ठीक है मैं जा रही हूँ, ये बोल कर वो फिर से कड़क और लंबे लंड के मालिक जवान लड़के के पास पहुँच गयी,
वो दुबारा आई है तो चुदा कर ही रहेगी ये सोच कर मैंने उसको फिर से दबोच लिया,
आंटी- रुको रुको ये क्या कर रहे हो आपके अंकल दारू तो पिये हुए है पर पूरे होश में है, और मुझे बड़ी मुश्किल से छोड़ा है , वो भी तेरी तरह पागलपन दिखा रहे थे, तो मैं बोली - अभी आयी रोहित को भेज कर, और अगर अभी नहीं गयी तो वो आ जाएंगे औऱ इस हालत में देख लिया तो तुम्हारा ये खड़ा हुआ लंड फुस्स कर जाएगा ( रोहित के लंड को मसलते हुए बोली)
रोहित उसकी गाँड़ पर हाथ रख कर बोला- आपकी इस मस्त गाँड़ को मारने के लिए ये हमेशा ही खड़ा रहेगा चाहे आपका पति आये बेटा आये या फिर बेटी।
आपके पति की हालत तो मुझे पता है इस उम्र में खड़ा होता नहीं होगा, वो क्या आपको चोदेगा, अगर खड़ा हो भी गया तो आपकी इस चूत की प्यास नहीं बुझा पायेगा - उसकी गीली चूत को गीले पेटीकोट के ऊपर से मसलते हुए बोला।
आंटी- अच्छा तो मेरे पति के सामने भी चोद डालोगे मुझे , इतनी हिम्मत हैं तुम में?
रोहित- चलो ना , वहीं घोड़ी बना कर पेलता हूँ ,
ये सुन कर आंटी बाथरूम से बाहर निकल गई।
ये देख कर मेरी गाँड़ एक बार को फटी की ये तो सच में ही जाने वाली है , मैं जोश जोश में बोल दिया था पर डर तो था ही।
मैं जैसे ही बाहर आया वो झट से सीढ़ियों की तरफ गयी और ऊपर चली गयी।
मैं समझ गया कि ये चुदने को बेताब है पर पति का डर है इसलिए बोल रही थी कि पति के सामने भी चोद डालोगे क्या , ऊपर गया तो देखा सीढ़ियों में उसकी वो गीली साड़ी पड़ी हुई थी, मैंने उस साड़ी को उठाया और उसको समेटते हुए ऊपर गया और उसको ऊपर की तरफ जाने वाली (2nd floor) सीढ़ियों पर फेंक दिया।
रूम में पहुँचा तब तक उसने अपना पेटीकोट भी उतार पर गेट पर छोड़ दिया,
अंदर गया औऱ मैंने गेट लगाया तो वो पेटीकोट की वजह से लग नहीं पाया । मैंने भी ज्यादा ध्यान नहीं दिया वो हल्का सा बंद हुआ था बस।
वो पैंटी में बेड पर पड़ी हुई मुझे चोदने का खुला निमंत्रण दे रही थी, मैंने भी देर ना करते हुए अपने होली के रंग में भीगे कपड़े उतार फेंके और उसके पैरों से उसको चूमना सिरु किया , वो सिहर उठी व एक दम से पलट गई।। अब उसकी मोटी गाँड़ और नंगी पीठ को देख कर मेरे से रह नहीं गया।
और मैंने उसकी पैंटी में उंगली फंसा कर उसके नितंबो को आजाद कर दिया और उसकी पैंटी उसके पैरों में फसी रह गयी।। अब मैंने उसकी गाड़ पर थप्पड़ बरसाने चालू कर दिए जिस से वो जोर जोर से चिल्लाने लगी, और गरम हो कर बड़वाड़ाने लगी- ओह ये क्या कर रहे हो दर्द हो रहा है।।
मैंने बोला- साली रंडी , चुदने ऊपर आयी है और इतना चिलायेगी तो तेरे पति को पता चल जाएगा,
आंटी- ओह आपका ये गाली दे कर मेरी गाँड़ पर थप्पड़ मरना , ओह्ह मैं नीचे से बहुत गीली हो गयी हूँ, बहुत सालों के बाद कोई मुझे इतना बेरहम मिला है, तुम चोदो मुझे पता चलने दो उसको,
