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Misc. Erotica कोई किसी से कम नहीं- सभी को चुदांई चाहिए
#1
विनोद २५ साल का हैंडसम जवान मर्द है । उसकी  माँ शीला बहुत ही खुबसूरत है और बाबू जी भी खुबसूरत होने के  साथ साथ एक मर्दाना जिस्म के मालिक है । जब विनोद २५ साल का हो गया तब उसने अपनी पसंद की एक लड़की शर्मिला से शादी कर ली । शर्मिला उसकी  पहली औरत थी और सुहाग रात को २० साल की लड़की कुँवारीं थी । उस रात चूदाई  सिर्फ़ एक बार हुई । विनोद को लगा  शर्मिला उससे बहुत खुश है। 

लेकिन शर्मिला बिलकुल भी  ख़ुश नही थी । विनोद के लंड का साइज बढ़िया था । बढ़िया मोटा भी था । साधारण  चुदाई के समय जितना देर कड़ा रहना चाहिए उतना कड़ा भी रहा  । विनोद ने क़रीब २०  मिनट खूब जोरदार धक्का मारा था । लेकिन शर्मिला ना झड़ी ना ही उसे किसी तरह की संतुष्टि ही मिली । लेकिन पति को खुश करने के लिए उस ने कह दिया की वो चुदाई से खुश है । 

शर्मिला भी अपनी सास की तरह बहुत खूबसूरत थी। उस समय शर्मिला २० साल की थी और सास शीला  की उम्र ४२ साल की थी । उसने दो बच्चों को पैदा किया था , बड़ा बेटा विनोद और उससे ४ साल छोटी बेटी वनिता । वनिता की शादी ३ साल पहले हो गई थी । 

शीला ४२ साल की थी , २ जवान बच्चों की मॉं थी लेकिन बदन तब भी बहुत सिमटा हुआ था । चमड़े में जवान लडकियों जैसा तनाव था । ५ फ़ीट ५ इंच लंबी , ६२ केजी का वजन , उभरा हुआ ३६ D साइज की चूचियॉं. पतली कमर , उभरा हुआ ३८ इंच के चूत्तरों के साथ ग़ज़ब की माल लगती थी । 

विनोद के बाबू जी , मंगेश बाबू बढ़िया चूदाई करते थे । अपने पति के चूदाई से वो हर बार संतुष्ट रहती थी फिर भी वो अपना यार रखती थी । उससे भी चूदवाती थी और यह बात मंगेश को मालूम था । शीला और मंगेश ने आपस में फ़ैसला कर लिया था कि दोनों में से कोई किसी को नहीं रोकेगा , नहीं टोकेगा । शीला एक बार में एक ही यार रखती थी लेकिन मंगेश बाबू  कई औरतों को चोदते थे । दोनों पति और पत्नी चूद्दक्कर थे ।  शीला ने   अपने ससुर , विनोद के दादा के लंड को सालों सहलाया था लेकिन कारण जो भी रहा हो ससुर ने बहु को चोदा नही । शीला की शादी के एक साल बाद ही ससुर मर गया और वो ससुर से नहीं चूदवा पाई । दूसरी तरफ़ मंगेश ने अपनी बेटी की सील उसके सुहाग रात को ही तोड़ी । दोनों रेग्युलर चूदाई करते है । यह बात उसकी पत्नी को नहीं मालूम था । 

विनोद की सुहाग रात के बाद धीरे-धीरे मेहमान जाने लगे । आख़िर कार शादी के १६ दिनों बाद घर में विनोद और शर्मिला के अलावा विनोद के माता और पिता ही रह गये । इन चारों के अलावा धर में एक २३-२४ साल की नौकरानी भी थी । उसका नाम शांता था । वो तीन साल से विनोद का काम करती थी । रोज़ उसके साथ २-३ घंटा रहती थी लेकिन विनोद ने उसे हाथ नहीं लगाया था । जब कि शांता सिर्फ़ विनोद से चुदवाने के लिए ही उसके यहॉं काम करती थी । 

वो शनिवार की सुबह थी । सुबह का सात बजा था । शीला ने चाय बनाया और सभी साथ बैठ कर चाय पी रहे हे थे । सुहाग रात के बात ११ रात के बाद से  विनोद लगातार अपनी पत्नी को चोद रहा था । कभी एक बार तो कभी २ बार । शर्मिला ने चुदवाने से कभी मना नहीं किया लेकिन पहली चूदाई की तरह बाद में भी उसे चूदाई में कभी  कोई मज़ा नहीं आया  । शर्मिला को ख़ुद समझ नहीं आ रहा थी जब विनोद का सब कुछ बढ़िया है फिर भी वो अपने पति के साथ चूदाई का मज़ा क्यों नहीं ले पा रही है। इसका जवाब उसे उस दिन मिल गया । चाय पीते समय मंगेश  बहु को बहुत घूर रहा था  । 

मंगेश -          बहुरानी , तुम से दूर जाने का जी नहीं कर रहा है । २०-२१ दिन से बाहर  हूँ वहॉं धंधा चौपट हो रहा होगा । अब हमें जाना होगा । हम आज शाम को चले जाएँगे । अब मालूम नहीं फिर कब मुलाक़ात होगी ।

ससुर की बात सुनते ही शर्मिला के दिल को ज़ोर का धक्का लगा । उसे लगा कि उस के दिल की धड़कन बंद हो गई है । कुछ पल तो वह ससुर को घूरती रही । फिर खड़ी हुई और सब के सामने ससुर से गले मिली । 

शर्मिला—   नहीं बाबू जी , आप दोनों अभी नहीं जा सकते । कल तक घर में कितनी भीड़ थी । आप लोगों को मैं ने  ठीक से देखा भी नहीं है । विनोद , तुम ऑफिस जाओ  । आराम से आना । ये लोग अभी नहीं जा रहे हैं । 

मंगेश को बहु का प्यार और बातें बहुत बढिया लगा । ना शीला ने देखा और ना ही विनोद ने , ससुर को गले लगाते समय जाने अनजाने शर्मिला का एक पंजा पैजामा के उपर से लंड को दबा रहा था । मंगेश ने पाजामा के नीचे कुछ नहीं पहना था । बहु को ससुर के लंड का फ़ील मिल गया था । उसने लंड को एक बार ज़ोर से दबा कर हाथ हटा लिया था । मंगेश का लंड पाजामा फाड़ कर बहु की बूर में घुसने के लिए मचलने लगा । फिर भी दिखाने के लिए उसने एक बार और कहना चाहा । 

मंगेश —   लेकिन बहु …. 

शर्मिला  — लेकिन वेकिन कुछ नहीं । आप लोग जायेंगे तो मैं भी आप लोगों के साथ चलूँगी । 

विनोद ने चाय पी लिया था । उसने अपना बैग लिया और खड़ा हो गया । 

विनोद —   बाबू जी , आप दोनों फ़ैसला कीजिये, मैं जल्दी आ जाऊँगा । 

शर्मिला—    जल्दी आकर क्या करोगे ? हम दोनों सास बहु की जवानी को ही घूरते रहोगे । काम पर ध्यान दो तभी तरक़्क़ी मिलेगी । हम तीनों बाज़ार जायेंगे । तुम आराम से आना । 

विनोद बैग लेकर बाहर चला गया । ससुर को गले लगाने के बाद से वो खड़ी ही रही  । बिनोद को दरवाज़ा तक छोड़ने गई । सास ससुर को दिखाते हुए उसने विनोद के ओंठ को चूमा । दरवाज़ा बंद कर वो पहले बाले जगह पर नहीं बल्कि ससुर के दाहिने साइड में बैठ गई । अब सास उसके सामने थी । चाय का घुंट लेते हुए शर्मिला ने टेबल क्लाथ के नीचे  हाथ  आगे बढ़ाया और अपना नीयत ससुर को बता दी ।  उसने हाथ लंड पर रखा । २-३ बार ज़ोर ज़ोर से दबाया और फिर झटका से पाजामा के नाड़े को खींच दिया । ऐसा करने में उसे ससुर की तरफ़ थोड़ा झुकना पड़ा । ये दोनों सोच रहे थे कि शीला कुछ नही देख रही है लेकिन शीला बहुत खेली खाई थी । उसे समझते देर नहीं लगी कि उसकी तरह उसकी बहु को भी ससुर की जवानी पति के जवानी से ज़्यादा पसंद आ गई है । 

शीला ने बहु को टोका नहीं । वो बहु से उसकी पढ़ाई लिखाई की बात करने लगी । सास की बात का जबाब देते हुए शर्मिला ने पाजामा को नीचे किया और नंगे लंड को मसलने लगी । उसके हाथ में लंड की लंबाई मोटाई बढ़ने लगी । 

शीला— बेटी , तुम साथ में अपना कालेज  के कपड़े लेकर आई हो ? 

शर्मिला—   हॉं मॉ, लेकिन क्या फ़ायदा । यहाँ तो हर हमेशा साड़ी ही पहनना होगा । 

शीला —   बेटा , हम उतने दक़ियानूसी नहीं हैं जितना तुम समझती हो । जाओ कोई एक बढ़िया , मॉडर्न ड्रेस पहन कर आओ । हम भी तो देखें कि क्या देख कर मेरा बेटा तुम पर फ़िदा हो गया था । 

शर्मिला एक मिनट भी वहॉं नहीं बैठी । दौड़ते हुए अपने रुम में चली गई । 

शीला —    मंगेश , लोग ठीक ही कहते हैं कि इतिहास अपने आपको दुहराता है । मेरे ही जैसा मेरी बहु को भी ससुर बहुत पसंद आ गया है । पचासों बार ससुर का लंड चूसने के बाद भी तेरा बाप मुझे नहीं चोद पाया । तुम वैसी गलती मत करना । पहले ही मौक़ा में , आज ही बहला फुसला कर बहु को चोद लो । दामाद जी को बोल दो कि हम अभी कुछ दिन और नहीं आयेंगे । दामाद जी को तुम अपनी रंडी रिंकी को जी भर कर चोदने दो और तुम यहॉं रोज  बहु को चोदो । 

उनकी बेटी वनिता अपने पति के साथ बाबू जी के बिज़नेस को सँभालती थी । वनिता को कोई और नहीं अपने बाप के साथ ही चुदवाना बढ़िया लगता था । १६ दिनों से बाप ने नहीं चोदा था वनिता बहुत परेशान रहने लगी थी ।

मंगेश—  अगर बहु चूदवाना चाहेगी तो मैं चोदूंगा लेकिन फिर तुम मुझे अपनी बेटी को चोदने से नहीं रोकेगी । 

मंगेश अपनी बेटी को तीन साल से चोद रहा था लेकिन उसकी ख्वाहिश थी कि मॉं और बेटी को एक ही बिस्तर पर अग़ल बग़ल लिटा कर चोदे । 

शीला क्यों मना करती , उसने ख़ुद बाप से सैकड़ों बार चूदवाया था । 

शीला   —-    नहीं रोकूँगी लेकिन तुम्हें बहु को मेरे सामने चोदना होगा । 

मंगेश ने नॉड किया । तभी शर्मिला शर्माते लजाते हुए वहॉं आई । उसने एक काला रंग का स्कर्ट और उसके उपर गुलाबी रंग का स्लीवलेस ब्लाउज़ पहना था । स्कर्ट घुटनों से तीन इंच उपर तक ही था । वो अपनी सास के पास आ कर खड़ी हुई  । शीला ने बहु को गले लगाया, दोनों गालों को चूमा और कपड़े के उपर से ही दोनों चूचियों को सहलाया और हौले से दबाया भी । 

शीला —   उफ़, कितनी खूबसूरत हो बेटी ! इन कपड़ों में तुम्हारी जवानी ज़्यादा खिल गई है । अब से घर में तुम सिर्फ़ ऐसे ही कपड़े पहनोगी । सिर्फ़ बाहर बालों के सामने ही साड़ी या सलवार कुर्ते में रहोगी । 

शर्मिला बहुत ही ज़्यादा खुश हो गई । उसने दोनों का पॉंव छू कर प्रणाम किया । 

शर्मिला—      मॉं , चाय बहुत स्वादिष्ट था  एक कप और पिलाइये ना । 

मंगेश — एक कप मेरे लिए भी । 

शीला समझ गई कि ये दोनों अभी और मस्ती मारना चाहते थे । उन्हें मौक़ा देने के लिए शीला किचन में चली गईं । शीला किचन के अंदर घुस गई । 

शर्मिला—     बाबूजी चेयर पीछे ठेलो । 

मंगेश ने पाजामा नीचे कर दिया था । लंड शान से खड़ा था । 

मंगेश -    तुम्हारी सास देखेगी । 

शर्मिला —  देखने दो । कुर्सी पीछे ठेलो । 

बोलते हुए शर्मिला ने स्कर्ट को उपर उठा दिया । मंगेश को बहु की चिकनी , गठीला और मस्त जॉंघ दिखाई दिया । शर्मिला ने गुलाबी रंग का पैंटी पहना था । 

शर्मिला—  जो भी बोलूँ चुप चाप करते रहो नहीं तो फिर कभी बात भी नहीं करुंगी । 

मंगेश ऐसा नहीं होने देना चाहता था । बैठे बैठे ही उसने कुर्सी को पीछे किया और बहु के चेहरे पर मादक मुस्कान आ गई । दोनों थोड़ी देर चुप बैठे रहे । अचानक शर्मिला उठी , ससुर के सामने आई और झुक कर दोनों हाथों से लंड को पकड़ लिया । ज़ोर से मुठियाने लगी । 

शर्मिला—    तीन महिना पहले जब तुम मेरे घर आये थे तभी से मेरी जवानी इस प्यारे लंड से खेलने के लिए तरस रही थी । जल्दी इसे अपने अंदर लुंगी । अब पाजामा बॉंध लो । 

वो लंड पकड़े हुए झुकी और सूपाडा को एक मिनट चूसा और किचन में चली गई । 

शीला —    विनोद तुम्हें खुश नहीं करता है , कहीं वो नामर्द तो नहीं ?  

