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Fantasy प्यार और वासना की मेरी अधूरी कहानी
#1
प्यार और वासना की मेरी अधूरी कहानी




















प्यार और वासना की मेरी अधूरी कहानी
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#2
उत्तर प्रदेश के एक छोटे से शहर का रहने वाला हूँ। शहर इसलिए कि वैसे तो मेरा घर गांव में है लेकिन गांव से शहर की दूरी मात्र 5 किमी की दूरी पर है। मेरी उम्र इस समय 24 वर्ष है और लंबाई 5 फुट 8 इंच है। मेरे लंड का साइज 8 इंच है। ये मेरी इस साइट पर पहली कहानी है। चूंकि मैं इस साइट का नियमित पाठक हूँ। मैं शादीशुदा हूँ पर शादी से पहले से ही मैं हर रात को इस साइट पर विजिट करके कहानियाँ पढ़कर मुठ मार कर ही सोता था। जब तक मैं एक सेक्स स्टोरी पढ़कर मुठ ना मार लूं तब तक नींद नहीं आती। ऐसे ही एक बार कहानी पढ़ते पढ़ते अचानक एक धोखे से रिश्तेदार की चुदाई की कहानी पढ़कर मेरे दिमाग में ख्याल आया कि क्यों न अपने जीवन की घटित एक सच्ची घटना आप सबके साथ शेयर की जाए।
तो ये कहानी आज से लगभग 5 साल पहले मेरी और मेरी साली की चुदाई की है। मेरी नई नई शादी हुई थी और मेरी बीवी का नाम गरिमा है। गरिमा बहुत ही खूबसूरत लड़की थी। उसके चूचे 36 इंच, सुडौल, गोल, खरबूजे जैसे, कमर 30 इंच की और गांड 38 इंच की थी। ऊपर से नीचे तक मेरी बीवी गरिमा एक दम स्वर्ग की अप्सरा मेनका, रंभा जैसी थी। मैं गरिमा जैसी खूबसूरत और हसीन बीवी पाकर बहुत खुश था।

वैसे तो मैं बचपन से ही बहुत आशिक मिजाज़ रहा हूँ। मैंने बचपन से आज तक बहुत गर्म और सेक्सी लड़कियों की चूत और गांड मारी है। बिना किसी जाति, धर्म, काली, गोरी का भेदभाव किए, 18 साल की कमसिन कली से लेकर 45 साल की औरतों तक को चोदा है। चूंकि मेरा मानना है कि चूत और लंड के बीच केवल एक रिश्ता चुदाई का ही होता है। और लड़की कितनी ही खूबसूरत गोरी क्यों न हो, चूत तो काली ही होती है और काली चूत भी वही मजा देती है जो गोरी गुलाबी चूत देती है। इसलिए मैंने इन सबका भेदभाव न करते हुए अपनी जिन्दगी के भरपूर मजे लिए हैं।
मैं 27 साल का 5 फुट 7 इंच का गबरू जवान हूँ। मेरा लंड 8 इंच लम्बा है जो कि अच्छे अच्छे चूत से पानी निकालकर उनको निढाल करने के लिए काफी है। मेरा अपना कपड़ों का शोरुम है मेरे गांव से महज 3 किमी दूर शहर में। मेरी आमदनी अच्छी खासी होने के कारण खर्च भी अच्छी खासी है। गांव में औरतों और लड़कियों को चोदना बहुत आसान है। बस कुछ पैसों का लालच दो तो भरपूर जवानी का मजा मिलता है।
अब बोर न करते हुए कहानी पर आता हूँ। मेरी बीवी गरिमा उम्र 25 साल, चूचे 36 के और गांड 38 की। उससे बड़ी बहन संजना (शादीशुदा) उम्र 28 साल चूचे 36 कमर 30 इंच और गांड 38 की इंच की है। सबसे छोटी सरिता उम्र 19 साल उसकी चूचियां 34 की हैं, कमर 28 की और गांड भी 34 की हैं।
साइज इतना परफेक्ट इसलिए पता है क्योंकि एक तो अब तक मैं तीनों की चूत की चुदाई कर चुका हूँ और गांड भी मार चुका हूँ, क्योंकि हमारे यहाँ कहावत है कि साली आधी घरवाली होती है दूसरे जबसे मुझमें पता नहीं ईश्वर ने ऐसा क्या दिया है कि मुझे चूत खोजने के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती। और सबसे बड़ी बात ये कि जब से मेरी शादी हुई है तबसे इन तीनों के लिए ब्रा पैंटी अक्सर मेरे ही शोरूम से जाता है क्योंकि मेरे शोरुम पर एक से बढ़कर एक ब्रांडेड कपड़े से लेकर अंडरगारमेंट्स तक सब मिलते हैं।
लंडधारी दोस्तों और चूत की रानियों, दिल थाम कर बैठिए और लंड धारियों से निवेदन है कि वो अपना हथियार पकड़ लें और चूत की रानियों ये गुजारिश है कि अपनी चूत में कम से कम दो उंगली डाल कर बैठें और इस सेक्सी कहानी का आनंद लें क्योंकि ये कहानी सिर्फ कहानी नही बल्कि आग का वो गोला है जिसमें मेरी साली सरिता ने मेरे जिस्म को अपना जिस्म सौंपकर बर्फ का गोला बना दिया अर्थात अपनी प्यास और मेरी कुंवारी चूत की हवस को बुझा दिया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#3
मैं अपनी शादी के बाद बहुत खुश था। गरिमा जैसी बीवी बड़े नसीब वालों को मिलती है। सुहागरात को मैंने अपनी बीवी की पूरी रात भर में तीन बार चूत और एक बार गांड चोदी। मेरी बीवी तो गांड देना ही नहीं चाहती थी, क्योंकि उसे उसकी भाभी और सहेलियों ने पहले ही अपना अनुभव बताया था कि पहली बार मरवाने में बहुत दर्द होता है। चूत तो सह लोगी लेकिन गांड नहीं मरा पाओगी। इसलिए गांड मत मरवाना।

