27-02-2019, 06:34 PM
इस स्टोरी का क्रेडिट इसके असली राइटर को देना चाहता हु ( यह स्टोरी इंटरनेट पर किसी भी भाषा में उपलभद नहीं है ) !
अम्मी का प्यार .......
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27-02-2019, 06:34 PM
इस स्टोरी का क्रेडिट इसके असली राइटर को देना चाहता हु ( यह स्टोरी इंटरनेट पर किसी भी भाषा में उपलभद नहीं है ) !
27-02-2019, 06:36 PM
• मेरा नाम अली है से ३०कम क फैसले पे हमारा गाओं हैलमैन १२थ में पढ़ता हूँ ६ महीने पहले की है...मेरे अब्बू एक फौजी है जो साल में एक आध बार १५ दिन की चुटी पे आते है २ बरी बहनों की शादी होचुकी है और मेरा ब्रा भाई सऊदी में होता है ४ बहिन भाई है हौस्विफे है जिन का नाम नसरीन है एक घरेलु ५ मज़हबी खातून है की आगे ४७ साल है गाओं की औरतें जैसे गदराया होआ जिस्म है उन् की मासुरेमेन्ट्स कमल की है कोई यक़ीन नै कर सकता क इतनी बरी गांड की मालिक है लास्ट ईयर की बात है जब दिसंबर क महीना में बारे भाई सऊदी से वापिस आया की आगे २३ साल है ६ महीने की चुटी बाद आया था को ेओ घर पोहंचा क दिन तय और दंड बुहत पारी होइ थी सुबह बिना मिले हे कॉलेज क लिए चला गया बीच रस्ते में हे था क बाइक का टायर स्लिप होआ और मैं गिर गया चांस कोई चोट नै लगी बास बाइक को थोड़ी रगड़े लगी गंदे होगये थे तरह बाइक को मैकेनिक पास घसीट का लाया और थोड़ा चलने लायक ठीक कराया सब में कोई पोन ९ बज गए इस हुलिए में जा नै सकता था तो दोबारा घर लौट आया में नोर्मल्ली इस वक़्त अम्मी हे रहती थी अकेली काफी पारी होइ थी बी काफी थी जब गेट पे पोहंचा तो गेट बंद था लगा क नॉक करूँगा तो अम्मी दांते गई क कहाँ हीर आये हो उन्हें पहले हे मेरी बाइक चलना पस्न्द नै थी जो थी एक्सीडेंट्स वग़ैरा से बाइक साइड खरी की बाहिर हे और गेट आराम से फ्लैग लिया प्लान था क चुपके से अपने रूम में जाऊँगा चेंज कर लूंगा को पता बी नै चले गए क बारे में थोड़ा बता दूँ २ मंजली है ३ रूम्स है अम्मी कस और बाक़ी बंद हे रहते है बी ३ रूम्स है एक मेरा और एक भाई का एक को स्टोररूम बनाया होआ था वाला रूम रास्त को हे खुला था चुपके से अंदर आया वक़्त अम्मी नोर्मल्ली किचन में होती थी बर्तन वग़ैरा संभालती थी फ्लौर पे कोई नज़र नै आया सोचा अम्मी वाशरूम वग़ैरा होगी जल्दी से ऊपर अपने रूम की तरफ गया एंटर होआ चेंज किया और जूनही थोड़ा अपने अटैच्ड वाशरूम में मौन हाथ धोने गया यहाँ ये बताता चालू क मेरा और भाई का रूम एक साथ वाशरूम्स न दोनों रूम्स क अलग है पर बीच की देवर कॉमन है और ऊपर से थोड़ा गाओ रखा होआ है मीन्स देवर पूरी चाट तक्क नै खींची होइ जूनही मैं वाशरूम एंटर होआ मुझे अजीब से आवाज़े सुनाई दी अम्मी काढ़ा रही हो दर्द से कान खरे होगये अपने रूम से आराम से निकला और भाई क रूम पास गया तो दूर लॉक्ड था अंदर देखने की तरय की पर काम होगया मुझे भाई क रूम की विंडो जो बशी बालकनी में खुलती थी उस का ख्याल आया अपने रूम से अपनी बालकनी से भाई की बालकनी ोे आया बुहत ज़्यादा थी तो ठण्ड बी काफी लग रही थी चांस विंडो बंद थी पर लॉक नै थी अंदर से मैं थोड़ा विंडो को खोला और सामने वाले परदे को थोड़ा हटा का देखा तो जो नज़ारा मुझे दिखा एक पल क लिए तो मेरी आईज जैसे जैम से गयी हो उस नज़ारा पे कानो पे अम्मी ग की चीखें सुनाई दे रही थी किंग साइज्ड बीएड पे अम्मी जान फुल नंगी घुटने क बल घोरी बानी होइ थी और उन् का भरी जिस्म उफ़ मैं तो जैसे पागल हे होगया जिस एंगल से देख रहा था और थोड़ा तिरछा एंगल था मेरे सामने बीएड पे अम्मी फुल नंगी घोरी बानी होइ थी और उन् की ५० इनचेस की मोती गांड को बरी मुश्कलों से भाई थामे होअय हाथों में उन्हें पीछे से छोड़ रहे थे बी फुल नंगे तय ुर अम्मी क हिप्पस पाकर फुल तेज़ी से अम्मी की फुद्दी मरी जा रहे थे क बाल खुले होअय लहरा रहे थे और इतने मोठे मम्मी हर झटके साथ झूल रहे थे...ऐसा नज़ारा आज तक्क नै तदेखा था पहली बरी अम्मी क हुस्न पे फ़िदा सा होगया क मुझे तो पता बी नै था क मेरी अम्मी इतनी खूबसूरत है...अम्मी क बारे में बता दूँ शुरू से बरी सख्त मिज़ाज और परहेज़गार रही खातून थी इतनी हेअल्थी नै होआ करती थी मैं ८ में था तब से अम्मी में चंगेस आना शुरू होअय साल साल बाद आते और कभी कभी तो २ साल बाद छुट्टी मिलती उन्हें जब बी आते अम्मी बुहत खुश होआ करती २ हफ्ते अम्मी हर पाल अचे मूड में नज़र आती अब्बू क जाने बाद वही पुराणी रूटीन पे आजाती मुझे बी लगा क अम्मी अकेलापन फील करती है की शादी बाद तो और ज़्यादा पूरा दिन घर में अकेले रहना ब्रा मुश्किल समय काटा था अम्मी ने वाली खातून थी कभी बिना बुर्क़े क बाहिर नै निकलती इतना बाहिर जाती हे नै बी बुहत डरता था की हाइट ५'८ इनचेस थी कोई ९० कग क लगभग था रंग मोठे रसीले होंठ नक्स बी चाय थे कमर तक्क आते काळा बल में कोई एक आधा हे सफ़ेद बल होगा अम्मी का पे कोई जुड़ी नै बृहत्त बरी और हैवी थी पर उन् में आगे क लेहाज़ से इतना झुकाया नै आया था बी नार्मल था ज़्यदा निकला होआ बी नै था और न लटका होआ क नीचे बैक पे एक वैया चउरवे थी और उन् क चूतर ग़ैर मामूली अंदाज़ में बाहिर को निकले ठोकय थे मज़बूत राणे अम्मी का जिस्म पूरा गदराया होआ था शलवार कमीज हे पहनती है वक़्त उन् क चूतर पूरा एक दूसरे साथ रैगर कहते तय ुर सूची कोई बूढ़ा बी देखता तो उस पे बी एक पल क लिए केहर दाते थे बाहिर को बी निकले थे और अचे भले हैवी बी थे काफी खुले कपड़े पहनती थी उन क बारे मम्मी ब्रजेर में क़ैद रहते कभी गले से हटा होआ नै देखा अभी जो मेरी आँखों सामने नज़ारा था उसे देख कर तो जैसे मेरी दुनिआ हे चेंज होगयी की काली खुली होइ ज़ुल्फ़े लहरा रही थी ने बाल एक साइड किये होअय और मस्ती से आहें भर रही क माथे पे पसीने की बूंदे साफ़ रोमा थी जो इस बात की वैया दलील थी क भाई पूरी लगन क साथ अम्मी की फुद्दी मर रहे थे ढके क साथ आंकी काढ़ा उठी और आँखे मोड़ लेती और होंठ अपने कटती शार्ट अम्मी पूरा एन्जॉय कर रही थी लिए ये शॉकिंग बी था और अजीब बी पल क लिए बी ख्याल नै आया क हैट जाओं मैं अपनी सगी मान को नंगी देख रहा हूँ...थोड़ा भाई क बारे में बता दूँ ने मेट्रिक बाद स्टडी चोर दी गर्दी बुहत की वाले बी बुहत तंग थे जब बी आते मरते बी थे आखिर ६ साल आवारा गर्दी में ख़राब करने बाद आखिर भाई ६ महीने पहले सऊदी भेजा वर्क वीसा पे और काम सेटल बी होगया वहां एक शॉप इलेक्ट्रॉनिक्स की महीने बाद २ हफ़्तों की चुटी पे आया थे को बॉडी बिल्डिंग का शोक शुरू से था और मुझे बी ये शोक उन्ही से पारा की हाइट ५'११ इनचेस थी और वेल बिल्ट बी थे का लूंण जब अम्मी की फुद्दी से बाहिर निकलता तो उसे देख कर ये अंदाज़ा ज़रूर लगा लिया क ात लीस्ट भाई का लूँ ८ इनचेस से काम नैनहोगा और मोटा बी काफी था और बरी तेज़ी साथ अम्मी की फुद्दी में इन आउट होरहा था एक क़िस्म का अभी बी शॉक की हालत में था क मेरी आँखों सामने मेरी अपनी सगी माँ मेरे सेज बारे भाई यानि अपने हे सेज बेटे से छुड़वा रही थी...
27-02-2019, 06:41 PM
सिर्फ कहाणिओ में सुना था आज पहली बरी एक माँ को अपने सेज बेटे से छुड़वाते देख रहा रहा था...कोई १० मं से ज़्यदा टाइम होचुका था मुझे उस नज़ारे को लाइव अपनी आँखों से देकते एक हाथ गैर िरड़ी तोर पे मेरे खरे लूंण पे था जो अम्मी क सेक्सी बदन को देख कर फुल जोश में आया होआ था और दूसरे हाथ में मेरा २५ मेगापिक्सेल वाला सेल फ़ोन का कैमरा जो क ों था और वीडियो रिकॉर्डिंग बरी क्लेअर्ल्य कर रहा था दोनों क चेहरे वैया नज़र आ रहे थे कुछ देर बाद अम्मी बोली अहमद मेरे घुटने थक रहे यूँ झुके झुके ने अम्मी क बाल चूरे जो वो हाथ में अकथाय किये पकड़े होआ अम्मी को छोड़ी जा रहे थे पाकर क २ ३ करारे ढके मरे और लूंण निकल लिया एक डैम से का लूंण आंकी क फुद्दी क पानी से फुल चमक रहा था और पोरे जोश में खरा था बी एक दम्म से सीढ़ी होइ और भाई क गले में बाहें डेल उन्हें चूमना शुरू होगयी और आईज में देख कर बोली कैसे कर लेता है इतना जादू तो मेरे लाडले माँ का दिल मोह सा लिया है तू ने और एक दम्म से नीचे होइ और मोठे लूँ को हाथों में लिया और एक नज़र बेटे की तरफ ऊपर देखा और मौन खोला एक सेक्सी अंदाज़ में बाल फेस से साइड की और लूंण मौन में ले लिया और चूसना शुरू कर दिया तो जैसे एक दम्म से हवाओं में ूर्ण शुरू होगया और उस क मौन से इतना हे निकला हैएएइ अम्मी जान नज़ारे को इतने महीने से मिस कर रहा था अम्मी जान...किसी पोर्न फिल्म की तरह अम्मी पूरी महारत साथ लूंण मौन में लेती और निकलती मोटा लूंण लेने क लिउए उन्हें पूरा मौन खोलना परता पूरा हलक़ में नीचे तक्क लूंण लेती अम्मी ३ मं लूंण चूसने बाद अम्मी खुदी उठे और भाई को सेमि लेता कर सीधा उन् क ऊपर लेफ्ट राइट लेग्स कर बैठने लगी तो उफ़ उन् की बरी मोती गांड और फैल गयी और जूनही उन्हें ने खरे लूंण को अपनी फुद्दी की रह दिखाई और एक हे झटके में उस पे बैठी तो अम्मी क मौन से एक सिसकारी निकली और आईज मस्ती में क्लोज सी होगयी एक दम्म से जब आईज खोली तो भाई क फेस पास जा क किश किया होंटो पे और थोड़ा ऊपर नीचे होने लगी हे मस्ती में भाई को देखा और बोली तेरे इस प्यार खातिर तेरी अम्मी पिछले कई महीनो से प्यासी थी हे पता कैसे मैं ने अपने जिगर क टोकरे को अपने से दूर जाने दिया साथ हे उछल कूद शुरू हैवी जिस्म क बावजूद अम्मी बरी सकूं और महारत साथ उछल कूद कर रही थी और लूंण से फुद्दी छुड़वा रही थी पता नै भाईंको क्या सोझी वो सामने अम्मी क झूल रहे बारे बारे मम्मो से दूध पीने लग परे लग परे...ाममिबकी बाहें भाईबक गले में थी और भाई ने अम्मी को झफी दाल ली और अम्मी क भरी वजूद को उठा कर बिस्टेर से नीचे उत्तर क खरा होगया ने लेग्स भाईबकी कमर साथ लपेट ली और चिपक सी गयी भाई साथ इस पोरे अमल क दौरान भाई का लूंण अम्मी की फुद्दी क अंदर हे रहा भाई की आईज में आईज दाल मम्मी भाई की छाती में छूबए होंठ चूमि जा रही ठु और भाई क मौन में ज़ुबान डाले चुसवा रही थी...अब एक दिलकश मंज़र था रूम में इतने बारे और भारी वजूद की मालिक अम्मी को बाहों में उठे कमरे क बीच ो बीच खरे खरे छोड़ रहा था और अम्मी उछल उछल क छुड़वा रही थी मदहोशी में अम्मी क होंठ चोरता होआ अम्मी आज बी आपकी फुद्दी में कितनी तिघनेसस है सूछहि साल होने को है और आज बी ऐसे लगता जैसे किसी यंग लड़की की फूडी हो और अम्मी थोड़ा सा मुस्करायी और भाई क होंठ चूम लिए तो सुन क हैरान क ७ साल से भाई और अम्मी का रिलेशन चला आ रहा है...आखिर कोई ५ मं बाद हे भाई की हिम्मत ने जवाब दे दिया हैवी बदन वाली औरत को बाहों में उठा कर छोड़ने में ाचो ाचो का डैम निकल जाये भाई तो फिर तो फिर थोड़ी देर संभाल सके ने अम्मी को बीएड कमर क बल लिटाया और और आखरी धक्के अम्मी की फुद्दी में लगाए और फुद्दी क अंदर हे पानी चोर दिया सोचा अब वक़्त है यहाँ से निकल जाने का इस से पहले क कोई देख ले जल्दी से लूंण ट्रॉउज़र में डाला जो अब ढीला हो चूका क नाम का पानी विंडो की देवर पे हे चोर आया था जल्दी से उसी तरह दोसरा यूनिफार्म पहना साफ़ वाला और गेट फलांग क दोबारा बाहिर और कोई ५ मं बाद बेल्ल बजे बेसिन बेल्ल बजाने पे अम्मी आयी है खुद को कवर कर रही होंगी दूर खुला तो अम्मी ने दोपट्टा ओढ़ा होआ था पे परेशानी और थकावट क असरात और पहली बरी मैं अम्मी को बिना ब्रजेर क देख उफ़ उन् क मम्मी इतना बारे और निप्पल्स वैया थे ने मुझे उन्हें घोरते देखा तो एक दम्म से मुर क अंदर को चली गयी होअय उन् क हैवी चूतर की रैगर देख क लूंण एक बरी फिर खरा होगया में आया कैसे बी कर क अम्मी की फुद्दी मैं बी मारनी है और आज हे किसी न किसी तरह...अम्मी शावर लेना शुरू होगयी और मैं भाई से मिला वग़ैरा जल्दी बीत गया को ७ बजे क क़रीब खाना खाया हम तीनों ने नार्मल बेहवे कर रही थी बी अम्मी को देख देख मुस्करा रहे थे खाने क बर्तन उठाये किचन की और चली गयी और मैं हुए भाई हॉल में टीवी देखने लग परे मेरे ज़ेहन में एक प्लान बना आँखों सामने बार बार अम्मी का नंगा जिस्म घूम रहा था सेल निकला और भाई और मेरा एक फ्रेंड कॉमन था तो और क़रीब हे रहता था दूसरे मोहल्ले बताया क है आया होआ है उसे अपने घर बुला कॉल कर क ८ बज्र क क़रीब को कॉल आयी भाई को तब अम्मी किचन की सफाई कर रही थी और फिर हॉल में बने आत्ताच वाशरूम जाने लगी फ़ारिग़ होने शायद भाई बी जाने लगे और मुझे बोल क गए क अम्मी को बता देना और मैं ज़रा लेट होजाऊंगा गेट लॉक किया और अम्मी को वाशरूम गए कोई १० मं होअय होंगे क मैं मैं स्विच ऑफ कर दिया घर की लाइट ऑफ होगयी सीधा वाशरूम तरफ गया और बाहिर हे फुल नंगा होगया अंदर थी क फ्लश करने की आवाज़ आयी मुझे...अब ज़रा मैं अपने बारे में बता दूँ १७ साल का हूँ से छोटा जाने की वजह से बॉडी सही बिल्ड उप है ६ फ़ीट मेरा कुछ ग़ैर मामूली ब्रा है इतनी क अकेले हाथ में पोर नै आता और undefined क़रीब ९ से थोड़ी ज़्यादा है लेहाज़ से भाई क लूंण से मेरा लूंण ब्रा था...खैर मैं वाशरूम क बाहिर कपड़े उतरे रख दिया फुल था की लम्बी रात थी व८ कर रहा था क कब अम्मी वाशरूम का गेट खोले सेकण्ड्स बाद अम्मी ने दूर खोला और सब अंदर रहा तो मुझे देख नै पायी बस फील होआ क कोई है अम्मी दूर क्लोज कएने लगी मैं उन्हें हल्का सा धक्का दिया और वाशरूम दोबार घुसा लिया कुण्डी लगा दी अंदर से नै पता लग रहा था क क्या होरहा है एक दम्म से मुझे पीसी हटती बोली अहमद बाज़ आओ अली बाहिर है ये कोई वक़्त है इस काम का मुझे अहमद समझ रही थी बी मौके का फायदा उठाना लाज़मी समझा और अम्मी का मौन दूसरी और कर दिया कोड़े थिए और देवर थी अम्मी गिरते गिरते बची और कोड़े ऊपर ले हिस्से का सहारा ले लिया अम्मी खुद को चुरवा सी रही थी पर मैं नै छोरा अपनी पाकर से और जल्दी से अम्मी की शलवार एक हे झटके साथ उतर दी पंतय साथ हे तिलमलाई पर मैं मज़बूती से उन्हें झुकाये रखा कह रही थी क अहमद बाज़ आई कुछ तो शर्म के लो बेटे लूंण अम्मी क फूडी क ख्याल से हे जोश पकड़े होअय था मैं ने अँधेरे में हे ट्वेर चलने का इरादा कर लिया क मज़बूत और चूरे चूतरो को पहिला दिया और अपने लूंण को किसी त्र अँधेरे में अम्मी की फुद्दी पे होल पे रखा और आओ देखा न ताओ एक ज़ोरदार झटका दे मारा इतना शदीद था क लूंण पूरी गहरायी में एक हे झटके साथ अम्मी की बचदाणी को टच करने लग प्र जो चिलायी उफ्फ्फ अगर कोई घर पे होता तो पक्का सुन लेता की चीख पोरे घर में गूंजी की फुद्दी इतनी गर्म थी अंदर से तूबह मेरा लूंण ऐसे जैसे फीगल रहा हो अंदर और टाइट मेरी सोच से बी ज़्यादा थी उम्र में बी फुद्दी में इतनी तिघटनेस थी क छिलने की वजह से मैं बी पूरा लूंण डाले कुछ पालो क लिए रुक गया छीलते होअय बोली कूटे क बचे निकल दे लूंण मैं मर गयी एक हे झटके में पूरा दाल दिया ऊपर से आज तेरा लूंण पहले से मोटा और लम्बा बी फील होरहा रब्बा कद दे वे खासमा अपनी न मार सत्य तू बाहिर हे होगा कुछ तो शर्म कर ले भागी थोड़ी जा रही हूँ अम्मी की बातों का मज़ा लेते होअय आराम से लूंण आहिस्ता आहिस्ता बाहिर निकलने लगा को बी थोड़ी रहत मिली क शायद मान गया है जो निकलने लगा है लूंण कैप तक्क लूंण बाहिर निकला और फिर फुल ज़ोर से धक्का दे मारा अम्मी की फुद्दी में फिर से चिलए ज़ोर से मैं मर गयी रब्बा नै ांडा तो रेहम क तेरी माँ वां को बाज़ारू रंडी नै अम्मी की बातों और चीखु से और एक्ससिटेड होकर फुल स्पीड से लूँ इन आउट करने लग प्र बारी फुद्दी मर रहा था वो बी अपनी सगी अम्मी की तो मेरे तो जैसे मैं की मुराद पूरी होगयी हो में अँधेरे में अम्मी को कमोड पे झुकाये मैं फुल ज़ोरो से फुद्दी मरी जा रहा सिसकियाँ बरी जा रही थी और चिलयो जा रहा थी देर बाद उन्हें बी ाचा लगने लग प्र और उनकी सिसकियाँ मज़े में बदल गयी और वो अपने मोठे हिप्पस को हर ढके साथ पीछे को देखेलने लगी और साथ कहने बी लग पर क और ज़ोर नाल पुत्र है मर सूत अपनी माँ हूँ हाय और जोरर naal...
27-02-2019, 06:43 PM
पूरा हलक़ में नीचे तक्क लूंण लेती अम्मी ३ मं लूंण चूसने बाद अम्मी खुदी उठे और भाई को सेमि लेता कर सीधा उन् क ऊपर लेफ्ट राइट लेग्स कर बैठने लगी तो उफ़ उन् की बरी मोती गांड और फैल गयी और जूनही उन्हें ने खरे लूंण को अपनी फुद्दी की रह दिखाई और एक हे झटके में उस पे बैठी तो अम्मी क मौन से एक सिसकारी निकली और आईज मस्ती में क्लोज सी होगयी एक दम्म से जब आईज खोली तो भाई क फेस पास जा क किश किया होंटो पे और थोड़ा ऊपर नीचे होने लगी हे मस्ती में भाई को देखा और बोली तेरे इस प्यार खातिर तेरी अम्मी पिछले कई महीनो से प्यासी थी हे पता कैसे मैं ने अपने जिगर क टोकरे को अपने से दूर जाने दिया साथ हे उछल कूद शुरू हैवी जिस्म क बावजूद अम्मी बरी सकूं और महारत साथ उछल कूद कर रही थी और लूंण से फुद्दी छुड़वा रही थी पता नै भाईंको क्या सोझी वो सामने अम्मी क झूल रहे बारे बारे मम्मो से दूध पीने लग परे लग परे...ाममिबकी बाहें भाईबक गले में थी और भाई ने अम्मी को झफी दाल ली और अम्मी क भरी वजूद को उठा कर बिस्टेर से नीचे उत्तर क खरा होगया ने लेग्स भाईबकी कमर साथ लपेट ली और चिपक सी गयी भाई साथ इस पोरे अमल क दौरान भाई का लूंण अम्मी की फुद्दी क अंदर हे रहा भाई की आईज में आईज दाल मम्मी भाई की छाती में छूबए होंठ चूमि जा रही ठु और भाई क मौन में ज़ुबान डाले चुसवा रही थी...अब एक दिलकश मंज़र था रूम में इतने बारे और भारी वजूद की मालिक अम्मी को बाहों में उठे कमरे क बीच ो बीच खरे खरे छोड़ रहा था और अम्मी उछल उछल क छुड़वा रही थी मदहोशी में अम्मी क होंठ चोरता होआ अम्मी आज बी आपकी फुद्दी में कितनी तिघनेसस है सूछहि साल होने को है और आज बी ऐसे लगता जैसे किसी यंग लड़की की फूडी हो और अम्मी थोड़ा सा मुस्करायी और भाई क होंठ चूम लिए तो सुन क हैरान क ७ साल से भाई और अम्मी का रिलेशन चला आ रहा है...आखिर कोई ५ मं बाद हे भाई की हिम्मत ने जवाब दे दिया हैवी बदन वाली औरत को बाहों में उठा कर छोड़ने में ाचो ाचो का डैम निकल जाये भाई तो फिर तो फिर थोड़ी देर संभाल सके ने अम्मी को बीएड कमर क बल लिटाया और और आखरी धक्के अम्मी की फुद्दी में लगाए और फुद्दी क अंदर हे पानी चोर दिया सोचा अब वक़्त है यहाँ से निकल जाने का इस से पहले क कोई देख ले जल्दी से लूंण ट्रॉउज़र में डाला जो अब ढीला हो चूका क नाम का पानी विंडो की देवर पे हे चोर आया था जल्दी से उसी तरह दोसरा यूनिफार्म पहना साफ़ वाला और गेट फलांग क दोबारा बाहिर और कोई ५ मं बाद बेल्ल बजे बेसिन बेल्ल बजाने पे अम्मी आयी है खुद को कवर कर रही होंगी दूर खुला तो अम्मी ने दोपट्टा ओढ़ा होआ था पे परेशानी और थकावट क असरात और पहली बरी मैं अम्मी को बिना ब्रजेर क देख उफ़ उन् क मम्मी इतना बारे और निप्पल्स वैया थे ने मुझे उन्हें घोरते देखा तो एक दम्म से मुर क अंदर को चली गयी होअय उन् क हैवी चूतर की रैगर देख क लूंण एक बरी फिर खरा होगया में आया कैसे बी कर क अम्मी की फुद्दी मैं बी मारनी है और आज हे किसी न किसी तरह...अम्मी शावर लेना शुरू होगयी और मैं भाई से मिला वग़ैरा जल्दी बीत गया को ७ बजे क क़रीब खाना खाया हम तीनों ने नार्मल बेहवे कर रही थी बी अम्मी को देख देख मुस्करा रहे थे खाने क बर्तन उठाये किचन की और चली गयी और मैं हुए भाई हॉल में टीवी देखने लग परे मेरे ज़ेहन में एक प्लान बना आँखों सामने बार बार अम्मी का नंगा जिस्म घूम रहा था सेल निकला और भाई और मेरा एक फ्रेंड कॉमन था तो और क़रीब हे रहता था दूसरे मोहल्ले बताया क है आया होआ है उसे अपने घर बुला कॉल कर क ८ बज्र क क़रीब को कॉल आयी भाई को तब अम्मी किचन की सफाई कर रही थी और फिर हॉल में बने आत्ताच वाशरूम जाने लगी फ़ारिग़ होने शायद भाई बी जाने लगे और मुझे बोल क गए क अम्मी को बता देना और मैं ज़रा लेट होजाऊंगा गेट लॉक किया और अम्मी को वाशरूम गए कोई १० मं होअय होंगे क मैं मैं स्विच ऑफ कर दिया घर की लाइट ऑफ होगयी सीधा वाशरूम तरफ गया और बाहिर हे फुल नंगा होगया अंदर थी क फ्लश करने की आवाज़ आयी मुझे...अब ज़रा मैं अपने बारे में बता दूँ १७ साल का हूँ से छोटा जाने की वजह से बॉडी सही बिल्ड उप है ६ फ़ीट मेरा कुछ ग़ैर मामूली ब्रा है इतनी क अकेले हाथ में पोर नै आता और undefined क़रीब ९ से थोड़ी ज़्यादा है लेहाज़ से भाई क लूंण से मेरा लूंण ब्रा था...खैर मैं वाशरूम क बाहिर कपड़े उतरे रख दिया फुल था की लम्बी रात थी व८ कर रहा था क कब अम्मी वाशरूम का गेट खोले सेकण्ड्स बाद अम्मी ने दूर खोला और सब अंदर रहा तो मुझे देख नै पायी बस फील होआ क कोई है अम्मी दूर क्लोज कएने लगी मैं उन्हें हल्का सा धक्का दिया और वाशरूम दोबार घुसा लिया कुण्डी लगा दी अंदर से नै पता लग रहा था क क्या होरहा है एक दम्म से मुझे पीसी हटती बोली अहमद बाज़ आओ अली बाहिर है ये कोई वक़्त है इस काम का मुझे अहमद समझ रही थी बी मौके का फायदा उठाना लाज़मी समझा और अम्मी का मौन दूसरी और कर दिया कोड़े थिए और देवर थी अम्मी गिरते गिरते बची और कोड़े ऊपर ले हिस्से का सहारा ले लिया अम्मी खुद को चुरवा सी रही थी पर मैं नै छोरा अपनी पाकर से और जल्दी से अम्मी की शलवार एक हे झटके साथ उतर दी पंतय साथ हे तिलमलाई पर मैं मज़बूती से उन्हें झुकाये रखा कह रही थी क अहमद बाज़ आई कुछ तो शर्म के लो बेटे लूंण अम्मी क फूडी क ख्याल से हे जोश पकड़े होअय था मैं ने अँधेरे में हे ट्वेर चलने का इरादा कर लिया क मज़बूत और चूरे चूतरो को पहिला दिया और अपने लूंण को किसी त्र अँधेरे में अम्मी की फुद्दी पे होल पे रखा और आओ देखा न ताओ एक ज़ोरदार झटका दे मारा इतना शदीद था क लूंण पूरी गहरायी में एक हे झटके साथ अम्मी की बचदाणी को टच करने लग प्र जो चिलायी उफ्फ्फ अगर कोई घर पे होता तो पक्का सुन लेता की चीख पोरे घर में गूंजी की फुद्दी इतनी गर्म थी अंदर से तूबह मेरा लूंण ऐसे जैसे फीगल रहा हो अंदर और टाइट मेरी सोच से बी ज़्यादा थी उम्र में बी फुद्दी में इतनी तिघटनेस थी क छिलने की वजह से मैं बी पूरा लूंण डाले कुछ पालो क लिए रुक गया छीलते होअय बोली कूटे क बचे निकल दे लूंण मैं मर गयी एक हे झटके में पूरा दाल दिया ऊपर से आज तेरा लूंण पहले से मोटा और लम्बा बी फील होरहा रब्बा कद दे वे खासमा अपनी न मार सत्य तू बाहिर हे होगा कुछ तो शर्म कर ले भागी थोड़ी जा रही हूँ अम्मी की बातों का मज़ा लेते होअय आराम से लूंण आहिस्ता आहिस्ता बाहिर निकलने लगा को बी थोड़ी रहत मिली क शायद मान गया है जो निकलने लगा है लूंण कैप तक्क लूंण बाहिर निकला और फिर फुल ज़ोर से धक्का दे मारा अम्मी की फुद्दी में फिर से चिलए ज़ोर से मैं मर गयी रब्बा नै ांडा तो रेहम क तेरी माँ वां को बाज़ारू रंडी नै अम्मी की बातों और चीखु से और एक्ससिटेड होकर फुल स्पीड से लूँ इन आउट करने लग प्र बारी फुद्दी मर रहा था वो बी अपनी सगी अम्मी की तो मेरे तो जैसे मैं की मुराद पूरी होगयी हो में अँधेरे में अम्मी को कमोड पे झुकाये मैं फुल ज़ोरो से फुद्दी मरी जा रहा सिसकियाँ बरी जा रही थी और चिलयो जा रहा थी देर बाद उन्हें बी ाचा लगने लग प्र और उनकी सिसकियाँ मज़े में बदल गयी और वो अपने मोठे हिप्पस को हर ढके साथ पीछे को देखेलने लगी और साथ कहने बी लग पर क और ज़ोर नाल पुत्र है मर सूत अपनी माँ हूँ हाय और जोरर नाल... अम्मी क हाथों का लूम्स अपने खरे लूंण पे मेहसूद कर क मैं तो ख़ुशी से झूम उठा क दोनों हाथों में बरी मुश्किल से पूरा आरहा था लूँ उसे ऊपर नीचे कर क हर तरफ से बारे दहन से देख रही थी जैसे कोई खज़ाना मिल गया हो की आईज की चमक तब देखने लायक थी मेरे लूँ को मुठी में लिए सहलाते होअय मेरी तरफ ऊपर देखते होअय बोली अली ये तो तेरे भाई से बी ब्रा है सी आगे में इतना ब्रा कैसे कर लिया मेरे लाल से अब रहा नै तह जा रहा अम्मी क रसीले मोठे होंठ मेरे लूँ क बिलकुल सामने थे अम्मी का सर लूँ की तरफ करते होअय बोलै अम्मी चूसें न मेरी तरफ देख क ऊपर मुस्करायी और बरी ऐडा से बाल सारे एक साइड को कर मौन खोला और लूँ की कैप को मौन में लेने लगी पर कैप का साइज ग़ैर मामूली तोर पर ब्रा था को पूरा मौन खोलना प्र और फिर अम्मी ने लूँ की कैप क जूनही अपने नरम होंठों में लिए मेरे मौन से खुदी एक सिसकारी निकी है अम्मीी आईज एक पल क लिए क्लोज होगयी और मौन मेरे ऊपर को होगया में कमल का एहसास था वो क मोठे लिप्स मेरे मोठे लूँ क ऊपर नीचे थे और लूंण को तिघ्टलय झाकरा होआ था अम्मी क लिप्स ने की आईज बी थोड़ी बहार को निकली होइ थी क्यों क उन्हें बी अपना मौन रूटीन से ज़्यादा खोलना प्र लूँ क बारे में ज़रा बता दूँ ता क कुछ आईडिया होजाये मैं ७थ में था तो तब से मेरे लूँ की ग्रोथ नार्मल से ज़्यादा होने लगी और वक़्त क साथ साथ मुझे लूँ का वेट ज़्यादा हे फील होने लगा और undefined वाइज लूँ तक़रीबन सारे ८ इनचेस से ज़्यादा हे था और थिकनेस ग़ैर मजमूई तोर पर ज़्यादा इवन मेरे दोनों हाथों में बरी मुश्किल से आता था तभी तो अम्मी क मौन में लेने में अभी प्रॉब्लम होरही थी अम्मी बी पूरी महारत दिखा रही थी और आहिस्ता कैप से आगे बार रहित थी ज़्यादा मौन में ले रही थी...मैं मज़े से खरा इस दिलकश नज़ारे से लुत्फ़ ाजदूज होरहा था की गीली ज़ुबान का लूम्स मेरे लूँ को और जोश दिला रहा था और अब अम्मी बारे अचे तरीके से लूँ चूस रही झलक रहा था क उन्हें भाई क लूँ चूसने का ाचा खासा एक्सपीरियंस है हालत ये थी क अम्मी २/३ लूँ मौन में पूरा ले पति और फिर बाहिर निकलती तो लूँ चमक रहा होता उन क थूक से से पहले मैं ने कभी अपने लूँ को इतना मोटा होता नई देखा था रोड की तरह सीधा खरा और मोटाई बी कमल की ५ मं हिए थे अम्मी को लूंण चूसते क मेरे पेअर जैसे लरखराने को तैयार थे खरे खरे इतनी ज़बरदस्त अंदाज़ से जो लूंण चूस रही थी वो पल आया जब मैं एक पल क लिए किसी और हे दुनिआ में चला गया जब ोँ को जार से दोनों हाथों में मज़बूती से थामे अम्मी ने मौन में इन आउट करते ऊपर मेरी आईज में देखा अम्मी की आँखें तब सही मनो में नशीली थी और मुझ से २ सेक् बी सही से नै देखा गया और मैं आँखें बंद कर की क ये मंज़र ऐसा जान लेवा था क उफ़ एक माँ अपने बेटे क क़दमों में बैठी किसी महार खिलाड़ी की बेटे का मोटा लूँ चूस रही थी और बेटे क साथ ऑय कांटेक्ट कर रही थी सेक् बी मजेएस देखता तो पक्का मैं फ़ारिग़ होजाना था ी'म सूरे १० मं होने आये होंगे बी हैरान था क आज मैं सुच में इमोशंस को कण्ट्रोल थोड़ा किया था और फ़ारिग़ नै होआ था मैं अम्मी क खोले बालों को सहलाते होअय उन् क सर की बैक साइड से उन क सर को लूँ पे दबा रहा था क पूरा मौन में जाये पर ये मुमकिन नै था होरहा पारा लूँ उन क हलक़ से जा टकराता और उन की साँस रुकने लगती मैं ज़रा थोड़ा ज़ोर से उन् का सर दबाया तो लूँ थोड़ा सा बेंड होकर उन क मौन में हलक़ से नीचे को उत्तर गया और तभी अम्मी की आँखें बाहिर को निकला आयी और उन्हों ने दोनों हाथों को मेरी राणो पे रखे ज़ोर लगाया मुझ से अलग होने क लिए ३ सेक् क लिए हे लूँ क हलक़ क नीचे उतरा होगा और पूरा लूँ अम्मी क मौन में ग़ायब सा होगया था और तभी मुझे उन का कांपता चेहरा देख कर रेहम सा आज्ञा और मैं उन क सर से हाथ हटा दिया डैम से वो पीछे हटी और लूँ उन क मौन से एक झटके से बाहिर निकला और ऊपर नीचे झूजने लग प्र एक डैम से खस्ना शुरू होगयी और लम्बे लम्बे सांस लेना शुरू होगयी और मेरी तरफ ग़ुस्से से देखने लग पारी क मौन से राल टपक रही रही थी थूक गई और मेरा लूँ बी फुल चमक रहा था सांसें संभालने क बाद उन्हों ने मेरी तरफ ग़ुस्से से देखते हो .. सांसें संभालने क बाद उन्हों ने मेरी तरफ ग़ुस्से से देखते होअय बोली अली ये बी कोई तरीक़ा है मेरी सांस रुक गयी थी प्यार से स्माइल दी और बोलै सॉरी अम्मी मदहोशी में पता हे नै चला और उन् की तरफ देख कर रोड की तरह तनय होअय लूँ पर हाथ फेरा कह रहा हों क अम्मी ये है आप की क़ीमती शे देखे कैसे चमक रही है लें इसे...अम्मी बी एक दमन से मेरी हरकत पे मुस्करा उठी और आगे बढ़ने हे लगी थी क नीचे से किचन में से बर्तनो की आवाज़ आयी एक डैम से नीचे से उठी और दोपट्टे से अपना मौन साफ़ कर क बिखरे बालों को सीधा कर क गुछू बना कर बांध कर जल्दी से बोली अली लगता तेरी एपीआई झाग गयी है मुझे जाना होगा सरा सा मौन बनाया और लूंण की तरफ इशारा करते होअय क अम्मी इस का क्या एक दम्म से मेरे पास आयी मेरे बालो को सेहला कर बोली मेरा सोना पुत्र ा न मेरी मज़बूरी ा में पक्का और मुस्कराती खिलखिलाती होइ बाहिर चली गयी आसमान से जैसे एक हे पल में ज़मीन पे उत्तर गया था लूँ को पाजामे क अंदर कर क वाशरूम फ्रेश होने चला गया क कोई नै फिर सही...फ्रेश होकर नीचे खाने क टेबल पे सब क साथ बैठा होआ था और सब बातें कर रहे थे अहमद भाई से पॉच रही थी मेरे लिए क्या क्या लाये हो बोले खाने क बाद दिखता हूँ और मैं बार बार अम्मी को हे देख रहा था हर निवाले क साथ अब मुझे किसी अप्सरा जैसे खूबसूरत लगने लग पारी थी और थी बी एक्चुअल में बास मैं हे कभी उस नज़र से दहन नै दिया बी बीच में बीच मेरी तरफ देख क मुस्कराती और आँखों से इशारा करती क नीचे खाने पे दहन दो तब आया जब बीच में भाई को बी शामे इशारा दिया जो किसी प्यासे की तरह अम्मी की तरफ देख रहा था और इंदिरेक्ट्ली कहना छह रहा हो क अम्मी कोई मौक़ा निकालो किसी मग़रूर हसीना की तरह दोनों बेटो क दिल पे छुरी चला रही थी इस टाइम... सुबह का नाश्ता करने क बाद अम्मी किचन में चली गयी बर्तन वग़ैरा उठा कर क भाई क साथ उस क रूम में चली गयी चीज़ों जो भाई लेकर आये थे उसे देखने बी बोलै क अली आजाओ बोलै मैं आता हूँ ज़रा वो दोनों ऊपर भाई क रूम में चले गए तो मैं जल्दी से उठा और किचन में चला गया जहाँ अम्मी सिंक में बर्तन धो रही थी की मोती गांड बैक से देख कर मेरा दिल फिर मचलने लगा जल्दी से अम्मी क पीछे गया और उन् क मोती गांड पे हाथ फेरते होअय बैक से उन्हें गले लगा लिया एक डैम से हार्बर गयी और पीछे मुर क मेरी तरफ देख क बोली अली हटो पीछे से ये कोई वक़्त है इन कामो को दोनों अभी बाहिर हे है बोलै अम्मी भाई एपीआई की चीज़ें दिखने ऊपर रूम में ले गए है १० १५ मन एटलीस्ट तो लगे गए हे उन्हें से मेरे इस खरे लूँ का कुछ कर दे सुबह बी आप बीच में चोर आयी थी मना करने लग पारी क नै नै अभी ये रिस्क लेना ठीक नै उन् में से कोई बी आ सकता है नीचे अपना खरा लूँ अम्मी क मोती गांड में घुस रहा था और साथ हे अम्मी को मना रहा थस क अम्मी जल्दी करे टाइम बिलकुल नै है मेरे से रहा नै गया और मैं नीचे बैठा और पीछे से अम्मी की शलवार जो क इलास्टिक वाली थी उसे नीचे अम्मी क पेरो तक्क एक हे झटके में कर दिया ने पंतय नै पहनी थी और पीछे से उन् की फैली होइ गांड कमल की लग रही थी फिर थोड़ा नखरा कर रही थी पर मैं नै मन और प्यार से अम्मी की आईज में नीचे बैठे हे देख क बोलै अम्मी प्ल्ज़ और अम्मी बोली अच्छ जल्दी करो जो बी करना है और आगे को सिंक वाली रैंक को पाकर क थोड़ा झुक सी गयी और मैं उन्हें लेग्स थोड़ी खोलने का बोलै और जूनही अम्मी ने अपनी हैवी थिएस को थोड़ा साइड किया उन् क फुद्दी मुझे दिखने लग पारी बरी दिन क उजाले में अम्मी की फुद्दी देख रहा था की फुद्दी पे हलके हलके ब्राउन से बाल थे और फुद्दी क लिप्स साइज में ढेर इंच क होंगे जो क थोड़े से बाहिर को निकले होअय थे और फुद्दी का ओवरआल कलर वाइट सा था ग़ैर मामूली तोर पर फुद्दी का साइज इतना ब्रा नै था जो क अम्मी की आगे की औरतों का होता है की फुद्दी को देख कर मेरे मौन में पानी सा आज्ञा और मैं अम्मी क भरी हिप्स को पहिला कर साइड कर क अपना फेस घुसा लिया हिप्स में और अम्मी क फुद्दी क लिप्स को चूम लिया का टास्ते था एक दम्म से उछाल पारी हुए सिसकी भर क हईये अली ये सब मैट करो टाइम नै है हमारे पास मैं न मौके की नज़ाकत को समझते होअय एक दाम से जोरर से अम्मी की फुद्दी को चूमते होअय सीधा खरा होगया नज़ारा ये था क अम्मी अपने मेरे सामने हाफ झुकी होइ अपने भरी हिप्स को पहिलाये इंतज़ार कर रही थी क अगले हसीं पल का और मैं बी बिना देर किये मज़ीद अपना पजामा नीचे किया और मेरा लूँ किसी लोहे की रोड की तरह तना होआ था और सीधे अम्मी की गांड की तरफ कैप थी उस की जैसी मंज़िल की डायरेक्शन मिल गयी हो मैं आगे ब्रा और अम्मी की कमीज को ऊपर को कर क कमर तक्क अम्मी की लेग्स को थोड़ा मज़ीद खोल कर लूँ फूडी क होल पे रखा हे था क ऊपर से आपि लोगो क नीचे आने की आवाज़ आयी वक़्त मुझे बेइंतेहा ग़ुस्सा आया ने जूनही आवाज़ सुनी वो एक दम्म से सीढ़ी होइ और जल्दी से नीचे पाऊँ में गिरी शलवार को ऊपर कर लिए और मुझे बी पीछे धेकेल दिया और बोली पजामा ऊपर करो और फ्रिज की साइड पे होजाओ ता क खरा लूँ न दिख जाये फ्रिज की साइड पे दूसरी तरफ मौन कर क खरा होगया और पानी पीने की एक्टिंग करने लगा और मेरे चेहरे पे साफ़ ग़ुस्सा निकल रहा था एपीआई किचन में दाखिल होइ और बोली अम्मी देखो अहमद मेरे लिए सूट लेकर आया है और मेकअप का सामान बी जो मैं कहा था इसे और साथ हे बोली क अम्मी अरूबा (एपीआई की नन्द) की कॉल आयी थी वो लोग बाजार जा रहे है तो मुझे बी बुला रहे क मिल क शॉपिंग करनी है क सुसराल में किसी की शादी थी तो उस क लिए) जा रही हूँ शाम तक्क ाजाओं गई और रमीज़ा (एपीआई से छोटी सिस्टर) वो बी तो आ रही न तो उस से बी मिल लगी एक डैम से बोली क अकेले क्यों जा रही हो अहमद को साथ लेजाओ सुसराल वालो से बी मिल लेगा और बाहिर बी घूम आएगा भाई क तब एक्सप्रेशंस देखने वाले थे जैसे उन्हें बाहिर नै जाना हो और अम्मी क पास हे रहना हो बी बोली क ये ठीक रहेगा और बोली चलो अहमद चलते है है और दोनों बाहिर की तरफ जाने लगे और अम्मी उन्हें बाहिर तक चोर कर गेट लॉक कर क दोबारा किचन में आगयी जहाँ मैं खरा था और मेरे चेहरे पे स्माइल साफ़ झलक रही थी क अम्मी ने कैसे अहमद भाई को बी साथ बेझ दिया अब हम दोनों माँ बेटे पोरे घर में अकेले थे बी जूनही किचन में दाखिल होइ तो उन क होंठों पे बी मुस्कराहट थी शलवार और रेड कमीज में केहर तो पहले से ध रही थी इतना उतावला होआ फिरा था क जल्दी से आगे होकर अम्मी को गले से लगा लिया और उन्हें चूमने लग प्र क लिप्स को ऐसे चूस रहा था जैसे उन से अमृत टपक रहा हो बी मेरे उतावले पैन से थोड़ा हैरान रवह गयी मैं जल्दी से अम्मी क गले से दोपट्टा उतर फेंका और लाल कमीज को सिरों से पाकर कर ऊपर को उतरने लग प्र थोड़ी टाइट थी और मैं जल्दी में थोड़े ज़ोर से जूनही ऊपर की तो सिदो से चिररररर की आवाज़ आयी और अम्मी की कमीज पहात गयी मैं उसे पूरा फर का साइड ोे फ़ेंक दिया अब थोड़ा मुस्करा रही थी क पुत्र आराम नल मैं थोड़ा किथे नस चली आ सर पे जैसे भूत स्वर था में खरा लूँ रह रह कर उछाल उछाल कर बाहिर आने क फ़िराक में था क़मीज़ी उत्तर गयी तो अम्मी क सीने पे बाक़ी बचा होआ लाल ब्रा बी मैं उतरने लग प्र पर हुक नै खुल रही थी और अम्मी ने मुझे प्यार से थोड़ा पीछे करते होअय बोलै रुको मैं खोलती हूँ और पीछे हाथ लेजा कर हुक खोल दी और ब्रा उतर दी अम्मी क मोठे मम्मी एक डैम से मेरे सामने आगये क दूध किसी बारे २ तरबूज़ु की तरह रहे वाइट और ब्राउन रंग क निप्पल्स जो क हाफ इनचेस undefined में होंगे और खरे थे आगे में बी अम्मी क मम्मो में थोड़ा सा हे झुकाया था तो अम्मी क इतने बारे दूध देख कर होश हे खो बैठा में अम्मी किसी अप्सरा से कम् नै थी ज़ुल्फ़ें बरी आँखें रसीले होंठ नैन नक़्श सुराई दर गर्दन पे दो बारे बारे दूध जो ४४िंचेस क ब्रा में बी बरी मुश्किल से आते थे पेट नैवेल नीचे कमल क बरी और हैवी हिप्प्सजो चलते वक़्त एक दूसरे से रैगर कहते थे तो देखता हे रह गया अम्मी को पर लूँ था पाजामे में आउट ऑफ़ कण्ट्रोल होअय जा रहा था न्य न्य मेवा खाने को पहली बरी मिले और मेवा हो बी लाजवाब में एक तो रहा नै जाता तब कुछ वैसी हे फीलिंग्स थी आगे बारे और अम्मी क राइट वाले दूध को दोनों हाथों में पाकर क निप्पल मौन में लेकर खरे खरे हे चूसने लग प्र अंदाज़ा लगा सकते क इतने बारे एक दूध था क दोनों हाथों की ग्रिफ्ट में नै था आ रहा मेरे सर पे हाथ फेरती मुझे दूध चूसने डियर जा रही थी बरी होआ था सुबह से आज क मेरे खरे लूँ को धोका मिला था तो मैं बी देर करना गवारा न किया और एक हे दूध चोर अपनी शर्ट और ट्रॉउज़र उतरने लग प्र और तभी अम्मी ने बी शलवार उतर दी अब अम्मी मेरे सामने फुल नंगी थी और उन् का ऑवर गिलास शेप वाला गदराया बदन मुझे पागल बना रहा था मैं आगे और अम्मी क होंठ चूम लिए बास इतना हे बोल सकीय क अली बैडरूम...मैं ने उन्हें बाहों में लिया और किचन की रैंक से लगाए पैशनेट तरीके से चूमि जा रहा था मेरा खरा लूँ अपनी मंज़िल की रह ढून्ढ रहा था हाथ पीछे रैंक पे ले जाते होअय उस पे पारी चीज़ो को साइड किये अम्मी को थिएस से उठा कर रैंक पे चढ़ा दिया ज़रा रैंक क बारे में बता हमारे किचन में तक़रीबन सारे ३ फ़ीट लम्बाई में थे को उस पे चढ़ा कर मैं ने किसिंग रोकी और अम्मी की हैवी लेग्स को पहिलाया अम्मी पीछे देवर क साथ टैक लगे हाफ बैठी होइ पोजीशन में थी उन की भरी लेग्स को ज़ोर से ऊपर की तरफ अपने कन्धों क सहारे कर क पहिला दिया पोजीशन सेट कर क बिलकुल रैंक क सिरे पे उन् क हिप्स किये और फुद्दी को देखा हो थोड़ी गीली होचुकी थी तो पहले हे जोश में था एक हाथ से लूँ पाकर क फुद्दी क होल ोे रखा और एक करारा ढाका फुल ज़ोरो से mara,aaiiiiiiiiiiiiii हाय मैं मर गयी... मर सत्य इ न अपनी माँ न...