर्द हुआ लेकिन उन लोगों को हमारे दर्द से कोई मतलब नहीं था, वे तो बस फटाफट हम को चोद कर अपना काम ख़तम करना चाहते थे.

हम दोनों रंडिया चीखती रहीं लेकिन वे लोग हमारी गांड में लंड डाल कर तेज तेज धक्के मारते और फिर जब उनका माल निकलने वाला होता तो हमारे मुंह में पिचकारियां मार मार कर अलग हो जाते.

कुछ देर बाद तो ये हालत हो गई कि किसका लंड घुसा और किसका लंड निकला, पता ही नहीं चलता था.

सुबह से हमने कुछ खाया पिया नहीं था लेकिन वीर्य की पिचकारियां मार मार कर गांववालों ने हमारा पेट गले तक भर डाला था.

जब हमारी गांड मार मार कर गांव वालों ने इसका कुआं बना डाला तो उन लोगों ने मजे लेने के लिए हमारे ऊपर मुठ मारना शुरू कर दिया.

शाम तक हमारी चूत, मम्मे, मुंह, छातियां, बाल, पेट, पीठ, जांघें, पाँव सब खून में मिलेजुले वीर्य से सराबोर हो गए थे.
वे लोग पिचकारी मारते थे और अपने काम पर लौट जाते थे
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#6
मैं घिसट कर खाला के पास पहुंची तो खाला की आँखें बंद थीं और उनका वीर्य और खून से लिसड़ा शरीर हरकत नहीं कर रहा था.

मुझे लगा कि वे मर गई हैं.
मैं रोने लगी लेकिन तभी उसने अपनी आँखें खोल दीं और मुस्कुराती हुई बोली- देखा, ये होती है असली चुदाई … इस पल को जी भर के जी ले क्यूंकि ये मजा जिंदगी में एक बार ही मिलता है!

तब मैं भी खाला के वीर्य से सने मम्मों पर सर रख कर लेट गई और इन भयंकर चुदाई वाले पलों को सोच सोच कर मजे लेने लगी.

जब भी मैं याद करती थी कि किस तरह उन लोगों ने मेरे मुंह में, चूत में, गांड में वीर्य की गर्म गर्म पिचकारियां मारीं तो मेरा दर्द कुछ कम हो जाता था.
कुछ देर हम ऐसे ही लेटी रही.

अँधेरा होने पर हम उठी और नंगी ही कार में जाकर बैठ गई.

मैंने पूछा- खाला, पानी तो नहीं पीना?
तो खाला बोली- नहीं रे, गले तक वीर्य भरा हुआ है, पानी पीने की बिलकुल जगह नहीं है.

हम दोनों ने हंसते हुए अपने बदन साफ़ किये और नए कपड़े पहन लिए.

मैंने पूछा- क्यों खाला, प्यास बुझी या बस छींटे ही पड़े?
खाला बोली- शबनम, आज तो छींटे नहीं बल्कि सुनामी पड़ी है मेरे ऊपर. यही चुदाई तो मैं चाहती थी हमेशा से. आज जाकर मेरे तन और मन को सच्ची राहत मिली है! यह चुदाई तो मुझे जिंदगी भर याद रहेगी. जाने अगली बार कब ऐसे पेट भर कर वीर्य पीने को मिलेगा।

मैंने कहा- आपके चक्कर में मेरी चूत और गांड भी पत्तागोभी जैसी हो गई, अब सारी जिंदगी आदमियों की जगह हाथियों से चुदवाना पड़ेगा।

खाला बोली- अरे अब तो मुझे लंड की जगह पूरा का पूरा आदमी ही अंदर घुसवाना पड़ेगा।
और हम दोनों हंसने लगी.

कई दिनों तक हमारे मुंह से लंड और वीर्य की महक आती रही और हमको अपनी चूत और गांड का इलाज करवाने के लिए सर्जन के पास भी जाना पड़ा.

