28-01-2023, 09:07 PM
सगी बहन की चूत का दर्द
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
सगी बहन की चूत का दर्द
|
28-01-2023, 09:07 PM
सगी बहन की चूत का दर्द
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
28-01-2023, 09:09 PM
मुरादाबाद उ.प्र. का रहने वाला हूँ। मेरे घर में मैं अपने माता-पापा और एक छोटी बहन के साथ रहता हूँ।
पापा चंडीगढ़ में बहुदेशीय कंपनी में मैंनेजर की पोस्ट पर जॉब करते हैं। मेरी छोटी बहन जो 21 साल की है। उसका फिगर 34-26-34 है, वो एम.ए. में पढ़ रही है और मेरी माँ एक हाउसवाइफ हैं। यह एक सच्ची घटना है, यह बात 2 महीने पहले की है। प्लीज़ इसको पढ़िए और मुझे लगता है कि इस दास्तान को पढ़ कर लड़के अपने लंड को रगड़ने और लड़की अपनी चूत में उंगली डालने पर मजबूर हो जाएँगी। मेरी बहन दिखने में एकदम गोरी-चिट्टी है, मैं हमेशा से अपनी बहन का दीवाना रहा हूँ क्यूँकि पापा 2-3 महीने में एक बार घर आते थे और घर में, माँ और बहन ही रहते थे। वो कॉलेज कम ही जाती थी और मैं भी एम.बी.ए. के बाद कुछ दिन घर पर छुट्टी बिताने आया था। मेरी बहन घर में टाइट सूट और सलवार पहनती थी, जिस में उस के खड़े मम्मे और उठी हुई गाण्ड बहुत मस्त दिखाई देते थे। उन्हें देख कर मेरा लंड हमेशा खड़ा रहता था। दोस्तो, जैसा कि कहानियों में लिखा होता है उतनी आसानी से माँ या बहन नहीं पटती, उसे पटाने के लिए मैंने भी बहुत पापड़ बेले और दिन उसे पटा ही लिया। अब मैं बताता हूँ कि मैंने कैसे उसे चोदा..! मैं उसे देखता था, यह बात उसे पता थी और वो मेरा खड़ा हुआ लंड देखा करती थी। कई बार मैंने उसे नहाते हुए नंगी भी देखा था और सोने का नाटक करके उसे अपना नंगा लंड भी दिखाया था, आग दोनों तरफ लगी थी। फिर एक दिन मुझे मौका मिल गया। मेरी नानी की मृत्यु हो गई थी, तो माँ को वहाँ जाना पड़ा और घर में हम दोनों ही अकेले थे। मैं यह मौका नहीं खोना चाहता था। वो रसोई में खाना पका रही थी और टाइट सूट और टाइट सलवार पहने हुए थी। वो बहुत ही कामुक लग रही थी, उसे देख कर ही मेरा लंड खड़ा हो गया। मैं सिर्फ़ बनियान और अंडरवियर में था, मैंने उसे पीछे से जाकर पकड़ लिया, वो एकदम से डर गई और अलग हो गई। तो मैंने कहा- क्या हुआ? वो बोली- भैया.. क्या कर रहे हो? मैंने बहाना बना दिया कि तुझे डरा रहा था और फिर से उसके पीछे से चिपक गया। तो उसने फिर मना किया- क्या कर रहे हो? तो मैं बोला- अपनी प्यारी बहन को प्यार कर रहा हूँ। अब उसने ज़्यादा विरोध नहीं किया और खड़ी रही। लेकिन जब मेरा लंड उसकी गाण्ड की दरार में छुआ तो वो थोड़ा आगे को हो गई, ताकि मेरा लंड उसकी गाण्ड से हट सके। लेकिन मैं तो उसे चोदना चाहता था, तो मैं भी थोड़ा आगे को हुआ और फिर से लंड टिका दिया। अब उसका चेहरा लाल हो गया और छूटने के लिए कसमसाने लगी और बोली- भैया छोड़ो ना.. क्या क्या रहे हो… मैं माँ और डैड को बोलूँगी..! लेकिन मैंने नहीं छोड़ा और पीछे से ही उसकी गर्दन पर एक चुम्मा लिया। तो उसने मुझे डराना चाहा, बोली- मैं सबको बता दूँगी। फिर मैंने उसे कहा- तू एक लड़की है, तेरा मन भी सेक्स को करता होगा..! उसे मुझसे ऐसे सवाल की उम्मीद नहीं थी, वो शरमा गई और कुछ नहीं बोली। अब मैंने उसे एक और चुम्बन लिया तो मुझसे छूट कर चली