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Incest अब्बू ने मेरी कुंवारी बाजी की चुदाई कर डाली
#1
अब्बू ने मेरी कुंवारी बाजी की चुदाई कर डाली


cool2मेरे परिवार में 6 लोग हैं- मेरी अम्मी, अब्बू, हम दो भाई और दो बहन. मेरी दोनों बहनें हम दोनों भाइयों से बड़ी हैं. मेरी सबसे बड़ी बहन का नाम आफरीन है. यहां पर मैं नाम बदल कर लिख रहा हूं. 

यह बात उस वक्त की है जब मेरी बाजी कॉलेज में थी. गांव से 40 किलोमीटर दूर हम एक छोटे से शहर में रह रहे थे. वहीं पर चारों की शिक्षा चल रही थी. 

उन दिनों मामूजान के लड़के की सगाई की बात हो रही थी. उनकी सगाई फिक्स हो चुकी थी और मामूजान के घर में उसी की तैयारियां चल रही थीं. हम सब लोग मामूजान के घर जाने की तैयारी कर रहे थे. 

मगर बड़ी बाजी के इम्तिहान आने वाले थे. उसने जाने से मना कर दिया. इधर अब्बू को भी अचानक कारोबार के काम से बाहर जाना पड़ रहा था.
मेरी अम्मी ने मुझसे कहा- नियाज, तू भी अपनी बाजी के पास यहीं रुक जा. तेरे अब्बू तो घर में रहेंगे नहीं, इसलिए बाजी अकेली रह जायेगी. 


अम्मी की बात मान कर मैं रुक गया और बाकी लोग मामूजान के घर चले गये.

पहले दिन तो हम भाई-बहन ने काफी सारी मस्ती की. खूब मजा किया. सब कुछ आराम से हो रहा था. 

अगले दिन मैं और बाजी पढ़ने के लिए चले गये. फिर हम घर लौटे और दोपहर बाद का खाना खाकर सो गये. शाम को जब मैं उठा तो देखा कि बाजी कुछ काम करने में लगी हुई थी. मैं फिर खेलने के लिए चला गया. 

फिर वहां से आने के बाद मैं टीवी देखने लगा. बाजी ने खाना बना दिया था. हम दोनों ने साथ में मिल कर रात का खाना खाया और फिर हमने कुछ देर साथ में टीवी देखा. उसके बाद हम दोनों सो गये. 

रात के करीब 12 बजे बेल बजी. मेरी आंख खुल गई और मैंने बाजी को भी जगा दिया. हम दोनों घर में अकेले थे इसलिए थोड़ा डर भी लग रहा था. दरवाजे के पास आकर हमने पूछा कि बाहर कौन है?
बाहर से अब्बू की आवाज आई. फिर बाजी ने दरवाजा खोल दिया.


अब्बू अंदर आ गये और बाजी उनके लिये खाना गर्म करने लगी तो अब्बू ने मना कर दिया, वो बोले कि वो क्लाइंट के साथ ही बाहर खाकर आये हैं.
फिर अब्बू ने बाजी से कहा कि उनके रात के कपड़े निकाल दे. 


अब्बू नहाने के लिए वॉशरूम में चले गये. मैंने देखा कि अब्बू की चाल कुछ बदली हुई सी लग रही थी. उनसे ठीक से चला नहीं जा रहा था. मुझे लगा कि शायद अब्बू पैग लगा कर आये थे. बाजी उनके कपड़े लेकर बाथरूम के पास चली गई और पूछने लगी कि कपड़े कहां रखने हैं. 

तभी अब्बू तौलिया लपेट कर बाहर आ गये. उन्होंने बाजी के हाथ से कपड़े लिये और तौलिया लपेटे हुए अपनी लोअर को डालने लगे. वो बेड के पास खड़े होकर कपड़े पहन रहे थे.

जैसे ही अब्बू ने एक टांग उठाई तो गीला होने की वजह से उनका पैर फर्श पर फिसल गया और वो नीचे गिर गये. 

वो फर्श पर कमर के बल लेट गये. उनका तौलिया भी ऊपर हो गया. बाजी के सामने ही अब्बू का लंड नंगा हो गया. उन्होंने नीचे से अंडरवियर नहीं पहना हुआ था. मैं ये सब अपने रूम के दरवाजे के पास खड़ा होकर देख रहा था. 

मुझे भी शर्म आने लगी और बाजी ने भी मुंह फेर लिया. फिर बाजी ने मुझसे कहा कि मैं अब्बू को उठने में मदद करूं. बाजी मुंह फेर कर खड़ी हुई थी. मैंने पास जाकर अब्बू को उठने में मदद की. उनका तौलिया लपेटा और उनको बेड की तरफ ले जाने लगा. 