अब मेरी बीवी सुर्ख कुंवारी। अर्थात मायके में भाभी और सहेलियों के मोबाइल पर नंगी तस्वीरों में, वीडियोज़ में और कभी कभार किसी राह चलते आदमी को मूतते समय लंड देखा तो था लेकिन कभी उसे अपनी चूत में लेने का सौभाग्य न प्राप्त हो सका बेचारी के। ये उसने मुझे बाद में बताया था कि कई बार तो जब हम लोग कॉलेज जाते या आते तो पगडंडी वाला रास्ता कम दूरी होने के कारण अक्सर हम लोग उसी रास्ते को चुनते तो अगर कोई आदमी पेशाब करते दिख जाता तो हम लोग झाड़ियों में छिपकर उनके लंड ताड़ते। और कई दफा तो मेरी बीवी की सहेली को भी उसके आशिक से चुदते हुए उसके आशिक का लंड देखी थी। गरिमा की सारी सहेलियाँ चुदक्कड़ थीं और वो गरिमा को भी लंड की सवारी करने को कहतीं।वो लोग बोलतीं कि तुझे तो लड़के देखकर राह चलतेअपना लंड मसलते हैं, अगर तू किसी को भी इशारा कर दे तो वो तुरन्त ही तुझसे पट जाएगा लेकिन गरिमा कहती थी कि मैं अपने पतिदेव से ही अपनी सील तुड़वाउंगी।

सुहागरात को पहली बार की चुदाई में ही वो दर्द से बिलबिला उठी और उसकी सील टूटने की वजह से पूरी बेडशीट खून से लाल हो गई। किसी तरह थोड़ी देर की चुदाई के बाद उसका दर्द तब कम हुआ जब मैंने उसे ले जाकर पेनकिलर दी।

दोस्तों मुझे डॉगी स्टाइल बहुत पसंद है। ऐसी कोई मेरी जिंदगी में बची नही जिसकी मैंने कुतियों की तरह झुकाकर चूत और गांड न ली हो। मुझे लड़कियों और औरतों की चूत से ज्यादा उनकी मटकती गांड पसन्द आती है। मुझे उनका गांड चाटना और फिर थूक लगाकर चोदना ज्यादा पसंद है। दोस्तों आज तक मैंने जितनी भी चूत या गांड चोदी है केवल थूक लगाकर । कोई तेल या वैसलीन नहीं क्योंकि नैचुरल थूक से जो गर्माहट मिलती है वो वैसलीन में कहाँ?

शादी की पहली ही रात को मुझे अपनी बीवी की गांड मारने का भूत सवार हुआ तो फिर मारकर ही माना। बहुत मिन्नत करने के बाद वो किसी तरह गांड देने के लिए तैयार हुई तो मैंने उसे उल्टा झुकाकर उसकी गांड को पहले अच्छे से चाटना शुरू किया, फिर उसकी गांड में उंगली डालकर कुछ देर तक ढीला किया फिर उसके बाद लंड से चुदाई हुई। वो तो बेचारी बेहोश हो गई थी। जब उसे होश आया तो वो दर्द से कराह रही थी और रो रही थी । बार बार मुझसे कह रही थी अब मर जाउंगी लेकिन कभी गांड नहीं मरवाउंगी। मैंने प्यार से समझाया कि देखो गरिमा, पहली बार में ही दर्द होता है, फिर उसके बाद आदत बन जाती है।
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#4
दो माह की रेलम पेल चुदाई के बाद मेरे ससुराल वाले मेरी बीवी को ले जाने के लिए आए। मेरा और गरिमा का मन न होते हुए भी हम लोग कुछ न कह सके और मेरी बीवी अपने मायके चली गई। दोस्तों मेरा ससुराल मेरे घर से महज 12 किमी और मेरे शोरुम से 9 किमी ही है।

अब मेरी बीवी गरिमा दिन भर मुझसे वीडियो कॉल पर अपना जिस्म दिखाकर बातें करती और अपनी चूत में उंगली करती रहती। मैं भी अपने कानों में ईयरफोन लगाकर अपने शोरूम पर बैठा रहता और लंड मसल मसल कर बातें करता रहता। और दुकान पर काम करने वाले लड़के और लड़कियों को पता भी चल गया था कि सेठ किसी से रंगीन बातें करने में लगा रहता है, क्योंकि सब कभी न कभी लंड मसलते हुए देख चुके थे पर कोई कुछ नहीं कहता क्योंकि सबको मैं अच्छी खासी सैलरी को साथ साथ सम्मान भी बहुत देता था और मेरे शोरुम पर जितनी लड़कियां काम करती थीं वो तो और खुश रहती थीं क्योंकि मैं उनकी कभी कभार एक्सट्रा पैसों से मदद कर देता था बदले में वे मुझसे अपनी चूचियां दबवाकर, मेरे लंड का पानी अपने मुंह में लेकर मेरा मदद कर देती थीं।

