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कामुक लघु कहानियाँ
#1
भाइयों होली पर अगर किसी को रगड़ रगड़ कर रंग लगा कर   
 फिर लंड नहीं लगाया तो फिर क्या लगाया।

होली पर देवर और भाभी की मस्ती जग जाहिर है क्योकि भाभी का वर तो किसी ओर का देवर बन कर मस्ती कर रहा होता है और उस भाभी के गुलाबी बदन पर गुलाल उसकी सास ले लाल लगा रहे होते है

मेरी उम्र 25 साल ,मेरा भी मन होता है किसी भाभी को रंग के बहाने लंड लगाऊं, पर मेरी किस्मत खराब कोई भाभी ही नहीं ना ही कोई रिश्ते में लगती है।।।

पर इस होली पर मैंने हल्की से भांग पी ली और मुझे भाभी तो नहीं पर दोस्त की माँ के साथ होली खेलने का मौका मिल गया और रंग भी लगाया औऱ लंड भी लगाया ।


कैसे ? यही तो कहानी है जान ने के लिए इंतजार करिये

आप अपने सुझाव भी दे सकते है  इसको मॉडिफाई किया जा सकेगा ।

Option

1. बेटे के सामने
2. पति के सामने
3. अकेले में

आप क्या चाहते है ?

Reply करे ।
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#2
Option 2
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#3
Please , bataye ki aap kis ke samne holi ka maza lete hue us aunty ko dekhna chahte hai... Apke reply ka wait aaj tak hi hoga fir story ko kal post kar diya jayega..
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#4
तो दोस्तो जैसा कि हम सबको पता है कि होली में रंग लगाने के लिए सामने वाले को टच तो करना ही पड़ता है और उसको रंग लगने से बचना होता है इसलिए ही इसको होली खेलना बोलते है तो सिरु करते है इस रंग के खेल को चुदाई के खेल तक कैसे पहुँचाया।


मेरी उम्र 25 साल , चार गर्लफ्रैंड को चोदने का अनुभव रुको रुको गर्लफ्रैंड का मतलब ये बिल्कुल नही है कि सिर्फ लड़की ही चोदी हो , लड़की थी तब सिर्फ मसला मसली हुई पर चुदाई हुई उनकी शादी के बाद पर एक शादी से पहले ही अपना कौमार्य भंग मुझ से करा चुकी थी।।।और शादी के बाद उसका एक भी छेद ऐसा नहीं रह जहां उसने मुझ से मेरा  लंड ना लिया हो ।

 तो ये तो रहा मेरा चुदाई का अनुभव।

अब थोड़ा दोस्त व उसके परिवार के बारे में जान लेते है जिस से आपको सभी दृश्य क्लियर हो जाये।

दोस्त का घर मेरे घर 5 मिनट की दूरी पर है पर उसके गजर के आप पास के कम ही घर है मतलब उसके बगल के दोनों प्लाट खाली है उसका घर 2 मंजिला है और छत पर एक रूम भी है  दोस्त की फैमिली में अभी उसका बुड्ढा बाप ( सौतेला)  जवान मां और मेरा दोस्त जो कि 21 साल का है इसके अलावा उसकी बहन जो कि उस से 3 साल बड़ी और मेरी सहपाठी और साथ साथ गर्लफ्रैंड जिसकी शादी 1 साल पहले ही हो चुकी है,

 इस दोस्त का बाप ज्यादातर अपने गांव में ही रहता है और मेरा दोस्त व उसकी माँ दोनों ही मेरी कॉलोनी में रहते है ।।।

तो अब आते है मुद्दे की बात पर।

होली के दिन मैंने हल्की सी भांग पी ली और कुछ भाभियों को अपने जिस्म को मसलवाते देख कर मेरे भी लंड में मरोड़ उठने लगी ,

मैंने दोस्त को फ़ोन किया क्योंकि उसकी छत वाले रूम में हम दोनों कई बार पोर्न देख चुके थे उस में उसमें स्टडी रूम बनाया हुआ था। मैंने बोला तैयार रहना आ रहा हूँ होली खेलने।। वो बोला कि मैं घर पर हूँ ही नही इतने में पीछे से उसकी मां की आवाज आ गयी , मैं बोला साले घर ही तो है रुक में आया ( असल में ये मेरा साला भी था क्योंकि इसकी बहन मेरी gf थी और इस चक्कर में ही मैंने इसको मेरा दोस्त बनाया था )

थोड़ी देर बाद घर पहुँचा तो देखा बाहर हॉल में मेरे दोस्त का बुड्ढा बाप एक हाफ लेके बैठा हुआ था जो कि लगभग खत्म हो गया था।

मैंने जाते ही उनको प्रणाम किया और उनके रंग लगा कर पैर छुए।।।

उन्होंने मुझे वाइन आफर की । मैंने कहा आप लो अंकल मैं नहीं लेता,

उसने बताया कि वो फुल हो चुका है , मैंने उसके बेटे के बारे में पूछा तो वो बोला अभी तो यही था,

उसने अपनी धर्मपत्नी को आवाज लगाई - सुनो , कामिनी , रोहित आया है, इसको कुछ खाने को ले आओ ये पी तो रहा नहीं है होली खेलने आया है मयंक किधर गया।