मगर अब्बू काफी भारी थे. मुझसे नहीं संभल रहे थे. फिर मैंने बाजी को सहायता करने के लिए कहा. हम दोनों भाई-बहन अब्बू को उठा कर बेड की ओर ले गये. उनको वहां पर लेटा दिया.
अब्बू बोले- मेरा सिर फटा जा रहा है. 


बाजी ने मुझसे कहा कि मैं अपने कमरे में चला जाऊं. उनकी बात मान कर मैं वहां से चला गया. मगर मैं अपने कमरे की चौखट से झांकने लगा. बाजी किचन में गई और अब्बू के लिए चाय बनाने लगी. पांच मिनट के बाद वो वापस आई और अब्बू को चाय पीने के लिए कहा ताकि उनको कुछ आराम मिले. 

अब्बू ने बाजी के हाथ से चाय ली. मगर जैसे ही वो पीने लगे तो चाय उनके तौलिये पर गिर गयी. गर्म चाय गिरने से अब्बू का सारा नशा उड़ गया. वो जोर से चीखे क्योंकि गर्म चाय उनकी जांघ पर गिर गयी थी. 

उन्होंने तुरंत तौलिया को खोल कर हटा दिया. उन्होंने नीचे से कुछ नहीं पहना हुआ था. वो बाजी के सामने ही नीचे से नंगे हो गये. अब्बू का लंड मैंने पहली बार देखा था. उनका लंड काला सा और काफी बड़ा था. 

वो अपनी जांघ को देखने लगे. गर्म चाय गिरने से उनकी त्वचा लाल हो गयी थी. बाजी तुरंत किचन से नारियल तेल की शीशी लेकर आई. उनकी जांघ पर नारियल तेल लगाने लगी. तेल लगाने से अब्बू को कुछ राहत मिली. 

बाजी जब उनकी जांघ पर तेल लगा रही थी तो अब्बू का लंड उठना शुरू हो गया था. अब्बू बाजी के बदन को घूर रहे थे. देखते ही देखते उनका लंड पूरा तन गया. बाजी शर्म के मारे अब्बू की तरफ देख भी नहीं रही थी. 

अब्बू ने कहा- आफरीन, कुछ देर के लिए मेरा सिर दबा दो. अभी सिर में बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है.
अब्बू ने अपनी जांघों चादर डाल ली और बाजी बेड के सिरहाने पर चली गई. वो अब्बू का सिर दबाने लगी. 


मैंने देखा कि अब्बू का लंड चादर के अंदर तंबू बनाये हुए था. बाजी उनके सिरहाने बैठ कर उनके सिर पर मसाज दे रही थी.
दोस्तो, एक बात मैं आपको बता दूं कि मेरे अब्बू बहुत बड़े चोदू हैं. पड़ोस की औरतों के साथ भी उनकी चुदाई के किस्से सुनने को मुझे मिलते रहते हैं.


इधर मेरी बाजी का फिगर भी बहुत कमाल था. 32-28-32 के फीगर को देख कर वो किसी का भी लंड खड़ा कर सकती थी. मेरी बाजी भी काफी कामुक है. कई बार मैंने उसको रात में अपनी चूत में उंगली करते हुए देखा हुआ था. मगर ये बात मैंने किसी को नहीं बताई थी.

मैं उन दोनों को देख रहा था. तभी अब्बू ने बाजी की चूचियों की तरफ हाथ बढ़ाये. मगर बाजी ने उनके हाथ को हटा दिया. कुछ देर के बाद वो फिर से बाजी की चूचियों को छेड़ने लगे.
बाजी बोली- क्या कर रहे हो अब्बू?
अब्बू ने नशे में कहा- तू मेरी बेटी है न, अपनी बेटी से प्यार कर रहा हूं. 


फिर उन्होंने उठ कर कमरे की लाइट को बंद कर दिया. मुझे अंधेरे में कुछ खास दिखायी नहीं दे रहा था. मगर उन दोनों की बातें अभी भी सुनाई दे रही थीं.
अब्बू बाजी को छेड़ रहे थे. बाजी भी अब्बू की हरकतों का बुरा नहीं मान रही थी.


मगर अचानक से ही बातचीत की आवाज बंद हो गयी. पुच-पुच की आवाज आने लगी. जैसे किसी को किस करने की होती है. मुझे समझते देर न लगी कि अब्बू और बाजी दोनों एक दूसरे के होंठों को चूस रहे थे. ये सोच कर मेरा लंड भी खड़ा हो गया था. 

मैं वहीं पर खड़ा होकर अंधेरे में देखने की कोशिश कर रहा था कि उन दोनों के बीच में हो क्या रहा है. कुछ देर तक वैसी ही आवाजें मुझे सुनाई देती रहीं. फिर अचानक दोबारा से कमरे की लाइट जल गई. 

