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Incest चचेरी बहन और भतीजी दोनों को चोदा
#1
चचेरी बहन और भतीजी दोनों को चोदा



मेरी एक चचेरी बहन है, जिसका नाम याचना है. उसकी उम्र 34 साल है.
मेरी मुँह बोली बहन शादीशुदा है और उसके दो बच्चे हैं.


हमारा संयुक्त परिवार है. हमारे साथ एक 18 साल की मेरी और याचना की भतीजी भी रहती है. उसका नाम सुमित्रा है और उसे हम सब प्यार से सुमी कहते हैं.



एक बार मैं याचना के घर हरिद्वार गया था तो साथ में सुमी भी थी.

हम वहां 11 बजे पहुंचने वाले थे, पर रास्ते में ट्रेफिक कम होने के कारण हम एक घंटा पहले ही पहुंच गए थे.
मेरे जीजा यानि मेरी बहन का पति अक्सर काम के सिलसिले में बाहर रहता है, इस समय भी वो बाहर ही था.


मैंने अपनी बहन के घर आ गया.
घर के अन्दर आकर मैंने सुमी को डाइनिंग हॉल में बैठा दिया.


मैंने अपनी बहन को आवाज दी, पर उसका कोई जवाब नहीं आया.
मैं हैरान था कि घर खुला छोड़ कर मेरी बहन कहां चली गई. उसके बच्चे भी नहीं दिखाई दे रहे थे.


मैंने उसे काफी आवाज दी पर वो नहीं आई.
तब मैं सीधे उसके बेडरूम में चला गया और मुझे समझ आया कि शायद वो बाथरूम में नहाने गयी थी क्योंकि बाथरूम से पानी गिरने की आवाज आ रही थी.


कुछ देर बाद जैसे ही वो बाथरूम से बाहर निकली तो मुझे सामने देख कर वो एकदम से चौंक गयी क्योंकि वो बाथरूम से नंगी बाहर आई थी.
उसे जरा भी अहसास नहीं हुआ था कि उसका भाई समय से पहले आ गया होगा.

मेरी निगाह अपनी बहन के कामुक बदन पर गड़ कर रह गई.
आह सच में मेरी बहन याचना बड़ी मस्त माल लग रही थी. उसकी मस्त चूचियां एकदम तनी हुई थीं.




ना चाहते हुए भी उनको छूने दबाने और चूसने का मन कर रहा था.
वो पलट कर वापस बाथरूम में जाने को हुई तो बाथरूम का दरवाजा फंस गया था.


ये बाद में मालूम हुआ कि उस दरवाजे की कुण्डी कुछ खराब थी, जो कभी कभी अपने आप से लग जाती थी फिर काफी कोशिश करने पर खुलती थी.

मेरी बहन वापस अन्दर नहीं जा पा रही थी और सामने से मैं खड़ा था, तो वो मेरी तरफ भी नहीं आ पा रही थी.

इधर मैं टकटकी लगा कर अपनी बहन याचना का हॉट और नंगा बदन देखे जा रहा था.
पैंट के अन्दर ही मेरा लंड खड़ा हो गया.


मेरी बहन याचना अपने नंगे बदन को अपने हाथों से और दोनों पैरों को सटा कर छुपाने की कोशिश कर रही थी.

तभी उसकी नजर मेरी पैंट पर पड़ी तो वो हॉट न्यूड गर्ल भी समझ गयी और शरमा कर मुस्कुराने लगी.

मैं बिना झिझक के आगे बढ़ा और मैंने सीधे अपनी बहन की एक चूची पर हाथ रख दिया.
याचना ने अपना मुँह दूसरी तरफ फेर दिया, वो एक हल्की सी इस्स के अलावा और कुछ नहीं बोली.


उसकी इस तरह की हरकत से मुझे और हिम्मत मिल गई … शायद उसे भी सेक्स की बहुत जरूरत थी.
मैंने उसकी एक चूची को हाथ से दबाना शुरू किया और दूसरी को मुँह में लेकर चूसने लगा.




आह मुझे कितना मजा आ रहा था.
मैं चूचियों को बदल बदल कर चूसने का मजा ले रहा था.
एक चूची जी भरकर चूसता था, फिर कुछ देर बाद दूसरी चूची को मैं अपने मुँह में भर लेता था.


मेरा दिल कर रहा था कि याचना की चूचियों को आज कच्चा ही खा जाऊं.
दूसरी तरफ याचना भी अब तक मुझे अपना सैयां मान चुकी थी और मेरे सर को अपने हाथों से सहलाती हुई अपनी दोनों चूचियां बारी बारी से मेरे मुँह में दे रही थी.