आयी , और आप नहा लो अब अगर आपकी दारू खत्म हो गयी हो तो शाम होने को आई है।।

थोड़ी देर बाद व्व आंटी हॉल में आई उसको देख कर मेरा मुँह खुला का खुला रह गया क्या लग रही थी बाल खुले हुए आगे को हो रखे थे गीले बालों की वजह से उसका उसका ब्लाउज गीला हो कर उसकी ब्रा का कलर दिखा रहा था, साडी कमर से काफी नीचे थी , आंखों में हवस दिख रही थी।। मैं उसके ब्लाउज में कैद स्तनों को ही देख रहा था।।

जब वो मेरे नजदीक आयी तो मैंने उस से भी पूछा कि मयंक कहाँ है तो वो बोली व्व तो तुम्हारा फ़ोन आते ही मुझे बोल कर घर से बाहर चला गया।।

अब वो बिल्कुल मेरे नजदीक आ गयी तो मैंने झुक कर उसके पैर छू लिए ,

उसने बोला अरे अरे ये क्या कर रहे हो इतनी बुड्ढी भी नही हुई हूँ मैं की तुम मेरे पैर छुओ।।।

पहली बात तो तुम आंटी बोल रहे हो ये भी मुझे पसंद नहीं है पर मेरे बेटे के दोस्त हो तो चलो ये तो चल गया ,

अब मैं भी कहाँ पीछे हटने वाला था मैं भी मौके का फायदा उठाते हुए बोला हां पर आपको भाभी जी तो बोल नहीं सकता पर हो आप देखने में  भाभी जैसी ही लगती है ।

अंकल की वजह से आपको आंटी बोलता हूं वरना मैं तो भी ही बोल लूं अगर आप बोले तो

ये सब बात तब हो रही थी जब दोस्त का बुड्ढा बाप रूम में चल गया था।

आंटी - तो बोल लिया करो किसने मना किया है ।।।

मैं - अच्छा तो फिर आज से ही सिरुआत करता हूँ।

ये बोलते ही मैंने अपने हाथों में गुलाल ले लिया और उसको लगाने के लिए आगे बढ़ा वो बोली-

नहीं नहीं अभी तो नह कर निकली हूँ अब मत लगाओ प्लीज ।

ये बोलते हुए वो अपने पति वाले रूम में भाग गई ।

मेरे अरमान जो 2 मिनट पहले उसके बदन को देख कर जागे थे वो अब ठंडे हो गए क्योकि उसके पति की उपस्थिति में , मैं कुछ नही कर सकता था,

पर हुआ कुछ अलग ही अंकल ने उसको पीछे से पकड़ लिया और बोले - आ रोहित लगा रंग ,

मैं झट से आगे बढ़ा और उसके स्लीवेलेस ब्लाउज से झांकते हुए उसके हाथों पर रंग लगाया।

अंकल - गालों पर लगा इसके रोहित,

आंटी- नहीं नहीं प्लीज गालों पर नहीं ।।। रुको रुको में लगवा रही हूं।

आप तो छोड़ो खुद से तो कुछ होता नहीं है दूसरों से लगवा रहे हो।।।

अंकल ने आंटी को थोड़ा था ढीला छोड़ा तो वो उन से छुड़ा कर ओर उनको बेड पर धक्का दे कर दूसरी तरफ से निकल कर बाहर चली गयी।।

मैंने अंकल को उठाया , अंकल लगी तो नहीं ,

नहीं बेटा नहीं लगी इस को छोड़ना मत आज लगा कर ही जाना , मुझे थोड़ी ज्यादा हो गयी है ।।।वरना मैं तेरी हेल्प करता।।

मैं बोला कोई नहीं अंकल आज आंटी को रंग लगा कर जरूर जाऊंगा।।

मैं बाहर आया तो मुझ पर एक बाल्टी पानी बाथरूम की तरफ से आया , मुझे समझते देर ना लगी क्योंकि जो अंदर हुआ कि कैसे उस भाभी ने अपने पति को धक्का दे दिया उसके जिस्म की गर्मी को अंकल शांत नहीं कर पाते है तभी तो बोली कि खुद से तो कुछ होता नही है और आज इसको जरूर कुछ करवाना है। तभी तो मुझ पर पानी फेंक कर बताया है कि वो बाथरूम में है।

मैं झट से बाथरूम मैं घुस गया ,

वो फिर से वही बोलने लगी प्लीज मुँह पर मत लगाना

और मेरी तरंग पीठ कर के झुक गयी , आ  उसकी गाँड़ पर उसकी साड़ी इतनी कस गयी कि उसकी पैंटी का शेप भी दिखने लगा।।। मैं उसके पीछे गए और उसको मुँह पर रंग लगाने के बहाने उसको पीछे से दबोच लिया अब मेरा लंड उसकी गाँड़ पर रगड़ खाने लगा,

वो बच तो रंग से रही थी पर लंड उसकी गाँड़ पर लग चुका था , मेरा लंड उसकी गाँड़ पर मुँह उसकी नंगी पीठ पर था।।

जब उसको लगा कि ये लंड मेरा गाँड़ पर ही रगड़ रहा है तो उसके हिलते हुए नल चला दिया जिस से वो पूरी भीग गयी और साथ ही साथ मैं  भी ।
अब उसके अन्तः वस्त्र भी दिख रहे थे।


[Image: 661636a8e73b0.jpg]


