Thread Rating:
  • 1 Vote(s) - 5 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery भाभी की बड़ी बहन
#1
भाभी की बड़ी बहन 
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
[+] 1 user Likes neerathemall's post
Like Reply
Do not mention / post any under age /rape content. If found Please use REPORT button.
#2
मेरी भाभी की बड़ी बहन रजनी की है जिनके पति का देहावसान कैंसर की वजह से 2019 में हो गया था।
इनकी उम्र 36 साल है।
फिगर ऐसा कि किसी का भी मन डोल जाए।

इनके 2 बच्चे हैं।
रजनी अपने पति की डेथ के बाद वो मायके में बच्चों के साथ रहने लगी है।
उसके अलावा केवल उसकी मां उसके7 साथ रहती है।

भाभी की शादी के बाद उससे हम लोगों की बात कभी कभी हो जाती थी।
उसके पति की मृत्यु के बाद उसका एक बेटा हमारे घर रहकर पढ़ाई करने लगा है। तब से हम लोगों की बातें कुछ ज्यादा होने लगी हैं।

एक दिन शाम को रजनी का फोन आया और बेटे की पढ़ाई के बारे में पूछने लगी।
फिर वो बोली- दिन भर घर पर बैठ कर बोर होती रहती हूं तो फोन लगाकर लोगों से बात कर लेती हूं।
तो मैंने उससे कहा- अगर ऐसी बात है तो आप मुझे रोज आधे घंटे के लिए फोन कर सकती हैं।

उसके बाद मैं और रजनी रोज बातें करने लगे।
शुरु में तो मैं बातें पढ़ाई की और वो अपनी बीते दिनों के बारे में बात करती थी।
फिर धीरे धीरे बातें मेरी गर्लफ्रेंड पर आ गई।

मैंने रजनी पर लाइन मारते हुए कहा- जब आपके जैसी भाभी हो तो गर्लफ्रेंड की क्या जरूरत है।
रजनी हंसकर बात को टाल गई।

उसके बाद से मैं रजनी को हंसी मजाक में अपनी गर्लफ्रेंड बोलने लगा और वो बुरा भी नहीं मानती थी।
बस यही कहती कि कोई अपनी उम्र की पटाओ।

धीरे धीरे हम डबल मीनिंग चुटकुले और जोक्स शेयर करने लगे और बातें करने लगे।

फिर धीरे धीरे हम सेक्स की बातें करने लगे।

तब रजनी ने बताया कि उसने पहला सेक्स अपने पति के साथ ही शादी के बाद किया था।

इन बातों को सुनकर अब मैं मन में जल्द से जल्द रजनी को अपने लन्ड के नीचे लाने के लिए जुगाड़ सोचने लगा।
एक दिन मैंने मजाक में फोन पे उससे कहा कि मुझे उसको चोदना है।

इस बात को सुनकर वो गुस्सा हो गई और बात करना बंद कर दी।

करीब एक हफ्ते बाद उसका फोन आया और बात हुई।
रजनी ने कहा कि मैं ऐसी बात दोबारा न करूं।

मैंने कहा- बचाकर क्या करोगी?
रजनी ने कहा- मैंने अपने पति के अलावा कभी किसी के बारे में नहीं सोचा!
तो मैंने कहा- अब सोचो।

वो कुछ नहीं बोली और बाद में धीरे धीरे फिर से सेक्स की बातें शुरू हुई।

कुछ ही दिनों में हम दोनों फोन पर ढेर सारी सेक्स की बातें करते और रजनी अपने एक्सपीरियंस बताती।

फिर हम दोनों अब फोन पर सेक्स करने लगे थे, कभी वीडियो काल पर तो कभी फोन पर!
वीडियो कॉल रजनी पूरी तरह नंगी होकर करने लगी थी।

रजनी के भरे हुए बदन और बूब्स को देखकर अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था.
मैं जल्द जल्द रजनी को अपने लन्ड के नीचे लाना चाह रहा था।