कुछ ही देर में हम दोनों की झिझक और शर्म ख़त्म हो चुकी थी.
अब मैं उसके दूधिया थन पीने में मस्त था.
उसके निपल्स काम की ज्वाला में जलकर एकदम से कड़क हो गए थे और फूल गए थे.


मैं जीभ लगाकर किसी बच्चे की तरह उसके कड़क हो चुके चूचुकों को तन्मयता से चूस रहा था.
याचना भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.

कुछ देर बाद मैंने अपनी नंगी बहन याचना को गोदी में उठाया और उसे बिस्तर पर लिटा दिया.
उसके लेटते ही मैं उसकी रसीली की चूत की तरफ आ गया और उसकी चूत चाटने लगा.




मेरी बहन ने शायद कुछ दिन पहले ही झांटें बनाई थीं.
उसकी चूत पर छोटे छोटे बाल थे, जिसकी वजह से उसकी चूत और भी सेक्सी और रसीली लग रही थी.
मैंने उंगली से उसकी चूत फैलाई और जीभ सीधी अन्दर डाल दी.


अब याचना को भी अपनी चूत चटवाने में खूब मजा रहा था, वो गांड उठा उठा कर मेरे मुँह में अपनी चूत दे रही थी.
मुझे ये पक्का हो गया था कि उसको कई दिनों से लंड नहीं मिला था और चुदाई के लिए प्यासी थी.


आज उसे लंड मिलने की आस जाग गई थी जिस वजह से वो मेरे साथ लग गई थी.
मेरी जीभ किसी कुत्ते की तरह लपलपा रही थी और याचना की चूत के दाने और उसकी फांकों को निरंतर चाट रही थी.


उसे बहुत मजा आ रहा था और वो बेकाबू हो रही थी.

कुछ देर बाद मैंने अपनी दो उंगलियां याचना के भोसड़े में पेल दीं और अन्दर बाहर करने लगा.
याचना मादक आवाज भरती हुई ‘आई आई … अहह … सीई … ’ करने लगी थी.


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मुझे उसकी कामुक सिसकारियां बहुत मीठी लग रही थीं इसलिए मैंने अपनी उंगलियों को तेज तेज अन्दर बाहर करते हुए उसकी तर गुलाबी और भरी हुई चूत में कर रहा था.
याचना बेकाबू और बेताब हुई जा रही थी.


मैंने किसी तरह की जल्दीबाजी नहीं दिखाई और उसकी चूत में उंगली करता रहा.
कुछ ही देर में मेरी मेहनत रंग लाई और मेरी बहन याचना की चूत रस छोड़ने से एकदम गीली हो गयी थी.


बहन की चूत में लंड घुसाने का सही समय हो गया था. याचना की चूत की फांकें बहुत लाल लाल हो गई थीं.

मैंने अपनी पैंट खोली और अपना लंड याचना की चूत में सैट करके पेल दिया.

वो आह करके लंड गड़प कर गई.
मैंने उसे दबादब चोदने लगा.


मेरी बहन याचना बोली- आह भाई … मुझे बहुत अच्छा लग रहा है आह … प्लीज़ मुझे रगड़ कर चोदो. तुम ये बिल्कुल भी मत सोचना कि मैं तुम्हारी बहन हूँ. तुम मुझे अपनी पत्नी समझ कर चोदो. मैं बहुत प्यासी हूँ.

यह सुन कर मैं जोश में आ गया … और तेजी से धक्के लगाने लगा.
मेरे हर धक्के के साथ उसकी चूत खुल बंद हो रही थी.


थोड़ी देर बाद वह भी फुल मस्ती में आ गई और गांड उछाल-उछाल कर मेरा लंड अपने अन्दर लेने लगी.
याचना नंबर एक क्वालिटी वाली माल थी. वो लंड लेती हुई मेरे चेहरे को सहला रही थी और चूम रही थी.


मैं अब उसको धीमे धीमे पेलने लगा था.
चुदते चुदते याचना का मुँह खुल जाता था और बड़ा हॉट चेहरा बन जाता था.


मेरे धक्के धीरे धीरे तेज और तेज होने लगे.



वो अपने होंठ दांतों से चबा रही थी, जिसमें वो बेहद चुदासी और सेक्सी लग रही थी ‘ओह गॉड. ओह गॉड … यस बेबी … ओह यस … और तेज पेलो रुकना मत भाई.’
मैं जोर जोर से उसकी चूत में धक्के मारने लगा.
पच पच की याचना के चुदने की मीठी आवाज कमरे में गूंजने लगी.


इस समय मेरी बहन याचना बिल्कुल कोई होर्नी स्लट या बाजारू रंडी जैसी लग रही थी.