गई और उसने अपना कमरा लॉक कर लिया। फिर मैंने उसे सॉरी बोलते हुए कमरा खुलवाया और रूम में अन्दर जा कर रूम लॉक कर लिया। तो वो बोली- यह क्या कर रहे हो? मैंने उसे समझाया और कहा- प्लीज़ मान जाओ, हम दोनों को सेक्स की जरूरत है। और मैंने उसके हाथ पर हाथ रखा और अपनी तरफ खींचा और उसके गाल पर चुम्बन किया। वो बोली- यह पाप है… हम दोनों भाई-बहन हैं और अगर किसी को पता चल गया तो बदनामी हो जाएगी। तब मैंने उसे समझाया- किसी को पता नहीं चलेगा… यह बात हम दोनों के बीच ही रहेगी..! और उस के होंठों पर अपने होंठ रख दिए। वो छूटने की कोशिश करने लगी लेकिन मैंने उसे ढीला नहीं छोड़ा, कुछ देर में वो गर्म होने लगी और उसने छूटने की कोशिश छोड़ दी। तभी मैंने उसके मम्मों पर हाथ रखा और सहलाना शुरु कर दिया। 15 मिनट तक ऐसा ही चलता रहा, फिर वो भी मेरा साथ देने लगी। फिर मैंने उसे बेड पर लिटा दिया और उसके मम्मे दबाने लगा और वो सीत्कारने लगी- आआअहह्हा अहहहा..! मैंने मौके का फायदा उठाते हुए उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और सूट भी उतार दिया। अब वो मेरे सामने ब्रा और पैन्टी में थी। आह दोस्तो.. क्या लग रही थी..! मैं बता नहीं सकता… उफ्फ उसके गोरे बदन पर काली ब्रा-पैन्टी…ओह्ह पूछो मत..बिल्कुल अप्सरा दिख रही थी..! फिर मैंने ब्रा के ऊपर से ही उसके दूध दबाने लगा। वो सिसकारियाँ भरने लगी और ‘आआआहह आआहह’ करने लगी। धीरे-धीरे मैंने उस के पेट पर हाथ फिराते हुए उसकी जाँघों पर ले गया और सहलाने लगा। उसने मेरा हाथ अपनी जाँघों में दबा लिया और अकड़ गई। अब मैंने उसकी ब्रा भी खोल दी और दूध को पीने लगा और एक हाथ से उसका दूसरा निप्पल दबाने लगा। वो तड़प उठी और बोली- उह्ह भैया रहने दो ना.. प्लीज़ अब और नहीं मैं मर जाऊँगी…आअहह आआहह..! तभी मैंने पैन्टी के ऊपर से ही उसकी चूत पर हाथ रखा और सहलाने लगा। उसने मेरा लण्ड पकड़ लिया और अचानक छोड़ दिया। मैं बोला- क्या हुआ जान? तो बोली- यह तो बहुत मोटा और बड़ा है.. मेरे अन्दर नहीं जाएगा। तब मैंने अपना अंडरवियर उतारा और अपना खड़ा हुआ लंड उसके सामने कर दिया और कहा- जान किस करो न.. इसे..! वो बोली- नहीं मुझसे नहीं होगा। तब मैंने उसकी पैन्टी भी उतार दी और अब हम दोनों बेड पर नंगे थे और एक-दूसरे से लिपटे हुए थे। मैंने उसकी चूत पर हाथ रख और एक उंगली चूत के अन्दर घुसेड़ दी। वो तड़प उठी और मेरे लंड को ज़ोर से दबा कर पकड़ लिया। ओऊऊ..ओह गॉड.. क्या नजारा था..! मैंने अपना लंड उस के होंठों के पास रखा और मुँह में देने लगा। कुछ देर मना करने के बाद वो मजे से चूसने लगी और मेरे मुँह से सिसकारी निकलने लगी- आहहाअ…अहहहा.. इस काम को करते हुए हमें 45 मिनट हो गए थे और वो एक बार झड़ चुकी थी। फिर मैंने मुँह से लंड निकाला और उसका दूध दबाने लगा। वो बोली- भैया, अब चोद भी दो ना.. अब रुका नहीं जा रहा है…! मैंने उसे घोड़ी बनने को कहा तो वो डरते हुए घोड़ी बन गई, मैं अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा। वो लगातार सिसकारियाँ भर रही थी और कह रही थी- प्लीज़.. जान डाल दो न …अन्दर प्लीज़ भैया चोद दो.. अपनी बहन को..! यह कहानी आप नाईट डिअर डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं ! मैंने लंड उसकी चूत पर रखा और