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सास की रास लीला
#1
Heart 
सुबह कुडेवाले ने बेल बजाके अनुज की नींद हराम कर दी। परेशान होकर अनुज अपने गोटे खुजाते हुए बेडरूम से निकला जैसे ही उसने डस्टबिन उठाने के लिए आंख खोली तो सामने का नजारा देखकर हक्का बक्का रह गया। अनुजकी सास संगीता उसके सामने खड़ी थी। संगीता नहाकर निकली थी और सिर्फ ब्रा और पैंटी पहने खड़ी थी! अनुज संगीता की गांड़ देखकर चौक गया था! ५४ की उमर में भी संगीता की गांड़ कसी हुई लग रही थी उसे एहसास हुआ कोई पीछे खड़ा है उसने मुड़ कर देखा तो अनुज खड़ा था। दोनो एक दुसरे को देखकर चौक गए पर संगीता हिली नहीं तब firse बेल बजी और अनुज डस्टबिन उठाकर चल दिया। संगीता ने दरवाजा बंद किया और फटाफट कपड़े पहन लिए! संगीता तयार होकर बाहर आई पर अनुज तब तक बेडरूम मे जा चुका था। संगीता हमेशा अपनी बेटी प्रेरणा के घर रहने आती थी! दामाद अनुज काफी सुलझा हुआ और अच्छा लड़का था। सुखी परिवार था। २ बेडरूम के घर में एक रूम अनुज प्रेरणा का था और दूसरे रूम में आए दिन कोई न कोई मेहमान, जो आज संगीता थी। दरसल संगीता ने अचानक आने का प्लान बनाया इसलिए प्रेरणा अनुज को बोलना भूल गई थी। अनुज कल देर रात ही ऑफिस ट्रीप से लौटा था और प्रेरणा से उसकी ठीक से बात नही हुई थी। प्रेरणा सुबह सुबह जुंबा क्लास गई हुई थी तो अनुज बिलकुल ही अंजान था की उसकी सास आई हुई है! अनुज को अजीब सी हलचल हो रही थी! सास की गांड़ का गुब्बारा देख उसका लन्ड तन गया था। यहां संगीता को बेचैनी हो रही थी कि जमाई राजा ने उसे अधनंगा देख लिया वो शर्म से पानी पानी हो रही थी! अनुज अपनी रूम से निकला तो संगीता लिविंग रूम में सोफेपर बैठ अखबार पढ़ रही थी। जैसे ही अनुज आया उसने अखबार रख दिया क्योंकि उसे पता था अनुज की आदत थी अखबार पढ़ने की। संगीता उठी और उसने चाय के लिए अनुज को पूछा अनुजने उसकी तरफ देखे बिना सिर्फ हा बोला और अखबार पढ़ने लगा। संगीता को बहुत अजीब लग रहा था और डर भी लग रहा था की अगर दामाद ने प्रेरणा को बता दिया तो उसकी क्या इज्जत रह जायेगी। संगीतने सोचा दामाद को रिक्वेस्ट कर चुप रहने बोलती हूं। उसने चाय लाकर रखी और खुद चेयर पर बैठ गई। अनुज चाय की चुस्की ले रहा था। उसकी बीवी हमेशा कम चीनी डालकर चाय बनाती थी पर सास चाशनी सी चाय बनाती थी जो उसे पसंद थी। संगीताने बात शुरू करने के बहाने पूछा
संगीता: चाय ठीक बनी है?
अनुज: अरे बढ़िया बनी है चीनी जो डाली है आपने 
अनुज हमेशा संगीतासे खुलके बात करता था ! उसका आए दिन आना जाना लगा रहता था तो इतनी बातचीत आम थी। पर आज संगीता को अजीब लग रहा था। अनुजको देखकर पता लग गया की उसकी सास कुछ सोच रही है!
अनुज: क्या हुआ? सब ठीक?
संगीता: हा कुछ नही!
अनुज: आप अचानक आई तो लगा कुछ बात होगी 
संगीता: आपको प्रेरणा ने बोला नहीं?
अनुज: मैं कल रात उसे सरप्राईज देने आ गया पर वो सो चुकी थी तो बात नही हुई
संगीता: अच्छा! मुझे भी कुछ बोला नहीं था प्रेरणाने 
अनुज: उसे ही पता न था
संगीता को समझ नही आ रहा था कैसे बात करे कि अचानक बेल बज गई। वीडियो बेल में प्रेरणा दिख रही थी संगीता को लगा अब बोल देना चाहिए नही तो प्रोब्लम हो जायेगी वो कुछ बोलती उससे पहले अनुज उठकर दरवाजे तक चला गया। प्रेरणा के अंदर आते ही अनूजने उसकी गांड़ पर हाथ फेरते हुए उसे वेलकम किया। प्रेरणा ने हजारों बार समझाने पर भी अनुज की ये आदत नही छूट रही थी! आते जाते प्रेरणा की गांड़ सहलाना उसे अच्छा लगता था प्रेरणा गुस्सा होने का नाटक करती थी पर उसे भी अच्छा लगता था। संगीता को इस चीज की आदत थी पर आज उसका दिमाग ठीक जगह नही था ! वो सोच रही थी अनुज कुछ बोलना दे। अनुजको संगीता की बेचैनी से पता चल गया था की सासुमा किस बारे में सोच रही है उसने सोचा थोड़े मजे लिए जाए। 
अनुज: यार प्रेरणा बोलना चाहिए ना तुम्हारी मम्मी आई हुई है
प्रेरणा: अरे मुझे क्या पता था तुम सरप्राईज दोगे 
अनुज: अगली बार ऐसे मत करना सुबह सुबह इन्हे देखकर मैं डर गया
अनुजके मुंह से यह सुनते ही संगीता के हाथ पैर ठंडे पड़ गए उसे अनुज की बोलकर धज्जियां उड़ाने की आदत पता थी। उसे लगा अब तो बेजती होगी। उसने जोर से खास कर बात रोकनी चाही पर अनुज रुका नही
अनुज: पानी पिलाओ उनको सुबह भी ऐसे ही खासकर डरा दिया मुझे मैं नींद से उठकर कूड़ा देने आया तो अचानक किचन से इनके खांसने की आवाज आई 
अनुज की बात सुनकर संगीता की जान में जान आई प्रेरणा ने उसे पानी पिलाया । अनुज ने कुछ बोला नहीं ये देखकर संगीता थोड़ी रिलैक्स हो गई। अनुज के मन में कुछ और ही चल रहा था। उसने सोच लिया था इस बात पे सास की खूब खिंचाई करूंगा। संगीता की गांड़ के नजारे उसे बहका रहे थे। आज वो संगीता को सास नही एक औरत की तरह देख रहा था! संगीता इस बात से अनजान थी पर उसे लगा अनुज को एक बार बोल देना चाहिए कि इस बात को भूल जाते है! प्रेरणा जुंबा क्लास के बाद नहाने गई तो ये दोनो बाहर ही लिविंग रूम मे बैठे थे। संगीता ने सोचा यही मौका है
संगीता: थैंक यू।
अनुज: किस बात का? 
संगीता: सुबह वाली बात प्रेरणा को न बताने का
अनुज: कौनसी बात?
अनुज अपनी सास के पूरे मजे लेना चाह रहा था! 
संगीता: वही जो आपने छुपाई
अनुज: मेरे पास कुछ नही है छुपाने को वो तो आपको करना था 
ऐसा बोलकर अनुज ने हल्का सा हस दिया। संगीता को लगा उसने अब कुछ नही किया तो बात हाथसे निकल जायेगी। उसने थोड़े कड़े स्वर में अनुज को फटकार लगाई
संगीता: आप हद पार नही कर रहे?
अनुज: आप गुस्सा हो गई मजाक कर रहा था। मुझे लगा आपका सिक्रेट छुपाने का इनाम मिलेगा 
संगीता: मजाक करने के लिए आपकी दोस्त नहीं हूं सास हूं याद रखें
अनुज: सॉरी यह बात भी ठीक है सास से तमीज से बात करनी चाहिए और बीवी से कुछ भी छुपाना नही चाहिए। माफ़ कर देना मुझे 
ऐसा बोलकर अनुज वहा से उठकर अपने रूम में चला गया। जैसे ही अनुज रूम में आया प्रेरणा नहाकर निकली थी और मॉइश्चराइजर लगा रही थी। उसकी आदत थी नहाकर अपने मुलायम बदन पर क्रीम लगाने की। उसे नंगा देख अनुज को सुबह का नजारा याद आया। प्रेरणा की गांड़ भी संगीता जैसी ही मोटी और गुब्बेदार थी। अनुज ने उसकी गांड़ मसल कर दो करारे चमाट लगाए और प्रेरणा को बेड पर घोड़ी बना दिया। अनुजकी यह आदत प्रेरणा को पता थी इसलिए वो भी बिना कोई नाटक किए गांड़ उठाए तयार हो गई। अनुज के एकाएक चले जाने के वजह से संगीता को टेंशन हो गया कि अनुज कही प्रेरणा को कुछ बता ना दे। उसे रहा नही जा रहा था और वह अनुज और प्रेरणा के रूम की तरफ बढ़ी। रूम का दरवाजा हलकासा खुला हुआ था, संगीताने अंदर झांक कर देखा तो दिन दहाड़े अनुज प्रेरणा को पूरी नंगी करके घोड़ी बनाकर चढ़ रह था। दोनो की पीठ दरवाजेकी तरफ थी संगीता वहा से निकल ही रही थी के उसका ध्यान जमाई राजा के लन्ड पर गया। अनुज का मोटा काला लन्ड प्रेरणाको बेरहमी से ठोक रहा था। अनुज जिस तेजी से ठुकाई कर रहा था वो देखकर संगीता हैरान थी कैसे कसाई से शादी करा दी बेटी की ऐसे सोच रही थी। संगीता अपने सोच में इतनी व्यस्त हो गई के उसे ध्यान नहीं रहा अनुज पीछे मुड़कर उसको देख रहा था। जैसे ही अनुज और संगीता की आंखे मिली संगीता शर्म से झुक कर वहा से निकल गई। अपनी सास की बेशर्मी देख अनुज को जोश चढ़ गया और उसने प्रेरणा की चूत पे हम्ला कर अपना स्पीड बढ़ाया प्रेरणा झड़ने लगी पर आज अनुज रुकने का नाम नही ले रहा था। अनुज का ध्यान संगीता की तरफ था और उसीके बारे में सोचते हुए वो प्रेरणा की चूत मे झड गया। प्रेरणा जल्दी से उठकर फिर से बाथरूम मे चली गई और अनुज बेड पर लेट कर संगीता के बारे में सोच रहा था। उसे पता नही चला कब उसका लन्ड फिर से तन गया। प्रेरणा उसे देख परेशान हो गई और कहने लगी ऑफिस जाना है और नही दूंगी। अनुज सोच रहा था आज तो इसकी मां की गांड़ में डालूंगा। प्रेरणा तयार होकर ऑफिस निकली तो संगीता ने उसे रोकने की कोशिश की पर प्रेरणा की मीटिंग थी और उसे जाना जरूरी था। संगीता परेशान होकर सोच रही थी कि अब अनुज के सामने किस मुंह से जाए और यहा अनुज सोच रहा था प्रेरणा तो चली गई अब संगीता के साथ बिस्तर गर्म करूंगा। उसने ठान ली थी आज कुछ भी हो जाए संगीता को नंगा किए बिना नहीं छोड़ेगा। प्रेरणा के जाने के बाद मेड आई और अपना काम करके चली गई अब संगीता और अनुज के बीच कोई आनेवाला नही था। अनुज तो ताक लगाए बैठा था। जैसे ही मेड गई अनुज हॉल में आके बैठ गया। संगीता टीवी देख रही थी। अनुज आते ही वो उठकर दूसरे रूम मे जाने लगी तो अनुज ने उसे रोक लिया
अनुज: अरे मम्मीजी देखिए टीवी मैं तो ऐसे ही टाइमपास कर रहा हूं
संगीता: हो गया मेरा देखके और नही देखना है
अनुज: हा मैं तो भूल गया असली मूवी तो सुबह ही देखली आपने
संगीता समझ गई अनुज ठुकाई देखने की बात कर रहा है। वो कुछ बिना बोले ही वहा से चली गई। संगीता बेडरूम में जाके बैठ गई और सोचने लगी अब कैसे हैंडल करे इस बात को, सोचते सोचते संगीता सुबह वाली बात याद करने लगी। अनुज का काला मोटा लन्ड उसके आंखों के सामने आने लगा और उसके मन में अजीब सी हलचल पैदा हो गई। संगीता सोचने लगी जिस रफ्तार से अनुज उसकी बेटी की चूत चोद रहा था ऐसे कोई मेरी चूत चोदता तो मेरी जान निकल जाती। ऐसा भद्दा खयाल दिमाग में आते ही संगीता होश में आई और खुदकी बेशर्मी को कोसने लगी। उसका दिमाग उसे याद दिला रहा था वो अपने जमाई और बेटी के बारेमें सोच रही है पर उसका शरीर तो कुछ और ही कर रहा था। आज बहुत सालो बाद उसकी चूत गीली हो गई थी। अपने जमाई के मोटे लन्ड के बारे में सोच कर। संगीता को शर्म भी आ रही थी और अलग तरह की बेचैनी हो रही थी। संगीता को अपने पति से चूदे हुए बहुत वक्त गुजर चुका था। आज अचानक उसकी चूत खुजला रही थी लेकिन जमाई का लिहाज भी करना था। संगीता बहुत कुछ सोच रही थी और अनुज अपने ऑफिस के काम में लगा हुआ था तभी प्रेरणाकी कॉल आई
प्रेरणा: मम्मी अनुज कहा है कबसे फोन कर रही हू उठा नही रहा
संगीता: काम कर रहे होंगे मैं तो अंदर बैठी हू रूम में
प्रेरणा: अच्छा! मम्मी अनुज फ्री होता है तो कॉल करने बोलना मुझे लेट होगा घर आने में वही बताना था।
संगीता: लेट क्यू? 
