Posts: 1,032
Threads: 130
Likes Received: 434 in 304 posts
Likes Given: 220
Joined: Mar 2019
Reputation:
12
26-03-2019, 01:35 PM
दोस्तों में "सोफिया आलम नकवी" फिर हाजिर हु आप की बारगाह में एक और कहानी लेकर उम्मीद करती हू आप को पसंद आएगी.
यह कहानी भाई बहिन के रिस्तो के ऊपर आधारित हैं जिस में थोड़ा जज़्बात का तड़का और खून की खुसबू भी शामिल हैं अपनी तरफ से पूरी कोशिस की हैं कुछ नयी तरह की कहानी बन जाये बाकि अच्छी हैं बुरी हैं फैसला करना आप लोगो के हाथ में हैं.
मेरी कहानिया पढ़ कर कुछ लोगो ने चैट पर कहा के में जब प्रोन स्टोरी लिखती हू तो फालतू की सामाजिक बातें और ब्यंग क्यों करती हू सीधा सीधा प्रोन क्यों नहीं लिखती .
इस बात पर में आप सभी लोगो से कहना चाहुगी में कहानी दिल से लिखती हू दिमाक से नहीं क्या लिखना चाहिए और क्या नहीं में इस बारे में नहीं सोचती जो मेरे मन में आता जाता हैं में वो लिखती जाती हू.आप यह भी कह सकते हो प्रोन में आप के लिए लिखती हू और कहानी अपने लिए.
चलिए कहानी सुरु करते हैं .रिया और राज की कहानी ,
दीदी आप समीर से बात मत किया करो वो अच्छा लड़का नहीं है.
भाई तू मुझसे छोटा है न फिर क्यों मुझे अच्छा बुरा सिखाता है, तू बीस का है में चौबीस की में तुझसे ज्यादा जानती हु अच्छा क्या है और बुरा क्या और वो मेरा दोस्त है बस हम लोग साथ पड़ते है तो में उस से थोड़ा बहुत हसी मज़ाक कर लेती हु इस में बुरा क्या है.
दीदी जब तुम किसी लड़के से बात करती हो तो मुझे अच्छा नहीं लगता तुम मेसे सिबाय किसी और लड़के से बात मत किया करो तुम को जैसी भी बातें करना हो मेरे से किया करो.
तू पागल हो गया है तू मेरा सागा माँ जाया भाई है में तुझसे लड़को बाली बातें करू ?
तुम मुझे हमेसा केबल भाई क्यों समझती हो कभी तो मुझे भी कोई आम लड़का समझो ना वो लड़का जो तुम से दिलो जान से मुहब्बत करता है वो लड़का जो अपनी दीदी के लिए जान दे सकता है वो लड़का जिस के साथ तुम अपने दुःख सुख बांट सकती हो.
राज तू पागल हो गया है, अपनी बहिन से कोई ऐसी बातें करता है?तू मेरा सागा भाई है कोई बॉय फ्रेंड नहीं जो में तेरे से फालतू बातें करू और आज तू भी सुन ले में समीर से प्यार करती हु और जल्दी है शादी भी करने वाली हु समीर ही मेरी दुनिया है मेरी मुहब्बत है .जल्दी ही उस के मम्मी पापा हमारे घर शादी की बात करने आने बाले है.कुछ है दिनोंमें में समीर की दुल्हन बन जाउंगी.
नहीं दीदी ऐसा नहीं हो सकता मेरे जीते जी तुम किसी और की दुल्हन नहीं बन सकती तुम केबल मेरी हो मेरी मुझ से ज्यादा प्यार तुम्हे कोई नहीं कर सकता, में बचपन से तुम से बेपनाह मुहब्बत करता हु, तुम को पूजता हु , तुम केबल मेरी दुल्हन बनोगी, तुम्हारी शादी मुझ से होगी, तुम्हारी मांग में मेरा सिन्दूर होगा, तुम केबल मेरे नाम का मंगलसूत्र पहनोगी.
चुप हो जा कमीने तू मेरा भाई नहीं हो सकता, कितनी गंदगी भरी है तेरे दिमाक में, बीस सालो तक मेने तुझे अपना भाई नहीं बच्चा समझा अपनी जान से भी ज्यादा प्यार किया, और तू मेरे ऊपर ही गन्दी नजर रखता है,
यही सीखा तूने दिनभर इंटरनेट चला चला के, तू अपनी सगी बहिन के साथ शादी करेगा छी कितना नीच है तू मुझे तो सोचकर भी शर्म आती है के तू मेरा भाई है हमारे देश में हमारी संस्कृति में बहिन की इज्जत के लिए भाई अपनी जान कुर्बान कर देते है ,और एक तू है जो खुद अपनी सगी बहन की इज्जत लूटना कहता है, चला जा यह से और आज के बाद मुझसे कभी बात मत करना आज से अभी से तेरे लिए मर गई तेरी बहिन तू भाई नहीं एक दरिंदा है जो अपनी बहिन पर गन्दी नजर रखता है,
कहते हुए रिया हाफने लगी उस की आखो से आँसू बहने लगे जिस मासूम भाई को उस ने बच्चो के जैसे प्यार किया आज पता चला बो मासूम भाई तो उस के जिस्म का भूखा है, जिस भाई को उसकी रक्षा करनी चाहिये बही उस की इज्जत के लिए सब से बड़ा खतरा है, रिया बेसुध सी हो गई जब कोई अपना दिल तोड़ता है, तो इंसान को मौत से भी ज्यादा कष्ट होता है, राज की बात से राखी को बहुत बड़ा सदमा लगा वो जोर जोर से रोने लगी अपने जान से भी प्यारा भाई आज उसे एक दरिंदा लग रहा था.
रिया की बात अपनी जगह 100 % सही थी उस का कहा एक एक शब्द सच था, लेकिन राज
लेकिन राज के दिल का हाल वो कहाँ जानती थी राज ने दस साल की उम्र से रिया को अपनी दीदी, अपनी माँ ,और अपनी प्रेमिका मान लिया था, उस ने रिया के साथ अपनी एक अलग दुनिया बसा ली थी, जहाँ केबल वो था और रिया थी, उस का रियाके प्रति प्रेम निश्छल था, उस के प्रेम में कोई स्वार्थ नहीं था, कोई छल कपट नहीं थी, जो जब केबल दस साल का था तब से वो रिया को ही अपना सब कुछ मानने लगा था, उस का प्यार "डिवाइन लव" था, उसे रिया से कुछ नहीं चाहिए था, वो रिया को कभी अपने प्यार के बारे में नहीं बताता, अगर उस ने रिया को समीर के साथ हॅसते हॅसते बात करते नहीं देखा होता, वो अपना प्यार दिल में छुपा सकता था, लेकिन अपने प्यार को किसी और के पास जाता नहीं देख सकता था, आज बो बीस साल का हो गया था पिछले दस सालो से उस के हर सपने में केबल और केबल रिया ही थी, उस की बनाई हर तस्वीर में रिया का ही चेहरा था, आज यह रिस्ता गलत हो सकता है, लेकिन जब उस ने रिया से प्यार किया था तब बो नहीं जनता था के समाज के नियम क्या है, जाती धर्म क्या है, उस समय उस को इन बातो की समझ नहीं थी, आज वो समझता था लेकिन दस साल का प्यार दस साल की पूजा आज दीवानगी में बदल गई, थी अब उसके दिलो दिमाक से रिया को कोई नहीं निकाल सकता था, बेसे बो कही अच्छा लड़का था पढ़ाई में होशियार था, समाज में सभी उस को एक अच्छा लड़का समझते थे, वो अंतर मुखी था अपने मन की बात किसी से कहता नहीं था ,आज अगर मज़बूरी ना होती तो सायद वो आज भी चुप रहता, लेकिन अपने प्यार को किसी और के साथ हसता खेलता देख उस को सहन ना हुआ, और उस ने आज रिया से यह सब कह दिया,.अब उस के जस्बातो की आग भड़क चुकी थी ,लेकिन वो समझ गया था रास्ता इतना आसान नहीं है, वो जनता था प्यार का रास्ता मुसीबतो से भरा होता है, लेकिन अब उस ने आगे बढ़ने का फैसला कर लिया था, अब चाहे जो भी करना पड़े वो हर कीमत पर अपने प्रेम को हासिल करके रहेगा, चाहे उसे अपने प्यार की खातिर मासूम से दरिंदा भी क्यों ना बनना पड़े वो बनेगा .अब वो दिमाक से खेल खेलेगा,
अब वो " मासूम दरिंदा " बनेगा.
दीदी आप रोओ मत में आप को दुखी नहीं देखा सकता प्लीज़ आप चुप हो जाओ में मुझ से गलती हो गई मुझे माफ़ कर दो प्लीज़.
मैंने कहा ना मर गई तेरी दीदी चले जाओ यह से मुझे अकेला छोड़ दो नहीं तो में मम्मी को बतादूगी.
राज समझ गया अभी कुछ कहने से बात बड़ेगी सो वो चुप चाप वह से चला गया.
वो अपने कमरे में पंहुचा तो उस की आखे गुस्से से जल रही थी, प्यार की इंतहा अब उस को एक मासूम से दरिंदा बना रही थी, उस के नथुनों से भेड़िया जैसी गर्ग गरम सांसे निकाल रही थी, उस का प्यार अब नफरत में बदलने लगा था, अब उसे रिया से प्यार नहीं करना था, अब उसका मकसद रिया को हासिल करना था, अब वो रिया को अपनी दुल्हन नहीं अपनी रंडी बनाना चाहता था, रिया की बातो ने उस को दरिंदा बना दिया था, अब वो दरिंदा बन कर रिया की जिंदगी बर्बाद करने वाला था.,अब रिया उस को माँ बहिन दुल्हन नहीं एक बाजारू रंडी लग रही थी, प्रेम की अधिकता से नफरत का जनम हो चुका था.
कुछ दिन बाद सब नार्मल हो गया राज एक अच्छे भाई की तरह बिहेब करने लगा पहले की तरह उस की नजरे रिया दीदी की छाती पर नहीं होती थी अब वो नजर झुकाये रिया दीदी के पैरो की तरफ देखता था.
रिया को भी लगने लगा सायद अब बो सुधर गया अब उस का गुस्सा भी काम होने लगा दोनों में थोड़ी बहुत बातचीत भी होने लगी.
लेकिन राज क्या सच में बदल गया था? हा राज बदल गया था लेकिन अब बो एक मासूम भाई नहीं था अब बो मासूम भाई से मासून दरिंदा बन गया था.
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
•
Posts: 1,032
Threads: 130
Likes Received: 434 in 304 posts
Likes Given: 220
Joined: Mar 2019
Reputation:
12
अब उसकी जिंदगी का मकसद रिया को अपनी रंडी बनाना था.
अब वो अपनी सगी माँ जाइ बहिन को किसी बाजारू रंडी की तरह चोदना चाहता था.
वो एक नाकाम आशिक बन गया था जो अब अपनी महबूबा को बर्बाद कर देना चाहता था.
अब राज अपनी चालें चलने लगा.
रिया दीदी और समीर की शादी होने वाली थी दोनों ने फोन पर अब काफी खुल कर बात करना सुरु कर दिया था समीर रिया को सेक्स स्टोरी और प्रोन मूवी भेजने लगा, रिया को भी जवानी का अहसास होने लगा,
रिया की चूत भी मचलने लगी वो भी चूत सहलाते सहलाते सेक्स स्टोरी पड़ने लगी.
रिया कल रात को काफी देर तक समीर से बातें करती रही दोनों ने बहुत उत्तेजित फोन सेक्स किया रात को उस की कुवारी चूत ने दो बार पानी छोड़ा फोन पर चूत लण्ड की बातें का भी एक अलग मज़ा है चुदाई की बातें करते करते समय का पता ही नहीं चलता बातो बातो में चूत सहलाते सहलाते कब रात गुजर जाये कब सुबह हो जाये कुछ पता है नहीं चलता.
