Thread Rating:
  • 0 Vote(s) - 0 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Misc. Erotica मेरी 1.2 फुट की योनि”
#1
मेरी 1.2 फुट की योनि”










A18











“मेरी 1.2 फुट की योनि”



मैंने सही में कभी भी अपनी योनि के विषय में ज़्यादा सोच को बल नहीं दिया था, जबतक कि एक छोटे से स्थानीय समाचार पत्र ने मुझसे योनि के ‘सुंदरीकरण’ के बारे में लिखने को नहीं कहा। वे योनियों को कलात्मक रूप से मनभावन करने के लिए जाने जाते हैं। मेरी योनि हमेशा मेरे जिस्म का एक अहम हिस्सा रही है मगर मैंने हमेशा ही ज़्यादातर समय उसे ढाँपकर रखना पसंद किया है और कभी उसपर अधिक नहीं सोचा है। उसके सही इस्तेमाल के वक्त भी ज़्यादा सोचा नहीं है।







योनि की खोज की प्रक्रिया मेरे दिमाग में ताज़ा थी, लिहाज़ा महिला दिवस के प्रसंगों के लिए वह एक स्वाभाविक पसंद भी थी। मैंने अपने बगीचे में फिज़ूल पड़ी एक प्लास्टिक की पाइप का टुकड़ा उठाया और काम पर लग गई।



योनि और वासना पर मेरे अपने कुछ विचार होने के साथ-साथ इस संदर्भ में परख भी थी। पहला, व्यावहारिक कारणों के लिए एक औरत सही मायनों में अपनी योनि की खूबसूरती को निहारने में ज़्यादा समय व्यतीत नहीं कर सकती। हमारे शरीर की संरचना ऐसा करने के लिए नहीं की गई है। इसलिए, अगर किसी महिला ने अपनी योनि को सुन्दर बनाने के लिए सर्जरी कराई है, तब उसकी खूबसूरती का दीदार सिवाए उसके वासना सहभागी के अलावा और कौन हो सकता है?



मुझे यह यकीन करने में मुश्किल हो रही है कि एक ‘कसी हुई योनि’ या एक ‘लंबा लिंग’ क्या सही में वासना के आनंद को बढ़ा देते हैं? या शायद वो ऐसा करते भी हों।



इस दुनिया में ऐसे भी मर्द हैं जो नवजात बच्चियों की योनियों की तस्वीरों को देखकर उत्तेजित हो उठते हैं और ऐसी औरतें भी हैं जिन्हें शल्य चिकित्सा कराने से कोई आपत्ति नहीं होती। लगता है मर्द अपने संभोगी-मित्र को ऐसी चिकित्सा विधियों से गुज़रते देखना चाहते हैं, जिसमें बेहोशी और चीर-फाड़ शामिल होता है।



योनियों के विषय में सोचते हुए मैं एक धुंधले अफसोस से सचेत हो गई कि मैं भी अपने उमंग भरे दिनों में अपनी योनि के प्रति विशेष जागरूक नहीं थी। मुझे एहसास हुआ कि यह बात मुझे हर उस युवा स्त्री को बतानी चाहिए जिसे मैं जानती थी।



“ए! क्या तुम जानती हो, हमारे शरीर में एक ऐसा हिस्सा है जिसे हम देख नहीं पातीं मगर वो सच में बहुत अहम है, ठीक? उसकी देखभाल किया करो, उससे प्यार करो और उसकी इज्ज़त करो। किसी के साथ भी ऐसे रिश्ते को उपजने मत देना जो उसे एक अपशब्द की तरह इस्तेमाल करता हो। अगर तुम कभी खुशमिजाज़ी से इसे दूसरों के संग बांटना चाहो, तब उनसे होशियार रहना जो तुम्हारा शोषण करते हों, जो बिना तुम्हारी खुशी और जज़्बाती ज़रूरतों के इसको महज़ अपने उन्माद के लिए भोगते हों।”



