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Incest भाई का लंड पकड़ कर मुठ मारा मैंने
#1
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भाई का लंड पकड़ कर मुठ मारा मैंने
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#2
मेरा नाम कृति है, मैं एक मध्यम परिवार से हु, मैं बरेली की रहने बाली हु पर, ग़ज़िआबाद में रहती हु, मेरी उम्र 23 साल है, मेरी शादी को हुए ३ साल हो गए है, पर मुझे कोई बच्चा नहीं हुआ था, दो साल तक मैं इलाज करवाती रही, मेरे पति ज्यादा होशियार नहीं है करोडो की सम्पति है, पर वो मंदबुद्धि है, मेरे पति का लंड खड़ा नहीं होता है, Bha
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#3
जब मैं जोश में आती हु वो निढाल हो जाता है, आज तक मैं कभी भी उससे संतुष्ट नहीं हो पाई हु, मुझे सुहागरात से ही पता चल गया था की मेरा पति नामर्द है, मेरे माँ बाप तो धन दौलत देख कर शादी कर दिए थे, पर भगबान ना करे किसी के साथ ऐसा हो.मैं काफी अपसेट रहने लगी, क्यों की जिसकी भी शादी मेरे शादी के समय हुआ था उसके गोद में बच्चे खेल रहे थे, मुझे तो बच्चा से ज्यादा मुझे अपनी इज्जत बचानी थी, क्यों की मेरे सास और ससुर का कहना था की कमी मेरे पति में नहीं बल्कि मुझमे ही है, और वो लोग मेरे पति की दूसरी शादी करवाना चाह रहे थे,
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#4
अगर उनका लंड ठंढा भी हो जाता तो मैं कहती आज बहुत मजा आ रहा है, आज मैं खूब चुदी हु आपसे, मजा आ गया पर मुझे पता रहता था की पति का लंड मेरे बूर में एक इंच से ज्यादा नहीं जाता था.एक दिन की बात है, मेरे पति का दबाई आगरा से चलता है, तो मेरे सास ससुर और पति तीनो को चार दिन के लिए आगरा जाना हुआ, आपको तो पता है उनकी मानसिक स्थिति अच्छी नहीं रहती है इसवजह से, तो मैंने सास ससुर को कहा की मैं अकेली रहूगी, तो तीन चार दिन के लिए जब तक आपलोग नहीं आते है मैं अपने छोटे भाई रोहित को बुला लेती हु, वो लोग भी मेरी बात को ना काटते हुए, उन्होंने ने ही रोहित से मोबाइल पर बात की और बुला लिया, सुबह तीनो आगरा के लिए चले गए और मेरा भाई भी 12 बजे दोपहर तक आ गया. दिन में मैं अपने भाई को साड़ी बात बताई की मेरे साथ ये ये प्रॉब्लम है,
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#5
और मैं बहुत रोइ अपने भाई के कंधे पर सर रखकर, बात चिट और अपना सुख दुःख बांटते हुए शाम हो गया, भाई ने कहा बहन मैं तुम्हारे साथ हु, जब भी मेरी जरुरत हो मैं सदैब तैयार हु, आपको लिए, रात को खाना खाकर, भाई के लिए दूसरे कमरे में बिस्तर लगा दिया, वो लेट कर टी वी देख रहा था, करीब रात के दस बजे मैं उसके कमरे में गई, बाल खुला था, लाल लाल लिपस्टिक लगाई हुयी थी, बहुत बढ़िया डिओड्रेंट लगा कर, रेड कलर का गाउन पहन के भाई के कमरे में गई, और दरवाजा बंद की, भाई चुपचाप मुझे निहार रहा था, उसके बाद मैंने गाउन का रिबन खोल दिया और गाउन को पीछे से निकाल दी,
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#6
मैं पहले से ब्रा और पेंटी खोल रखी थी, मेरा मखमली बदन, बड़ी बड़ी सुडौल चूचियाँ, बूर बिना बाल का अभी अभी सेव कर के आई थी, वो देखते ही कहा दीदी हो. मैंने कहा रोहित तुमने वादा दिया है मुझसे की मैं साथ दूंगा, अगर तुम्हे अपनी बहन की परवाह है तो मुझे माँ बना दो, मैं बच्चा देना चाहती हु, पर तुम्हे पता है की पति मुझे ये सुख नहीं दे सकता तो मैं आज सोच ली की मैं अपने सगे भाई के बच्चे की माँ बनूँगी, अगर तुम चाहते हो, तुम्हारी बहन सलामत और हसी ख़ुशी रहे तो मेरा गोद भर दे.और मैं अपने भाई के पास पहुंच गई और अपने कोमल होठ अपने भाई के होठ पर रख दिया, दो से तीन मिनट में ही रोहित माँ की तरह पिघल गया और मुझे वो सुख देने लगा जिसका मैं तीन साल से इंतज़ार कर रही थी, वो मुझे ऊपर से नीच तक चूमने लगा, और फिर भाई ने मेरी चूचियों को पिने लगा, भाई ने मेरी चूत को जीभ से चाटने लगा, मुझे पहली बार एहसास हुआ की मर्द क्या होता है
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#7
और सिहरन क्या होती है, मेरे रोम रोम वासना से भर गया था, मैंने चुदना चाह रही थी और अपनी चुदाई की भूख को शांत करना चाह रही थी, मैंने भी सहयोग करने लगी, मेरे बूर से गर्म गरम पानी निकलने लगा, मैंने रोहित को लंड को पहले खूब चूसी और फिर मैंने कहा भाई अब बर्दास्त नहीं हो रहा है चोद दो मुझे. उसके बाद तो रोहित का लंड मुझे जोर जोर से चोदने लगा, मैंने हरेक झटके के साथ हाय हाय हाय का आवाज निकाल रही थी, पहली बार भाई से खूब चुदी
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#8
Nice pics
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