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मौसी की चुदाई का सपना पूरा हुआ
#1
मौसी की चुदाई का सपना पूरा हुआ




बी

वी
अब मैं आपको मौसी के बारे में बताता हूं. मेरी मौसी 36 साल की है. उनका एक बेटा भी है. मौसी का फिगर 34-28-32 का था। मैं उसके रूप के साथ उसकी सेक्सी बॉडी का भी दीवाना था। 

उसके शरीर में सबसे ज्यादा उत्तेजित करने वाला भाग उसका सीना था. हां दोस्तो, मौसी के बूब्स इतने मस्त थे कि उनको देखकर ही लंड खड़ा हो जाता था। 

मौसी के बारे में सोचकर मैं कई बार मुठ भी मार चुका था। कई बार मैं बहाने से मौसी की गांड को भी टच कर चुका था.
जब भी मैं मौसी के घर जाता था तो उसकी गांड को बहाने से टच कर देता था. वो कुछ नहीं बोलती थी।
मगर इससे आगे बढ़ने की हिम्मत मेरी अब तक नहीं हुई थी.


पहले तो मैं अक्सर अपनी मौसी के यहां जाता रहता था लेकिन फिर जैसे जैसे मैं कॉलेज की पढ़ाई में व्यस्त होने लगा तो मेरा वहां जाना कम होने लगा. 

अभी मैं दिसम्बर 2019 में मौसी के यहां पर गया था। उस वक्त मेरे एग्जाम खत्म हुए थे और मुझे एक प्रोजेक्ट के लिए एक फैक्ट्री में जाना था.

संयोग से वो फैक्ट्री मौसी के घर के बहुत पास थी. 

मैंने मौसी को पहले ही बोल दिया था कि मैं उनके घर रुकने के लिए आऊंगा.
मौसी ने भी हां कर दी थी.


उसी वक्त मेरे मन में मौसी की चुदाई का विचार चल रहा था। 

उस दिन फिर मैं सुबह में 10 बजे मौसी के यहां पहुंच गया. उस वक्त तक मौसा अपने काम पर चुके थे.
मेरी मौसी का लड़का अपने कॉलेज की तरफ से नेशनल पार्क को देखने गया हुआ था। 


मेरे जाने पर मौसी मुझे देखकर खुश हुई और उसने मेरा अच्छे से स्वागत किया. फिर वो मरे लिए कुछ खाने के लिए लाने गयी और मैं टीवी देखने लगा। 

फिर वो मेरे लिये नाश्ता लेकर आयी. खाना पीना होने के बाद मौसी और मैंने घर के बारे में बातें कीं.
मैंने अपने घर के बारे में बताया और मौसी के घर के बारे में पूछा. 

[Image: 9ib6jq.gif]

हमें बैठे हुए 2 घंटे हो गये. इस बीच बहुत सारी बातें हुईं और मैं और मौसी उसी संबंध को महसूस करने लगे जो कुछ वक्त पहले मेरे और मौसी के बीच में था जब हम एक दूसरे के साथ खूब मस्ती मजाक करते थे। 

उसके बाद मौसी किचन में खाना बनाने के लिए चली गयी. कुछ देर तो मैं टीवी देखता रहा और फिर मैं भी किचन में चला गया।

मैं यहां वहां घूमते हुए मौसी की गांड को छेड़ने लगा.
एक दो बार मैंने हाथ मारा तो मौसी मुस्कराने लगी.


अब मेरी थोड़ी हिम्मत बढ़ी तो मैं मौसी के पीछे जाकर ही खड़ा हो गया.
मैंने मौसी की गांड पर लंड को टच करवा दिया. 


वो बोली- तू ज्यादा होशियार मत बन. मैं सब जानती हूं.
मैंने कहा- मजाक ही तो कर रहा हूं मौसी!
वो बोली- ऐसे मजाक बीवी के साथ अच्छे लगते हैं मौसी के साथ नहीं। 


फिर मैंने सोचा कि कहीं मौसी गुस्सा न हो जाये इसलिए मैंने ज्यादा कुछ नहीं किया.

मगर मेरा लंड पूरा तन गया था. मेरी पैंट में साफ देखा जा सकता था कि मेरा लंड कैसे तना हुआ है। 

मौसी ने भी मेरे लंड को देख लिया था लेकिन उसने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की.
वो चुपचाप सब्जी बनाने में लगी रही.


फिर मैं दोबारा से हॉल में चला गया. 

थोड़ी देर के बाद मौसी रोटियां बनाने लगी. फिर उसने खाना परोसने की तैयारी शुरू कर दी. उसने टेबल पर सब्जी लाकर रख दी.
फिर वो जब दोबारा गिलास में कुछ लाने लगी तो एकदम उसका पैर किचन के दरवाजे की चौखट में ठोकर से टकरा गया और वो धड़ाम से नीचे जा गिरी। 


गिलास की सारी लस्सी फर्श पर फैल गयी और मैं मौसी को उठाने दौड़ा.
मैंने सहारा देकर उसे उठाया और फिर उसको धीरे धीरे उसके रूम में ले गया. मैंने वहां जाकर उसे लिटाया और उससे चोट के बारे में पूछा. 


गिरने से मौसी की कमर में झटका आ गया था.
वो बोली- बहुत दर्द हो रहा है विहान, मेरी कमर का पहले ही इलाज चल रहा था और आज ये झटका और लग गया ऊपर से। 


मैं बोला- मैं डॉक्टर के पास ले चलूँ आपको मौसी?
वो बोली- नहीं, डॉक्टर के पास तो तेरे मौसा ले जायेंगे. अभी तू अलमारी से बाम निकाल कर ले आ. वह बहुत असरदार है. फिलहाल के लिए मेरा दर्द कम हो जायेगा. 


मौसी के कहने पर मैं अलमारी से बाम निकाल कर ले आया। मौसी ने अपनी साड़ी कमर से हटा दी.
मैं बाम लगाने लगा तो उसके पेटीकोट के पास से साड़ी बीच में आने लगी क्योंकि उनको दर्द उनकी गांड के बिल्कुल पास रीढ़ की हड्डी में था।


वो हाथ लगाकर बताने लगी.
[Image: 9ib6q4.gif]
तो मैंने कहा- वहां तक मेरा हाथ नहीं पहुंच रहा है.
वो बोली- रुक, मैं पेटीकोट को थोड़ा ढीला कर लेती हूं. 


मौसी उठी और उसने अपनी साड़ी को खोलकर पेटीकोट से बिल्कुल अलग कर दिया.
फिर उसने अपने पेटीकोट का नाड़ा खोला और उसको हल्का सा नीचे सरका लिया. 


