30-12-2024, 09:39 PM
= मैने बोला ठीक है इसे जगह देते हैं और इतना कह कर अपनी लैगिंग और पैंटी नीचे कर ली
तभी कालू ने लन्ड गांड़ की दरार में सहलाने लगा , मुझे भी उसका अच्छा लग रहा था , !
तभी कालू= कैसा लग रहा है।
मैं= कुछ जवाब नहीं दिया और कालू की तरफ पलटी तो उसका लन्ड चूत में लगा मैं पूरी तरह गर्म हो चुकी थी। पर मैंने समय को ध्यान में रखते हुए अपने आप पर कंट्रोल किया और कपड़े ठीक करके वहां से अपने रूम में आकर चूत में उंगली की।
अगले दिन में कालू से नज़र नहीं मिला पा रही थी, दोपहर के समय मोम ने खाना बनाया हुआ था मोम बोली की कालू को खेत में खाना देकर आना हैं , मैं मन ही मन खुश हुई और तैयार हो कर खाना देने चलने लगी मैने नीचे बरा ओर पैंटी भी निकाल दी। कालू मुझे दूर से देख कर खुश हो गया और मैं भी ।
कालू= रात आप मेरी तबीयत ओर खराब के चली गई ।
मैं = कैसे
कालू= अपने थर्मामीटर ज्यादा गर्म कर दिया और था ।
मैं= अच्छा कोई बात नहीं आज रात ठंडा कर दूंगी।
कालू ने इतना सुनते ही मुझे गोद में उठाया और खेत में बने tewal के अंदर ले गया , ओर अपने होंठो में होंठ देकर चूसने लगा और दोनों हाथों से चूचियां मसलने लगा। कभी चूत रगड़ता तो कभी गांड़ को सहलाने लगा। पर मेरे पास समय कम था तो मैने उसे रात को बाकी सब करने को कहा ,
अब रात होने का जितना इंतजार कालू को था उतना ही मुझे था , रात खाना खा कर मैं इंतजार कर रही थी कि कब 12 बजे ... थोड़ा समझ बीतने के बाद 11 बजे ही कालू का मैसेज आया कि तुम आजाओ नहीं तो मै आ रहा हु। मैने भी थोड़ा सोचा और बस कालू की तरफ चल पड़ी , कालू ने मुझे गोद में उठाया और अपने बिस्तर पर ले गया , जल्दबाजी में मेरे कपड़े उतार कर फेंक दिए और खुद नंगा होकर मेरे ऊपर आगया , कुछ देर होंठों से होंठ मिलने के बाद उसने अपनी जीभ से मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया. मैं अब जोश से एक दम बेकाबू हो रही थी. वो मेरी चूत को चाटने और चूसने लगा. उसका एक हाथ अभी भी मेरी चूचियों पर था और वो उसे मसल रहा था. मेरे मूह से सिसकारियाँ निकलने लगी.
कुच्छ देर तक मेरी चूत को चूसने के बाद वो हट गया मेरे पैरों के बीच आ गया. मैं समझ की गयी अब मेरी मन की मुराद पूरी होने वाली है.मैं उसके लंड के साइज़ को देख कर घबडा भी रही थी. उसने मेरी चूतड़ के नीचे 2 तकिये रख दिए. मेरी चूत एक दम उपर उठ गयी. उसने मेरी टाँगो को पकड़ कर फैला दिया. अब उसने अपने लंड की टोपी को मेरी चूत के बीच में रखा और धीरे धीरे अंदर दबाने लगा. मुझे दर्द होने लगा और मेरे मूह से चीख निकल गयी. वो बोला थोड़ा बर्दाश्त करो बेबी, अभी कुच्छ देर में तुम्हारा दर्द ख़तम हो जाएगा और तुम्हें खूब मज़ा आएगा. वो अपना लंड मेरी चूत में धीरे धीरे घुसाने लगा.
चूत में बहुत तेज दर्द होने लगा। मैं पसीने से एक दम तर हो गयी। वो रुका नहीं और पूरी ताक़त के साथ मेरी चुदाई शुरू कर दी। थोड़ी ही देर बाद उसने अपना पूरा का पूरा 9″ लंबा लंड मेरी चूत के अंदर घुसा दिया। फिर वो 2 मिनिट के लिए रुका और बोला, “अब जाकर तुम्हारी चूत ने मेरा पूरा लंड खाया है।” अब मैं इसे चोद चोद कर एक दम ढीला कर दूँगा। 2 मिनिट तक रुके रहने के बाद उसने अपने हाथों से मेरी कमर को ज़ोर से पकड़ लिया और मेरी चुदाई करने लगा। मुझे अभी भी बहुत दर्द हो रहा था। लगभग 10 मिनिट की चुदाई के बाद मेरा दर्द कुच्छ कम हुआ और मुझे मज़ा आने लगा।वो मुझे बड़ी बेदर्दी से चोद रहा था। लगभग 30 मिनिट की चुदाई के बीच मैं 4 बार झाड़ चुकी थी पर वो रुकने का नाम नही ले रहा था। फिर वो झड़ गया और हम ऐसे ही लिपट कर सुबह तक लेटे रहे।
अगले पार्ट के लिए कॉमेंट करे दोस्तों आपकी प्रिय पाठिका रीत।
तभी कालू ने लन्ड गांड़ की दरार में सहलाने लगा , मुझे भी उसका अच्छा लग रहा था , !