अब आप सोच रहे होंगे की दुकान पर मैं उनके साथ ये सब हरकत कैसे करता था तो पहले तो ये जान लीजिए कि वो एक बड़ा शोरूम है और मेरा काम सिर्फ सीसीटीवी लगाकर लोगों पर नजर रखना है। मैं अपने 7×9 के केबिन में बैठकर सीसीटीवी देखता रहता हूँ और जब किसी से लंड चुसवाना होता तो वहीं पर बुलाकर मेज के नीचे बैठा लेता था।

दोस्तों मेरे केबिन का डिजाइन कुछ ऐसा है कि मेरे केबिन से ही होकर एक तरफ एक लेडिज चेंजिंग रूम है। मतलब अगर किसी लेडिज को कपड़े खरीदने के बाद उन्हें अपना फिटिंग साइज चेक करना है तो उन्हें मेरे केबिन में से होकर गुजरना पड़ता है। और एक चेंजिंग रूम बाहर की ओर से ही खुलता है। लेकिन फिर भी मेरे बैठने की जगह पर मेरा टेबल इस तरह सेट है कि चाहे मैं खड़ा रहूँ या बैठा रहूँ मेरे कमर के नीचे का जरा सा भी हिस्सा चेंजिंग रूम में जाने वाले को नहीं दिखाई देता। कभी कभार तो मैं अपने केबिन में बैठे बैठे किसी लड़की को अपना लंड चुसवा रहा होता हूँ और कोई चेंजिंग रूम में जाता है तो किसी को कुछ नहीं मालूम चल पाता लेकिन मेरी खुशी दोगुनी हो जाती थी।
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#5
गरिमा के मायके चले जाने के तीन दिन बीत जाने के बाद गरिमा को अचानक चुदाई का हवस चढ़ा तो उसने मुझे कहा कि आज आ जाओ मेरी चूत में खुजली मची है और गांड तो सूख गई है बिना आपके लंड को पानी के। तो मैंने कहा कि ठीक है शोरूम बन्द होने से पहले ही आज निकल लूंगा।

दोस्तों शाम हो जाने के बाद मैंने मैनेजर को बोला कि आज 9 बजे ही शोरूम बन्द करके तुम लोग आराम से घर चले जाना (दोस्तों मेरा शोरूम 11 बजे बन्द होता है। )

मैं 7 बजे ही शोरूम से निकल गया और अगले 15 मिनट में मैं ससुराल पंहुच चुका था। मेरे ससुर जी बैंक मैनेजर हैं घर से 200 किमी दूर तो वो महीने में दो बार ही घर आते हैं । ससुराल पंहुच कर मेरा मेरी सासू माँ, चाची सास और मेरी साली ने बहुत गर्मजोशी से स्वागत किया पर गरिमा कमरे में घुस गई थी। मैं सबसे मिलकर अपनी बीवी को पास पंहुचा और सीधे उसे किस करने लगा कि पीछे से मेरी साली भी मेरे लिए चाय नाश्ता लेकर वहाँ पंहुच गई। मैं हड़बड़ा कर पीछे हटा पर मेरी साली और मेरी बीवी गरिमा का रिएक्शन वैसे ही रहा जो कि मुझे बहुत अजीब लगा।

कुछ देर में गरिमा की एक सहेली आई और फेस मसाज कराने को बोलकर अपने घर ले गई (मेरी बीवी गरिमा एक ब्यूटीशियन है जबकि साली सरिता नर्सिंग की पढ़ाई कर रही है।) अब घर में केवल मैं मेरी साली सरिता चाची सास गीता और सासू माँ गिरिजा ही थे। (ससुर जी बैंक मैनेजर जबकि चाचा जी आर्मी में थे और साला मुम्बई में एक बड़ी कंपनी में इंजीनियर था तो वो सब लोग बाहर रहते थे)

मेरे ससुराल में आमने सामने दो घर बने थे और बीच में करीब 60-70 फीट का मैदान था। एक तरफ वाले घर में मैं एक कमरे में लेटा था और दूसरे वाले घर में सासू माँ, चाची सास और साली साहिबा किचन में लगी थीं।

कुछ देर बाद सरिता मेरे लिए चाय लेकर आई और मेरे सीने पर हाथ रखकर जगाते हुए बोली- जीजू, जीजू उठिए चाय पी लीजिए। दोस्तों रात के करीब 9 बजने वाले थे और ये डेढ़ घंटे में दूसरी चाय थी। मैंने आँख खोलकर देखा कि मेरी साली साहिबा सफेद रंग का एकदम झीना हल्का टीशर्ट और कैप्री पहने हाथ में चाय का कप लिए खड़ी थी। टीशर्ट के अंदर का लाल रंग का वैन ह्यूसन ब्रा मुझे मानो आमंत्रण दे रहा हो कि आओ और मुझे उतारकर इन चूचियों को मसल डालो।

दोस्तों अब तक तो मैं किसी पर ध्यान नहीं दिया था परन्तु वो किस करते देख न शरमाना और इस तरह सेक्सी अंदाज में चाय लाना मेरे दिमाग की घंटी बजाने लगा। मुझे लगा गुरू कुछ तो बात है लड़की बहुत बिंदास है।