‘ओह्ह गॉड … ओह्ह चोद दो भैया … और तेज चोदो …’ अब मेरी बहन याचना लगभग गुर्राने लगी थी.
मैं भी उसे चूमता हुआ जबरदस्त चोद रहा था.


मैंने उसे रगड़ते हुए पूछा- मेरा लंड कैसा लग रहा है बहना?
वो- ओह्ह भैया तुम जबरदस्त चोदू हो आह उईई भैया और चोदो … आह आज अपनी बहन को रांड बनाकर चोदते रहो. मैं पहले से ही दो बच्चों की माँ हूँ … अपने लंड से चोद चोद कर एक और बच्चे की माँ बना दो … आह!


मैंने उसके गाल और मम्मों पर कस कसके दो चांटे मार दिए, कहा- आह साली कुतिया … मां की लवड़ी साली … आज तेरी चूत का भोसड़ा बना दूँगा.
मैं और जोर जोर से धक्के मारने लगा.


याचना की टांगें हवा में उठ गई थीं और वो अपनी चूत को अच्छे से चुदवाने लगी थी.

मेरा लंड उसकी चूत से रगड़ कर और भी ज्यादा फूल गया था और चूत का भर्ता बना रहा था.
तभी उसकी चूत से कुछ गाढ़ा मक्खन जैसा माल मेरे लंड पर लग गया था, जिससे लंड को अन्दर बाहर करने में मुझे और चिकनाई और फिसलन मिल रही थी.
मैं अपनी बहन की चुदाई में इतना खो गया था कि मैं भूल ही गया कि बाहर हमारी भतीजी सुमी भी है और कमरे का दरवाजा भी खुला हुआ है.

















उसका ध्यान आते ही मैंने दरवाजे की तरफ मुँह घुमाया.
अगले ही पल मेरी गांड फट गई.


सुमी तो दरवाजे पर खड़ी होकर हमारी चुदाई देख रही थी.
वो जिस नजर से हम दोनों को चुदाई करते देख रही थी उससे साफ़ पता चल रहा था कि वो काफी देर से नजारा देख रही है और खुद भी मजे ले रही है.




मैं उसे देख कर चौंक गया और मैंने तुरंत याचना की चूत लंड बाहर निकाल दिया.
याचना अभी मेरी भतीजी के खड़ी होने के अहसास से अनजान थी.


वो कहने लगी- क्या हुआ भाई … लंड क्यों निकाल लिया. कितना मजा आ रहा था … पेलो न जल्दी से!
मैंने उसे इशारा करके धीमे से कहा- बाहर देख दरवाजे पर!


उसने देखा, तो वो भी चौंक गयी और घबरा कर कहने लगी- सुमी तुम? तुम कब से देख रही ये सब … चलो बाहर जाओ.
सुमी बिंदास बोली- बुआ, मैं बहुत देर से देख रही हूँ. आप करो … मस्त सीन चल रहा है.


याचना ने उसके भाव को समझा और कहा- प्लीज़ सुमी, किसी को कहना मत!
सुमी ने कहा- हां किसी को नहीं बोलूंगी, पर फिर से करो … वो भी मेरे सामने. मुझे भी बहुत मजा रहा है.


अब याचना ने मेरी तरफ देख कर कहा- करो, वरना वो सब बता देगी.
मैंने याचना से कहा- ओके अब जो हुआ सो हुआ. अब तुम मेरे ऊपर आकर करो.


याचना मेरे नीचे से उठी और मेरे ऊपर आ गयी.
उसने मेरा लंड पकड़ा और अपनी चूत में रख कर ऊपर से धक्का दे मारा.


मेरी भतीजी सुमी वहीं सोफे पर बैठ गयी.
उस दिन उसने पीले रंग की लॉन्ग ड्रेस पहन रखी थी.
वो भी शायद हमारी चुदाई देख कर गर्म हो चुकी थी.


उसका बॉयफ्रेंड तो था, पर वो कभी चुदी नहीं थी.
ये मुझे बाद में जब उसे चोदा तब समझ में आया था.


हमारी चुदाई देख कर उसे कुछ अलग ही महसूस हो रहा था.
अब याचना ऊपर से धक्के मारने लगी.
मैं अपने ही सगी भतीजी के सामने ही अपनी बहन को चोद रहा था, बहुत मजा आ रहा था.
मेरी भतीजी को भी मजा आने लगा तो उसने अपनी ड्रेस ऊपर की और अपनी बुर सहलाने लगी.







अब मैं नीचे से ही अपना लंड उठा कर याचना की चूत में धक्के मारने लगा.

