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Adultery मम्मी बन गई विधायक की रखैल
#1
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#2
तब में अठबी कक्षा में पढ़ता था । बड़ों की आचार समझने लगा था मेरे पापा दुनियादारी धीरे धीरे समझ आ रहा था मुझे भी । पापा की अच्छी नौकरी छुट्ट गई उनकी गुस्से की वजह से । उन्होंने अपनी सीनियर की कॉलर पकड़ के पिट दिया था । मम्मी प्राइवेट कॉलेज में क्लर्क की साधारण नौकरी करने लगी । पापा की आदत बिगड़ने लगे पापा सराबी और जुवारी बन गए । मम्मी बोहोत परेशान हो गई थी पापा को ले कर पापा को बोहोत सुधारने की और समझने की कशिश करती थी मम्मी ने ।





पापा ने अपनी बुरी आदत से मजबूर हो कर विधायक से भारी रकम उधार ले कर जुवा खेला । और जिस वक्त पापा ने उधार लिया था उस वक्त वो नशे में थे विधायक ने शर्त रखी थी की अगर पापा सूट समेत पैसा समय पर नही लौटा पाए तो पापा के सामने ही पापा की बीवी यानी मेरी मम्मी को चोदेंगे आए पापा गर्मी में हा भी कह दीया था।




समय बीत गया लेकिन पापा समय पर पैसा लौटा नही पाए। पहले विधायक दो बार हमारे घर आ कर पापा से पैसा मांग के गए थे शरीफ अंदाज़ में ही पर पापा फिर भी लौटा नहीं पाए । बेहर हाल विधायक के गुंडे आ कर धमकाने लगें । बाहर लोगो पता चल चुका था पीठ पीछे तरह तरह की बाते उछलने लगी । मम्मी ने अपनी गहने अपनी सेविंग्स से धीरे धीरे एक चौथाई उधार चुकाया लेकिन वो बोहोत कम था ।



मम्मी पापा को टोकती थी अब । वैसे प्यार भी करती थी पर कभी कभी मम्मी को सहन नही होता तो पापा को दोष देती थी और दोनो के बीच जगरा होता था । मम्मी को पता चल गया था की पापा ने किस शर्त पर पैसा उधार लिया था तब मम्मी और भी गुस्सा हो गई । विधायक इसी शर्त को पूरा करने के लिए हमारे घर आते थे पर मम्मी कभी नहीं मानती थी विधायक की शर्त को और पापा भी विधायक से इस बात पर लड़ जगड़ते थे की उसवक्त वो नशे में था । मम्मी विधायक को उल्टा दोष देती थी की उन्होंने ही पापा को शराब पिला कर अपनी मन मर्जी करी है। मम्मी भी विधायक को धमकी देती थी की अगर विधायक मम्मी के साथ कोई जबरदस्ती की तो वो सिक्युरिटी कंप्लेन कर देगी विधायक भी अपनी इतज्जत को ले कर डरता था लेकिन था बोहोत धीत्त मम्मी का पीछा नहीं छोड़ता था ।





एक दिन पापा की बाइक का एक्सीडेंट हो गया। हॉस्पिटल से खबर आया की पापा हॉस्पिटल में एडमिट है। मम्मी और में जल्दी से हॉस्पिटल चले गए । पापा चोटील थे और डॉक्टर ने कहा की पापा कभी चल नहीं पाएंगे।
मम्मी को एक फोन आया जिसमे में विधायक ने धमकी दी की अगली बार तेरा बेटा हॉस्पिटल की बिस्तर पर पड़ा होगा और क्या पता मुर्दा घर पर भी हो ।



मम्मी कोने में जा कर खूब रोई और कुछ घंटे बाद मम्मी ने विधायक को फोन कर के बता दिया की मम्मी को मंजूर हे।
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#3
कुछ दिनों बाद पापा हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हो घर आ गए । व्हील चेयर पर ही उनको अब पूरी जिंदगी बितानी थी। एक दिन विधायक ने मम्मी को अपनी पुरानी हवेली पर निमत्रण दिया। मम्मी मजबूर थी वो भी चाहती थीं को इस आचार से उसे मुक्ति मिलेगी जो सारे परेशानी खतम हो जायेगी किसी तरह एक रात ही तो बिताना हे अब रहा ही क्या हे जिंदगी में सारी खुशियां तो लूट ही गया ।



उस दिन मम्मी शाम को तैयार हुई मैने और पापा ने पुछा मम्मी से पुछा तो मम्मी ने हमे बोला की वो शहेली की घर पार्टी एटेंट करने जा रही हे । पापा बोला की बेटे को भी साथ में ले के जाओ। मम्मी माना नही कर पाई वो नही चाहती थी पापा को किसी प्रकार का सक्क हो तो वो मुझे भी ले के गई।


रास्ते में मम्मी मुझे समझाती है की उसने पापा को जूठ बोला है वो विधायक की हवेली जा रही हे कर्जे को ले कर कुछ बात करने पापा को इसलिए नेही बताई की वो अब टेंशन लेने की हालत में नही है मुझसे वादा लिया की पापा को न बताऊं ।