मैंने चाय हाथ में लेकर उसे बैठने को कहा तो वो लगभग मुझसे सटकर बैठी। मैंने कहा सरिता एक बात पूछूँ। वो बोली पूछिए। मैंने पूछा जब मैं तुम्हारी दीदी को किस कर रहा था तो तुमने देखा नहीं क्या?
तो वो बोली कि मैंने देखा कि आप किस करते हुए दीदी की चूचियों के मसल रहे थे। तब मैंने कहा कि फिर तुम्हारे चेहरे के हाव भाव नहीं बदले कुछ तो वो बोली कि आप मेरे जीजू हैं और दीदी पर आपका हक है, आप जैसे चाहो चूमो, चाटो, मसलो, चोदो, उससे मुझे क्या दिक्कत।
मैं उसके मुह से ये सब बात सुनकर हैरान हो गया। मैं कुछ बोलता उससे पहले ही वो बोली कि वैसे भी मुझे आपकी वो सारी हरकतें पता हैं जो आप दीदी के साथ करते हो।

दोस्तों मैं तो हैरान रह गया। लेकिन फिर भी मैंने हिम्मत करके पूछा कि अच्छा तुम्हें क्या क्या पता है और कैसे पता है?
तब सरिता बोली कि असल में जीजू आप जिस तरह बदन तोड़ चुदाई करते हैं वो दीदी मुझे और संजना दीदी को कॉन्फ्रेंस कॉल पर सब बताती है। हम तीनों बहनें और मेरी चाची रोज शाम को कान्फ्रेन्स कॉल पर सारी डिस्कशन करते हैं।मैंने कहा यार बहनों तक तो ठीक है पर चाची सास को तो मत बताओ ये सब। दरअसल मेरी चाची सास अभी 30 साल की ही थीं और उनके शादी के 6 साल बाद भी उनको कोई बच्चा नहीं हुआ। असल में चाचा जी को छुट्टी बहुत कम मिलती है। सरिता ने बताया कि चाची तो और मजे से सारी बातें सुनती हैं।एक बार तो उन्होंने ये तक कहा है कि मुझे भी दामाद जी का लंड चाहिए गरिमा, हो सकता है दामाद जी ही मेरी कोख से अपना बेटा और साला पैदा कर दें। मेरी गरिमा दीदी बहुत खुशनसीब है कि उसे आप जैसा प्यार करने वाला पति मिला।
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#6
दोस्तों मेरी हालत खराब हो रही थी सरिता के मुंह से ये सब सुनकर। अबतक मैंने सरिता को उस नजर से नहीं देखा था पर अब मुझे वो अपनी साली सरिता नहीं बल्कि एक सेक्सी चुदक्कड़ लड़की जवान हसीना दिख रही थी जिसे कि थोड़ी मेहनत करके अपने लंड के नीचे लाया जा सकता था।

मैंने सरिता से पूछा कि सरिता ये बताओ कि जब तुम अपनी दीदी से बातें करती हो तो वो सब तो शादीशुदा हैं लेकिन तुम्हारा मन नहीं करता क्या चुदाई कराने का? और चाची जी कैसे रहती हैं ये सब बात सुनकर।

दोस्तों सरिता ने जो मुझे बताया वो सुनकर मेरे तो होश उड़ गए। सरिता कहने लगी कि रोज रात को मैं और चाची जी एक साथ सोते हैं और एक दूसरे की चूत चुसाई, चटाई और उंगली से ही चुदाई करते हैं। तब मैंने रहा कि उंगली से कब तक काम चलाओगी जानेमन, एक बार अपने जीजू से चुदकर देखो।
सरिता बोली नहीं जीजू ऐसी कोई बात नहीं है। जब मेरी शादी हो जाएगी तब मैं भी अपने पति से खूब चुदुंगी। मैंने पूछा कि अभी तक कोई ब्वॉयफ्रेंड बना कि नहीं। तो वो बोली नहीं।
मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपनी ओर खींचा कि तभी खाने के लिए सासू माँ बुलाने आ गईं।

अब सरिता को देखने का मेरा नजरिया बदल चुका था। खाना खाने के बाद पता चला कि ये दोनों बहनें दूसरे वाले मकान में सोती हैं और सासू माँ और चाची सास दूसरे वाले मकान में इसलिए मेरा बिस्तर भी गरिमा और सरिता के साथ लगाया गया।

एक तरफ मैंने था, बीच में गरिमा और एकदम किनारे सरिता सोई थी। मैंने चद्दर के नीचे से गरिमा की चूचियों को सहलाना शुरू किया कि अचानक गरिमा बोली अभी नहीं अभी सरिता जाग रही है। मैंने सोचा सही बात है, थोड़ी देर सो लेते हैं।

तभी अचानक गरिमा को चाची सास ने बुलाया कि सासू माँ बुला रही हैं। गरिमा मुझसे बोली कि आप आराम कीजिए मैं थोड़ी देर में आती हूँ तब तक सरिता भी सो जाएगी।

दोस्तों असली कहानी अब शुरू होती है। मैं न जाने कब सो गया जब मेरी नींद खुली तो गरिमा मेरी तरफ गांड करके लेटी थी। मैंने पूछा कि कब आई हो ? सरिता सो गई कि नहीं? उसने तुरन्त मझे चुप रहने का इशारा कर दिया मेरे होंठों पर अपनी उंगली रखकर।

अब मैं गरिमा की चूचियों को उसकी नाइटी में हाथ डालकर मसलने लगा।
मैनें गरिमा से पूछा- आज तो तुम्हारी चूचियां बहुत सख्त लग रही हैं लग रहा है तीन दिन में ही दुबारा सख्त हो गई हैं क्या?
उसने कोई उत्तर नहीं दिया बल्कि उसे न जाने क्या सूझा कि वो चद्दर के अंदर चली गई और मेरा अंडरवियर उतार दिया उसने।