उधर मेरी बेटी सुमी ने अपनी ड्रेस निकाल कर अलग फेंक दी.
अब उसकी शर्म भी खत्म हो चुकी थी. मेरे देखते ही देखते उसने अपनी ब्रा और पैंटी भी निकाल दी.


उसका गोरा और कुंवारा तन देख कर मैं अपनी बहन याचना को भूल बैठा. मेरी भतीजी के तन ने मुझे बिल्कुल मदहोश कर दिया.
सच में क्या कामुक बदन था उसका … मैं समझ ही नहीं पाया कि इस तरह का बदन … और आज तक ये माल मेरे ही साथ थी.


मैं भूल गया था कि मैं उसका चाचा हूँ.

याचना नीचे से धक्के मारे जा रही थी पर मेरी नज़र तो अपनी भतीजी की कमसिन जवानी पर थी.
सुमी नंगी होकर सीधे बिस्तर पर आ गयी और याचना की जांघ पर ठोड़ी रख कर याचना की चूत में घुसे लंड को देख रही थी.


वो कहने लगी- बुआ, आपकी चूत तो आज भी बहुत गोरी है!
ये कहने के बाद उसने सीधे बुआ के होंठों पर अपने होंठों को रखा और चूसने लगी.
साथ ही वो याचना की चूची दबाने लगी.


मैंने पूछा- तूने ये सब कहां से और कैसे सीखा?
वो कहने लगी- चाचा, मैं और मेरी सहेली अक्सर लेस्बियन सेक्स करती हैं.


कुछ देर बाद याचना मेरे लंड से नीचे उतरी और उसने कहा- भाई, अब मुझे मेरी टांगें चौड़ी करके चोदो.
उसने ये कह कर अपनी टांगें किसी रांड की तरह से फैला दीं.


सुमी कहने लगी- चाचा, एक मिनट रुको.
वो अपनी बुआ की चूत चाटने लगी.
इसकी उम्मीद याचना को बिल्कुल नहीं थी, पर उसे मजा आ रहा था.
इससे पहले किसी भी लड़की ने याचना की चूत नहीं चाटी थी.


सुमी थोड़ी देर चूत चाटने के बाद सीधा उठी और उसने मेरा लंड पकड़ लिया.
मैं कुछ समझ पाता कि उसने मेरे लंड को अपने मुँह में भरा और चूसने लगी.






मैंने झट से लंड खींच लिया और कहा- ये क्या कर रही है … तू मेरी भतीजी है!
पर वो मानी ही नहीं.
उसने दुबारा से लंड पकड़ा और मुँह में ले लिया.


उसका लंड चूसना बहुत ही आनन्दमय था.
याचना भी कहने लगी- भैया चूसने दो न उसे … कितना मस्त चूस रही है.
मैं चुप रह गया.


सुमी अब मेरा लंड बड़े मजे से चूस रही थी. वो बार बार लंड के गोटों को सहलाती जा रही थी, जिससे मुझे बड़ी सनसनी हो रही थी.
आज अपनी भतीजी को अपना लौड़ा चूसते देख कर मुझे सेक्स का असली मजा आ रहा था.


काफी देर अपनी बहन याचना को चोदने के बाद और फिर बेटी सुमी का इतना लंड चूसना, मेरे लंड के लिए हद से ज्यादा हो गया था.
मैं कब तक रुक सकता था. मेरे लंड ने हार मान ली और सुमी ने मेरे लौड़े का माल निकाल दिया.


मैंने भी बिना बताए सारा माल सुमी के मुँह में छोड़ दिया. सुमी ने भी बिना हिचक के मेरे लौड़े का सारा माल चाट लिया.
लंड पर लगा थोड़ा सा माल मेरी बहन याचना ने भी चाट लिया.


अब मेरा लंड ढीला हो गया था.

सुमी ने कहा- चाचा आपका लंड चूसने में मजा बहुत आया, पर जी नहीं भरा.
तो याचना कहने लगी- हां मेरा जी भी नहीं भरा. चलो ये सब बाद में फिर से करते हैं, पहले कुछ खाते पी लेते हैं. तुम लोगों को आए एक घंटा हो गया.








2

















मेरी बहन याचना ने बताया था कि घर पर कोई नहीं था.
याचना के बच्चे उस दिन अपने दादा के घर गए थे.


मैं खड़ा उठा और कपड़े पहनने लगा तो याचना कहने लगी- भैया ऐसे ही रहो ना … बताया तो है कि घर पर कोई नहीं है.



अब हम तीनों ऐसे ही नंगे बेडरूम से बाहर आ गए.

सुमी बहुत शरारत कर रही थी.
वो कभी मेरा लंड पकड़ रही थी तो कभी अपनी बुआ की चूत पर हाथ फेर रही थी.


