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दरवाजा खुला रह गया
दरवाजा खुला रह गया
मैं अपने परिवार के साथ शॉपिंग करने के लिए मॉल में गया हुआ था मैं जब मॉल में गया तो उस वक्त मुझे किसी ने आवाज लगाई मैंने जब पीछे पलट कर देखा तो वह मनीष था। मनीष ने मुझे कहा कि रोहित तुम कितने दिनों बाद मुझे मिल रहे हो तो मैंने मनीष को कहा हम लोग करीब 7 वर्षों बाद मिल रहे हैं। कॉलेज खत्म होने के बाद हम लोगों की मुलाकात ही नहीं हो पाई और यह भी बड़ा अजीब इत्तेफाक था कि इतने वर्षों बाद हम एक दूसरे को मिल रहे थे। हम जब एक दूसरे को मिले तो हम दोनों को मिलकर काफी अच्छा लगा मैंने मनीष को कहा कि तुम क्या दिल्ली में ही रहते हो तो वह मुझे कहने लगा कि नहीं मैं अब दिल्ली में नहीं रहता मैं कोलकाता में नौकरी करता हूं और वहां मैं पिछले 5 वर्षों से काम कर रहा हूं। मैंने मनीष को कहा चलो यह तो बहुत ही अच्छी बात है मनीष मुझसे कहने लगा रोहित तुम क्या कर रहे हो तो मैंने उसे बताया कि मैं भी एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब कर रहा हूं और पिछले काफी वर्षों से मैं वहीं पर नौकरी कर रहा हूं।
मैंने मनीष का नंबर ले लिया और उससे कहा कि तुम कितने दिनों तक रुकने वाले हो वह मुझे कहने लगा कि मैं इस हफ्ते तो घर पर हूं। मैंने मनीष को कहा अभी तो मैं अपनी फैमिली के साथ शॉपिंग करने के लिए आया हूं मैं तुमसे कुछ दिनों बाद मुलाकात करता हूं तो मनीष कहने लगा ठीक है। मनीष भी वहां से चला गया और मैं अपने परिवार के साथ शॉपिंग कर के अपने घर लौट चुका था हर रोज की तरह मैं अपने ऑफिस के लिए घर से निकला ही था कि तभी रास्ते में मेरी मोटरसाइकिल का टायर पंचर हो गया जिस वजह से मुझे उस दिन ऑफिस पहुंचने में देर हो गई। मैं अपने ऑफिस तो पहुंच चुका था लेकिन उस दिन मेरे मैनेजर ने मुझे काफी कुछ कहा उसी दिन जब मैं शाम के वक्त घर वापस लौट रहा था तो मनीष का मुझे फोन आया और मनीष मुझे कहने लगा कि रोहित क्या कल तुम फ्री हो। मैंने मनीष को कहा हां कल मैं फ्री हूं मनीष मुझे कहने लगा कि क्या कल तुम मुझे मिल सकते हो तो मैंने मनीष को कहा हां।
अगले दिन मेरे ऑफिस की छुट्टी थी इसलिए मैंने मनीष को कहा ठीक है मैं तुमसे कल मुलाकात करता हूं और अगले दिन जब मैं मनीष को मिला तो मनीष ने मुझे कुछ भी नहीं बताया था और उसने मुझे एक रेस्टोरेंट में बुला लिया। हम लोग एक रेस्टोरेंट में बैठे हुए थे हम लोग वहां पर बैठे हुए थे तो मैंने मनीष को कहा की तुमने मुझे यहां पर क्यों बुलाया है तो मनीष मुझे कहने लगा कि रोहित आज मैं तुम्हें किसी से मिलाना चाहता हूं। मैंने मनीष को कहा आज तुम मुझे किससे मिलाना चाहते हो हम दोनों आपस में बात कर रहे थे कि तभी एक लड़की आई वह जब आई तो मनीष ने मुझे कहा कि यह अंजली है। मैंने मनीष को कहा मनीष क्या तुम अंजलि को जानते हो तो मनीष कहने लगा हां, मनीष ने मुझे उस दिन पूरी बात बताई और कहने लगा कि अंजलि और मेरी मुलाकात ट्रेन में हुई थी उसके बाद हम दोनों में प्यार हुआ और अब हम दोनों शादी करना चाहते हैं।
मैंने मनीष को कहा मनीष यह तो बड़ी अच्छी बात है कि तुम शादी करना चाहते हो और अंजलि जैसी अच्छी लड़की तुम्हें मिल रही है। अंजली भी हमसे खुलकर बात कर रही थी और मनीष के साथ मैं काफी देर तक बात करता रहा मनीष के साथ मैंने बहुत देर तक बात की और उस दिन हम तीनों ने ही बहुत अच्छा समय साथ में बिताया उसके बाद अंजलि चली गई। मनीष ने मुझे पूरी बात बताई कि कैसे उसे अंजली मिली और उसके बाद उन दोनों में कैसे प्यार हुआ मैंने मनीष को कहा तुम बहुत ही खुश नसीब हो जो तुम्हें अंजलि जैसी लड़की मिल रही है। अंजली बहुत ही सुंदर थी और वह एक अच्छी कंपनी में एक अच्छे पद पर भी है मैंने मनीष को कहा मनीष मैं अभी अपने घर के लिए निकलता हूं मैं तुमसे दोबारा मुलाकात करूंगा।
मैं अपने घर के लिए निकल चुका था और फिर कुछ दिनों बाद मेरी मनीष से बात हुई वह कोलकाता वापस लौटने वाला था मैंने मनीष को कहा तुम कोलकाता से वापस कब आओगे मनीष कहने लगा कि मैं अब दो महीने के बाद ही वहां से आऊंगा। एक दिन मैं अपनी मोटरसाइकिल से अपने ऑफिस की तरफ जा रहा था उस दिन काफी बारिश हो रही थी तो मैंने अपना रेनकोट पहन लिया और मैं अपने ऑफिस के लिए निकल पड़ा। मैं जब अपने ऑफिस पहुंचा तो उस दिन भी मुझे ऑफिस पहुंचने में देर हो गई थी लेकिन उस दिन मेरे मैनेजर ने मुझे कुछ नहीं कहा।
मैं उस दिन शाम को घर वापस लौट रहा था तो रास्ते में मुझे अंजलि दिखाई दी मैंने अंजलि को देखते हुए अपनी बाइक को रोक लिया और उसके बाद मैं अंजली से मिला। जब मैं अंजली से मिला तो मैंने अंजलि को कहा तुम यहां पर कैसे तो अंजलि मुझे कहने लगी कि मैं किसी काम से यहां आई हुई थी। मैने अंजलि को कहा कि मैं यहां से गुजर रहा था तो सोचा तुम से मिल लूँ अंजलि कहने लगी कि तुमने बहुत अच्छा किया। मैंने अंजलि से कहा कि क्या तुम्हारी मनीष से बात होती रहती है तो वह मुझे कहने लगी कि हां मनीष से मेरी बात होती रहती है। उस दिन अंजलि ने मुझे बताया कि वह लोग जल्दी सगाई करने वाले हैं अंजलि ने अपने घर पर इस बारे में बता दिया था और शायद मनीष ने भी इस बारे में अपने परिवार वालों को बता दिया था जिसके बाद वह लोग अब सगाई करने वाले थे। मैंने अंजलि को उसकी सगाई के लिए बधाई दी और कहा यह तो बहुत अच्छी बात है कि तुम दोनों के परिवार वाले इस रिश्ते को मान चुके हैं। अंजलि कहने लगी की हां अब उन्हें मानना तो था ही।