पेटीकोट उतना नीचे तो नहीं था कि मौसी के चूतड़ ही दिखने लगें लेकिन जहां से मौसी की गांड की दरार शुरू होती थी वहां तक का भाग जरूर दिख रहा था. 

वो बाईं करवट लेकर लेटी हुई थी और मैं उसके पीछे बैठा हुआ उसकी कमर पर बाम लगाने लगा. अब मेरे हाथ मौसी के चूतड़ों के ऊपर वाले भाग को भी छूकर आ रहे थे.

धीरे धीरे मेरे मन में फिर से मौसी के लिए वासना जागने लगी जो कुछ देर पहले मौसी के गिर जाने के कारण शांत हो गयी थी.
मैं अब मालिश करने की बजाय मौसी की गांड को सहलाने पर ध्यान देने लगा. 


ऐसे ही मालिश करते हुए मेरे हाथ मौसी के चूतड़ों को हल्का हल्का दबाने लगे.
उसे शायद अभी दर्द हो रहा था इसलिए वो ध्यान नहीं दे रही थी।
करते करते मेरा हाथ अब मौसी के चूतड़ पर अंदर तक पहुंचने लगा.


मुझे पता लगा कि मौसी ने नीचे से पैंटी भी नहीं पहनी थी।
मैं धीरे धीरे अब मौसी के पूरे चूतड़ पर हाथ फिराने लगा।


मेरा लंड खड़ा हो गया था और अब मन कर रहा था कि मैं मौसी की गांड की दरार में भी हाथ से सहलाऊं. 

उसकी गांड के छेद को सहलाने का मन कर रहा था लेकिन अभी मैं पूरा आश्वस्त नहीं था कि मौसी उनकी गांड को छूने पर मुझे कुछ नहीं कहेगी।

इसलिए मैंने मौसी के चूतड़ों को दबाकर देखा.
पहले मौसी कराह रही थी लेकिन अब उसकी कराहटें बंद हो गयी थीं. शायद बाम ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया था. मैं अब मौसी की कमर से लेकर उनके चूतड़ों तक की मालिश कर रहा था. 


पेटीकोट का नाड़ा खुला ही हुआ था और अब पेटीकोट आगे की तरफ से भी नीचे सरक गया था यानि कि मौसी की चूत अब लगभग उजागर होने की कगार पर थी. 

मेरा हाथ आगे चूत की ओर बढ़ना चाह रहा था लेकिन उससे पहले ही मौसी ने अपने ब्लाउज के हुक खोलने के लिए कहा.
वो बोली- थोड़ी सी मालिश मेरे हुक खोलकर कंधे पर भी कर दे. मेरे कंधे पर भी थोड़ी लग गयी थी। 


शायद मौसी गर्म हो रही थी.

मैंने वैसा ही किया. उनका ब्लाउज खोल दिया और पाया कि नीचे से मौसी ने अपनी चूचियों के ऊपर ब्रा भी नहीं पहनी थी. 

अब मैं मौसी की पीठ से लेकर नीचे कमर की मालिश करते हुए उसकी गांड की दरार तक अपनी उंगलियां चलाने लगा. बीच बीच में मेरे हाथ मौसी की चूत की ओर भी बढ़ जाते थे लेकिन चूत गहराई में थी इसलिए चूत को छूना संभव नहीं हो पा रहा था. 

मौसी अब धीरे धीरे आहें भरने लगी थी. उसकी सांसें काफी गहरी हो गयी थीं.



मैं उसकी पीठ की मालिश करते हुए उसकी चूचियों तक हाथ पहुंचाने की कोशिश में लगा था. 

अब मौसी कुछ बोल नहीं रही थी बस गर्म गर्म आहें भरने लगी.
जब उससे रुका न गया तो वो मेरी तरफ पलटकर सीधी हो गयी. अब उसका ब्लाउज उसके सीने से सरक गया और मौसी की मोटी मोटी चूचियां नंगी हो गयीं. 


मैं एकदम हैरान रह गया. मुझे उम्मीद नहीं थी कि मौसी अपनी चूचियां ऐसे मेरे सामने नंगी दिखा देगी.

मैंने नजर फेर ली और बोला- सॉरी मौसी.
वो बोली- सॉरी की क्या बात है, इतनी देर से तू परेशान हो रहा था. अब आराम से जहां चाहे मालिश कर ले.
मैं बोला- नहीं, सॉरी मौसी, आप गुस्सा हो जाओगी.


जब उसने देखा कि मैं डर रहा हूं तो उसने खुद ही मेरे हाथ पकड़ कर अपनी चूचियों पर रखवा दिये और बोली- अब आराम से कर ले मालिश. मुझे अच्छा लग रहा है। 

मैंने मौसी के चेहरे को देखा तो वो मुस्करा रही थी. मैंने फिर धीरे धीरे मौसी की चूचियों को सहलाना शुरू किया. उनके बड़े बड़े पहाड़नुमा चूचे मेरे हाथों समा भी नहीं रहे थे. 

दोनों हाथों से मैं मौसी की चूचियों को मलीलने लगा जैसे रोटियों के लिए आटा गूंथा जाता है.
मौसी सिसकारने लगी.
उनकी सिसकारें सुनकर मुझे भी जोश चढ़ने लगा। 


मैं चूचियों से होते हुए अब हाथ को पेट और नीचे मौसी की चूत के ऊपर तक सहलाने लगा.
फिर धीरे धीरे मेरी उंगलियां मौसी की चूत को छूकर भी आने लगीं. 


अब मौसी ने अपनी जांघें थोड़ी और चौड़ी कर लीं. इशारा मेरे लिये साफ था. मैंने अपने हाथ को पूरा मौसी की चूत पर रगड़ दिया और मौसी की छोटे बालों वाली चूत को मैंने हथेली से सहला दिया. 

एकदम से मौसी सिसकारी और उसका हाथ मेरे लंड पर आ गया. वो मेरे लंड को मेरी पैंट के ऊपर से ही पकड़ कर दबाने और सहलाने लगी.
मुझे भी सेक्स का जुनून चढ़ गया और मौसी की चूत में उंगली दे दी. 


