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Adultery स्लीपर बस में मां के साथ एक सफर (complete)
#1
एक घटना जो मेरी आंखों के पलकों के सामने हमेशा तैरती रहती है। में हमेशा सोचता रहता था की क्या ये मेरी बुरी यादें है या अच्छी क्यू की उस याद में मेरा भी कुछ था ऐसा जो में निर्णय नही कर पाया । 



में लाडग्राम से संबंधित रखता था । ना शहर ना गांव एक भीड़ भाड़ वाली जगह । जिसमे सब्जी मंडी हो रेशन की बाजार लोगो के पेड़ रखने की भी जगह नहीं होती थी । में उस गली महोल्लों में चेल चपाती कर के बड़ा हुआ था । हमारे घर के पास एक पड़ोसी था । जिसने एक खूबसूरत लड़की थी नैना । हम साथ साथ स्कूल में पढ़े लेकिन हमारा कॉलेज अलग अलग हो गई वो चली गई कानून पढ़ने और चला हमारी कला विभाग में । लेकिन फिर भी मैंने उसका पीछा नही छोड़ा उसको पता के ही दम लिया । दिल से ईश्क हो गया था तो उसके साथ शादी बच्चे एक सुखी संसार बनाने का सपना देखा था । वो भी मुझे चाहती थी पटाते पटाते वो भी मेरे प्यार में पट गई थी । अब जवानी में लड़को की सलामी देना और लड़कियों की किट किट होती ही है। एक दिन उसी सक्कर में मेरी लगभग कफन निकल ही चुकी थी । 



उसके घर में वो और उसकी पिताजी थे जो बाजार में अच्छा खासी बिक्री की होलसेल दुकान चलाता था । उसकी मां बचपन में ही मर गई थी । हा कुछ दो साल पहले उसकी बीन बियाही मासी उसके घर पे पनाह ले रह रही थी । ऐसे तो उसके घर में जब चाहे आना जाना था लेकिन एक दिन दोपहर को नैना की रूम में डांडिया खेल रहे थे । पता नही उसके बाप को कैसे पता चला हमे पकड़ लिया और मेरी जो पिटाई हुई चार टांगो पे किसी तरह घर पर आया दर्द से कराहते कराहते। मुझे तो लगा था की अब मेरी बलि चढ़ने वाली हैं लेकिन नैना की पिताजी ने किसी को कुछ नही बताया लेकिन नैना को पिता बोहोत । 




खेर कहानी ये नही कहानी ये है। एक दिन फोन आया की मम्मी को उसके मायके मे दोनो मामा यानी मम्मी के एक छोटे और एक बड़े भाई जमीन के लिए लड़ रहे हे। तो मम्मी को तुरंत जाना था अपनी मायके । मेरे बाबा जो कोई बार मेरी मम्मी के दोनो भाई से लड़ाई कर के आए थे । तो बाबा तो मम्मी के साथ जा नही सकता एक दादी थी जो चारपाई पे ही हमेशा लेटा था । आखिर में मुझे ही जाना पड़ा मम्मी के साथ । 




शाम को बास की दो टिकते बुक की अगले सुबह हम बस्टेंट से मम्मी की मायके मालारंग जाने की लिए हमने बस पकड़ी । 800 किलोमीटर दूर देर दो दिन का सफर होने वाला था । हमने लास्ट में टिकेत ली तो हमे सबसे लास्ट वाला केबिन मिला । जिसमे ट्रेनों की तरह ही चार बर्थ यानी चार लंबी सीट मिलती थी दो ऊपर और दो नीचे । हमारी सीट एक साइट थी एक ऊपर एक नीचे । हम दोनो बैठे बस चलने के लिए हॉर्न बजाने लगे । 



मम्मी बोली " अरे लगता है सामने वाली सीट पर कोई नही आने वाला हे। अच्छा पेड़ लंबी कर के चलूंगी "



" हां अच्छा है में इस सीट पर बैठता हूं मुझे भी ऊपर चढ़ना नहीं पड़ेगा ।" में भी सामने वाली सीट पर बैठ गया 



लेकिन तभी एक आदमी केबिन का दरवाजा खोल के अंदर आया मम्मी और में सोक गए । मेरे मन में आया ये यहां क्या कर रहा हे।



लेकिन मम्मी के होठों पे मुस्कुराहट थी " अरे राशन भाई साहब आप " 




