02-04-2023, 01:55 PM
(This post was last modified: 02-04-2023, 01:57 PM by Crazyman321. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
5 मजदूरों ने मेरी जम के चुदाई की | Gangbang sex story
5 मजदूरों ने मुझे घर में अकेले देख मेरे हाथ पैर बांध के मेरी चूत और गांड की चुदाई की
अस्सलामु अलैकुम , मेरा नाम सफिना सना खान है और मैं मुंबई की रहने वाली हु। मैं मुंबई में अपने शौहर के साथ रहती हु। मेरी उमर 28 साल है, और मेरी शादी 25 साल की उमर में हो गई थी। मेरा रंग गोरा है, और मेरा फिगर 35-26-35 है। शादी के बाद, मैं कमीज और सलवार हि पहनती हु , और अपने शादीशुदा होने की वजह से मै हमेशा सज धज के रहती हु और मुझे लिपस्टिक लगाना ज्यादा पसंद है और कभी कभी हि मै साड़ी पहनती हु । मेरा ससुराल उत्तर प्रदेश के एक गांव का है, और मैं और मेरे पति अक्सर मेरे पति के माता पिता के घर उनसे मिलने उत्तर प्रदेश जाते है।
ये उस समय की बात है, जब धुपकाले के एक महीने में, मैं अपने पति के साथ उनके गांव गई थी। गांव का घर काफी पुराना हो चुका था, घर का ऊपरी माला कमज़ोर हो चुका था, और घर के निचले हिस्से के एक कमरे में सीलन लगने लगी थी। हमारे घर पोहोचने से पहले ही, ससुरजी ने घर का काम शुरू कर दिया था।
मैं अपने पति के साथ उस गांव में रविवार की पोहोचे, और रविवार को सारे मजदूर छुट्टी लेते है, तो कोई काम पर नहीं आया। पर हमारे गांव पोहोचते ही, सोमवार की सुबह 5 बजे, एक बुरी दुर्घटना हो गई, मेरे ससुरजी के बोहोत ही खास दोस्त जो बगल के गांव में रहते थे, उनका दिहांत हो गया, तो उन्हे मेरी सासुमा के साथ वहा जाना था।
(Gangbang sex story) मेरे पति काफी जिद करने लगे की वो चाचाजी को बोहोत पसंद करते थे, और उन्हें भी ससुरजी के साथ जाना है। पर घर में किसी का रहना जरूरी है, क्युकी कल मजदूर आने वाले थे, और ऊपरी माले का पिलर ठीक करना जरूरी है।
तो सबने ऐसा तय किया की मैं घर पर रुक जाऊंगी और मेरे ससुर, सासुमा, और पति चाचाजी के अंतिम यात्रा में दूसरे गांव जायेंगे। वह सब लोग सुबह सुबह इस गांव के लिए रवाना हो गए, और मुझे बोला मजदूरों पर नजर रखना, वो खुद ही आकर अपना काम कर लेंगे, वो पीछे वाली सीढियां इस्तेमाल करते है और हम सब आज शाम तक वापस आ जायेंगे।
सुबह के कुछ 9 बज रहे थे, मेरे अनुमान के मुताबिक, काम करने वाले मजदूर 11 बजे तक आने वाले, तो मैं नहाने चली गई। और जब मैं नहा ही रही थी, तब मुझे मजदूर की आवाज सुने आने लगी। वो पिछले दरवाजे की सीढ़ी से ऊपर जाकर अपना काम शुरू कर दिए थे। (Gangbang sex story)