उसकी चूत में उंगली गयी तो अंदर से चूत गीली और काफी गर्म महसूस हुई. मैं चूत में उंगली करने लगा तो मौसी सिसकारते हुए उठी और मेरे सिर को झुकाकर मुझे अपने ऊपर लिटाते हुए मेरे होंठों को चूसने लगी. [Image: 9ib6uk.gif]

मैं भी मौसी की चूत में उंगली करता हुआ उसके होंठों को चूसने में लग गया.
हम पांच मिनट तक होंठों के रस को खींचते रहे और मेरा हाथ मौसी की चूत पर खेलता रहा। 


अब मौसी एकदम से चुदासी हो चुकी थी. वो मेरे हाथ को अपनी चूत पर जोर से दबा रही थी ताकि मेरी उंगली उसकी चूत में और ज्यादा मजा दे.
मैंने अब होंठों को छोड़ा और मौसी की चूचियों को मुंह लगाकर पीने लगा. 


वो मेरे सिर को सहलाने लगी और मेरे चूतड़ों पर हाथ फिराने लगी. फिर मैं चूचियों से होता हुआ नीचे पेट पर चूमकर नीचे चूत पर पहुंचा.
मैंने मौसी का पेटीकोट खींचकर उसे नीचे से भी पूरी नंगी कर दिया.


अब मौसी मेरे सामने टांगें खोले पूरी नंगी पड़ी थी.
मैंने पल भर की देर किये बिना ही उसकी चूत पर जीभ रख दी और चाटने लगा.


वो सिसकारने लगी- आह्ह … विहान … आह्ह … उईई … ओह्ह … चूस जा इसे … आह्ह … अंदर तक चोद दे। 

मैं मौसी की चूत को खाने लगा और फिर मेरा कंट्रोल भी छूटने लगा. मैं अब अपने लंड को और नहीं तड़पा सकता था. मैंने झट से अपने कपड़े खोल फेंके और पूरा नंगा हो गया. 

इतनी देर से तनाव में रहकर मेरे लंड का बुरा हाल हो गया था. वो पूरा गीला हो गया था.

मैंने अपने लंड को अंडरवियर से पौंछा और फिर मौसी के मुंह के सामने कर दिया. 

मुझे पता नहीं था कि मौसी कैसे प्रतिक्रिया देगी लेकिन फिर उसने मेरे चेहरे की हवस को देखा और अपना मुंह खोलकर मेरे लंड को अंदर ले लिया.
मैं मौसी के मुंह को चोदने लगा. 


मौसी मेरे लंड को गले तक लेने लगी. मैं भी मौसी के गले में पूरा अंदर तक लंड उतार देना चाहता था.

फिर वो खांसने लगी और मेरा लंड बाहर निकाल दिया. 

अब वो उठी और एक बार फिर से मेरे होंठों को चूसने लगी. फिर उसने धीरे धीरे मेरी गर्दन को चूमते हुए मुझे नीचे लिटा लिया और मेरी पूरी बॉडी को चूमने लगी. 

मुझे पूरे बदन में गुदगुदी हो रही थी. मौसी ने मुझे छाती पर चूमा, मेरी चूचियों के निप्पलों को चूसा और फिर पेट पर चूमा. उसके बाद वो नीचे लंड की ओर जाने लगी और उसने घूमकर अपनी गांड मेरे मुंह की ओर कर दी.

मैं समझ गया कि मौसी क्या चाहती है. मैंने उसकी चूत में मुंह लगा दिया और नीचे से वो मेरे लंड को चूसने लगी. मैं सोच नहीं सकता था कि मौसी इतनी अच्छी खिलाड़ी निकलेगी. 

दोस्तो, अब मैं स्वर्ग में था. मैंने तीन चार मिनट तक लंड चुसवाया और मौसी की चूत को चूसा. अब मैं चूत चोदने के लिए बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गया. मैंने मौसी की टांगों को फैलाया और अपना लंड मौसी की चूत पर रख दिया. 

[Image: 9ib6zc.gif]

लंड लगाकर मैंने एक धक्का दिया तो गच्च से लंड मौसी की चूत में उतर गया. इतनी देर से मौसी की चूत गीली हुई पड़ी थी और मेरे लंड पर भी मौसी ने ऊपर से नीचे तक अपनी लार चिपका दी थी.

लंड को अंदर डालकर मैं मौसी के ऊपर लेट गया और उसकी चूत में धक्के लगाने लगा. अब मेरे मुंह से भी आह … आह … मौसी … ओह्ह … हम्म … ओह्ह … मौसी … करके कामुक आवाजें आ रही थीं. 

मौसी ने अपनी टांगों को मेरी कमर पर लपेट लिया और मेरी गर्दन को चूमते हुए चुदने लगी. मैं भी उसकी चूत की चुदाई मैं जैसे खो सा गया. मैंने आंखें बंद कर लीं और चूत चोदने का पूरा मजा लेने लगा.

हम दोनों के जिस्म एक दूसरे की तरफ धक्के मार रहे थे. मैं मौसी को चोद रहा था और वो बदले में धक्के लगाकर जैसे मुझे अपनी चूत से चोदने की कोशिश कर रही थी। 

20 मिनट तक हमारी यह चुदाई चलती रही.
मेरा माल निकलने को हुआ तो मैंने मौसी से पूछा- कहां निकालना है?
तो मौसी ने कह दिया कि अंदर ही निकाल दे. 


उसके कुछ धक्कों के बाद ही मेरा वीर्य निकल गया और मैं मौसी की चूत में झड़कर उसके ऊपर ही लेट गया.
मेरा लंड मौसी की चूत के अंदर ही था.


वो मेरे बालों को सहला रही थी. 

फिर वो सहलाते हुए बोली- जिन्दगी में पहली बार मुझे सेक्स में ऐसी संतुष्टि मिली है।


मैंने पूछा- मौसी तुम कब झड़ीं?[Image: 9ib8wo.gif]
वो बोली- जब तू मेरे होंठों को चूसते हुए मेरी चूत को तेजी से चोदने में लगा हुआ था. 



इस बात पर मैंने मौसी के होंठों को चूम लिया और फिर वो भी मेरे बदन को अपनी बांहों में कसते हुए मुझे चूमने लगी.

हमने एक लम्बा स्मूच किया और फिर अलग हो गये। 

वो बोली- तेरा स्टेमिना तो बहुत अच्छा है.
मैंने कहा- पता नहीं मौसी लेकिन मुझे भी पहली बार सेक्स में इतना मजा आया है. एक बात और कहना चाहता हूं अगर तुम बुरा न मानो तो?