अचानक के पूछे गये सवाल से वो चौंक गई । उसे लगा कि ससुर के साथ की उसकी मस्ती को सास ने पकड़ लिया है । 

शर्मिला—    ऐसा क्यों पूछ रही हैं मॉं, आपका बेटा असल मर्द है । आप जैसी चूदासी औरतों को भी चोदते चोदते रुला डालेगा । 

सास ने उम्मीद नहीं की थी कि उसकी बहु इस तरह खुल्लम खुल्ला चूदाई की बात करेगी । 

शर्मिला—   मॉं , आपने पूछा है तो बताती हूँ । मैं कुँवारी थी । विनोद ही मेरा पहला मर्द है । हम सालों से एक दूसरे को जानते हैं । शादी के पहले सैकड़ों बार मैं ने उसका लंड सहलाया और चूसा है ।मुझे उसका बदन और लंड दोनों बहुत पसंद है । लेकिन विनोद बहुत शरीफ है । मैं ने कितना कहा लेकिन उसने मुझे नहीं चोदा और जब सुहाग रात को उसने चोदा , मेरा झिल्ली फाड़ी तो मालूम नहीं क्यों मुझे बिलकुल मज़ा नहीं आया । मुझे कुछ और चाहिए था लेकिन क्या वो मुझे खूद नहीं मालूम है । वो हर रात मुझे चोदता है लेकिन मेरी प्यास दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ती जा रही है । मुझे क्या चाहिए मुझे खूद नहीं मालूम ।

शीला — किसी दूसरे से चूदवा , हो सकता है कि तुम्हारी जवानी की प्यास मिट जाय । जा अपने ससुर को चाय पिला , मैं नहाने जा रही हूँ । 

शर्मिला—     इतनी जल्दी क्या है मॉं, चलिए साथ बैठ कर चाय पीते है। आधा घंटा में शांता भी आ जायेगी । मैं ने बार बार पूछा लेकिन विनोद कहता है कि उसने शांता को नहीं चोदा है लेकिन कुतिया विनोद के साथ ऐसा व्यवहार करती है मानो वही उसकी पत्नी हो । 

शीला — विनोद किसे चोदता है छोड , तु अपनी जवानी की प्यास बुझाने का सोच । सास और ससुर के तरफ़ से तुझे पूरी छूट है , घर में या बाहर जो भी पसंद है खुल कर चूदवा । चल चाय लेकर बाहर । 

शीला ने खुल कर कह दिया , 

“ अगर ससुर ही पसंद है तो उससे ही चूदवा ले । “ 

सास ने बहु को दूसरे से चूदवाने का सुझाव ही नहीं  दिया,  उसे पूरी छूट भी दे दी । शीला भी अब अपने बेटे  विनोद से  चूदवाना चाहती थी । लेकिन वो दोनों कब चूदाई करेंगे वो भगवान ही जानता था । 

एक ट्रे में चाय लेकर शीला बाहर आई लेकिन वो डाइनिंग टेबल पर ना जाकर  एक सिंगल सीटर सोफ़ा पर बैठ ट्रे को सेन्ट्रल टेबल पर रख कर दूसरे दोनों को भी बुलाया । 

पाजामा को ठीक से बॉंध कर पहले मंगेश आया और बाद में स्कर्ट- ब्लाउज़ पहने हुई शर्मिला आकर सास के बगल में दूसरे सिंगल सोफ़ा पर बैठ गई । लेकिन तुरंत ही उसने चाय का एक कप उठा कर सास को दिया । दूसरा कप ससुर के हाथ में दिया और बिना कुछ बोले उसने पाजामा का नाड़ा खोला और पाजामा को पॉंव से बाहर कर दिया । ससुर शॉक्ड रह गया । 

शीला—   बेटी , इतनी बेशर्मी ठीक नहीं । किसी को मालूम होगा तो बहुत बदनामी होगी । 

शर्मिला ने कुछ जवाब नहीं दिया । 

शर्मिला दोनों हाथों से लंड को सहला रही थी । एक डेढ़ मिनट के लिए उसने फिर सुपाडा को चूसा । 

शर्मिला—   आप दोनों विनोद या किसी और से कहेंगे कि मैं ससुर का लंड चूस रही हूँ ?  मैं ने अपनी जवानी को विनोद के लिए ही सँभाल कर रखा था । शादी के पहले कई सालों से मैं विनोद से खुशामद करती रही कि मुझे चोदे लेकिन मादरचोद बहुत शरीफ निकला । बाक़ी सब कुछ करता था लेकिन बूर में लंड पेलने बोलती थी तो हमेशा यही कहता था कि सुहाग रात को  ही चोदेगा । हमने पहली चूदाई सुहाग रात को ही की । हम हर रात चूदाई करते हैं लेकिन मुझे विनोद के साथ चूदवाना कभी बढ़िया नहीं लगा । पिछली रात तक चूदाई के बात बहुत देर तक मैं यही सोचती रहती थी कि सब कुछ बढिया है फिर भी मुझे मज़ा क्यों नहीं आता है । पिछली रात तक कोई जबाब नहीं मिला लेकिन आज जबाब मिल गया है । 

“ क्या जवाब मिला ? “ 

दोनों सास ससुर ने एक साथ पूछा । 

शर्मिला — जवाब ये बाबू जी का प्यारा लंड है । 

दोनों सास और ससुर एक दूसरे को घूरते रहे और इस बार शर्मिला ने क़रीब १० मिनट चुभला चुभला कर लंड को चूसा । 

शर्मिला—    वाह मॉं, आपने अपने प्यारे लंड को बहुत मज़बूत बना दिया है । तीन महिना पहले जब बाबू जी  पहली बार मेरे घर आये थे तभी से मैं बाबू जी की दीवानी हो गई थी  । विनोद मेरे दिमाग़ से ग़ायब ही हो गया । मैं हर समय बाबू जी के साथ रहने और इस लंड से रात दिन चूदवाने का ही सोचती रही । विनोद चोदता है लेकिन मेरा ध्यान हर हमेशा इस लंड पर ही रहता है । मैं विनोद के चूदाई पर ध्यान ही नहीं दे पाती हूँ। मैं जब भी बोलूँगी जहॉं बोलूँगी आपको मुझे चोदना होगा । अगर आपने नही चोदा तो मैं विनोद को जान से मार दूँगी । 

तभी दरवाज़े पर नॉक हुआ । शर्मिला ने स्कर्ट ठीक किया और दरवाज़ा खोलने गई । मंगेश ने झटपट पाजामा पहन लिया । तुरंत शांता को लेकर वापस आई । उसके बाद अगले ४-५ घंटा सभी अपने अपने काम में व्यस्त रहे । शांता ने बार बार कहा कि “ स्कर्ट और ब्लाउज़ में बहू और भी खूबसूरत लग रही है । लेकिन शर्मिला को ऐसे कपड़े पहने देख उसकी झॉंट जलने लगी । उसने फ़ैसला कर लिया कि जैसे भी हो विनोद को अपनी बूर के अंदर जल्दी लेगी ही इस खूबसूरत औरत को भी बर्बाद करेगी । इसे घटिया लोगों से चूदवायेगी ।इससे धंधा भी करवायेगी । 

शांता घर का सारा काम करती थी । घर की सफ़ाई. कपड़ा धोने के साथ साथ खाना भी बनाती थी । बीच में अगर कभी नहीं आती थी तो उसकी जगह पर उसकी मॉं या फिर उसकी छोटी बहन सपना आ जाती थी । ऐसा नहीं कि विनोद इस २१-२२ साल की जवान लड़की को पसंद नहीं करता था , बहुत पसंद करता था । शांता को चोदना चाहता था लेकिन उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी । शर्मिला को चोद कर विनोद को बहुत बढ़िया लगा था । १२ रातों से लगातार चोद रहा था । लेकिन अब उसे भी लगने लगा था कि चूदाई के समय शर्मिला अपनी तरफ़ से कुछ नहीं करती है । नहीं तो शादी के पहले वही ज़्यादा जोश में  रहती थी । विनोद को लगने लगा था कि उसकी पत्नी चूदाई से खुश नहीं है । शर्मिला ने अपने सास और ससुर से  साफ़ साफ़ कह दिया था कि उसे विनोद के साथ चूदवाने में कोई मजा नहीं आता है । लेकिन विनोद ने अपना दुख किसी के साथ नहीं बॉंटा था । उसे क्या पता था कि उसका बाप ही उसका सबसे बड़ा दुश्मन है । 

शांता के जाने के बाद सबने खाना खाया । खाते समय शर्मिला ने दोनों को आराम करने कहा । 

शर्मिला     — आप लोग आराम कर लिजिए । हम चार बजे बाज़ार जायेंगे । सिनेमा देखेंगे । मॉ , मालूम नहीं सुबह मुझे क्या हो गया था । मैं ने बहुत ही घटिया काम किया , मुझे माफ़ कर दीजियेगा । 

शर्मिला अपने बेड रुम में जा कर दरवाज़ा को बंद कर लिया । शर्मिला को कोई शर्म नही थी । वो देखना चाहती थी कि ससुर उसे कितना प्यार करता है ।अब वो पहल ससुर के तरफ़ से चाहती थी । 

इधर दोनों पति - पत्नी बहु के बारे में ही बात करने लगे । 

शीला —     मुझे लगता है कि ये अपनी बहु पागल है । मैं ने ना कभी देखा ना ही कभी सुना, ऐसी बेशर्मी कोई कैसे कर सकती है । मैं ने भी अपने ससुर का लंड सहलाया है , उसे प्यार किया है लेकिन हर हमेशा अकेले में । ऐसी रंडी , घटिया औरत के साथ रह कर मेरा बेटा बर्बाद हो जायेगा । इसके अंदर बहुत गर्मी है । मुझे लगता है कि अपना बेटा इसकी गर्मी को ठंडा नहीं कर पाता है । तुम्हारे भैया तो सालों से मुझे चोदने का सपना ही देख रहे हैं , उनसे ही कहूँगी कि इस कुतिया को चोद चोद कर ठंडा कर दें । तुम चोदोगे अपना बहु को । वनिता  ( बेटी ) को अब तक नहीं चोद पाये , इसे क्या चोदोगे ?  

लेकिन मंगेश अपनी बहु को सिर्फ़ चोदना ही नहीं चाहता था अचानक उसे बहु से बहुत ज़्यादा भी प्यार हो गया था । बहु ने लंड क्या चूसा , मंगेश सोचने लगा था कि विनोद अपनी पत्नी को छोड दे और वो शर्मिंला से शादी करे , उस से विवाह कर बच्चे भी पैदा करे । मंगेश ४६ साल का हो गया था लेकिन जो  इसे नहीं जानते थे उन्हें ये मंगेश ३५ साल से ज़्यादा का नहीं लगता था । चौड़ा, उभरा हुआ सीना , कसी हुई वाॉहे और जॉंघ , बहुत ही मज़बूत आदमी था । मंगेश चार भाई थे । मंगेश सबसे छोटा था । बड़ा भाई से १६ साल छोटा था । उससे बड़े तीनों भाई   गॉंव में ही रहते थे । पूराने जमींदार का परिवार था ।तब भी सैकड़ों एकड़ ज़मीन के मालिक थे । इलाक़े में बहुत दबदबा था । मंगेश का बड़ा भाई  कामेश्वर औरतों का शौकीन ही नहीं था , औरतें ही उसके पास चूदवाने आती थी । चूँकि मंगेश शुरु से ही गॉंव से बाहर रहा इसलिए उसकी पत्नी शीला कामेश्वर ( कामेश ) की ऐयाशी से बची रह गई । कामेश अपने दूसरे दोनों भाई की पत्नी को  ही नहीं अपने बड़े बेटे की पत्नी को सालों से चोद रहा था । घर में सभी को ये बात मालूम थी । कामेश की तीन बेटियां थी । बड़ी दोनों की शादी हो गई थी । ये दोनों बेटियां बार बार अपने बाप से चूदवाने की खुशामद करती रही लेकिन कामेश ने कह दिया कि वो अपना लंड काट कर फेंक देगा लेकिन बेटियों को नहीं चोदेगा । जब बहुत कहने के बाद  बाप ने नहीं चोदा तो दोनो घर के सबसे खूबसूरत और जवान दीखने बाला मर्द, छोटे चाचा मंगेश को इशारा किया । मंगेश ने उन्हें निराश नहीं किया । हर २-३ महीने पर दोनों की ससुराल जाकर भी उन्हें चोदता रहा ।  

इधर शर्मिला रुम में चली गई और बाहर दोनों पती पत्नी बहुत देर तक बेटे और बहु के बारे में बातें करते रहे । शीला बार बार कह रही थी कि शर्मिला पागल है , रंडी है लेकिन मंगेश अपनी बहु की तारीफ़ ही करता रहा । एक घंटा से ज़्यादा समय से ये दोनों बहस करते रहे । मंगेश खड़ा हो गया । 

मंगेश —   मैं बहु के साथ आराम करुंगा । तुम अपने रुम में जाओ । 

मंगेश बहु के रुम के दरवाज़ा पर नॉक करने लगा । शीला भी आ गई । नॉक सुनकर शर्मिला खुश हो गई । मन ही मन बोली , 