रजनी का शरीर एकदम कसा हुआ है जैसे कि बड़े नाजों से बनाया गया हो।
पर अब भी हम लोग सिर्फ फोन सेक्स से ही गुजारा कर रहे थे क्योंकि भाभी के घर जाने का कोई चांस नहीं मिल रहा था।

एक महीने बाद भाभी की मां 4 दिन के लिए अपने मायके जाने वाली थी।
रजनी ने फोन करके मुझे पहले ही बता दिया था।

और फिर रजनी का फोन भाभी के पास आया कि अगले 4 दिन वो घर पर अकेले रहने वाली है। इसीलिए भाभी मुझको घर पर भेज दे।
अगले दिन सुबह भाभी ने हमको अपने घर जाने को बोला।

मैं बहुत खुशी से जाने लिए तैयार था।

शाम को मैं 3 बजे घर से निकला।
रास्ते में जाते वक्त मैंने मेडिकल शॉप से कंडोम और चल दिया।

5 बजे मैं रजनी के घर पहुंच गया।
तब तक उसकी मां जा चुकी थी।

शाम को सबसे पहले पहुंच कर मैंने फ्रिज में बर्फ जमने के लिए रख दिया और फिर बात करने बैठ गए।
उसका छोटा बेटा मेरी मोबाइल में गेम खेलने लगा।

रात को रजनी ने खाना बनाया और तकरीबन रात 9 बजे हम तीनों ने खाना खाया।
फिर हम सोने के लिए एक ही कमरे अलग अलग तख्त पर लेट गए।

करीब आधे घंटे बाद उसका बेटा सो गया।

फिर रजनी धीरे से मेरे तख्त पर रजाई के अंदर आ गई और फिर हम दोनों एक दूसरे के जिस्म से खेलने लगे।
कभी रजनी मेरे गालों को चूमती तो कभी मैं रजनी के गालों को चूमता और चूचियां दबा देता.
वो हल्की सी … सी … की आवाज निकलती।

इस तरह हम दोनों एक दूसरे के जिस्मों से खेलते खेलते कब आधे नंगे हो गए पता नहीं चला।
मैं सिर्फ अंडरवीयर और बनियान में और रजनी केवल ब्रा और पैंटी में थी।

फिर हम दोनों एक दूसरे को कस कर गले लगाया और किस करने लगे।
रजनी किस करने में एकदम माहिर थी. एक पल ऐसा लगा की जैसे वो मेरे होंठों को काट खायेगी।


वो मेरे अंडरवीयर में बने तंबू से महसूस हो रहा था।

मैं अब रजनी को जानवरों की तरह किस करने लगा था, कभी उसके गले पर तो कभी कानो और होठों पर मैं काट रहा था।
और रजनी के मुंह से सिर्फ आह … आह … ईई … आह … सी … आह … सी … आह … आह … ईई … आह … सी … आह … सी … की कामुक आवाज़ें आ रही थी।

मैं गले से चूमते हुए चूचियों तक पहुंचा जो अब तक ब्रा में कैद थी।
एक ही झटके से मैंने ब्रा को खींचा और पीछे से उसकी स्ट्रिप टूट कर रजनी की चूचियों पर लगी जिससे उसकी चीख … अरे मम्मी रे … निकल गई।
मैंने उसके गालों पर किस किया और चूचियों को दबाने लगा। उसके मुंह से आह … आह … ईई … आह … सी … आह … सी … के आवाज़ें निकल रही थी।

अब मैंने उसकी दोनों चूचियों को हाथो से मसला और उसके मुंह से आह … सी … निकली।

फिर मैं रजनी की एक चूची को मुंह में लेकर तेजी तेजी चूसने लगा और दूसरे हाथ से दूसरी चूची को तेज तेज पूरे बल से दबा रहा था।
जिससे उसके मुंह से केवल आह … आह … ईई … आह … सी … आह … सी … अरे मम्मी रे … आह … आह … आह … ईई … धीरे करो! की कामुक आवाज़ें आ रही थी।