मौसी

[Image: IMG-0525.jpg]

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[Image: IMG-0527.jpg]



























[Image: IMG-0529.jpg]













[Image: IMG-0535.jpg]








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#2
सगी मौसी की प्यासी चूत चोदने मिली




B


V
मेरी मौसी का नाम अरुणिमा है. वो देखने में एकदम पटाखा लगती हैं.
उनको देखकर किसी की भी नीयत फिर सकती है.
मौसी का फिगर 36-30-38 का है. वो एकदम रूप की रानी हैं. उनकी चूचियां इतनी बड़ी बड़ी हैं कि किसी का भी लंड उनके आमों को देखकर ही खड़ा हो जाएगा.
फिर उनकी मटकती गांड का तो पूछो ही मत. 


मौसी के दो बच्चे हैं. वो अभी छोटे हैं.
मेरे मौसा जी मुंबई में काम करते हैं और जल्दी घर नहीं आते हैं क्योंकि उनका उधर खुद का बिजनेस है.


मैं अपने सेकेंड सेम का एग्जाम देकर घर आ रहा था. घर पर आ जाने के बाद मैं दोस्तों के साथ में इधर उधर घूमता रहता था. मेरा समय नहीं कट रहा था. 

एक दिन मौसी का फोन आया कि अजय अभी तुम्हारे एग्जाम भी ख़त्म हो गए हैं. मेरे घर आ जाओ ना.
मैंने कहा- ओके मौसी, मैं अगले हफ्ते आपके घर आ जाऊंगा.



[url=http://mediax.dscgirls.live/p/home?affid=2&oid=4&source_id=AV&sub1=web&sub2=outstream&sub3=instory-outstream&sub4=DSC_Preroll_25_4.mp4][/url]



जब मैं उनके घर पहुंचा तो उनके दोनों बच्चे घर पर नहीं थे. वो कहीं दोस्तों के साथ में खेलने गए थे. 

मौसी मुझे देखकर बहुत ही ख़ुश हुईं.
मैं तो मौसी को देखकर पागल ही हो गया.


दोस्तो, आपने देखा होगा कि औरत की उम्र बढ़ने के साथ उसकी इच्छाएं धीरे धीरे ख़त्म होने लगती हैं, चाहे वो सेक्स की हों या फैशन करने की हों.
मगर मेरी मौसी के अन्दर ये एक भी कमी नहीं थी. 


मुझे लगता था कि जैसे जैसे उनकी उम्र बढ़ रही है, वैसे ही उनकी सुन्दरता भी बढ़ रही है. 

मौसी मुझे बिठा कर अन्दर गईं और पानी लाईं.
जब मौसी मुझे पानी देने के लिए झुकीं तो मुझे उनकी दोनों चूचियों के दर्शन हो गए. मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया. 


मैं एकदम से अवाक सा रह गया.
मुझे देखकर मौसी ने कहा- क्या हुआ? 


मैंने कहा- मौसी आप अब भी कितनी अच्छी लगती हो. आपके सामने तो फिल्म की हीरोइन भी फेल हैं.
मौसी ने हंसकर कहा- चल, मौसी को मक्खन मत लगा. मैं अकेले बोर हो जाती हूँ. मेरे दोनों लड़के हमेशा अपने दोस्तों के साथ खेलते रहते हैं. मेरी तो कोई बात ही नहीं सुनता है. तुम्हारे मौसा जी की तो पूछो ही मत, पता नहीं उन्हें क्या हो गया है. वो तो घर आने का नाम ही नहीं लेते हैं.


मैं उनकी यह बात सुनकर बोल पड़ा- मौसी, हो सकता है मौसा अपने काम में ज्यादा बिज़ी हों.
मौसी बोलीं- काम के साथ साथ घरवाली का भी ध्यान रखना जरूरी है. 


हम दोनों ऐसे ही कुछ समय बातें करते रहे.
शाम हो गई थी. 


मौसी मेरे लिए नाश्ता बनाकर ले आईं और बोलीं- अजय लो नाश्ता कर ले, मैं खाना बनाने जा रही हूँ.

मैं नाश्ता करने के बाद बाथरूम में गया.
उधर मौसी की ब्रा पड़ी थी. मैंने मौसी की ब्रा को सूंघकर गहरी सांस ली.
मेरा लंड हिलाने का मन करने लगा.


मैं मौसी की ब्रा को लेकर अपने लंड पर लपेटकर लंड हिलाने लगा.
आह इतना मजा आ रहा था कि पूछो ही मत.


कुछ समय बाद मैंने अपना माल उसी ब्रा पर छोड़ दिया और बाहर आ गया. 

शाम को हम सभी जब खाना खाने के लिए बैठे, तो मेरा ध्यान तो मौसी के मम्मों पर ही था. 

मैं क्या बताऊं दोस्तो, मेरे तो लंड में खुजली होने लगी कि मैं कैसे भी करके अपनी मौसी की चुदाई करके ही रहूँगा.

खाना खाने के बाद में मैं गेस्टरूम में जाकर सोने लगा. 

तभी मेरी मौसी मेरे पास आकर बोलीं- क्यों अजय क्या हुआ … बड़ी जल्दी सो रहा है?
मैंने कहा- नहीं मौसी, अभी तो मैं जाग ही रहा हूँ. 


मौसी ने एक ऐसा कदम उठाया कि मेरे लंड में आग लग गई.
मौसी मेरी रज़ाई में टांग डालकर बैठ गईं और कहने लगीं- और बता … घर का हाल चाल है.
मैंने कहा- सब सही है मौसी. 


मेरी मौसी बहुत सारी इधर उधर की बातें बताने लगीं. सुनते सुनते मुझे और मौसी को कब नींद आ गई, कुछ पता ही नहीं चला.

जब मेरी नींद रात को करीब एक बजे खुली, तो मुझे लगा मानो मेरे ऊपर कोई चीज से दबाव डाला जा रहा हो. 

मैंने अपनी आंखें खोलीं तो देखा मौसी की चूचियां मेरे सीने को एक बाजू से दबा रही थीं.
मौसी की चूचियों को देखकर लगा कि मौसी की दोनों मुसम्मियों को निचोड़ लूं.


पर मेरी हिम्मत नहीं हुई और मैं अपना लंड हाथ से हिलाने लगा.
मुझे नहीं पता था कि मेरी मौसी की चूत बगल में ही चुदने पड़ी थी.


बस मैं लंड हिलाने लगा और मौसी के मम्मों को देख देख कर अपनी वासना भड़काने लगा. मैं लंड जोर जोर से हिलाने लगा.

मेरे लंड हिलाने से मैं भी हिल रहा था इसी वजह से मेरी मौसी की नींद टूट गई और वो जाग गईं.
मैं धीरे से बिना हिले ऐसे ही अपने लंड को छोड़कर सोने का नाटक करने लगा. 