इतनी परख और धारणा के बावजूद जब योनि के कलात्मक चित्रण की बात आई, तब मैं दुविधा में पड़ गई। क्या बिना लोगों की घृणित और अश्लील नज़रों के स्त्री के गुप्तांग को प्रस्तुत करना मुमकिन नहीं था? बिना शर्मसार हुए? पारम्परिक भारतीय कला हमेशा योनि को जड़े पत्थरों या रेखा गणित द्वारा उतारती है लेकिन मैं इससे नहीं जुड़ पाई। मेरा रूझान इस जादुई धार्मिकता के आमंत्रण या उपजाऊपन की विनती की ओर नहीं था। मैं कुछ ऐसा निर्मित्त करना चाहती थी, जो एक अनुत्तेजित तरीके से औरत की तरंगों का बखान कर सके। मैंने इस बारे में अपनी दोस्त राम्या से बात की और उसने मुझे अमेरिकन कलाकार ‘जिऑर्जिया- ओ-कीफ’ की चित्रकला की ओर जाने का निर्देश दिया।



ओ-कीफ़ की ज़्यादातर कृतियां काल्पनिक होती हैं और उसके प्रसंगों में से एक है फूलों के नज़दीकी नज़ारों की ऐसी कलाकृति जो बरबस आपको अपनी ओर खींच लाती हैं। जब समीक्षकों ने उनको महिलाओं के जननांगों का प्रतीक वर्णित किया, तब ओ-कीफ इस नियत से लगातार इंकार करती रहीं। मेरे मकसद के लिए ‘फूल’ बिल्कुल सही थे। पौधों के प्रजननीय अंग साधारणतयः रंगीन, जीवंत, खुशबूदार और आकर्षक होते हैं।



इस महंतशाही की ताकत को नज़रअंदाज़ करते हुए मैंने उस पाइप के चारों ओर औरत के चेहरे रंगने शुरू कर दिए। हरेक चेहरे पर एक फूल भी देना शुरू किया जहां पर उसके गुप्तांग होने चाहिए थे।



शुरुआत करते हुए मैं लज्जाशील महसूस कर रही थी क्योंकि मैंने ऐसा कुछ पहले कभी नहीं किया था। मेरे ज़्यादातर कामों के चित्रण में मुझे किसी खास हुनर की ज़रुरत नहीं पड़ी थी और पूरी ईमानदारी से ऐसा कुछ मेरे पास था भी नहीं। इससे पहले जब मैंने बायोलजी के क्लास के दौरान कुछ चित्रित करने की कोशिश की, तब टीचर ने मेरे बनाए हुए मेंढक के चित्र को उठाकर सबको दिखा दिया। उन्होंने ऐसा इसलिए किया ताकि सभी ठहाके लगाकर हंसने लग जाएं।



परंपरागत भारतीय लोक शैली का थी। वे रंगीन और झंकार भरे थे और उनमें किसी स्वरूप, शारीरिक रचना और शिल्पकला की आवश्यकता नहीं थी। उनका केंद्र हमारी रोज़मर्रा की ज़िन्दगी की विषमताओं को प्रदर्शित करना था, जिनकी ओर हमारा ध्यान ही नहीं जाता।



तभी मुझे एहसास हुआ कि योनि को अर्पित मेरे श्रद्धा सुमन कुछ वैसा ही कर रहे हैं। एक ऐसे हिस्से को प्रदर्शित करने की कोशिश की जा रही है, जो ज़रूरी होते हुए भी भय और गलतफहमी की वजह से छिपा हुआ था। सम्मुख होने पर उसमें ज़ुर्म और दहशत के एहसास को बढ़ाने की ताकत थी। मुझे अफसोस हुआ अपनी योनि को अनदेखा करने और उसे वो तरजीह ना देने का, जिसकी वो हकदार थी।



मैं चित्रकारी करती गई और उनमें से एक चित्रित स्त्री के अंदर पता नहीं कैसे एक भ्रूण पनपने लगा। दूसरी के सफेद बाल थे। वहां फूलों की कई किस्में थीं और अगल-अलग प्रकार की योनियों के साथ महिलाएं भी थीं।



जब मैंने मासिक धर्म के लहू को दर्शाने के लिए गहरे कत्थई रंग से पृष्ठभूमि को रंगा, तब सहसा मेरे मन में ख्याल आया, “हे भगवान ये पाइप तो 20 इंच लम्बा है। मुझे इसे ‘मेरा तुमसे ज़्यादा बड़ा है’ कहकर पुकारना चाहिए।”



