अंजलि और मैं उस दिन काफी देर तक एक दूसरे से बात करते रहे उसके बाद भी अंजलि और मेरी मुलाकात होती रही। एक दिन अंजलि मुझे दिखी तो उस दिन काफी तेज बारिश हो रही थी। वह मुझे कहने लगी क्या तुम मुझे मेरे घर तक छोड़ दोगे? मैने अंजलि को कहा हां क्यों नहीं मैंने अंजलि को उसके घर तक छोड़ा हम दोनों ही काफी भीग चुके थे। उसने मुझे घर के अंदर ही बुला लिया और वह कहने लगी तुम घर पर ही आ जाओ। मैंने उसे पहले तो मना किया लेकिन फिर मैं घर पर चला गया जब मैं घर पर गया तो उस वक्त अंजलि के घर पर कोई भी नहीं था और अंजलि अपने कमरे मे कपडे बदलने लगी लेकिन उसने अपने दरवाजे को खुला ही रखा था।
जब मैंने दरवाजा खोला तो मैंने उसके बदन को देख लिया था उसका गोरे बदन को देख कर मुझे बहुत अच्छा लगा। वह तौलया लपेटे हुए कमरे से बाहर आई और मुझे कहने लगी सॉरी रोहित मैं कमरे का दरवाजा बंद करना भूल गई। मैंने उसे कहा कोई बात नहीं लेकिन मेरी नजर तो सिर्फ उसके गोरे बदन पर थी मौसम भी बहुत ज्यादा सुहाना था तभी बादल बहुत तेज आवाज में गड़गडाहट कर रहे थे अंजलि मुझसे लिपट गई जब वह मुझसे लिपटी तो मैं उसके बदन को महसूस करने लगा। मेरा हाथ धीरे धीरे उसकी गांड की तरफ बढ़ने लगा वह मुझे कुछ नहीं कह रही थी। उसके अंदर की गर्मी बढ चुकी थी मैंने उसके स्तनों को दबाना शुरू किया और उसके स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूसने लगा। मुझे अच्छा लग रहा था उसके स्तनों को मैंने काफी देर तक अपने मुंह में लेकर चूसा मेरे अंदर की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी।
हम दोनों के बदन से काफी गर्मी बाहर निकलने लगी थी मैंने अंजलि के स्तनों को बहुत देर तक चूसा उसके बाद मैंने उसकी पैंटी को उतारते हुए उसकी चूत के अंदर उंगली घुसाने की कोशिश की लेकिन उसकी चूत के अंदर उंगली नहीं जा रही थी। मैंने अपने लंड पर थूक लगाते हुए मैंने उसकी चूत मे लंड घुसा दिया वह बड़ी तेजी से चिल्लाई और मुझे कहने लगी तुमने तो मेरी चूत पूरी तरीके से फाड कर रख दी है।
मैंने उसकी चूत की तरफ देखा तो वह मुझे कहने लगी अब तुम मुझे ऐसे ही धक्के देते रहो मैंने उसे बड़ी तेज गति से धक्के दिए उसकी चूत की चिकनाई में बढ़ोतरी हो गई थी। वह मुझसे कहने लगी आप मुझे ऐसे ही धक्के देते रहो उसके धक्को मे लगातार बढ़ोतरी हो रही थी और उसकी गर्म सांसे मेरे कान मे सुनाई देती तो मैं उसके दोनों पैरों को कसकर पकड़ लेता और उसे तेजी से धक्के देता। उसके बदन से गर्मी बाहर निकलने लगी वह पसीना पसीना होने लगी थी। उसका बदन गिला हो चुका था मैंने जब उसकी चूत की तरफ देखा तो उसकी चूत से कुछ ज्यादा ही खून बहार निकलने लगा था। मैंने उसे बड़ी तेजी से धक्के दिए उसकी चूत के अंदर ही मैन अपने वीर्य को गिरा दिया। मैंने अब उसकी चूत से मेरे वीर्य को साफ किया। मैंने उसे घोड़ी बना कर दोबारा से चोदना शुरू कर दिया वह मेरा साथ बखूबी निभा रही थी वह मुझसे चूतडो को बार मिलाए जा रही थी।
मैंने उससे कहा मनीष और तुम्हारे बीच कभी पहले कुछ हुआ था? वह कहने लगी यदि हम लोगों के बीच कुछ होता तो क्या मेरी चूत से खून निकलता। मैंने उसे कहा लगता है तुम्हारी चूत का उद्घाटन मैने ही किया है। वह कहने लगी हां अब ऐसा ही तुम समझ लो वह मुझसे बड़ी तेजी से चूतडो को मिलाए जा रही थी और मेरे अंदर की गर्मी उसने इतनी ज्यादा बढ़ा दी थी कि मैं भी झड़ने वाला था। मै उसकी चूतडो पर कसकर प्रहार करता रहा कुछ देर बाद मेरा वीर्य बाहर की तरफ गिर चुका था। उसके बाद हम दोनों ने अपने कपड़े पहन लिए मैंने अंजलि से कहा तुम यह बात कभी मनीष को पता मत चलने देना। वह मुझे कहने लगी हां मैं कभी भी मनीष को पता नहीं चलने दूंगी उसके कुछ समय बाद ही उन दोनों की सगाई हो चुकी थी और जल्द ही उन दोनों की शादी होने वाली थी।
हम दोनों एक दूसरे की जरूरतों को पूरा करते हैं क्योंकि मनीष तो कोलकाता मे ही रहता है इसलिए अंजलि मुझे अपने घर पर बुला लिया करती है।
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(02-10-2024, 12:29 PM)neerathemall Wrote: रास्ते में मिली चूत
मैं चेन्नई से घुमने के लिए कोलकाता जा रहा था | तब मुझसे रास्ते में एक लड़की ने लिफ्ट मांगी और मैंने उसे अपनी कार में बैठा लिया और उसका नाम पूछा तब उसने अपना नाम नन्दनी बताया | वो दिखने में बहुत गोरी थी और उसका फिगर मस्त था | उसके बड़े बड़े बूब्स और उसकी बड़ी चौड़ी गांड को देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया | वो मुझको सेक्सी नजरो से देख रही थी | मैं उससे उसके बारे में पूछ रहा था और पूछा आपको कहाँ जाना है | तब उसने मुझसे कहा आप जहाँ जा रहे हो मुझे वहीँ तक छोड़ दो | उसका मस्त फिगर देख कर मेरा लंड खड़ा था | फिर मैं उसकी जांघों को सहलाने लगा तो वो मेरी और सेक्सी नजरो से देखने लगी | कुछ देर तक मैं उसकी जांघों को सहलाता रहा | फिर वो मेरे लंड को सहलाने लगी |
