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ट्यूशन वाली दीदी को उनकी शादी के बाद भी चोदा
#1
ट्यूशन वाली दीदी को उनकी शादी के बाद भी चोदा



nn


[Image: 9ghwdx.gif]




कोमल दीदी की शादी हो चुकी है.

मैं, राधिका और मोनिका तीनों कॉलेज में साथ साथ पढ़ते हैं.

कोमल दीदी अपनी ससुराल से अपने घर आई थीं. उनके साथ उनका बच्चा भी था तो मैं कोमल दीदी को सड़क पर जाते हुए देख कर सिहर गया और मेरी सालों पुरानी यादें ताजा हो गईं कि कैसे हम सब चुदाई करते थे, कैसे दीदी ने मुझे सेक्स के बारे में सिखाया और नए अनुभव से परिचय करवाया. 


[Image: 9ghwj1.gif]

मैं उन्हें अब कुछ बोल नहीं सकता था क्योंकि दो साल शादी होने के बाद मेरा और कोमल दीदी का कोई रिश्ता रहा ही नहीं … फिर चुदाई करने का उन्हें ऐसा क्या कह दूँ, जिससे वो फिर से मेरे लिए वही प्यार बरसा सकें.

मैं काफी उधेड़ बुन में अपने कॉलेज में गया और पार्क में बैठ ख्याली बातों से अपना दिल बहलाता रहा.

तभी मेरी नजर फोन पर गई तो मोनिका के मैसेज को देख मेरी उदासी में नई किरण उगने जैसा महसूस हुआ. 

मैंने ट्यूशन जरूर कोमल दीदी से ली थी पर मेरा सारी समस्याओं का हल सिर्फ मोनिका के पास होता था.
इसलिए मैं राधिका के लाख बोलने पर भी मोनिका से दूर नहीं जा सका.
इस बात को लेकर मेरा और राधिका का झगड़ा होता है.


हम काफी दिन तक एक दूसरे से प्यार या सेक्स भी नहीं करते हैं. 

इस वक्त मोनिका मुझे बिलकुल आशीर्वाद देने वाली देवी की तरह लगी तो मैंने झट से मोनिका को फोन किया और उससे मिलने के लिए बोला. 


[Image: 9ghwmn.gif]

वो भी कॉलेज में ही थी तो उसने मुझे अपने पास बुला लिया. 

मैंने उसकी क्लास रूम में जाकर देखा तो वहां मोनिका के अलावा कुछ और लड़कियां भी थीं जिनमें से एक मेरी गर्लफ्रेंड राधिका भी थी.
वो सबसे बातें करके मस्ती में हंसी मजाक कर रही थी. 

सबकी नजर मुझ पर पड़ी तो मैंने हाय बोला और मोनिका की तरफ गया.



:-
नीचे[Image: 9ghvov.gif]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#2
Good start
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#3
(02-12-2024, 12:18 PM)neerathemall Wrote:
ट्यूशन वाली दीदी को उनकी शादी के बाद भी चोदा



nn

[Image: 9ghvv1.gif]


कोमल दीदी की शादी हो चुकी है.

मैं, राधिका और मोनिका तीनों कॉलेज में साथ साथ पढ़ते हैं.

कोमल दीदी अपनी ससुराल से अपने घर आई थीं. उनके साथ उनका बच्चा भी था तो मैं कोमल दीदी को सड़क पर जाते हुए देख कर सिहर गया और मेरी सालों पुरानी यादें ताजा हो गईं कि कैसे हम सब चुदाई करते थे, कैसे दीदी ने मुझे सेक्स के बारे में सिखाया और नए अनुभव से परिचय करवाया. 

मैं उन्हें अब कुछ बोल नहीं सकता था क्योंकि दो साल शादी होने के बाद मेरा और कोमल दीदी का कोई रिश्ता रहा 
सबकी नजर मुझ पर पड़ी तो मैंने हाय बोला और मोनिका की तरफ गया.



:-
नीचे[Image: 9edu18.gif]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#4
Namaskar thanks
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#5
कोमल दीदी अपनी ससुराल से अपने घर आई थीं. उनके साथ उनका बच्चा भी था तो मैं कोमल दीदी को सड़क पर जाते हुए देख कर सिहर गया और मेरी सालों पुरानी यादें ताजा हो गईं कि कैसे हम सब चुदाई करते थे, कैसे दीदी ने मुझे सेक्स के बारे में सिखाया और नए अनुभव से परिचय करवाया.

मैं उन्हें अब कुछ बोल नहीं सकता था क्योंकि दो साल शादी होने के बाद मेरा और कोमल दीदी का कोई रिश्ता रहा ही नहीं … फिर चुदाई करने का उन्हें ऐसा क्या कह दूँ, जिससे वो फिर से मेरे लिए वही प्यार बरसा सकें.

मैं काफी उधेड़ बुन में अपने कॉलेज में गया और पार्क में बैठ ख्याली बातों से अपना दिल बहलाता रहा.

तभी मेरी नजर फोन पर गई तो मोनिका के मैसेज को देख मेरी उदासी में नई किरण उगने जैसा महसूस हुआ.

मैंने ट्यूशन जरूर कोमल दीदी से ली थी पर मेरा सारी समस्याओं का हल सिर्फ मोनिका के पास होता था.
इसलिए मैं राधिका के लाख बोलने पर भी मोनिका से दूर नहीं जा सका.
इस बात को लेकर मेरा और राधिका का झगड़ा होता है.