आज वो थोड़ा लेट उठी शरीर में रत जगे की टूटन और आखो में चुदाई की बातो की खुमारी के साथ वो बाथरूम में जाके नंगी हो गई और अपने बदन को आईने में देखने लगी. क्या कयामत जिस्म था 32 के बूब केले के पेड़ो जैसी चिकनी जाँघे बड़े बड़े गोल गोल संगमरमर जैसे सफ़ेद चूतड़ दोनों जांघो के बीच सुनहरी सुनहरी झाटो से घिरी गुलाबी चूत. रिया खुद के नंगे जिस्म को को देखा देखा कर फिर से वासना की खुमारी में खोती जा रही थी. उस के हाथ अपने बूब्स पर पहुंच गए वो अपने निप्लो को हलके हलके मसलने लगी अपनी जाँघे आपस में रगड़ने लगी.
फिर वो जाके कमोड पर बैठ गई और मोबाइल पर xossipy खोल कर "komaalrani " की कहानी "सोलवां सावन" पड़ने लगी. रिया जैसे जैसे कहानी पड़ती जा रही थी उस की उतेज़ना और बढ़ती जा रही थी. उसे पता भी न चला कब उस का हाथ उस की चूत से खेलने लगा उस की जाँघे खुल गई. वो अपनी चूत को जोर से मसलने लगी वो बार बार अपने पिशाब बाले छेद को कुरेदे जा रही थी. वासना उस के पूरे वजूद पर हाबी हो गई थी काम की आग ने उस की सराफत का चोला जलादिया था. वो दीवानो की तरह अपनी चूत और दूध मसलने लगी वो खड़ी हो गई और दीवाल पर अपने नग्न शरीर को रगड़ने लगी. अपने दूधो को पकड़ के अपने निपल दीवाल से घिसने लगी अपनी चूत से दीवाल पर धक्के पे धक्के मारने लगी. वो किसी आग में जलते इंसान जैसे तड़प रही थी. उस को देख कर समझ आ रहा था के शरीर के अंदर की आग की तड़प बाहर की आग से ज्यादा भयानक होती है. अब वो बाथरूम की जमीन पर लेट गई और अपना एक हाथ जांघो के बीच में दवा के दूसरे हाथ से अपने दूध मसलने लगी. वो फर्श पर करवटें बदलने लगी उस की चूत से पिशाब की धार निकलने लगी वो जांघो से और जोर से हाथ को दबाने लगी उस ने दोनों हाथ जांघो के बीच में डाल दिए. वो खुद के पिशाब से भरे फर्श पर लोटने लगी उस का पूरा शरीर उस के बाल पिशाब से भीग गए थे. वो वासना की आज में तड़प रही थी वो पिशाब से भरे फर्श पर उलटी लेट गई और दोनों हाथ चूत में दवाये अपने पैरो को आगे पीछे करने लगी जोर जोर से झटके मारने लगी. वो खुद को चोदने लगी. उस ने अपना मुँह फर्श पर भरी पिशाब में लगा और जोर जोर सु सु की आवाजे करते करते हुए अपना पिशाब पिने लगी. अपना पूरा मुँह पिशाब में डाल कर वो जोर जोर से झटके मारने लगी अचानक उस का पूरा शरीर कांपने लगा और हाथो को जोर से चूत पर दवाये यह बहा लोटने लगी .और एक हलकी सी चीख मारके शांत पड़ गई. उस की चूत से उस की जवानी का पानी बहने लगा. वो जोर जोर से सांसे लेने लगी. उस की आँखे बंद हो गई वो काम वासना के परम सुख को महसूस करती अपनी ही पिशाब में नहाई किसी कुतिया की तरह बाथरूम के गंदे फर्स पर पड़ी थी. फिर रिया दीदी ने अपना चूत के माल से भरा हाथ अपने मुँह के पास लाया और अपने चेहरे पर मलने लगी अपने मुँह में घुसने लगी जीव निकाल कर उगलिया चाटने लगी माल चाट कर उस ने 4 -5 बार और करवट बदली अपने शरीर को फिर से अपने पिशाब से भीगा लिया. फिर वो आईने के सामने खड़ी होकर खुद को निहारने लगी. तुलना करने लगी के वो पहले ज्यादा अच्छी लग रही थी के अब .समीर उस को कोन से रूप में देखना पसंद करेगा पहले वाले या इस वाले.
बाथरूम क्या जगह होती है, कहा जाये तो बाथरूम एक अलग ही दुनिया होती है जहां इंसान बिल्कुल बदल जाता है. बाथरूम वो जगह होती है जहां इंसान अकेला होता है, जहां वो जो चाहे वो कर सकता है, बाथरूम समाज जाती धर्म संस्कार मर्यादा तमीज तहजीब अपना पराया सब से दूर एक अनोखी दुनिया जहां इंसान जो चाहे वो कर सकता है, बिना नकाब के अपनी फेंटेसी पूरी कर सकता है, यहाँ आप को कोई नहीं देख सकता, जैसी रिया दीदी अपनी सराफत का चोला उतर अपनी ही पिशाब में लोट लोट कर अपनी वासना शांत कर रही थी
लेकिन क्या रिया दीदी को किसी ने नहीं देखा? या यू कहो के रिया दीदी ने बाथरूम में छुपा हुआ वीडियो रिकॉर्डिंग करता मोबाइल नहीं देखा.
राज मोबाईल में रिया की बाथरूम की रिकॉर्डिंग देख़ कर सोच रहा था.
हा हा हा हा मेरी प्यारी रिया दीदी कितनी शरीफ हो तुम, वाह वाह बाथरूम में क्या क्या कारनामे करती हो, वाह दीदी वाह तुमने तो रंडियो को भी फेल कर दिया बड़ी आग लगी हे तेरे बदन में, साली मुझे शराफत का भाषण दे रही थी तू ,अब बताता हु तुझे के में क्या चीज हू, अब तुझे मेरी रंडी बनने से कोई नहीं बचा सकता बस आज जरा तेरे यार समीर का इंतजाम कर दू फिर तुझ को देखता हू,
वाह समीर भाई पापा की बुलेट लेकर आया हे क्या बात हे, आज तो लगता हे रिया भाभी के साथ कही घूमने जाना हे,
नहीं यार आज कॉलेज के बाद थोड़ा काम हे इसलिए लाया हू, रिया तो आज कॉलेज आएगी ही नहीं उस को कुछ काम हे घर पर चल क्लास में चलते हे.
समीर दोस्तों के साथ क्लास में चला गया,
कुछ ही देर बाद राज छुप छुप कर समीर की बुलेट के पास आता हे और अपनी जेब से छोटी आरी निकलता हे और आरी से बुलेट के ब्रैक बायर को 90 % काट देता हे, .
चल बैठ यार जरा घर का सामान भी लेना हे आज जल्दी निकलते हे,
ठीक हे भाई चल लेकिन बुलेट जरा आराम से चलना, तेरे हाथ में बुलेट आ जाती हे तो तू तो बुलेट को हवाईजहाज़ बना देता हे,
अबे बुलेट भी कही आराम से चलाई जारी हे चूतिये, बुलेट तो 150 पर ही भगाई जाती हे चल बैठ जल्दी,
समीर के दोनों दोस्त बुलेट पर बैठ गए और समीर ने गाड़ी आगे बड़ा दी,
जैसे ही बुलेट हाईवे पर पहुंची समीर ने फुल रफ़्तार से बुलेट दौड़ना शुरू कर दी बुलेट 150 की स्पीड से भागने लगी, तीनो लोग रफ़्तार के इस सफर का आनंद उठाने लगे, लेकिन वो नहीं जानते थे के उन के पीछे अपनी एक्टिवा से एक मासूम दरिंदा चला आ रहा था ,अपने दरिंदो भरे काम का अंजाम अपनी आखो से देखने की चाहत लिए,
अबे समीर ब्रेक लगा सामने दो ट्रक रहे हे, समीर पूरी ताकत से ब्रेक दवाता हे, लेकिन तभी कड़ाक की आवाज़ के साथ ब्रेक बायर टूट जाता हे, और वो लोग जब तक कुछ समझ सकते बुलेट 150 की रफ़्तार से अपने बिपरीत दिशा से आ रहे ट्रक में घुश जाती हे, ट्रक वाला भी जबतक ब्रेक लगता तब तक तो ट्रक बुलेट और उस पर सवार तीनो को कुचलता 100 मीटर आगे निकल चुका था, ट्रक बाले ने एक नजर पीछे देखा तो वो काँप गया वहां तो केबल खून का दरिया था किसी इंसान का वजूद तो दिख ही नहीं रहा था, वहां तो केबल टुकड़ो में बट्टी बुलेट और चीथड़ों में बिखरे इंसानी मांस के लोथड़े दिख रहे थे ,उस ने जल्दी से ट्रक भगा लिया,
दरिंदा भी बहा पहुंच चुका था भीड़ में खड़ा बो मोबाईल से सड़क पर बिखरे इंसानी मांस के लोथड़ो और सड़क पर खून से बने तालाब का वीडियो बना रहा था और मन ही मन अपनी करतूत पर हस रहा था.
समीर की मौत की खबर सुनकर रिया सदमे से पागल हो, गई २-३ दिन तो उस से कुछ खाया ही नहीं गया,
कहते ही वख्त बड़े से बड़े गम को भुला देता हैं 15 दिनों में रिया भी समीर को भूल कर अपनी सामान्य जिंदगी जीने लगी,
वहां राज ने भी अपना प्लान आगे बड़ा दिया था उस ने रिया के बैडरूम और बाथरूम में wifi कैमरा लगा दिया था, जिस से अब वो अपने मोबाईल पर रिया की गतिबिधिया देख़ सकता था और रिकॉर्ड कर सकता था.
उसने रिया को हासिल करने का बड़ा ही दिलचस्प प्लान बनाया था.अब उसे केबल वख्त का इंतजार था और वख्त आने ही वाला था .
रिया सुबह उठ कर बाथरूम में पहुंची काफी दिन हो गए थे समीर के गम की बजह से उस ने चूत की तरफ देखा भी नहीं था, लेकिन आज सुबह से ही उस की चूत मचल रही थी आज वासना की खुमारी फिर उसे मदहोस कर रही थी,
उस ने "xossipy" खोली और "Lion000666" की कहानी "Nazbeen Behek Gayi" पड़ने लगी,
कहानी के शब्दो की गर्मी से उस के जवान जिस्म में वासना की लहरे मचलने लगी, उस का हाथ अपनी कुवारी चूत पर पहुंच गया वो कहानी पड़ते पड़ते अपनी चूत को सहलाने लगी, चूत तो कब से इसी इंतज़ार मै थी,
उसने भी हाथ पर हल्का सा काम रास छोड़ दिया रिया ने चूत रास लगा हाथ अपने मुँह में डाला और उंगलियों को चाटने लगी, अपनी चूत का माल चाट कर उस की आखे नसे में बंद हो गई और उस ने मुँह से हाथ निकाल कर अपनी चूत पर रखा और जोर जोर से अपनी चूत मसलने लगी वो खड़ी हो गई और दीवाल से चिपक गई और अपने चूतड़ जोर लगाके अपने हाथ पर दवाने लगी, वो सिसकारियां लेने लगी काम की आग पुरितः भड़क चुकी थी वो मस्ती में खोटी जा रही थी, के तभी ,
दीदी ओ दीदी क्या कर रही हो इतनी देर से जल्दी निकलो मुझे नहाना हैं,
मनो किसी ने करेंट का तार रिया के ऊपर ढाल दिया, राज की आवाज सुनकर वो हड़वड़ा गई गुस्से से उस की आँखे लाल हो गई, बस कुछ ही पालो में वो पानी छोड़ने वाली थी, राज की आवाज से उस का स्खलन होते होते रह गया, उस का चेहरा वासना की आग से लाल हो रहा था, उसे राज पर बहुत गुस्सा आया, लेकिन वो क्या कर सकती थी बाथरूम की बातें तो पति से भी सेयर नहीं की जाती, और फिर वो जो कर रही थी वो सामाजिक और परिवारी रूप से गलत भी था, और रिया दीदी भी बाथरूम के बाहर एक संस्कारी सीधी सदी शरीफ लड़की थी,
बस भाई दो मिनिट में निकलती हू कह कर वो जल्दी से फ्रेस होने लगी, और मन ही मन अपने एकलौते लाडले छोटे भाई को हजार हजार गालिया देने लगी,
वहां राज मोबाईल में रिया का हाल देख़ कर अपना पेट पकड़ कर हसीं के मरे लोट पोत हो रहा था,
उस का प्लान सफल हो रहा था, यही तो उस का प्लान था जब भी रिया का स्खलन होने वाला होगा वो उसे डिस्टर्व कर देगा वो रिया दीदी को काम की आग भड़का ने तो देगा लेकिन बुझाने नहीं देगा.