उसकी इन बातों से मुझे भी बहुत जोश आया और उसकी ब्रा को पकड़ कर खिंचा और फिर छोड़ दिया, फट्ट की तेज आवाज हुई और व्व तिलमिला उठी, ओह पीठ पर नहीं प्लीज मेरी गाँड़ पर जितना मर्जी मारो,
अब मैंने उनकी ब्रा के हुक खोल दिये,
और उसने भी पलटी मार ली अब उसकी अन्वेषी जैन के जैसी बड़ी बड़ी बोबे मेरे सामने थे और उनके ऊपर ब्रा सिर्फ रखी हुई थी। मैंने उसको उठाया और बाहर फेंक दिया जो कि पेटीकोट से थोड़ा दूर गिरी, जिसको नीचे से आते ही सीढ़ियों से देखा जा सकता था और साथ ही साथ ऊपर से आते समय भी वो दिख सकती थी।।
दोस्तों यहां आपको बता देता हूँ कि जब मैंने दोस्त को फ़ोन किया था कि मैं आ रहा हूँ तो वो अपनी माँ को ये बोल कर गया था कि वो बाहर जा रहा है क्योंकि उसका दोस्त आ रहा है, परंतु वो बाहर ना जा कर छत पर बने हुए रूम में चला गया था, जिस से वो मुझ से बच सके और ऊपर ही bf देखने लगा था
तो दोस्तों जैसे कि आपको पता है कि वो पतिपत्नी आज प्लान बना चुके थे इस चुदाई के माहौल का तो वो अंकल नीचे ही मैन गेट अंदर से बंद कर दिए थे जिस से कोई अंदर ना आ सके और कोई आयेगा तो वैल बजायेगा।।।
खास कर बेटे के आने का डर था वो अंकल ने अंदर से गेट लगा कर दूर कर दिया।
अब वो इंतज़ार करने लगा अपनो बीबी के इशारे का, व्व मेरे नीचे पड़ी हुई थी, मैं उसके निप्पल को चुभला रहा था कभी उसकी तन चुकी निप्पलों को मेरी जीभ से छेड़ता तो कभी हल्का सा दांतो से काट लेता वो उम्मीद से ज्यादा चिल्ला रही थी उसको फर्क नहीं पड़ रहा था कि उसका पति भी नीचे है। वो सुन लेगा तो क्या होगा।।
अब मैं नीचे की तरफ बढ़ा और उसकी गहरी नाभि में मेरी जीभ घुसेड़ दी , और उसके अंदर बाहर करने लगा, ये बिल्कुल ऐशे लग रहा था जैसे किसी छोटी चूत को छोटा लंड चोद रहा हो। साथ ही साथ मेरे अंगूठे व उँगली की गिरफ्त में उसकी निप्पल भी थी जिनको में एक एक कार के मसल रहा था, उस आंटी के मुंह से निकली सिसकियों से मेरा लंड अपने आपे से बाहर हो रहा था मुझ से ज्यादा देर नहीं रुक गया और मैंने अपना गीला लोअर निकाल फेंका अब मैं मेरी चड्डी में मेरे लंड को काबू नहीं कर सकता था तो मैंने उसको भी निकाल फेंका, मेरा लंड देख कर आंटी के मुंह में पानी आ गया और अपने गुलाबी होठो पर जीभ फिराई।
मैंने भी देर ना करते हुए अपने लंड को उसके मुंह की तरफ लेके गया तब तक व्व बैठ गयी , और बोली - ओह क्या मस्त ताज़ा खीरे के जैसा है, और ये बोल कर अपने होठ मेरे लंड पर कस दिए और जोर जोर से चूसने लगी, मैंने भी उसके सिर को पकड़ लिया और मेरे लंड को जोर से उसके मुंह में डाल दिया जो कि उसके गले तक टक्कर मारने लगा उसकी आंखें बाहर को आने लगी , वो मेरे कुल्हों पर चपत लगाती हुई अपनी घुन घुन की आवाज से निकाल ने की मिन्नत करने लगी उसकी , मैंने मेरा लंड जब बाहर निकाल लिया तो उसके मुँह से बहुत सारा लार व थूक उसके साथ निकला।