अम्मी की एक दर्दनाक चीख पोरे घर में गुंजहि रगरता होआ पूरा एन्ड तक्क अम्मी क फुद्दी में चला गया और इस पोज़ में ज़रा बी लूँ बाहिर नै था इवन मेरी बॉल्स फुद्दी क निचले हिसाय पे जा लगी थी की चीख सुन कर एक पल क लिए मैं रुका और अम्मी की बंद दर्द से बरी आईज को देखने लग प्र.. अम्मी की लेफ्ट ऑय से ाँसों बी निकला दर्द से में मैं उतावलेपन में अम्मी क दर्द की परवा नै की रात वाशरूम में बैक से फुद्दी मरी थी पर अब जिस तरह क मशीनरी पोज़ में अम्मी को किया होआ था इस पोज़ में लूँ अम्मी की फुद्दी में सब देवरे धताय होअय एन्ड तक जा पोहंचा था ५ सेकण्ड्स बाद अम्मी की आईज तब खुली जब मैं फ़िक्र में अम्मी पे झुक कर उन् क मुलायम फेस पे हाथ फेरा और बोलै अम्मीय ग की आँखें खुली तो वो थोड़ी नुम थी और उन में दर्द साफ़ झलक रहा था मेरा सारा उतावलापन एक हे झटके में झाग जैसे बेथ गया बी था सुबह का लूँ को धोका मिलना या ग़ुस्सा वग़ैरा पर ात थे एन्ड जो औरत इस वक़्त मेरे नीचे थी वो माँ थी मेरी क्यों न होती बी मुझे परेशां देख कर थोड़ा सा मुस्करायी कैसे बी कर क और मेरे झुके होअय फेस को अपने राइट हैंड से सहलाते होअय बोली अरे कुछ नै होआ तेरी अम्मी को ये तो ख़ुशी क ाँसों है इस दर्द को सहने क लिए तो हर औरत जीती क्यों परेशां होरहा आदत नै है न इतने बारे की तो बास ऊपर से तू बी आओ देखा न ताओ और एक हे झटके में दाल दिया अपना गधे जैसा मसल और साथ हे थोड़ा और मुस्करा उठी अपने हाथ से अम्मी क ाँसों साफ़ किये और उन् की आँखों में देखने लग प्र अजीब सा हे अपना पैन था बिना पलके झपकाय देखि जा रहा था अम्मी बी शामे दो लवर्स हो जैसे ने थोड़ा ऊपर उठ क मेरे होंठों पे किश किया और मुझे होश में वापिस लायी अम्मी की तरफ देख तब थोड़ा शर्मा सा गया और साथ हे अम्मी की आईज में देख क बोलै अम्मी ी लव ु बी जवाब में बोली पुत्र तेरी माँ बी तुझ से बुहत प्यार करती है हे अम्मी बोली अब क्या मुस्कराता हे रहे गए या कुछ करेगा बी तेरा मसल अभी बी कैसे मेरी फुद्दी में पनाह लिए बैठा है कुछ देर क लिए भूल हे गया था बी दोबारा जोश में आते होअय नीचे झुका ा अम्मी क दोनों मोठे मम्मो को बरी बरी चूसने लग प्र और थोड़ा सीधा होकर अम्मी की हैवी लेग्स को सही से ऊपर को कर क अम्मी क दोनों दूध पे गृप बना क लूँ को बाहिर सिरे तक्क निकला और अम्मी की आईज में देखते होअय फिर से एक ज़ोर का झटका दे मारा फिर से चिलायी हाय मैं मर गयी और एक दर्द भरी सिसकी बरी क मुझे घोरते होअय बोली "सुधरी न तू" मैं थोड़ा मुस्कराते होअय फिर से एक ढाका लगाया और २ और बिना रुके किसी इंजन क पिस्टन की तरह तेज़ ढके लगाने लग प्र हर ढके क साथ सिसकी बरती और अपना निचला होंठ डेंटन से काट'टी उन् का दर्द बी काफी हद तक मज़े में चेंज हो चूका था वो बी मज़े सिसकियाँ बार रही थी लूँ अम्मी की फुद्दी की अंदरूनी स्किन को रगरते होअय इन आउट होरहा था और मैं उस पल को बयान नै कर सकता क कितने मज़े से मेरा लूँ अम्मी क फुद्दी की सरहदों को बार बार पर कर रहा था की अंदर से लूँ पे जो झाकर सी होती तिघटनेस से फील होती और साथ गर्माहट से जैसे मेरा लूँ पिघल रहा हो अंदर ऐसे तो फुल होश खोये ढके पे ढाका लगाई जा रहा था में अम्मी की फुद्दी में जन्नत सा मज़ा था मेरी हाथों की सख्त ग्रिफ्ट की वजह से अम्मी क मम्मो पर निशान से पर रहे थे और दोनों दूध लाल होगये थे मम्मो को चोरे अम्मी की लेग्स को अम्मी क फेस की तरफ और ज़्यादा बेंड कर दिया का जिस्म भरी और फैला होआ था जिस की वजह से अम्मी को बी थोड़ी प्रॉब्लम होइ यूँ पर अम्मी में काफी फ्लेक्सिबिलिटी थी ये मुझे तब पता चला हाल ये था क किचन क रैंक पे अम्मी को हाफ बेंड किये मैं ऊपर से अपने लूँ क तगड़े झटके फुद्दी में लगाई जा रहा था पोज़ में अम्मी को थोड़ी देर बाद हे मसला होने लग प्र क्यों क रैंक की मार्बल की स्लैब थी और उस पे यूँ बेंड होना अपनी लेग्स अपने फेस तक बेंड किये होअय और इस हालत में एक तो मैं बी अम्मी की थिएस को पक्राउ होआ था और अम्मी बी दोनों हाथो से अपनी थिएस को पहिलाये होइ थी ५ मं मज़ीद गुज़रे होंगे यूँ अम्मी की फुद्दी को ठोकते क मुझे अम्मी की हालत देख कस्र थोड़ा रेहम आज्ञा वो इस लिए क हर ढके क साथ उन् की कमर रैंक की स्लैब पे घिसती और उन्हें मसला होता तो मैं समझ गया और अम्मी की लेग्स चोर दी और रुक गया अम्मी की जैसे सांसें थोड़ी संभली तो मैं तो वो किया जिस का अम्मी ने कभी खुवाब में बी सोचा न हो...अब ज़रा थोड़ा हेल्थ वाइज बताना ज़रूरी समझू गए क्यों क मौके की नज़ाकत है क मैं पहले हे बता चूका क भाई क तरफ देख क मुझे बी गयम लगाने का शोक है सुर ३ साल से गयम लगा रहा उस वजह से मैं स्मार्ट तो हूँ बूत वेल बिल्ट बी हूँ कोई ६५ क क़रीब लिफ्टिंग का ब्रा शोक में अक्सर वेइट्स बरी से बरी उठाने की तरय करता शार्ट स्मार्ट एंड टालल हूँ फ़ीट क क़रीब हाइट है...अम्मी क बारे में बी जानते है क वो एक भरी बदन की मालिक है अराउंड ५'७ क क़रीब होगी टालल हसि काफी बी मैं खुद मैसूर किया था ९३कग था...तो ये सब डिटेल बताने की वजह ये थी क जो अमल मैं अब किया वो अम्मी क वेहम ो गमन में बी नै था की मुश्किल को समझते होअय मैं उन् की लेग्स छोरी पर लूँ अभी बी फुद्दी क अंदर हे घुसा प्र था और अम्मी को सीधा किया थोड़ा और उन् को बाहों में लिया और उन्हें बोलै अम्मी मेरे गले में बाहें डालें उन्हें समझ नै आ रही थी मैं दोबारा बोलै तो उन्हों ने अपनी बाहें मेरे गले में दाल ली अम्मी क मोठे चुतरों को नीचे पकड़ा मज़बूती से और एक दम्म से उन्हें रैंक से थोड़ा ऊपर की और बाहों में झाकर कर ऊपर की तरफ उठाया अम्मी बोली ये क्या कर रहे हो पुत्र मेनू थल्ले ला दे बुआहट वज़नी हूँ हीर जाऊँगी और इसी हरबराहट में अम्मी ने अपनी लेग्स मेरी कमर क गिर्द लपेट ली और बाहें पहले से गले में थी अम्मी किसी बन्दर जैसे मेरे से चिपक गयी थी...मैं बी सीधा होआ और अपने दोनों हाथों से अम्मी क भरी और बाहिर को निकले छात्रों को पाकर और उन्हें सही से ऊपर को उठाया पोरे अमल क दौरान मजाल थी जो मेरा लूँ अम्मी की फुद्दी से बाहिर निकला हो तिघ्टलय अम्मी की फूडी में झाकरा होआ था अपने अंदर...अम्मी क नंगे दूध मेरी छाती साथ दबे होअय थे और अम्मी क चेहरा ठीक मेरे फेस क सामने था प्यार से बोलै क अम्मी घबराये न मैं आपको कभी गिरने नै दूंगा तो अम्मी थोड़ा रिलैक्स होइ हम दोनों की आँखें चार होइ तो अम्मी थोड़ा शर्मा सी गयी और मेरे राइट कंधे पे अपना से छुपा लिया की इस ऐडा से मेरे में जोश और बार गया और मैं अम्मॉ क भरी वजूद को उठे होअय अपने पाऊँ ज़मीन पे अछि तरह से ज़माने क बाद अम्मी क हिप्पस को हाथों में झाकराय थॉर ऊपर को उठाया लूँ जब सिरे तक बाहिर आया मैं एक डैम से नीचे से ऊपर को ढाका लगाया और साथ हे अम्मी क भरी जिस्म को नीचे को किया लूँ फिर से एक हे झटके में अम्मी की चिपचिपी और गर्म फुद्दी की गेहरिया नापने लग प्र न एक डैम से चिलायी और अपना फेस कंधे से उठा का मेरे फेस क बिलकुल सामने दोबारा ले आयी और मेरी आईज में देखने लैह पारी और मैं फिर स्व वक झटका लगाया और क़सम से उस ढके क साथ अम्मी क फेस क जो एक्सप्रेशंस थे उफ़ जान लेवा थे लगते हे अम्मी का मौन खोला और एक चीख बरामद होइ और साथ हे सिसकी और अम्मी ने अपनी आँखें क्लोज कर की एक पल क लिए और साथ हे निचला होता कटा होना थोड़ा तो पागल सा होगया फिर से और बिना रुके दे डीएनए दानं शुरू होगया अम्मी की फुद्दी को छोड़ने ढके साथ अम्मी क मोठे मम्मी मेरी छाती साथ रैगर कहते और अम्मी की हिप्पस का मेरी थिएस पे लगने की वजह से एक थप्प्प्प्प की आवाज़ आती जून ढके तेज़ होगये ठप्प की अयाज़ पोरे रूम में गूंजने लग पारी ान अम्मी क लिप्स को चूमने क साथ साथ अपनी वालिदा मजदा को अपनी बाहों में उठाये किचन क फर्श पे खरे होकर ज़ोर ज़ोर से अम्मी की फुद्दी को छोड़ बी रहा था...मंज़र इतना दिल नशीन था क कोई बूढ़ा बी देखत रो उस क मौन से बी रेल टपकती भरी वजूद की मालिक माँ अपने पतले से बेटे की बाँहों में किसी माँ की गुड़िया जैसे छुड़वा रही थी...मुझे बी यक़ीन नै आ रहा था क पहली हे बरी में मैं अम्मी क भरी जिस्म को बारे अचे तरीके से संभाल रहा था ५ मिनट्स हे होअय जोंगे मुझे यूँ बाहों में लिए अम्मी को छोड़ते क अम्मी मेरी आईज में देखती होइ अब चीला रही थी पुत्र होर ज़ोर नाल मेरा शेर पुत्र होरी तेज़ी नल ऐसे तरह हे...अम्मी बी अब मज़े से पूरा पागल होरही थी बार मेरा लूँ फुल रैगर खता होआ अम्मी की बचे दानी तक जा रहा था
27-02-2019, 06:44 PM
और जुन्हे लूँ अंदर ठोकर मरता वहां तो अम्मी की बे सख्त चीक और सिसकी दोनों निकल पार्टी की खोली ज़ुल्फ़ें बी हवा मेंलेहरा रही थी हर झटके साथ बोली आज तक किसी ने यूँ नै छोड़ा पुत्र मैं वरि जवान अपने शेर पुत्र तय लाए ज़ोर और हैइए ऐसे हे होर ज़ोर नल हाय ो मेरेया रब्बा...अम्मी की चीखें मेरा जोश और बढ़ा रही थी मुझे बी अब अम्मी का भरी वजूद हैवी फील होने लग प्र बी क्यों न जैसी भरी वज़न की खातून को उठा कर खरे खरे छोड़ना कोई आम बात थोड़ी थी बरो क पसीने छूट जाते ने बी ये बात फील कर ली और मेरे पसीने से भरे चेहरे को अपने हाथ से साफ़ करते होअय और साथ ऊपर नीचे लूँ पे झूलते जॉय बोली मेरा शररर पुत्र ा कर मेरे लादले कितना प्यार करेगा अपनी माँ को साथ हे अम्मी ने मुझे आँखों से किचन क बाहिर टीवी लाउन्ज में परे सोफस की तरफ इशारा किया समझ गया और दिल हे दिल में अम्मी पे और प्यार आया क अम्मी मेरी हालत समझ चुकी थी झटके लगाने बंद किये और अम्मी को चूमते होये उन्हें यूँ बाहों में उठाये टीवी लाउन्ज में परे बारे वाले नरम सोफे क पास ले आया और आराम से अम्मी को को नीचे करते होअय उस पर अम्मी को लेता दिया और मेरी लम्बी लम्बी सांसें बी संभालने लगी अम्मी क दोनों मम्मो क दरमियान सर रखा होआ था कोई १० सेकण्ड्स बाद मैं फिर से अम्मी की लेग्स उठायी और लूँ को फिर से तेज़ धक्को साथ अंदर बाहिर करने लगा और नीचे झुक कर अम्मी क दूध बी पीने लग प्र और निप्पल्स को काट'ता बी और तभी अम्मी सिसक पार्टी क पुत्र न कर निशान पर जाये गए बाज़ नै आया और अम्मी की गर्दन समेत पूरी छाती और मम्मो का सफ़ेद पार्ट बी चूमने काटने लग प्र और हलकी हलकी डंडियां सी लगाने लग प्र इस पोरे अमल क दौरान नीचे से अम्मी की फुद्दी में मेरे ढको की स्पीड ज़रा काम न होती आज खुद पे रश्क सा फील होरहा था क मेरा दूसरी हे बरी था क मैं फुद्दी मर रहा था और इतना कण्ट्रोल अभी तक किया था कोई २६ मिनट्स हो चुके थे अम्मी को छोड़ते लगातार कोई ५ मं मज़ीद गुज़रे होंगे क मुझे फील होना शुरू होगया क मैं छूटने वाला हूँ अधूरा काम किचन की रैंक पे नै होरहा था वो सोफे पे आराम से होरहा था की लेग्स उठाये अपने कन्धों पे रख कर उन्हें अम्मी क फावे जानिब बेंड किये फुल स्पीड से छोड़ रहा था नै कितनी बार अम्मी ने पानी छोरा इस लिए फील होआ क्यों क फुद्दी मरते होअय पाचकक पाचकक की आवाज़ आती और साथ हे ठप्प ठप्प की की फुद्दी अंदर से फुल गीली थी और पानी रिस रिस कर बाहिर को न नेह रहा था का मौन खुला होआ था और अपने सर को कभी दाएं तो कभी बाये जानिब करती मज़े से और चिलाती जा रही रही क पुत्र होर तेज़ हाय रब्बबा ऐना मज़ाआ पुत्र कीड़ा मोटा है ा तेरा की बातें बदहवासी में बोली जा रही थी बी चरम पर था आखिर कोई लास्ट क ८ १० करारे धक्के लगा कर फुल ज़ोरो से मैं बी लूँ फुद्दी में फुल गहरायी तक्क रख क फ़ारिग़ होने लग प्र पिचकारियां निकली पानी की क उफ्फ्फ रात से बी ज़्यादा पानी निकला था अब मैं अम्मी क सीने पे गिर प्र लूंण अभी बी अंदर था फुद्दी में को पूरा भर दिया था मैं किसी सैंड की तरह हांफने लग प्र बी हांफ रही थी हम दोनों की धरकन तेज़ भाग रही थी घंटे की महा चुदाई क नाद हम दोनों माँ बेटे पसीनो पसीनी होअय थकावट से हांफ रहे थे... ५ मं हांफने क बाद जब हम दोनों माँ बेटे की साँसे संभली तो अम्मी ने मेरे सर पे हाथ फेरा प्यार से क उठ जा पुत्र अब मेरे ऊपर से बी अम्मी क खिलखिलाते चेहरे की और देख कर खुश होगया और थोड़ा ऊपर को उठ गया पीछे हटा तो लूँ पाचक की आवाज़ क साथ अम्मी की फुद्दी से बाहिर आज्ञा सीध खरा अम्मी की नंगे बदन की और देख रहा था जिस पे जगह जगह मेरे प्यार क निशान थी जूनही उठ क बैठी तो उन् की फुद्दी से पानी रिसने लगा जो मेरे लूँ ने छोरा था क बाल बिखरे होअय थे पे जगह जगह निशान थे काटने की बी लाल होइ पारी थी ने अपना हाल देखा और और थोड़ा शर्मा सी गयी ये देख कर क उस का बीटा अभी बी सामने खरा उस क घर रहा है बी दिल नै भरा क्या देख क्या क्या हाल किया है तू ने जगह तेरे दांतों क निशान हैं जंगली है सूची ऐसे बी कोई करता है अपनी माँ साथ और साथ हे अम्मी नीचे देख थोड़ा स्माइल करने लग पारी अम्मी को पाकर क खरा किया हम दोनों माँ बेटे सीधे एक दूसरे क सामने नंगे खरे थे हाथ आगे बढ़ा कर अम्मी क बिखरे बालों में उँगलियाँ फेरने लगा और साथ हे अम्मी क चेहरे को ऊपर कर क उन की आईज में देखते होअय बारे धीमे लहजे में पोछा अम्मी आपको ाचा नै लगा क्या...अम्मी मुस्कराते होअय बरी ऐडा से मैं तुझे क्या बताओं जो सकूं आज तू ने मुझे दिया है ऐसा सकूं कभी नै मिला मेरी ज़िन्दगी का बेस्ट सेक्स था मुझे खुद बी नै पता लगा क कितनी बरी आज मैं झरि हूँ नीचे मेरे हाफ सोये होअय लूँ को अपने नरम हाथों में थमते होअय बोली तू ने सुछ में अपनी माँ को तारों की सेर करा दी अपने इस राकेट पे बिठा क बी अम्मी क मौन से ये अलफ़ाज़ सुन क थोड़ा शरमाया और स्माइल करने लग प्र अम्मी की तरफ एक तक देखते होअय बोलै अम्मी आप बुहत खूबसूरत हो ये सुन कर हसने लग पारी कमला है तू पुत्र प्यारी लगती हूँ क्या तुझे...मैं अम्मी की आँखों में देखते होअय बोलै हाँ अम्मी लाखों में एक जैसे और अम्मी क माथे पे किश कर दिया को बी मेरी आँखों में सुचै नज़र आ रही थी वो बी एक डैम क लिए खो गयी मैं अम्मी को हिलाया और बोलै अम्मी कहाँ खो गयी एक डैम से मुस्कराते होअय बोली कहीं नै पुत्र ज़रा साइड हैट मेनू वाशरूम जान दे बोलै अम्मी मैं बी चलता हूँ न आप साथ और अम्मी बोली न बाबा न सुबह से क्या तेरा मैं नै भरा अब ज़रा अपनी माँ को थोड़ी चैन की सांस लेने दे ऊपर ऊपर से नखरा करते होअय बोली अम्मी क एक डैम से क़रीब आ कर उन क फेस को अपने दोनों हाथों में थमते होअय अपने होंठों को उन क रसीले होंटो से जोर दिया और चूमने लग प्र बी सत्य देने लग पारी ने अपनी ज़ुबान मेरी मौन में दाल दी और मैं अपने होंठों से अम्मी की ज़ुबान को चूसने लग प्र २ मं हम दोनों माँ बेटे की पैशनेट किसिंग जारी रही फिर जूनही अम्मी अलग होअय अम्मी की आईज चमक सी रही थी और होंठों पे स्माइल से रहा नै गया और मैं एक दम्म से नीचे होते एक हाथ कमर क ऊपर वाले हिसाय पे रखा और एक दोनों लेग्स को जोर कर और उन्हें फिर से बाहों में उठा लिया बार फरक ये था क उन्हें गॉड में नै था लिया होआ बल क हॉरिज़ॉन्टली लेटने वाले पोज़ में उठाया होआ था फिर से एक पल क लिए हरबरायी क पुत्र न कर मैं दिग जवान गई बारे प्यार से उन्हें बाहों में लिए उन् की आईज में देखते होअय बोलै अम्मी आपको क्या अपने बेटे की बाहों पे भरोसा नै तो अम्मी मुस्करा दी आशिक़ की तरह अपनी मेहबूब माँ को बाहों में लिए उन्हें वाशरूम में की और लेजाना लगा बी मुझे देख देख रश्क कर रही थी क एक कल का लड़का कैसे उस क वज़नी बदन को इतने आराम से उठाये ले जा रहा है अम्मी को उन् क रूम क साथ बने आत्ताच वाशरूम में लेग्या और जूनही अंदर पोहंचे मैं ने अम्मी को बारे प्यार से अपनी तरफ घूरते पाया क्या देख रही हैं बोली देख रही मेरा पुत्र कितना बारे होगया है मर्द बन गया और साथ हे मुस्कराने लग पारी आराम से उन्हें अपनी बाहों से नीचे उतरा अब बिना कुछ बोले दूसरी तरफ को मुर गयी और शावर ों कर क गर्म पानी का उस क नीचे खरी होगयी...मैं पीछे खरा था का गर्म पानी सर से बेहटा होआ की कमर से बल खता होअय अम्मी की मोती हैवी गांड क ऊपर से बेहटा नीचे को गिर रहा था हसीं मंज़र देख कर मेरे से रहा नै गया और मैं बी अम्मी क पीछे जा लगा और अम्मी की बल कहती कमर को दोनों हाथों से थामे उन् की गांड क साथ लग गया ने जूनही मेरा लूँ जो क हाफ खरा था अपने चुतरों क दरमियान फील किया उन पे बी खुमारी सी च गयी और उन्हों ने अपने चुतर थोड़े पीछे को कर दिए मैं पीछे से लूँ अम्मी क चुतरों पे रगरते होअय साइड से शैम्पू पाकर और अपने हाथ पे दाल क अम्मी क लम्बी घनी ज़ुल्फ़ें में लगाने लग प्र बी दूसरी और मौन करे खरी थी और अपने बेटे की तरफ से अपने बालों को शैम्पू करते फील कर रही थी सही से शैम्पू कर दिया तो बॉडी वाश से मैं अम्मी क बदन को मलने लग प्र किसी मोरनी की तरह बल खाये सिसकियाँ भर रही हलकी हलकी सुर अपने बेटे से नेहला रही थी पीछे से हाथ डाले अम्मी क दोनों मम्मो पे बी बॉडीवॉश मॉल रहा था मेरा रब्बा हाथां छे सूची जादू आय पुत्र में मैं तुझे अपने हाथों से नहलाती थी और आज देख ले तू अपनी माँ को कितने मज़े से नेहला रहा है उप्पेर बॉडी को साफ़ करने बाद नीचे बैठा पीछे और अम्मी क मोठे चुतरों को साफ़ करने लग प्र का पूरा बदन झाग से भरा प्र था अम्मी क हिप्पस अंदर वाली लाइन पे बी मलने लग प्र मेरा हाथ अम्मी की गांड क छोटे से होल पे टच होआ मैं थोड़ा फिंगर्स से उसे रब किया तो अम्मी की सिसकी निकल गयी की गांड का सूराख बिलकुल टाइट सा लग रहा था था भाई ने या अब्बू ने कभी अम्मी की गांड नै मरी सब ख्याल मेरे ज़ेहन में चल रहे थे तब ज़्यादा नै सोचा और अम्मी को सीधा किया और सामने से उन् क पोरे बदन को साफ़ करने लग प्र बेथ अम्मी की फुद्दी को बी बारे अचे तरीके से रैगर रैगर कर साफ़ किया और फिर एक दम्म से अम्मी ने मुझे थोड़ा पीछे किया और सीधा खरा कर क मेरी आँखों में देखती होइ बोली अब तेरी माँ तुझे अचे से साफ़ करेगी और बॉडीवॉश से मेरा पोरे बदन को साफ़ किया और जूनही लूँ की तरफ उन क हाथ बारे नीचे बेथ गयी और बरी ऐडा से फिर से ढेर सारा बॉडीवॉश अपनी हथेली पे दाल क दोनों हाथों से रगड़ने लग पारी तो पहले से अम्मी क हुस्न देख क खरा होचुका था पर अब अम्मी क नरम हाथों क जादू से वो और ज़्यादा ाकरने लग प्र और लूँ की नसाय साफ़ नज़र आना शुरू होगयी दोनों हाथों से लूंण की बरी अछि तरह से मालिश कर रही थी और एक तक लूँ पे नज़र जमाये होइ थी पुत्र सूची तेरा लूँ की घड़े घोड़े से काम नै है छुपा रखा था ये क़ीमती रतन बी मदहोश होअय अम्मी से पॉच बैठा क अम्मी भाई से बारे है क्या मेरा लूँ तो अम्मी एक डैम से ऊपर मेरी आईज में देखि और फिर मुस्कराते होअय बोली हाँ अहमद से बी बारे है और तेरे अब्बू से बी ब्रा है लूँ ने बी जूनही अपनी तारीफ सुनी तो वो और ज़्यादा फूलने लग प्र ने बी ये बात फील की और मेरी तरफ देख क बोली देख कैसे अपनी तारीफ सुन क फूल रहा है तेरा मसल और फिर सीधे खरे होगयी और मुझे साथ लगते होअय शावर दोबारा से ों के दिया मैं और अम्मी आमने सामने थे और एक दूसरे पे गिरते शावर क गर्म पानी से खुद को साफ़ कर रहे थे सारा बॉडीवॉश अचे से हम दोनों क बदन से उत्तर गया तो मैं आगे बार अम्मी को फिर से चूमने लग प्र क रसीले गीले होंठों को चूमने का अपना हे मज़ा है बी मेरा साथ देने लग पारी और कुछ पल बाद जब किश टूटा तो हम दोनों माँ बेटे एक दूसरे सामने फुल नंगे खरे थे बोली पुत्र अब जा जाकर कपड़े पहन ले एपीआई लोग किसी बी वक़्त आते होंगे लूँ पोरे ताओ में था मैं कैसे जाता आगे भर अम्मी को बोलै अभी १ ढेर घंटा हे तो होआ है उन्हें गए होअय अम्मी अभी काफी देर लगे गई उन्हें आप फ़िक्र न करे साथ हे मैं फिर से अम्मी को जैसे लेकर आया था वाशरूम वैसे हे बाहों में उठा लिया और अम्मी को उन् वाशरूम क बाहिर उन क किंग साइज बीएड क पास ले आया मेरी आँखों में देखते होअय बोली तो तू बैंनै आएगा पुत्र मैं मुस्कराते होअय ना में सर हिलाया और उन्हें बीएड पे लिटा दिया बाहों से उतर कर ज़रा मैं अम्मी क रूम क बारे में बता दूँ क रूम निचले फ्लोर पर था खुला और ब्रा रूम था में एक किंग साइज बीएड लगा होआ था और ये वही बीएड था जो अम्मी अपने जहेज़ में साथ लायी थी बास फरक इतना था क अब्बू ने थोड़े पैसे मज़ीद लगा कर इसे पहले से बेहतर बना दिया होआ था... जैसे क बीएड क चारो पाऊँ पहले लम्बे थे उन्हें छोटा और मज़बूत किया बीएड का मैट्रेस्स कमल का था सब मुझे इस लिए यद् है क ७ साल पहले जब अम्मी वाशरूम में गिर गयी थी तो उन क बैक में प्रॉब्लम आयी थी तो डॉक्टर में ये मैट्रेस्स रेकमेंड किया था क दोस्त का फर्नीचर का शोरूम था गुजरात में तो उन्हें ने स्पेशलय बाहिर से इम्पोर्ट लिया था थिकनेस में ढेर फ़ीट क क़रीब था ऐसा सिस्टम था क मज़ा ाजत जब बी ऊपर बैठते शुरू में मैं इस पे खेलता था जब मैं जम्प लगता तो हर बरी ऑटोमेटिकली मैं ऊपर नीचे होते शार्ट सब से बेस्ट और रेयर मैट्रेस्स था और पोरे घर में सिर्फ एक था अब्बू अम्मी क रूम में... जब अम्मी को बीएड पे लिटाया तो अम्मी बरी ऐडा से सीधे लेत गयी का बदन सुछ में कमल का था वाले होते हैं जिन्हे अपनी ऐसी अप्सराय मायें छोड़ने को नसीब होती है खुद बी रश्क कर रहा था अपने नसीब पे का गीला बदन मुझे तरफ जैसे खींच रहा हो बाहिर अचानक से बिजली गरजी ाचा भला मौसम था पर अब अचानक से काले बदल चने लग परे थे क मिड चल रहा था तो सर्दी बी इन्तहा की थी दोनों माँ बेटे फुल नंगे रूम में थे मैं बीएड पे साइड को अम्मी क नंगे बदन पास बैठा और अम्मी क पेरो साइड होकर उन क नरम पेरो को सहलाने लगा अम्मी क रूम की खिरकी से जो पहले थोड़ी बुहत दिन की रौशनी आ रही थी वो आना बंद होगयी क्यों इन्तहा क काले बदल एक दम्म से च गए थे ११ बजे का वक़्त था और एक डैम से ऐसे लगने प्र जैसे रात होगयी हो बोली बाहिर गेट पास जो सेहन था हमारा उस में कपड़े कुछ सूखने रखे थे उन्हें ले आते है बदल बरी ज़ोरो से गरज रहे है पक्का तूफानी बारिश होने वाली दिल तो न था पर फिर अम्मी की बात मणि और उन्हें हाथ देकर उठाया और जूनही मेरे साथ वो खरी होइ वो अलमारी की तरफ जाने लगी क कुछ पहन लू उन् का हाथ थमा और बोलै अम्मी क्या ज़रूरत है बोली हूँ हाय अब क्या मैं नंगी हे बाहिर सेहन में जाओं न बाबा न मैं नै यूँ जाने वाली बोलै अम्मी बाहिर काली घटाए चाय होइ रात का समै जैसे हो और वैसे बी सेहन में कोण देखे गए आपको हमारा इस तरह था क पास किसी हंसाये का घर इतना ऊंचा था नै क उन्हें हमारा सेहन नज़र आये तो इसी लिए मैं रिलैक्स था अम्मी का हाथ थामे उन्हें बाहिर ले आया हम माँ बेटे नंगे सेहन में एंटर होअय एक डैम से एक ठंडी हवा का झोंका हमारे बदन को छू कर गुज़रा एक डैम से ठाठर सी गयी क उफ्फ्फ्फ़ पुत्र बाहिर तो सुछ में बरी ठण्ड है और देख कितना अँधेरा होआ प्र है मैं आज तक्क ऐसे अँधेरा दिन में नै देखा बी सही थी मैं बी अपनी होश में ऐसे बदल नै देखे थे स्य बदल थे चारो और और अँधेरा गहरा होता चला जा रहा था और बिजली चमकने क साथ बदल बी गरज रहे थे जल्दी से आगे बरी और जब वो थोड़ा तेज़ी से चली तो उफ़ उन क मोठे चोतर एक दूसरे साथ रैगर खाने लगे और मेरे खरे लूँ पे छुरियां चलने लग पारी का गदराया जिस्म होने की वजह से चलते वक़्त कमल की लग रही थी घने गीले बाल कमर और सामने की तरफ दो बारे तरबूज़ों जैसे मम्मी जो चलते वक़्त ऊपर नीचे झूल रहे थे और सादुल पेट और नीचे टाँगे में चुप अम्मी की खूबसूरत फ़ुदद्दी उफ्फ्फ अम्मी चलता फिरता बम लग रही थी तब बी ऊपर वाले की क़ुदरत पे नाज़ कर रहा था जो उस ने ऐसी मूरत तराशी और उसे मेरी माँ बनाया जब मुझे देखा अपनी तरफ बिना पलके जपकाय घूरते तो वो बी अंदर से मुस्करा पारी और खुद पे फख्र करने लग पारी क इस उम्र में बी उस क हुस्न का क़दरदान उस का अपना सघा पुत्र है जो उससे खा जाने वाली नज़रो से घर रहा था जल्दी से सरे कपड़े तार से उतरे और मेरे पास आ क मेरी लूँ पे हल्का सा हाथ मारा और मैं होश में वापिस आया और मेरी तरफ देखते होअय बोली चल पुत्र अंदर चलिए बार तय रात कूप होगयी ा जब देखा बाहिर तो सुछ में रात जैसा समै होगया था और साथ हे बारिश बी शुरू होगयी अँधेरा होगया क हमे अंदर आकर सब लाइट्स ों करनी पारी क्यों क यूँ तो एक दूसरे का फेस तक्क सही से नज़र आना मुश्किल था ने जल्दी से से कपड़े रखे साइड पे और अपने रूम की और जाने लगी मैं बी पीछे पीछे अम्मी की मोती गांड को हिलते जाने लगा जा कर अम्मी ने जल्दी से टॉवल से होने जो थोड़े गीली बल थे उन सूखने लग पारी अम्मी का सेल बजा अम्मी उसी नंगी हालत में सेल उठाया रज़िया एपीआई की थी ने कुछ सेकण्ड्स बात की फिर सेल रख दिया पोछा अम्मी क्या कह रही थी एपीआई बोली वो लोग एपीआई क सुसराल में रुके होअय है रहे हैं क मौसम ठीक होता है तो शाम तक्क आजाये गए और रमीज़ा (मेरी दूसरी एपीआई) वो बी उन् क साथ है सब शाम को हे अब आएंगे ये सुन कर खुश होगया क शाम तक हम दोनों माँ बेटे अकेले है बी मेरी स्माइल देख मुस्कराने लग पारी अम्मी को हँसता देख अम्मी क बाहों में ले लिया और उन् क माथे पे प्यार से किश कर क बोलै अम्मी ी लव यू फिर से थोड़ा शर्मायी और बोली कितनी बरी बोलेगा ी लव मुझे पता है मेरा पुत्र मुझे बुहत प्यार करता है और मैं बी तुझ पे अपनी जान वर्ती हूँ मेरे सोने लाल क बाहों में लियर मेरे हाथ अम्मी क मोठे हिप्स पे थे और उन्हें मैं दबा रहा था मेरे ज़ेहन में सवाल आया मैं बोलै अम्मी एक बात पोचू बुरा तो नै मानेगी मुस्करा क बोली पुत्र तुझ पे मेर जान क़ुर्बान बोक मेरे लादले जो चाहे पॉच ले कहसह होते होअय अम्मी की आईज में देखते होअय बोलै अम्मी आप ने कभी गांड मरवाई है मेरा सवाल सुन एक पल क लिए तो खामोश होगयी और फिर मुस्कराते होअय बोली मुझे पता था तेरे दिल में ये सवाल आएगा जब तू वाशरूम में मेरी गांड क सूरकः पर अपनी ऊँगली फेर रहा था तभी समझ गयी थी तो सुन से हे मेरे चोतर नार्मल से कुछ ज़्यदा मोठे और बाहिर को निकले होअय होते थे से पहले बी काफी बारे थे नार्मल लड़कियों से तेर अब्बू साथ शादी होइ तो शुरू क दिनों में तेरे अब्बू ने एक आध ार ज़िद्द की क नसरीन मुझे तेरी गांड मारनी है उन्हें ये कह कर ये मना कर दिया क नै ये जाएज़ काम नै मैं आपकी बीवी हूँ उन्हों ने बी ये ज़िद चोर दी एपीआई क साहड़ी क दिनों में पता नै कहाँ से तेरे अब्बू को गांड का शोक फिर से चार गया ब्रा मजबूर करते पर मैं हमेशा उन् का दिल तोर देती क यूँ निकाह टूट जाता है तेरे भाई का बी तेरी तरह मेरे चोतर देख कर दिल करना शुरू होआ पर मैं उसे बी मना कर दिया और अपनी फुद्दी तक हे महदूद रखा उसे बात सुनने क बाद मैं एक डैम से बोल प्र क तो क्या अम्मी आप पीछे से अभी तक वर्जिन है...अम्मी खिलखिला क हंस पारी और बोली हाँ मेरे लाल तेरी माँ वहां से अभी तक्क वर्जिन है...मैं तो खुही से झूम उठा और अम्मी को चूमने लग प्र बी मेरे मैं को समझ गयी थी होंठ चोरते होअय बोली पुत्र तेरे प्यार में पता नै क्या बात है जो मैं न कभी तेरे अब्बू क प्यार में फील की और न तेरे भाई क प्यार में लिए मैं तो जैसे तेरी देवानी होगयी हूँ पुत्र पता अब मैं करता क पूरी ज़िन्दगी जिस तूफे को किसी को खोलने नै दिया उसे तुझ पे निछावर कर दूँ अम्मी की बात समझ क ख़ुशी से उछाल हे प्र और अम्मी क पोरे फेस को बेतहाशा चूमने लग प्र बी मुझे इतना खुश देख कर मुस्कराने लग पारी...तभी मेरे मैं में एक फंतासी आने लगी हिम्मत कर क अम्मी को बोलै एक बात मने गई प्लसःह्ह्हह्ह और बच्चों जैसे उन् से कहने लगा अम्मी मेरे फेस को देख क हसने लग पारी और बोली क बोल पुत्र अम्मी को अलमारी पास लेग्या जो क वार्डरॉब थी से बोलै आप ने अपनी शादी पे जो जोड़ा पहना था वो संभाल क रखा होस है न वो निकले मेरी तरफ हैरानी से देखने लग पारी बोलै अम्मी निकले तो सही न ने कपड़ों क ढेर में पीछे साइड पे रखे एक बॉक्स को निकला उस में अम्मी का शादी का जोड़ा वग़ैरा पारी थी और साथ हे अब्बू की शेरवानी बी पारी थी जो उन्हों ने अपनी शादी पे पहनी थी क सूट बारे मुझे इस लिए याद क एपीआई की शादी पे एपीआई लोगो की ज़िद पे अम्मी ने अपना शादी का जोड़ा दर्ज़ी से खुला कराया था पर ऐन मौके पे अब्बू क कहने पे मना कर दिया क शादी का ज़ुरा एक बार हे नसरीन पहना करते (पता नै क्या लॉजिक था इस पीछे) तब से अम्मी ने अपना जोड़ा संभाल क रखा था बॉक्स उठाये बीएड पे रखा और उस में लाल सुराख़ जोड़ा निकला क एक लेहंगा और गरारा था रंग था और उस पे मोती जारी होअय थे हुए साथ लाल दोपटा बी था की शेरवानी बी निकली साथ वो बी लाल रख की थी साथ खुस्सा और पजामा बोली ये सब क्यों निकलवाया पुत्र...मैं उन् की आँखों में देख क मुस्कराया तो वो कुछ हद तक समझ गयी हे बोली नै पुत्र मेरे से ये सब नै होगा इस उम्र में उन् क दोनों हाथों को अपने हाथों में लिया और प्यार से बोलै मेरी प्यारी अम्मी नै लाडले क लिए इतना बी नै कर सकती मेर तरफ देखते होअय आखिर बोली क ठीक है पुत्र तेरे लिए कुछ बी खुश होगया...सब से ख़ास चीज़ जो बॉक्स से मिली वो थी अम्मी अब्बू की आर्टिफीसियल फूलों से बानी मसहरी उसे दहन से बाहिर निकला किसी टेंट की तरह थी बीचे में ब्रा सा हिस्सा था और उस हिस्से से जुड़ी सिदो को निकली लम्बी लारियाँ थी उसे दहन से उठाया और बीएड पे खरा होगया बोली पुत्र ये क्या कर रहा मैं कुछ नै बोलै और बीएड क ठीक बीचु बीच सीलिंग फैन क साथ उसे बांध दिया और उस की लम्बी लरियो को बीएड क चारो तरफ पहिला दिया इस तरह क पूरा बीएड कवर उप होगया हैरानी से मुझे देखि जा रही थी सही से मसहरी सजा दी और अम्मी क हाथों से अब्बू की शेरवानी पजामा वग़ैरा पकड़ा और बोलै अम्मी मैं आधे पोन घंटे तक्क आता हूँ तैयार होकर आप बी तैयार होजाये अम्मी फिर से कुछ बोलने लगी तो मैं उन क होंठों पे ऊँगली रख दी और प्यार से बोलै प्ल्ज़ मेरे लिए बी मुस्करा थी फिर और मैं अपने रूम में चला गया बरसों की फंतासी थी जो क मेरे दिल में छुपी होइ थी क ऐसे हे अपनी दुल्हन को अम्मी का जोड़ा पहना कर और खुद अब्बू की शेरवानी पहन सुहागरात मनाऊँगा ये नै था जनता क सुहागरात तो मानूंगा शामे वैसे हे पर अपनी हे अप्सरा सही माँ साथ मैं बरी छह से तैयार होआ से शावर लिया जल्दी से और पूरी बॉडी पे बॉडी स्प्रे लगाया और बिना अंडरवियर क हे चोरी पजामा पहन लिया और ऊपर शेरवानी बी खुस्सा शार्ट पूरा दूल्हा लग रहा था बास एक शे की कमी थी और वो थी सेहरे की जो क मैं वो बी पहन लिया अब्बू का हे देखा तो एक घंटा गुज़रा चूका था सब तैयारी में में टाइम ज़्यादा लग गया घुप अँधेरा होआ प्र था बारिश तेज़ी से होरही थी इवन ओले पर रहे थे अपनी कप्बोर्ड से एक ख़ास शे निकल जेब में डाली और नीचे अम्मी क रूम की तरफ जाने लगा का दूर बंद था मैं जूनही दूर खोला तो मेरे नाक में एक प्यारी से फ्रेग्रेन्स(खुसबू) फील होइ जो पहले नै थी में फुल अँधेरा था मैं साइड पे हाथ कर क जूनही लाइट का स्विच ों किया कमरा पूरा रोशन होगया और मेरे मौन शॉक से खुल सा गया पेरो नीचे गुलाब की पत्तियां थी जिन से एक छोटा सा रास्ता बना होआ था जो अम्मी की बीएड तक्क जा रहा था की तरफ देखा तो वाइट बेडशीट पे एक साइड पे गुलाब की पतियों से दिल बनना होआ था और एक तरफ अम्मी लाल शादी क जोड़े में दुल्हन बानी घूंघट ोराय बैठी थी मसहरी क अंदर तो सुछ में पागल सा होगया क उफ़ ये मेरी लाइफ का सब से हसीं पल था अब तक्क का देखने वाले क्या सुनने वाले बी रश्क करेंगे जब इमेजिन करे गए वो मंज़र क दूल्हे क रूप में मैं और दुल्हन क रूप में अम्मी उफ़ अब बी सोचता हूँ उस पल बारे तो लूँ खरा होजाता है मैं हलके क़दमों साथ बीएड की और ब्रा और मसहरी की लारियाँ साइड कर क अम्मी क सामने साइड को बेथ गया का घूंघट ोराय यूँ मेरे सामने बैठना मुझे पागल सा कर रहा था हैरान था क एक घंटे क अंदर अम्मी ने इतना सब कुछ कर लिया कलाइयों में रंग बृंगी पहले ज़माने की चूड़ियां और कँघन बी पहने होअय थे...मैं आराम से थोड़ा आगे को होआ और घूंघट को दोनों सिरों से पाकर क जूनही ऊपर को किया तो अम्मी का नूरानी चेहरा मुझे दिखा ने हल्का मेकअप किया होआ था मोठे रसीले होंठों पे रेड लिपस्टिक लगाई होइ थी झुमके और नाक छिदवाया होआ था तो उस पे रक बलि पहनी थी और उस बलि साथ एक चैन ऊपर को जाती माथे पे लगे झूमर से कनेक्ट होती खुले एक साइड को किये जो थे में सोने का हैञ नेकलेस पहना होआ था मर काजल बी साई मैनो में दुल्हन क रूप लिए होअय थी और हुस्न की देवी लग रही थी ने उन् की चीन पाकर क ऊपर की और उन् की आईज में देखा तो वो थोड़ा शर्मा गयी राइट हैंड से जेब में से वो स्पेशल शे निकालो जो अम्मी को देनी थी स्पेशल शे एक डायमंड की रिंग थी जो लास्ट ईयर हे मैं अपने एक दोस्त क थ्रू ली थी अपनी फ्यूचर की ड्रीम गर्ल क लिए और अब जब क अम्मी हे मेरा सब कुछ बन चुकी थी तो वो रिंग मैं अम्मी का हाथ पाकर क उन् की आँखों में देखते होअय ये बोल क पहनाई की अम्मी ये आपकी मौन दिखाई है तो जैसे शर्म से लाल होगयी और रिंग अम्मी की सब से छोटी वाली फिंगर में पूरी आयी उसे देख कर खुश होगयी और बोली ये तो काफी क़ीमती लग रही तू ने कहाँ से ली अम्मी क होंठों पे ऊँगली राखी और उन् क क़रीब आ कर बोलै आप क सामने इस की क़ीमत कुछ बी नै फिर से शर्म से नीचे देखने लग पारी बोलै अम्मी कैसा लग रहा है दोबारा से दुल्हन बन कर मुस्करायी और बोली थोड़ा अजीब बी लग रहा पुत्र पर ाचा बी लग रहा क इतने सालो बाद फिर से मैं सुहाग क बिस्टेर पर हूँ दुल्हन बानी बोलै अम्मी यही पे आपकी पहली सुहागरात होइ थी न अब्बू साथ शर्मा गयी और बोली अली बाज़ आओ न मुझे शर्म आती है बोलै अम्मी मेरे से क्या शर्माना बताये न खुल कर बोली हाँ यही वो रूम है यही बीएड था तब बी जब मैं पहली बरी दुल्हन बन इस घर में आयी थी तेरे अब्बू ने मेरी फुद्दी की सील टोरी थी बोलते होअय अम्मी फिर से शर्मा गयी मशरकी औरत होने नाते शर्म उन् का सब से हसीं गहना था अम्मी क बिलकुल क़रीब आकर अम्मी की गर्म साँसों को फील कर क बोलै अम्मी आज आपकी दूसरी सुहागरात है और वो बी अपने सघे बेटे साथ तो कैसा लग रहा गर्म होना शुरू होचुकी थी मेरी बातों से बोली आज दोबारा से दुल्हन बने एक अलग से फीलिंग आ रही बी अपने अब्बू की शेरवानी में दुल्हन बने जांच रहे हो पुत्र अब बास अपने हाथों से दुल्हन बानी अपनी माँ को नंगा कस्र दाल मेरे लाल आगे बार क अम्मी का दोपटा साइड किया आराम से फिर नाक की बलि उतरी उतरा उतरा और अम्मी की तरफ आगे बार कर उन् क रसीले लाल होंठों को चूम लिया पर धीरे से से बिजली बारे ज़ोर से गरजी तो अम्मी दर क मरे मेरे गले लग गयी मुस्करा दिया और बोलै अम्मी कुछ नै होआ थोड़ा रिलैक्स होइ उन का फेस ऊपर किया और लम्बी सुराई दर गर्दन को चूमना शुरू होगया बी मदहोश होअय जा रही थी
27-02-2019, 06:44 PM
पल बाद मैं अम्मी की शार्ट कमीज जो लहंगे ऊपर पहने थी वो खोल दी और बारे प्यार से बदन से ालेड़ा कर क साइड पे फ़ेंक दी अम्मी एक लाल ब्रा में थी और नीचे गागरा था गागर को पकड़ा और उसे बी बारे आराम से उतर दिया अब सिर्फ लाल ब्रा और पंतय में थी उन दोनों से बी अम्मी को बेन्याज़ कर दिया अम्मी फुल नंगी बीएड पे बैठी थी काली ज़ुल्फ़ें एक साइड पे की होइ थी में काजल और होंटो पे लिपस्टिक अम्मी क सफ़ेद गौरव बदन को सूट लार रही थी अम्मी बीएड से नीचे टाँगे कर बेथ गयी मैं उन् क सामने खरा होगया अम्मी ने मेरी शेरवानी को खोला और मौन उतरने में हेल्प की फिर नीचे बैठे अम्मी ने छुरी दर पाजामे को बी उतर कर मेरी टांगो से निकल दिया मैं पूरा नंगा अम्मी क सामने था क सामने मेरा लूंण सेमि हार्ड पोजीशन में नीचे को झूल रहा था ने उसे अपने नरम हाथों में लिया तो उस में जान आने लगी का हुस्न देख कर मैं तो टोटल फ़िदा होगया तब अम्मी को कन्धों से पाकर का उन्हें आराम से सीधा लिटाया बीएड पे तो अम्मी एक डैम से उठ गयी और मुझे कहने लगी पुत्र एक सेक् ज़रा और साइड टेबल पे रखे दूध क गिलास को मुझे थमा दिया तो अम्मी की इस ऐडा पे पागल सा हे होगया बोली ये पी लो पुत्र स्पेशल तेरे लिए बनाया था में काफी मेवे नज़र आ रहे थे अम्मी क होंठों पास गिलास लाया और अम्मी को बोलै एक घूँट ले और फिर मैं बी एक घूँट लिया और साइड पे रख दिया गिलास तब सुच में शर्मा रही थी क किसी फर्माबरदार बीवी जैसे उन्हों ने मुझे दूध का गिलास दिया था पीने खातिर अम्मी को सीधे लिटा कर उन् क ऊपर आज्ञा और उन्हें बेतहाशा चूमने लग प्र क मोठे मोठे गोल मम्मारी दोनों हाथ में झाकराय दबायी जा रहा था अम्मी ने एक दम्म से मुझे रोका और एक डैम से मुझे बाहों में ले कर पलट गयी मैं नीचे था और अम्मी ऊपर मुझे पोरे फेस पे चूमि जा रही थी बी अम्मी की इस डोमिनेंट बिहेवियर से मज़े लेने लगा मेरे माथे से शुरू होइ एक मेरे बदन का सामने से कोई हिस्सा नै छोरा जहाँ अम्मी क होंठ न लगे हो पागलो जैसे मुझे चूमि जा रही थी छाती पे आकर मेरे छूटे छूटे निप्पल्स तक को नै छोरा उन्हें बी चूमा पेट से नीचे आयी.. तो मेरे लूँ को दोनों हाथों में थम लिए और मेरी तरफ ऊपर आँखों में देखते होअय एक डैम से मौन खोला और लूँ मौन में ले लिया मौन से सिसकी निकली और मैं तो अम्मी क मौन का एहसास अपने लूँ पे फील कर किसी और हे दुनिआ में चला गया हाथ खुदी अम्मी क बालों तक पोहंच गए और उन क सर को लूँ पे और नीचे को दबाने लग प्र सब ग़ैर िरड़ी तोर पर होआ अब हाफ लूँ पूरा मौन खोली अंदर ले रही थी और बारे पैशनेट तरीके से चूस रही थी तो सिटी पित्ती घूम होगयी अम्मी का ये वाला डोमिनेंट रूप देख क दोनों हाथ से लूँ क जार को पाकर ऊपर से मौन में लिए चूसी जा रही थी लूँ उन क मौन से बाहिर निकलता अम्मी अपने मौन में अकथा होआ थूक लूँ पे थूकती और फिर दोनों हाथों से रैगर रैगर का मालिश करती से मौन में लेती ४ ५ छुपे लगती हुए फिर से थूक लगा कर मालिश अमल कोई ५ मं दोहराया अम्मी ने का नतीजे में मेरा लूंण फुल मानो जोश में आज्ञा से पहले कभी इतना ब्रा नै फील होआ लूँ मुझे अम्मी क चूसने का कमल था अम्मी ने लूँ मौन से निकला तो लूँ फुल चमक रहा था थूक से सीधा लेते अम्मी की हरकतों को देख रहा था अम्मी ने अपना मौन साफ़ किया और बाल साइड कर क किसी मग़रूर हसीना की तरह बोली पुत्र आज तुझे तेरी माँ खुद चोदे गई और मेरी लेग्स क राइट लेफ्ट होकर लूँ क ऊपर बिलकुल अपने हिप्पस ले आयी का चेहरा मेरी और था ने एक हाथ नीचे ले जाते होअय लूँ को फुद्दी क होल पे रखा और जूनही मेरी तरफ देखा तो मैं बेचैनी से आने वाले पल का इंतज़ार कर रहा था और अम्मी ये देख कर मुस्करायी और एक दम्म से नीचे को होगयी जिस की वजह से हाफ से ज़्यादा लूँ फुद्दी में घुस चूका था मौन से बास इतना हे निकला क हाय अम्म्मीईई जाननं थोड़ा सर ऊपर उठाये देख रहा था क कैसे मेरा लूँ फुद्दी में जा रहा था अम्मी ने बाक़ी का वज़न बी दाल दिया लूँ पे और लूँ पूरा फुद्दी में ग़ायब होगया और अम्मी दोनों क मौन से एक साथ सिसकी निकली ने आगे होकर मेरे सीने पे हाथ रख लिए दोनों और सहारा बनाये लूँ पे ऊपर नीचे होना शुरू होगयी लूँ इतनी रैगर से अंदर जाता और फिर बाहिर मैं तो उसे अंदर बाहिर जाते देख कर हे पागल सा होगया क मोठे दूध ऊपर नीचे झूल रहे थे मैं हाथ आगे बढ़ा कर उन्हें हाथों की ग्रिफ्ट में झाकर लिया और दबाना शुरू होगया सिसकियाँ बरती बरी मेह्नत्त से ऊपर नीचे हो रही थी पल लूँ बाहिर होता तो दूसरे पल अंदर ठप्प आवाज़ फिर से गुजने लग पारी बारिश में ओले बरसने की आवाज़ आ रही थी और अंदर अम्मी क मोठे हिप्पस जब मेरी थिएस से टकराते तब आवाज़ आती ने सुछ में मेरा मैं मोह लिया था जिस म्हणत और ईमानदारी से वो अपने हैवी जिस्म क बावजूद लूँ पे उछाल रही थी वो क़ाबल इ दीड अमल था की आँखें कभी बंद होती कभी खुलती मज़े से और बाल लहराते कानों की बालियान बी साथ उछलत चोरियों की बी आवाज़ आती जैदी एज्ड और भरी बदन की खातून क लिए ये पोज़ सुच में बारे मुश्किल था ५ मं गुज़रे होंगे क अम्मी की स्पीड थोड़ी स्लो बी होगयी और उन क माथे पे इतनी ठण्ड में बी पसीने क आसार नज़र आने लगे ने थोड़ा आगे होकर अम्मी को रुकने का इशारा किया और उन्हें अपने साथ इसी पोज़ में गले लगा लिया अम्मी मेरे कंधे पे सर रखे लम्बी लम्बी साँसे लेनी लग पारी ने उन्हें जोरर से बाहों में कस लिए और इस अमल से अम्मी क मोठे दूध मेरी छाती साथ प्रेस होगये पल बाद जब अम्मी की सांसें थोड़ा संभली तो मैं अम्मी का फेस अपना हाथों में लिया और प्यार से पसीना साफ़ करते होअय बोलै अम्मी इतनी म्हणत की क्या ज़रूरत थी थोड़ा शर्मीली मुस्कान साथ बोली मेरे मैं में था क दूसरी सुहागरात है मेरी और वो बी मेरे लादले साथ तो इसे यादगार बनाना छह रही थी तब अम्मी पे ब्रा प्यार आया और मैं अम्मी क होंठों को चूम लिया हे आँखों में आँखें डाले बोलै अम्मी अपने लादले पुत्र साथ अपनी सुहागरात को स्पेशल बनाना हे है तो वो क़ीमती तोफा अपने पुत्र को दे जिस से आज तक किसी को नै नवाज़ा एक डैम से हैरानी से मुझे देखने लग पारी जैसे पॉच रही हो क कोनसा तोफा अम्मी को चूम कर बोलै अम्मी आज से तक़रीबन ३० साल पहले इसी रूम में इसी बिस्टेर में आप ने अब्बू से अपनी फुद्दी की सील खुलवाई थी और साई मैनो में उस रात को सुहागरात बनाया था हे आज अपने इस लादले को अपनी इस मोती हैवी बाहिर को निकली वर्जिन गांड का तोफा दे दें और इस यादगार रात को बी साई मैनो में सुहागरात बना दे जिस में दूल्हा दुल्हन से वो शे लेता है जो उस ने कभी किसी को नै दे होती साथ हे मैं अम्मी क हिप्पस को दबाया एक पल क लिए हैरान होगयी और साथ गांड छुड़वाने क ख्याल से शायद वो थोड़ा शर्मा बी गयी बोली पुत्र मैं तुझ से बुहत प्यार करती हूँ और मेरा बी दिल करता हैं क अपनी इस गांड को तुझे सौंप दू पर दर लगता है ने अपने मसल का साइज देखा है कैसे जायेगा ये मेरे वहां तो गांड पहात जनि...