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खुले खेत में चुदाई का मजा
#1
खुले खेत में चुदाई का मजा
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#2
तब मैं २० साल की थी और हमारा नया घर बना था, जो की गाँव के बाहर खेतो में था. मेरा फिगर तक़रीबन ३२-२८-३४ है और गाँव के कई लड़के मेरे पर ट्राई मारते थे. पर मैं किसी को ज्यादा भाव नहीं देती थी. उनमे से एक लड़का था शमशेर. वो दिखने में उनसे ज्यादा स्मार्ट और मजबूत शरीर का मालिक था. हालाकि मेरे दिल में उसके लिए कोई बात नहीं थी, पर जब भी वो सामने आता तो मुझे पता नहीं क्या हो जाता था. मैं कॉलेज की बस में कॉलेज जाती थी और बसस्टैंड तक जाने के लिए खेतो के बीच रास्ते में से जाना पड़ता था. एक दिन बस बहुत भरी हुई थी और जब मैं बस में चडी, तो शमशेर भी भागता हुआ आया और मेरे पीछे-पीछे बस में चढ़ गया.

बस बहुत ज्यादा भरी थी, तो मैं बड़ी मुश्किल से खड़ी थी और शमशेर बिलकुल मेरे से लग कर खड़ा हो गया. मैने सूट पहना हुआ था. उसका हाथ पीछे से मेरी सलवार के ऊपर से मेरी जांघो पर था और मुझे बहुत ही अजीब लग रहा था. पहली बार किसी लड़के का हाथ मेरे को टच कर रहा था और वो भी भीड़ की आढ़ में मुझे टच करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ रहा था. उसका हाथ हलके-हलके हरकत कर रहा था. उसने धीरे-धीरे अपने हाथ को सरकाते हुए, अपने हाथ को मेरी गांड पर रख लिया. जब मैने पीछे मुढ़कर देखा, तो वो मुस्कुरा रहा था. मै नकली गुस्सा दिखाते हुए, आगे बढ़ जाती हु, लेकिन हकीकत में मुझे इस तरह से मर्दाना हाथ का टच अपने अंगो पर महसुस करके बहुत मज़ा आ रहा था. धीरे-धीरे उसके हाथो की स्पीड तेज होने लगी थी और मेरी भी एक्स्सित्मेंट में आँखे बंद हो रही थी. मुझे पता भी नहीं चला, कि कब मेरी चूत पानी छोड़ दिया! तब तक शहर आ गया. मैं वहां उतर गयी और वो भी मेरे पीछे उतर गया और मुझे रोककर बोला – “मज़ा आया”.

मैं हंस पड़ी और जाने लगी. वो बोला – मैं आज तुम्हारा २ बजे अपने खेतो में वेट करूँगा, आ जाना. मैं कहा – अगर मैं ना आऊ, तो. शमशेर बोला – अरे जान, मेरे हाथो में इतना तो जादू है. तुम जरुर आओगी. इतना कहकर वो चले गया और मैं भी चल पड़ी कॉलेज. उसदिन, मेरा दिल कॉलेज में नहीं लग रहा था. उसके पहले स्पर्श से ही, मेरे दिल हलचल मची हुई थी. वास्तव में, उसके हाथो में जादू था. मुझसे रहा नहीं जा रहा था और मैं कॉलेज बीच में ही छोड़कर गाँव की ओर निकल गयी और रास्ते में मुझे उसकी बात याद आ रही थी. सच में, मेरी चूत में हलचल मची हुई थी. अब वो भी लंड मांग रही थी, आखिर २० साल की प्यासी चूत थी. पर दिल ही दिल में डर भी लग रहा था. मैने टाइम देखा, तो १:३० बज रहे थे और ये बिलकुल सही टाइम था. जब तक गाँव पहुची, तब तक २ बज चुके थे और गाँव पहुची; पता नहीं क्यों, मेरे पैर अपने आप शमशेर के खेत की तरफ चल पड़े और मैने उसके खेत पहुचकर देखा, तो वह एक कमरा बना हुआ था.