तब मैंने अपनी कार को एक सुनसान जगह पर रोक कर | मैं उसकी होठो पर अपने होठ रख कर उसकी होठो को चूसने लगा | वो भी मेरे होठो को चूसने लगी | मैं उसकी होठो को चूसते हुए उसकी बूब्स को कपडे के ऊपर से दबाने लगा | मैं उसके बूब्स को दबाते हुए उसके कपडे निकाल दिए | वो अब सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी | तो मैं उसके एक दूध को ब्रा के ऊपर से चूसने लगा तो उसके मुंह से उह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ आह्ह्ह की सिसिकियाँ निकल गयी | मैं उसके बूब्स को चूसते हुए उसकी ब्रा खोल दी और मैं उसके बूब्स को मुंह में भर कर चूसने लगा |
मैं एक दूध को हाथ में पकड कर दबाने लगा | वो उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ करती हुई अपनी चूत के सहलाने लगी | मैं उसके दूध को मुंह में रख कर चूस रहा था और दुसरे को हाथ से मसल रहा था | वो उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ करती हुई अपनी ऊँगली को चूस रही थी |
मैं उसके बूब्स को एक एक करके चूस रहा था | वो अपनी चूत को सहलाती हुई उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ कर रही थी | मैं उसके बूब्स को कुछ देर तक ऐसे ही चूसता रहा | फिर उसकी टांगो को थोडा सा फेला कर उसकी चूत में अपना मुंह घुसा कर चूत को चाटने लगा | तो वो उह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह करने लगी | मैं उसकी चूत में अपनी जीभ को घुसा कर अन्दर बाहर करते हुए चाटने लगा साथ में उसकी चूत में अपनी ऊँगली को घुसा कर अन्दर बाहर करने लगा |
जिससे उसके मुंह से हलकी हलकी आवाज में उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्ह उह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह आह्ह्ह करती हुई अपने दोनों बूब्स को जोर जोर से मसलने लगी | मैं उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने के साथ चूत में ऊँगली को घुसा कर अन्दर बाहर करने लगा | तो वो उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह उफ्फ्फ करने लगी | मैं उसकी चूत में अपनी ऊँगली को जोर जोर से अन्दर बाहर करते हुए उसकी चूत को चोदने लगा |
तो वो उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ उह्ह करने लगी | मैं उसकी चूत को कुछ देर तक ऐसे ही चाटता रहा | फिर मैं उसकी चूत से अपनी ऊँगली को निकाल कर मैंने अपने कपडे निकाल दिए | फिर अपने लंड को हाथ में पकड कर हिलाने लगा | तब वो मेरे लंड को अपने हाथ में पकड कर हिलाते हुए मुंह में रख कर चूसने लगी | तो मेरे मुंह से उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ अह्ह्ह करते हुए अपने लंड को चूसाने लगा |
वो मेरे लंड को अपने मुंह में रख कर अन्दर बाहर करते हुए चूसने लगी | मेरे मुंह से हलकी हलकी आवाज में उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्ह अहह करते हुए उसके मुंह में धीरे धीरे धक्के मारने लगा और मैं उसके मुंह को चोदने लगा | मैं कुछ देर तक उसके मुंह को ऐसे ही चोदता रहा साथ में धीमी धीमी आवाज में उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ उह्ह अहह करता रहा | फिर मैं उसके मुंह से अपने लंड को निकाल कर उसकी टांगो को थोडा सा फेला कर उसकी चूत के मुंह पर अपने लंड को घुसा कर उसको चोदने लगा | तो उसके मुंह से उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह अह्ह्ह्ह उफ्फ्फ अह्ह्ह्ह करने लगी | मैं उसकी चूत में अन्दर बाहर करते हुए उसको चोदने लगा |
मैं उसकी चूत में जोर जोर से धक्के मारने लगा | वो उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ उफ्फ्फ उह्ह्ह अह्ह्ह्ह अह्ह्ह करती हुई अपने बूब्स को मसलने लगी | मैं उसकी चूत को जोरदार धक्को के साथ चोद रहा था साथ में उसके बूब्स को भी दबा रहा था | वो उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह कर रही थी | फिर मैं उसकी चूत से लंड को निकाल कर उसके मुंह में डाल कर चुसाने लगा | वो मेरे लंड को चूसने लगी कुछ देर तक लंड चूसाने के बाद फिर से उसकी चूत में लंड को डाल कर चोदने लगा | वो उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह अह्ह्ह करने लगी |
मैं उसको जोरदार धक्को के साथ चोद रहा था वो अपनी चूत को सहलाती हुई उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह उफ्फ्फ अह्ह्ह कर रही थी | मैं उसकी ये सिसिकियाँ सुनकर उसकी चूत में और तेज से धक्के मारने लगा जिससे कार में धक्को की आवाज घुजने लगी | मैं उसको इसी तरह से उसको चोदे जा रहा था | वो उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ करती हुई अपनी चूत को हिलाती हुई चोदने लगी | मैं उसकी चूत में अन्दर बाहर करते हुए चुद रहा था |
वो अपनी चूत को आगे पीछे करती हुई चुद रही थी साथ में उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ कर रही थी | मैं उसको जोरदार धक्के के साथ उसको 40 मिनट तक चोदता रहा और उसके बाद उसकी चूत के ऊपर मेरे लंड ने माल निकाल दिया | मैं उसकी मस्त चुदाई के बाद उसको कोलकाता तक ले गया और वहां से घुमा कर फिर यहीं छोड़ दिया |
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02-10-2024, 12:36 PM
(This post was last modified: 19-02-2025, 03:21 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
