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सैयां के भेजके परदेस पेले हमके ससुरवा
#1
सारा रात चोदेले हमके,कसके हमार बुरवा,
सैयां के भेजके परदेश, पेले हमके ससुरवा,

कइसे बताई, लागअता लाज बड़ हमके,
कुदअतानी कारी लांड़ पर ओकर जमके,
जब बुरवा चुनचुनातिया खद खद,
का करि, ससुर बन जावेले हमार मरद,

पेन्हे ना देताअ, हमरा कोनो कपड़वा,
सैयां के भेजके परदेश, पेले हमके ससुरवा

रोज़ राति सुतेले संगे, आके आधी रतिया,
हो जाईब बदनाम, केकरा से कहीं ई बतिया,
घुस जाता बिछौना में, खोलके आपन जंघिया,
उठा लेता गोदिया में, खोलके हमार चोलिया,

खूब चूसेले चुच्ची, पिये रोज़ हमार दुधवा,
सैयां के भेजके परदेश, पेले हमके ससुरवा

छुआवे जब लांड़, ठघरता बुर से सर सर खूबे पनिया,
लेटा लेवे अपन नीचे हमके, जइसे हवे ओकर कनिया,
खींच देता डोरी डोरी , उतरजाला जाने कब घघड़ा,
चूसेले बुर जी से ,उठाके टंगड़ी चाटे हमर गाँड़वा,

हो जावेले मगन, ऐमे हमर का कसुरवा,
सैयां के भेजके परदेश, पेले हमके ससुरवा,

घुसवाके बुर में लंडवा, हम हो जानी तेरियाचरितर,
चुर चुर हो जावे, ससुर पुतोहु के रिश्ता ई पवितर,
असही चोदअ राजा, बुझअ हमके अपन मेहररूवा,
सिसयातनी जोरसे, कहीं सुन ना ले देवर भैंसुरवा,

चोदअताS हमके, जइसे कुत्ती के कोनो कुकुरवा,
सैयां के भेजके परदेश, पेले हमके ससुरवा ।

चोदते चोदते पसीनवा से भीजल, चाटे दुनु कंखिया,
देखेनि बेसरम हो, खोलके आपन चुदासी दुनु अंखिया,
चूसअता जिभवा के खोलके दुनु ललिया ओठवआ,
थूक देता मुँहवे में, लील जातानि लेके भीतर ठोंठवा,

मीठा बड़ा लागेले, जइसे कि ताज़ा गुरवा,
सैयां के भेजके परदेश, पेले हमके ससुरवा,

बुर के भीतरि, लागत रहुवे जलअता जइसे चुलहा,
लउड़ा बुर में भितरी रहले, जइसे कोहबर में दुलहा,
बुझावे लागल अगिया, गिरईके गाढ़ा उज्जर रसवा,
कब तलिक करति बर्दास्त, ना रहल अपना पर बसवा,

छुल छुल पानी बहल, जइसे टूटल कोनो नुपुरवा,
सैयां के भेजके परदेश, पेले हमके ससुरवा,

हाफत रहुये ससुरजी, हम भरत रहीं ठंढी अंहिया,
“काहे कइले ए ससुरजी हमार, आपन बेटा संग बियहिया,
जब रउवा रोज़ राति चोदअतारे हमके, बनउति ओकर मैया,
बान्ह के मंगलसूत्र राउर नामके, जनती ओकर छोट भैया”

का कहीं कैसे कटअता, पूछे जब ननद अपूरवा,
सैयां के भेजके परदेश, पेले हमके ससुरवा

भरके हमर मांग सेनुरवा, बाबूजी के बनइला ना काहे ससुरवा,
बहिन हो गईल रहत साली, माई उतौरती आरती लेके कपुरवा,
लेके सात फेरा संग में,  रहति हम पूरा तोहार ना कनको अधुरवा,
बनलअ ना दमाद हमर घर के, इ कुल तोहर हवे भारी कसुरवा,

बनौले आपन बेटा के भतार, करि मंजूरवा,
सैयां के भेजके परदेस, पेले हमके ससुरवा।

“ऐ रानी, मज़ा आता जब चोदअत बानी अपन बहुरिया,
लाज शरम छोड़के, जब छलकावेले आपन जोवन सुनहरिया,
अपन पूतोहिया जब होवेले नंगे छोड़के रिश्ता सीधा सादा,
ससुर संग खूब चुदवावेले, भूल के कुल आपन घरके मरयादा”