जैसे ही लाइट जली मैं एक तरफ हो गया. फिर कुछ पल छिपा रहा. फिर मैंने धीरे से झांक कर देखा कि अब्बू ने बाजी का कमीज निकाल दिया था और वो बाजी की चूचियों को पी रहे थे. बाजी भी अपनी चूचियों को आराम से अब्बू के मुंह में देकर मस्ती में लग रही थी. 

उसके बाद अब्बू ने बाजी को बेड पर लेटा दिया. अब वो बाजी की लोअर की तरफ बढ़े. बाजी की लोअर को खींच कर उन्होंने बाजी की जांघों को भी नंगी कर दिया. बहन की चूचियां देख कर मेरा लौड़ा भी उछलने लगा था.

दरअसल जब सामने मर्द-औरत नंगे होकर इस तरह कामुक क्रियाएं कर रहे हों तो उत्तेजना आ जाना स्वाभाविक है. अब्बू ने बाजी की जांघों को चूमना शुरू कर दिया. वो उसकी जांघों को चाटने लगे. बाजी की कसी हुई चूचियां एकदम से टाइट लग रही थीं. 



मैंने अंधेरे में तो बाजी को अपनी चूत में उंगली करते हुए देखा था लेकिन अब उजाले में बाजी के नंगे बदन को पहली दफा देख रहा था. अब अब्बू ने बाजी की पैंटी को भी खींच कर निकाल दिया. 

बहन की चूत नंगी हो गई थी. अब्बू उसकी टांगों को फैला दिया और उसकी चूत में उंगली करने लगे. बाजी एकदम से चिहुंक गई. मैं पीछे हट गया. मुझे डर था कि कहीं बाजी की नजर मुझ पर न पड़ जाये. जब मैंने दोबारा से देखा तो अब्बू आहिस्ता से बाजी की चूत को सहला रहे थे. 

बाजी अब खुद ही अपनी चूचियों को दबाने लगी थी. अब्बू भी पूरे नंगे थे. फिर उन्होंने बाजी की चूत को चाटना शुरू कर दिया. बाजी को मजा तो आ रहा था लेकिन वो फिर भी दिखावे के लिए अब्बू को रोक रही थी, बाजी कह रही थी- नहीं अब्बू, रहने दो.
मगर अब्बू कहां रुकने वाले थे. सामने जब इतनी मस्त चूचियों वाली जवान लड़की की चूत नंगी हो तो भला किससे कंट्रोल हो सकता है. 


वो मेरी बहन की चूत में जीभ डाल कर तेजी के साथ वो उसको चाटने लगे. बाजी अब काफी गर्म हो गयी थी. बाजी ने अपनी चूत में अब्बू के मुंह को दबाना शुरू कर दिया था. अब मेरी बहन के मुंह से कामुक आवाजें निकलने लगी थीं. 

अब्बू के अंदर जैसे कोई शैतान सा जाग उठा था. वो एकदम से बाजी की चूचियों को पकड़ कर जोर से मसलने लगे. बाजी चिल्ला उठी. वो उनको पीछे करने लगी लेकिन अब्बू बाजी की चूचियों को मसल कर रख दिया.
जब वो हटे तो मैंने देखा कि बहन की गोरी चूचियां एकदम से लाल हो गयी थीं. 


फिर अब्बू ने उसकी टांगों को फैला दिया और उसकी चूत पर लंड को रगड़ने लगे. अब बाजी की आंखें बंद सी होने लगीं. वो अब्बू के लंड का मजा अपनी चूत पर महसूस कर रही थी. मेरे अब्बू का लंड देखने में करीब 7 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा लग रहा था. 

उन्होंने अपने मोटे लंड को बाजी की चूत में घुसाने के लिए लंड को चूत पर लगाया और दबाव बनाने लगे. लंड अंदर नहीं घुस रहा था. फिर अब्बू ने मेरी बहन की गांड को पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया. उसकी गांड के नीचे तकिया लगा दिया और बाजी की चूत ऊपर की तरफ आ गयी.

[Image: abbu-beti-sex-300x179.jpg]Abbu Beti Sex Story

अब अब्बू ने दोबारा से बाजी की चूत पर लंड को लगाया और धक्का देने लगे. बाजी को दर्द होने लगा और चिल्लाने लगी. मगर अब्बू ने उसके मुंह पर हाथ रख दिया और उसको चुप रहने के लिए कहा. अब्बू का अब दारू का नशा तो उतर चुका था लेकिन उनको हवस का नशा चढ़ा हुआ था. 

