09-12-2023, 05:50 PM
सगी बहन मेरे साथ नंगी बिस्तर में
घर में मम्मी पापा, मैं और मेरी बहन रितिका रहते हैं. मेरा बिजनेस मध्यप्रदेश इंदौर में है और हम सभी यहीं पर रहते हैं. दादा दादी और बाकी का परिवार गांव में रहता है.
आज की यह कहानी मेरी और मेरी बहन रितिका की है.
यह सेक्स कहानी दरअसल मेरी एक वर्ष पुरानी सच्चाई है, जिसे आज मैं आपके सामने लिख रहा हूँ. यह मेरी पहली सेक्स कहानी है और इसमें एक प्रतिशत भी गलत नहीं है.
मेरी बहन सोनाली बेंद्रे की एकदम ट्रू-कॉपी है. हॉट सिस की उम्र उस समय 19 वर्ष की थी और वो बहुत हॉट थी. आज तो वो और भी मस्त हो गई है.
उसकी फिगर का साइज 32-28-34 का है.
आप पहली नजर में ही उसे देख कर समझ सकते हैं कि उसकी कमर पतली है, गांड थोड़ी उठी हुई है और चूचे भी काफी आकर्षित करने वाले हैं.
मैं अपने बारे में बताऊं, तो मेरी उम्र 26 की है. मुझे जिम जाना पसंद है और कसरत करने से मेरी बॉडी एकदम फिट है.
लड़कियों की जानकारी के लिए लिखना चाहता हूँ कि मेरे लंड का लम्बाई साढ़े सात इंच है और ये ढाई इंच मोटा है.
मेरा लंड चुदाई के टाइम बहुत सख्त हो जाता है और उसकी नसें उभर कर साफ़ नजर आती हैं.
उन लड़कियों को, जिन्होंने सेक्स किया है, पता है कि ऐसे लंड चूत में घुसकर कितना मज़ा देते हैं.
मेरा लंड किसी भी लड़की या औरत को पूर्ण रूप से सन्तुष्ट कर सकता है.
यह बात आज से 3 वर्ष पहले की है.
मेरे बिजनेस में 4 वर्कर थे, उसमें से 3 लोगों ने अचानक से झगड़ा कर लिया और मेरा ऑफिस छोड़ दिया.
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ये अप्रैल का समय था, उस समय काम भी बहुत होता है. एक अकेले बचे कर्मचारी से मेरा काम नहीं हो सकता था इसलिए मैंने घर पर मम्मी पापा को ये बात बताई.
पापा ने कहा- रितिका की 12वीं की परीक्षा भी खत्म हो गयी है और यह भी घर पर अकेली ही रहती है. तू इसको बता दे कि क्या काम करना है. ये तेरी मदद कर देगी और कोई प्रॉब्लम भी नहीं रहेगी. इसे रोज अपने साथ ले जाना और ले आना.
वैसे रितिका मेरी बहन से ज्यादा मेरी फ्रेंड है क्योंकि आज तक हम दोनों ने अपनी कोई भी बात एक दूसरे से नहीं छुपाई थी. यहां तक कि मेरी गर्लफ्रेंड भी उसी ने बनवाई थी.
उसके बारे में आपको बाद में बताऊंगा.
उसके बाद रितिका वहीं खड़ी सब सुन रही थी तो उसने भी हां कर दी और अगले दिन से मैं उसको अपने साथ ले जाने लगा.
शुरुआत में दस से पंद्रह दिन तो उसको काम समझने में ही लग गए.
उसके बाद वो हमेशा मेरे पास ही रहती, मेरे सारे कॉल में अटेंड कर लेती.
अब सब कुछ ठीक चलने लगा था.
वैसे मैंने कहानियों में पढ़ा था कि भाई बहन के बीच में भी चुदाई होती है पर तब तक मेरे मन में ऐसा कोई ख्याल नहीं आया था.
एक दिन दिल्ली से एक सर आए, उनकी कम्पनी से मैंने अपनी ब्रांच जोड़ी हुई थी.
ऑफिस के आते ही उन्होंने मुझे बधाई दी और कहा कि हमें बताया भी नहीं और शादी कर ली.
इसके पहले मैं कुछ बोलता, उन्होंने आगे बोलना जारी रखा और कहा कि तुम्हें बहुत अच्छी वाइफ मिली.
मेरी उनसे केबिन में ही मुलाकात हुई थी और वो ये सब वहीं बोल रहे थे.
मेरे पीछे खड़ी रितिका ये सब सुन रही थी.
जब मैंने उसकी तरफ देखा, तो वो मुस्कुरा रही थी.