ये आवाजें पूरे कमरे के माहौल को और भी रोमांटिक बना रही थी जिससे मुझ पर और भी नशा छा रहा था और मैं और भी तेजी से करने लगता था।
उसके मुंह से केवल कराहने … और हल्की सिसकारियों … की आवाज आ रही थी।

अब धीरे धीरे मेरा एक एक हाथ उसकी पैंटी पर गया जो काले रंग की थी।
मैंने पैंटी के ऊपर से ही चूत को मसल दिया जिससे उसने चीख कर गर्दन उठा ली।

फिर मैं उठा और फ्रिज से जमाई बर्फ उठा लाया जो छोटे छोटे क्यूबिक आकार में थी।
बर्फ साइड में रख कर मैंने अपने एक हाथ से पैंटी उतार दी और चूत को सहलाने लगा।

वो कमर उठा उठा कर साथ दे रही थी।
उसकी चूत बहुत गर्म हो गई थी।

तभी मैंने साइड में रखे एक बर्फ के टुकड़े को उसकी चूत में डाल दिया।

जिससे रजनी अपने हाथ पैरों को पटकने लगी।
लेकिन मैंने उस टुकड़े को बाहर नहीं निकलने दिया.
अब वह बिन पानी मछली की तरह तड़प छटपटा रही थी।
लेकिन मैंने उसे नहीं छोड़ा।

फिर मैंने थोड़ा नीचे आकर उसकी चूत पर अपने होंठ रख दिए जिससे वो चिंहुक उठी।

अब मैं अपने होंठों से उसकी चूत में घुसे उस बर्फ के टुकड़े इधर उधर करने लगा।
जब टुकड़ा पिघलता तो उसको मैं पी जाता।

इस बीच रजनी के मुंह से सिर सीत्कार निकल रही थीं आह … आह … ईई … आह … सी … आह … सी … ऊ … या … चूस लो … खा जाओ … ये निगोड़ी चूत बहुत परेशान करती है … इसका भरता बना दो … आह … आह … ईई … आह … सी … आह … सी … ऊ … या … के आवाज निकल रही थी।

यह खेल तकरीबन 20 मिनट तक चला।
इस बीच वह एक बार झड़ चुकी थी।

इसके बाद में एक साइड में लेट गया गया और किस करने लगा।
थोड़ी देर में मैंने उसे लन्ड चूसने को कहा मगर वो मना करने लगी।
मैंने ज्यादा जोर नहीं दिया।

फिर रजनी उठी और लन्ड को हाथ में हिलाने लगी, लन्ड के टोपे को आगे पीछे करने लगी।

उसने पास रखे कंडोम को उठाया और लन्ड पर लगाकर लेट गई और मुझे ऊपर आने का इशारा किया।
मैं उसके ऊपर लेट कर उसको किस करने लगा।

फिर मैं लन्ड को चूत पर घिसने लगा जिससे वह और उत्तेजित होने लगी और गांड उठा कर चूत में लन्ड लेने की कोसिस करने लगी.
उसके मुंह से आह … आह … ईई … आह … सी … आह … सी … ऊ … या … की आवाज आ रही थी।

फिर मैंने अपने लन्ड को चूत के मुंह पर एक झटका मारा लेकिन लन्ड चूत के बाहर छटक गया और रजनी हंसने लगी।
वो बोली- तुमसे ना होगा।
इस पर मैं हंस पड़ा और बोला- रुको अभी तुम्हारी चूत फाड़ता हूं।

वो बोली- मेरी चूत फाड़ के दिखाओ तो मैं तुम्हारी भाभी की चूत भी तुमसे फड़वा दूंगी।

मैंने तब उससे शर्त लगाई कि उसको भाभी की चूत दिलानी पड़ेगी।
वो मान गई।

इस बार मैंने लन्ड को चूत के मुंह पर सेट किया और एक जोर का झटका लगाया।
लन्ड आधा उसकी चूत में जाकर फंस गया।
उसको बहुत दर्द हुआ।