रात के 12 बज चुके थे रिया वासना की आग में जलती करबटें बदल रही थी,
उसे समझ नहीं आ रहा था बो अपनी आग कैसे बुझये, वो एक सरीफ लड़की थी जल्दवाजी में कुछ गलत करना नहीं चाहती थी, उसे अपने परिवार की मर्यादा का पूरा ख्याल था, वो अंदर ही अंदर घुटती जा रही थी, उस के अंदर वासना की आग बढ़तीही जा रही थी,
7 -8 दिन से वो जब भी अपने हाथो से अपनी चूत को ठंडा करने की कोशिस करती किसी न किसी बहाने से राज उस को डिस्टर्व कर देता, अभी कुछ समय पहले भी वो अपनी चूत रगड़ रही थी के राज जोर जोर से खांसने लगा था, उस ने सोच लिया था के वो कल जल्दी उठेगी और बाथरूम में जाके अपनी चूत की आग तो ठंडा करेगी.
सुबह के पांच बज रहे थे रिया जल्दी से बाथरूम पहुंची और नंगी होकर मोबाईल पर xossipy खोल चुकी थी और sangeetha69 की कहानी Me Mom and Brother पड़ने लगी.
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
•
Posts: 1,032
Threads: 130
Likes Received: 434 in 304 posts
Likes Given: 220
Joined: Mar 2019
Reputation:
12
जेसे जेसे वो कहानी पड़ती जा रही थी उस की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी. वो खुद को कहानी की नयका समझने लगी. उस का बदन काम की आग में जलने लगा. उस ने अपनी चूत को मुठी में जकड़ लिया और जोर जोर से मसले लगी. जेसे कपडा निचोड़ रही हो. वो अपनी चूत को निचोड़ने लगी. उसे मीठा दर्द हो रहा था लेकिन वो और दर्द महसूस करना चाहती थी.
वो खड़ी हो गई और नल के पास जाके अपनी चूत नल की टोटी पर रख दी, और नल को अपनी चूत में घुसाने लगी, उस की क्वारी चूत में नल की टोटी थोड़ा सा घुस गई वो जोर से सिसक पड़ी, वो अपने दूध दबाने लगी ,और अपनी चूत को हलके हलके नल की टोटी पर रगड़ने लगी, तभी उस नई नजर ब्रस पर पड़ी उसकी आखो में चमक दौड़ गई उस ने अपना और राज का पेस्ट करने का ब्रश उठा लिया, और दोनों को उलटी तरफ से अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगी, अब उस ने एक ब्रस मुँह से निकला और अपनी गांड के सुराख़ पर रगड़ने लगी, हलके हलके रगड़ने के साथ अब वो ब्रस को अपनी गांड में घुसाने लगी,
उफ़ क्या नजारा था राज मोबाईल में यह नजारा देख कर पागल हो गया अपनी बड़ी बहिन को नल की टोटी चूत में डाले और पेस्ट करने का एक ब्रश गांड में डाले और एक ब्रश लन्ड जेसे चूसते देख उस का लन्ड उत्तेजना से फूल गया, उफ़ ऐसा कामुक नजारा, उस ने कभी सोचा भी न था के रिया दीदी इतना कामुक और kinki है,
अब रिया दीदी एक हाथ से जोर जोर से ब्रश से अपनी खुद की गांड मारे जा रही थी. और दूसरे हाथ में पकडे ब्रश को लन्ड समझ अपने गले में उतरे जा रही थी, और अपनी चूत टोटी पर रगड़ती जा रही थी,
उस के मुँह से कुतियो जैसी लार बह रही थी, वो काम की उत्तेजना में पागल होती जा रही थी,
वहां राज अपनी बड़ी बहिन का लाइव शो देख कर रिया की ब्रा को मुँह में घुसाए और रिया की लाल पैंटी को अपने लन्ड पर बांधे जोर जोर से अपना लन्ड हिला रहा था, वो ब्रा को ऐसे चूस रहा था मनो वो रिया दीदी की ब्रा नहीं उन की दूध हो, और वो पैंटी को भी रिया दीदी की चूत समझकर अपने लन्ड से रगड़े जा रहा था, उस का लन्ड रिया दीदी को इतने भयानक तरीके से काम क्रिया देखा उत्तेजना से फूलने लगा उस की लन्ड से माल की पिचकारी रिया दीदी की लाल मखमली पेंटी को भिगोने लगी, वो अपनी बड़ी दीदी को ब्रश से खुद की गांड मारते देख सिसकारियां छोड़ता झड़ने लगा, उस की लन्ड की माल से उस की सगी बड़ी बहिन की पैंटी भर गई लाल लाल मखमली पेंटी लन्ड क़े सफ़ेद माल से सन कर और कामुक लगने लगी.
वहां रिया काम की आग में जलती एक सरीफ लड़की से, कुत्तो क़े झुंड में फसी कामुक कुतिया में बदल गई थी,
वो अपनी चूत को टोटी पर रगड़ती अपनी गांड में ब्रश पेलती जा रही थी, वो उतेज़ना क़े अंतिम सफर पर पहुंचने वाली थी वो जोर क़े झटके लेने लगी मुँह से बहती लार और तेजी से बहने लगी, तभी
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
•
Posts: 1,032
Threads: 130
Likes Received: 434 in 304 posts
Likes Given: 220
Joined: Mar 2019
Reputation:
12
वो अपनी चूत को टोटी पर रगड़ती अपनी गांड में ब्रश पेलती जा रही थी, वो उतेज़ना क़े अंतिम सफर पर पहुंचने वाली थी वो जोर क़े झटके लेने लगी मुँह से बहती लार और तेजी से बहने लगी, तभी
तभी जोर जोर से भजनो की आवाज आने लगी किसी ने फुल साउंड पर टीवी चालू कर क़े कोई धार्मिक चैनल लगा दिया था,
कोई बहुत पहुंचे हुए कथा बाचक भजन सुना रहे थे,
रिया दीदी पर मानो किसी ने खौलता पानी ढाल दिया उस क़े हाथो से ब्रस छूट गए वो सदमे से पीछे हट कर दीवाल से टिक गयी,
हमें अपनी वासना पर काबू पाना सीखना होगा, वासना नर्क का मार्ग होती है, अपने जीवन से वासना को निकाल दो, वासना आदमी को जानवर बनती है,
सुबह सुबह टीवी पर एक बहुत बड़े कथा बाचक अपनी कथा सुना रहे थे, लाखो लोगो की भीड़ उस को बड़े धयान से सुन रही थी,
वहां रिया दीदी की आँखे अंगारो जैसी जल रही थी गुस्से क़े मारे उस क़े नथुनो से चिंगारिया निकाल रही थी, ऐसी अबस्था में टीवी से निकलती आबज़े उस क़े कान में पिघले सीसे क़े तरह लग रही थी ,
वो जोर से चिल्लाई किस पागल ने सुबह सुबह इतनी तेज़ आबाज में टीवी चालू किया,
सॉरी दीदी गलती से हो गया अभी बंद करता हु,
मोबाईल में रिया की हालत देखता राज अपना मुँह पकडे लोटपोट हो रहा था,
गुस्से और काम अग्नि से जलती नाहा धोकर रिया बाथरूम से बहार आई और जलती नजरो से राज को देखने लगी,
और राज मासूम बच्चा मैथ की किताब पड़ रहा था,
रिया का दिन फिर से बिगड़ गया, सुबह से ही मूड ख़राब हो गया वो नास्ता कर क़े कॉलेज चली गई,
और मासूम बच्चा अपने प्लान को आगे ले जाने क़े बारे में सोचने लगा,
रिया का मन आज बहुत बेचैन था, चूत की आग उस को परेशान कर रही थी, उस का कॉलेज में भी मन नहीं लगा, उस ने सोचा चलो घर चल कर दोपहर में कोशिस करते है,
दोपहर में तो घर में शांति होती है मम्मी पापा ऑफिस चले जाते है और राज भी पड़ता रहता है,
राज ने रिया दीदी की एक्टिवा की आवाज सुनते ही अपने को प्लान क़े अगले पार्ट क़े लिए तैयार कर लिया,
रिया घर क़े अंदर आई और अपने कमरे की तरफ बढ़ने लगी वो जेसे ही अपने कमरे में गेट पर पहुंची तो बड़ी जोर से चौक गई उस क़े पैर थम गए,
राज रिया क़े बेड पर नंगा खड़ा था और बेड पर रिया की 4 -5 ब्रा और पैंटी पड़ी थी,
वो xossipy खोले honey boy की कहानी " ये गलत है (भाई-बहन का प्यार)" पड़ रहा था और अपना लन्ड हिला रहा था,
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
•
Posts: 1,032
Threads: 130
Likes Received: 434 in 304 posts
Likes Given: 220
Joined: Mar 2019
Reputation:
12
रिया यह देख कर गुस्से से आग बबूला हो गई, उस का चेहरा लाल पड़ गया, उस की आँखे जलने लगी,
वहां राज सिसकिया भर रहा था, ले मेरी रंडी दीदी अपने भाई क़े लन्ड का माल अपनी पेंटी में भर ले, मेरी रानी मेरी कुतिया आ आआ आआ आ ले रांड ले अपने भाई क़े लन्ड का माल,
रिया ने खुद पर काबू पा लिया और वो राज की हरकतों को मोबाईल से रिकॉर्ड करने लगी, आज वो राज को ऐसा सबक सीखना चाहती थी जिस को राज जिंदगी भर नहीं भूले, वो यह सब रिकॉर्ड कर क़े अपनी माँ को दिखाना चाहती थी, बो माँ को बताना चाहती थी क़े उस का भाई कितना बिगड़ गया है, उस क़े भाई को बाजारू रंडी और अपनी सगी बहिन में कोई फर्क नजर नहीं आ रहा है, उस का छोटा भाई इतना गिर गया है क़े वो अपनी बड़ी बहिन क़े कमरे में नंगा होकर गन्दी कहानिया पड़ कर बहिन की ब्रा पेंटी पर मुठ मार रहा है ,आज वो राज का घिनौना चेहरा अपनी माँ को दिखने वाली थी ,
