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Adultery अब्बू ने आपा की चूत का बाजा बजाया
#1
अब्बू ने आपा की चूत का बाजा बजाया

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लोगों को लगता है कि मैं कोई काल्पनिक कहानी लिखता हूँ, तो उनको बताना आवश्यक है कि मेरी सेक्स कहानी सौ प्रतिशत सही होती है. मैं झूठी कहानी नहीं लिखता हूँ. 


अब आते हैं मेरे अब्बू जी की फितरत और उनके बारे में अन्य जानकारियों के बारे में. मेरे अब्बू एक ज़मींदार खानदान से ताल्लुक रखते हैं, तो गांव के लोग हम लोगों से दब कर रहते हैं. 


काफी सारे लोग हमारी ही ज़मीनों में बसे हुए हैं, इसलिए उनको मेरे बाप का कहा मानना ही पड़ता है.


दूसरी बात यह कि मेरे अब्बू जिस औरत या लड़की की चूत के पीछे पड़ जाते हैं, वह चूत बिना उनके लौड़े से चुदे रह ही नहीं सकती थी.


मेरे अब्बू की शादी बहुत कम उम्र में हो गयी थी. अभी उनकी उम्र 45 साल की है. अब्बू का लंड बहुत मोटा व लंबा है. उनका लंड ढाई इंच मोटा और साढ़े सात इंच लंबा है. 


आप लोग सोचते होंगे कि ये सब मुझे कैसे पता, तो मैं आपको बता दूँ कि मैं जब छोटा था, तभी से उनकी हरकतें देखता आ रहा हूँ. उनकी बहुत सी चुदाइयां मेरी मदद से भी हुई हैं, इसलिए मुझे सब पता रहता है. 


जब भी मैं, मेरी बड़ी बहन और अब्बू घर में होते हैं तो अब्बू से मेरी बहन की चुदाई फ़िक्स रहती थी.


मुझे उन दोनों की चुदाई का सीधा प्रसारण देखने को इसलिए मिल जाता था क्योंकि मुझे पता होता था कि आज उन दोनों की चुदाई होनी है.


बाप बेटी में या अन्य रिश्तों में चुदाई का कारनामा बहुत लोगों के घरों में होता होगा लेकिन लोग बताना नहीं चाहते हैं.


मगर मुझे यह बताना अच्छा लग रहा है कि मेरे अब्बू जब मेरी बाजी को हचक कर चोदते हैं. 


मुझे उनकी चुदाई से बहुत ख़ुशी भी होती है इसलिए मैं ये कहानी आपके मनोरंजन के लिए लिख रहा हूँ. 


मेरे अब्बू इतनी बुरी तरीक़े से चूत चोदते हैं कि अच्छी से अच्छी की चूत फट कर भोसड़ा बन जाए.


अब्बू के कई औरतों और लड़कियों से अवैध रिश्ते हैं इसलिए हमारे घर में झगड़े भी होते हैं. अम्मी हमेशा अब्बू से इसी बात को लेकर झगड़ती रहती हैं. 


अब हमारा फ्लैट लखनऊ में भी बन गया है और हम सब लोग यहीं रहने लगे हैं. 


लखनऊ से गांव की दूरी भी चालीस किलोमीटर की थी तो अब्बू को गांव आने जाने में कोई दिक्कत नहीं होती थी और अब उनकी अय्याशी उधर खुल कर होने लगी थी. अम्मी से झगड़े का झंझट भी खत्म हो गया था.


चूंकि मेरे अब्बू गांव के प्रधान भी हैं इसलिए उन्हें चूत मिलने में कोई दिक़्क़त नहीं होती है. किसी को भी काम करवाना होता है तो उसे यह बात पता रहती है कि प्रधान जी को चूत का भोग लगवाना जरूरी है, तभी काम हो पाएगा.


वर्तमान समय में उनका रिश्ता गांव के एक कुम्हार की लड़की से चल रहा है.


वह अभी 19 या 20 साल की ही होगी. उस लड़की की गांड एक क़यामत है. क्या बताऊं साली जब चलती है, तो पीछे वाले का लंड खड़ा ना हो, ऐसा हो नहीं सकता. वह माल ही ऐसी है. 


कुल मिला कर यह कहना है मेरे बाप को नयी चूत का शौक है. उनका अपने कार्यालय की भी कई बंदियों के साथ सम्बंध हैं. 