तब मेरी योनि ने खुद से मुझे एक बेहतर राह दिखाई और मेरे ज़हन में ख्याल आया कि यह कोई प्रतियोगिता नहीं है। मैं सोचने लगी कि हर कोई कटाक्ष की तारीफ नहीं करता और हंसी-खुशी के लिए किए गए कटाक्ष ही इकलौता रास्ता नहीं है। अगर तुम्हें एक समूची योनि को वर्णित करना है, तब इसे बाहर की ओर निकालना होगा। मैं खुद चाहती हूं कि यह कुछ बेहद खूबसूरत और बेशकीमती चीज़ की तरह प्रचारित हो जाए, जो निजी होते हुए भी ना तो शर्मनाक है और ना ही खामोश। यह बस आपकी स्वेच्छा और सहमती से साझा होती है।














--------------------------☆☆☆☆☆☆☆☆-------------------------------☆☆☆




मैंने बीस की बड़ी हुई उम्र में हस्तमैथुन करना सीखा था। उससे पहले पैरों को एक-दूसरे से रगड़ के या-,,,,,,,,,,,,,,,,,,,



q



















अधिकांश लोग गुदा सेक्स के बारे में उत्सुक हैं लेकिन हर महिला, समलैंगिक या विषमलैंगिक, अपनी गुदा म... 








जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.
#2
Thanks
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#3
nice Superb Lekhni
Like Reply
#4
Thanks
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#5
योनि और वल्वा (जननांग का बाहरी हिस्सा)महिलाओं के कुछ यौन अंग शरीर के अंदर होते हैं, जैसे कि गर्भ, अंडाशय और योनि, और कुछ बाहर होते हैं। बाहरी अंगों को वल्वा (vulva) के रूप में जाना जाता है। इसमें योनि का उद्घाटन, आंतरिक एवं बाहरी होंठ (लेबिया) (labia) और भगशिश्निका (clitoris) शामिल है, जो योनि के शीर्ष पर स्थित है।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#6
वजाइना (Vagina)  महिला प्रजनन प्रणाली में सबसे महत्वपूर्ण और बहुमुखी संरचनाओं में से एक है। जब लोग वजाइना के बारे में बात करते हैं, तो वे आमतौर पर वल्वा (vulva) यानी भग का जिक्र करते हैं, जो महिला जननांग (Female genital) का बाहरी हिस्सा है। वल्वा में शामिल हैं:

लेबिया (labia)वजाइना ओपनिंग (vaginal opening)भगशेफ यानी क्लाइटोरिस (clitoris)मूत्रमार्ग (urethra)
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#7
वजाइना एक पेशीय नलिका है जो नसों और श्लेष्म झिल्ली से मिलकर बनी होती है। यह गर्भाशय (uterus)  और गर्भाशय ग्रीवा (cervix) को शरीर के बाहर से जोड़ती है, जिससे मासिक धर्म का ब्लड बाहर आता है, संभोग किया जाता है और प्रसव के दौरान बच्चा बाहर आता है।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#8
महिलाओं को अपने शरीर के गुप्त अंगों और वजाइना के बारे में पूरी जानकारी नहीं होती है क्योंकि यह शरीर का ऐसा अंग है जिसके बारे में जानकारी को अक्सर टाल दिया जाता है। आइये जानतें हैं वजाइना की रचना और कार्य के बारे में।

वजाइना ओपनिंग

योनि का उद्घाटन यानी वजाइना ओपनिंग, जिसे वजाइना वेस्टिबुल या इंट्रोइटस भी कहा जाता है, योनि की शुरुआत है। यह मूत्रमार्ग और गुदा के बीच स्थित है। वजाइना ओपनिंग वह जगह है जहां से मासिक धर्म रक्त शरीर को छोड़ देता है। इसका उपयोग बच्चे को जन्म देने और संभोग के लिए भी किया जाता है।

वजाइना की दीवार

योनि की दीवार आपके मुंह में ऊतक के समान एक बलगम झिल्ली में ढकी हुई मांसपेशी से बनी होती है। दीवार में कई लोचदार फाइबर के साथ ऊतक की परतें होती हैं। वजाइना की दीवार की सतह में भी रुग्ण होता है, जो अतिरिक्त ऊतक के आघात होते हैं जो योनि को सेक्स या प्रसव के दौरान विस्तार करने की अनुमति देते हैं।

योनि की दीवार के ऊतक मासिक धर्म के दौरान हार्मोन से संबंधित परिवर्तनों से गुजरते हैं। ऊतक की बाहरी परत में कोशिकाएं ग्लाइकोजन का भंडारण करती हैं। ओव्यूलेशन के दौरान, यह परत बहाया जाता है। ग्लाइकोजन बैक्टीरिया से टूट गया है और संभावित हानिकारक बैक्टीरिया और कवक के खिलाफ योनि की रक्षा के लिए एक पीएच स्तर बनाए रखने में मदद करता है।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#9
हैमेन या हाइमन