घर का बाथरूम मेन कमरों से अलग था, जैसे की पुराने घरों में होता है। पर मैं कमीज़ और सलवार लाना भूल गई थी, सिर्फ पेंटी वो ब्रा ही लेकर आई थी। मैने सोचा मैं घर में अकेली ही हु, अंदर जाकर कमीज़ और सलवार पहन लूंगी। पर अब तो मजदूर भी आ गए। फिर मैने ब्रा और पेंटी पहना और टॉवेल से अपना बदन थोड़ा ढका और मैं बाथरूम से निकल कर कमरे की तरफ चलने लगी।
ऊपर के माले से बॉथरूम से कमरे तक का रास्ता साफ दिखाई देता है, और उस वक्त मेरा अंग गीला था, ब्रा और पेंटी गीली होने के कारण मेरे शरीर से चिपक रहे थे, ब्रा से चिपकता हुआ मेरा गीला गोरा स्तन पर निप्पल, और पेंटी से चिपकती हुई मेरी गीली गांड़ दोनो पूरी तरह दिखाई दे रही थी। मैंने ऊपर की तरफ नजर फिराई तो देखा, 5 मजदूर मुझे ही घूर रहे है।
मैं जल्दी से अन्दर चली गई और दरवाजा बंद कर दिया। ये बात मुझसे छिपी नहीं थी, की मजदूरों ने मुझे आंखों से नंगा कर दिया था। मुझे सबके चेहरों पर एक हवस की मुस्कान दिखाई दे रही थी। पर मैने कमीज और सलवार पहनी, और मैं किचन में जाकर काम करने लगी। मुझे उनकी आवाज़ साफ सुनाई दे रही थी। (Gangbang sex story)
वो 5 मजदूर आपस में बात कर रहे थे। “ये औरत कौन है, इतना कड़क माल़ इस बुढ़ाउ के घर क्या कर रहा है।” “ये उसकी बहू होगी, शहर की रहने वाली है। देखा नही उसका गोरा रंग, गांव की धूप में तो।ऐसा गोरा माल़ काला पड़ जाए।” इस बात पर मुझे उन सबकी हसी की आवाज सुनाई दी।
(Gangbang sex story) “लगता है आज घर पर कोई नहीं है, सिर्फ बहुरानी है।” “बहुरानी की गांड़ तो बड़ी सयानी लग रही थी, मुझे उसके चूचे तो साफ दिखाई दे रहे थे। मेरा लन्ड टाइट हो चुका है।” “धीरे बोल अभिषेक, उसे ये सब सुनाई दे रहा होगा।
” मैं ये बात सुनकर घबरा गई, पर मेरे शरीर में एक हल्का सा करेंट जाग उठा। मैने सोचा ये सब मजदूर ऐसे ही होते है, कोई तमीज नही, तरीका नही, इनकी बातों पर ध्यान क्या ही दे। फिर मुझे कुछ ज्यादा आवाज नही आई, सब अपने अपने काम में लग गए, दोपहर के समय, मैंने देखा कि सब मजदूर कही चले गए, और फिर कुछ समय बाद वापस आए।
(Gangbang sex story) मैने उनसे पूछा आपलोग कहा गए थे… उन्होंने जवाब दिया की वो लोग खाना खाने गए थे, अभी फिर काम शुरू करेंगे, उन सभी के चेहरे पर एक हल्की मुस्कान थी, जैसे ये लोग आपस में ही कुछ बात करके आ रहे हो।
फिर कुछ आधे घंटे बाद, एक मजदूर मुझसे पानी मांगने आया, मैने उसे पानी देने के लिए किचन में चली गई, वो कब मेरे पीछे पीछे किचन तक आ गया, मुझे पता ही नही चला। मैं पानी देने के लिए पीछे मुड़ी तो उसे अपने सामने पाकर डर गई, इतने में उसने मुझे दबोच लिया और मेरा मुंह बंद कर दिया। उसने मेरी कमर जोर से पकड़ी और मुंह जोर से दबाया और वो मुझे खींचकर मेरे ही कमरे में ले गया। वहा बाकी 4 मजदूर पहले से ही मौजूद थे।