रजनी जोर से चीखने लगी, बोली- लन्ड बाहर निकालो, बहुत जलन हो रही है.
वो इधर उधर सर पटक रही थी … मुझको पीछे करने की नाकाम कोशिश कर रही थी और जोर जोर से चीख रही थी.
लेकिन मैंने एक हाथ से मुंह पकड़ रखा था।

मैं थोडा रुका तो रजनी ने चीखना कम किया।
मैंने लन्ड को थोड़ा बाहर निकाला और एक जोरदार झटका लगाया।
लन्ड चूत तो फाड़ता हुआ 7.5 इंच अंदर बच्चेदानी जा टकराया।

इस पर रजनी बहुत जोर से चीख पड़ी और मुझसे चिपक गई.
उसने मेरे गले पर काट लिया … और अपने नाखून मेरे पीठ में गड़ा दिये और रोने लगी।

वह बोली- प्लीज … निकालो बाहर एक बार … बहुत लम्बा और मोटा है तुम्हारा … बहुत दर्द कर रहा है।
मगर मैं रुका नहीं … मैं उसको बिना रुके चोदने लगा.
और वो सिर्फ ‘आह आह आह …’ करे जा रही थी.

थोड़ी देर बाद जब नॉर्मल हुई तो गांड उठा कर लन्ड के ताल से ताल मिला रही थी और पूरे कमरे से फच्च … फ्चा … फच्च … की आवाज़ आ रही थी।
वो मजे से सीत्कारें भरने लगीं- आह … पूरा पेलो आह मजा आ रहा है … और चोदो अन्दर तक लंड पेल … मेरी बच्चेदानी में छेद कर दे … आह फाड़ दे मेरी चुत को … आज से ये तेरी गुलाम है जान.

मैं भी जोश में आ गया- आह ये लो … और अन्दर लो … आज के बाद तुम मेरी बीवी हो … आह अह!
रजनी- आह जान, ऐसे ही पेलो, मेरा जीवन धन्य हो गया … आज पहली बार इतनी देर तक चुदी हूँ … आह फाड़ डालो आज मेरी चूत को.

पन्द्रह मिनट में ही रजनी दो बार झड़ चुकी थीं और मेरा अभी हुआ नहीं था.

लगभग 20 मिनट की धकापेल चुदाई के बाद मैं झड़ गया और रजनी के ऊपर लेट गया।
थोड़ी देर बाद रजनी उठी, उसने कंडोम निकाल दिया और लन्ड को मुंह में लेकर चूसने लगी।

मैं यह सोच रहा था कि जो अभी तक चूसने के लिए तैयार नहीं थी वो अचानक रण्डी की तरह मेरा लंड चूस रही थी।
और मैं एकदम मस्त था।

थोड़ी देर मेरा लन्ड फिर से खड़ा हो गया और वो लन्ड के ऊपर बैठ कर चुदाने लगी।
मैं दोनों चूचियों को हाथ में लेकर दबा रहा था।

तभी रजनी तेज तेज लन्ड पर कूदने लगी और जानवरों की तरह मुझे जहाँ तहां दांतों से काटती हुई झड़ कर ऊपर लेट गई।
उस वक्त मुझे उससे डर लगने लगा था।

उस रात और अगले तीन दिन हमने और रजनी ने खूब सेक्स किया।
तीन दिन के बाद रजनी के चेहरे पर एक अलग ही निखार था।

इसके बाद रजनी ने अपने वादे अनुसार भाभी की चूत का भी मुझसे भोसड़ा बनवाया और गांड मरवाई।
लेकिन वो कहानी मैं आपके इस कहानी के फीडबैक के बाद लिखूंगा कि कैसे मैंने एक ही बिस्तर पर भाभी और रजनी की चूत और गांड का भोसड़ा बनाया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
[+] 1 user Likes neerathemall's post
Like Reply
#3
Good story
Like Reply




Users browsing this thread: 1 Guest(s)