12-03-2019, 02:30 PM
(This post was last modified: 12-03-2019, 02:31 PM by Ra1. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मैं अपने ऑफिस से घर लौटा तो मेरी पत्नी ने मुझे पानी का गिलास दिया मैंने पानी पिया तो उसके कुछ देर बाद मेरे मोबाइल पर फोन आने लगा, मैंने जब फोन देखा तो वह मेरी बहन का था मेरी बहन का नाम प्रीति है और उसकी शादी को वह लगभग पांच वर्ष हो चुके हैं। मैंने फोन उठाया तो प्रीति कहने लगी भैया आप कैसे हैं? मैंने प्रीति से कहा मैं तो ठीक हूं तुम बताओ तुमने आज मुझे कैसे याद कर लिया, प्रीति कहने लगी मैं तो आपको हमेशा याद करती हूं लेकिन आप ही मुझे भूल चुके हैं आप तो बिल्कुल भी फोन नहीं किया करते। मैंने प्रीति से कहा देखो ऐसी कोई बात नहीं है तुम्हें तो मालूम ही है कि मैं अपने ऑफिस के काम में कितना बिजी रहता हूं और जब शाम को घर लौटता हूं तो उसके बाद मैं खाना खा कर जल्दी ही सो जाता हूं क्योंकि मुझे ऑफिस जल्दी जाना होता है।
प्रीति कहने लगी भैया मैं आपको यह कहना चाहती हूं कि आपको कुछ दिनों के लिए हमारे घर पर आना होगा मैंने प्रीति से कहा लेकिन वहां आकर मैं क्या करूंगा तो वह कहने लगी हम लोगों ने घर में एक छोटा सा प्रोग्राम रखा है यदि आप आ जाएंगे तो मुझे बहुत अच्छा लगेगा मैंने प्रीति से कहा ठीक है मैं देखता हूं यदि मुझे समय मिला तो मैं जरूर आ जाऊंगा। प्रीति को यह बात अच्छे से मालूम है कि मैं उससे मिलने के लिए नहीं जाया करता क्योंकि उसके परिवार में जितने भी लोग हैं वह सब बड़े पैसे वाले हैं और मुझे उनसे मिलना बिल्कुल अच्छा नहीं लगता इस वजह से मैं प्रीति से मिलने भी नहीं जाया करता हूं। उसके बाद मैंने फोन रख दिया लेकिन मेरी पत्नी मुझसे कहने लगी तुम्हें प्रीति से मिलने के लिए जाना चाहिए वह तुम्हें इतने प्यार से बुला रही है आखिरकार उसका तुम्हारे सिवा है ही कौन? मेरी मां का ध्यान तो काफी वर्षों पहले हो चुका था और उसके बाद मेरे पिताजी का स्वर्गवास भी कुछ समय पहले हो गया जिस वजह से मेरे ऊपर ही सारी जिम्मेदारियां आन पड़ी लेकिन उसके बावजूद भी मैंने कभी हार नहीं मानी और हमेशा ही अपने काम के प्रति मैं पूरी ईमानदारी से काम करता रहा।
प्रीति कहने लगी भैया मैं आपको यह कहना चाहती हूं कि आपको कुछ दिनों के लिए हमारे घर पर आना होगा मैंने प्रीति से कहा लेकिन वहां आकर मैं क्या करूंगा तो वह कहने लगी हम लोगों ने घर में एक छोटा सा प्रोग्राम रखा है यदि आप आ जाएंगे तो मुझे बहुत अच्छा लगेगा मैंने प्रीति से कहा ठीक है मैं देखता हूं यदि मुझे समय मिला तो मैं जरूर आ जाऊंगा। प्रीति को यह बात अच्छे से मालूम है कि मैं उससे मिलने के लिए नहीं जाया करता क्योंकि उसके परिवार में जितने भी लोग हैं वह सब बड़े पैसे वाले हैं और मुझे उनसे मिलना बिल्कुल अच्छा नहीं लगता इस वजह से मैं प्रीति से मिलने भी नहीं जाया करता हूं। उसके बाद मैंने फोन रख दिया लेकिन मेरी पत्नी मुझसे कहने लगी तुम्हें प्रीति से मिलने के लिए जाना चाहिए वह तुम्हें इतने प्यार से बुला रही है आखिरकार उसका तुम्हारे सिवा है ही कौन? मेरी मां का ध्यान तो काफी वर्षों पहले हो चुका था और उसके बाद मेरे पिताजी का स्वर्गवास भी कुछ समय पहले हो गया जिस वजह से मेरे ऊपर ही सारी जिम्मेदारियां आन पड़ी लेकिन उसके बावजूद भी मैंने कभी हार नहीं मानी और हमेशा ही अपने काम के प्रति मैं पूरी ईमानदारी से काम करता रहा।