उन्होंने मेरे मुंह पर पट्टी बांध दी, और मुझसे बोले, “देख बहुरानी तुम्हारी जैसी कमसिन औरत हमने नही देखी। हम गांव में पता लगाकर आए है, तेरे घर वाले शाम तक वापस नही आने वाले। तब तक तू हमारी अमानत है।” ये बोलते ही उन्होंने मुझे मेरे ही बिस्तर पर लिटा दिया। और एक मजदूर ने मेरे दोनो हाथ कस के पकड़ लिए। (Gangbang sex story) वो 5 मजदूर थे, 2 का कद कुछ 5.5 फीट का था, और 2 कुछ 5.9 फीट ऊंचे था और उनमें से एक जिसका नाम सुरेश था, वो मजदूर मोटा तगड़ा था, 6 फीट से थोड़ा ज्यादा लंबा। उन 5 में से मुझे सिर्फ 3 मर्दों के नाम याद है, सुरेश ,, अभिषेक , प्रदीप।
वो सब अपनी शर्ट निकालकर फेंक दिए। उन पांचों का रंग काला था, और अभिषेक थोड़ा बॉडीबिल्डर टाइप्स मसल्स वाला था। सभी के सभी काफी स्ट्रॉन्ग थे। मैं अकेली काफी असहाय महसूस कर रही थी। सुरेश मेरी तरफ बढ़ने लगा, और अभिषेक प्रदीप ने मेरे हाथ पैर पकड़ रखे और सुरेश ने मेरा कमीज फाड़ दिया और गिलि ब्रा होने के वजह से , ब्रा ना पहन ने के वजह से, कमीज फाड़ते ही मेरे गोरे बड़े चूचे हवा में झूलने लगे। (Gangbang sex story)

उसमे हल्के भूरे रंग के निप्पल धीरे धीरे कड़क होने शुरू हो गए। मुझे अंदर ही अंदर एक अलग सी बेचैनी होने लगी, कुछ मीठी, कुछ तीखी, कुछ गुस्सा, कुछ मजा। प्रदीप ने मेरे चूचे जोर से दबाए और उन्हे चूसने लगा, , उसे मेरे चूचे चूसने में मज़ा आने लगा और वो मेरे चूची को काटने लगा। मैं जोर से चीखना चाहती थी, पर मुंह पर पट्टी होने के वजह से कुछ नही कर पाई। “अभिशेक नीचे जा, सलवार फाड़ साली का।” ये आवाज सुनते ही मुझे ये आभास हुआ, ये सारे के सारे गैर मर्द है और मैं एक शादीशुदा औरत। (Gangbang sex story)
गैर मर्दों के सामने नंगा होकर मुझे ये खुशी कैसे मिल रही है। ये कैसे हो सकता है, ये गलत है, मैं झटपटाने लगी, तो एक और मर्द ने आकर मेरी टांग पकड़ ली। और बोला, “रांड़ ज्यादा नखरे मत कर, हमे पता है, तू चुदना चाहती है।” अभिषेक मेरा सलवार भी फाड़ने लगा लगा, मैं उन 5 मर्दों के सामने नंगी हो चुकी थी, मैने पैंटी भी नही पहनी थी।(Gangbang sex story) प्रदीप को नग्न बॉडी बिल्डर वाली मसल्स देखकर मैं काफी उत्सुक हो गई। और सुरेश के मोटे काले शरीर पर पसीना देखकर मुझे थोड़ी बेचैनी होने लगी। मेरे हि घर के सामने मस्जिद थी मुझको इसका भी ख्याल नही आया मै अपने आप को इन सभी के हवाले कर चुकी थी।
अभिषेक अपनी करन से मेरी गीली छूट चाटने लगा, मैं तड़फड़ा गई, वही सुरेश ने अपनी पैंट उतारी, और अपना टाइट लन्ड निकाला, मैं देख कर दंग रह गई। वो 7 इंच का का काला और काफी मोटा लन्ड था और वो लन्ड मेरे मुंह की तरफ बढ़ रहा था। मेरे पति का लन्ड 4.5 इंच का ही था और वो मोटा नहीं था। प्रदीप और उसके दोनो चेले भी पूरी तरह नंगे हो गए थे। सुरेश मेरी मुंह की छुड़ाई करने लगा, और प्रदीप अपना 6.5 इंच का मोटा लन्ड लेकर मेरी छूट की तरफ बढ़ने लगा। प्रदीप मेरे ऊपर आकर, मेरी टांगे उठाने लगा और मेरी चूत में अपना लन्ड डालने लगा। (Gangbang sex story)