वो मेरी तरफ देखी तो उसकी आँखों में मुझे निमंत्रण दिखाई दिया, शॉवर का हल्का हल्का पानी उसके सिर से गिर कर उसके गुलाबी होठों को और ज्यादा कामुक औऱ उत्तेजक बना रहा था ।।मेरा सब्र का  बांध टूट गया और उसको बाहों में भर लिया, उस ने भी कोई विरोध ना करते हुए चिपक गयी, मेरे हाथ उसकी भारी भरकम गाँड़ पर थे और उस  को कस कर दबोच रहे थे

उसके बड़े बड़े बूब्स जो कि उसके भीगे ब्लाउज से पूरे के पूरे दिख रहे थे पर उसका ब्लाउज उनको रोक भी नहीं पा रहा था।

मैंने उन पर अपना मुँह रख दिया और उन पर बह रहे पानी को चाटने लगा, उत्तेजना से वो सिसकी लेने लगी, कोई विरोध नहीं था,

मैं उसके गीले जिस्म को चाटता हुआ नीचे की तरफ गया और उसकी गहरी नाभि में मेरी जीभ घुसा दी , वो आंखे बंद कर अपने गुलाबी होंठ अपने दांतों में दबा कर व एक हाथ मेरे सिर पर और एक हाथ से अपना स्तन दबा रही थी,

मैंने भी उसकी नाभि चाटते हुए उसके पेटीकोट से उसकी साड़ी निकाल दी अब वो सिर्फ पेटीकोट में थी जो कि उसकी केले के तने जैसे चिकनी जांघो पर चिपका हुआ था।

 फिर मैं खड़ा हुआ और उसके होठों को चूसने के लिए जैसे ही मुँह बढ़ाया तो शर्म कर पलट गई अब उसकी पीठ जो कि उसके कसे ब्लाउज से बाहर निकलने को हो रही थी उस पर ब्लाउज की डोरियों से कैद थी।

मैंने मेरा एक हाथ उसकी योनि की तरफ ले गया और दूसरा उसकी गर्दन पर था लंड उसकी गाड़ पर दस्तक दे रहा था और मैंने मेरे मुंह से उसकी ब्लाउज की डोरियां खोल दी।।। अब वो सिर्फ ब्रा में मेरे सामने थी ,

खुद उसने अपने आप का खुला ब्लाउज उतार दिया और ब्रा के हुक मैंने खोल दिये ,

उसके दोनों बूब्स मैंने अब दबोच लिये ओर जोर जोर से मसलने लगा।। उसके मुंह से कामुक सिसकारियां निकलने लगी।

उसकी इन सिसकियों से मैं अपने ऊपर कंट्रोल नहीं कर पा रहा था तो मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया और उसकी गाँड़ पर साड़ी के ऊपर से ही रगड़ने लगा।।

फिर उसका एक हाथ मैंने दीवार से हटा कर मेरे लंड पर रखवाया , जैसे ही उसने मेरा लंड अपने हाथ में लिया व्व एक दम से पलट गई और बोली -  इतना मोटा और लंबा , और अपनी जीभ अपने होंठों पर फिराने लगी,

मैं - जी भाभी जी आपके लिए ही है,

अच्छा रंग लगाने आया था तो आंटी और अब लंड लगाने के बाद भाभी, ये बोलते हुए वो मेरा लंड अपने हाथ से मुठियाने लगी, जिसकी वजह से उसकी चूडियों की खनक से बाथरूम गूंज रहा था,

मैं बोला-  अब आंटी बनो या भाभी , एक बार इस को ले कर देखो , पति बना लोगी,

पति सुनते ही आंटी को याद आया कि गेट खुला हुआ है और पति घर में ही है,

ये सब कुछ सिर्फ 15 मिनट में ही हुआ था।।

वो बोली -  रुको अभी आती हूँ , वो भी घर में है याद नहीं रहा तुमने मुझे इतना गर्म कर दिया कि एक शादीसुदा दो बच्चों की मां भी बहक गयी,


इतना बोल कर वो भीगी  हुई  ही और बिना ब्लाउज के ही अपनी साड़ी को अपने वक्षस्थल पर ढक कर पति के पास गई।

उधर वो अपनी बीबी को इस रूप में देख कर बोला- लगवा लिया रंग, साली इतनी देर से बाथरूम में जवान लड़के के साथ है अब तक तो लंड लगवा लेती,

दोस्तों यहां बता दूं , उस अंकल ने कई बार अपनी बीबी को अपने फायदे के लिए अपने दोस्तों से होटल में चुदाई करवाई हुई थी, क्योकि उसको पता था कि वो जवान औरत है और उसकी उम्र ढल चुकी थी , उसकी चूत की आग को शांत करने की उस अंकल के बस की बात नही थी और व्व नहीं चाहता था कि उसकी बीबी एक रंडी बन कर किसी से भी चुदती रहे, तो उसने अपने सामने ही ओर अपने फायदे के लिए ही उसको चुदाना ठीक समझा, उधर ये आंटी भी अपने जिस्म की आग सांत करने के लिए राजी हो गयी थी ।। व्व एक अलग कहानी है व्व कभी ओर। अभी आते है इस स्टोरी पर।

आंटी- ये देखो क्या क्या किया है उसने , मसल डाला मेरे जिस्म को ,  बहुत दिनों बाद कोई मिला है इतना जवान, तुम बैडरूम में हो वरना उसको यहीं खींच लाती और अगर ज्यादा देर रुकती तो अब तक वो अपना हथियार मेरी इस वर्षों वसे प्याशी चूत में घुसेड़ देता।।