वहां राज कहानी की खुमारी में खोया अपनी बहिन को गन्दी गन्दी गालिया देता हुआ लन्ड हिलता जा रहा था, रिया को पारिवारिक सेक्स सम्बन्धो से नफरत थी, नहीं तो उस क़े अंदर तो खुद काम की आग जल रही थी, राज उस का भाई न होता तो वो कब की राज का 7 इंच का मोटा तगड़ा लन्ड देख कर अपनी चूत खोल कर लेट जाती, वो मन ही मन राज को गालिया देती हुई वीडियो बनाती जा रही थी,
राज अब झड़ने क़े करीब आ गया था उस ने रिया की एक पेंटी अपने मुँह में भर ली, और जोर जोर से चूसने लगा और तभी उस क़े लन्ड ने माल की फुहार छोड़ना चालू कर दी, उस क़े लन्ड से उड़ता माल बेड पर डली रिया की ब्रा पेंटियो पर बरसने लगा, राज अपनी दीदी की पैंटी चूसता उस की चूत की खुसबू को महसूस करता अपनी गर्मी लन्ड क़े छेद से निकलता जा रहा था,
पूरा माल निकलने क़े बाद राज ने रिया दीदी की ब्रा पैंटी उस क़े कपड़ो की अलमारी में रख दी रिया चुप चाप बापस लोट गई ,
राज आके ड्रॉइंगरूम में बैठ गया और मासूम बन कर किताब उठा क़े पड़ने लगा,
रिया दो मिनिट बाद घर में दाखिल हुई ,और राज को पड़ता देख जलती हसी क़े साथ उस क़े पास पहुंची,
और भाई क्या हो रहा है आज कल तो बड़ी पढ़ाई चल रही है दिन भर पड़ता ही रहता है,
हा दीदी एग्जाम अपने बाले है इस लिए आज कल में दिन भर पड़ता हु,
हा सही कहा मेने देखि है तेरी पढ़ाई, इस बात तो तू पक्का कॉलेज टॉप करेगा,
बस दीदी आप का आसीर्बाद मिल जाये तो मै कॉलेज क्या स्टेट टॉप कर लू,
मिलेगा मिलेगा आज तुझे में ऐसा आसीर्बाद दूगी क़े तू जीबन भर नहीं भूलेगा, बस थोड़ा इंतजार कर माँ को ऑफिस से आजाने दे,
अरे दीदी आसीर्बाद आप को देना है, मुझे लेना है, इस में माँ का क्या काम, आप अभी दे दो में तो कब से आप का आसीर्बाद लेने क़े लिए बेकरार हु,
बेटा में तेरी इन डबल मीनिंग बाली बातो का मतलब खूब समझती हु, तुझ से दो साल बड़ी हु, में खूब समझती हु तुझे कैसा आसीर्बाद चाहिए,
अरे वाह आप तो बड़ी समझदार हो सब समझती हो, फिर देती क्यों नहीं, देखो आप का छोटा भाई आप का आसीर्बाद पाने क़े लिए कितना तड़प रहा है,
जानती हु मेरे भाई तू बहुत तड़प रहा है, चिंता मत करो आज में तेरी सारी तड़प मिटा दूगी, बस माँ को आ जाने दे फिर देख कैसे तेरी तड़प छूमंतर होती है,
दीदी आप तो सस्पेंस बड़ा रहे हो, माँ को आने में तो अभी चार घंटे है, आप को अच्छा लगेगा आप का छोटा भाई चार घंटे तक तड़पता रहे, इतना नुस्ठुर न बनो दीदी अभी दे दो न,
रिया राज की डबल मीनिंग की बातो से भड़क गई अंदर दवा गुस्सा फुट पड़ा,
चुप कमीने बंद कर अपना गन्दा मुँह, तेरे मुँह से दीदी शब्द अच्छा नहीं लगता, कमीने तू क्या जाने भाई बहिन का रिस्ता क्या होता है, कितना पवित्र होता है, तेरे जैसा कमीना भाई ऊपरवाला किसी को न दे,
मुझे पहली वार में है माँ को बता देना चाहिए था, अब तो तेरी हिम्मत इतना बड़ गई क़े तू मेरे बैडरूम में घुस कर मेरे अंडर गारमेंट क़े साथ गन्दी हरकते करने लगा, कुत्ते मेने तेरा वीडियो बना लिया है, आने दे माँ को आज माँ को तुम्हारी असलियत बताती हु, बताती हु क़े तू कोई मासूम बच्चा नहीं है बल्कि तू तो एक दरिंदा है,
जो अपनी सगी बड़ी बहन पर गन्दी नजर रखता है,
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
•
Posts: 1,032
Threads: 130
Likes Received: 434 in 304 posts
Likes Given: 220
Joined: Mar 2019
Reputation:
12
सॉरी दीदी सो सॉरी प्लीज़ मुझे माफ़ माफ़ दो, मुझ से बहुत बड़ी गलती हो गई, में आप क़े पैर पड़ता हु, प्लीज़ माँ को मत बताना, माँ मुझे जान से मार देगी, प्लीज़ दीदी में आप क़े पैर पड़ता हु,
साली रांड तू क्या सोच रही है में तेरी बात सुनकर तेरे पैरो में गिर जाउगा, तुझ से रहम की भीख मांगूगा,
साली तू मुझसे दो साल बड़ी जरूर है, लेकिन में दरिंदा हु दरिंदा, तेरे जैसी मामूली लड़की मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकती,
बड़ी आई मेरा वीडियो बनाने वाली माँ को दिखाएगी मेरा वीडियो, जा दिखा माँ को क्यों सारी दुनिया को दिखा फिर देखते है माँ और दुनिया को मेरा तेरी पैंटी क़े ऊपर लन्ड हिलाता वीडियो पसंद आता है,
क़े तेरा गांड में ब्रस ढाल क़े नल की टोटी से चूत चुदवाने बाला,
चल दोनों अपने अपने वीडियो xossipy पर ढाल देते है फिर देख़ते है किस क़े वीडियो को ज्यादा कमेंट और like मिलते है चल मेरी प्यारी दीदी चल,
उफ़ राज की बात सुन कर रिया को लकवा मार गयावो जड़ हो गई ,
जिस भाई को बो मासूम बच्चा समझती थी, बो तो सच में दरिंदा निकला, उस को चक्कर आने लगे वो जमीन पर बैठ गई,
भाई तू पागल हो गया हे, में तेरी बहिन हू, कोई दुश्मन नहीं जो तू मेरे साथ ऐसा कर रहा हे,
मेने तेरा क्या बिगाड़ा हे, तू क्यों मुझे परेशान कर रहा हे, भाई मुझ पर रहम कर समीर के जाने के बाद में बैसे ही काफी दुखी हू, तू क्यों मेरा दुख बड़ा रहा हे, तू मेरा कितना अच्छा भाई था, तेरे दिमाक में कहा से यह गंदगी भर गई, तुझे शर्म भी न आई, तूने अपनी बड़ी बहिन का ही वीडियो बना लिया, और मुझे ब्लैकमेल कर रहा हे,
मेरी प्यारी बहिनिया मेने कुछ नहीं किया मेने तो तुम को अपनी जान से बढ़कर चाहा था,
लेकिन तुम ने ही मेरा दिल तोड़ दिया, मेने दिलो जान से तुम से प्यार किया था ,लेकिन तुम ने ही मेरे प्यार को ठुकरा दिया, में एक मासूम बच्चा था लेकिन तुम ने मेरा दिल तोड़ कर मुझे जलील कर के दरिंदा बनने पर मजबूर कर दिया ,
भाई तू कैसी बातें कर रहा हे तू जो चाहता हे वो गलत हे, हम भाई बहिन हे हम ने एक ही माँ की कोख से जनम लिया हे, हमारे बीच यह सब नहीं हो सकता, भाई में तेरे हाथ जोड़ती हू मुझ पर रहम कर मझे और परेशान मत कर,
साली ज्यादा शरीफ मत बन, मेने बाथरूम में देखा हे तुझे गांड में ब्रश डाल के नल से चूत रगड़ते,और एक बात तो भूल ही गया मेरी प्यारी बहिना, तुम ने जो कुछ दिन पहले दीवाल से चूत रगड़ रगड़ कर पिशाब में लोट लोट कर अपनी चूत को ठंडा किया था, बेसा नजारा तो मेने कभी ब्लू फिल्मो में भी नहीं देखा,
वाह वाह क्या सीन था तुम कैसे बाथरूम के गंदे फर्श पर से कुतिया की तरह अपना पिशाब चाट रही थी,
दीदी तुम को तो ब्लू फिल्मो में काम करना चाहिए, तुम तो सनी लियोनी से भी बड़ी प्रोन स्टार बन जाओगी,
राज की यह बात सुन कर रिया की बची खुची गांड भी फट गई, अब वो समझ गई के बात बहुत आगे जा चुकी हे ,उस के खिलाफ राज के पास काफी कुछ हे, अब उस के पास राज की बात मानने के सिवाय कोई रास्ता नहीं हे, वो समझ चुकी थी के राज अब उस का छोटा मासूम भाई नहीं रहा, अब वो एक खौफनाक दरिंदा बन चूका था,
वो कुछ भी कर सकता था, वो उस के बाथरूम कांड को नेट पर डाल सकता था,
रिया पड़ी लिखी समझदार लड़की थी अपना अच्छा बुरा जानती थी, वो समझ गई के उस के पास राज की बात मानने के अलाबा कोई रास्ता नहीं बचा, अब उस को राज के सामने समर्पण करना ही होगा,
.उस की आखो से आसुओ की बारिस होने लगी, उस ने राज के पैरों में अपना सर रख दिया, और रोते रोते बोली,
ठीक हे भाई मेने हार मान ली ,तुम को मेरे साथ जो भी करना हे कर लो, जैसे चाहो अपनी प्यास बुझा लो आज से में तुम्हारी गुलाम हो गई, तुम को मेरे जिस्म के साथ जो करना हे कर लो मै तुम को नहीं रोकूगी,
आज से में तुम्हारी दासी बन गई हू, तेरे पैरो में पड़ी हू ,तुम्हारा जो दिल करे कर लो मेरे साथ में उफ़ तक नहीं करूगी.
प्रेम मोक्छ का मार्ग, प्रेम मुक्ति का मार्ग, प्रेम ईश्वर प्रप्ति का मार्ग,
जी हा सभी धर्मों का मूल तत्व प्रेम होता है,आप किसी भी धरम के धरम गरंथ को उठा कर देख लो सब का सार प्रेम ही होता हे, किसी भी सच्चे ज्ञानी का उपदेश सुनलो सार प्रेम ही निकलेगा,
शैतान को नरपिशाच को हैवान को या दरिंदे को केबल और केबल प्रेम के द्वारा ही मारा जा सकता है,
प्रेम प्रत्येक मनुष्य के अंदर छुपा होता है, बस उसे जगाना होता है, सामने लाना होता है.