उन्होंने बाजी की चूत में धीरे-धीरे अपनी गांड को आगे की तरफ धकेलते हुए अपने लंड को घुसाना शुरू किया और बाजी के होंठों को चूसने लगा. बाजी ने अब्बू को बांहों में जकड़ना शुरू कर दिया. धीरे-धीरे अब अब्बू का लंड बाजी की चूत में अंदर जाने लगा था. 

दो मिनट के बाद ही अब्बू की स्पीड अपने आप ही तेज हो गयी. अब्बू अब जोर से धक्का लगा रहे थे. अब्बू का लंड बाजी की चूत में गपागप अंदर जा रहा था. जब उन्होंने बाजी के होंठों से अपने होंठों को हटाया तो बाजी कामुक आवाजें कर रही थी.

बाजी की सील शायद टूट चुकी थी. अब अब्बू के लंड से चुदाई का भरपूर मजा ले रही थी मेरी बहन. मैं भी पीछे छिप कर खड़ा हुआ अब्बू-बेटी की चुदाई देख रहा था. उनकी चुदाई देख कर मेरे लंड में पूरा जोश आ चुका था. मैंने अपने लंड को बाहर निकाल लिया और वहीं पर उसको हाथ में लेकर मुठ मारने लगा. 

अब बाजी अपनी कमर उठा-उठा कर लंड को चूत में ले रही थी. उसके मुंह से मदहोशी की सिसकारियां निकल रही थीं- उ उ उ … आआआ … ई ई ई … उम्म्ह… अहह… हय… याह… आई!
बाजी के मुंह से अब अब्बू के लिए गालियां निकलने लगी थीं- साले ठरकी अब्बू ने चोद दिया … हरामी साला … किसी को नहीं छोड़ा इस ठरकी ने … मैंने देखा था इसने हमारी खाला को भी चोदा था.


अब्बू भी जोर जोर से अपनी बेटी की चूत को चोद रहे थे. साथ ही उसकी चूचियां भी दबा रहे थे.
अब्बू भी बाजी को गालियां दे रहे थे- आह्ह … साली रंडी … बहुत दिनों के बाद एक सील पैक चूत मिली है. आह्हह… तेरी अम्मी की चूत का तो भोसड़ा बन चुका है. अब मैं अपने लंड से चोद-चोद कर तेरी चूत का भी भोसड़ा बना दूंगा साली कुतिया. 


तभी बाजी जोर से चीखते हुए झड़ने लगी. बाजी के पूरे बदन में झटके लग रहे थे. मगर अब्बू अभी भी उसकी चूत में लंड को पेल रहे थे.
फिर बाजी शांत होती चली गई.
वो बोली- बस करो अब्बू, अब मेरी चूत में जलन हो रही है. 


अब्बू बोले- तेरा तो काम तमाम हो गया. लेकिन मेरा नहीं हुआ अभी छिनाल कहीं की.
ऐसा बोलते हुए वो तेजी के साथ बाजी की चूत में धक्के मारने लगे. चूत से निकलने वाली पच-पच की आवाज पूरे रूम में गूंजने लगी. फिर दो मिनट के बाद अब्बू की स्पीड भी एकदम से कम हो गयी. वो बाजी की चूत में झड़ गये थे शायद. 


थक कर अब्बू बाजी के बगल में जा गिरे. फिर बाजी उठ कर बाथरूम में गई. उसके बाद वो नंगी ही बाहर आई. उसने अपनी कमीज और लोअर पहन ली. वो अब्बू के बदन पर चादर डालने लगी क्योंकि अब्बू को नींद आ चुकी थी. अब मैं भी वहां से खिसक लिया. अपने रूम में आकर सो गया. 

सुबह जब मैं उठा बाजी अभी तक सो रही थी.
मैं बाजी के रूम में गया तो वो बोली- मैं आज कॉलेज नहीं जा पाऊंगी. मेरे पेट में दर्द है.
मैंने कहा- तो फिर मैं भी नहीं जा रहा आज.
फिर वो उठ कर चलने लगी तो उससे चला नहीं गया. 


मैंने पूछा- क्या हुआ दीदी?
वो बोली- कुछ नहीं. पेट दर्द के कारण नहीं चला जा रहा. फिर वो उठ कर फ्रेश होने के लिए चली गई. 


अब्बू भी तैयार होकर ऑफिस चले गये. फिर मैंने बाजी को एक पेन किलर लाकर दी. मुझे पता था कि बाजी की चूत में दर्द हो रहा होगा. उसने गोली खाई और फिर वो नॉर्मल हो गयी. 

दिन भर सब ठीक रहा. शाम को अब्बू आ गये और बाजी ने उनके लिए खाना लगा दिया. मैं अपने कमरे में सो चुका था. रात को जब मेरी आंख खुली तो देखा कि बाजी अपने कमरे में नहीं थी.
मैंने देखा कि अब्बू के कमरे की लाइट जल रही थी. मैंने कान लगा कर सुना तो कुछ चुदाई जैसी ही कामुक आवाजें आ रही थीं. 