दोस्तों मैं केवल अंडरवियर ही पहन कर सोता हूँ। अब मैं एकदम नंगा था और कमरे में घना अंधेरा था, लाइट बंद थी। एक चद्दर में हम पति पत्नी और उसी बिस्तर पर थोड़ी दूर पर दूसरे चद्दर में सरिता सो रही थी। गरिमा ने मेरा लंड जो कि एकदम कड़क 8 इंच का हो चुका था उसे पकड़ कर अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगी। मेरे आनंद की सीमा न रही दोस्तों।

आज तो जैसे अलग ही मजा आ रहा था। जिस बिस्तर पर एक कुंवारी सेक्सी कली सोई हो उसी बिस्तर पर हम पति पत्नी चुदाई का रंगारंग कार्यक्रम कर रहे थे। गरिमा पुरे शबाब से मेरा लंड चूस रही थी।

आज तो मुझे और दिन से ज्यादा मजा आ रहा था। आज गरिमा कुछ अलग अंदाज में ही लंड चूस रही थी। वो कभी लंड चूसती तो कभी मेरे गोटे मुंह में लेती कभी जांघों के आसपास की छोटी छोटी झांटों से खेलती। कभी तो जीभ से लंड का सुपाड़ा चाटती फिर जब लंड सूख जाता तो उस पर थूक कर फिर गीला करके उसे फिर से मुंह में लेकर चूसती।

अचानक मुझे मस्ती सूझी और मैंने गरिमा का मुंह पकड़कर अपने लंड पर दबाकर उसके मुंह को चोदने लगा। गरिमा इस हमले के लिए तैयार नहीं थी। मेरा लंड उसके गले तक जा रहा था और उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। वो खांसने लगी तो मैंने अपनी पकड़ थोड़ी ढीली कर दी। फिर उसने मेरे लंड से अपना मुंह हटाया और थोड़ी सी सांस भरी फिर जब मैंने दोबारा चाहा कि वो मेरे लंड को मुंह में ले तो वो नहीं ले रही थी पर एक दो बार कोशिश के बाद फिर से उसने मेरा लंड चूसना शुरु कर दिया।

मुझे थोडा़ अजीब लगा क्योंकि ऐसा पहली बार नहीं है जब मैंने अपना लंड उसके गले तक उतारा हो पर जब भी ऐसा होता गरिमा फिर सांस भरकर फिर से लंड चूसने लगती। कभी जबरदस्ती नहीं करना पड़ा पर आज मुझे लगा कि हो सकता है सरिता बगल में सोई है वो खांसने से जाग न जाए इसलिए मना कर रही थी।
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#7
खैर कुछ देर बाद वो फिर से लंड मुंह में भरकर चूसने लगी। गरिमा का गर्म मुंह मुझे ऐसा लग रहा था जैसे किसी गर्म चीज के भीतर मैंने अपना लंड डाल रखा हो। उसके गर्म थूक से मेरा लंड एकदम गीला और टाइट हो चुका था। मानो अब फटा कि तब फटा। कमरे में एकदम घुप्प अंधेरा और जहाँ पति पत्नी चुदाई का कार्यक्रम कर रहे हैं उससे महज 2 फीट की दूरी पर सरिता सो रही थी। हालांकि कुछ दिखाई तो नहीं दे रहा था पर हाथ से पकड़ कर इशारा करके मैंने गरिमा को अपने ऊपर 69 पोजीशन में आने को कहा पहले तो उसे कोई फर्क नहीं पड़ा और वो लगातार मेरा लंड चूसती रही पर जब दोबारा वही मैंने थोड़ा जोर देकर दोहराया तो वो कुछ देर बाद मेरे ऊपर उल्टा होकर अपनी चूत को मेरे मुंह पर रखकर मेरे शरीर पर अपना शरीर रखकर लेट गई। तब मुझे मालूम हुआ कि गरिमा लेटे लेटे ही अपना सारा कपड़ा निकाल रही थी।

दोस्तों अब हम दोनों एकदम नंगे होकर एक दूसरे के शरीर से चिपके थे। मैंने गरिमा की चूत को मुंह लगाया तो वो कूदने लगी मानो उसे गुदगुदी हो रही हो, और वो मेरा लंड चूसना छोड़ अपनी चूत को बचाने में लग गई। मुझे लगा आज आखिर गरिमा को हो क्या गया है। दोबारा मैंने अपने हाथों से उसकी गांड पकड़कर उसकी चूत को अपने मुंह पर लगाया और उसकी चूत की दरारों के बीच अपनी जीभ घुसाकर गरिमा की चूत चाटने लगा। आज गरिमा की चूत मुझे कुछ ज्यादा ही नमकीन लग रही थी। और आज उसकी चूत कुछ सिकुड़ी व छोटी लग रही थी। मुझे लगा तीन दिन से न चुदवाने के कारण चूत कुछ सिकुड़ गई होगी। पर आज गरिमा की चूत एकदम कुंवारी चूत के जैसे लग रही थी। उधर गरिमा ने लंड चूसना तेज कर दिया था। इतने देर की लंड चुसाई के बाद मुझे लगा कि मेरा पानी निकलने वाला है तो मैंने गरिमा का सिर दबाकर उसे रुकने का इशारा किया लेकिन वो रुकी नहीं और कुछ ही देर बाद मेरे लंड का पानी बंदूक से निकली गोली की रफ्तार से उसके गले और मुंह में भरता चला गया। गरिमा को मेरा वीर्य पीने का बड़ा शौक है। वो रोजाना मेरा वीर्य पीती थी लेकिन आज तो उसने जब मेरा पानी गिरने लगा तो अपना मुंह हटाने लगी लेकिन शायद बिस्तर खराब न हो जाए इसलिए उसने लंड पूरा निकलने के पहले ही दोबारा अपने मुंह में डाल लिया और मेरा वीर्य गटागट पी गई।