याचना किचन में गयी और खाना लेकर आई.
हम खाना खाने बैठ गए.


याचना कहने लगी- भैया आज अपने हाथों से खिला दो न!
मैंने अपनी बहन याचना को नंगी ही गोदी में बिठाया और खाना खिलाने लगा.


उधर से सुमी भी जब मैं उन दोनों को खाना खिला रहा, तो बारी बारी से वो दोनों मेरा लंड हिलाए जा रही थीं.
अब इतनी देर में लंड खड़ा हो गया.


याचना ने ऐसे ही खाना खाते हुए टांगें चौड़ी की और मेरे गोदी में से ही लंड को अपनी चूत में ले लिया.

अब वो खाना खाते खाते ही धक्के मारने लगी.



थोड़ी देर धक्के मारते हुए याचना ने मेरा लंड अपनी गीली चूत से बाहर निकाला और टेबल से आइसक्रीम उठा ली.
उसने मेरे लंड के ऊपर और अपनी चूत में डाल दी.


इसके बाद उसने सुमी से कहा- तू अपने चाचा का लंड चाट … और भैया आप मेरी चूत पर लगी आइसक्रीम चाटो.

अब सुमी मेरे आइसक्रीम लगे लंड को चाट रही थी और मैं अपनी बहन याचना की चूत चाट रहा था.
सुमी कहने लगी- चाचा, इससे पहले आइसक्रीम खाने का ऐसे मजा कभी नहीं आया.


आइसक्रीम चाटने के बाद फिर से सुमी और याचना ने कुछ तीखा खा लिया.
तीखा ज्यादा लग गया था तो दोनों को पानी पीना था.


सुमी कहने लगी- चाचा, गले में खाना अटक गया और तीखा भी लग रहा है. मुझे पानी पीना है.
मैंने कहा- किचन से ले आ. मैं तब तक मूत कर आता हूँ.


याचना कहने लगी- सुमी को पानी की जगह से अपना मूत पिला दो!
मैंने कहा- पागल हो गयी क्या?


सुमी भी कहने लगी- हां चाचा, यही पिला दो … देखती हूँ, इसका टेस्ट कैसा होता है!
मैंने लंड सुमी के मुँह के तरफ करके मूतना शुरू किया और उसके मुँह में पेशाब कर दी.


ये देखते ही याचना ने भी अपना मुँह आगे कर दिया और उसने भी मेरे लंड से मूत पिया.
अब सुमी आगे आई और मेरा मूत वाला लंड पकड़ कर अपनी मुँह में लेकर चूसने लगी.




आह … कमसिन लौंडिया से लंड चुसवाने में बड़ा मजा आ रहा था … मैं तो खाना-वाना सब भूल गया था.
मैंने कहा- आह हां सुमी बेटा, ऐसे ही चूसती रह!


इतनी देर में याचना किचन से सरसों का तेल लेकर आ गयी और उसने सुमी से कहा- ले बेटी, अपने चाचा के लंड पर तेल लगा कर खूब मालिश कर.
मैं बेड पर आ गया और लेट गया.


सुमी मेरी टांगों पर आकर तेल से मेरे लंड की मालिश करने लगी.

आह्ह … उसका मालिश करना ही कितना सुखद था … बड़ा मजा आ रहा था.
अपने हाथ से सुमी खूब मालिश करके मेरी मुठ मार रही थी.
वह कभी मेरी तरफ देखती, तो कभी लंड की तरफ … और फिर तेल लगा कर लंड की मुठ मारने लगती.


एक तरफ भतीजी लंड की मालिश कर रही थी और उधर दूसरी तरफ मेरी बहन याचना मेरे होंठ चूस रही थी.











अब याचना ने सुमी की कुंवारी चूची को दबाना और मसलना शुरू किया.
सुमी कहने लगी- आह बुआ … चूसो मेरी चूची को खूब दबाओ, बड़ा अच्छा लग रहा है.


सुमी की मालिश से मेरा लंड कड़क हो गया था.
उसने कहा- चाचा, अब मालिश बहुत हो गयी है. अब मुझे चोदो … मेरी कुंवारी बुर में अपना लंड पेलो. मुझे अपनी सील बंद चूत का भोसड़ा बनवाना है.


मैंने कहा- बेटी, तुझे दर्द बहुत होगा.
इतने में मेरी याचना बहन कहने लगी- अरे भाई, घुसा दो न उसकी कुंवारी बुर में … शुरू में दर्द होगा, बाद में वो खुद ही अपनी गांड उठा उठा कर अपने चाचा से चुदवाएगी.
मैंने कहा- ठीक है.


