उस दिन मैं टीवी देख रहा था और मेरी माँ चाय बना रही थी। मेरे परिवार में बस मैं और मेरी माँ है। पिता जी का 4 साल पहले एक कार एक्सीडेंट में मौत हो गई।
घर का एकलौता बीटा होने के नाते सारा बोझ मेरे सर आ गया और मुझे अपनी पढाई छोड़नी पढ़ी।
उस दिन मौसम काफी अच्छा था। मिनी मिनी हवा चल रही थी और सूरज बादलो के पीछे छिपा था। मौसम का पूरा मज़ा लेने के लिए माँ चाय और थोड़े पकोड़े बना रही थी।
मेने टीवी बंद किया और छत पर जा कर दो कुर्सी लगा दी। और एक छोटे से स्टूल पर छाए और पकोड़े रख दिए। माँ ने चाय और पकोड़े एक छोटे स्टूल पर रख दिए।
मैं चाय पिता फ़ोन पर गाने सुने लगा और माँ अखबार पर एक नजर डालने लगी। तभी अचानक बारिश होने लगी और हम तेजी से छत के कमरे की और भागे।
माँ – लग नही रहा था इतनी तेज बरसात होगी।
मेने कहा – माँ मेरा थोड़ा बरसात में नहाने का दिल है वैसे भी आज मैं नहाया नही।
माँ – मन है तो जाओ पर अगर बीमार हो गए तो इस लॉकडाउन में दवाई मिलना मुश्किल हो जाएगी।
मेने शर्ट उतारी और बारिश में नहाने लगा। ठंडी हवा और तेज बारिश देख माँ का भी मन कर गया और वो भी मेरे साथ नहाने लगी।
मेने देखा की माँ की पूरी साड़ी गीली हो गई और उनके ब्लाउज से उनकी ब्रा दिखने लगी।
उनके गीले स्तन और गोरी कमर देख मेरे मन में गन्दी भावनाए जाग उठी।
माँ भीगते हुए मानो जवान सी दिखने लगी और मैं उन्हें देखता रहा। उनको अपनी जवानी के दिनों की याद आ गई और वो बरसात में झूमने लगी।
उन्हें उछलते स्तन देख मेरी वासना बढ़ने लगी। उनके स्तन और चूचिया गीले ब्लाउज से दिखने लगे।
अपना लंड खड़ा करने के लिए हमें इंस्टाग्राम पर फॉलो करे !!
अपनी कामुक और सुडौल माँ को देख मेरा लिंग उठने लगा और पजामे से दिखने लगा। जब माँ की मेरे लिंग पर नजर पढ़ही तो वो एक पल को दंग रह गई।
मेरा लिंग देख माँ शर्मा गई और वह से जाने लगी। फिर अचानक उनका पैर फिसला और वो मेरे ऊपर जा गिरी।
हम दोनों जमीन पर गिर गए। माँ मेरे ऊपर थी और मैं उनके निचे।
उनके भारी भरकम दूध से भरे स्तन मेरे चेहरे पर थे। और मेरा मोटा लिंग माँ की जांघों के बीच टकरा रहा था।
माँ शर्माते हुए मेरी आँखों में देखने लगी और मेरे लिंग को अपनी जांघों के बीच महसूस करने लगी। मेने मर्दाना तरीके से माँ की गांड अपने हाथो से दबोची और उन्हें कामुक तरीके से मसलने लगा।
शयद अन्तर्वासना मुझ में ही नही मेरी माँ में भी भरी थी तभी उन्होंने कुछ नही किया।
उन्होंने धीरे से अपने होठ आगे बढ़ाये और मेरे होठो को चूमने लगी।
तभी मुझे चुदाई का जोश आने लगा और मेने माँ की साड़ी में हाथ डाल दिया और उनकी मोटी गांड में ऊँगली करने लगा।
माँ ने अपना ब्लाउज खोला और अपने सुंदर स्तन मेरे मुँह के आगे रख दिए। मैं उन्हें चूसने लगा और माँ मेरे सर पर हाथ फेरने लगी बिलकुल वैसे जैसे वो बचपन में करती थी।
थोड़ी देर की धीमी चुसाई के बाद मेने उन्हें जोर से चूसना शुरू कर दिया। मैं इस उम्मीद में उनके स्तन चूसे जा रहा था की उनके स्तनों से दूध निकलेगा। पर ऐसा कुछ ना हुआ।