हम काफी दिन तक एक दूसरे से प्यार या सेक्स भी नहीं करते हैं.

इस वक्त मोनिका मुझे बिलकुल आशीर्वाद देने वाली देवी की तरह लगी तो मैंने झट से मोनिका को फोन किया और उससे मिलने के लिए बोला.

वो भी कॉलेज में ही थी तो उसने मुझे अपने पास बुला लिया.

मैंने उसकी क्लास रूम में जाकर देखा तो वहां मोनिका के अलावा कुछ और लड़कियां भी थीं जिनमें से एक मेरी गर्लफ्रेंड राधिका भी थी.
वो सबसे बातें करके मस्ती में हंसी मजाक कर रही थी.

सबकी नजर मुझ पर पड़ी तो मैंने हाय बोला और मोनिका की तरफ गया.

मोनिका ने कहा- क्या हुआ शिव?
मैंने उसकी तरफ इशारा करते हुए बोला- धीरे बोलो.

वो मुझे बाहर आने को बोल कर क्लासरूम से बाहर निकल गई.
मैं भी उसके पीछे पीछे चल दिया.

हम दोनों पार्किंग में आए तो मोनिका ने पूछा- क्या हुआ परेशान क्यों है?
मैं काफी संवेदनशील हूँ, ये मोनिका जानती है … इसलिए वो समझ गई.

मैं बोला- मोनिका, आज मैंने कोमल दीदी को देखा, उनसे बात करने का मेरा बहुत मन हुआ, पर हिम्मत नहीं हुई.
मोनिका- कोई दिक्कत नहीं है, दीदी घर आ गई हैं, तो हम शाम को उनसे मिलने चलेंगे.

मैं- मोनिका यार, तू समझ नहीं रही है … बस अभी जाना है.
मोनिका- मैं नहीं समझ रही शिव! मैं तुम्हें हर इंच से जानती हूँ.
ये बोल कर मुस्कुराने लगी.

मैं- मोनिका प्लीज मजाक नहीं, हम अभी चलते हैं.
मोनिका बाइक पर बैठ गई और बोली- शिव कोमल दीदी की शादी हो गई है, ये वाली बात याद है न!

उसके कहने से मुझे कोमल दीदी की शादी की सारी बातें आ गईं, एक बार आपको मैं फिर से वो सब दुहरा देता हूँ.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#6
पीछे से…
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#7
राधिका तो मुझसे दूर भागने लगी थी पर मोनिका फिर भी मुझे प्यार करती और चुदाई करवाती रही थी.

कई महीने तक कोमल दीदी ने भी सेक्स नहीं किया था. तब कोमल दीदी को मोनिका ने ही टैबलेट दे कर नॉर्मल किया था.
वर्ना कोमल दीदी मां बन जाती.
पर कोमल दीदी की मॉम को कुछ पता चल गया था और उन्होंने उसकी शादी का सोचा.
फिर कुछ महीने बाद उनकी शादी फिक्स हो गई और हमारा ट्यूशन जाना भी बंद हो गया था.

शादी से पहले मैंने कोमल दीदी को कई बार फोन किया पर वो मुझसे बात नहीं करती थीं.
तब मोनिका ने एक प्लान बनाया.
कोमल दीदी को शादी के मेकअप के लिए घर से बाहर जाना पड़ता था तो कोमल दीदी कभी अपनी मॉम के साथ, तो कभी मोनिका के साथ भी जाती थीं.

एक दिन वो जब पार्लर के लिए जा रही थीं तो मोनिका ने मुझे बुला लिया था.
मैं रास्ते में खड़ा होकर उन दोनों का वेट करने लगा.

तभी कोमल दीदी और मोनिका स्कूटी पर आ रही थीं, मोनिका ने स्कूटी रोक ली तो मैंने दीदी को मनाने की कोशिश की.
तब दीदी ने बोला कि शिव मैं तुमसे नाराज नहीं हूँ, बस अब तुमसे दूर होना चाहती हूं … मेरी शादी हो रही है. मैं तुमसे और ज्यादा क्लोज नहीं होना चाहती. वैसे भी तुम तो मुझसे शादी करोगे नहीं.

मैं चुप हो गया, मेरे पास कोमल दीदी की बात का जवाब नहीं था.
पर मोनिका बोली- दीदी सही बोल रही हैं शिव, तुम जाओ अब!

मैं वहां से तो आ गया पर अब सोचने लगा कि काश मैं अपनी मॉम को बोल कर कोमल दीदी से शादी कर लूं.
पर वो अभी मानेंगी नहीं, मैं इतना बड़ा नहीं हुआ था और मेरी जॉब भी नहीं लगी थी.

अगले दिन मैं और मोनिका कॉलेज में मिले और पार्क में ही वो मुझे अपने साथ चिपकाने लगी तो मैं उसे टॉयलेट में ले गया और दोनों ने चुदाई की जो जल्दी ही खत्म हो गई.

तब मैंने मोनिका से कहा कि वो कुछ भी करके आज कोमल दीदी को मना ले.
उसने हामी भर दी.

हम कॉलेज के बाद घर आ गए.
मोनिका ने मुझे कॉल किया और समझाया कि तुम आज शाम को कहीं रूम अरेंज कर लो, मैं तुम्हें कोमल दीदी की चूत दिलवाऊंगी.
मैं उसकी बात को मजाक समझने लगा, तो मोनिका ने बताया कि ये सच है.