कुछ दिन बाद पता चला कि खाला की माहवारी नहीं आई है.
डॉक्टर को दिखाया तो पता चला कि खाला माँ बनने वाली है.

स्कैन में पता चला एक साथ ग्यारह बच्चे पैदा होंगे.

खाला ने बताया कि आखरी बार उनके शौहर ने तो दो महीने पहले चोदा था.
इसके बाद चूत में बस दीनू काका का माल ही उतरा था.

इसका मतलब कि इन सभी बच्चों का बाप वे दीनू काका ही है.
अब समझ में आया कि पुराने समय में हिन्दुस्तान की औरतें सौ बच्चे कैसे पैदा कर लेती थीं.

उसी दिन रात को खाला ने अपने शौहर से अपनी चूत चुदवा ली और उसका माल अपनी चूत में ही गिरवा लिया.

अब सारी दुनिया यही समझती है कि खाला के शौहर ने ग्यारह बच्चे पैदा करवा दिए लेकिन बस मैं और खाला ही जानते हैं
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#7
बैक ग्राउंड









मैं घर लौटी तो देखा कि घर का माहौल बदला बदला सा था.
पता चला कि औरंगाबाद वाली खाला को उनके शौहर ने घर से निकाल दिया है क्यूंकि खाला को निकाह के तीन साल बाद भी बच्चा नहीं हुआ है.

मुझे बहुत बुरा लगा क्यूंकि खाला और मेरी उम्र में बहुत ज्यादा अंतर नहीं था और खाला मेरी बहुत अच्छी सहेली थी.
दुनिया भर के लफड़े हम दोनों मिलकर करती थीं.

खाला को भी मेरे सब लफड़े पता रहते थे.
उन्हें यह भी पता रहता था कि मैंने कब कब और किधर किधर मुंह मारा है और मुझे भी पता था कि निकाह के पहले मेरी खाला ने कितने मर्दों की प्यास बुझाई है.

मुझे चिंता हुई कि कहीं दोनों का तलाक ना हो जाए.

तो एक दिन मैंने अकेले में खाला से बात करने का तय किया.

मैंने अकेले में खाला से पूछा- क्या अब खालू आप से प्यार नहीं करते?
तो खाला ने बुझे चेहरे के साथ ही कहा- नहीं रे, वे तो बहुत प्यार करते हैं मुझे!
मैंने पूछा- तो क्या आपके और उनके जिस्मानी रिश्ते ठीक नहीं चल रहे हैं?

इस पर खाला ने कहा- नहीं, ये बात भी नहीं है. वे तो रोज जी भर कर मेरी ठुकाई करते हैं और मैं भी उनका पूरा पूरा साथ देती हूँ.
मैंने पूछा- तो आखिर बात क्या है, आप ऐसी बुझी बुझी क्यों रहती हैं?

खाला की आँखों में आंसू आ गए और वे रुआंसी आवाज में बोलीं- मेरा दर्द ऐसा है कि किसी को बता भी नहीं सकती. किसी को पता चला तो मेरी बहुत बदनामी हो जाएगी.
मैंने कहा- मैं तो आपकी सहेली जैसी हूँ, मुझे कुछ मत छुपाओ. हो सकता है कि मैं आपकी कुछ मदद कर पाऊं.

इस पर खाला ने धीमी आवाज में सुबकते हुए कहा- बात यह है कि तेरे खालू तो मुझे रोज चोदते हैं लेकिन वे मेरी प्यास नहीं बुझा पाते.
आगे खाला ने बताया- तेरे खालू मुझे नंगी करके मुझ पर चढ़ते हैं, मेरे दूध मसलते हैं और मेरी चूत में आठ दस धक्के मार कर अपना माल मेरी चूत में झड़ा कर ठण्डे पड़ जाते हैं. मैं रोज नए नए तरीके से चुदना चाहती हूँ, मैं चाहती हूँ कि तेरे खालू मेरी गांड मारें, मेरे मुंह में अपना माल गिराएं और चोद चोद कर मेरी हालत अधमरी कुतिया जैसी कर दें. मुझे Sexxx बिग सेक्स चाहिए लेकिन तेरे खालू को ये सब पसंद नहीं है.