मैं खिड़की के पास गया और मैंने अंदर देखा तो बाजी मेरे अब्बू के लंड पर बैठ कर उछल रही थी. वो अपनी चूचियों को दबाते हुए मस्ती में अपनी चूत को चुदवा रही थी. 
वो दोनों अब्बू-बेटी चुदाई में मस्त थे. फिर अब्बू ने बाजी को घोड़ी बना दिया. बाजी की चूत खिड़की की तरफ ही थी. मैंने देखा की बाजी की चूत फूल कर पाव रोटी के जैसी हो चुकी है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#2
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अब्बू और बाज़ी
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#3
(12-01-2024, 09:38 AM)neerathemall Wrote:
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अब्बू और बाज़ी

अब्बू ने आपा की चूत का बाजा बजाया
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#4
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#5
(12-01-2024, 09:41 AM)neerathemall Wrote:
अब्बू ने आपा की चूत का बाजा बजाया

लोगों को लगता है कि मैं कोई काल्पनिक कहानी लिखतती हूँ, तो उनको बताना आवश्यक है कि मेरी सेक्स कहानी सौ प्रतिशत सही होती है. मैं झूठी कहानी नहीं लिखता हूँ. 

अब आते हैं मेरे अब्बू जी की फितरत और उनके बारे में अन्य जानकारियों के बारे में. मेरे अब्बू एक ज़मींदार खानदान से ताल्लुक रखते हैं, तो गांव के लोग हम लोगों से दब कर रहते हैं. 

काफी सारे लोग हमारी ही ज़मीनों में बसे हुए हैं, इसलिए उनको मेरे बाप का कहा मानना ही पड़ता है.

दूसरी बात यह कि मेरे अब्बू जिस औरत या लड़की की चूत के पीछे पड़ जाते हैं, वह चूत बिना उनके लौड़े से चुदे रह ही नहीं सकती थी.

मेरे अब्बू की शादी बहुत कम उम्र में हो गयी थी. अभी उनकी उम्र 45 साल की है. अब्बू का लंड बहुत मोटा व लंबा है. उनका लंड ढाई इंच मोटा और साढ़े सात इंच लंबा है. 

आप लोग सोचते होंगे कि ये सब मुझे कैसे पता, तो मैं आपको बता दूँ कि मैं जब छोटा था, तभी से उनकी हरकतें देखता आ रहा हूँ. उनकी बहुत सी चुदाइयां मेरी मदद से भी हुई हैं, इसलिए मुझे सब पता रहता है. 

जब भी मैं, मेरी बड़ी बहन और अब्बू घर में होते हैं तो अब्बू से मेरी बहन की चुदाई फ़िक्स रहती थी.

मुझे उन दोनों की चुदाई का सीधा प्रसारण देखने को इसलिए मिल जाता था क्योंकि मुझे पता होता था कि आज उन दोनों की चुदाई होनी है.

बाप बेटी में या अन्य रिश्तों में चुदाई का कारनामा बहुत लोगों के घरों में होता होगा लेकिन लोग बताना नहीं चाहते हैं.

मगर मुझे यह बताना अच्छा लग रहा है कि मेरे अब्बू जब मेरी बाजी को हचक कर चोदते हैं. 

मुझे उनकी चुदाई से बहुत ख़ुशी भी होती है इसलिए मैं ये कहानी आपके मनोरंजन के लिए लिख रहा हूँ. 

मेरे अब्बू इतनी बुरी तरीक़े से चूत चोदते हैं कि अच्छी से अच्छी की चूत फट कर भोसड़ा बन जाए.

अब्बू के कई औरतों और लड़कियों से अवैध रिश्ते हैं इसलिए हमारे घर में झगड़े भी होते हैं. अम्मी हमेशा अब्बू से इसी बात को लेकर झगड़ती रहती हैं. 

अब हमारा फ्लैट लखनऊ में भी बन गया है और हम सब लोग यहीं रहने लगे हैं. 

लखनऊ से गांव की दूरी भी चालीस किलोमीटर की थी तो अब्बू को गांव आने जाने में कोई दिक्कत नहीं होती थी और अब उनकी अय्याशी उधर खुल कर होने लगी थी. अम्मी से झगड़े का झंझट भी खत्म हो गया था.

चूंकि मेरे अब्बू गांव के प्रधान भी हैं इसलिए उन्हें चूत मिलने में कोई दिक़्क़त नहीं होती है. किसी को भी काम करवाना होता है तो उसे यह बात पता रहती है कि प्रधान जी को चूत का भोग लगवाना जरूरी है, तभी काम हो पाएगा.

वर्तमान समय में उनका रिश्ता गांव के एक कुम्हार की लड़की से चल रहा है.