कुछ देर के बाद उसने मेरा लंड फिर से चाटना शुरु कर दिया। धीरे धीरे मेरा लंड फिर से सख्त होने लगा। जब मेरा लंड पूरी तरह सख्त हो गया तब मैंने उसे इशारे से मेरे बगल में आकर सो जाने को कहा तो गरिमा वहाँ से उठकर मेरे और सरिता के बीच में आकर सरिता की ओर मुंह और मेरी तरफ गांड करके लेट गई। मैंने गरिमा के पैरों को इस तरह सेट किया कि दोनों पैरों के बीच गैप बन जाए और उसकी चूत बाहर की ओर हो जाए।

फिर मैंने गरिमा की चूत पर ढेर सारा थूक लगाया और अपने लंड को उसकी चूत के छेद पर सेट किया। अब दोस्तों मुझे जो भी करना था आराम से करना था क्योंकि अगर आवाज होती तो सरिता जाग सकती थी और हम लोगों का बना बनाया काम बिगड़ सकता था।

मैंने गरिमा का एक पैर थोड़ा सा मोड़कर चूत को और खोला और लंड को हल्के से दबाया पर वो चूत में जाने के बजाय फिसल गया। मैंने दोबारा वही किया पर फिर से मेरा लंड फिसल गया।

दोस्तों आज मेरे साथ बहुत अजीब हो रहा था। अब मुझे कुछ शक भी होने लगा कि ऐसा तो नहीं कि गरिमा समझकर मैं किसी और के साथ हूँ लेकिन चूत की हवस ने दिमाग पर ज्यादा जोर नहीं डालने दिया।

तीसरी बार मैंने फिर से थोड़ा सा थूक लगाया और फिर छेद पर लंड करके जोर से धक्का दिया अबकी बार मेरा लंड लगभग आधे से कुछ कम ही चूत में घुसा और गरिमा के मुंह से एक जोरदार चीख निकल गई।
उई माँ!!!!मर गई!!!!! बहुत दर्द हो रहा है!!!!! ये लंड है या लोहे का सरिया!!! निकालिए वरना मैं तो मर जाऊंगी!!!!!

दोस्तों ये सुनते ही मेरी तो हालत खराब होने लगी। जिसका शक था वही हुआ।। ये गरिमा नहीं बल्कि सरिता की आवाज थी। मैं घबराकर बोला- सरिता तुम मेरे बिस्तर पर कब आई हो और तुम्हारी दीदी कहाँ है?

सरिता- दीदी तो मम्मी के पास गईं और आई नहीं। वहीं सो गई।

मैंने पूछा- फिर यहाँ कौन कौन है?

सरिता (हंसते हुए मादक आवाज में) – यहाँ सिर्फ मैं और मेरे सेक्सी जीजू हैं।

मैं- अच्छा तो इसका मतलब तुमने जानबूझकर मेरे साथ ऐसा किया??

सरिता- जब मेरे जीजू चूत लेने ससुराल आए थे और दीदी नहीं हैं तो साली का फर्ज बनता है कि वो अपने जीजू को खुश करे।

अब दोस्तों मैं भी फिर से पूरे जोश में आ गया और सरिता को नीचे करके मैं उसके ऊपर आ गया और फिर से अपना लंड सरिता की चूत पर सेट करके जोर से धक्का मारा।

अबकी बार मेरा लंड किसी तीर की तरह सरिता की चूत को चीरता हुआ आधे से ज्यादा घुस गया था और सरिता फिर से दर्द से बिलबिला उठी।

सरिता- हाय जीजू मार डालोगे क्या? आज तो मैं मर ही जाउंगी। ओह!!! आह!!! आह!!! जीजू!!! धीरे से जीजू!!! आह!!!

मैंने सरिता के मुंह पर अपना मुंह रख दिया ताकि वो और न बोल सके और फिर धीरे धीरे उसकी चूत चोदने लगा।
अब मुझे अलग नशा चढ़ गया। और मैं धीरे धीरे सरिता की चूत में धक्के मार कर अपना लंड आगे पीछे कर रहा हूँ।

कुछ देर के बाद जब सरिता का दर्द शांत हुआ तो वो भी सेक्सी आवाजें निकालने लगी।

सरिता- आह!!!! ओह!!!! आह!!!! जीजू!!!! आह!!!!! आह!!!!

मैंने मौका देखकर एक बार फिर से जोर का धक्का लगाया । अबकी बार मेरा पूरा लंड सरिता की चूत में सरसराता हुआ घुस गया।

सरिता फिर से दर्द से कराह उठी और मुझे पीछे धकेलने लगी जिससे कि मेरा लंड निकल जाए लेकिन मैनें उसे जोर से पकड़ कर अपनी मजबूत बाहों में जकड़ लिया और धक्के मारना बन्द कर दिया। कुछ देर के बाद जब सरिता शांत हुई तो मैं फिर से धक्के मारना शुरू किया।

सरिता- वाह जीजाजी!!! आह!!!!

आह जीजू!!!!! आह !!!! और जोर से। और जोर से चोदिए!!!! आज अपनी साली की चूत फाड़ डालिए!!! आज मुझे कुवारी से चुदक्कड़ साली बवा दीजिये जीजू!!!! आज मेरी कुंवारी चूत का भोसड़ा बना दीजिये!!!! आह!!!!!! ओह!!!!!!