प्रेरणा: काम है मम्मी आप सिर्फ अनुज को बोल दो और उसका लंच लगा देना नही तो काम ही करते रहेगा। चलो बाय रखती हूं।
संगीता: अरे सुन तो ले।
प्रेरणा ने कॉल काट दिया और संगीता अनुज को बताने रूम से बाहर निकली। अनुज के रूम का दरवाजा खुला था और अनुज नहाकर निकला था। अनुजने सिर्फ शॉर्ट्स पहनी थी और टॉपलेस खड़े होकर डीओ लगा रहा था! अनुज रेगुलरली जिम जाता था और ये उसकी बॉडी पे साफ दिख रहा था। जमाई का कसा हुआ बदन और डीओ की खुशबू संगीता के सब्र का इम्तिहान ले रही थी। संगीता की चूत की खुजली फिर से मचलने लगी। अनुज अपने ही धुन में टीशर्ट पहन कर पीछे मुड़ा तो संगीता दरवाजेपे खड़ी थी। पहले दो बार संगीता को अनकंफर्टेबल करके जो गलती की थी अनुज को वो फिर नही करना था। अनुजने अपना तरीका बदल कर ट्राई करने का मन बना लिया था
अनुज: अरे मम्मीजी कुछ काम था?
संगीता: प्रेरणा आपको कॉल कर रही थी उसे लेट हो जाएगा रात को आने में
अनुज: अच्छा ठीक है कॉल कर लूंगा मैं नहा रहा था तो आंसर नही कर पाया कॉल।
संगीता: आप रेडी हो जाओ मैं खाना लगा रही हू।
अनुज: जी बस १० मिनिट पर एक बात बोलनी थी
संगीता ने सोचा अब ये क्या बोलेगा पर वो टाल भी नही सकती थी। 
संगीता: क्या हुआ? बताइए
अनुज: वो दीदी (मेड) खाना बहुत ही बकवास बनाती है। आपके यहां से जो पापड़ आए हैं वो फ्राई कर देना प्लीज
अपने खाने की तारीफ सुनते ही संगीता खुश हो गई। 
संगीता: मैने अचार भी लाया है खुद बनाकर आप आ जाइए लगा रही हू खाना
पहले ही अनुज को आधा नंगा देख संगीता मचल रही थी और अब तो अनुज उसके खाने की तारीफ कर रहा था। अनुज के आते ही संगीता ने खाना लगाया और अनुज के बोलने पर वो भी खाने बैठ गई। अनुजने अचार और पापड़ मजे से खाए ये देखकर संगीता खुश थी। खाने के बाद अनुज हॉल में बैठ गया तो संगीता उसे सौंफ देने लगी। बात शुरू करने या सही मौका जानकर अनुज शुरू हो गया
अनुज: वाह सौंफ आज तो स्वाद आ गया खाने में
संगीता: अचार ठीक बना है?
अनुज: ठीक? बढ़िया बना है आप २ बोतल भिजवा देना
संगीता: हा जरूर भेजूंगी। 
संगीता खुश हो रही थी। अनुज कोई भी उल्टी सीधी बात नही कर रहा था तो उसका भी मन कर रहा था बाते करने का। संगीता अनुज के सामने ही कुर्सी पे बैठ गई। उसको देख कर अनुज समझ गया ये अब कंफर्टेबल हो रहीं है उसने बाते शुरू रखी
अनुज: और बताइए पापाजी कैसे हैं क्या चल रहा है उनका
संगीता: वो ठीक ही है उनका तो समाज कल्याण चलता रहता है अब गए है दिल्ली कुछ काम से
अनुज: अच्छा तो आप अकेली थी इसलिए यहां आ गई बढ़िया किया
संगीता: हा अकेली बोर हो जाती हूं
अनुज: सही बात है और ये भी तो आपका ही घर है। 
संगीता सोचने लगी कितना अच्छा जमाई मिला है। वो कुछ बोले इससे पहले ही अनुज ने बोल दिया
अनुज: आपको सॉरी बोलना है सुबह की बात के लिए 
संगीता: अरे वो तो गलती से हुआ आप भूल जाइए बात को
अनुज: मैने ऐसे बात नही करनी चाहिए थी आपसे और प्रेरणा को भी सच बता देना चाहिए उससे कोई बात छुपाता हूं तो अच्छा नही लगता।
अनुजकी बात सुनकर संगीता को अच्छा लगा की उसका दामाद बेटी से कुछ नही छुपाता पर सुबह की बात को लेकर संगीता बहुत शर्मिंदा थी और नही चाहती थी प्रेरणा को पता चले और बात आगे बढ़े। अनुज अच्छा बरताव कर रहा था तो संगीताने सोचा इसे अभी चुप रहने को बोलती हू तो बात खतम हो जायेगी।
संगीता: ये अच्छी बात है कि आप दोनो कुछ नही छुपाते पर इस बात को प्रेरणा तक न जाने दे तो सही होगा गलती थी भूल जाते है
अनुज: ठीक है आप बोल रही है तो जाने देते है। पर मैं सच में माफी मांग रहा हूं जिस तरह से बात किया वो गलत था
संगीता: दामादजी भूल जाइए कुछ बोला था मैं भूल चुकी हूं उस बात को
अनुज: थैंक यू! ये तो आपका बढ़ापन है मैने ही गलत सोचा की मेरी सास फ्रेंडली है अच्छा किया मुझे आपने याद दिलाया।

संगीता को अनुज की बाते अच्छी लग रही थी वो अब सुलझी हुई बाते कर रहा था। अनुज का उसे फ्रेंडली मानना भी उसे अच्छा लग रहा था। अनुजने बड़ी होशियारी से उसके दिमाग में यह बात डाल दी के वो फ्रेंडली हो सकता था पर संगीता की फटकार ने उसे रिश्ता याद दिलाया। संगीता को यह सुनकर थोड़ा बुरा लगा उसे लगा की दामाद अगर फ्रेंडली समझ रहा है तो अच्छी बात है। 

संगीता: गलत नही है आपकी सोच पर रिश्तों में लिहाज करना पड़ता है! आप तो दामाद हो हमारे।
अनुज: जी याद रखूंगा। और फ्रेंडली नही बनूंगा ज्यादा आगे से।
संगीता: अरे आप एक ही बात लेके बैठ गए फ्रेंडली तो है हम पर आपका लिहाज नही भूल सकते।
अनुज: ठीक है चलो मान लिया आप फ्रेंडली हो
संगीता को अलग सा नशा हो रहा था फ्रेंडली शब्द सुनके वो भी दामाद के मुंह से। अनुज पूरे वक्त संगीता को ऑब्जर्व कर रहा था और उसे अंदेशा हो गया था उसके तीर सही निशाने पर चल रहे है। संगीता की चूत की खुजली और दामाद के मीठे बोल दोनो संगीता के साथ खेल खेल रहे थे। वो सोच रही थी दामाद फ्रेंडली हो रहा है तो थोड़ी बात चीत करने में कोई दिक्कत नही है।
संगीता: फ्रेंडली तो मान लोगे पर फ्रेंड तो हम उमर होते है बुड्ढे नही।
अनुज: क्या मैं बुड्ढा हू?
संगीता: क्यू मजाक कर रहे है आप मुझ बुढिया के साथ
अनुज: आपको किसने बोला की आप बुड्ढी हो?
संगीता: उसमे बोलना क्या है? मुझे नहीं पता मेरी उम्र
अनुज: अरे मम्मीजी एज इस जस्ट अ नंबर। बुढ़ापा तो सोचने की बात है। सोचो तो बुड्ढे है सोचो तो नही। 
संगीता: उम्र तो दिख ही जाती है यह सब अंग्रेजी बाते बेकार है
अनुज: आपकी तो नही दिखती
संगीता: क्या नही दिखती?
अनुज: आपकी उम्र नही दिखती चले जाइए प्रेरणा के साथ कही बाहर जो जानता नही वह दीदी समझेगा आपको प्रेरणा की
अनुजसे यह सुनते ही संगीता का दिल झूम उठा उसकी गीली चूत उसके अंदर की सास पे हावी होने लगी थी फिर भी उसका दिमाग उसे याद दिला रहा था। लेकिन एक बार मन मचल गया तो गलती तो होती ही है।
संगीता: आप बिना बात मुझे अच्छा बोल रहे है मैने माफ़ कर दिया है आपको। कोई जरूरत नही है मक्खन लगाने की
अनुज: यह भी ठीक है। आपको तो झूठा लग रहा हू मै
संगीता: ऐसी बात नही है दामादजी बुरा मत मानिएगा 
अनुज: मम्मीजी ऐसी बात होगी तो बुरा लगेगा ही मैने कहा था ना गलत लगा मुझे की आप फ्रेंडली हो
संगीता: आप तो जल्दी रूठ जाते हो ठीक है चलो मान ली आपकी बात
अनुज: सिर्फ बात मानी या फ्रेंडशिप भी?
संगीता शर्माकर बोली फ्रेंडशिप भी
अनुज: यह हुई ना बात! अब हम फ्रेंड्स है तो एक बात बोलूं
संगीता: बोलिए
अनुज: आप मुझे दामादजी बोलना बंद कीजिए और अनुज बोलिए
संगीता: हाय राम कैसी बात कर रहे हो दामाद को ऐसे नाम से नही बुलाते 
अनुज: मेरे फ्रेंड्स तो अनुज ही बोलते है फिर तो आप सासुमा ही ठीक हो।
अनुज की यह बात अगर संगीता मान ले तो कहानी खत्म। अनुज को पता था उसने रिस्क लिया है पर उसे लग रहा था अब और खींचने का मतलब नही है अगर नही बात बनी तो बेटी की हो चोदकर मजे लेना सही है बिना बात शादी टूट जाएगी। एक और अनुज ऐसे सोच रहा था और दूसरी तरफ संगीता को फ्रेंड ही बने रहना था पर अनुज जो बोल रहा था वो उसके लिए मुश्किल था।
संगीता: आप तो बात बात पे रूठ जाते हो बच्चे की तरह
अनुज: आपको इतना हट्टा कट्टा ६ फुट का आदमी बच्चा लग रहा है
अनुज एकदम से खड़ा हो गया संगीता सामने ही बैठी थी। अनुज सच में काफी हट्टा कट्टा था और संगीता को सुबह देखा हुआ मोटा लन्ड भी याद आ गया। यह तो बिलकुल बच्चा नही है ऐसे सोचकर उसने अनुज की तरफ देखा और उसका ध्यान अनुज के बॉक्सर पर गया। सास की गांड़ में उंगली करने के खयाल से उसका लन्ड उठ रहा था। संगीता चुपके से देखकर खुश हो रही थी। 
संगीता: आप बच्चे नही हो पर हरकते वैसे ही है अनुज जी। 
संगीता भी मजे ले रही थी। दामाद को उसके नाम से बुलाते ही उसकी शरीर में करंट दौड़ गया। चूत की खुजली के साथ पेट मे तितलियां दौड़ने लगी। अनुज भी खुश हो गया क्युकी उसे अब पता था अगर सही दाव खेला तो सास की टांगे फैला कर कंधे पे रख सकता है।
अनुज: यह हुई ना बात।
संगीता: पर ये सबके सामने नही बोल सकती मैं
अनुज: उतनी छूट तो दे ही सकते है नई दोस्त को
संगीता: आपको सच में बुड्ढी दोस्त चाहिए थी। ही ही ही
संगीता हस रही थी पर उसे पता नही था उसकी हसी उसे कहा ले जायेगी।
अनुज: यह गलत बात है मेरी खूबसूरत दोस्त को बुड्ढी क्यू बोल रही हो आप।
अनुजके मुंह से अपने लिए खूबसूरत सुनकर संगीता के पेट की तितलियां बाहर आना चाह रही थी। अनुज अपने दाव खेल रहा था और संगीता पुरी तरह उसकी जाल में फंसे जा रही थी।
संगीता: अब तो आप हद कर रहे हो बुड्ढी नही हुई तक ठीक था
अनुज: मैं दोस्तों से झूठ नही बोलता। मुझे आप खूबसूरत लगती हो तो बोल दिया।
अनुजने फटाक से बोल दिया पर उसे लगा शायद यह गलत पड़ सकता है वो सोच रहा था क्या बोले तब तक संगीता ने कहा
संगीता: थैंक यू अनुज जी!