अपनी बीबी की चुदाई कराते कराते ये अंकल अब cuckold बन चुका था, इसको अपनी बीबी की चुदते देख कर मज़ा आता था और इसका सिथिल हुआ लंड भी हरकत में आ जाता था,

अंकल- तो चुद ले ना इस बेड पर ही , मैं तो नसे में हूँ उसको लगेगा कि बेहोश हुन सो रहा हूँ,

आंटी - वो नया लड़का है , वो हिम्मत नहीं दिखा पायेगा एक पति के सामने उसकी पत्नी की चुदाई करने की।

कोई नहीं तू ऊपर वाले रूम में चली जा और अपनी चुदाई वहां पर करवा लें पर गेट खुला रखना । मैं तुम दोनों को रंगे हाथ पकड़ने का नाटक करूँगा, फिर उसको बोलूंगा अब चोद मेरे सामने,

फिर वो तेरी चुदाई मेरे सामने ही करेगा।।।


To  be  continued
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#5
ठीक है मैं जा रही हूँ, ये बोल कर वो फिर से कड़क और लंबे लंड के मालिक जवान लड़के के पास पहुँच गयी,

वो दुबारा आई है तो चुदा कर ही रहेगी ये सोच कर मैंने उसको फिर से दबोच लिया,

आंटी-  रुको रुको ये क्या कर रहे हो आपके अंकल दारू तो पिये हुए है पर पूरे होश में है, और मुझे बड़ी मुश्किल से छोड़ा है , वो भी तेरी तरह पागलपन दिखा रहे थे, तो मैं बोली   - अभी आयी रोहित को भेज कर,  और अगर अभी नहीं गयी तो वो आ जाएंगे औऱ इस हालत में देख लिया तो तुम्हारा ये खड़ा हुआ लंड फुस्स कर जाएगा ( रोहित के लंड को मसलते हुए बोली)

रोहित उसकी गाँड़ पर हाथ रख कर बोला- आपकी इस मस्त गाँड़ को मारने के लिए ये हमेशा ही खड़ा रहेगा चाहे आपका पति आये बेटा आये या फिर बेटी।

आपके पति की हालत तो मुझे पता है इस उम्र में खड़ा होता नहीं होगा, वो क्या आपको चोदेगा, अगर खड़ा हो भी गया तो आपकी इस चूत की प्यास नहीं बुझा पायेगा -  उसकी गीली चूत को गीले पेटीकोट के ऊपर से मसलते हुए बोला।

आंटी- अच्छा तो मेरे  पति के सामने भी चोद डालोगे मुझे , इतनी हिम्मत हैं तुम में?

रोहित- चलो ना , वहीं घोड़ी बना कर पेलता हूँ ,

ये सुन कर आंटी बाथरूम से बाहर निकल गई।

ये देख कर मेरी गाँड़ एक बार को फटी की ये तो सच में ही जाने वाली है , मैं जोश जोश में बोल दिया था पर डर तो था ही।

मैं जैसे ही बाहर आया वो झट से सीढ़ियों की तरफ गयी और ऊपर चली गयी।

मैं समझ गया कि ये चुदने को बेताब है पर पति का डर है इसलिए बोल रही थी कि पति के सामने भी चोद डालोगे क्या , ऊपर गया तो देखा सीढ़ियों में उसकी वो गीली साड़ी पड़ी हुई थी, मैंने  उस साड़ी को उठाया और उसको समेटते हुए ऊपर गया और उसको ऊपर की तरफ जाने वाली (2nd floor)  सीढ़ियों पर फेंक दिया।

रूम में पहुँचा तब तक उसने अपना पेटीकोट भी उतार पर गेट पर छोड़ दिया,


अंदर गया औऱ मैंने गेट लगाया तो वो पेटीकोट की वजह से लग नहीं पाया । मैंने भी ज्यादा ध्यान नहीं दिया वो हल्का सा   बंद हुआ था बस।

वो  पैंटी में बेड पर पड़ी हुई मुझे चोदने का खुला निमंत्रण दे रही थी, मैंने भी देर ना करते हुए अपने होली के रंग में भीगे कपड़े उतार फेंके और उसके पैरों से उसको चूमना सिरु किया , वो सिहर उठी व एक दम से पलट गई।। अब उसकी मोटी गाँड़ और नंगी पीठ को देख कर मेरे से रह नहीं गया।

और मैंने उसकी पैंटी में उंगली फंसा कर उसके नितंबो को आजाद कर दिया और उसकी पैंटी उसके पैरों में फसी रह गयी।। अब मैंने उसकी गाड़ पर थप्पड़ बरसाने चालू कर दिए  जिस से वो जोर जोर से चिल्लाने लगी, और गरम हो कर बड़वाड़ाने लगी- ओह ये क्या कर रहे हो दर्द हो रहा है।।

मैंने बोला- साली रंडी , चुदने ऊपर आयी है और इतना चिलायेगी तो तेरे पति को पता चल जाएगा,

आंटी- ओह आपका ये गाली दे कर मेरी गाँड़ पर थप्पड़ मरना , ओह्ह मैं नीचे से बहुत गीली हो गयी हूँ, बहुत सालों के बाद कोई मुझे इतना बेरहम मिला है, तुम चोदो मुझे पता चलने दो उसको,