जब मौसी ने देखा कि मैं सो रहा हूँ, तो वो भी मेरे से चिपक कर सोने लगीं. 

जब मौसी ने मेरे कंबल को अपनी तरफ खींचा और अन्दर से पकड़कर सही करने लगीं. तभी मेरा खड़ा लंड उनके हाथ में आ गया.

वो लंड छूकर डर गईं और देखने लगीं कि यह क्या है.
उस समय मुझे अपनी मौसी को चोदने का भूत सवार था इसलिए मैंने सोने का नाटक जारी रखा, पर लंड में कहां दिमाग होता है. वो अकड़ा रहा.


मौसी ने जब मोबाइल की टॉर्च को लेकर कम्बल के अन्दर देखा, तो वो देखती ही रह गईं.
उन्होंने धीरे से मेरी तरफ देखा और जब मैंने कोई भी प्रतिक्रिया नहीं की, तो वो धीरे से मेरा लंड पकड़कर सहलाने लगीं.


मैं तो मन ही मन बहुत खुश हो गया था कि जो मैंने सोचा था, मेरा वो ही काम हो रहा है.
मौसी मेरे खड़े हुए लंड को जोर जोर से हिलाने लगीं और जब मेरा लंड पूरे जोश में आ गया, तो भला मैं कैसे रुक सकता था.
मैंने भी धीरे से करवट ली और जागने की एक्टिंग करने लगा.

जब मैंने आंख खोली तो मौसी को देखकर कहा- मौसी, आप अभी जाग रही हो?
मेरी मौसी बोलीं- अबे साले, तू भी तो कब से जाग रहा है. अपनी मौसी को पेलने के लिए लंड को बाहर निकाल रखा है.
मैं हंस दिया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#3
सगी मौसी की प्यासी चूत चोदने मिली




B


V
मेरी मौसी का नाम अरुणिमा है. वो देखने में एकदम पटाखा लगती हैं.
उनको देखकर किसी की भी नीयत फिर सकती है.
मौसी का फिगर 36-30-38 का है. वो एकदम रूप की रानी हैं. उनकी चूचियां इतनी बड़ी बड़ी हैं कि किसी का भी लंड उनके आमों को देखकर ही खड़ा हो जाएगा.
फिर उनकी मटकती गांड का तो पूछो ही मत. 


मौसी के दो बच्चे हैं. वो अभी छोटे हैं.
मेरे मौसा जी मुंबई में काम करते हैं और जल्दी घर नहीं आते हैं क्योंकि उनका उधर खुद का बिजनेस है.


मैं अपने सेकेंड सेम का एग्जाम देकर घर आ रहा था. घर पर आ जाने के बाद मैं दोस्तों के साथ में इधर उधर घूमता रहता था. मेरा समय नहीं कट रहा था. 

एक दिन मौसी का फोन आया कि अजय अभी तुम्हारे एग्जाम भी ख़त्म हो गए हैं. मेरे घर आ जाओ ना.
मैंने कहा- ओके मौसी, मैं अगले हफ्ते आपके घर आ जाऊंगा.



[url=http://mediax.dscgirls.live/p/home?affid=2&oid=4&source_id=AV&sub1=web&sub2=outstream&sub3=instory-outstream&sub4=DSC_Preroll_25_4.mp4][/url]



जब मैं उनके घर पहुंचा तो उनके दोनों बच्चे घर पर नहीं थे. वो कहीं दोस्तों के साथ में खेलने गए थे. 

मौसी मुझे देखकर बहुत ही ख़ुश हुईं.
मैं तो मौसी को देखकर पागल ही हो गया.


दोस्तो, आपने देखा होगा कि औरत की उम्र बढ़ने के साथ उसकी इच्छाएं धीरे धीरे ख़त्म होने लगती हैं, चाहे वो सेक्स की हों या फैशन करने की हों.
मगर मेरी मौसी के अन्दर ये एक भी कमी नहीं थी. 


मुझे लगता था कि जैसे जैसे उनकी उम्र बढ़ रही है, वैसे ही उनकी सुन्दरता भी बढ़ रही है. 

मौसी मुझे बिठा कर अन्दर गईं और पानी लाईं.
जब मौसी मुझे पानी देने के लिए झुकीं तो मुझे उनकी दोनों चूचियों के दर्शन हो गए. मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया. 


मैं एकदम से अवाक सा रह गया.
मुझे देखकर मौसी ने कहा- क्या हुआ? 


मैंने कहा- मौसी आप अब भी कितनी अच्छी लगती हो. आपके सामने तो फिल्म की हीरोइन भी फेल हैं.
मौसी ने हंसकर कहा- चल, मौसी को मक्खन मत लगा. मैं अकेले बोर हो जाती हूँ. मेरे दोनों लड़के हमेशा अपने दोस्तों के साथ खेलते रहते हैं. मेरी तो कोई बात ही नहीं सुनता है. तुम्हारे मौसा जी की तो पूछो ही मत, पता नहीं उन्हें क्या हो गया है. वो तो घर आने का नाम ही नहीं लेते हैं.


मैं उनकी यह बात सुनकर बोल पड़ा- मौसी, हो सकता है मौसा अपने काम में ज्यादा बिज़ी हों.
मौसी बोलीं- काम के साथ साथ घरवाली का भी ध्यान रखना जरूरी है. 


हम दोनों ऐसे ही कुछ समय बातें करते रहे.
शाम हो गई थी. 


मौसी मेरे लिए नाश्ता बनाकर ले आईं और बोलीं- अजय लो नाश्ता कर ले, मैं खाना बनाने जा रही हूँ.

मैं नाश्ता करने के बाद बाथरूम में गया.
उधर मौसी की ब्रा पड़ी थी. मैंने मौसी की ब्रा को सूंघकर गहरी सांस ली.
मेरा लंड हिलाने का मन करने लगा.


मैं मौसी की ब्रा को लेकर अपने लंड पर लपेटकर लंड हिलाने लगा.
आह इतना मजा आ रहा था कि पूछो ही मत.


कुछ समय बाद मैंने अपना माल उसी ब्रा पर छोड़ दिया और बाहर आ गया. 

शाम को हम सभी जब खाना खाने के लिए बैठे, तो मेरा ध्यान तो मौसी के मम्मों पर ही था. 

मैं क्या बताऊं दोस्तो, मेरे तो लंड में खुजली होने लगी कि मैं कैसे भी करके अपनी मौसी की चुदाई करके ही रहूँगा.