संगीता के थैंक्स बोलते ही अनुज का कॉन्फिडेंस दुगना हो गया। उसने बाते शुरू रखी
अनुज: वेलकम मम्मीजी। अच्छा है आपने यह बात तो मानी 
संगीता: सिर्फ नए दोस्त का दिल रखने के लिए नही तो आयना है मेरे पास खूबसूरती देखने के लिए
अनुज: आप बिल्कुल बात नही मानती है चलो आपको एक डेमो देता हु फिर मानेंगी?
संगीता: कैसा डेमो? 
अनुज: आपकी खूबसूरती का डेमो। 
संगीता: साफ साफ कहेंगे?
अनुज: आप प्रोमिस कीजिए गुस्सा नही होंगी 
संगीता: आप सीधे सीधे बताए 
अनुज: आप को लग रहा है आप खूबसूरत नही हो
संगीता: हा मुझे पता है उम्र हो चुकी है मेरी
अनुज: चलिए तो एक काम करते हैं आप प्रेरणा की कोई भी साड़ी पहन ले और थोड़ा सा मेकअप कीजिए फिर देखते है
संगीता: कैसी बात कर रहे हो आप मेरी उम्र का तो सोचिए
अनुज: आप उम्र छोड़ीये और ट्राई कीजिए। आपको भी पता चलेगा मैं झूठा नही हु और साड़ी ही पहनेका बोला क्युकी आप उसीमे कंफर्टेबल भी होंगी और अच्छी भी लगेंगी। अनुज की मीठी मीठी बातों ने संगीता को सोचने पे मजबूर किया। अनुज ने ठान ली थी आज तो कुछ न कुछ होगा। उसने संगीता को ज्यादा सोचने का मौका नही दिया।
अनुज: चलिए आइए मैं बताता हु आपको कौनसी साड़ी पहननी है।
दामाद के पसंद की साड़ी पहनना यह सोचकर संगीता फुले नहीं समा रही थी। वो तुरंत उठ गई। सास का उछलना देख अनुज समझ गया अब तो यह लन्ड पर उछलेगी वो भी नंगी। अनुज संगीता को अपने रूम में ले गया और ३ –४ पार्टी वेयर साडिया संगीता के सामने रख दी। प्रेरणा हमेशा ऐसे ही साडिया पहनती थी और संगीता उसे हमेशा टोकती थी क्युकी इन साडियो में उसकी गांड़ उभर कर नजर आती थी। अनुज के सामने ऐसे जाना उसे सही नहीं लग रहा था।
संगीता: अनुज जी आपका मन रखने के लिए साड़ी पहन लूंगी पर मेरी ही साड़ी पहनूंगी
अनुज: आपको जैसे ठीक लगे। मैं ये वाली साडिया ट्राय करने बोल रहा हूं क्युकी आपकी उम्र की जो बात हो रही है वो उम्र आपके पहनावे से झलकती है। मुझे लगा एक बार कुछ मॉडर्न ट्राई करेंगी तो आपको भी पता चलेगा। पर आपको अच्छा लगना ही नही है तो ठीक है। 
अनुज मुंह फुलाकर बात करके चला गया। अनुज का उतरा हुआ मुंह देखकर संगीता को अच्छा नही लगा बहुत दिनो बाद कोई उसकी तारीफ कर रहा था और ऐसे मौके पर उसे ही नाराज करना सही नहीं लग रहा था। संगीता ने सारी साडिया देखी पर उसे ब्लाउज पसंद नही आ रहा था! सारे ब्लाउज का बैक बहुत डीप था और अगर संगीता वो पहन ले तो उसकी ब्रा स्ट्रैप्स बाहर दिखेंगी और ब्रा ना पहने तो उसके मम्मे लटक जायेंगे और अनुज को शायद अच्छा न लगे! हाय राम ये क्या सोच रही है संगीता अपने ही दामाद के चूचियां अच्छी दिखाना क्यू चाह रही है। संगीता सोच में पड़ गई। अनुज बाहर इंतजार कर रहा था पर उसे लगा उसकी मेहनत बेकार रही। प्रेरणा तो लेट आने वाली थी उसने सोचा जाके बीयर ले आता हूं मूड खराब हो गया है नींद तो निकल लेगा। अनुज संगीता को कुछ बिना बोले ही निकल गया। संगीता ने सोचा एक बार अनुज को सॉरी बोल के उसका मूड अच्छा करने का ट्राई करती हूं। संगीता बाहर आई तो अनुज कही दिखा नही। संगीता का दिल बैठ गया। इतने सालो बाद किसने दिल से तारीफ करी थी और अपनी ही घिसी पीठी सोच से उस आदमी को नाराज कर दिया। संगीतने सोचा जाने देती हूं दमादसे ज्यादा फ्रेंडली होना भी सहज नही है पर उसका दिल नही मान रहा था। उसे रहा नही गया तो उसने अनुज को कॉल किया। अनुज का दिमाग खराब हो चुका था पर उसे लगा पंगे लेना सही नही होगा न चाहते हुए भी उसने कॉल उठा लिया
संगीता: दामादजी आप कुछ काम के लिए निकल गए हो क्या?
अनुज: जी सासुमा बाहर आया हु थोड़ा
संगीता: टाइम लगेगा आपको?
अनुज: नही आ जाऊंगा २० मिनिट में
संगीता: ठीक है। वो आप नही है घर पे और आपकी गाड़ी की चाबी भी यही है तो लगा दूर नही गए होंगे
अनुज सोच रहा था ये औरत अब क्यू टाइम वेस्ट कर रही है। इससे पहले वो कुछ उल्टा सीधा बोल दे उसने बहाना बना दिया।
अनुज: मुझे ऑफिस की कॉल आ रही है २० मिनिट में आ जाऊंगा।
अनुज ने कॉल कट किया और २ बीयर लेकर घर की तरफ चल दिया। चलते चलते उसे याद आया अगर गाड़ी की चाबी घर पे है तो घर की चाबी भी रह गई। बीयर हाथ में लिए अब उसे सास के सामने जाना पड़ेगा। फिर उसने सोचा अब क्या ही इंप्रेशन रखना है। अनुज के कॉल काटने पर संगीता के बहुत बुरा लग रहा था! अनुजने उसे दमादजी बोलने पर न संगीता को टोका न उसकी आवाज में कोई मिठास थी जो कुछ देर पहले तक संगीता को अच्छी लग रही थी। संगीता खुद को कोसने लगी। क्या होता अगर साड़ी पहन लेती दामाद का मन रखना तो तेरा फर्ज है और वो भी ऐसे दामाद का जो इतना प्यार से बात करता है दोस्ती करना चाह रहा था। अपनी गलती सुधारने का मौका मिल जाए तो अच्छा होगा ऐसे सोच रही थी। तभी उसे एक आइडिया आया। संगीता ने अपना बैग लाया और मैचिंग ब्लाउज ढूंढने लगी। एक ब्लाउज ठीक जा रहा था वोही साड़ी उठाके पहनने का सोचकर संगीताने अपनी साड़ी उतार दी और पेटीकोट भी खोल दिया। जैसे ही पेटीकोट नीचे गिरा संगीता ने आईने में खुद को देखा तो वो शर्म से लाल हो गई। उसकी चड्डी पे बहुत बड़ा गीला पैच दिख रहा था और ये पैच उसके
 जमाई राजा के लिए था। दामाद को खुश करने के चक्कर में संगीता बेशर्म होकर सोच रही थी अगर इतने दिनो बाद कोई प्यार से तारीफ करेगा तो यह तो होना ही है।
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#2
congrats
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#3
Badhiya.......lagta hai Anuj to Sangite ke poore maze lekar hi rahega
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#4
संगीता हल्की से मुस्कुराई और साड़ी पहनने लगी। उसने साड़ी पहन ली पर उसका ब्लाउज साड़ी के साथ अच्छा नही लग रहा था। अनुज जी को खुश करना है तो परफेक्ट दिखना होगा यह सोचकर उसने ब्लाउज उतार दी और प्रेरणा की ब्लाउज पहनने लगी। प्रेरणा की कद काठी बिलकुल मां जैसी थी पर संगीता की चूचियां थोड़ी बड़ी थी। बड़ी जोर मशक्कत के बाद संगीता को ब्लाउज आ गई पर उसकी चूचियां बाहर दिख रही थी और ब्रा के स्ट्रेप्स भी बिल्कुल बाहर आ रहे थे। हल्का सा मेकअप लगाने से संगीता बिलकुल अलग दिख रही थी। उसे यह मॉडर्न अवतार भा रहा था पर ब्रा के स्ट्रेप्स को कैसे छुपाए यह सोच रही थी इतने में बेल बजी। अचानक बेल बजने से संगीता डर गई उसे लगा अगर कोई और उसे ऐसे देखेगा तो क्या सोचेगा। उसने दरवाजा नही खोला। अनुज दरवाजे पर दस्तक दे रहा था पर कोई जवाब नहीं आया। न चाहते हुए भी उसने संगीता को कॉल किया।
अनुज: हैलो आप घर पर नहीं हो क्या।
संगीता: घर पे ही हु।
अनुज: तो दरवाजा खोलिए बाहर खड़ा हु
संगीता: सॉरी मुझे लगा कोई और है।
अनुज: कौन?
संगीता: मैं वॉशरूम में थी सुनाई नही दिया।
अनुज: ठीक है दरवाजा खोल दो प्लीज मैं चाबी भूल गया था।
संगीता ने कॉल कट किया और अपनी लिपस्टिक ठीक कर दरवाजा खोलने गई।
जैसे ही संगीता ने दरवाजा खोला अनुज अंदर आ गया और सामने जो देखा उसकी आंखे खुली की खुली रह गई। संगीता मैरून कलर की शिफॉन साड़ी में कुछ ज्यादा ही सेक्सी लग रही थी। अनुज ने दरवाजा बंद किया और बीयर की बोतले रख दी। दामादजी बीयर लेके आए है यह देखकर संगीता थोड़ी चौक गई पर उसे अनुज के मुंह से तारीफ सुननी थी। अनुज का लन्ड सास को ऐसे रूप में देखकर कूदने लगा।
अनुज: ओह माई गॉड! संगीता यू आर लुकिंग गॉर्जियस
अनुज भूल चुका था संगीता उसकी सास है। अब वो उसे सिर्फ एक औरत की तरह देख रहा था और मर्दों की तरह उसे अपने नीचे लेना चाह रहा था। संगीता भी अनुज के रिएक्शन से इतनी खुश हुई के उसे बिलकुल बुरा नही लगा कि अनुज उसे नाम से बुला रहा है। २ मिनिट तक संगीता को घूरने के बाद अनुज को होश आया। उसके मुंह से जो निकला था उसका एहसास होते ही उसने सोचा माफी मांग लेते है बात बढ़ने से पहले
अनुज: सॉरी मेरे मुंह से निकल गया
संगीता: क्यू? अच्छी नही लग रही हूं?
अनुज: बहुत ज्यादा अच्छी लग रही हो सूट कर रही है साड़ी आपको
संगीता: तो सॉरी क्यू बोल रहे हो
अनुज: आपको नाम से पुकारा शायद आपको अच्छा न लगे।
संगीता: फ्रेंड हो ना? तो संगीता ही बोलो पर सिर्फ अकेले में हा हा हा
अनुज: याद रखूंगा संगीता बहुत अछी लग रही हो थोड़ा घूमो ना। इतना रेडी हुई हो मेरे लिए ठीक से तो देख लूं
अनुज फिरसे शुरू हो गया और संगीता पुरी बेशर्मी से ठीठ हो रही थी पर उसने घूमने से मना कर दिया। वो नही चाह रही थी के अनुज उसकी ब्रा के स्ट्रैप देखे। अनुज प्लीज प्लीज बोलने लगा तो संगीता ने अपना पल्लू से पीठ को कवर किया। अनुज समझ गया क्या बात है। उसने बेबाकी से संगीता को बोला।
अनुज: संगीता एकदम परफेक्ट लग रही हो बस एक गलती की है तुमने
संगीता सोचने लगी अब क्या गलत है। उसका चेहरा उतर गया। उसे मायूस होता देख अनुज ने बोल दिया।
अनुज: अरे तुमने ब्रा पहनी है यह बैक ओपन ब्लाउज है और पेडेड है इसमें ब्रा नहीं पहनते
अनुज की बेबाकी देख संगीता शर्म से लाल हो गई और सिर झुकाकर खड़ी हो गई।
अनुज: सॉरी मैं तुम्हे अनकंफर्टेबल नही करना चाहता मुझे लगा तुम्हे बता दू।
संगीता: सॉरी मत बोलना मुझे सच में पता नही लगा
अनुज: अब पता लगा है न तो चेंज करलो मुझे पता तो चले मेरी खूबसूरत दोस्त कैसी दिखेगी।
संगीता को समझ नही आया क्यू पर वो अनुज की बात सुनकर रूम की तरफ चलने लगी। संगीता को अपने इशारों में नाचते देख अनुज मूड में आ गया।
अनुज: और हा प्लीज बाल खुले छोड़ देना
संगीता: और कुछ?