मैंने होटल जाने को बोला पर मोनिका ने मना कर दिया कि प्रॉब्लम हो जाएगी, तुम कुछ और सोचो.

तभी मेरे दिमाग में बहुत सारे दोस्तों के रूम पर जाने के विचार आए.
उनमें से एक दोस्त का ख्याल आया, जो अभी ग्रेजुएशन में हमारे कॉलेज में पढ़ता है.
पर वो नया दोस्त था, तो उस भरोसा करना उतना आसान नहीं था.

मैंने मोनिका को थोड़ी देर बाद कॉल करने को बोला और अपने दोस्त को कॉल किया.
मैं उससे सामान्य बात करने लगा तो उसने बताया कि वो अपने गांव गया है.
उसका गांव दिल्ली से थोड़ी ही दूर है.

ये जानते ही मैंने उससे पूछा- अब तेरे रूम पर कौन है?
तो उसने कहा- रूम नहीं, वो हमारा घर है … और वहां मैं ही रहता हूं.

मैंने सोचा कि ये सही रहेगा. मैंने उसे पूरी बात बताई तो वो मान गया.
तब मैंने उससे घर का एड्रेस पूछा और चाभी का पूछ कर उसके घर पर गया तो लॉक लगा था.

उसने गेट के पास रखे कूलर के नीचे चाबी रखी हुई बताई थी, तो मैंने ताला खोला और आस पड़ोस में देखा.
वहां सब सामान्य लगा. ज्यादा भीड़ नहीं थी और सब लोग अपने ही घर में थे.

अब मैंने मोनिका को घर के बारे में बताया तो उसने शाम को आने को फिक्स कर दिया.

शाम को कोमल दीदी और मोनिका मेरी भेजी हुई लोकेशन पर आ गईं, मैंने गेट खोल कर स्कूटी अन्दर लाने को बोला और हम सब कमरे में आ गए.

कोमल दीदी सोफा पर बैठी हुई थीं और मैं उनके सामने बेड पर.

तभी मोनिका ने बोलना शुरू किया- दीदी जो हुआ वो सब याद नहीं करते हैं, वैसे भी अब तो आपकी शादी होने वाली है. आप जीजू का बच्चा पैदा करो या शिव का.

ये कह कर मोनिका हा हा हा करके हंसने लगी.

कोमल दीदी और मैं शांत रहे.

फिर मोनिका ने मुझे इशारा किया तो मैं कोमल दीदी के पास बैठ गया और उन्हें सॉरी बोला, तो कोमल दीदी ने मुझे अपनी तरफ खींच लिया और बांहों में भर लिया.

मोनिका- हां ये हुई न बात … हम सब क्यों दूर भाग रहे है … फिर से मस्ती करते हैं.
मैंने भी हां बोला और कोमल दीदी के गाल पर किस कर दिया.

कोमल दीदी- नहीं, अब मैं सेक्स नहीं करूंगी … तुम दोनों कर लो.
मैं- प्लीज दीदी.

तो कोमल दीदी उठ कर चल दीं.
तब मोनिका ने उन्हें रोका और बोली- दीदी आप मत करो, मुझे तो कर लेने दो … बस आप थोड़ी देर वेट कर लो.



मोनिका ने मेरी तरफ इशारा किया तो मैं समझ गया कि हम दोनों सेक्स करेंगे तो कोमल दीदी खुद हमें ज्वाइन कर लेंगी.

मैंने मोनिका को कमर से पकड़ा और ऊपर की तरफ उठा लिया.
अब उसका मुखड़ा मेरे सामने था तो उसने मेरे होंठों पर किस कर दिया और मैं भी उसे बुरी तरह से चूसने चूमने लगा.

कोमल दीदी वहीं गेट पर खड़ी रहीं और हम दोनों को देखती रहीं.
हम दोनों एक दूसरे को बांहों में लेकर अपने शरीर के हर हिस्से को रगड़ रहे थे.

मैंने मोनिका के टॉप को उतरना चाहा तो उसने खुद मेरी हेल्प की और बहुत जल्दी ही हम दोनों बिना कपड़े के बेड पर चढ़ गए.

मैंने मोनिका को नीचे लेटा लिया और उसकी गर्दन को चूमते हुए मैं उसके दोनों चूचे दबाने लगा.

वो ‘आह आह ओह माय गॉड’ की मादक सिसकारियां निकालती रही.

मैंने उसकी गर्दन के बाद गाल को, होंठों को चूमा और उसकी एक चूची पर अपना मुँह रख दिया.
वो अपने पैरों को मेरे पैर से लपेट रही थी और हाथों को मेरी पीठ पर कस रही थी.
मैं बारी बारी से उसकी दोनों चूचियों को मुँह में पकड़ कर खींच कर चूस रहा था.

वो और मैं इतने मदहोश हो गए थे कि हम भूल गए थे कि कोमल दीदी को भी अपनी चुदाई का हिस्सा बनाना है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#8
मोनिका ने मेरी तरफ इशारा किया तो मैं समझ गया कि हम दोनों सेक्स करेंगे तो कोमल दीदी खुद हमें ज्वाइन कर लेंगी.

मैंने मोनिका को कमर से पकड़ा और ऊपर की तरफ उठा लिया.
अब उसका मुखड़ा मेरे सामने था तो उसने मेरे होंठों पर किस कर दिया और मैं भी उसे बुरी तरह से चूसने चूमने लगा.