हल्का सा धक्का लगाया, तो लंड अन्दर नहीं गया, क्योंकि उसकी चूत बहुत कसी थी। वो दर्द से कराह कर आगे को हो गई लेकिन मैंने उसे फिर से कस कर के पकड़ा और थोड़ा ज़ोर से धक्का लगाया तो लंड का टोपा अन्दर गया। वो दर्द से चिल्ला उठी- प्लीज़ निकाल लो… वरना मैं मर जाऊँगी.. प्लीज़ भैयाया..! और उसकी आँखों से आँसू निकल रहे थे। तभी मैंने एक और धक्का लगाया तो लंड आधा अन्दर घुस गया और उस के मुँह से ज़ोरदार चीख निकली- उउइईईई ममाआआआ मर गई आआआआआहह.. वो जोर से रो रही थी, मैंने उसका मुँह नहीं पकड़ा हुआ था, क्योंकि घर बंद था और मकान से बाहर आवाज़ नहीं जाती थी। मैं ऐसे ही रुका रहा, उसकी चूत से खून निकल रहा था। वो आगे की तरफ़ झुकी ताकि छूट सके लेकिन उसकी इस हरकत से लंड और टाइट हो गया। अब उसका मुँह नीचे बेड पर टिका था और घुटने उठे हुए थे। ‘उओ आआहह आअहह चिल्ला’ रही थी और मुझसे बाहर निकालने के लिए कह रही थी लेकिन मैंने नहीं छोड़ा, मुझे मालूम था कि यदि इसको ऐसे ही छोड़ दिया तो फिर वो कभी अन्दर नहीं डलवाती। कुछ देर मैं ऐसे ही रुका रहा और उसके मम्मे दबाता रहा। वो कुछ देर बाद नॉर्मल हुई और मैंने धक्के लगाने स्टार्ट किए और धीरे-धीरे पूरा लंड अन्दर डाल दिया। वो अभी भी दर्द से कराह रही थी, लेकिन कुछ ही देर में नॉर्मल हो गई और गाण्ड उठा कर मेरा साथ देने लगी और उस के मुँह से ‘आआहह उुउऊहह उूउउइ आअहह..’ की आवाजें निकल रही थीं। चुदाई से ‘छप-छप’ की आवाजों के कारण कमरा गूँज रहा था। धकापेल चुदाई के बाद अब मैं झड़ने वाला था और तेज-तेज धक्के लगा रहा था, हर धक्के पर उसके मुँह से ‘आअहह’ निकलती। लगभग 30 मिनट की चुदाई के बाद मैं उसकी चूत में झड़ गया। इस बीच वो भी दो बार झड़ चुकी थी। झड़ने के बाद मैं उस के ऊपर लेट गया और उसे चूमने लगा। उससे पूछा- कैसा लगा..! तो बोली- पहले बहुत दर्द हुआ, लेकिन बाद में मजा आया। फिर कुछ देर बाद हमने एक-दूसरे को चूमना चालू किया और हम फिर से तैयार हो गए। वो मना कर रही थी, लेकिन गरम थी सो मान गई और उस रात हमने 6 बार चुदाई की। सुबह वो ठीक से चल भी नहीं पा रही थी और उसकी चूत सूज गई थी। तभी माँ का कॉल आया कि वो 10 दिन बाद आएंगी..! तो अब हम दोनों बिल्कुल आज़ाद थे, हम घर में नंगे ही घूमने लगे और जब दिल करता चुदाई शुरू कर देते। जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
28-01-2023, 09:11 PM
2,,,,,,,,,,
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
28-01-2023, 09:11 PM
दीदी की चुदाई की तड़प
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
28-01-2023, 09:14 PM
मेरा नाम आकाश पाटिल और में पुणे शहर में रहता हूँ, मेरी उम्र 25 साल और में दिखने में बहुत अच्छा लगता हूँ. मेरे परिवार में चार सदस्य है. में, मम्मी पापा और एक मेरी बड़ी बहन और में हमेशा अपनी बहन को दीदी कहकर बुलाता हूँ और इसके अलावा में उसे किसी और घर के नाम से नहीं पुकारता हूँ, हम दोनों भाई बहन की उम्र में सिर्फ दो साल का अंतर है. मैंने अभी पिछले साल अपनी इंजिनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद में अब एक मल्टिनेशनल कंपनी में नौकरी कर रहा हूँ और मेरी दीदी भी पिछले कुछ सालों से एक बहुत बड़ी प्राईवेट कम्पनी में नौकरी करती है.