फिर मैंने सर को बताया कि रितिका मेरी छोटी बहन है.
उस पर सर ने सॉरी कहा.
इसके बाद हमारी मीटिंग हुई.
फिर शाम 5 बजे की फ्लाईट से सर चले गए.
मैं और रितिका अपनी कार से उन्हें एयरपोर्ट तक छोड़ने गए.
जब हम वापस आने लगे, तब रितिका मेरे पास ही आगे की सीट पर बैठी थी और मुस्कुरा रही थी.
मैंने पूछा- क्या हुआ?
वो बोली- ये सर कितने बुद्धू थे, हम दोनों को पति पत्नी समझ रहे थे.
मैंने उसे छेड़ते हुई कहा- तू दिखती भी तो ऐसी ही है, मेरी बीवी भी तेरे जैसी ही होगी.
हम दोनों हंसने लगे और ऑफिस आ गए.
आज काम बहुत ज्यादा था.
चूंकि मेरे ऑफिस में फिलहाल एक ही वर्कर था और आज वो भी नहीं आया था.
हम दोनों ने काम निपटाने का तय किया.
मैंने घर पर कॉल करके बोल दिया कि आज हम दोनों आने में लेट हो जाएंगे. काम नहीं निपटा … और ज्यादा देरी हुई, तो हम दोनों ऑफिस में ही रुकेंगे.
मेरे ऑफिस में एक बड़ा सा रूम भी है, जहां पर बेड टीवी, सोफे सब लगे हुए हैं.
सारा काम खत्म करते करते हमें रात के ग्यारह बज गए.
रितिका को भूख भी लग रही थी तो पास के ही होटल से खाना मंगवा लिया.
मैंने उससे कहा- घर चलें?
वो डांटने लगी- अब क्या करेंगे घर जाकर. मैं काफी थक गई हूं, यहीं सो जाते हैं.
हम दोनों ने फ्रेश होकर खाना खाया और सोने लगे.
सामने टीवी ऑन था.
अब मेरे सामने दिक्कत यह थी कि रूम में AC लगा था, पर कम्बल एक ही था.
मैंने उससे कहा कि यह तू रख ले, मैं नीचे सो जाता हूं.
वो बोली- भैया, आप कैसी बातें कर रहे हैं. मुझसे भी ज्यादा तो आप थक गए हैं. आप बेड पर सो जाओ. ये बेड काफी बड़ा है, हम दोनों आराम से सो सकते हैं. जब ठंड लगेगी, तो एक कम्बल में भी सो सकते हैं. वैसे भी आज सर ने कह ही दिया कि हम दोनों पति पत्नी हैं और बधाई भी मिल गयी. अब आपको क्या प्रॉब्लम है?
मैंने हंस कर कहा- पागल है पूरी … चल सो जाते हैं.
मैं लेट गया.
टीवी पर गाने चल रहा था- आशिक़ बनाया आपने …
मुझे तो नींद लग गयी, पर रितिका नहीं सोई थी.
थोड़ी देर बाद मुझे लगा कि रितिका मेरे बहुत करीब सोई है.
थकान की वजह से मैं नींद में था.
जब रात को 4 बजे करीब ठंड लगी तो मैं कम्बल में घुस गया.
पर ये क्या … मेरे होश उड़ गए.
रितिका ने अपनी लैगी निकाल दी थी और वो नीचे सिर्फ पैंटी में थी.
मेरे ना चाहते हुए भी जाने क्यों, अचानक मेरा हाथ उसकी पैंटी पर चला गया.
तभी उसने करवट ली, तो मैं डर गया कि कुछ समस्या ना हो जाए. मैं पलट कर सो गया.
पर जब पास में जवान चूत हो, तो लंड रिश्ते नहीं देखता है.
मैं वापस पलट कर नींद में होने का नाटक करने लगा.
मन नहीं माना तो मैंने अपना एक हाथ बहन की कुर्ती के ऊपर से ही उसके मम्मों पर रख दिया.
उसकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई तो मैंने धीरे से हाथ नीचे किया और पैंटी में डालने लगा.
उसकी चूत भभक रही थी और कुछ नम भी हो चली थी.
मेरी एक उंगली चूत की फांकों में चलने लगी.
कुछ ही देर में रितिका सिसकारियां ले रही थी.
मैं समझ गया कि पट्ठी जाग रही है और मजे ले रही है.
मैंने भी अपना काम जारी रखा.
कुछ पल बाद उसने हाथ पकड़ कर अपनी चूत पर दबाव बनाया तो मैंने अपनी दो उंगलियों को उसकी चूत में डाल दिया.