(02-10-2024, 12:35 PM)neerathemall Wrote: मेरी नौकरानी और
मुझे खुद खाना बनाना नही आता इसिलए मैंने एक नौकरानी लगाई हुई है जोकि खाना भी बनाती है और बर्तन भी धो देती है | उसकी उम्र लगभग 25 साल है | उसका अभी कुछ दिनों पहले ही तलाक हुआ है | उसका नाम फातिमा है | दोस्तों वैसे तो मैंने उसे उस नज़र से नही देखा लेकिन क्या करून, शैतानी दिमाग है, कभी न कभी तो नज़र पड़ ही जाती है | उसके बूब्स मध्यम साइज़ के हैं और गांड मस्त है | उसका पेट निकला हुआ नही है और वो कसी हुई मस्त माल लगती है | शकल तो कुछ ख़ास नही है लेकिन चुदाई में शकल का क्या काम |
एक दिन की बात है, मेरी कोचिंग नही थी उस दिन तो मैं रूम पर ही बैठा था | पढ़ते पढ़ते कब नींद आ गयी पता ही नही चला | गर्मियों के दिन थे इसलिए मैंने सिर्फ अंडरवियर और बनियान में था | सपने में मैंने कुछ देखा होगा की अचानक से दरवाजा खटखटाया किसी ने | मैं नींद में ही उठा और दरवाजा खोल दिया | जब नौकरानी फातिमा ने मुझे देखा तो शरमा गयी लेकिन मैं नींद में था इसीलिए मैंने ज्यादा ध्यान नही दिया | मैंने उसको अन्दर बुलाया और दरवाजा बंद कर दिया | वो अब भी शरमा रही थी |
मैंने नींद में ही पूछा क्या हुआ तो उसने कोई जवाब नही दिया | मैं फिर से सो गया | अचानक से मेरी आँख खुली तो मैंने देखा की मेरा लंड खड़ा हुआ है और अंडरवियर से पूरा समझ में आ रहा है की वो खड़ा है | मैंने किचन की साइड देखा तो पाया की फातिमा ललचाई नज़रों से मेरे लंड को देख रही है | मैं समझ गया की मौका है | मैंने नींद का बहाना किया और एक करवट किया और अंडरवियर में से जो मुतने के लिए छेद होता है उसमे से अपना लंड बहार निकल दिया और फिर से वापस करवट ले ली | अब मेरा लंड साफ़ दिख रहा था |
मैंने धीरे से देखा तो पाया की उसकी आँखों में हवस थी | मैंने सोचा की क्या किया जाये तभी एक आईडिया आया | मैंने नींद में ही उठने की एक्टिंग करने लगा और पानी की बोतल में पानी भरने के बहाने किचन में जाने लगा | किचन के दरवाजे पर फातिमा कड़ी थी और मैंने जान बुझ कर अपने हाथ फातिमा के बूब्स पर रख दिए और ऐसे नाटक किया जैसे की मैं नींद में चलने की वजह से छू छू के चल रहा हूँ | मैंने पाया की फातिमा ने कुछ नही कहा | इधर मेरा लंड अब भी खुला था और फातिमा की सलवार को टच कर रहा था |
मैंने अब आँखें बंद किये किये उसके बूब्स को दबाना शुरू कर दिया | वो अब भी कुछ नही बोली | मैंने सोचा की अब तो ग्रीन सिग्नल है | मैंने उसका हाथ लिया और उसके हाथों में अपना लंड दे दिया | उसने हाथ हटाया नही बल्कि मेरा लंड पकड़ कर बड़े प्यार से सहलाने लगी | मैंने सोचा इससे बडा ग्रीन सिग्नल नही हो सकता | अब मैंने आँखें खोल दी और चौंकने का नाटक किया |
उसने मुझे जगा हुआ देखकर अचानक से अपना हाथ मेरे लंड से हटा लिया | मैंने कहा फातिमा, जो भी हो रहा था, भले ही नींद में शुरू हुआ हो लेकिन जब दोनों की मर्जी है तो असलियत में भी कर लेते हैं न | वो कुछ नही बोली और उसने अपनी नजरें झुका लीं |
दोस्तों झुकी हुई नज़रें हाँ का इशारा करती हैं ये तो आप लोगों को भी पता ही होगा | मैंने अब सीधा उसकी किस करना शुरू कर दिया | वो पहले तो थोडा हिचकिचाई लेकिन फिर मेरा साथ देने लगी | अब मैं उसको बिस्तर पर ले गया और लिटा दिया | अब मैंने उसके ऊपर आ गया और उसे किस करने लगा | वो भी मेरा साथ देने लगी | मैं अब उसकी गर्दन पर किस कर रहा था और वो मजे से आह्ह्ह ह हह ह हह ह उ उ ऊ उ ऊ इ ई ई इ ई ई ई इ इ ईई ई इ आःह ह हह ह हह ह ह्ह्ह हह ह हह ह ह्ह्ह्हह ह ह्ह्ह ह हह कर रही थी |
मैंने अब उसका सूट उतार दिया और ब्रा भी निकाल दी |
अब मैं उसके बूब्स दबा रहा था | फिर मैंने एक निप्पल को चुसना शुरू कर दिया | वो बड़े मजे से आआ आआह्ह हह ह हह ह हह ह ह्ह्ह्ह ह हह ह हह ह उ ऊ उ ऊ उ ऊ उ ऊ उ ऊ इ इ इ इ ईईइ इ ई इ ई ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ ह ह हह ह हह ह ह्ह्ह्ह ह हह ह ह हह ह्ह्ह्ह ह ह ह ह हह ह ह ह हह ह ह हह ह ह हह हह ह हह ह हह ह ह हह ह ह ह हह ह ह ह हह ह ह हह ह हह ह ह हह ह ह हह ह ह करने लगी |
मैंने उसके बूब्स को मसलना और चुसना जारी रखा और अब उसके दुसरे निप्पल को चूसने लगा | वो मस्ती से मेरा सर पकड़ कर अपने निप्पल चुसवाए जा रही थी |
म
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भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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(02-10-2024, 12:38 PM)neerathemall Wrote: कामवाली को
भाई की भर्ती मुंबई मे हुई थी तो मेरी मम्मी उसके साथ मुंबई चली गयी रहने ओर यहा मेरे लिए एक मस्त कामवाली छोड़ गयी तो घर मे सिर्फ़ में ओर पापा ही रहते थे और पापा तो सुबह 8 बजे ही जॉब पर चले जाते थे वो कामवाली उस टाइम पर 18-19 साल की होगी शायद पर थी बहोत मस्त पर मेरा ध्यान कभी उसकी तरफ नही गया था की कभी उसे में चोदुंगा।