दुनिया का सबसे शक्तिसाली हथियार प्रेम होता है.जहा प्रेम आ जाता है बहा समर्पण के सिबाय कुछ नहीं बचता.अहंकार नस्ट हो जाता हे, बुद्धि चैतन्य हो जाती हे, मन निर्मल हो जाता हे, सरे दुःख दूर हो जाते हे,
सभी अपने लगने लगते हे, जहां देखो वह केबल खुशी और उल्लास नजर आता हे,
प्रेम जीहा प्रेम ही तो किया था राज ने रिया से, दिल की गहराइयों से चाहा था उस ने रिया को,
बचपन से उस के मन में कुछ था तो बो केबल रिया थी, उस की हर साँस केबल रिया रिया कहती थी,
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
•
Posts: 1,032
Threads: 130
Likes Received: 434 in 304 posts
Likes Given: 220
Joined: Mar 2019
Reputation:
12
उस की माँ उस की दीदी उस का ईस्वर उस की प्रेमिका उस की पत्नी सब रिया थी, उस का प्रेम इतना गहरा और पबित्र था के उस के सामने सामाजिक बंधन धर्म जाती के नियम सब गोड़ हो चुके थे, उस के प्रेम की गहराई का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता हे के बो अपने प्रेम के अपमान के आघात से एक मासूम से दरिंदा बन गया था, मूलतः वो था तो एक मासूम बच्चा वो मासूम जो अपनी रिया से दिलो जान से मुहब्बत करता था, रिया के ठुकराने की बजह से वो दरिंदा बना था, उस ने अपने मन में प्रेम के ऊपर दरिंदगी डाल ली थी,
लेकिन अब रिया का यह हाल देख, रिया को अपने पेरो में पड़ा रोता देख एक पल में उस की दरिंदगी प्रेम के अलौकिक प्रकाश में जल गई, अपनी प्रेमिका का यह हाल देख कर वो मासूम बच्चा कराह उठा, प्रेम ने एक पल में दरिंदे को मार दिया, अपनी दीदी को अपनी प्रेमिका को अपने पैरो में पड़ा रोता देख उस मासूम प्रेमी का कलेजा फटने लगा, उस की आखो से आसुओ की नदी बहने लगी उस ने जल्दी से रिया के उठाया और सोफे पर बैठा दिया और खुद रिया के सामने घुटनो पर बैठ गया,
दीदी मुझे माफ़ कर दो मुझ से बहुत बड़ी गलती हो गई, मेने आप के साथ बहुत गलत कर दिया, आप मेरे लिए भगबान जैसे हो, मेने आप से सच्चा प्यार किया हे ,में जानवर बन गया था, में दरिंदा बन गया था,
मुझे माफ़ कर दो दीदी, वो रिया की गोदी में सर रख कर रोने लगा, रिया ने भी अपना सर उस के सर पर रख दिया दोनों भाई बहिन की आखो से आसुओ की धराये बाह रही थी, रिया भी अब अपने भाई के निस्छल प्रेम को महसूस कर चुकी थी, वो समझ चुकी थी के यह प्रेम है, पूजा हे, दीवानगी हे, लेकिन इस में कही भी वासना नहीं हे, हा थोड़ा क्रोध था जो आसुओ के साथ वह चूका था, एक अहंकार था जो प्रेम प्रकाश में जल चुका था ,
दोनों भाई बहिन रो रो कर बेहाल हो रहे थे, जहां कुछ देर पहले दोनों एक दूसरे को जानी दुसमन लग रहे थे, एक दूसरे के लिए बुरा सोचे जा रहे थे, बुरा किये जा रहे थे, जो कमरा कुछ समय पहले वासना और छल कपट से भरा था, अब बहा केबल सीतलता थी, निर्मलता थी, देवालयों जैसी असीम शांति, और पवित्रता थी ,
प्रेम के प्रकट होते ही बताबरण आद्यात्मिक हो गया था, सभी दोष जल गए थे अंधकार छठा गया था अलौकिक प्रकाश फेल गया था , केबल और केबल प्रेम बाकि रह गया था खुशिया बाकी रह गई थी ,
कुछ देर बाद दोनों सम्हाल गए शांत हो गए, राज तो रिया के प्रेम में पागल दीवाना था ही रिया भी अब राज के बारे में सोचने लगी, वो बड़ी थी एक अच्छी लड़की थी, समझदार थी,
वासना पूर्ति का सब का अपना अपना तरीका होता हे, आप किसी के तरीके को गलत नहीं कह सकते,
यह हर बालिग मनुष्य का अधिकार होता हे, वो जैसे चाहे बंद कमरे में अपनी वासना पूर्ति कर सकता हे,
रिया बाथरूम में जो करती थी वो उसका वासना पूर्ति का अपना ब्यक्तिगत मामला था, लेकिन उस तरीके से उस के बाहरी जीवन को नहीं मापा जा सकता,
बहरी तौर पर वो एक बेदाग चरित्र की सामान्य सरीफ लड़की थी जो समाज धर्म और परिबार के सारे नियमो को मानती थी निभाती थी,
वो राज से एक छोटे भाई के रूप में असीम मुहब्बत करती थी, दोनों ने पूरा जीबन साथ जिया था, दोनों एक दूसरे को अच्छे से जानते थे, और अब तो दोनों एक दूसरे के सामने और भी खुल गए थे, राज के आज के बर्ताव ने रिया के मन में उस के लिए प्यार और बड़ा दिया था ,वो जानती थी के राज चाहता तो उस को हासिल कर सकता था, लेकिन उस ने रिया के साथ कुछ नहीं किया बल्कि खुद अपनी गलतियों की माफ़ी मांगी ,
रिया की नजर में राज और ऊचा उठ गया, वो भी राज पर मोहित होने लगी, लेकिन अभी भी उस के संस्कार उस का पीछा नहीं छोड़ रहे थे, सो वो संस्कारी लड़कियों की तरह मन की बात को मन की गहराइयों में दबा कर रह गई.
राज ने बाथरूम और रिया के बैडरूम से कैमरे निकल दिए थे साडी रिकॉर्डिंग डिलीट कर दी थी ,
अब राज और रिया सामान्य लाइफ जीने लगे, लेकिन एक दूसरे के वीडियो देख चुके थे, एक दूसरे के बारे में पहले से ज्यादा जान चुके थे , वो दोनों अब थोड़ा खुल गए थे भाई बहिन से कुछ कुछ दोस्त बन गए थे डबल मीनिंग की बातें करने लगे थे,
कहाँ जा रही हो दीदी
भाई मार्किट जा रही हु तुजे कुछ मगना हे
हा दीदी मेरा ब्रश ख़राब हो गया हे नाली में गिर पड़ा था दूसरा ले आना
राज की बात सुनकर रिया समझ गई के वो क्या कहना कह रहा हे
भाई ब्रश तो में ले आउगी लेकिन नाली तो खुली ही रहती हे कही तेरा ब्रश फिर गिर गया तो और कही इस बार जहां तो पेस्ट लगता हे उस तरफ से गिरा तो.
अरे नहीं दीदी ऐसा मत करना में बही ब्रश डेटोल से धो धो कर यूज़ कर लूगा लेकिन तू मेरे ब्रश को पेस्ट लगाने वाली तरफ से गिरने की बददुआ न दे,
ठीक हे भाई जैसे तू कहे, अच्छा भाई कल तेरा जन्मदिन है तेरे लिए गिफ्ट लेकर आउगी
वाओ दीदी क्या लाओगी गिफ्ट में
यह तो कल ही पता चलेगा केक काटने के बाद पार्टी खतम होने के बाद जब तू सब की गिफ्ट खोलेगा
लेकिन दीदी कल तो मम्मी पापा मामा के घर शादी में जा रहे हे कल तो हम दोनों ही होंगे हम दो लोगो में क्या पार्टी होगी
अरे यार चिंता क्यों करता हे में हु न तू हे न दोनों मिलकर जोरदार पार्टी करेगे चल में जाती हु
रिया शॉपिंग कर के आ गई वो राज के लिए गिफ्ट के साथ पिज़्ज़ा भी लाई थी दोनों बैठ कर पिज़्ज़ा खा रहे थे
दीदी में आप से कुछ कहना चाहता हु
हा बोल भाई क्या कहना हे
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
•
Posts: 1,032
Threads: 130
Likes Received: 434 in 304 posts
Likes Given: 220
Joined: Mar 2019
Reputation:
12
दीदी में आप को समीर से बात करने से रोकता था, आप ने कभी मेरी नहीं सुनी लेकिन आप ने कभी यह सोचा में आप को उस से बात करने से क्यों रोकता था,
भाई प्लीज समीर की बात मत कर में बड़ी मुश्किल से उसे भूलने की कोशिस कर रही हु, लेकिन चाह कर भी नहीं भूल पा रही, भाई बुरा मत मानना लेकिन मेने समीर से सच्चा प्यार किया था समीर मेरी जान था,
दीदी में जनता हु आप ने समीर को दिलो जान से चाहा था, लेकिन दीदी समीर अच्छा लड़का नहीं था,
भाई प्लीज में समीर के बारे में कुछ गलत नहीं सुनना चाहती, अब तो बो मर चुका अब भी तू उसके पीछे पड़ा हे,
दीदी एक बार आप मेरी बात सुन लो फिर आप को जो कहना हे कहती रहना,
ठीक हे बोल तुझे क्या कहना हे समीर के बारे में बोल ले मेरा दुखफिर से जगा दे,
दीदी में कोई छोटा बच्चा नहीं हु जो किसी के बारे में फालतू बोलता फिरू, दीदी में आप को कुछ दिखाना चाहता हु आप एक बार यह देख और सुन लो फिर आप को जो कहना हे कहती रहना,
कह कर राज में अपने मोबाईल पर एक वीडियो प्ले कर दिया, वीडियो में रिया के कॉलेज का गार्डन दिख रहा था
तभी उस में समीर और उस के दोनों दोस्त दिखते हे,
समीर भाई तुझे क्या हो गया यार, हर बार तो तू लड़की फ़साता हे फिर 10 -20 बार खुद चोद कर हम दोनों को दे देता हे, लेकिन इस बार रिया को फसाये तीन महीने हो गए लेकिन उसे तूने अभी तक नहीं चोदा,
रिया में ऐसा क्या हे यार कही तुझे उस से सच्चा प्यार तो नहीं हो गया,
अबे नहीं रे मेरे जैसा मादरचोद किसी से प्यार नहीं कर सकता, साले तुम लोगो को नहीं पता रिया का बाप काफी पैसे वाला आदमी हे, साले के पास करोडो की दौलत हे ,इस बार मुझे चूत नहीं करोडो की दौलत चाहिए,
लड़कियों का क्या हे में तो रिया जैसी हजारो लड़किया चोद चुका और फिर तुम लोगो से चुद्वाके उन को रंडी बना चुका,
मान गए समीर भाई मान गए तुम को क्या कमाल का प्लान बनाया हे, रिया की चूत और साथ में करोड़ो की दौलत, लेकिन भाई फिर तो रिया की चूत को हम भूल है जाते हे अब तो वो हमारी रंडी नहीं भाभी बनेगी,
लेकिन समीर भाई रिया के तो एक भाई भी हे फिर रिया से शादी कर के उस के बाप की दौलत तुम को कैसे मिलेगी,
बीटा चिंता मत कर मेने सब सोच लिया रिया का भाई तो चूतिया हे उस को तो में शादी से पहले ही अपने रस्ते से हटा दुगा साले को किसी ट्रक से कुचलवा के मरवा दूंगा, लेकिन तुम लोगो को मेरा साथ देना होगा यह लम्बा गेम हे हम सब को साथ मिलकर खेलना होगा, पहले हम रिया के भाई को मरेंगे, फिर में रिया से सादी करूगा फिर हम रिया के मम्मी पापा को भी निपटा देंगे, और उस के बाद जब रिया अकेली बच्चेगी उस कुतिया को ड्रग की लत लगा कर हम तीनो रंडी बनके नंगा नचाया करेगे,
समीर भाई तुम चिंता मत करो हमलोग तुम्हारे साथ हे तुम जो कहोगे हम बही करेंगे, बस थोड़ा माल और रिया की चूत देना मत भूलना,
चिंता मत करो रिया की चूत और उस के बाप का माल हम तीनो मिलकर लुटेगे ,चलो अब घर चलते हे साली रिया रंडी से फोन सेक्स भी करना पड़ता हे, रोज साली रात भर पकाती हे, लेकिन करोडो की दौलत के लिए कुछ रातें बर्बाद हो जाये तो कोई गम नहीं,.