हाइमन एक पतली झिल्ली होती है जो वजाइना को खोलती है। हालांकि हाइमन आकार और प्रकार में अलग-अलग हो सकती हैं, लेकिन अधिकांश आधे चंद्रमा के आकार की होती हैं। यह आकार मासिक धर्म के रक्त को योनि से बाहर निकलने की अनुमति देता है।

जब किसी लड़की का पहली बार संभोग होता है या योनि में कुछ डाला जाता है, तो हाइमन फट सकता है। यह तेज एक्सरसाइज के दौरान भी ब्रैक हो सकता है।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#10
।।।।।।।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#11
[img]हैमेन या हाइमन हाइमन एक पतली झिल्ली होती है जो वजाइना को खोलती है। हालांकि हाइमन आकार और प्रकार में अलग-अलग हो सकती हैं, लेकिन अधिकांश आधे चंद्रमा के आकार की होती हैं। यह आकार मासिक धर्म के रक्त को योनि से बाहर निकलने की अनुमति देता है। जब किसी लड़की का पहली बार संभोग होता है या योनि में कुछ डाला जाता है, तो हाइमन फट सकता है। यह तेज एक्सरसाइज के दौरान भी ब्रैक हो सकता है।[/img]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#12
वजाइना की साइज

वजाइना की साइज/योनि की गहराई/लम्बाई उम्र के अनुसार बदलती रहती है। जैसे-जैसे लड़कियों की उम्र बढ़ती जाती है उनकी योनि की गहराई भी बढ़ती जाती है। वयस्क अवस्था में लड़कियों की योनि की गहराई औसत 3.5 – 5.5 इंच तक होती है। दरअसल, स्‍त्री की योनि की औसत गहराई लगभग 6 इंच होती है। योनि की लम्बाई गर्भावस्था या प्रसव के दौरान बदलती रहती है।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#13
पुरुषों आपको वियाग्रा की आवश्यकता नहीं











।।।।।।।।।।।।।।पुरुषों आपको वियाग्रा की आवश्यकता नहीं
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#14
किसी जमाने में वेजाइनल हेल्थ (Vaginal health) या वेजाइनल हाइजीन (Vaginal hygiene) के बारे में लोग बात भी करना पसंद नहीं करते थे। मगर अब समय बदल रहा है। महिलाएं अपनी पर्सनल हाइजीन को लेकर जागरूक हो रही हैं। मगर अब भी काफी कुछ है, जिसके बारे में हमें सही जानकारी हासिल करने की ज़रूरत है। तो शुरूआत वेजाइना से ही करते हैं, कि आखिर ये है क्या (what is vagina) और इसमें कौन-कौन से हिस्से होते हैं। क्या जिसे हम वेजाइना कह रहे हैं, वह वाकई वेजाइना है या कुछ और? 
हमारी ‘योनि’ को ‘वेजाइना’ कहकर संदर्भित किया जाता है। लेकिन क्या आप जानती हैं कि यह शब्द सही नहीं है। जी हां… सही शब्द है वल्वा (Vulva)। मगर ये क्या होता है? और यदि यह वल्वा है तो वेजाइना किसे कहते हैं? हमें कोई अंदाज़ा नहीं है। हमें अपनी खुद की बॉडी के बारे में पता नहीं है।







वेजाइना भी आपके शरीर का हिस्‍सा है, इस पर सहजता से बात करें। चित्र: शटरस्‍टॉकलीज़ा मंगलदास अपने इस पोस्ट के कैप्शन में लिखती हैं कि –

आप में से बहुत लोगों ने वेजाइना (Vagina) और क्लिटोरिस (Clitoris) के बारे में हिंदी में समझाने के लिए कहा था। तो चलिये जानते हैं

औरतों को सिखाया जाता है कि सेक्स सिर्फ बच्चे पैदा करने और पति को खुश करने के लिए होता है। हमारे लिए सेक्स एजुकेशन सिर्फ ओवरी, पीरियड्स और प्रेगनेंसी तक ही सीमित है। और वो भी न हो अगर हमें रिप्रोडक्टिव सिस्टम चैप्टर न पढ़ाया जाए।





