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राजमहल
#1
राजमहल



new story


नई कहानी
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#2
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Rajmahal







राजमहल











 
कुलगुरु अपने राज्य को बचाने के लिए सिंध प्रांत के दूसरे छोर पर चले गए, इस जगह एक अरब का राजा राज्य करता था।
वहां उनके एक दोस्त ने उन्हें किसी से मिलवाया, वो दो लोग थे, दोनों अलग-अलग धर्मों को मानते थे, एक अरब का धर्म मानता था और दूसरा हिंद का।
उन दोनों ने बताया कि तुम्हारे राज्य को बचाने का एक ही तरीका है, कुलगुरु जी बोले तरीका बताओ।
तो उन्होंने कुलगुरू को तरीका बताया और कहा इससे तुम्हारे राज में दो राजकुमारों का जन्म होगा।
जब राजकुमार 3 साल के हो जाएंगे तो हम उन्हें अपने साथ पूरी दुनिया का भ्रमण करेंगे और उन्हें लड़ने और बौद्धिक शिक्षा देंगे और वह दोनों धर्मों को मानेंगे।
जब वह 21 साल के हो जाएंगे तो हम उन्हें तुम्हारे राज्य में वापस ले आएंगे, और तुम्हारा राज्य दुनिया के श्रेष्ठ राज्यों में गिना जाएगा।
कुलगुरू बोले मुझे मंजूर है, तो उनमें से एक आदमी बोला यह सब तो अच्छे पहलू है पर एक अच्छाई के साथ एक बुराई भी साथ आती है।
यहाँ बुराई ये होगी के वह औरत के शरीर का सुख भोगेंगे, जितनी भी रानियां वो रखेगे उन से वो दोनों शादी करेंगे, और भी अन्य औरतों के साथ वह संबंध बनाएंगे।
उनमें से एक आदमी बोला अब तुम अपने राज्य लौट जाओ और अपने राजा से मिलकर यह फैसला करो कि तुम्हें राजकुमार चाहिए या नहीं।
हमें सूचना देने की कोई जरूरत नहीं है जब तुम्हारे राजकुमार 3 वर्ष के हो जाएंगे तो हम स्वयं वहां आ जाएंगे।
कुलगुरू अपने राज्य लौट आए वहां उन्होंने अपने राजा संतोष और रानी शकुंतला से मिले और उन्होंने बताया उन्हें अपने इस राज्य को बचाने का तरीका मिल गया है।
कुलगुरु में पहले तरीका ना बताते हुए राजा संतोष और रानी शकुंतला को वह सारी बातें बताई जो उसने उन दोनों से बताई थी।
यह सब सुनकर रानी और राजा बहुत खुश हुए और कुलगुरू से बोले तरीका पूछने लगे और कुल गुरु ने एक मोती अपनी हाथ में लिया।
और फिर रानी और राजा को बताया कि यह मोती अभी लाल है जिस कन्या के हाथ में यह मोती लाल से सफेद हो जाए, बस वही कन्या हमारे राज्य को राजकुमार दे सकती है और कोई नही।
राजा ने पूछा उसके बाद क्या होगा तो कुलगुरु ने बताया कि राजकुमार उसकी चूत मार कर अपना वीर्य उसकी चूत में छोड़ देंगे और दूसरे रात को राजा जी आप जाएंगे।
और आप उस की चूत में अपना वीर्य छोड़ देगे, इसके 9 माह बाद आपको दो राजकुमार प्राप्त होंगे।
यह सुनकर रानी शकुंतला बोली अगर यह नहीं हुआ तो आप क्या करोगे, तो कुलगुरू ने बोला मैं उसी समय अपना सर कटवा दूंगा।
रानी शकुंतला बोली कुलगुरू आप ही उस लड़की को ढूंढ कर लाएंगे हम उसकी शादी राजकुमार से करवा देंगे, और जैसा आप कहोगे वही सब होगा।
चार माह बाद कुलगुरू एक दूसरे राज्य से एक लड़की को ले आए । लड़की अरब के धर्म मानने वाली थी उसका रंग सांवला था, नैन नक़्श बहुत सुंदर थे और शरीर भी काफी भरा हुआ था। वो सांवली और बहुत गर्म लड़की थी।
राजकुमार में उस से शादी कर ली, और वो लड़की तीसरी नई रानी बन गई, कुलगुरू ने एक एक कर अलग से तीनों को समझाया कि उने क्या क्या करना है और कैसे करना है।
विवाह के बाद राजकुमार कैलाश सुहागरात के लिए कक्ष के अंदर गए, कक्ष और सुहाग की सेज फूलो से सजी हुई थी, और नई रानी दुल्हन बनी श्रृंगार किये उस पर बैठी हुई थी. कैलाश तीसरी नई रानी के पास गया और उसे अपनी बांहों में भर लिया, रानी ने अपनी आंखें बंद कर लीं और उसका शरीर कांपने लगा।