वह अभी 19 या 20 साल की ही होगी. उस लड़की की गांड एक क़यामत है. क्या बताऊं साली जब चलती है, तो पीछे वाले का लंड खड़ा ना हो, ऐसा हो नहीं सकता. वह माल ही ऐसी है. 

कुल मिला कर यह कहना है मेरे बाप को नयी चूत का शौक है. उनका अपने कार्यालय की भी कई बंदियों के साथ सम्बंध हैं. 

यह कहानी उस समय की है जब मेरे बड़े मामू के बड़े लड़के की शादी हो रही थी. हम लोग मामू के गांव जा रहे थे. 

कुछ ही समय में हम सभी मामू के घर पहुंच गए और दो दिन में मामू के लड़के की शादी भी हो गयी.

हम सब लोगों ने शादी को भी बहुत इन्जॉय किया और नयी दुल्हन को घर लेकर भी आ गए. 

जब दुल्हन को लेकर घर आए तो उसी दिन अब्बू के फोन पर खबर आई कि उनके ऑफ़िस की कुछ जरूरी मीटिंग फ़िक्स हो गई थी. अब्बू को जाने की मजबूरी थी तो उन्होंने मुझसे भी पूछा कि साथ चलोगे. 

मैं ना कह कर उधर से निकल गया. अगर मैं वहीं, रहता तो मुझे भी जाना पड़ता. हालांकि उनको मेरे रहने से मेरी बहन को चोदने में कोई दिक्कत नहीं होती. वे फ़्री माइंड से ऐसे चोदते हैं जैसे कि घर में उन दोनों के अलावा और कोई हो ही न!

तो हुआ क़ूछ यूं कि आपा यूपी सी पी एम टी (नीट) की तैयारी कर रही थीं. लोग इस एग्जाम को मेडिकल एमबीबीएस के नाम से जानते हैं. 

अब्बू को गांव वापस जाना था और मैंने उनके साथ जाने से मना कर दिया था.

वे आपा से ग़ुस्सा करने लगे- तुम्हारी पढ़ाई का नुकसान नहीं हो रहा है, कोचिंग भी छूट रही है. मेरे साथ चलो.

मेरी आपा ने समझ लिया कि बाप के लौड़े को छेद की जरूरत है इसलिए मुझसे पढ़ाई के नुकसान की बात कही जा रही है. उन्होंने मेरी तरफ देखा तो मैंने मुस्कुरा कर हां कर दी.

अब्बू ने अम्मी से कहा- इसे कल इसके भाई के साथ घर भेज देना. अम्मी ने ‘ठीक है जी’ कह दिया.

दूसरे दिन आपा जाने के लिए तैयार होने लगीं. उनके साथ मेरा छोटा भाई और छोटी बहन जाना नहीं चाह रहे थे इसलिए मजबूरी में आपा के साथ मुझे ही जाना पड़ा.

मुझे और आपा को अम्मी ने बस स्टैंड तक छुड़वा दिया. 

हम दोनों लोग बस से लखनऊ पहुंच गए, उधर से घर आ गए. 

अब्बू घर पर नहीं थे तो उन्होंने चाबी नीचे वाली भाभी को दी हुई थी. उनसे चाबी लेकर गेट खोला और रूम में आ गए.

हम दोनों ने कपड़े बदली किए और सो गए. 

शाम को उठ कर चाय पी और आपा ने खाना बनाया. आपा ने खाना खाया और लेट गईं. 

अब्बू अभी तक गांव से वापस नहीं आए थे. वे रात के क़रीब ग्यारह बजे के आस पास आए.

घर की डोरबेल बजी तो मैं उठ कर गेट खोलने नीचे चला गया.

अब्बू ऊपर आए और कपड़े उतार कर बाथरूम में चले गए. फिर वे फ्रेश होकर आए और टीवी ऑन करके देखने लगे. 

बहन ने खाना लगा दिया तो उन्होंने खाना खाया और मुझसे बोले- जाओ, सो जाओ.

मैं आगे वाले रूम में आकर लेट गया. अब्बू और आपा आपस में बात करने लगे. 

तब अब्बू ने खाना खाने के बाद थोड़ी देर टीवी देखी, फिर मुझे चैक करने आए कि मैं सो गया या नहीं.

वैसे उन्हें मेरे जागने से भी ज्यादा फ़र्क़ नहीं पड़ता, पर थोड़ा तो देखना ही पड़ता है.

उन्होंने पहले भी मेरे बग़ल में लेटी हुई आपा को नंगी करके चोदा था और वह भी हचक कर पेला था. आपा ने भी चुदते समय खूब आह ऊह की थी. 