अब में बताता हूँ की मेरा मन कैसे गया उसकी तरफ वो रोज पोछा लगाते टाइम पर अपनी चुन्नी बाथरूम मे ही छोड़ आती थी वो जब भी पोछा लगाती तो उसके बोब्स दिखते पर वो पूरे तो नही दिखते सिर्फ़ गली ही दिखती पर उतना ही काफ़ी था मुझमें हवस जगाने के लिए. कुछ दिन ऐसा ही चलता रहा में उसे ऐसे ही देखता रहता पर मेरा मन अभी भरा नही था इतने से तो अब में वो जहाँ जहाँ पोछा लगाती वहाँ वहाँ जाकर देखता पर इतना भी काफ़ी नही था कुछ दिन ऐसा ही चलता रहा मेरी हिम्मत बढ़ रही थी क्यूकी वो मेरी तरफ देखती भी नही तो अब में वो जब भी बाथरूम में कपड़े धो रही होती तो गेट के पास जाकर खड़ा हो जाता उसे पता रहता की में खड़ा हूँ पर वो ध्यान नही देती ओर कपड़े धोती रहती।
उस टाइम मुझे भी नही पता था की में क्या कर रहा हूँ पर कुछ भी हो मजे आ रहे थे तो ओर हिम्मत बढ़ा दी गेट पर बेठ जाता ओर उसे कपड़े धोते हुए देखते रहता वो गेट के बिल्कुल पास बेठ कर कपड़े धोती थी तो एक दिन मेने उसके पैर पर हाथ रख दिया उसने उस टाइम भी कुछ नही कहा मुझे उस टाइम ये समझ नही आया के उसने कुछ बोला क्यू नही में तो बस मज़े लूटने मे लगा था तो ऐसे ही में डेली अपना हाथ थोड़ा थोड़ा उपर ले जाता ओर एक दिन मैने अपना हाथ उसकी चूत पे पहुचा दिया ओर जैसे ही वहा मेने हाथ रखा उसने झट से मेरा हाथ हटा दिया।
में डर गया उस टाइम तो मेने फिर ऐसा कभी नही किया फिर में डेली जाकर वैसे ही गेट पर बेठ जाता ओर बस मोका देखता की वो कपड़े निचोड़े अरे हाँ वो कपड़े निचोड़ते टाइम खड़ी हो जाती थी। बाथरूम तो में उसके पीछे चला जाता ओर जैसे ही मोका मिलता में उसकी गांड पर अपना लंड टच करवा देता अब सोचो दोस्तो कितना टाइम लगा होगा उसकी चूत मारने में तो चलो आगे सुनो. तो कुछ दिन ऐसा ही चलता रहा फिर एक दिन मैने अपना लंड अपनी पेंट मे से निकाल के टच किया उसकी गांड पर सोच नही सकते की कितना मज़ा आता था मुझे उस टाइम पर तो धीरे धीरे में आगे बढ़ रहा था ओर वो कुछ बोल भी नही रही थी तो में डेली अब ज्यादा ज़ोर से लंड को दबाता उसकी गांड पर ओर फिर एक दिन मेने उसकी नीचे वाली ड्रेस उतारी थोड़ी सी की गांड तो दिख जाए पर कुछ नही दिखा तो मैने थोड़ी ओर उतारने की कोशिश की पर इस बार वो घूम गयी ओर बोली।
वो: नही लक्की प्लीज़ ऐसा मत कर….
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मैने फिर कुछ भी नही बोला ओर वो मुझ से चिपक गयी ओर रोने लगी की तू ऐसा क्यू करता हे मुझे कुछ भी समझ मे नही आ रहा था की क्या करू में पर वो रो रही थी तो बाथरूम से आवाज़ बाहर ना जाए इसलिए में उसे रूम मे ले गया वो रो रही थी अभी भी पर वो मुझसे चिपकी हुई थी. फिर पता नही क्या हुआ वो बेड पर लेट गयी मुझे चिपका कर अपने से ओर बेड पर गिर गयी वो रोती रोती ओर में उसके उपर पड़ा हुआ था मेरा लंड तो जैसे उसके कपड़े मे से निकल कर चूत मे घुस जाए ऐसा हो रहा था तो मेने फिर नीचे जाकर उसकी ड्रेस नीचे से उतार दी पर वो उतारने नही दे रही थी।
फिर भी मैने जैसे तैसे करके उतार दी ओर वापस उसके उपर चड गया अब में अपना लंड उसकी चूत में डालने की ट्राइ करने लगा पर वो डालने ही नही दे रही थी पता नही क्यू ऐसा कर रही थी वो पर जैसे ही में ट्राइ करता डालने की वो पैर चिपका लेती ओर मना करती। पर मुझे पता था की वो चाहती तो हे तो मैने जैसे तैसे करके डाल दिया एक बार अंदर ओर पता नही उसे इतना दर्द हुआ की वो चिल्ला दी ओर मुझे हटा दिया अपने उपर से ओर रूम से निकाल दिया मुझे ओर बंद कर लिया रूम उसने अब मुझे डर लगने लगा था में भी उसे मनाने लगा की प्लीज़ खोल दे गेट आगे से नही करूँगा ऐसा पर उसने नही खोला।
में बोलता रहा ओर थोड़ी देर बाद उसने गेट खोल दिया ओर वो बाहर पोछा लेने गयी तो मेने देखा के नीचे ब्लड पड़ा हुआ था मतलब वो वर्जिन थी अभी तक ओर इसलिए ही उसने मुझे रोका था ओर बस फिर काम खत्म करके वो चली गयी ओर जब वो दूसरे दिन आई तो बहोत धीरे धीरे चल रही थी जैसे दर्द हो रहा हो उसे ओर में भी वेट कर रहा था उसका क्यूकी मुझे पता था की अब वो मना नही करेगी. कभी तो फिर वो जैसे ही कपड़े धोने गयी में बाथरूम मे घुसा ओर उसे बाहर रूम मे ले आया. फिर मेने उसका ड्रेस खोला नही पर उपर कर दिया तो उसके बोब्स दिखने लगे. फिर में उन बोब्स को चूसने लगा वो मना तो कर ही नही रही थी. कुछ भी करने से तो थोड़ी देर बाद चूसने के बाद मैने उसकी नीचे वाली ड्रेस भी उतार दी ओर अपना लंड डालने की ट्राइ करने लगा पर लंड अंदर जा ही नही रहा था।
मुझसे बहुत ट्राइ करने के बाद उसने खुद अपने हाथ से मेरा लंड पकड़ा ओर अंदर डाल दिया जैसे ही मेने अपना लंड उसकी चूत मे डाला उसने आँखे बंद कर ली ओर लंबी सी साँस लेने लगी में चोदता रहा ऐसे ही उसे ओर फिर जब पानी निकलने वाला था तब मेने अपना लंड निकाल दिया ओर जल्दी से बेड से उतर के पानी नीचे ही निकाल दिया ओर फिर वो खड़ी हुई ओर जल्दी से कपड़े पहन के पोछे से साफ़ कर दिया.
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हीजवान नौकरानी को पटाकर चोदा
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जवान नौकरानी को पटाकर चोदा
ब
जवान नौकरानी को पटाकर चोदा
उस समय दिल्ली में रहा करता था. मैं वहां अपनी एक दूर के चाचा चाची के यहां रह कर पढ़ाई कर रहा था.
तब चाचा जी ने अपने छोटे बच्चे के लिए एक नौकरानी लगा रखी थी जो सारे दिन घर पर रहा करती थी.
वह घर का सारा काम करती थी और साथ में बच्चे को भी संभालती थी.
उसकी उम्र 21 साल थी और वह देखने में बहुत ही कामुक शरीर की और अच्छी टाइट सी लौंडिया थी.
जब वह अपना काम खत्म कर कर टीवी देखती थी तो मैं उसको देखता रहता था.