मुझे यह सब जान कर बहुत दुःख हुआ कि मनमर्जी की चुदाई ना मिल पाने के कारण मेरी खाला मर मर कर जी रही है.

मैं उनकी मदद करना चाहती थी तो मैंने उनसे पूछा- खाला, क्या आपका बाहर किसी के साथ चक्कर चलाने का मन नहीं होता? निकाह के पहले तो आप एकदम रंडी हुआ करती थीं.
खाला ने कहा- निकाह के पहले मेरे कई दोस्त थे और मैंने हजार बार मरवाई होगी लेकिन सच्ची प्यास तो मेरी तब भी कोई नहीं बुझा पाया. और अब निकाह के बाद तो एक ही लंड के भरोसे हूँ तो जिंदगी जहन्नुम हो गई है!

मैंने कहा- खाला, आपका एक चुदाई से कुछ नहीं होगा, आपको अपनी प्यास बुझानी है तो कम से कम सात आठ आदमियों को अपने ऊपर चढ़वाना होगा. तभी आपको कुछ फायदा होगा.
खाला बोली- मुझे कभी कभी लगता है कि काश मेरे तीस चालीस दोस्त होते जो एक साथ मुझे चोद चोद कर मेरी चूत के चीथड़े चीथड़े कर डालते, मेरी गांड का कुआं बना देते और मुझे अपने वीर्य से नहला डालते.

मैंने कहा- आप टेंशन मत लो, मैं कुछ जुगाड़ करती हूँ.
खाला खुश हो गईं और मेरे सीने से लिपट कर अपने बड़े बड़े दूध मेरे मम्मों पर सटा दिए.

फिर मैंने अपने कुछ यारों को फोन किया कि शायद वे मेरी मदद कर पाएं.
मैं चाहती थी कि मेरे चोदू यार जिस बुरी तरह से मुझे चोदते हैं उसी तरह से मेरी खाला को चोद कर उनकी तमन्ना भी पूरी कर दें.

मैंने अपने एक दोस्त पीटर को फ़ोन किया जिसका लंड कोई 8 इंच का मूसल जैसा था और जो किसी भी औरत को लगातार तीन-चार घंटे तक चोदने की ताकत रखता था.
मेरी कई सहेलियों की चुदी चुदाई चूत को भी वे कई बार दर्द दे चुका था.

पीटर से सेटिंग करने के बाद मैंने अपनी खाला को बताया तो खाला बहुत खुश हो गई.
हम लोगों ने एक दिन पीटर के घर पर Sexxx चुदाई का प्रोग्राम बनाया.

तय दिन पर मैं अपनी खाला को लेकर अपने दोस्त पीटर के घर पर चली गई.

जब हम पीटर के घर पहुंचे तो उसने अपनी जीभ मेरे मुंह के अंदर घुसा कर एक जोरदार स्मूच के साथ मेरा स्वागत किया और पहले तो मेरी खाला को ऊपर से नीचे तक घूरा फिर बड़े ही अदब के साथ उनको भीतर बुलाया.

मेरी खाला शर्माती हुई अंदर आई तो मैंने पीटर के सामने ही उनके दूध दबा दिए और जोर से हंसती हुई बोली- खाला शर्माओ मत, थोड़ी देर में इसी पीटर के सामने आपको नंगी होना है.
पीटर यह सुन कर हंस पड़ा और बोला- बेबी, नंगी ही नहीं होना है, जम कर चुदना भी है।

मेरी खाला भी हंसने लगी और आराम से सोफे पर पसर कर बैठ गई.