और व्व हाँफने लगी बोली- इतना मोटा और लंबा पहली बार मुँह में लिया है और तुमने तो मेरे गले तक अटका दिया, मेरी तो सांस ही रुक गईं थी ।
प्लीज प्यार से करिये ना,
भाभी तेरी ये जो जवानी इस उम्र में भी उफान मार रही है उसके लिए प्यार नहीं ऐशे ही करने का मन होता है, प्यार तो लड़कियों से किया जाता है क्योंकि वो इस तरह से करने से डर जाती है, तेरी जवानी को निचोड़ने के लिए मैं क्या दो और लोग भी हो तो भी तेरी इस चूत की आग तो शांत नहीं कर पायंगे उसकी चूत में उंगली डालते हुए मैंने बोला ।
हां बोल तो तुम सही रहे हो पर मेरी जैसी घरेलू औरत के लिए ऐशे कड़क और जवान लंड मिल पाना मुश्किल है जवानी की बात अलग थी पर अब बेटी की शादी हो गयी और बेटा शादी लायक हो गया तो समाज का भी डर रहता है।
अब मैं पूरे जोश मैं आ चुका था और अब मैं उसकी ज्यादा इज़्ज़त ना कर के मेरे लंड से इज़्ज़त करना चाहता था। तो मैं डायरेक्ट तू तड़ाक की भाषा का प्रयोग करने लगा, और उसको वो पसंद भी थी क्योंकि अपनी जवानी के दिनों में वो अपने पति के दोस्तों के साथ होटल में खूब रंडी बन बन कर चुदाई कराई थी,
उसकी ये भी एक कमजोरी थी जब भी कोई उसको जलील करता था तो उसकी चूत खुद व खुद पानी छोड़ने लगती थी ।
उसको पता था कि किसी मर्द को गाली देने के लिए कैसे मजबूर किया जाता है क्योंकि गाली देते हुए मर्द का लंड बहुत ही सख्त और उस आंटी की चूत बहुत ही पनीली ( रस से भरी हुई गीली गच्छ) हो जाती है
जब मैं उसको तू तू करके बोलने लगा तो वो बोली- आप तो मुझे एक रंडी की तरह समझ रहे हो, ( लंड भी हिला रही थी साथ ही साथ) पर मैं एक पतिव्रता धर्मपत्नी हूँ, ये देखो मेरा मंगलसूत्र, तुमने मेरे सारे कपड़े उतार दिए एक रंडी की तरह
पर मेरे संस्कारी और पतिव्रता होने की निशानी भी तो देखो ।
तुम चाहो तो मुझे रंडी बना कर चोदो पर रण्डी के जैसे मत बात करो वरना मैं रण्डी के जैसा ही तुमसे व्यवहार करूंगी ये बोल कर मेरा लंड फिर से अपने मुँह में ले लिया।
अब मुझ से रहा नही गया और मैं उसको बोला- तू साली एक रण्डी से कम भी नही है साली कुतिया पतिव्रता नीचे तेरा पति है और तू घर में अपनी बेटी के यार ओर बेटे के दोस्त का लंड चूस रही है।
ओह तो तू मेरी बेटी का यार भी है और उसकी मम्मी को अपना लंड भी चूसा रहा है।
देख मेरी चूत कितना पानी छोड़ रही है बहुत गीली हो गयी तेरी गालियाँ सुन कर और ये जान कर की तू मेरी बेटी का आशिक भी रहा है।
चाट मेरी गीली चूत को।
मैं उसकी चूत के पास अपना मुंह ले कर गया और गरम सांसे निकाल कर उसकी गीली चूत को ओर ज्यादा तड़फने को मजबूर कर दिया उसको लग रहा था कि मैं बस उसकी चूत को चाटने ही वाला हूँ पर मैंने ऐसा नही किया.