उसकी इन बातों से मुझे भी बहुत जोश आया और उसकी ब्रा को पकड़ कर खिंचा और फिर छोड़ दिया, फट्ट की तेज आवाज हुई और व्व तिलमिला उठी, ओह पीठ पर नहीं प्लीज मेरी गाँड़ पर जितना मर्जी मारो,

अब मैंने उनकी ब्रा के हुक खोल दिये,

और उसने भी पलटी मार ली अब उसकी अन्वेषी जैन के जैसी बड़ी बड़ी बोबे मेरे सामने थे और उनके ऊपर ब्रा सिर्फ रखी हुई थी। मैंने उसको उठाया और बाहर फेंक दिया जो कि पेटीकोट से थोड़ा दूर गिरी, जिसको नीचे से आते ही सीढ़ियों से देखा जा सकता था और साथ ही साथ ऊपर से आते समय भी वो दिख सकती थी।।

दोस्तों यहां आपको बता देता हूँ कि जब मैंने दोस्त को फ़ोन किया था कि मैं आ रहा हूँ तो वो अपनी माँ को ये बोल कर गया था कि वो बाहर जा रहा है क्योंकि उसका दोस्त आ रहा है, परंतु वो बाहर ना जा कर छत पर बने हुए रूम में चला गया था, जिस से वो मुझ से बच सके और ऊपर ही bf देखने लगा था

तो दोस्तों जैसे कि आपको पता है कि वो पतिपत्नी आज प्लान बना चुके थे इस चुदाई के माहौल का तो वो अंकल नीचे ही मैन गेट अंदर से बंद कर दिए थे जिस से कोई अंदर ना आ सके और कोई आयेगा तो वैल बजायेगा।।।
खास कर बेटे के आने का डर था वो अंकल ने अंदर से गेट लगा कर दूर कर दिया।

अब वो इंतज़ार करने लगा अपनो बीबी के इशारे का, व्व मेरे नीचे पड़ी हुई थी, मैं उसके निप्पल को चुभला रहा था कभी उसकी तन चुकी निप्पलों को मेरी जीभ से छेड़ता तो कभी हल्का सा दांतो से काट लेता वो उम्मीद से ज्यादा चिल्ला रही थी उसको फर्क नहीं पड़ रहा था कि उसका पति भी नीचे है। वो सुन लेगा तो क्या होगा।।

अब मैं नीचे की तरफ बढ़ा और उसकी गहरी नाभि में मेरी जीभ घुसेड़ दी , और उसके अंदर बाहर करने लगा, ये बिल्कुल ऐशे लग रहा था जैसे किसी छोटी चूत को छोटा लंड चोद रहा हो। साथ ही साथ मेरे अंगूठे व उँगली की गिरफ्त में उसकी निप्पल भी थी जिनको में एक एक कार के मसल रहा था, उस आंटी के मुंह से  निकली सिसकियों से मेरा लंड अपने आपे से बाहर हो रहा था मुझ से ज्यादा देर नहीं रुक गया और मैंने अपना गीला लोअर निकाल फेंका अब मैं मेरी चड्डी में मेरे लंड को काबू नहीं कर सकता था तो मैंने उसको भी निकाल फेंका, मेरा लंड देख कर आंटी के मुंह में पानी आ गया और अपने गुलाबी होठो पर जीभ फिराई।

मैंने भी देर ना करते हुए अपने लंड को उसके मुंह की तरफ लेके गया तब तक व्व बैठ गयी , और बोली -  ओह क्या मस्त ताज़ा खीरे के जैसा है, और ये बोल कर अपने होठ मेरे लंड पर कस दिए और जोर जोर से चूसने लगी, मैंने भी उसके सिर को पकड़ लिया और मेरे लंड को जोर से उसके मुंह में डाल दिया जो कि उसके गले तक टक्कर मारने लगा उसकी आंखें बाहर को आने लगी , वो मेरे कुल्हों पर चपत लगाती हुई अपनी घुन घुन की आवाज से निकाल ने की मिन्नत करने लगी उसकी , मैंने मेरा लंड जब बाहर निकाल लिया तो उसके मुँह से बहुत सारा लार व थूक उसके साथ निकला।

और व्व हाँफने लगी बोली-   इतना मोटा और लंबा पहली बार मुँह में लिया है और तुमने तो मेरे गले तक अटका दिया, मेरी तो सांस ही रुक गईं थी ।

प्लीज प्यार से करिये ना,  

भाभी तेरी ये जो जवानी इस उम्र में भी उफान मार रही है उसके लिए प्यार नहीं ऐशे ही करने का मन होता है, प्यार तो लड़कियों से किया जाता है क्योंकि वो इस तरह से करने से डर जाती है,  तेरी जवानी को निचोड़ने के लिए मैं क्या दो और लोग भी हो तो भी तेरी इस चूत की आग तो शांत नहीं कर पायंगे उसकी चूत में उंगली डालते हुए मैंने बोला ।

हां बोल तो तुम सही रहे हो पर मेरी जैसी घरेलू  औरत के लिए ऐशे कड़क और जवान लंड मिल पाना मुश्किल है जवानी की बात अलग थी पर अब बेटी की शादी हो गयी और बेटा शादी लायक हो गया तो समाज का भी डर रहता है।