मेरी उंगलियां सट से अन्दर चली गईं.
मैं चौंक गया कि रितिका की सील तो पहले से ही टूटी हुई थी.
वो पूरी मस्ती में आनन्द ले रही थी.
मैंने उसके कान में कहा- आंख खोल ले, मुझे पता है कि तू जाग रही है.
वो आंख खोलते ही मुझ पर टूट पड़ी, मेरी शर्ट के बटन खोलते हुए ही उसने नीचे पैंट भी खोल दी.
मेरी पैंट निकालने में उसके हाथ चले, तो मैंने उसकी मदद की.
मैं पूरा नंगा हो गया था.
अब मैं भी उसके ऊपर चढ़ गया और उसकी कुर्ती निकाल दी.
वो सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी और बहुत सेक्सी लग रही थी.
दोस्तो, आप जानते होंगे कि इतनी हॉट सोनाली बेंद्रे जैसी लड़की अगर आपके बेड पर नंगी हो, तो क्या होगा.
मैं उसके नीचे आ गया और उसकी पैंटी नीचे कर दी.
उसकी एकदम गुलाबी चूत सामने आ गई.
मेरी बहन की चूत पर एक भी बाल नहीं था.
मैं तो चिकनी चूत देख कर खुश हो गया और जीभ लगा दी.
वो सिहर उठी और उसने अपनी टांगें खोल दीं.
मैं बहन की चूत चाटते चाटते अन्दर तक जीभ डालने लगा.
उसको भी बहुत मज़ा आ रहा था.
वो मेरा सिर अन्दर दबाने लगी और कुछ ही पलों में उसने जोर से आह करते हुए चूत से पानी छोड़ दिया.
वो झड़ कर ढीली हो गयी.
कुछ देर तक मैंने हॉट सिस की चूत चाट कर साफ की फिर मैं उसके ऊपर आ गया, उसकी ब्रा उसके मम्मों से अलग कर दी.
उसने मेरे मुँह में एक दूध ठेल दिया.
मैं चूसने लगा.
काफी देर मैं उसके दोनों मम्मों को चूसता रहा. उसके रसीले होंठों को भी चूसा.
फिर मैंने उसको अपने ऊपर ले लिया.
मगर वो पहले मेरे लंड को चूसना चाहती थी. उसने बैठ कर मेरे लंड को मुँह में ले लिया और बड़ी मस्ती से लंड चूसने लगी.
वो इस तरह से लंड चूस रही थी जैसे कोई पोर्न स्टार हो.
इस दौरान हम दोनों सिर्फ सेक्स का आनन्द ले रहे थे, कुछ बोल नहीं रहे थे.
दस मिनट तक उसने ऐसे लंड चूसा कि मैं जन्नत में पहुंच गया था.
फिर मेरा पानी निकल गया, उसने पूरा रस गटक लिया और ऊपर चढ़ गयी.
वो मेरे कान में कहने लगी- वो सर सही बोल रहे थे, आज मैं आपकी बीवी हूँ … सुहागरात मना लो और चोद दो अपनी बहन को.
यह सुनते ही मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
मैं उसके ऊपर आ गया और एक तकिया उसकी गांड के नीचे लगा दिया.
मैंने उसकी चूत पर लंड सैट करके जोर से झटका दिया.
एक झटके में लंड चूत को चीरता हुआ आधा अन्दर चला गया.
उसकी जोर से चीख निकल गई, पर आस पास में सभी ऑफिस थे, तो हमें कोई डर नहीं था.
मैंने फिर से एक झटका दिया और उसकी आंख से आंसू निकल गए.
वो बोली- भैया, बहुत दर्द हो रहा है … रुक जाओ या निकाल लो.
मैंने कहा कि इतना मस्त लंड चूसती है साली … पहले से चूत चुदवा रखी है और नाटक कर रही है.
वो बोली- भैया, सिर्फ एक बार ही अपने बीएफ के साथ सेक्स किया था, उसको भी कुछ नहीं आता था. सब मैंने ही किया था. ये चूसना तो मैं आपसे ही सीखी हूँ.
मैंने पूछा- मैंने कब सिखाया?
वो बोली कि आपके लैपटॉप पर मैंने बहुत बार भाई बहन की कहानी पढ़ी हैं. मैं तब से ही आपसे चुदना चाहती थी, पर आज आपने मेरी चूत चूस कर मेरा सपना पूरा कर दिया. आज जब से सर ने कहा कि मैं आपकी पत्नी हूँ, तब से ही मैं आपका लंड लेना चाहती थी.