मैं इतनी गीली हो चुकी थी, उसके लिए मैं बोहोत ही शर्मिंदा महसूस कर रही थी। प्रदीप ने जोर के झटके के साथ मेरी चुदाई शुरू कर दी। सभी का लन्ड मेरे पति के लन्ड से अलग था, मजदूरों के लन्ड के सामने वाले हिस्सा था । एक एक करके मुझे चोदने लगे, कभी मुझे लिटाकर चोदा और कभी घोड़ी बनाकर चोदा। 3 घंटे तक, सब मजदूर एक एक करके मुझे बड़ी बेहेरामी से चोद रहे थे और इस दौरान मैं 6 बार झड़ चुकी थी। हर बार, हर एक मर्द, मेरे कोख में अपना वीर्य चोद रहा था। (Gangbang sex story)
मुझे हर जगह काट रहा था। “गोरी तेरी चूत इतनी टाइट कैसे? लगता है तेरा नामर्द पति तुझे चोद नहीं पाता।” “ये रांड ऐसेही चुदना चाहती है।” “भर दो इसकी चूत, साली मजदूरों का बच्चा पैदा करेगी।” “इसके गोरे बदन को तो मैं हर जगह काटूंगा, ऐसा गोरे चूचे मैंने अभी तक नही देखे।” मेरे नसीब में 5 मोटे लुंड, मुंह पर पट्टी और आंख में आंसू ही लिखे थे। (Gangbang sex story)
यही गाली गलाओच करते करते सबने मेरे अंदर अपना वीर्य चोद दिया, फिर सुरेश ने मुझे उल्टा लिटाकर मेरी गांड़ में अपना लन्ड डाल दिया। मेरी जान निकल गई, और मैं बेहोश हो गई। जब मुझे होश आया तब मैने देखा ये 5 मजदूर अभी भी मेरे जिस्म के साथ खेल रहे है। सबने एक और बार मेरी चुदायी की, कुल मिलाकर हर मर्द ने काम से कम 2 बार मेरी चूत और गांड़ मारी। फिर मुझे अधमरी हालत में नंगा छोड़ दिया। (Gangbang sex story)
मैने अपने मुंह से पट्टी निकाली और अपने आप को, पूरी तरह इन मजदूरों के वीर्य में डूबा हुआ पाया। मैं एक शादीशुदा औरत ये कैसे कर सकती हु, इस बात की मुझे बोहोत शर्मिंदगी हुई। पर ये एक अलग एहसास था, मैं इतनी बार एक साथ कभी नही झड़ी थी, मैं खुश भी थी और निराश भी। (Gangbang sex story) लेकिन मेरे पति मुझे कभी इस तरह का सुख नहीं दे पाए, मुझे बस इस बात का डर था, की कही इस चुदाई के मजे की मुझे लत न लग जाए।
मजदूर मुझे घर में छोड़कर अपने अपने घर चले गए। शाम को जब मेरे परिवार वाले वापस आए तो मैने उन्हे कुछ नही बताया। अगले दिन वो मजदूर फिर आए, और जैसे ही मेरी और उनकी नजर मिली, मेरी चूत से पानी बहने लगा। मेरे चेहरे की मुस्कान देखकर वो समझ गए, की मैं अपनी पाक़ीज़ा गवा चुकी हु, और कल वाली चुदाई की खुशी मेरे चेहरे पर साफ झलक रही थी। अगले ही दिन मेरे पति और मुझे मुंबई लौटना पड़ा। (Gangbang sex story)
एक हफ्ते बाद मुझे पता चला मैं प्रेगनेंट हु। मैं समझ गई, ये उसी दिन की चुदाई का नतीजा है। पर मैंने अपने पति को इस बात की आजतक भनक नहीं लगने दी। आपको मेरी कहानी कैसी लगी, प्लीज कमेंट में बताए। इसके आगे और क्या हुआ वो जान ने के लिए अगली कहानी का इंतजार करे। ये कहानी नहीं, बल्कि मेरी जिंदगी का एक काला सच है।