दोस्तों मुझे शुरू से ही सेक्स कहानियाँ पढ़ना बहुत अच्छा लगता है और जिनको पढ़कर मुझे बहुत मज़ा आता है और मुझे बचपन से ही सेक्स करने में बहुत रूचि है. दोस्तों मेरे घर में तीन कमरे है, नीचे मम्मी, पापा का बेडरूम है और ऊपर मेरा और मेरी दीदी का. हमारे पूरे घर में सिर्फ दीदी के रूम में इंटरनेट था और में हमेशा सोचता रहता था कि क्या वो भी इंटरनेट पर कुछ ऐसा देखती होगी? तब मैंने एक प्लान बनाया कि में उनके लेपटॉप पर इंटरनेट की हिस्टरी चेक करूं, वो शायद गुरुवार का दिन था और दीदी के नौकरी के लिए निकलने के बाद में उसके कमरे में चला गया और में उनका लेपटॉप चालू करके इंटरनेट ब्राउज़िंग की हिस्टरी देखने लगा, लेकिन अफ़सोस मेरे देखने से पहले ही पूरी हिस्टरी डिलीट थी. इसका मतलब यह था कि दीदी ने अपने लेपटॉप पर नोट सेव इंटरनेट हिस्टरी किया हुआ था और मेरा वो पूरा दिन ऐसे ही चला गया था, मेरे हाथ कुछ ऐसा ख़ास नहीं लगा था. फिर दूसरे दिन शुक्रवार को फिर मैंने लेपटॉप को चेक करने की कोशिश की, लेकिन उस दिन भी मुझे ब्राउज़िंग हिस्टरी में कुछ भी नहीं मिला और ना ही लेपटॉप में. फिर अचानक मुझे एक विचार आया जिससे मेरी तो पूरी जिंदगी ही बदल गई. मैंने ब्राउज़र की सेटिंग में दीदी का गूगल अकाउंट का पासवर्ड सेव था तो वो देखा. दीदी का गूगल लॉग इन करने के बाद में उसकी गूगल सर्च हिस्टरी देखने लगा और उसे देखने के बाद में तो जैसे बिल्कुल पागल ही हो गया. मैंने देखा कि मेरी दीदी बहुत सारा पोर्न देखती थी और और तब मैंने एक बात पर गौर किया कि दीदी ज़्यादातर सेक्स के बारे में सभी शनिवार रात को ही देखती है. फिर मैंने लेपटॉप को बंद किया और मेरे रूम में आकर सोचने लगा कि आज शुक्रवार है और दीदी कल रात कुछ ना कुछ तो जरुर करेगी और अब मुझे वो कैसे भी देखना था. फिर मैंने एक प्लान बनाया, दीदी और मेरे रूम में हवा बाहर जाने के लिए एक छोटी सी खिड़की थी और आने वाले कल के बारे में सोच सोचकर मैंने शुक्रवार रात को दो बार अपना लंड हिलाया और फिर शनिवार को दीदी शाम को अपने ऑफिस से ठीक समय पर घर आ गई और रात को खाना खाने के बाद मैंने उसको पूछा. में : दीदी क्यों तू रात को कितने बजे सोती है? दीदी : क्यों रे तुझे लेपटॉप पर ऐसा क्या करना है? में : वो मुझे रात को 12.30 के बाद तुम्हारे लेपटॉप पर इंटरनेट से कुछ काम करना था और वो मुझे मेरे एक दोस्त से चेटिंग करना था इसलिए. फिर दीदी ने थोड़ा सोचकर बोला कि ठीक है में 12.30 तक अपना सभी काम ख़त्म करती हूँ और फिर तुम्हें एक मिस कॉल दे दूँगी. अब में अपने बेडरूम में आ गया और करीब 10-15 मिनट के बाद मैंने मेरे रूम की लाईट को बंद कर दिया और मैंने अपनी पढ़ाई करने की टेबल पर एक कुर्सी रखी और अब उस खिड़की से पास वाले कमरे के अंदर देखने लगा. मैंने देखा कि करीब 10.30 बजे दीदी ने अपने लेपटॉप को चालू किया और फिर उसने अपने कान में हेडफोन्स लगाए और अब वीडियो गाने देखने लगी. में अब बहुत परेशान हुआ जा रहा था और मन ही मन सोच रहा था कि क्या दीदी आज कुछ करेगी भी या नहीं? तभी कुछ देर बाद दीदी ने अपने कानों से हेडफोन्स को बाहर निकाला और फिर कांच के सामने