इस वजह से मेरे सोने या ना सोने से उनके लिए झांट फर्क नहीं पड़ने वाला था. आपा की चुदाई तो होनी ही थी.

अब वापस अब्बू रूम में गए और टीवी बंद करके आपा के बग़ल में लेट गए.

वे आपा के पेट पर हाथ चलाने लगे, उनके लोअर में हाथ डालने लगे और आपा की चूत को सहलाने लगे. 

आपा भी धीरे धीरे गर्म होने लगीं और जल्द ही वासना से ऐसे तड़पने लगीं, जैसे बिन पानी के मछली.

थोड़ी देर बाद मैं उठा और रूम के दरवाज़े के पास खड़ा हो गया. उधर से आपा की चुदाई का लाइव शो देखने लगा.

अब्बू आपा की चूचियां जोर जोर से दबा रहे थे और आपा ‘आह आ ऊह …’ कर रही थीं. 

अब तक अब्बू आपा के सारे कपड़े निकाल चुके थे. वे एकदम नंगी थीं और अब्बू ने केवल बनियान पहनी हुई थी.

अब्बू आपा की चूत में उंगली करने लगे. आपा गांड उठा उठा कर मज़े लेने लगीं और ‘आ आऊं आह आह ऊ ई इ.’ करने लगीं.

फिर अब्बू आपा की चूत चाटने के लिए नीचे को हो गए. उन्होंने आपा के गांड के नीचे एक तकिया लगा दिया जिससे चूत ऊपर आ गयी. 

अब्बू ने दो उंगलियां आपा की चूत में घुसा दीं और जीभ लगा कर दाने को चाटने लगे. 

आपा की कामुक आवाजें मेरे लौड़े को भी खड़ा करने लगी थीं. 

अब्बू ने चूत को अच्छे से चाट लिया था.

आपा से अब रुका नहीं जा रहा था. वे अब्बू के बाल को पकड़ कर उनके सर को अपनी चूत पर दबाने लगीं और जोर जोर से ‘आह अह चाट ले साले बेटीचोद … आह ऊ उई …’ करने लगीं.

फिर बोलने लगीं- अब्बू अब रहने दीजिए, रस निकल जाएगा. अब्बू बोले- रस निकालने के लिए ही तो चूस रहा हूँ मेरी जान.

उसके बाद अब्बू ने लंड आपा को चूसने के लिए कहा. लेकिन आपा ने मना कर दिया. अब्बू ने ज्यादा जोर नहीं दिया क्योंकि इतनी बार की चुदाई में मैंने आपा को लंड चूसते नहीं देखा था.

हाँ मेरे छोटी आपा अच्छे से लंड चूस लेती हैं लेकिन उनको चोदना इतना आसान नहीं है. वे चुदने से पहले बहुत नाटक करती हैं. उनकी चुदाई की कहानी मैं फिर कभी लिखूँगा. पहले इन वाली आपा की चुदाई खत्म कर लेते हैं. 

तो आपा ने अब्बू से कहा- आपने मुझे चोदने के लिए ही घर बुलाया है ना! अब्बू बोले- हां ऐसा मौका कम ही मिलता है जान … जब मैं तुम्हारी चुदाई अच्छे से कर पाता हूँ. मैं कैसे इस मौके को छोड़ देता मेरी जान. तुम्हारी चुदाई के आगे सबकी चूत फेल हैं. तुम माल ही ऐसी हो. कल ऑफ़िस में नेहा को पेला था … पर बुरचोदी उतना मज़ा नहीं देती है माँ की लौड़ी … इसलिए मैंने तुमको बुला लिया मेरी जान.

कुछ देर बाद अब्बू आपा की चूत पर लंड लगा कर रगड़ने लगे. थोड़ी देर बाद आपा गर्म होकर गांड उठाने लगी और बोलने लगीं- अब डाल भी दीजिए अब्बू. 

वे लंड को चूत में लेने का प्रयास कर रही थीं लेकिन अब्बू अपना लंड अन्दर नहीं डाल रहे थे. आपा- आह अब्बू … प्लीज़ चोद दो ना अपनी रंडी बेटी को! 

पर अब्बू पता नहीं किस मूड में थे … आज लंड डाल ही नहीं रहे थे. 

आपा ने अचानक से झटका दिया और वे अब्बू को धक्का देकर उनके ऊपर चढ़ गईं. अब्बू कुछ समझ पाते कि आपा ने अब्बू के लंड को एक ही झटके में पूरा अन्दर ले लिया और जोर जोर से कमर चलाने लगी थीं. 

वे मोटे लौड़े को पूरा अन्दर लेने के कारण ‘आ ऊ इ उई अब्बू …’ करती हुई मादक सिसकारियां लेने लगीं. 