मैं अम्मी की बात सुन कर थोड़ा मुस्कराया और अम्मी क चेहरे को सहलाते होअय बोलै अम्मी आप फ़िक्र क्यों करती है आप का ये लाडला आप को ज़्यादा दर्द नै होने दे गए ी प्रॉमिस मेरी बात सुन कर थोड़ा रिलैक्स होइ तो मैं बोलै अम्मी आप नै जानती आप की इस मोती गांड को देख कर मेरा लूँ कैसे मचलता है और आज इसी मोती गांड को मैं बारे प्यार से छोड़ू गए अम्मी को अपने लूँ क ऊपर से उठने का ईशर किया अपने हैवी बदन को उठाया जुन्जी लूँ पाचक की आवाज़ साथ बाहिर निकल आया साइड को होगयी साइड को होआ और अपनी उतरी होइ शेरवानी की जेब में से देसी आयल की छोटी बोतल निकली उसे देख कर समझ गयी और साथ हे बोल पारी पुत्र तू ब्रा कमीना है पहले से तैयारी कर क आया था बी जवाब में मुस्करा दिया...अम्मी को बोलै आप बीएड पे घोरी वाले पोसर में होजाये किसी ओबेडिएंट दुल्हन की तरह फ़ौरन वैसे होगयी उठा और अम्मी क पीछे आज्ञा और बीएड पे चार गया अम्मी क फैले होअय विशाल चुतरों को देखा तो मेरे तो मौन में पानी आज्ञा में अम्मी क चुतर बुहत बारे और बाहिर को निकले होअय थे आगे बारे और अम्मी क दोनों पेरो में जब मेरी नज़र पारी तो अम्मी ने पायल पहनी होइ थी चंडी की दो दोनों पेरू में उन्हें चूमा और ऊपर को होआ की लेग्स बिलकुल चिकनी थी कोई बालों का नाम ो निशान नै मोती थिएस क ऊपर बारे हिप्पस बाहिर को निकले होअय तो अम्मी क हिलने से उन् में लरज़(विब्रेशन्स) पैदा होती बात से अंदाज़ा लगा क अम्मी की गांड इतनी बाटी थी क मैं दोनों बाज़ुओ में मीन्स कलावे में पूरा नै आती थी पीछे से...मैं अम्मी क हिप्पस को थोड़ा पहिलाये और जूनही मुझे अंदर गहरायी में गांड का ब्राउन सा टाइट होल दिखा मेरे लूँ ने वक झटका मारा अम्मी को बोलै अपने फेस नीचे एक तकिया ले लें और हाथ दोनों पीछे कर क अपने हिप्स और ज़्यादा पहिलाये ने शामे वैसे हे किया जूनही गांड का सूराख थोड़ा वैया होआ मैं ने अपना मौन हिप्स में घुसा दिया और ज़ुबान निकल कर चाटने लग प्र ने एक सिसकी बरी और बोली है अली ये क्या कर रहा उधर मौन मत लगा वो गन्दी जगह है बिना जवाब दिए अम्मी की गांड को चाटने लग प्र कभी नीचे फुद्दी में एक फिंगर घुसा देता जिस से अम्मी जोश में आजाती मने इतने विशाल चोतर थे क एक पल लिए तो मेरा मौन घुसाए सांस लेना बी दुश्वार होगया से गीला कर क गांड क सूराख को मैं पीछे हटा और आयल वाली बोतल खोल कर उस में से थॉर आयल फिंगर पे लगा क गांड क सूराख पे लगाने लगा आयल लगा कर मैं ने अपनी मिडिल फिंगर को बारे आराम से अम्मी क गांड क होल में आहिस्ता आहिस्ता घुसना शुरू कर दिया मेरी थोड़ी सी ऊँगली घुसी गांड में अम्मी क मौन से एक हलकी से चीख बरमादड होइ में अब एहसास हो रहा था क अम्मी का ये वाला होल कितना टाइट जिस में ऊँगली आसानी से नै जा रही तो मेरा मसल कैसे जायेगा देर एक फिंगर को इन आउट करते होअय मैं ने एक साथ २ फिंगर्स पे आयल लगा क गांड में घुसाने लग प्र पर अम्मी थोड़ा चिलायी ज़रूर पर दर्द बर्दाश्त कर गयी ५ मं मज़ीद मैं अम्मी की गांड क सूराख को खुला किया जब मुझे लगा क अब नै रहा जायेगा मेरे से बी तो मैं फिंगर्स निकली सीधा होआ ढेर सारा आयल अपने लूँ पे अचे से लगा कर उसे चिकना कर दिया अभी तक्क उसी पोज़ में तकिये में सर रखे घोरी बानी होइ थी कुछ पल उन्हें फील होआ क मैं कुछ कर रहा हूँ तो पीछे मुर क देखा तो एक डैम से अपने मौन पे हाथ रख क होओओओ किया और बोली अली ये तुम्हारे मसल को क्या होआ है एक डैम से ये इतना मोटा लम्बा कैसे होगया बी घोर किया तो वाकय में आयल क लगाने से एक तो लूँ चमक रहा था दोसरा शायद.. दोसरा शायद अम्मी की गांड मरने क ख्याल से ज़्यादा फूल गया बोलै अम्मी आप फ़िक्र न करे मैं आराम से करूँगा सेहमा होआ फेस लिए दोबारा से आगे को होगयी और मैं पोजीशन सेट कर ली पेरो क पंजो क बल अपनी लेग्स थोड़ी खोली ता क पेरो की ग्रिफ्ट बन सके और अम्मी क मोठे चुतरों को दोनों हाथों में झाकर लिया और अम्मी को बोलै पहले जैसे अपने हिप्पस को पहिलाये ता क होल नज़र आये शामे वैसा किया का होल नज़र आने लगा जो आयल से थोड़ा चमक रहा था पर अभी बी बंद था काफी ने क्या किया क बचे होअय बोतल क आयल को साइड टेबल पे परे गिलास में दाल दिया सारा का सारा सिरे तक्क बार गया देसी आयल से क हिप्पस क ऊपर बिलकुल पोजीशन लेकर मैं ने एक हाथ से लूँ को पकड़ा और एक से आयल से भरे गिलास को थोड़ी घबराई होइ पीछे मुर क देख रही थी क उन् का लाडला क्या कर रहा है ने अम्मी की तरफ स्माइल करते होअय अपने रोड को तरह खरे लूँ को पकड़े होअय गिलास में डुबो दिया लूँ आराम से डूब गया आयल में और फिर मैं ने लूँ जूनही बाहिर निकला तो लूँ पूरा आयल से भीग गया होआ था जल्दी से गिलास साइड रखा और लूँ को हाथ में थामे अम्मी की गांड क होल पे रख दिया इतना ऑयली होआ प्र था क उस क सिरे से आयल की बूँदें टपक रही थी जो अम्मी क होल पे पर रही थी वो यादगार पल आज्ञा था जिस का शिद्दत से मुज्जे इंतज़ार था अपने भरी मोठे हिप्पस को पहिलाये होइ थी और मैं ने लूँ की कैप होल पे राखी और अम्मी क हिप्पस को हाथों में मज़बूती से झाकरा मने लूँ की कैप का साइज अम्मी की गांड क साइज से ३ गुना ज़्यादा लग रहा था फिर बी अम्मी को हौसला देते होअय आखरी अल्फ़ाज़ बोले क अम्मी आप क लाडला आपकी गांड की सील तोरने वाला है लूँ पे थोड़ा सा ज़ोर लगाया और अंदर undefined किया पर लूँ फिसल गया आयल होने की वजह से और इत्तेफ़ाक़ से फिसला बी नीचे को इतने ज़ोर से किया था क जब लूँ फिसला तो नीचे को जाते होअय सीधा फुद्दी में घुस गया सिसक पारी क पुत्र वहां क्यों दाल रहा है ने लूँ फुद्दी से एक झटके में निकला पाचक की आवाज़ से और अब आयल क साथ साथ फूडी ला चिपचिपा पानी बी लूँ पे लगा होआ था ने फिर से लूँ की कैप को गांड क होल पे रखा और इस बरी लूँ को हाथ से पकड़े रख क फिसले न सा undefined किया तो लूँ क दबाओ की वजह से गांड का सूराख थोड़ा सा खुला थोड़ा और undefined किया पर लूँ आहे बार हे नै था रहा अम्मी से इल्तेजा की अम्मी गांड को थोड़ा ढीले चोरे बिना बोले कुछ मौन में बरबरायी और गांड का सूराख थोड़ा ढीला फील होआ मुझे सोचा यही टाइम है मैं थोड़ा ज़ोर से undefined किया तो लूँ की कैप फुल सख्त क़िस्म की रैगर क साथ गांड में घुस गयी और साथ हे गांड का सूराख बंद जैसे होगया हो बी लूँ पे थोड़ी रैगर की वजह से चीख निकालनी पारी ाआईई अम्मी साथ हे अम्मी क मौन से एक ज़ोरदार चीख निकली मैं मर गयी पुत्र अम्मी की बैक को सहलाते होअय उन्हें थोड़ा रिलैक्स करने लगा देर बाद जब अम्मी थोड़ा रिलैक्स होइ तो मैं ने फिर से अपनी पोजीशन पक्की की और दोनों हाथ से अम्मी की चुतरों को झाकर लिया क हाथ अब हिप्स से हैट चुके थे और अम्मी ने तकिये को दोनों हाथों से झाकरे मौन उस में दिया होआ था और दर्द सेह रही थी लगा क अब थोड़ी मज़ीद प्रोग्रेस करनी चाहिए लूँ को फूल इरादा था क आराम से डालूं गए ने एक बरी फिर से इल्तेमास की क होली पायी पुत्र थोड़ा undefined करने हे वाला था क बाहिर होरही तूफानी बारिश में एक डैम से बदल इतनी ज़ोर से गरजा जैदी बदल पहात गया हो और एक धमाके की आवाज़ गुंजी डैम से चौंक जाने से बे इख़्तेयारी में मैं ने फुल ज़ोरो से ढाका दे मारा और उस का नतीजा ये निकला क अम्मी ने एक डैम से अपना डेस तकिये से ऊपर को किया जैसे कोई वुल्फ करता है एक दर्दनाक चीख पोरे घर में गूंजी नै कई साडी रो रही थी चला रही थी निकल रही थी और इतना सब कुछ करती बी क्यों न ज़ोरदार धक्के की वजह से मेरा मोटा लूँ अम्मी की गांड की सब साले तोरते होअय जार तक्क घुस गया था बी एक चीख बरामद होइ पर उस में इतना डैम नै था की रैगर इतनी ज़्यादा थी क मुझे मेरा लूँ जैसे चिलता होआ फील होआ बेचारी ज़ोर ज़ोर से चीला रही थी दिया पुत्र मर सत्य इ न अपनी माँ न दित्ती ा मेरी बूंदड़ हाय ोये मेरेया रब्बा मेनू बचा ला की आँखों से लहतर ाँसों बह रहे थे और तकिया गीला कर रहे थे बार बार तकिये क कपड़े को दांतों में लेते होअय पीसती जैसे दर्द बर्दाश्त कर रही हों सुच में तब ब्रा दुःख होआ क अनजाने में मैं ने अम्मी को इतना दर्द दिया क गांड का होल पूरा फैल चूका था और एक साइड से मुझे थोड़ा सा ब्लड बी दिखा लाल सा की जो सिलवटें होती उन में से एक शायद रैगर से पहात हाई थी पास से बेडशीट उठायी उसे साफ़ किया थोड़ा चीला रही थी क निकल दे लूँ माँ दिया खसस्मा की जान लेनी ा अपनी माँ दी पता था एक बरी लूँ निकल लिया तो दोबारा कभी नै मौक़ा मिलना पूरा लूँ घुसाए वैसे हे आगे को अम्मी की बैक पे झुका और उन् क गर्दन पास चूमने लग प्र और उन् क कान क पास होकर बोलै अम्मी मेनू मुआफ कर दो बदल की गरज की वजह से पता नै चला हाथ आग्जे बढ़ा क अम्मॉ क ाँसों साफ़ किये को बी मेरी आवाज़ में दर्द और फ़िक्र महसूस होइ उन क लिए तो थोड़ा रिलैक्स होइ पर बोली कुछ न मज़ीद उन को चूमा बैक से क उन का दहन थोड़ा दूसरी तरफ जाये और दर्द काम हो ४ मं बाद अम्मी थोड़ा हिली और पीछे मुर क मेरे फेस को देखा मैं समझ गया थोड़ा और सीधा होते होअय लूँ को आराम से बाहिर की जानिब खींचने लगा की गांड की पाकर इतनी मज़बूत थी क मुझे खींचने का वर्ड उसे करना प्र लूँ सिरे तक बाहिर आज्ञा तो मैं फिर से सलौली अंदर को undefined करता गया बीच अम्मी हल्का चिलाती पर इतना नै आहिस्ता मैं स्पीड थोड़ी बढ़ाने लगा को अब बी दर्द ज़्यादा होरहा था ५ मं अपने पे ब्रा काबू पते होअय बिलकुल सलौली इन आउट करते होअय मैं लगा रहा फिर जा क मुझे अम्मी की एक मज़े की सिसकी सुनाई दी लिए ये ग्रीन सिग्नल था स्पीड और बढ़ाई और अम्मी क मोठे चुतरों को पकड़ते होअय धक्के थोड़े तेज़ और गहरे लगाने लगा बी अब मज़े सी सिसकियाँ भर रही थी काफी हौसला मिला और मैं अब एन्ड तक लूँ बाहिर लता और फिर से एक गहरा ढाका लगता और लूँ गांड की गहराईयों में चला जाता की गांड सुच में हद से ज़्यादा टाइट थी थोड़ा लाइटर मूड में अम्मी से मुखातिब होआ ने जवाब नै दिया फिर से पुकारा अम्मी जान बार अम्मी ने पीछे मुर क देखा और थोड़ा सिसकते होअय बोलो क्या है पुत्र बोलै अम्मी कैसा लग रहा है क फेस पे एक डैम से रेयर स्माइल आगयी और पीछे मुर क मेरी और देखते होअय बोली थोड़ा आहिस्ता कर वेखि कितय पर इ न देवी मेरी बून्द बी मुस्कराया और बजाए स्लो होने क मैं थोड़ा और तेज़ होगया ने जब ये महसूस किया तो सिसकते होअय फिर से बोली सुधरी न तू मेरे लादले पास में पारी फूल की पतियों को अम्मी क फेस पे डाला तो अम्मी थोड़ा मुस्करायी फिर से बोलै अम्मी आपकी कुंवारी गंद अब कुंवारी नै रही लग रहा है आपको एक डैम से थोड़ा शर्मायी और बोली चुप्प कर जा और दहन से कर बोलै अम्मी अब ज़ोर से करूँ बोली वेखि कितय मेरी पर इ न देवी अपने ज़ोर नल मुस्कराया और ज़रा अपने हाथों की ग्रिफ्ट चुतरों पे सख्त की और लूँ एन्ड तक्क बाहिर लाया इतना क लूँ की टोपी अंदर रही और एक ज़ोरदार झटका दे मारा पूरा घुस गया ज़ोर से चिलायी पर इस बरी चीख में दर्द साथ मज़ा बी था अब अम्मी की किसी बात को सुने बिना फुल ज़ोरो से अम्मी की गांड चुदाई करने लगा देर बाद अम्मी का चिलाना थोड़ा तेज़ होगया हाय रब्बा दे अपनी माँ दी बून्द मेरे सोनिया शेर पुत्र ज़ोर नल ऐना मज़ा उफ्फ्फ पुत्र होर तेज़ हैं ऐसे तरह इ अब मज़े की शिद्दत से बेहाल होकर सब दर्द भूल कर छिलने क साथ साथ सिसकियाँ बी भरी जा रही थी कमरे में अम्मी की चीखों साथ थप ठप्प की आवाज़ गूंझ रही थी मज़े की नात ये थी क बीएड क मैट्रेस्स स्व काफी हेल्प मिल रही थी ढाका लगता तो मैट्रेस्स थोड़ा प्रेस होता और फिर उसी ज़ोर से वापिस ऊपर को आता शार्ट मेरे ढके बी तेज़ होगये तय और आसानी बी होरही थी ढके लगाने में बिना स्पीड काम किये धक्को की लगा होआ था अपनी क़िस्मत पर फिर से रश्क कस्र रहा था बोलै मैं सूची बारे लकी हूँ और मुझे अभी बी यक़ीन नै आ रहा क जिस कुंवारी गांड को आप ने पिछले ३० साल से संभाल क रखा था आज मैं उसी गांड की सील टोरी है... अम्मी मेरी बातें सुनती मुस्कराये बी जा रही थी और चिलए बी आगे होकर अम्मी क बाल अकथाय कर क अपने एक हाथ में लिए और अम्मी का चेहरा तकिये से ऊपर किया किसी गुर सवार की तरह मैं अम्मी क बाल पकड़े उन् की गांड की सवारी कर रहा था बी अब मज़े में और ज़्यादा सिसकियाँ भए रही थी अली मेरेया खसस्म जोर ज़ोर नल मसर अपनी अम्मी दी बुण्ड दे सारा ज़ोर अज्ज पता नै मज़े में क्या कुछ बरबराये जा रही थी बारिश क ज़ोर तेज़ होगया था और अंदर मैं बी अब दांत पीसते होअय पोरे दिल ो जान से अपना सारा ज़ोर लगा रहा था क भरी हिप्पस हर ढके साथ लरज़ जाते और कमल की विब्रेशन्स पैदा होती उन में अब बाल थोड़े खींचते होअय अपनी और अम्मी की गांड मरी जा रहा था से अम्मी का मौन और ऊपर को होगया और वो सिसकियाँ भर्ती जा रही थी बाल चोर आगे को झुक कर दोनों हाथ आगे ले जा कर नीचे से अम्मी क दोनों मोठे मम्मो को पाकर लिया और दबाने लग प्र अम्मी क कान की लो को दांतों में लेकर हलके से काट बी रहा था जिस से अम्मी और ज़्यादा सिसकती की पीठ बार जगह जगह डंडियों क निशान डाली जा रहा था सब ऐसे मदहोशी क आलम में खुदी होरहा हो तक आधे घंटे से बी ज़्यादा वक़्त होचुका था अम्मी की टाइट गांड मरते और मैं सुच में ब्रा कण्ट्रोल किया था अपने ऊपर अम्मी की बास होगयी और वो पीछे मुर क बोली पुत्र अब बास कर मेरी कस्मर टूटने को आ पोहंची है उफ़ मेरे खुडया पुत्र कर दे मेरे लाल आगे पूरा बेंड होकर अम्मी क लरज़ते होंटो को चूमा और बोलै अम्मी बास थोड़ी देर और मेर बी निकलने वाला फिर से सिसकते होअय मेरव ढके सहने लगी बी अब लगा क अब फ़ारिग़ होना चाहिए अम्मी की बास होचुकी थी पूरी फ़ारिग़ होने की निय्यत साथ कस कस क ढके लगाना शुरू होगया आखरी क मिनट्स अम्मी पे किसी पहर बन क गुज़रे पुत्र होली मेरी कमर टूट जनि है देर पहले अम्मी ज़ोर से करने का कह रही थी और अब जब मेर आगे घुटने तक दिए और बास होगयी तो स्लो करने का कहने लगी फुल ज़ोरो से किसी पिस्टन जैसे लगा होआ था लूँ पूरा रैगर रैगर कर इन आउट होरहा था अम्मी की गांड में ३५ मं होचुके थे सुर वो वक़्त आ गया था कस कस कोई ५ आखरी क ढके अम्मी की मोती गांड में लगाए होअय और फ़ारिग़ होने लग प्र से पानी का सैलाब जैसे निकला जो पिचकारियों की शक्ल में और अम्मी की गांड को भर दिया था इस सैलाब ने मैं अम्मी क ऊपर ढेर होगया युनि मेरे वज़न की वजह से घोरी से सीढ़ी उलटी लेट गयी और मैं उन् क ऊपर उसी हालत में और मैं अब लम्बी लम्बी सांसें ले रहे थे ५ मं बाद मैं जूनही उठने लगा तो लूँ बरी मुश्किल से गांड से बाहिर निका और जूनही निकला तो अम्मी का गांड का सूराख पूरा रिंग शेप में खुला होआ नज़र आया में से मेरा पानी निकल रहा रहा बाहिर को थोड़ी हिम्मत कर क बीएड से नीचे उतरा और साफ़ कपड़े से अम्मी की गांड को साफ़ किया अब पहले की निस्बत काफी बंद होचुका था वैसे हे औंधे मौन लेती होइ थी और उन् की मोती गांड बाहिर को निकली होइ थी अम्मी को थोड़ा हिलाया तो अम्मी थोड़ा होश में आयी और बोली पुत्र पानी ठण्ड में बी हम दोनों माँ बेटे क बदन पसीने से भीग चुके थे और अब पसीने की स्मेल बी आ रही थी जल्दी से साइड टेबल से जग पकड़ा और गिलास को देखा तो उस में आयल था भगा और किचन से गिलास लेकर आया और अम्मी को सहर दे कर सीधे जूनही बैठने लगा तो उन् की चीख निकल पारी मैं पोछा क्या होआ अम्मी पुत्र जलन होरही है वहां पानी थोड़ा अपने हाथों से पिलाया और बीएड साथ दो तकिये लगा कर उन्हें बैठा दिया का जिस्म सुच में अब काफी भरी फील होरहा था क्यों क वो खुद से हिम्मत करने की पोजीशन में नै थी उन्हों ने पूरी आँखें सही से खोली और बीएड का हश्र देखा तो उन् की आँखें और ज़्यादा खुल गयी बेडशीट पे बेशुमार सिलवटें(वुत्तत) पर चुके थे और गुलाब की पतियों से बना दिल बी ख़राब होचुका था जगह बेडशीट पे थोड़ा खून बी लगा होआ था शार्ट पोरे बीएड और मसहरी का सत्य नास कर दिया होआ था ने मेरी और देखा लगा दन्ताय गई तो मैं अपने कानो को पकड़ते होअय बचो जैसा मौन बना कर प्यार से बोलै सॉरी अम्मी तो अम्मी क फेस पे बी हलकी मुस्कान आगयी और उन्हों ने एक हलकी सी प्यार से चमाट मेरी गाल पे दे मरी और बोली ऐसे करता है क्या कोई प्यार पुत्र....मैं उन्हें चूम लिया और बोलै अम्मी रुके मैं आता हूँ भाग क किचन में गया और दूध में हल्दी दाल गर्म कर क १० मिनट्स में वापिस बैडरूम में ले आया और अम्मी को पिलाने लग प्र बास मुझे प्यार से स्माइल करते होअय देखि जा रही थी... दूध पी लेने क बाद अम्मी क होंठों पे थोड़ी मलाई लगी होइ रह गयी थी आगे भर क उसे चूम कस्र साफ़ कर दिया ने मुझे थोड़ा पीछे किया और बोली अभी बी ग नै भरा क्या तेरा पुत्र क्या हश्र किया है तू ने तो तेरा अब्बू ने मेरी पहली सुहागरात पे बी नै था किया मुस्कराने लग प्र बोली मुझे वाशरूम जाना है और जब उठने लगी तो उनसे सही से उठा बी नै था जा रहा क मौन से एक आह निकली रब्बा मेरा तय अंग अंग दर्द करदा पेय ा ज़रा शर्म नै आयी मेरा आय हाल कर दिया कुछ नै बोलै और अम्मी की उठने में हेल्प करने लगा तरह अम्मी उठी और मुझे बोली चोर अब मुझे मैं खुद चली जाओं गई अम्मी क ग़ुस्से पे बी प्यार आ रहा था मुस्कराने लग प्र लरखरा क धीरे धीरे चलते होअय वाशरूम जाने लगी वक़्त उन् की मोती गांड क फिर से हिचकोले खाने लगी देख मेरे सोये लूँ में फिर से जान आने लगी अम्मी थोड़ी देर बाद वाशरूम से वापिस आयी और आकर बीएड पर लेत गयी साइड पे वैसे हे नंगा बैठा होआ था जब लेती तो मैं उन का सर प्यार से सहलाया मेरी आँखों में घोरते होअय ब्रा प्यार आ रहा है तब ज़रा रेहम नै था कर रहा कमर ऐसे जैसे टूट गयी हो पुत्र बोलै बी क बास कर दो पर तुझे कहाँ मेरी फ़िक्र बास अपने मज़े की पारी होइ थी अब शिकवे कर रही थी थोड़ा ग़ुस्से में पर मैं कुछ नै बोका और सर सहलाना जारी रखा घरी पे नज़र पारी तो दोपहर क २ बजने वाले थे पर बाहिर अभी बी गुप् अँधेरा चाय होआ था और बारिश अब ज़रा हलकी होगयी थी ने बोलै टाइम काफी होगया है और खाना बी बनाना है उन सब क आने से पहले चल ज़रा साइड हैट मुझे ज़रा उठने दे अम्मी को लिटाये रखे होअय बोलै अम्मी जांणण अभी बुहत टाइम है शाम होने में लेती रहे अभी मेरी तरफ देखा और जूनही मेरी टैंगो क बीच उन की नज़र पर वो होऊ कर क मौन पे हाथ रख क बोली उफ़ खासमा न खाना आय तेरा मसल हजाय व् खरा ा हो या घड़े अभी तक्क थके नै बास मुस्कराया और अम्मी क माथे पे किश करते होअय बोलै अम्मी इस में मेरा थोड़ा क़सूर जब एक इतनी खूबसूरत माँ अपने बेटे क सामने नंगी पारी होगी तो बेटे का लूँ खता तो होगा न थोड़ा चीरते होअय बोली पुत्र अब मेरे में नै हिम्मत जा तू जाकर कपड़े पहन ले नै मन और अम्मी क मोठे मम्मो से खेलना शुरू होगया इतना सा हे बोलै क अम्मी अभी ३ घंटे परे है थोड़ा ग़ुस्से में देख मेरी कमर पहले से हे टूट चुकी है अब मेरे से कुछ नै होगा बोलै अम्मी आज तो सुहागरात है और इस रात दुल्हन अपने दूल्हा को मन नै करती बास लेती रहे यूँही और टाँगे खोल दे मौन बास फुद्दी मरूंगा क़सम से गांड को टच बी नै करूँगा क लाख मन करने क बावजूद बी मैं ने अपनी बात मनवा ली और आखिर अम्मी ने बी एन्ड पे मुस्करा क हलके मैं से हामी भर दी तो पहले से ताओ में था मैं ने अम्मी की टाँगे खोली और बिना कुछ देर किये अम्मी की फुद्दी में लूँ एक झटके से घुसा दिया चिलायी और चिलाती रही ५० मं तक्क इसी पोज़ में अम्मी की फुद्दी जैम कर मरने बाद और अंदर हे फ़ारिग़ होजाने क बाद मैं आखिर अम्मी क सेक्सी बदन क ऊपर ढेर होगया इस सुहागरात को यादगार बनते होअय उस दिन मैं ने २ बरी अम्मी की फुद्दी मरी और एक बरी गांड ज़िन्दगी का बेस्ट दिन यूँ तो कल था जब अम्मी को वाशरूम में छोड़ा था पर आज का दिन बेस्ट से बी ऊपर का होगया क्यों क आज मैं ने अपनी सही अम्मी साथ न सिर्फ सुहागरात मनाई बल क उन की गांड की सील बी खोली...खैर शाम तक कैसे बी कर क मैं ने अम्मी को वाशरूम में शावर में थोड़ी हेल्प की क्यों क उन में अब हिम्मत इतनी नै थी अम्मी क बैडरूम का हाल ठीक किया और शादी क जोरो को जेवेलरी समेत संभाल क वैसे हे रख दिया किचन में सुबह जो अम्मी की लाल कमीज फर दी थी उसे बी उठाया साफ़ सुथराई में और शावर लेकर तैयार होने में शाम क ६ बज चुके थे किसी तरह हिम्मत कर क अब किचन में खाना बना रही थी पर मुझे पता था उन से सही से चला तो दूर खरा बी नै था होअय जा रहा बी थम चुकी थी बी फूल थक चूका था तो कभी गयम में बी नै थका मैं टीवी लाउन्ज में बैठा टीवी देख रहा था यूँही और भूक बी बरी लगी थी पर मेरे में अब हिम्मत नै थी क अम्मी को कुछ बोलूं थोड़े दुःख क साथ शर्मिंदगी बी होरही थी क अम्मी की बात बी सही से मणि और तीसरी बरी बी उन्हें छोड़ डाला और साथ इतना दर्द आज उन्हें दिया उन् की हालत बिहार दी थी अब नदामत की फीलिंग्स आ रही थी अम्मी को किचन से धीरे धीरे लंगड़ाते होअय अपनी तरफ आते देखा उन क हाथ में दूध का गिलास था अब नहाने क बाफ काली शलवार कमीज और दोपट्टे में थी और खुद को अचे से कवर उप किया होआ था में इतनी हिम्मत नै होइ क अम्मी की आँखों में देख सकू बी शायद थोड़ा समझ गयी दूध का गिलास चुप का क थमते होअय वो दोबारा किचन में काम में लग गयी...ठीक सारे ६ बजे दूर बेल्ल बजी मैं ने जा कर दूर खोला तो सामने अहमद भाई एपीआई और उन क साथ रमीज़ा एपीआई बी थी देख मेरे चेहरे पे स्माइल आगयी...अब ज़रा एपीआई रज़िया से छोटी एपीआई रमीज़ा क बारे में बता दूँ की आगे २८ क क़रीब थी रज़िया से एक साल हे छोटी थी और इन की शादी को ७ साल होचुके थे क हस्बैंड सिक्युरिटी में एक आला उहदे पर फ़ाएज़ थे मुर्री में वाले रावलपिंडी क थे पर जीजू की पोस्टिंग की वजह से एपीआई मुर्री हे रहती थी रमीज़ा क २ बचे थे एक ६ साल का बीटा और हुए एक २ साल की बेटी अपने घर बुहत खुश थी बी बुहत अचे थे बी रज़िया एपीआई की तरह बुहत प्यारी थी कद्द और बचो क बाद उन का जिस्म बी गदराया होगया था औरत लगती थी जिस्म से पर फेस अभी बी बुहत प्यारा था बात थी क एपीआई रमीज़ा अब्बू की बरी लाड़ली थी...एपीआई रज़िया की शादी क़रीब क जे एक गाओं में होइ थी तो वो अक्सर अजय करती थी
27-02-2019, 06:45 PM
पर एपीआई रमीज़ा कभी कभार हे आती थी दूर होने की वजह से बार अकेली नै आयी थी सिक्युरिटी की घरी में ड्राइवर एपीआई रज़िया क घर चोर क आया था काम में अक्सर बिजी रहते थे...खैर मैं ने उन सब को वेलकम किया और और बचो को घोड़ में उठा क प्यार किया और सब को अंदर आने दिया और दूर लॉक कर दिया लोग अम्मी से मिले और एपीआई रज़िया ने अम्मी की चल में लरखरहट देखि तो बोली अम्मी क्या होआ आपको तो अम्मी ने एक नज़र मुझे देखा और फिर बोली बेटी वो बारिश एक डैम से आगयी तो सेहन से जल्दी में कपड़े उतारते वक़्त पाऊँ में मोच आगयी अब काफी बेहतर है...एपीआई रमीज़ा बी बोली अम्मी आज तो बारिश की वजह से हम लोगो बरी ज़लालत झेलनी पारी...एपीआई का सामान नीचे एपीआई रज़िया क रूम में रख दिया और सब क साथ टीवी लाउन्ज में बेथ मैं न बाते करने लग प्र तरह हंसी मज़ाक़ में हम सब ने मिल कर डिनर किया और इस पोरे वक़्त में अहमद भाई बेचैन से नज़र आ रहे थे अम्मी क पीछे किचन में बी गए पर अम्मी ने शायद उन्हें मना कर दिया क आज मई सब हैं सरा सा मौन बना किचन से निकले और अपने रूम में चले गए मैं बी बचो साथ खेलने क बाद रूम में चला गया और बिस्टेर पर पार्टी हे मुझे नींद आगयी इतनी थकावट जो थी दिन मुझे एपीआई ने उठाया ८ बजे क क़रीब क अली उठो कॉलेज नै जाना मैं तो नै था पर मैं फिर बी तैयार होकर कॉलेज चला मुझे नै दिखी हे नाश्ता दिया में बी दिल नै था लग रहा बार बार अम्मी क भरी बदन का ख्याल आ रहा था क मम्मो का नज़ारा आँखों सामने आता तो मेरा लूँ झटका मरता इन् सोचो में कॉलेज से चुटी होइ और मैं घर आज्ञा को हल्का बुखार होगया था और ठण्ड लग गयी थी एपीआई ने मुझे बताया और अम्मी अभी बी रेस्ट कर रही थी तरह आज का दिन बी गुज़र गया कुछ ख़ास नै होआ...रात को अम्मॉ की तबीयत्त कुछ बेहतर होइ और वो अचे से बातें बी कर रही थी अभी बी अम्मी से नज़रे चुरा रहा था भाई इस बीच सराय होअय भेजूं जैसे चिर चिराय से फील होरहे थे क साथ एपीआई रज़िया सोती थी रात को और एपीआई रमीज़ा बच्चों साथ उन क रूम में लिए अहमद भाई का कोई चांस नै लग रहा था दिन यूँही बीत गए पता हे नै चला रमीज़ा क हस्बैंड बी आये उन्हें लेने हम सब से मिले और उन्हें लगाए रज़िया अभी घर हे थी रमीज़ा क जाने क अगले दिन मैं कॉलेज में था तो ब्रेक क बाद कोई फंक्शन होना था तो मैं सारे ११ हे कॉलेज से निकल आया निकली होइ थी काफी मेरे मैं अम्मी को छोड़ने का काफी दिनों से कर रहा था पर हिम्मत नै होरही थी क कैसे अम्मी से बात करूँ ऊपर से अम्मी बी ठीक से बात नै कर रही थी मेरे से सोचा शायद जल्दी चला जाओं तो कोई मौक़ा मिल जाये अभी आधे रस्ते में हे था क एपीआई रज़िया को उन क छोटे देवर साथ बाइक पे जाते देखा उन्हों ने मुझे नै देखा ब्रा खुश होआ क आज तो पक्का चांस मिल जाना है बाइक तेज़ की और कोई १० मं बाद घर क गेट पे था का वक़्त था १२ का टाइम था ज़ेहन में एक्ससिटेमेंट में भाई का ख्याल हे नै आया सोचा अम्मी को सरप्राइज देता हूँ मैं बाइक बाहिर हे खरी की और अपनी चाबी से गेट खोला और जूनही सेहन से होते हॉल का गेट खोल जो लॉक नै था सामने जो नज़ारा देखा मैं तो शॉकेड होआ जहाँ सामने वाले मेरे से बी ज़्यादा शॉकेड होगये टीवी लाउन्ज क बारे वाले सोफे की एक साइड पकड़े अम्मी झुकी होइ थी और उन का फेस मेरी तरफ हे था में दोपट्टा और कमीज पहनी होइ थी क पीछे भाई उन् की शलवार उतरे भरी हिप्पस पकड़े फूडी वहशियाना तरीके से मर रहे थे और अम्मॉ चीला रही थी और उन् का मौन खुला होआ था देखते हे भाई को जैसे सांप सूंघ गया हो और उन क ढके एक डैम से रुक गए की बी आँखें खुली की खुली रह गयी क माथे पे पसीना साफ़ झलक रहा था पता नै तब क्यों एक डैम से इतना ग़ुस्सा आया क मैं उलटे पाऊँ बहार निकल आया पीछे से मुझे पुकारती रह गयी बाइक स्टार्ट की और बाहिर को निकल प्र मुझे ये ग़ुस्सा था क इतने दिनों से मैं अम्मी क लिए मरी जा रहा था और अम्मी मुझे ठीक से बुला तक नै थी रही और अब कैसे भाई से फुद्दी मरवा रही थी...ग़ुस्से में मैं एपीआई रज़िया क घर चला आया मुझे देख क बरी खुश होइ नाराज़ देख प्यार से मुझे बिठाया और बोली आज बी अम्मी से झगर कर आया है मेरा सोना भाई में पहले बी अक्सर जान मेरा मूड ठीक नै था होता और नाराज़ होता था एपीआई क हाँ आजाता था मुझे ब्रा प्यार करती थी कुछ नै बताया एपीआई को और चुप कर क उन क रूम में बेथ कर टीवी देखने लग प्र बार मेरे ज़ेहन में वो सन आजाता क अम्मी झुकी होइ चीला रही थी और भाई उन्हें छोड़ रहे थे में मैं सेल बी साइलेंट पे लगा दिया था एपीआई को अम्मी की कॉल आयी पता था मैं एपीआई क हाँ हे हु गए उन्हें बताया क आप परेशां न हो अम्मी मैं हूँ इस क पास...थोड़ी देर बाद एपीआई मेरे लिए खाना लेकर आयी और मैं जब मना किया तो मेरे पास बेथ क मुझे निवाला बना कस्र खिलने लग पारी एपीआई का प्यार देख कर मैं बी मुस्करा दिया और खाने लग प्र ने देख क मेरी गाल पे एक किश किया और बोली ये होइ मेरे सोने भाई वाली बात सुच में मेरे से ब्रा प्यार करती थी से मुझे गॉड में उठाये फिरती रहती थी नज़रों सामने सरे पल किसी फिल्म की तरह चलने लगे और होश मुझे तब आयी जब एपीआई मुझे हला कर बोलै कहाँ खो गए अली मैं बास मुस्करा दिया और एपीआई क घोड़े हाथों से खाना खाने लगा ख़त्म कर क जब एपीआई जाने लहि मुर क तो मुझे एक डैम से प्यार आया और मैं उठ कर पीछे से एपीआई को हुग कर लिया और बोलै आपि आओ बुहत अछि हैं मेरा प्यार देख क हांसे लग पारी और अनजाने में जब मेरा लूँ उन की बैक पे टच होआ तो उन्हों ने बी फील किया और खुद को मेरी बाहों से चुरा कर बोली अब बास कर अली इतना ब्रा होगया है और बचपना अभी तक नै गया तब थोड़ी नर्वस सी फ़ीली होइ और तिरछी नज़रों से उनका दहन मेरी पंत पे सामने लूँ की तरफ प्र क लूँ सोया होआ था फिर बी कुछ हद तक उस की शेप नज़र आ रही थी तब जल्दी से बर्तन लेकर बहार चली गयी उस दिन से पहले मेरे दिल में कभी एपीआई क लिए कोई ग़लत ख्याल नै आया पर आज एपीआई को अपने लूँ की तरफ देखते मेरा बी मैं मचला दिनों से चुदाई जो नै मिली थी लूँ को तो एक ये बी वजह थी...खैर मैं बीएड पे बैठा टीवी देखने लग प्र ज़रा थोड़ा एपीआई क सुसराल वालो का इंट्रो करवा दूँ क हुब्बी २ भाई और ३ बहाने थी दोनों बहने मैरिड थी और अपने अपने घर आबाद थी से छोटी बहिन जिस का पहले बी ज़िक्र किया था जो मेरे से एक साल छोटी थी और गाओं क हे सरकारी कॉलेज जाती थी अरूबा से ब्रा भाई जो क यूनिवर्सिटी जाता था रज़िया की सास कई साल पहले फोट हो चुकी थी क ससुर गाओं में हे इमामत क फ़राएज़ से इंजाम देते थे बी रिटायर फौजी थे कोई ६० क क़रीब होगी पर आज बी हटते काटते किसी पहलवान से काम नै थे उन से मैं बी डरता था वो बारे सख्त मिज़ाज क थे दो बरी उन्हें एपीआई रज़िया को बी दन्त'ते देखा था जब एपीआई ने शायद दोपट्टा सही से नै था ओढ़ा बुहत पहले की बात थी क हुब्बी लोगो की काफी ज़मीने थी जो ीन्हो ने ठेके पर दी होइ थी और गाओं में एक आलिशान कोठी डाली होइ थी की बरी दोनों नन्दाय की बहने) आगे में काफी बरही थी और दोनों गाओं में हे बेयी होइ थी की तो औलाद बी जवान थी उन्ही का एक बीटा मेरे साथ मेरी क्लास में कॉलेज पढ़ता था ये तो था एपीआई क सुसराल का इंट्रो का रूम ऊपर वाली मंज़िल पे था और नीचे सास ससुर वाले रूम क इलावा २ कमरे और थे मैं टीवी में मगन रहा और इसी में शाम होगयी का देवर हॉस्टल रहता था तो वो बी चला गए थोड़ी देर मेरे से घपसुप लगा कर घर क कामो में बिजी थी बीच में अरूबा न ट्यूशन से वापिस आगयी ज़रा अरूबा क बारे में बता दूँ नटखट सो शरती सी लड़की थी की लाड़ली थी सा कद्द था ५ फ़ीट से बी काम था हेअल्थी टाइप थी आगे से कई ज़्यादा हैवी जिस्म था थी और खूबसूरत बी थी दिखने में तब मेरे ज़ेहन में ऐसा को ख्याल मई आया क वक़्त हम चारो ने डिनर किया क ससुर(मौलवी साहब) यही सब उन्हें पुकारते थे वो बी थे क बाद मैं एपीआई क रूम में था और उस वक़्त घर का ज़रा ख्याल नै आया क अम्मी लोग क्या कर रहे होंगे क पास होने से मैं सब भूल गया था देर टीवी देखने बाद एपीआई मेरे लिए दूध लायी सारः अरूबा न बैठी टीवी पे फिल्म देख रही थी एपीआई क ससुर बाहिर गए होअय थे बार बार ऐसे जैसे फ्री होरही थी पर मैं उसे को खास लिफ्ट नै कराई क लाये दूध पीने बाद तभी टाइम देखा तो ९ बजने वाले थे बेल्ल बजी तो एपीआई बोली जाओ अरूबा अब्बू ग आये होंगे और तुम बी जा कर आज नीचे हे सजाओ अपने रूम में अली मेरे साथ सोये गए ठीक है बोलती होइ नीचे चलो गयी वक़्त उस की गांड देखि तो सुछ में काफी बरी थी अरूबा को गांड आगे में बी पूरी औरत लगती थी ने मुझे उसे देखते नोटिस कर लिया और मुझे बोली चलो अली अब तुम बी सजाओ सुबह कॉलेज बी जाना है बी एपीआई क बीएड में ब्लैंकेट में घुस गया और मेरे साइड एक तरफ आपि बी आकर लेत गयी क लिए मैं बचो जैसे था इसी लिए मुझे साथ हे सुलाती थी हर बरी ज़ेहन में बी कोई ऐसी वैसी सोच नै आयी थी क मैं तो खुश था बुहत एपीआई क साथ होने से एपीआई को उन क हुब्बी की कॉल आगयी और वो उन से बाटे करने लग पारी साथ बैठते बैठे मेरे सर पे हाथ फेरती होइ मुझे बी जैसे सुल्ने लगी आपि क नरम हाथो क एहसास से मुझे बी जल्दी हे नीड आगयी...रात क किसी पहर मेरी आँख खुली वाशरूम जाना था तो मैं आँखे मलते होअय वाशरूम गया पेशाब कर क वापिस आया तो देखा एपीआई नै थी बीएड पे जाते मैं इतना नोटिस नै किया पर अब मेरी आँखें पूरी खुली होइ थी एपीआई को रूम में न देख क परेशां होगया सोचा इस वक़्त कहाँ गयी होंगी ों किये बिना हे मैं अपने सेल पे टाइम देखा तो रात क २ बजे का क़रीब का टाइम था पे अम्मी एयर भाई को काफी मिस्ड कॉल्स और ंसग्स आये थे मैं बिना पढ़े इग्नोर किया उन्हें और सेल रख दिया और लेत गया सोचा एपीआई पानी पीने गयी होंगी आजाये गई मं बाद बी जब एपीआई नै आयी तो मैं उठा नंगे पाऊँ हे रूम का दूर खोल क बाहिर आज्ञा बी कोई नै था ऊपर वाले फ्लोर पे सीरियन उतरते नीचे आया तो मुझे अजीब से आवाज़ें सुनाई देनी लगी जैसे कोई चीख रहा हो दबी आवाज़ में आवाज़ का पीछा किया तो वो एपीआई क सास ससुर वाले रूम से आ रही थी जब उस जानिब बढ़ा तो रूम की बाहिर की जानिब खुलती खिरकी पे एक साया दिखा जो खिरकी की आर से अंदर देख रहा तो थोड़ा हिल बी रहा था जब दबे पाऊँ उस क क़रीब गया तो वो इंसान खिरकी पे एक हाथ रखे झुका होआ था और अंदर जानक रहा और एक हाथ उस का अपनी शलवार क अंदर था जो क हिल रहा था इंसान बैक देख क मुझे पहचान होगयी क इतनी बरी और गदरायी गांड अम्मी क इलावा सिर्फ रज़िया एपीआई की थी हाँ वो रज़िया एपीआई हे थी जो खिरकी से अंदर जानक रही थी क अंदर लाइट्स ों थी आउट बाहिर हॉल में अँधेरा था इसी लिए बाहिर से अंदर तो देखा जा सकता था पर अंदर से बाहिर नै क झुकने की वजह से मैं उन क बिलकुल पीछे जा कर खरा होगया और उन क हिलने की वजह से उन् की मोती गांड बी हिल रही थी... हिलने में उन्हें बी मेरे उन क पीछे खरे होने का एहसास नै होआ मैं घोर से अंदर खिरकी क रस्ते देखा तो मेरे तो होश हे मनो ुर गए एपीआई क ससुर फुल नंगे खरे थे का क़द ७ फ़ीट क क़रीब था और पहलवानी और फौज की वजह से उन् का बदन पूरा हथेला था जानने थे इस आगे में बी किसी बॉडी बिल्डर से काम नै था उन् ला जिस्म और हैवी बिल्ट था पे थोड़े थोड़े बाल थे नै थी पर धरी बुहत घनी और लम्बी थी सफ़ेद धरी थी जिस से उन की उम्र का अंदाज़ा होता था क बीच ो बीच बीएड क पास फर्श पे वो नंगे पाऊँ फुल नंगे खरे थे और एक लड़की को बाहों में इस तरह उठाया होआ था क उस की लेग्स उस क फेस की तरफ फुल बेंड की होइ थी और उस क पाऊँ ऊपर छत्त की और थे जैसे उसे फोल्ड किया हो क दोनों हाथ उस की दोनों लेग्स क नीचे से होते होअय उस क हिप्पस पर थे जिन्हे अंकल ने ज़ोर से झाकरा होआ था और उस लड़की ने अपनी दोनों बाहें अंकल क गले में डाली होइ थी शार्ट अंकल ने उस लड़की को बाहों में लिए मशीनरी पोजीशन में बेंड किया होआ था मैं उस लड़की का चेहरा देखा तो शॉकेड होगया क्यों क वो ग़ैर नै थी बल क अंकल की अपनी सही छोटी बेटी अरूबा थी...अरूबा क बाल खुले पीछे को लहरा रहे थे का छोटा सा हैवी बदन अंकल ने अपनी बाहों में ऐसे उठाया होआ था जैसे कोई माँ की गुड़िया हो जब नीचे दहन दे देखा तो अंकल का लूँ उफ्फ्फ इतना ब्रा लूँ मैं आज तक नै देखा अपने लूँ पे फख्र करता था क बारे है पर अंकल का लूँ किसी घोड़े की तरह था ज़ काम बी जो अंदाज़ा लगाया उस क मुताबिक़ १० इंच से काम नै होगा और मोटा इतना क किसी क दोनों हाथों में पूरा न आये घोड़े जैसे लूँ अरूबा की फुद्दी में था और अंकल उस क हिप्पस को थामे बरी ज़ोरो से अपनी सही बेटी को खरे खरे छोड़ रहे थे की दर्दनाक चीखें निकल रही थी अब्बू मैं मर gayi,aaiiiiiiiiiiiiii हैएएइ अब्बू होली हाय अम्मम्मि ग मेनू बचा लू...