वो बोली - प्लीज चाटो ना, अब मत तड़फाओ मुझे।
मैं - साली तेरी चूत तो बहुत रसीली हो रही है , तेरा पति नीचे है ये पता होते हुए भी तू अपनी चूत से पानी छोड़ रही है ।
हां मेरे राजा तू मेरे ऊपर आजा , होने दे पति को वो चोद नहीं पाता तभी तो ये इतनी रसीली हो रही है। तुम तो चाटो।
साली बिल्कुल तेरी बेटी तेरे जैसी ही है अपने भाई के रूम में उसके होते हुए चुदी थी मुझ से ।
ओह क्या बात है मेरी बेटी को चोद भी चुके हो। अब उसकी माँ को भी वो सुख दे दो।
हाँ दे तो दूंगा पर मेरी एक शर्त है।
तेरी सारी सर्त मंजूर है तू बस मेरी चूत की आग बुझा दे ।
सुन अभी तो तेरी चूत की आग भड़की हुई है तो तू हां कर रही है बाद में मना भी कर सकती है साली रण्डी।
ओह मेरे राजा तू जितनी ज्यादा गाली देगा ये चूत उतना ही पानी छोड़ती जाएगी , और इस चूत में तो हर वक्त ही आग भड़की रहती है।।।
अच्छा तो सुन अबकी बार जब भी तेरी बेटी आएगी तो तू मुझे घर बुलाना पड़ेगा और फिर मुझ से चुदाई कराना ।
ओह मैं तो चुदने के लिए हर वक़्त तैयार हूं तुम कल ही आ जाना वो कल ही आने वाली है ।
सच तो फिर कल मैं तेरी दमदार चुदाई करने के बाद उसकी भी करूँगा।। तुझे पूरा इंतज़ाम करना पड़ेगा।।।। हमको कोई डिस्टरबेंस नहीं चाइये।।
पक्का यही होगा अभी तो तुम स्टार्ट हो जाओ।
ये बात की पक्की कर के मैंने अपनी जीभ उसकी चूत पर रख दी और उसकी पनीली चूत को slurp slurpp कर के चाटने लग गया।
साथ ही साथ उसकी निप्पल को मसल रहा था
वो भी जोश में आ कर जोर जोर से चिल्लाते हुए बोली- आह चाट इसको , ओह वाओ मज़ा आ रहा है, ऐशे ही चाट मेरे राजा , बहुत दिनों बाद कोई मिला है इस तरह से चूत का चटोरा ओह aahhhhhh ऐशे ही ईईईईईई उईईईईई माँ आआआAआआआ , चाटो चाटो , ओह क्या कमाल दिखा रहे हो जीभ से चूत का एक एक कोना चाट रहे हो,
अब मैंने उसको और ज्यादा चीत्कार करने पर मजबूर तब कर दिया जब उसकी पूरी चूत को मेरे मुंह में भर कर पहले चूसा और फिर हल्का सा चबाया।
वो चिल्ला उठी ohh aahhh नहीं नहीं प्लीज ये ना करो मत खाओ मेरी चूत को , मेरे इतने भारी भारी बूब्स है मर्ज़ी हो जैसे काटो पर प्लीज वहाँ नहीं, मेरे राजा।
ये चु चिल्लाहट इतनी तेज थी कि नीचे तक उसके पति को सुनाई दी और ऊपर bf देख कर वीर्यपात कर चुके उसके बेटे ने भी सुन ली।
नीचे से पति और ऊपर से बेटा सीढियों से आने लगे ,
बेटे ने जब अपनी माँ की गीली साडी को सीढ़ियों में देखा तो वो अचंभित हो गया, जैसे ही उसने उसको उठाया उसके झुकने से उसकी नजर रूम के गेट पर पड़े हुए उसकी माँ के पेटीकोट के ऊपर ब्रा पर गयी उसके हाल ही में झड़े हुए लिंग में कुछ हरकत ये सोच कर आई कि आज उसकी माँ की चुदाई हो रही है उसका बाप उसकी चीखे निकाल रहा है।।।
इतनी खुल कर वो शायद इसलिए चीख रही है क्योंकि उसको ये पता है कि मैं बाहर गया हूँ ।
चलो देखता हूँ आज रियल चुदाई कैसी होती है।
वो दो कदम नीचे उतरता ही है कि उसको नीचे से उसका बाप सीढ़ियां चढ़ता दिखाई देता है ।।।