इतनी देर में उसका दर्द कम हो गया और मैंने फिर से एक जोरदार झटका दे दिया.
इस बार मेरा पूरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ उसकी बच्चेदानी तक पहुंच गया.
एक मिनट के लिए तो उसकी आंखें बंद हो गयी थीं. मुझे लगा कि शायद बेहोश हो गयी है.
फिर उसने आंखें खोलीं और कहने लगी- भैया, आपका बहुत बड़ा है … मुझे बेहद दर्द हो रहा है … प्लीज बाहर निकाल लो … बहुत दर्द हो रहा है … मैं मर जाऊंगी … प्लीज रहम करो अपनी छोटी बहन पर.
मैंने कुछ नहीं कहा और उसके होंठों को चूमता रहा.
पर मुझे उसके दर्द का पूरा ख्याल था. वो मेरी छोटी बहन जो थी.
फिर 5 मिनट बाद उसने कहा- हां अब दर्द कम हो गया है.
मैं धीरे धीरे लंड को अन्दर बाहर करने लगा.
अब उसको आनन्द आ रहा था,
वो कामुक सिसकारियां लेने लगी- अंम्म्म आह हहहह ओह … आह मेरे भैया आज से मैं आपकी हो गई हूँ … पूरी रात से इन्तजार कर रह थी इसलिए कपड़े भी निकाल कर सोई कि भैया कब चोदेगें … आह भैया आज तो आपने मस्त कर दिया, बस चोदते रहो भैया अपनी छोटी जान को ईईईई … यस … आआह कितना बड़ा लंड है भैया और इतना मोटा … मैंने सोचा भी नहीं था.
मैंने कहा- तुझे अब और क्या चाहिए?
“कुछ नहीं भैया, बस आपका लंड मेरी चूत में ही रहे दिन रात, आप जब कहोगे, तब आपके लिए मेरी चूत तैयार रहेगी.”
मुझे ये सब सुन कर जोश आ गया और मैंने स्पीड बढ़ा दी.
हम दोनों चुदाई में एक दूसरे में इस तरह से खोये थे कि एसी में भी पसीने पसीने हो गए थे.
फिर मैं नीचे आ गया और उसे ऊपर आने को कहा.
वो उठी तो घबरा गई और बोली- भैया इतना सारा खून?
मैंने कहा- पहले नहीं निकला था क्या?
वो बोली कि हां मगर थोड़ा सा ही निकला था.
मैं समझ गया कि सही मायने में आज मैंने ही अपनी बहन की सील तोड़ी है. यह अभी तक कुंवारी ही थी.
मैंने उसको समझाया कि आज तेरी चूत अच्छे से खिल गयी है अब कभी खून नहीं निकलेगा. बस मजा ही मजा आएगा.
वो खुश हो गयी और ऊपर आकर चूत पर अपना लंड सैट करके धीरे धीरे अन्दर तक लेने लगी.
मैंने भी नीचे से झटके देना शुरू कर दिए.
इस बीच पता ही नहीं चला कि वो कब नीचे हो गई और मैं ऊपर.
मैंने उसकी दोनों टांगें अपने कंधों पर रख लीं और चूत चोदने लगा.
उसे इस पोजीशन में दर्द हो रहा था और मुझे मज़ा आ रहा.
इस पोजीशन में दस मिनट तक चोदने के बाद मैं अपनी चरम सीमा पर पहुंच गया था.
मैंने कहा- कहां निकालूं?
उसने कहा कि भैया से अपनी पहली चुदाई का आनन्द लेना है, अन्दर ही डाल दो.
उसके बाद मेरा पानी निकल गया और उसके ऊपर ही सो गया.
जब घड़ी देखी तो साढ़े पांच बजे गए थे. हमें 2 घंटे से भी ज्यादा हो गए थे.
रितिका उठी और नंगी ही बाथरूम जाकर वापस आ गई.
उसे नंगी देख कर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
हम दोनों ने फिर से चुदाई शुरू कर दी.
इस तरह से 7 बजे तक मैं बहन की चुदाई की.
फिर काम करने लग गए.
सारे दिन हम दोनों को बड़ा ही प्यारा अहसास होता रहा.
शाम 4 बजे मेरा वर्कर किसी काम से बाहर गया.
उस वक्त ऑफिस हम दो ही थे, तो रूम में पहुंच कर मैंने उसे बुलाया.
वो आई तो मैंने लंड उसके मुँह में दे दिया.
वो लंड चूसने लगी.
मैं 5 मिनट में ही झड़ गया.