सामने नैना के पिताजी खड़े थे । लग गए मेरे अब में पूरी सफर चूहा बंद के मुंह छुपाता चलना पड़ेगा । कहा से आ गए  ये श्राप। नैना की पिताजी को देखते ही मुझे लाठी की पिटाई याद आ जाती है। 




"अरे रीता भाभी आप । ओह साथ में लोद्दु भी हैं " नैना की पिताजी रोशन अंकल ने सरप्राईज रिएक्शन दिया । 



लोद्दू मेरा निक नेम है वैसे मेरा नाम आयुष हे। लेकिन बचपन में गोलमोटोल था तो पड़ गया लोद्दू नाम । 




" आप यहां कैसे " मम्मी भी सरप्राईज थी ।


" अरे वो में मालारांग जा रहा हूं । वोहा मेरा ससुराल है कुछ काम के लिए जाना पड़ रहा हे " रोशन अंकल बोला ।



फिर क्या था मम्मी की पड़ोसी से अच्छी जमती थी । लग भाग रोज आना जाना ही रहता था । अच्छी घर वालों जैसा ही माहोल था । मम्मी को भी गप्पे लड़ाने में कोई मिल गया । लेकिन में चूहा बंद कर रह गया । 



रोशन अंकल मेरा पीठ थपथपा के बोला " और लोद्दु पढ़ाई कैसी चल रही हे। कुछ दिनों से हमारे घर आए नही । " 



में फीकी मुस्कान देता हूं और मेरी जवाब मम्मी देती है " मत पूछो भाई साहब इस नालायक को । पढ़ाई में मन नहीं इसका कंप्यूटर गेम और घूमने फिरने में मन हे इसका । बिगड़ गया है " 



रोशन अंकल हस के बोला " अरे भाभी यही तो उम्र होती हे बच्चो की मस्ती करने की " और मेरे कान में बोला " पिटाई की चोट ठीक हुए की नही । अब भी दर्द करता है क्या बेटा " 



रोशन अंकल की कुटिल मुस्कान ने मेरा अंतरिया जला रहा था । सफर शुरू हो चुकी थी मम्मी और रोशन अंकल बातों में मगन हसी मजाक चल रही थी । कुछ देर खामोश भी हो जाते दोनो फिर चालू करते बाते । ऐसे ही चल रहा था लेकिन मेरा हर एक पल बड़ी बेचैनी से काट रहा था ।




दोपहर 3 बजे बास एक घंटे के लिए रुकी एक बड़ी ढाबे पे। तब रोशन अंकल ने हमे अच्छी खाना खिलाया । और जब हम बास पर चढ़ रहे थे तो रोशन अंकल बहाने से मुझे बास के पीछे ले गया । में दर गया साला यहां भी मुझे कूट ना दे । 




लेकिन रोशन अंकल इधर उधर देख कर मुझसे बोला " बेटा तू इतना बुरा लड़का भी नहीं हे। लेकिन बाप हूं एक बेटी का । उस दिन के लिए मुझे माफ कर देना "



इससे ज्यादा खुशी और मुझे क्या हो सकती है। फिर भी में शर्मा कर बोला " कोई बात नही अंकल ने समझता हूं "



रोशन अंकल बोले " लेकिन बेटा कुछ पाने के लिए कुछ खोना भी पड़ता है । तू चाहता हे ना में तेरी शादी अपनी बेटी नैना से करवाऊं । हा चाहता हे ना "


अब इतना भी गधा नही था । में समझ गया की ये व्यापारी दिमाग वाला आदमी कुछ ले दे के ही मामला सुलताएगा लेकिन में इस सोच में पड़ गया की हम तो लड़के वाले है और ये हमसे दहेज लेगा । 



रोशन अंकल फिर पूछा " चाहता हे की नहीं"


" हा " और में सर हिलाया ।


तो रोशन अंकल एकदम गंभीर हो गए " देख बेटा मेरी बीवी को मरे हुए 10 साल हो गए हे। तू भी एक मर्द हे तू समझ सकता है ना की में कैसे अकेले जी रहा हूं । कितने दुख में जी रहा हूं " 


में समझ नही पा रहा था की रोशन अंकल ये सब मुझे क्यू बोल रहे हे और उसकी आखों में नसमझने वाली नजरों से देख रहा था । 


" देख बेटा तू समझ रहा हे ना में क्या कह रहा हूं " रोशन अंकल बड़े बेचैन लग रहे थे । 