यह कहानी उस समय की है जब मेरे बड़े मामू के बड़े लड़के की शादी हो रही थी. हम लोग मामू के गांव जा रहे थे. 


कुछ ही समय में हम सभी मामू के घर पहुंच गए और दो दिन में मामू के लड़के की शादी भी हो गयी.


हम सब लोगों ने शादी को भी बहुत इन्जॉय किया और नयी दुल्हन को घर लेकर भी आ गए. 


जब दुल्हन को लेकर घर आए तो उसी दिन अब्बू के फोन पर खबर आई कि उनके ऑफ़िस की कुछ जरूरी मीटिंग फ़िक्स हो गई थी. अब्बू को जाने की मजबूरी थी तो उन्होंने मुझसे भी पूछा कि साथ चलोगे. 


मैं ना कह कर उधर से निकल गया. अगर मैं वहीं, रहता तो मुझे भी जाना पड़ता. हालांकि उनको मेरे रहने से मेरी बहन को चोदने में कोई दिक्कत नहीं होती. वे फ़्री माइंड से ऐसे चोदते हैं जैसे कि घर में उन दोनों के अलावा और कोई हो ही न!


तो हुआ क़ूछ यूं कि आपा यूपी सी पी एम टी (नीट) की तैयारी कर रही थीं. लोग इस एग्जाम को मेडिकल एमबीबीएस के नाम से जानते हैं. 


अब्बू को गांव वापस जाना था और मैंने उनके साथ जाने से मना कर दिया था.


वे आपा से ग़ुस्सा करने लगे- तुम्हारी पढ़ाई का नुकसान नहीं हो रहा है, कोचिंग भी छूट रही है. मेरे साथ चलो.


मेरी आपा ने समझ लिया कि बाप के लौड़े को छेद की जरूरत है इसलिए मुझसे पढ़ाई के नुकसान की बात कही जा रही है. उन्होंने मेरी तरफ देखा तो मैंने मुस्कुरा कर हां कर दी.


अब्बू ने अम्मी से कहा- इसे कल इसके भाई के साथ घर भेज देना. अम्मी ने ‘ठीक है जी’ कह दिया.


दूसरे दिन आपा जाने के लिए तैयार होने लगीं. उनके साथ मेरा छोटा भाई और छोटी बहन जाना नहीं चाह रहे थे इसलिए मजबूरी में आपा के साथ मुझे ही जाना पड़ा.


मुझे और आपा को अम्मी ने बस स्टैंड तक छुड़वा दिया. 


हम दोनों लोग बस से लखनऊ पहुंच गए, उधर से घर आ गए. 


अब्बू घर पर नहीं थे तो उन्होंने चाबी नीचे वाली भाभी को दी हुई थी. उनसे चाबी लेकर गेट खोला और रूम में आ गए.


हम दोनों ने कपड़े बदली किए और सो गए. 


शाम को उठ कर चाय पी और आपा ने खाना बनाया. आपा ने खाना खाया और लेट गईं. 


अब्बू अभी तक गांव से वापस नहीं आए थे. वे रात के क़रीब ग्यारह बजे के आस पास आए.


घर की डोरबेल बजी तो मैं उठ कर गेट खोलने नीचे चला गया.


अब्बू ऊपर आए और कपड़े उतार कर बाथरूम में चले गए. फिर वे फ्रेश होकर आए और टीवी ऑन करके देखने लगे. 


बहन ने खाना लगा दिया तो उन्होंने खाना खाया और मुझसे बोले- जाओ, सो जाओ.


मैं आगे वाले रूम में आकर लेट गया. अब्बू और आपा आपस में बात करने लगे. 


तब अब्बू ने खाना खाने के बाद थोड़ी देर टीवी देखी, फिर मुझे चैक करने आए कि मैं सो गया या नहीं.


वैसे उन्हें मेरे जागने से भी ज्यादा फ़र्क़ नहीं पड़ता, पर थोड़ा तो देखना ही पड़ता है.


उन्होंने पहले भी मेरे बग़ल में लेटी हुई आपा को नंगी करके चोदा था और वह भी हचक कर पेला था. आपा ने भी चुदते समय खूब आह ऊह की थी. 


इस वजह से मेरे सोने या ना सोने से उनके लिए झांट फर्क नहीं पड़ने वाला था. आपा की चुदाई तो होनी ही थी.


