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Adultery होली में चाची का ब्लाउज फटा, बाद में चूत चुदी//
#1
// होली में चाची का ब्लाउज फटा, बाद में चूत चुदी//

दोस्तो, मैं अपने पड़ोस में रहने वाली चाची की चुदाई की कहानी लिख रहा हूँ।

मेरा नाम रतीश है.. और मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ। मैं आज आपको जो कहानी सुनाने जा रहा हूँ.. वो मेरी बिल्कुल सच्ची कहानी है।


यह उस वक़्त की बात है.. जब मैं 19 साल का था और मैं 12वीं में पढ़ता था। आज मेरी उम्र 23 साल है।


हमारे घर के सामने एक हमारे दूर के चाचा रहते थे.. उनकी 2-3 साल पहले ही शादी हुई थी.. लेकिन अभी तक उनको कोई बच्चा नहीं हुआ था। मेरी चाची दिखने में बहुत सेक्सी हैं।


एक दिन होली की बात है.. सब लोग होली खेल रहे थे.. मैं भी गली में होली खेल रहा था।


हमारा घर ऊपर की मंजिल पर था.. मतलब हम फर्स्ट फ्लोर पर रहते थे. हमारे सामने वाले चाचा नीचे की फ्लोर पर ही रहते थे.. तो मेरी चाची अपने दरवाजे पर खड़ी थीं और मेरी दादी बाल्कनी में खड़ी थीं।


चाची बिल्कुल साफ सुथरी खड़ी थीं। मतलब किसी ने उनको अभी तक बिल्कुल भी रंग नहीं लगाया था.. तो मेरी दादी ने उनसे पूछा- तू होली नहीं खेल रही क्या?


तो उन्होंने जवाब दिया- हमारे घर में कोई देवर ही नहीं है.. तो मैं किसके साथ होली खेलूँ.. मतलब वो घर में सबसे छोटी थीं।


मैं नीचे गली में खड़ा था।


ओ..मेरी दादी ने मुझे आवाज़ लगाई और कहा- जा चाची को रंग लगा आ..


मैं उनके घर गया तो उन्होंने दरवाजा खोल कर मुझे घर के अन्दर कर लिया.. और फिर उन्होंने दोबारा गेट लगा लिया।


फिर हमने होली खेलने शुरू की.. सबसे पहले मैंने चाची को रंग लगाया और मैंने जैसे ही चाची को छुआ.. होली खेलने में अंजाने में चाची की चूचियों पर हाथ लग गया.. मानो मेरे अन्दर करंट सा लग गया।


लेकिन मैंने चाची को अच्छी तरह रंग लगाया।


फिर चाची ने मुझे रंग लगाया.. हमने फिर खूब होली की मस्ती की।


उनके साथ चिपक-चिपक कर होली खेलने के बाद मैं अपने घर चला आया.. मुझे बहुत मज़ा आया।


घर आते ही मैं टॉयलेट में गया.. और मैंने मुठ मार ली।


फिर थोड़ी देर बाद मैं अपनी बाल्कनी में खड़ा था.. तो मेरी चाची ने मुझे आवाज़ लगाई- आप मुझे रंग तो लगा कर गए.. लेकिन अब मेरे लिए शैम्पू तो ला दो।


तो मैं शैम्पू लेकर उनके घर गया.. तो देखा चाची नहाने की तैयारी कर रही थीं। वो बाथरूम में खड़ी थीं और उन्होंने अपनी साड़ी उतार रखी थी.. वो सिर्फ पेटीकोट और ब्लाउज में थीं!


मैंने उनको शैम्पू देते हुए मुस्कुराया और मुझे देख कर वो भी मुस्कराईं।


मैं शैम्पू देकर अपने घर आ ही रहा था.. कि उन्होंने मेरे ऊपर एक जग रंग डाल दिया। उन्होंने रंग पहले से ही घोल कर रख रखा था और रंग डाल कर वो भाग कर बाथरूम की तरफ जाने लगीं।


मैं भी उनकी तरफ पीछे-पीछे भागा उन्होंने जल्दी से बाथरूम का गेट बंद कर लिया था.. लेकिन मेरे लण्ड के नसीब से वो इतनी जल्दी दरवाजा बंद नहीं कर पाई थीं कि मैं भी उनके साथ अन्दर घुस गया।


अब हम दोनों बाथरूम में थे, मैंने अपनी जेब में से रंग निकाला और चाची को रंग लगाया.. तो छीना-झपटी में मेरा हाथ उनके ब्लाउज के अन्दर चला गया.. और उनका ब्लाउज फट गया..