अनुज: सॉरी ज्यादा ही बोल दिया जैसा तुम्हे ठीक लगे।
संगीता हस्ते हस्ते अंदर चली गई। संगीता ने ब्लाउज उतार कर ब्रा भी उतार दी। अपनी बड़ी बड़ी चूचियां देखकर मन ही मन खुश हो रही थी। फिर से तयार हो कर और बाल खुले छोड़कर संगीता बाहर आई तो अनुज जगह पर खड़ा हो गया।
अनुज: परफेक्ट! यू आर लुकिंग सो सेक्सी!
अनुज के मुंह से सेक्सी सुनते ही संगीता शर्मा गई और मुस्कुराने लगी। उसकी मुसकान एक तरह से उसकी हामी थी। अनुज का प्लान पूरी तरह काम कर गया था। अनुज को यकीन हो गया आज प्रेरणा के लिए वह मांदरचोद बनने वाला है। संगीता भी अब उसकी चूत की खुजली और छुपाना नही चाह रही थी क्युकी उसकी चड्डी अनुज की प्यारी बातो से पूरी तरह गीली हो चुकी थी। संगीता भी अनुज को छेड़ना चाह रही थी
संगीता: अनुज जी आप तो बहुत ज्यादा फ्रेंडली हो रहे है। गॉर्जियस से सीधा सेक्सी तक बात आ गई।
अनुज: संगीता वो तो मैं रिश्ते का लिहाज करके जबान संभालने की कोशिश कर रहा हूं
संगीता: यह कौनसा लिहाज है जिसमे सास को सेक्सी बोला जाता है?
अनुज: जब सास सिर्फ सास नही फ्रेंड भी हो और तो तारीफ करना तो बनता है। हा तुम्हे अच्छा नही लग रहा तो नही कहूंगा। फ्रेंड की कंफर्ट लेवल जरूरी है ना।
संगीता: मैने कब कहा मुझे अच्छा नहीं लगा?
अनुज: अच्छा तो सास को अच्छा लग रहा है जमाई राजा ने सेक्सी बोला तो?
संगीता: अनुज बस भी करो ना सास जमाई की बाते हमने डिसाइड किया है ना अकेले में हम फ्रेंड्स है।
अनुज: हा हा ओके संगीता मैं तो बस तुम्हारे मजे ले रहा था।
संगीता: कितने चालाक हो तुम। क्या से क्या बना दिया मुझे?
अनुज: बूढ़ी सास से सेक्सी फ्रेंड
ऐसे कहकर अनुज ने टाली के लिए हाथ आगे बढाया। संगीता नखरेसे उसका हाथ झटकाया और कहा
संगीता: बस करो झूठी तारीफ सिर्फ सेक्सी सेक्सी बोल रहे हो अगर पूछा क्या सेक्सी लग रहा है तो बोल नही पाओगे।
अनुज: पुछके देखो
संगीता: अच्छा जी तो बताओ क्या सेक्सी लग रहा है?
अनुज: सोच लो फिर मत बोलना लिहाज नही कर रहे सास का
संगीता: भूल जाओ सास को मैं संगीता हु तुम्हारे लिए
अनुज: ये बात है तो सुनो तुम्हारी स्माइल, लंबे बाल, प्यारी आंखे ये खुले बाल और तुम्हारी कर्व्स सब कुछ सेक्सी लग रहा है।
अनुज की बाते सुनकर संगीता की गांड़ फूल गई उसे बहुत मज़ा आ रहा था। वो और सुनना चाहती थी। संगीता पुरी तरह अपना आपा खो चुकी थी।
संगीता: कर्व्स? वो तो तुमने देखी नही अभी।
अनुज: तो दिखाओ।
संगीता: क्या?
अनुज अपनी जगह से उठकर संगीता के पास आ खड़ा हो गया। उसने हाथ आगे किया और इस बार संगीतनें उसका हाथ पकड़ लिया। अनुजने अपने हाथ से संगीता को गोल घुमाया और संगीता किसी मॉडल की तरह मटक मटक कर घूम रही थी। अनुज बिना किसी झिझक के संगीता की गांड़ और चूचियां घूर रहा था। संगीता भी अपनी बेटी के पति के साथ सारी शर्म हया छोड़ रंगरलियां मना रही थी।
अनुज: थिस इस वॉट आई कॉल कर्वस।
संगीता: मुड़ बन गया तो इंग्लिश स्टार्ट हो गई?
अनुज: हिंदी तुम सुन नही पाओगी
संगीता: कच्ची खिलाड़ी समझ रहे हो?
संगीता की बेशर्मी देख अनुज ने सोचा अब बहुत हो गया आज बूढ़ी घोड़ी चलाऊंगा। उसने सीधा संगीता की कमर पर हाथ रखा और कहा
अनुज: कच्ची खिलाड़ी नही तू तो पका हुआ आम है!
संगीता अब तक मुश्किल से खुदको काबू कर पा रही थी पर अनुज ने जिस तरह से उसे कसकर पकड़ लिया उसे अंदाजा हो गया आज यह नही छोड़ेगा।
संगीता: पका हुआ आम?
अनुज: हा वो भी रस भरा।
ऐसे बोलकर अनुज संगीता की तरफ झुका और दोनो के होंठ मिल गए। अपनी सास को इस तरह किस करते हुए अनुज को बहुत मज़ा आ रहा था। संगीता आंखे बंद कर मजा ले रही थी। जैसे जैसे किसिंग पैशनेट हो रहा था अनुजने संगीता की गांड़ दबोच ली। संगीता का पति अनुज से कम कद और दुबला पतला था। अनुज जैसे मर्द से कभी संगीता का पाला नही पड़ा था। अनुज के हाथ उसकी गांड़ मसल रहे थे और संगीता सिसकारियां भरने लगी। दोनो इतने टाइम किस कर रहे थे कि संगीता की सास फूल गई। अनुजने उसे छोड़ा और दोनो एक दूसरे की आंखों में देख रहे थे। अनुज के हाथ रुक नही रहे थे और न संगीता की सिसकियां। अनुज ने एक हाथ से संगीता का पल्लू हटा दिया। संगीता की चूचियां ब्लाउज से बाहर निकलने के लिए बेताब थी। संगीतको अनुजने पूरी तरह वश कर लिया था। पल्लू हटा ते ही संगीता शर्माकर आंखे झुकाने लगी। अनुजने उसका चेहरा हाथ में लेकर फिर किस किया और उसे आंखे खोलने के लिए कहा। संगीता उसकी आंखो में देख रही थी और अनुज ने पल्लू नीचे गिरा दिया और संगीता की साड़ी खोल दी। साड़ी उतरते ही संगीता और शर्मा रही थी पर अनुज ने उसकी आंखोमें देखते हुए उसकी ब्लाउज खोल दी और उतार कर फेंक दी। संगीता कुछ सोचती उससे पहले अनुज ने उसकी पेटीकोट का नाड़ा खिचके उसे सिर्फ चड्डी में ला खड़ा किया। दोनो एक दूसरे को चूमने लगे और अनुज ने अपना हाथ संगीता के पैंटी में डाल दिया। उसकी गीली चिकनी चूत महसूस होते ही अनुज ने नीचे देखा तो उसकी बेशरम सास की चड्डी पूरी गीली हो चुकी थी। अनुज के चेहरे पर मुस्कान देख कर संगीता और पानी पानी हो गई। अनुज और इंतजार नही करना चाहता था। उसने सीधा संगीता की चड्डी नीचे खींच ली। जैसे ही अनुज चड्डी पूरी तरह उतरने झुका उसका फोन बजने लगा। उसने जेब से फोन निकाला तो प्रेरणा थी। प्रेरणा का नाम देखते ही संगीता अनकंफर्टेबल हो गई पर अनुज ने उसे छोड़ा नही।
प्रेरणा: कहा हो तुम ? मम्मी ने बोला नही फोन करने
अनुज: बोला था पर मैं भूल गया थोड़ा काम आया है ऑफिस का
प्रेरणा: तुम्हारे ऑफिस वालोको बोलो कल ही आए हो टूर से अच्छा वो छोड़ो मम्मी है वहा?
संगीता अनुज को इशारा कर रही थी कि मै सोई हु ऐसे बता दे। पर अनुज को मस्ती सूझ रही थी उसने २ मिनिट सोचा और संगीता के हाथ पे फोन रख के बोला बात कर। संगीता ने फोन कान पर लगाया तब तक अनुज नीचे झुका और संगीता की चड्डी उतार कर नंगी कर दिया!