अब वापस अब्बू रूम में गए और टीवी बंद करके आपा के बग़ल में लेट गए.


वे आपा के पेट पर हाथ चलाने लगे, उनके लोअर में हाथ डालने लगे और आपा की चूत को सहलाने लगे. 


आपा भी धीरे धीरे गर्म होने लगीं और जल्द ही वासना से ऐसे तड़पने लगीं, जैसे बिन पानी के मछली.


थोड़ी देर बाद मैं उठा और रूम के दरवाज़े के पास खड़ा हो गया. उधर से आपा की चुदाई का लाइव शो देखने लगा.


अब्बू आपा की चूचियां जोर जोर से दबा रहे थे और आपा ‘आह आ ऊह …’ कर रही थीं. 


अब तक अब्बू आपा के सारे कपड़े निकाल चुके थे. वे एकदम नंगी थीं और अब्बू ने केवल बनियान पहनी हुई थी.


अब्बू आपा की चूत में उंगली करने लगे. आपा गांड उठा उठा कर मज़े लेने लगीं और ‘आ आऊं आह आह ऊ ई इ.’ करने लगीं.


फिर अब्बू आपा की चूत चाटने के लिए नीचे को हो गए. उन्होंने आपा के गांड के नीचे एक तकिया लगा दिया जिससे चूत ऊपर आ गयी. 


अब्बू ने दो उंगलियां आपा की चूत में घुसा दीं और जीभ लगा कर दाने को चाटने लगे. 


आपा की कामुक आवाजें मेरे लौड़े को भी खड़ा करने लगी थीं. 


अब्बू ने चूत को अच्छे से चाट लिया था.


आपा से अब रुका नहीं जा रहा था. वे अब्बू के बाल को पकड़ कर उनके सर को अपनी चूत पर दबाने लगीं और जोर जोर से ‘आह अह चाट ले साले बेटीचोद … आह ऊ उई …’ करने लगीं.


फिर बोलने लगीं- अब्बू अब रहने दीजिए, रस निकल जाएगा. अब्बू बोले- रस निकालने के लिए ही तो चूस रहा हूँ मेरी जान.


उसके बाद अब्बू ने लंड आपा को चूसने के लिए कहा. लेकिन आपा ने मना कर दिया. अब्बू ने ज्यादा जोर नहीं दिया क्योंकि इतनी बार की चुदाई में मैंने आपा को लंड चूसते नहीं देखा था.


हाँ मेरे छोटी आपा अच्छे से लंड चूस लेती हैं लेकिन उनको चोदना इतना आसान नहीं है. वे चुदने से पहले बहुत नाटक करती हैं. उनकी चुदाई की कहानी मैं फिर कभी लिखूँगा. पहले इन वाली आपा की चुदाई खत्म कर लेते हैं. 


तो आपा ने अब्बू से कहा- आपने मुझे चोदने के लिए ही घर बुलाया है ना! अब्बू बोले- हां ऐसा मौका कम ही मिलता है जान … जब मैं तुम्हारी चुदाई अच्छे से कर पाता हूँ. मैं कैसे इस मौके को छोड़ देता मेरी जान. तुम्हारी चुदाई के आगे सबकी चूत फेल हैं. तुम माल ही ऐसी हो. कल ऑफ़िस में नेहा को पेला था … पर बुरचोदी उतना मज़ा नहीं देती है माँ की लौड़ी … इसलिए मैंने तुमको बुला लिया मेरी जान.


कुछ देर बाद अब्बू आपा की चूत पर लंड लगा कर रगड़ने लगे. थोड़ी देर बाद आपा गर्म होकर गांड उठाने लगी और बोलने लगीं- अब डाल भी दीजिए अब्बू. 


वे लंड को चूत में लेने का प्रयास कर रही थीं लेकिन अब्बू अपना लंड अन्दर नहीं डाल रहे थे. आपा- आह अब्बू … प्लीज़ चोद दो ना अपनी रंडी बेटी को! 


पर अब्बू पता नहीं किस मूड में थे … आज लंड डाल ही नहीं रहे थे. 


आपा ने अचानक से झटका दिया और वे अब्बू को धक्का देकर उनके ऊपर चढ़ गईं. अब्बू कुछ समझ पाते कि आपा ने अब्बू के लंड को एक ही झटके में पूरा अन्दर ले लिया और जोर जोर से कमर चलाने लगी थीं. 