5 मजदूरों ने मुझे घर में अकेले देख मेरे हाथ पैर बांध के मेरी चूत और गांड की चुदाई की
अस्सलामु अलैकुम , मेरा नाम सफिना सना खान है और मैं मुंबई की रहने वाली हु। मैं मुंबई में अपने शौहर के साथ रहती हु। मेरी उमर 28 साल है, और मेरी शादी 25 साल की उमर में हो गई थी। मेरा रंग गोरा है, और मेरा फिगर 35-26-35 है। शादी के बाद, मैं कमीज और सलवार हि पहनती हु , और अपने शादीशुदा होने की वजह से मै हमेशा सज धज के रहती हु और मुझे लिपस्टिक लगाना ज्यादा पसंद है और कभी कभी हि मै साड़ी पहनती हु । मेरा ससुराल उत्तर प्रदेश के एक गांव का है, और मैं और मेरे पति अक्सर मेरे पति के माता पिता के घर उनसे मिलने उत्तर प्रदेश जाते है।
ये उस समय की बात है, जब धुपकाले के एक महीने में, मैं अपने पति के साथ उनके गांव गई थी। गांव का घर काफी पुराना हो चुका था, घर का ऊपरी माला कमज़ोर हो चुका था, और घर के निचले हिस्से के एक कमरे में सीलन लगने लगी थी। हमारे घर पोहोचने से पहले ही, ससुरजी ने घर का काम शुरू कर दिया था।
मैं अपने पति के साथ उस गांव में रविवार की पोहोचे, और रविवार को सारे मजदूर छुट्टी लेते है, तो कोई काम पर नहीं आया। पर हमारे गांव पोहोचते ही, सोमवार की सुबह 5 बजे, एक बुरी दुर्घटना हो गई, मेरे ससुरजी के बोहोत ही खास दोस्त जो बगल के गांव में रहते थे, उनका दिहांत हो गया, तो उन्हे मेरी सासुमा के साथ वहा जाना था।
(Gangbang sex story) मेरे पति काफी जिद करने लगे की वो चाचाजी को बोहोत पसंद करते थे, और उन्हें भी ससुरजी के साथ जाना है। पर घर में किसी का रहना जरूरी है, क्युकी कल मजदूर आने वाले थे, और ऊपरी माले का पिलर ठीक करना जरूरी है।
तो सबने ऐसा तय किया की मैं घर पर रुक जाऊंगी और मेरे ससुर, सासुमा, और पति चाचाजी के अंतिम यात्रा में दूसरे गांव जायेंगे। वह सब लोग सुबह सुबह इस गांव के लिए रवाना हो गए, और मुझे बोला मजदूरों पर नजर रखना, वो खुद ही आकर अपना काम कर लेंगे, वो पीछे वाली सीढियां इस्तेमाल करते है और हम सब आज शाम तक वापस आ जायेंगे।
सुबह के कुछ 9 बज रहे थे, मेरे अनुमान के मुताबिक, काम करने वाले मजदूर 11 बजे तक आने वाले, तो मैं नहाने चली गई। और जब मैं नहा ही रही थी, तब मुझे मजदूर की आवाज सुने आने लगी। वो पिछले दरवाजे की सीढ़ी से ऊपर जाकर अपना काम शुरू कर दिए थे। (Gangbang sex story)
घर का बाथरूम मेन कमरों से अलग था, जैसे की पुराने घरों में होता है। पर मैं कमीज़ और सलवार लाना भूल गई थी, सिर्फ पेंटी वो ब्रा ही लेकर आई थी। मैने सोचा मैं घर में अकेली ही हु, अंदर जाकर कमीज़ और सलवार पहन लूंगी। पर अब तो मजदूर भी आ गए। फिर मैने ब्रा और पेंटी पहना और टॉवेल से अपना बदन थोड़ा ढका और मैं बाथरूम से निकल कर कमरे की तरफ चलने लगी।