वो अब कंफ्यूज हो जाता है कि अगर उसका बाप नीचे से आ रहा है तो उसकी माँ का हाल किसने किया है कि उसके सभी कपड़े रूम के बाहर है और आवाज भी आई थी चीखने की।
इतने में वो घोड़ी बन चुकी थी और बोली एक बार इस चूत में तेरा मूसल घुसा दे।
मैंने मेरा लंड उसकी चूत में न डाल कर उसकी गाँड़ पर टक्कर मार दी। और इस बार वो फिर से चीख पड़ी।
नहीं प्लीज मेरी गाँड़ मत मारो , फट जाएगी, आज तक इस में लंड नहीं लिया है ,
ये बात दोनों ने सीढ़ियों में सुन ली, पति ऊपर की तरफ लपका और बेटा उस से छिपने के लिए वापस ऊपर चला गया।
अब वो अंकल गेट खोल कर अंदर आया तब तक मैंने मेरा लंड उस भाभी की चूत में घुसा दिया था और जोरदार धक्के लगाने लगा जिस से बेड हिलते हुए कचर कचर की आवाज आवाज करने लगा और भाभी की चूडियों की खनक भी लयबद्ध तरीके से होने लगी साथ ही साथ मेरे झटके देने से उसके नितंबो से भी थप्प थप्प की आवाज आ रही थी
मैं जोश में था और वो भी, तो पता ही नहीं चला कि कब वो अंकल अंदर आ गए।
भाभी- ओह राजा बजा दे मेरा बाजा , कस से चोद मुझे बुझा दे मेरी चूत की प्यास ।
हाँ साली रंडी ले लंड तेरी चूत मारने में बहुत मज़ा आ रहा है कुतिया।
शाबाश बेटे शाबाश ऐशे ही चोद इसको इसकी चूत की प्यास तू ही बुझा सकता है ये बोलते हुए मुझे मेरी पीठ पर उस अंकल की थपकी शाबाशी के रूप में मिली और मेरा लंड फुस्स कर गया।
मैं उसको छोड कर बेड से उतर कर अपने कपड़े उठाने लगा।
वो भी खड़ी हो गयी और बोली तुम भी ऐशे समय पर आए हो।
अंकल - अरे मैं तो देखने आया था कि कैसी चुदाई हो रही जी जो इतनी जोर जोर से चीख रही है।
बेटे रुको तुम कहाँ चले ।
इतने मैं वो भाभी भी चिपक गयी और मेरी छाती को अपनी जीभ से चाटने लगी। एक हाथ से मेरे सिशिल हुए लोडे को सहलाने लगी।
अंकल जब बोले कि इतनी चुदाई तो तू ही कर सकता है तो मेरा भी लंड फिर से खड़ा हो गया ।
और मैं समझ गया कि आज तक सिर्फ cuckold स्टोरी पढ़ी थी व cuckold पोर्न देखी ही थी आज रियल में cuckold देख लिया ।
ये मेरी लाइफ मैं पहली बार था जब कोई औरत जो कि समाज की नजर में एक पतिव्रता संस्कारी है पर पति की मौजूदगी में एक जवान लंड के लिए प्याशी घुटने टेक कर लंड चूस रही है। हांलांकि इस तरह की औरत हर 5 वें घर में मिल जाएंगी पर वो सब पति की मौजूदगी में ये सब नही कर सकती है।।
उस भाभी को मेरे सीने को चाटते हुए मेरे सामने घुटने टेक कर बैठने के लिए इसलिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि मेरा लंड फुस्स जो कर गया था , अब वो अपनी जीभ से मेरे सिथिल हुए लंड पर थूक थूक कर चाटने लगी।
वो अंकल उस भाभी को जोर जोर से गाली देने लगा।
वो दोनों पति पत्नी ये समझ रहे थे कि वो एक जवान लंड का मज़ा ले रहे है तो खुल कर लें क्योंकि घर में कोई नही है गेट अंदर से बंद है पर ये उनकी भूल थी । उनका जवान बीटा ये सब बाहर सुन रहा था क्योंकि जब वो अंकल अंदर आ कर गेट बंद किये तो पीछे से नीचे आया और माजरा समझने के लिए अपने कान गेट पर लगा दिए कि आखिर हो क्या रहा है उसका बाप नीचे से आया और मां की कामुक आवाज अंदर से ।