अब मेरी भतीजी सुमी नीचे लेट गयी.
याचना ने कहा- सुमी अपनी टांगें चौड़ी कर, मैं तेल लगा देती हूँ. तुझे दर्द ज्यादा नहीं होगा.
सुमी ने ऐसा ही किया.


याचना ने उसकी बुर तेल से खूब भिगो दी.
अब सुमी की बुर तेल से चिकनी हो गयी थी.






याचना ने मेरा लंड पकड़ा और सुमी की बुर के छिद्र पर टिका दिया.
उसने कहा- भैया, आराम से लंड को अन्दर पेल कर मेरी कुंवारी भतीजी की सील तोड़ दो. आज उसकी नथ उतार दो.


मैंने ऐसे ही किया, पर लंड फिसल कर दूसरी तरफ चला गया.
याचना ने फिर से मेरा लंड पकड़ा और सुमी की बुर पर टिका दिया.


मैंने फिर से धक्का मारने की कोशिश की, तो लंड फिर फिसल गया.
अबकी बार याचना ने कहा- भैया, जब तक लंड अन्दर नहीं जाएगा, तब तक मैं लंड को पकड़े रखूंगी.


मैंने कहा- हां ठीक है.
याचना ने लंड पकड़ा और फिर से चूत पर टिका कर लंड पकड़े ही रखा ताकि लंड फिसले ना.


अब मैंने धीरे धीरे से अन्दर घुसाना शुरू किया. बहुत मुश्किल ने लंड का मुख चूत में घुसा.
मैं थोड़ी देर ऐसे ही रहा क्योंकि सुमी को दर्द होना शुरू हो गया था.


मैंने याचना को इशारा किया तो वो समझ गयी.
उसने एक हाथ से सुमी की चूची दबाई और अपने होंठ से उसके होंठ चूसने लगी.


सुमी दर्द भूलने लगी.
बस यही मौका था, मैंने एक झटके में लंड सुमी की बुर में घुसा दिया.


वो जोर से दर्द से कराह रही थी, पर याचना ने अपने होंठ नहीं हटाए.
मैं कुछ पल को रुका और उसे सहलाने लगा.


उसका दर्द हल्का सा कम हुआ, तो मैं धीरे धीरे धक्के मारने लगा.
उधर उसकी याचना बुआ उसके होंठ चूस कर उसे पूरा अनुभव और मजा दिला रही थी.


अब सुमी के चूत का दर्द कम हुआ, तो उसकी सिसकारियां निकलने लगीं.
ये देख कर मैंने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी.




हम दोनों को बहुत मजा आने लगा. सुमी के मुँह से तेज तेज आवाजें निकलने लगीं- आहह चाचा … ओहह … चोदो अपनी भतीजी को … आह्ह सुमी आपके लंड की प्यासी है … मुझे आपके लंड से बहुत प्यार है … आहह चाचा … और जोर से … फाड़ दो इस कुतिया सुमी की चूत … आह!
उधर मेरी बहन याचना भी पूरी गर्म थी, वो भी कहने लगी- हां भाई, फाड़ दो आज अपनी रांड की चूत. उसके बाद अपनी इस रांड बहन के चूत के चीथड़े उड़ाना.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#2
याचना सुमी के होंठ चूसने लगी.
सुमी कहने लगी- आई लव यू चाचा … आई लव यू मेरी रांड बुआ … आह्ह … ओहह … उम्माह … उईईइ … चाचा अपनी स्पीड बढ़ाओ … वोहह मेरे शेर चाचा … आह!

सुमी की गर्म सांसें मेरे मुँह से टकराने लगीं. सुमी पहली बार सेक्स के सागर में गोते लगा रही थी.
‘ले मेरी सुमी रांड … आहह मेरी गुड़िया … मेरी फूल सी बच्ची.’

सुमी की सांसें भी तेज तेज चलने लगी थीं.
उसकी कामुक सिसकारियां तेज हो गयी थीं- आह्ह्ह उहह आई लव यू चाचा … आह्ह्ह चाचा आज अपने बच्चे की माँ बना दो मुझे … आह्ह्ह चाचा आई लव यू … अपने आगोश में समेट लो चाचा … क्या मस्त चुदाई करते हो आप … अब तो आपके सिवा किसी के बारे में सोचना ही नहीं है … आह्ह्ह ओह्ह्ह!

मैं अपनी भतीजी सुमी की जमकर चुदाई कर रहा था, सुमी को भरपूर मजा दे रहा था.
धक्कों की स्पीड तेज हो गयी.

फच फच फच की आवाज सुमी की चूत से आने लगी थी.
उसकी चूत की सील टूट चुकी थी और बुर भोसड़ा बनने लगी थी. बिस्तर की चादर खून से लथ पथ थी.