भरब तोहर मांग वीर्य से, ना देब सेनुरवा,
सैयां के भेजके परदेश, पेले तोहरा ससुरवा,

हाय केतना सुडौल बा तोहार दुनु गोर चुचिया,
तोहार गोदी में ना आबे देब अभी बुच्चा बुचिया,
लेके हमके गोदिया में, चुसा द चुच्ची मनभरबा,
रोकियाह ना हमके, जब तक थक ना जाई अधरबा,

चुसी चुसी बिया, अपने बन जाइ खजुरवा,
सैयां के भेजके परदेश, पेले तोहरा ससुरवा,

चुच्ची चुसे में ससुर, हवे जइसन दुधमुंहा बच्चा,
हिलावत रहे लांड, चुसत रहुवे आम कोनो कच्चा,
खड़ा हो गइल लंड, चुवे लागल फिरसे बुरवा,
चुदाई के दुनु पर छा गइल फिरसे सुरवा,

खींच के बाल, शुरू क दइले काम अधुरवा,
सैयां के भेजके परदेश, पेले हमके ससुरवा,

लेके हमरा अकुआरी में, घुसावे लगल लंडवा,
लगाके थूक भारी, निशाना रहे अबकी गँड़वा,
पेले लागल बेदर्दी घुसाके अपन मोट लउड़ा,
हमर कलि के बना दिहले फूल, हो गइल चउड़ा,

मुंह के दबाके चोदत रहुये, बनके असुरवा,
सैयां के भेजके परदेस, पेले ससुरवा।

चोदे पाछवां से लगाके कोमल चूतड़ पर थपड़वा,

पिछवन सेलेता, मनभर गईल जब लेके अगरवा,

“काहे चिच्यात बारे, अभी बाकी बा पूरा रतिया,

चार बेर लेब, मानब ना तोहर एक्कोगो बतिया,



अंसुवन से पिघलब ना,हम बानी बड़ चतुरवा,

सैयां के भेजके परदेस,पेले तोहके ससुरवा,



लेलीं ससुरजी, कुल हमर जोवन के अगनवा,

लांड के देखतानि, हम दिन रात सपनवा,

चार बेर लेलअ, चाहे आठ बेर जगाके सारा रतिया,

छोड़हिय ना पियासल,होवे चाहे छेदवन के दुरगतिया,



लगावा धक्का हचकके, बनके निष्ठुरवा,

सैयां के भेजके परदेस,पेले हमके ससुरवा,



काहे शिकायत करि, जब मिले देह के सुखिया,

बना के हमरा रानी राखे, जब घर के मुखिया,

चाहे आधे हवे हमर तोहरसा से उमरिया,

चोदके अभियो तू, हिला देवे ले कमरिया,



बड़ा निमन लागSत, लंड के रस मधुरवा,

सैयां के भेजके परदेस, पेले हमके ससुरवा,



चोदी चोदी आखिर थक गईल जब बाबूजी,

मुँहवे पर गिरा दिहले, ना भइल तब क़ाबूजी,

चटावे लगौले जे कके आइल रहले गाँड़ के दौरा,

निमन लागत रहुये सुवाद, गइनी चखके बौरा,



चाट के खा गइनी, जैइसे कि मीठ गुड़वा,

सैयां के भेजके परदेस, पेले हमके ससुरवा।



असही चोदले हमके अऊर दु बेर कमिनवा,

जेठ के गर्मी रहे, चुवत रहुवे टप टप पसीनवा,

सूत रहनी जा, हमनीके बेचके जइसे घोरवा,

मताईल रहुवे पूरा, जाने कब भईल भोरवा,



बुर में चूमत रहुवे, अभियो जालिम मूसरवा,

सैयां के भेजके परदेस, पेले हमके ससुरवा,



हो गइल भोर, हमके जाय दिही हवे बड़ कामवा,

मन नइखे भरल राउर, चोदनी रातेभर लेके नामवा,

असही जे रोज़ करअबा, हो जाए कभियो नाशजी,

भतार के बन जाईब माँ सौतेली, केन्हे जाईब सासजी,



बाकी के पता नइखे, कभियो मानी ना भैंसुरवा,

सैयां के भेजके परदेस, पेले हमके ससुरवा,



बात सुनि के हमर, निकल गईल घअरसे,

हमहूँ मुस्कात रहुवे, डालअनी पल्लू सअरसे,

जइसे ही खोलनी केबरवा, सामने रहे भैंसुरवा,

सुनलेले सब बतिया, जब सुतल रहुवे ससुरवा,



कइसे बचाई अब, पीछे पड़ गईल भैंसुरवा,
सैयां त गईल परदेस, का अब चोदिहे भैंसुरवा
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