वो बोली- भैया अभी रहने दो. कोई आ गया तो गड़बड़ हो जाएगी. घर चल कर सब कुछ कर लेना.
आज की यह कहानी मेरी और मेरी बहन रितिका की है.
यह सेक्स कहानी दरअसल मेरी एक वर्ष पुरानी सच्चाई है, जिसे आज मैं आपके सामने लिख रहा हूँ. यह मेरी पहली सेक्स कहानी है और इसमें एक प्रतिशत भी गलत नहीं है.
मेरी बहन सोनाली बेंद्रे की एकदम ट्रू-कॉपी है. हॉट सिस की उम्र उस समय 19 वर्ष की थी और वो बहुत हॉट थी. आज तो वो और भी मस्त हो गई है.
उसकी फिगर का साइज 32-28-34 का है.
आप पहली नजर में ही उसे देख कर समझ सकते हैं कि उसकी कमर पतली है, गांड थोड़ी उठी हुई है और चूचे भी काफी आकर्षित करने वाले हैं.
मैं अपने बारे में बताऊं, तो मेरी उम्र 26 की है. मुझे जिम जाना पसंद है और कसरत करने से मेरी बॉडी एकदम फिट है.
लड़कियों की जानकारी के लिए लिखना चाहता हूँ कि मेरे लंड का लम्बाई साढ़े सात इंच है और ये ढाई इंच मोटा है.
मेरा लंड चुदाई के टाइम बहुत सख्त हो जाता है और उसकी नसें उभर कर साफ़ नजर आती हैं.
उन लड़कियों को, जिन्होंने सेक्स किया है, पता है कि ऐसे लंड चूत में घुसकर कितना मज़ा देते हैं.
मेरा लंड किसी भी लड़की या औरत को पूर्ण रूप से सन्तुष्ट कर सकता है.
यह बात आज से 3 वर्ष पहले की है.
मेरे बिजनेस में 4 वर्कर थे, उसमें से 3 लोगों ने अचानक से झगड़ा कर लिया और मेरा ऑफिस छोड़ दिया.
[url=https://mediax.dscgirls.live/p/home?affid=2&oid=4&source_id=AV&sub1=web&sub2=outstream&sub3=instory-outstream&sub4=43][/url]
ये अप्रैल का समय था, उस समय काम भी बहुत होता है. एक अकेले बचे कर्मचारी से मेरा काम नहीं हो सकता था इसलिए मैंने घर पर मम्मी पापा को ये बात बताई.
पापा ने कहा- रितिका की 12वीं की परीक्षा भी खत्म हो गयी है और यह भी घर पर अकेली ही रहती है. तू इसको बता दे कि क्या काम करना है. ये तेरी मदद कर देगी और कोई प्रॉब्लम भी नहीं रहेगी. इसे रोज अपने साथ ले जाना और ले आना.
वैसे रितिका मेरी बहन से ज्यादा मेरी फ्रेंड है क्योंकि आज तक हम दोनों ने अपनी कोई भी बात एक दूसरे से नहीं छुपाई थी. यहां तक कि मेरी गर्लफ्रेंड भी उसी ने बनवाई थी.
उसके बारे में आपको बाद में बताऊंगा.
उसके बाद रितिका वहीं खड़ी सब सुन रही थी तो उसने भी हां कर दी और अगले दिन से मैं उसको अपने साथ ले जाने लगा.
शुरुआत में दस से पंद्रह दिन तो उसको काम समझने में ही लग गए.
उसके बाद वो हमेशा मेरे पास ही रहती, मेरे सारे कॉल में अटेंड कर लेती.
अब सब कुछ ठीक चलने लगा था.
वैसे मैंने कहानियों में पढ़ा था कि भाई बहन के बीच में भी चुदाई होती है पर तब तक मेरे मन में ऐसा कोई ख्याल नहीं आया था.
एक दिन दिल्ली से एक सर आए, उनकी कम्पनी से मैंने अपनी ब्रांच जोड़ी हुई थी.
ऑफिस के आते ही उन्होंने मुझे बधाई दी और कहा कि हमें बताया भी नहीं और शादी कर ली.
इसके पहले मैं कुछ बोलता, उन्होंने आगे बोलना जारी रखा और कहा कि तुम्हें बहुत अच्छी वाइफ मिली.
मेरी उनसे केबिन में ही मुलाकात हुई थी और वो ये सब वहीं बोल रहे थे.
मेरे पीछे खड़ी रितिका ये सब सुन रही थी.
जब मैंने उसकी तरफ देखा, तो वो मुस्कुरा रही थी.
फिर मैंने सर को बताया कि रितिका मेरी छोटी बहन है.