उफ़ उफ़ यह क्या था रिया मनो पत्थर हो गई दिमाक कुंद हो गया, वो खुद को बड़ा होशियार समझती थी,
उसे खुद की समझदारी पर बड़ा घमंड था, आज जमाने की कड़बी सच्चाई उस के सामने खड़ी थी, आज उसे अहसास हो रहा था वो कितना गलत थी, लाखो लड़कियों की तरह वो भी प्यार कर रही थी, लेकिन उसे क्या पता था के इस दुनिया में समीर जैसे दरिंदे भी रहते हे, जो मासूम लड़कियों के जिस्मो के साथ उन के परिवार की इज्जत आबरू की धजिया भी उड़ा देते हे, और साथ में उन की दौलत भी लूट ले जाते हे,
उफ़ कितना बड़ा धोखा खया उस ने, वो प्यार में पागल हो गई थी, नहीं वो प्यार नहीं था वो वासना थी,
वो वासना के जाल में फ़स गई थी, उस वासना के जाल ने उस के विवेक को हर लिया था, उसे अपने सगे भाई से ज्यादा समीर पर भरोसा होगया था ,लाखो लड़कियों की तरह वो भी वासना की आग में जाल कर भूल गई थी के दुनिया बहुत मतलबी हे, यहां प्यार कम और धोके ज्यादा मिलते हे, आज उसे समझ आया बड़ी उम्र नहीं बड़ी अक्ल होना मायने रखता हे ,दुनिया में केबल खून का रिस्ता आप का सगा होता हे, बाकी सब तो किसी बिसेस उदेस्य के कारण केबल प्यार का दिखावा करते हे, रिया आज प्रेम और वासना का अंतर समझ चुकी थी,
वो समझ चुकी थी के मासूम दरिंदा राज नहीं था मासूम दरिंदा तो समीर था,
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
•
Posts: 1,032
Threads: 130
Likes Received: 434 in 304 posts
Likes Given: 220
Joined: Mar 2019
Reputation:
12
वो समझ चुकी थी के मासूम दरिंदा राज नहीं था मासूम दरिंदा तो समीर था,
भाई मुझे माफ़ करदे मुझ से बहुत बड़ी गलती हो गई, उफ़ में भी कितना पागल थी अपने भाई के सच्चे प्रेम को न समझ सकी, और उस कमीने की झूठी बातो में फ़स गई, भला हो ऊपर बाले का जिस ने उन लोगो को कुत्ते की मौत मर दिया, नहीं तो हमारे परिवार का क्या होता, अच्छा हुआ कमीने दरिंदे खुद अपनी मौत मर गए,
दीदी दरिंदे कभी अपनी मौत नहीं मरते उन को मरना पड़ता हे,
क्या मतलब राज तू क्या कहना चाहता हे,उफ़ मेरे भाई उफ़ तू इतना बड़ा कैसे हो गया, मेरा बच्चा में समझ गई तेरी बात, सही किया तूने मेरे भाई आज तूने बहिन की राखी के साथ माँ के दूध और पिता का कर्ज भी उतर दिया,
सच भाई तू दुनिया का सबसे अच्छा भाई और बेटा हे,
दोनों भाई बहिन एक दूसरे से लिपट कर रोने लगे,
बहुत सुहाना दिन था मम्मी पापा मामा के घर जा चुके थे रिया और राज दोनों घर में अकेले थे ,रिया मस्ती में उठी और बाथरूम जाने लगी,
ओये दीदी जरा जल्दी करना आज कल आप को बाथरूम में बहुत देर लगने लगी है, थोड़ा अपने छोटे भाई पर दया करना आज मेरा जन्मदिन है मुझे नहाकर तैयार भी होना है.मुझे टीवी चालू करने पर मजबूर न करना .
अच्छा मेरे बच्चे मुझे टीवी की धमकी मत दे तेरे पास टीवी हे तो मेरे पास भी इयरफोन हे में इयरफोन लगा लूगी फिर तू सुनते रहियो भजन समझा बच्चा ,एक तू ही अकल्मन्द नहीं हे,
और आज बच्चे का जन्मदिन है ओहो में तो भूल ही गई थी चल भाई आज तुझे में दिन भर तोहफे ही तोहफे दूगी आज का जन्मदिन तू जिंदगी भर नहीं भूलेगा,
आज प्रेम अपने चरम पर पहुंच गया था तब मन में केबल प्रेम था निस्चल निर्मल प्रेम,
आज कुछ सही या गलत नही था, आज उस का धयान मार्ग पर नही था, आज तो रिया को केबल लक्छ दिख रहा था, वो बिसुद्ध प्रेमिका बन गई थी,
प्रेमी पागल होते हे सामान्य बेयक्ति किसे प्रेमी के मनो भाव को नहीं समझ सकता,
कोई जाती धर्म समाज किसी प्रेमी के मन को नहीं पढ़ सकता, उन की भाबनाओ को नही समझ सकता ,
क्युके जाती धर्म समाज नियमो की अनुसार चलते हे, उस के साथ बंधन होते हे, उन के साथ जुडी होती हे परम्परये, उन के पास नियमो की किताबे होती हे, परन्तु प्रेम तो बंधनो के टूटने के उपरांत ही जन्म लेता हे, बंधनो के साथ तो संबंध हो सकते हे, रिश्ते हो सकते हे, परन्तु प्रेम के लिए तो सब से पहले बंधन मुक्त होना पड़ता हे ,प्रेम का कोई नियम नही होता प्रेम के लिए नियमो को तोडना पड़ता हे, यदि अलौकिक प्रेम की प्राप्ति करनी हे तो परम्पराओ को भूलना पड़ता हे, प्रेम मोक्ष प्राप्ति का अंतिम पढ़ाओ होता हे, जब ब्यक्ति सारे बंधनो से मुक्त होकर अपनी सारी इक्छाओ को समाप्त कर अपने आप को प्रेम से बसीभूत होकर किसी को समर्पित कर देता हे, उस में समा जाता हे, खुद के बजूद को मिटा देता हे, प्रेमी बन जाता हे, तो उस का नाता इस जीवन मरण और दुःख सुख के संसार से छूट जाता हे, उस के लिए संसार का बजूद समाप्त हो जाता है,
उस के लिए उस का प्रेमी ही सारा संसार हो जाता है, फिर उसे अपने प्रेमी के सिबाय कुछ नहीं दिखाई पड़ता, फिर उसे अपने प्रेमी की अबाज के सिबाय कोई अबाज नहीं सुनाई पड़ती,
वो मुक्त हो जाता हे और मुक्ति ही तो अंतिम अभिलासा होती हे हर बुद्धिजीबी की,
जैसा किसी प्रेम मार्ग के बहुत पुराने रही ने अपने आप को धर्म जाती और समाज के बंधनो से से मुक्त करते हुए कहा था,
मेरा मुझ में कुछ नहीं, जो कुछ है सब तेरा
तेरा तुझको सौपदू , क्या लागे है मेरा
रिया भी प्रेम में डूब कर मुक्त हो गई थी, वो धर्म जाती समाज के नियम कायदे सब भूल गई थी,, वो सही गलत के दायरे से बहार निकल गई थी, उस ने खुद को प्रेम के समंदर में डूबा लिया था, वो प्रेमिका बन गई थी, अपने छोटे भाई राज की प्रेमिका,
आज उसने अपने आप को अपने तन मन को अपने प्रेमी को समर्पित करने का निष्चय कर लिया था,
बहुत सुहाना दिन था मम्मी पापा मामा के घर जा चुके थे रिया और राज दोनों घर में अकेले थे ,रिया मस्ती में उठी और बाथरूम जाने लगी,
ओये दीदी जरा जल्दी करना आज कल आप को बाथरूम में बहुत देर लगने लगी है, थोड़ा अपने छोटे भाई पर दया करना आज मेरा जन्मदिन है मुझे नहाकर तैयार भी होना है.मुझे टीवी चालू करने पर मजबूर न करना .
"अच्छा मेरे बच्चे मुझे टीवी की धमकी मत दे तेरे पास टीवी हे तो मेरे पास भी इयरफोन हे में इयरफोन लगा लूगी फिर तू सुनते रहियो भजन समझा बच्चा ,एक तू ही अकल्मन्द नहीं हे,
और आज तो बच्चे का जन्मदिन है ओहो में तो भूल ही गई थी चल भाई आज तुझे में दिन भर तोहफे ही तोहफे दूगी आज का जन्मदिन तू जिंदगी भर नहीं भूलेगा, "
चल आजा भाई आज तुझ को तेरा पहला बर्थडे गिफ्ट देती हु,
अरे दीदी तू भी न पहले फ्रेस तो हो ले फिर दे देना गिफ्ट,
बच्चे मेरा पहला गिफ्ट तो यही है के आज में सबकुछ तेरे सामने ही करूगी, आज तो में सब फ्रेस भी तेरे सामने ही होउगी,चल बाथरूम में मेरे साथ, तूने मुझे कैमरे में जो करते देखा है आज वो तुझे सामने बैठा कर दिखाती हु,
अरे यार दीदी तुम भी ना सुबह से फिर शुरू हो गई, तुम भी ना अभी तक उसी बात के पीछे पड़ी हो,
मैने सॉरी बोल दिया था गलती मान ली थी छोड़ ना यार पुरानी बातो को,
मेरे बच्चे में मजाक नहीं कर रही तेरी कसम सच कह रही हु मेने तेरे लिए यही पहला गिफ्ट सोचा है के में सब कुछ तेरे सामने करू तेरे लिए करू,हा अगर तुझे मेरा गिफ्ट पसंद नहीं तो ठीक है तू यही बैठा रह में चली फ्रेस होने,
रिया के बात सुन कर राज के हालत ख़राब हो गई, अपनी बहिन को अपने सामने बैठ कर टट्टी और पिशाब करने की बात सोच कर ही उस का दिमाक घूम गया, उस के मन में आनंद के साथ वासना के फूल खिलने लगे उस की बरसो की इक्छा जाग गई उस का दबा हुआ प्रेम उबालें लेने लगा,छड़ भर में चड्डी में छुपा चूहा तन कर लण्ड बन गया उस के अंडकोस कड़क हो गये,
रुक तो दीदी में भी चल रहा हु ना, में तो मज़ाक कर रहा था,
मेरी प्यारी दीदी मुझे कुछ गिफ्ट दे और में ना लू ऐसा कभी हो सकता है क्या आप के हाथो से तो में जहर भी हस्ते हस्ते पी लूँगा,
अरे मेरा छुटकू सा बेबी मुझे मक्खन लगा रहा है, बच्चे में तेरी बड़ी बहिन हु अच्छे से जानती हु तुझे,
लेकिन तूने पहली बार में गिफ्ट लेने से मना किया तो अब तुझे यह गिफ्ट पाने के लिए मेरी एक बात माननी होगी,
हा बोलो ना दीदी आप के गिफ्ट के लिए तो में कुछ भी करने को त्यार हु,
अब तू मेरे साथ एक ही शर्त पर चल सकता है के में जो कुछ भी करू तू केबल देखेगा मुझे छूने की कोशिस नहीं
करेगा और ना है तू अपने उस को छुएगा,बोलो मंजूर है ,
हा मुझे आप की शर्त मंजूर ही दीदी मुझे मंजूर है आप के ऐसे बेमिसाल गिफ्ट के लिए तो में चाँद पर भी जाने को त्यार हु यह तो बड़ी मामूली बात है ,
देख्ते है बच्चे के यह मामूली बात तू पूरी कर पता है के नहीं चल फिर आ जा,
रिया और राज दोनों बाथरूम में आ गये,
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
•
Posts: 1,032
Threads: 130
Likes Received: 434 in 304 posts
Likes Given: 220
Joined: Mar 2019
Reputation:
12
देख्ते है बच्चे के यह मामूली बात तू पूरी कर पता है के नहीं चल फिर आ जा,