कोमल दीदी वहीं गेट पर खड़ी रहीं और हम दोनों को देखती रहीं.
हम दोनों एक दूसरे को बांहों में लेकर अपने शरीर के हर हिस्से को रगड़ रहे थे.

मैंने मोनिका के टॉप को उतरना चाहा तो उसने खुद मेरी हेल्प की और बहुत जल्दी ही हम दोनों बिना कपड़े के बेड पर चढ़ गए.

मैंने मोनिका को नीचे लेटा लिया और उसकी गर्दन को चूमते हुए मैं उसके दोनों चूचे दबाने लगा.

वो ‘आह आह ओह माय गॉड’ की मादक सिसकारियां निकालती रही.

मैंने उसकी गर्दन के बाद गाल को, होंठों को चूमा और उसकी एक चूची पर अपना मुँह रख दिया.
वो अपने पैरों को मेरे पैर से लपेट रही थी और हाथों को मेरी पीठ पर कस रही थी.
मैं बारी बारी से उसकी दोनों चूचियों को मुँह में पकड़ कर खींच कर चूस रहा था.

वो और मैं इतने मदहोश हो गए थे कि हम भूल गए थे कि कोमल दीदी को भी अपनी चुदाई का हिस्सा बनाना है.

मैं बस मोनिका को निचोड़ कर चूसने में लगा हुआ था, उसकी चूचियों को निचोड़ने के बाद में उसकी चूत में लंड डाल कर धक्के लगाने लगा और वो मस्ती से चुदने लगी.

हम काफी देर तक चुदाई करते रहे और झड़ने के बाद जब मैं मोनिका के ऊपर लेट गया तब कोमल दीदी ने आवाज दी.

उन्होंने गुस्से में कहा- मोनिका, अब तुम आ रही हो तो ठीक … वर्ना मैं तो जा रही हूं.

तभी मोनिका ने भी मुझे अपने ऊपर से उठाया और मैं कोमल दीदी को बड़ी उदास नजरों से देखने लगा.
पर क्या फायदा … क्योंकि अब वो दोनों जा रही थीं.

मैं भी कुछ देर बाद दोस्त के घर से अपने घर आ गया.

अब कोमल दीदी की शादी के दिन नजदीक आ रहे थे तो मेरी बेचैनी बढ़ती जा रही थी.
मैं किसी भी तरह कोमल दीदी से एक बार मिलना चाहता था.
शायद सेक्स के ही लिए मेरा मन बेचैन था.

मैंने मोनिका को बहुत बार समझाया और उससे कोमल दीदी से बात करने को बोला.

कोमल दीदी की शादी के तीन दिन पहले मैं कॉलेज में गया था तो मोनिका का फोन आया.
उसने मुझे बताया कि कोमल दीदी अभी मिलने को बोल रही हैं.

मैं तो पागल हो गया और बाइक उठाकर भागने लगा.
तभी मेरा फोन बजा, वो मोनिका ने ही किया था.

उसने बताया कि वो दोनों मेरे दोस्त के घर के बाहर हैं, पर वहां लॉक लगा है.
मैंने उन्हें चाबी के बारे में बताया और वहीं रुकने को बोला.

मैं बाइक की स्पीड बढ़ाए जा रहा था पर मुझे न जाने क्यों ऐसा लग रहा था कि मेरी बाइक की गति कम पड़ गई है. मैं एक पल में वहां जाने की कोशिश करने में लगा था.

वहां जाकर देखा तो कोमल दीदी की स्कूटी खड़ी थी.
मैं भी गेट बंद करके अन्दर आ गया.

कोमल दीदी शायद मेरे एक्साइटमेंट को समझ गईं और कमरे में जाते ही मुझे अपने सीने पर चिपका लिया.

मैं भी सालों से बिछड़े हुए प्रेमी की तरह उनके जिस्म से लिपट गया.
हम काफी देर तक एक दूसरे के जिस्म को ऐसे महसूस करते रहे, जैसे हम एक दूसरे से पूरी जिंदगी लिपट कर गुजारने की कोशिश कर रहे हों.

मोनिका भी आकर हम दोनों से लिपट गई, तब हमें समझ आया कि हम दोनों काफी देर से एक दूसरे से लिपटे हुए हैं.

मैंने अपना हाथ कोमल दीदी की कमर से निकाल कर मोनिका की कमर पर रखा तो मोनिका ने मेरे होंठों पर किस किया.

कोमल दीदी ने भी मुझे किस किया.
मुझे मेरे पुराने दिन की याद ताजा हो गई.

मैंने कोमल दीदी से कहा- अब सेक्स करते हैं … बहुत दिन से आपकी चूत नहीं देखी.
तो वो हंसने लगीं.

मैंने अपने कपड़े उतारने में देर नहीं लगाई पर कोमल दीदी ने अभी अपनी प्लाजो ही उतारी थी.
वो अब भी ब्रा और पैंटी पहनी हुई थीं.

मैंने कोमल दीदी को बेड के किनारे पर लेटा कर उनके पैर उठाए और उनकी पैंटी उतार दी.
उनकी चूत बिल्कुल साफ और चिकनी थी.

मैंने तो बस मदहोश होकर कोमल दीदी की जांघों के बीच में चेहरा रख दिया और अपने होंठों से उनकी कोमल जांघों को चूमने लगा.