मे ना में सर हिलाया । 


रोशन अंकल थोड़ा झुलझुलाता हुआ मेरा बाल पकड़ के जकड़ दिया " नालायक मेरी बेटी की कमरे में घुस सकता है लेकिन एक रोंडुवा की आपबीती समझ नही आती तुझे "


में दर के मारे " सॉरी सॉरी अंकल सॉरी " 



रोशन अंकल शांत हो कर बोले " अच्छा सॉरी । साफ साफ सुन । में तेरी शादी नैना से करवाऊंगा वादा करता हूं लेकिन बदले में मुझे तेरी मम्मी चाहिए " 



" मम्मी " में समझ नही पाया 



" हां। में तेरी मम्मी के साथ संबंध बनानूंगा इसलिए तो यहां तुम लोगो के साथ आया हूं । बास की दो टिकट ली ताकि चौथा कोई हमारे साथ ना हो " रोशन अंकल बोले 



और मुझे सारा माजरा समझ आ गया और ये भी समझ आ गया की रोशन अंकल किस किस्म का इंसान है। साला हरामी मेरी मम्मी के साथ सोने के लिए अपनी बेटी को मेरे साथ शादी करने को तैयार है जो कुछ दिन पहले अपने बेटी की आशिक को पीट पीट कर अधमरा कर दिया था । लेकिन मेरे मन में भी लालच थी । आखिर नैना से में सच्चा प्यार करता था मुझे पता था उसकी जैसी पढ़ी लिखी और नेहायती खूबसूरत लड़की दूसरी मिलेगी नही मुझे । भले ही में अमीर खानदान से था लेकिन में कोई डॉक्टर इंजीनियर तो बनने नही वाला था जो मुझे परी मिलती । और जिस जगह पर में रहता था हम जैसे थर्डक्लास के पढ़े लोगो को खूबसूरत पढ़ी लिखी मिलती भी नही। में सोच में पड़ गया एक तरफ मेरी जन्म देने वाली मम्मी की आबरू और एक तरफ मेरा प्यार जो मेरी जिंदगी खुशाल कर देगी ।



" क्या सोच रहा हे जल्दी बोल बेटा । वरना नैना कभी नही मिलेगी " रोशन अंकल ने मुझे लालच दिया ।



और पूरी तरह सोच विचार नही कर पाया लेकिन जुबान पे आया की " क्या गारंटी है की आप नैना से मेरी शादी करवाओगे "



रोशन अंकल हस के बोला " तू अभी नैना से पूछ की में तुम दोनो की शादी के लिए राज़ी हुआ की नही" 



में भी नैना से तुरंत फोन लगाता हूं और नैना से पूछा तो नैना भी खुशी खुशी बता देती है उसके पापा मान गए है। लेकिन नैना को नही पता था की उसके पापा क्यू मान गए हे। 


में फोन रख के रोशन अंकल की तरफ देखने लगा और में फैसला नही ले पा रहा था की क्या करू अब में । अगर नैना का बाप नही होता तो यहीं साले की दात तोड़ देता । लेकिन नैना । वोही अब फसाद की जड़ बन गई ।



रोशन अंकल एक कागज की बैग से एक बॉक्स निकाल कर मुझे देता हे और फिर दूसरा बॉक्स निकाल कर देता है " ले ये आईफोन और ये हेड फोन और भी कुछ चाहिए तो मांग दिल खोल के । वैसे भी मेरी एक लौटी बेटी हे शादी के बाद मेरी दौलत तो सब तुम्हारे ही होने वाले है" 



अब भाई इंसान हूं थोड़ी लालच तो थी । नैना के पिताजी के एक मिडिल क्लास आदमी की तरह धन दौलत के मालिक थे । मेरे बाबा थे आयुर्वेद का डॉक्टर तो हम भी मिडिल क्लास टिप तोप लोग थे लेकिन अगर नैना के पिताजी की दौलत मिल जाए तो मुझे इतनी अच्छी नौकरी की मारा मारी नही करना पड़ेगा । 



" जल्दी बोल बेटा बस जाने वाली हे" रोशन अंकल उतावला हो रहा था । 


" फिर भी अगर आप मुकर गए तो " में बोला 


रोशन अंकल एक गोरा कागज निकल कर उसपे अपना सिग्नेचर और अंगूठा शाप दे कर मुझे कागज दे कर बोला " ये ले ब्लैक पेपर पे मेरा सिग्नेचर और स्टांप भी । तू इसमें जो चाहे एग्रीमेंट कर लेना अब ठीक । " 