कुछी देर में मम्मी और में हवेली पोहोच गए । पुरी हवेली पर विधायक अकेला था और दो नौकर थे । विधायक ने मुझसे प्यार से बोला की " तेरी मम्मी और हम कुछ अहम बात करते है ऊपर तुम यही रहो टीवी है तुम हवेली भी घूम सकते हो किसी चीज की जरूरत हो कुछ खाना पीना हो तो इनसे मांग लेना" अपनी दोनो नौकर को भी बोला मेरा खयाल रखने ।


विधायक मम्मी को ऊपर की फ्लोर पर ले गया । में क्या करता किसी अनजान की घर पर भीगी बिल्ली कि तरह ही बन गया था कुछ देर टीवी देखा । पर मेरा ध्यान था की ऊपर मम्मी और विधायक क्या बाते कर रहे होंगे ।



नौकर मेरे लिए नाश्ता ले कर आए पर मेरा मन नही था । में ऐसे ही हवेली घूमने लगा और याद की मम्मी और विधायक कहा होंगे तो में ढूंढने लगा । घूमते घूमते एक कमरे की अंदर से कुछ आवाज सुनाई दी तो मुझे लगा इसी कमरे पर मम्मी और विधायक होंगे । दरवाजा धीरे से धक्का दिया पता लगा की अंदर से बंद है। मेरा माथा टंका मम्मी और विधायक दरवाजा बंद कर के क्या बाते कर रहे है।



मेरी जिज्ञासा बढ़ती गई अंदर क्या हो रहा हे देखने का मन मचलने लगा । भाग्य से कमरे की दूसरी तरफ खिड़की का एक पलड़ा हल्की सी खुली थी तो मैने अंदर देखा और अंदर की नजारा देख कर असंभित हुआ।

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मम्मी ग्रीन कलर की ब्रा पेंटी में बिस्तर पर लेटी हुई थी । विधायक भी नंगा हो रहा था । ये सब देख कर मुझे भी समझ आ गया की मम्मी जिस्म का सौदा करने आई है।


पहली बार मम्मी को नंगा देख पा रहा था । उम्मीद नही थी इसकी वो भी किसी पराए मर्द की बिस्तर पर। में भी जवान हो रहा था उम्र ही बेकाबू होने की थी में भी मम्मी की नंगी जिस्म को वासना की नजर से देखने पर मजबूर हो गया था ।



मम्मी थी ऐसी एक दम गोरी चिट्ठी मुलायम त्वचा गदराई हुई हल्की चर्बीदार सुगठित बदन । विधायक नंगा हो गया था वो मेरे पापा की उम्र का ही था । मुझे उस इतना नही पता था की मर्दों का लन्ड कितना बड़ा होता है विधायक का खड़ा लन्ड बोहोत बड़ा लग रहा था में अपने लंद से विधायक का लंद को तुलना कर रहा था की मेरे से तो तीन गुना बड़ा ही होगा। तरह तरह विचार आ रहे थे मेरे बदन में भी जवानी का सुरूर दौड़ने लगा जो भी हो मुझे भी देखने में मजा आ रहा था ।



विधायक बिस्तर पर चढ़ गया मम्मी की टांगे छु कर कहने लगा " क्या माल हो तुम । तुम्हे पाने के लिए क्या नही किया मैने। "



मम्मी दोनो हाथों से अपना चेहरा छिपा कर रखी थी । विधायक ने मम्मी की जांघ सहलाते चूमते हुए मम्मी की पेंटी उतार दिया। मैने देखा की मम्मी इतनी गोरी थी की मम्मी की चूत भी गोरी गुलाबी थी । विधायक मम्मी की गुलाबी चूत चाटने लगा । स्वाद ले कर मम्मी की चूत चाटता रहा मम्मी की प्रतिक्रिया नही दे रही थी । फीर विधायक मम्मी की मखमली पेट चूमते हुए मम्मी की ब्रा उतार दिया और मम्मी की दोनो चूचियां दोनो हाथो से मचलते हुए चूसने लगा मम्मी तब भी मुंह छुपाए हुए थी ।



विधायक उठा और मम्मी की टांगे फैलाई अपनी लन्ड पर तेल लगाया फीर धीरे धीरे मम्मी की गुलाबी चूत पर टिका कर धीरे धीरे घुसा दिया । मम्मी तब मुंह दोनो हाथों से दबा कर आंखे भींच ली । विधायक धीरे धीरे कमर हिलाते हुए मम्मी की दोनो हाथों की उंगली फंसा कर दोनो तरफ से कुत्ते की मुद्रा में धीरे धीरे चोदने लगा । मम्मी आखें बंद कर चुप चाप पड़ी हुई थी मगर कभी कबर बीच बीच में मम्मी का चेहरा दर्द से तड़पती हुई दिखाई देती थी । में समझ गया की विधायक का लन्ड कुछ ज्यादा ही बड़ा है खेली खाई चूत पूरा निचोड़ रहा था ।