आ गई और वो अब एक एक करके अपने कपड़े उतारने लगी, मुझे वो सब कुछ एकदम साफ साफ दिख रहा था. दोस्तों अब मुझे अपनी आखों पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था कि मेरी दीदी अब मेरे सामने उस हालत में नंगी खड़ी हुई थी. अब मेरा लंड वो सब देखकर धीरे धीरे झटके देकर खड़ा होने लगा था, उसने अब अपने पूरे कपड़े उतार दिए और अब वो कांच के सामने पेंटी में खड़ी हुई थी और उसके वो बड़े बड़े बूब्स देखने के बाद मेरे तो लंड से पानी निकलना शुरू हो गया. फिर उसने कपबोर्ड में से एक शॉर्ट जो कि सिर्फ़ जांघो तक ही था और एक बिना बाँह की टी-शर्ट बाहर निकाली और उसे पहन लिया और फिर चलकर लेपटॉप की तरफ आ गई और उसमें कोई सेक्सी विडियो ढूंढने लगी और फिर दीदी ने एक लेस्बियन वीडियो लगाया और अपने कानों में दोबारा हेडफोन्स लगाकर उसे देखने लगी. दोस्तों मुझे तो वो सब देखकर मज़ा ही आ गया, क्योंकि अब ठीक मेरे सामने मेरी हॉट, सेक्सी बहन थी और में उस सीन को देख देखकर मज़े ले रहा था. फिर कुछ देर बाद मेरी दीदी ने जोश में आकर अपनी चूत में ऊँगली करना शुरू कर दिया और थोड़ी देर के बाद दीदी ने अपने बूब्स को भी दबाना, मसलना शुरू किया. मैंने भी यह सब देखकर अपना लंड बाहर निकाला और हिलाने लगा. उसने दोनों पैर टेबल पर रखे और शॉर्ट और पेंटी को उतारा और अब वो अपनी चूत के साथ बहुत मज़े से खेलने लगी, वो अपने एक हाथ से अपने बूब्स दबा रही थी और अपने दूसरे हाथ से चूत को ज़ोर ज़ोर से रगड़ रही थी. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
28-01-2023, 09:17 PM
फिर कुछ देर बाद मेरी दीदी ने जोश में आकर अपनी चूत में ऊँगली करना शुरू कर दिया और थोड़ी देर के बाद दीदी ने अपने बूब्स को भी दबाना, मसलना शुरू किया. मैंने भी यह सब देखकर अपना लंड बाहर निकाला और हिलाने लगा. उसने दोनों पैर टेबल पर रखे और शॉर्ट और पेंटी को उतारा और अब वो अपनी चूत के साथ बहुत मज़े से खेलने लगी, वो अपने एक हाथ से अपने बूब्स दबा रही थी और अपने दूसरे हाथ से चूत को ज़ोर ज़ोर से रगड़ रही थी.
दोस्तों उस सीन को देखकर इतना गरम हुआ था कि में क्या बताऊँ? आप उसके बारे में सोच भी नहीं सकते है कि अपनी बहन को अपनी चूत में उंगली करते देखकर कितना हॉट महसूस होता होगा? फिर थोड़ी देर के बाद दीदी झड़ गयी और बिल्कुल ठंडी हो गई. मैंने देखा कि उसके चेहरे पर एक संतुष्टि की चमक थी, लेकिन में अभी तक भी अपना लंड लगातार हिला रहा था. फिर में कुर्सी से नीचे उतरा और अब बेड पर बैठकर ज़ोर ज़ोर से अपना लंड हिलाकर कुछ देर बाद बिल्कुल शांत हुआ. फिर मैंने समय देखा तो 12:15 बज चुके थे. फिर में फ्रेश हुआ और पर्फ्यूम लगाकर तैयार हुआ तो तभी दीदी का मेरे मोबाईल पर एक कॉल आया और वो मुझसे बोली दस मिनट के बाद मेरे रूम पर आ जाना. मैंने उससे कहा कि ठीक है और अब मुझे देखना था कि वो इस दस मिनट में ऐसा क्या करती है, इसलिए में एक बार फिर से वेंटिलेटर से पास वाले कमरे में देखने लगा, जब तक दीदी ने अपना नाईट गाऊन पहना था और वो भी उसके शरीर पर बॉडी स्प्रे मार रही थी और तभी मुझे थोड़ा सा शक हुआ कि दीदी भी मुझे अपनी तरफ आकर्षित