अब मैं पूरे जोश मैं आ चुका था  और अब मैं उसकी ज्यादा इज़्ज़त ना कर के मेरे लंड से इज़्ज़त करना चाहता था। तो मैं डायरेक्ट तू तड़ाक की भाषा का प्रयोग करने लगा, और उसको वो पसंद भी थी क्योंकि  अपनी जवानी के दिनों में वो अपने पति के दोस्तों के साथ होटल में खूब रंडी बन बन कर चुदाई कराई थी,

उसकी ये भी एक कमजोरी थी जब भी कोई उसको जलील करता था तो उसकी चूत खुद व खुद पानी छोड़ने लगती थी ।

उसको पता था कि किसी मर्द को गाली देने के लिए कैसे मजबूर किया जाता है क्योंकि गाली देते हुए मर्द का लंड बहुत ही सख्त और उस आंटी की चूत बहुत ही पनीली ( रस से भरी हुई गीली गच्छ)  हो जाती है

जब मैं उसको तू तू करके बोलने लगा तो वो बोली-  आप तो मुझे एक रंडी की तरह समझ रहे हो, ( लंड भी हिला रही थी साथ ही साथ)  पर मैं एक पतिव्रता धर्मपत्नी हूँ, ये देखो मेरा मंगलसूत्र, तुमने मेरे सारे कपड़े उतार दिए एक रंडी की तरह

पर मेरे संस्कारी और पतिव्रता होने की निशानी भी तो देखो ।
तुम चाहो तो मुझे रंडी बना कर चोदो पर रण्डी के जैसे मत बात करो वरना मैं रण्डी के जैसा ही तुमसे व्यवहार करूंगी ये बोल कर मेरा लंड फिर से अपने मुँह में ले लिया।

अब मुझ से रहा नही गया और मैं उसको बोला-  तू साली एक रण्डी से कम भी नही है साली कुतिया पतिव्रता नीचे तेरा पति है और तू घर में अपनी बेटी के यार ओर बेटे के दोस्त का लंड चूस रही है।

ओह तो तू मेरी बेटी का यार भी है और उसकी मम्मी को अपना लंड भी चूसा रहा है।

देख मेरी चूत कितना पानी छोड़ रही है बहुत गीली हो गयी तेरी गालियाँ सुन कर और ये जान कर की तू मेरी बेटी का आशिक भी रहा है।

चाट मेरी गीली चूत को।

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मैं उसकी चूत के पास अपना मुंह ले कर गया और गरम सांसे निकाल कर उसकी गीली चूत को ओर ज्यादा तड़फने को मजबूर कर दिया उसको लग रहा था कि मैं बस उसकी चूत को चाटने ही वाला हूँ पर मैंने ऐसा नही किया.

वो बोली - प्लीज चाटो ना, अब मत तड़फाओ मुझे।

मैं - साली तेरी चूत तो बहुत रसीली हो रही है , तेरा पति नीचे है ये पता होते हुए भी तू अपनी चूत से पानी छोड़ रही है ।

हां मेरे राजा तू मेरे ऊपर आजा , होने दे पति को वो चोद नहीं पाता तभी तो ये इतनी रसीली हो रही है। तुम तो चाटो।

साली बिल्कुल तेरी बेटी तेरे जैसी ही है अपने भाई के रूम में उसके होते हुए चुदी थी मुझ से ।

ओह क्या बात है मेरी बेटी को चोद भी चुके हो। अब उसकी माँ को भी वो सुख दे दो।

हाँ दे तो दूंगा पर मेरी एक शर्त है।

तेरी सारी सर्त मंजूर है तू बस मेरी चूत की आग बुझा दे ।

सुन अभी तो तेरी चूत की आग भड़की हुई है तो तू हां कर रही है बाद में मना भी कर सकती है साली रण्डी।

ओह मेरे राजा तू जितनी ज्यादा गाली देगा ये चूत उतना ही पानी छोड़ती जाएगी , और इस चूत में तो हर वक्त ही आग भड़की रहती है।।।

अच्छा तो सुन अबकी बार जब भी तेरी बेटी आएगी तो तू मुझे घर बुलाना पड़ेगा और फिर मुझ से चुदाई कराना ।

ओह मैं तो चुदने के लिए हर वक़्त तैयार हूं तुम कल ही आ जाना वो कल ही आने वाली है ।

सच तो फिर कल मैं तेरी दमदार चुदाई करने के बाद उसकी भी करूँगा।। तुझे पूरा इंतज़ाम करना पड़ेगा।।।। हमको कोई डिस्टरबेंस नहीं चाइये।।

पक्का यही होगा अभी तो तुम स्टार्ट हो जाओ।

ये बात की पक्की कर के मैंने अपनी जीभ उसकी चूत पर रख दी और उसकी पनीली चूत को slurp slurpp कर के चाटने लग गया।

साथ ही साथ उसकी निप्पल को मसल रहा था

वो भी जोश में आ कर जोर जोर से चिल्लाते हुए बोली- आह चाट इसको , ओह वाओ मज़ा आ रहा है, ऐशे ही चाट मेरे राजा , बहुत दिनों बाद कोई मिला है इस तरह से चूत का चटोरा ओह aahhhhhh ऐशे ही ईईईईईई उईईईईई माँ आआआAआआआ , चाटो चाटो , ओह क्या कमाल दिखा रहे हो जीभ से चूत का एक एक कोना  चाट रहे हो,