आह क्या मस्ती थी.

मैं धीरे धीरे करके उनकी जांघों को चूमता रहा. फिर उनकी चूत के ऊपर वाले हिस्से को चूमने लगा, जहां बाल होते हैं.

कोमल दीदी भी अब मजा लेने लगीं और अपने दोनों हाथ मेरे सर पर रख दिए, जैसे वो चूत में चाटने को बोल रही हों.

मैं फिर से उनकी चूत को चूमने लगा. कोमल दीदी अपनी जांघों को दबाने लगीं. मैं भी अब होंठों के बजाय जीभ से उनकी चूत के अन्दर वाले हिस्से को रगड़ने लगा.

वो कामुक सिसकारियां भरने लगीं, मैं पूरी जीभ को अन्दर तक डाल कर घुमाने लगा.
कुछ ही पलों में कोमल दीदी ने अपना पानी छोड़ दिया जो मेरी जीभ पर आ लगा.
मैं चुत के रस को चाटता रहा.

फिर दीदी शांत हो गईं तो मैंने दीदी को बैठा कर उनकी ब्रा खोल दी.

दीदी के दोनों चूचे बाहर आ गए.
मैं उनसे खेलने लगा और चूमने लगा.

तब दीदी ने अपने हाथ से मेरा तना हुआ लंड पकड़ा और हिलाने लगीं.

मैंने दीदी से बोला- अन्दर डाल दूं?
तो दीदी ने हां में गर्दन हिला दी.

मैं तो दीदी के ऊपर टूट पड़ा और उनके ऊपर लेट कर लंड अन्दर डाल दिया.
दीदी ने भी मेरी कमर पर अपने दोनों हाथ बांध दिए और मैं दीदी की चूत में धक्के लगाने लगा.

कोमल दीदी वैसे तो ज्यादा आवाज नहीं करती थीं पर आज उनकी मादक सिसकारियां मुझे पागल बना रही थीं.

मैं उनकी आवाजों का जवाब तेज तेज धक्के लगा कर देने लगा और दीदी मेरे धक्के का जवाब सिसकारी भर कर.

ताबड़तोड़ चुदाई का दौर पन्द्रह मिनट तक चला.
अब हम दोनों अपने जिस्मों को एक दूसरे में समा कर झड़ने लगे और सांसों को काबू करते हुए शांत हो गए.

कोमल दीदी मेरी पीठ पर हाथ फेर कर प्यार से बात करने लगीं.

मोनिका ने हमारी बात काटते हुए कहा- दीदी, शिव आज भी अन्दर ही निकल गया … आप ध्यान रखना.
कोमल दीदी बोलीं- अब कोई फर्क नहीं पड़ता … वैसे भी सुहागरात में पति भी तो अन्दर ही निकालेगा. अब बच्चा होगा तो किसी का भी हो जाए, नो प्रॉब्लम.

उनके ये बोलने के बाद हम सब मुस्कुरा दिए और अगले दो दिन तक हम तीनों सेक्स करते रहे जो शायद कोमल दीदी के साथ आखिरी सेक्स था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#9
दीदी की चुदाई के बाद उनकी शादी हो गई और वो अपनी ससुराल चली गईं.
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भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#10
दीदी की चुदाई के बाद उनकी शादी हो गई और वो अपनी ससुराल चली गईं.दीदी की चुदाई के बाद उनकी शादी हो गई और वो अपनी ससुराल चली गईं.
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भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#11
दीदी की चुदाई के बाद उनकी शादी हो गई और वो अपनी ससुराल चली गईं.

दीदी की चुदाई के बाद उनकी शादी हो गई और वो अपनी ससुराल चली गईं.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#12
आज दो साल बाद मुझे दीदी दिखाई दीं तो मुझे उनके साथ बिताए पल याद आ गए.

मैंने मोनिका से कहा तो वो मेरे साथ उनके घर चलने के लिए राजी हो गई.

मैं और मोनिका बाइक पर चल रहे थे और मैं कोमल दीदी की शादी से पहले वाली बात याद कर रहा था.

मोनिका कुछ बोले जा रही थी.
जब मैंने उसकी बात का जवाब नहीं दिया तो उसने हेलमेट के ऊपर से ही मुझे एक थप्पड़ मारा और बोली- सुन नहीं रहा है क्या?
मैं बोला- बताओ.

तो मोनिका बोली- मैंने इतनी सब बात बोली और तू सुन नहीं रहा.
मैंने कहा- फिर से बोलो न?

वो बोली- बात समझ, दीदी की शादी से पहले उन्होंने तुझसे दूर जाना चाहा, तो तुमने आखिरी बार सेक्स करूंगा बोल कर दो दिन किया … और आज फिर तू शुरू हो गया.

मैं मोनिका की बातें सुनने लगा.
उसकी बातें सुनने के बाद मेरी समझ आया कि हम कितना भी सेक्स कर लें लेकिन वो हमेशा अधूरा सेक्स ही रहता है.

मैंने कोमल दीदी की शादी से पहले एक साल तक बहुत बार मोनिका, राधिका और कोमल दीदी के साथ सेक्स किया.

दीदी की शादी के बाद भी राधिका, मोनिका के साथ लगातार चुदाई करता रहा.
एक और लड़की भी थी, जिससे एक दो बार किया लेकिन आज भी मुझे अपना सेक्स, अधूरा सेक्स ही लगता है.