करना चाहती थी, लेकिन तभी उसने अचानक अपने गाऊन को उतारा और फिर ब्रा को भी उतार दिया और उसे लेपटॉप के पास रखा और वापस गाऊन पहन लिया और अब मेरे समझ में पूरी तरह से आ गया कि वो मुझे अपने गदराए बदन को दिखाकर अपनी तरफ आकर्षित करना चाहती थी और में उसकी इस हरकत को देखकर समझ सकता था कि उसने अभी थोड़ी ही देर पहले अपनी चूत में उंगली की थी और वो अभी तक पूरी तरह से शांत नहीं हुई थी और वो अपने आप को अंदर ही अंदर जोश से भरा हुआ महसूस कर रही थी. फिर मैंने भी दीदी के बेडरूम में जाने से पहले अपनी टी-शर्ट को उतार दिया और जानबूझ कर सिर्फ़ शॉर्ट पहना. फिर मैंने दरवाजे को खटखटाया. फिर दीदी ने दरवाजा खोला और वो अब मेरे चेस्ट को कुछ ज्यादा ही घूर रही थी और में उसके होठों को, उसने शायद लिपस्टिक भी लगाई थी, वो दिखने में एकदम सुंदर परी जैसी लग रही थी. फिर में अंदर आया और मैंने दरवाजा बंद किया और लेपटॉप पर बैठा, थोड़ी देर बाद मैंने दीदी से बोला कि वो मेरे दोस्त का मैल आया है कि वो किसी वजह से मुझसे आज चेट नहीं कर सकता. फिर हम दोनों बैठकर बातें कर रहे तो तभी अचानक मुझे दीदी का मोबाईल लेपटॉप के पास रखा हुआ दिखा तो मैंने जैसे ही उसे उठाया तो दीदी आई और अब वो मुझसे जबरदस्ती अपना मोबाईल लेने की कोशिश करने लगी, लेकिन में भी जानबूझ कर नहीं दे रहा था और इसलिए उसने मेरे चेस्ट पर ज़ोर से चिकोटी काटी और फिर में उससे बोला. में : एक शर्त पर दूँगा? दीदी : वो क्या? में : तुम आज मुझे इधर ही सोने दोगी. दीदी : ( वो कुछ देर थोड़ा सोचकर बोली ) हाँ ठीक है सो जाना. फिर मैंने उसको वो मोबाईल दे दिया, तभी दीदी ने उस ब्रा को उठाया जो टेबल पर रखी हुई थी और अब उसे कपबोर्ड में रखा. फिर उसने मुझसे बोला कि लाईट को बंद कर दे और बेड पर आजा और अब दोस्तों हम दोनों एक ही बेड पर थे और मुझे मन ही मन बहुत अच्छा लगा, लेकिन अब तो बस यह देखना था कि हम दोनों में से शुरुआत कौन करता है? और में इस उम्मीद में था कि दीदी ही पहले थोड़ा आगे बढ़े. दीदी : वाह तुम्हारे पर्फ्यूम की खुशबू बहुत अच्छी है. में : धन्यवाद दीदी. दीदी : लेकिन तुमने शर्ट क्यों नहीं पहनी. में : वो में रात को सोते वक़्त कभी कभी कुछ नहीं पहनता हूँ. दीदी : कुछ भी नहीं से तुम्हारा क्या मतलब? फिर हम दोनों वो बात सुनकर ज़ोर ज़ोर से हंसने लगे. में : दीदी क्या में एक बात पूछ सकता हूँ? दीदी : हाँ जरुर पूछ ना बेटा. में : दीदी तुम्हारा बॉयफ्रेंड कौन है और मोबाईल क्यों छुपा रही थी? दीदी : नहीं, मेरा कोई भी बॉयफ्रेंड नहीं है. में : ऐसा क्यों? दीदी : क्या तू बिल्कुल पागल है? में : झूट मत बोलो दीदी. फिर तब तुमने मुझे इतने ज़ोर से पिंच क्यों किया? उसकी वजह से मुझे अपने सीने पर अब तक कितना दर्द हो रहा है? दीदी : वो तो ऐसे ही मजाक में रे. ( फिर दीदी मुस्कुराते हुए मेरी नंगी छाती पर अपने एक हाथ से धीरे धीरे से सहलाने लगी. ) में : अच्छा चलो ठीक है, लेकिन मैंने तो सुना है कि लड़की हमेशा उनके बॉयफ्रेंड को ही किस करती है और में यह बात भी बहुत अच्छी तरह से जानता हूँ कि तुम आज मेरे साथ ऐसा नहीं करोगी. दीदी : मैंने बचपन में तुझे हज़ार