मेरी मासूम कली सी भतीजी को आज मैंने अपने लंड से रगड़ रगड़ कर फूल बना दिया था.
सुमी अब चरम सीमा पर थी और जोर जोर से आवाजें कर रही थी.
उसकी आवाजों से पूरा कमरा गूंजने लगा था.

मैंने सुमी से कहा- आवाज थोड़ी नीचे कर मेरी रांड … साली पड़ोसी सुन लेंगे.
तो मेरी सुमी रांड कहने लगी- सुनने दो … मुझे मेरा पति ही तो चोद रहा है … और अपने पति चुदने में कैसी शर्म. आज मुझे कोई शर्म नहीं, कोई डर नहीं … बस आप अपनी सुमी रांड की चूत को पेलते जाओ. आज से मैंने आपको अपना पति मान लिया … अब आप ही मेरे सब कुछ हो … आज के बाद मैं आपको चुदाई में बिल्कुल निराश नहीं करूंगी. जब चाहे अपनी सुमी रांड की चूत बजा लेना. किचन में, बाथरूम में, बेडरूम में सब जगह मुझे चोद लेना. यहां तक कि मुझे बीच सड़क में भी चोद देना चाचा … मैं अपने चाचा से खुले-आम चुदना चाहती हूँ. आहह ऊओह्ह्ह मेरे पति … मुझे पत्नी ना सही … अपनी रांड ही बनाकर रखना … आह चोदो मेरे पति देव … आहह … आज से ये सुमी तुम्हारी पत्नी बन गयी … बस अब जल्दी से माँ बना दो … आहह चाचा … ओहह मेरे पति.

सुमी की चूत एकदम टाईट थी.
मैंने अपना लंड बाहर खींचा और फिर से अन्दर डाल दिया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#3
१२३४५६७
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#4
(18-01-2024, 03:29 PM)neerathemall Wrote: १२३४५६७
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#5
इस बार सुमी के मुँह से सेक्सी आवाज़ निकली.
मैं जोर जोर से सुमी की चूत चोदने लगा और उसके बड़े-बड़े मम्मे मेरे झटकों के साथ हिलने लगे.

याचना सुमी के हिलते हुए मम्मों को पकड़ कर दबाने लगी.
उसका चेहरा चुदाई के नशे से चहक रहा था. मेरे लंड के अन्दर-बाहर होने से सुमी की चूत बिल्कुल गीली हो गई थी और फच्च फच्च की आवाज़ें आने लगी थीं.

हम तीनों अपने रिश्ते से बेखबर होकर चुदाई का आनन्द ले रहे थे.
मैं दनादन झटके मारकर अपनी सगी भतीजी को अपनी रांड बनाकर मस्ती से चोदने में लगा था और सुमी भी बड़ी गर्मजोशी से अपने सगे चाचा का लंड ले रही थी.

मेरे हर झटके से सुमी के मुँह से कामुक आहें निकल जातीं और मेरा जोश और भी बढ़ जाता.
जब सुमी मस्ती में चिल्लाती, तो मैं जोश में आकर और भी तेज़ी से उसकी चूत चोदने लगता.

अब सुमी जोर से चिल्लाने लगी और कहने लगी- चाचा मैं आने वाली हूँ … आह्ह चाचा … मैं आ गयी … आह गई.

उसने अपनी चूत का सारा माल मेरे लंड पर ही छोड़ दिया और शांत हो गयी.
पर मेरा लंड कहां शांत होने था.

उधर मेरी याचना बहन अभी पूरी तरह से गर्म थी.
मैंने याचना से कहा- आ जा मेरी रांड बहन … अब तेरी बारी है.

मैंने याचना की टांगें चौड़ी की और चूत के बदले उसकी गांड में लंड पेलने लगा.
अपना लंड उसकी गांड के छेद पर रख कर अन्दर पेलने लगा.

पहली बार होने के कारण उसकी गांड में लंड नहीं घुस रहा था.
मैंने थोड़ा सा धक्का मारा तो सुपारा अन्दर चला गया.

मेरी बहन याचना चिल्लाने लगी- उई भैया बहुत दर्द हो रहा है. अपना लंड बाहर निकालो … प्लीज बाहर निकालो.
मैंने कहा- बहन की लौड़ी, बस थोड़ी देर दर्द होगा. थोड़ी देर ऐसे ही चुप रह साली.

फिर मैंने लंड का अगला झटका मारा. इस बार एक ही झटके में पूरा लंड अपनी बहन याचना की गांड में पेल दिया.