उसको देख कर मेरा लंड हमेशा खड़ा हो जाता था.
मेरी उससे बातचीत होती रहती थी; मैं उसकी पटाने की कोशिश में लगा रहता था.
एक बार चाचा चाची मूवी देखने गए और वो अपने साथ बच्चे को भी ले गए थे.
उस दिन नौकरानी घर पर अकेली थी.
जब चाचा चाची मूवी देखने चले गए तो मैं उसके पास आ गया और उससे उसकी पुरानी बातें करने लगा.
उसके फ्रेंड और उसके बॉयफ्रेंड के बारे में पूछा, तो उसने कहा कि मेरा आज तक एक भी बॉयफ्रेंड नहीं बना.
तब मैंने सोचा कि मैं इसे आज किसी तरह पटा लूँ, तो मजा आ जाए.
मेरे दिमाग में एक आइडिया आया.
वो हॉल में टीवी देख रही थी तो मैं उसके पास जाकर सोफे पर बैठ गया.
मेरा लंड खड़ा हो चुका था.
वो जाड़े के दिन थे, मैंने एक कंबल उठाया और अपने पैर पर डाल लिया.
कुछ पल बाद मैंने धीरे से वो कम्बल उसके पैर पर भी डाल दिया और उसने भी कुछ न कहते हुए कम्बल को अपने ऊपर ओढ़ लिया.
मैंने उससे थोड़ी सेक्स की बातें करना शुरू कर दीं.
उसे भी थोड़ा थोड़ा अच्छा लग रहा था.
मैंने उससे कहा- तुम्हें फिल्म में सबसे अच्छा क्या देखना लगता है?
वो बोली- रोमांस.
मैंने कहा- क्यों?
वो हंस कर बोली- बस अच्छा लगता है.
मैंने कहा- अच्छा वो सब देख कर क्या लगता है?
वो मेरी तरफ देख कर हंसने लगी.
मैंने उसका हाथ अपने हाथ में लिया और सहलाने लगा.
उसने कुछ नहीं कहा.
शायद वो मेरी भावनाओं को समझ रही थी और उसका भी कुछ कुछ मन हो रहा था.
मैं कहा- बताओ न?
वो बोली- बस दिल में कुछ कुछ होने लगता है.
मैंने कहा- कुछ कुछ क्या होने लगता है?
वो बोली- अब ऐसे कैसे बताऊं?
मैंने कहा- जब हीरो हीरोइन को किस करता है, तब कैसा लगता है?
वो बोली- तब तो समझो ऐसा लगता है कि काम ही हो गया है.
ये कह कर वो जोर जोर से हंसने लगी.
मैंने कहा- कैसा काम हो जाता है बताओ न?
ये कह कर थोड़ी देर तक मैं उसका हाथ मलता रहा. उसको मेरी बातें अच्छी लग रही थीं. वो बस चुप थी.
फिर मैंने उससे कहा- मैं तुम्हें एक अच्छी चीज दिखाता हूं, आंखें बंद करो.
उसने वैसे ही किया.
मैंने उसका हाथ अपनी पैंट के अन्दर डाल दिया और अपना लंड उसके हाथ में दे दिया.
उसने आंख खोल कर देखा और वो एकदम से डर गई.
वो बोली- यह क्या कर रहे हो आप?
पर मुझे पता था कि उसको मन ही मन में अच्छा लग रहा है.
मैंने उससे कहा कि तुम्हें हाथ में पकड़ने में मजा नहीं आ रहा क्या?
उसने नाटक किया कि मैं चाचा चाची को सारी बात बता दूंगी.
मुझे पता था कि वह ऐसा नहीं करेगी. उसका मन है, वह खाली मुझे डरा रही है.
मैंने उससे कहा- जिसको बताना है बता देना. मैं तुम्हें प्यार करता हूं. जब से मैंने तुम्हें एक बार सुबह सुबह देखा था, तब से मैं तुम्हारे कामुक का प्यासा हूं. मैं तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहता हूं.
पहले तो उसने यह बात सुनकर नखरा किया कि आपको मैं इतना बढ़िया इंसान समझती थी, आप इतने बुरे निकले.
मैंने उससे कहा- मैं तुम्हारे साथ सेक्स तो करूंगा ही. इस समय मौका भी अच्छा है, तो तुम्हें भी पहली बार सेक्स का मजा मिल जाएगा. मेरा साथ दो और मजा ले लो.
वो धीरे-धीरे शांत हो गई, उसको भी प्यार आने लगा.
उसने मेरे कान में कहा- मैं भी आपसे चुदना चाहती थी, पर मैं चाचा चाची के सामने कह नहीं पाई. मैंने कभी भी सेक्स नहीं किया है, आज मुझे भी सेक्स करना है. पर मेरी एक शर्त है कि उसके बदले में मुझे किसी बड़े से होटल में ले जाकर खिलाना पड़ेगा. मैं कभी बड़े होटल में नहीं गई.
मैंने भी उसकी इस शर्त को सुन कर कहा- जानेमन, मैं उसी होटल में तेरी लूंगा भी और तू जो बोलेगी तुझे खिलाऊंगा भी. तुझे पहले ही बता देना चाहिए था कि मैं तुम्हें देना चाहती हूं, पर तू इतना नाटक क्यों करती है.
फिर उसने कहा- चलो अब तो कह दिया है. बस धीरे-धीरे करना. मेरा पहली बार है.
मैंने उससे कहा- साइड में आ जा.
उसका हाथ एक बार फिर मैंने अपने लंड पर रख दिया और उससे कहा- इसे हिलाओ, मैं तुझे चोदना सिखाता हूं.
उसने पहले धीरे-धीरे किया.
जब मैंने उससे कहा कि जोर-जोर से ऊपर नीचे करो, तब उसने जोर से ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया.
मुझे भी अन्दर से कामसुख की प्राप्ति होने लगी.
मैंने उससे कहा- इसको अपने मुँह से करो.
उसने कहा- घर का मेन गेट बंद कर लो और रूम में चलो.
मैंने कहा- चिंता मत कर … चाचा चाची शाम को आएंगे.
वो बोली- तब भी दरवाजा बंद कर लो.
फिर मैंने दरवाजा बंद किया और उसको अपनी बांहों में उठा कर अपने रूम में ले गया.
उधर मैंने उसके होंठों पर किस किया और उससे कहा- तुझे सेक्स करना था तो इतने नखरे क्यों कर रही थी.
वो हंस कर बोली- तो क्या सीधे लंड पकड़ लेती.
मैंने उसको अपने बेड पर लिटाया और उसके कपड़े निकालना शुरू किए.
पहले उसका टॉप निकाला और उसके बाद उसका पजामा निकाला.
अब उसके बदन पर केवल ब्रा और पैंटी रह गई थी.
उसने मेरी टी-शर्ट को और पैंट को निकाला.