उस पर सर ने सॉरी कहा.
इसके बाद हमारी मीटिंग हुई.
फिर शाम 5 बजे की फ्लाईट से सर चले गए.
मैं और रितिका अपनी कार से उन्हें एयरपोर्ट तक छोड़ने गए.
जब हम वापस आने लगे, तब रितिका मेरे पास ही आगे की सीट पर बैठी थी और मुस्कुरा रही थी.
मैंने पूछा- क्या हुआ?
वो बोली- ये सर कितने बुद्धू थे, हम दोनों को पति पत्नी समझ रहे थे.
मैंने उसे छेड़ते हुई कहा- तू दिखती भी तो ऐसी ही है, मेरी बीवी भी तेरे जैसी ही होगी.
हम दोनों हंसने लगे और ऑफिस आ गए.
आज काम बहुत ज्यादा था.
चूंकि मेरे ऑफिस में फिलहाल एक ही वर्कर था और आज वो भी नहीं आया था.
हम दोनों ने काम निपटाने का तय किया.
मैंने घर पर कॉल करके बोल दिया कि आज हम दोनों आने में लेट हो जाएंगे. काम नहीं निपटा … और ज्यादा देरी हुई, तो हम दोनों ऑफिस में ही रुकेंगे.
मेरे ऑफिस में एक बड़ा सा रूम भी है, जहां पर बेड टीवी, सोफे सब लगे हुए हैं.
सारा काम खत्म करते करते हमें रात के ग्यारह बज गए.
रितिका को भूख भी लग रही थी तो पास के ही होटल से खाना मंगवा लिया.
मैंने उससे कहा- घर चलें?
वो डांटने लगी- अब क्या करेंगे घर जाकर. मैं काफी थक गई हूं, यहीं सो जाते हैं.
हम दोनों ने फ्रेश होकर खाना खाया और सोने लगे.
सामने टीवी ऑन था.
अब मेरे सामने दिक्कत यह थी कि रूम में AC लगा था, पर कम्बल एक ही था.
मैंने उससे कहा कि यह तू रख ले, मैं नीचे सो जाता हूं.
वो बोली- भैया, आप कैसी बातें कर रहे हैं. मुझसे भी ज्यादा तो आप थक गए हैं. आप बेड पर सो जाओ. ये बेड काफी बड़ा है, हम दोनों आराम से सो सकते हैं. जब ठंड लगेगी, तो एक कम्बल में भी सो सकते हैं. वैसे भी आज सर ने कह ही दिया कि हम दोनों पति पत्नी हैं और बधाई भी मिल गयी. अब आपको क्या प्रॉब्लम है?
मैंने हंस कर कहा- पागल है पूरी … चल सो जाते हैं.
मैं लेट गया.
टीवी पर गाने चल रहा था- आशिक़ बनाया आपने …
मुझे तो नींद लग गयी, पर रितिका नहीं सोई थी.
थोड़ी देर बाद मुझे लगा कि रितिका मेरे बहुत करीब सोई है.
थकान की वजह से मैं नींद में था.
जब रात को 4 बजे करीब ठंड लगी तो मैं कम्बल में घुस गया.
पर ये क्या … मेरे होश उड़ गए.
रितिका ने अपनी लैगी निकाल दी थी और वो नीचे सिर्फ पैंटी में थी.
मेरे ना चाहते हुए भी जाने क्यों, अचानक मेरा हाथ उसकी पैंटी पर चला गया.
तभी उसने करवट ली, तो मैं डर गया कि कुछ समस्या ना हो जाए. मैं पलट कर सो गया.
पर जब पास में जवान चूत हो, तो लंड रिश्ते नहीं देखता है.
मैं वापस पलट कर नींद में होने का नाटक करने लगा.
मन नहीं माना तो मैंने अपना एक हाथ बहन की कुर्ती के ऊपर से ही उसके मम्मों पर रख दिया.
उसकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई तो मैंने धीरे से हाथ नीचे किया और पैंटी में डालने लगा.
उसकी चूत भभक रही थी और कुछ नम भी हो चली थी.
मेरी एक उंगली चूत की फांकों में चलने लगी.
कुछ ही देर में रितिका सिसकारियां ले रही थी.
मैं समझ गया कि पट्ठी जाग रही है और मजे ले रही है.
मैंने भी अपना काम जारी रखा.
कुछ पल बाद उसने हाथ पकड़ कर अपनी चूत पर दबाव बनाया तो मैंने अपनी दो उंगलियों को उसकी चूत में डाल दिया.
मेरी उंगलियां सट से अन्दर चली गईं.