थोड़ी देर बाद आपा की कमर की स्पीड धीमी हो गयी तो अब्बू ने उन्हें बिस्तर पर नीचे लिटा दिया और अपने लंड को एक झटके में चूत में डाल दिया. वे अब अपनी बेटी को जोर जोर से चोदने लगे. 

मेरी आपा ‘आह ऊह मर गई उई.’ करती हुई चुदाई के मज़े ले रही थीं. 

अब्बू ने अपनी स्पीड को और तेज कर दिया. अब तो बेड भी दीवार से लड़ कर टक टक करने लगा था लेकिन अब्बू आज चूत का कचूमर निकलने वाले थे. 

आपा- आह अब्बू आराम से चोदिए … मैं कहीं भागी थोड़ी जा रही हूँ. अब्बू- तेरी अम्मी से छुप कर और जम कर चूत चोदने का मौक़ा कम ही मिलता है. तेरी टाइट चूत को आज मैं फाड़ ही दूँगा मादरचोद रंडी कुतिया! 

आपा- अब्बू, मैं चूत फाड़ने से मना नहीं कर रही हूँ लेकिन नीचे भाभी को पता चल जाएगा … बेड इतनी तेज आवाज़ कर रहा है. दिक्कत हो जाएगी.

अब्बू ने आपा को उठाया और सोफ़े पर लाकर पटक दिया. अब वे लगे हचक कर चोदने. 

आपा जोर जोर से कराह रही थीं- आ ऊ उई अम्मी मर गई … अब्बू यार आराम से चोदो ना … फट जाएगी मेरी … धीरे धीरे पेलो न … दर्द हो रहा है. अब्बू आपा की चूचियां (दूध) जोर जोर से दबाते हुए उन्हें चोद रहे थे. 

आपा हांफ़ रही थीं और बोल रही थीं- आह … अब रहने भी दो अब्बू … बाकी का कल चोद लेना. आज ही मेरी चूत का कचूमर निकाल देने का मन है क्या?

अब तक आपा की चूत तीन बार पानी छोड़ चुकी थी और वे एकदम थक गयी थीं. लेकिन अब्बू अभी भी धकापेल में लगे हुए थे. 

आधा घंटा तक चोदने के बाद उनका भी पानी निकल गया और अब्बू साइड में लेट गए. Xxx बेटी बाप सेक्स का एक दौर खत्म हो गया.

आपा ने मुझे देख लिया था कि मैंने उनकी पूरी चुदाई देख ली है. उन्होंने मुस्कुरा कर आंख दबा दी और मैं अपने कमरे में आ गया. 

सुबह जब मैं उठा, तब सब सामान्य था लेकिन कोई दिखाई नहीं दे रहा था. मैंने रूम किचन सब जगह देख लिया था.

बाहर वाले बाथरूम से आवाज़ आ रही थी. मैंने नीचे झुक कर देखा तो बाथरूम में चुदाई चल रही थी. कुछ दिखाई तो नहीं दे रहा था लेकिन चार पैर दिख रहे थे. 

अब्बू नेबेटी को एकदम रंडी बना दिया था. रात में इतनी मस्त चुदाई की थी, फिर भी उन्हें चैन नहीं पड़ा था. 

कुल मिला कर जब तक सब लोग वापस नहीं आए, अब्बू और आपा की चुदाई खूब हुई. 

मेरी आपा भी बहुत बड़ी वाली चुदक्कड़ा हैं. उनका हुस्न देख कर अच्छे अच्छों के लंड का पानी निकल जाता है
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#6
[Image: 71102899_017_4c8d.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#7
[Image: 71102899_020_857a.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#8
[Image: 71102899_017_4c8d.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#9
Good story
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#10
(10-02-2024, 03:20 PM)neerathemall Wrote:
[Image: 71102899_017_4c8d.jpg]
कुवाँरी बा जी !
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#11
चुदक्कड़ बाजी 















?
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#12
(22-02-2024, 07:16 AM)neerathemall Wrote:
चुदक्कड़ बाजी 















?
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#13
(22-02-2024, 07:16 AM)neerathemall Wrote:
चुदक्कड़ बाजी 





[Image: 40992212_003_e6ed.jpg]









?
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#14
[Image: 40992212_004_0b26.jpg]






काश!
ये टी शर्ट न होती !














तो






!
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#15
टी शर्ट नहीं है


















!



























[Image: 64513486_002_570d.jpg]chorishma  jones
जॉनस 
चोरीदल
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#16
Cumisha jones
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#17
Cumisha jones
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#18
[Image: 47384839_182_6424.jpg]







Isabel’s de santosh
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#19
(22-02-2024, 07:20 AM)neerathemall Wrote:
[Image: 40992212_004_0b26.jpg]






काश!
ये टी शर्ट न होती !














तो






!
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#20
[Image: 45095920_053_d12d.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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