संगीता अपनी बेटी से बात कर रही थी और दामाद उसकी चूत में उंगली कर रहा था। संगीता को शुरू में अजीब सा लग रहा था पर जैसे जैसे अनुज की उंगली अंदर घुस रही थी संगीता उफान पर आ रही थी। अनुज उसके मजे ले रहा था क्युकी संगीता झटपटा रही थी ताकि वो प्रेरणा की बात पे ध्यान दे सके पर अनुज उसकी जांघ कसके पकड़े हुए था। संगीता सिर्फ हा हम कर रही थी और उसकी सास फूलने लगी थी। प्रेरणा को चिंता होने लगी उसने अनुज को फोन देने के लिए कहा। अनुज झट से उठकर अपनी उंगलियां चाटते हुए फोन पर बात कर रहा था।
प्रेरणा: अनुज एक बात सुनो
अनुज: हम्म्म
अनुज जानबूझकर उंगलिया जोर से चाट रहा था ताकि प्रेरणा को सुनाई दे।
प्रेरणा: क्या खा रहे हो इस वक्त
अनुज: तुम्हारी मम्मी का अचार। क्या स्वाद है उंगलियां चाटते रह गया मैं तो
प्रेरणा: मम्मी किसकी है।
अनुज: तुम भी कुछ सीखो मम्मी से
ऐसे बोलकर अनुज ने संगीता की चूची जोर से दबा दी। संगीता कराह उठी। अपनी मम्मी की आवाज सुनकर प्रेरणा को टेंशन में आ गई।
प्रेरणा: अनुज मुझे मम्मी की आवाज कुछ ठीक नहीं लग रही तबियत बिगड़ी हो तो डॉक्टर के पास ले जाना
अनुज: ओके डॉक्टर को भी दिखाएंगे और इंजेक्शन भी कराएंगे
अनुजने बात करते करते अपना लन्ड वाला इंजेक्शन सास को दिखा दिया। इतना तगड़ा लन्ड देखकर संगीता का मन डोलने लगा। प्रेरणा से बात होते ही अनुज ने उसकी शॉर्ट्स उतरकर फेंक दी और संगीता की गांड़ पर थपकी देकर उसे रूम में चलने का इशारा किया। संगीता उसके उतरे हुए कपड़े उठाने झुकी तो अनुजने एक जोर की चमाट बजाकर उसे बोला "ये सब बाद में कर ले अब जरूरी काम करना है" अपनी सास को इस तरह नंगी घूमते देख अनुज का लन्ड लोहे जैसा सख़्त हो गया था। संगीता तो उस लन्ड को घूरे जा रही थी। जैसे ही दोनो रूम में आए तो अनुजने संगीता को उठाकर बेड पे पटक दिया। जिस ताकत से अनुजने उसे उठाया संगीता पागल हो गई। ऐसा मर्द उसने नही देखा था सही बात करे तो पति के अलावा किसी के साथ हमबिस्तर नही हुई थी। उसके लिए यह अनुभव नया और रोमांचक था। अनुज पूरा नंगा होकर बेड पर चढ़ गया। अपनी सास को नई दुल्हन की तरह मटकता देख उसे मजा आ रहा था। अनुज सीधे संगीता के मुंह की तरफ बैठ गया। संगीता कुछ सोचती उससे पहले अनुज उसके ऊपर चढ़ गया संगीता नीचे लेटी थी और अनुज ऊपर उल्टा लेट गया। अनुज के गोटे संगीता के मुंह पर घिस रहे थे और अनुज ने अपना सिर संगीतकी जांघो में फसा लिया। अनुज हल्के हल्के संगीता की चूत चाटने लगा। उसकी अनुभवी जीभ संगीता के चूत का रस पीने लगी। संगीता का बदन थर्राने लगा अनुज जान बुझकर उसका लन्ड संगीता के चेहरे पर घिस रहा था । संगीता का पूरा मु उसके लन्ड से निकलती चिकनी जूस से भर गया। अनुज के लन्ड की महक और चूत चाटने से होनेवाली गुदगुदी से संगीता का मुंह अपने आप खुल गया। लन्ड घिसते हुए जैसे ही अनुज को फील हुआ के संगीता मुंह खोल रही है उसने चुपके से अपनी कमर उठाकर लन्ड लटका दिया। संगीता किसी कुतिया की तरह दामाद के लन्ड की हड्डी मुंह में लेने के लिए उछली। अनुज को यकीन नही हो रहा था कि उसकी सास उसका लन्ड चूस रही है। जोश में आकर अनुज संगीता की चूत कुत्ते की तरह चाटने लगा। अनुज अपने जीभ से संगीता को चोदने लगा तो संगीता भी जी जान से उसका लन्ड चूसने लगी। इससे पहले संगीता ने यह अनुभव कभी नहीं किया था ।अनुज के जीभ के साथ जब उसकी उंगलियां भी चूत पर चलने लगी तो संगीता उछलने लगी वो अनुज को रिक्वेस्ट कर रही थी कि रुक जाए पर अनुज तो उसकी चूत का दाना उंगली में दबाए वाइब्रेट करवा रहा था और अपनी जीभ से निकलने वाली जूस पीने में मशगूल था। "अनुज रुक जाओ मैं झड़ जाऊंगी प्लीज रुक जाओ।" संगीता के मुंह से आह सुनते ही अनुज ने उसकी जीभ और अंदर घुसा दी। संगीता को यह बर्दाश्त नही हो सका और वह अनुज के मुंह पे ही झड़ गई। झड़ने के बाद संगीता चुप चाप पड़ी रही और इस अनुभव को अपने आप में समाने की कोशिश करने लगी। जब अनुज उठ गया तो उसका मुंह बलगम से सना हुआ था। संगिताने उसे देखा तो शर्मा गई। उसकी चूत ने जमाई राजा का मुंह पोत दिया था। अनुज संगीता के ऊपर आ गया और संगीता टिशू से उसका मुंह साफ करने लगी। दोनो फिर किस करने लगे। अनुज का लन्ड संगीता के पेट पर चुभ रहा था। किसिंग करते हुए अनुज ने संगीता की तरफ देखा तो वह नई नवेली दुल्हन की तरह शर्माने लगी। आंखो आंखो मे बात हुई और अनुज हल्का सा नीचे खिसक गया। संगीता ने अपनी टांगे खोल दी और प्यारे जमाई राजा के लिए जगह बनाई। जैसे ही अनुज सही पोजिशन में आया उसने आव देखा न ताव सीधा एक जोर का धक्का लगाया और आधे से ज्यादा लन्ड अपनी सास की चूत में घुसा दिया। संगीता को तो नानी याद आ गई वैसे ही वो सालो बाद चूद रही थी ऊपर से अनुज का लन्ड गधे जैसा मोटा था। उसकी तो मानो जान ही निकल गई। संगीता करहाते हुए बोली "अनुज धीरे करो प्रेरणा नही हु मैं" उसकी आवाज में दर्द सुनकर अनुज को और मस्ती चढ़ गई। अनुज सांड की तरह संगीता पर चढ़ गया।
आ आ आह अनुज प्लीज धीरे रुको ऊईई मां बस कर दे झड़ जाऊंगी ददय्या अनुज रुको ना प्लीज आआह्हह आन्नूजज
चीखते चिल्लाते संगीता firse झड़ गई । दो दो बार झड़ने की वजह से उसकी तो जान ही निकल गई। झड़ने के बाद उसका बदन थर्राने लगा पर ठुकाई की मदहोशी उसके सर चढ़ी हुई थी अपने जमाई से खुद की चूत की कुटाई उसे भा रही थी। अनुज तो मानो सोच रहा था आज उसकी जिंदगी की आखरी ठुकाई है और सास की चूत का दाना निचोड़ निचोड़ कर पूरा पानी पानी कर देना है। संगीता के झड़ने के ५ मिनिट बाद अनुज उसे चोदता रहा और फिर अपना लन्ड निकालकर उसने पूरा रस संगीता के मुंह में छोड़ दिया। संगीता बेचारी मना भी न कर पाई क्युकी अनुज्ने उसे पूछा तक नहीं सीधा नाक दबाकर मुंह में झाड़ दिया। संगीता थकी हारी प्यासी थी तो उसने भी पानी की प्यास जमाई राजा के लन्ड के पानी से बुझाई। संगीता इतनी थक गई थी के अनुज उठकर मूतने गया और वापस आया तो संगीता वैसे ही नंगे बदन सो गई। संगीता की चूत का बड़े अरसे बाद मूतने के अलावा कोई इस्तेमाल हुआ था। अपनी सास की नंगी गांड़ पर हाथ फेरकर अनुज बाहर लिविंग रूम में आकर बैठ गया। टीवी ऑन कर अपनी बीयर ओपन करके अनुज आराम से बैठ गया। १–१.५ घंटे बाद संगीता की आंख खुली तो उसने खुदको अपनी बेटी के कमरे में नंगा पाया। उसकी नींद इतनी गहरी लगी थी कि एक सेकंद वह सोचने लगी मैं यहां कैसे फिर उसे याद आया वह क्या कर बैठी है। शर्म से चूर चूर वो अपने कपड़े ढूंढने लगी तो ध्यान आया कि वो तो नंगी ही हॉल से यहां तक चलके आई थी। उसने चुपके से बाहर देखा तो अनुज मस्त मजे से बीयर पीते हुए टीवी देख रहा था। वैसे तो अनुजने ही उसे नंगा कर चोदा था पर अब वह शर्मा रही थी नंगी उसके सामने जाने में। संगीता सोच ही रही थी अब क्या करू के अचानक डोर बेल की आवाज आई। क्या प्रेरणा आई है? संगीता यह सोचकर ही आधी हो गई। मेरी बेटी अगर मुझे खुदके कमरे में नंगे बदन देख लेगी तो क्या होगा? क्यू मैने खुदपे काबू नही किया? क्या प्रेरणा की शादी बचेगी ? क्या मेरी शादी बचेगी? ऐसे १०० सवालों से उसका सर चकराने लगा।
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#5
एकदम मस्त अपडेट है भाई
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#6
Bhadiya....
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#7
Should I continue this?
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#8
(02-01-2024, 03:48 PM)anuj_thefunguy Wrote: Should I continue this?

yes
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#9
(02-01-2024, 03:48 PM)anuj_thefunguy Wrote: Should I continue this?

of course, pls share its next update
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#10
बेल की आवाज सुनते ही अनुज उठा और उसने वीडियो बेल में देखा उनकी मेड राधा दरवाजे पे थी। इससे पहले वो दरवाजा खोलता संगीता बाहर आई। संगीता को नंगा देख अनुज का मन फिर डोलने लगा। संगीता को डर से पसीना छूट रहा था। अनुज उसे कुछ कहता उससे पहले ही संगीता ने सारे कपड़े उठाए और दूसरे रूम में भाग गई। संगीता को अपनी किए का पछतावा हो रहा था पर अनुज बिलकुल बेशरम था। संगीता के जाते ही उसने दरवाजा खोला और राधा को मुंह बंद रखने का इशारा किया जैसे के वह कुछ ऑफिस का काम कर रहा है। राधा समझ गई बिना कुछ आवाज किए काम निपटाना है और निकलना है। संगीता ने फटाफट कपड़े पहन कर बाहर आई तो प्रेरणा नही थी। उसे अनुज से बात करने में भी शर्म आ रही थी क्युकी अनुजने उसे कसकर पेला था और अब वह बड़ी शान से बीयर पी रहा था। संगीता बाहर आकर बैठ गई और कुछ कहती उससे पहले राधा बर्तन साफ कर बाहर आई। उसे देखते ही संगीता समझ गई उसका डर बेमतलब का था। अनुज ने संगीता के तरफ देखा और उसकी हसी छूट गई। संगीता भी अपने आप पे हसने लगी। इससे पहले राधा कुछ पूछे संगीता ने बात शुरू कर दी।
संगीता: ए राधा कितनी लेट आई है तू
राधा: दीदी ने बोला था लेट हो जाएगा और सर घर से काम कर रहे है तो सर का ऑफिस काम खत्म होने तक रुकी थी।
संगीता: अच्छा अच्छा! और घर में सब ठीक?
राधा: जी मां जी आप कब आई
संगीता: कल रात। चल अब जल्दी से पोछा लगा दे
इतना कह कर संगीता अंदर चली गई। जैसे ही राधा अपना काम निपटाकर निकली अनुज संगीता के रूम में आ गया। संगीता गाउन पहन कर बेड पर लेटी हुई थी। अनुजने बेझिझक उसका गाउन उठाया और झाक कर देखा। अनुज की इस हरकत से संगीता चौक गई।
संगीता: हटो क्या कर रहे हो।
अनुज: चड्डी क्यू पहन रखी हैं।
संगीता: कैसी बाते कर रहे हो।
अनुज: क्यू सती सावित्री बन रही है अभी तो टांगे चौड़ी करके छाती पर लिया था मुझे।
अनुज उसकी बेजति किए जा रहा था। संगीता को शर्म आ रही थी पर अनुज सच ही तो बोल रहा था। उसने सोचा बहस करके कुछ मतलब नही है और सच कहे तो अनुज की ऐसी बाते उसकी चूत गीली कर रही थी। इससे पहले की अनुज और कुछ बोले संगीता ने कहा
संगीता: हो गया न अनुज प्लीज ऐसी बाते मत करो अब मैं थक गई हूं
अनुज: पर मजा तो आया ना?
संगीता: ऐसे बेरहमी से कोई बजाए तो मजा थोड़ी न आता है
अनुज: मजा ना आया तो भी २ २ बार झड़ गई मजे लोगी तो पूरा कुआ खोल दोगी क्या।
संगीता: धत कैसी बाते करते हो तुम अनुज। तुम्हे पता है मजा तो आया है फिर क्यू पूछ रहे हो।
अनुज: कंफर्म कर रहा हु सासू मां को और सेवा तो नही चाहिए
संगीता: सेवा करते हो और मेवा खुद खा जाते हो
अनुज: मेवा खाया और मलाई भी खिलाई न?
संगीता: हम्मम्म
अनुज: क्या हम्मम? शर्म आ रही है?
संगीता: बस भी करो अब पता है जमाई की मलाई चाट कर खाई है पहले ही शर्म आ रही है और तुम इज्जत उछाल रहे हो।
अनुज: अरे संगीता! पगली बस मस्ती कर रहा हूं। सॉरी कान पकड़ता हूं।
जैसे ही अनुज ने कान पकड़े संगीता गर्लफ्रेंड की तरह मान गई। और उठकर बैठ गई।
संगीता: छोड़ो कान मत पकड़ो
अनुज: तो क्या पकडू?
संगीता: तुम भी ना बहुत शरारती हो
अनुज: ऐसी सेक्सी सास मिली है तो शरारत तो होगी ही न
ऐसे कहकर अनुज ने संगीता की गाउन फिर उठाई। संगीता झट से पीछे हट गई और कहने लगी
संगीता: अभी नही प्लीज राधा आई थी तब मेरी जान निकल गई थी ये सोचकर की प्रेरणा आई है। अब तो कभी भी आ सकती है।
अनुज: अरे प्रेरणा नही आएगी मेरी बात हो चुकी है उसे लेट हो जायेगा।
संगीता: तुम झूठ बोल रहे हो।
अनुज: यह क्या बात हुई चलो अभी बात करते है प्रेरणा से।
अनुजने तुरंत प्रेरणा को कॉल किया।
अनुज: हाय बेब। क्या कर रही हो? कब तक निपटेगा काम?
प्रेरणा: पूछो मत अनुज ये नए कलीग्स बिल्कुल ही काम नही कर रहे। क्लाइंट का डेलिवरेबल फसा दिया है अब एक कॉल है क्लाइंट के साथ उसके बाद ही पता लगेगा कब तक निपटेगा काम
अनुज: ओ हो मुझे लगा साथ में डिनर तो कर लेंगे चलो कोई नही । तुम टाइम से डिनर कर लेना ।
प्रेरणा: येस डियर! तुम भी खा लो मम्मी को बोल देना मै लेट हो रही हो वो कुछ बना लेंगी झट से
अनुज: अरे नही चाइनीज खाने का मन है ऑर्डर कर लूंगा । तुम्हारी मम्मी खाती है चाइनीज?