मैं चौंक गया कि रितिका की सील तो पहले से ही टूटी हुई थी.
वो पूरी मस्ती में आनन्द ले रही थी.
मैंने उसके कान में कहा- आंख खोल ले, मुझे पता है कि तू जाग रही है.
वो आंख खोलते ही मुझ पर टूट पड़ी, मेरी शर्ट के बटन खोलते हुए ही उसने नीचे पैंट भी खोल दी.
मेरी पैंट निकालने में उसके हाथ चले, तो मैंने उसकी मदद की.
मैं पूरा नंगा हो गया था.
अब मैं भी उसके ऊपर चढ़ गया और उसकी कुर्ती निकाल दी.
वो सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी और बहुत सेक्सी लग रही थी.
दोस्तो, आप जानते होंगे कि इतनी हॉट सोनाली बेंद्रे जैसी लड़की अगर आपके बेड पर नंगी हो, तो क्या होगा.
मैं उसके नीचे आ गया और उसकी पैंटी नीचे कर दी.
उसकी एकदम गुलाबी चूत सामने आ गई.
मेरी बहन की चूत पर एक भी बाल नहीं था.
मैं तो चिकनी चूत देख कर खुश हो गया और जीभ लगा दी.
वो सिहर उठी और उसने अपनी टांगें खोल दीं.
मैं बहन की चूत चाटते चाटते अन्दर तक जीभ डालने लगा.
उसको भी बहुत मज़ा आ रहा था.
वो मेरा सिर अन्दर दबाने लगी और कुछ ही पलों में उसने जोर से आह करते हुए चूत से पानी छोड़ दिया.
वो झड़ कर ढीली हो गयी.
कुछ देर तक मैंने हॉट सिस की चूत चाट कर साफ की फिर मैं उसके ऊपर आ गया, उसकी ब्रा उसके मम्मों से अलग कर दी.
उसने मेरे मुँह में एक दूध ठेल दिया.
मैं चूसने लगा.
काफी देर मैं उसके दोनों मम्मों को चूसता रहा. उसके रसीले होंठों को भी चूसा.
फिर मैंने उसको अपने ऊपर ले लिया.
मगर वो पहले मेरे लंड को चूसना चाहती थी. उसने बैठ कर मेरे लंड को मुँह में ले लिया और बड़ी मस्ती से लंड चूसने लगी.
वो इस तरह से लंड चूस रही थी जैसे कोई पोर्न स्टार हो.
इस दौरान हम दोनों सिर्फ सेक्स का आनन्द ले रहे थे, कुछ बोल नहीं रहे थे.
दस मिनट तक उसने ऐसे लंड चूसा कि मैं जन्नत में पहुंच गया था.
फिर मेरा पानी निकल गया, उसने पूरा रस गटक लिया और ऊपर चढ़ गयी.
वो मेरे कान में कहने लगी- वो सर सही बोल रहे थे, आज मैं आपकी बीवी हूँ … सुहागरात मना लो और चोद दो अपनी बहन को.
यह सुनते ही मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
मैं उसके ऊपर आ गया और एक तकिया उसकी गांड के नीचे लगा दिया.
मैंने उसकी चूत पर लंड सैट करके जोर से झटका दिया.
एक झटके में लंड चूत को चीरता हुआ आधा अन्दर चला गया.
उसकी जोर से चीख निकल गई, पर आस पास में सभी ऑफिस थे, तो हमें कोई डर नहीं था.
मैंने फिर से एक झटका दिया और उसकी आंख से आंसू निकल गए.
वो बोली- भैया, बहुत दर्द हो रहा है … रुक जाओ या निकाल लो.
मैंने कहा कि इतना मस्त लंड चूसती है साली … पहले से चूत चुदवा रखी है और नाटक कर रही है.
वो बोली- भैया, सिर्फ एक बार ही अपने बीएफ के साथ सेक्स किया था, उसको भी कुछ नहीं आता था. सब मैंने ही किया था. ये चूसना तो मैं आपसे ही सीखी हूँ.
मैंने पूछा- मैंने कब सिखाया?
वो बोली कि आपके लैपटॉप पर मैंने बहुत बार भाई बहन की कहानी पढ़ी हैं. मैं तब से ही आपसे चुदना चाहती थी, पर आज आपने मेरी चूत चूस कर मेरा सपना पूरा कर दिया. आज जब से सर ने कहा कि मैं आपकी पत्नी हूँ, तब से ही मैं आपका लंड लेना चाहती थी.
इतनी देर में उसका दर्द कम हो गया और मैंने फिर से एक जोरदार झटका दे दिया.