ऊपर के माले से बॉथरूम से कमरे तक का रास्ता साफ दिखाई देता है, और उस वक्त मेरा अंग गीला था, ब्रा और पेंटी गीली होने के कारण मेरे शरीर से चिपक रहे थे, ब्रा से चिपकता हुआ मेरा गीला गोरा स्तन पर निप्पल, और पेंटी से चिपकती हुई मेरी गीली गांड़ दोनो पूरी तरह दिखाई दे रही थी। मैंने ऊपर की तरफ नजर फिराई तो देखा, 5 मजदूर मुझे ही घूर रहे है।
मैं जल्दी से अन्दर चली गई और दरवाजा बंद कर दिया। ये बात मुझसे छिपी नहीं थी, की मजदूरों ने मुझे आंखों से नंगा कर दिया था। मुझे सबके चेहरों पर एक हवस की मुस्कान दिखाई दे रही थी। पर मैने कमीज और सलवार पहनी, और मैं किचन में जाकर काम करने लगी। मुझे उनकी आवाज़ साफ सुनाई दे रही थी। (Gangbang sex story)
वो 5 मजदूर आपस में बात कर रहे थे। “ये औरत कौन है, इतना कड़क माल़ इस बुढ़ाउ के घर क्या कर रहा है।” “ये उसकी बहू होगी, शहर की रहने वाली है। देखा नही उसका गोरा रंग, गांव की धूप में तो।ऐसा गोरा माल़ काला पड़ जाए।” इस बात पर मुझे उन सबकी हसी की आवाज सुनाई दी।
(Gangbang sex story) “लगता है आज घर पर कोई नहीं है, सिर्फ बहुरानी है।” “बहुरानी की गांड़ तो बड़ी सयानी लग रही थी, मुझे उसके चूचे तो साफ दिखाई दे रहे थे। मेरा लन्ड टाइट हो चुका है।” “धीरे बोल अभिषेक, उसे ये सब सुनाई दे रहा होगा।
” मैं ये बात सुनकर घबरा गई, पर मेरे शरीर में एक हल्का सा करेंट जाग उठा। मैने सोचा ये सब मजदूर ऐसे ही होते है, कोई तमीज नही, तरीका नही, इनकी बातों पर ध्यान क्या ही दे। फिर मुझे कुछ ज्यादा आवाज नही आई, सब अपने अपने काम में लग गए, दोपहर के समय, मैंने देखा कि सब मजदूर कही चले गए, और फिर कुछ समय बाद वापस आए।
(Gangbang sex story) मैने उनसे पूछा आपलोग कहा गए थे… उन्होंने जवाब दिया की वो लोग खाना खाने गए थे, अभी फिर काम शुरू करेंगे, उन सभी के चेहरे पर एक हल्की मुस्कान थी, जैसे ये लोग आपस में ही कुछ बात करके आ रहे हो।
फिर कुछ आधे घंटे बाद, एक मजदूर मुझसे पानी मांगने आया, मैने उसे पानी देने के लिए किचन में चली गई, वो कब मेरे पीछे पीछे किचन तक आ गया, मुझे पता ही नही चला। मैं पानी देने के लिए पीछे मुड़ी तो उसे अपने सामने पाकर डर गई, इतने में उसने मुझे दबोच लिया और मेरा मुंह बंद कर दिया। उसने मेरी कमर जोर से पकड़ी और मुंह जोर से दबाया और वो मुझे खींचकर मेरे ही कमरे में ले गया। वहा बाकी 4 मजदूर पहले से ही मौजूद थे।