अब मैंने उसको और ज्यादा चीत्कार करने पर मजबूर तब कर दिया जब उसकी पूरी चूत को मेरे मुंह में भर कर पहले चूसा और फिर हल्का सा चबाया।

वो चिल्ला उठी ohh aahhh नहीं नहीं प्लीज ये ना करो मत खाओ मेरी चूत को , मेरे इतने भारी भारी बूब्स है मर्ज़ी हो जैसे काटो पर प्लीज वहाँ नहीं, मेरे राजा।

ये चु चिल्लाहट इतनी तेज थी कि नीचे तक उसके पति को सुनाई दी और ऊपर bf देख कर वीर्यपात कर चुके उसके बेटे ने भी सुन ली।

नीचे से पति और ऊपर से बेटा सीढियों से आने लगे ,

बेटे ने जब अपनी माँ की गीली साडी को सीढ़ियों में देखा तो वो अचंभित हो गया, जैसे ही उसने उसको उठाया उसके झुकने से उसकी नजर रूम के गेट पर पड़े हुए उसकी माँ के पेटीकोट के ऊपर ब्रा पर गयी उसके हाल ही में झड़े हुए लिंग में कुछ हरकत ये सोच कर आई कि आज उसकी माँ की चुदाई हो रही है उसका बाप उसकी चीखे निकाल रहा है।।।

इतनी खुल कर वो शायद इसलिए चीख रही है क्योंकि उसको ये पता है कि मैं बाहर गया हूँ ।

चलो देखता हूँ आज रियल चुदाई कैसी होती है।

 वो दो कदम नीचे उतरता ही है कि उसको नीचे से उसका बाप सीढ़ियां चढ़ता दिखाई देता है ।।।

वो अब कंफ्यूज हो जाता है कि अगर उसका बाप नीचे से आ रहा है तो उसकी माँ का हाल किसने किया है कि उसके सभी कपड़े रूम के बाहर है और आवाज भी आई थी चीखने की।

इतने में  वो घोड़ी बन चुकी थी और बोली एक बार इस चूत  में तेरा मूसल घुसा दे।

मैंने मेरा लंड उसकी चूत में न डाल कर उसकी गाँड़ पर टक्कर मार दी। और इस बार वो फिर से चीख पड़ी।

नहीं प्लीज मेरी गाँड़ मत मारो , फट जाएगी, आज तक इस में लंड नहीं लिया है ,

ये बात दोनों ने सीढ़ियों में सुन ली, पति ऊपर की तरफ लपका और बेटा उस से छिपने के लिए वापस ऊपर चला गया।

अब वो अंकल गेट खोल कर अंदर आया तब तक मैंने मेरा लंड उस भाभी की चूत में घुसा दिया था और जोरदार धक्के लगाने लगा जिस से बेड हिलते हुए कचर कचर की आवाज आवाज करने लगा और भाभी की चूडियों की खनक भी लयबद्ध तरीके से होने लगी साथ ही साथ मेरे झटके देने से उसके नितंबो से भी थप्प थप्प की आवाज आ रही थी

मैं जोश में था और वो भी,  तो पता ही नहीं चला कि कब वो अंकल अंदर आ गए।

भाभी- ओह राजा बजा दे मेरा बाजा , कस से चोद मुझे बुझा दे मेरी चूत की  प्यास ।

हाँ साली रंडी ले लंड तेरी चूत मारने में बहुत मज़ा आ रहा है कुतिया।

शाबाश बेटे शाबाश ऐशे ही चोद इसको इसकी चूत की प्यास तू ही बुझा सकता है ये बोलते हुए मुझे मेरी पीठ पर उस अंकल की थपकी शाबाशी के रूप में मिली और मेरा लंड फुस्स कर गया।

मैं उसको छोड कर बेड से उतर कर अपने कपड़े उठाने लगा।

वो भी खड़ी हो गयी और बोली तुम भी ऐशे समय पर आए हो।

अंकल - अरे मैं तो देखने आया था कि कैसी चुदाई हो रही जी जो इतनी जोर जोर से चीख रही है।

 बेटे रुको तुम कहाँ चले ।

इतने मैं वो भाभी भी चिपक गयी और मेरी छाती को अपनी जीभ से चाटने लगी। एक हाथ से मेरे सिशिल हुए लोडे को सहलाने लगी।

अंकल जब बोले कि इतनी चुदाई तो तू ही कर सकता है तो मेरा भी लंड फिर से खड़ा हो गया ।

और मैं समझ गया कि आज तक सिर्फ cuckold स्टोरी पढ़ी थी व  cuckold पोर्न  देखी ही थी आज रियल में cuckold देख लिया ।

ये मेरी लाइफ मैं पहली बार था जब कोई औरत जो कि समाज की नजर में एक पतिव्रता संस्कारी है पर पति की मौजूदगी में एक जवान लंड के लिए प्याशी घुटने टेक कर लंड चूस रही है। हांलांकि इस तरह की औरत हर 5 वें घर में मिल जाएंगी पर वो सब पति की मौजूदगी में ये सब नही कर सकती है।।

उस भाभी को मेरे सीने को चाटते हुए मेरे सामने घुटने टेक कर बैठने के लिए इसलिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि मेरा लंड फुस्स जो कर गया था , अब वो अपनी जीभ से मेरे सिथिल हुए लंड पर थूक थूक कर चाटने लगी।