मुझे बड़ी शरम आई.. फिर मैं बाथरूम के अन्दर से बाहर निकल आया।


मैं उनके जिस्म की गर्मी पाकर एकदम उत्तेजित होता हुआ अपने घर वापस आ गया।


मुझे काफ़ी डर भी लग रहा था कि कहीं चाची हमारे घर शिकायत ना कर दें।


दो दिन के बाद मैं अपनी घर की छत पर खड़ा था.. तो चाची भी अपनी घर की छत पर कपड़े लेने के लिए आई थीं।


तब उन्होंने मुस्कुराते हुए बोला- और.. क्या हो रहा है?


मैंने कहा- बस.. कुछ नहीं..


तब फिर मैंने उनसे होली वाले दिन के लिए सॉरी बोली।


उन्होंने कहा- कोई बात नहीं.. जो कुछ भी हुआ अनजाने में हुआ.. मुझे पता है..


एक बात तो थी कि चाची के साथ होली खेलने में बड़ा मजा आया था। मैंने पहली बार किसी औरत के साथ होली खेली थी। मुझे यह तो पता नहीं कि फिगर वगैरह कैसे नापते हैं.. लेकिन चाची बहुत ही सुन्दर थीं।


चाची के पति मतलब हमारे चाचा को ऑफिस के काम से कुछ दिन के लिए बाहर जाना पड़ा तो पहले तो हमारी चाची घर में अकेले ही सोती थीं.. लेकिन एक दिन वो अचानक डर गईं.. और उन्होंने मेरी दादी से अपनी बात कही..


तो हमारे घर वालों ने यह फ़ैसला किया कि मैं चाची के घर सोया करूँगा।


अब चाची और मैं उनके बेडरूम में एक साथ ही सोया करते थे।


चाची मैक्सी पहन कर सोया करती थीं।


दो दिन के बाद एक रात को चाची को नींद नहीं आ रही थी.. लेकिन मैं सो गया था अचानक मेरी नींद खुली.. तो चाची बैठी हुई थीं।


मैंने चाची से पूछा- चाची क्या बात है.. आपको नींद नहीं आ रही?


तो वो बोलीं- नहीं..


अब मुझे भी नींद नहीं आ रही थी.. तो हम दोनों ने बात करनी शुरू कर दी।


मेरी चाची ने मुझसे बात ही बात में पूछा- तेरी कोई गर्लफ्रेंड है?


तो मैंने कह दिया- नहीं चाची, मुझे तो लड़कियों से बात करने में बहुत शरम आती है।


फिर उन्होंने मेरे साथ मज़ाक करना शुरू कर दिया, उन्होंने मज़ाक ही मज़ाक में सेक्सी बात करनी शुरू कर दी।


मैं कुछ भी बोलने में हिचकिचा रहा था.. लेकिन उनके साथ सेक्स करने का मेरा भी बहुत मन कर रहा था।


थोड़ी देर के बाद उन्होंने मुझसे पूछा- तुमने किसी के साथ सेक्स किया है?


तो मैंने मना कर दिया.. तो उन्होंने अचानक मुझे पकड़ लिया और मेरी कमीज़ के अन्दर हाथ देना शुरू कर दिया।


मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था।


फिर उन्होंने मेरी कमीज़ और बनियान उतार दी और मुझसे लिपटने लगीं.. करीब 5-7 मिनट के बाद वो मेरी पैन्ट में हाथ डालने की कोशिश करने लगीं.. लेकिन पैन्ट चुस्त होने की वजह से उनका हाथ पैन्ट में घुस नहीं पा रहा था।


उन्होंने मेरी पैन्ट भी उतार दी.. अब मैं केवल अंडरवियर में था।


अब वो एक हाथ से मेरे लंड को सहला रही थीं..