उन्होंने मेरे मुंह पर पट्टी बांध दी, और मुझसे बोले, “देख बहुरानी तुम्हारी जैसी कमसिन औरत हमने नही देखी। हम गांव में पता लगाकर आए है, तेरे घर वाले शाम तक वापस नही आने वाले। तब तक तू हमारी अमानत है।” ये बोलते ही उन्होंने मुझे मेरे ही बिस्तर पर लिटा दिया। और एक मजदूर ने मेरे दोनो हाथ कस के पकड़ लिए। (Gangbang sex story) वो 5 मजदूर थे, 2 का कद कुछ 5.5 फीट का था, और 2 कुछ 5.9 फीट ऊंचे था और उनमें से एक जिसका नाम सुरेश था, वो मजदूर मोटा तगड़ा था, 6 फीट से थोड़ा ज्यादा लंबा। उन 5 में से मुझे सिर्फ 3 मर्दों के नाम याद है, सुरेश ,, अभिषेक , प्रदीप।
वो सब अपनी शर्ट निकालकर फेंक दिए। उन पांचों का रंग काला था, और अभिषेक थोड़ा बॉडीबिल्डर टाइप्स मसल्स वाला था। सभी के सभी काफी स्ट्रॉन्ग थे। मैं अकेली काफी असहाय महसूस कर रही थी। सुरेश मेरी तरफ बढ़ने लगा, और अभिषेक प्रदीप ने मेरे हाथ पैर पकड़ रखे और सुरेश ने मेरा कमीज फाड़ दिया और गिलि ब्रा होने के वजह से , ब्रा ना पहन ने के वजह से, कमीज फाड़ते ही मेरे गोरे बड़े चूचे हवा में झूलने लगे। (Gangbang sex story)

उसमे हल्के भूरे रंग के निप्पल धीरे धीरे कड़क होने शुरू हो गए। मुझे अंदर ही अंदर एक अलग सी बेचैनी होने लगी, कुछ मीठी, कुछ तीखी, कुछ गुस्सा, कुछ मजा। प्रदीप ने मेरे चूचे जोर से दबाए और उन्हे चूसने लगा, , उसे मेरे चूचे चूसने में मज़ा आने लगा और वो मेरे चूची को काटने लगा। मैं जोर से चीखना चाहती थी, पर मुंह पर पट्टी होने के वजह से कुछ नही कर पाई। “अभिशेक नीचे जा, सलवार फाड़ साली का।” ये आवाज सुनते ही मुझे ये आभास हुआ, ये सारे के सारे गैर मर्द है और मैं एक शादीशुदा औरत। (Gangbang sex story)
गैर मर्दों के सामने नंगा होकर मुझे ये खुशी कैसे मिल रही है। ये कैसे हो सकता है, ये गलत है, मैं झटपटाने लगी, तो एक और मर्द ने आकर मेरी टांग पकड़ ली। और बोला, “रांड़ ज्यादा नखरे मत कर, हमे पता है, तू चुदना चाहती है।” अभिषेक मेरा सलवार भी फाड़ने लगा लगा, मैं उन 5 मर्दों के सामने नंगी हो चुकी थी, मैने पैंटी भी नही पहनी थी।(Gangbang sex story) प्रदीप को नग्न बॉडी बिल्डर वाली मसल्स देखकर मैं काफी उत्सुक हो गई। और सुरेश के मोटे काले शरीर पर पसीना देखकर मुझे थोड़ी बेचैनी होने लगी। मेरे हि घर के सामने मस्जिद थी मुझको इसका भी ख्याल नही आया मै अपने आप को इन सभी के हवाले कर चुकी थी।
अभिषेक अपनी करन से मेरी गीली छूट चाटने लगा, मैं तड़फड़ा गई, वही सुरेश ने अपनी पैंट उतारी, और अपना टाइट लन्ड निकाला, मैं देख कर दंग रह गई। वो 7 इंच का का काला और काफी मोटा लन्ड था और वो लन्ड मेरे मुंह की तरफ बढ़ रहा था। मेरे पति का लन्ड 4.5 इंच का ही था और वो मोटा नहीं था। प्रदीप और उसके दोनो चेले भी पूरी तरह नंगे हो गए थे। सुरेश मेरी मुंह की छुड़ाई करने लगा, और प्रदीप अपना 6.5 इंच का मोटा लन्ड लेकर मेरी छूट की तरफ बढ़ने लगा। प्रदीप मेरे ऊपर आकर, मेरी टांगे उठाने लगा और मेरी चूत में अपना लन्ड डालने लगा। (Gangbang sex story)