उसका दर्द से बुरा हाल हो गया, उसके आंसू निकल आए, वो चिल्ला रही थी.
मुझे उसका चिल्लाना बहुत मजा दे रहा था.

इतने में सुमी ने अपनी बुआ के होंठों पर अपने होंठ रख कर उसका चिल्लाना बंद कर दिया.
अब मैं रुका नहीं, धीरे धीरे याचना की गांड में धक्का मारने लगा.

पांच मिनट तक ऐसा ही करता रहा.
अब याचना का दर्द कम होने लगा. वो भी साथ देने लगी. अपनी गांड को उछाल उछाल कर मजे लेने लगी.

वो कहने लगी- आज अपने भाई से गांड मरवाने में कितना मजा रहा है. वाहह भैया खूब गांड मारो अपनी बहन की … आह फाड़ दो अपनी बहन की गांड … ओहह मेरे राजा … और जोर से धक्का मारो भाई … आह.
मेरे धक्कों की स्पीड बढ़ चुकी थी.

मेरी बहन फिर से कहने लगी- भाई जब माल छूटने वाला हो, तो लंड सीधे सुमी की चूत में पेल देना और लंड का माल उसकी चूत में छोड़ कर उसे माँ बना देना. आहह भैया … आई लव यू मेरा जानू … आई लव यू मेरे स्वीट हार्ट … आह्ह्ह पेलो भैया पेलो … आह.

मैं ऐसे ही याचना की गांड में धक्के मारता रहा. कुछ देर बाद मैं याचना को सीधी साइड करके फिर से उसकी गांड में लंड पेलकर गांड मारने लगा और साथ उसकी चूचियां भी दबाने लगा.

याचना ने मेरा मुँह नीचे खींच कर मेरे होंठ अपने होंठों पर लगाए और चूसने लगी.

मैं भी उसके होंठ चूसने लगा.
उसकी गांड में धक्कों की स्पीड जारी थी.

मैंने कहा- याचना मैं झड़ने वाला हूँ.
तो वो कहने लगी- भैया थोड़ा रूककर सुमी की चूत में डालो लंड.

मैं थोड़ा रुका और मैंने सुमी की टांगें हवा में खड़ी करके एक झटके में लंड चूत में पेल डाला.
मैं सुमी को चोदने लगा.
आह्ह्ह मेरी भतीजी की कुंवारी चूत में क्या मजा आ रहा था. बड़ी टाइट चूत है मेरी भतीजी की.

सुमी की कामुक सिसकारियां पूरे कमरे में गूंजने लगी थीं.
सुमी की आवाजें तेज होने लगीं- आह्ह्ह चाचा … चोदो अपनी रानी को … आह्ह्ह ओहह माँ मसल डाला मेरे चाचा ने अपनी नाजुक कली को … आह्ह चाचा उसकी गर्म सांसें मेरे चहेरे पर पड़ने लगीं.

उसकी सिसकारियां तेज हो गईं.

वो मुझसे विनती करने लगी कि आह चाचा और जोर जोर से चोदो … अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा कर मसल दो अपनी भतीजी को … अच्छी तरह से रगड़ दो आज मुझे … मैं अपने चाचा में पूरी तरह से समा जाना चाहती हूँ. निचोड़ दो मुझे चाचा.
कुछ देर ऐसे ही धक्के मार कर मैंने अपना सारा माल सुमी की चूत में ही छोड़ दिया.

देसी बुर की पहली चुदाई के बाद कुछ देर लंड ऐसे ही फंसाए रखा और उसके बाद बाहर निकाला, तो मेरी बहन याचना ने मेरा लंड चूस कर साफ़ कर दिया.
उसने मुझे सीने से लगा कर मुझे खूब चूमा.

सुमी ने भी मुझे गले से लगा कर खूब चूमा और कहा- चाचा, आज आपने मुझे वो सुख और मजा दिया, जो मेरा पति भी नहीं दे सकता. लव यू मेरा जानू.

उस दिन सारा समय बस चुदाई और चुदाई में ही निकला.
बहुत कुछ सुनाने को बाकी है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#6
Heart 
आह, बहन को और भांजी को चोदना सोच कर ही पुरानी बात याद आ गई / लौड़ा भी सख्त हो गया और फिर से वही कुछ करने की सोचने लगा //
// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
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#7
Good story
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#8
(01-02-2024, 02:49 PM)suneeellpandit Wrote: आह, बहन को और भांजी को चोदना सोच कर ही पुरानी बात याद आ गई / लौड़ा भी सख्त हो गया और फिर से वही कुछ करने की सोचने लगा //

(26-02-2024, 01:18 AM)sri7869 Wrote: Good story[Image: 29833123_007_cd98.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#9
fight thanks nospam
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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