खाला बोली- पीटर भाई, आप तो बस मेरे चीथड़े उड़ा दो. मैं सारी जिंदगी आपकी गुलाम रहूंगी।
पीटर बोला- खाला जान, मेरे लंड ने कई चुदी चुदाई औरतों की चूत से खून निकाल डाला है. ऊपर वाले ने चाहा तो आपको भी आज पहली चुदाई का दर्द दे दूंगा।

तब पीटर ने हमारे सामने ही दो गोलियां खा लीं और फिर जाकर शराब की बोतल और चखना ले आया और हमने धीरे धीरे पेग उतारने शुरू किये.

मेरी खाला शराब नहीं पीती थी तो वे चुप बैठी रही.
इस पर मैंने कहा- खाला आज पी लो, चुदाई का मजा दुगना हो जाएगा।
यह सुनकर एक गिलास खाला ने भी उठा लिया और चुस्की मारना शुरू कर दिया.

मैं और पीटर तो तीन चार पेग मार चुके थे लेकिन खाला जैसे तैसे एक पेग भी पूरा नहीं कर पाई थी और खाला को सुरूर चढ़ने लगा था.

दारु के नशे में बहकते हुए मेरी खाला बोली- साले भोसड़ी के, दारु ही पिलाता रहेगा या जिस काम के लिए बुलाया है वे भी करेगा?
पीटर हंसने लगा और बोला- चलो मेरी जान, तुम्हारी चूत का बाजा बजाना शुरू करते हैं।
यह कहकर पीटर ने मेरी खाला को सहारा देकर उठाया और सामने पड़े बिस्तर पर ले जाने लगा.

मैं सामने सोफे पर ही बैठी रही.

पीटर ने मेरी खाला को बिस्तर पर बैठाया और उनके बाजू में बैठ कर उनके होंठ चूमने लगा.

खाला दारु के नशे में एक बार फिर बोली- साले रंडी के बच्चे, चूमा चाटी करने बुलाया था क्या?

यह सुनकर पीटर को जोश आ गया और उसने मेरी खाला की सलवार और कुरता खींच कर फाड़ दिए.

मेरी खाला का तराशा हुआ बदन देख कर वे खुद को रोक नहीं पाया और उसको बिस्तर पर गिरा कर खुद खाला के ऊपर चढ़ गया.
पीटर ने मेरी खाला की ब्रा खींच कर फाड़ दी और उसके मम्मों को आजाद कर दिया.
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#8
खाला बोली- पीटर भाई, आप तो बस मेरे चीथड़े उड़ा दो. मैं सारी जिंदगी आपकी गुलाम रहूंगी।
पीटर बोला- खाला जान, मेरे लंड ने कई चुदी चुदाई औरतों की चूत से खून निकाल डाला है. ऊपर वाले ने चाहा तो आपको भी आज पहली चुदाई का दर्द दे दूंगा।

तब पीटर ने हमारे सामने ही दो गोलियां खा लीं और फिर जाकर शराब की बोतल और चखना ले आया और हमने धीरे धीरे पेग उतारने शुरू किये.

मेरी खाला शराब नहीं पीती थी तो वे चुप बैठी रही.
इस पर मैंने कहा- खाला आज पी लो, चुदाई का मजा दुगना हो जाएगा।
यह सुनकर एक गिलास खाला ने भी उठा लिया और चुस्की मारना शुरू कर दिया.

मैं और पीटर तो तीन चार पेग मार चुके थे लेकिन खाला जैसे तैसे एक पेग भी पूरा नहीं कर पाई थी और खाला को सुरूर चढ़ने लगा था.

दारु के नशे में बहकते हुए मेरी खाला बोली- साले भोसड़ी के, दारु ही पिलाता रहेगा या जिस काम के लिए बुलाया है वे भी करेगा?
पीटर हंसने लगा और बोला- चलो मेरी जान, तुम्हारी चूत का बाजा बजाना शुरू करते हैं।
यह कहकर पीटर ने मेरी खाला को सहारा देकर उठाया और सामने पड़े बिस्तर पर ले जाने लगा.