“ ससुर जी , अब तुम सिर्फ़ मेरे हो “ 

उसने थोड़ा इंतज़ार किया । फिर दरवाज़ा खोला । जैसे ही दरवाज़ा खुला मंगेश ने बहु को बॉंहों में बाँधा और बेतहाशा चूमने लगा । चूमते हुए ही उसे उठाया और बेड पर लिटाया । मंगेश उसके उपर हो कर चूचियों को मसलते दबाते हुए ओंठ और गालों को चूमता रहा । स्कर्ट के कपड़ा को कमर से उपर उठा कर पैंटी के उपर से बूर को भी मसल रहा था । शर्मिला ने थोड़ी देर ससुर जो करना चाहता था करने दिया फिर पूरी ताक़त से उसे अपने उपर से हटाया । शर्मिला बेड से उतर कर नीचे आ गई । 

शर्मिला—    बाबू जी , मैं ने झूठ नहीं कहा था । तीन महीना पहले जब आपको पहली बार देखा तभी से मुझे आपसे बहुत प्यार हो गया है । अब से शीला की तरह मैं भी आपकी पत्नी हूँ । मुझे पहले दिखाइए कि आप अपनी पत्नी को कैसे चोदते हैं । मैं भी आप से चुदवाऊंगी  । विनोद के सामने भी चोदने दूँगी लेकिन पहले मुझे देखने दो कि आप कैसा चोदते हो । 

शीला बार बार मना करती रही लेकिन मंगेश के उपर बहु की जवानी का पागलपन सवार था । मंगेश ने अपनी पत्नी को नंगा किया . खूद नंगा हुआ और बहु ने लंड पकड़ लिया । 

शर्मिला—    वाह बाबू जी , बहुत ही प्यारा लंड है । 

उसने फिर लंड को कुछ देर चूसा और उसके बाद मंगेश बहु के सामने पूरी ताक़त से , पूरे स्पीड से  अपनी पत्नी शीला को चोदने लगा  । 

शर्मिला ने अपना  ब्लाउज़ और ब्रा को बाहर निकाल कर फेंका । अब वो सास - ससुर के सामने टॉपलेस थी । 

आगे की कहानी अगले भाग में ……
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#2
शर्मिला की शादी १६ दिन पहले ही हुई थी । उसका पति विनोद बहुत ही खूबसूरत जवान मर्द था । लेकिन शर्मिला ने पति के बदले ससुर मंगेश को ही पसंद किया । पहले ही मौक़ा में उसने ससुर के लिए अपनी चाहत को सिर्फ़ ससुर को ही नहीं दिखाया सास के सामने ससुर का लंड चूसा । मंगेश भी बहु का दीवाना हो गया । 

बहु के कहने पर उसने अपनी पत्नी को नंगा किया , खूद नंगा हुआ और बहु के सामने अपनी पत्नी को चोदने लगा । थोड़ी देर शीला को बहुत शर्म आती रही लेकिन ५-६ मिनट की चूदाई के बाद मस्ती से मुस्कुराते हुए, बहु के सामने पति के साथ चूदाई का मजा लेने लगी । 

शर्मिला—       मॉ , आप आज भी , ४२ साल की उम्र में भी ग़ज़ब की माल है । और बाबू जी , मेरी पसंद ग़लत नहीं हो सकती है । लंड बहुत ही प्यारा है और आप अपने बेटे से ज़्यादा ताक़त और ज़्यादा स्पीड से चोद रहे हैं । 

शर्मिला ने ग़लत नहीं कहा था । उसे दोनों की  ख़ूबसूरत बदन के साथ साथ चूदाई देखना भी बहुत ही बढ़िया लग रहा था । 

इतना बोलते बोलते शर्मिला ने ब्लाउज़ को बदन से निकाल कर नीचे फेंका । दोनों सास और ससुर चूदाई करते हुए ऑंख फाड़ कर देखते रहे । शर्मिला ने ब्रा भी खोला और सास के चूचियों पर डाल दिया । 

शीला — बेटी , थोड़ा नीचे झूक , बहुत ही बढिया और मस्त चूची है,  चूसने दे । 

शर्मिला और आगे आकर ऐसे पोजीशन में आ गई कि अगले १५ मिनट तक दोनों आराम से बहु की चूचियों को दबाते रहे , नीपल को बारी बारी से चूसते रहे । शर्मिला भी पूरे समय सास की चूचियों से खेलते हुए ससुर के नंगे बदन को सहलाती रही । उसने भी सास की चूचियों को दबाया, चूसा । 

शीला —  मैं भी बहुत बेशर्म हूँ, एक से बढ़कर एक बेशर्म औरतें देखी है , लेकिन रंडी,  तेरे जैसी बेशर्म और कोई नहीं होगी । 

शर्मिला ने दोनों हाथों से सास की दोनों चूची को ज़ोर से मसला । 

शर्मिला—     मॉ, आपने अभी मेरी बेशर्मी देखी ही कहाँ है ? 

दोनों चूदाई कर रहे लोगों में बहुत स्टैमिना था । अधिकतर मर्द किसी अधनंगी जवान लड़की के सामने ज़्यादा देर  चूदाई नहीं कर सकते लेकिन मंगेश ने बहुत बढ़िया चोदा । आधा घंटा की चूदाई के बाद दोनों पस्त हो गये । दोनों ने एक दूसरे को बेतहाशा चूमा और उसके बाद मंगेश पत्नी के बगल में लेट गया । 

जैसे ही मंगेश लेटा शर्मिला उसके उपर चढ़ गई । दोनों हाथ को नीचे कर रस से लथपथ लंड को मसलने लगी । 

शर्मिला—   मॉं , मेरा स्कर्ट चूत्तरों के उपर उठा दो और पैंटी को बाहर निकाल दो । 

दोनों को बिश्वास नहीं हुआ कि शर्मिला ख़ुद को भी नंगा करने के लिए बोल रही है । शीला ने अपनी जांघों को पूरा फैला दिया था ।  उसकी बूर से रस की धार बह रही है । शर्मिला ने ससुर के दोनों कंधों को दबाये रख बार बार होंठों और गालों को चूमा । उसने अपना दोनों हाथ नीचे किया । स्कर्ट को कमर तक उठा दिया । दोनों हाथों से पैंटी को बाहर निकाला और ससुर के मुँह में ठूँस दिया और दोनों हाथ को मंगेश के पीठ के नीचे घुसाकर ससुर को अपना बॉंहों में पूरी ताक़त से बॉंधा । साथ ही नंगी चूत को ससुर के ढीले लंड पर दबा कर रगड़ने लगी । 

ससुर —-     बेटी , देख कर नहीं लगता है लेकिन बहुत मज़बूत हो तुम । बहुत ताक़त है । पकड़ थोड़ी ढीली कर दो । मुझे चोदने दो रानी । 

शर्मिला-          ससुर जी , अब भी आपको विश्वास नहीं हो रहा है कि मैं आपके और आपके लंड और चूदाई के लिए कितना बेचैन हूँ । जल्दी चुदवाऊंगी राजा । अभी मेरे नंगे बदन को सहलाओ ,  बूर में , गॉंड में अंगुली से चोदो । बहुत जल्दी आपका लंड मेरी हर एक छेद में घुसेगा । जब तक आपके लंड में थोड़ा भी दम बाक़ी रहेगा में आपसे चूदवाती रहुंगी । 

बहुत कोशिश करने के बाद भी मंगेश बहु की पकड़ को ढीला नहीं कर पाया । शर्मिला ने इतना टाईटली बॉंध रखा था कि उसकी कसी हुई बडी बडी चूचियॉं ससुर के चौड़ी और गठीले छाती से चिपक कर फ्लैट हो गई थी । शर्मिला बूर को ढीले लंड के उपर इतने ताक़त से रगड़ रही थी कि १० मिनट होते होते ही लंड पूरा टाईट हो गया लेकिन उसने ससुर को चोदने का कोई मौक़ा नहीं दिया । 

अपनी पूरी ताक़त से बूर को लंड पर और चूचियों को छाती पर रगड़ती रही । चोदने का मौक़ा नहीं मिल रहा था तो जैसा बहु ने कहा , मंगेश अपने दोनों हाथों को बहु के उपर ले गया । शीला भी उठकर बेड से नीचे आ गई । उसने  बहु के  चिकने  और चमकते हुए बहुत ही खूबसूरत बदन  को देखा ।शीला के ऑंखो के सामने था बहुत ही छोटे , सलीके से छॉंटे हुए झॉंटो के बीच बहुत ही प्यारी चूत । अपनी बहु की ख़ूबसूरती को देख शीला अत्यंत मोहित हो गई । ससुर के साथ साथ वो भी शर्मिला के नंगे बदन को चूमने चाटने लगी । दोनों ने बहु की बूर को अंगुली से खूब चोदा । ससुर को बहु ने नीचे दबा कर रखा था वो बूर को देख भी नहीं पाया लेकिन शीला ने पीछे से बहु की बूर को खूब चाटा , क्लीट को बार बार चूसा । बूर की पत्तियों को बार बार चबाया । 

शीला -       बहु , बहुत ही बढ़िया स्वाद है तेरी बूर का । पहली बार किसी बूर का स्वाद लिया है । मुझे बहुत ही बढ़िया लगा । 

शर्मिला—     मॉं , मैं आप दोनों की माल हूँ । जब भी वोलेगी , नंगी हो जाऊँगी । जितना बूर चाटना है चाटने दूँगी । हमारी सास और बहु की जोड़ी खूब जमेगी । 

बहू ने बूर को लंड के उपर इतना रगड़ा कि ससुर फिर झड़ने लगा । शर्मिला ने झट पट स्कर्ट को नीचे किया और बेड से उतर गई । 

शर्मिला —    बाबू जी , आपके लंड में बहुत दम है । मेरी बूर को आपका लंड बहुत पसंद आयेगा । 

ससुर ढीले लंड को सहलाने लगा । 

मंगेश —  कुतिया चोदने नहीं देगी तो कम से कम बूर तो दिखा दे । 

शर्मिला —    तैयार रहो , आज ही दिखाऊँगी वो भी आपके बेटे के सामने । जल्दी से तैयार हो जाइए, बाज़ार चलना है । मॉं एक कप अपना स्पेशल चाय पिला दीजिए । जल्दी से तैयार हो जाइये । आपकी दूसरी बहु भी आने बाली होगी । 

शर्मिला ने मेड शॉंता के लिए कहा । ससुर भी बेड से उतरा । उसने थोड़ी देर स्कर्ट के नीचे हाथ घुसा कर बूर को मसला साथ ही चूचियो को दबाया , चूसा । उसके बाद दोनों रुम से बाहर गये । 

शर्मिला ने सास ससुर के सामने अपनी जवानी का भरपूर प्रदर्शन किया । दूसरे रुम में जा कर मंगेश ने अपनी पत्नी से कहा , 

“ आज जो भी हो अपनी बहू को रात भर चोदूंगा । “ 

शर्मिला भी पति के सामने ही ससुर को पूरी मस्ती देना चाहती थी । 

जल्दी ही तीनों कपड़े बदल कर , फ़्रेश होकर बाहर आये । शीला ने चाय भी बनाया । ये तीनों चाय पी ही रहे थे कि शांता भी आ गई । 

शीला—   शांता बेटी , किचन से चाय लेकर आ । 

शॉंता खूश हो गई । २-३ मिनट बाद ही चाय लेकर बाहर आई । 

शांता —    मॉं जी , बहुत ही बढ़िया चाय बनाती हैं आप । मैडम को भी सिखा दीजिए । 

शर्मिला —    मैडम- वैडम छोड़ । जल्दी से अपने साहब को अपनी जवानी का रस पिलाना शुरु कर ।  हम बाज़ार जा रहे हैं । सिनेमा भी देखेंगे । हम बाहर से खाना खा कर आयेंगे । तु अपने घरवाला को बढ़िया से खिला देना । जब तक हम वापस ना आये तु घर में ही रहना । चाहो तो रात भी यहीं गुजारना विनोद के साथ । 

शांता -      रंडी , क्यों जले पर नमक छिड़क रही हो ! 

शर्मिला—    बहन , मज़ाक़ नहीं कर रही हूँ । मैं दिल से चाहती हूँ कि तु अपने साहब का बिस्तर गर्म कर । विनोद से खूब चूदवा । चलिए बाबू जी ! 

शांता चुपचाप बैठ कर चाय पीती रही , तीनों को बाहर जाते देखती रही । उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि शर्मिला ने मजाक में कहा या सच ही वह चाहती हैं कि शॉंता विनोद से चूदवाये । शॉंता दिल से विनोद से प्यार करती थी । जैसे विनोद कभी शांता से नहीं कह पाया कि वह उसे बहुत प्यार करता है वैसे ही शांता भी कभी अपने प्यार का इज़हार नहीं कर पाई । 

उसने चाय पी लिया फिर भी बैठी ही रही । मेन डोर का दरवाज़ा में “ ऑटो लॉक “ था  । आप से आप लॉक हो जाता था । कॉल वेल का आवाज़ सुन शांता ने दरवाज़ा खोला । सामने विनोद था । शर्मिला या मॉं की जगह शांता को देखकर विनोद के चेहरे पर बहुत ही प्यारी मुस्कान आ गई । तीन साल में पहली बार विनोद ने शांता के गालों को सहलाया और अंदर आया । 

विनोद की इस हरकत से शांता उपर से नीचे तक सिहर गई । फिर भी उसने अपने को संभाला । 

शॉंता -      वे सभी थोड़ी देर पहले ही बाहर गये है। मैडम ने कहा है कि बाहर से खाना खा कर आयेगी । आप क्या लेंगें ? मॉं तो नहीं है चाय बना दूँ! 