अब हम दोनों बाइक पर कोमल दीदी के घर आ गए.

मैं दो साल बाद कोमल दीदी को देख कर बड़ा असहज हो गया था और बेचैनी में ही मोनिका को कॉलेज से लेकर कोमल दीदी के घर आ गया.

कोमल दीदी ने जब दरवाजा खोला तो उनकी गोद में छोटा सा बच्चा भी था जो उनकी बेटी थी.

अब कोमल दीदी पहले से काफी मोटी हो गई थीं, मैं बस कोमल दीदी को देखता रहा.

कोमल दीदी हम दोनों को देख कर बहुत खुश हुईं और अन्दर आने को बोला.

तब मैं शादी से पहले के वाकियात और कोमल दीदी की उदासी को याद करने लगा.
पर अब उन्हें इतना खुश देख कर बहुत अच्छा लगा.

मोनिका और कोमल दीदी बातें कर रही थीं.
अब कोमल दीदी की बेटी मोनिका के पास थी.

कोमल दीदी- कैसे हो शिव?
मैं- अच्छा हूँ दीदी … आप कैसी हो?

कोमल- मैं भी अच्छी हूँ … और बताओ घर में सब कैसे हैं?
मैंने हां में गर्दन हिला कर कहा- सब ठीक हैं.

मेरी नजर कोमल दीदी की मम्मी को ढूंढने लगीं, उनके पापा तो इस टाइम ड्यूटी चले ही जाते हैं.
मैं- दीदी आंटी कहां हैं?

कोमल- मम्मी पापा तो बुआ के यहां गए हैं … शायद कल आएंगे.
अब मैं मन ही मन खुश हुआ तो मोनिका ने भी शरारत के साथ आंख मारकर मुझे देखा.

कोमल दीदी बोलीं- राधिका कहां है, वो तो अब फोन भी नहीं करती है.
मैं- दीदी, वो पहले से ही अजीब है, उसका मेरे साथ झगड़ा हुआ और उसने मोनिका से भी बोलना बंद कर दिया.

कोमल दीदी- तुम दोनों तो हर महीने झगड़ा करते हो … इसमें क्या नया है.
ये कह कर वो हंसने लगीं.

मोनिका- दीदी उसका व्यवहार कॉलेज में जाने के बाद काफी बदल गया है. अब तो किसी लड़के के साथ उसका अफेयर भी है. उसे मैंने कुछ दिन पहले एक लड़के के साथ बाइक पर देखा था.

ये मुझे भी नहीं मालूम था इसलिए मोनिका की बात सुनकर मुझे बड़ा अजीब सा लगा.

कोमल दीदी- अरे होता है, नई जगह जाने के बाद बहुत चीजें बदल जाती हैं.
मोनिका- और बताओ दीदी जीजा जी कैसे हैं?

दीदी- अच्छे हैं. पूरी फैमिली ही अच्छी है.
मोनिका- हां दीदी, जीजा जी फास्ट भी बहुत हैं, घर जाते ही सुहागरात मना दी और इतनी जल्दी बच्चा भी हो गया.

तब दीदी कुछ सोचती हुई मेरी तरफ देखने लगी और बोलीं- पागल है क्या … हमारी सुहागरात तो कई दिन बाद हुई थी.
मोनिका- वैसे दीदी, रास्ते में शिव एक बात बोल रहा था. आपकी बेटी का चेहरा इससे बहुत मिलता है.

मैंने ऐसा कुछ सोचा भी नहीं था.
मैं एकदम से चौंक गया और उस छोटी सी गुड़िया को देखने लगा.

तभी दीदी मेरे पैर पर हाथ रख कर बोलीं- अरे लगता तो मुझे भी है.
वो ये कह कर हंसने लगीं.

मोनिका- दीदी, आपकी लाइफ तो अच्छी कट रही है, पर हम दोनों को मजे करने के लिए जगह ही नहीं मिलती.
दीदी- तो क्या इसी लिए यहां आए हो.

मोनिका ने भी आंख दबा दी.
दीदी हंसने लगीं और बोलीं- चलो अन्दर जाकर कर लो, कोई नहीं आएगा.

मोनिका ने गुड़िया को दीदी को दिया और मेरा हाथ पकड़ कर बोली- जल्दी चलो … बहुत दिन हो गए यार.
मैं बिना कुछ बोले ही मोनिका के साथ अन्दर आ गया.

मोनिका ने मेरी जिप खोल दी और लंड को पकड़ कर सहलाने लगी.

मैंने मोनिका से कहा- तू पूरी पागल है यार!
मोनिका- क्या हुआ?

मैं- मैंने कब बोला कि कोमल दीदी की बेटी मेरे जैसी है?
मोनिका- यार कोमल दीदी ने खुद बोला था फोन पर … तुम परेशान क्यों होते हो … दीदी तो ऐसा बोलती रहती हैं.

मैं- उनके हसबैंड को पता चला तो!
मोनिका- कुछ नहीं पता चला, वैसे भी उनकी बेटी शादी के बाद हुई है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#13
मैं और कुछ बोलता, तब तक कोमल दीदी अन्दर आ गईं और बोलीं- मुझे भी चांस मिलेगा क्या?
मोनिका- दीदी पहले मैं कर लूं … फिर आप भी कर लेना.