लेकिन वल्वा और क्लिटोरिस के बारे में, और भी कई बातें हैं, जो हमारी खुशी से जुड़ी होती हैं। जिनके बारे में कभी बात नहीं होती है। हम सब को अपनी बॉडीज और सेक्सुअलिटी के बारे में वैज्ञानिक और जजमेंट फ्री नॉलेज मिलने का हक है।






सेक्स एजुकेशन को सिर्फ गर्भावस्था, कंडोम और बीमारियों तक सीमित नहीं होना चाहिए, यौन सुख के बारे में बात करना भी महत्वपूर्ण है।




जानिए अपनी योनि के बारे में सब कुछवल्वा

वल्वा आपके सभी जननांगों को मिलाकर कहा जाता है – इसमें आपकी लेबिया, क्लिटोरिस, योनि वेजाइना, और मूत्रमार्ग का द्वार (वह छेद जिससे आप पेशाब करते हैं) सब शामिल होता है।

वेजाइनल

कि वेजाइना सिर्फ उस ओपनिंग को कहा जाता है, जहां से बच्चे का जन्म होता है, पीरियडस आते हैं और सेक्स किया जाता है। यह सिर्फ एक ट्यूब होती है।

जानिए क्या है 

यूरेथ्रा का काम पेशाब को शरीर से बाहर निकालना है। इसका छेद बहुत ही छोटा होता है और वेजाइना के ठीक ऊपर होता है।

लेबिया

लेबिया आपकी योनि की ओपनिंग के आसपास की त्वचा की सिलवटें हैं। लेबिया मेजोरा यानी बाहरी परत और लेबिया मिनोरा यानी अंदरूनी परत। जो आपके भगशेफ यानी क्लिटोरिस से शुरू होते हैं और आपकी योनि के उद्घाटन के नीचे समाप्त होते हैं।

क्लिटोरिस

भगशेफ यानी क्लिटोरिस का काम आपको उत्तेजित करना है और आपको सेक्स के दौरान ऑर्गेज्म तक पहुंचने में मदद करना है। इसका एक छोटा गोल हिस्सा बाहर ऊपर की तरफ होता है और बाकी हिस्सा अंदरूनी होता है।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#15
क्या हुआ
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#16
सेक्स के दौरान- 

सेक्स के लिए तैयार होने में 30 मिनट तक का समय लग सकता है, ऐसी स्थिति में आपका वैजाइना इंटरकोर्स के लिए ओपन होता है और सिकुड़ता भी है। साथ ही पेनिट्रेशन को आसान बनने के लिए वह नैचुरल लुब्रिकेटर भी बनाता है। सेक्स के दौरान महिला के वैजाइनल एरिया में खून का बहाव तेज़ होता है और इस तरह वैजाइना की त्वचा टाइट हो जाती हैं। यह स्पर्म डिपाजिट करने और प्रजनन की प्राकृतिक प्रक्रिया है।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#17
सेक्स के बाद- 

सेक्स के बाद, आपका पूरा शरीर और वैजाइना शिथिल पड़ जाते हैं, लेकिन थोड़ी देर बाद वह अपने सामान्य आकार में आ जाता है।

इसीलिए कही-सुनी बातों की बजाय इस बात पर ध्यान दीजिए। महिलाओं का वैजाइना एक बहुत ही लचीला और फ्लेक्सिबल अंग है जो सेक्स के बाद अपने नैचुरल आकार में आ जाता है फिर चाहे कोई कितनी बार ही सेक्स करें या सेक्स-पार्टनर पुरुष की पीनिस का आकर चाहे जो भी हो, उससे कुछ फर्क नहीं पड़ता।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply
#18
(12-10-2023, 03:00 PM)neerathemall Wrote: योनि और वल्वा (जननांग का बाहरी हिस्सा)महिलाओं के कुछ यौन अंग शरीर के अंदर होते हैं, जैसे कि गर्भ, अंडाशय और योनि, और कुछ बाहर होते हैं। बाहरी अंगों को वल्वा (vulva) के रूप में जाना जाता है। इसमें योनि का उद्घाटन, आंतरिक एवं बाहरी होंठ (लेबिया) (labia) और भगशिश्निका (clitoris) शामिल है, जो योनि के शीर्ष पर स्थित है।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply




Users browsing this thread: 1 Guest(s)