राजकुमार कैलाश उसका घूंघट उठाने के बाद उसके होंठों को चूमने लगा, रानी ने भी जिझक छोड़ के कैलाश का पूरा साथ दिया, वो दोनों चुंबन में बिल्कुल खो गए, राजकुमार कैलाश को उसके साथ चूमने में ऐसा लग ही नहीं रहा था, कि वो दोनों अभी कल ही तो मिले हैं।
कोई कुछ देर तक चूमने के बाद राजकुमार कैलाश अपने हाथ उसके ऊपर के कपड़ो के पीछे ले गया, उसकी कपड़ो की गांठ को पीछे से खोल दिया।
राजकुमार कैलाश ने चूमना खत्म करने के बाद रानी को पलंग पे लिटा दिया और खुद अपने ऊपर के कपड़े उतार कर उसके ऊपर आ गया।
जब राजकुमार कैलाश ने उसकी आंखों में देखा तो उसे रानी की नजरों में वासना दिखी, ये देख कर राजकुमार कैलाश ने अपनी नई रानी के ऊपर के कपड़े उतारने लगा, रानी ने भी हाथ ऊपर कर के राजकुमार कैलाश का साथ दिया।
राजकुमार कैलाश रानी की चुचियों को मुँह में ले के चूसने लगा, राजकुमार कैलाश को इस काम में बहुत मज़ा आ रहा था।
रानी भी धीरे धीरे आवाज़ कर रही थी- अहहाह ... अयाया और करो राजकुमार क क म म ह ह ह ह ।
फिर रानी भी मस्ती में आ गई और अपने हाथ को राजकुमार कैलाश की पीठ पे फेरने लगी, वो दोनों ही किसी और दुनिया में जा चुके थे।
राजकुमार कैलाश धीरे धीरे अपना हाथ नीचे ले जाने लगा और उसकी साड़ी के अन्दर हाथ डालने लगा, मगर साड़ी बहुत कसी हुई थी।
राजकुमार कैलाश ने रानी की मदद से उसकी साड़ी और पेटीकोट उसके बदन से अलग कर दी,
राजकुमार कैलाश के होंठ रानी की कमर के नीचे चल रहे थे और उसका एक हाथ रानी की चुचियां दबाने में लग गया।
थोड़ी देर बाद कैलाश फिर से ऊपर आकर उसके होंठों को चूमने लगा, अब रानी का एक हाथ भी राजकुमार कैलाश की धोती पे आ गया था और रानी ऊपर से राजकुमार कैलाश के लंड को पकड़ने की कोशिश कर रही थी।
जब रानी से सही से नहीं हुआ, तो धीरे से बोली- अपनी धोती भी उतार दो न,तो राजकुमार कैलाश रानी को छोड़ते हुए बोला- खुद ही उतार लो न।
रानी नीचे हो गई और कैलाश की धोती उतारने लगी, रानी ने धोती के साथ साथ राजकुमार कैलाश का लंगोट भी उतार दिया, अब रानी राजकुमार कैलाश की तरफ देखते हुए धीरे से उसका लंड हिलाने लगी।
राजकुमार कैलाश उसकी आंखों में वासना से देखते हुए बोला- एक बार मुँह में भी लेके देखो तुम्हें और भी मज़ा आएगा।
उसने मुस्कुरा के सर हां में हिला कर राजकुमार कैलाश को जवाब दिया और लंड के सुपारे पर अपनी जीभ को फिरा दिया, और अगले दो पलों के बादराजकुमार कैलाश का लंड रानी के मुँह में था।
राजकुमार कैलाश बोला आह कसम से बहुत मज़ा आ रहा था, वो राजकुमार कैलाश का आधा लंड अपनी जुबान में दबा कर चूस रही थी, लंड चुसाई की मस्ती से जोश में आकर राजकुमार कैलाश उसके सिर को अपने लंड पे दबाने लगा।
रानी ने लंड को मुँह में लेने के कुछ देर तक चूसने के बाद उसने लंड को मुँह से बाहर निकाला, और राजकुमार कैलाश के बगल में लेट कर टांगें खोलते हुए बोली- अब आपकी बारी।
राजकुमार कैलाश ने नीचे जाके तीसरी रानी की दोनों टांगों को पकड़ा और उसकी चूत बिल्कुल गीली हो चुकी थी, राजकुमार कैलाश अपनी ज़ुबान से उससे चाटने लगा।
राजकुमार कैलाश रानी की चूत चाट रहा था और वो ऊपर मस्ती से चिल्ला रही थी- आह्ह आह्ह ओह्ह स्स्स आह्ह आईई आह्ह आह मुझे बहुत मज़ा आ रहा है आआह आआह बस करते रहो आह रुकना नहीं।
थोड़ी देर चाटने के बाद राजकुमार कैलाश ने एक उंगली रानी की चूत के दाने को रगड़ते हुए अन्दर डालने लगा, इससे वो और गर्म हो गई।
उसके मुँह से और भी तेज सीत्कार निकलने लगीं- आआआ आआआ राजकुमार कैलाश और रानी दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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