मैं केवल अंडरवियर पहने हुए था.
वो मुस्कुराने लगी और बोली- अब करो न.
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मैंने उससे कहा- सबसे पहले क्या करूं?
उसने कहा- जो आपकी मर्जी हो, जो आप करना चाहो.
मैंने उसकी ब्रा निकाली और उसकी पैंटी को निकाला.
वो पूरी नंगी थी.
मैंने उसको सीधा लिटा दिया.
वो मेरे सामने अपने हाथों को अपनी बुर पर रख कर बुर ढके हुई थी.
मैंने उससे कहा- अपने हाथों को हटाओ.
उसने कहा- मुझे शर्म आ रही है आप पहले लाइट बंद करके आओ.
मैंने उसके सामने ही लाइट बंद कर दी.
उसने मेरी अंडरवियर के अन्दर हाथ डालकर मेरे लंड को बाहर निकाला और उसको हिलाने लगी.
मैंने अपनी अंडरवियर को निकाल दिया.
अब हम दोनों एकदम नंगे थे.
मैंने उससे कहा- अब तुम्हें जो करना है, वह बताओ.
उसने कहा- यह मेरा पहली बार है, मैंने अब तक सिर्फ सेक्सी फिल्म देखी थी.
मैंने कहा- एक बार फिर से देखोगी?
वो हां में सर हिलाने लगी.
मैंने अपने फोन में उसको एक ब्लू फिल्म दिखाई.
उस वीडियो में जैसे-जैसे लड़का लड़की के साथ कर रहा था, वैसे वैसे मैं उसके साथ करने लगा.
मैंने पहले किस से शुरुआत की.
फिर अपने हाथ से उसके बूब्स पकड़ कर मुँह से चूसने लगा, उसके हाथ को बुर से हटाकर अपने लंड पर रख दिया.
मैंने उसको मेरा लंड अपने मुँह में डालने को कहा.
उसने ऐसा ही किया और अब उसको मजा आने लगा था.
मैंने उसको धीरे-धीरे गर्म करना शुरू कर दिया. मैंने उसके बूब्स दबाए और उसका हाथ उसकी बुर पर से हटा दिया, अपना लंड की उसकी बुर के ऊपर रखा और धीरे-धीरे उसको अन्दर करने लगा.
उसके मुँह से थोड़ी थोड़ी आवाज आने लगी.
मुझे यह पता चल गया था कि उसकी आज तक किसी ने भी नहीं ली है. आज उसकी पहली बार चुदाई होने वाली है; वर्जिन मेड सेक्स का मजा मुझे मिलने वाला है.
मैंने उसके हाथों को अपने हाथों में लिए और उसके होंठों पर अपने होंठ रखकर जोर से उसकी बुर में अपने लंड के धक्के मारना शुरू कर दिए.
उसको पहले थोड़ा दर्द होने लगा, वह मरी हुई कुतिया सी आवाज करने लगी.
वो मुझे रोकने लगी- आह मुझे दर्द हो रहा है मत करो.
मैंने उससे कहा- कुछ नहीं होगा. थोड़ा सा दर्द होगा, बाद में मजा आएगा.
वो चुप हो गई और लंड झेलने लगी.
थोड़ी देर में उसको भी मज़ा आने लगा और अब वो गांड हिलाने लगी.
लंड भी मस्ती से बुर की चुदाई में लग गया.
उसने मस्ती भरी आवाज में कहा- थोड़ी जोर जोर से करो.
कुछ दस मिनट तक शॉट मारने के बाद मैं झड़ने को हो गया और लंड बुर से निकाल कर उसके पेट के ऊपर ही अपना वीर्य गिरा दिया.
मैं थक कर उसके ऊपर ही लेट गया.
वह भी मुझसे लिपटकर मेरे साथ ही लेट गई.
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नई नौकरानी
वि
एम
मेरी उम्र 35 साल की है। मेरी शादी हो चुकी है, और मुझे दो बच्चे भी है। मेरी शादी-शुदा जिन्दंगी सही चल रही थी। पर पति के विदेश में नौकरी लग जाने के बाद अब थोड़ा मन ठीक नहीं रहता है।
हमारे घर पर पहले एक बूढ़ी नौकरानी थी, जिनकी तबियत खराब होने के कारण वो काम पर नहीं आती थी। घर का काम ज्यादा होने के कारण मैंने अपने पति से बात की कि कोई और नौकरानी के लिए वह संपर्क करें और उसे घर बुलाएं।
पति का फोन आया उन्होंने बताया कि उन्होंने एक नौकरानी के लिए बोल दिया था, और शीघ्र ही कोई नौकरानी हमारे घर में आएगी। मैं खुश थी, क्योंकि घर का काम खत्म हो जाएगा, और बच्चों को संभालने में भी थोड़ी सहूलियत हो जाएगी।
क्योंकि दोनों बच्चे छोटे थे, तो इसलिए आवश्यक था। सुबह घंटी बजती है। मैं देखती हूं कि सामने एक सुंदर सुशील लड़की लगभग 20 वर्ष की हमारे घर आई हुई थी। मैं पूछी कौन हो तो वो बताती है-
वो: मुझे फोन आया था कि आपके यहां पर मेड की जरूरत है। इसलिए मैं आयी हूं।
मैं उसे अंदर बुलाती हूं और पूछती हूं: तुम्हारा नाम क्या है?
वह अपना नाम रूशाली बताती है और बताती है कि वो घर का सारा काम कर सकती है, और उसका मासिक वेतन ₹10000 होगा।
मैं उससे बोलती हूं: पैसे की कोई कमी नहीं है, मैं तुम्हें 12000 दूंगी। लेकिन तुम्हें घर पर ही रहना होगा।
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इस पर वो खुशी से सहमती जाहिर करती है। रूशाली को देख कर लगता था, जैसे मैं फिर से अपने यौवन को देख रही थी। उसका शरीर काफी सुंदर, सुडोल और मदमस्त था। उसके होंठ गुलाबी थे और इतनी सुंदर थी, कि कोई भी मोहित हो जाए। एक पल के लिए तो मैं भी उस पर आकर्षित हो गई थी।
रूशाली बहुत अच्छा काम करना सीख गई थी, और वह मेरे बच्चों का भी अच्छे से ध्यान रख रही थी। रूशाली से अब मेरी बातें होने लगी, और उससे बात करते-करते एक दोस्ताना सा कायम हो गया था। अब हम लोग खुल कर कोई भी बात कर लेते थे।
1 दिन उसने मजाक-मजाक में पूछ लिया: मालकिन आप बिना चुदे कैसे रह सकती है? चुदाई तो एक आवश्यक चीज है।
मैं शर्मा गई और बोली: धत, पागल है तू। इस पर रुशाली बोली: मैं पागल नहीं हूं। मैंने आपको तड़पते देखा है। मैंने आपको बाथरूम में अपने हुस्न के साथ खेलते देखा।
मैं “धत झूठी” बोल कर चल दी वहां से। लेकिन रुशाली के मन में कुछ और चल रहा था। उसने एक लेस्बियन सेक्स की क्लिप दिखा दी थी, जिसे देख मैं मदहोश हो गई। मुझे रुशाली से लेस्बियन सेक्स करने का मन करने लगा।मैंने प्लान बनाया की कैसे में अपनी नौकरानी को सेड्यूस करु कि वह मुझसे सेक्स करने के लिए आतुर हो जाए।
मैंने पहले बच्चों को सुला दिया, और नौकरानी से कहा: आज मेरे बदन में काफी दर्द है। क्या तुम मेरी मदद कर सकती हैं?