 वो अंकल उस भाभी को जोर जोर से गाली देने लगा।

वो दोनों पति पत्नी ये समझ रहे थे कि वो एक जवान लंड का मज़ा ले रहे है तो खुल कर लें क्योंकि घर में कोई नही है गेट अंदर से बंद है पर ये उनकी भूल थी । उनका जवान बीटा ये सब बाहर सुन रहा था क्योंकि जब वो अंकल अंदर आ कर गेट बंद किये तो पीछे से नीचे आया और माजरा समझने के लिए अपने कान गेट पर लगा दिए कि आखिर हो क्या रहा है उसका बाप नीचे से आया और मां की कामुक आवाज अंदर से ।


तो दोस्तों वो अंकल अपनी पत्नी से बोला-  मेरी जान चूस इसका लौड़ा देख अभी खड़ा नहीं है तब इतना बड़ा हो कर लटक रहा है और खड़ा हो जाएगा तो तेरे हलक तक चला जायेगा।

अब मेरा लंड भी कब तक लटका रहता वो भी जोश में आने लगा और भाभी उसको पागलों की तरह चाटने व चूसने लगी।

जब मेरा हथियार बिल्कुल सख्त हो गया तो बोली-  ये तो मेरी बच्चे दानी पर टक्कर मार रहा था तुमने आकर इसको ढीला कर दिया था। ऐशे लंड की शौकीन तो में बचपन से ही हूँ।

अब देखो कैसे इसको मेरी चूत की गहराई में समेटती हूँ।

अब वो फिर से घोड़ी बन गयी और मैंने अपना लंड उसकी चूत के होठों पर छुआ कर एक धक्का दे दिया।

मेरा लंड उसकी चूत की दीवारों को छीलता हुआ उसकी बच्चे दानी पर ठोकर मारने लगा और उसकी चीखों से कमरा ही क्या पूरा मकान गूंज उठा। आह आह की आहो से मुझे तो जोश आ ही रह था साथ ही उस अंकल के जंग खा चुके लंड में भी  करंट दौड़ पड़ा और व्व भी हिलाने लगा।।।।

साथ ही साथ बाहर खड़े उसके लड़के को भी पूरा माजरा समझ में आ गया कि आज उसकी  पूज्यनीय माँ उसके बाप के सामने किसी ओर के लंड की दासी बनी हुई लंड का प्रसाद ले रही है।।।

अंकल ज्यादा देर अपने जोश को झेल न सके और अपने लिंग से दो चार बूंद फर्श पर टपका कर बेड पर निढाल हो गए।।। पर उस भाभी का जोश देखते ही बन रहा था ,

वो मेरे धक्कों का साथ दे रही थी व मुझे उत्तेजित रखने के लिए डर्टी talk भी कर रही थी।

मेरा लंड का पानी निकालने ही वाला था कि वो बोली-  ओह मेरे राजा मेरे शय्यां तुमने तो मेरी चूत का कचूमर ही निकल दिया , मेरा होने वाला है,  उसकी चूत मेरे लंड पर कसती हुई चली गयी उसका बदन अकड़ने लगा और ओह ओह ये करते हुए उसकी चूत से झरना सा बह पड़ा ।  और अब उसने अपना बदन ढीला छोड़ दिया।।।।

साथ ही साथ अपने पैंट के ऊपर से ही हिलाते हुए उसके लड़के का माल 3rd टाइम निकल गया और वो ऊपर चला गया और सो गया।

इधर बाप ऊपर बेटा ओर मेरे नीचे उसकी माँ सो रहे थे पर मेरा लंड अब कहाँ रुकने वाला था मैंने उसकी चूत से मेरा गीला लंड निकाला औऱ उसकी गाँड़ पर रगड़ने लगा। व्व समझ गयी कि ये इतना कठोर ओर गीला है मेरी गाँड़ में घुसने में समय नहीं लगेगा।

तो वो बोली-  प्लीज गाँड़ को छोड़ दो।

मै - साली चूत को चुदा कर तू सो रही है और मेरे लंड का क्या देख कैसे पागल हो रखा है इसको इस वक्त तेरी गाँड़ ही चाइये क्योंकि तेरी चूत अब वो मज़ा नहीं देगी क्योंकि उसकी आग बुझ चुकी है।

भाभी-  मेरे जान इसकी आग बुझी नहीं है बस कम हो गयी है अभी के लिए हां मैं समझ रही हूं कि अब इतना मज़ा नही आएगा आपके इस बदमाश को इस में पर मेरी गाँड़ मत मारो फट जाएगी।।। अगर मारनी ही है तो कभी ओर मार लेना।

तुम्हारे इसको मैं अभी शांत कर देती हूं।

ये बोल जार वो मेरा लंड फिर से चूसने लगी और मैं भी ज्यादा देर नहीं टिक पाया और उसके मुंह में ही मेरे लंड की पिचकारी चल गई।।।

तो दोस्तो इस तरह से होली पर चली मेरी पिचकारी।।


अगर आपको इस स्टोरी मैं से भी कोई और स्टोरी जान नई हो तो कमेंट करना।।

अब मिलते है किसी और नई कहानी के साथ।
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#6
कमसिन की चुदाई उसकी गदराई भाभी की सहायता से।
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