अंकल नीना कुछ बोले किसो सांड क जैसे फुल ज़ोरो से छोड़ी जा रहे थे उन् की बाहों में किसी छोटी बची की तरह लग रही थी जिस को अंकल अपने लूँ पे चढ़ाये झूला झूला रहे थे दर्दनाक चुदाई देख मेरे बी रोंगटे मनो खरे होगये क कैसे एक बाप अपनी सही लाड़ली बेटी की फुद्दी की दाज्जीयां ुरा रहा था क बाल लम्बे थे जो पीछे को झूल रहे थे और अरूबा क मम्मी बी काफी मोठे और सख्त थे और उन् पे निप्पल बी ब्राउन कलर में खरे थे छोटी की वजह से अरूबा अपने अब्बू की बाहों में किसी गुड़िया क जैसे लैह रही थी बी सुडोल सा था अरूबा का और कब फुद्दी को देखा तो मुझे तरस आज्ञा बिलकुल साफ़ थी एक बी बाल नै था गोरी और उस का होल पूरा फैला होआ था जिस में अंकल का गोर जैसा लूँ बरी स्पीड से इन आउट होरहा था मनो में अंकल का लूँ अरूबा की फुद्दी को चीयर कर अंदर बाहिर होरहा था बेचारी बार बार अपने अब्बू की आँखों में देख चीला क दर्द भरे लहजे और ांसो'ों साथ कह रही थी अब्बू हॉलीइइइइइइ मैं मर जाना हईये रब्बबा मेनू बचा ला का चेहरा लाल होचुका था बी साफ़ दिख रहा था माथे पे किसी माहिर खिलाड़ी की तरह बिना कुछ बोले लगे होअय थे लगातार छोड़ने तब सुछ में हैरानी होइ क एक बाप अपनी बेटी को इतना दर्द बी दे सकता है मसल्सल चिलए जा रही थी ये सब देख मेरा बी लूँ पाजामे में खरा हो चूका था और ला शौरी में आगे झुकी एपीआई की गांड क साथ लग गया जूनही अपनी गांड पे मुझे फील किया वो एक डैम से हार्बर क सीढ़ी होगयी और अपनी शलवार से बी हाथ निकल लिया जिस से वो अपनी फुद्दी को रब कर रही थी सामने का नज़ारा देख कर एक डैम से मेरी और मुर क खरी होगयी और बोली अली तुम यहाँ क्या कर रहे हो एपीआई की मुस्करा क बोलै एपीआई आप कमरे में नै थी मैं आप को ढूंढते होअय यहाँ आज्ञा क्या लार रही थी और ये आप का हाथ इतना गीला सा क्यों है शर्म से पानी पानी होगयी बोली कुछ नै और मैं एपीआई को बोलै ये सब क्या कर रहे हैं मुझे शहहहहह मौन पे ऊँगली रखते होअय बोली शोर मैट करो और जाओं रूम में मैं बी अति हूँ न में सर हिलाया और बोलै एपीआई मुझे बी देखना है सर पे हाथ रख क जैसे तंग आगयी हो बोली क्या देखना अभी तुम छोटे हो ज़िद्द की तो एपीआई कुछ न बोली और दोबारा से खिरकी की और मुर कर थोड़ा झुक कर अंदर का नज़ारा देखना शुरू होगयी एपीआई क गांड क बिलकुल साथ लग गया और थोड़ा एपीआई पे झुके अंदर देखने लगा एक पल क लिए मुझे ग़ुस्से से देखा फिर कुछ न बोली अंदर मौलवी साहब अपनी बेटी अरूबा की छोटी सी फुद्दी की लगातार दाज्जीय ुरा रहे थे और अरूबा चिलए जा रही थी खरा लूँ एपीआई क हिप्पस में घुसने लग प्र कमीज और शलवार क ऊपर से हे मुझे फील नै होइ शायद नै थी पहनी होइ एपीआई ने बी अब थोड़ा रंग में रंग रही थी और मदहोश होरही थी और मेरे लूँ पे अपनी गांड पीछे को कर क रैगर रही थी ऊपर नीचे इसे ग्रीन सिग्नल समझा और एपीआई पे झुक क उन क कान पास किश कर क बोलै एपीआई ये दोनों क्या कर रहे है बोली कुछ न और अपना लेफ्ट हाथ दोबारा से सामने से अपने शलवार में डाला और रब करने लग पारी सुच में ऐसे जैसे नशे में हो तब ली गर्म से मदहोश होचुकी थी दोबारा पोछा तो एपीआई एक लम्बी आह भरते होअय बोली अली मैट पोचू बास देखते जाओ का ये रूप मैं पहली बरी देख रहा था ने सोचा थोड़ा आगे बरते है और अपना लेफ्ट हाथ आगे ले जा कर एपीआई क लेफ्ट हाथ की और करता गया एपीआई क हाथ निकल शलवार से मैं अपना हाथ अंदर दाल दिया एपीआई में मेरा हाथ अपनी फुद्दी पे फील किया वो एक दम्म से पीछे सर क देखि ग़ुस्से से मैं बोलै पलज़्ज़ज़ एपीआई बोली अली ये सब ठीक नै है अपना हाथ निकालो वहां से बोलै एपीआई बास थोड़ी देर क लिए कुछ पल मुझे घुरा फिर आगे सर लार अंदर देखने लग पारी तो मनो खुश होगया हाथ मेरा फुद्दी पे टच होआ तो मुझे घने बालों का एक जंगल मनो फील होआ हो की फुद्दी पे बुहत बाल थे फुद्दी क लिप्स ढून्ढ फिंगर्स से उन्हें रब करने लग प्र जो क पहले से गीले थे २ मं बरी मुश्किल से गुज़रे होंगे क एपीआई क चुतरों की रैगर अपने लूँ पे फील कर कर क मेरा दिल मचलने लगा दिनों से लूँ पहले हे प्यासा था तो मेरे से रहा नै गया और मैं थोड़ा पीछे होकर अपना पजामा पेरो तक उतर दिया मैं पहना नै था होआ सोचा यही सही वक़्त है लोहा गर्म है हथोड़ा मर दिया जाइये सामने झुकी एपीआई की क़मीज़ा ऊपर कमर तक की और शलवार को दोनों सिरों से पाकर एक हे झटके में उतर दिया और पेरो तक कर दिया से पहले क मैं एपीआई को कोई मौक़ा देता मैं एपीआई क हिप्पस पहिलाये टंगे थोड़ी चोरी की लूँ को बालो से भरी फुद्दी क होल की तरफ गाइड किया इस लिए होल ढूंढ़ने में कोई मसला नै क्यों क पहले से हे मेरा एक हाथ फुद्दी को रब कर रहा था की फुद्दी से रास टपक रहा था और फुल गीली थी अंदर से बी एक हाथ से लूँ को होल पे रखे थोड़ा undefined किया तो मेरे लूँ की मोती कैप थोड़ी सी फुद्दी में घुस गयी और उसी पल एपीआई क मौन से एक सिसकारी निकली और उन्हों ने पीछे देख मुझे अपने एक हाथ से दूर हटने का इशारा किय से बोली कमीने पीछे हैट ये की गुनाह कर रहा है तेरी बहिन हूँ अली दे मुझे एपीआई को थोड़ा काबू करते होअय अपनी ग्रिफ्ट में बोलै एपीआई प्ल्ज़ थोड़ा डा अंदर करने दे वो बी तो कर रहे न शामे फिर ग़ुस्से से बोली वो तो कमीने लोग है तू तो मेरा सोना भाई है न निकल इसे मेरे अंदर से अब थोड़ा सख्त लहजे में बोलै एपीआई प्यार से डालने दे वर्ण ज़बरदस्ती डाला तो आप की चीखें निकल जनि है इधर और सब को पता चल जाना अब सहमे होअय लहजे में बोली अली अब तू अपनी साथ ज़्यादती करेगा बी एक पल क लगा क ये सही नै है एपीआई क ऊपर झुक कर उन क चेहरे क बिलकुल पास होकर एपीआई क आईज में देखते होअय बोलै एपीआई आप तो मेरी जान है मैं क्यों आप साथ ज़्यादती करूँगा पर सूची मेरा ब्रा दिल कर रहा थोड़ा सा करने दे न कुछ नै होता चेहरे पे ये प्यार भरा उतावलापन और बेचैनी देख एपीआई थोड़ा पिघल गयी और बोली पर अली सब ग़लत है तेरी बरी बहिन हूँ और शादीशुदा हूँ मैं क्या मौन दिखाऊँगी अपने हस्बैंड को सब गुनाये कबीरा है बोलै एपीआई बास थोड़ी देर प्ल्ज़ मैं मर जाऊँगा सूची इस बेचैनी से और साथ हे बोलै किस हस्बैंड की बात कर रही जिस ने आज तक आप को कभी प्यार हे नै दिया बी सब समझ आता है एपीआई आज तक तो वो आप को औलाद की ख़ुशी नै दे सके जब क आप में कोई खामी नै और आप की बातें बुहत पहले की सुन चूका हूँ एपीआई मेरी बातें सुन जहाँ हैरान बी होइ वही नज़रे नीचे झुका ली से एक डैम से ऊपर मेरी और देखा और बोली अली फिर बी ये सब जाएज़ नै है मेरी बात समझ थोड़ा सख्त लहजे में बोलै तो एपीआई जो अंदर होरहा वो जाएज़ है क यूँ आधी रात को खिरकी से देख देख अपनी फुद्दी रब करना और प्यासी रहना जाएज़ है दोनों जानते क आप को प्यार की ज़रूरत है और मुझे बी तो अब बास आप को मेरी क़सम आप कुछ नै बोलेगी नज़रें झुका क सामने को होगयी पहले जैसे और खिरकी को दोनों हाथों से पाकर लिए सपोर्ट खातिर एपीआई की रज़ामंदी देख खुश होगया तभी एपीआई पीछे मुर क मेरी और देखि और बोली अली मेरी एक बात मानेगा लूँ डालने हे वाला था क एपीआई की बात सुन ला थोड़ा कण्ट्रोल करते हम्म्म किया बास बोली ये जगह ठीक नै है बैडरूम में चलते है बी मुस्करा दिया और हाँ में सर हिलाया और थोड़ा पीछे हैट गया और लूँ जो थोड़ा सा अंदर घुसा रहा वो बी बाहिर निकल आया सीढ़ी होइ और शलवार ऊपर कर ली बी पजामा ऊपर कर लिए और जब हम दोनों की नज़र सामने पारी रूम क अंदर तो वहां अब अंकल अरूबा को बीएड पे लिटाये छोड़ रहे थे और बेचारी अरूणा अभी बी दर्द से चीला रही थी...एपीआई मेरा हाथ थमा और बिना कुछ नाले ऊपर अपने बैडरूम में लगाई में एंटर होते हे एपीआई ने दूर लॉक लिए लाइट्स ों की और मुझे सामने बीएड पे बिठा कर बोले अब बताओ अली क्या चाहते हो तुम एक डैम से कंफ्यूज होगया क एपीआई का शायद मूड चेंज होगया है शर्मिंदा होकर नीचे देखने प्र क अब एपीआई डांटे की मुझे और तब पता नै क्यों मेरे मौन से बी कुछ नै निकला दोबारा से मुझे पुकारा और बोली बताओ अब क्या करना चाहते हो ऊपर देखा एपीआई की आँखों में और धीरे से बोलै एपीआई आपको प्यार करना चाहता हूँ अकेला पैन दूर करना चाहता हूँ ली साड़ी प्यास भुजा देना चाहता हूँ मने मुझे कोफ़्त होती जब एपीआई रमीज़ा को इतना खुश देखता और कम्पलीट देखता से आप की ये उदासी नै देखि जाती घुट घुट कर बिना प्यार क जीना आप से बुहत प्यार करता हूँ एपीआई मेरी बातें सुन थोड़ी इमोशनल होगयी और मेरी तरफ घोर से देख कर बोली तू कब से इतना ब्रा होगया हैं क इतनी बरी बरी बातें करने लग प्र उनकी ाँसों में ांसो आज्ञा हलके से और मेरे पास बीएड क क़रीब आकर मुझे मुझे खरा करते बोली मुझे नै पता था मेरा भाई इतना प्यार करता है क बिन कहे हे मेरे सरे दर्द समझता है एपीआई का हाथ अपने हाथों में लेकर चूमा और उन क ाँसों साफ़ करते होअय बोलै अब से एक बी ाँसों नै आने दूंगा एपीआई आपकी आँखों में मेरी बात से इतना इमोशनल होगयी क मुझे कस कर अपने गले लगा लिया और मुझे बोली तुझे नै पता अली इतने बरसों से किस अज़ाब से गुज़री हूँ मैं क एक एक पल क लिए तरसी हूँ उन्हें सीधा कर चुप कराया और होंठों पे ऊँगली रख बोलै अब बास एपीआई मैं हूँ न आप साथ अब से बास खुशियां हे खुशियां आप की झोली में भर दूंगा...अब ज़रा एपीआई क बारे में बता दूँ क जानते है क एपीआई २९ साल की हैं और ९ साल शादी को होचुके और कोई औलाद नै क हुब्बी में कोई प्रॉब्लम थी माह तो एपीआई ने रट होअय अम्मी से तलाक़ ताल की बात कर दी थी क मेरे से नै बर्दाश्त होता अम्मी अब ने हौसला दिया था क बेटी ये सब इतना आसान नै...एपीआई जैसे क बता चूका क अम्मी पे हाई है क साथ उन का जिस्म बी गदराया होआ होगया था की फिगर मैं खुद मैसूर की थी और वो थी ४०-३२-४६ की बॉडी थी एपीआई की को फुल तकर देती थी बी अम्मी जैसे गोरा था और हाइट बी अम्मी क जितनी हे थी नक्स बी कमल क थे क बाद अगर किसी की मोती गदरायी गांड का देवना होआ था तो वो एपीआई रज़िया हे थी...तो एपीआई क होंठों पे ऊँगली रखे मैं उन क बाल जो क बंधे थे उन्हें खोल और सहलाने लग प्र एपीआई बास एक तक मुझे देखि जा रही थी का खूबसूरत चेहरा और अम्मी की तरह मोठे रसीले होंठ देख मैं आगे बार एपीआई क होंटो को चूम लिया किसिंग स्लो स्लो पैशनेट होती गयी मेरे मौन में ज़ुबान डेल एपीआई चुसवा रही थी २ मं बाद एपीआई ने एक डैम दे मुझे पीछे बीएड की तरफ धकेला बीएड पे जा गिरा और हाफ लेत गया मेरी टंगे बीएड से नीचे थी आगे बरी और मेरी शर्ट पाकर उतर दी एक डैम से और मेरी छाती पे हाथ फेरती नीचे को आने लगी और मेरी और देख मेरे पजामा बी उतरने लग पारी ऊपर होकर पजामा उतरने में हेल्प की मेरी टैंगो से निकल साइड फ़ेंक दिया एपीआई की आँखों में एक डैम दे चमक आगयी मैं उन की नज़रों का पीछा किया तो वो मेरी सेमि ेरेक्ट लूँ की और देख रही थी ने नीचे बेथ लूँ को अपने नरम हाथों में थम लिया और सहलाने लग पारी और ऊपर नीचे एंगल से बरी घोर से देखने लग पारी क नरम हाथो क एहसास प् कर मुझे बी ाचा लगा पर एपीआई अभी बी शलवार कमीज में थी मैं उन्हें बोलै आप बी उतरे न ये सब एपीआई मेरी तरफ देख नखरे वाले लहजे में बोली अब अपनी एपीआई को नंगा देखना चाहता है तू हाँ में मुस्कराते होअय सर हिलाया तो एपीआई बी मुस्करा दी और मेरे सामने सीढ़ी खरी होगयी और अपनी कमीज पाकर ऊपर को कर क उतरने लग पारी जूनही उन की कमीज उत्तरी उन् क बारे बारे ताज़े मम्मी स्किन कलर क ब्रा में क़ैद नज़र आये पे बी काफी हद तक undefined था उनकी बॉडी क लेहाज़ से अपनी और यूँ प्यासी नज़रों से देखते होअय अपनी ब्रा की हुक खोले होअय पीछे से मुझे बोली अपनी एपीआई क दूध देखे गए फिर हाँ में मुंडी हिलायी ने जूही अपने जिस्म से नृ हटाया तो उन क मोठे मम्मी सामने आगे गए स बी लटके होअय नै थे सफ़ेद और बीचे में ब्राउन कलर क निप्पल्स उफ़ जांच रहे थे की निस्बात्त साइज में छोटे थे पर सख्ती में कई ज़्यादा आगे थे क कमल क मौन देख मेरा हैरानी से थोड़ा मौन खुल गया और हलक बी खुश्क जाने लगा ये सब देख हांसे लग पारी और मेरी पास नीचे को झुक कर अपने मां मुझे क़रीब से अपने हाथो में पकड़े दिखती होअय बोली ले इन्हे छू कर देख आगे हाथ बढ़ाये और दोनों को अपने हाथों में लेकर दबाया में बारे नरम थे पर सख्तपन बी था थोड़ा तरह मेरे हाथों में बी नै थे आ रहे मैं थोड़ी देर एक तक उन्हें देखते होअय दबाया और आगे बार निप्पल्स को चूम बी लिया क मौन से तब एक मज़े की सिसकारी निकली लूँ नीचे फूल जोश में आ चूका था जब ये नोटिस किया तो वो थोड़ा पीछे हैट नीचे बेथ गयी मेरी टैंगो दरमियान और मेरे लूँ को दोनों हाथों में लेते होअय थोड़े हैरानी वाली एक्सप्रेशंस देकर मेरी और देख कर बोली अली ये तो काफी ब्रा है और मोटा देखो कितना मोटा है उफ़ मेरे दोनों हाथों में बरी मुश्किल से आ रहा है कुछ नै बोलै और मुस्करा दिया बास से अब बरी मुश्किल से कण्ट्रोल हो रहा था ने बी मेरे बेचैन चेहरे को देख थोड़ा मुस्करायी और लूँ हाथों से चोर पीछे होकर सीढ़ी खरी होगयी और मेरी तरफ बरी ऐडा से देख मुर गयी सन ये था क मैं बीएड से नीचे टाँगे रख हाफ कुहनियों क बल लेता एपीआई की और ऊपर उठ कर देख रहा था लूँ फुल खरा था और मेरे सामने एपीआई दूसरी तरफ मौन किया सिर्फ शलवार में खरी थी नंगी सफफ पीठ देख मुझे ब्रा ाचा लगा और वहां ब्रा की स्ट्राप क निशान थे थोड़े घने बाल एपीआई ने गर्दन की एक तरफ अकथाय कर आगे को किये होअय था एपीआई ने पीछे सर घुमा कर मेरी और देखा आँखों में मस्ती साफ़ झलक रही थी आगे को थोड़ा झुकी जिस से उन की मस्त मोती गांड पीछे को थोड़ा फैल गयी एपीआई ने सलौली सलौली बरी ऐडा से अपने चुतर हिलाये अपनी शलवार उतरने लग पारी तो हलक़ एक डैम से खुश्क होगया ये सब देख की मोती गांड क चुतर जब पोरे नंगे होअय तो मेरे लूँ ने एक झटका मारा ख़ुशी में ने शलवार अपने पेरो से निकल दी और मुझे थोड़ा चीरते होअय अपने हिप्पस हिलने लग पारी जिस से उन क हिप्पस में थरथराहट से पैदा होइ और दोनों चुतर आपिस में रैगर खाने लगे मोठे और हैवी चुतर देख मेरे तो लूँ पे छुरियां चलने लग पारी दिल किया उठ कर अपनी बाहों में झाकर लू क बीच दोनों सुराख़ छुपे होअय थे और चुतरों से नीचे मोती हेअल्थी थिएस और टाँगे थी जो शफा चाट साफ़ थी मीन्स एक बी बाल नै था ऊपर अम्मी क जैसे देर जब मज़ीद एपीआई ने ये जान लेवा मंज़र पेश किया मेरे कण्ट्रोल की तो ऐसी की तैसी होगयी और मैं एक डैम से उठते होअय एपीआई क चुतरों क पाकर पागलो जैसे उन्हें ऊपर से हे चूमने लग प्र नीचे बेथ मेरे रिएक्शन से थोड़ा हंस पारी और वैसे हे थोड़ा झुकी रही एपीआई क चुतरों को दोनों हाथों से थोड़ा पहिलाया तो मुझे एपीआई की गांड का टाइट ब्राउन सा छेद नज़र आया और उस क नीचे बालों का एक ढेर नज़र आया.. इतने घने सुर लम्बे बाल देख मेरे चूमने को मन नै किया इतना क्यों क फुद्दी का हॉल तो दिख नै था रहा इतने घने बाल थे उठा और आपि को सीधा कर बाहों में लिए थोड़ी देर चूमा और फिर एक डैम से बीएड पे गिरा दिया बी मेरे उतावलेपन से मस्ती में आगयी और किसी बेशर्म जैसे खुदी सीढ़ी होकर एक तकिय अपने सर नीचे रख लिया और टाँगे खोले मुझे बोली ऊँगली क इशारे से अपने तरफ आने का इशारा किया तो पहले से उतावला होचुका था मैं एक डैम से बीएड पे चरा और एपीआई की टैंगो बीच आकर एपीआई की हेअल्थी और वज़नी टैंगो को अपने हाथों में उठा कर कन्धों पे रखा और पोजीशन सेट की एपीआई ने मुझे रुकने का इशारा किया और एक डैम से मस्ती क मूड में थोड़ा सीरियस होते बोले अली आज हमारे इस नए रिश्ते की शुरवात से पहले मैं तुम्हारे साथ कुछ शेयर करना चाहती हूँ मैं में गली दी क ऐन टाइम पे क्या शेयर करना मुझे एक बरी फुद्दी में मर लेने दो फिर जो चाहे शेयर कर लेना फिर बी थोड़ा कण्ट्रोल करते एपीआई की आँखों में देखते होअय बोलै ग एपीआई करे शेयर एक लम्बी सांस ली और थोड़ा हिचकचाने लग पारी बोलने में बोलै एपीआई जल्दी बोले न क मेरे लूँ फटने की कहर पर था तब एपीआई क मौन से जो अलफ़ाज़ निकले उन्हें सुन मैं तो शॉकेड होगया
27-02-2019, 06:50 PM
बोली अली दरअसल वोऊ जीजू का लूँ लूँ नै छोटी सी लुल्ली है पतली सी इंडेक्स फिंगर दिखती होइ बोली इतनी सी है और इतनी हे पतली तो वो आज तक मेरी सील क परदे तक पोहंच हे नै पाए से हे थोड़ा बुहत अंदर कर फ़ारिग़ होजाते थे से पहले एक्सीडेंट में उनकी मर्दानगी चलती बानी थी डॉक्टर्स पास दिखाया पर कुछ नै बना...मैं साडी बातें सुन थोड़े ग़ुस्से से बोलै तो एपीआई ये सब मुझे क्यों बता रही और वो बी इस वक़्त मेरे लेफ्ट बाज़ू पे हल्का सा थापर मरते बोली उल्लू कहीं क समझे नै और थोड़ा शरमाते होअय बोली एपीआई अभी तक्क वर्जिन है...मेरे मौन से तो बास क्याआआआआ निकला और आँखे हैरानी से बरी होगयी फिर बी सुरती क लिए दोबारा पोछा क सुछ में एपीआई एपीआई फिर से हाँ में सर हिलाया थोड़ा शर्म साथ ब्लश करते होअय पूरी बात सही में मेरे पल्ले पारी तो मैं तो ख़ुशी से अंदर हे अंदर झूम उठा और मेरे लूँ में बी है मामूली सा खिचाव पैदा होआ बी ये फील किया चेहरे की मुस्कराहट देख एपीआई क बी गाल लाल होगये एपीआई बोली ज़्यादा हंसो मत और वो साइड ड्रा में आयल की शीशी पारी है वो ले आओ तो बिजली की तेज़ी से हुक्म की तामील की और एपीआई की टांगो बीच आकर जब उनकी फुद्दी पे बने बालों क जंगल को देखा तो एपीआई थोड़ा शर्मिंदा सी होगयी पर मैं उन्हें मज़ीद शर्मिंदा नै होने दिया और शीशी खोल आयल से हाथ में लेकर उन क फुद्दी क होल पे थोड़ा लगाया और बाक़ी से अपने लूँ को चिकना कर दिया १ मं बी नै लगा होगा क मेरा लूँ चमकने लग प्र आयल से और एपीआई उसे हैरानी से देख रही थी एपीआई की लेग्स दोबारा से कंधो पे उठाये पोजीशन सेट कर क मोर्चा संभाला की टोपी को एपीआई क बालों क घने जंगल से गुज़रते फुद्दी क होल पे रखा का साइज बी नार्मल से काम था और लिप्स बी छोटे और अंदर को थे ने बी एक हाथ नीचे लेकर मेरे लूँ को सही डायरेक्शन दी और हाथ में पकड़े थोड़ी सी नर्वस्नेस क साथ मेरी तरफ देखा जैसे ग्रीन झंडी दिखा रही हो क अब आने दो बी मुस्कराया और दोनों हाथो से टाँगे उठाये एक लम्बी सांस खींच थोड़ा undefined किया तो लूँ को कैप अंदर घुस गयी जिस से एपीआई का थोड़ा सा मौन खुला और और एक हलकी सी दर्द भरी चीखी सुनाई दी क कैप क गिर्द फुद्दी क लिप्स की झाकरण फील होइ जैसे लिप्स ने कैप को सख्ती से झाकरा हो तो शुक्र था एपीआई की फुद्दी अंदर से थोड़ी गीली थी पल बाद वो मई एपीआई की और देखा क जैसे पॉच रहा हों क आगे बरहु एपीआई ने बास इतना हे बोलै क थोड़ा आराम नाल फिर से एक लम्बी सांस खींच एपीआई को ज़ोर से झाकरे एक कस क ढाका दे मारा और आधे स्व ज़्यादा लूँ एक हे झटके में सब परदे चीरते होअय एपीआई की फुद्दी में घुस गया की एक ज़ोरदार ऊंची चीखी पोरे रूम में goonji,hayeeeeeeeeeeeeeee aiiiiiiiiiiii अम्मी ग मैंन मर गयी हलकी से पाचकक की आवाज़ आयी जब लूँ अंदर पहली बार घुसा में आपि की सील किसी ने नै टोरी थी पहले जो आज मेर लूँ ने खोल डाली का दर्द से मौन खुला होआ था और वो चीख रही थी अली निकालो बाहिर ाआईई ब्रा दर्द होरहा उफ्फ्फ की आँखों में बी थोड़ा सा दर्द की वजह से पानी आज्ञा और अपने हाथ से मुझे पीछे धकेलने की नाकाम कोशिश कर रही थी थोड़ी देर वैसे हे रुका और थोड़ा ऊपर होकर एपीआई को दिलासा सा देने लगा क बास होगया एपीआई और उन् क मोठे मम्मी दबाने लग प्र क थोड़ा रिलैक्स हों एपीआई पल बीते थे क एपीआई का दर्द थोड़ा काम होआ तो मैं थॉर सा लूँ धीरे से बाहिर निकलना शुरू किया को लगा क मैं निकलने लगा हूँ लूँ बाहिर सिरे तक निकला और नीचे मैं देखा तो लूँ को स्किन पे एपीआई की फूडी से निकला थोड़ा सा ब्लड बी नज़र आया एन्ड तक निकल एपीआई की आँखों में देखा जो क क्लोज थी थोड़ी फिर से करारा धक्का मारा और इस बार लूँ पोरे का पूरा जार तक्क एपीआई की फुद्दी में जा घुसा था फिर से चिलाना शुरू क हाय मैं मर गयी लोको मेनू बचा लो ग मैं मेरा प्रा मेनू मर दें लगा a,aaaaiiiiiiiiii...main पूरा लूँ घुसाए फिर से रुक गए और एपीआई की हालत नार्मल होने का व८ करने लगा और साथ हे एपीआई क मोठे मम्मी दबाने क साथ साथ निप्पल्स मौन में लेकर चूसने बी लग प्र देर बाद फिर से मैं लूँ सिरे तक बाहिर निकला और फिर से एक हे झटके में अंदर फिर से चिलायी पर मैं बिना चीखों पे दहन दिए एक क बाद एक करारे धक्के लगाना शुरू होगया मेरे आगे इल्तेजा कर रही थी क अली होली हैइए मेरे खुदाया होली मर अली मर जाना ा पे तो जैसे भूत सवार था दिनों से फुद्दी मरने को नै मिली थी पोरे जोश में एपीआई की टंगे कंधो पे उठाये थोड़ा उन्हें आगे की तरफ बेंड कर क फुद्दी मरने में लगा था की सिसकियाँ और आहें पोरे रूम में गूंझ रही थी झटके साथ उनका मौन खु जाता और एक चीख निकलती रदम में मैं धक्के लगा रहा था और एपीआई बी चीला रही थी दर्द से ५ मं बाद मुझे लगने लग प्र क एपीआई बी अब एन्जॉय कर रही है क्यों उनकी आहों में अब दर्द काम और मज़ा ज़्यादा फील होरहा था से अपनी गांड बी हिलना शुरी होगयी थी हर धक्के साथ साथ दे रही थी एपीआई अब लूँ फुल कैसा होआ फुद्दी की अंदर वाली नरम स्किन साथ रैगर खता होआ अंदर बाहिर होरहा था की फुद्दी अंदर से साई मैनो में टाइट होने क साथ साथ गर्म बी थी जैसे कोई ाघ की भट्टी में लूँ डाला हो धक्को की स्पीड पहले से तेज़ होगयी थी और अब मैं एपीआई को थोड़ा बेंड करते होअय टैंगो को उन क फेस पास लेट होअय ऊपर झुका होआ था और एपीआई क मोठे मम्मी साथ साथ चूस रहा था और काट बी रहा था उन पर जोश में बी मस्ती में आहें भर्ती मेरा सारः दे रही थी पहली बरी चुदाई क दौरान मेरी आँखें एपीआई की आँखों से जा मिली और मैं हाथ आगे बढ़ा कर उनकी आईज की साइड पे जमाय ाँसों साफ़ किये और आँखों में देख एक डैम से धक्के लगाना रुक गया एक डैम से मेरी और सवालियां नज़रो से देख जैसे पॉच रही हो क रुके क्यों अब उन्हें तंग करने क मूड में था ना में सर हिलाया बिना कुछ बोले तब एक डैम से शर्म से लाल होगयी और एक साइड मौन फेर लिया मैं आगे हों उनकी गाल पे कोस किये फुर गर्दन को चूमने लग प्र मज़े में सिसकियाँ बर्न लग पारी मैं उनका फेस सीधा किया तो उनकी आईज शर्म से क्लोज थी उनकी आईज को चूमा और फेस उन क चेहरे क पास रखे रुका रहा ५ सेकण्ड्स की गुज़रे होंगे क एपीआई जब फील किया क मैं ढके नै लगा रहा तो बेचैनी क आलम में आईज एक डैम से खोल ली और जब देखा क मैं उन्ही को देख रहा हूँ तो आईज फिर से शर्म से क्लोज कर ली तो एपीआई की इस शर्म वाली ऐडा पे मनो फ़िदा होगया जैसे दरअसल एपीआई क मौन से सुन'न चाहता था क धक्का लगाओ एपीआई से बी रहा नै गया और एक डैम से आईज खोलते होअय थोड़ी डोमिनेंट होती होइ बोली अली रुक क्यों हाय लगाओ बोलै क्या लगाएं एपीआई फिर से शर्म से मुस्करा दी और बोली अली धक्के लगाओ मम्मो क निप्पल्स रब करते होअय बोलै कहाँ लगाओ फिर से शर्मा सी गयी मुझे एपीआई पे तरस आज्ञा और मैं लूँ एन्ड सिरे तक बाहिर ले आया इतना क टोपी लूँ को अंदर हे रही और ढाका नै लगाया एपीआई इस इंतज़ार में थी क अब धक्का लगाने लगा हूँ मैं आपि क होंठ चूम उनकी आईज में देखा और धीरे से बोलै लगाएं हाँ में सर हिलाया और मैं एक कस क धक्का दे मारा की आँखें एक डैम से क्लोज होइ क मौन से एक चीख क साथ एक ाः निकली और बारे सेक्सी अंदाज़ में उन्हों ने दांतों से अपना निचला होंठ कटा तो एपीआई क एक्सप्रेशंस देख जोश में आज्ञा और डीएनए दान एपीआई की फुद्दी मरने लग प्र की हैवी तनहे उठाये थोड़ा थक गया तो मैं टंगे चोर दी तो एपीआई ने टंगे हवा में खोल ली मैं एपीआई मोठे मम्मो पे ग्रिफ्ट बनाये तेज़ रफ्ताति से ढके लगा रहा था ने टाँगे मेरी कमर क गिर्द लपेटी होइ थी दोनों क जिस्म हर ढके साथ एक दूसरे से रैगर कहते और मज़े की लहरें डर्टी मैं गहरे ढके पगा रहा था और बीच बीच में मेरे लूँ की टोपी एपीआई की बच्चेदानी पे जा कर ठोकर मरती तो एपीआई एक डैम से उछाल पार्टी और चीला देती की फुद्दी क लिप्स लूँ क साथ रैगर खा रहे थे जब अंदर जाता तो लिप्स बी लूँ को झाकराय अंदर को जाते और जब लूँ बाहिर को आता तो लिप्स बी बाहिर को आते पूरी म्हणत और ईमानदारी से लगातार फूल स्पीड से छोड़ी जा रहा था की फुद्दी में पता ने अभी तक पानी नै छोरा था और तभी उन्हों ने मुझे कस क बाहों में झाकर सा लिया और चिलायी ालईईई ज़ोर नाल हैए इ फर्रर्रर्र दाल अपनी एपीआई की फहुउद्दी चीयर दाल अब पागलपन में पता क्या कुछ बोली जा रही थी बी फुल ज़ोरो से लगा होआ था तभी एपीआई क जिस्म ने दो चार झटकत खाये और फुद्दी अंदर मेरे लूँ पे मुझे पानी सा फील होआ जहर चुकी थी और अब गीली फुद्दी स्व थप्प्प्प्प थप्प्प्प्प की आवाज़ आ रही थी क झरने क बाद बी मैं नै रुक और लगातार उन्हें छोड़ता गया तक्क आधा घंटा होचुका था एपीआई की टाइट फुद्दी मरते और हम दोनों बहिन भइओ क बदन पसीनो से लत पैट होचुके थे इतनी ठण्ड में बी मसल्सल चीख रही थी मज़े से और बार बार कह रही थी होर तेज़ अली आआआहहह होर तेज़ बरी अब तक झरने क बाद बी एपीआई की मस्ती काम नै थी होइ गर्मी थी उन की फुद्दी में एपीआई क होंठ चूम रहा था ऊपर झुके होअय एपीआई ने मेरी कमर को अपनी टैंगो साथ झाकर सा लिया होआ था और मुझे बाहों में लिए बेतहासा चूमि जा रही थी कोई ४० मं बाद मुझे लगा मेरा पानी निकलने वाला है माथे से पसीने की बूँदें नीचे गिर रही थी एपीआई क बदन पे ने बी मेरे धक्को से फील कर लिया क मैं फ़ारिग़ होने वाला हूँ तो वो बी कुछ न बोली बास मुझे चूमती रही मेरे लूँ ने एपीआई की टाइट फुद्दी आगे घुटने तक दिए और आखरी क थ्रस्ट लगाए मैं एपीआई की फूडी की जार तक लूँ ले जाकर फ़ारिग़ होने लग प्र दिनों का पानी तटों में अकथा होआ प्र था तो ढेर सरे पानी से एपीआई की फुद्दी लबा लैब भर दी क जिस्म पे ढेर होअय मैं हांफ रहा था और एपीआई ने बी मुझे बाहों में ले लिया होआ था और लम्बी लम्बी सांसें ले रही थी का जिस्म ब्रा नरम था कोई २ मं बाद हमारी सासे नार्मल होइ थी एपीआई ने मुझे थोड़ा हिलाया मैं उन क जिस क ऊपर से लुरक कर साइड को होगया और मेरा लूँ जूनही फुद्दी से निकली एपीआई की फुद्दी से जैसे नहर बेहनी शुरू होगयी हो हैरानी से बाकी इतना पानी अली घड़े हो सूची आँखे मोंडे मुस्करा दिया ने अपनी साइड पे फेंकी शलवार से अपनी फुद्दी साफ़ की और मेरे साथ हे लेत गयी और मौन कर क बोली लगता काफी थक गए हो मुस्करा दिया और एपीआई की बालों की लत्ते फेस से साइड करते होअय पोछा एपीआई कैसा लगा आपको मुस्करा क अली बहतततततत ाचा लगा में आज औरत होनर का एहसास दिलाया तू ने जान है तेरे में और मैं तुझे बचा समझ रही थी और साथ हे मेरे बाल सहलाने लग पारी पता है तू ने क्या किया बोलै क्या एपीआई तो एपीआई मुस्करा क बोली तू ने आज अपनी एपीआई की फूडी की सील खोली है में जब वो पर्दा फ्त तो ब्रा दर्द होआ क ९ सालो बाद आज मेरी फुद्दी को उस क हिस्से का प्यार मिला है एपीआई क फेस पे किश किया और बोलै एपीआई भाई आप क साथ अचे नै है बोली अचे हैं बृहत्त पर उन से नै होता ये सब इलाज करवाया है वो बी अंदर से थक चुके
27-02-2019, 06:52 PM
ऊपर से मुझे प्यार कर क प्यासा चोर देते पहली बरी मेरी फुद्दी से इतनी बार झरि है एपीआई क होंटो को चूमा और यूँही बातें करने लग परे मेरे ज़ेहन में सवाल आय क एपीआई ये नीचे अरूबा और मौलवी साब सब कब से चल रहा है एक लम्बी आह भरते होअय बोली तुझे क्या बताओं अली अब कुछ देखा और सहा है तेरी एपीआई ने इस घर में ...मैं बोलै एपीआई आप क साथ तो नै कभी न में सर हिलाया और बाकी कोशिश बरी की पर मैं घास नै डाली तभी मज़ाक़ में मैं बोल दिया क मुझे तो एपीआई आप ने साड़ी की साड़ी घास दाल दी तो एपीआई बी एक डैम से हंस पारी और मेरे चेहरे को सहलाते होअय बोली तू तो मेरी जान है अली और मुझे माथे में चूमा पे तेरा पूरा हक़्क़ है किसी को पता नै लगे हमारे प्यार का...मैं बी एपीआई की बातें सुन खुश होगया और बोलै एपीआई मैं किसी को बी नै बताऊंगा प्यार बोली मेरा प्यारा भाई...तभी मैं दोबारा से पोछा एपीआई बताये न कब से चल रहा वो सब बोली मेरी सास की मौत क बाद मौलवी साहब बारे अकेले पर थे शायद जब से मैं इस घर आयी हूँ बुहत कुछ देखा है तो तब***में थी जब से मौलवी साब उसे छोड़ रहे बेटो तक्क को खबर नै होने दी ीन्हो ने बरी तेज़ तरार थी उम्र में हे इस क पर निकल आये थे थे इस क लामय मिलते थे क कॉलेज में इस लड़के क साथ बातें करती पकरि गयी है वग़ैरा वग़ैरा सब बी बारे तंग थे साब बी बारे तंग थे आखिर उन्हों ने अरूबा की मचलती जवानी को लगाम दाल हे दी और ऐसी डाली क अरूबा बी उन् की देवानी होगयी बोलै पर वो तो बृहत्त छोटी नै अभी हँसते होअय छोटी है तूबह में थी तब से इस क पीरियड्स आना शुरू होगये थे मैं खुद पद वग़ैरा लती उस क लिए और उसे सब सिखाती तक़रीबन ढेर साल से मौलवी साब अरूबा को छोड़ रहे है अरूबा का जिस्म बी वक़्त से पहले भर सा गया है बी छोटी नै है वो तुम ने खुदी तो नीचे देखा कैसे इतना ब्रा लूँ पोरे का पूरा अपनी फूडी में ले रही थी...मैं बोलै एपीआई पर अरूबा तो उन की सही बेटी है बोली आज कल ये सब चलता है अली तू फ़िक्र मत कर चोर इन लोगो को बारे बता कॉलेज कैसा जा रहा मैं बोलै एपीआई ये बी भला टाइम है ये सवाल पोछने का और उन् क ऊपर होगया और फिर से चूमने लग प्र उन्हें लूँ फिर से एपीआई की बातों और नंगे जिस्म की वजह दे झाग चूका था मुझे थोड़ा पीछे करते बोली अली अभी तो किया है कुछ नै सुनी और उन्हें नाहों में लिए चूमने लैह प्र पागलो जैसे बार दूसरी बरी थी तो जल्दी पानी निकलने क चान्सेस नै थे पोरे इत्मीनान से इस बार एपीआई को घोरी बना कर उन की मोती गांड थामे फुद्दी मरी कस कस कर एपीआई को अपने ऊपर चढ़ा कर बी छोड़ा पोसेस में एपीआई की फुद्दी मरी लूँ नै चूसा और न मैं कहा और गांड मरी बरी पूरा घंटा भर उन्हें जमकर छोड़ा और पानी फुद्दी में जे छोरा क ६ बजने वाले थे तीसरी मर्तबा उन्हें छोड़ लसर हटा की बी बास चुकी थी और मेरी बी इतने दिनों की गर्मी निकल गयी थी रात तक़रीबन ४ घंटे तक्क हर पोज़ में एपीआई की फुद्दी जैम क मरी और तीनो बरी पानी अंदर हे छोरा ६ बजे क क़रीब हम दोनों सोये नंगे हे एक दूसरे की बाहों में...मेरी ज़िन्दगी की एक और हसीं रात थी ये अंदर हे अंदर बुहत खुश था...सुबह ९ बजे जा कर आँख खुली वो बी तन जब एपीआई ने उठाया को जब देखा तो वो नाहा चुकी थी और खिली खिली सी लग रही थी उन् क चेहरे की स्माइल बता रही थी क वो कितनी खुश हैं और इस ख़ुशी खातिर मैं कुछ बी कर सकता था जैसे तैसे कर क वाशरूम भेजा मैं नाश्ता कर तैयार होआ कॉलेज चली गयी होइ थी और मौलवी साब बाहिर दिल तो नै किया कॉलेज जाने को पर एपीआई ज़बरदस्ती भेज दिया क स्टडी लाज़मी होते हे उन का माँ वाला रूप सामने आज्ञा था उनकी चाल नोट की तो वो थोड़ा लरखराने क साथ टाँगे खोल कर बी चल रही थी देख मुस्कराया तो वो शर्म से पानी पानी होगयी और मुझे कॉलेज क लिए भगा दिया...मैं कॉलेज लेट पोहंचा... कॉलेज में बी सारा दिन एपीआई क ख्याल से लूँ मचलता रहा तो बास छुट्टी का इंतज़ार कर रहा था क कब हो और मैं एपीआई पास जाओं चुटी होइ और जब बाइक ले वापसी पे बाजार से गुज़रा तो वहां मुझे अम्मी हुंसयो की एक औरत साथ देखि से देख कर रहा नै गया और मैं उन क सामने जा कर बाइक रोक दी मुझे देख खुश होगयी और साथ वाली औरत को बोली मेरा पुत्र आज्ञा अब बाक़ी की चीज़े मैं इस क साथ ले लू गई तुम चली जाना और मेरे तरफ आयी और मेरी आँखों में देख मुस्करायी और बाइक की पिछली सीट पे एक साइड को बेथ गयी और मेरी कमर में हाथ दाल लिया क सख्त मोठे मम्मी मुझे मेरी बैक पे फील होअय अब बी थोड़ा ग़ुस्सा दिखा रहा था और अम्मी इसे बखूबी देख रही थी खुदी बोली अली वो कैंट वाले मॉल ले चलो कुछ चीज़े लेनी है को उस का दोस्त ले गया सुबह सुबह हे तो मुझे उस औरत साथ आना प्र थोड़ा मौन बनाते होअय बोलै अम्मी मुझे नै लेह सकती थी क बाजार जाना है ने बी मेरे ग़ुस्से में बी प्यार की झलक देख और मेरे सर पे हाथ फेरते होअय बोली इतनी फ़िक्र है माँ की तो कल चोर क क्यों चला गया हे तो कॉल्स नै उठा रहा था मैं कैसे बताती तुझे अब ले जा मुझे मॉल बाइक स्टार्ट की और चल प्र धीर धीरे बरी नै था क अम्मी मेरे साथ बाइक पे बैठी थी पर इस बार कुछ अलग था अम्मॉ मेरे साथ जुड़ क बैठी थी उन क मम्मी फुल प्रेस होरहे थे मैं उन्हें फील करते मॉल जा पोहंचा कोई १० १२ मंजली था और शहर का मशहूर मॉल था स्टैंड पार्किंग में लगा का मैं अम्मी क साथ अंदर को चल प्र बारे जोशीले अंदाज़ से मेरे लेफ्ट हाथ को थामे चसल रही थी तब एंट्री गेट पे अम्मी थोड़ा आगे चली तो उन की मोती गांड देख मेरा सारा ग़ुस्सा ग़ायब सा होगया ज़्यादा घर से बाहिर नै निकलती थी कभार हे आती थी न उन्हों ने फुल कला आबय पेरो तक पहना था और एक मोती चादर बी ओढ़ी होइ थी कवर करने क बावजूद अम्मी क मोठे चुतर एक दूसरे साथ रैगर कहते होअय हिल रहे थे चलते वक़्त को निकली इतनी हैवी गांड को मैं ने सिक्योरिटी गार्ड को बी घोरते देखा हम लोग लिफ्ट क गेट पास खरे होगये ने फिर से मेरा हाथ थाम लिया होआ तह और ब्रा खिल खिला रही थी ने खुद हे ११ का बटन दबाया और लिफ्ट चल पारी में हम दोनों क इलावा कोई नै था का मुस्कराता चेहर देख मैं बी मुस्करा दिया बोली शुक्र है सारा ग़ुस्सा उतरा तेरा मेरे चेहरे पे हाथ फेरते होअय बोली अब तो नै है न नाराज़ अपनी माँ से मैं न में सर हिलाया तभी थोड़ा सीरियस होते बोली पुत्र एक बात समझ ले बी मेरा उतना हे सघा बीटा है जितना तू का बी मेरे पे उतना हे हक़ है तुम दोनों को खुश देखना चाहती हूँ बास और मेरी गाल पे चूम लिया की बात सुन मुझे रीलीज़ होआ क अम्मी सही कह रही थी तो जुम्मा जुम्मा चार दिन होअय थे पर अहमद भाई तो पिछले ७ साल से अम्मी क साथ थे तो मैं कैसे उन क बारे ग़लत सोच सकता था बास इतना हे तब बोलै क अम्मी कल मेरा ब्रा मैं था और आप...इतना बोल मैं चुप होगया और नीचे देखने लग प्र थोड़ा मुस्करायी और बोली मैं थोड़ा कहीं भाग जा रही हूँ सब्र करना सीख थोड़ा पुत्र ११थ फ्लोर आया और गेट खुल गया न्य न्य बना था तो ऊपर की ३ मंज़लों पे अभी काम चल रहा था और ेल आधी शॉप हे थी बोलै अम्मी यहाँ तो ेल हे शॉप है बास नीचे चलते है बोली तुम चुप करो अभी शॉप्स अंडर कंस्ट्रक्शन थी पर उस फ्लोर पे कोई नै बाँदा नै दिख रहा था मैं एक वाहद शॉप का बोर्ड पढ़ा जिस की लाइट्स ों थी उन्देर्गर्मेन्ट्स लिखा होआ था अम्मी की तरफ देखा तो अम्मी मुस्करा दी और मेरा हाथ पकड़े अंदर ले गयी बरी शानदार थी तरफ लाइट्स ों थी और सिर्फ उन्देर्गर्मेन्ट्स स्टफ हे रखा होआ था क अंदर कोई दिख बी नै था रहा हम दोनों माँ बेटे काउंटर पे खरे होगये तो एक डैम से एक साइड से एक मासूम से सेल्स गर्ल जिस की आगे २० क क़रीब होगी अपने सेल्स यूनिफार्म में उस ने हमें वेलकम किया उसे बोली बेटी कोई अचे से उन्देर्गर्मेन्ट्स दिखाओ मेरे लिए मेरी और देख क थोड़ा हैरान होइ क अम्मी मेरे सामने हे सब बोल रही पोरे कॉन्फिडेंस साथ बोली देखो बी इस से परेशां न हो ये तो मेरा सोना पुत्र है मेरी और देख थोड़ा हैरानी वाली मुस्कराहट दी और मैं बी थोड़ा शर्मिंदगी साथ दांत निकल दिए और अम्मी का पल्लू खींच बोलै अम्मी चुप करे वो लड़की क्या सोच रही होगी हमारे बारे किसी मगरूर हसीना जैसे बरी ऐडा से बोली सोचने दो जो सोचती है मैं अपने सोने पुत्र नल आयी आ किसे ग़ैर नाल थोड़ी...वो लड़की हमारी और हे देख रही थी उस ने अम्मी से साइज पोछा बोली पिछले मंथ तो ४४'' का ब्रा और ५०'' की पंतय थी अब शायद बार न गया हो ऐसा करो इस साइज क और इस से एक बारे साइज का अछि क्वालिटी वाले ब्रा और पैंतीस दिखाओ और हाँ एक फीता(मासुरिंग टेप) बी लाओ ज़रा हैरानी साथ पीछे मूर्ति और स्टफ निकलने लैह पारी अम्मी को बार बार कह रहा था क अम्मी वो क्या सोचे गई बोली मैं सब सोच समझ कर यहाँ आयी हूँ मेरे लादले वो लड़की कीच ब्रा और पैंतीस ले आयी अम्मी उन्हें खोल खोल देखने लग पारी और बोली अचे है पर तरय कर क सही से पता चले गए बोली वहां उधर तरय रूम है वहां जा कर ले सारा स्टफ उठाये उधर को चल दी और मैं वही खरा रहा नज़रे झुकाये तरय रूम क दूर पे खरे होकर बोली पुत्र वो फीता बी ज़रा ले आना मैं ज़रा एक्सएक्ट नाप लेना है और साथ हे मुस्कराते होअय लड़की की तरफ इशारे करते बोली इसे बी ज़रा खुश कर दे मैं हैरानी से देखा क क्या हाथ क इशारे से बोली पैसे जैन से १००० क नोट निकल उसे दिया और बोलै ये रख लो मैं आता हु फीता पाकर बैग वही काउंटर पे रख तरय रूम की जानिब भगा हे लड़की को बोलै क कोई आये तो बता देना वो बेचारी हैरानी से हाँ में सर हिला दिया रूम क अंदर घुसा तो देख क अम्मी एक साइड सरे उन्देर्गर्मेन्ट्स वाला स्टफ रख रही थी काफी खुला था फुल क्लोज्ड था ऊपर से बी हर तरफ शीशे लगे होअय थय और लाइट कुछ ज़्यादा हे ों थी साइड एक छोटा सा नरम सोफे रखा होआ थस सामान रखने क लिए ी गेस मेरी और मूर्ति और मुस्कराते होअय बोली मैं सोचा अपने पुत्र की साडी नाराज़गी यही दूर कर दूँ जा कर पता नै मौक़ा मिले या नै बी थोड़ा मुस्करा दिया से एपीआई का सोच जो लूँ मचल रहा था अब अम्मी का सोच और ज़्यादा उछलने लग प्र पंत क अंदर बोली ये शॉप बिलकुल नयी नयी है यहाँ िका दुक्का हे कोई आता गर्ल बी एक हे है तो कोई परेशानी नै होंगी फिर बी बोलै क अम्मी घर जा करते है न यहाँ इतनी दूर इस मॉल में पकड़े जाने का दर बोली इसी में तो मज़ा है पुत्र मेरी बरी फंतासी रही है क चेंजिंग रूम में कोई मुझे प्यार करे साथ एक दो बरी आयी पर वो बी डरपोक निकला तू न कुछ बोलना अम्मी खातिर इतना बी रिस्क नै ले सकता बी कोई नै आने वाला मुझे यक़ीन है तो अम्मी की बातों से हैरान होगया क ये मेरी वही अम्मी हैं जो इतनी मज़हबी और परहेज़गार खातून थी और अब देखो...अम्मी बिना कुछ मज़ीद बोले अपनी चादर साइड तंग कर अपना आबय उतरने लग पारी मैं बी उनकी हेलो की उतरने में क नीचे एक पीली कमीज और शलवार पहनी थी थोड़ी खुली थी पर फिर बी अम्मी क मोठे मम्मी साफ़ दिख रहे थे ने बालों का गुच्छा बनाया होआ था पीछे की और अम्मी ने कमीज बी बारे आराम से उतरी क पहात न जाये उतरी तो उन क मोठे तरबूज़ जैसे मम्मी पीले ब्रा में क़ैद नज़र आये उनका सुडोल पेट और गहरी नाभि नज़र आयी ने मुझे अपनी और देखते हंस क बोली तू बी उतर अपना यूनिफार्म पुत्र देख क्या रहा है बी अम्मी को देखते देखते अपना सब कुछ उतर एक डैम नन्हा होगया जल्दी से लूँ तो जैसे झकय खा रहा हो अम्मी का हुस्न देख ने शलवार बी उतर कर टांग दी और अब अम्मी येलो ब्रा और अपनत्य में पूरा माल लग रही थी क़िस्म का सेक्सी माल ने ब्रा की हुक खोल उसे बी उतर दिया और फिर दूसरी और मुर कर थोड़ा झुक कर अपनी मोती गांड पहिलाये पंतय धीरे से मुझे ललचाते होअय उतरने लग पारी तो देख पागल होगया अम्मी ने पंतय पूरी उतर अपने पेरो से निकल साइड की तो उन् क मोठे हैवी चुतर देख मेरा लूँ उतावला होगया घुसने खातिर थोड़ा गांड क हिप्पस को मुझे दिखते हिलाया और मेरे खरे लूँ पे बिजलियाँ गिरने लग पारी ये जान लेवा मंज़र देख आगे बढ़ने लगा तो अम्मी सीधा खरे होगयी और उनकी फुद्दी बी बिलकुल साफ़ थी जैसे आज हे क्लीनिंग की हो मम्मी अम्मी की छाती पे ऐसे लग रहे थे जैसे दो बारे बारे फूटबॉल्स हों मुझे देखते होअय यूँ बोली पुत्र वो फीता तो उठा ज़रा नाप तो ले अपनी माँ का जल्दी से फीता उठाया और अम्मी क क़रीब होगया क जिस्म की खुसबू मेरे नाथनु में दाखिल होइ तो मैं मदहोश होगया दोनों हाथ थोड़ा ऊपर किये बोली ले अब नाप और हाँ निप्पल्स फीते में आये फीता अम्मी की कमर से पीछे से दाल आगे को निकल और मोठे मम्मो क ऊपर से फीता घुमाये जब एक सिरे को दूसरे सिरे साथ ज़ुरा तो अम्मी थोड़ा छाती पहिला क बोली पुत्र कितना है नाप जब फीते पे नंबरिंग देखि तो वो ४६ इनचेस से कुछ ज़्यादा थी को बताया तो बोली मुझे लग रहा था क बारे होगये हैं मैं कमर का नाप लिया ३५ इनचेस क क़रीब उनका पेट था जब फीता लाया तो मुझे पूरी बाहें पहिलानी पारी अम्मी क बाहिर को निकले मोठे चुतरों तक्क पोहॉंछने क लिए मैसूर किया तो अम्मी की गांड ५२ क क़रीब थी को बताया तो बास बोली जानती थी मैं मुस्कराने लग पारी फीता साइड पे रखा तो अम्मी उससे पाकर नीचे मेरे सामने बेथ गयी सुर मेरी आँखों में देखते बोली अब ज़रा अपनी माँ को बी नाप लेने दे समझा नै तो उन्हें ने अपने नरम हाथों में मेरा खरा लूँ ले लिया और बिना कोई देर किये मौन खोला और गल्प कर क मौन में ले लिया लूँ तो मज़े से एक आह निकली और मैं मौन ऊपर को कर लिया क्लोज्ड मज़े से एक पल क लिए क होंठों क कमल से मेरा लूँ पहले से ज़्यादा फूलने लग प्र बसरी तेज़ी साथ लूँ क जार से पकड़े दोनों हाथों से मौन में लिए चूस रही थी क मौन की गर्मी से मेरा लूँ अंदर हे अंदर जैसे पिघल रहा हो २/३ लूँ हे बरी मुश्किल से ले पति मौन क अंदर और फिर बाहिर निकल लेती लूँ मौन क अंदर घुसता अम्मी क गाल फूल जाते और आँखे थोड़ी बरी होजाती जैसे सांस रुक सी जाती फिर से जब वो लूँ बाहिर निकलती मौन से तो थूक से लबा लैब भरा हॉट लूँ और चमक रहा होता तो मनो दूसरी हे दुनिआ में पोहंच चुकी था फील होरहा था जैसे यही जन्नत हो आँखे मज़े से बंद किये छत्त की और मौन खोले सिसकियाँ भर रहा था और एक हाथ नीचे ले जा कर अम्मी क बालों को सहलाने लग पर जो क अभी बी बंधे होअय थे सुच में मुझे मज़े की दुनिआ की सेर क्र रही थी अपने मौन क ज़रिये ५ मं बरी मुश्किल से जॉय होंगे क अम्मी ने एक डैम से लूँ मौन से निकल दिया ऊपर लगे थूक को अपने दोनों हाथों से लूँ पे मलने लग पारी जैसे मालिश कस्र रही हों लूँ पहले से बी ज़्यादा करक नज़र आ रहा तह मैं नीचे जब देखा तो अम्मी पेरू बल बैठी थी और उन क मोठे नंगे मम्मी कह ध रहे थे अम्मी ने अपना मौ साफ़ किया और साइड में नीचे राल्हे फीते को लिया और मेरे लूँ की मेज़रमेंट करने लगी ने लूँ क जार पे एक सिरा रखा फीते का और दूसरे सिरे को टोपी की साइड ले आने लगी हे मुस्कराते होअय आँखों में चमक लिए ऊपर मेरी और देखती होइ बोली बाप रे पुत्र ये तो ९ इनचेस से थोड़ा सा हे काम है सारा खाना यही पे लगता है सुर हांसे लग पारी जब नपी तो ४ इंहेस क क़रीब थी तो अम्मी क एक हाथ में बी पोर नै तह आता नाप लेकर फिर साइड फेंका और मेरी और मस्ती भरी आँखों से देख बोली अपनी अम्मी की फुद्दी कहते गए ख़ुशी से हाँ में सर हिलाया तो अम्मी बी उठी नीचे से और साइड परे सोफे पे बेथ अपनी मोती हेअल्थी तान्हो को खोल दिया ऊपर को कर क और बोलो तू आजा पुत्र देर किस बात की खा जा अपनी जनम भूमि को अम्मी क मौन से जनम भूमि का वर्ड सुन एक तक फुद्दी को देखने लग गया साफ़ सफफ थी कोई दाग या बाल का निशान नै थी फूलो होइ उभरी होइ सी थी थोड़े से बाहिर को निकले होअय थे का कलर बी डार्क नै था की लम्बाई यानि फुद्दी की लाइन बी ज़्यादा लम्बी नै थी और फुद्दी क लिप्स को फिंगर्स साथ थोड़ा पहिलाया तो अंदर का नरम पिंकिश सा हिस्सा नज़र आया जो क थोड़ा गीले होने की वजह से चमक रहा था बी जैसे बता चूका क अम्मी की फुद्दी ला साइज नार्मल से काम तह थोड़ा और होल बी खुला होआ नै था काफी हद्द तक टाइट था और पहली बरी देखने में बी दीखता नै था