मैं सामने सोफे पर ही बैठी रही.

पीटर ने मेरी खाला को बिस्तर पर बैठाया और उनके बाजू में बैठ कर उनके होंठ चूमने लगा.

खाला दारु के नशे में एक बार फिर बोली- साले रंडी के बच्चे, चूमा चाटी करने बुलाया था क्या?

यह सुनकर पीटर को जोश आ गया और उसने मेरी खाला की सलवार और कुरता खींच कर फाड़ दिए.

मेरी खाला का तराशा हुआ बदन देख कर वे खुद को रोक नहीं पाया और उसको बिस्तर पर गिरा कर खुद खाला के ऊपर चढ़ गया.
पीटर ने मेरी खाला की ब्रा खींच कर फाड़ दी और उसके मम्मों को आजाद कर दिया.

फिर पीटर ने मेरी खाला की चड्डी भी फाड़ दी और खुद भी मादरजात नंगा हो गया.

अब पीटर ने खाला के मम्मों को दबाना, मसलना और चूसना शुरू कर दिया.

मेरी खाला भी हवस की आग में जलती हुई जोर जोर से कराहने लगी और पीटर के कपड़े फाड़ते हुए बोलने लगी- आह, रंडी बना दे मुझे, अपने लंड से मेरा मुंह चोद डाल, गांड फाड़ दे मेरी!

खाला ने पीटर का नाईट गाउन उतार फेंका.
अब पीटर हमारे सामने बस एक अंडरवियर में था.

खाला ने पीटर के सीने को चूमना शुरू किया और उसके आगे घुटनों पर बैठ गई.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#9
पीटर की चड्डी में तम्बू तना हुआ था जिसको पहले तो खाला ने बाहर से ही चूमा और फिर एक झटके से चड्डी नीचे कर दी.

जैसे ही खाला ने चड्डी नीचे खींची वैसे ही पीटर का लंड स्प्रिंग की तरह उछला और जोर से खाला की नाक से टकराया.
खाला ने दोनों हाथों से पीटर का लंड पकड़ा और प्यार से उसपर एक चुम्मा दे दिए और उसके टोपे पर अपनी जीभ फिरना शुरू कर दिया.

कुछ देर तक जीभ से पीटर के लंड के टोपे को सहलाने के बाद खाला ने लंड अपने मुंह में घुसा लिया और जोर जोर से अंदर बाहर करने लगी.

यह देख कर मैं भी बुरी तरह से गीली हो गई थी और मेरा मन कर रहा था कि खाला की गांड पर लात मार कर उसको भगा दूँ और खुद ही पीटर से चुदवा लूँ.
लेकिन में उनके रंग में भंग नहीं करना चाहती थी इसलिए मैंने अपनी जीन्स उतारी और उंगली से खुद को चोदना शुरू कर दिया.

उधर जब पीटर का लंड खाला के थूक से एकदम चिकना हो गया तो खाला ने अपनी चूत फैला ली और पीटर से अपना लंड घुसाने का इशारा किया.

अब पीटर ने अपना मूसल मेरी खाला की चूत पर रखा और एक जोरदार झटका दिया.

खचाक के साथ उसका विशाल लंड मेरी खाला की गोरी गोरी चूत में लगभग आधा घुस गया और मेरी खाला की बिग सेक्स से दर्दभरी जोरदार चीख निकल गई- हाय मार डाला मादरचोद के बच्चे ने … चुदी चुदाई औरत को चोद दिया।

अब पीटर ने थोड़ा और जोर लगाया और बचा हुआ लंड भी खाला की चूत में पेल दिया.
खाला की आँखों में आंसू आ गए लेकिन पीटर को दया नहीं आई.

पीटर मेरी खाला के रोने चीखने की परवाह किये बिना ही उनकी चूत में अपना लंड अंदर बाहर करने लगा.