तभी कालू= कैसा लग रहा है।
मैं= कुछ जवाब नहीं दिया और कालू की तरफ पलटी तो उसका लन्ड चूत में लगा मैं पूरी तरह गर्म हो चुकी थी। पर मैंने समय को ध्यान में रखते हुए अपने आप पर कंट्रोल किया और कपड़े ठीक करके वहां से अपने रूम में आकर चूत में उंगली की।
अगले दिन में कालू से नज़र नहीं मिला पा रही थी, दोपहर के समय मोम ने खाना बनाया हुआ था मोम बोली की कालू को खेत में खाना देकर आना हैं , मैं मन ही मन खुश हुई और तैयार हो कर खाना देने चलने लगी मैने नीचे बरा ओर पैंटी भी निकाल दी। कालू मुझे दूर से देख कर खुश हो गया और मैं भी ।
कालू= रात आप मेरी तबीयत ओर खराब के चली गई ।
मैं = कैसे
कालू= अपने थर्मामीटर ज्यादा गर्म कर दिया और था ।
मैं= अच्छा कोई बात नहीं आज रात ठंडा कर दूंगी।
कालू ने इतना सुनते ही मुझे गोद में उठाया और खेत में बने tewal के अंदर ले गया , ओर अपने होंठो में होंठ देकर चूसने लगा और दोनों हाथों से चूचियां मसलने लगा। कभी चूत रगड़ता तो कभी गांड़ को सहलाने लगा। पर मेरे पास समय कम था तो मैने उसे रात को बाकी सब करने को कहा ,
अब रात होने का जितना इंतजार कालू को था उतना ही मुझे था , रात खाना खा कर मैं इंतजार कर रही थी कि कब 12 बजे ... थोड़ा समझ बीतने के बाद 11 बजे ही कालू का मैसेज आया कि तुम आजाओ नहीं तो मै आ रहा हु। मैने भी थोड़ा सोचा और बस कालू की तरफ चल पड़ी , कालू ने मुझे गोद में उठाया और अपने बिस्तर पर ले गया , जल्दबाजी में मेरे कपड़े उतार कर फेंक दिए और खुद नंगा होकर मेरे ऊपर आगया , कुछ देर होंठों से होंठ मिलने के बाद उसने अपनी जीभ से मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया. मैं अब जोश से एक दम बेकाबू हो रही थी. वो मेरी चूत को चाटने और चूसने लगा. उसका एक हाथ अभी भी मेरी चूचियों पर था और वो उसे मसल रहा था. मेरे मूह से सिसकारियाँ निकलने लगी.
कुच्छ देर तक मेरी चूत को चूसने के बाद वो हट गया मेरे पैरों के बीच आ गया. मैं समझ की गयी अब मेरी मन की मुराद पूरी होने वाली है.मैं उसके लंड के साइज़ को देख कर घबडा भी रही थी. उसने मेरी चूतड़ के नीचे 2 तकिये रख दिए. मेरी चूत एक दम उपर उठ गयी. उसने मेरी टाँगो को पकड़ कर फैला दिया. अब उसने अपने लंड की टोपी को मेरी चूत के बीच में रखा और धीरे धीरे अंदर दबाने लगा. मुझे दर्द होने लगा और मेरे मूह से चीख निकल गयी. वो बोला थोड़ा बर्दाश्त करो बेबी, अभी कुच्छ देर में तुम्हारा दर्द ख़तम हो जाएगा और तुम्हें खूब मज़ा आएगा. वो अपना लंड मेरी चूत में धीरे धीरे घुसाने लगा.
चूत में बहुत तेज दर्द होने लगा। मैं पसीने से एक दम तर हो गयी। वो रुका नहीं और पूरी ताक़त के साथ मेरी चुदाई शुरू कर दी। थोड़ी ही देर बाद उसने अपना पूरा का पूरा 9″ लंबा लंड मेरी चूत के अंदर घुसा दिया। फिर वो 2 मिनिट के लिए रुका और बोला, “अब जाकर तुम्हारी चूत ने मेरा पूरा लंड खाया है।” अब मैं इसे चोद चोद कर एक दम ढीला कर दूँगा। 2 मिनिट तक रुके रहने के बाद उसने अपने हाथों से मेरी कमर को ज़ोर से पकड़ लिया और मेरी चुदाई करने लगा। मुझे अभी भी बहुत दर्द हो रहा था। लगभग 10 मिनिट की चुदाई के बाद मेरा दर्द कुच्छ कम हुआ और मुझे मज़ा आने लगा।वो मुझे बड़ी बेदर्दी से चोद रहा था। लगभग 30 मिनिट की चुदाई के बीच मैं 4 बार झाड़ चुकी थी पर वो रुकने का नाम नही ले रहा था। फिर वो झड़ गया और हम ऐसे ही लिपट कर सुबह तक लेटे रहे।
अगले पार्ट के लिए कॉमेंट करे दोस्तों आपकी प्रिय पाठिका रीत।