27-02-2019, 06:52 PM
पूरा साइड किये जाये तब दीखता था तो फुद्दी को खूबसूरती में ऐसा खोया क अम्मी ने मुझे आवाज़ लगाई पुत्र कहाँ खो गया से यूँ अपनी हैवी टाँगे उठा क पहिलाये रखना ब्रा मुश्किल काम था पर वो फिर बी लगी होइ थी होश में लेन बाद मुस्कराता देख बोली पुत्र क्या देख रहा है ऐसे घर कर अपनी अम्मी की फुद्दी को आगे मौन ले जा कर एक किश की फड्डी क लिप्स पे और फिर से देखते होअय इस अनमोल जगह को अम्मी को बोलै अम्मी सुच में मेरो जनम भूमि है थोड़ा लाल होते बोली हाँ मेरे लाल वो जन्नत का दरवाज़ा है जहाँ से तू इस दुनिआ में आया था इतने सुनते अंदर हे अंदर खुश होते पागलो जैसे फुद्दी चाटने लग प्र साइड करे मैं अपनी ज़ुबान निकले फुद्दी क अंदर क पिंकिश पार्ट को ऐसे चाट रहा था जैसे कोई बिल्ली दूध चाट'टी लैब ज़ुबान मरते काईन छाती जा रहा तह और अम्मी आहें भरी जा रही थी की फुद्दी चाट'ते मेरा नाक ठीक अम्मी की फुद्दी क दूर स्टेप पे लगा होआ था और एक अलग हे क़िस्म की खुशबु मुझे फील होरही थी जिसे सूंघ मुझ पर खुमारी सी चने लगी बेतहाशा चाटने लग प्र ने अब अपनी हैवी लेग्स और झाँगो(थिएस) को चोर दिया था और दोनों टाँगे मेरे कन्धों पे रखे एक कैंची सी मरी होइ थी जैसे टाँगे से बी मुझे फुद्दी की तरफ दबा रही थी और दोनों हाथ मेर सर पर रखे बी दबा रही और ऊपर मौन खोले पागलो जैसे सिसकियाँ भर रही थी जा पुत्र हयईईईई ऐसे हे हाँ चाट अपनी माँ की फुद्दी हाय ोये मेरेया रब्बा पुत्र डंडी न वद्द(दांत मैट लगाओ) मैं थोड़ा जोश में आये फुद्दी क लिप्स पे अब हलके हलके दांतों साथ काट बी रहा था जिस से अम्मी पूरी मस्ती में आजाती और उछल पार्टी मं बी ठीक से नै जॉय होने चाट'ते क अम्मी का जिस्म ाकरने लग पर और सुध बुध खोये झरने लग पारी की फुद्दी से काफी पानी निकला जिस से मेरा पूरा मौन भीग गया छठा गया मैं ने नमकीन सा मस्त पानी पिया पूरी तरह जार चुकी अम्मी तो उन्हों ने आँखे खोल मेरी और देख तो शर्म से लाल होगयी मेरा पूरा मौन भीगा होआ देख मैं बी मुस्करा दिया और मस्ती में फिर से चाटने लग प्र मुझे हाथों से पीछे करते होअय बोली पुत्र बास और मैट चाट मैं मर जाना सूची अम्मी को बोलै इतना मज़ा तो आ रहा था अम्मी चाटने दे न इतनी मज़ेदार फुद्दी हो आप की अपनी यूँ तारीफ सुन लाल होगयी और और मेरे सर पे हाथ मरती बोली चल परे हट कमलिया बी नै हूँ अब मैं वो...अम्मी तब पूरा लाल हो चुकी थी फुद्दी को थोड़ा रब करते पोछा अम्मी ये तो बुहत छोटा सा सूराख है जब मैं यहाँ से निकला था तब दर्द बी बरी होइ होगी न आपको शर्म साथ बोली ऐसे बाते बी कोई करता है कि झालेय तो होती है पर मुझे ये नै था पट क जिस फुद्दी में से तुझे निकल रही हूँ उसी फुद्दी में एक दिन तू अपना घड़े जैसा मसल दाल कर मेरी चीखे निकलवाए गए अम्मी की बातें सुन फूल गर्म होचुका था लूँ बी झटके मर रहा था अम्मी की हैवी लेग्स उठायी और पूरी ऊपर को साइड की तरफ पहिला दी और टांगो बीच आकर खरा होगया और फुद्दी क सूराख पे लूँ की मोती तोपु रख अम्मी की आँखों में देखने लग प्र मुझे पलकें झुकाये शर्म से लाल होअय चेहरे से हामी भरी और मैं एक कस क ढाका दे मारा हे झटके में मेरा पूरा लूँ अम्मी की टाइट गुफा(केव) में हुस चूका था का दर्द से एक दम्म से मौन खुले का खुला रह गया और उन क हलक़ से एक दर्दनाक ऊंची चीख निकली जो पोरे तरय रूम में गूंजी किसी जैसे आवाज़ एक होती बार सुनाई देती वैसे की आँखों से दर्द साफ़ झलक रहा था होअय रब्बा सोनिया मर सत्य मेनू आय खासमा न खाने ने एहसास नै करदा क माँ व एड़ी झकय नल पूरा पा दित्ता ेंज जीवय मेरे गले राह काढ़ना होअय अपना आय मसल बेंड किये पोज़ में मेरा लूँ थोड़ा सा बी बाहिर नै था और मुझे साफ़ साफ़ फील होरहा था क मेरे लूँ की टोपी अंदर गहराईयों में बच्चेदानी पे ठोकर मर रही का चिलाना थोड़ी देर बाद काम होआ तो मैं ऊपर झूल अम्मी क मोठे मम्मो को किसी छोटे बच्चे जैदी चुँगना(चूसना) शुरू होगया क मोठे करक निप्पल्स मेरे मौन में थे जिन्हे मैं हलके दांतों साथ काट बी रहा था और चूस बी रहा था मैं दोनों हाथों में राइट वाला दूध झाकरा और उसे चूसने लग प्र इतना ब्रा था क दोनों हाथो क सिकंजे में नै था आ रहा अचे से चूसने बाद लेफ्ट वाला देर में अम्मी की हालत कुछ थील होइ तो मैं ऊपर होकर अम्मी क रसीले मोठे होंठों को चूमा और आँखों में देख बोलै अम्मी पहली बरी थोड़ी घुसा रहा जो इतना चिलायी मुझे ग़ुस्से से देखते होअय बोली कामिनेया एक तो इतना ब्रा मसल किया होआ ऊपर से एक हे ढके में घुसा डाला और अब चिलए बी न बाँदा दर्द से थोड़ा मुस्कराया और अपने लूँ पे अम्मी की गर्म फुद्दी की तिघ्नेस्स फील कर अम्मी क होंटो को चूम क बोलै अम्मी सुछ में आपकी फुद्दी कमल की है बचे पैदा करने क बाद बी इतनी तिघटनेस सुछ में दिल खुश होजाता है जब बी लूँ अंदर जाता है अब थोड़ा लाल होइ अपनी तारीफ सुन और मेरी छाती पे हल्का सा मुक्का मर बोली कंजर नस होवय कितय नै आदि अपनी माँ नल ेहो जिया गल्ला लार दिया अम्मी क लाल गालो को चूमा और न में सर हिलाया क नै सटी शर्म तो अम्मी किसी खालिस मशरकी औरत जैसे अपनी पलकें झूला साइड को अपना प्यार सा कोमल चेहरस कर लिया की इस ऐडा से मेरे लूँ में एक मज़े की लहर डोरी और मुझे तब अम्मी पे बेशुमार प्यार आया और मैं ऊपर झुक पूरी तरह टाँगे चोर अम्मी क फेस दोनों हाथों में थमा और पोरे फेस पे चूम्मीओं की बुचर कर दी पागलो जैसे मुझे इटंस गर्म देख और गर्म होगयी और पैशनेट तरीके से मेरे होंठ अपने होंटो में लिए चूमने लग पारी प्रेमियों जैसे हम माँ बीटा दुनिआ से बे खबर होअय पागलो जैसे एक दूसरे को चूम रहे थे और ये बी नै सोच रहे थे क हम घर से कोसो दूर एक मॉल क तरय रूम में है तरह क रिस्क में बी अपना हे मज़ा है देर जब हम दोनों की सांसें फूलने लग पारी तो हम दोनों क होंठ ालेड़ा होअय और ेल दूसरी की आँखों में देख साँसे बहाल कर रहे थे अभी बी पूरी लाल होइ पारी थी और मेरे फेस पे हाथ फेरते बोली पुत्र तू सुछ में मेरी जान है क बाद कभी अपनी अम्मी से नाराज़ न होना नै पता पूरी रात रह रह कर तेरा ख्याल आ रहा था भाई को बी बाद में पास नै आने दिया क मेरा मूड नै था तेरी खातिर अम्मी की आँखों में सुचै और अपने लिए इतना प्यार देख अंदर हे अंदर बुहत खुश बी होआ और थोड़ी नादमत्त बी होइ क अम्मी से नाराज़ रहा बेफज़ूल अम्मी क होंटो को हलके से चूम बोलै अम्मी मुझे मुआफ कर दो मैं आपका दिल दुखाया बी अब थोड़ा मुस्कराते होअय बोली कमला जिया न होवय हूँ बताए इमोशनल न हो ते ज़रा चंगी तरह खिदमत कर अपनी जनम भूमि दी दी प्यासी ा तेरे ले आय अम्मी क मौन से इतना सुना था क एक डैम से सीधा हो अम्मी की भरी लाग्स दोबारा से झाकरे उन्हें अम्मी क फेस की और बेंड करे अपनी टांग पीछे को ले जाते होअय undefined उप वाले पोज़ में टोपी तक बाहिर निकला और एक कस क ढाका ऊपर से नीचे की और दे मारा जिस पर अम्मी फिर से चील उठी पर इस बरी मैं चीखों की परवस न किये undefined उप पे undefined उप मरता गया ढके ऊपर से नीचे लगता गया ढके साथ मेरा लूँ अम्मी की फुद्दी में एन्ड तक जाता और साथ हे मेरी फ्रंट झाँगो(थिएस) अम्मी की मोती थिएस से टकराती तो एक मज़ेदार थप्प्प्प की आवाज़ आती ढके सारः ठप्प्प ठप्प्प की आवाज़ गूंजना शुरू होगयी दर्द और मज़े साथ काढ़ा रही थी और मौन खोले चीखे मरी जा रही थी ज़ेहन में जूनही अम्मी की बात आयी क मुझे क्या पता था क एक दिन तू इसी फुद्दी में मसल घुसा देगा इतना जोश चारा क मैं दांत पीसते अपने किसी जानवर जैसे ढके लगाना शुरू होगया क मोठे हैवी जिस्म को दोहरा(फोल्ड) किये मई उनकी फुद्दी की अचे से धजिया ोराये जा रहा था लगातार स्लो करने का कह रही पुतरररररर होली हाय मेरव खासमा जोली मार मैं माँ व तेरी पुत्र होली जाये बाबा ग हाय रब्बा मई मर जाना देर बाद उन की चीखों में दर्द काम और मज़ा ज़्यादा फील होने लगा और अब होली होली कहने की बजाए तेज़ ते करने का कह रही थी इतने पुश-यूपीएस गयम में कभिन्नै मरे थे जितने तब अम्मी को बेंड किये उन् की फुद्दी में मरी जा रहा था और पसीना मेरे माथे से टपक रहा था और अम्मी क जिस्म पे गिर रहा था आह्ह्ह्हह्हह्ह्ह्ह पुत्र ेंज इ तरह हईये और तेज़ फॉर दाल अपनी माँ दी फुद्दी बना क छोड़ अपनी माँ न मैं ता तेरी मुरदनी होगयी पुत्र मसूर तेज़ आह्ह्ह्हह तेरा मोटा लूँ सीधा मेरी कोख दे जा ठोकर मर डा ा तक्क उधर कोई नै पोहंच स्का मेरेया रब्बा मैं नै आज बचना की फुद्दी अब पानी चूर्ण शुरू होगयी थी जिस की वजह से ठप्प्प थप्प्प्प क साथ पाचक पचक्क्क की अव्वाज़ें बी आना शुरू होगयी जैसे पानी में कोई पत्र मार रहा हो या हाथ जैसे मरते पानी में तो वैसी आवाज़...मैं नंगे पाऊँ थस और पुश-उप वाले पोज़ में नीचे फर्श पे मेरे पेरो की उँगलियों की ग्रिफ्ट बी ढीली पर्ने लग पारी फिर बी मैं बरी मुश्किल से बैलेंस की ामंक की करारी गर्म फुद्दी मरी जा रहा था झुके अब जोश में वेह्शियना तरीके से अम्मी क दूध दबाने साथ साथ उन क होंठ काट रहा रहा जिस से अम्मी बी सिसक रही थी अम्मी की लम्बी सफ़ेद गर्दन पे काटने लग प्र फिर सब ग़ैर िरड़ी तोर पर होरहा था जोश में बी इसे एन्जॉय लार रही थी अम्मी क मोठे मम्मों क निप्पल्स मौन में लिए काटी करता रहा और दूध क सफ़ेद नरम हिस्से पे बी काटा शार्ट पोरे वाइल्ड तरीके से अम्मी की ख़िदमतत में लगा होआ था मीन्स फुद्दी मरी जा रहा था ठण्ड में बी मैं पसीने से नाहा चूका था पेरो की उँगलियों में बी पसीना आ चूका थस जिस की वजह से मुझे फर्श पे गृप बनाने में प्रॉब्लम होरही थी बी मैं अम्मी क जिस्म को फोल्ड किया फुद्दी मरने में लगा हो था की हेअल्थी कमर बी थोड़ा बेंड होचुकी थी और वो इस दर्द को बी सही जा रही थी २५ मं हो चुके थे मुझे इस पोज़ में अम्मी की फुद्दी मरते डिफिकल्ट पोज़ था फिर बी मैं जोश में आये लगा होआ था चेहरे पे पसीने की बूँदें टपकते देख अम्मी ने अपना एक हाथ मेरे चेहरे पे फेरा और इतने तेज़ धक्को में बी लरखरति आवाज़ में उन्हों ने एक हाथ से मेरी भला उतरे बोली मैं सड़के वरि जाओं अपने शेर पुत्र पे जो इतनी म्हणत और जोश में लगा है कुछ दहन न दिया
27-02-2019, 06:52 PM
अम्मी की बातों पे और धक्के लगत रहा आखिर मज़ीद ५ मं बाद अम्मी क बार बार कहने पे रुक गया हांफती साँसों साथ हर्ज़नी से अम्मी की और देखा तो उन क बी पसीना आ चूका था बोली मेरा सोना पुत्र अपनी अम्मी को अपने मसल की सवारी नै कराये गए समझ गया अम्मी की चाहती है एक झटके से लूंण फुद्दी से निकला तो पाचकक की आवाज़ आयी जैसे बोतल का दककण खुलता एक दम्म से सीधे होइ और अपनी कमर पाकर थोड़ा कढ़ाई पर बोली कुछ न देर मैं उन की कमर को बेंड किये रखा था सीधे खरे होगयी तो उनका नशीला सेक्सी पसीने से भीगा भरी नादाँ देख मेरे बी मौन में जैसे पानी सा आज्ञा हो मुझे पाकर अपनी जगह सोफे पे बिठाया टाँगे अब सोफे से नीचे पारी थी और अम्मी थोड़ा चल क मेरे पास आयी और मेरे कांधों पे हाथ रख सपोर्ट लिए अपनी भरी लेग्स मेरे इधर उधर कर ऊपर बेथ गयी की मोती हैवी लरज़ रही थी अम्मी क हिलने से और मुझे बी ाचा लग रहा था से अपना वज़न यूँ साई से बैलेंस नै हो प् रहा था तो मैं उन्हें हेल्प क पाकर क तो अम्मी ने दोनों हाथ मेरे गले में दाल लिए और अपने हिप्पस ऊपर को थोड़ा उठा दिए मैं नीचे एक हाथ कर अम्मी की फुद्दी क पानी से चमक रहे रोड की तरह खरे लूँ को जार से पकड़ा और अम्मी क होल की तरफ उसे गाइड किया अम्मी अपने हैवी बदन सलौली नीचे करने लग पारी और जूनही फुद्दी क लिप्संमे थोड़ा लूँ की टोपी फिक्स होइ तो मेरी आँखों में देखना शुरू होगयी बी दोनों हाथों क पंजो साथ अम्मी को मोती चुतरों को पाकर लिए नीचे से जूनही थोड़ा सा नीचे झुकी और अपने भरी चुतरों का वज़न मेरे लूँ पे डाला तो थोड़ा सा लूँ पाचक कर अंदर घुस गया फुद्दी में क तब फेस एक्सप्रेशंस क़ातिलाना थे क मोठे मम्मी मेरे फेस सामने झूल रहे थे और अम्मी अपना निचला होंठ काट'टी आँखे एक पल क लिए क्लोज करती ग़ज़ब की लग रही थी में अम्मी भला को खूबसूरत लग रही थी से रहा नै गया और मैं हिप्पस थामे नीचे से ज़ोर से धक्का ऊपर को दे मारा जिस क नतीजा ये निकला क पूरा लूँ जार तक्क अम्मी की फुद्दी में घुस गया क मौन से एक चीख निकली और वो थोड़ा घुसे से मेरी छाती पे हाथ मरती थोड़ा शर्म वाली मुस्कराहट साथ बोली तेरे से तो ज़रा सब्र नै होता बास चले अपने ये मसल मेरी फुद्दी में दाल मौन से निकले ये सुन थोड़ा हंस दिया तो अम्मी ने मेरे गले में बाहें डाले मेरी और अपना फेस की और मुझे चूमना शुरू होगयी हे सलौली सलौली अपने हैवी चुतरों को ऊपर नीचे करना शुरू होगयी जैसी खातून क लिए अपने हैवी बदन साथ ये पोज़ सही से कर पाना ब्रा डिफिकल्ट होता पर अम्मी बी पूरी जान मरते होअय ऊपर नीचे होरही थी मैं उन्हें कस क बाहों में झाकर लिया और उन क होंटो का रस पीने लग प्र क मोठे मम्मी मेरी छाती में जैसे धंस गए हो हाथ पीछे ले जाते होअय अम्मी क मोठे चुतरों को थामे उन की लूँ क ऊपर नीचे होने में हेल्प करने लग प्र चेहरे को मैं फिर चूम्मीओं से भर गीला कर दिया पागलो जैसे अब थोड़ा तेज़ी से ऊपर नीचे होरही थी और मुझे चूमि जा रही थी ५ मं हे गुज़रे होंगे क अम्मी की साँसे भरी होने लग पारी मुझे फील होने लग प्र क अम्मी से यूँ अपना हेवी बदन उठे ऊपर नीचे उछलते फुद्दी मरवाना आसान काम नै बी लगी रेस्ट हो चुकी थी तो मैं प्यार से कूदती अम्मी क प्यारे से फेस पे हाथ फेरा फिर उन क ऊपर नीचे होने साथ फुटबॉल की तेह ुचलत्व मम्मो को बी ग्रिफ्ट में लिया और दबाते होअय बोलै अम्मी थक गयी न बास उछलती रही जैसे अपना डैम खम्म दिखा रही हो मैं अम्मी क होंठों पे हल्का किश करते होअय उन् की आँखों में देख क बोलै बास करे अम्मी तो अम्मी बी थोड़ा मुस्कराते धीरे धीरे रुक गयी क साँसे नार्मल होते देख मैं उन क फेस को अपने हाथ से साफ़ किया और प्यार से सहलाते होअय बोलै अम्मी मुझे ज़ोर से पाकर ले समझ गयी क मैं क्या करने जा रहा हूँ अम्मी को बाहों में ज़ोर से झाकरे उन क मोठे हिप्पस उठाये हाथो में एक डैम से सोफे से उठ खरा होआ और सीधा खरा होगया थोड़ा नखरा किया पहले जैसे क मैं गिर जाना और मेरे साथ चिपक सी गयी टाँगे मेरी कमर क गिर्द लपेट मेरे गले में बाहें दाल ली पोरे अमल क दौरान मेरा लूँ फुद्दी क अंदर हे रहा सन ये था क उस तरय रूम क बीच ो बीच मैं अपनी प्यारी अम्मी क भरी जिस्म को बाहों में उठाये खरा था और लूँ उनकी फुद्दी में पनाह लिए होअय था जैसे से पाकर कर उन्हें उठाये रखना ब्रा मुश्किल था क्यों उनकी लोअर बॉडी ला वज़न काफी था तो मैं उन क मोठे चुतरों को दोनों हाथो से थामे होअय था और उन्हों ने अपनी बाहें मेरे गले में डाली होइ थी और मिर्रोर्स हे मिर्रोर्स थे इवन क दूर की बैक साइड बी अंदर की तरफ मिरर था जिस की वजह से लाइट पोरे तरय रूम में रिफ्लेक्ट होने की वजह से बुहत रौशनी थी और शीस में जब अम्मी की नज़र पारी और उन्हों ने खुद क भरी जिस्म को यूँ अपने बेटे क जवान बाज़ुओ में झाकराय और झूलते देखा तो एक तरफ जहाँ उन् क चेहरे पे शर्म से स्माइल आगयी वही दूसरी और अंदर हे अंदर उन् की आँखों में मुझे देख प्यार बी उभरा और मेरे चेहरे पे अपना नरम हाथ एक फेरती होइ मेरे आँखों में देखते होअय बोली पुत्र सुछ मुछ तुझे खुद को यूँ सौंप कर अंदर से ख़ुशी होती जान है तुज में चल अब जल्दी झूला झूला अपनी इस माँ को अपने इस मसल पे चढ़ाये जो रखा है अम्मी की बातों से और गर्म होगया और आगे चेहरा कर उन्हें चूमने लग प्र क मोटे मम्मी मेरी चाहती पे किसी बैलून जैसे प्रेस होरहे थे और मुझे में एक न्य वलवला सा जगह रहे थे अपने पैर ज़मीन पे सही से जमाये और अम्मी क चुतरों को पाकर थोड़ा ऊपर को किया इतना क लूँ की टोपी नस अंदर रहे और अपने हिप्पस जुड़ फुल ज़ोर से ऊपर को एक धक्का दे मर और साथ हे अम्मी की एक मज़ेदार चीख निकल पारी मैं मसर गयी putr,holiiiiiiiiiiiiii,ab तो जैसे मैं पागल सा होगया थस किसी दीवाने जैसे अम्मी क मोठे चुतरों को पकड़े खुद्द धक्के लगाई जा रहा था पूरी जान से और अम्मी का पूरा बदन क्या हर अंग मज़े से हिल रहा था साथ उन क मोठे मम्मी मेरी छाती साथ रैगर कहते जब तो उन् क निप्पल्स का करक एहसास प् कर मैं किसी और हे दुनिआ में पोहंच चूका था और ऊपर से सोहने पे सुहागे जैसे काम उन क रसीले मोठे होंठ कर रहे थे जो क मेरे होंठों की ग्रिफ्ट में थे और हम दोनों माँ बेटे एक दूसरे को मज़े से चूमि जा रहे थे और जहाँ बी हम्म बेटे की नज़र पार्टी तो शीशे में हम दोनों क नंगे जिस्मो का संगम देख हम दोनों में हे मस्ती की धुन स्वर होजाती धक्के क साथ अम्मी क मोठे फैले होअय चुतरों में जो लरज़ से पैदा होती उफ्फ्फ उन् क हिलते चुतर ठप्प्प ठप्प की आवाज़ गूंजती हसीं मंज़र सिदो की मिर्रोर्स से देख मेरा जोश दुगना होजाता और मैं पूरी मेह्नत्त और ज़ोर से लगा था अम्मी की फुद्दी की ठुकाई करने मं बी नै गुज़रे होंगे क मुझे लगने लग प्र क अब टाइम क़रीब आज्ञा है और मैं अम्मी को बाहों में उठाये आराम से नीचे सोफे पे लिटाया एयर टाँगे उठा कर उनकी कस कस कर छोड़ने लग प्र क करारे धक्के लगाए हे थे क मेरे ज़ेहन में एक एयर फंतासी आगयी और मैं अम्मी की फुद्दी से एक डैम से लूँ निकल सीधा खरा होगया और अम्मी को ऊपर उठा कर उन्हें लूँ मौन में लेने का इशारा किया एक डैम क लिए थोड़ा जिजकी पर फिर मेरी ज़िद्द पे अपने मोठे राईले होंठ खोल मेरे लूँ की कैप क गिर्द रख लिए और इस एहसास से मेरी टाँगे जैसे कंपनी लग पारी मने अम्मी ने ३ बरी हे लूँ मौन में इन आउट कर लूँ को जार से अपने हाथो से पकड़े चूसा होगा क मेरे मौन से एक लम्बी ाः निकली और अम्म्मम्म्म्मीईई कह क मेरे लूँ ने पिचकारियां मरना शुरू कर दी जो सीधे अम्मी की हलक़ में जा टकराई में मैं अम्मी का सर पाकर लूँ की और दबाये दिया जिस से मेरा लूँ तक़रीबन सारा हे अम्मी क मौन में चला गया और अम्मी मुझे आंखें पहरे देख रही थी और पीछे करने की नाकाम कोशिश कर रही थी पर बे सूद पोरे ४० सेकण्ड्स तक पानी चोर्ने क बाद मेरे हाथो की ग्रिफ्ट थोड़ी ढीली पारी ने बी मुझे धकेला पर तब तक्क अम्मी काफी ज़्यादा पानी निगल चुकी थी शायद फर्स्ट एक्सपीरियंस था इतने पनो साथ इसी लिए ऐसे कर रही थी थोड़ा खांसी और अपनी सांसें बहाल करते होअय मेरी और देखने लग पारी और मुझे आँखे बंद की हफ्ते देख वो बी थोड़ा शांत होगयी मौन पे लगे कुछ आखरी ड्रॉप्स को साफ़ कर वो बी पीछे सोफे पे बेथ गयी वही साइड पे देवर क साथ पीठ लगाए
27-02-2019, 06:53 PM
बेथ गया और कुछ देर बाद अम्मी मुझे कपड़े पहनती दिखी तो मैं बी मुस्कराते होअय उठ खरा होआ और यूनिफार्म पहन'ने लग प्र बी अब थोड़ा खिली खिली सी नज़र आ रही थी उन् की सीक्रेट फंतासी जो पूरी कर दी में थोड़ा दर मुझे बी लगा था क परसई जगह पे अपनी माँ को इतनी बेदर्दी से छोड़ना ब्रा रिस्क है इस में पर फिर अम्मी की ख़ुशी क लिए मैं बी बेखोफ होगया दोनों माँ बेटे जब हुलिया ठीक कर बाहिर निकले तो लड़की बेचारी हमे हैरानी से देखने लग पारी ने उस से काफी स्टफ खरीदा तब और कुछ एक्स्ट्रा पैसे और दिए और उसे सेमि शॉक चोर हम दोनों मॉल से बाहिर आगये कोई और नै था आया उस टाइम शॉप पे वर्ण पक्का आवाज़ें सुन लेता आज का एक्सपीरियंस कमल का था चुप क रिस्क में छोड़ने का अपना हे मज़ा है...अम्मी को बाइक पे बिठाया और अम्मी मेरी कमर में हाथ डाले पूरा साथ जुड़ कर बेथ गयी और हम दोनों माँ बेटे घर की और चल परे... हम दोनों माँ बेटे घर पोहंचे तो अहमद भाई ने दूर खोला से नज़रे चुराए वो अपने रूम में चले गए बी थका होआ था तो अपने रूम में जाते हे सोग्य से मैं ४ बरी चुदाई कर चूका था तो थकावट में सोग्य का सोया सुबह ७ बजे अम्मी ने आकर उठाया तो मैं उन्हें बाहों में लेकर प्यार से चूमा तो वो बी मुस्करा दी ने शलवार कमीज पहनी थी थोड़ी खुली वाली जैसे वो नोर्मल्ली घर में पहनती थी बीएड से उठ कर उन्हें अपनी बाहों में लिए खरा होगया अपने साथ लगाए की आँखों में देख मैं उन्हें फिर से एक होंटो पे किश की और बोलै अम्मी कैसी हैं मेरे यौम पोछने से थोड़ा लाल होगयी और बोली सुबह सुबह हे शुरू होगया जा कर फ्रेश हो जा फिर कॉलेज बी जाना है तो मेरा ब्रा किया क अम्मी को न चोरु पर अहमद भाई घर पर हे थे जल्दी से वाशरूम घुसा फ्रेश होआ यूनिफार्म पहना और बैग पाकर नीचे आज्ञा बारे ज़ोरो की लगी थी तो डाइनिंग टेबल पे बैठते हे मैं अम्मी से बोलै जल्दी से नाश्ता ले आये शायद अभी तक उठे नै थे तो मैं पेट भर नाश्ता किया जाते होअय अम्मी को कस क बाहों में लेकर एक ज़ोरदार किश किया उनकी मोती गांड दबायी और कॉलेज क लिए निकल प्र क खिलखलाता चेहरा मेरी नज़रो क सामने आ रहा था और मैं ब्रा खुशगवार मूड में था क बाद छुट्टी होते हे मैं जब कॉलेज गेट से बाहिर निकला तो सामने अहमद भाई खरे थे बोले अली तुम से बात करनी है चलो साथ वाली पार्क चलते है बिना कुछ बोले चल दिया का टाइम था तो पार्क में िका दुका लोग हे थे दोनों भाई एक साइड पे टेबल पे जा बैठे देर ख़ामोशी रही और फिर भाई को शर्मिंदा देख मुझे अफ़सोस होआ तो मैं खुदी बात शुरू की क भाई आप परेशां न हो मैं किसी को कुछ नै बताऊंगा एक दम्म ऊपर नज़रे की और मेरी और देखे बोले सुछ में तू किसी को जय बताये गए बोलै घर की इज़्ज़त का मामला है मैं थोड़ी उचलू गए थोड़ा रिलैक्स होते बोले अब्बू को बी नै न में सर हिलाया एक डैम से खुश होते होअय मुझे गले लगा कर बोले ठंकु यार मैं तो परेशां हे होगया था सुच में मेरा भाई है तुझे क्या चाहिए अब जैसे मुझे रिश्वत देने की कोशिश कर रहे थे उन् क ख्याल में मैं छोटा बच्चा हूँ मुस्कराते होअय बोलै भाई आओ परेशां न हो मुझे कुछ नै चाहिए अगर कुछ करना हे है मेरे लिए तो मेरी सब से बरी उलझन दूर कर दो बोले कहो क्या उलझन है थोड़े राज़ उगलवाना चाहता था लिए थोड़ा नाटक करते होअय बोल कल से जब से आप को और अम्मी को वो करते देखा है मुझे ब्रा अजीब सा फील होरहा है बी क अम्मी जैसी मज़हबी और सख्त औरत आप साथ करने क लिए कैसे राज़ी होगयी बोले तुझे सुच में जान'न है मैं हाँ में सर हिलाया तो भाई बोले प्रॉमिस कर ये बात हमारे बीच रहे गई प्रॉमिस किया तो भाई एक लम्बी सांस लेते होअय बोले तुम पहले इंसान हो जिसे बता रहा हूँ ये सब तक़रीबन ७ साल पहले की है...अब स्टोरी में थोड़ा चेंज आये गए में जा रहे तो अहमद भाई की ज़ुबानी स्टोरी चले गई...****** मेरा नाम अहमद है और मैं १०थ क्लास में पढ़ता हूँ गाओं क हे एक कॉलेज में आर्मी में थे एपीआई की शादी होअय २ साल हो चुके थे और उन से छोटी एपीआई की शादी २ महीने बाद तेह पायी थी में मेरा एक छोटा भाई बी था जो मेरे साथ हे कॉलेज जाया करता था एक घर में हे रहती थी...मुझे तब अब्बू ने न्य न्य टच फ़ोन ले कर दिया होआ था ९थ पास होने क बाद और इस फ़ोन की वजह से मेरी ज़िन्दगी टोटली चेंज्ड होगयी पे पोर्न वीडियोस का इस एक साल में इतना एडिक्ट होगया क मुझे और कुछ दीखता हे नै था क बग़ैर रहा नै जाता था घंटों तक मैं अपने रूम में बेथ वीडियोस देखता रहता नयी जवानी चारि थी तो जोश ब्रा था मैं बुहत दुबला पतला था बी कम् थी तब तक़रीबन ५ फ़ीट थी की यही रूटीन होती थी क कॉलेज से आते हे मैं अपने रूम में लॉक होजाता और बाहिर की दुनिआ से अंजना होआ वीडियोस की दुनिआ में घुमा रहता था का महीना था गर्मी ज़ोरो पर थी १०थ क फाइनल एक्साम्स देकर फ्री होआ था और दिन बार आवारागर्दी करता और रात को फ़ोन पे वीडियोस...उन् दिनों अम्मी एक माह क लिए हज पे गयी होइ थी हमारी एक फीमेल रिलेटिव क साथ घर में होती थी और छोटे भाई को संभालती थी एक दिन जब अम्मी को लेने एयरपोर्ट गया मैं तो अम्मी ने मुझे देखा तो वो तो जैसे हैरान होगयी और एपीआई से बोली इस को कुछ खाने को नै देती क्या दिन मैं खुद को घोर से देखा सुच में मैं पहले से काफी वीक होगया होआ था पीना टाइम पे न खाने का नतीजा था अम्मी को लेकर घर आये को मेरी बरी फ़िक्र लाहक़ होगयी को बरी बातें सुनाई बोली मेरी कहाँ सुनता है पूरा पूरा दिन अपने रूम में होता है पता नै क्या करता रहता है और एक इस को फ़ोन ले कर दे दिया होआ है मना बी किया था अभी छोटा है...अम्मी अब मेरे खाने का ख्याल तो रखने लगी पर मेरा खाने में मैं हे नै लगता था सी बेचैनी रहती थी बी ये बात नोटिस की दिन की बात है अम्मी सुबह सुबह मेरे रूम में गंदे कपड़े लेने आगयी क धोने है ने जब सब कपड़े अकथाय किये और ले गयी धोने ुंडेरवेअर्स में अक्सर लूँ का पानी छूट जाता या उस से लूँ को साफ़ करता था तो उस वजह से पानी कब सूख जाता तो अंडरवियर का कपड़ा करक होजाता और साफ़ स्मेल बी आती ने शायद कपड़े धोते वक़्त ये बात जान ली थी और अब उन्ह्र बी समझ आ रही थी क मैं वीक क्यों होते जा रहा हूँ उन्हों ने बुहत समझाया क अहमद सेहत का ख्याल रखा करो उलटे काम न किया करो पर नतीजा कोई नै निकला...फिर एक दिन दोपहर का टाइम था और मैं अपने रूम में बैठा पोर्न वीडियोस देखते हाथ चला रहा था और मेरा पानी निकलने हे वाला था और तभी एक डैम से मेरे रूम का दूर खुला में मैं दूर लॉक करना भूल गया पीठ दूर की और थी एक डैम से गर्दन घुमा कर पीछे देखा तो अम्मी का ग़ुस्से से लाल चेहरा देखा और उन्हों ने बास इतना हे कहा Ahmadddddddddd,aur मेरे मौन से अम्म्मम्मीय निकला और साथ हे एक पिचकारी निकली मेरे लूँ से जो सीधे सामने देवर पे जा गिरी और मेरी हालत ख़राब थी बंद किसी चरसी की तरह मैं खलास होगया था सेकण्ड्स हे गुज़रे होंगे क मेरी मस्ती उत्तरी तो मैं अम्मी की और देख जल्दी से अपना लूँ पाजामे में डाला तो अम्मी तेज़ी से चलती मेरी और आयी और आते हे मुझे मेरे बालो से पाकर मरने लग पारी पहले से थका होआ था पानी निकलने की वजह से चीख निकली आआह अम्मम्मि मुझे ग़ुस्से से चिलाती थापर मर रही थी अरसे बाद अम्मी की मर पर रही थी बरी सख्ती होआ करती थी तो हाइट अछि खासी थी और ऊपर से इतनी हेअल्थी बी थी तो मुझे बी दर लगता था मुझे मरती जा रही थी क कमीने ये काम करता है तो अपने रूम में बंद होकर ज़रा शर्म नै आती पता नै क्या कुछ बोलते मुझे मरी जा रही थी तक्क क मेरे गाल लाल होगये मार से अम्मी आगे कही जा रहा था क आंकी चोर दे मैं आइंदा कभी ऐसा नै करूँगा देर बाद अम्मी मुझे मरना बंद किया और वही बीएड पे अपना सर पाकर बेथ गयी मेरे खुदाया मई क्या करूँ मैं इस लड़के का क्या करूँ नीचे बैठा था फर्श पे और अम्मी क घुटने पाकर बोलै अम्मी मुआफ कर दे आइंदा नै करूँगा फिर से एक थापर दे मारा मेरे मौन पर तो मैं रोना शुरू कर दिया और उठ कर वाशरूम में चला गया तक मैं वाशरूम में खुद को बंद किये रखा फिर थक हर कर बाहिर आया और अपना फ़ोन ढूंढ़ने लगा तो नै मिला उसे ले गयी थी...मैं अपना सर पाकर बैठा रहा...ये नशा बी ऐसा था क मेरे सर पर चढ़ा होआ था जितना चाहता क अब नै करूँगा दोबारा फिर से दिल करने लग परता तो अम्मी बी जान गयी थी मई क्या मौन दिखाओं गए उन्हें सब बातें मेरे ज़ेहन में चल रही थी और मैं खुद को कोसते होअय और अपने दोस्तों को जिन से मुझे ये शोक प्र रट रट सोग्य को ऐसा लगा जैसे कोई मुझे झगा रहा हो मन उठा तो वो अम्मी क शफ़क़त भरे हाथ थे को अपने बीएड पे बैठे देख मैं एक डैम से सेहम गया क शायद अम्मी अब दोबारा मुझे मरे गई और मैं बोलै बी क अम्मी मुझे मैट मारिये गए मैं नै करूंगा जो कहेगी वो करूँगा सेहमा देख अम्मी की आँखें बी नाम होगयी और प्यार से मुझे गले लगते बोली मैं नै मृगी अपने बेटे को मुझे प्यार करने लग पारी बी थोड़ा सकूं मिला ने तभी मुझे पीछे कर बोली ये खाना खा ले दोपहर से कुछ नै खाया चुप कर खाने लग प्र बीच में अम्मी को देखता तो उनको अपनी और प्यार से देखता पता फिनिश कर साइड रखा और अम्मी मुझे दूध का गिलास दिया और मेरे सर पे हाथ फेरती बोली मेरा सोना बीटा क बाद से कोई उलटे काम नै करेगा हाँ में सर हिलाया से मैं बी पूरी निय्यत की होइ थी क आइंदा नै करूँगा ढूढ़ पी कर अम्मी की घोड़ में सर रख लेत गया और किसी बचे क जैसे अपने दिल का हाल अम्मी सामने बिना किसी शर्म क रख दिया हर बरी मैं इरादा करता हूँ क नै करूँगा और फिर से दिल करने लग परता से कण्ट्रोल नै हो पता बोली बेटे अब मैं आगयी हूँ न अब मैं अपने प्यारे बेटे का पूरा ख्याल राखु गई मुझ से वडा कर पूरी कोशिश करे गए इस काम से दूर होने की मैं हाँ में सर हिलाया मेरे साथ हे लेत गयी और मुझे सुला कर चली गयी दिन मैं उठा तो एक नयी निय्यत से उठ कर फ्रेश होआ क आज क बाद कोई वीडियो वग़ैरा नै दिन बारे अचे गुज़रे बी खुश थी क मैं टाइम पे खाना बी खाने लग प्र था और ज़्यादा टाइम अम्मी साथ हे बीतता क अकेले में उलटे ख्याल आने...३र्ड डे था क मुझे फिर से बेचैनी होने लग पारी वीडियोस देखने का मन करने लग प्र ब्रा कण्ट्रोल किया पर आखिर मैं अम्मी पास चला गया
27-02-2019, 06:53 PM
और उन्हें बोल दिया क अम्मी प्ल्ज़ फ़ोन दे दें मेरे से नै रहा जा रहा मुझे प्यार से मना किया और बोली बीटा और चीज़ो बारे सोचो सब ठीक होजाये गए तक्क मेरी हालत किसो चरसी की तरह होगयी थी जिसे चरस न मिल रही हो सब नोट कर रही थी और फ़िक्र में दुखी बी नज़र आ रही थी क क्या करे को बी अपने साथ हे सुलाया क कहीं मैं फिर से कण्ट्रोल न खो दूँ जैसे तैसे कर वो रात बी गुज़री अम्मी १० बजे क क़रीब मुझे शहर ले गयी अपने साथ बस में पोछा बी क अम्मी कहाँ जा रहे हम वो बोली चुप रहो पूरी कवर उप थी बुर्का पहना था जैसे नोर्मल्ली बाहिर जाती दोनों माँ बेटे एक क्लिनिक क पास जा पोहंचे पे किसी फीमेल का नाम लिखा था लॉक था ने अपने फ़ोन से किसी को कॉल की तो एक औरत ने कुछ देर बाद अंदर से दूर खोला हम दोनों अंदर चले गए क ऑफिस में बैठे चेयर्स पे तो कुछ देर बाद एक अम्मी की आगे की एक पतली सी डॉक्टर आयी और हम से मिली ने उन्हें कुछ इशारा किया तो डॉ बोली बीटा तुम उस वाले रूम में जा कर बीएड पर लेटो मैं आती हूँ चेक उप करने चुप कर क वहां चला गया लोगो की बातें कान लगा कर सुन' ने लग प्र बोली डॉ सभा मैं कॉल पे बताया था न मसला ये मेरा बीटा है आप हे कुछ करे ने अम्मी को तसल्ली दी और उठ कर मेरे पास रूम में आगयी उधर हे बैठी रही मुस्कराते बोली सीधे लेत जाओ लेत गया क बीटा जो बी पोछूँगी सुच सुच बताना तभी तुम्हारी हेल्प कर पाऊँगी हाँ में सर हिलाया डॉ बोली कब से तुम अपना पानी निकल रहे थॉर घबराते जवाब दिया क तक़रीबन एक साल से बोली लास्ट टाइम लैब निकला मैं बताये ३ दिन पहले बोली जब पानी निकलता तब तुम्हारा पार्ट फुल खरा होता बोलै पहले फूल खरा होता था अब नै इतना होता और बरी जल्दी निकल बी जाता बारे अचे तरीके से मुझ से पॉच रही थी बोली पानी अब पतला निकलता होगा माँ पहले से हाँ में सर हिलाया डॉ बोली अपनी पंत उतरो ज़रा थोड़ा घबराते पंतय उतर दी अंडरवियर मैं नै पहनता था तब पंत नीचे होइ तो डॉ मेरे सोये लूँ को देखा और ग्लव्स पहन उसे ऊपर नीचे कर देखने लग पारी करने से मुझे फीलिंग्स आने लगी और लूँ थोड़ा खरा होने लगा मेरी बॉल्स बी देखि फिर मुझे पंतय ऊपर करने का बोल बाहिर चली गयी अम्मी पास...मैं वैसे हे लेता हलकी हलकी अम्मी और डॉ की आवाज़ें सुन'ने लग प्र परेशानी से डॉ से पोछा सब ठीक है न थोड़ा पॉज लेती होइ बोली देखो नसरीन तुम जान'ने वाली हो इस लिए बहनो की तरह साफ़ साफ़ बताती हूँ बेटे की हालत ठीक नै है की लत्त(आदत) ने उसे बाहिर से तो वीक किया हे है अंदर से बी खोखला होअय जा रहा बोली मैं समझी नै डॉ सभा बोली देखो अगर यही हल रहा न तो तुम्हारा बीटा फ्यूचर में न मरद्द बी बन सकता क हद्द से ज़्यादा हाथ चलने से उस का वो पार्ट बुहत इफ़ेक्ट होआ है और अब ठीक से खरा बी नै होपाता स्पीड से गया तो अपनी बीवी को कभी खुश नै रख पाए गए और न बाप बन पाए गए बी उस क पतले हो चुके पहले से साल से वो इस नशे में प्र है और तुम्हे खबर तक नै होइ माँ हो रट होअय बोली डॉ सभा ऐसा मत कहे मेरी जान है उस में ग़लती थी जो सख्त पैन में उस क क्लोज नै हो पायी और न उसे समझ पायी क इतने क़रीब आयी क अपनी औलाद को हे दहन न दे पायी को रोटा परेशां देख डॉ बोली चुप करो अब होगया सो होगया अब आगे की सोचो... अम्मी आँखें साफ़ करते होअय बोली डॉ सभा जो आप बोले गई वही करू गई जितनी चाहे फीस ले लें आप बस मेरे बेटे को ठीक कर दे धीरे लहजे से बोली पैसे की बात नै है थोड़ा सीरियस है वग़ैरा वाला काम नै है अगर ऐसा होता तो तुम्हे मेडिसिन्स लिख देती मसले का हल है तो पर मुझे नै लगता तुम कर पाओगी... अम्मी बोली मैं सब कुछ करू गई आप बताये तो बोली नै नसरीन तुम ठहरी मज़हबी खातून क चक्र में ऐसे ये नै कर पर पाओगी बोली क्या नै कर पाऊँगी...डॉ एक लम्बी सांस लेते बोली तो सुनो हल साल पहले मेरी एक दोस्त डॉ क पास बी ऐसा हे केस आया था लोगो ने बी बरी मेडिसिन्स खायी पर कोई असर नै होआ फिर उस लड़के की माँ ने सारा ज़िमा उठाया और आज देखो उस लड़के न सिर्फ शादी हो चुकी बल क बचे बी हैं...अम्मी बोली डॉ सभा पहेलियाँ न भुजवायें साफ़ साफ़ बताये मुझे क्या करना होगा नसरीन अहमद अभी छोटा है तो इस की शादी तो कर नै सकते और कोई ग़ैर औरत ये काम करेगी बी नै तो औरत हो सब समझती और एक्सपेरिएंस्ड हो हे हो क आदमी क उस पार्ट का तालुक दिमाग़ से होता तुम्हे धीर धीरे अपने बेटे को ठीक करना होगा तो उस क दिल में जगह बनाओ माँ की तरह नै एक औरत की तरह उसे सब समझाओ क औरत का एहसास क्या होता जब उस की फीलिंग्स जहाज तो उन्हें कण्ट्रोल करना सिखाओ...अम्मी ये सब सुन हैरान होगयी और एक डैम से बोली डॉ सभा ये आप क्या बोल रही मैं माँ हूँ उस की अपनी कोक से जना है उसे मेरा बीटा है वो मैं कैसे वो सब की मुझे तो सोचते होअय बी घिन आ रही आप कैसे कह सकती ये सब मेरे से नै हो पायेगी ये सब तो गुना इ कबीरा है ने काफी खरी खरी डॉ को सुनाई...डॉ आखिर तंग आ कर बोली देखो नसरीन एक वाहद हल मैं बता दिया अब चाहे तुम न करो उस पर अमल और लगे रहने दो अपने बेटे को इस नशे में को जब यही नशा उस की पूरी ज़िन्दगी बर्बाद कर दे गए और शादी बी नै होपाये गई सब नामर्दद बोले गए तब अपने इन् असूलों और मज़हब को हे अपने क़रीब रखना काम आये गए तुम्हारे और फिर रोटी रहना और अपने बेटे को बी रट देखती रहना में नशे में लोग ख़ुदकुशी कर बेतहतर फिर करती रहना अपनी इबादतें...अम्मी सब बातें सुन जैसे शर्मिंदा होगयी और परेशां बी और चुप्प कर क उठी और मुझे साथ लेकर घर चल दी रस्ते खामोश रही बी समझ में कुछ कुछ बातें आयी थी पर पूरी नै...घर आते हे अम्मी नार्मल क कामो में बिजी होगयी...मैं अपने रूम में फिर से बेचैन होअय चला गया को बरी एपीआई अपने साथ ले गयी अपने घर और छोटे भाई को बी कसल कॉलेज से छुट्टी थी तो वो बी साथ चला गया घूमने...मैं खाना खा कर चुप कर क सोग्य मेरे साथ कोई बात नै की... सुबह जब अम्मी क नरम हाथो क एहसास से आँख खुली तो उठा तो उठ कर बीएड पे बेथ गया और जब सामने देखा तो मेरा तो जैसे हलक़ खुश्क होगया देख कर...आज तक्क अम्मी को कभी घर में बी बिना दोपट्टे क नै दिखा था की आदत थी हमेशा थोड़े खुले कपड़े पहनती थी की एक हे वजह थी क उन का हेअल्थी जिस्म शर्म का दमन पकड़े रखने वाली अम्मी आज मेरे सामने जिस अंदाज़ में खरी थी कोई बी घायल हो सकता था खुले घने बाल जो क थोड़े गीले थे जिस से पता चल रहा था क अभी अभी नाहा कर निकली है अम्मी बरी आँखें और नीचे रसीले मोठे होंठ सुराई दर गर्दन और सफ़ेद रंग की कमीज जिस क गले पे ४ बटन्स लगे थे और उन में से २ बटन्स खुले थे जिस की वजह से अम्मी क मोठे मम्मो का क्लीवेज साफ़ दिख रहा था गले में बी कोई दोपट्टा नै था मोठे मम्मो को कवर करने क लिए और पहली बरी अम्मी क मोठे मम्मो की शेप सही से नज़र आ रही थी थोड़ी टाइट थी और नीचे चोरी धार तंग पजामा पहना था जो क शायद एपीआई का था तंग पजामा में अम्मी की टांगो की शेप साफ़ दिख रही थी तो एक टिक लगाए ऊपर से नीचे अम्मी को देखता रह गया में अम्मी बला की खूबसूरत थी पहली बरी रीलीज़ होआ था मुझे चिट्टी हुस्न की पारी लग रही थी मुझे एक तक खुद को मौन खोले देखते पाया तो थोड़ा शर्मा गयी और बोली अहमद उठो चलो फ्रेश होजाओ जल्दी से में हिम्मत नै होइ कुछ बोलने की ग़ज़ब होगया जब अम्मी इतना कह कर वापिस मूर्ति तो उफ्फ्फ उनकी क़यामत ख़ेज़ हैवी बाहिर को निकली गांड को हिचकोले खता देखा तो बिजलिये गिरने लगी की चल में बी आज वैया फ़र्क़ था थोड़ी ऐडा साथ चुतर हिलाये धीरे धीरे वापिस रूम क दूर जानिब जा रही थी ऐसे लगा जैसे अम्मी मुझे जान बूझ कर अपने मोठे चुतर दिखा रही हैं मुझे पास पोहंच कर एक साइड हाथ रख दूर क एक डैम से पीछे मूर्ति और मुझे लालची नज़रो से अपनी गांड को घूरते देखा तो मुस्करा दी और नीचे चल दी तो होश ुर चुके थे हे रात में मेरा मनो सब कुछ चेंज होगया हो की तरफ देखने का नज़रिया बदल चूका था हे दिल में खुश बी होआ क डॉक्टर की बातों का गहरा असर होआ है अम्मी पे वर्ण अम्मी जैसी मज़हबी खातून कैसे अपने हे बेटे को ठीक करने क लिए अपना सब कुछ वॉर रही थी...िनी सब ख्यालों में खोये मैं फ्रेश होआ और एक पतला कॉटन का पजामा पहना बास और ऊपर टी शर्ट और नीचे चल दिया क दूर पे खरा होआ तो देख सामने अम्मी नाश्ता बना रही थी छुरी दार पाजामे में अम्मी की मोती कस्सी होइ गांड बाहिर को निकली जोई थी
27-02-2019, 06:53 PM