प्रेरणा: इतने साल हुए शादी को इतना भी नही पता सास के बारे में।
अनुज: शादी तो बेटी से की है मां के बारे मे क्या पता करना है
संगीता ने जैसे ही सुना उसका मुंह फूल गया। अनुज देख रहा था कैसे उसकी सास १७ साल की लड़की की तरह नौटंकी कर रही है।
प्रेरणा: तुम भी ना सच मे पागल हो अच्छा चलो अब रखती हूं काम है
अनुज: सुनो तो तुम्हारी मम्मी को कुल्फी पसंद है ना?
प्रेरणा: हा मम्मी की च्वाइस बिलकुल मेरे जैसी है ज्यादा मत सोचो बस एक बार बोल दो मम्मी को जो भी ऑर्डर कर रहे हो।
अनुज: ठीक है चलो बाय अगर पिक करना हो ऑफिस से तो बोल देना
प्रेरणा: नही ऑफिस कैब हो जायेगा। बाय रखती हूं।
जैसे ही बात हुई अनुज ने फोन बेड पर फेंक दिया और संगीता के ऊपर झपटा। संगीता मुंह बनाए बैठी थी।
अनुज: अब क्या हुआ संगी डार्लिंग
संगीता: सास के बारे में नही जानना तुम्हे?
अनुज: अरे बावली तेरी बेटी को क्या बोलूं? बता तेरी मां के बारे में। अब तेरी मां मेरी गर्लफ्रेंड है और उसे इंप्रेस करना है?
संगीता समझ गई और अपने हाथ अनुज के गले में डाल कर बड़े लाड से अनुज को बोली
संगीता: गर्लफ्रेंड हु तुम्हारी?
अनुज: हा तो? नही हो? अच्छा नही लगा क्या?
संगीता: अच्छा क्यू नही लगेगा?
ऐसे कहते कहते दोनो एक दूसरे को चूमने लगे। अनुज की किसिंग n संगीता फिर उफान पर आ गई। अनुज धीरे धीरे उसे गरम कर रहा था और सही मौका देख कर संगीता का गाउन उतार दिया। संगीता पागल हो रही थी उसने खुद से अपनी चड्डी उतार दी तो अनुज ने भी झट से उसकी ब्रा खोल दी। नंगी संगीता अपने जमाई के साथ हमबिस्तर हो रही थी। उसे कोई शर्म नही थी। अनुज ने भी अपनी टी शर्ट और शॉर्ट्स उतार दी। संगीता की चूत तो गीली हो कर बह रही थी। अनुज ने देखा बेडशीट पर बड़ा सा गीला धब्बा दिख रहा था। सास की बेशर्मी देख कर उसे रहा नही गया और संगीता को बिना कुछ बोले अनुज ने अपना लन्ड संगीता के चूत में डाल दिया। किसिंग करती संगीता करहाने लगी
संगीता: उई मां अनुज क्या कर रहे हो जान निकल गई मेरी
संगीता की चीख सुनकर अनुज को और मस्ती चढ़ गई और उसने अपना हमला और तेज कर दिया। संगीता चिल्लाने लगी
संगीता: अनुज पागल हो गए हो क्या प्लीज धीरे करो रुको ऊईईईआई माआआ अनुज नही प्लीज अनुज आ आ आह अनुज थोड़ा स्पीड कम करो प्रेरणा नही हु संगीता हु। हाए राम प्लीज आ आ अनुज अनुज झड़ रही हु मै आ आ
संगीता झड़ गई और वैसे ही पड़ी रही अनुज रुक नही रहा था पर संगीता का ओर्गास्म इतना इंटेंस था के उसे ५-७ मिनिट होश ही न था फिर अचानक से उसे ऐसे लगने लगा की उसकी मूत निकल जाएगी और वो होश में आई। अनुज अभी भी उसपे चढ़ा हुआ था और बेरहमी से संगीता को ठोक रहा था।
संगीता: अनुज रुको रुको प्लीज ऐसे कहकर संगीता रोने लगी। जैसे ही उसने रोना शुरू किया तो अनुज को होश आया और वह रुक गया। अनुज के रुकते ही संगीता उछल कर खड़ी हो गई और टॉयलेट के तरफ भागी। अनुज को कुछ समझ नहीं आया तो वह भी अपनी सास के पीछे भाग लिया। संगीता जैसे ही टॉयलेट में घुसी उसका मूत निकल गया और वह चिल्लाते हुए अजीब सी आवाजें निकालने लगी। संगीता को समझ नही आया उसके साथ क्या हुआ पर उसे बहुत ही हल्का और अच्छा फील हो रहा था। संगीता स्प्रे उठाने के लिए मुड़ी तो उसने देखा अनुज सब देख रहा था। उसे कोई शर्म नही आई उसने बेशर्मी से स्प्रे उठाई और अपनी चूत और पैर साफ कर लिए। अनुज ने फटाक से टॉवल थमाकर अपनी सास की मदद की। संगीता साफ होकर बाहर आई तो अनुज फोन पर कुछ कर रहा था। उसने पूछा तो अनुज ने चुप करने का इशारा कर कॉल लगाया। अनुज ने फोन पर चाइनीज ऑर्डर किया और फिर संगीता को हाथ से पकड़कर लिविंग रूम में ले आया। दोनो बेशरम होकर नंगे घूम रहे थे। संगीता तो अलग ही मजे में थी। अनुज के साथ सोफे पे बैठ गई तो अनुज उसके मम्मे दबाते हुऐ पूछने लगा।
अनुज: पहली बार स्क्विटिंग हुई है या इससे पहले भी हुआ है?
स्क्विटिंग ये शब्द संगीता पहली बार सुन रही थी। उसका पति तो जवानी में बस उसकी साड़ी उठाकर काम निपटा लेता था और सो जाता था अब तो वह भी बंद था।
संगीता: मुझे नहीं समझ रहा क्या बोल रहे हो। थोड़ा धीरे दबाओ न प्लीज
अनुज: अरे तुमने अभी जो टॉयलेट में किया वो हमेशा होता है सेक्स के बाद या आज ही हुआ?
संगीता: छी अब मेरी मूत के बारे में जानना है क्या तुम्हे।
अनुज: हा हा हा अरे वो मूत नही था।
संगीता: मतलब?
इससे पहले की संगीता कुछ और पूछती अनुज ने स्मार्ट टीवी के रिमोट पे वाइस कमांड दी " स्क्विटिंग विडियोज"। संगीता देख रही थी क्या हो रहा है के अचानक टीवी पे पोर्न शुरू हो गई। उसके पति ने एक बाद उसे पोर्न दिखाकर लन्ड चुसवाया था पर संगिताने गलती से उसका लन्ड काट लिया था। पर ये वाला वीडियो अलग था इसमें जो आदमी था वह लड़की को बुरी तरह पेल रहा था और लड़की अधमरी सी लग रही थी के अचानक उसकी चूत से फुआरे छूटने लगी। अनुजने उसे समझाया यह भी एक झड़ने का तरीका है। जब औरते बर्दाश्त से ज्यादा मजे लेती है तो ऐसे झड़ती है। यह सुनते ही संगीता शर्माने लगी। उसने सोचा था उसके बदन में जो फील हो रहा है वो छुपा लेगी पर अनुजकों तो सब पता चल रहा था। पोर्न देखते देखते दोनो फिर किसिंग करने लगे तब अचानक बेल बजी। संगीता फिर दर गई तो अनुज ने उसे याद दिलाया चाइनीज वाला होगा। अनुज संगीता को उठकर अपनी शॉर्ट्स लाने कहा। नंगी संगीता उठी और अपने जमाई का कच्छा उठाकर ले आई। अनुज ने शॉर्ट्स पहन ली और गांड़ पर हल्की सी चमाट लगाकर संगीता को अंदर जाने का इशारा किया। संगीता अंदर चली गई और अपना गाउन पहन लिया। अनुज फिर चोद सकता है यह सोचकर उसने ब्रा और पैंटी नही पहनी सिर्फ गाउन डालकर आ गई। अनुज ऑर्डर लेकर डाइनिंग टेबल पर रख दी और संगीता के सोफे पे बैठते ही अपनी शॉर्ट्स उतरकर संगीता के सामने खड़ा हो गया। संगीता समझ गई और बेझिझक अनुज का लन्ड हिलाकर मुंह में लेने लगी। धीरे धीरे अनुज का लन्ड संगीता का मुंह भर रहा था और दोनो मूड में आ रहे थे कि अनुज का फोन बजा। प्रेरणा की फोटो देखते ही संगीता समझ गई प्रेरणा की कॉल है। वो सोच रही थी क्या करे की अनुज ने फोन आंसर किया और स्पीकर पर रख दिया।
अनुज: हा प्रेरणा बोलो
प्रेरणा: क्या कर रहे हो ? खाना खा लिया?
अनुज: हा खाना खा लिया
प्रेरणा: मम्मी ने भी?
अनुज: हा उनका डिनर हो गया अब कुल्फी खा रही है।
अनुज के मुंह से ऐसी बात सुनकर संगीता के बदन में बिजली सी दौड़ गई। वह अपने जमाई का लन्ड चूस रही थी और उसका बेशरम जमाई उसकी ही बेटी को बता रहा था की तेरी मां कुल्फी खा रही है। संगीता को अंदेशा हुआ की उसकी चूत फिर गीली हो रही अगर वो बैठी रहती तो सोफा गीला हो जाता और सोफा तो छुप भी नही सकता। संगीता उठने लगी तो अनुजने उसे नीचे दबाया और वह घुटने पर बैठ गई। जैसे ही संगीता घुटने पर बैठी अनुज ने लन्ड उठाकर अपने गोटे संगीता के मुंह के पास लाए तो संगीता भूखी कुतिया की तरह चाटने लगी। उसका बिलकुल ध्यान नहीं था इन दोनो की क्या बात चल रही है। संगीता को सिर्फ सुनाई दिया
अनुज: ले तू ही पूछ ले मम्मी जी से। मम्मी प्रेरणा है
प्रेरणा: कैसी लगी मम्मी कुल्फी? है ना मजेदार!
संगीता पुरी तरह मस्ती में थी
संगीता: हा बेटा बिलकुल मजेदार है एकदम रसभरी
प्रेरणा: अनुज मुझे हमेशा खिलाते है मेरी फैवरेट है।
संगीता: हा बोला उन्होंने बेटी की पसंद चख कर देखो नही तो मुझे कोई इंटरेस्ट नहीं है कुल्फी खाने में
प्रेरणा: आप भी न मां अच्छी नही लगी क्या?
संगीता: अरे नही सच में बहुत अच्छी है मैं तेरी वाली भी खा रही हूं tu फिर कभी खा लेना
प्रेरणा: कोई बात नही हम तो हमेशा खाते है। अच्छा है आप दोनो एक दुसरे की कंप्लेंट नही कर रहे।
संगीता: बेटे फोन स्पीकर पे है।
प्रेरणा: ऊप्स अनुज तुम एंजॉय करो डेजर्ट अपनी सास के साथ मैं आ जाऊंगी २ घंटे में।
अनुज: हा हा ठीक है चलो बाय
फोन रखते ही अनुज ने संगीता को बालों से पकड़ा और उसका मुंह चोदना शुरू किया संगीता के सामने ही टीवी पे पोर्न चल रही थी और उसमे भी लड़की का मुंह चोदना शुरू था। संगीता ने खुदको पूरी तरह अनुज के हवाले कर दिया था और अनुज अपनी नई नवेली हसीना के पूरे मजे ले रहा था। थोड़े टाइम में ही अनुज संगीता के मुंह में झड़ गया। इस बार संगीता ने मुंह नही बनाया बल्कि मजे से सारा रस पी लिया और अनुज के गोटे लन्ड चाटकर साफ़ करने लगी। जैसे ही उसने लन्ड छोड़ा अनुज टॉयलेट चले गया। संगीता को नई जवानी मिल गई थी पर ये कब तक चलेगा?
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#11
nice please post regularly
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#12
अनुज की कुल्फी खाकर संगीता मस्त हो गई थी। अनुजभी सास के जलवे देखकर खुश था। सास का मुंह अपने माल से भरने के बाद अनुज अच्छा सा शावर ले आया संगीता अभी भी हाल में बैठी अनुज के लन्ड का स्वाद अपनी जुबान पर याद कर खुश हों रही थी। अनुज देखते ही समझ गया चूत की खुजली से सास पागल हो चुकी है। उसने सोचा संगीता की टांग खींचते हैं।
अनुज: अरे प्रेरणा तुम?