मैं इतनी गीली हो चुकी थी, उसके लिए मैं बोहोत ही शर्मिंदा महसूस कर रही थी। प्रदीप ने जोर के झटके के साथ मेरी चुदाई शुरू कर दी। सभी का लन्ड मेरे पति के लन्ड से अलग था, मजदूरों के लन्ड के सामने वाले हिस्सा था । एक एक करके मुझे चोदने लगे, कभी मुझे लिटाकर चोदा और कभी घोड़ी बनाकर चोदा। 3 घंटे तक, सब मजदूर एक एक करके मुझे बड़ी बेहेरामी से चोद रहे थे और इस दौरान मैं 6 बार झड़ चुकी थी। हर बार, हर एक मर्द, मेरे कोख में अपना वीर्य चोद रहा था। (Gangbang sex story)
मुझे हर जगह काट रहा था। “गोरी तेरी चूत इतनी टाइट कैसे? लगता है तेरा नामर्द पति तुझे चोद नहीं पाता।” “ये रांड ऐसेही चुदना चाहती है।” “भर दो इसकी चूत, साली मजदूरों का बच्चा पैदा करेगी।” “इसके गोरे बदन को तो मैं हर जगह काटूंगा, ऐसा गोरे चूचे मैंने अभी तक नही देखे।” मेरे नसीब में 5 मोटे लुंड, मुंह पर पट्टी और आंख में आंसू ही लिखे थे। (Gangbang sex story)
यही गाली गलाओच करते करते सबने मेरे अंदर अपना वीर्य चोद दिया, फिर सुरेश ने मुझे उल्टा लिटाकर मेरी गांड़ में अपना लन्ड डाल दिया। मेरी जान निकल गई, और मैं बेहोश हो गई। जब मुझे होश आया तब मैने देखा ये 5 मजदूर अभी भी मेरे जिस्म के साथ खेल रहे है। सबने एक और बार मेरी चुदायी की, कुल मिलाकर हर मर्द ने काम से कम 2 बार मेरी चूत और गांड़ मारी। फिर मुझे अधमरी हालत में नंगा छोड़ दिया। (Gangbang sex story)
मैने अपने मुंह से पट्टी निकाली और अपने आप को, पूरी तरह इन मजदूरों के वीर्य में डूबा हुआ पाया। मैं एक शादीशुदा औरत ये कैसे कर सकती हु, इस बात की मुझे बोहोत शर्मिंदगी हुई। पर ये एक अलग एहसास था, मैं इतनी बार एक साथ कभी नही झड़ी थी, मैं खुश भी थी और निराश भी। (Gangbang sex story) लेकिन मेरे पति मुझे कभी इस तरह का सुख नहीं दे पाए, मुझे बस इस बात का डर था, की कही इस चुदाई के मजे की मुझे लत न लग जाए।
मजदूर मुझे घर में छोड़कर अपने अपने घर चले गए। शाम को जब मेरे परिवार वाले वापस आए तो मैने उन्हे कुछ नही बताया। अगले दिन वो मजदूर फिर आए, और जैसे ही मेरी और उनकी नजर मिली, मेरी चूत से पानी बहने लगा। मेरे चेहरे की मुस्कान देखकर वो समझ गए, की मैं अपनी पाक़ीज़ा गवा चुकी हु, और कल वाली चुदाई की खुशी मेरे चेहरे पर साफ झलक रही थी। अगले ही दिन मेरे पति और मुझे मुंबई लौटना पड़ा। (Gangbang sex story)
एक हफ्ते बाद मुझे पता चला मैं प्रेगनेंट हु। मैं समझ गई, ये उसी दिन की चुदाई का नतीजा है। पर मैंने अपने पति को इस बात की आजतक भनक नहीं लगने दी। आपको मेरी कहानी कैसी लगी, प्लीज कमेंट में बताए। इसके आगे और क्या हुआ वो जान ने के लिए अगली कहानी का इंतजार करे। ये कहानी नहीं, बल्कि मेरी जिंदगी का एक काला सच है।
कायर पति