और उन क हिलने से गांड क कतार बी हिल रहे थे एक दूसरे साथ रैगर खा कर और मेरा लूँ जोश में आ रहा था धीरे धीरे बड्ड देखि जा रहा था और एक हाथ नीचे ले जा कर लूँ को मसला बी पहली बार था क अम्मी क लिए लूँ खरा हो रहा था को जब एहसास होआ क मैं किचन क दूर पे खरा उनकी मोती गांड को तार रहा हूँ तो उन्हों ने मुस्कराते होअय पीछे गर्दन घुमा कर बोलै अहमद पुत्र आ गए तुम २ मं नाश्ता बास रेडी है और आगे वापिस मुर नाश्ते में बिजी होगयी और मुझे लगा जैसे अम्मी में जान बूझ कर अपनी मोती हांड थोड़ी सी झुका कर पहिला दी थी अब पूरी कोशिश कर रही थी क मैं उनकी मोती गांड को ग भर क देखु और वही मैं कर रहा था मुझ में पता नै कहाँ से इतनी हिम्मत आगयी मैं धीरे धीर आगे को बढ़ा को बी शायद फील होगया क मैं उनकी और आ रहा हूँ तो उन्हें ने बी थोड़ी सी गांड मज़ीद बाहिर को निकाल दी की इस ऐडा से मेरे से रहा नै गया और अम्मी साथ बैक से लग क खरा होगया जूनही अम्मी क मोठे चुतरों साथ मेरा लूँ लगा कपड़ो क ऊपर से हे उस में एक डैम से जैसे जान आगयी हो और इस बात को अम्मी ने बी फील किया पीछे देख बास मुस्करा दी नोली कुछ हौसला मज़ीद बारे मैं थोड़ा और साथ लग गया ये था अम्मी की हाइट काफी बरी थी मेरे से १ फ़ीट ज़्यादा हे थी तक़रीबन लिए पीछे जब मैं अम्मी क मोठे चुतरों में लूँ लगाया तो वो अम्मी की लोअर थिएस पे जा लगा पेरो क पंजो क बल खरा होगया जैसे ऊंचाई से कोई शे उतरनी हो तो ऊपर को उठना परता पेरो क बी हाफ उठा कर वैसे ऊपर होने क बाद कहीं मेरा लूँ अम्मी क चुतरों क बीच रैगर खाने लगा दोनों हाथ आगे बढ़ाये और उनकी फैली होइ गांड को अपनी बाहों में ले लिया मुश्किल से मेरी बाहों में पूरी गांड आयी अपने हाथो से गांड क हिप्पस झाकर लिए हलके से और अपना लूँ थोड़ा पीछे कर फिर से आगे किया जैसे कोई घस्सा लगा रहा हो क मौन से एक हलकी सी सिसकी निकली धीमी सी की सिसकी से मेरा हौसला बारे और एक दो और धीरे घससय लगाए तो अम्मी क हाथ जो पहले प्रथा बैल रहे थे वो बेलने क ऊपर हे रुक से गए बिना पीछे देखे अपनी गांड थोड़ी दये बाये हिलायी और नतीजतन मेरा लूँ काफी जोश में आज्ञा ट्रॉउज़र की वजह से मेरा लू काफी हद्द तक रियल में अम्मी को अपने हिप्पस में फील होरहा था...अम्मी ऐसे रुकी थी जैसे मेरी अगली हरकत का इंतज़ार कर रही हों छोटी होनी की वजह से एक तो बरी मुश्किल से गांड क लेवल तक पोहंच उसे झाकरा होआ था दोसरा मेरी अपनी विड्थ(चोराई) अम्मी की गांड की विड्थ आगे १/३ थी मुझे जैसे ३ विड्थ में मिलाये जाये तब अम्मी की गांड बराबर आये गए बरी फैली होइ गांड थी अम्मी की....मैं अब खरे लूँ को गांड क नीचे ले जा कर फिर से ऊपर की और घस्सा सा लगता से अम्मी क मोठे चुत्रो में थार थरहट पैदा होती चुप करे इसे एन्जॉय कर रही थी पर बोल कुछ नै थी रही जोश में मैं ने अम्मी की कमीज चुतरों से ऊपर को उठायी तो अम्मी जैसे एक डैम से सीढ़ी हो मेरी पोहंच से निकल गयी खुद को सीधा कर बोली बीटा तू वहां डाइनिंग टेबल पे जा कर बेथ मैं लती हूँ नाश्ता क इस अचानक बेहवे की वजह से मैं थोड़ा डिसअप्पोइंट बी होआ पर ख़ुशी उस से ज़्यादा होइ क आज पहली बार अम्मी क मोती गांड को थोड़ा ऊपर से हे सही पर फील किया था अम्मी जैसी औरत तो खुद को किसी को चुने तक न दे दिमाग़ जहाँ तक तब चला उस का मतलब ये निकला क डॉक्टर की बातों का काफी असर होआ था अम्मी की थिंकिंग पे तभी उन्हों ने मुझे अपनी बैक साथ लगने दिया और ड्रेसिंग बी थोड़ी टाइट सी की थोड़ी शर्म अभी बी बाक़ी थी तब मेरी जल्दी को झेल नै पायी और मुझे खुद से दूर कर यहाँ डाइनिंग टेबल पे बिठा दिया क दूर से हे मुझे देखो...मशरकी खातून की यही ऐडा तो जान लेवा होती क वो जितनी चाहे ओपन होजाये या अकेली हो शर्म का दमन इतनी जल्दी नै चोरटी क सारः बी कुछ ऐसा हे था जैसी खातून क लिए देखा जाये तो ये सुच में बारे टफ टास्क था...खैर मैं डाइनिंग टेबल की चेयर किचन और कर अम्मी क काम करते वक़्त हिलते होअय मोठे चुतरों की लर्ज़िश(थार थरहट) को देख रहा था और अपना लूँ पाजामे क ऊपर से मसल रहा था तक्क बास वीडियोस में हे औरतों को देख फील ली थी पर आज रियल में फील लेने का अपना हे सुरूर था... अम्मी क मोठे चुतरों को हिलते देख मैं मस्ती खुद को कोसा क इतने अरसे से मैं पोर्न वीडियोस में मोती गांड वाली औरतों को देख लूँ हिलता आया था और मेरे पास इर्द गिर्द हे मेरा दहन नै गया तक किसी वीडियो में बी इतने कमल क चुतर नै देखे थे जिन्हे देख ऐसे जैसे प्यास स्व हलक़ खुश्क होरहा हो बार बार लगातार अम्मी को काम करते देखि जा रहा था और अपना लूँ मसली जा रहा था ५ मं गुज़रे होंगे क अम्मी हाथ में नाश्ते की ट्रे पकड़े किचन से मेरी और धीरे से आयी आता देख उन क मोठे मम्मो को हिलते देख मेरे लूँ ने जोश में ट्रॉउज़र क अंदर हे झटका मारा जब टेबल क बिलकुल पास आयी और मेरे आगे नाश्ते की ट्रे रखने क लिए धीरे से झुकी तो उनकी टाइट कमीज क गले क ऊपर वाले २ बटन खोले की वजह उन क मोठे मम्मो का ऊपर वाला सफ़ेद नरम हिस्सा दिखा क़रीब से ये नज़ारा देख मेरी तो आँखे फैल गयी ने बी ये नोटिस किया और नार्मल से कुछ ज़्यादा हे सलौली ट्रे राखी और फिर मेरी और मुस्करा क देखा तो मुझे अपने मम्मो की और घोरता देख मुस्करायी और सीधे खरी होगयी और बोली नाश्ता करो अहमद मैं ज़रा वाशरूम से आयी बोल अम्मी अपने रूम की और मूर्ति और जाने लगी मेरे ढाये हाथ में ब्रेड का निवाला बना होआ था और वो मौन क बिलकुल क़रीब अंदर जाने हे वाला था क तभी मेरी नज़र अम्मी क जाते वक़्त उनकी तेज़ चाल में उन क हिलते चुतरों पर पारी तो मेरे हाथ से निवाला गिर पारा नीचे जब मैं देखा क अम्मी क मोठे हिप्पस क लाइन क बीच अम्मी की कमीज फँसी होइ है और अम्मी तेज़ चलती अपने रूम की और जा रही नीचे होकर ट्रे देते उन क चुतरों में कमीज फँस गयी थी और शायद उन्हें बी एहसास नै होआ...निवाला मेरे मौन से गिर चूका था पर हाथ स्टिल उसी हालत में रुका था मौन क पास और मेरे मौन खोले का खोला हे था और साथ आँखे बी फैल गयी थी बारे चुतरों मर कमीज फँसी पहली बरी देख रहा था देहां से...खैर अम्मी बिना पीछे देख रूम में चली गयी और मैं बी होश में आते होअय नाश्ता करने लगा...तभी मुझे अम्मी का सेल रिंग होने की आवाज़ आयी उन क रूम से का दूर थोड़ा खुला थस तो इसी वजह से ने कॉल पिक कर ली होइ थी वही बैठा दूर से अम्मी क रूम की और देख रहा था क कब अम्मी बाहिर आएं ५ मं मज़ीद गुज़रे होंगे मैं तक़रीबन नाश्ता कर चूका था अभी बास दूध पी रहा था गिलास में तक्क अम्मी नै लोटी थी तो मैं बेचैनी में उठा किचन में रखे और अम्मी क रूम की और धीरे धीरे जाने लगा क देखु तो सही अम्मी क्या कर रही इतनी देर से क पास पोहंचा हे था क अंदर से अम्मी की कॉल पे किसी साथ बात करने की आवाज़ आयी मैं वही रुका रहा और बातें सुन'ने लग प्र से इतना जान गया क कॉल की दूसरी और डॉक्टर सभा है और अम्मी हम्म्म हम्म्म और हाँ में ऐसे जवाब दे रही थी जैसे डॉक्टर कुछ समझा रही हों और अम्मी अचे बचे की तरह समझ रही हो...फिर अम्मी कॉल कट कर वाशरूम गयी और दूर लॉक कर दिया वाशरूम का तो मैं फिर से वापिस मुर आ कर टीवी लाउन्ज में बेथ गया सोफे पे और टीवी ों कर देखने लग प्र पर दहन बार बार अम्मी क रूम की और जाता थोड़ी देर बाद अम्मी अपने रूम से निकल मेरी और आने लगी देख खुश होगया और सीधे होकर बेथ गया अब्बी बी शामे वाइट ड्रेस पहना था बस इस बार उन क ऊपर वाले दोनों बटन्स की बजाए ३ बटन्स खुले थे और अम्मी क मोठे मम्मी ५० परसेंट से बी ज़्यादा दिख रहे थे कोई दोपट्टा नै लिया तह और बरी ऐडा साथ धीरे धीरे चल मेरी और आ रही थी खुद को ब्रा नार्मल शो करने की तरय कर रही थी पर आते वक़्त उन क एक्सप्रेशंस ऐसे जैसे वो थोड़ा शर्म से फील कर रही हो और उन क चेहरे पे थोड़ी जिझाक्क साथ थोड़ी स्माइल बी थी पास आकर सामने खरी होगयी और एक नज़र डाइनिंग टेबल की और देखा एयर बोली वह अहमद बीटा आज पहली बरी खुदी बर्तन उठा लिए बी थोड़ा मुस्कराया और बोलै अम्मी सोचा आप की हेल्प कर दूँ काम में थोड़े कॉन्फिडेंस साथ मुस्कराते बोली तो बीटा उठाने क साथ साथ धो हे देने थे और इसी बात पे हम दोनों साथ मुस्करा दिए की चमकती हंसती आँखों को देख एक पल क लिए खरे खरे हे मैं खो सा गया ने जब मुझे यूँ देखा तो थोड़ी चुप होगयी और फिर अचानक बोली अच्छ मैं ज़रा बर्तन वाश कर लू तू बेथ क टीवी देख ले मैं कुछ नै बोलै और वैसे हे खरा रहा मूर्ति और किचन की हलके क़दमों साथ चल दी जैसे वो कुछ कहना छह रही हो और न कहा हो या शायद मेरे पुकारने का वेट कर रही थी क मैं कुछ बोलूं गए पर मैं तो स्टिल खरा रहा था किचन क दूर पास जा कर अम्मी ने धीरे से पीछे मेरी और अपनी गर्दन घुमा कर बरी स्माइल और शर्म साथ बोली क अहमद चाहे तो वो साइड टेबल पे धोने वाला मग प्र है वो ज़रा लेते आना मैं उसे बी लगे हाथों वाश कर दूँ तो जैसे ये सुन उछाल हे प्र अंदर से क अम्मी आखिर इंदिरेक्ट्ली मुझे किचन में उन क पास आने का मौक़ा दिया...मैं कप उठा कर किचन में फता फैट पोहंचा गया और सामने अम्मी वाश बेसिन की और मौन करे पहले वाले पोज़ में खरी थी और उनकी मोती गांड छुरी दर पाजामे में पीछे को निकल केहर ध रही थी से बी अब रहा नै गया और मैं आगे बार पहले की तरह थोड़ा कम्फर्टेबली अम्मी की बैक साथ लग गया दोनों हाथ अम्मी क बाज़ुओ क नीचे स्व सामने ले गया जैसे मैं बाहों में ले लिया हो अम्मी को वाश बेसिन में गिरत पानी क नीचे रख दिय जहाँ अम्मी अपने नरम हाथों साथ वाश कर रही थी डैम से यूँ साथ लगने से अम्मी एक पल की लिए अपनी बैक आगे को की पर फिर थोड़ा रिलैक्स होकर पीछे की और मज़ीद कर दी जिस से मेरा लूँ साफ़ साफ़ उन्हें गांड पे फील होने लग प्र मेरे दोनों आगे हे थे कमर क साथ लगे होअय कुछ न बोली तो मैं वैसे हे थोड़ा और साथ लग बोलै अम्मी लाये मैं बी वाश करता हूँ और अपने हाथ आग्जे बढ़ा कर उन क हाथो से मग लिया और उसे वाश कर लगा फिर से मेरे स्व मग ले कर बोली तुम वाश करना नै आता तुम सही से नै कर रहे मस्ती में थोड़ा मज़ीद साथ लग अम्मी क मोती गांड में लूँ को हिस्सा तो अम्मी क मौन से एक हलकी सिसकी निकली पहले जैसे और बोलै अब सही कर रहा न तो अम्मी कुछ न बोली आगे ले जा कर दोबारा से अब अम्मी क नरम हाथों को अपने हाथों में लिए सहलाने लगा नरम फिंगर्स में अपनी फिंगर्स दाल रैगर रहा था और अम्मी क हाथो में मग और उसे अब वाश नै थी कर रही अम्मी बास पानी गिर रहा था बेसिन में अब कॉन्फिडेंस काफी बार चूका था और मैं सही मैनो में अम्मी क बाहिर को निकली गांड साथ जुड़ घासए लगा रहा था जिसे अम्मी बी एन्जॉय कर रही थी अब जान बूझ कर अम्मी क हाथों में लिए होअय मग क प्रेशर से गिरते पानी नीचे ऐसे किया क पानी मग पे बाउंस होकर अम्मी की छाती पे गिरने लग प्र से सामने से अम्मी की कमीज गीली होना शुरू होहाई...अम्मी चुप चाल खरी थी और उन क हाथ बी मग क ऊपर रुक गए होअय थे जैसे वो मेरे कुछ आगे बर्न का वेट कर रही थी लूँ अब काफी खर होगया होआ था और मुझ में अब पहले वाली मस्ती और पागल पैन आ रहा रहा जैसे वीडियोस देख आता था
27-02-2019, 06:54 PM
देर मज़ीद इसी पोज़ में रह कर मैं थोड़े ज़्यादा रैगर रैगर कर घससय लगाए से जब मज़ीद यूँ नै रहा गया तो पता नै तब कहाँ से इतनी हिम्मत आगयी में यही था क अम्मी की और से कुछ पहल होगी अब पर अम्मी शायद शर्मा रही थी में आंकी क चुतरों से पीछे हटा एक डैम तो अम्मी बी एक डैम से पीछे मुर देखा तो उनकी कमीज सामने से काफी गीली होगयी होइ थी और नीचे से पहने वाइट ब्रा की शेप साफ़ नज़र आ रही थी जिस नज़र से मुझे मुर क देखा मैं बास देखता रह गया यूँ देखा जैसे हैरान होअय पॉच रही हों क पीछे क्यों हैट गए...अम्मी क खूबसूरत चेहरे को उस वक़्त हैरानगी में देख मेरे से रहा नै गया और मैं अम्मी का लेफ्ट हाथ पाकर उन्हें किचन से बाहिर ले जाने लगा ज़रा रेसिस्ट नै किया और बास मेरी और देखती मेरे साथ चलने लग पारी उन्हें उन क बैडरूम में ले आया और सामने बीएड पे बिठा दिया टाँगे नीचे लर्काए तब बी मुझे हे देख रही थी क मैं क्या करने वाला हूँ पे फिर से पहले वाली मस्ती चारि होइ थी मैं आगे बार अम्मी की आँखों में देख प्यार से रिक्वेस्ट की क अम्मी बुहत कण्ट्रोल किये उस दिन से पर अब सुच में नै होआ रहा कण्ट्रोल प्ल्ज़ कुछ करे और साथ हे अपने खरे लूँ क बने तम्बू पे हाथ रख दिए और हल्का सा मसला चेहरे पे बी साफ़ प्यास झलक रही थी जैसे मैं नशे का आधी अपने नशे का दोसे मांग रहा हों...अम्मी मेरे रोटलु चेहरे को देखा और थोड़ा सीरियस होइ फिर एक डैम से मुस्करा दी बिना कुछ बोले अपने दोनों हाथों आगे कर मेरे लूँ क ऊपर परे मेरे हाथ को अपने नरम हाथों में लिया और उसे प्यार से चूम कर बोली बीटा मेरे होते अब तुझे तड़पने की ज़रूरत नै और एक डैम से मेरे ट्रॉउज़र की सिदो में हाथ दाल उसे उतरने लगी नीचे को तो मैं बी उन की हेल्प उतरने में खरा लूँ देख वो थोड़ा शर्मायी ज़रूर पर फिर मुस्करा दी और घोर से लूँ को देख अपने एक हाथ में ले लिया क नरम हाथ का लूम्स लूँ पर महसूस कर मैं तो जैसे सातवे आसमान पे पोहंच गया कुछ देर अचे से हर एंगल से इधर उधर कर देखा और फिर मेरी और ऊपर आँखों में देख बोली देख क्या हल कर दिया होआ तू ने कमज़ोर हो चूका तेरे ये तेरे ग़लत कामो का नतीजा है बी तब थोड़ा मस्ती से हैट अपने खरे लूँ को देखा तो फील होआ क सुच में काफी कमज़ोर लग रहा था...अम्मी मेरे लूँ को सहलाते बोली देख बीटा ये सब मैं सिर्फ तेरी खातिर कर रही कर ये बात हमारे बीच रहे गई तेरी बहनो या अब्बू को पता चल गया तो मैं तो जीते जी मर जाओं गई हाथ आगे बढ़ा कर अम्मी क चेहरे को थम बोलै अम्मी आप फ़िक्र न करे मैं छोटा बचा थोड़ी हूँ थोड़ा मुस्कराते बोली बचा नै पर बच्चो वाला हाल कर दिया होआ अपना और इस का और साथ हे मेरा लूँ थोड़ा मसल दिया मौन से एक आअह्ह्ह्हह निकली मैं सामने का नज़ारा देखा तो अम्मी क मोठे मम्मो का क्लीवेज इतने पास से फिर से देख मुझे जैसे कुछ कुछ होने लगा और लूँ को मसलने का मैं किया जिसे अम्मी बी समझ चुकी थी...अम्मी बोली देख अहमद बेटस डॉक्टर साहिबा ने यही बोलै क तुम्हे पहले खुद पे कण्ट्रोल करना सीखना होगा तुम्हारी सेहत क साथ साथ इस की सेहत का बी सख्त ख्याल रखना होगा सब क लिए लाज़मी है क तुम पानी मैट निकालो...अम्मी की बातें सुन मैं बोलै अम्मी मेरे से नै होगा प्ल्ज़ एक बरी अपने हाथ से हे मसल कर पानी निकल दे तो अम्मी मेरी बात सुन पहले वाले सख्त रूप में आते बोलै अहमददददद और मुझे आँखे दिखाई तो मैं चुप होगया बोली चल इधर बीएड पर बेथ मैं ज़रा आयल लेकर आती हूँ खुद की क़िस्मत को एक पल क कोसते दिल में सोचा क मैं तो अम्मी को रूम में लेकर आया था क मेरे लूँ का कैसे बी पानी निकले ही पर इधर तो और हे शर्त्त रख दी अम्मी ने...अम्मी पता नै कोनसी आयल की शीशी(बोतल) ले आयी जो पहली कभी नै देखि थी मेरे पास बेथ बोली सीधे होकर आराम से लेत जाओ अपने एक हाथ की हथेली पे तेल लिए थोड़ा सा लूँ पे जूनही लगाया तो मेरी मौन से एक हलकी से चीख निकली क्यों क आयल से थोड़ी जलन सी होइ लूँ पे पोछा बी क अम्मी ये कोनसा आयल है कुछ न बोली और लूँ को अछि तरह आयल से मालिश सी करने लग पारी मं बी नै गुज़रे होंगे क मुझे लगा मेरा पानी निकलने वाला है तो मैं मस्ती में अम्म्मम्म्म्मीईई कहा तो अम्मी बी समझ गयी और मुझे ऊँगली दिखते ग़ुस्से से बोली देखो अहमद अगर आज तुम्हारा पानी निकला तो मैं तुम्हे कभी खुद को हाथ तक लगाने नै दूंगी तो ये सुन हक्का बक्का रह गया...मरता क्या न करता मैं कण्ट्रोल करने लग प्र लगता क निकलने वाला है पानी तो मैं अम्मी को कुछ पल रोक लेता फिर से मालिश करना शुरू होजाती से एक तो बरी जलन होरही थी उस को बर्दाश्त कर रहा था और साथ पानी न निकले उस को कण्ट्रोल कर रहा था मुश्किल काम था सूची...अम्मी थोड़ी देर नाद फिर से और आयल लेकर लूँ पे डाला मालिश करने लग पारी सब में जो एक शे मेरा हौसला और हिम्मत बढ़ा रही रही वो थे अम्मी क मोठे मम्मी जो क मेरी नज़रो सामने थोड़े थोड़े हिल रहे थे और हाफ तक़रीबन ऊपर से दिख बी रहे थे ललचाती नज़रों से उन्हें देखि जा रहा था में भूखों प्याज़ की तरह मैं एक हाथ आगे बढ़ा कर जब मम्मो को टच करना चाहा तो अम्मी बरी सख्ती से मेरे उस हाथ पर थापर मर मुझे मना कर दिया किसी सहमे होअय बच्चे जैसे रोने वाला मौन बनाया सब बर्दाश्त कर रहा था...कोई १० मं की मालिश बाद ामंक उठी और बोली अभी क लिए इतना हे काफी है और फिर से सख्ती से बोलो देखो अहमद अगर तू ने मेरे जाने बाद अपने लूँ का पंक निकला तो मर मर कर तुम्हारी चमड़ी ुधैर दूंगी सहमे होअय नीचे सर किये हाँ में सर हिलाया तो अम्मी को थोड़ा फील जो शायद तो वो मेरे पास बेथ दोबारा फिर मेरे सर को सेहला कर प्यार से बोली बीटा ये सब तेरे भले क लिए कर रही मेरा सोना पुत्र है न तो अपनी अपनी अम्मी की बात नै मने गए अगर तो मेरी बातें मने गए तो बाद में जो कहे गए वो करूँगा पक्का ने जूनही ये बात बोली मैं एक डैम से ऊपर सर उठाये अम्मी क मम्मो को तरसती आँखों सत्ज देख बोलै कुछ बी करने दे गई न मेरा मैं करे गए वो करूँगा और आप मना बी नै करेगी तो अम्मॉ मुस्कराते मुझे अपने मम्मो को घोरते देख बोली हाँ बेटे जो तो कहे गए पर अभी क लिए प्रॉमिस कर क तू पानी नै निकसले गए हम में सर हिलाया तो अम्मी बी खुश होगयी और मुझे माथे पे चूम रूम से बाहिर जाने लग पारी वक़्त उन क मोठे चुतरों को देख ग तो ब्रा मचला पर फिर सोचा अगर अम्मी अपनी सब शर्म साइड रख मेरे लिए इतना कुछ कर सकती तो क्या मैं खुद अपने लिए इतना कण्ट्रोल बी नै कर सकता पल मैं खुद से बी प्रॉमिस कर लिया क फुल कण्ट्रोल करूँगा चाहे कुछ बी हो और उठ कर अपना पजामा पहना और मौन हाथ धो कर बाहिर टीवी देखने लग प्र तक्क कुछ नै होआ हम दोनों माँ बेटे ने साथ किया और नार्मल बातें की फिर अम्मी घर क कामो में लग गयी और मैं बाहिर खेलने निकल प्र...शम्म को घर वापिस आया तो अम्मी मेरा इंतज़ार हे कर रही थी बोली जाओ जा कर नाहा लो मैं खाना गर्म करती हूँ लेकर मैं ने डिनर किया और यहाँ ये बात बताता चालू क लंच और डिनर नार्मल रूटीन से हैट लार ज़्यादा हेअल्थी था बर्तन वग़ैरा साफ़ कर मेरे रूम में मेरे पास आगयी आयल की बोतल लिए मुस्करा क अम्मी की और देखा तो अम्मी क कहे बिना हे अपना पजामा उतर सीधा लेत गया फिर से कोई १० मं अचे तरीके से मालिश की फिर अपने रूम में जा कर सगाई उठा तो नाश्ते नाद फिर से मालिश में ६ अंडे दूध साथ मिला कर मुझे पिलाये अम्मी ने तो अब तक़रीबन रोज़ की रूटीन होगयी थी क हर एक दो घंटे बाद अम्मी मेरे लिए कुछ खाने को ले आती फ्रूट्स वग़ैरा बी शुरू में ग नै था करता खाने को फिर आहिस्ता आहिस्ता खाने लग प्र...एपीआई और अली बी आ चुके थे एपीआई रज़िया क हाँ से दिन में ज़्यादा देर घर पे रहता तो अम्मी ब्रा कुछ खिलाती पिलाती और मालिश बी रोज़ २ बरी करती एपीआई से चुप कर...पूरा एक महीना यही रूटीन चली और मुझे खुद पे यक़ीन नै था हो रहा क मैं खुद पे इतना कण्ट्रोल कर लिया था क एक महीन में से पानी नै निकला था और साथ अब जब अम्मी मालिश करती तो उन क नरम हाथो क एहसास से पानी बी देर से निकलने का मैं करता स्टैमिना काफी बिल्ड उप होरहा था पता नै कोण कोनसे सीक्रेट देसी टोटके मेरी पे आज़माती जा रही थी जिस का नतीजा ये निकला क एक महीने में हे मैं काफी वेट बी गेन किया साथ लूँ का साइज बी की शादी नेक्स्ट महीने थी तो अब्बू को छुट्टी नै मिल रही थी तो शादी २ महीने मज़ीद आगे कर दी ४५ महीनो में मेरी सेहत में काफी सुधर आज्ञा तह जो दीखता बी था कग से मैं ६२ कग पे आया था और एक माह से मैं गयम जाना बी स्टार्ट कर दिया था बी थोड़ी सी बरही थी पर अम्मी से अभी बी काफी थोड़ी थी इनचेस का फरक था तक़रीबन...मेरे चेहरे पे बी काफी मास्स आज्ञा था तो पहले हे था अम्मी पे जो गया था कलर शार्ट इस अरसे में मेरी ज़िन्दगी टोटली चेंज्ड होगयी थी वर्ण मैं तो ग़लत डायरेक्शन में खुद को लीड कर रहा था और ये सब सिर्फ और सिर्फ अम्मी क प्यार की बदौलत था...कहाँ पहले जहाँ मेरा लूँ पूरी तरह से खरा नै था होपाता अब उस का साइज साढ़े ७िंचेस क क़रीब था और मोटा बी काफी होगया था सब से बरी बात क मैं इस अरसे में कोई पोर्न वीडियोस नै देखि जब कभी ज़्यादा जी करता तो अम्मी क हुस्न का जाम पी कर नज़रों से हे जी भर जाता बीच मैं १०थ पास बी कर ली जैसे तैसे कर क...अक्टूबर का एन्ड था और सर्दियाँ आ चुकी थी बी आ चुके थे ३ दिन बाद एपीआई रमीज़ा की शादी थी घर सजाया जा रहा था गाओं में हमारा घर शानदार लग रहा था रज़िया बी आ चुकी थी घर क कामो में हाथ बताने फॅमिली अकथहि थी का समै था मेहँदी थी और मैं शाम को गयम से लोटा था तो पता चला अब्बू आ चुके है दोपहर क तो मैं उन से मिल कर ब्रा खुश होआ बी मेरी सेहत देख ब्रा खुश होअय और अम्मी की तारीफ की क नसरीन तुम ने तो सुछ में ब्रा ख्याल रखा है अहमद का लास्ट टाइम तो इतना दुबला पतला था बास मुस्करा दी...मेहमानो से घर ब्रा प्र था रूम्स तरीकबन undefined हो चुके थे और अभी कुछ मज़ीद मेहमानो ने कल आना था ड्यूटी सौंपी गयी क सब क बिस्टेर लगाने की थी तो रज़ाइयां वग़ैरा पेटियों से निकल चुकी थी क बिस्टेर लगा दिए थे और खुद मैं अब्बू साथ सोया मर्दो में सोया ऊपर वाले फ्लोर में थी ज़्यादा...रात गुज़री दिन का सूरज निकला एक नै सुबह ले कर मेहँदी थी एपीआई की दिन ढोलकी गीत संगीत चलता रहा कामो में बिजी रहा सब में मैं २ बरी अम्मी को मुझे प्यार भरी नज़रो से देखते पकड़ा जैसे वो खुश होरही हो हर बार देख कर क मैं अब कितना बदल गया हूँ और कितनी छह से सब काम कर रहा हूँ मर्दों जैसे खैर शाम को सब गाओं की औरतें बी आयी मेहँदी पे और फंक्शन देर रात तक चलता रहा...सुबह देर से आँख खुली और सब बरात की मेज़बानी में लग परे वग़ैरा में ब्रा सा तम्बू लगा कर बारात को बिठाने की अरेंजमेंट की होइ थी दिन ३ बजे आणि थी सब कामो को मॉनिटर कर रहा था...१२ बज चुके थे और तक़रीबन सब काम पूरे हो चुके थे सुबह का नाश्ता तक नै था किया होआ की एक वजह ये थी क अम्मी सुबह १० बजे की शहर हाई थी एपीआई रज़िया साथ एपीआई रमीज़ा का कोई गोल्ड का सेर सेट रहता था वो लेने १२ बज चूका था पर अम्मी लोग नै आये थे की तो पता चला मार्किट देर से खुली है तो टाइम लग्न है एक आध घंटा मेहमानो को पहले से तैयार होने का बोल दिया होआ था लिए मेहमान अरेंजमेंट वाली जगह अकथा होना शुरू होगये थे किसी पे इतना दहन नै दिया ख़ास बच्चे मर्द सब चेयर्स पे क़ब्ज़ा कर बेथ चुके थे और म्यूजिक चल रहा था मुझे याद आया क एपीआई रमीज़ा को पारलर से वापिस घर लाना था और १ बजे का टाइम दिया होआ था पारलर वालो ने घर गया पर अंदर नै गया बाहिर खरी एक दोसर क घरी ली तब काफी सीख चूका था क घरी घर हे होती थी तो मैं काफी सीख ली थी ड्राइविंग खुदी पंगे ले लेकर घर नज़र नै थी आ रही सोचा अब्बू कहीं लेकर गए होंगे तो मैं दोस्त की घरी लेकर चला गया एपीआई को लेने पोहंचा तो पता चला एपीआई को तो अब्बू ले गए १५ मं पहले मैं वापिस घर की और आज्ञा बजे का टाइम था तक़रीबन मेहमान घर से तक़रीबन जा चुके थे और अरेंजमेंट वाली जगह थे सोचस घर जा कुछ खा पी लेता हूँ सुबह से कुछ नै खाया और थोड़ा रेडी बी होजाऊंगा लोगो ने बी २ बजे तक्क आने का था घर गया घरी बाहिर हे खरी कर अंदर गया तो चारो और गंड़द हे प्र था जैसे शादी वाले घरो में प्र होता आध मेहमान था वो बी मेरे सामने हे चला गया टोटली वीरान सा लग रहा था.
27-02-2019, 06:55 PM
मैं सीधे किचन में गया और फ्रिज से दूध निकल थोड़ा पिया और एक सैंडविच सा खाया आसरा होगया तब मैं सोचस एपीआई रमीज़ा से जा कर मिल लेता हूँ रमीज़ा का सामान अम्मी क रूम में था तो मैं वही गया पर रूम में कोई नै था मैं वाशरूम नॉक किया वहां बी कोई नै वक़्त गेट क बाहिर घरी अपनी देख ली थी मतलब एपीआई आ चुकी पर गयी किदार ऊपर बी सारे रूम चेक किये पर कहीं कोई नै दिखा परेशां होआ क सब कहाँ चले गए बी नै दिख रहे...तभी मुझे ऐसे लगा जैसे ऊपर छत्त से अवाक्स आयी हो कुछ जैसे ऊपर कोई है में वैसे तो सब रूम्स ग्राउंड और १स्ट फ्लोर पर हे थे पर एक रूम ऊपर छत्त पे बी था जिसे स्टोर रूम टाइप बनाया होआ था जहाँ सब बिस्टेर वग़ैरा रखते थे क सिलसिले में बी सब बिस्टेर वही से निकले थे...मैं सीरियन चार चाट पे चला गया साइड पे वो रूम था जिस का दूर लॉक था क्यों क मैं हल्का सा undefined किया चोरो जैसे पर वो नै खुला सोचा पता नै कोण है अंदर परेशानी होइ क अब क्या करूँ....मैं साइड से होकर खिरकी पास गया पर वहां से बी कुछ मई था दिखा रहा टाइप था तो बंद बंद सा रूम था ज़्यादा तर बंद हे रहती थी...खैर मुझे एक डैम से ख्याल आया क ऊपर रूम की एक साइड पे एक रोशनदान बना होआ है और उस पे एक एग्जॉस्ट फैन पे लगाया होआ था जिसे सर्दियों की वजह से बंद हे रखते थे छत्त पे पारी सीढ़ी उठायी और उसे रूम की देवर साथ आराम से लगाया ऊपर को चार गया रोशनदान क पास तरह मैं फैन क पारो को एक साइड कर जब दहन से अंदर देखा तो लाइट्स ों थी अंदर की जिस की वजह से अंदर रूम काफी रोशन था तरफ बिस्टेर वग़ैरा पारी थी एक तरफ एक पुराण बीएड बी प्र था जो पूरा साफ़ साफ़ मेरी नज़र की रेंज में आ रहा था जब घोर से बीएड की और देखा तो मेरे तो मनो होश हे ुर्र गए सामने का सन देख कर...सामने बीएड पर एपीआई रमीज़ा दुल्हन क जोड़े में पूरी सजी होइ सीढ़ी लेती थी और उन् का लेहंगा कमर तक उठा होआ था और उनकी टांगली तान्हे कंधो पे उठाये वो आदमी डीएनए दान एपीआई को छोड़ी जा रहा था चिलायी जा रही थी और वो आदमी छोड़ी जा रहा रहा बेदर्दी से साइड एंगल था जिस की वजह से दोनों की जिस्मो साथ उन क चेहरे पे वैया नज़र आ रहे थे आदमी का चेहरा घोर सा देखा तो मैं तो जैसे शॉक क मरे मौन खोले उसी सीरिहि से गिरते गिरते बचा था क्यों क सामने जो सन देख रहा था वो हक़ीक़त से परे लग रहा था...बीएड पे एपीआई की टंगे कन्धों पे उठाये छोड़ने वाला और कोई नै अब्बू थे अब्बू अपनी हे सही बेटी को छोड़ रहे थे हैरान परेशां मौन खोले देखि जा रहा था...अब ज़रा आगे बढ़ने से पह्लव अब्बू और एपीआई रमीज़ा क बारे में बताता चालू जैसे क फौज में थे ६ फ़ीट से ज़्यादा थी और पोरे पहलवान टाइप थे तक़रीबन ५४ साल थी से बारे थे कागि आगे में आगे में बी लगता नै था क वो ४ बच्चो क बाप है और इतनी आगे है रियल में बिल्ट थे क़िस्म क और कम् बोलने वाले इंसान थे...एपीआई रमीज़ा तक़रीबन २० साल की थी लगता था जैसे आगे ज़्यादा हो उस की एक वजह एपीआई का भरा होआ बदन था सख्त मम्मी कमर और थोड़ी गदरायी होइ और मोती गांड जिस का साइज ात लीस्ट ३८ होगा तब का कलर बुहत गोरा था और हाइट बी अछि थी बाल और मासूम सा चेहरा शुरू से ज़्यादा नै बोलती थी चुप चुप अपने में मगन रहती थी पर अब्बू की शुरू से लाड़ली थी जब बी छुट्टी पे आते किसी और क लिए कुछ लाये न लाये पर एपीआई रमीज़ा क लिए कुछ न कुछ ज़रूर लाते थे तो वेहम ो गमन में बी नै था क मेरे हे घर में ये सब होरहा तक जिस का कभी वीडियोस में नै देखा बास सुना था क फॅमिली में बी लोग सेक्स करते पर आज खुद अपनी आँखों से देखा तो यक़ीन होआ क ये सुच है...आज कुछ देर बाद एपीआई रमीज़ा की बारात आने वाली थी और एपीआई दुल्हन क जोड़े में अंदर थी ने अपनी शार्ट कुर्ती सीने से खोली होइ थी जिस से उन क मोठे सख्त मम्मी साफ नज़र आ रहे थे और नीचे लेहंगा कमर तक उठाया होआ था और पंतय साइड पे पारी थी कुछ यूँ था क अब्बू ने एपीआई की टांगों को अपने कंधो पे रख होआ तह और उनकी क्लीन शवेद सफ़ेद फुद्दी में धक्के लगाई जा रहे थे बारे जोश में क गले से लेकर हाथों तक्क काफी गोल्ड की जेवेलरी पहनी थी एक नोज पिन जैसा एअर्रिंग नाक पे पहना था और उस से निकलती एक चैन ऊपर सर की मांग में लगे झूमर पे जा मिलती थी बुरी तरह से चिलायी जा रही थी मज़े...अब्बू सिरे तक्क लूँ निकलते और धरमममम से फुद्दी में दाल देते आहें और सिसकियाँ भर्ती जा रही थी क लिए ब्रा डिफिकल्ट दिख रहा था यूँ इतनी जेवेलरी पहन फुद्दी मरवाना...मैं तो मनो हैरानगी से आँखें पहरे देखि जा रहा था और खुद को यक़ीन दिला रहा था क हाँ भाई ये सब सुच है अंदर तेरे बाप अपनी हे सही बेटी को दुल्हन क रूप में उस की शादी क रोज़ अपने हे घर में छोड़ रहा था का ढके लगते एक बरी लूँ फिसलन की वजह से फुद्दी से बाहिर निकला तो मैं अब्बू क लूँ का साइज देखा तो लूँ मैक्स ६ इनचेस लम्बा होगा पर मोटा काफी थी ने दोबारा से बाहिर निकला लूँ एपीआई की फुद्दी पे रखा और एक करारा धक्का दे मारा आगे को तो एपीआई चिलायी ahhhhhhhhhhhhhh ayyyyiiiiiiiiiiiiiiii अब्ब्बूउऊउउउउउ ग हॉलीइइइइइइ अम्मीी ग मैं मर गयी अब्ब्ब्बूउ होली मरु न....एपीआई की चीखों बीच अब्बू कुछ न सुनते होअय बास पागलों जैसे धक्के पगायी जस रहे थे क चेहरा पसीना दे भरा होआ तह और वो अपने से पूरी जान लगते पोरे ज़ोर साथ एपीआई की फुद्दी को छोड़ी जा रहे थे अब्बू वैसे हे टंगे उठाये थोड़ी एपीआई की और बेंड की और आगे हाथ बढ़ा कर दोनों सख्त मम्मी अपने हाथो में ले मसलने लग परे कुछ देर बाद एपीआई की आहों और चीखों बीच पहली बरी अब्बू क मौन से अलफ़ाज़ निकले मेरी लाड़ली पारी की रानी अह्ह्ह्हह्हह बेटी तेरी फुद्दी कितनी टाइट है अंदर से ऐसे जैसे किसी ने तंदूर जिलाया हो मेरा लूँ उस की गर्माहट में पक्क रहा हो बी आहें भर्ती बोली अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ज अब्ब्बू सब आप का हे है थोड़ा धीरे करे न अब्बू उल्टा और तेज़ी साथ छोड़ने लग परे और एपीआई की टाँगे चोर एपीआई क ऊपर झुक का पूरा उन क लिपस्टिक लगे होंटो को चूम पागलो जैसे लगे होअय थे...अह्हह्ह्ह्ह बेटी तू सुछ में दुनिआ की सब से प्यारी लाड़ली बेटी है जो अपने अब्बू का इतना ख्याल रखती है क दूध मसलते अब्बू एपीआई की आँखों में आँखे डाले क़रीब से उन्हें देख रहे थे और नीचे से अपने लूँ की मर से अपनी बेटी की फुद्दी को घायल करि जा रहे थे धक्के साथ एपीआई की जेवेलरी आवाज़ करती पर एपीआई सब सहते होअय अब्बू क चेहरे को अपने चेहरे क इतने पास देख अपने दोनों हाथो में थमा और उन क फेस से पसीना साफ़ किया और उन्हें चूमती होइ आहें भर्ती इमोशनल होती बोली अब्बूउउ धक्को में इतने बिजी थे क एक बरी तो उन्हें जैसे आवाज़ सुनाई न दी जब एपीआई ने चेहरा थामे अपनी आँखों में अब्बू की आँखे डाले फिर से पुकारा अब्ब्बूउउ एक दम्म से एपीआई की आईज में देख जैसे मदहोश होगये ने अपनी ऊपर को होइ टांगो से अब्बू की कमर को झाकर लिया होआ था एपीआई क चेहरे की खुमारी में ऐसे खोए क उन क धक्के एक पल क लिए जैसे रुक से गए और वो ेल तक देखि जा रहे थे एपीआई को फिर से अब्बू का चेहरा साफ़ कर बोली अब्बूउउ मैं दुनिआ सब से लकी गर्ल हूँ जिसे आप जैसे इतना प्यार करने वाले अब्बू मिले है बी इमोशनल होते आगे होकर एपीआई को चूमा और बोले बेटी आज तो पराये घर की होजाये गई तो तेरे इस बूढ़े बाप का क्या बने गए रहूं गए मैं की आँखों में सुचै देख एपीआई को अब्बू पे ब्रा प्यार आया जैसे और एपीआई ने अब्बू को चूम कर बोलै किस ने कहा आपकी बेटी आपको चोर कर जा रही तो अक्सर आती रहा करूँ गई अब्बू तब जी भर कर प्यार लीजिये करिये गए अपनी इस लाड़ली को थोड़ा खुश होअय और एपीआई क चेहरे को सहलाते बास देखते रहे जैसे एपीआई क हुस्न आगे पिघल गए हों थोड़ी देर बाद थोड़ा शरमाते होअय बोली अब्बब्बब्बूउ अब बास बी करे यूँ देखना मुझे पता है आप मुझ से बृहत्त प्यार करते है करे अम्मी लोग बी आने वाले होंगे बोले बेटी थोड़ी देर देख लेने दे ग भर क फिर पता नै कब मौक़ा मिले और साथ हे एपीआई क मम्मो को मसलते उन क मौन में ज़ुबान डाले पैशनेट किसिंग करते दोबारा से अपने लूँ को एपीआई की फुद्दी में इन आउट करने लग परे चिलाती जा रही थी मज़े और दर्द साथ बीच में बोले हैए मेरी लाड़ली ने मेरी दिली तमन्नाह पूरी लार दी आज जो शादी क जोड़े में दुल्हन बानी छुड़वा रही है पता नै कितनी हे रातें मैं इस पल का वेट किया था... बाहिर सिरिबपे खरे खरे मुझे अंदर देखते कोई १० मं से ऊपर का टाइम हो चूका था अचे काम क वक़्त टाइम गुज़रने का पट नै चलता वैसे हे मेरे साथ होरहा था अंदर झांकते होअय...लउकीली उन् दोनों का दहन नै प्र साइड जो दूसरी और रही कानो में धक्को की आवाज़ साथ एपीआई की चीखों की आवाज़ जैसे रस गोल रही थी और मैं बी बाहिर खरे मदहोश हो रहा था...अंदर अब अब्बू ने अपनी लाड़ली बेटी को घोरी बनाया होआ रहा और पीछे से उस की सवारी कर रहे थे...एपीआई की मोती गांड को थामे बारे ज़ोरो से लगे होअय थे बार बार बीच में अब्बू को स्लो धक्के लगाने का बोल रही थी पर अब्बू तो किसी दीवाने जैसे बोल रहे थे क बेटी आज मैट रोक अपने बाप को जी भर कर लेने दो प्यार और तेज़ी क साथ धक्के लगाई जा रहे थे...एपीआई सब बर्दाश्त करे आहें और सिसकियाँ भरी जा रही थी...मेरे लिए ये सन किसी एलियन एनकाउंटर से बी ज़्यादा था क एलियन देख इतनी हैरानी न होती जितनी उस वक़्त अब्बू को इतने ज़ोर से एपीआई को छोड़ते होअय...मैं सोचा पता नै कब से ये लोग एक दूसरे क प्यार में परे होअय है और हम घर वालो को थोड़ी सी बी भनक्क तक न लगी अम्मी को नै...इन्ही सोचो में घूम देख रहा था क तभी अब्बू दोबारा से एपीआई को बीएड पे सीधा लेता कर टाँगे कन्धों पर रखे कस कर आखरी क झटके लगाए और तभी अब्बू बोले बेटी कहाँ निकलू बी मस्ती में बोली अंदर हे अब्बू और अब्बू किसी जानवर जैसे घुर्राटे होअय आखरिंक १० झटके लगाए और एपीआई क अंदर हे फ़ारिग़ होगये...मैं हैरान परेशां देख और सोच रहा था क ऐसा बी कभी सोचा होगा किसी ने...मैं अब मज़ीद रुकना वहां मुनासिब नै समझा और आराम से नीचे उत्तर सीरियन अपनी पुराणी जगह रख डब्बे पाऊँ छत्त से नीचे चला गया दिमाग़ कुछ पल क लिए जैसे सुन्न सा होगया हो सब देख यक़ीन हे नै आ रहा था क मैं ये सब देख चूका हूँ...मैं जैसे तैसे नीचे गया और चेंज कर अरेंजमेंट वाली जगह चला गया वहां कामो को देखने लग प्र बज चुके थे मेहमान तक़रीबन आ चुके थे कर आखिर सारे ३ दूल्हा लोग आये बरात लेकर और थोड़ी देर बाद एपीआई रमीज़ा बी एपीआई रज़िया और अम्मी साथ घरी में आयी घर से ने खुद को बिलकुल ऐसे कर लिया होआ था जयस्व कुछ देर पहले उन क साथ कुछ होआ हे न हो को घोर से शादी क जोड़े में देख सुछ में लगा क हम एपीआई रमीज़ा तो वाकय बरी खूबसूरत है चेहरा देख कोई बी मर मिटाय ने मेक उप वग़ैरा सब कुछ ठीक कर लिया होआ था और गोल्डन जेवेलरी में साझींवो स्टेज पे दूल्हा साथ बेथ गयी बी आ चुके तैयार होकर नज़रों में उदासी साफ़ झलक रही थी बी रह रह कर उनकी तरफ देख ये बार नोटिस की और मैं उन दोनों को नोटिस किया नीचे निकाह पढ़ाया गया और फिर सब एक दूसरे क गले मिल मुबारक बाद देने लग परे...रुक्सती क वक़्त जब घरी में बिठाने का टाइम आया तो तब पहली बारी मैं अब्बू को रट देखा ने एपीआई को अपने गले लगाया और खूब रोये ब्रा चुप कराया एपीआई बी रो रही थी जिस से उन का मेकअप काफी बिहार सा गया था की आँखों में एक दूसरे क लिए प्यार देख मैं बी हैरान होआ क सुछ में एपीआई रमीज़ा अब्बू की लाड़ली लगी तब...खैर रोने धोने क बीच मुझे बी फील होआ क एपीआई अब चली जाएगी हम सब को चोर कर...खैर रुखसती होइ और अब्बू क उन क दोस्त अपने साथ दिलासा देने क लिए बाहिर ले गए सब क बीच मेरा दहन अम्मी बी ज़रा नै गया मैं एपीआई और अब्बू में इतना खोया था क अम्मी को नोटिस हे नै किया खाना खा चुके थे और अब वापस जा रहे थे तभी सामने से आती ामी को देखा तो मेरे चेहरे पे ऑटोमेटिकली स्माइल आगयी जैसे रौनक सी आगयी हो ने मोतिओं से सजा लाल लेहंगा पहना होआ था ऊपर एक शार्ट कमीज से पहनी थी और एक बरी से शाल से खुद को कवर किया होआ था मेक उप में ग़ज़ब ध रही थी जे नै थी रही जैसे ४ बच्चों की माँ हों खुद को यूँ घोरते देख वो मुस्करायी और मेरे पास आकर मुझे होश में लती बोली पुत्र कहाँ खो गए बदले में मुस्करा दिया थोड़ा शर्मा बी गया मुझे शर्माता देख मेरे बाल सहलाये और बोली बृहत्त शरारती होता जा रहा है तू बी लगता शादी कर देनी चाहिए ने मुस्कराते होअय बोलै एक दम्म से अम्मी क क़रीब होकर खरा होगया क़रीब क अम्मी की गर्म साँसे मुझे फील होरही थी एक से मुझे इतना क़रीब देख थोड़ा घबराई पर मैं उन क दोनों हाथ सामने अपने हाथो में लिए और उनकी आईज में आईज डाले इतना क़रीब होगया क अम्मी क लरज़ते लाल लिपस्टिक लगे होंठ मेरे होंटो क बिलकुल क़रीब आगये और अम्मी गहरी गहरी लम्बी गर्म साँसे मेरे फेस पे चोर रही थी उन क हाथ थामे आईज में देखते होअय बोलै अम्मी आपको सुच में लगता है मुझे दुल्हन की ज़रूरत है....अम्मी ये सुन एक दम्म से ऐसे शर्म साथ पलकें झुकाएं मुस्करायी क मेरे दिल किया बरी महफ़िल में चूम लू फिर कण्ट्रोल किया और दोबारा अम्मी को पुकारा तो अम्मी लाल होते शर्म साथ ऊपर मेरी और देखते बोली तो किस की ज़रूरत है फिर बोलै अम्मी मेरी आँखों में झाँक ले...अम्मी ये जवाब सुन की क़ातिल हसीना की मेरे दिल पे चुरिया चलती अपने हाथ चुरवाये मेरे से और शर्म से फुल लाल होअय मुस्कराती पलट कर जाने लग पारी उनकी इस ऐडा पे फ़िदा सा होगी और जाते वक़्त लहंगे में बी उन क मोठे चुतरों को देख एक बरी अपने लूँ को मसला....शुक्र है किसी ने देखा नै अस सुच...खैर शादी बारात चली गयी और काफी मेहमान बी साथ चले गए मेहमान हमारे घर की और चल परे एपीआई रज़िया और अम्मी और छोटे भाई को लेकर घर चले गए क ६ बज चुके थे काफी पर चुकी थी और अँधेरा काफी हॉय होआ था और साथ ठण्ड बी...तभी अब्बू को लेकर उन क दोस्त आये अभी बी परेशां से लग रहे थे उन्हें रूम में लेजा कर बीएड पे लिटाया और दूध साथ नींद की गोली दे दी क आराम करे अब्बू क दोस्त बी चले गए मेहमानो को देखने लग पारी बी बिखरे काम निपटने लग प्र..
रात क ९ बज रहे थे और काफी ठण्ड बार गयी होइ थी और बदल बी गरज रहे थे रहा था जैसे बारिश होने वाली है को खाना और बिस्टेर वग़ैरा देने में टाइम का पता हे नै चला को बी इतनी फुर्सत नै मिली क वो चेंज कर ले थक चुके थे तक़रीबन तो सोने की तैयारी में थे बार बार आना जाना लगा होआ था ऊपर वाले स्टोररूम में जहाँ दोपहर को पूरा नज़ारा देखा था दिए जा रहा था मेहमानो को पर बार बार दोपहर वाला मंज़र आँखों सामने आ रहा था और लूँ पंत क अंदर तन्न रहा था मेरे ज़ेहन में सोच आयी तो मैं स्टोर रूम क अंदर से जो रोशनदान था उसे पुराने कपड़ो साथ ब्लॉक कर दिया पोरे रूम में कोई बाहिर से झाँक नै सकता था काम पर चुके थे मेहमान जो ज़्यादा थे तो हमसायों वग़ैरा से लाफ़ी बिस्टेर अकथाय किये होअय थे उन की एक लम्बी तेह स्टोर रूम में लगाई होइ...१० बजने वाले थे और पोरे घर में अब काफी हद्द तक्क सन्नाटा चाय होआ था जैसे सब सोगये हैं बिस्टेर ऊपर वाले फ्लोर पे लगाया होआ था लोग नीचे वाले फ्लोर पे थे...शाम से घर क कामो में अम्मी को अपनी नज़रों सामने घूमता देख उन क बदन को और ख़ास तोर पे उन क मोठे हिलते चुतरों लो लाल लहंगे में हिलते एक दूसरे साथ रैगर कहते देख मुझे और जोश चढ़ा होआ था...अम्मी तक़रीबन सब काम निपटा लिए होअय थे और अपने रूम में जा रही थी टीवी लाउन्ज में एक रज़ाई एक मेहमान को दे रहा था को बल खता जाते होअय देख मुझ से रहा नै गया और मैं अम्मी क पीछे उन क रूम की और चल दिया क बैडरूम क दूर पे खरे होकर जब अंदर झाँका तो अम्मी अलमारी से कपड़े निकल रही थी कुछ पे बीएड पे एपीआई रज़िया सोई होइ थी कुछ मेहमान औरतों साथ को ऊपर मेरे रूम में सुलाया गया था जहाँ बाक़ी मर्द थे जब कपड़े निकल वाशरूम की और जाने लगी तो वाशरूम का दूर लॉक था और लाइट अंदर से आ रही थी मीन्स अंदर को था वही खरी व८ करने लग पारी चेंज जो करना था...तब मैं रूम में एंटर होआ तो अम्मी ने मुझे देखा और स्माइल दे कर पोछा बीटा अभी तक्क सोये नै बोलै अम्मी वो मेहमानो को बिस्टेर वग़ैरा दे रहा था बोली सब को दे दिए जान बूझ क झूट बोलै क नै अम्मी वो मुझ से स्टोररूम वाली पिछली बिस्टरो वाली पति खुल हे नै रही ज़रा जा कर देख लें...अम्मी ने एक पल क लिए कुछ सोचा फिर अपने हाथों में लिए चेंज करने वाले कपड़े लिए बोली ाचा मैं देख लेती हूँ तू ऐसा कर जा कर तू बी चेंज कर ले दोपहर से कपड़े नै चेंज किये मुस्कराता होआ अम्मी से बी पहले ऊपर अपने रूम में गया नीचे अम्मी धीरे धीरे ऊपर को आ रही थी जल्दी से अपने रूम जा कर अब्बू को सोया देखा और अपनी अलमारी से एक टी-शर्ट और ट्रॉउज़र पाकर जल्दी से वापिस मुरा और ऊपर चाट की और जाने लगा जहाँ अम्मी पहले से जा चुकी थी.