रिया और राज दोनों बाथरूम में आ गये,
रिया राज की आखो में आँखे डाल कर अपने कपडे उतरने लगी, हर उतारते कपडे के साथ राज की हालत ख़राब होती जा रही थी,रिया को उस ने कैमरे के कई बार नंगा देखा था उस को बेहद कामुक हरकते करते देखा था, लेकिन आज सब उस के आखो के सामने हो रहा था, आखो के सामने घटने बाली घटना कैमरे में दिख रही घटना से हजार गुना ज्यादा प्रभाव डालती है, कैमरे में तो उसे रिया का जिस्म बस दीखता था यहाँ तो वो रिया के मादक शरीर से निकलती खुसबू भी महसूस कर रहा था, आज उसे पहली बार एक अलग तरह का अद्भुत अहसास हो रहा था,
अहसास भी अलग अलग तरह के होते है,अहसासों की भी मंजिले होती है,
कोई लड़की अपने कपडे उतार कर नग्न हो रही है, आप देख रही हो यह बात आप के अंदर एक अलग अहसास उत्पन करेगी, कोई लड़की किसे के लिए नग्न हो रही है इस बात से आप के मन में एक अलग अहसास की अनुभूति होगी, लेकिन कोई लड़की आप के लिए नग्न हो रही है यह अहसास आप को चरम पर पंहुचा देगा,
रिया अपने छोटे भाई राज के सामने केबल पेंटी में खड़ी थी वो राज की आखो में आँखे डाल अपने हाथो से अपने मखमली उरोजों के निपालो को सहला रही थी,उस के सांसे भारी होती जा रही थी,उस का मादक जिस्म राज के सामने निर्बस्त्र खड़ा था लाल रंग की पेंटी पहने अपने उरोजों को सहलाती रिया काम की देवी लग रही थी उस का कामुक रूप और परियो जैसा सौन्दर्य बेमिसाल था
राज अपनी बड़ी बहिन को अपनी सुपन सुंदरी को अपनी प्रेमिका को इस रूप में देख कर पत्थर की मूरत में बदल गया था, वो आँखे फाडे अपनी बहिन की अलौकिक सुंदरता में खो गया था,
वो भी बिसुद्ध प्रेमी बन गया था उस के लिए रिया के शिवाय सारी दुनिया का बजूद मिट चूका था,
तभी उस को झटका लगा बो सपनो की दुनिया से जागा, रिया के लाल पेंटी उस के मुँह पर लग कर निचे गिर पड़ी थी, रिया ने अपनी पेंटी उतार कर राज के मुँह पर फेक दे थी,उस ने जल्दी से अपनी दीदी की पेंटी उठा ली और किसी पबित्र चीज के तरह अपने मुँह के पास ला कर देखने लगा पेंटी पर लगे गीले पन को देख कर उस की आँखे बोझिल हो गयी, अपनी बहिन के पेशाब और काम रास की सुगंध नाक में जाते ही वो मदहोस हो गया,
तभी एक तीखी गंध ने उस के दिमाक को जजहोर दिया उस के होस बापस आ गये,
उस ने देखा के उस की बड़ी बहिन कमोड पर बैठ कर टट्टी कर रही थी और उस की टट्टी से निकलती तीखी गंध बाथरूम में फेल गयी थी, उस की सांसो में समा गई थी, वो अपनी सगी बड़ी बहिन को अपने सामने नंगी होकर टट्टी करते देख और टट्टी की तीखी गंध को सूघ कर वो पागल हो गया और अपना मुँह खोल कर जोर जोर से सांसे लेने लगा और अपनी दीदी टट्टी की तीखी गंध को अपने अंदर समेटने लगा,
रिया अपने भाई की हालत को देख कर उस के मज़े ले रही थी टट्टी करने के बाद उस की चूत ने पेशाब की धार छोड़ना शुरू कर दी थी, उस ने अपनी चूत से निकलते गरम पीले पेशाब को अपनी हथेली में भर कर टट्टी की तीखी गंध की माधोसी में डूबे अपने छोटे भाई के मुँह पर फेक दिया,
अपनी दीदी की टट्टी की तीखी गंध को मुँह खोले अपने में समाने की कोशिस करता राज एक दम से चौक गया, उस के मुँह पर रिया की फेखी गरम पेशाब ने उस को जैसे सोते से जगा दिया, तभी रिया ने एक बार फिर उस के मुँह पर अपनी पेशाब फेंकी जो आधी उस के खुले मुँह में जाके गिरी और आधी उस के चेहरे पर बिखर गई,
अपनी दीदी की गरम और कसैली पेशाब को अपने मुँह में पाकर राज में बदन में वासना की लहरे दौड़ने लगी उस ने मुँह में पड़ी दीदी के पेशाब को निगल लिया, और भूखी निगाहो से रिया की और देखने लगा वो हाथ में अपनी बहिन के काम रस से सनी पेंटी पकडे मानो कह रहा हो के दीदी प्लीज़ थोड़ी से पिशाब और दो ना,
लेकिन रिया की पेशाब ख़तम हो गई थी वो राज की हालत का पूरा मज़ा ले रही थी वो जानती थी राज क्या चाहता ही लेकिन वो राज को तड़पना कहती थी,
आज राज की प्रेमिकः बहुत है शरारती मूड में थी,
भाई और दू क्या
हां दीदी थोड़ा और दो ना प्लीज़
च च च लेकिन बेबी अब तो ख़तम हो गया लो तुम खुद देख लो
रिया अपनी चूत फैला के राज को दिखाती है,
पेशाब से भीगा चेहरा लिए राज अपनी दीदी की खुली चिकनी गुलाबी चूत देख कर पागल हो गया आज जो उस के साथ हो रहा था ऐसा तो कभी उस ने सपने में भी नहीं सोचा था,अपनी दीदी की वासना भरी कामुक अदाओ ने उस के अंदर वासना का तूफान भर दिया था अपनी दीदी की खुली चूत को सामने पाकर उस का हाथ अपने लण्ड पर पहुंच गया और बो अपने लण्ड को मसलने लगा,
नो भाई नो अपने उस पर से हाथ हटाओ याद ही मेने क्या सर्त रखी थी और तुम ने भी कहा था तुम अपने इस को हाथ नहीं लगाओ गे,
अरे दीदी क्या बच्चे की जान लोगी क्या इतना जुलम मत करो तुम्हारे काम देख कर तो मुर्दे भी अपने को नहीं रोक पयेगे, फिर में तो जरा सा बच्चा हु मुझे कम से कम अपने हाथ से है कुछ करने दो,
मेरी हालत ख़राब हो रही ही, प्लीज़ मुझे एक बार कर लेने दो
अरे तू तो कह रहा था यह तो बड़ी मामूली बात है, मेरी गिफ्ट के लिए तो तू चाँद पर भी चला जयेगा अब क्या हुआ, कहा गया तेरा वादा में तुझे करनी से रोकूगी नहीं लेकिन याद रखना यह तेरी वादा खिलाफी होगी,
ओफ दीदी तुम बहुत निष्ठुर हो तक ही करो आप को जो करना ही में वहां हाथ नहीं लगाउगा में अपनी प्यारी दीदी से किया हुआ वादा निबाहुगा,
मेरा तो सब काम हो गया बस साफ़ सफाई करना बाकी है,आज तू करेगा अपनी दीदी की बहा की सफाई,
हां दीदी हां में करुगा ना आप जो भी बोलो गए में करूगा,
तो आजा फिर और कर मेरी सफाई में भी तो देखु के तू किसी सफाई करता है,
राज कांपते हाथ पैरो से रिया के पास पंहुचा और पानी का मघा उठा कर अपनी बहिन की गांड धोने लगा,
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
•
Posts: 1,032
Threads: 130
Likes Received: 434 in 304 posts
Likes Given: 220
Joined: Mar 2019
Reputation:
12
राज कांपते हाथ पैरो से रिया के पास पंहुचा और पानी का मघा उठा कर अपनी बहिन की गांड धोने लगा,
वो अपनी दीदी के टट्टी से सनी गांड हो सहलाते सहलाते पानी डाल कर धोता जारहा था, दीदी के गांड का छेद और उस की टट्टी को अपनी हथेली से मसल कर वो बहुत गरम हो रहा था, उस की नाक से निकलती गरम सांसो से रिया का चेहरा जल रहा था, वो भी मस्ती के नशे में भरी सांसे लेती अपने भाई के हाथ को अपने गांड के छेद पर महसूस कर रही थी,गांड धोने के बाद वो फुब्बारे के नीचे खड़ी हो गई और अपने कामुक नग्न बदन पर साबुन मल मल कर राज को अपनी जबानी के जलबे दिखा दिखा कर नहाने लगी,
राज के लिए आज का दिन उस की जिंदगी का सब से हसीन दिन था आज उस की महबूबा रिया ने पुरे दिन उस के साथ मस्ती की थी, बो दोनों ने मॉल में जाके मूवी देखी रेस्टोरेंट जाके खाना खाया, राज दिन भर रिया के साथ घूमता रहा, रिया भी उस के साथ उस की गर्ल फ्रेंड जैसा बिहेव कर रही थी, दोनों ने दिन भर मौज मस्ती की,
रात को राज ने केक कटा और अपने हातो से रिया को खिलाया रिया ने भी अपने हाथ से राज को केक खिलाया और उस के चेहरे पर भी मल दिया,
दीदी अब मेरा गिफ्ट तो दो तुम तो कह रही थी आज मुझे बहुत तोफे दोगी लेकिन तुम ने तो बस एक ही तोहफा दिया ,
रुक जा बच्चे अभी देते हु तुझे तेरे गिफ्ट,और रिया अपने कमरे में जाके तीन गिफ्ट बॉक्स ले आई,एक बहुत छोटा बॉक्स था दूसरा थोड़ा बड़ा था तीसरा बॉक्स बहुत बड़ा था,
बाह दीदी तीन तीन गिफ्ट, देखु तो मेरी प्यारी दीदी ने क्या गिफ्ट दिए है,
राज छोटा बॉक्स खोलता है ,
बाओ यू आर ग्रेट दीदी दो लाख रूपए की राडो की गोल्ड की घडी,ओफो इतना महगा गिफ्ट देने की क्या जरूरत थी दीदी ,
अरे यार तू मेरा एकलोता भाई है तुझे क्या में ऐसा बेसा गिफ्ट दूगी चल दूसरा बॉक्स खोल,
राज दूसरा बॉक्स खोलता है,
ओहो मेरी तोबा आप ने तो कमल कर दिया दीदी यह तो 19वीं शताब्दी की जॉनी वॉकर कंपनी की 'द जॉन वॉकर' शराब की बोतल है यह तो चार लाख की आती है,क्या कर रहे हो दीदी इतनी महगी शराब क्यों गिफ्ट की मेने तो कही शराब को हाथ भी नहीं लगाया फिर आप ने मुझे यह क्यों गिफ्ट की,
भाई मेने भी कभी किसी नशे की बस्तु को हाथ नहीं लगाया लेकिन आज हम दोनों इस को पीकर तेरी जनम दिन की पार्टी को एन्जॉय करेगे,
आज जाने तुझे क्या हो गया है दीदी इतने महज गिफ्ट दे रही हो और यह तो बहुत पड़ा बॉक्स है इस में जाने क्या होगा,राज तीसरा बड़ा बाला बॉक्स खोलता है,
उफ़ दीदी यह क्या है आप पागल तो नहीं हो गये,आप यह सब क्यों लेकर आए हो,
यह किसी दुल्हन का लाल जोड़ा यह मंगलसूत्र यह सिंदूर यह दूल्हे की शेरवानी,
यह सब किस लिए है क्या आज किसी की शादी होने वाली है?