वे मोटे लौड़े को पूरा अन्दर लेने के कारण ‘आ ऊ इ उई अब्बू …’ करती हुई मादक सिसकारियां लेने लगीं. 


थोड़ी देर बाद आपा की कमर की स्पीड धीमी हो गयी तो अब्बू ने उन्हें बिस्तर पर नीचे लिटा दिया और अपने लंड को एक झटके में चूत में डाल दिया. वे अब अपनी बेटी को जोर जोर से चोदने लगे. 


मेरी आपा ‘आह ऊह मर गई उई.’ करती हुई चुदाई के मज़े ले रही थीं. 


अब्बू ने अपनी स्पीड को और तेज कर दिया. अब तो बेड भी दीवार से लड़ कर टक टक करने लगा था लेकिन अब्बू आज चूत का कचूमर निकलने वाले थे. 


आपा- आह अब्बू आराम से चोदिए … मैं कहीं भागी थोड़ी जा रही हूँ. अब्बू- तेरी अम्मी से छुप कर और जम कर चूत चोदने का मौक़ा कम ही मिलता है. तेरी टाइट चूत को आज मैं फाड़ ही दूँगा मादरचोद रंडी कुतिया! 


आपा- अब्बू, मैं चूत फाड़ने से मना नहीं कर रही हूँ लेकिन नीचे भाभी को पता चल जाएगा … बेड इतनी तेज आवाज़ कर रहा है. दिक्कत हो जाएगी.


अब्बू ने आपा को उठाया और सोफ़े पर लाकर पटक दिया. अब वे लगे हचक कर चोदने. 


आपा जोर जोर से कराह रही थीं- आ ऊ उई अम्मी मर गई … अब्बू यार आराम से चोदो ना … फट जाएगी मेरी … धीरे धीरे पेलो न … दर्द हो रहा है. अब्बू आपा की चूचियां (दूध) जोर जोर से दबाते हुए उन्हें चोद रहे थे. 


आपा हांफ़ रही थीं और बोल रही थीं- आह … अब रहने भी दो अब्बू … बाकी का कल चोद लेना. आज ही मेरी चूत का कचूमर निकाल देने का मन है क्या?


अब तक आपा की चूत तीन बार पानी छोड़ चुकी थी और वे एकदम थक गयी थीं. लेकिन अब्बू अभी भी धकापेल में लगे हुए थे. 


आधा घंटा तक चोदने के बाद उनका भी पानी निकल गया और अब्बू साइड में लेट गए. Xxx बेटी बाप सेक्स का एक दौर खत्म हो गया.


आपा ने मुझे देख लिया था कि मैंने उनकी पूरी चुदाई देख ली है. उन्होंने मुस्कुरा कर आंख दबा दी और मैं अपने कमरे में आ गया. 


सुबह जब मैं उठा, तब सब सामान्य था लेकिन कोई दिखाई नहीं दे रहा था. मैंने रूम किचन सब जगह देख लिया था.


बाहर वाले बाथरूम से आवाज़ आ रही थी. मैंने नीचे झुक कर देखा तो बाथरूम में चुदाई चल रही थी. कुछ दिखाई तो नहीं दे रहा था लेकिन चार पैर दिख रहे थे. 


अब्बू ने Xxx बेटी को एकदम रंडी बना दिया था. रात में इतनी मस्त चुदाई की थी, फिर भी उन्हें चैन नहीं पड़ा था. 


कुल मिला कर जब तक सब लोग वापस नहीं आए, अब्बू और आपा की चुदाई खूब हुई. 

मेरी आपा भी बहुत बड़ी वाली चुदक्कड़ा हैं. उनका हुस्न देख कर अच्छे अच्छों के लंड का पानी निकल जाता है
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#2
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अब्बू और आपा
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#3
Good story
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#4
(12-02-2024, 02:00 PM)sri7869 Wrote:
Good story


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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#5
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#6
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अर्ध निमीलित !
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#7
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Uzza Cascade 
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#8




























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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#9
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Mere dede
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#10
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#11
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#12
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#13
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#14
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भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#15
(13-02-2024, 12:58 PM)neerathemall Wrote:



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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#16
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#17
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#18
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