विनोद ने नॉड किया । थोड़ी ही देर बाद दोनों ड्राइंग रुम में वापस आये । शांता के हाथ में एक ट्रे में पानी का ग्लास और चाय था । विनोद ने सिर्फ़ एक लूँगी बॉंधा था । विनोद के खूबसूरत और गठीले बदन को देखकर शांता की बूर गीली होने लगी । विनोद ने उसके हाथ से ट्रे लेकर टेबल पर रखा । खूद सोफ़ा पर बैठा और झटके से शॉंता को खींच कर गोदी में बिठा लिया । शांता ने ऐसी उम्मीद नहीं की थी । जिस आदमी ने तीन साल में हाथ भी नहीं लगाया था उसने सीधा गोदी में बिठा लिया । 

“ साहब क्या कर रहे हो , ये बहुत ग़लत है , मैं हल्ला कर दूँगी । छोड़ो मुझे, क्या कर रहे हो , छी वहॉं हाथ मत घुसाओ । आह क्या किया तुमने । बहुत बढिया लगा । मत करो , सच में हल्ला करुंगी , सिक्युरिटी में रिपोर्ट डाल दूँगी । नहीं कपड़े मत खोलो । आह, आह ,  बहुत बढ़िया । फिर से करो । “ 

शॉंता झूठ मुठ का नख़रा कर रही थी । उसे विनोद की हरकतें बहुत बढ़िया लग रही थी । विनोद का दोनों हाथ व्यस्त था । एक हाथ चूचियों को मसल रहा था और दूसरा हाथ कपड़े के नीचे बूर से खेल रहा था । विनोद ने बढ़िया से कई बार होंठों को चूमा , चूसा । 

विनोद—  रानी मुझे माफ़ कर दो । मैं उस लड़की की गोरी चिकनी चमड़ी और खूबसूरत चेहरे पर फिसल गया था । मुझे दिखाई नहीं दिया कि तुम मुझे कितना प्यार करती हो । मुझे माफ कर दो रानी , प्यार करने दो । 

शॉंता अब क्या बोलती । विनोद यह सोचकर नहीं आया था कि घर जा कर शांता को चोदेगा । लेकिन घर घुसते ही शॉंता को देखा और जो प्यार तीन साल से अंदर छिपा हुआ था वो बाहर निकल आया । 

विनोद की बात सुनकर शॉंता ने फिर कोई नखडा नहीं किया । विनोद उसे बॉंहों पर उठाकर अपने ही बेड पर ले गया । उसे पूरा नंगा किया । खूद नंगा हुआ और क़रीब ३० मिनट शॉंता की चूचियों और झॉंटों भरी बूर को बढ़िया से चूसा । शॉंता जब बूर में लंड पेलने के लिए बार बार बोलने लगी तब विनोद ने लंड पेला । चौथे धक्का में ही समझ गया कि ये उसकी ज़िंदगी की दूसरी लड़की भी कुँवारी है तो विनोद उसे बहुत प्यार करते हुए चोदने लगा । खूब जमा जमा कर चोदा । शॉंता पस्त पस्त हो गई । 

शॉंता -      विनोद , मुझे बढ़िया से मालूम है कि तुम कितना भी कोशिश करोगे , हमारी शादी नहीं हो सकती । मैं पहले ही दिन से तुम्हारा यही प्यार चाहती थी जो तुमने अभी किया । बहुत बढ़िया लगा । कॉलोनी की सभी औरतें ग़लत नहीं हो सकती । सभी कहती हैं कि तुम औरतों को बहुत ख़ुश कर सकते हो । मुझे फिर से चोदो । 

दूसरे राऊंड में चूदवाते हुए शॉंता ने बताया कि कॉलोनी की कई औरतें रोज़ उसका खुशामद करती है कि शांता उन्हें विनोद से चूदवा दे । ये दूसरे राऊंड की चूदाई और भी लंबी चली । शांता को बहुत मज़ा आया ही विनोद को भी समझ आ गया कि उसे शर्मिला के साथ की चूदाई में कोई मजा नहीं आता है । 

इधर ये दोनों प्रेमी बहुत खुश थे और उधर तीनों ने मार्केटिंग की , सिनेमा देखा , बाहर ही खाना खाया और रात दस बजे वापस आये । ६ घंटा के दौरान ना तो शर्मिला ने और ना मंगेश ने ही कोई बेशर्मी बाली हरकत की । जब ये लोग वापस आये तब तक विनोद ने शांता को तीन बार चोदा भी और उसे घर पहुँचा कर भी वापस भी आ गया । शॉंता के घर में विनोद ने उसकी छोटी बहन सपना और मॉं श्यामा के साथ भी मजाक किया , दोनों के गालों को चूमा ।  उन दोनों के सामने शांता की चूचियों को कई बार दबाया । किसी ने नहीं रोका । सपना ने प्यार से खाना भी खिलाया । 

विनोद उसके घर से बाहर निकला तो श्यामा ने कहा , 

“ बेटी , मुझे भी तेरे विनोद से चूदवाना है । “ 

सपना — दीदी , मुझे भी । 

शांता — तैयार रह, जल्दी तुम दोनों की बूर में विनोद का लंड घुसेगा । 

श्यामा — विनोद ने सिर्फ़ चोदा या फिर कुछ दिया भी ? 

शॉंता — आज तो कुछ नहीं दिया लेकिन सोमवार को मुझे बैंक ले जायेगा । मॉं , विनोद अगर मुफ्त में ही मुझे ज़िंदगी भर चोदेगा तो मैं चूदवाती रहूँगी , तेरे जैसी होटलों में जा कर अपने को नहीं बेचूँगी । लेकिन चिंता मत कर , मेरे पास रुपये की कमी नहीं रहेगी । 

तब तक कॉलोनी की सात औरतों ने शॉंता से कहा था  कि अगर वो उन्हें विनोद से चूदवायेगी तो जब तक विनोद चोदता  रहेगा वे शॉंता को हर महिना २ हज़ार देती रहेंगी । उस समय विनोद के घर में सब काम करने का ५०० ही मिलता था । 

शर्मिला वापस आई तो सबसे पहले उसकी नज़र बेड पर गई । बेड पर नया चादर बिछा था । वो बाथरूम में गई और यह देखकर मुस्कुराई कि  पूराना चादर बाल्टी के पानी में है । 

शर्मिला-       चलो बढ़िया हुआ कि विनोद ने शॉंता को चोद लिया । अब मैं आराम से किसी से भी चूदवा सकती हूँ, गॉंड मरवा सकती हूँ । 

उसने अपने आप से ये बात कही और उसे अपनी मॉं का यार घर का २१ साल का नौकर बबलू याद आ गया । 

शर्मिला—     मैं ने बबलू से वादा किया था कि शादी के एक महिना के अंदर उससे चूदवाऊंगी । बबलू के साथ गॉंड मरवाने में जो मजा आया वैसा मजा विनोद से चूदवा कर कभी नहीं आया । मुझे जल्दी मैके जाना होगा । जाऊँगी लेकिन ससुर जी को अपना पालतू कुत्ता बना कर । 

वो पेशाब कर बाहर आ गई । मंगेश ने सर्ट पैंट उतार कर पाजामा कुर्ता पहन लिया था । शीला ने कपड़े नहीं बदले थे । 

शर्मिला—    आप सभी को रमी खेलना आता है ना । 

दूसरे तीनों ने “ हॉं “ कहा । 

शर्मिला —    हमारे घर में हर शनिवार की रात रमी की बाज़ी लगती है । कभी रुपयों की तो कभी कपड़ों की । 

रुपये की बाज़ी तो सभी खेलते हैं लेकिन “ कपड़े की बाज़ी “ की बात किसी को समझ नहीं आई । 

विनोद — ये कपड़ों की बाज़ी क्या होती है । 

शर्मिला-    चलो, खेलते हुऐ समझा दूँगी । 

शर्मिला के बाबू जी एक बहुत बड़ी कंपनी के पार्टनर थे । ये लोग बहुत अमीर थे । ५ बेडरूम के एक बड़े से मकान में रहते थे । शर्मिला की मॉं दीपा भी बहुत ख़ूबसूरत थी । दीपा से बड़ा एक भाई था , दीपक । बाप और भाई भी खूबसूरत थे , बढ़िया डील डौल था । जहाँ शर्मिला रहती थी उसी शहर में विनोद पढ़ाई कर रहा था । एक रेस्टोरेंट में दोनों की मुलाक़ात हुई । पहली मुलाक़ात के ४-५ महिने के बाद ही दोनों एक दूसरे के सामने नंगे रहने लगे । शर्मिला बार बार विनोद से चूदवाने की खुशामद करती था लेकिन विनोद उसे सिर्फ़ ओरल से ही ठंडा करता रहा । विनोद का लंड ७ इंच से ज़्यादा लंबा था और बढ़िया मोटा भी । हर मुलाक़ात में शर्मिला लंड चूसती थी । लंड काफ़ी समय तक टाईट रहता था । विनोद के सम्पर्क में आ कर शर्मिला और भी खूबसूरत और जवान हो गई । दोनों ने शादी करने का फ़ैसला किया । 

एक रात दीपा ने अपनी बेटी को भी  रमी की बाज़ी खेलने के लिए बुलाया । और उसे पहली बार कपड़े की बाज़ी के बारे में मालूम हुआ । पहले तो शर्मिला ने मना किया । 

दीपा  — रंडी, मुझे मालूम है कि तु विनोद के साथ घंटों नंगा रहती है । थोड़ी देर  हमारे सामने नंगी रहेगी तो क्या होगा ? 

और उस रात पहली बार रमी खेलते खेलते  घर के चारों लोग नंगे हो गये । गेम के रूल के अनुसार दीपा की तरह शर्मिला को भी अपने भाई और बाप का लंड चूसना पड़ा । दोनों आदमियों ने भी दोनों औरत के अंग अंग को चूसा । शर्मिला समझ गई की घर के दोनों मर्द नामर्द है । दोनों में से किसी का लंड टाईट ही नहीं हेता है । तब उसकी मॉं ने बताया कि वो होटल में जा कर बड़ी क़ीमत लेकर चूदवाती है । जब शर्मिला पहली बार घर में नंगी हुई उसके ६ महिने बाद दीपा अपने साथ एक १८-१९ साल के बहुत ही ख़ूबसूरत और बढ़िया डील डौल के लड़के को लेकर घर आई । पहली रात दीपा ने घर के दूसरे तीनों के सामने उस लड़के से चूदवाया । लड़के ने एक बार नहीं सबके सामने अपनी मालकिन को तीन बार खूब जमकर चोदा । और उसके बाद से वो लड़का बबलू हर रात अपनी मालकिन को साथ सुलाने लगा । लेकिन बढ़िया चूदाई मिलने के बाद भी दीपा हर हफ़्ते एक रात होटल में गुज़ारती ही थी । 

दूसरी तरफ़ घर में हर शनिवार की रात , पूरी रात कपड़े की बाज़ी बाली रमी का खेल चलता ही रहा । बबलू भी घर का ही सदस्य हो गया था । अक्सर दीपा अपनी एक सहेली को भी बुला लेती थी । भाई और बाप के साथ साथ बबलू भी शर्मिला की नंगी जवानी से खेलता था । वो भी बबलू का लंड चूसती थी । और हर बार गेम ख़त्म होने के बाद बबलू दूसरे सभी के सामने दीपा और उसकी सहेली को चोदता था । शर्मिला चाहती थी कि बबलू उसे भी चोदे लेकिन दीपा ने बबलू को शर्मिंला को चोदने से मना किया था । बबलू को कोई जल्दी बाज़ी नहीं थी । वो बढ़िया से जानता था कि आज नहीं तो कल शर्मिला उससे ज़रूर चूदवायेगी । 

ऐसे ही समय गुज़रता रहा । फिर मंगेश अपनी होने बाली बहु को देखने आया तो शर्मिला सब को भूल गई । पहली ही मुलाक़ात में शादी तय हो गई । चाहे विनोद उसके साथ मस्ती ले रहा हो या बबलू , वो हर समय यही सोचती रहती थी कि उसका ससुर उसे चोद रहा है । शादी की तैयारी होने लगी । शादी सात दिन बाद होने बाली थी । एक रात शर्मिला अपने रुम में अकेली थी । दीपा अपने साथ बबलू को लेकर उसके रुम में आई । दोनों बिलकुल नंगे थे । 

बबलू  — शर्मिला मैडम, ६ महिना हो गया लेकिन अब बर्दाश्त नहीं होता है । चोदने दो मालकिन । 

शर्मिला दोनों हाथों से लंड को सहलाने लगी । 

शर्मिला—   ६ महिना से मेरे साथ पूरी मस्ती ले ही रहे हो । मैं ने सैकड़ों बार इस लंड को चूसा है । मैं ने विनोद से वादा किया हुआ है कि सुहाग रात को मैं उसके लिए कुँवारी रहुंगी । मुझे तुम्हारा लंड भी पसंद है और तुम्हारा चोदने का तरीक़ा भी । चलो आज मॉं के सामने वादा करती हूँ कि शादी के एक महिना के अंदर तुमसे चूदवाऊंगी । अभी मैं किसी और से नहीं चूदवा सकती । 

बबलू —    मैं भी वादा करता हूँ कि शादी के बाद ही आपकी प्यारी चूत में लंड पेलुंगा । मैं आपके साथ पूरी रात गुजारना चाहता हूँ । मुझे अपने साथ सुलाइये । चूत में लंड नहीं पेलुंगा । दिन में बड़ी मालकिन को चोदूंगा और रात भर आप के साथ प्यार करूंगा । 

दीपा ने भी बेटी को बबलू को साथ सुलाने कहा । 

दीपा —     तुम बबलू का विश्वास करो । उसे अपने उपर बहुत कंट्रोल है । ६ महीना तक वो मेरे नंगी बदन की मालिश करता रहा लेकिन चोदा नही। मैंने ही इससे चूदवाना शुरु किया । तुम चाहोगी तब भी वो शादी से पहले तुम्हें नहीं चोदेगा । उसे अपने साथ सोने दो । 

शर्मिला मान गई । मॉं के सामने ही बबलू ने उसे नंगा किया । शर्मिला के नंगे बदन को सहलाते हुए बबलू ने  दीपा को चोदा । दीपा ठंडी होकर बाहर चली गई तो शर्मिला ने बबलू को अपने उपर खींच लिया । 