खाना खाने के बाद में मैं गेस्टरूम में जाकर सोने लगा. 

तभी मेरी मौसी मेरे पास आकर बोलीं- क्यों अजय क्या हुआ … बड़ी जल्दी सो रहा है?
मैंने कहा- नहीं मौसी, अभी तो मैं जाग ही रहा हूँ. 


मौसी ने एक ऐसा कदम उठाया कि मेरे लंड में आग लग गई.
मौसी मेरी रज़ाई में टांग डालकर बैठ गईं और कहने लगीं- और बता … घर का हाल चाल है.
मैंने कहा- सब सही है मौसी. 


मेरी मौसी बहुत सारी इधर उधर की बातें बताने लगीं. सुनते सुनते मुझे और मौसी को कब नींद आ गई, कुछ पता ही नहीं चला.

जब मेरी नींद रात को करीब एक बजे खुली, तो मुझे लगा मानो मेरे ऊपर कोई चीज से दबाव डाला जा रहा हो. 

मैंने अपनी आंखें खोलीं तो देखा मौसी की चूचियां मेरे सीने को एक बाजू से दबा रही थीं.
मौसी की चूचियों को देखकर लगा कि मौसी की दोनों मुसम्मियों को निचोड़ लूं.


पर मेरी हिम्मत नहीं हुई और मैं अपना लंड हाथ से हिलाने लगा.
मुझे नहीं पता था कि मेरी मौसी की चूत बगल में ही चुदने पड़ी थी.


बस मैं लंड हिलाने लगा और मौसी के मम्मों को देख देख कर अपनी वासना भड़काने लगा. मैं लंड जोर जोर से हिलाने लगा.

मेरे लंड हिलाने से मैं भी हिल रहा था इसी वजह से मेरी मौसी की नींद टूट गई और वो जाग गईं.
मैं धीरे से बिना हिले ऐसे ही अपने लंड को छोड़कर सोने का नाटक करने लगा. 


जब मौसी ने देखा कि मैं सो रहा हूँ, तो वो भी मेरे से चिपक कर सोने लगीं. 

जब मौसी ने मेरे कंबल को अपनी तरफ खींचा और अन्दर से पकड़कर सही करने लगीं. तभी मेरा खड़ा लंड उनके हाथ में आ गया.

वो लंड छूकर डर गईं और देखने लगीं कि यह क्या है.
उस समय मुझे अपनी मौसी को चोदने का भूत सवार था इसलिए मैंने सोने का नाटक जारी रखा, पर लंड में कहां दिमाग होता है. वो अकड़ा रहा.


मौसी ने जब मोबाइल की टॉर्च को लेकर कम्बल के अन्दर देखा, तो वो देखती ही रह गईं.
उन्होंने धीरे से मेरी तरफ देखा और जब मैंने कोई भी प्रतिक्रिया नहीं की, तो वो धीरे से मेरा लंड पकड़कर सहलाने लगीं.


मैं तो मन ही मन बहुत खुश हो गया था कि जो मैंने सोचा था, मेरा वो ही काम हो रहा है.
मौसी मेरे खड़े हुए लंड को जोर जोर से हिलाने लगीं और जब मेरा लंड पूरे जोश में आ गया, तो भला मैं कैसे रुक सकता था.
मैंने भी धीरे से करवट ली और जागने की एक्टिंग करने लगा.

जब मैंने आंख खोली तो मौसी को देखकर कहा- मौसी, आप अभी जाग रही हो?
मेरी मौसी बोलीं- अबे साले, तू भी तो कब से जाग रहा है. अपनी मौसी को पेलने के लिए लंड को बाहर निकाल रखा है.
मैं हंस दिया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#4
सगी मौसी की प्यासी चूत चोदने मिली




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V
मेरी मौसी का नाम अरुणिमा है. वो देखने में एकदम पटाखा लगती हैं.
उनको देखकर किसी की भी नीयत फिर सकती है.
मौसी का फिगर 36-30-38 का है. वो एकदम रूप की रानी हैं. उनकी चूचियां इतनी बड़ी बड़ी हैं कि किसी का भी लंड उनके आमों को देखकर ही खड़ा हो जाएगा.
फिर उनकी मटकती गांड का तो पूछो ही मत. 


मौसी के दो बच्चे हैं. वो अभी छोटे हैं.
मेरे मौसा जी मुंबई में काम करते हैं और जल्दी घर नहीं आते हैं क्योंकि उनका उधर खुद का बिजनेस है.


मैं अपने सेकेंड सेम का एग्जाम देकर घर आ रहा था. घर पर आ जाने के बाद मैं दोस्तों के साथ में इधर उधर घूमता रहता था. मेरा समय नहीं कट रहा था. 

एक दिन मौसी का फोन आया कि अजय अभी तुम्हारे एग्जाम भी ख़त्म हो गए हैं. मेरे घर आ जाओ ना.


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मैंने कहा- ओके मौसी, मैं अगले हफ्ते आपके घर आ जाऊंगा.


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जब मैं उनके घर पहुंचा तो उनके दोनों बच्चे घर पर नहीं थे. वो कहीं दोस्तों के साथ में खेलने गए थे. 

मौसी मुझे देखकर बहुत ही ख़ुश हुईं.
मैं तो मौसी को देखकर पागल ही हो गया.


दोस्तो, आपने देखा होगा कि औरत की उम्र बढ़ने के साथ उसकी इच्छाएं धीरे धीरे ख़त्म होने लगती हैं, चाहे वो सेक्स की हों या फैशन करने की हों.
मगर मेरी मौसी के अन्दर ये एक भी कमी नहीं थी. 


मुझे लगता था कि जैसे जैसे उनकी उम्र बढ़ रही है, वैसे ही उनकी सुन्दरता भी बढ़ रही है. 

मौसी मुझे बिठा कर अन्दर गईं और पानी लाईं.
जब मौसी मुझे पानी देने के लिए झुकीं तो मुझे उनकी दोनों चूचियों के दर्शन हो गए. मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया. 


मैं एकदम से अवाक सा रह गया.
मुझे देखकर मौसी ने कहा- क्या हुआ? 


मैंने कहा- मौसी आप अब भी कितनी अच्छी लगती हो. आपके सामने तो फिल्म की हीरोइन भी फेल हैं.
मौसी ने हंसकर कहा- चल, मौसी को मक्खन मत लगा. मैं अकेले बोर हो जाती हूँ. मेरे दोनों लड़के हमेशा अपने दोस्तों के साथ खेलते रहते हैं. मेरी तो कोई बात ही नहीं सुनता है. तुम्हारे मौसा जी की तो पूछो ही मत, पता नहीं उन्हें क्या हो गया है. वो तो घर आने का नाम ही नहीं लेते हैं.