वो कमरे के बाहर खड़ा था और मुझे देखकर मुस्कुरा पड़ा और बोला – मैने बोला था रानी, तू जरुर आएगी. मैं कुछ नहीं बोली और उसने मुझे अपनी तरफ खीचा और मेरे होठो को चूसने लगा. पहले तो मुझे कुछ अजीब लगा. पर फिर हौले-हौले मुझे भी अच्छा लगने लगा और तक़रीबन ५ मिनट तक वो मुझे चूमता रहा और बीच में वो सूट के ऊपर से मेरे बूब्स को सहलाने लगा. मेरी आँखे मदहोशी से बंद हो रही थी. फिर वो मुझसे अलग हुआ इर बोला – मुझे यकीन था, एक ना एक दिन, इस गाँव के सबसे बेहतर माल को मैं ही चोदुंगा. मैं कुछ भी नहीं बोल रही थी. बस वो जो कर रहा था, उसे होने देना चाहती थी. वो सूट के ऊपर से ही मेरे मम्मो को मसल रहा था. अब मैं बस चुदना चाहती थी. मैने कहा – यहाँ नहीं, कमरे में चलते है. यहाँ कोई देख लेगा. शमशेर ने कहा – अरे जान, ऐसा ही तो चुदाई में असली मज़ा आता है.

फिर उसने मेरी चुन्नी खीचकर उतार दी और मेरी शर्ट उतार दी और नीचे मैने ब्लू ब्रा पहनी थी. वो ब्रा के ऊपर से मेरे मम्मे चूसने लगा और पागलो की तरह उनको मसल रहा था. मैं आहे भर रही थी. मेरी आँखे बंद थी और फिर उसने अपना पायजामा कुरता उतारा और निकर के ऊपर ही अपने उभरे हुए लंड पर मेरा हाथ रख दिया. मैं पहली बार किसी के लंड को पकड़ रही थी. इतना बड़ा और सख्त था. उसने मुझे मेरे हाथ से अपने लंड को सहलाने को कहा. मैं हौले-हौले उसके लंड को सहला रही थी और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. उसने मुझे उठाया और मेरी सलवार उतार दी और फिर पेंटी और ब्रा भी. मेरे मम्मे को बहुत देर तक चूमने, चूसने और चाटने के बाद उसने मुझे नीचे लिटा दिया. मेरी हालत ख़राब होने लगी थी. मैने उसको बोला – अब कुछ करो भी, मेरी हालत ख़राब होने लगी है. वो मुस्कुराया रो मेरी चूत पर अपने लंड को टिका दिया. फिर उसने एक जोरदार धक्का लगाया और उसका लंड मेरी सील तोड़ते हुए, सीधा मेरी चूत में घुस गया. मेरी आँखों से आंसू निकलने लगे थे और मेरी चीख निकल गयी.

उसने अपना लंड कुछ देर वैसे ही रखा और मेरे मम्मे सहलाने लगा. कुछ देर के बाद मैं नार्मल हो गयी और फिर वो हौले-हौले धक्के लगाने लगा. मेरी हालत ख़राब हो रही थी और आँखों से पानी निकालने लगा था. उसने ये सब देखकर अपने धक्को की स्पीड बड़ा दी और मैं भी जोर से आहे भरने लगी थी. मैं अपने लम्बे नाख़ून उसकी पीठ में गडा रही थी और कुछ देर ऐसे ही पेलने के बाद उसने अपने लंड को बाहर निकाल लिया और मुझे उसका मुठ मारने को कहा. अपने उसके लंड को अपने हाथ में लिया और उसकी मुठ मारने लगी. कुछ ही सेकंड में वो जोर से आहे भरने लगा और फिर उसके लंड से पिचकारी आई और वो सीधे मेरे मुम्मो पर गिरी और पिचकारी के बाद उसका लंड सुकड़ गया. उसका माल मेरे मम्मो और पेट पर गिरा. मैने देखा जमीन पर मेरी चूत से निकले खून के धब्बे थे. मैं डर गयी थी, तो वो हँसने लगा और बोला – रानी, ये तो पहली बाद में होता हि है. तुम आराम से घर जाओ. फिर मैने उसके वीर्य के ऊपर ही ब्रा पहनी और कपडे पहने और घर जाने लगी, तो उसने एक जोरदार किस मेरे लिप्स की ले ली. अपने घर के लिए निकल गयी. रास्ते में, मुझसे चला भी नहीं जा रहा था और मेरी चाल भी बिगड़ गयी थी. बड़ी मुश्किल से घर पहुची. तो ये थी मेरी पहली चुदाई.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#3
बहोत बढिया
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#4
(29-01-2023, 03:43 AM)sahebraopawar Wrote: बहोत बढिया

Tongue Sick Sick Sick Namaskar
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#5
(01-02-2023, 12:34 AM)neerathemall Wrote: Tongue Sick Sick Sick Namaskar

yourock congrats congrats
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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