शर्मिला —     बबलू , लंड को बूर से रगड़ रगड़ कर तैयार कर । मुझे ढीला लंड पसंद नहीं है । 

दोनों एक दूसरे को बेतहाशा चूमते रहे । शर्मिला ख़ुद लंड को पकड़ कर बूर पर रगड़ती रही । ज़्यादा समय नहीं लगा । बबलू का ६ इंच लंबा लंड पूरा टाईट हो गया । टाईट लंड को भी थोड़ी देर बूर पर रगड़ कर उसने बबलू को ढकेला और पलट गई । 

शर्मिला—     पिछले ६ महिना से तुम हम तीनों की आगे की जवानी का ही मजा ले रहे हो । राजा ,  औरत के पिछवाड़े में भी बहुत मस्ती है । मेरे उपर आओ । चुत्तरों के बीच लंड को जितना रगड़ना है रगड़ो । गॉंड में लंड रगड़ते हुए मुझे बताओ कि तुमने मेरी मॉं को कैसे पटाया । 

शर्मिला उस समय भी ५५ केजी की ही थी । जब कि बबलू का वजन ७५ केजी था । पिछले ६ महिने से बबलू को हर सुबह एक घंटा कसरत करते हुए देख रही थी । शर्मिला अपनी मॉं की तरह ५ फ़ीट ५ इंच लंबी थी । विनोद ५ फ़ीट १० लंबा था जब कि बबलू सिर्फ़ ५ फ़ीट लंबा था । पहाड़ी इलाक़े का रहने बाला था । उसका लंड विनोद के लंड से एक -डेढ़ इंच छोटा था लेकिन बबलू का लंड विनोद के लंड से २५-३० परसेंट ज़्यादा मोटा था । और यह किसी को भी बताना नहीं पड़ता है कि लंड जितना ज़्यादा मोटा हो चूदाई में उतना ही ज़्यादा मज़ा आता है । शर्मिला तब तक ४ लंड से खेल रही थी । उसे विनोद से प्यार था लेकिन उसे बबलू का ही लंड ज़्यादा पसंद था । बाप और भाई का लंड कभी पूरा टाईट हुआ ही नहीं । 

बबलू पिछले एक साल से दीपा को चोद रहा था लेकिन दीपा को पहली बार चोदने के ६ महिना पहले से ही उसके नंगे बदन की मालिश कर रहा था । 

बबलू ने दोनों साइड से हाथ को  शर्मिला के नीचे ले गया और मॉंसल, गुदाज़ चूचियों को मसलते हुए लंड को चुत्तरों के बीच दबाया और ज़ोर ज़ोर से धक्का मारते हुए अपनी कहानी सुनाने लगा । 

बबलू —   मेरी प्यारी मालकिन मैं मसूरी का रहने बाला हूँ । हम बहुत ग़रीब थे । मॉं बाप के अलावा मुझसे दो बड़ी बहनें थी । बड़ा हुआ तो देखा कि हर रात घर में अलग अलग आदमी आते हैं और मेरी दोनों बहनों को चोद रहे हैं । यह भी देखा मेरी मॉं रात में घर में नहीं रहती है । और क़रीब तीन साल पहले मेरे बाबू जी किसी बीमारी से मर गये । 

आगे की कहानी अगले भाग में । 












 
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#3
Vinod siriz ki yah Bhi badhiya story he. maja aayega. bablu se sarmila ka bap aur bhai ki gand bhi marvaiye.
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#4
(13-12-2024, 05:29 PM)Bhikhumumbai Wrote: Vinod siriz ki yah Bhi badhiya story he. maja aayega. bablu se sarmila ka bap aur bhai ki gand bhi marvaiye.

Thanks , abhi to kahani shuru huee hai .. padhte raho , dekho aage kya hota hai..
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#5
शर्मिला शादी के दो  साल पहले से ही विनोद के साथ नंगी जवानी का खेल खेल रही थी । उसने सैकड़ों बार विनोद से  चोदने के लिए कहा  लेकिन विनोद बार बार यही कहता रहा कि चूदाई सुहाग रात को ही करेगा । लेकिन विनोद ने उसे कभी तरसने नहीं दिया । अपने ओरल मस्ती से ही शर्मिला को हद से ज़्यादा खुश करता था । विनोद के लंड के बाद शर्मिला अपने बाप और भाई के लंड से खेलने लगी । लेकिन उन दोनों में से किसी का लंड कभी टाईट हुआ ही नहीं । शादी के ६ महिला पहले से शर्मिला ने मॉं का यार या घर का नौकर बोलिए उसके लंड से भी खेलने लगी । ४-४ लंड से लगातार खेलते हुए भी शर्मिला कुँवारी ही रही । उसने किसी से नहीं चूदवाया । वो ससुर के साथ, जिसका उसने लंड भी नहीं देखा था उससे चूदवाने के लिए बेचैन थी । 

शादी के सात रात पहले बबलू ने बहुत खुशामद किया तो शर्मिला इस शर्त पर बबलू को अपने साथ सुलाने के लिए तैयार हुई कि बबलू उसके बूर में लंड नहीं पेलेगा । उस रात दोनों ने एक दूसरे के नंगे बदन को , शर्मिला के आगे की जवानी को खूब मसला , बहुत प्यार किया । शर्मिला ने  खुद बबलू के लंड को बूर पर बहुत देर तक रगड़ा । लंड पूरा टाईट हो गया । शर्मिला पलट गई और बबलू को  पीछे से मस्ती लेने के लिए कहा । साथ ही उसने ये भी कहा कि पीछे से मस्ती लेते हुए ये बताये कि उसने अपनी मालकिन दीपा को सबसे पहले कब और कहॉं चोदा । 

बबलू ने शर्मिला के उपर पोजीशन लिया । साइड से हाथ घुसाकर दोनो चूचियों को दबाते हुए चुत्तरों के बीच पूरी ताक़त से धक्का लगाते हुए अपनी कहानी भी सुनाता रहा । 

बबलू —   बाबू जी के मरने के बाद मॉँ का एक यार हम सभी को यहाँ ले आया । उसने होटल के नौकरों का एक घर दिलवाया । मॉं का वो यार अभी होटल का जेनेरल मैनेजर है । 

शर्मिला—    तुम विनोद मिश्रा की बात कर रहे हो क्या ? तुम्हारी रंडी ने मुझे उससे मिलवाया है । वो भी मेरी मॉं को चोदता है ना ! 

चूचियों को जकड़े हुए बबलू पूरी ताक़त से लंड से उसकी गॉंड में धक्का मार रहा था । यह पहला मौक़ा था जब कोई लंड उसे ऐसा धक्का मार रहा था । शर्मिला बातें भी सुन रही थी और उसका  ध्यान इस पर भी था कि लंड कहॉं धक्का मार रहा था । लेकिन उसने बबलू को रोका -टोका नहीं । 

बबलू -        हॉं रानी वहीं । वो भी मसूरी का ही है , मेरे ही तरह वो भी पहाड़ी ही है। वो  दीपा मालकिन को सालों से चोद ही रहा है वहीं उनके लिए दलाली भी करता है । मालकिन को हर बार बड़ी क़ीमत पर नये नये लोगों से चुदवाता है। मैं ने कई बार  विनोद साहब को दोनों मेरी मॉ और आपकी मॉ को अग़ल बग़ल लिटा कर चोदते देखा  है। 

बबलू दस मिनट से ज़्यादा समय से गॉंड पर लंड का धक्का मार रहा था । अचानक शर्मिला को लगा कि सुपाडा गॉंड के छेद में फँस गया है। शर्मिला को दर्द होने लगा लेकिन उसने शिकायत नहीं कि। 

बबलू-     यहॉं आने के दिन से ही वो मेरी दोनों बहनों से भी धंधा कराने लगा । मुझे रात दिन होटल में ही रहना पड़ता था और मेरी दोनों बहन रोज़ कई कई कस्टोमर को सँभालती थी । यहाँ आने के कुछ ही दिन बाद एक रात दोनों बहन मेरे रुम में आई। दोनों नंगी हो गई । उन्होंने कहा कि लगातार चूदाई के कारण उनका बदन टूट रहा है । उन्होंने मुझसे मालिश करने कहा । रानी , उससे पहले मैंने कई बार बहनों को दूसरे से चूदवाते देखता था  लेकिन वो पहला मौक़ा था जब मैं ने किसी औरत के नंगे बदन को छुआ । मुझे मालिश करना नहीं आता था  लेकिन दोनों जो जो बोलतीं गई मैं करता रहा । रानी मैं ने बहुत खुशामद की लेकिन दोनों ने साफ़ साफ़ कह दिया कि मैं मर भी जाऊँ फिर भी ना वे दोनों और ना ही मॉं मुझसे कभी चुदवायेगी । अब दो साल हो गया है दीपा को चोदना शुरु करने से पहले् मैं ने बहुत खुशामद किया था लेकिन तीनों में से किसी ने नहीं चूदवाया । लेकिन दोनों बहनों की मालिश करते हुए मैं ने मालिश करना सीख लिया । बाद में दीपा भी मुझ से मालिश करवाने लगी । एक दिन मालिश करते करते मेरा लंड उनकी बूर में घुसता चला गया । उसके बाद से दीपा जब भी होटल आती थी मुझसे ज़रूर चूदवाती थी । 

बहन और दीपा की नंगी जवानी याद आई तो बबलू का धक्का और भी पावरफूल हो गया । ७-८ धक्का में लंड का आधा से ज़्यादा लंबाई गॉंड के अंदर घुस गया । तब बबलू को भी महसूस हुआ कि उसकी लंड शर्मिला की गॉंड के अंदर घुस गया है । उसे ऐसा  लग रहा था मानो लंड किसी बहुत ही गर्म और संकरी घाटी में घुस गया है । उसने लंड को बाहर खींचना चाहा लेकिन नहीं खींच पाया । दर्द से शर्मिला की जान जा रही थी लेकिन उसने एक बार भी शिकायत नहीं की , ना ही बबलू को धक्का मारने से रोका । दर्द के साथ साथ उसे एक अजीब तरह का , एक नया मजा भी आ रहा था । 

बबलू ने लंड को गॉंड में दबाए रखा । 

बबलू—   मालकिन, माफ कर दीजिए । मालूम नहीं कैसे लंड अंदर चला गया । अपनी क़सम , मैं ये नहीं करना चाहता था । प्लीज़ माफ़ कर दीजिए, बड़ी मालकिन को मत बोलिएगा । वो मुझे घर से निकाल देगी । कितना गर्म और टाईट छेदा है बाहर भी नहीं निकाल पा रहा हूँ । 

शर्मिला—     मेरी तो जान जा रही है । मेरी क़सम सच सच बोल , तुम्हें कैसा लग रहा है ? 

बबलू—      मालकिन, अभी तक सिर्फ़ दीपा मालकिन और उनकी सहेली को ही चोदा है । लेकिन जैसा मज़ा अभी आ रहा है वैसा मज़ा दीपा को पहली बार चोदने में भी नहीं आया था । 

शर्मिला ने अपने बदन को ढीला करने की कोशिश की । 

शर्मिला-         अगर कभी भी किसी और को , तेरी रंडी दीपा को भी मालूम पड़ा कि तुमने मेरी गॉंड मारी है तो मैं तुम्हें ज़िंदगी भर के लिए जेल में भिजवा दूँगी । 

बबलू—   आपके घर में आने के एक साल पहले से मैं दीपा को चोद रहा था कभी किसी को पता नहीं चला । मैनेजर साहब को भी नहीं मालूम था । दीपा ने ही उन्हें बताया । विश्वास रखिए , आप नहीं चाहेंगी तो कभी किसी को नहीं मालूम होगा कि मेरे लंड ने आपकी कुँवारी गॉंड का मज़ा लिया है । आपकी मॉं की बूर मेरे लंड की पहली बूर थी और आपकी गॉंड ही मेरे लंड की अकेली गॉंड रहेगी । मैं कभी किसी और की गॉंड में लंड नहीं पेलुंगा । 

शर्मिला-       फिर सोच क्या रहा है , फाड़ दे मेरी गॉड । जितनी बेदर्दी से मार सकता है धक्का मार । 

फिर क्या , चिकने बदन को रगड़ते हुए बबलू ने जम कर गॉंड मारी । क़रीब २० मिनट के बाद बबलू ने गॉंड में रस गिराया । दोनों ने एक दूसरे को बहुत प्यार किया । लंड को मुठिया कर सहला कर शर्मिला ने लंड को फिर तैयार किया और दुबारा गॉंड मरवाया । इस बार बबलू ने ३५ मिनट गॉंड मारी । ना बबलू का मन भरा था ना ही शर्मिला का । उसने लंड को तीसरा बार तैयार किया और तीसरी बार शर्मिला ने कुतिया के पोज में गॉंड मरवाया । 

शर्मिला —    बबलू , जी तो कर रहा है कि बूर भी तुमसे ही फडवा लूँ लेकिन तुमसे चूदवा कर मैं अपनी नज़र में खूद झूठी हो जाऊँगी । ससुराल से वापस आने दे फिर मेरा दोनों गॉंड और बूर तेरा । 

बबलू एक बहुत ही खूबसूरत लड़की की गॉंड मार कर बहुत खुश था ही शर्मिला भी बहुत खुश थी । 
 
अगले दिन शर्मिला के सामने बबलू ने दीपा को चोदा । तीनों ने एक दूसरे को रगड़ते मसलते हुए साथ ही नहाया । रात में फिर शर्मिला ने तीन बार गॉंड मरवाया । तीसरी रात रमी की रात थी । हर बार की तरह दोनों शर्मिला और दीपा ने बबलू, दीपक और घर के मालिक का लंड चूसा । तीनों आदमियों ने दोनों मॉं और बेटी की नंगी जवानी का मजा लिया । उसके बाद दूसरे सब के सामने बबलू ने अपनी बड़ी मालकिन को चोदा । 

बाद में बबलू शर्मिला के रुम में आ गया । शर्मिला पट हो कर गॉंड मरवा रही थी । 

बबलू—    रानी, २ घंटा में 2  लाख कमाओगी ? 