फिर मेने माँ को उठाया और उन्हें छत के कोने में लेजा कर चूमने लगा। मेरे लिंग से पानी रिसने लगा और मेरा मन चुदाई का करने लगा।
मेने माँ को जोर से खींचा और उनके कान में कहा – साड़ी उतारो।
माँ मुस्कुराने लगी और अपनी पूरी साड़ी उतारने के बाद वो निचे बैठ कर मेरा लिंग हिलाने लगी।
मेने जोशीले अंदाज में माँ को उठाया और उन्हें दीवार की तरफ मुँह करा कर हल्का सा झुका दिया।
माँ ने अपनी गांड फैलाई और अपनी चुत दिखाने लगी। उनकी गीली चुत मेरे लंड को न्योता देने लगी।
मेने अपने हाथ पर थूका और अपने लंड को मसलने लगा।
माँ पीछे मूड कर मुझे देखने लगी और मेरे जोरदार धको का इंतजार करने लगी।
मेने लंड पर थूक लगाया और उनकी चुत में घुसा दिया और माँ की मुँह से हल्की अहह निकल पड़ी।
मैं बरसात में माँ की चुदाई करने लगा और 4 साल बाद माँ को यौन संतुष्टि देने लगा।
माँ की आँखे नशीली होने लगी और उनका अपने पेरो पर बस नही रहा।
चुत की जोरदार चुदाई से माँ कड़ी नही रह पाई और वो निचे बैठ गई। फिर मैं उन्हें घोड़ी बना कर चोदने लगा।
उनके मोटे स्तन मेरी धको से आगे पीछे हिलने लगे और मेरी कामवासना बढ़ाने लगे।
मैं माँ को बरसात में चोदता रहा और वो पुरे मजे लेती रही।
उनके गीले बाल उनकी कमर पर थे और वो ऐसी दिख रही थी जैसे कोई हुसन की मलिका हो।
उनकी खनकती चुडिया और पायल मुझे और तेज चुदाई करने के लिए मजबूर कर रही थी। ऊपर से उनके मुँह से अह्ह्ह उउउउ और तेज अहह सुनकर मेरा लंड और कड़क हो जाता।
माँ – अहह !! थोड़ा धीरे इतना तेज मेने बोहोत सालो बाद सहन किया है।
मेने कहा – माँ मेरी जवानी आप कर भारी ना पड़ जाये इसलिए मैं धीरे कर रहा हु वरना तो आप दर्द से चीला रही होती।
माँ – अच्छा !! जरा दिखाना तो तुम क्या कर सकते हो ?
मेने माँ को उठाया और उनके पर अपनी कमर पर लपेट लिए। साथ ही मेने उनकी कमर पकड़ ली और उन्हें उठा कर चोदने लगा।
मैं माँ को अपने लंड पर उछाल रहा था और माँ तेजी से चिलाने लगी। कही लोग ना सुन ले इसलिए मेने उन्हें चूमना शुरू कर दिया।
मेरा लिंग सीधा उनकी चुत में अंदर बाहर जा रहा था।
मैं अपना लिंग जितना अंदर डालता माँ उतना तेज चिलाती।
फिर मेने अपने लंड पर गर्म पानी महसूस किया। मेने निचे देखा तो आप की चुत से पानी की बरसात हो रही थी।
मेरे लंड की चुदाई से मेने उनकी चुत से पानी निकल दिया था।
माँ ने मुझे हफ्ते हुए कहा – बस और नही होगा मुझ से रुक जाओ।
मेने माँ को निचे बठाया और उन्होंने मेरा लंड पकड़ लिया।
मेरी आँखों में देख कर वो उसे चूसने लगी और मेरे अंडे सहलाने लगी।
अचानक उन्होंने मेरे गोटे गलती से जोर से दब गए और मेरे लंड से सफ़ेद पिचकारी निकल पड़ी।
गोटो का दर्द मैं सहन नही कर पाया और मेने लंड ने सफ़ेद पानी छोड़ना शुरू कर दिया।
मेरा सारा माल उनके मुँह पे जा गिरा और माँ उसे उनलगी पे ले कर चाटने लगी।
उस दिन के बाद माँ के चेहरे पर अलग से रौनक आ गई। मैं उन्हें शायद किसी जीवन साथी होने का सुख दे रहा था। उस दिन के बाद से मेने और मेरी माँ ने लॉक डाउन में खूब चुदाई की और साथ में अच्छा वक्त गुजरा