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इस पर नौकरानी ने कहा: हां मालकिन क्यों नहीं। मैं जरूर आपकी मालिश करूंगी।
मैं उसे दूसरे रूम में ले गई, और केवल ब्रा पेंटी में हो गई, और लेट गई। मैंने देखा कि नौकरानी काफी सेक्सी लबालब हो चुकी थी। फिर मैं लेट गई, और वह धीरे-धीरे मालिश करने लगी। मैं पेट के बल लेटी थी, तो वो केवल मेरे पैर और थाई की मालिश कर रही थी। फिर उसने कमर की मालिश की।
उसके बाद उसने कहा: मैडम आपकी उसकी मालिश कर दूं।
मैंने पूछा: उसकी किसकी?
उसने जवाब दिया: आपके पीछे की।
मैं बोली: पीछे तो तू मालिश कर ही रही है।
उसने बोला: मैम मुझे बोलने में शर्म लग रही है।
मैं बोली: शर्मा क्यों रही है? तू तो मेरी दोस्त है, बिंदास बोलो।
उसने बोला: मैम क्या मैं आपकी गांड की मालिश कर दूं। इससे आपकी गांड के मसल में काफी आराम मिलेगा, और आपको बैठने में भी आसानी होगी।
मैंने थोड़ा नाटक किया और बोली: क्या बोल रही है तू, इससे कुछ फायदा नहीं होता है।
नौकरानी बोली: मैम फायदा होता है, करवा लो अपनी गांड की मसाज। आप बहुत रिलैक्स फील करोगे।
मैं: ठीक है चल तू पैंटी के ऊपर से ही मसाज कर दे।
वो बोली: मैम तेल लग जाएगा, पैंटी खराब हो जाएगी। आपकी पैंटी काफी महंगी भी लगती है।
मैं बोली: तेरे सामने नंगी तो मुझे शर्म आएगी।
इस पर वह बोली: मैम अभी आपने कहा कि मैं आपकी दोस्त जैसी हूं। तो फिर किस बात की शर्म? वैसे भी मैं कोई लड़का हूं नहीं, मैं लड़की हूं, और आपको तो बाथरूम में कई बार में नंगी देख चुकी हूं।
इस पर मैं बोली: ठीक है रे, तू इतना कह रही है तो खोल ले पैंटी मेरी और कर ले मेरी गांड की मालिश।
वह बोली: मैम मैं नहीं खोल पाऊंगी। क्योंकि मेरे हाथ में तेल लगा हुआ है।
मैं बोली: देख अब मैं उठूंगी नहीं। जैसे खोलना है खोल ले।
इस पर मेरी नौकरानी थोड़ी सोची, और बोली: ठीक है मैम। मैं अपने दांतो से आपकी पेंटी उतार देती हूं।
इससे मैं एक्साइटेड हो गई।
उसके बाद रूशाली ने मेरी पैंटी अपने दांतों से पकड़ कर धीरे-धीरे नीचे करते हुए उतार दी। मुझे इसका बहुत मजा आ रहा था। अब उसने धीरे-धीरे मेरी गांड की मालिश करना शुरू कर दिया।
बीच-बीच में वह मेरी गांड पर थप्पड़ भी मार रही थी। जिसका मुझे बहुत आनंद आ रहा था। फिर उसने मेरी गांड को जबरदस्त तरीके से मसला, जिससे मेरी चूत से पानी निकल गया।
वो जब गांड से हाथ फेरते हुए चूत पर गयी तो वह समझ गई, और वो भी गरम हो गई। फिर क्या था, उसने नया रूप दिखाया।
वो सीधा बोली: साली बहुत पवित्र बनती है और चूत से पानी छूट रहे है तेरी।
मैं उठी, उसे एक थप्पड मारी और बोली: साली ज़ुबान संभाल के बोल। भूल मत तेरी औकात क्या है।
उसके बाद नौकरानी गुस्सा हुई और मुझे बिस्तर पर पटक दिया। फिर मेरे बाल पकड़ के मेरा लिप चूसना शुरू किया। मैं मदहोश हो गई, और अपना नियंत्रण उसे सौप दिया। उसके बाद उसने मेरी ब्रा खोली और मेरे बूब्स चूसे और कही-
वो: साली तेरे तो मस्त है। तू तो माल है। पता नहीं तेरा पति किस चक्कर में पड़ा है? फिर उसने मेरा दूध पिया और मुझे मस्त कर दिया। उसके बाद उसने अपने कपड़े उतारे, और अपने बूब्स चुसवाए, लेकिन अपनी चूत नहीं चाटने दी। उसके बूब्स एक-दम मस्त थे बिल्कुल फूले हुए।
उसने मुझे फिर बेड पर पटका और मुझे बोली-
वो: आज तुझे अपनी रांड बनाउंगी साली कमीनी। आज के बाद तू मेरी रांड है।
मैं बोली: गाली मत तो।
उसने मुझे कुतिया बनाया, और बोली: चुप चाप बैठ ऐसे ही।
मैं वैसी ही बैठी रही। फिर उसने मेरी चूत में पीछे से कुछ डाला।
मैं बोली: क्या है ये रूशाली?
उसके बाद उसने मेरे बाल पकड़ कर दो-चार शॉर्ट लगाए और बोली: आज से मैन मालकिन तू नौकरानी, समझी? और तू मेरी रांड है। बोल मालकिन मुझे।
फिर मैं बोली: मालकिन ये क्या डाला है?
इस पर वो बोली: ये स्ट्रैप ऑन है तुझे मजा आएगा।
और कस कर शॉर्ट लगाया। मैं मालकिन चिल्लाई।
वो बोली: रांड थोड़ा सब्र कर, मजा आएगा।
थोड़ी देर बाद काफी मजा आने लगा, और उसने सभी पोजिशन में मुझे चोदा। चुदाई खत्म होने के बाद उसने बोला-
वो: चल इस कृत्रिम लंड को चाट।
मैं उसे खूब मस्ती से चूसी।
ऐसे करते हुए पूरे दिन उसने कई बार मुझे चोद कर अपनी रांड बना लिया।
इस घटना के बाद मैं नौकरानी और वो मालकिन बनी रहती, और पूरे घर का काम भी मुझसे करवाती।
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