शर्मिला ने धक्का देकर बबलू को अलग किया और उठ कर बैठ गई । 

शर्मिला — बहनचोद , मुझसे धंधा करवायेगा ? 

बबलू—   होटल में एक बहुत अमीर आदमी आया है । मैनेजर साहब ने उसे बहुत औरतों को , दीपा , मेरी दोनों बहन , मेरी मॉ के साथ साथ कई और औरतों को दिखाया । लेकिन उसे कोई पसंद नहीं आई । उसे एक २०-२१ साल की बहुत ही खूबसूरत औरत चाहिए जो  गॉड मरवाते हुए अपना फ़ोटो भी खींचने दे । उसने कहा है कि वो सिर्फ़ औरतों की गॉंड ही मारता है , उन्हें चोदता नहीं है । कई औरत गॉंड मरवाते हुए फ़ोटो खिंचवाने को भी तैयार हैं लेकिन उसे कोई पसंद ही नहीं आई । मालकिन २ लाख आप लोगों के लिए भी कम नहीं है । मुझे विश्वास है कि आप उसे ज़रूर पसंद आयेंगी । 

शर्मिला को भी २ लाख का लालच तो हो गया लेकिन उसे बदनामी का डर भी था । 

शर्मिला—    तु चाहता है कि तेरी रंडी पूरी दुनिया में बदनाम हो जाए । जिस से की मेरी शादी ना हो और तु मुझे दीपा जैसा २० -२० हज़ार में बेचता रहे । हरामी , वो फ़ोटो खींचेगा और पूरी दुनिया में मेरी नंगी तस्वीर बेचता रहेगा । 

बबलू  —    गॉंड मरवाओगी आप लेकिन अगर फ़ोटो में किसी और का चेहरा हो तो ! 

शर्मिला—     ऐसा कैसे होगा ? 

लेकिन बबलू ने गॉंड मारते हुए सबकुछ समझाया, अपना प्लान बताया । 

बबलू —   अगर आपकी बूर में लंड पेलने के लिए कोई दस लाख भी देगा तो आप को चूदवाने नहीं दूँगा लेकिन ये गॉंड में लंड लेने की बात है । फ़ोटो देखने के बाद भी कोई नहीं कह पायेगा कि आप ही गॉंड मरवा रही हो । 

शर्मिला   -  तुम ने ठीक ही कहा , २ लाख कम नहीं होता  है । लेकिन मुझे पूरा रुपया एडवांस में चाहिए । और तु मेरा चेहरा बदलेगा कैसे ? 

बबलू ने खूब जमकर गॉंड मारी । उसके बाद शर्मिला को बॉंहों पर उठाकर अपने रूम में ले गया । उसने एक बौक्स से चार विग लगा हुआ मास्क निकाला । 

बबलू— रानी , पहन कर देख लो , कौन सा पसंद है । शर्मिला ने बारी बारी से चारों मास्क को ट्राई किया । सभी मास्क बहुत ही महंगे थे । शर्मिला ने खूद सभी मास्क को पहन कर चेहरे को सहलाया । उसे लगा कि किसी नॉर्मल स्किन को छू रही है । 

बबलू —   रानी , बहुत सी औरतें और लड़कियां ऐसी हैं जो  अपने बाप , पति या अमीर दोस्त को लूटती है । वैसी रंडीयों के लिए हम ये मास्क रखते हैं । दीपा ने भी एक बार ऐसा मास्क पहन कर साहब से ५० हज़ार लूटा था । साहब का लंड खड़ा ही नहीं हुआ । 

शर्मिला ने एक देसी औरत के चेहरे बाला ही मास्क पसंद किया । बबलू के रुम में भी एक बार गॉंड मरवाया और वहीं बबलू से चिपक कर सो गई । 

अगले दिन सुबह ९ बजे शर्मिला को ले कर होटेल के रुम में उस आदमी के पास गया  । बबलू ने शर्मिला को मास्क पहना दिया था । बबलू ने शर्मिला को उसके सामने नंगा किया और आदमी ने तुरंत उसे पसंद कर लिया । उसने शर्मिला को २ बजे आने कहा । 

शर्मिला—      मुझे मेरी पूरी क़ीमत अभी दे दो । समय पर आ जाऊँगी । 

पहले तो उसने एडवांस देने में आना कानी की तो शर्मिला भी ज़िद पर अड़ी रही । उस आदमी को लड़की की जवानी इतनी पसंद आ गई थी कि उसने मैनेजर विनोद मिश्रा को बुलवाया । विनोद कई बार दीपा के घर गया था , शर्मिला से मिला था । लेकिन शर्मिला उसके सामने नंगी खड़ी थी फिर भी उसे थोड़ा भी संदेह नहीं हुआ कि ये दीपा की बेटी है । 

मैनेजर को भी लड़की की जवानी बहुत ही ज़्यादा पसंद आ गई । मैनेजर के बोलने पर आदमी ने २ लाख दे  दिया । 

मैनेजर— ये साहब तुम्हारी गॉंड मारेंगे , तुम्हारी नंगी तस्वीर लेंगे । इस सब के लिए २ लाख ले रही हो । २ घंटा चूदवाने का चूदवाने का कितना लेगी ?  

शर्मिला ने किसी घटिया रंडी जैसा जबाब दिया  । 

शर्मिला—   कम से कम एक लाख । लेकिन अभी मेरे पास समय नहीं है । दो दिन बाद मैं बाहर जा रही हूँ । एक महीने बाद वापस आऊँगी तब आप से बात करूँगी । लेकिन सुना है कि आप यहाँ की रंडीयों से दस परसेंट कमीशन भी लेते हैं और उसे चोदते भी हैं । अगर मुझे चोदना है तो मैं  कोई कमीशन नहीं दूँगी । हर महीने एक पूरी रात आपके साथ गुज़ारूँगी । 

तीन रातों से गॉंड मारते मारते बबलू ने उसे होटल के बारे में सबकुछ बता दिया था । सबके सामने मैनेजर ने शर्मिला की दोनों चूचियों को दबोचा । 

मैनेजर—    मैडम , ना तुमसे कभी कोई कमीशन लूँगा ना ही कभी तुम्हें मुफ़्त में चोदूंगा । हमारी एक बहुत ही खूबसूरत रंडी है सालों से यहाँ आ रही है । उसे बहुत चोदा है लेकिन रानी तुम्हारी जैसी बढिया और खूबसूरत माल पहले कभी नहीं देखी । 

चूचियों को एक हाथ से दबाते हुए मैनेजर बूर को भी मसलने लगा । जिस कस्टमर के लिए शर्मिंला आई थी वो अपने कोडक  कैमरे से ताबड़तोड़ फ़ोटो खींच रहा था । 

शर्मिला ने देखा लेकिन रोका नहीं । 

शर्मिला—    अगर अभी ५० हज़ार दो तो आधे घंटा में बढ़िया तमाशा दिखाऊँगी । 

कस्टमर के जबाब का इंतज़ार किए बग़ैर शर्मिला ने तीनों को नंगा होने कहा।  दूसरे दोनों देखते रहे लेकिन बबलू फटाफट नंगा हो गया । शर्मिला ने लंड पकड़ लिया और सहलाने लगी । 

शर्मिला— वाह बबलू , बहुत ही मस्त लंड है । मुझे पसंद आ गया है । थोड़ी देर चूसने दे । 

वहीं बबलू के सामने अपने घुटने पर बैठ शर्मिला बबलू के लंड को चाटने लगी। 

शर्मिला  -    अगर लंड चूसते हुए मेरा फ़ोटो खींचना है तो दोनों पचास पचास हजार मुझे दो । 

बबलू तो इस माल का बहुत मजा ले रहा था लेकिन शर्मिला को एक लड़के का लंड चूसते देख दोनों बहुत गरमा गये । वे दोनों भी नंगे हो गये । कस्टमर ने एक बैग से १००-१०० का ५ बंडल निकाल कर शर्मिला को दिया । मैनेजर ने इंटरकॉम से किसी को फ़ोन किया । 

“ रुपा , पचास हज़ार नगद लेकर १०१ में जल्दी आओ । “ 

शर्मिला बबलू के लंड को चूसती रही साथ ही दोनों हाथों से दूसरे दोनों के लंड को सहलाने , मुठियाने लगी । इसी तरह  उसने बारी बारी से तीनों के लंड को चूसा और दूसरे दोनों के लंड को मुठियाती  रही । कुछ ही देर बाद एक लड़की अंदर आई और उसने मैनेजर के हाथ में रुपए दिया । शर्मिला लंड चूस रही थी , मुठिया रही थी और कस्टोमर लगातार फ़ोटो ले ही रहा था । मैनेजर को रुपया देकर रुपा जाने लगी तो कस्टमर ने उसे रोका । 

कस्टमर —  ये कैमरा लो और जितना बढ़िया से हो सके इस रंडी की नंगी जवानी और उसकी हरकतों का फ़ोटो लो । 

उसने रुपा को समझाया कि फ़ोटो कैसे लेना है तो उसने कहा कि उसके पास भी ऐसा ही कैमरा है । उसके बाद क़रीब एक घंटा तक शर्मिला ने तीनों का लंड चूसा , तीनों ने बारी बारी से शर्मिला की चूचियों को , बूर को चूसा । एक बूर चूसता था तो दूसरा उसे लंड चूसाता था और तीसरा चूचियों को चूसता था । कमरे में तीन नंगे मर्द और एक नंगी लड़की थी । रुपा पूरे कपड़े पहने हुए फ़ोटो खींच रही थी । किसी ने उसकी ओर ध्यान ही नहीं दिया । तीन- तीन फनफनाया हुआ लंड और शर्मिला की गंदी हरकतों को देखकर वो भी बहुत चुदासी हो गई थी । वो सिर्फ़ एक से नहीं तीनों के साथ चूदवाने को तैयार थी । लेकिन किसी ने उससे बात भी नहीं कि । 

एक घंटा की मस्ती के दौरान तीनों २-२ बार झड़ गये और शर्मिला मुस्कुराते हुए उठी । शर्मिला कपड़े पहनने लगी । 

शर्मिला—   आज तो इस साहब का लंड अंदर लूँगी ही , मैनेजर साहब जल्दी ही  आपसे भी चूदवाऊंगी । वैसे अगर साहब साहब परमीशन दें और मुझे एक लाख और मिले तो आप तीनों से गॉंड मरवाऊँगी । साहब के जैसा मस्त बढ़िया, लंबा ( साढ़े सात इंच) और ऐसा मोटा लंड पहले कभी नहीं देखा लेकिन आप दोनों का लंड भी मुझे बहुत पसंद आया । लेकिन सावधान कर रही हूँ, अगर किसी ने भी मेरी बूर में लंड पेलने की कोशिश भी की तो आप सभी जेल जाओगे । 

कस्टमर —      रानी बिल्कुल चिंता मत करो , ना मैं बूर में लंड पेलता हूँ और ना किसी और को अपने सामने किसी को भी चोदने  देता हूँ । जल्दी आना रानी । 

कपड़े पहन कर , बबलू को साथ लेकर शर्मिला होटल से बाहर चली गई । उधर रुपा इंतज़ार करती रही लेकिन किसी ने उसे रुकने नहीं कहा । मैनेजर ने रुपा को रुम से बाहर जाने कहा । कस्टमर को कैमरा देकर रुपा बाहर चली गई । 

बाक़ी दोनों नंगे ही थे । 

मैनेजर —   साहब, हमारे पास एक लाख नहीं है । लेकिन मैं भी उस रंडी की गॉंड मारना चाहता हूँ । 

कस्टमर —   ठीक है , मैं तुम दोनों के बदले एक लाख दे दूँगा लेकिन तुम्हें अपनी घरवाली रचना को रात भर मेरे साथ रहने देना होगा । अगर रचना ने मुझे पूरा खुश किया तो उसे भी एक लाख दूँगा । 

इस आदमी के पास बहुत धन दौलत था । बहुत बड़ा स्मगलर था । जो भी नंगी तस्वीरें लेता था उसे किसी दूसरे देश भेजता था । वहॉं  उन तस्वीरों की वीडियो सिनेमा बनती थी । ये वो समय था जब नंगी सिनेमा बहुत ही महंगा बिकता था । सिनेमा की रॉयल्टी से भी उसे हर साल लाखों मिलता था । अपने घर की कई औरतों की भी सिनेमा बनवा चूका था । 

मैनेजर बढ़िया से जानता था कि ये आदमी उसकी मस्त जवान घरवाली से क्या करवायेगा । लेकिन एक रात का एक लाख उसके लिए बहुत ज़्यादा था । उस समय दीपा को लेकर होटल में उसकी ६ रंडीयॉं थी । उस में से सिर्फ़ तीन ही रेगुलरली धंधा करती थीं । जैसा शर्मिला ने कहा उसका कमीशन दस परसेंट ही था । डेली उसे कमीशन से ५-७ हज़ार ही मिलता था । मैनेजर भी कपड़े पहन कर बाहर चला गया । कस्टमर बेसब्री से शर्मिला का इंतज़ार करने लगा । 

आगे की कहानी अगले भाग में ,,,,,,, 










 
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#6
Nice story
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#7
Bahut hee mast Kahani hai . Saas bahu kee Jodi badhia chalegi . Agal update juldi do .
‘LIVE LIFE CHAMPA STYLE
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#8
(17-12-2024, 05:18 PM)sri7869 Wrote: Nice story

Thanks . AGLA episode bhej raha hu. Please read and comment .
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#9
(17-12-2024, 07:31 PM)bhukhalund Wrote: Bahut hee mast Kahani hai . Saas bahu kee Jodi badhia chalegi . Agal update juldi do .