इस बार मेरा पूरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ उसकी बच्चेदानी तक पहुंच गया.
एक मिनट के लिए तो उसकी आंखें बंद हो गयी थीं. मुझे लगा कि शायद बेहोश हो गयी है.
फिर उसने आंखें खोलीं और कहने लगी- भैया, आपका बहुत बड़ा है … मुझे बेहद दर्द हो रहा है … प्लीज बाहर निकाल लो … बहुत दर्द हो रहा है … मैं मर जाऊंगी … प्लीज रहम करो अपनी छोटी बहन पर.
मैंने कुछ नहीं कहा और उसके होंठों को चूमता रहा.
पर मुझे उसके दर्द का पूरा ख्याल था. वो मेरी छोटी बहन जो थी.
फिर 5 मिनट बाद उसने कहा- हां अब दर्द कम हो गया है.
मैं धीरे धीरे लंड को अन्दर बाहर करने लगा.
अब उसको आनन्द आ रहा था,
वो कामुक सिसकारियां लेने लगी- अंम्म्म आह हहहह ओह … आह मेरे भैया आज से मैं आपकी हो गई हूँ … पूरी रात से इन्तजार कर रह थी इसलिए कपड़े भी निकाल कर सोई कि भैया कब चोदेगें … आह भैया आज तो आपने मस्त कर दिया, बस चोदते रहो भैया अपनी छोटी जान को ईईईई … यस … आआह कितना बड़ा लंड है भैया और इतना मोटा … मैंने सोचा भी नहीं था.
मैंने कहा- तुझे अब और क्या चाहिए?
“कुछ नहीं भैया, बस आपका लंड मेरी चूत में ही रहे दिन रात, आप जब कहोगे, तब आपके लिए मेरी चूत तैयार रहेगी.”
मुझे ये सब सुन कर जोश आ गया और मैंने स्पीड बढ़ा दी.
हम दोनों चुदाई में एक दूसरे में इस तरह से खोये थे कि एसी में भी पसीने पसीने हो गए थे.
फिर मैं नीचे आ गया और उसे ऊपर आने को कहा.
वो उठी तो घबरा गई और बोली- भैया इतना सारा खून?
मैंने कहा- पहले नहीं निकला था क्या?
वो बोली कि हां मगर थोड़ा सा ही निकला था.
मैं समझ गया कि सही मायने में आज मैंने ही अपनी बहन की सील तोड़ी है. यह अभी तक कुंवारी ही थी.
मैंने उसको समझाया कि आज तेरी चूत अच्छे से खिल गयी है अब कभी खून नहीं निकलेगा. बस मजा ही मजा आएगा.
वो खुश हो गयी और ऊपर आकर चूत पर अपना लंड सैट करके धीरे धीरे अन्दर तक लेने लगी.
मैंने भी नीचे से झटके देना शुरू कर दिए.
इस बीच पता ही नहीं चला कि वो कब नीचे हो गई और मैं ऊपर.
मैंने उसकी दोनों टांगें अपने कंधों पर रख लीं और चूत चोदने लगा.
उसे इस पोजीशन में दर्द हो रहा था और मुझे मज़ा आ रहा.
इस पोजीशन में दस मिनट तक चोदने के बाद मैं अपनी चरम सीमा पर पहुंच गया था.
मैंने कहा- कहां निकालूं?
उसने कहा कि भैया से अपनी पहली चुदाई का आनन्द लेना है, अन्दर ही डाल दो.
उसके बाद मेरा पानी निकल गया और उसके ऊपर ही सो गया.
जब घड़ी देखी तो साढ़े पांच बजे गए थे. हमें 2 घंटे से भी ज्यादा हो गए थे.
रितिका उठी और नंगी ही बाथरूम जाकर वापस आ गई.
उसे नंगी देख कर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
हम दोनों ने फिर से चुदाई शुरू कर दी.
इस तरह से 7 बजे तक मैं बहन की चुदाई की.
फिर काम करने लग गए.
सारे दिन हम दोनों को बड़ा ही प्यारा अहसास होता रहा.
शाम 4 बजे मेरा वर्कर किसी काम से बाहर गया.
उस वक्त ऑफिस हम दो ही थे, तो रूम में पहुंच कर मैंने उसे बुलाया.
वो आई तो मैंने लंड उसके मुँह में दे दिया.
वो लंड चूसने लगी.
मैं 5 मिनट में ही झड़ गया.
वो बोली- भैया अभी रहने दो. कोई आ गया तो गड़बड़ हो जाएगी. घर चल कर सब कुछ कर लेना.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.