बार किस किए है. में : अच्छा यह बताओ कि कहाँ कहाँ किए थे, बोलो ना सिर्फ़ मेरे गाल पर ही या? दीदी : तुम्हारे इस या का क्या मतलब? में : या मेरे होंठो पर भी. दीदी : चुप, हाँ तुम अब बहुत बदमाश हो गये हो. में : प्लीज बोलो ना दीदी. दीदी : अरे बाबा वो बचपन की बातें है और हाँ मैंने सब जगह किए थे गाल पर, गर्दन पर और होंठो पर भी, लेकिन वो सब मैंने बचपन में किया था. दोस्तों अब तक दीदी पूरी गरम हो गयी थी और मेरी छाती से खेलते खेलते वो अब मेरे निप्पल को भी छू रही थी और उस पर भी अपने हाथ से सहला रही थी. में : ठीक है अब में बड़ा हुआ हूँ है ना तो कम से कम गाल पर तो किस कर सकती हो ना? दीदी : हाँ कर सकती हूँ, लेकिन. में : लेकिन क्या दीदी? दीदी : कुछ नहीं बस तुम यह बात किसी को बताना मत. में : हाँ ठीक है दीदी, जल्दी से मुझे मेरे गालों पर गर्दन पर किस करो. दोस्तों तब उस कमरे में पूरा अंधेरा था और दीदी का वो मुलायम हाथ मेरे निप्पल को सहला रहा था. फिर कुछ देर बाद दीदी थोड़ी उठी और अब वो मेरी छाती पर हाथ रखकर गाल पर किस करने लगी और जैसे ही उसके होंठ मेरे करीब आए तो मैंने तुरंत अपना मुहं घुमा दिया और उन होंठो को चूमने लगा और मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था, क्योंकि यह किस मेरा पहला किस था और वो भी मेरी हॉट सेक्सी बहन के साथ और में उस किस के बहुत मज़े ले रहा था, दीदी का हाथ मेरे गाल पर था और वो मेरे गालों को सहला रही थी. फिर मैंने उसके बालों में अपनी उंगलियां डालकर सहलाते हुए में अब उसके ऊपर आ गया और करीब 20-25 सेकिण्ड के बाद दीदी ने अपना वो स्मूच थोड़ा और वो मुझसे कहने लगी कि यह सब ठीक नहीं है और मुझे डांटने लगी. फिर मैंने अपने मुहं पर एक ऊँगली रखकर सिर्फ़ सस्शह कहा और फिर शायद कुछ बातें बोली जो कि आज मुझे ठीक से याद नहीं आती कि मैंने क्या कहा? लेकिन हाँ यह जरुर याद है कि ठीक उसके बाद हमारा वो खेल शुरू हुआ. अब में दीदी के ठीक ऊपर था, दीदी ने अंदर ब्रा नहीं पहनी हुई थी तो इसलिए उसके टाईट निप्पल मेरी नंगी चेस्ट को लग रहे थे और में अपना टाईट लंड उसकी जांघो पर रगड़ रहा था. फिर दीदी ने मुझे नीचे लेटाया और अब वो मेरे ऊपर आ गई और तुरंत उसने मेरा एक हाथ पकड़ा और उसके बूब्स पर रख दिया और उसके आगे का काम में खुद जानता था. दोस्तों मैंने अब उन दोनों तरबूज के आकार के बड़े बड़े बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाना शुरू किया. दीदी ने फिर से किसिंग शुरू की, लेकिन अब की बार दीदी एकदम धीरे धीरे किसिंग करना चाहती थी, पहले मेरे ऊपर के होंठो को चूसा और फिर नीचे के. मेरी साँसे बहुत तेज़ हो रही थी और फिर उसने अपनी जीभ को बाहर निकाल लिया और मेरे मुहं के अंदर डाल दिया. अब मैंने भी पूरा पूरा साथ दिया और करीब दस मिनट तक हमारा स्मूच ऐसे ही चलता रहा. फिर मैंने दीदी का एक हाथ पकड़ा और अपने लंड पर रख दिया और दीदी ने सारे कंट्रोल्स उसके हाथ में ले लिए और वो मेरे ऊपर बैठ गई और मेरा पूरा बदन चाटने लगी और वो मेरे निप्पल जब चाट रही थी तब में अपने लंड को उसकी गांड में दबा रहा था. फिर वो धीरे से नीचे नीचे आ गई और