विधायक मम्मी को हवासी व्यश्यि नजरिए से देख देख कर चोद रहा था । उनका काला मोटा लन्ड मम्मी की गुलाबी चूत सारों और रबर की तरह फैला कर घुसते हुए दिखाई देने लगा मुझे ।





समय बीत रहा था मेरा हाथ भी अपने लंद को मसलने पेंट के अन्दर घुस चुका था । मैने देखा की कुछ 10 मिनिट के बाद मम्मी की माथे पर पसीना बूंद रही थी उनकी सासों की गर्मी और गति बढ़ती नजर आई । बंद आखों में वो लज्जता की कसक मुझे नही दिखाई दे रहा था वल्कि काम क्रीड़ा की भाव उनकी बंद आखों में दिखाई दे रहा था ।



और अगले कुछ समय बाद मैने देखा और सुना । पूरे कमरे में मम्मी की मुंह से निकली हुई आवाज आह्ह्ह्ह्ह उन्ह्हह्ह ओन्हहहह की आवाज गूंज उठी । मम्मी पहले तो एक भी आवाजे नही कर रही थी मगर अब आवाजे खुल कर निकाल रही थी और आखें खोल के विधायक की आखों पर देख भी रही थी । अचानक मम्मी भी विधायक की उंगलीयौ में मुट्ठी कसने लगी और तेज़ तेज़ आवाज़ निकाल रही थी ।



विधायक जोश दिखाते हुए पट पट के धक्का मारने लगा और बोलने लगा " ले साली ये ले और ले "



मम्मी की बदन कांपने लगी कमर अपने आप ही ऊपर को उठने लगी अंत मे मम्मी तेज कर्राहट से शांत हो गई विधायक भी झटके मारना बंद कर के मम्मी की चूची सहलाने लगा।



विधायक बोला " लगता हे काफी प्यासी थी चल उल्टी गिनती जा "



विधायक मम्मी की चूत से लन्ड निकाल के अलग हुआ तो मम्मी पहली बार बोली बिनती करती हुई " नही में और नही कर सकती"


विधायक मम्मी को उल्टी कर दिया पेट के बल " चल साली नखरे मत कर चुदने आई है तो ढंग से चुदवा कुटिया" मम्मी की उभरे हुए गांड पर दो थप्पड़ लगाए ।


मम्मी आ आ कर चीख उठी और बोली " नहीं सच में मेरा मन नही है समझिए प्लीज कसमसेकम थोड़ा रेस्ट दीजिए मुझे "



मगर विधायक नहीं सुना और मम्मी की पेट के निचे तकिया रख के मम्मी की कमर ऊपर उठाया फीर मम्मी की टांगे फैला के मम्मी की चूत पर लन्ड टीका के डालने लगा इस आसन में उन्हे लन्ड चूत पर निशाना नहीं लगा पा रहा था मम्मी की बड़ी गोल मोटल गांड परेशान कर रहे थे मगर फीर उसने कशिश कर के सफलता हासिल कर के मम्मी की चूत में लंद डालते हुए मम्मी की पीठ के ऊपर चढ़ गया। मम्मी नहीं नहीं करती हुई आन्ह्ह्ह्ह्ह माह्ह्हह्ह कर के कराह उठी।



विधायक मम्मी गर्दन अपनी बलशाली बाहूपेश में घेर के चोदने लगा विधायक की बड़ी चौड़ी जांघ और मम्मी की बड़ी गांड7टकराने की आवाज गूंज उठी ऊपर से मम्मी की कराहट । मम्मी अपनी हाथ पीछे कर के विधायक की कमर पकड़ के बोल रही थी " आन्ह्ह्ह्ह नहीं आराम से प्लीज आराम से आन्ह्ह्ह्ह्ह आराम से प्लीज "


विधायक बोला " आराम से साली बोहोत घुमाया तूने अब तेरी यही सजा हे साली भर्ता बना दूंगा आज तेरी चूत कुटिया । क्या बोली थी तूने कुत्ता भी मेरे साथ नही सोएगा अब बोल कौन मेरी बिस्तर पर सो रही हे साली लिटा उठा हर तरह से लूंगा क्या खुश्बू हे टेरी बदन की मजा आ गया चूत का भी अच्छा खयाल रखा हे टाइट हे कुटिया "



विधायक मम्मी की गाल चूम कर ठप ठप कर झटके मार रहा था और मम्मी हिनहिना रही थी सर पटक रही थी । मम्मी बर्दास्त से बाहर हो कर बोली " ठीक हे एक मिनिट में माना नही कर रही थी एक मिनिट "



विधायक रुक गया " क्या हुआ"


मम्मी बोला " उठो आप पहले । में माना नही कर रही बस उठो तो " विधायक उठ गया और मम्मी पीठ के बल लेट गई ।
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#4
वाह दोस्त, मम्मी को विधायक से चुदवा दिया / मजा आ गया अब बेटे से भी चुदवा दो तो मम्मी और बेटे दोनों को मजा दे दो ...आःह मम्मी //
// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
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