तो दोस्तों वो अंकल अपनी पत्नी से बोला- मेरी जान चूस इसका लौड़ा देख अभी खड़ा नहीं है तब इतना बड़ा हो कर लटक रहा है और खड़ा हो जाएगा तो तेरे हलक तक चला जायेगा।
अब मेरा लंड भी कब तक लटका रहता वो भी जोश में आने लगा और भाभी उसको पागलों की तरह चाटने व चूसने लगी।
जब मेरा हथियार बिल्कुल सख्त हो गया तो बोली- ये तो मेरी बच्चे दानी पर टक्कर मार रहा था तुमने आकर इसको ढीला कर दिया था। ऐशे लंड की शौकीन तो में बचपन से ही हूँ।
अब देखो कैसे इसको मेरी चूत की गहराई में समेटती हूँ।
अब वो फिर से घोड़ी बन गयी और मैंने अपना लंड उसकी चूत के होठों पर छुआ कर एक धक्का दे दिया।
मेरा लंड उसकी चूत की दीवारों को छीलता हुआ उसकी बच्चे दानी पर ठोकर मारने लगा और उसकी चीखों से कमरा ही क्या पूरा मकान गूंज उठा। आह आह की आहो से मुझे तो जोश आ ही रह था साथ ही उस अंकल के जंग खा चुके लंड में भी करंट दौड़ पड़ा और व्व भी हिलाने लगा।।।।
साथ ही साथ बाहर खड़े उसके लड़के को भी पूरा माजरा समझ में आ गया कि आज उसकी पूज्यनीय माँ उसके बाप के सामने किसी ओर के लंड की दासी बनी हुई लंड का प्रसाद ले रही है।।।
अंकल ज्यादा देर अपने जोश को झेल न सके और अपने लिंग से दो चार बूंद फर्श पर टपका कर बेड पर निढाल हो गए।।। पर उस भाभी का जोश देखते ही बन रहा था ,
वो मेरे धक्कों का साथ दे रही थी व मुझे उत्तेजित रखने के लिए डर्टी talk भी कर रही थी।
मेरा लंड का पानी निकालने ही वाला था कि वो बोली- ओह मेरे राजा मेरे शय्यां तुमने तो मेरी चूत का कचूमर ही निकल दिया , मेरा होने वाला है, उसकी चूत मेरे लंड पर कसती हुई चली गयी उसका बदन अकड़ने लगा और ओह ओह ये करते हुए उसकी चूत से झरना सा बह पड़ा । और अब उसने अपना बदन ढीला छोड़ दिया।।।।
साथ ही साथ अपने पैंट के ऊपर से ही हिलाते हुए उसके लड़के का माल 3rd टाइम निकल गया और वो ऊपर चला गया और सो गया।
इधर बाप ऊपर बेटा ओर मेरे नीचे उसकी माँ सो रहे थे पर मेरा लंड अब कहाँ रुकने वाला था मैंने उसकी चूत से मेरा गीला लंड निकाला औऱ उसकी गाँड़ पर रगड़ने लगा। व्व समझ गयी कि ये इतना कठोर ओर गीला है मेरी गाँड़ में घुसने में समय नहीं लगेगा।
तो वो बोली- प्लीज गाँड़ को छोड़ दो।
मै - साली चूत को चुदा कर तू सो रही है और मेरे लंड का क्या देख कैसे पागल हो रखा है इसको इस वक्त तेरी गाँड़ ही चाइये क्योंकि तेरी चूत अब वो मज़ा नहीं देगी क्योंकि उसकी आग बुझ चुकी है।
भाभी- मेरे जान इसकी आग बुझी नहीं है बस कम हो गयी है अभी के लिए हां मैं समझ रही हूं कि अब इतना मज़ा नही आएगा आपके इस बदमाश को इस में पर मेरी गाँड़ मत मारो फट जाएगी।।। अगर मारनी ही है तो कभी ओर मार लेना।
तुम्हारे इसको मैं अभी शांत कर देती हूं।
ये बोल जार वो मेरा लंड फिर से चूसने लगी और मैं भी ज्यादा देर नहीं टिक पाया और उसके मुंह में ही मेरे लंड की पिचकारी चल गई।।।
तो दोस्तो इस तरह से होली पर चली मेरी पिचकारी।।
अगर आपको इस स्टोरी मैं से भी कोई और स्टोरी जान नई हो तो कमेंट करना।।
अब मिलते है किसी और नई कहानी के साथ।