हा आज किसी की शादी होने बाली है,आज मेरी शादी होने बाली है, आज तुम्हारी शादी होने बाली है, आज हम दोनों की शादी होने बाली है, आज रिया और राज की शादी होने बाली है ,
उफ़ राज की हैरानी की कोई सीमा न रही, बो बुत बना रिया को देखने लगा उस की आखो से खुसी के आंसू बहने लगे ,उस के प्यार ने उस को अपना लिया था रिया ने उस के प्यार को स्वीकार कर लिया था,
उस की बचपन की मुहबब्त उस के सामने मंगलसूत्र लेकर खड़ी थी, और कह रही थी अपने नाम का मंगलसूत्र मेरे गले में पहना दो ,उस की जान से प्यारी दीदी उस के सामने खड़ी थी और कह रही थी उस की मांग में अपने नाम का सिंदूर भर दो,उस की प्रेमिका उस के लिए दूल्हे के कपडे लाई थी और कह रही थी इन को पहन लो और बन जाओ मेरे दूल्हे,
राज अपनी प्रेमिका के इस रूप को देख कर प्रेम के एक दूसरे रूप करुणा से भर गया उस की आखो से खुशियो की बारिस होने लगी उस का गाला रुंद गया वो सिसकने लगा,
रिया ने उस को अपने बहो में भर कर अपने गले से लगा लिया दोनों प्रेमी एक दूसरे को बाहों में समाये खुशियो के आंसू बहाते जा रहे थे ,
रिया का कमरा फूलो से महक रहा था,पुरे कमरे में प्रेम के प्रतीक गुलाब की कलियाँ लड़ियो में बंधी लटकी हुई थी,पूरा बेड गुलाब की पखुडियो से सजा था,दीवारों पर गुलाब के फूलो की मालाये लटक रही थी,
और बेड के बीचो बीच एक दुल्हन घुघट ओढे बैठी थी,घुघट में से केबल उस के दो सुर्ख लाल लब नजर आ रहे थे उस के हाथो में सुर्ख लाल चूड़ियाँ थी,वो दुल्हन सुहाग के लाल जोड़े में सजी सिकुड़ी सी बैठी थी,
कमरे का माहौल बेहद रूहानी लग रहा था हलकी अबाज में मुकेश का गीत,
कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है, के जैसे तुझ को बनाया गया है मेरे लिए, बज रहा था,
दूल्हा कमरे में आता है दुल्हन के शरीर में सनसनी सी फेल जाती है ,वो थोड़ा और सिकुड़ जाती है ,चूडियो के अबाज से कमरा गुज जाता है,
दूल्हा आके उस के पास में बैठ जाता है, दूल्हा बेहद प्र्यारी नजरो से अपनी दुल्हन को देकने लगता है,
वो लाल जोड़े में सजी सुहाग सेज पर बैठी अपनी अर्धांग्नी के मनमोहनी सौन्दर्य को निहारता जाता है,
दुल्हन भी अपनी सांस रोके आने वाले पलों का इंतजार करती है ,
दूल्हा जैसे ही दुलहाल का घुंघट उठता है मनो कमरे में सूरज निकल आता है,दुल्हन इतनी ज्यादा सुन्दर थी के मेनका रम्भा भी देखती तो जल जाती,दूध में एक चुटकी केसर मिले रंग जैसा रंग, बेहद हसीं चेहरा,
शर्म से थर थर्राते सुर्ख लब, सागर जैसी गहरी नीली आँखे, काजल लगी अमावस की रात जैसी काली पलके,
हीरे जड़ी लोग से सजी सुतुबा नाक,
घुंघट के उठाये जाते ही मुकेश की अबाज गूजती है,
सुहाग रात है घुंघट उठा रहा हु में ,
सिमट रही है तू शरमा के अपनी बाहों में,
राज अपनी प्रेम की देवी के इस बेमिसाल रूप को देख कर हैरान हो जाता है, उस की प्रेमिका उस की कल्पना से भी ज्यादा सुन्दर थी, वो रिया की ख़ूबसूरती पर मोहित हो जाता है ,वो रिया को अपनी बाहों में लेकर वो अपने लबो को रिया के लबो पर रख देता है,
रिया भी अपने प्रेमी के लबो के लिए अपने लब खोल देती है,
दोनों के जबान लब एक दूसरे का रास पीने लगते है,
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
•
Posts: 1,032
Threads: 130
Likes Received: 434 in 304 posts
Likes Given: 220
Joined: Mar 2019
Reputation:
12
रिया भी अपने प्रेमी के लबो के लिए अपने लब खोल देती है,
दोनों के जबान लब एक दूसरे का रास पीने लगते है,
राज रिया ले ऊपर चढ़ कर उस के लबो को बेदर्दी से चूसने लगता है रिया भी उस का पूरा साथ देती है,
राज के हाथ रिया के उरोजों पर पहुंच जाते है वो अपनी बहिन के उरोजों को मसलने लगता है, रिया के कठोर उरोज छूटे ही उस के शरीर में करंट दौड़ जाता है, उस के अंदर सुबह से दबी वासना फिर जग जाती है,वो रिया का बलाउज खोल कर उस की चूचियों को मुँह में भर कर पीने लगता है,
रिया भी अपने भाई के मुँह को अपनी कुवारी छतियो पर महसूस कर मज़े से सिसकने लगती है वो अपने भाई से सर को सहलाने लगती है,
राज अपनी बहिन की चूचियों को दबा दबा कर जोर जोर से चूस रहा था, वो काम के आज में जल रहा था वो सुहागरात के नशे का भरपूर मज़ा ले रहा था,अब राज का हाथ धीरे से सरक कर रिया की चूत पर पहुंच गया था वो अपने हाथ से साडी के ऊपर से रिया की चूत मसल ने लगा, रिया अपनी जलती चूत पर अपने भाई का हाथ पड़ते ही सिसक पड़ी उस के अंदर वासना मचल ने लगी बो सिसकारियां लेने लगी,
राज ने जल्दी से अपने कपडे उतरे और रिया के साडी निकल कर उस को भी नंगा कर दिया वो जाके रिया के पेरो के बीच बैठ गया और उस की जांघो को फैलाकर उस के कमसिन गुलाबी चूत को सहलाने लगा, बो अपनी ऊँगली से पिया की चूत के छेद को कुरेदने लगा,बो रिया के चूत को अपने हाथो से फैलाके देखने लगा उस की सुंदरता का रास पान करने लगा,
रिया अपनी कुवारी चूत पर अपने भाई का हाथ लगते ही मचत उठी वो जोर जोर से गर्म सांसे छोड़ने लगी,
उस के छातिया ऊपर नीचे होने लगी, तभी राज ने अपना मुँह उस की जलती चूत पर रख दिया अपने भाई के जीव को अपनी चूत के छेद में घुसता महसूस कर व चीख पड़ी, उस का बदन काम की आग में जलने लगा वो अपने दूधो को मसले लगी वो अपने चूतड़ झटकने लगी,
राज भी अपनी बहन की गांड के गोलाइयों को दबोचे अपने मुँह को चूत में घुसाके अपनी बरसो की प्यास बुझाने में लगा था, बो बुरीतरह से अपनी दीदी की चूत को चूसे जा रहा था,
रिया की सिसकारियां बढ़ती जा रही थी, उस की चूत आग उगल रही थी, उस ने अपनी जांघो से राज का सर अपनी चूत पर दवा लिया और दोनों हाथो से जोर जोर से अपनी चूचिया मसलने लगी वो राज के सर को अपनी चूत में दबाये निचे से चूतड़ उछलने लगी उस की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी वो बेदर्दी से राज का मुँह चुदने लगी,
राज भी अपनी दीदी के चूत को दीवानो के तरह खाये जा रहा था वो जोर जोर से अपनी जीव को चूत के अंदर बहार कर रहा था, रिया की जाँघे उस के मुँह और नाक को अपनी चूत में घुसाए जा रही थी, वो अपने चरम पर पहुंचने वाली थी , वो बहुत जोर जोर से अपने चूतड़ उछाले जा रही थी, उस के चीखो से कमरा गुज रहा था,
वो झटके लेने लगी वो अकड़ने लगी वो उस के चूत से पानी निकल पड़ा, उस की चूत ने चूत रास को राज के मुँह में छोड़ना चालू कर दिया, वो हलके हलके झटके खाती अपने भाई के मुँह में अपनी चूत का माल छोड़ने लगी,
राज पूरी लगन के साथ अपनी दीदी के चूत के माल को चाटता जा रहा था, उस की दीदी की चूत से निकलते नमकीन कसेले माल को पीने से उस की वासना दुगनी हो गई थी,
वो उठ कर अपने दीदी के सर के पास आ गया और उस ने अपने लण्ड को रिया के गाल पर रख दिया,
अपने गाल पर रखे अपने छोटे भाई के लण्ड की खुसबू पाते ही उस ने करबट बदल कर राज का लण्ड अपने मुँह में भर लिया, और हलके हलके से चूसने लगी, राज भी अपनी दीदी की चूचियों से खेलता हुआ अपनी दीदी के मुँह में लण्ड पेलता जा रहा था ,दीदी का गरम मुँह और कठोर चूचिया राज को जन्नत का मज़ा दे रही थी, कुछ देर तक लण्ड से अपने बहिन का मुँह चोदने के बाद राज रिया की कुवारी चूत के पास आ गया और अपने लण्ड को रिया की चूत के छेद पर रख कर उस की आखो में देकने लगा आखो ही आखो में अपनी दीदी से लण्ड घुसाने की आज्ञा मांगने लगा,
रिया ने भी पलके जुका कर उसे आज्ञा दे दी,राज ने एक ठोकर में अपने लण्ड को रिया के कुवारी चूत की झिल्ली तक पंहुचा दिया,उस ने रिया की जांघो को पूरा फैलाके एक जोर का जतका मारा रिया जोर से चीख पड़ी उस के चूत से खून बहने लगा राज के लण्ड की ठोकर से रिया की चूत की सील खुल गईm
क्या हुआ दीदी दर्द हो रहा है तो क्या बहार निकल लूm
नहीं रे बहार मत निकल बस थोड़ा रुक जा आ आ मेरी चूत की सील खुल गई इस लिए थोड़ा दर्द हो रहा है तू मेरी चूचिया दवाm
राज अपना आधा लण्ड रिया की चूत में डाले हलके हलके से रिया की चूचिया दबाने लगा ,
धीरे धीरे रिया का दर्द काम होने लगा था,
भाई अब थोड़ा थोड़ा कर के डाल दे,
रिया की बात सुनकर राज ने हलके हलके झटके मार कर पूरा लण्ड रिया की चूत में पेल दिया ,
उस ने अपने शरीर को रिया के शरीर से मिला दिया दोनों प्रेमियों की आत्मा के साथ सरीरो का भी मिलान हो गया,
राज अब अपनी दीदी के चूत में जोर जोर से लण्ड पेले जा रहा था रिया भी सिसकारियां भरती जोर जोर से अपने चूतड़ उछाले जा रही थी, दोनों जबान जिस्म एक दूसरे में समाते जा रहे थे, दोनों भाई बहिन आग उगलती सांसो के साथ एक दूसरे के सरीरो को भोगे जा रहे थे, दोनों के मुँह से कामुक सिसकारियां निकल रही थी,
चुदाई की थापो से पूरा कमरा गूंज रहा था बिस्तर पर पड़ी गुलाब की पंखुडिया मसलती जा रहे थी,
दोनों बदन काम की आग में जलते पसीना पसीना हो रहे थे, राज अब जोर जोर से चीखने लगा था,
वो रिया की चूचियों को मसलता हुआ जोर जोर से रिया की चूत चोदे जा रहा था,
दीदी मेरी जान आ आआ मेरा आने बाला है दीदी मेरी प्यारी दीदी,
आजा भाई आजा दीदी के अंदर आजा भर दे अपनी दीदी की कोख को, भर दे अपनी पत्नी के कोख को आ आआ
ले दीदी ले भर ले मेरे लण्ड के माल को अपनी चूत में ले मेरी बीबी बन जा मेरे बच्चे की माँ औ औ आ आ दीदी में आया,
और राज ने अपना लण्ड अपनी दीदी अपनी बीबी की बच्चे दानी पर टिका कर माल की पिचकारी छोड़ना शुरू कर दिया,
रिया भी अपने पति के साथ साथ झड़ने लगी वो अपनी बच्चे दानी को अपने पति के लण्ड रास और अपनी चूत के रास से भर ने लगी,
दोनों प्रेमी एक दूसरे को अपनी बाहों में जकड़े हुए अपना अपना काम रास छोड़ने लगे प्रेम रास में काम रस मिलने लगा,
समाप्त
// सुनील पंडित //
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
•
Posts: 1,075
Threads: 0
Likes Received: 164 in 150 posts
Likes Given: 1
Joined: Feb 2019
Reputation:
8
hhhhhhhhhhhhhoooooooooooooooootttttttttttttttttttttttttttttttttttttttt
•
|