मैंने भी शर्म छोड़ दी और उनकी मैक्सी के अन्दर हाथ दे दिया।


उन्होंने मेरा पूरा साथ दिया.. मैंने उनकी ब्रा का हुक खोल दिया और उनकी चूचियों पर हाथ फेरना शुरू कर दिया।


चाची की चूचियाँ हाथ में लेते ही मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया।


मैंने उनकी मैक्सी उतार दी.. और अब वो केवल पैन्टी में रह गई थीं।


फिर मैंने उनकी पैन्टी में अन्दर हाथ घुसेड़ दिया और उनकी मक्खन चूत पर हाथ फिराया.. तो मुझे लगा कि उनकी चूत कुछ गीली सी हो गई है।


चाची की क्लीन शेव्ड चूत भी एकदम मक्खन माल है।


मैंने उनकी चूत में एक उंगली डाली.. तो वो टाँगें पसार कर मुस्कुरा रही थीं।


अब मैं एक हाथ से उनकी चूत में और कभी उनकी गाण्ड में उंगली कर रहा था और दूसरे हाथ से उनकी चूचियाँ मसल रहा था और वो मेरे लंड को सहला रही थी।


फिर मैंने उनकी पैन्टी उतार दी और अपना अंडरवियर भी निकल कर फेंक दिया।


अब हम दोनों बिल्कुल नंगे थे।


यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !


मेरा लंड बहुत बुरी तरह से सख्त हो गया था.. फिर मैंने चुदाई की पोजीशन में आकर अपना लंड उनकी चूत पर सटाया और ज़ोर से धक्का लगाया.. उनकी चूत कुछ टाइट थी.. मेरा लंड अन्दर घुस ही नहीं पा रहा था।


फिर उन्होंने कहा- ज़रा रुक..


उन्होंने मेरे लंड पर क्रीम लगाई और अपनी चूत पर भी क्रीम लगाने के बाद फिर उन्होंने मुझसे कहा- अब घुसाओ..


मैंने दुबारा उनकी चूत पर लंड लगाया और ज़ोर से धक्का लगाया और इस बार मेरा लंड एक ही झटके में पूरा अन्दर घुस गया।


चाची को बहुत दर्द हो रहा था चाची उऊहह ऊऊऊओह.. आहह.. कर रही थीं।


मुझे बहुत मज़ा आ रहा था क्यूंकि मैंने पहली बार किसी औरत के साथ सेक्स किया था।


थोड़ी देर बाद फिर चाची को भी मज़ा आने लग गया।


फिर 10-15 मिनट के बाद फिर मैंने चाची को घोड़ी बनाया और फिर घोड़ी स्टाइल में चोदा।


चाची इस दौरान 3 बार झड़ चुकी थीं और फिर मैं भी झड़ गया।


मैंने अपना सारा माल चाची की चूत के अन्दर ही गिरा दिया। मुझे चाची की चूत मारने में बहुत मज़ा आया। चाची और मैं चुदाई के बाद नंगे ही लिपट कर सो गए।


सुबह जब मेरी आँख खुली.. तब मैं बिस्तर पर नंगा पड़ा था और चाची वॉशरूम में गई हुई थीं।


मैं भी वॉशरूम के अन्दर घुस गया.. अन्दर जाकर देखा तो चाची नहा रही थीं.. मैंने चाची के ऊपर अपने लंड से मूत की धार मारी.. तो चाची ने मेरा लंड पकड़ लिया और मूत अपने ऊपर गिरने नहीं दिया।


जब मैं मूत चुका.. तब चाची ने मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया। फिर मैंने चाची को एक बार बाथरूम में चोदा.. बाथरूम में चोदने के बाद जब हम बाहर आए.. तो मैं बिस्तर पर जा कर लेट गया और चाची भी बहुत थक चुकी थीं.. वो भी मेरे बाजू में बिस्तर पर लेट गईं।


थोड़ी देर बाद मैं फिर चाची की चूचियाँ दबाने लग गया तो चाची ने कहा- अब रहने दे.. मेरी चूत में दर्द हो रहा है।


फिर मैंने कहा- अगर चूत में दर्द है.. तो कोई बात नहीं.. मैं गाण्ड मार लेता हूँ।


फिर मैंने चाची की गाण्ड मारी। सच बता रहा हूँ दोस्तों.. उस रात मुझे बहुत मज़ा आया था।


उसके बाद जितनी दिनों तक चाचा नहीं आए.. हम दोनों रोजाना चुदाई करते थे और उसके बाद जब भी मौका मिलता है हम उसे गंवाते नहीं हैं। अब चाची को 2 बच्चे भी हो गए हैं.. और वे दोनों ही मेरे हैं।


दोस्तो, यह कहानी आपको कैसी लगी,
नीचे कमेंट्स में ही अपनी राय दे दीजिएगा.





// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
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