Thanks dear
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#10
शर्मिला ने बेशर्मी की सारी हद पार कर दी । बबलू ने गॉंड मारना शुरु किया तो लगातार तीन रात जमकर गॉंड मरवाया । बबलू के ही मनाने पर वो होटल में भी गॉंड मरवाने आ गई । बिना चूदवाए शर्मिला ने तीन आदमियों के साथ खूब मस्ती मारी और कस्टोमर को पूरा प्रोग्राम का फ़ोटो भी लेने दिया । ना गॉंड मरवाया और ना ही चूदवाया , एक घंटा में तीन आदमियों के साथ मस्ती मारी और तीन लाख रुपये लेकर घर आई  । घर में सब ये समझ रहे थे कि बबलू ने मॉं के साथ साथ बेटी को भी चोदना शुरू कर दिया है । किसी ने नहीं पूछा कि सुबह सुबह बबलू के साथ कहॉं गई थी । घर आकर दूसरे दिनों की तरह बबलू ने खूब रगड़ रगड़ कर दोनों मॉं बेटी को नहलाया । नहाने के समय मॉ ने बताया कि अगले दिन बहुत मेहमान आयेंगे । 

शर्मिला—   मेहमान आयेंगे तो तुम सँभालना । शादी की रात मैं अपने पति और दूसरों को सँभाल लूँगी । 

खाना खाने के बाद शर्मिला ने बबलू को साथ चलने कहा तो दीपा ने रोक दिया । 

दीपा   —  मुझे बबलू को लेकर बाज़ार जाना है । तुझे अपनी सहेलियों के पास ही जाना है ना तु अकेले चली जा । 

शर्मिला को कोई डर और भय नहीं था । घर से निकलने लगी तो बबलू ने ही एक बुर्का भी दे दिया । 

बबलू — चार दिन बाद आपकी शादी है । तब तक घर से बाहर जाती हो तो यह पहन कर जाना । मालकिन भी हर हमेशा ये पहनती है । 

शर्मिला घर से ही बुर्का पहन कर निकली । चौराहे पर आ कर उसने ऑटो लिया और ऑटो में ही उसने मास्क पहना । वो २  बजे से पहले ही कस्टोमर के पास पहुँच गई । शर्मिला को गोदी में नंगा बैठा कर उसने मैनेजर को फ़ोन किया । मैनेजर ने कहा कि उसकी पत्नी चूदवाते हुए फ़ोटो खिंचवाने को तैयार नहीं है । 

कस्टमर—    सोच लो , कोई भी एक लाख नहीं  देगा और ना ही चंदा जैसी खूबसूरत लड़की तुम्हें कहीं और  मिलेगी । चंदा अभी मेरा लंड चूस रही है । तुम नहीं आये उससे वो बहुत नाराज़ है । लो उससे बात करो । 

बबलू ने ही धंधा के लिए शर्मिला का नाम चंदा रखा था । कस्टमर ने रिसीवर चंदा को दिया । उसने नहीं कहा कि मैनेजर से क्या कहना है । 

शर्मिला -     नमस्कार मैनेजर साहब । मैं आप लोगों की रंडी चंदा बोल रही हूँ । मैं तो ये सोच कर आई थी साहब के मस्त लंड के साथ आपका भी लंड खाऊँगी । आप नहीं आये तो मेरी गॉंड में आपका लंड नहीं घुसेगा साथ ही मेरा एक लाख का नुक़सान भी हुआ । एक महीने बाद इसी होटल में घेंघा करुंगी तब ना आपको अपना दलाल बनाऊँगी ना ही आपसे कभी चूदवाऊंगी । एक काम करो अपनी पत्नी को  साहब से मिलवा दो । अगर उसे साहब का लंड नहीं पसंद आया , अगर उसने भी साहब से गॉंड नहीं मरवाया तो मैं मुफ्त में ही आपसे गॉंड मरवाऊँगी । 

इतना कहकर उसने रिसीवर कस्टमर को दे दिया । उसने मैनेजर को धमकी दी । 

कस्टमर-    तुम्हें चंदा की गॉंड नहीं मारना है तो मत आओ लेकिन रात में तुम्हारी पत्नी मेरे साथ होनी चाहिए । अगर नहीं आई तो कल ही मैं उसे अपने साथ लेकर चला जाऊँगा । 

उसने फ़ोन रख दिया । 

शर्मिला —  मैनेजर की पत्नी बहुत सुंदर है क्या ? 

कस्टमर— तुमसे ज़्यादा सुंदर कोई हो सकती है क्या ? मैनेजर समझता है कि उसकी घरवाली बहुत शरीफ़ है । रंडी एक साथ तीन- तीन  लंड को सँभालती है । एक लंड बूर में , दूसरा गॉंड में और तीसरा लंड मुँह में रखती है । मैं ने उसकी बहुत गॉंड मारी है और दूसरों से चूदवा कर बहुत कमाया भी है  । इस बार उससे एक ख़ास काम करवाना है । 

शर्मिला बहुत डर गई । ये आदमी ६ फ़ीट से ज़्यादा लंबा था । उसका रंग कोयला जैसा काला था । डील डौल भी बढ़िया था । 

शर्मिला ने डरते हुऐ पूछा, 

“ कौन सा खाश काम ? मुझे भी दूसरों से चूदवाओगे ? “ 

कस्टमर —   हॉं , प्यार से नहीं मानोगी तो दूसरा रास्ता अपनाऊँगा । लेकिन अभी नहीं । पहले तुम्हारी गॉंड का पूरा मज़ा लूँगा । हर महीने कम से कम एक बार यहॉं आता हूँ । तुम्हारे गॉंड से पूरा रस निकालाने के लिए २५-३० बार तुम्हारी गॉंड मारनी होगी , उसके बाद तुम्हें चोदूंगा । तीन चार महिना के बाद तुम्हें दूसरों से भी चूदवाऊंघा , गॉंड मरवाऊँगा । तब तक मुझे अपनी गॉंड का पूरा मजा दो । लेकिन डरो मत । मेरी बात मानती रहोगी तो एक साल में ही माला-माल हो जाओगी ।

शर्मिला को इस आदमी की फ्रैंकनेस बहुत पसंद आई । उसने कोई नखडा नहीं किया । कस्टमर जैसा चाहता था जिस पोज में चाहता था , शर्मिला ने उसे नंगा फ़ोटो लेने दिया । बबलू ८-९ बार गॉंड मार कर ढीला कर चूका था लेकिन जब कस्टमर ने पहली बार गॉंड में लंड पेला तो शर्मिला की जान निकलने लगी । वो आदमी को और गर्म करने , एक्साइट करने के लिए ज़ोर ज़ोर से चीखने लगी । 

“ बाप रे जान निकल गई , मेरी गॉंड फाड़ दी तुमने , हरामी कितना मोटा है तेरा लंड । तेरे लंड के लिए सबसे बढ़िया गॉंड और बूर तेरी मॉं का होगा , उसी कुतिया को चोद , उसे दूसरे से गॉंड मरवा , निकाल लो साहब , जान निकल रही है ।” 

लेकिन शर्मिला को हद से ज़्यादा मज़ा आ रहा था । बबलू के साथ भी उसे बहुत मज़ा आता था लेकिन इस आदमी से पहली बार ही मरवाते हुए समझ गई कि उसे लंबा और मोटा लंड की ज़रूरत है । तभी उसे ध्यान आया कि विनोद का लंड भी इसके लंड जैसा लंबा है लेकिन इतना मोटा नहीं है । अचानक उसे ससुर का ध्यान आ गया । उसने मन ही मन कहा “ मेरे प्यारे ससुर का लंड कैसा होगा , जैसा भी हो उससे चूदवाऊंगी भी और गॉंड भी मरवाऊँगी । 

पूरे समय शर्मिला बोलती ही रही । कभी शिकायत करती कि बहुत दर्द कर रहा है और कभी बोलती की बहुत मजा आ रहा है । उस दिन ४ घंटा में कस्टमर ने तीन बार गॉंड मारी । हर बार गॉंड से लंड निकालकर चूसवाया भी  । शर्मिला ने देखा कि बीच में उसने कैमरा में कुछ सेट भी किया । कस्टमर ने कार्ड बदला था । २ घंटा में एक कार्ड भर जाता था । कस्टमर भी थक गया था । उसने खाने के लिए कुछ मंगाया । गोदी में बिठाकर शर्मिला को दिखाया भी कि फ़ोटो कैसा आया है । 

शर्मिला-       सच साहब, चूदाई की फ़ोटो देखने में बहुत ही मज़ा आ रहा है । 

कस्टमर ने अपने बैग से निकाल कर उसे २ अल्बम दिया जिसमें चूदाई की तस्वीरें थी । कुछ खाश तस्वीर देखकर उसने कस्टमर की ओर देखा । 

कस्टमर—    अगर तुम भी ऐसा करो तो तीन लाख दूँगा । 

शर्मिला-      इसमें बहुत खतरा होगा । चूत और गॉंड बरबाद हो जायेगा । 

कस्टमर उसके बूर को सहलाने लगा । 

कस्टमर—   अभी तुम्हारी बूर बहुत कच्ची है । ना मैं चोदूंगा ना ही ये गार्ड चोदेगा लेकिन अब तुम्हारी गॉंड कैसा भी लंड ले सकती है । इसके ९ इंच लंबा और मोटा लंड से तुम्हें और तुम्हारी गॉंड को बहुत मज़ा आयेगा । तीन चार घंटा का ही मामला है , तीन लाख कमाओगी । चलो तुम भी क्या याद करोगी , चार लाख दूँगा । 

चार लाख , बहुत बड़ा लालच था । 

शर्मिला—   सोच कर बताऊँगी । अगर कल आऊँगी भी तो सुबह दस बजे ही आ सकती हूँ । कल घर में बहुत मेहमान आयेंगें । 

कस्टमर ने एक पेपर पर एक एड्रेस लिख कर दिया और साथ ही ५० हज़ार का टिप्स भी दिया । 

कस्टमर—  घर जा कर सोच लो । अगर ४ घंटा में ४ लाख कमाना है तो १० बजे यहॉं आ जाना । चंदा तुम बहुत ही स्पेशल हो । तुमने मुझे बहुत मस्त किया । ये लो आज की मस्ती का पचास हज़ार और । चार लाख कल ही दे पाऊँगा । विश्वास रखो सिर्फ़ हम दोनों ही रहेंगे । सच कहता हूँ हम दोनों के साथ गॉंड मरवाने के बाद भी तुम वैसी ही तरोताज़ा रहोगी जैसे अभी हो । कपड़े पहन लो , वेटर आता होगा । 

शर्मिला ने प्यार से कई बार होंठों और लंड को चूमा । 

“ साहब, आप ने गॉंड मार कर मस्त किया ही , आप बहुत ही बढ़िया आदमी हो । मैं आगे भी आपसे मिलते रहना चाहूँगी । “ 

कस्टमर—    कल आओ तब आगे का प्रोग्राम बनायेंगे । 

अपने बैग से सामान निकाल कर थोड़ा मेकअप किया , बाल ठीक किया और सारे कपड़े के साथ बुर्का पहन कर बैठ गई । वेटर के नॉक करने पर उसने ही डोर खोला । वेटर ने सामान टेबल पर रखा । कस्टमर ने २ हज़ार वेटर को दिया । 

“ मुझे अभी तुम्हारे मैनेजर विनोद साहब के घर का फ़ोन नंबर चाहिए । “ 

“ अभी लाता हूँ साहब “   बोलकर वेटर बाहर चला गया । 

शर्मिला लंड को सहलाने लगी । 

शर्मिला—    लगता है इस लंड की प्यास मेरी जवानी नहीं बुझा पाई । 

कस्टमर— जो क़सम ले लो रानी , तुमने जितना ख़ुशी दी है वैसा बहुत ही कम औरत देती होगी । रंजना को अपने ५ दोस्तों को बेचकर रुपया कमाऊँगा तब ना तुम्हें कल चार लाख दे पाऊँगा । वे पॉंच मिलकर उसे रात भर लूटेंगे और मैं उनका फ़ोटो लूँगा । 

जब वेटर दुबारा आया तब शर्मिला लंड चूस रही थी । वो लंड चूसती ही रही । मैनेजर का नंबर देकर वो बाहर चला गया । कस्टमर ने रिसेप्शन से एक नंबर लगाने कहा । नंबर तुरंत लग गया । 

कस्टमर—   हेलो , मैं  तुम्हारा प्रवीण सेठ बोल रहा हूँ  कैसी हो मेरी प्यारी रंजना रानी । अगर एक रात में एक लाख के साथ साथ ५-५ बढ़िया मिठाई खानी है तो आज रात ९ बजे रुम नबंर १०१ में आ जाना । मैं इंतज़ार करूँगा । 

कस्टमर ने रिसीवर नीचे रख दिया । 

शर्मिला—   मैनेजर घर में रहेगा तो वो कैसे आयेगी ? 