मैं उनकी यह बात सुनकर बोल पड़ा- मौसी, हो सकता है मौसा अपने काम में ज्यादा बिज़ी हों.
मौसी बोलीं- काम के साथ साथ घरवाली का भी ध्यान रखना जरूरी है. 


हम दोनों ऐसे ही कुछ समय बातें करते रहे.
शाम हो गई थी.



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B


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मौसी मेरे लिए नाश्ता बनाकर ले आईं और बोलीं- अजय लो नाश्ता कर ले, मैं खाना बनाने जा रही हूँ.

मैं नाश्ता करने के बाद बाथरूम में गया.
उधर मौसी की ब्रा पड़ी थी. मैंने मौसी की ब्रा को सूंघकर गहरी सांस ली.
मेरा लंड हिलाने का मन करने लगा.


मैं मौसी की ब्रा को लेकर अपने लंड पर लपेटकर लंड हिलाने लगा.
आह इतना मजा आ रहा था कि पूछो ही मत.


कुछ समय बाद मैंने अपना माल उसी ब्रा पर छोड़ दिया और बाहर आ गया. 

शाम को हम सभी जब खाना खाने के लिए बैठे, तो मेरा ध्यान तो मौसी के मम्मों पर ही था. 

मैं क्या बताऊं दोस्तो, मेरे तो लंड में खुजली होने लगी कि मैं कैसे भी करके अपनी मौसी की चुदाई करके ही रहूँगा.

खाना खाने के बाद में मैं गेस्टरूम में जाकर सोने लगा. 

तभी मेरी मौसी मेरे पास आकर बोलीं- क्यों अजय क्या हुआ … बड़ी जल्दी सो रहा है?
मैंने कहा- नहीं मौसी, अभी तो मैं जाग ही रहा हूँ. 


मौसी ने एक ऐसा कदम उठाया कि मेरे लंड में आग लग गई.
मौसी मेरी रज़ाई में टांग डालकर बैठ गईं और कहने लगीं- और बता … घर का हाल चाल है.
मैंने कहा- सब सही है मौसी. 


मेरी मौसी बहुत सारी इधर उधर की बातें बताने लगीं. सुनते सुनते मुझे और मौसी को कब नींद आ गई, कुछ पता ही नहीं चला.

जब मेरी नींद रात को करीब एक बजे खुली, तो मुझे लगा मानो मेरे ऊपर कोई चीज से दबाव डाला जा रहा हो. 

मैंने अपनी आंखें खोलीं तो देखा मौसी की चूचियां मेरे सीने को एक बाजू से दबा रही थीं.
मौसी की चूचियों को देखकर लगा कि मौसी की दोनों मुसम्मियों को निचोड़ लूं.


पर मेरी हिम्मत नहीं हुई और मैं अपना लंड हाथ से हिलाने लगा.
मुझे नहीं पता था कि मेरी मौसी की चूत बगल में ही चुदने पड़ी थी.


बस मैं लंड हिलाने लगा और मौसी के मम्मों को देख देख कर अपनी वासना भड़काने लगा. मैं लंड जोर जोर से हिलाने लगा.

मेरे लंड हिलाने से मैं भी हिल रहा था इसी वजह से मेरी मौसी की नींद टूट गई और वो जाग गईं.
मैं धीरे से बिना हिले ऐसे ही अपने लंड को छोड़कर सोने का नाटक करने लगा. 


जब मौसी ने देखा कि मैं सो रहा हूँ, तो वो भी मेरे से चिपक कर सोने लगीं. 

जब मौसी ने मेरे कंबल को अपनी तरफ खींचा और अन्दर से पकड़कर सही करने लगीं. तभी मेरा खड़ा लंड उनके हाथ में आ गया.

वो लंड छूकर डर गईं और देखने लगीं कि यह क्या है.
उस समय मुझे अपनी मौसी को चोदने का भूत सवार था इसलिए मैंने सोने का नाटक जारी रखा, पर लंड में कहां दिमाग होता है. वो अकड़ा रहा.


मौसी ने जब मोबाइल की टॉर्च को लेकर कम्बल के अन्दर देखा, तो वो देखती ही रह गईं.
उन्होंने धीरे से मेरी तरफ देखा और जब मैंने कोई भी प्रतिक्रिया नहीं की, तो वो धीरे से मेरा लंड पकड़कर सहलाने लगीं.


मैं तो मन ही मन बहुत खुश हो गया था कि जो मैंने सोचा था, मेरा वो ही काम हो रहा है.
मौसी मेरे खड़े हुए लंड को जोर जोर से हिलाने लगीं और जब मेरा लंड पूरे जोश में आ गया, तो भला मैं कैसे रुक सकता था.
मैंने भी धीरे से करवट ली और जागने की एक्टिंग करने लगा.

जब मैंने आंख खोली तो मौसी को देखकर कहा- मौसी, आप अभी जाग रही हो?


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मेरी मौसी बोलीं- अबे साले, तू भी तो कब से जाग रहा है. अपनी मौसी को पेलने के लिए लंड को बाहर निकाल रखा है.
मैं हंस दिया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#5
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वो बोलीं- मैंने शाम को ही देख लिया था, जब तू मेरी ब्रा पर मुठ मार रहा था. उसी के बाद से मुझे तुझसे चुदने की खुजली होने लगी थी. इसलिए आज मैं तेरे साथ गेस्ट रूम सोने चली आई हूँ.

यह बात सुनकर मैं बोला- मौसी, कसम से आपकी चूत मारकर मैं तो धनी हो जाऊंगा.
वो बोलीं- अब मौसी की चूत की खुजली भी मिटाएगा या फिर ऐसे ही टाइम निकाल देगा!

दोस्तो उनके मुँह से यह बात सुनकर मैं तो सातवें आसमान पर पहुंच गया और मौसी की चूचियों पर टूट पड़ा.
मौसी ने रुका- कपड़े तो खोल लेने दे.

मगर मेरे ऊपर तो चुदाई का भूत सवार था. मैंने उनकी ब्रा उतार डाली और उनकी चूचियों को पीने लगा. अपने दोनों हाथों से जितना हो सकता था, उतना दबाना शुरू कर दिया.

मौसी जोर जोर से बोल रही थीं- आराम से … दर्द हो रहा है.
मैंने कहा- मौसी, इस दर्द का भी अपना ही मजा है.