खाला चीखने लगी- बाप रे, लंड है या लोहे का खम्भा है? इस लंड से तो मेरा सारा खानदान चुद जाएगा।

कुछ देर तक चोदने के बाद शायद खाला की चूत ढीली हो गई थी क्यूंकि उनका चीखना चिल्लाना बंद हो चुका था और वे भी अपनी गांड उछालने लगी थी.

काफी देर तक पीटर मेरी खाला को रंडी की तरह चोदता रहा और मेरी खाला भी पीटर के लंड के नीचे लेटी लेटी चुदाई के मजे लेती रही.

लगभग आधा घंटा चूत चोदने के बाद पीटर ने अपना लंड बाहर निकाला और खाला को कुतिया बनने को कहा.

वे घुटनों पर आ गई और अपनी गांड ऊपर उठा ली.

खाला की गांड का छेद देख कर पीटर बोला- ये तो बहुत छोटा है, किसी ने गांड नहीं मारी क्या आज तक?
खाला बोली- कॉलेज में एक बार मरवाई थो तो बहुत दर्द हुआ था, तब से किसी से नहीं मरवाई. आज तुम बिना रहम किये मेरी गांड मार लेना!

पीटर मेरे पास आया और मुझसे अपने लंड पर थूकने को कहा.

मैंने अपनी चूत में उंगली करते करते ही पीटर के लंड पर ढेर सारा थूक दिया.

पीटर ने मेरा थूक अपने लंड पर मल कर उसे चिकना किया और खाला की गांड पर टिका दिया.

फिर पीटर ने हल्का सा धक्का लगाया तो उसका लंड हल्का सा गांड में घुस गया और खाला की जोरदार चीख निकल गई.
खाला चीखते हुए बोली- रुक जा मादरचोद, एक मिनट सांस ले लेने दे फिर घुसा लेना!

लेकिन पीटर ने आव देखा ना ताव और भक्क से अपना सारा लंड खाला की गांड में पेल दिया.

खाला बुरी तरह से चीख पड़ी और छटपटाने लगी लेकिन पीटर पर कोई असर नहीं हुआ.
उसने अपना लंड आधा बाहर निकाला और एक बार फिर पूरा का पूरा मेरी खाला की गांड में पेल दिया.

अब पीटर ने धीरे धीरे अपना लंड हिलाना शुरू किया और खाला भी रोते रोते उसका साथ देने लगी.

कुछ देर रोने के बाद खाला आहें भरने लगी और गांड उचका उचका कर पीटर से मरवाने लगी.

लगभग पौने घंटे तक लगातार गांड चोदने के बाद पीटर ने अपना लंड बाहर निकाला और मेरी खाला के मुंह पर लाकर हिलाने लगा.
खाला ने लंड पकड़ा और अपने मुंह में डाल लिया.

तब खाला लंड ऐसे चूस रही थी जैसे भूखे बच्चे को लॉलीपॉप मिल गया हो.

अचानक पीटर का बदन झटके खाने लगा और पीटर अपना लंड मेरी खाला के मुंह से बाहर निकालने लगा.
शायद उसका पानी निकलने वाला था.

लेकिन मेरी खाला भी पीटर को लंड अपने मुंह से बाहर निकालने नहीं दे रही थी और सड़क छाप छिनाल की तरह उसके लंड को चूसे जा रही थी.

इसी छीना झपटी में पीटर की पिचकारी छूट गई.
दो तीन जोरदार बड़ी बड़ी पिचकारियां खाला के मुंह में ही निकल गईं और पीटर के लंड बाहर निकालते निकालते कुछ पिचकारियां मेरी खाला के चेहरे और बालों पर छूट गईं.
मेरी खाला के चेहरे से लेकर बालों तक माल की लम्बी और गाढ़ी लकीरें खिंच गईं और मेरी खूबसूरत खाला का चेहरा पीटर की मलाई से और भी खूबसूरत और चमकदार लगने लगा था.
खाला के बालों पर गिरा हुआ वीर्य बहते हुए उनके कंधों तक आ गया था.