अचानक प्रेरणा का नाम सुनकर संगीता गड़बड़ाई उसकी हालत देखकर कोई भी बता सकता था की उसने क्या गुल खिलाए है। वो झट से उठ खड़ी हुई तो कोई नही था। वह समझ गई अनुज उसकी टांग खींच रहा है।
संगीता: अनुज टांग मत खींचो प्लीज आती हु मेरा हुलिया ठीक कर
अनुज: संगी डार्लिंग टांग खिचुंगा नही उठाऊंगा। उठाएगी न टांग मेरे लिए।
संगीता: धत तुम बड़े बेशरम हो।
संगीता शर्मा कर अंदर चली गई। संगीता फ्रेश होकर हल्का सा मेक अप करने लगी तो उसे प्रेरणा की आवाज सुनाई दी। प्रेरणा आई है यह सुनके उसने मेक अप छोड़ दिया और बाहर आई। प्रेरणा अपनी मम्मी को देखकर खुश हो गई।
प्रेरणा: और मम्मी कैसा रहा दिन
संगीता का दिन तो मजेदार था कई घंटे नंगी पड़ी थी प्रेरणा के बिस्तर में वह भी उसी के पति के साथ पर प्रेरणा के पूछते ही उसने कहा
संगीता: दिन तो ठीक ही था क्या ही अलग होगा घर बैठे बैठे
प्रेरणा: मुझे बैठना है घर शांति से पर ये काम खत्म नहीं हो रहा।
संगीता: इतना क्यू करना है फिर छोड़ दें जॉब दामादजी अच्छा तो कमा रहे हैं।
प्रेरणा: और क्या करू घर बैठ कर?
संगीता: बच्चे कर घर गृहस्ती संभाल।
प्रेरणा: मेरा दिमाग फट रहा है और बोर मत करो मम्मी आपसे बात करना ही बेकार है ।
प्रेरणा उठकर अपनी रूम में चली गई और दरवाजा पटक कर बंद कर दिया। अनुज दोनो की बाते सुन रहा था पर उसने जान कर अंजान बन पूछा
अनुज: अरे धीरे ! दरवाजा तोड़ना है क्या?
प्रेरणा: अनुज प्लीज मम्मी ने दिमाग खराब कर रखा है मेरा ऑलरेडी
अनुज: चील। ये लो पानी पियो और शांति से बैठके बताओ क्या हुआ।
अनुज स्माइल करते हुए पानी की बोतल लेकर खड़ा था। बिना बात उसपर चिल्लाकर भी अनुज शांत था प्रेरणा को गिल्टी फील होने लगा। उसने बोतल से एक घुट पानी पिया और बेड पर बैठ गई।
प्रेरणा: सॉरी! थक कर आई थी और मम्मी का रोज का रोना शुरू हो गया।
अनुज: रोज का रोना? क्या बोला ऐसा तुम्हारी मम्मी ने
प्रेरणा: मम्मी की हर बात बच्चे पर आ कर रुकती है।
अनुज: किसका बच्चा?
प्रेरणा: अनुज डोंट मेस विथ मि यार यू नो वॉट आई एम टॉकिंग अबाउट
अनुज: अरे इग्नोर करो इट्स ऑब्वियस फॉर हर एज। अगली बार पूछा तो बोल देना ट्राई कर रहे है।
प्रेरणा: पागल हो क्या? मैं बोलूंगी और वो मान जायेगी
अनुज: नही मानी तो एक रात अपने बेडरूम में आकर देखने बोलना हा हा हा।
प्रेरणा: तुम भी ना किस भी टाइम शुरू हो जाते हो।
अनुज: तुम्हारी स्माइल और गांड़ दोनो पे फ़िदा जो हु डार्लिंग।
प्रेरणा: मैं थकी हुई हूं आज नही प्लीज तुम क्विकी बोलते हो और फिर गांड़ मारे बिना छोड़ते नही।
अनुज: तुम भी ना प्रेरणा ये बड़ी गांड़ बनी किसके लिए है ।
प्रेरणा: तुम्हारी ही है पर आज नही आई एम टू टायर्ड
अनुज: ठीक है चलो कोई बात नही वैसे भी मुझे आज नेटफ्लिक्स देखना है तो मैं बाहर जाता हूं तुम रेस्ट करो
अनुज बिना गुस्साए मान गया यह देखकर प्रेरणा खुश हो गई उसे लगा अभी अनुज का मूड अच्छा है तो अभी उसे बता देती हु।
प्रेरणा: अच्छा सुनो न एक और बात करनी है
अनुज: क्या हुआ अब? बोलो
प्रेरणा: गुस्सा तो नही करोगे?
अनुज: बात क्या है।
प्रेरणा: वो मुझे न
अनुज: प्रेरणा चील रिलैक्स हो और बताओ
प्रेरणा: ऑफिस के ऑडिट के लिए पुणे जाना है कल और परसो ।
अनुज: २ दिन?
प्रेरणा: हा ऑफिस की कैब होगी तो रात में आ जाऊंगी घर।
अनुज: अरे इतना अप डाउन क्यू करना है ऑफिस को बोलो रहने का अरेंजमेंट करे
प्रेरणा: वो तो दे रहे है मैने ही मना किया क्युकी मम्मी यह है तो तुम्हे अनकंफर्टेबल होगा।
अनुज: तो उन्हें बोलो ना कल सुबह निकल जाएंगी।
प्रेरणा: पापा अमरनाथ यात्रा गए है तो अकेले नहीं रहना चाहती वहा मम्मी।
अनुज: ठीक है पर उनसे बात कर लेना अभी क्या वो कंफर्टेबल होंगी और बोल देना अपने काम से काम रखे मेरा खाना पीना मैं मेरे हिसाब से कर लूंगा।
अनुजने ऐसे दिखाया जैसे की वह खुश नही है पर सच तो यह था की प्रेरणा के जाने के बाद संगीता को अपनी रण्डी बना कर चोदने का प्लान उसके दिमाग में तैयार था। अनुज के मानने पर प्रेरणा खुश होकर बेडरूम से निकली और सीधे संगीता की रूम का दरवाजा खटखटाया।
संगीता अनुज के बारे में सोचती हुए अपनी चूत सहला रही थी। अचानक प्रेरणाकि आवाज सुनकर उसने अपना गाउन सही किया और दरवाजा खोला। प्रेरणा संगीता की बात सुनकर नाराज होकर चली गई थी तो अब क्यू आई होगी ? संगीता को जिंदगी में पहली बार चोर की दाढ़ी में तिनका कहावत का अर्थ समझ आया उसका दिल घबरा रहा था पर उसने सोचा पहले सुन लेते है।
संगीता: क्या हुआ बेटा? सब ठीक इतनी लेट क्यू आई है? झगड़ा हुआ क्या?
प्रेरणा: अरे मम्मी आप भी जरा कुछ हुआ तो टेंशन शुरू बैठो कुछ बात करनी है।
संगीता के हाथ पैर ठंडे पड़ने लगे। वह बैठ गई और सुनने लगी
प्रेरणा: मम्मी ऑफिस में एक प्रोब्लम हुई है और मुझे कल अर्जंतली पुणे जाना पड़ेगा २ दिन के लिए
संगीता: २ दिन? तू जा रही है तो मैं कैसे रहूंगी इधर?
प्रेरणा: यह भी तो आपका ही घर है।
प्रेरणा को आइडिया नही था उसकी मां सिर्फ घर ही नही उसका पति भी अपना ही मान चुकी है। संगीता सोचने लगी कही प्रेरणा कुछ प्लान तो नही कर रही उसने सोचा सीधा मना कर देती हू।
संगीता: घर तेरा है और दामाद जी का मैं मेहमान हु जब मेजबान ही बाहर जा रही है मैं क्या करू मैं भी निकल जाऊंगी कल सुबह।
प्रेरणा: मम्मी २ दिन की ही बात है परसो रात मै आ जाऊंगी।
संगीता: तुने दामादजी से बात की?
प्रेरणा: हा और उसे कोई प्रोब्लम नही है आप बस उसे डिस्टर्ब मत करना वो अपने टाइम के हिसाब से खा लेगा काम मैनेज करके।
संगीता: तू नही रुक सकती क्या?
प्रेरणा: अरे मम्मी आप टेंशन मत लो २ दिन आराम से निकल जायेंगे चाहिए तो आपकी फ्रेंड है ना शोभा मासी उन्हें मिल लेना उतना ही बाहर रहोगे ऑकवर्ड नही होगा।
संगीता: ठीक है। पर मुझे कॉल करती रहना।
प्रेरणा: हा आप मजे करो तब तक अनुज के साथ।
संगीता: कैसे मजे? (डरते हुए)
प्रेरणा: चाइनीज खाना कुल्फी कौन खा रहा था हा हा हा
संगीता: चाइनीज तो सिर्फ तुम लोगो को पसंद आता है मुझे नहीं।
प्रेरणा: और कुल्फी? अपनी तो खा ली मेरी भी चट कर गई।
संगीता: अच्छा स्वाद था और मलाई भी बहुत अच्छी लगी।
प्रेरणा को नही पता था उसकी छीनाल मां जमाई के लंडसे निकली मलाई की बात कर रही थी।
प्रेरणा: अब next टाइम चॉकलेट सिरप डाल के खाना और स्वाद लगेगी।
संगीता: रोज रोज कौन खानेवाला है।
प्रेरणा: मैं अनुज को बोल दूंगी वो बुला लेगा कुलफीवाले को
संगीता: नही रहने दे। तू अपना ध्यान रखना वहा खाना पीना टाइम से कर लेना और हो सके तो जल्दी वापस आना।
प्रेरणा: मम्मी डोंट वरी! सॉरी ऑफिस से आई तब बिना बात गुस्सा किया आप पे।
संगीता: चल पगली उसमे क्या नया है।
ऐसा कहते ही प्रेरणा ने अपनी मम्मी को गले लगाया और गाल पे किस करके सोने चली गई। जैसे ही प्रेरणा निकली संगीता ने दरवाजा बंद कर लिया अब उसके मन में लड्डू फुट रहे थे क्युकी अनुज उसके साथ अकेले २ दिन बिताने वाला था। संगीता अनुज के साथ रंगरलियां मनाने के सपने देखने लगी। जैसे ही वह सोने लगी किचन से प्रेरणा को आवाज सुनाई दी। इतनी देर रात प्रेरणा किस से बात कर रही है यह देखने संगीता बाहर आई तो पता चला प्रेरणा मेड राधा से बात कर रही थी। प्रेरणा उसे २ दिन का खाना बनाने बोल रही थी जैसे ही संगीता ने यह सुना उसने प्रेरणा से फोन ले लिया और राधा को २ दिन की छुट्टी दे दी। संगीता ने प्रेरणा को कहा यह मेड के चोचले तुम करो मैं घर में हूं तो इतना काम कर ही सकती हूं कोई जरूरत नही है उतना ही मेरा टाइम चले जाएगा बैठे रहने से अच्छा है। संगीता को हमेशा मेड पसंद नही तो उसने डाट लगाकर प्रेरणा को सोने भेज दिया। संगीता खुश थी क्युकी अब तो राधा की भी कोई टेंशन नहीं घर में बस अनुज और उसकी संगी डार्लिंग। संगी डार्लिंग नाम संगीता को बहुत अच्छा लग रहा था सुनते ही उसके चेहरे पर मुस्कान और चूत में तितलियां आ रही थी। कल के लिए संगीता बिलकुल तयार थी या फिर अनुज कुछ नया करने वाला था?
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#13
2 din aur mil gaye saas aur daamad ko....waiting for next update
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#14
आगे...?