उसने मेरी शॉर्ट और अंडरवियर को उतार दिया, मेरा लंड थोड़ा सा गीला हो गया था, दीदी ने अब लंड को हाथ में लिया और दबाने लगी. फिर मैंने धीरे से उससे बोला कि मेरा लंड सक करो मेरी जान. दीदी मेरे मुहं से यह बात सुनकर थोड़ा सा हंसी और फिर उसने मेरा लंड अपने मुहं में ले लिया और चूसने लगी, मुझे अब बहुत अच्छा महसूस हो रहा था और यह पहली बार था जब कोई मेरा लंड चूस रहा था तो में उस अहसास को शब्दों में नहीं बता सकता, क्योंकि वो बहुत धीरे से मुझे पूरा मज़ा देकर मेरा लंड चूस रही थी और उसके कुछ देर चूसने के बाद जब में झड़ने वाला था तो मैंने उसका मुहं हटाया और पास में अपना सारा वीर्य गिरा दिया. दोस्तों अब में ऊपर और दीदी मेरे नीचे. मैंने उसके पूरे कपड़े उतारे और बूब्स को दबाए, निप्पल चूसे तो वो आवाज़े निकाल रही थी, उम्म्म्मम आआअहह उूुउउम्म्म्ममम ह्म्म्म्ममम. अब दीदी कुछ ऐसा बोली कि वो सुनकर मेरा लंड एक बार फिर से खड़ा हो गया. दीदी मुझसे बोली कि आकाश प्लीज अब तुम भी मेरी चूत को चाटो, अपनी जीभ से मेरी चूत में आअहह आअहह उम्म्म्म. फिर मैंने भी तुरंत अपनी जीभ से अपनी बहन की चूत को चाटना, चूसना शुरू किया और में अपनी उंगली को भी लगातार अंदर बाहर करके चूत को चोद रहा था और अब तक मेरा लंड पूरा टाईट हो चुका था. फिर मैंने दीदी की गांड के नीचे एक तकिया रख दिया, जिसकी वजह से वो गुलाबी चूत थोड़ा ऊपर उठकर पूरी तरह से खुल गई थी और अब में अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर रगड़ने लगा और जिससे मेरी बहन तो बिल्कुल पागल हुई जा रही थी. फिर मैंने ज़ोर का झटका दिया तो मेरा आधा लंड अंदर चला गया और दीदी के मुहं से आवाज़ आई बहनचोद और वो शब्द सुनते ही मैंने ज़ोर से दूसरा झटका दिया, जिसकी वजह से मेरा पूरा का पूरा लंड अंदर था और मेरे दोनों हाथ दीदी के बूब्स दबा रहे थे और लंड मेरी बहन की चूत में था. फिर मैंने हल्के हल्के, लेकिन लगातार झटके मारते हुए दीदी से कहा कि दीदी चलो अब तुम मुझे अभी जैसी गालियां दो और वो बहनचोद, कुत्ते, कमीने उह्ह्ह्हह्ह हाँ और ज़ोर से चोद मुझे मादरचोद आईईईईई थोड़ा और ज़ोर लगा हरामजादे. फिर क्या था दीदी मुझे लगातार गालियाँ देती रही और में लगातार झटके मारता रहा, लेकिन जब में झड़ने के करीब था तो दीदी ने मुझे माँ की गाली दी. उन्होंने कहा कि तेरी माँ की चूत, हाँ चोद मुझे पूरे जोश से. दोस्तों वो शब्द सुनते ही मैंने अपनी धक्कों की स्पीड को जोश में आकर तुरंत बढ़ा दिया और फिर में झड़ गया. दोस्तों यह मेरे जीवन की पहली चुदाई और मेरी अब तक की सबसे यादगार चुदाई है. मैंने इस चुदाई के बहुत मज़े लिए और मेरे साथ साथ मेरी बहन ने भी बहुत मज़े किए. उसके बाद में थककर उसके ऊपर लेट गया और कुछ देर उसके बूब्स, चूत से खेलने के बाद ना जाने कब हम दोनों ऐसे ही पूरे नंगे एक दूसरे की बाहों में लिपटकर सो गए जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
16-01-2024, 12:38 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
16-01-2024, 12:38 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
|
« Next Oldest | Next Newest »
|