उनकी बातों पर मैंने ज़्यादा ध्यान नहीं दिया और लगातार कुछ मिनट तक उनका रस पीने के बाद मुझे उनकी चूत चोदने का मन करने लगा.

मैंने मौसी से कहा- मौसी, आज मैं आपको जन्नत की सैर कराऊंगा.
वो बोलीं- पहले अपने रॉकेट को तो इंजन में लगा.

मैं मौसी की चूत में लंड लगा कर जोर जोर से पेलने लगा.
मौसी मस्ती से चिल्ला रही थीं- आंह … मार दिया साले ने … अपनी मौसी की चूत का भोसड़ा बना दिया … आह.

उनकी बातों को सुनकर मेरा लंड कामुकता से भरपूर हो रहा था.
धकापेल चुदाई चलने लगी थी.
आज मेरा लंड भी झड़ने का नाम नहीं ले रहा था.

करीब 15 मिनट की चूत की शहनाई बजाने के बाद मेरा लंड अपनी औकात भूल गया और रोने लगा.
मैं मौसी के ऊपर ही गिर पड़ा.

मौसी ने कहा- बस हो गया … इतना ही दम था … इसी दम पर अपनी मौसी की चुदाई करना चाह रहा था. अभी तो मैं गांड नहीं मरवाई और तुम्हारा ये हाल हो गया है.
मैंने मौसी से कहा- मौसी अब नहीं … मेरा लंड खड़ा होगा, तब मैं आपकी गांड भी मारूंगा.

यह सुनकर मेरी मौसी बोलीं- जो लंड मेरी चूचियों को देखकर खड़ा हो जाता है, उसे मुझे खड़ा करने में ज़्यादा दिक्कत नहीं होगी.
मैं लेट गया.
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तभी मौसी मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगीं.
उनके होंठ पड़ते ही मेरे लंड में पता नहीं कौन सा करंट आ गया.

मौसी ने कहा- देखा, चल अब मेरी गांड मार ले, पता नहीं अब दोबारा कब मौका आएगा.

यह सुनकर एक बार फिर से मैं जोश में आ गया और अपनी मौसी को झुकाकर उनकी गांड में अपना लंड पेल दिया.

लंड घुसते ही मौसी चिल्ला पड़ीं- आह आराम से कर … पूरी रात है. इतनी जल्दी में हो, क्या कहीं जाना हैं?
मैंने कहा- मौसी, आपकी गांड को देखकर मेरा लंड मेरे बस में नहीं है.

मौसी ने हंसते हुए कहा- अच्छा अब तेरा लंड तेरे बस में नहीं है, ये क्यों नहीं कहता कि मौसी की गांड फाड़ना चाहता है.

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मैं लगातार उनकी गांड में लंड पेलते हुए उनके मम्मों को दबा रहा था.
मेरा मन तो भर ही नहीं रहा था.
मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं अपनी मौसी के साथ में ही रहने लगूँ और जब मेरा मन करे, तब उनकी चूत में अपना लंड डालकर अपने मन को तृप्त करता रहूँ.

एक घंटे मौसी की चुदाई करने के बाद मुझे नींद आने लगी और मैं अपना लंड मौसी की चूत में डालकर उनके मम्मों को मुँह में लेकर सो गया.

सुबह जब मेरी नींद खुली तो देखा मौसी नाश्ता बना रही थीं और उनके बेटे कोचिंग चले गए थे.
मेरे दिमाग़ से कल का सीन ही नहीं हट रहा था.

मौसी को किचन में देखकर मेरा लंड फिर से तन गया.
मैं धीरे से मौसी के पीछे गया और कसके पकड़ लिया.

मौसी बोलीं- क्या हुआ … कल का भूत अभी भी नहीं उतरा है क्या?
तो मैंने हंसकर कहा- मौसी, आपके इन मम्मों को जब भी देखता हूँ ना तो मेरे लंड में सुरसुरी होने लगती है.

मौसी ने हंसकर कहा- यही बात है तो आ जाओ और अपने लंड को एक बार और तृप्त कर लो.

मैंने कहा- आपके दोनों बालक किधर गए हैं?
मौसी ने कहा- घर पर कोई नहीं है, कल का जो बाकी हिसाब रह गया था, आज वो पूरा चुकता कर लो.

मैं अपनी मौसी की चूचियों को फिर से मुँह में डालकर पीने लगा.
मेरी मौसी फिर से गर्म होने लगीं और उनके मुँह से मादकता भरी सिसकारियां निकलने लगीं.

मैंने उन्हें किचन की पट्टी पर लेटाकर उनकी चूत में अपनी उंगली डाल दी और उन्हें फिर से उत्तेजित करने लगा.
मौसी चिल्लाकर कह रही थीं- अजय बेटा, अपनी मौसी की चूत जल्दी से मार दे, मुझे इतना परेशान ना कर.

मैंने उनसे कहा- मौसी, मैं आपकी चुदाई कितनी भी करूं, लेकिन मेरा मन ही नहीं भरता है.
मौसी बोलीं- कुछ दिन और रुक जा, मैं तेरा मन भर दूँगी.

मैं मान गया और मौसी की  चुदाई धकापेल करने लगा.

फिर शाम को खाना खाने के बाद मौसी करीब 11 बजे रात में मेरे पास दुल्हन की तरह सज कर आईं और बोलीं- आज मेरी सुहागरात का दिन है, मगर मेरा पति मेरे पास नहीं है.
मैंने बोला- अगर बीवी आप जैसी हो तो मैं आपका पति बनने को तैयार हूँ.

[Image: 9ifu5f.gif]
वो बोलीं- बन जा.

फिर मैंने मौसी को बेड पर लेटाया और कहा- ओके मेरी जान, आज हमारी सुहागरात है, आप ऐसा समझो.
मौसी ने कहा- हां आज तुम्हारे साथ पहली बार ही है. आज से तुम ही मेरे पति रहोगे. जो पति अपनी पत्नी की जरूरतों को पूरा ना करे वो किस काम का पति?

फिर मैंने मौसी की घूँघट उठाया और उनके होंठों पर किस करने लगा.
मैं उनकी जवानी से फिर से खेलने लगा.





कुछ समय होने बाद मैंने उनकी साड़ी को उतारना शुरू कर दिया. उनकी पूरी साड़ी और बाकी कपड़े उतारने के बाद वो मेरे सामने पूरी नंगी हो गई थीं.

मैं
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#6
Nice story
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