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#15
kahaani ko update karo bhai
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#16
प्रेरणा के ऑफिस ट्रीप का सुनते ही संगीता इतनी खुश हो गई की उसे नींद ही नहीं आ रही थी। अनुज के बारे में सोच कर उसकी चूचियां टाइट और चूत गीली हो रही थी। बेशर्मों की तरह खुदको सहलाते हुए ख्वाब देख रही थी। संगीता से रहा नही जा रहा था उसने अपनी गाउन और पैंटी उतार दी और चूत में उंगली करने लगी। उसमे अजीब सा पागलपन सवार था उंगली करते करते वह झड़ गई और उसकी आंख कब लगी उसे पता ही न चला। सुबह प्रेरणा जल्दी निकल गई। संगीता देर तक जगने के वजह से नही उठ पाई। प्रेरणा सोच रही थी एक बार जाने से पहले अपनी मां से बात करले पर संगीता गांड़ उठाकर नंगी सो रही थी उसे बस चुदवाने की धुन सवार थी। अनुज प्रेरणा को ड्रॉप करने सोसायटी के गेट तक आया।
प्रेरणा: अनुज मम्मी उठ जायेगी तो एक बार पूछ लेना तबियत तो ठीक है उनकी
अनुज: येस बेबी। तबियत तो मेरी खराब होगी २ दिन तुम नही रहोगी तो।
प्रेरणा: अरे मेरा बच्चा २ दिन की ही बात है परसो रात को आ जाऊंगी।
अनुज: ठीक है चलो तुम्हारा कैब भी आ गया।
अनुज ने कैब ड्राइवर से बात किया और प्रेरणा को बाय कर घर के तरफ निकल गया। लिफ्ट में घुसते ही अनुज के दिमाग में कुछ खिचड़ी पकना शुरू हो गया। जैसे ही वह घर में आया तुरंत लिविंग रूम के ड्रॉअर में कुछ ढूंढने लगा। अनुज के हाथ एक चाबी लगी तो मुस्कुराते हुए चाबी उठाकर संगीता की रूम की तरफ चल दिया दरअसल ये चाबी संगीता के रूम के लैच की थी। अनुज ने धीरे से दरवाजा खोला और सामने का नजारा देख उसका लन्ड उछल पड़ा। उसने अपना फोन निकाला और संगीता की फोटो खींच ली। अनुज संगीता की तरफ बढ़ा। संगीता दरवाजे की तरफ पीठ करके सोई थी अनुज उसके मुंह के सामने खड़ा हो गया और बिना कुछ सोचे उसने अपना लन्ड बाहर निकाला और संगीता के नाक के सामने लगा दिया। अनुज के लन्ड की खुशबू सूंघकर संगीता की नींद खुल गई। उसने हल्की सी आंखे खोली तो सामने लन्ड देखकर वह चौक गई और उठकर बैठ गई। वह अनुज पे गुस्सा होने ही वाली थी के उसने ड्रेसिंग टेबल की मिरर में खुद को नंगा देख लिया। संगीता की नजर झुक गई उसे बहुत शर्म आ रह थी। अनुज तो बेबाक हो कर अपना लन्ड सहला रहा था।
अनुज: गुड मॉर्निंग संगी डार्लिंग
संगीता: गुड मॉर्निंग सॉरी वो न
अनुज: अरे ठीक है कोई जरूरत नही है शर्माने की उल्टा अच्छा है एक काम कम हो गया
संगीता: कौनसा काम? और प्रेरणा कहा है?
अनुज: तुझे नंगा करने का काम कम हो गया तू नंगी ही पड़ी है हा हा। प्रेरणा निकल गई तुम सो रही थी उठाया नही। मैने सुबह ही उसे बोलना चाहिए था उठा ले अपनी मां को फिर उसे भी पता चलता उसकी मां कितनी हॉट है
संगीता: तुम तो उठते ही शुरू हो गए अभी प्रेरणा मुंबई से बाहर भी नही निकली होगी
अनुज: मैं तो अभी शुरू हुआ हु तुम तो लग रहा है रात से ही सपने देख रही हो।
संगीता शर्माने लगी और ब्लैंकेट ओढ़ने लगी। अनुज ने ब्लैंकेट खींच लिया और बोला
अनुज: जल्दी से अच्छी सी चाय बनाओ
संगीता: तुम चलो मैं आती हु कपड़े पहन कर
अनुज: कपड़े क्यू चाहिए चाय बनाने के लिए?
संगीता: अनुज प्लीज मुझे ऐसे अच्छा नही लग रहा
अनुज: मुझे तो अच्छा लग रहा है चल आ जा हम दोनो ही है घर में क्यू शर्मा रही है सब तो देख लिया है मैने।
संगीता: खिड़की से कोई देख लेगा।
अनुज: खिड़की पर पर्दे लगे हुए है और इतने ऊपर १२ फ्लोर pe कौन देखने आएगा चल उठ जल्दी चाय पीनी है मुझे
संगीता को पता था आज अनुज नही मानेगा वह तयार हो गई। अनुज बेड से थोड़ा दूर हटकर खड़ा हो गया। जैसे ही संगीता उठी अनुज ने उसे हग किया। अनुज का लन्ड तन गया था। हग करते ही उसका लन्ड संगीता के पेट पर चुभने लगा। जैसे ही दोनो अलग हुए अनुज के लन्ड से निकलती चिकनी जूस की तार दिखने लगी। अनुज ने अपने हाथ से संगीता के पेट पर दिख रही चिकनाई को साफ किया और वही उंगली संगीता को चटवाई। संगीता भूखी कुतिया की तरह चाटने लगी और तो अनुज ने अपने लन्ड को पकड़ कर और थोड़ा प्रीकम उंगली पर लेकर संगीता को चटवाई। फिर दोनो रूम से निकल कर बाहर चल दिए। अनुज का हाथ संगीता की कमर पर था और वह बीच बीच में उसकी गांड़ सहला रहा था। संगीता बहुत ही एक्साइट हो चुकी थी। अनुज उसे किचन तक ले गया और गांड़ पर एक करारी चमाट बजाकर उसे चाय बनाने भेज दिया। संगीता कभी अपनी जवानी में भी ऐसे नंगे बदन किचन में खड़ी नही हुई थी बल्कि उसका पति तो सिर्फ साड़ी उठाके काम निपटा लेता था और उसे ठंडा ही छोड़ देता था। अनुज के साथ तो उसका मूत निकल गया था। कैसे तैसे करके उसने चाय बनाई और अनुज को देने गई। अनुज ने उसे पकड़ के गोद में बिठा लिया और चुस्की लेते हुए चाय पीने लगा। संगीता टीवी की तरफ देख रही थी के अचानक अनुज ने उसके मम्मे चूसना शुरू कर दिया। संगीता मूड में आकर सिसकियां भरने लगी। अनुज ने चाय खत्म कर सास के मम्मे मसलना स्टार्ट किया संगीता दामाद की गोद में झटपटाने लगी। सास का हाल देख कर अनुज और मूड में आ गया। अनुज ने संगीता को खड़ा किया और झुकने बोला। संगीता मना करने लगी तो उसने गुस्से से गांड़ पर करारा चमाट बजाया। संगीता की बोलती बंद हो गई। जिस गांड़ पे चमाट पड़ा उसे सहलाते हुए संगीता झुक गई अनुज ने अपने पैरो से सेंटर टेबल पास खींच लिया और संगीता को उसपे हाथ रख सहारे से खड़े रहने बोला। अनुज कितना ख्याल रख रहा है ऐसे संगीता सोच ही रही थी के अनुज ने उसकी गांड़ फ़ैला कर चूत में उंगली डाल दी। संगीता की चूत रस से भरी हुई थी। अनुज ने बिना कुछ सोचे अपना मुंह घुसा दिया और चाटने लगा। संगीता को जन्नत मिल गई। अनुज भूखे कुत्ते की तरह उसे चाट रहा था। संगीता के तो होश उड़े हुए थे आज तक यह सुख उसे कभी नसीब नही हुआ था और आज तो खुद जमाई राजा चूत चाटने में लगे हुए थे। संगीता भी पागल हो गई और जोर जोर से चिल्लाने लगी "बस करो अनुज प्लीज बस करो और नही बर्दाश्त कर सकती"। अनुज तो रुकने का नाम नही ले रहा था। संगीता की चूत से झरना बह रहा था अनुज का मुंह उसके रस से सना हुआ था पर फिर भी वह रुक नही रहा था। सास की चूत का शहद pi कर वह मस्त हो गया था। संगीता इतनी बुरी तरह से गीली थी के उसके चूत का रस नीचे गिर रहा था। अनुज रुक नही रहा था और उसे भी मज़ा इतना आ रहा थे के संगीता ऐसे ही झड़ गई। संगीता झुक कर पड़ी रही और अनुज ने अपना मुंह हटा लिया। संगीता की हालत देखकर अनुज ने उसे सोफे पर लिटा दिया। संगीता खुश थी उसे बहुत हल्का फील हो रहा था। अनुज चाय की कप रखने किचन में चला गया तो संगीता और रिलैक्स हो गई। २–४ मिनट में अनुज वापस आया। संगीता ने देखा अनुज का लन्ड पूरा तन गया है। वह उठने लगी तो अनुज ने उसे सोफे पर ही उल्टा कर दिया और बिना कुछ बोले पीछे से संगीता की चूत में लौड़ा घुसा दिया। संगीता झड़ने की वजह से एकदम तैयार थी अनुज का पूरा लन्ड आसानी से उसकी चूत में समा गया और वह फिर एक बार जन्नत की सवारी के लिए निकल पड़ी। संगीता की चूत पर अनुज कहर बरपा रहा था और संगीता सोफे पे लटकी हुई मजे ले रही थी। संगीता के बदन में बिल्कुल शक्ति नही थी पर उसकी चूत बिल्कुल मस्त होकर ठुक रही थी। संगीता की चूत थरथराकर फिर से झड़ने लगी तो अनुज ने अपना लन्ड बाहर निकालकर उसकी चूत की फड़फड़ाहट फोन के कैमरे में रिकॉर्ड कर ली और फिर संगीता के मुंह के पास जाकर खड़ा हो गया। संगीता ने २ मिनिट में चाटकर अनुज का पानी निकाल दिया और पीने लगी। अनुजने अपना लन्ड चटवाके साफ करवा लिया और फिर वह अपना काम करने चला गया। जाते जाते उसने संगीता को लंच बनाने का ऑर्डर छोड़ा। संगीता ने सिर हिलाकर हा बोल दिया। संगीता वैसे ही पड़ी हुई थी के उसे प्रेरणा का कॉल आया हड़बड़ाहट में संगीता ने कॉल उठा ली।
संगीता: हा प्रेरणा बोल।
प्रेरणा: क्या कर रही हो मम्मी?
संगीता: कुछ नही बस लंच का तयारी कर रही हु।
प्रेरणा: ब्रेकफास्ट कर लिया अनुज ने?
संगीता: हा उनका हो गया है सब कुछ टेंशन मत ले
जैसे ही संगीता ने यह बोला उसने नोटिस किया उसकी चूत का रस सोफे पे गल रहा है। वह फट से खड़ी हो गई और जैसे तैसे बात करके कॉल कट किया।
अनुज रूम में गया और संगीता के ओर्गास्म का वीडियो थोड़ा सा एडिट करके उसने प्रेरणा को भेज दिया। वैसे भी उस वीडियो में संगीता की चूत के अलावा और कुछ नही दिख रहा था। प्रेरणा ने वह वीडियो देख कर अनुज को कॉल किया।
प्रेरणा: छी यह क्या गंदा क्लोज अप वीडियो भेज रहे हो
अनुज: ओर्गास्म देखा चूत कैसे फड़फड़ा रही है ऐसा ओर्गास्म देना है मुझे तुम्हे
प्रेरणा: तुम्हारी पोर्न स्टार ४ लौड़े ले कर फड़फड़ा रही होगी
अनुज: पोर्न स्टार नही है इंडियन होम मेड वीडियो है ठीक से देख आंटी है वो
प्रेरणा: रण्डी ही होगी कोई लन्ड लेके इतना खुश हो रही है
अनुज: तुम खुश नही होती लन्ड लेकर?
प्रेरणा: मै सिर्फ मेरे पति का लेती हूं और ऐसे वीडियो नही बनाती ।
अनुज: हा हा मस्त फड़फड़ा रही है ना लेकिन
प्रेरणा: तुम्हे बहुत मजा आ रहा है आंटी की चूत देखकर
अनुज: क्या करू मेरी रण्डी नही है ना मेरे साथ चोदने के लिए
प्रेरणा: मैं रण्डी हु?
अनुज: नही तू तो रखैल है मेरी सिर्फ मेरी
प्रेरणा: अब आए न लाइन पे हमेशा याद रखना मैने न किसी और को दी है ना किसी और को दूंगी
अनुज: पता है जानेमन तुम्हारी चूत गांड़ दोनो मेरे नाम है।
प्रेरणा: फिर भी आंटी की फटी चूत देख रहे हो
अनुज: यार तुम्हे मिस कर रहा था तो सोचा पोर्न देख लूं पता नही क्यों वो आंटी का पिछवाड़ा बिलकुल तुम्हारे जैसे लगा।
प्रेरणा: मिस्टर एनालिस्ट गलत चीज एनालाइज कर रहे हो चलो अब फोन रखो तुम्हे तो आकर देखती हु
अनुज: देखोगी या दिखाओगी?
प्रेरणा: सबकुछ करूंगी सिर्फ तुम्हारे लिए
अनुज: लव यू
प्रेरणा: लव यू टू बाय
फोन रखते ही प्रेरणा ने फिर से वीडियो देखी उसे भी लगा यह आंटी तो सच में मेरे जैसे लग रही है बस इसकी गांड़ ज्यादा चौड़ी हो रखी है। अनुज ने प्रेरणा के दिमाग में नया कीड़ा छोड़ दिया और अपना काम करने लगा। संगीता भी फ्रेश होकर कपड़े पहन कर किचन में काम करने लगी.....
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#17
Nice... waiting for next update
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#18
Add Some Random Old Man Character in Next and Upcoming Update
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#19
Valantine day saaas daaamaaad ka
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#20
Good update
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