मैं अपनी चूत में उंगली करना बंद करके उठी और अपनी खाला के पास आ गई.
मैंने खाला के कंधे से लेकर गर्दन तक अपनी जीभ फेरी और बहते हुए वीर्य को अपनी जीभ में समेट लिया.
फिर मैंने खाला के चेहरे को अपनी जीभ से चाट डाला और पीटर का गाढ़ा मलाईदार वीर्य अपने मुंह में समेट लिया.

यह देख कर मेरी खाला को गुस्सा आ गया और वे बोली- साली भाईचोद रंडी, मेरे माल पर नजर डालती है!

कहते हुए खाला ने पूरी ताकत से मेरी गर्दन नीचे झुका कर मेरे बाल खींच दिए तो मेरा मुंह खुल गया और मेरे मुंह में भरा हुआ वीर्य जमीन पर गिर गया.
खाला किसी भूखी कुतिया की तरह जमीन पर पड़ा हुआ वीर्य चाटने लगी और सारा फर्श साफ़ कर डाला.
लेकिन खाला की भूख अभी भी नहीं मिटी थी तो खाला पीटर की तरफ लपकी.

पीटर लगातार खाला का भोसड़ा खोदने के कारण थक चुका था और अधमरे कुत्ते की तरह जमीन पर हांफ रहा था.
उसका बड़ा मोटा लंड किसी मासूम चूहे जैसा लटक चुका था और उस पर वीर्य की बची खुची बूँदें मोतियों की तरह चमक रही थीं.

खाला ने उसका अधमरा लंड पकड़ा और बुरी तरह चूस कर बचा खुचा वीर्य भी पी लिया.

मेरी खाला का रंडीपना देख कर पीटर घबरा कर बाहर भाग गया.

कुछ देर में हम लोगों ने भी अपने बदन से पीटर का वीर्य साफ़ किया, अपने कपड़े पहने और घर आ गए.

मैंने खाला से हँसती हुई कहा- और सुनाओ रंडी खाला, आज की गांडफाड़ चुदाई से प्यास बुझी या नहीं?
खाला भी हँसती हुई बोली- अरे प्यास किधर बुझी, समझो कुछ बूँद बारिश भर हुई है बदन पर!

यह सुनकर मैं तो हक्की बक्की रह गई और बोली- अरे छिनाल, इतनी चुदाई के बाद और क्या चाहिए? कोठे पर ही क्यों नहीं बैठ जाती? दिन भर चुदवाती रहना!
खाला बोली- अरे कोठे पर भी तो एक एक करके ग्राहक आते हैं, मैं तो चाहती हूँ कि जिस गली से निकलूं उस गली के सारे मर्द मिलकर मुझे चोद दें, जिस मोहल्ले से निकलूं उस मोहल्ले के सारे मर्द मिलकर मुझे चोद दें, फुटबाल स्टेडियम में जाऊं तो सारा स्टेडियम मिलकर मुझ पर चढ़ जाए.

मैं बोली- बाप रे, ऐसी भयानक चुदास तो बम्बई में नहीं मिट सकती. मेरे साथ वापस औरंगाबाद चलो, उधर कुछ चक्कर चला कर तुम को ऐसा फाड़ेंगे कि कोई डॉक्टर नहीं सिल पाएगा।

खाला मुझसे कस के लिपट गई और एक चुम्मा देती हुई बोली- अरे शबनम, अगर तूने मुझे फड़वा दिया तो अपनी सारी जायदाद तेरे नाम कर दूंगी।

कुछ दिन बाद हमने औरंगाबाद वापस लौटने का प्लान बनाया और घर वालों को छोड़ कर निकल गए.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#10
Good story
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