फिर मोनिका मेरे लंड को मुँह में भर कर चूसने लगी और मैं कोमल दीदी की तरफ देखने लगा.
उनके चूचे पहले से काफी मोटे हो गए थे.
मैं तो बस उनकी चूची चूसने की सोच कर गर्म हो गया और मेरा लंड मोनिका के मुँह में अन्दर तक जाने लगा.

अब मोनिका ने बोला- चलो कपड़े उतार दो.
मैं कोमल दीदी को लगातार देखता रहा और अपने कपड़े उतार दिए.
मोनिका भी नंगी हो गई.

मैं मोनिका को नीचे लेटा कर उसके ऊपर चढ़ गया और एक ही बार में पूरा लंड अन्दर घुसा दिया.

मोनिका ने आह के साथ मेरी पीठ पर हाथ बांध दिए और मैं मोनिका के चेहरे को चूमते हुए उसकी चूत में धक्के लगाने लगा.
पर मेरे दिमाग पर कोमल दीदी के मोटे चूचे छाए हुए थे जिससे मेरे धक्के लगाने की स्पीड कुछ ज्यादा हो गई.

मोनिका की सिसकारियां भी काफी तेज आने लगी थीं.

कोमल दीदी हम दोनों को देख कर मजे ले रही थीं.
हम दोनों इस स्पीड में चुदाई करते हुए काफी देर तक संभाल नहीं पाए और मोनिका ने अपना पानी छोड़ दिया.

उसकी चुत की गर्मी से मेरा भी निकलने वाला था तो मैंने लंड चूत से बाहर निकाल कर मोनिका के मुँह के पास कर दिया.

मोनिका ने हाथ से पकड़ कर लंड चूसना शुरू कर दिया और मेरा लंड मोनिका के मुँह में पानी निकाल कर सिमट गया.

अब मैं मोनिका के ऊपर से खड़ा हो गया और सोचने लगा कि कब कोमल दीदी आकर मेरा लंड पकड़ेंगी.
उफ्फ … इस सोच ने ही मेरी उत्तेजना बढ़ा दी थी.

मोनिका ने बोलना शुरू किया- शिव, आज तो तुम बहुत स्पीड में थे, साले तूने मेरी चूत फाड़ दी.
कोमल दीदी भी बोलीं- अब तो इसका लंड पहले से बड़ा भी हो गया है.



मोनिका- हां दीदी, जब इसने राधिका की गांड मारी, उस दिन बहुत मजा आया था. वो कई दिन तक अपनी गांड के दर्द से तड़पती रही थी.
दीदी हंसने लगीं- अच्छा तो उसकी गांड भी बजा दी इसने!

मैं अब थक गया था और बोलना चाहता था कि जल्दी आओ दीदी और चूसो इस मोटे लंड को.

पर वो दोनों काफी देर तक इधर उधर की बात में लगी रहीं और मैं बेड पर लेट कर गुड़िया के साथ खेलने लगा.

तब कोमल दीदी का ध्यान मेरी तरफ गया और दीदी ने स्माइल किया.

मैं खड़ा होकर दीदी के पास आ गया.

दीदी भी अब मूड में आ गईं और मेरे लंड को पकड़ लिया. दीदी के छूने के बाद लंड में तनाव आने लगा.
उन्होंने उसे अपने होंठों के बीच कैद कर लिया और जीभ से चाटने लगीं.

तभी दीदी की बेटी ने रोना शुरू कर दिया तो दीदी ने लंड छोड़ दिया और अपनी बेटी को गोद में उठा कर उसे चुप कराने लगीं.

मेरी तो जैसे पार्टी ही खराब हो गई.
पर मोनिका ने दीदी से कहा- आप कर लो … इसे मैं ले लेती हूँ.

मोनिका अब भी बिना कपड़ों के थी. मेरा मन किया कि मोनिका को एक बार और थैंक्यू बोल दूँ.

दीदी ने अपनी बेटी को मोनिका की गोद में दिया तो मोनिका उसे अपने नंगे सीने से चिपका कर चुप कराने लगी.

गुड़िया को मोनिका के चूचे से चिपकना अच्छा लगा और वो चुप हो गई.
मैं कोमल दीदी के पास आ गया और उनके कपड़े उतारने लगा क्योंकि मुझे उनकी मोटी चूचियों के दर्शन करने का बहुत देर से मन था.

दीदी के कपड़े उतरने के बाद उनकी चूची को देख कर मैं मदहोश सा हो गया.

कोमल दीदी के मोटे चूचे अब 38 साइज के हो गए थे और वो किसी बड़े फल जैसे पपीता या तरबूज की तरह लग रहे थे.

मैं तो भूखे बच्चे की तरह उन पर टूट पड़ा और उनके चूचे को एक एक कर के चूसा.
उनमें से दूध आ रहा था, वो मुझे अमृत सा लगा.

कोमल दीदी भी मस्ती में सिसकारी भरती रहीं.

काफी देर चूचे दबाने के बाद मैंने खड़े खड़े ही कोमल दीदी की चूत में लंड डाल दिया और कमर पकड़ कर धक्के लगाने लगा, पर मेरी स्पीड ज्यादा थी तो मैं रुक गया.

दीदी ने कहा- तुम बेड पर चलो, वहां करते हैं.

मैं दीदी की चूत से लंड निकाल कर बेड पर आ गया.
उधर मोनिका नंगी ही अपनी लेफ्ट वाली चूची का निप्पल गुड़िया को चुसा रही थी.
गुड़िया को लगा जैसे अपनी मम्मी का दूध पी रही हो … हालांकि मोनिका की चूची में से कुछ नहीं निकल रहा था पर गुड़िया अब चुप हो गई थी.