सरिता जितना आवाज करती मेरा लंड उतना ही सख्त और स्पीड पकड़ता।। लगभग 25 मिनट की जोरदार चुदाई के बाद मुझे लगा कि मेरा निकलने वाला है तो मैंने पूछा- सरिता डार्लिंग कहाँ लोगी मेरे लंड का पानी???

वो बोली- जहाँ आपका दिल करे जीजू।

मैंने कहा कि मैं तो तुम्हारी गांड में अपने लंड का पानी गिराउंगा। इतना सुनते ही सरिता डर गई। बोली- नहीं नहीं जीजू!!! जब चूत में इतना दर्द होता है तो दीदी बताती हैं कि इससे ज्यादा तो गांड में लेते वक्त दर्द होता है।

मैनें हंसकर कहा कोई बात नहीं मेरी जान लेकिन आज तो मैं तुम्हारी गांड दोबारा मारूंगा पहले मेरे लंड का पानी कहाँ लेना है वो बताओ??

वो बोली- मेरे प्यारे प्यारे सेक्सी चुदक्कड़ जीजू!!! आप अपने लंड का पानी मेरी चूत में ही छोड़ दीजिये।। आज मैं आपके पानी से ठंडी होना चाहती हूँ!!!

मैंने कहा- अगर तुम्हें गर्भ ठहर गया तो??

तो सरिता ने कहा- मैं कल मेरे कॉलेज जाते वक्त अपनी सहेली से अनवांटेड मगा कर खा लूंगी क्योंकि अभी मुझे मौसी बनना है माँ नहीं मेरे प्यारे जीजू!!!

तब तक सरिता दो बार झड़ चुकी थी और तीसरी बार मेरे साथ ही उसकी चूत ने भी अपना रस छोड़ दिया। अब हम दोनों नंगे बिस्तर पर निढाल होकर पड़े थे। सरिता उठी और उसके चूत रस और मेरे वीर्य के मिक्स से सने मेरे लंड को चाटकर साफ करने लगी। सरिता मेरे लंड को पूरी तरह साफ करके चाट गई और फिर से मेरा लंड अपने मुंह में भरकर चूसने लगी!!!
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#8
आह!!!! सरिता मेरी जान!!!! मेरी सेक्सी साली!!!! चूसो मेरे लंड को चूसो!!! जी भरकर चूसो मेरी जान!!!!! आज मेरा लंड जबतक फट न जाए तब तक चूसो तुम।

थोड़ी देर में मेंरा लंड फिर से खड़ा होकर सरिता को सलामी देने लगा तो सरिता बोली- अब क्या करना है जीजू????

मैंने कहा- मुझे तुम्हारी गांड लेनी है!!!! वो फिर से गांड की बात सुनकर डर गई और बोली नहीं मैं मर जाउंगी।

मैंने कहा- कुछ नहीं होगा, मैं इस तरह तुम्हारी गांड लूंगा कि तुम्हें जरा सा भी दर्द नहीं होगा। बस एक बार अपनी गांड मरवा लो प्लीज!!!! मैं सरिता के आगे हाथ जोड़ने लगा तो वो बोली- अरे जीजू आप हाथ मत जोड़िए। अब तो चाहे मैं मर ही जाऊँ पर अपने जीजू की चाहत पूरी करके रहूंगी।। (दोस्तों ये मेरा ट्रिक था गांड लेने का मैं जानता था कि अगर मैं सरिता के सामने हाथ जोड़ लूं तो वो गांड क्या सबकुछ मरवा लेगी) मैंने सरिता को कुतिया की तरह उल्टा झुकाया और उसकी गांड चाटने लगा। सरिता मजे लेकर गांड चटवाने लगी और मैं उसके गांड की छेद में अपनी जीभ घुसेड़ कर उसकी गांड चटाई कर रहा था।

कुछ देर की गांड चटाई के बाद मैंने उसकी गांड में एक उंगली भी डाल दी। उसे थोड़ा दर्द हुआ पर वो कुछ नहीं बोली। आह जीजू!!!!! आप कितना अच्छा गांड चाटते हो!!!! आह!!!!!

फिर कुछ देर बाद दूसरी फिर तीसरी करके धीरे धीरे चार उगलियां उसकी गांड में डाल कर उसके गांड को ढीला करने लगा।

कुछ देर बाद सरिता को उसी कुतिया वाले पोज में रहने को बोला और खूब ढेर सारा थूक उसकी गांड पर थूक कर फिर गांड पर मला और जब लगा की सरिता की गांड एकदम ढीली हो गई है तो मैंने अपने लंड को गांड पर सेट करके धीरे धीरे सरिता की गांड में डालना शुरू किया। लगभग तीन इंच जाने के बाद सरिता को थोड़ा दर्द महसूस हुआ तो मैं वहीं रूक कर धीरे धीरे सरिता की गांड मारने लगा। गांड मारते वक्त मैं उसकी कमर को पकड़े हुए धक्के लगाते हुए धीरे धीरे अपने लंड को सरिता की गांड की गहराइयों में उतारने लगा। जब उसे दर्द होता तो वो चीखती और मैं अंदर धकेलना रोककर चुदाई करने लगता। करीब 5 मिनट ऐसा करते करते मेरा पूरा लंड सरिता की गांड में जा चुका था तो मैंने कहा कि सरिता अब तो मेरा पूरा लंड तुम्हारी गांड में जा चुका है बताओ कितना दर्द हुआ। तो वो बोली सच कहूं जीजू तो मेरी जितना चूत दुखी है उतना गांड नहीं। तब मैंने कहा कि अगर तुमने पहले ही बता दिया होता कि तुम गरिमा नहीं सरिता हो तो शायद तुम्हारी चूत भी उतनी नहीं दुखती क्योंकि मेरे चोदने का स्टाइल सबसे अलग रहता है। सरिता बोली- अगर मैंने पहले ही अपना नाम बता दिया होता तो शायद आज हमारी ये चुदाई ही न हो पाती।