कस्टमर —   उस औरत को ग्रूप चूदाई बहुत पसंद है । पति को घर में छोड़कर आयेगी । कल आना तब तुम्हें उस रंडी की फ़ोटो दिखाऊँगा । 

शर्मिला ने कुछ जबाब नहीं दिया । खा पीकर वो होटल से बाहर आ गई । ५ घंटा के बाद ७ बजे घर पहुँची । रास्ते में ही उसने मास्क निकाल लिया था । घर पहुँची तो बिलकुल फ़्रेश थी । उसके चेहरे पर कोई थकान नहीं थी । जैसा दीपा ने कहा था घर में कुछ मेहमान आ गये थे । शर्मिला ख़ुशी ख़ुशी सबसे मिली । 
 
खाना खाने के समय शर्मिला की एक सहेली ने फ़ोन किया । कुछ देर की बात चीत के बाद शर्मिला ने यह कहकर फोन रख दिया कि “ वो समय पर आ जायेगी “ । 

शर्मिला—    मेरी कॉलेज की सहेलियाँ ने शादी के पहले की पार्टी रखी है । सुबह ९ बजे से शाम तक , मुझे जाना ही पड़ेगा । 

सहेली ने ४ बजे से रात ८-९ बजे तक का कहा था । लेकिन शर्मिला को चार लाख का लालच भी था । 

कई रातों के बाद उस रात बबलू को अकेला सोना पड़ा । शर्मिला अपनी ही उम्र की एक चचेरी बहन के साथ सोई । उस  लड़की की शादी नहीं हुई थी लेकिन तीन आदमियों से चूदवा रही थी । शर्मिला ने विनोद के साथ की मस्ती की बात की । उसने कहा कि विनोद बहुत ही बढ़िया से चोदता है । चचेरी बहन ने तीनों आदमियों के साथ की चूदाई के बारे में बताया । बहन की नाम संपा था । 

संपा  - शर्मिला, यार एक ही आदमी, एक ही लंड के भरोसे मत रह । हर एक आदमी , हर एक लंड चाहे आदमी का हो , कुत्ता का हो या गदहे का सभी अलग तरह का मज़ा देते हैं । 

शर्मिला-      तुमने कभी कुत्ते या गदहा से चूदवाया है ? 

संपा —   रोड पर जब किसी कुतिया को चूदवाते देखती हूँ तो जी करता है कि वहीं नंगी होकर कुत्ता से चूदवाऊ । लेकिन हिम्मत नहीं है । लेकिन अगर कभी मौक़ा मिला तो मौक़ा छोड़ूँगी नहीं । 

अपनी चचेरी बहन की बात सुनकर शर्मिला ने मन ही मन प्रोग्राम बनाया लेकिन कुछ कहा नहीं । शर्मिला ने फ़ैसला किया कि अगले दिन उस आदमी के साथ पूरी मस्ती मार कर अपनी इस बहन संपा के बारे में बात करेगी । 

चूदाई की बात करते करते दोनों बहुत गर्म हो गई । एक दूसरे को नंगा किया । अंग अंग को चूसा चाटा और दोनों ठंडी होकर सो गई । 

अगले दिन सुबह ही कुछ और मेहमान आ गये । लेकिन शर्मिला बुर्का पहन कर ९ बजे अकेले ही घर से निकल गई । १० मिनट पैदल चलने के बाद ऑटो लिया । पहले ही जैसा ऑटो में ही मास्क पहना । ऑटो बाले ने मास्क पहनते देख लिया । 

ड्राइवर-      चूदवाने जा रही हो ? 

शर्मिला—    हॉं यार .  बदनामी का बहुत डर लगता है इसलिए हर एक आदमी के पास नया चेहरा लेकर जाती हूँ । 

ड्राइवर-  देखो रास्ता सुनसान है । चोदूंगा नहीं , सच तो यह है कि मैं चोद ही नहीं सकता हूँ । एक बार बूर दिखा दो । 

ऑटो शहर से बाहर आ गया था । गाड़ी कच्चे रास्ते पर जा रही थी । रोड पर बहुत कम चहल पहल था । 

शर्मिला ने ध्यान से ड्राइवर को देखा । दुबला पतला आदमी था । माथे का आधा से ज़्यादा बाल सफ़ेद हो गया था । लंबी दाढ़ी का भी बाल सफ़ेद हो गया था । 

ड्राइवर-    सालों से किसी जवान माल की जवानी नहीं देखी है । एक बार बूर दिखा दो । मुझे मालूम है कि तुम कहाँ जा रही हो । वो चूदाई का अड्डा है । मैं कई  रंडीयों को लेकर वहॉं गया हूँ लेकिन सभी शाम ५ बजे के बाद ही जाती है । इतना सबेरे तो कोठे की रंडी भी धंधा शुरु नहीं करती । बेटी , एक बार बूर दिखा दो । 

ड्राइवर ने बेटी कहा तो  शर्मिला को बुढ़ा पर तरस आ गया । बिना बुर्का हटाये उसने सलवार निकाल कर अपने बगल में रखा । फिर पैंटी भी निकाल दिया । 

शर्मिला—      चाचा , किसी ऐसी जगह ऑटो रोको जहाँ कोई ना हो । सिर्फ़ ५ मिनट का समय दूँगी । तुम भी लंड तैयार रखो । 

कुछ देर के जाने के बाद ड्राइवर ने रास्ता बदला । शर्मिला ने देखा कि रास्ते के दोनों तरफ़ घनी झाड़ियाँ थी । आगे पीछे ना कोई आदमी दिखाई दे रहा था ना ही कोई गाड़ी । ड्राइवर ने साइड में ऑटो रोका । वो पीछे घूमा तो उसे खूबसूरत जांघों के बीच झॉंटो भरी चूत दिखाई दी । शर्मिला ने अपने दोनों हाथों से बूर की पत्तियों को फैलाया तो ड्राइवर को अंदर का रसीला गुलाबी माल दिखाई दिया 

ड्राइवर अपने सीट से अलग होकर शर्मिला के सामने खड़ा हो गया । 

शर्मिला—    चाचू , जो करना है जल्दी करो । लंड को बूर पर रगड़ो, मेरे पास समय नहीं है , मेरा ग्राहक इंतज़ार कर रहा होगा । 

ड्राइवर ने पाजामा नहीं खोला । वो ड्राइवर के सीट और पैसेंजर के सीट के बीच किसी तरह से बैठा । 

ड्राइवर—   बेटी , जवानी में मैंने भी बहुत चूदाई की है । दस-दस रुपया देकर सैकड़ों रंडीयों को चोदा है लेकिन जो क़सम ले लो इतना प्यारी चूत कभी नहीं देखी , किसी की भी ऐसी सुंदर चूत नहीं होगी । मैं ने पहले कभी चूत का स्वाद नहीं लिया है  । 

बोलकर ड्राइवर दोनों जांघों को सहलाते हुए बूर को चूसने चाटने लगा । शर्मिला ने वैसे ही बूर की पत्तियों को फैलाए रखा । लेकिन ड्राइवर बूर की गर्मी को नहीं सँभाल पाया । ४-५ मिनट चूस चाट कर खड़ा हो गया । बूर को छोड़कर शर्मिला ने पाजामा का नाड़ा खोला । ड्राइवर ने एक घर का बना हुआ अंडरवियर पहना था । शर्मिला ने उसे भी खोल दिया । लंड से टप टप कर रस गिर रहा था । शर्मिला ने ढीले लंड को पकड कर ३-४ मिनट चूसा और ड्राइवर को धकेला । 

शर्मिला —   चाचा , अगर लंड में दम होता तो यहीं चूदवा लेती । जल्दी चलो मेरा यार नाराज़ होगा । 

बोल  कर शर्मिला ने बुर्का उतारा । कुर्ता और ब्रा को भी खोला ।२ मिनट उसने अपनी नंगी जवानी ड्राइवर के दिखाया फिर बुर्का पहन लिया । बाक़ी कपड़े को फ़ोल्ड कर अपने बैग में रख लिया । ड्राइवर ने शर्मिला के माथे पर  हाथ रखा । कुछ देर ऑंख बंद कर बुदबुदाता रहा । फिर उसने ऑंख खोला । 

ड्राइवर—   बेटी , तु अल्लाह की बहुत ही खाश बंदी है । तु कुछ भी करे , कितना भी चूदवाए , गॉंड मरवाये , जिस किसी के साथ भी मन करे , जो मन करे सब कर , ना तो तु कभी बदनाम होगी , ना ही कभी तेरी जवानी ढलेगी ।  दूसरों की तरह तेरी क़ीमत घटेगी नहीं बढ़ती ही रहेगी । तु सिर्फ़ अपने पति की ही प्यारी पत्नी नहीं होगी तुम्हारे सारे ससुर, दूसरे सारे रिश्तेदार तुम्हें बहुत प्यार करेंगे । घर के नौकर भी तुम्हें सिर्फ़ प्यार नहीं करेंगे तुम्हारे एक इशारे पर किसी की जान भी ले लेंगे । तुम्हारी ज़िंदगी में दुःख के लिए कोई जगह है ही नहीं । 

ड्राइवर फिर ऑटो को मेन रोड पर लाया और १५ मिनट बाद अड्डा पर उतार दिया । शर्मिला ने भाड़ा देना चाहा लेकिन बुढ़ा ने नहीं लिया । वो ड्राइव कर वापस चला गया । 

ऑटो के ऑंखों से ओझल होते ही पिछले दिन बाला आदमी सामने आया और शर्मिला के कमर को दोनों हाथों से पकड़ उपर उठा लिया और अंदर ले गया । 
उस आदमी का नाम प्रवीण था जो पिछली शाम उसने रचना को फोन पर बताया था । 

प्रवीण—  मुझे उम्मीद नहीं थी कि तुम आओगी । 

शर्मिला ने बुर्का उतार दिया । 

शर्मिला—   देख लो तुम्हारे प्यार और लंड ने मेरी क्या हालत कर दी है । घर से ऐसे ही नंगी निकल गई । उपर से तुमने चार लाख का लालच भी दिया । मैनेजर की घरवाली रचना आई की नहीं । 

प्रवीण ने उसे गोदी में बिठाया और कैमरा में दिखाने लगा । शर्मिला ने देखा कि एक ३५ - ३६ साल की औरत है उसके साथ प्रवीण के अलावा ५ और आदमी ने । प्रवीण ने तीन बार उसका गॉड में ही लंड पेला जब कि बाक़ी सभी ने उसे बार बार चोदा । 

प्रवीण—   रंडी रात ९ बजे आई और रात भर चूदवा कर , गॉंड मरवा कर सुबह ६ बजे गई और जानती हो हमने उसे कितना दिया , सिर्फ़ डेढ़ लाख और उसकी इन फ़ोटो से हम ज़िंदगी भर कमाते रहेंगे । ये लो रानी तुम्हारा चार लाख । तैयार हो ना । 

शर्मिला—   तैयार नहीं होती तो फिर आती क्यों । 

एक नई आवाज़ । 

“ पहले ये शरबत पी लो । “ 

शर्मिला ने नज़र उठाकर देखा । बोलने बाला छक्का था और उसके साथ एक भयकंर दीखने बाला गार्ड था । छक्के ने जो शर्बत दिया था , शर्मिला पीने लगीं और छक्का गार्ड के लंड को सहलाने लगी । प्रवीण भी नंगा हो गया । शर्बत पीते हुए शर्मिला प्रवीण के लंड को भी मुठियाने लगी । 

छक्का —   सेठ आप २५ साल से हमारी गॉंड मार रहे हो । हमारे अड्डे का हर कोई आप से गॉंड मरवाता है । हमने आपकी सैकड़ों माल को देखा है लेकिन सच मालिक ऐसी मस्त और खूबसूरत माल पहले कभी नहीं देखी है । आज मैं भी इसे चोदूंगी । 

शर्मिला—    चोदने भी दूँगी , जो करना चाहोगे सब करने दूँगी । जिस लंड को सहला रही हो उससे गॉंड मरवा कर दिखाओ फिर मैं भी मरवाऊँगी । तुम अपने लंड से मरवाओ तब तक मैं अपने प्यारे लंड को प्यार करती हूँ । आ जाओ सेठ , मेरी गॉंड अपने इस प्यारे लंड के लिए तरस रही है । 

जिस रुम में ये सब थे बहुत ही सलीके से सजा हुआ था । यह घर किसी समय के जमींदार का था जिसे प्रवीण सेठ ने ख़रीद लिया था । कमर् में बहुत मोटा कालीन बिछा हुआ था । शर्मिला ने उसी कालीन पर कुतिया का पेज लिया । जैसा शर्मिला ने कहा छक्का भी नंगा हो गया । वो भी शर्मिला के बग़ल में कुतिया का पोज ले लिया । शर्मिला देखती रही और गार्ड ने छक्का के गॉंड में लंड पेल दिया । ९ इंच लंबा और मोटा लंड आराम से अंदर बाहर हो रहा था । 

छक्का — दोनों , ये साहब और ये लंड सैकड़ों बार मेरी गॉंड में घुस चुका है। बहुत ही सुंदर हो रानी ।

 “, प्रवीण बूर चूसने चाटने  में समय बर्बाद नहीं करता था । उसने शर्मिला के पीछे पोजीशन लिया । गॉंड के छेद में लंड दबाया और ज़ोर का धक्का मारा । 

“ आह , थोड़ा धीरे यार , फट रही है । “ 

प्रवीण ने दूसरा धक्का मारा । 

प्रवीण—    रंडी , होटल में तीन बार गॉंड में पेला था । गॉंड खुल गया था फिर अभी गोंद लगाकर आई है कुतिया । कितना टाईट हो गया है । 

छक्का —   सेठ क्यों मेहनत कर रहे हो । देखो अपना बल्लू पूरा तैयार हो गया है । तुम इस कुतिया की मार ही चूके हो । बल्लू को मारने दे । 

लेकिन प्रवीण को भी शर्मिंला से मोहब्बत हो गई थी । उसने लंड बाहर नहीं निकाला । लगातार धक्का मारता रहा । हर धक्का पर शर्मिला कराहती रही मानो उसे बहुत दर्द हो रहा था । शर्मिला कोई एक्टिंग नहीं कर रही थी । उसे इतना दर्द तब भी नहीं हुआ था जब बबलू ने पहली बार गॉंड मारी थी । 

आगे की कहानी अगले भाग में … 
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