27-02-2019, 06:55 PM
पोरे घर में ख़ामोशी सा समै था बी काफी थी और जूनही मैं चाट पे क़दम रखे हलकी बोंडा बंदी स्टार्ट होगयी तेज़ हवा साथ तो पहले से गरज रहे थे अब बिजली बी बीच बीच में चमक रही थी...मैं इधर उधर अचे से छत्त पे देखा की चमक में जितना नज़र आया उस में मुझे कोई नै दिखा छत्त पे रिलैक्स होकर क चाट पे कोई नै है छत्त की गैलरी का दूर ऊपर से बंद के दिया क्यों क हवा क चलने से वो आवाज़ कर रहा था और जल्दी से स्टोररूम की और भगा तो थोड़ा भीग गया एंटर होते हे मैं जल्दी से स्टोररूम का दूर लॉक किया अंदर से और जब मुर कर सामने देखा तो अम्मी पेट खोल रही थी झुक कर और उनकी मोती गांड और फैल गयी थी बारे आराम से खुल गयी तो अम्मी सीढ़ी खरी होइ और पीछे मुर मेरी और देख बोली अहमद ये तो खुल बी गयी तू तो कह रहा था क नै खुल रही में मैं बास मुस्कराया और अम्मी की और देखने लग प्र मुझे स्माइल करते देख समझ गयी क मैं उन्हें अकेले में जान बूझ कर भुलाया है...अम्मी मेरी और आयी और एक मैनी कजेज़ मुस्कराहट लिए कुछ बोलने हे लगी थी एक क़दम से बदल गरजने की ज़ोरदार आवाज़ आयी और अम्मी एक डैम से दर क मरे आगे को आयी और मुझे बाहों में लेकर मेरे गले लग गयी जैसे दर सी गयी...अम्मी की एक डैम से मेरे सीने साथ लगने से मैं एक दम्म से पीछे को गिरते गिरते बचा क्यों क अम्मी का बदन काफी हैवी था में छोटा था मैं तो जब अम्मी ने मुझे घला लगाया तो मैं उनकी गर्दन तक्क हे आ पाया दम्म से साथ लगने उन क मोठे मम्मी मेरी छाती साथ ऐसे टकराया जैसे बिजली ला झटका लगा हो मोठे और नरम मम्मो का एहसास कमल का था चेहरा अम्मी क गले क पास था और मैं नाक साथ लगाए नैक क एक लम्बी सांस भरी तो अम्मी क जिस्म की मादक खुसबू मेरे नथनों में गयी तो एक पल क लिए ऐसे जैसे कोई भंग्ग की बत्ती सूंघ ली हो क जिस्म में कमल की सुगान्द्द थी...ये सब कोई ५ सेकण्ड्स का एहसास था क अम्मी को रीलीज़ होआ क उन्हों ने मुझे कुछ ज़्यादा हे ज़ोर से झाकरा होआ है तो मेरे से अलग होइ और मेरी आँखों में देख थोड़ा शर्मायी और फिर नीचे देखने लग पारी बोली लगता बहार बारिश शुरू होगयी है और मेरे पोछा किस को बिस्टेर देने वाला रह गया है बोलै किसी को बी नै तो अम्मी फिर से मुस्कराते होअय बोली तो मुझे फिर यूँही ऊपर बुला लिया हैं...मैं अम्मी क थोड़ा पास जाते बोलै अम्मी आप से मिलने का दिल कर रहा था से पता कैसे मैं खुद पर कण्ट्रोल कर रहा से आप इस लाल लेहंगा में दोपहर से मेरी नज़रों सामने घूम घूम कर ग़ज़ब ध रही थी...अम्मी अपनी तारीफ सुन थोड़ा मुस्करायी चेहरा साफ़ लाल होगया था...मैं अब अम्मी क बिलकुल पास खरा था और अम्मी ने मेरी छाती पे हल्का सा मुक्का मारा और बोली देख रही हूँ दिन बा दिन बारे शीतन होअय जा रहा है तू...अम्मी क दोनों हाथ अपने हाथों में थम मैं अम्मी की आईज में देख बोलै आप हे ने तो किया है शीतन और वो बी बरैयीय वाला...अम्मी मेरी बात का मतलब समझ खिल खिला क हंस दी को हँसता देख मुझे ब्रा ाचा लगा वक़्त अम्मी और बी खूबसूरत लग रही थी...मैं बास अम्मी क फेस की और हे देख रहा था...मैं बोलै अम्मी एक बात बोलूं हम्म्म कर क बोली हाँ बोलो बीटा मैं बोलै दोपहरर को अम्मी आपको एपीआई की बिदाई पे रोटा देख बिलकुल ाचा नै लगा यूँही हंसती रहा करे...अम्मी मेरी बात पे एक दम्म से सीरियस होते मेरी और देखने लग पारी और मेरे हाथों से अपना ढाया हाथ छुरा कर मेरे गाल को सहलाते होअय बोली मुझे पता है मेरे सोना पुत्र मेरे से कितना प्यार करता है और मैं बी तेरे से बृहत्त प्यार करती हूँ बीटा...अम्मी की आँखों में अपने लिए इतना प्यार देख मैं आगे बार अम्मी क माथे पे किश कर दिया मैं अक्सर पहले बी करता था बास बदले में मुस्करा दी...पिछले कुछ महीनो से जो कुछ बी होआ उस से हम दोनों माँ बेटे का रिश्ता बिलकुल चेंज हो चूका था ने मेरी खातिर अपनी शर्म ो ह्या सब को साइड रख बास मेरे भले का सोचा इन् महीनो में बी एक बरी बी मैं अम्मी को बिना कपड़ो क नै देखा कभी कभार ब्रा में देख लेता अम्मी ने कभी शलवार नै उतरी मेरी सामने और सिर्फ हाथो से मेरे लूँ को सहलाया इस से आगे कुछ बी नै...अभी बी हम दोनों माँ बेटे स्टोररूम में खरे एक दूसरे की आँखों में एक दूसरे क लिए पनपप रहा बे शुमार प्यार देख रहे थे...तभी अम्मी बोली चल अब मुझे जाने दे मैं चेंज बी करना देख मैं कपड़े बी ऊपर हे ले आयी क साइड पे परे कपड़े देख मेरी पुराणी दिली खुवाईश झाग उठी और बरी हिम्मत झूठा क मैं सर नीचे कर हलकी आवाज़ में बोलै अम्मी इधर हे चेंज कर ले न...इतने महीनो से कभी मेरे मौन से एक लफ्ज़ ऐसा नै निकला था वो बी तब जब अम्मी मेरे लूँ की मालिश करती थी और आज सीधे सीधे उन्हें ये बोल मैं आँखें बंद कर ली क अब थप्पड़ पड़ेगा मुझे...अम्मी जब देखा क मैं थापर का इंतज़ार करने वाला मौन बनाया होआ दर क मरे ये सब बोल तो वो आगे होकर मेरे अपने एक हाथ से मेरी चीन पाकर मेरा फेस ऊपर किया और मेरी बंद आँखों समेत मेरे फेस को सहलाते होअय मुझे पुकारा अमहददद डरते डरते आँखें खुली तो अम्मी थोड़ा स्माइल दी और बोली बीटा ये सब ठीक नै है कैसे यी...अम्मी कहते कहते चुप होगयी शर्म उन क आर्य आ रही थी ने अपनी नज़रें नीची कर ली आगे हो कर बोलै अम्मी मेरे से अब नै रहा जाता महीनो से आप क इतने क़रीब आकर बी दूर रहना ये मुझे गवारा नै करता बी दोपहर से मेरी नज़रों सामने आप अपने हुस्न का जलवा दिखा रही थी और रह रह लार तरस रहा तह क कितना बदनसीब हूँ जो इस हुस्न का एक बार आज तक दीदार तक नै किया...अम्मी मेरी बातें सुन कुछ न बोली तो मैं फिर से बोलै क अम्मी आप को पता बी है क इतने महीनो में मैं ने एक बरी बी लूँ का पानी नै निकला पता है मैं कैसे खुद पर कण्ट्रोल किया ये सब आप क कहे की खातिर वीडियो तक नै देखि सोच बी नै सकती मेरे लिए कितना मुश्किल था ये सब...अम्मी पर मेरी इमोशनल बातों का असर थोड़ा थोड़ा हो रहा था आखिर एक आखरी पत्ता अम्मी को फ़ेंक दिया ये था क मैं अम्मी का थमा होआ हाथ चोर वापिस मुर कर जाने लगा तो अम्मी जो क पहले नीचे देख रही थी एक डैम से अपना ढाया हाथ आगे ले जार कर मुझे वापिस जाते होअय मेरे एक बाज़ू को पाकर लिए जिस से मेरे क़दम रुक गए और अंदर हे अंदर ख़ुशी थी बे तहाषा वापिस मुरा तो अम्मी ने मेरी आँखों में देखा तो मेरी थोड़ी नम्म आँखें देख वो एक दम्म से आगे हो मुझे कस कर गले लगा लिया और साथ हे बोली मुझे मुआफ कर दे बच्चे मुझे तो एहसास तक्क नै होआ क मेरे बीटा अपनी माँ खातिर इतना कुछ झेलता आ रहा है क कस कर मुझे सीने लगाने से एक तो उन क मोठे मम्मी किसी घबराय जैसे मेरे से टच होअय और साथ हे उन क बदन की खुसबू मुझे मस्त करने लग पारी...ये बात काफी हद्द तक्क सुच थी क मैं इन महीनो में ब्रा कण्ट्रोल किया था और अम्मी से दर क मरे कुछ नै था बोल पाया इसी लिए थोड़ी आँखें बी नम्म होइ किसी छोटे बच्चे जैसे...अम्मी मुझ से पीछे होइ तो उनका हैवी बदन मेरी नज़रों सामने आने लगा क अब अम्मी को पेही बरी लाइफ में नंगी देखु गए...इन सब क बीच दोपहर वाले एपीआई रमीज़ा क इंसिडेंट बारे मैं इस लिए अम्मी को नै बताया क वो अब्बू से झगड़े गई अब्बू की आँखों में एपीआई रमीज़ा क लिए इतना प्यार जो देख लिया था...अब हम दोनों माँ बेटे बीच स्टोररूम क खरे थे और दोनों में से कोई नै बोल रहा था शर्म रही थी तो आखिर मैं ने दोबारा से प्यार से पुकारा अम्मीईई मेरी आवाज़ सुन अपना फेस ऊपर किया तो उन की आँखों में अभी बी थोड़ी शर्म थी और अम्मी बोली पुत्र कैसे करू शर्म्म आती है तक्क तेरे अब्बू क इलावा किसी ने मुझे बिना कपड़ो क नै देखा...मैं अब थोड़ा कॉन्फिडेंस साथ अम्मी क हाथ दोबारा से थामे और अम्मी की आँखों में देखते होअय बोलै अम्म्मम्मीईई मेरे लिए प्ल्ज़ एक दम्म से थोड़ा मुस्करायी और मेरा चेहरा अपने हाथों में ले कर माथे पे चूम कर बोली पुत्र तेरे लिए तो मेरा सब कुछ हाज़िर है बस्स्स थोड़ा ैक्वार्ड सा फील होरहा क कैसे उतरूं...मैं बोलै अम्मी मैं उतर देता हूँ आप सीढ़ी खरी रहे शर्म से लाल होते बोली तो अब तू खुद अपने हाथों से अपनी माँ को नंगा करे गए...मैं स्माइल करते आगे बढ़ा और अम्मी क सर पे ली होइ चादर को पाकर आराम से उतर दिया बोली रुक जा मुझे शर्म आती है मैं खुद करती हूँ तो मैं पीछे होगया ने धीरे धीरे से अपनी लहंगे क ऊपर पहनी शार्ट कमीज उतरी शमीज़ पहनी थी शमीज़ को पाकर ऊपर किया और वो बी उतर दी ेओ तक्क बिना बपलके झपकें अम्मी की और देख रहा था ऊपर से सिर्फ एक बारे लाल ब्रा में थी में अम्मी क मोठे कैसे होअय मम्मी क़ैद थे का सुडोल पेट और गहरी नाभि मुझे ललचा रही थी अम्मी ने जैसे तैसे शर्म क साथ अपने लहंगे वग़ैरा को उतरा तो उफ़ मेरी तो आँखें चमक उठी अम्मी अब सिर्फ एक लाल ब्रा और लाल पंतय में थी हलक़ मनो एक पल क लिए खुश्क होगया हो मुझे अपनी और यूँ दीवानो की तरह देखते पाया तो थोड़ा शर्मयी और पर साथ मुस्करायी बी और बोली अब बास देख लिया न मैं कपड़े पहन लू..अम्मी की आवाज़ से एक दम्म मैं ने जब दहन दिया तो मैं फिर रुटला मौन बना कर बोलै अम्मी ये क्या बात होइ बी तो उतरे न मुझे पूरा देखना है आपको...अम्मी बास थोड़ा ऊपर से नखरा कर रही थी जैसे हर औरत करती ने बोलै अच्छाआ उतरती हूँ और साथ हे पीछे हाथ ले जा कर ब्रा की हुक खुली तो किसी कंप्रेस्ड स्प्रिंग क जैसे मम्मी जो क़ैद थे ब्रा में वो ेओ डैम से सामने को झटके साथ आये और उन क बदन से ब्रा बी नीचे गिर गया अम्मी क मम्मी हाय मैं तो पागल हे होगया देख कर तक्क कोसी वीडियो में बी मैं ने इतने बारे और वेल शेप्ड मम्मी नै देखे थे से बी लटके होअय नै थे ममते निप्पल्स और इतने बारे साइज में क दोनों हाथों में बी एक मां पूरा न आये...अम्मी क हुस्न में चार चाँद लगा रहे थे अम्मी झुकी और झुकने से उन क मम्मी थोड़े झूले और मेरे तो जैसे मौन में पानी आज्ञा झुक कर पंतय उतारते उतारते रुक गयी और सीढ़ी होकर मेरी और देख बोली बास पुत्र्र बोलै अम्मी पंतय बी उतरे न...अम्मी थोड़ा सीरियस होते बोली नै बीटा ये नै तुझे दिखा सकती पे बास तेरे अब्बू का हक़्क़ है कैसे तुझे दिखा दूँ मुझे शर्म साथ घिन बी आये गई क जहाँ से तुझे निकला वही जगह तुझे दिखाओं...अम्मी क एक डैम से इंकार से मैं तो मनो यक़ीन नै कर पाया क ये क्या होगया...मैं बोलै अम्मी प्ल्ज़ मेरी खातिर एक बरी मुझे डांटने वाले लहजे में बोली अह्मद्द बास बास्त मन बी करो कुछ माँ हूँ कैसे तेरे सामने सब दिखा दूँ...मैं बोलै अम्मी मुझे नै पता मुझे देखनी है वो पाक जगह जहाँ से मैं आया था से नै रहा जाता अब मज़ीद अम्मी...अम्मी बोली बेताऑ नै समझ रहा क मैं नै दिखा सकती मुझे शर्म आती...मैं फिर से नाराज़ होने जैसे मौन बना कर पीछे को मौन फेरने लगा तो अम्मी एक दम्म से बोली ाचा रुक तो सही बीटा तो ब्रा बेसब्र है ज़रा सब्र नै होता छोटे बच्चो जैसे मौन बना लेता है बी कर न क सही माँ हूँ तेरी तुझे अपनी कूख में पला है मैं ने एक दम्म से तेरे सामने....अम्मी कहती कहती रुक गयी बातों में बी डैम था क अम्मी जैसी खातून क लिए ये सब बुहत मुश्किल अमल था अम्मी फिर से झुकी और अपनी पंतय को सिदो से पाकर उतरने लग पारी और पेरो से निकल साइड रख दी और जब सीधे होइ तो उफ्फफ्फ्फ़ मेरे तो होश हे ुर्र गए की फुल सफ़ेद क्लीन शवेद फुद्दी देख मैं तो मनो पागल होगया तक्क जितनी बी फुड़ियाँ वीडियोस में देखि थी उन की तुलना करना बी अम्मी क साथ अम्मी की फुद्दी की तोहीं थी स्किन और अम्मी क टैंगो दरमियान चुप्पी फुद्दी को देख मैं तो जैसे जन्नत देख ली हो...लम्बे घने खुले बाल खूबसूरत फेस मोठे होंठ सुराई दर गर्दन और छाती पे २ बारे बारे मम्मी पेट और नीचे लम्बी हेअल्थी थिएस और पीछे को निकले हीवट हिप्पस में पायल और गले नेकलेस में छुरियां सोने की पे मेहँदी लगी होइ...सुछ में जैसे जन्नत से होर पारी आगयी हो किसी अप्सरा का रूप लग रही थी तक्क मैं इतनी हसीं औरत मई देखि थी रश्क कर रहा था क मेरी अम्मी कितनी खूबसूरत हैं मुझे यूँ अपने जिस्म को घोरते पाया तो शर्म से उनका चेहरा लाल होगया...मेरे मौन से बास इतना हे निकला अम्मी आप सुच में हुस्न क मलका है सुन बोली धत्त कुछ बी बोलता है अब मैं कपड़े पहन तू ने तो देख लिया जो देखना था बोलै अम्मी अभी कहाँ...ज़रा मुर कर अपनी बैक तो दिखाए किसी हसीना जैसे बरी ऐडा से मूर्ति और दूसरी और चेहर किया तो उन क लम्बे बाल बल कहती कमर तक आ रहे थे बरी चउरवे साथ उन क मोठे चुतर बाहिर को फैले होआ थे और इतने बारे क आज तक्क नै देखे मोती हेअल्थी थिएस...अम्मी तो अपने हुस्न का केहर ध रही थी सुछ में...अम्मी तब सीढ़ी होगयी और मुस्कराते होअय बोली अब बास न थोड़ा आगे बढ़ा तो अम्मी बोली नै पुत्र मेरे पास नै आना इस हालत में बोलै क्यों अम्मी अम्मी जवाब दिया क मुझे दर है कहीं बहक न जाओं...अम्मी की बात सुन मेरी पंत में बी लूँ ने एक झटका मारा बोलै अम्मी कुछ नै होता बास एक बरी यूँही मेरे लूँ की मालिश कर दे मैं और कुछ नै कहूंगा पहले तो मना किया फिर राज़ी होगयी...अपने भर बदन साथ जब वो थोड़ा चल मेरी और आ रही थी तो सुछ में कमल लग रही थी क मोठे मम्मी हिलते होअय केहर ध रहे थे और सुडोल पेट क सारः बल कहती कमर उफ़ मैं तो ऊपर से नीचे देखता हे रह गया मुझे यूँ घोरता देख थोड़ा लाल होगयी और बिलकुल मेरे पास आकर खरी होगयी...मेरी आँखों में उतावलेपन और अंजनी सी ख़ुशी देख बोली तुझे क्या मैं इतनी अछि लगती हूँ जो ऐसे दीवानो जैसे देखि जा रहा है किसी छोटे बच्चे जैसे बिना बोले चमकती आँखों साथ हाँ में सर हिलाया तो अम्मी मुस्करा दी नज़र लगातार अम्मी क रसीले होंटो पे थी जो बोलते वक़्त बारे अचे लग रहे थे तो कर रहा था आगे बार चूम लू पर हिम्मत नै होइ...फिर जब मम्मो की और देखा तो एक डैम क लिए जैसे मौन में पानी सा आज्ञा क़रीब से पहली बरी अम्मी क नंगे मम्मी देख रहा था राउंड शेप में नरम नरम से लग रहे थे ब्राउन से निप्पल्स और वाइट स्किन उन की उफ़ एक मां एटलीस्ट ५ किलो का होआ इतने हैवी थे दोनों मम्मी ख़ास बात ये थी क इस आगे में बी ज़रा से बी लटके होअय या निप्पल्स नीचे को नै थे बल के बिलकुल सीधे थे...पता नै कितनी बार अम्मी क क्लीवेज को देख मेरी राल टपकी थी पर आज यूँ इतना नज़रों क क़रीब और नंगा देख अम्मॉ क मम्मो को मेरा मैं अंदर से ख़ुशी से झूम उठा था...अम्मी अब थोड़ा रिलैक्स होगयी थी पता था मेरे में तो इतनी हिम्मत है नैंक कुछ करने में पहल करूँ...मेरी आँखों में देख बोली बीटा ये सब सिर्फ तेरी ज़िद्द देख कर रही और प्रॉमिस कर तू किसी को नै बताये गए बोलै अम्मी आज तक किसी को बताया क्या मैं छोटा बच्चा नै रहा अब...अम्मी मेरी आँखों में शरारती लहजे में देखा और फिर नीचे मेरो पंत ंव बने तम्बू को देख बोली हाँ हाँ जानती हूँ अब तू बच्चा नै रहा...अम्मी की बात का मतलब समझ मैं शर्मा सा गया और अम्मी साथ मैं बी मुस्कराने लग प्र...बाहिर बारिश अब थोड़ा तेज़ होरही थी बोली अब बाहिर जाने से तो रहे से ाचा तेरी हेल्प कर दूँ क्या याद करेगा तू बी बारे फ़ख़्रिये अंदाज़ में थोड़ा फन में कहा तो मैं बी हंस दिया क चलो अम्मी अब शर्मा नै रही...उन्हें लग हे नै था रहा क वो अपने बेटव सामने पूरी नंगी हैं...किसी अछि माँ की तरह वो आगे होइ और खरे खरे हे मेरे कपड़े उतरने लग पारी से नंगा कर उन्हों ने मेरा बेल्ट खोल जब पंत नीचे उतरने लगी तो इस क लिए उन्हें बी नीचे बैठना प्र तो उन क मेरे बिलकुल सामने झुकने से उन क मोठे मम्मो मेरी नज़रों सामने थे इसी चक्र में मेरा लूँ बेक़ाबू सा होरहा था मेरी पंत मेरे पेरो से निकल साइड कर दी फिर अंडरवियर जब उतरा तो लूँ एक झटका मर अम्मी को सलामी ठोकते उन क फेस क बिलकुल सामने आज्ञा...अम्मी एक पल क लिए उछली पीछे को और फिर थोड़ा हंस कर मेरी मेरी थिएस पे एक थापर मर बोली तूबह पुत्र्र तू तो मुझे द्र हे दिया से खरा किया घूम रहा है...अब नज़ारा कमल का था क बीच ो बीच मैं फर्श में नन्हे पाऊँ खरा था बिलकुल नंगा और मेरे सामने मेरे क़दमों में पेरो बल बैठी अम्मी किसी हुस्न की मलका जैसे लैह रही थी भरी बदन साथ उन क लम्बे बाल फेस और मोठे मम्मी जो जो शे उस वक़्त मेरी नज़रों सामने आयी मैं तो देख मदहोश सा होगया से पहले हमेशा अम्मी कपड़ो में या बारे हे करम किया होगा अम्मी ने तो ब्रा में देखा होगा मालिश करते मेरे लूँ की पर आज नज़ारा कुछ और था...अम्मी क चेहरे से ढेर २ इनचेस दूर मेरा लूँ जोश में झटके मर रहा था जैसे उसे अपनी मंज़ल इतने पास दिख गयी हो और अब उस से रहा न जा रहा हो...तभी अम्मी ने अपने दोनों नरम हाथ आगे बढ़ा कर मेरे खरे लूँ को जूनही पकड़ा मेरे प्रे बदन में एक सनसनी सी ढोर उठी क नरम हाथों क एहसास को मेरी रूह तक्क ने महसूस किया हो जैसे...मेरे मौन से एक सिसकी निकली दोनों हाथो से मेरे लूँ को थोड़ा सहलाया तो एक डैम से अम्मी बोली अहमद बीटा मैं मदहोशी क आलम में पहली बरी नै सुना तो अम्मी दोबारा ऊपर को देख मेरी और मुखातिब होइ अहमदददद एक डैम से आईज खोल बोलै हाँ अम्मी बोली पुत्र मालिश कैसे करूँ वाली शीशी तो नीचे है और अब जाया बी नै जायेगा नीचे रूम में बी कोई नै है आयल वग़ैरा...अम्मी को यूँ कहता देख मेरे दिमाग़ में ख्याल आया और मैं बोलै अम्मी तो क्या होआ अगर तेल नै है ऐसे करे ढेर सारा थूक मेरे लूँ पे लगाए फिर उसे मॉल मॉल कर मालिश करे मेरी बात सुन चींईईई ऐसे बी कोई करता है क्या अहमद तो नै करने वाली...मैं बोलै अम्मी सुच में ऐसा होता है इवन क लूँ को मौन बी लिया जाता है क लिए ये बात शॉकिंग थी ने अपनी पूरी ज़िन्दगी परदे और रेस्ट्रिक्शन्स में गुज़री थी उन क तो वेहम ो गमन में बी नै था क लूँ को चूसा बी जाता है...इसी लिए मेरी बात सुन उन्हों ने बुरा सा मौन बनाया और बोली तूबह अह्मद्द ऐसा कोण करता होगा तो पेशाब वाली जगज है भला कैसे मौन में लेते होंगे...मैं अम्मी को बोलै सुछ में अम्मी ब्रा मज़ा आता है लूँ चूसने का बी तरय कर सकती.. अम्मी एक डैम से बोली न बाबा न ये ग़लीज़ काम मेरे से नै होते सारे शोक अपनी बीवी से पोरे करवाना की बातें सुन मैं थोड़ा डिसअप्पोइंट होआ क्यों क तब का अम्मी क रसीले होंठों क देख यही इमेजिन कर रहा था उफ्फ्फ कैसे मेरे लूँ की टोपी ऊपर ये रसीले होंठ जुड़े गए...पर यहाँ तो अम्मी ने एक डैम से ना कर दी...मैं बी कहाँ हिम्मत हरने वाला था अब सुनहरी मौक़ा हाथ से नै जाने देना छह रहा था तो एक आईडिया आया अम्मी को राज़ी करने का बोलै अम्मी अगर मैं आपको दिखाओं क सुछ में लूँ बारे होक से चूसती औरतें और ख़ास तोर पे मायें अपने बेटो का लूँ बरी छह से चूसती बोली मुझे पता तुम अपने से मन घृत कहानिया सुना मुझे क़ायल करना छह रहे...मैं अम्मी को उठाया और बोलै रुके मैं आपको दिखता हूँ बोली क्या दिखने लगे हो...मैं जल्दी से अपनी उतरी होइ पंत की जेब में से सेल निकला और एक सरप्राइज वीडियो जो कल हे मुझे मेरे बेस्ट फ्रेंड की और से मिली थी उसे ओपन किया और प्ले करने से पहले अम्मी को बोलै अम्मी चलो वहां आराम से साथ बेथ देखते हैं फर्श पे ठण्ड है काफी बोली अच्छ रुक मैं कपड़े पहन लेती हूँ फिर इतना कह जूनही मूर्ति मैं उन का बाज़ू पाकर लिया और उन्हों ने पीछे मुर जब देखा तो मैं थोड़ा हक़्क़ से बोलै अम्मी आज रात आप मेरी हैं बास लिए कोई कपड़े नै पहने गई...अम्मी बोली पर बीटा मैं एक दम्म से आगे भर उन क रसीले होंटो पे ऊँगली रख बोलै अम्मी आपको मेरी क़सम आज आप मुझे नै रोके गई एक डैम से ये रुक थोड़ा शॉक ज़रूर होइ पर साथ हे बोली पुत्र ये सब ठीक नै बिलकुल बी नै समझ रहा मैं एक डैम और आगे बार उनकी आँखों में आँखें दाल देख धीरे से बोलै अम्मी आप मुझ से प्यार नै न करती और एक साद सा फेस बना लिया और नौटंकी करते नीचे को देखने लग प्र जैसे नाराज़गी हो दोस्त सही कहता था कोई अम्मी उस की अम्मी जितना प्यार नै कर सकती जितना उस की अम्मी उस को करती कह मैं और साद सा मौन बनाया तो अम्मी एक दम्म से मेरी और आ कर मेरे चेहरे को सहलाती बोली उफ्फ्फ खुदाया कितना लड़कियों जैसे पल पल नाराज़ होने को फिरता है पे तो सब कुछ वॉर दूँ मेरे सोने पुत्र नै पहनती कपड़े चल अब दिखा वीडियो और ये तेरा कोनसा दोस्त है जो तेरे से बोलता है क उस की अम्मी उस से ज़्यादा प्यार करती हैं मेरे से बी ज़्यादा...मैं थोड़ा मुस्करा कर अम्मी का हाथ थामे बोलै रुके बताता हूँ अम्मी का हाथ पाकर सामने परे बीएड पे जा बिठाया थोड़ा ित्रयी पर फिर पैर नीचे कर बीएड पे बेथ गयी पोरे अमल क दौरान अम्मी अपनी टैंगो को जोर अपनी फुद्दी को जैसे छुपा सी रही थी....ठण्ड काफी बर्र सी गयी थी तो ३ नरम वाले बारे गद्दे उठे और उन्हें बीएड की पुराणी मैट्रेस्स क ऊपर बिछा दिया जिस से एक तो बीएड थोड़ा ऊंचा ऊंचा लगने लग प्र दोसरा बिस्टेर अब काफी नरम सा होगया मुझे पोछती रह गयी क ये क्यों कर रहा है पुत्र मैं बास इतना बोलै क अम्मी ठण्ड काफी बार गयी है...बिस्टेर सही लगाए सेट कर हम दोनों माँ बेटे बीएड साथ पीछे को टैक लगा कर टाँगे बिछा कर बेथ गए पूरी तरय की क मेरे बदन का कोई हिस्सा उन से टच न हो पाए...एक ब्लैंकेट मैं हम दोनों की टांगो ऊपर बी कर दी और अम्मी की और प्यार से देखने लग प्र थोड़ा मुस्करायी और बोली अब दिखा बी क्या दिखन चाहता था राइट साइड था तो मैं अम्मी का राइट हैंड पाकर उसे ब्लैंकेट थोड़ी सिडेण्कर अपने नंगे खरे लूँ पे रख दिया इस अमल से थोड़ा मुस्करायी तो मैं बोलै अम्मी थोड़ा इस का बी साथ ख्याल रख ले न...अम्मी अपने नरम राइट हैंड में लूँ को झाकरे थोड़ा सहलाया तो मेरे मौन से एक सीईईईई निकली मज़े की...इस पोज़ में अब मैं सेल सही से पाकर कर अम्मी को दिखने लग प्र...अब यहाँ थोड़ा एक और करैक्टर का बताता चालू जिस की वजह से काफी हद्द तक मैं अम्मी को अपने साथ तालुक बनाने पर मना स्का...हमारी गाओं की क्रिकेट टीम का कप्तान एक लड़का का नाम मोहिद था सुलझा होआ और पढ़ने वाला बच्चा था क्लास फेलो था और काफी ाचा दोस्त बी था गाओं का हे रहने वाला था क अब्बू की डेथ हो चुकी थी और अम्मी कॉलेज हेड टीचर थी फैक्ट हमारे हे कॉलेज में हेड टीचर थी एक बरी बहिन की शादी हो चुकी थी और खुद मेरे साथ हे पढ़ता था वो ११थ में प्रमोट होगया था दोनों की काफी बनती थी अकथाय खेलते थे में वो बी मेरी तरह ब्रा नालायक़ होआ करता था तभी तो हमारी दोस्ती हो सकीय फिर १०थ में पता नै क्या करिश्मा होआ क वो पढ़ने वाला बच्चा बन गया और अचे नंबर्स बी ले गया कोई दिन ऐसा नै था जाता जब उस की अम्मी उस को डाँडो साथ उस को न मरती...उस की अम्मी का नाम सेहर बनो था सब उन्हें सेहर टीचर कह कर पुकारते थे हे सख्त टीचर थी क्या लड़के बी उन से बुहत डरते थे उन क हाथ में एक बांस का डंडा रहता ग़ुस्से में देखा हम लोगो ने उन्हें मैं उनकी दर क मरे कभी उन क घर मोहिद से मिलने गया क क्यों क एक आध बार मुझे बी मर चुकी थी उन से लड़के उन्हें हिटलर बी कहते थे...सेहर बनो आंटी पठान बैकग्राउंड से थी छोरा कद्द हैवी जिस्म...खैर ये सब बताने की वजह थी क थोड़ा चरक्टेर्स इंट्रोडक्शन होजाये... मोहिद लोगो का घर कॉलेज क पास हे था और हम लोगो क घर से थोड़ा दूर हे मोहिद बी एपीआई की शादी पे आया था और मेरा काफी हाथ बताया था उस ने सब क बीच में मैं ने उसे एक लड़के साथ गैस सिलिंडर लेने भेज दिया बाइक पे और जल्दी में उस का सेल वही रह गया जिसे मैं ने उठा लिया की अम्मी नै आयी थी शादी पे हालां क अम्मी से उन की अछि खासी जान पहचान थी वाले दिन बास आयी थी...खैर मैं काम में लगा था क तभी मुझे विब्रेशन्स सी फील होइ मैं अपना सेल देखा तो कोई कॉल नै तभी दूसरी जेब में हाथ डाला तो याद आया क मोहिद ला सेल मेरे पास है...अब ज़रा मोहिद क बारे में बताता चालू क वो मेरी तरह दुबला पतला और छोटे कद्द का लड़का था...तो कॉल आयी तो ऊपर होम लिखा होआ था पहले तो थोड़ा द्र क सेहर आंटी है कॉल उठायी तो मेरे से पहले बोलै हे नै गया सेल कान साथ लगाया तो आगे से आवाज़ मोहिद पुत्र आते वक़्त याद से कंडोम्स का पैकेट लेते आना क ख़त्म हो चुके कंडोम्स बाद में फिर मसला बनता है...मैं हम्म्म्म कर जवाब दिया तो आगे से कॉल कट होगयी...आंटी की बातें सुन मेरी तो कान खरे होगये क आंटी मोहिद से कंडोम्स लेन का बोल रही माँ कैसे अपने हे बेटे से ये कह सकती दिमाग़ में कुछ कुछ खिचड़ी समझ आने लग पारी तो मैं जल्दी से मोहिद क सेल की स्क्रीन को ों किया तो सामने पासवर्ड मांग रहा था सेल तो आता नै था तो सोचा चलो तरय कर क देखते है पहले सोचा पक्का मोहिद ने उसी लड़की क नाम से पासवर्ड रखा होगा जो उस का कॉलेज में क्रश है पर रॉंग पासवर्ड लिखा आया मोहिद का अपना नाम टाइप किया तो फिर से रॉंग पासवर्ड थोड़ी देर सोच मैं टाइप किया 'सेहर बनो" तो लॉक खुल गया तो जैसे ख़ुशी मरे जम्प लगा दिया थोड़ा सा क याहूऊओ जैसे बुहत ब्रा कारनामा सर अंजाम दिया हो...सेल ज़रा ाचा क्वालिटी का था दिनों टच मोबाइल्स नए नए मशहूर होअय थे का लॉक खोलते हे मैं सीधा पिक्स में गया तो कुछ नै मिला काईन थोड़ा डिसअप्पोइंट होआ फिर एक डैम से वीडियोस का ख्याल आया तो वीडियोस में जब गया तो उफ्फ्फ ९ वीडियोस थी खुद से बनाई गयी सेल से मिनट्स की एक एक वीडियो थी वो...मैं बजाए इस क उस वक़्त उन्हें देखता मैं अपना सेल निकल सब वीडियोस को अपने सेल में ट्रांसफर कर दिया २५ मिनट्स लगे सेंड होने में साडी वीडियोस पर शुक्र है तब तक मोहिद आया था न वापिस वैसे हे दोबारा सब सेंडिंग हिस्ट्री डिलीट कर सेल लॉक कर अपने जेब में दाल दिया और जब मोहिद आया उसे दे दिया ज़रा शक नै होआ..उन्ही वीडियोस में से एक वीडियो अब मई बीएड पे बैठी अपने साथ अपनी अम्मी को दिखने लगा था...वीडियो शुरू होइ जब मोहिद ने अपनी अम्मी क रूम क अंदर बीएड क बिलकुल साइड पे ड्रेसिंग पे अपना सेल रख दिया जिस से पूरा बीएड कैमरा में आ रहा था कॉलेज यूनिफार्म में था जैसे अभी अभी कॉलेज से आया हो बी कंधे पे हे था बाहिर वाले दूर की जैसे बेल्ल की आवाज़ आयी हो जैसे कोई आया हो रूम से बाहिर चला गया तो वीडियो में कोई नज़र नै आया...तभी मोहिद की अम्मी उसी बैडरूम में एंटर होइ ने एक खुली सी शलवार कमीज पहनी थी अचे से ढांप रखा था हाथ में एक हैंड बैग से सीधे आयी लगती थी...तभी उन क पीछे से मोहिद बी रूम में एंटी होआ और अंदर से रूम लॉक करने की आवाज़ आयी और तभी जो होआ उसे देख अम्मॉ थोड़ा हैरान होइ का कद्द छोटा था अपनी अम्मी से काफी तो पीछे अपनी अम्मी को बाहों में ले लेता है सेहर आंटी की बैक पे थोड़ा लूँ रगड़ने लग प्र कुछ न बोली और न हे हिली दुली एक दम्म से मोहिद आंटी क पीछे से हट सीधा खरा होआ और ाउण्ट उस क आगे क़दमों में बेथ गयी और खुदी उस क कॉलेज यूनिफार्म की पंत उतर दी उस का खरा मोटा लूँ एक दम्म से बाहिर आज्ञा तक़रीबन मेरे हे साइज का था पर मोटा थोड़ा ज़्यादा लग रहा था...मोहिद क लूँ को पाकर उस की माँ ने एक डैम से उसे अपने मौन में ले लिया और मोहिद की मौन से एक सिसकारी निकली hayeeeeeeeeeeee अम्म्मम्मीी....ये सन जब अम्मी ने देखा तो उन क तो होश हे ुर गए मेरिये खुदाया ये तो सेहर बनो है न और ये लड़का तेरा दोस्त मोहिद है न कैसे अपने हे बेटे क लूँ को चूस सी रही ये सब सुच है क्या बोलै हाँ अम्मी मुझे बी आज हे पता चला...अम्मी बोली कोई सोच बी नै सकता इन् क बारे में क ये सब कर सकते ये लोग छोटा सा है मोहिद और काम देखो वाला इन् को हदयेत दे...अम्मी शुरू शुर में ब्रा बुरा बला कहा उन्हें फिर कोई ५ मं गुज़रे होंगे क वीडियो में मोहिद ने अपनी माँ को लूँ चुसवाना चोर उन्हें खरा किया और बीएड की और मौन करा क आंटी को झुका दिया और एक दम्म से उन की शलवार और पंतय समेत उतर उन कुंकमीज़ ऊपर कमर तक्क कर दी ये सब कुछ सेकण्ड्स क अंदर होआ का कद्द बी मेरी तरह छोटा था अपनी माँ से तो उस ने एक स्टूल साइड से पाकर अपनी अम्मी की बैक साइड पे टांगो पास रखा और उस पर चार गया लेवल बराबर करने क लिए बनो आंटी की गांड बी काफी फैली होइ और हैवी थी काफी एक्सपेरिएंस्ड लग रहा था उस ने अपनी माँ क चुतर पीछे से पहिलाये और पोजीशन सेट कर अपने लूँ को पीछे स्व फुद्दी पे रख एक ज़ोर दर झांकता दे मारा और उस की माँ की एक दर्द भरी चीख साथ चीला उठी "होलीई कजरा..." और साथ हे मोहिद पागलो जैसे स्टूल पे खरे खरे बरी तेज़ी से अपनी अम्मी की फुद्दी मरना शुरू होगया...ये मंज़र देख तो अम्मी ने बाये हाथ से अपने मौन पे रख हूऊऊ वाला पोज़ किया हैरानी से और दये हाथ से मेरे लूंण को थोड़ा झाकर सा लिया मेरे मौन से आआह निकली दर्द भरी...अम्मी थोड़ा होश में आयी तो उन्हें अपनी ग़लती रीलीज़ होइ तो मेरे लूँ को चोरे बोली सॉरी बीटा वो बास वीडियो में ऐसी खो गयी...तूबह अह्मद्द ये सब बी होता है इस दुनिआ में एक माँ अपनों कूख से जाने बेटे का साथ की की...अम्मी की बातें सुन मैं बोलै हम लोग अपनी नज़रो से उन्हें देख जज कर रहे कभी सोचा आंटी सेहर बनो बी एक औरतट है उन की बी कुछ ज़रूरतें हैं क अब्बू को मरे १० साल होगये है तब से आंटी ने एक एक रात अकेले गुज़री होगी खुदी इमेजिन करे कैसे बर्दाश्त किया होगा उन्हों ने...अब जब पाल पास क मोहिद को इतना ब्रा किया है तो क्या उन का अपने बेटे पे कोई हक़्क़ नै वो बाहिर अपनी इज़्ज़त लुटा रही तो अपनी चार दीवारी क अंदर सब की नज़रों से परे होकर कर रहे...खुदी देखे कितने मज़े से आंटी चीख रही और बीटा पूरी मेह्नत्त साथ लगा हैं को इन सब में प्यार नज़र नै आ रहा... मेरे मौन से इतनी साडी बातें खुदी निकल गयी मुझे पता बी नै चला फ्लो में क्या कुछ बोलता क्या हैरानी से आँखें पहरे मुझे देख रही थी.... अम्मी का राइट हैंड ाभ्ही बी मेरे लूँ को दबोचे होअय था और अब अम्मी क जिस्म में थोड़ी तब्दीली आना शुरू होगयी थी की आँखों में मदहोशी थोड़ी छह रही थी का असर होरहा रहा था और साथ मेरी बातों का बी कुछ नै बोली बास धीरे धीरे वैसे हे मेरे खरे लूँ को हिलने लग पारी सूखा हे...कुछ पल बीते क मैं देखा अम्मी का पूरा दहन अब वीडियो में था और साथ एक हाथ से मेरे लूँ को मसल बी रही थी सूखा था तो आखिर मैं अम्मी को अपनी और मुतवज्जह करवाए क अम्मी थूक लगाए न यूँ सूखी रैगर से उलझन सी होरही मेरे बच्चों जैसे लहजे में कहे सवाल को सुन एक पल क मेरी और बरी सीरियसनेस स देखा फिर उन्हें पता नै क्या सूझी क अपना दया हाथ लूँ से हटा अपने फेस पास ले गयी और थूक कर वही गीला हाथ थूक वाला लूँ क ऊपर मॉल दिया चेहरे पे एक डैम से स्माइल आगयी क जिसे अम्मी गन्दा गन्दा समझ रही थी
27-02-2019, 06:56 PM
अब कुछ नै कह रही थी...अम्मी क लूँ क ऊपर नरम हाथ चलने से अब मुझे बी मज़ा आने लग प्र था काफी चमक बी रहा रहा अम्मी क थूक से...अम्मी का लगातार दहन सेल फ़ोन की स्क्रीन पर था मैं अम्मी को चीरने क लिए बोलै अम्मी इतनी घोर से क्या देख रही तो अम्मी को अचानक अपनी ग़लती का एहसास होआ क पिछले काफी मिनट्स से वो लगातार वीडियो को हे देखि जा रही है...अम्मी एक डैम से थोड़ी हरबराहट साथ बोली कुछ नै कुछ नै...साथ मेरे लूँ को थोड़ा ज़ोर से मसला और बोली खुदी खुदी तो बोलै है क लो अम्मी देख लो...वैसे अहमद बीटा तेरी बात है सुछ कितने प्यार से लगा है मोहिद...मैं इसी बहाने अम्मी साथ और जुड़ गया और एक हाथ उन क मोठे मम्मो पर ले गया और उन्हें सहलाने लगा इतना नोटिस नै किया क्यों क वो वीडियो में हे मगन थी...मेरा हौसला ब्रा तो मैं नरम मम्मो को दबाया थोड़ा अम्मी की एक हलकी सिसकी निकली पर नज़रे अम्मी की अभी बी फ़ोन स्क्रीन पर थी सोचा इस बात का फायदा उठाते है और एक हाथ धीरे धीरे अम्मी क पेट से होता ब्लैंकेट अंदर उनकी जुड़ी टांगो क अंदर डाला और जूनही मेरा हाथ अम्मी की फुद्दी क ऊपर वाले हिस्से पर टच होआ अम्मी एक दम्म से सीढ़ी होगयी और मेरी और थोड़ा ग़ुस्से से देख बोली अहमद ये तू क्या कर रहा है...मैं थोड़ा सहमे लहजे में बोलै अम्मी मैं आप से बृहत्त प्यार करता हूँ और अब मेरे से बी नै रहा जाता सूची हे सर झुका लिया मैं साद सा मौन बनाया...अम्मी बोली देख बीटा मैं मानती हूँ तू बृहत्त प्यार करता है मेरे से और मैं बी करती हूँ पर समझ न ये सब नै हो सकता माँ हूँ तेरी पुत्र्र...मैं वीडियो और इशारा कर बोलै अम्मी मोहिद और उस की अम्मी बी तो करते हैं फिर हम क्यों नै बोली पुत्र देख सेहर बनो बेवा है उस का शोहर मरे अरसा होगया उस का मामला और है मेरी बात तो तेरे अब्बू अभी अचे भले है मैं क्यों उन् क होते उनकी अमानत में खयानतत करूँ...अम्मी की बातें सुन मैं फुल चिर गया होआ था क इतनी देर से अम्मी को मनाने की तरय कर रहा हूँ और अम्मी है क मान नै रही थी...मैं अम्मी का हाथ पाकर अपने सर पे रख बोलै अम्मी खाये मेरी क़सम क अब्बू अब आप में इंटरेस्ट लेते हैं और लास्ट टाइम अब्बू ने आप क साथ कब किया...अम्मी मेरा हाथ झटक बोली ये क्या बेहूदगी है अहमद ऐसा कोई बोलता है हैं वो तुम्हारे...अम्मी हाथ सर से हटाने लगी तो मैं हाथ मज़बूती से पकड़े रख बोलै अम्मी आज आपको बताना परे गए प्ल्ज़ मेरी क़सम थोड़ा रेसिस्ट किया पर कुछ पल बाद बोली हाँ तेरे अब्बू अब वैसे इंटरेस्ट नै लेते पर इस का मतलब ये थोड़ी न क मैं तेरे साथ....अम्मी कहते कहते रुक गयी दोबारा पोछा क लास्ट टाइम कब किया अब्बू ने आप साथ न बताने वाले मूड में बोली अहमददददद ज़िद पे दता रहा तो अम्मी बताया क तक़रीबन ५ साल होगये है लास्ट किये...अम्मी की बात सुन मैं तो हैरान रह गया क अम्मी जैसी खूबसूरत और भरी जिस्म की मालिक औरत बीवी हो अपनी और बाँदा ५ साल कुछ नै करे दी लानत है उस क नसीब पस...ये सब मैं दिल में सोचा...अम्मी बता कर थोड़ा शर्मायी ज़रूर और मेरे लूँ से बी अब हाथ हटा दिया और ब्लैंकेट से निकल उठ खरी होइ बोली अब बास मैं जाने लगी हूँ जब उठी थी तो उन क बिस्टेर वाली साइड पे जहाँ वो बैठी थी वहां से बेडशीट गीली नज़र आ रही थी मीन्स अम्मी की फुद्दी ने बी पक्का रस छोरा था और उनका बी ग किया होगा...अम्मी बीएड से उत्तर जूनही आगे बरही थोड़ा तो उन क हैवी बाहिर को निकले चुतर देख मेरे से नै रहा गया और मैं एक डैम से अपनी जगह से उठ अम्मी को पीछे से जपहि दाल पि और पागलो जैसे उनकी बैक पे किसिंग शुरू कर दी का जिस्म बुहत छोरा था तो मेरी झफी में बी पूरा नै था आ रहा जब मेरा खरा लूँ अपनी नंगी गांड पे फील किया तो एक डैम से मुझे पीछे करते बोली बीटा ये तो क्या कर रहा है चोर दे मुझे...अम्मी ज़ुबान से कह तो रही थी क चोर दो पर उन् क जिस्म की मूवमेंट्स और उनकी न होने क बराबर बॉडी रेजिस्टेंस साफ़ बता रही थी क उन्हें बी थोड़ा ाचा लग रहा था...थोड़ा झापकपाई ज़रूरी मेरी बाहों में पर फिर थोड़ा रिलैक्स होगयी लगातार उनकी बैक को चूमि जा रहा था और उन क मौन से बी सिसकारी निकलती रही ३ मिनट्स हम दोनों माँ बेटे ऐसे हे खरे एक दूसरे साथ जुड़े रहे बीच मेरे लूँ लहतर अम्मी क हिप्पस में धंसी जा रहा था रैगर बी कमल की थी इतने बारे हैवी चुत्रो साथ खुद क लूँ को बिना किसी परदे क लगा देख मैं तो पागल सा होगया...तभी अम्मी एक दम्म से मुझे पीछे कर सीढ़ी खरी होइ और मेरी और देखते होअय हांफती साँसों साथ थोड़ा मदहोशी में बोली बीटा आखिर तू चाहता क्या है... अम्मी क पोछने पर क मैं क्या चाहता हूँ मैं अम्मी की और थोड़ा धीरे से बढ़ा क मोठे मम्मी और गदराया जिस्म किस मैगनेट की तरह मुझे अपनी और खींच रहा था क हुस्न क आगे कोई बूढ़ा लूँ पे खरा होजाये बला की खूबसूरत लग रही थी तब फुल नंगी...मुझे पास आते देख अम्मी बोली अहमद पुत्र ये सब ठीक नै है रुक जा...मैं बिना कुछ जवाब दिया आगे बढ़ता गया मुझे बार बार कह रही थी क बीटा ये सब ठीक नै है ठहर जा मेरे पास मैट आओ बर्दाश्त नै कर पाऊँगी...अम्मी मौन से तो कह रही क पास मैट आओ पर बॉडी उनकी वही की वही थी...अंदर हे अंदर अम्मी क सालो से छुपे जज़्बात बी कहीं कहीं झाग रहे थे लिए उन् क मुझे रोकने की कोशिश में वो दम्म नै था...अम्मी क बिलकुल पास जब आज्ञा तो अम्मी मुझे फिर बीटा प्ल्ज़ न कर ये सब ठीक नै है लम्बी लम्बी साँसे बता रही थी क मेरे उन् क क़रीब जाने से उनका झी बी कहीं कहीं कर रहा था क मैं आगे मज़ीद बरहु...आखिर बिलकुल साथ होकर मैं अम्मी का एक मुझे मना करने वाला हाथ मैं ने अपने हाथ में लिया और उसे चूम अम्मी को वापिस बीएड की जाने का इशारा किया बिना कुछ बोले हे ने ना में सर हिलाया मैं प्यार से बोलै अम्मी प्लीज मेरी आँखों में देख थोड़ी देर रुकी फिर मेरे कहने पर बीएड की और आयी और मैं उन्हें बैठने का इशारा किया...ये सब अमल बृहत्त हे स्लो और किसी रोमांटिक मूवी क सन की तरह होरहा था क चेहरे पर अभी बी हैरानगी वाली फीलिंग्स थी कुछ पे टाँगे नीचे कर बैठी थी और अपनी टाँगे फुल जुड़ी होइ थी...मैं बीएड पे बैठी अम्मी क बिलकुल पास गया और अम्मी की और देखा तो उन्हों ने आईज नीचे की होइ थी जैसे शर्म क मरे...मैं उन्हें पुकारा कुछ न बोली...अम्मी किसी कुंवारी दुल्हन की तरह बेहवे कर रही थी उनका सारा रॉब डाब दबा जैसे हवा क झोंके जैसे ग़ायब होगया था पहले वो बारे कॉन्फिडेंस साथ बला झिझक मेरे लूँ की मालिश करती आयी थी और कहाँ अभी वो बीएड पे सर झुकाये बैठी थी...मैं ढाया हाथ आगे बढ़ा कर उनकी चीन से उनका फेस ऊपर किया तो उनकी आँखे जूनही ऊपर होते मेरे फुल तने होअय लूँ पे पारी जो उन क अपने लगाए होअय थूक की वजह से चमक सा रहा था की आँखे वही थम्म सी गयी क्यों क लूँ का साइज उन्हें बी मेरे जैसे नार्मल से ज़्यादा हे लग रहा था तब क रसीले मोठे होंठों से कोई क़रीब ५ इंच की दुरी पर मेरे लूँ की टोपी थी मुसलसल वो देखि जा रही थी...मेरे मैं तो ब्रा किया क अम्मी क चेहरा अपने खरे लूँ की और दबाव और उन्हें इशारा दूँ क अम्मी जैसे वीडियो में आंटी सेहर बनो अपने सघे बेटे का लूँ बारे मज़े से चूस रही थी वैसे आप बी ज़रा अपने बेटे क लूँ पर थोड़ी नज़र इ करम करे फिर पता नै अम्मी क वही रॉब कह ले या इज़्ज़त जो मेरी नज़रों में बुहत थी उसे सामने रख मैं किसी बी ज़बरदस्ती वाले काम से परहेज़ हे करना बेहतर समझा...इस की एक वजह ये बी थी क अम्मी ने अभी तक्क कोई ख़ास रेसिस्ट नै किया था मीन्स काफी हद्द तक्क वो राज़ी हो चुकी थी तो मैं भला क्यों ज़बरदस्ती कर रंग में भंग्ग वाला हिसाब करूँ...अम्मी क लगातार लूँ को देख मैं उनकी चीन पे थोड़ा ऊपर को दबाओ डाला जिस से वो थोड़ा जैसे होश में आयी किसी और हे दुनिआ से...चीन जूनही ऊपर की तो अम्मी की नज़रे मेरे नज़रों से ऊपर को मिली तो अम्मी क चेहरे काफी हद्द तक्क लाल होगया और उनकी आँखों में बी काफी शर्म नज़र आ रही थी जिस क चलते ३ से ४ सेकण्ड्स हे वो मेरी नज़रों में देख पायी फिर किसी मग़रूर हसीना जैसे मेरा हाथ साइड कर अपना फेस नीचे कर लिया...अम्मी की इस ऐडा से मैं सूरे होगया क वो राज़ी हैं...मैं बोलै अम्मी सीढ़ी लेत जाये मौन से ये अलफ़ाज़ निकलने की देर थी क अम्मी फ़ौरन से सीधे लेत गयी आँखों से उनकी स्माइल साफ़ झलक रही थी...अम्मी क सीधे लेटने पर उन क मोठे मम्मो को देख मेरे मौन में जैसे पानी सा आज्ञा हो से मम्मी और बी बारे लगते थे...कुछ देर यूँही मैं खरे खरे बीएड किनारे अम्मी क नंगे हुस्न का जाम पीटा रहा अपनी आँखों क प्याले से अम्मी का बदन फुर्सतत में बनाया गया था...लम्बे बाल मुस्कराती आईज होंठ गाल मुलायम नज़र आ रही नैक पे दो बारे बारे तरबूज़ जैसे सफ़ेद मम्मी सा साफ़ पेट जिस पे गहरी नाभि थी टैंगो दरमियान थोड़े बालो से ढकी फुद्दी का ऊपर ला हिस्साः नज़र आ रहा था लम्बी थिएस और जो चीज़ अभी तक्क मैं नोटिस नै की वो थी उन की पायल जैसी पंजेब की लग रही थी...पता नै कितनी देर मैं देखने में यूँही लगाई और नीचे मेरा लूँ झटके मर रहा था...तभी अम्मी मुझे पुकारा अहमद बीटा एक दम्म से उनकी और देखा तो अम्मी मेरा एक हाथ पाकर मुझे बीएड पे बिठाया और खुद बी सीढ़ी होकर बेथ गयी...मेरी और देख थोड़े कॉन्फिडेंस साथ बोली देख पुत्र मैं जानती हूँ तू क्या चाहता है पर तुझे ये बी पता होना चाहिए ये सब कितना ग़लत है सही माँ हूँ तेरी और माँ बेटव क बीच ये सब नै होना चाहिए सेहत क लिए मैं अपनी इज़्ज़त सब साइड रख दी क मेरा जिगर का टुकड़ा बास ठीक होजाये पर आज जब क तू कुछ और चाहता है मेरे से तो मैं कैसे हाँ कर दूँ...अम्मी की सीरियस बातों को सुन मैं अम्मी क हाथों को अपने हाथों में लेकर बोलै अम्मी मैं आप से बुहत प्यार करता हूँ और आप बी मेरे से प्यार करती है फिर ये सब ग़लत थोड़ी होआ खुदी तो देखा मोहिद कैसे अपनी माँ को प्यार कर रहा था...मेरी बी ये हसरत है क आप क सारे ग़म कम्मियाँ और ज़रूरतें पूरी करू जिसे आज तक अब्बू ने बी undefined नै किया प्यार और इज़्ज़त की आप हक़दार है उसे आप को दूँ खुशियां आप की झूली में ला दालु...ये सब ग़ैर फिटरी तोर पर मैं कहीं जा रहा था क्यों क ये मेरे दिल की आवाज़ थी जो सीधे अम्मी क दिल पे जा लगी और मेरी बातें सुन एक पल क लिए अम्मी की आँखें बी नाम सी होगयी और उन्हों ने अपने दोनों हाथ आगे बढ़ा मेरा चेहरे को थम लिया और प्यार से चेहरा सेहलते बोली पुत्र तो सुछ में काफी ब्रा होगया है माँ को सारा समझने लग प्र है...