मैंने हंसते हुए कहा कि आज तो मैं किसी न किसी की चुदाई जरूर करता। चाहे सामने कोई भी आ जाता। इसी तरह लगभग आधे घंटे की गांड चुदाई के बाद मैंने कहा की सरिता अबकी बार कहाँ लोगी मेरे लंड का पानी तो वो बोली जीजू मेरी गांड में ही डाल दीजिए अपने लंड का पानी ।

तभी मैने धक्कों की स्पीड तेज करके और तेजी से सरिता की गांड चोदने लगा। दस पन्द्रह धक्कों के बाद मेरे लंड ने अपना पानी सरिता की गांड में छोड़ दिया।

फिर मैंने अपना लंड निकाल कर सरिता को साफ करने को दिया तो अबकी बार उसने अपने मुंह में लेने से मना कर दिया क्योंकि उसके गांड की गहराइयों का संडास भी मेरे लंड पर लग गया था।

वो उठी और मेरे लंड को कपड़े से साफ की। फिर मैंने लाइट जलाने को बोला तो सरिता ने लाइट तो जलाया लेकिन उजाले में मुझे और अपने आपको जन्मजात नंगी पाकर शरमाने लगी। उजाले में मैंने देखा कि पूरा चद्दर खून और सरिता के चूत की पानी से सना हुआ था। आज ही सरिता के चूत की सील टूटी थी और चुदाई होने के बीच बीच में उसकी चूत ने कई बार पानी छोड़ा था।

दोस्तों पूरी रात भर में मैंने दो तीन बार उसकी चूत मारी। दो बार गांड ली और दो बार उसके मुंह को चोदकर अपने लंड का पानी उसे पिलाया एक बार तो उसने मेरे लंड के पानी को अपने मुंह में से थोड़ा सा अपनी चूचियों पर गिरा लिया और चूचियों को मसल दिया।
उसके बाद सरिता ने वो चद्दर बदल दिया और साफ चद्दर बिछा कर हम दोनों अलग अलग चद्दर में सो गए।
सुबह मेरी नींद गरिमा के जगाने से खुली। वो चाय लेकर मेरे पास खड़ी थी और सरिता बिस्तर छोड़ कर जा चुकी थी। मैंने उसके हाथ से चाय लिया और मैं कुछ कहता उससे पहले ही वो बोल उठी- जानू रात को मम्मी की तबीयत कुछ खराब थी तो चाची उनका पैर हाथ दबा रही थीं और मैं वहीं सोफे पर बैठे बैठे ही सो गई। रात को आपको चुदाई करने का मौका नहीं मिल पाया इसके लिए सॉरी पर आज जरूर चुदवाउंगी। आज तो मुझे अपनी गांड मरवानी है आपसे। मैंने तुरंत गरिमा को पकड़ कर बिस्तर पर गिराया और उसे अपना लंड चूसने को बोला। गरिमा बोली कि कहीं कोई आ गया तो। मैं उठकर गया और कमरे की कुंडी लगा दिया। फिर बिस्तर पर आकर गरिमा से बोला अब कोई नहीं आएगा यहाँ।

गरिमा ने मेरा लंड तुरंत अपने मुंह में भरकर चूसना शुरू किया। फिर मैंने उसको उल्टा लिटाकर कर उसकी गांड पर थूक लगाकर एक बार में ही पूरा लंड गरिमा की गांड में डाल दिया।वो लगभग चीखकर बोली- आराम से डालो राजा जी दर्द होता है। मैनें कहा कोई बात नहीं, होने दो दर्द के साथ मजा भी तो आता है जानेमन। इधर मैं गरिमा की गांड मार ही रहा था कि अचानक से मेरी नजर खिड़की पर पड़ी मेरी चाची सास वहाँ खड़ी होकर अपनी चूत रगड़ रही थीं। मैं तो डर गया था लेकिन सरिता की बात अचानक याद आ गई तो मैंने गरिमा की गांड मारना जारी रखा। लगभग 30 मिनट की गांड चुदाई के बाद मैं छूटने को हुआ तो गरिमा सीधी हो गई और मैंने अपने लंड का पूरा पानी गरिमा के मुंह में छोड़ दिया। और मन ही मन सोचने लगा कि अच्छा हुआ रात को तुम नहीं थी क्योंकि गरिमा के न रहने से रात को सरिता की गुलाबी चूत मखमली गांड मिली, सुबह अपनी
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#9
वैसे तो वो मयूरी से बहुत ही खुली हुई थी. ननद भाभी के रिश्ते की वजह से दोनों के बीच बहुत प्यार और मजाक भी चलता रहता था. पर इस समय बात अलग थी. एक तो वो बिल्कुल नंगी थी, ऊपर से वो अपने बड़े भाई का लंड चूस रही थी और अपने दूसरे भाई से अपनी चूत चटवा रही थी. उसे इस समय अपने आप के लिए किसी रंडी होने जैसे एहसास होने लगा था. वो शर्म से गड़ गई और अपनी भाभी से आँखें नहीं मिला पा रही थी
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thanks
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#10
Nice story
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