मैं बेड पर लेट गया तो कोमल दीदी बेड पर आईं और बोलीं- कुछ अलग तरीके से करते हैं. तुम बैठ जाओ.

मैंने कोमल दीदी की तरफ देख कर सोचा शादी के बाद इन्होंने अपने हसबैंड के साथ कुछ नए प्रयोग किए होंगे जो आज मेरे साथ होने वाले हैं.
वैसे भी सेक्स करना मैंने कोमल दीदी से ही सीखा था तो कुछ नया भी कर लेते हैं.

फिर कोमल दीदी ने मुझे टांग को फैलाने को बोला और मेरे मुँह की तरफ अपनी चूची करके मेरे लंड को हाथ में पकड़ कर उस पर बैठ गईं, जिससे पूरा लंड कोमल दीदी की चूत की गहराई में उतर गया.

वो लंड अन्दर जाते ही रुक गईं और मेरे लंड को चूत में महसूस करने लगीं.

इधर मैंने दोनों हाथों से कोमल दीदी के चूचे पकड़ लिए और उनके निप्पल को खींचने लगा जिससे कोमल दीदी को दर्द हुआ … पर उन्होंने मुझे रोका नहीं.

वो अपनी गांड वाला हिस्सा उठा कर मेरे लंड पर धक्के मारने लगीं.
मुझे भी उनके इस तरह धक्के लगाने से मजा आया.

मैं दीदी के चूचे कभी चूसता तो कभी दबाता और काफी देर तक हमारी धक्के की रेलगाड़ी चलती रही.

फिर दीदी ने धक्कों की रफ्तार बढ़ा दी और उनकी सांसें तेज हो गईं जिससे मेरे चेहरे पर गर्मी महसूस हुई.

तभी वो तेज आवाज के साथ ‘शिव शिव आह ओह माय गॉड …’ करती हुई रुक गईं क्योंकि उनकी चूत ने पानी छोड़ दिया था.

झड़ कर दीदी ने मेरे कंधे पर हाथ रख कर मुझे अपनी बांहों में जकड़ लिया.

अब उनके मोटे चूचे मेरी नंगी छाती पर दब गए.
मेरा मन उनके चूचे को खाने का मन कर रहा था तो मैं उन्हें अपने ऊपर लेकर पीछे लेट गया.

फिर पलट कर उनके ऊपर आ गया और उनके एक चूचे को मुँह में भर कर चूसने लगा.

मेरा मन कर रहा था कि पूरी चूची मुँह में भर लूं … पर चूची मोटी थी तो पूरी अन्दर आई नहीं.
पर मैं बुरी तरह उनकी चूची को नौंचता रहा जिससे दीदी को दर्द होने लगा.
वो मुझे हटाने लगीं.

फिर मैं थोड़ा होश में आया और दीदी की चूत में धक्के लगाने लगा.

कोमल दीदी को थोड़ा सहज लगा और वो फिर से मेरी पीठ पर हाथ रख कर सहलाने लगीं.

मैं धक्के लगा कर बस झड़ना चाहता था जिससे दीदी को अच्छा लगे और मैं कोमल दीदी की चूची फिर से चूस सकूँ.

लगातार धक्के लगाने से मेरा भी पानी छूटने वाला था तो मैं रुक गया और लंड बाहर निकाल लिया.

कोमल दीदी ने मुझे गुस्से में देखा और बोलीं- रुक क्यों गए शिव?
मैं- दीदी पानी निकलने वाला है.

दीदी- तो निकल जाने दो.
मैं- फिर आपको बच्चा हो गया तो!

दीदी- हो जाने दो, जल्दी करो और अन्दर ही रस निकालना.
मैं तो दीदी की बात सुन कर और ज्यादा गर्म हो गया पर रुकने की वजह से लंड का पानी भी अब जैसे पीछे हट गया था.

मैंने कोमल दीदी की चूत की गहराई में लंड डाल दिया और धक्के लगाने लगा.
दीदी भी अब नीचे से हरकत करने लगीं और मेरी रफ्तार सुपरफास्ट हो गई.

कोमल दीदी की कोमल चूत ने हार मान ली और फिर से अपना रस छोड़ दिया.
उनकी गर्मी में मेरा लंड भी अपना पानी छोड़ कर आजाद हो गया.

मैं अब भी कोमल दीदी के मोटे चूचे पर अपना मुँह रख कर लेट गया.
बेड के दूसरी तरफ नंगी मोनिका लेटी थी और कोमल दीदी की बेटी, मोनिका की चूची मुँह में भर कर सो गई थी.

इसके बाद मैंने कोमल दीदी की चूची को चूसते हुए बहुत देर तक बात की.

उन्होंने बताया कि कैसे उनके पति के साथ सेक्स हुआ.

कोमल दीदी ने बोला- शिव मुझे लगता है ये गुड़िया भी मेरी और तुम्हारे सेक्स की वजह से हुई है.
वैसे भी मैं कोमल दीदी को प्रेगनेंट कर चुका था और शादी से पहले भी दो दिन तक कई बार चूत चोदी थी.

ये सब जानकर मुझे बड़ा सुकून मिल रहा था.

हम सब कुछ देर तक गहरी नींद में सोते रहे.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#14
समाप्त



समय
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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