साथ हे आगे होकर मेरे माथे को चूम लिया क नरम होंटो क लूम्स को अपने माथे पर फील कर मेरे दिल में बी अम्मी क लिए और प्यार झगा और मैं अम्मी क फेस को अपने माथे से दूर हैट'तय देख उन क फेस को वही थम लिया और उन की आँखों में आँखें दाल अपने होंटो को उन क लरज़ते होंटो क क़रीब लाया ज़रा सी बी पीची नै हटी बल क एक हलकी सी स्माइल साथ उन्हों ने अपनी आईज क्लोज कर ली प्यासे होंठ जूनही अम्मी क रसीले मोठे होंठों साथ टच होअय तो एक खून की लहर जैसे पोरे बदन में डोर सी गयी हो...प्यारी बरी था क मैं किसी क होंठों को चूम रहा था तो मेरा इनएक्सपेरिएन्स होना दिख रहा था अम्मी क ऊपर वाले होंठ को अपने दोनों लिप्स में लिया और थोड़ा सा चूमा तो अम्मी बी साथ दिया और मेरे निचले होंठ को शामे वैसे हे अपने दोनों होंठों बीच लेकर चूमा...फिर जो पैशनेट किसिंग शुरू होइ वो आज तक्क नै भूल स्का मैं एक दम्म से अपने असली रूप में वापिस सी आ कर मुझे बेतहाशा चूमने लग पारी दोनों माँ बेटे क होंठ एक दूसरे क साथ मिल रहे थे मैं अम्मी की ज़ुबान को अपने मौन में लिए सूचक करता कभी अम्मी मेरी ज़ुबान को हाइट अम्मी से काफी छोटी होने की वजह से अम्मी थोड़ा ऊपर होकर मुझे चूमना शुरू होगयी जैसे मुझ पर काबू प् रही हों...अम्मी का ये वाइल्ड रूप देख मैं बी थोड़ा हिचकचाया फिर पागलों जैसे मैं बी अम्मी को चूमने लग प्र ५ मिनट्स हम दोनों माँ बेटे की पैशनेट किसिंग चली फिर एक डैम से हम दोनों क होंठ अलग होअय तो हम दोनों माँ बेटे एक दूसरे की आँखों में देख लम्बी लम्बी साने ले कर अपनी साँसे नार्मल कर रहे थे और उस वक़्त अम्मी क चेहरे पर काफी चमक थी जैसे नूर सा हो...मेरे मज़ीद कण्ट्रोल करना मुश्किल होरहा था और मेरा बेचैन चेहरे से अम्मी बी ये जान चुकी थी और बास मेरी और देखि जा रही थी लम्बी साँसों साथ और उन क मोठे मम्मी ऊपर नीचे हो रहे थे...अम्मी की और देख मैं बोलै प्लीज अम्मी अब नै कण्ट्रोल होता मेरी बात सुन शर्म से लाल चेहरे साथ मुस्करायी और मेरे चेहरे पे प्यार से अपना ढाया हाथ फेरे बोली मैं जानती हूँ पुत्र्र...साथ हे फॉर्मेलिटी जैसे पोछा क पहले कभी किया है किसी साथ मैं ना में सर हिलाया तो अम्मी थोड़ा मुस्करा कर बोली कोई बात नै पुत्र्र मैं हूँ न अभी...अम्मी की बात सुन कुछ हौसला मिला तो मैं बी थोड़ा मुस्कराया तो अम्मी एक दम्म से थोड़ा पीछे को सीढ़ी होइ और पास रखे एक तककिये को अपने सर नीचे लिया और एक को अपने मोठे हिप्पस नीचे बरी मुश्किल से रखा और सीढ़ी लेत बरी ऐडा साथ अपनी टाँगे खोल दी...ये मंज़र देख मेरेटो मेरे मौन से राल हे टपकना शुरू होगयी हो जैसे पूरी हवा में टाँगे खोली होइ थी और उनकी मोती थिएस क दरमियान घने बालों से घिरी उनकी फुद्दी को देखा तो मैं तो ऐसे जैसे जन्नत देख ली हो खुले का खुला और फैली आँखों साथ मैं लगातार इस हसीं और जान लेवा मंज़र को देखि जा रहा था याद बी नै क मैं तब पलकें बी झपकाई हो एक बरी बी...सुछ में बृहत्त कम् लुककीएस्ट लोग होते हैं जिन को ऐसे नज़ारा देखने को मिलता है जितनी चाहे अलफ़ाज़ साथ हेरा फेरी कर लू पर उस दिलकशः नज़ारे को कभी अलफ़ाज़ साथ बयान नै कर सकता...सही माँ अपनी शर्म और इज़्ज़त क सब परदे घिराये दुनिआ की आँखों से परे अपनी इज़्ज़त अपने भरी बदन साथ अपनी टाँगे खोले अपने हे सघे बेटे को उस जगजनका नज़ारा करा रही थी जिस से कई साल पहले उस का वही बीटा इस दुनिआ में आया था...ये वो जगह थी जिसे देखने का हक़्क़ सिर्फ शोहर को था और बेटे क लिए इस पाक जगह को देखना कहीं से बी जाएज़ नै था...फिर बी एक माँ बरी छह साथ अपने लाल बेटे को दिखा रही थी बिना किसी बात की परवा किये...माँ बेटे क हसीं संगहूँम की ये तो बास शुरू'ात थी...अपनी फुद्दी को घोरता देख अम्मी मुझे पुकारने बाद मुझे हिलाया जैसे कह रही हों क पुत्र्र कहाँ खो गए...मैं एक दम्म से शर्म साथ थोड़ा मुस्कराया और अम्मी की आँखों में देख थोड़ा आगे बढ़ा...वीडियोस देख काफी कुछ सीख चूका था तो मैं आगे होकर अम्मी की हवा में उठी टांगो दरमियान आया हिप्पस नीचे रखने की वजह से अम्मी की फुद्दी ऊपर को उठी होइ थी और मुझे पोजीशन बनाते होअय बी देर न लगी...अम्मी ने अपनी भरी टाँगे मुझे थमाई और मैं बारे जोश साथ उन्हें उठा कर अपने दोनों कंधो पर रख दिया मेरा लूँ पोरे ताओ में था क लिए बी अब बर्दाश्त करना मुश्किल था की बेचैन आँखों में सब दिख रहा था...अम्मी नीचे हाथ लेजर एक मेरे लूँ को बालों से बरी फुद्दी क साथ लगाया और थोड़ा रब करने क बाद उसे उस की मंज़िल की और गाइड किया अम्मी क गीली फुद्दी क लिप्स साइड कर फुद्दी क होल पे लूँ की मोती टोपी को रख एक पल क लिए अम्मी रुक सी गयी जैसे उन क मैं में शायद ख्याल आया हो क नसरीन ये तू क्या कर रही है अपने हे सघे बेटे साथ सब ग़लत है गुनाह है कर ये...अम्मी को अपनी सोचो साथ उलझा देख मैं पुकारा अम्म्मीईई एक डैम से मेरी और देखा तो मैं धीरे लहजे में बोलै अम्मी कुछ नै होता ी लव ु अपने दिल की बात मुझे समझते देख एक दम्म से थोड़ा मुस्करायी जैसे जान'न छह रही हों क तुझे कैसे पता मैं क्या सोच रही...अम्मी का मुस्कराता चेहरा देख बी न मुस्कराया और अम्मी की और देखा जैसे उन क इशारे का वेट कर रहा हों क अब धक्का लगाएं मेरी आँखों में देख धीरे से बोली पुतररर काफी सालों से इस जगह किसी ने डेरा नै डाला तो ज़रा आराम से...अम्मी की इसी बात को सुन और अम्मी की नशीली आईज को देख मेरे मैं में जूनही ख्याल आया क अम्मी की फुद्दी पिछले ५ साल से उन-चूड़ी है तो जैसे रगो में खून ने दुगनी रफ़्तार से दोर्णा शुरू कर दिया और मैं अम्मी की टैंगो को मज़बूती से थामे एक कस्सस क धक्का दे mara....aaaiiiiiiiiiiiiiiiiiiii अम्मी की एक ज़ोरदार चीख स्टोररूम में गुंजी लूँ सब कुछ चीरता होआ पूरा एक हे झटके में अंदर अम्मी की फुद्दी में समै चूका था...हैएएइ मेराय रब्बबा खासमा न कहानिया तनु किया व् स क होली ahhhhhhhhhh देख मेरी एकक नै माननीय...मैं बास इतना हे बोलै क उफ्फ्फ्फ़ अम्मी आपकी कितनी गर्म और टाइट है अंदर से झटका लगाए रुका होआ था और अम्मी की और हे देख रहा था क चेहरे पे दर्द साफ़ झलक रहा था लिए तो जन्नत सा समै था बरी मेरे लूँ को फ़ुदद्दी नसीब होरही थी और वो अब अपनी हे सही अम्मी की...मेरे तो मैं में लड्डू फुट चुके थे हे अंदर ख़ुशी का समै था क मैं अम्मी की फुद्दी में घुस चूका था...अम्मी चीखों को थोड़ा काम करते बोली पुतररर टाइट क्यों न होती कहा तो था इस फुद्दी क मालिक ने कई सालो से इसे टच तक्क नै किया और तू ने एक हे झटके में सारा घुसा डाला अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह....अम्मीय को दर्द में देख मुझे थोड़ा फील होआ तो मैं वैसे हे टांगो को थामे अम्मी की और देख बोलै अम्मी मेरे से रहा हे नै गया सूची कितनी गरममम है अंदर से आपकी फुदडीई...अम्मी कुछ न बोली १ मं बाद अम्मी को नार्मल होते देख मुझे फिर से जोश चरा क अम्मी की हेअल्थी टांगो को तब से कन्धों पे उठाया होआ था और सामने अम्मी क मोठे मम्मो साथ उन क खूबसूरत फेस को देख मेरे से रहा नै गया पुकारा अम्मम्मीईई और अम्मी ने फ़ौरन मेरी और देखा तो मैं बास इतना हे बोलै अम्मी सॉरी मेरे से नै अब मज़ीद रहा जा रहा हैरानी से देखा क मैं क्या कहना छह रहा...मैं घुटने अपने सही से लगा कर बीएड पे टांगो को थमी लूँ को सिरे तक्क बाहिर लाया और अम्मी आँखों में देख फिर स्व एक कस क धक्का दे मारा फिर स्व फुल अंदर चिलायी अम्मी की चीखों को भूल मैं पागलो जैसे शुरू हे होगया ज़ोरदार धक्के लगाने...अम्मी चिलायी जा रही थी और मैं बिना किसी सब्र किये अम्मी की फुद्दी ज़ोरो से मरी जा रहा था...अम्मी क खूबसूरत जिस्म आगे पागल होअय मैं देवनो जैसे अम्मी को छोड़ी जा रहा था पहली बार था इसी लिए शायद खुद पे कण्ट्रोल न कर पाया और टाबर तोर तरीके से अम्मी की फुद्दी में झटके मरी जा रहा था...अम्मी चिलायी जा रही थी अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह uffffffffffff हैएएइ मेंननननन मर gayiiiiiiiiiiiii पुहोलीईई मैं नै बछहहहहह्दी अजज्जजज....अम्मी की दर्दनाक चीखों क बीच मैं किसी सैंड जैसे सब कुछ भूले बास अम्मी की फ़ुदद्दी मरी जा रहा था
27-02-2019, 06:56 PM
अम्मी क जिस्म का हुस्न का पता नै क्या असारर चरा होआ था क मैं अम्मी की छिलने की परवा किये बग़ैर धक्के लगाई जा रहा था...पोरे रूम में थपप्पक थपप्पककककक की आवाज़ें जूझ रही थी २ मं हे होअय होंगे क अम्मी की चीखें थोड़ी कम् होइ पर अम्मी अपने डेंटन स्व निचला होंठ काट'टी दर्द भरी आवाज़ मुझे धीरव करने का कही जा रही थी...अम्मी की फुद्दी सुछ में बरी टाइट थी तो सोचा इस आगे में ढीली होगयी होगी पर इस आगे में बी अम्मी की फुद्दी किसी जवान लड़की क जैसी थी टाँगे उठाये मैं धक्के लगाई जा रहा था...अम्मी चिलायी जा रही थी और मैं बिना कोई रेहम किये लगा होआ tha...ahhhhhhhhhhhhhhh aiiiiiiiiii पुतररररररररर रेहम करररररर अपनी मायआ ते आईईए राबबबबा मेरेया मैं मर्डरर गयीईइ अजज्जजज...मैं तो अम्मी क फुद्दी क नशे में खोया कस्सस कस्सस कर ठुकाई करि जा रहा था...मुझे खुद समझ नै आ रही थी क कैसा नशा सा था अम्मी की फुद्दी में क मैं पागलो जैसे लगा होआ था धक्के लगाने...आखिर वही होआ जिस का डर था ४ मं बी नै सही स्व गुज़रे होंगे क मुझे लगने लग प्र क मैं फ़ारिग़ होने वाला हूँ...एक तो मेरा पहली बरी थी ऊपर से अम्मी की तिगहत फ़ुदद्दी और साथ पहले से अम्मी अपने निर्मम हाथों साथ काफी सहलाया था मेरे लूँ को...आखिर क ६ कस क धक्के फुल गहरायी तक्क लगाए और बिलबलाते होअय मैं अम्मी की फुद्दी क अंदर हे फ़ारिग़ होने लग प्र पानी आज तक्क कभी नै निकला था...आखिर चुदाई का तूफान थम हे गया और मैं अम्मी की भरी टांगो को चोर अम्मी क मम्मो ऊपर सर रख सुस्ताने लग प्र और मेरे साथ अम्मी बी अपनी भरी साँसों को आँखे बंद कण्ट्रोल कर रही थी...कोई २ मं गुज़रे होंगे क मैं अम्मी क ऊपर से साइड को लूराकक गया और मेरा लूँ बी अम्मी की फुद्दी से बाहिर आज्ञा अभी बी आँखें बंद की होइ थी आँखों क साइड पे जमाय होअय ाँसों दिख रहे थे...मैं अनजाने में इतनी बेदर्दी से छोड़ा और अब मुझे अम्मी की फ़िक्र होने लग पारी अम्मी का प्यारा फेस पाकर उन्हें पुकारा अम्म्मम्म्म्मीईई आवाज़ में फ़िक्र साफ़ झलक रही थी आँखें खुली तो उन क आँखें ांसो'ों साथ भरी होइ थी और मैं ऊपर झुक उनकी आँखें साफ़ की और किसी छोटे बच्चे जैसे अपने कान पाकर अपने बोलै अम्मी सरररययय मुझे पता हे नै चला बससससस मेरा यूँ बच्चो जैसे रुटला मौन देख एक दम्म से मुस्करा दी और मेरी गाल पे लेते लेते एक चपाट हलकी सी मरी और बोली झल्ला सा न होअय पुतररर ऐसे कोई करता है क्या वो बी अपनी सही माँ साथ एक न सुनी और जानवरों जैसे डीएनए दानं लगा होआ था...मैं बोलै अम्मी पहली बरी था तो बास कण्ट्रोल हे नै के पाया दर्द्द तो नै होइ अम्मी फिक्रिया अंदाज़ में पोछा मुझे देख मेरा फेस सहलाया और बोली बस्स्स कर अब मैं ठीक हूँ अब चल साइड तो हट अब तो मेरे ऊपर से हट ज़रा देख क्या हाल किया ही मेरा...४ मिनट्स की चुदाई में अम्मी का अंग अंग हिला कर रख दिया था अपने भरी जिस्म साथ लेती होइ थी और मैं बी उन क साथ हे लेत गया बारिश अभी बी लगातार होरही थी...थोड़ी देर ख़ामोशी रही फिर अम्मी खुदी ख़ामोशी को तोरते होअय मेरी और देख अपने एक हाथ से मेरे बाल सेहला कर बोली पुतररररर क्या सोच रहा है...अम्मी बीएड पे नंगी हे मेरी और करवट लिए लेती थी और मैं बी उनकी और चेहरा कर उनकी आँखों में देखा अम्मी को जवाब नै मिला तो उन्हों में दोबारा से पोछा बेताआए मुस्करा क बोलै अम्मी मुझे सुछ में यक़ीन नै होरहा क अभी अभी आपकी फुद्दी मरी है से पहले इतनी ख़ुशी कभी नै होइ...अम्मी मेरा जवाब सुन खिल खिला क हंस पारी और बोली कमलिया देख मेरा क्या हाल किया है तू ने और तू अभी बी सोच रहा ये सब...मैं मुस्करा क अम्मी से पोछा आपको कैसा लगा बी मेरी आईज में देख थोड़े पॉज साथ बोली सुछ बताओं शुरू में ब्रा अजीब सा लग रहा था क ये सब ग़लत है माँ बेटे बीच नै होना चाहिए पर जब तू सेहर बनो और उस क बेटे की वीडियो दिखाई तो मुझे थोड़ी रहत मिली क मैं अकेली नै हूँ इस दुनिआ में जो अपने बेटे से इतना प्यार करती बल क और बी मायें हैं जो अपना सब कुछ अपने बेटो पे निछावर कर देती बनो जैसी औरत को देख कोई बोल सकता क इतनी सख्त औरत अपने बेटे सामने पिघल गयी...अम्मी की बातें सुन मैं बी मुस्कराया और बोलै अम्मी मुझे तो ब्रा ाचा लगा ऐसे जैसे जन्नत मिल गयी हो सुछ में ब्रा लकी हूँ जो आप जैसी माँ मिली मुज्जे मेरी बातों में सुचै देख थोड़ा मुस्करायी और बोली जानती हूँ सब तभी मेरी इतनी चीखें निकलवाई न?? मैं अम्मी की बात सुन थोड़ा शर्मिंदा सा होआ और नीचे मौन कर थोड़ा मुस्कराया और बोलै अम्मी सुछ में आप में पता नै क्या जादू है मैं ज़रा कण्ट्रोल नै कर पाया...अम्मी बोली पहली बरी होता है अक्सर ऐसे हे तो फुद्दी की दहलीज़ पे फ़ारिग़ होजाते...मुझे ख़ुशी होरही क मेरा पुत्र अब काफी ठीक होगया है वर्ण पता उस डॉक्टर ने तो यहाँ तक्क बोल दिया था क तू शादी लायक नै तो दर हे गयी थी पुत्र तभी तो अपना सब कुछ वॉर दिया है तेर पे की बातें सुन मुझे बी फील होआ क अम्मी बहततत कुछ किया है मेरे लिए तो मैं आगे होकर अम्मी क होंटो को चूम कर बोलै अम्मी ी लव ोुउउउउउउउ ये सुन लाल सी होगयी और बोली चल हट बदमाश न होआ कहीं का....अम्मी मुझे प्यार से देखि जा रही थी पोछा अम्मी क्या देख रही अम्मी बोली देख रही हूँ मेरा सोना पुत्र कितना ब्रा होगया है अभी कल हे की तो बात लगती जब तू पैदा होआ था तब बी शैतान हे था तू ख़ुशी से पोछा अम्मी वो कैसे तो अम्मी थोड़ा शरमाते होअय बोली नै मुझे शर्म्म आती है अम्मी की इस ऐडा पे बृहत्त मरता था...मैं बोलै अम्मी अब भला क्या शर्माना न...अम्मी मुझे देखते बोली तब जब तू पैदा होआ था तो मुझे बारे दर्द होआ तो तुझे निकलते और आज देख फिर से तू ने कैसा दर्द दिया है और इतना बोल अम्मी लाल होगयी....अम्मी को बातों से मेरा लूँ में जान पर्ने लग पारी थी...अम्मी मोठे मम्मो साथ वैसे लेते लेते खेलते होअय मैं थोड़ा सीरियस होते अम्मी से पोछा अब्बू अब आप में इंटरेस्ट क्यों नै लेते भला तो इतनी खूबसूरत हैं...अम्मी एक लम्बी सांस लेते बोली पुत्र अब क्या बताओं तुझे...तेरे अब्बू बृहत्त अचे इंसान है मेरा बुहत ख्याल बी रखते हैं पर कुछ बातों में बृहत्त पीछे है अभी बी वो...अली क बाद तेरे अब्बू चाहते थे क हमारा एक और बच्चा हो पर मैं मना कर दिया क ४ हे काफी है इतने बरी मुश्किल से पाले जाते मेरे से आप तो बाहिर होते महीनो महीनो और पीछे इधर मुझे सब की देख बल करनी पार्टी इतनी सी बात पे मेरे से नाराज़गी इख़्तेयार कर ली और वो दिन और आज का दिन मुझे तेरे अब्बू ने आज तक्क छुआ तक्क नै कभी बी आते थे मेरा ब्रा दिल करता था औरत जो ठहरी एक्साइट करती बारे तरीक़ो से क शायद अब मुझे प्यार करे पर वो प्यार मुझे कभी नै मिला सालो से मैं तरसती आयी हूँ अपने खुदा सामने दुआएं मन्नतें मांगी आयी हूँ क सब ठीक होजाये पर तेरे अब्बू नै ठीक होअय और तभी तेरी ग़लत हरकतों का पता चला और मैं और परेशां होगयी मेरा दिल नै था मान रहा शुरू में पर फिर सोचा तुम दोनों (अली और अहमद) हे तो मेरी जान हो लोगो क लिए हे तो मैं जी रही हूँ बीटा....अम्मी की इमोशनल बातें सुन मुझे बी ब्रा फील होआ और मैं अम्मी को सीधे बिठाया बीएड पर और खुद बी बैठा और अम्मी को कस्सस क अपनी बाहों में लेकर हुग किया और उनकी आँखों में देख उन क ाँसों पोंछे और बोलै खबरदार आज क बाद जो रोई तो मैं हूँ न अम्मी दूंगा आप साडी खुशियां और हमेशा आप का ख्याल बी रखूँगा...अम्मी मेरी बातें सुन मुस्करा दी और थोड़ा मज़ाक़ क मूड में हँसते होअय बोली सब जानती हूँ कैसे तू ख्याल रखे गए मेरा जैसे आज बेदर्दी से मुझे छोड़ा है एक नै था सुन रहा मेरी...अम्मी की बातें सुन मैं मुस्कराया और बोलै अम्मीय बास बी करे न पहली बरी था न अब नै ऐसा होगा न....अम्मी मेरी बात सुन बोली न बाबा न अब मैं कोई नै तेरे नीचे आना हे मेरा ये हाल किया है बी मुस्कराया और अम्मी क मोठे मम्मो क निप्पल्स मौन में लेकर चूसने लग प्र ऊपर ऊपर से थोड़ा रेसिस्ट किया लेकिन फिर खुदी गर्म होने लग पारी में टाइम का पता बी नै चला और रात क २ बजने वाले होगये थे दोनों माँ बेटे दो प्रेमिओ की तरह एक दूसरे में खोए होअय थे मुझे बीच में बोली क पुत्र्र बास करते हैं इतनी रात होगयी चल नीचे चलते हैं जवाब में बोलै क अम्मी शादी का घर है कोनसा किसी ने आपको ढूंढ़ना वैसे बी बाहिर इतनी बारिश होरही कुछ नै होता आज की रात हम दोनों इधर हे अकथाय रहे गए और अम्मी को बाहों में कस लिया...अम्मी अभी बी थोड़ा शर्मा रही थी और यही ऐडा मुझे एक्साइट कर रही थी मेरे खरे लूँ को बास थोड़ा सहलाया हाथ से मौन में नै लिया और न मैं ने कहा...कोई १० मिनट्स एक दूसरे में खोए रहने और एक दूसरे को चूमते रहने क बाद मैं उठा और बीएड से नीचे खरा होगया और अम्मी की टाँगे खोल पहले एक कपड़े से फुद्दी को अचे से साफ़ किया...अम्मी बास मुस्कराते होअय देखि जा रही थी...फिर अम्मी बीएड पे घोरी बन'ने को कहा एक्सपेरिएंस्ड थी फ़ौरन घोरी बन गयी था अब्बू ने काफी बरी अम्मी की यूँ घोरी बना कर ली थी...अम्मी क घोरी बन'ने से उन क मोठे बाहिर को निकले चुतर और बी फैल गए मोती और वेल-शेप्ड गांड तो मैं वीडियोस में बी नै देखि जितनी अम्मी की थी की हेअल्थी थिएस और चुतर देख मेरा लूँ और बी जोश में आज्ञा...मैं अम्मी को बीएड क बीच ो बीचे घोरी बना कर खुद बी बीएड पे चार गया घुटनों और कुहनिओं क बल झुकी होइ थी और उन क मोठे चुट्र्र केहर सा ध रहे थे क थोड़ा सा बी हिलने से उन क चुतरों में एक लर्ज़िश(वाइब्रेशन) सी पैदा होती और जब वो हिलते और एक दूसरे साथ दोनों चुतर रैगर कहते उफ्फ्फ मेरे से रहा न जाता और मैं आगे होकर हिप्पस पर एक दो बरी चूमा और फिर बीएड पे हे अम्मी क मोठे चुतरों पीछे अपने घुटने तक पोजीशन सेट की क चुतरों का यहाँ से अंदाज़ा लगा क मेरे दोनों हाथों की ग्रिफ्ट में बी अम्मी की गांड पूरी नै थी आ रही इतने फैले होअय थे अम्मी क चूतर...मैं हिप्पस साइड कर बरी मुश्किल से अपने खरे लूँ को उसी की मंज़िल और मंज़िल का गेट दिखाया...अम्मी की बालों से भरी फुद्दी क सूराख पर लूँ ली कैप रख मैं अम्मी क चुतरों पर दोनों हाथों से ग्रिफ्ट बनाई और साथ हे पुकारा अम्मीी पुकारने से अम्मी ने वैसे हे झुके होअय हे गर्दन पीछे मोर मेरी और देखा आँखों में मुझे तलबब सी नज़र आयी शायद उम्मीद कर रही थी क लूँ फुद्दी पे लगा कर मैं एक डैम से दाल दूंगा तभी उन्हों ने थोड़ा चीरते होअय बोलै पुतरररर बोल न क्या है मुस्कराते होअय अम्मी की आँखों में देख बोलै अम्मीय ग़ुस्सा दूँ थोड़ा मौन बनाते होअय बोली हाँ घुसा दे बीटा क इतने हे अलफ़ाज़ मेरा जोश दुगना करने क लिए काफी थे....अम्मी क चुतरों ू मज़बूती से पकड़े मैं एक लम्बी सांस भर एक कस क धक्का दे मारा की फुद्दी क गीले पैन की वजह से इस बार अम्मी को पहले जितना दर्द नै होआ पर फिर बी पूरा लूँ एक हे झटके गहरायी तक्क घुसने से उन क मौन से एक ज़ोर दर चीख ब्रमांड होइ ahhhhhhhhhhhhhhhhhhh होलीईई पुतरररर रब्बबाअ आइइइइइइइइ अह्ह्ह्हह्हह....अम्मी की फुद्दी क अंदर क लूम्स से मेरे लूँ में जैसे और जान आगयी हो की फुद्दी सोच से ज़्यादा टाइट और छोटी बी थी साइज में उन् की आगे की औरतों क लेहाज़ से तभी पूरा रैगर रैगर कर लूँ अंदर घुसा की फुद्दी क मेरे लूँ को मनो झाकर सा लिया होआ (चपेट मर ली) मेरे मोम से बी एक आह्ह्ह्ह निकली...मैं बिना देर किया लूँ को वापिस सिरे तक्क ला कर पोरे जोश क साथ एक और तगड़ा झटका दे मारा से एक ठप्प्प की आवाज़ आयी मेरी थिएस क अम्मी क हिप्स साथ लगने की और फिर से मेरा पूरा लूँ अंदर घुस गया चिलायी ahhhhhhhhhhhhhhhhhhh पुत्र तू सुधरी नाआ की चीखों को इग्नोर कर मैं ऐसे हे ६ कस क धक्के लगाए और फिर तो एक रदम सी जैसे बन गयी हो...अम्मी क क़ातलाना चुतरों हर ढके साथ लरज़ खा रहे थे और बारे मस्त तरीके से विबरते कर रहे थे और ठप्प्प ठप्प की आवाज़ मेरे कानो में रस सा गोल रही थी...अम्मी की आहें और सिसकियाँ मेरा जोश बढ़ा रही थी और मैं अब तेज़ी से अम्मी की फुद्दी मरी जा रहा था...पोरे रूम में ठप्प ठप्प की आवाज़ों साथ अम्मी की चीखें बी गूंज रही थी क भरी चुतरों को पकड़े मैं पूरी मेह्नत्त और लगन साथ कस कस क धक्के लगाई जा रहा था...अब पहले की तरह अम्मी क हुस्न या फुद्दी की तिघनेसस को अपने पे स्वर किया बिना हे काफी कण्ट्रोल किये बारे कॅल्क्युलेटेड तेज़ धक्के लगाई जा रहा था और अम्मी बी ये बात समझ चुकी थी...शबष्ठ पुत्र एनजज ी हईये रब्बब्बाअ होर तेज़्ज़ज़ पुत्र ज़ोर नाल मररररर अपनीई अम्मी दी फुदडीईई...अम्मी को अब मज़ा आना शुरू होगया था और वो फुद्दी क पागलपन में पता नै क्या कुछ बोली जा रही थी...हॉररररर तेज़्ज़ज़ पुतररर आआआआअह्हह्ह्ह्ह ज़ोर लाए होर इतने साल मैं ने इन पालो का इंतज़ार किया होर तेज़ज़्ज़ज़ आइइइइइइइइइ siiiiiiiiiiii...ammi घोरी बानी पता नै क्या कुछ चिलायी जा रही थी और मैं किसी सांड जैसे बिना रुके या धक्को की स्पीड कम् किया फुद्दी मरी जा रहा था...५ मं हो चुके थे अम्मी की टाइट फुद्दी मरते और मेरा पानी अभी तक्क नै निकला था बी ाचा लगने लगा क मैं काफी कण्ट्रोल क साथ इतनी देर तक्क टिका रहा और अभी बी फुद्दी क आगे घुटने नै टैकय थे...अम्मी मज़े से सिसकियाँ भर कहे जा रही थी आह्ह्ह्हह पुतररर एनजज ी कण्ट्रोल करि डा हुँड्डा ा बाज़ी चाय मज़ा नै आउंदा...हैए होर तेज़्ज़ मार पुतररररर अब जैसे मुझे जोश दिला रही थी...मेरे माथे पे पसीने की बूँदें साफ़ नज़र आ रही थी ठण्ड में बी हम दोनों माँ बेटे पसीने से शराबोर थे...मैं एक पल क लिए धक्के लगाने चोर घुटनों से पैरो क पंजो क बल होगया क दोनों चुतरों को अचे से पाकर कर मैं पीछे से उन क ऊपर को थोड़ा होगया की कमर पे हाथ से ज़ोर दाल उन्हें तीर कमान की तरह बल खाने को कहा से अम्मी की मोती गांड पीछे से थोड़ा ऊपर को होगयी...अब अम्मी की मोठे चुतरों को थामे ऊपर से नीचे की और अम्मी की फुद्दी में अपने लूँ से ड्रिलिंग शुरू कर दी पोज़ में बी पूरा लूँ अम्मी की फुद्दी की गहराईयों तक जा पोहचता की चीखें और मज़े स्व भरपूर आहें निकली जा रही thi...aaahhhhhhhhhh पुतरररर ऐसे हे ज़ोररररर नाल aaaaaaaayyyyyyyyyyyyy होर तेज़ फर दाल मेरी फुद्दी अपने लूँ से...अम्मी मज़े में सब कुछ भूल पता नै क्या कुछ बोली जा रही थी फुद्दी अंदर से काफी पानी चोर रही थी जिसे मैं ने अपने लूँ पे फील कर रहा था और मज़े से धक्के लगाई जा रहा था...फुद्दी गीली होने की वजह से पच्चक्क्क पच्चक्क्क की ावाएं बी गूंज रही थी मस्ती में आहें भरे मेरे धक्को को सेह रही थी...लूँ जब फुद्दी में अंदर करता तो अम्मी फुद्दी की इनर स्किन से मेरे लूँ को झाकर सी लेती जिस से मेरी बी मज़े से आँखें बंद होजाती फिर जब बाहिर को आउट कर लूँ अंदर से तो अम्मी अपनी गांड को हरकत देती धक्को में मेरा साथ देने लगती...मैं मज़े से धक्के लगते खुद को ब्रा लक समझ रहा था क अम्मी जैसी हसीं और मस्त बदन की औरत मुझे छोड़ने को मिल रही थी और सोने पे सुहागा अम्मी की फुद्दी की तिघटनेस थी जो किसी बी जवान लड़की से कम् नै थी...साथ साथ ये बी ख़ुशी थी क मैं अब काफी हद्द तक्क ठीक होगया होआ था तभी इतनी देर से लगातार अम्मी की फुद्दी मरी जा रहा था...अब अम्मी क मोठे चुतरों को चोर मैं अम्मी की कमर पे झुक सा गया और हाथ आगे बढ़ा कर उन क मोठे मम्मी को थम मसलने लग प्र...अब सन ये था क बीएड क बीच ो बीच अम्मी को घुटनो क बल घोरी बनाये उन की मोती गांड पे चढ़े होअय उन क मोठे मम्मो को मसलते मैं उनकी फुद्दी में लूँ क करारे धक्के लगाई जा रहा था और अम्मी लगातार चिलायी जा रही थी...१० मं होचुके थे और हम दोनों माँ बीटा ठण्ड में बी पसीने चोर रहे थे...बार लगातार बारिश तेज़ी क साथ साथ होरही थी और अंदर मैं अपने ज़ोरदार झटकों की बारिश अम्मी की फुद्दी पे करि जा रहा था...पोरे कमरा चीखों और ठप्प ठप्प पाचकक पाचकक की आवाज़ों साथ undefined हो चूका था और आखिर क़रीब १२ मं बाद मुझे लगने लग प्र क अब मज़ीद मेरे बास की बात नै है अम्मी की फुद्दी आगे टिकने की और मैं अम्मी क मम्मो क निप्पल्स को उँगलियों साथ मसलते होअय अम्मी की बल खायी कमर को चूमते होअय दांत पीसते होअय अपने हिप्पस को साथ जोर अपनी पूरी टकट साथ कस कस क धक्के लगाना शुरू होगया...जिस का असर ये होआ क अम्मी की चीखें और तेज़ होगयी और वो मेरे से धीरे करने का कहने लग पारी पर मैं अब मंज़िल क बिलकुल क़रीब था तो अम्मी की बातों का मेरे पे कोई असर नै था होने वाला...आखिर क कुछ धक्के लगाए किसी शेर की तरह गुर्राते होअय मैं ने एक कस क धक्का लगाया और लूँ फुद्दी की तेह तक्क लगाए फ़ारिग़ होने लग प्र लूँ का सारा पानी अम्मी की फुद्दी में समै गया...आखिर धक्के की वजह से अम्मी क बी घुटने जवाब दे गए और वो उलटी वैसे हे घुटने सीधे कर लेत गयी और मैं उन क भरी जिस्म क ऊपर लेत हांफने लग प्र...अम्मी न लम्बी लम्बी सांसें लिए खुद को संभाल रही थी...मेरे चेहरे पे अभी बी एक फ़ख़्रिया स्माइल थी...कोई ३ मिनट्स बाद अम्मी मुझे हिला कर साइड किया और खुद सीढ़ी होगयी मैं साइड में लेत गया...मैं सेल साइड से पाकर स्क्रीन ों कर टाइम देखा तो रात क २ बजने वाले थे और बाहिर बारिश अभी बी रुकने का नाम नै ले रही थी...अम्मी ने बी मेरी और चेहरा कर पोछा पुत्र्र टाइम क्या होआ है बताया क अम्मी २ बजने वाले है थोड़ा फ़िक्र माण्ड होते बोली इतनी देर होगयी नीचे शायद कोई मुझे धुंध न रहा हो अम्मी को दिलासा देते बोलै अम्मी नीचे सब सोगये होअय हैं और किसी को क्या पता आप कोनसे रूम में सोई है...इतना कहते मैं अम्मी क अपनी साइड वाले मोठे मम्मी को सहलाते होअय उनकी आईज में देखते पोछा अम्मी कैसा लगा बात सुन अम्मी थोड़ा शर्मा सी गयी और फिर बोली शर्म नै आती ये बात पोछते हाँ बीटा अब उठ और कपड़े पहन ले अम्मी को असरार किया मज़ीद तो अम्मी चमकती आँखों और लाल गालो साथ बोली पुत्र्र ऐसा मज़ा आज तक्क नै आया में बरी जान आगयी है तेरे में...मैं मुस्कराते होअय बोलै अम्मी सब आपकी हे बड़ोलेट है मेरा साथ न देती तो पता नै क्या होता मेरे होंटो पे अपनी ऊँगली रख बोली shhhhhhhhhhhh चुप्प बस्स्स पुत्र पूरा मरद्द बन गया है आज और अभी तो बास तेरा पहली बरी था न आहिस्ता आहिस्ता और बेहतर होजाये गए बास थोड़ा रेहम खाया कर मैं माँ हूँ तेरी ऐसे जानवरो जैसे पेश नै आते अपने इमोशंस पे कण्ट्रोल करना सीख...देख मेरी फुद्दी का क्या हश्र्र किया है पूरा भर दिया अपने गहरे पानी साथ की बातें सुन मैं मुस्कराया और बोलै अम्मी आपकी फुद्दी की तिघनेसस आगे मेरा बी कण्ट्रोल खोने को ग करता है बोली इस आगे में ऐसा हे होता है बीटा पर तू फ़िक्र न कर मैं तुझे सब सीखा दूंगी...अम्मी की बातों से साफ़ झलक रहा था क वो फुद्दी की चुदाई से बृहत्त खुश है और आगे बी बिना झिझक मुझे फुद्दी मरने का इशारा कर रही...हम दोनों माँ बेटे अब पोरे नंगे बीएड साथ टैक लगाए बैठे एक दूसरे की आँखों में देख बातें कर रहे थे...तभी अम्मी को कुछ सोचते देख मैं उन्हें पुकारा अम्म्मीईई किन सोचो में खो गयी एक डैम से मुझे घोरते बोली देख पुत्र ये जो कुछ बी होआ ये सिर्फ और सिर्फ तेरी खातिर मैं किया एक माँ बेटव क बीच ये सब जाएज़ नै और हमारा मिश्रा बी इसे कभी एक्सेप्ट नै कर पायेगा अपनी साडी इज़्ज़त तुझे सौंप थी है अब सब तेरे हाथ में है से बी हमारे इस नए रिश्ते की किसी को भनक्क तक्क पारी तो हम किसी को मौन दिखने लायक नै रहे...अम्मी को फ़िक्र माण्ड देख मैं उन क हाथों को अपने हाथों में देख बोलै अम्मी आप फ़िक्र न करे जो बी न्य रिश्ता हमारे बीच बन गया हो अब पर अभी बी आप मेरी प्यारी अम्मी है और आपकी इज़्ज़ार मेरी इज़्ज़त है और रही बात किसी को पता चलने की तो मैं प्रॉमिस करता हूँ मैं किसी साथ ये बात शेयर नै करूँगा और आप बी नै करेगी तो परेशानी वाली बात कोई नै है...अम्मी मेरी बात सुन मुस्कराते होअय बोली सुछ में मेरा सोना पुत्र्र ब्रा होगया है..तभी अम्मी का खूबसूरत चेहरा देख मेरे ज़ेहन में सवाल आया और मैं बोलै अम्मी आपकी फुद्दी पे इतने बाल क्यों है साफ़ नै करती थोड़ा लाल होते बोली जब इसे कोई चाहने वाला हे नै था तो काईन भला क्या इस का ख्याल रखती अब तू मिल गया है न तू अब से पक्का मैं साफ़ हे रखूंगी...अम्मी की बात सुन मैं मुस्कराया और अम्मी को चूम लिया मुझे पीछे कर बोली अब बस्स्स बास पुत्र्र २ बरी मेरी फुद्दी मर कर बी तेरा जी मैं नै भरा मुस्कराते होअय ना में सर हिलाया तो अम्मी बी मुस्करा दी...तभी अम्मी बोली देखो क्या दिन आगये है आज बेटी की शादी थी और उसकी तो चलो सुहागरात होइ होगी पर इधर बेटी की शादी वाले दिन हे बेटे ने माँ साथ सुहागरात मना डाली...अम्मी थोड़ा मज़े लेटव मुझे चीरते होअय बोली तुझे ज़रा शर्म नै आयी पुत्र्र अपनी माँ की रेल बनाते होअय की बातें सुन मैं बी हंस दिया और यूँ हम दोनों माँ बेटे हंसत्व मुस्कराते नंगे हे एक दूसरे साथ मज़े मज़े की बातें करने लग परे...बारिश रुकी नै थी तो नीचे जा नै सकते थे तो उस रार हम दोनों ऐसे हे ऊपर स्टोररूम में लेत रहे एक दूसरे की बाहों में नंगे हे और ढेर साडी प्यार भरी बातें करतव रहे...इस बीच मेरी काफी ज़िद्द करने पर अम्मी ने मुझे एक बरी और छोड़ने दिया और सुबह ५ बजे जब बारिश रुकी तो अम्मी कपड़े पहन नीचे चली गयी और मैं सोया रहा थकावट se.................
Uss दिन क बाद से तो जैसे मेरी मैं की मुराद पूरी होगयी बहनें अपने घर जा चुकी रही बेया कर और अब्बू बी कुछ दिन बाद अपनी जॉब पे चले गए घर पे मैं अम्मी और मेरा छोटा भाई हे रह गया था सुबह छोटे भाई अली को कॉलेज भेजने क बाद हम दोनों माँ बीटा पोरे घर में अकेले होते और घर का कोई कोना हम लोगो ने नै छोरा जहाँ चुदाई न की हो बेडरूम्स लाउन्ज शार्ट हर जगह हम लोगो ने प्यार की रास लीला खेली...इन् सब का ये नतीजा निकला क एक तो अम्मी क साई मनो में खुशियां मिल रही थी बिना उन की इज़्ज़त पे आंच आये दोसरा अम्मी मेरा ब्रा ख्याल रखना शुरू होगयी थी खुर्राक का मेरे लूँ की मालिश करती सेक्स क दुराण खुद पे कण्ट्रोल करना सिखाया...एक गुरु की तरह उन्हों ने मेरा बृहत्त साथ दिया और बदले मैं बी उनकी कस्सस कस्सस रोज़ बृहत्त ख़िदमतत करता था...इन सब क बीच अम्मी नोर्मल्ली अपने असली सख्त रूप में हे होती को छोड़ लेने का ये हरगिज़ मतलब नै था क अम्मी की इज़्ज़त मेरी नज़रों में कम् होगयी और मैं किसी बाज़ारू रंडी की तरह उन्हें ट्रीट करता और जब बी कहती वो टाँगे खोल देती अपनी...ऐसा बिलकुल नै था बल के इन सब से अम्मी की इज़्ज़त और रुतबा मेरी नज़रों में कई गुना बार गया था क एक सख्त और मज़हबी खातून होने क बावजूद होने ने अपना सब कुछ साइड रख मेरी हेल्प की थी और मेरी ज़िन्दगी संवर दी थी...ये नै था क जब चाहे अम्मी को छोड़ लिया कभी बी अम्मी की और से रज़ामंदी का इशारा पता तभी हम दोनों माँ बेटे सेक्स करते और सेक्स क बाद नोर्मल्ली बेहवे करते एक माँ बेटे जैसे...इस पोरे अरसे में अम्मी हमेशा काफी हद्द तक्क कंज़रवेद हे रही और न कभी उन्हों ने मेरा लूँ मौन में लिया और न कभी मैं उन्हों फाॅर्स किया लूँ चूसने पे या अम्मी की गांड मरने पे पोछे तो अम्मी का एक दर और दबदबा अभी बी था मेरे मैं में क जब मैं ये सब बोलूंगा तो पता नै कैसे वो रियेक्ट करेगी फ़ुदद्दी मिल रही छोड़ने को कहीं वही न मिलना बन्द्द होजाये...बेटे की तरफ से मिलने वाले रोज़ाना की बिनयाद पे प्यार से अम्मी का मैं तो मुतमईन था हे साथ हे उन का गदराया बदंन और गदराया होगया और चुतर बी और फैल गए क हुस्न में बी संवर पैदा होगया अम्मी रोज़ खिली खिली और खुश रहने लग पारी और मेरे लिए यही सब से ज़्यादा इम्पोर्टेन्ट था...रही बात अब्बू और एपीआई रमीज़ा क सीक्रेट की तो वो मैं इस लिए अम्मी को नै बताई क अम्मी अब्बू से बी बृहत्त प्यार करती थी और इज़्ज़त करती थी नै चाहता था अम्मी की नज़र में अब्बू की इज़्ज़त कम् हो या घर का सकूं बर्बाद हो...यूँ वो राज़ बी मैं अपने सीने में दबा लिया...बैक तो PRESENT!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
27-02-2019, 06:57 PM
Park क उस बेंच पर बैठे अहमद भाई ने अपनी ज़िन्दगी क सब राज़ साफ़ दिल साथ मेरे साथ शेयर कर दिए...भाई की बातें सुन एक पल क लिए मेरी आँखें बी नम्म सी होगयी...भाई सुछ में मेरे से ब्रा प्यार करते थे थोड़ी मैं उन्हें िदअलीज़े करता था...अहमद भाई ने सब बता कर सर नीचे झुका लिया जैसे शर्मिंदा हों मैं आगे बार उन्हें गले से ज़ोर से लगा लिया क भाई आप क्यूँ शर्मिंदा हो रहे में शर्मिंदगी वाली कोई बात नै किसी साथ आप क सीक्रेट्स शेयर नै करूँगा...भाई मेरी बातें सुन मुस्करा दिए और थोड़ा रिलैक्स हो गए.....AAA हम दोनों भाई घर की और चल दिए.. .आज मन का काफी बूझ हल्का हो चूका था को अम्मी बारे सब बता कर और उन् से जान कर ख़ुशी हो रही थी क ात लीस्ट ये लुका छुपी और एक दूसरे क आगे शर्मिंदा होने से बचे गए...दोनों भाई जब घर पोहंचे और दूर बेल्ल बजायी तो अम्मी ने गेट खोला और हम दोनों को साथ देख एक पल क लिए वो शॉकेड रह गयी फिर हमें अंदर आने का बोल साइड होगयी दोनों भाई बातें करते अंदर आये और अपने अपने रूम में चले गए फ्रेश होने...थोड़ी देर बाद जब मैं फ्रेश होकर एक अकेले ट्रॉउज़र में अपने वाशरूम से बाहिर निकला तो सामने अम्मी को खरा पाया...अम्मी अपनी कमर पे हाथ रखे दोनों थोड़ा सीरियस दिख रही थी ने एक खुला काळा रंग का मोटा सूट पहना होआ था और उस क ऊपर एक शाल ओढ़ी होइ थी को अपनी जानिब घोरता देख मैं मुस्कराया और अम्मी की सवालियां नज़रों को पढ़ मैं आगे बढ़ा और अम्मी क बिक्लुल पास खरा होगा और उनकी और स्माइल साथ देखते होअय उन क दोनों हाथ कमर से चुरवा कर अपने हाथों में लिए और उन्हें आराम से बीएड पर बिठाया और बिना उन क कुछ बोले मैं बोल पढ़ा क अम्मी मैं जनता आप क्या पोछना छह रही...अम्मी भाई और मेरे बीच अब कुछ बी ढाका छुपा नै रहा दोनों आप से बृहत्त प्यार करते हैं और आपकी इज़्ज़त पर आंच तक्क नै आने देंगे यूँ लुका चुफि से सब करने का कोई फायदा नै. आप परेशां न हो सब नार्मल है अब बी खुश हैं हमारे बारे में जान कर...अम्मी मेरी बातें हैरानी से सुन थोड़ा धीमे लहजे में नीचे सर कर बोली अहमद ने तुझे सब बता दिया अली उनका फेस अपने हाथों में थाम ऊपर कर बोलै अम्मी उन्हों ने मुझे सब बता दिया है और मैं बी ये जान कर खुश होआ क आप को इतने सालो से भाई अकेले खुशियां हर लेहाज़ से दे रहे थे पर अब आप क दोनों बेटे आप की झोली खुशिओ से भर दें गए...अम्मी मेरी बात सुन थोड़ा शर्मायी और मुझे हल्का सा थप्पड़ कंधे पे मरते बोली अली तुम दोनों ने तो मेरी जान हे निकल दी थी से सब सोच सोच सर पहात रहा था क पता नै तुम दोनों भाई एक दूसरे साथ कैसे पेश आओ गए...अम्मी थोड़ा रिलैक्स होते थोड़े कॉन्फिडेंस साथ बोली चलो ाचा होआ सब ठीक होगया अब चल उठ कपड़े पहन नीचे आजा मिलकर डिनर करते है...इतना बोल अम्मी बीएड से उठी और जाने लगी तो मैं उनका हाथ पाकर लिया जिस पर उन्हों ने चेहरा घुमा बरी ऐडा साथ अपनी उसी मग़रूर हसीं जैसी ऐडा साथ बोलै अली चोरो बी बीटा अभी अहमद नीचे है...उन्हें हाथ से थोड़ा ज़ोर से अपनी और खींचा जिस से वो एक दम्म से मेरे सीने आ लगी और उनका हैवी बदन मेरी बाहों में की आग़ोश में आज्ञा और हम दोनों माँ बेटे की नज़रे एक दूसरे साथ मिली ऊपर से नंगा हे था तो अम्मी अपने एक हाथ मेरी नंगी चोरी छाती पे रख थोड़ा शर्मायी और नीचे नज़रे झुकाये बोली अली चोरो बी न बोलै अम्मी आप तो ऐसे कुंवारी लडकियो जैसे शर्मा रही बोली मुझे सोच सोच शर्म आ रही क तुम दोनों भइओ को एक दूसरे बारे पता चल गया और इतना कहते हे अम्मी का चेहरे और लाल होगया शर्म से...ज़ाहिर सी बात थी क अम्मी जैसी खातून क लिए ये जान लेना कोई आसान बात नै थी क उस क दोनों सघे बेटे आपिस में ये जानते दोनों अपनी सही माँ को छोड़ते हैं….अम्मी क मोठे मम्मी मेरी नंगी छाती साथ रैगर खा रहे थे और मैं दोनों हाथ पीछे लेजाकर अम्मी की बाहिर को निकली मोती गांड क चुतरों पर रख दिए और उन्हें थोड़ा ज़ोर से मसलने लग प्र...जिस पर अम्मी की बी एक सिसकी निकली...अम्मी क लरज़ते मोठे रसीले होंटो को अपने होंठों क क़रीब प् कर और अम्मी की गर्म साँसों को अपने चेहरे पे फील करते होअय मैं अम्मी क होंटो पर अपने होंठ रख दिए और उन्हें चूमने लग प्र...अम्मी बी मेरा पूरा साथ दे रही थी अम्मी क चुतरों को मसलते होअय अम्मी क होंठों का रस पिए जा रहा था ५ मं हम दोनों माँ बीटा पागलो जैसे एक दूसरे को किसिंग करते रहे अम्मी की ज़ुबान अपने मौन में दाल मैं चूसने लग परता और कभी अम्मी मेरी ज़ुबान को जैसे किसिंग करते होअय हमें कुछ हे देर होइ होगी क तभी मेरे सेल बजा और हम दोनों माँ बेटे को कुछ होश आयी और अम्मी एक दम्म से मेरे से पीछे हटी और लम्बी लम्बी सांसें लेते होअय अपने होंठों को साफ़ करने लग पारी बी लम्बी साँसे ले खुद की सांसें संभाली और साइड पे परे सेल को उठाया तो देखा एपीआई रज़िया की कॉल थी कॉल उठाने से पहले अम्मी को इशारा किया क वो यही रुके पर अम्मी एक नटखट स्माइल साथ मुझे अनघोटा दिखते ना में इशारे करते जल्दी से रूम से बाहिर निकल हाई हँसते होअय की ऐडा से ट्रॉउज़र क अंडे मेरे तम्बू बने लूँ ने एक झटका मारा और अम्मी क जाते होये हिलते चुतरों को देखने लग प्र जब नज़रों क सामने से ग़ायब होइ तो मैं कॉल उठायी कर क मैं एपीआई का हाल पोछा तो एपीआई एक दम्म से मुझे ग़ुस्से से बोली मेरे हाल की इतनी हे फ़िक्र होती तू एक बरी मिलने तो आ जाता कोई कॉल न कोई मश्ग जैसे भूल हे गया है...एपीआई का हिला सुन मैं मुस्कराते होअय बोलै एपीआई मेरी जान कॉलेज में बिजी था बास अभी तो शाम होगयी है सुबह कॉलेज क बाद पक्का आप क हाँ आऊँगा आगे से बोली क कलललल आज की रात कैसे गुज़री गीई....एपीआई क कहने का मतलब मैं समझ चूका था फिर बी मैं प्यार से बोलै क एपीआई आज की रात थोड़ा कण्ट्रोल कर लें कल पक्का आपका भाई आपकी ख़िदमतत्तत(ज़ोर देते होअय) हाज़िर होजाये गए...एपीआई मेरी बात सुन कर और थोड़ा हंसी और बोली ाचा ठीक है कल ठीक १२ बजे आजाना क्यों क ढाई बजे क बाद अरूबा आजाती कॉलेज से ओके बोल फ़ोन रोह दिया और एक लम्बी सांस लेते होअय मैं एक टी शर्ट फुल बाज़ू वाली पहनी और नीचे डिनर क लिए चला गया डाइनिंग टेबल पे भाई पहले से बैठे मेरा हे वेट कर रहे थे और अम्मी किचन से खाना ला कर टेबल पे रख रही थी और भाई एक दूसरे क सामने बैठे थे...टेबल पे ६ कुर्सियों की जगह थी बीच में और दो सिदो में की एक कुर्सी क बिलकुल साथ वाली दोनों चेयर्स पर हम दोनों भाई आमने सामने बैठे थे खाना और पानी रख हम से दूर चेयर पर बैठने लगी तो मैं बोलै अम्मी यहाँ आ कर बैठे न मेरी बात सुन एक पल क लिए मुझे घुरा फिर हम दोनों भाई क साथ वाली साइड सिंगल चेयर पर बेथ गयी सन कुछ ये था क अम्मी मेरी राइट हैंड पे थी और भाई क लेफ्ट बीच १ फ़ीट का फैसला होगा एक दूसरे क पास थे काफी और कोई बी नै था बोल रहा...अम्मी अचे से कवर उप थी शलवार कमीज में और दोपट्टा बी सही से ओढ़ा होआ था अम्मी हम दोनों को खाना दाल कर देने लग पारी और हम तीनों चुप चाप खाना खाने लग परे...तभी अहमद भाई ने आखिर ख़ामोशी टोरी और अम्मी की और मुखातिब होते बोले अम्मी ने कब आना है छुट्टी पे का नाम सुनते अम्मी ने एक डैम से अहमद भाई की और देखा और बोली कह तो रहे थे जल्दी आजाऊंगा तेरी छुटियाँ ख़त्म होने से पहले अब देखो कब आते है...हम तीनों में अभी बी हिचकचाहट काफी थी तभी इधर उधर की बातों में लगे थे...मैं थोड़ी हिम्मत कर टेबल नीचे से अपना एक नंगा पाऊँ अम्मी की अपने साइड वाले पाऊँ पे रखा तो अम्मी क मौन में जाता निवाला एक दम्म से रुक गया और उन्हों ने मेरी और सवालियां नज़रों से देखा उनसे नज़रे चुराए मुस्कराते होअय खाना खाने लग प्र और साथ हे अपने पाऊँ क अंघूठे साथ अम्मी की शलवार की स्लीव को ऊपर करने लग प्र जिस से अम्मी की नंगी तंग पे मेरा पाऊँ लगने लग प्र तो जैसे एक दम्म से बेचैन से होगयी और मेरी और अब थोड़ा ग़ुस्से से देखने लग पारी...मैं थोड़ा तंग करने क मूड में था और मुझे पता नै अजीब सा मज़ा बी आ रहा था अम्मी को चरने का भाई की मजूदगी में...अम्मी शर्म क मरे एक दम्म से अपनी चेयर से उठ खरी होइ और बोली मैं ज़रा किचन में पानी भूल गयी दोनों खाओ मैं ज़रा लती हूँ पानी... भाई मेरी और सवालियां नज़रों से एक्सप्रेशंस दिए जैसे पॉच रहे हो क्या होआ मैं न में सर हिला दिया...भाई खाना ख़त्म कर लिया तो बोले तू खा मैं ज़रा पानी पी लू अम्मी अभी तक्क लायी नै बोल भाई किचन की और चल दिए की बातों से मैं सब समझ गया था क भाई किचन में क्यों गए हैं अपनी चेयर से एक डैम से उठ नंगे पाऊँ हे जल्दी से किचन क दूर की साइड पे जा खरा होआ और अंदर का नज़ारा देखने लग प्र...अंदर अम्मी पानी वाली टोटी से खरे खरे बॉटल्स भर रही थी और उनका चेहरा दूसरी और था खरे होते होअय उन की मोती फैली होइ गांड बाहिर को निकल ऐसे जैसे ललचा रही हो...भाई धीरे से पीछे से अम्मी से जा लगे और अम्मी एक दम्म से 'ालिई ये क्या बेहूदगी है बी तू..."इतना बोलते बोलते अम्मी ने जूनही गर्दन घुमा कर पीछे देखा
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