पता नही क्यू मेरा मुंडी हा में हिल गया । और रोशन के पापा मुझे गेले लगा खुशी से मेरा माथा भी चूम लिया ", मेरा प्यारा दामाद। और सुन कानो में हेडफोन लगा के रखना और रात को ऊपर की बर्थ पर चढ़ जाना ठीक है" 



रोशन अंकल मेरा गाल ठप ठपा के बास पे चढ़ गया । और में कागज और आईफोन की बॉक्स और हेड फोन की बॉक्स ले कर धीमी कदम से बास पर चढ़ गया ।




में सोच में पागल सा हो गया था क्या मैने सही किया । दिल की धड़कन तेज हो रहे थे की मैने ये सही नही किया हाला की मेरे पास अब भी वक्त था ये सब रोकने का । बास फिर से चल पड़ी थी । 



और रोशन अंकल मम्मी के पास बैठ कर यूट्यूब पर फिल्म दिखा रहा था । मम्मी भी अब तक रोशन अंकल को शरीफ आदमी समझ रही थी और में भी समझता था । लेकिन आज पता चला कितना ठरकी के हे और अपने थरक के लिए कितना नीचे गिर सकता है।
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#2
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Yut


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#3
शाम होने लगी । मम्मी भी बोहोत बाटूंगी थी। रोशन अंकल को रोशन भाई साहब की रद लगाए इधर उधर की बाते करती जा रही थी अपनी मोहल्ले की तमाम बातों की पिटारा खोल रखी थी ।



एक नज़र मैने मम्मी की तरफ दिया । आज पहली बार मम्मी की हर एक अंग मैने गोर किया । मम्मी का स्वभाव हसमुख और मजाकिया थी । वो हमेशा सारी पहनती थी संस्कारी ढंग से कपड़े पहनती थी । आज भी एक ऑरेंज कलर की सारी और ब्लाउज पहनी थी । पल्लू हमेशा कंधे पर पिन लगा कर रखती थी । बालों को जुड़ा बनाए हुए गले मंगलसूत्र हाथों में दो जोड़ी चूड़ियां एक गले में चैन जो सोने के थे कानो में बाली । संपूर्ण विवाहित औरत की तरह परिधान करती थी श्रृंगार करती थी । भले ही काठ काठी चोटी थी मम्मी की लेकिन एक घरेलू औरत के हिसाब से नेहायति खूबसूरत थी । गोरा रंग सुंदर गोल मुस्कान की लालिमा मुखरा बदन भी सरहरी गदराया हुआ । कोन कहेगा की ये 43 साल की औरत हे एक जवान 22 साल के लड़के की मां हे। मम्मी की खूबसूरती ने सायेद रोशन अंकल को पहले से मोहित कर चुका हे और अब रोशन अंकल ने मौके पे चौका मारा है। लेकिन मेरा एक सवाल मन में आया की रोशन अंकल मुझसे ये सब सौदे बाजी ना कर के मम्मी को किसी और तरीके से पटाने की कशिश तो कर सकता था । घर के सदस्य की तरह आना जाना लगा रहता था ।





धीरे धीरे अंधेरा हो रहा था केबिन की लाइट जला दी हमने । और में पेशाब करने बास की चोटी से टॉयलेट में चला गया । और मेरा दिमाग तब भी खराब था । बार बार नैना की चेहरा याद आ रहा था और कमीनी उसी दिन बार बार मैसेज किए जा रही थी । और एक पल को में कल्पना में को जाता की मम्मी और रोशन अंकल डांडिया खेल रहे हे । और अगले ही पल होश में आ जाता ।


में केबिन में गया लेकिन हल्का सा दरवाजा खुला था और उसी दरार से मुझे दिखा की रोशन अंकल मम्मी के बगल में बैठ कर मम्मी को बाहों में भर के चूमने की कशिश कर रहे है और मम्मी उसको हटाने की कशिश करती हुई बोल रही थी " भाई साहब ये आप क्या कर रहे हे छोड़िए मुझे "


लेकिन रोशन अंकल मम्मी को चूमने की कशिश करते हुए बोला रहा था " रीता में तुमसे बोहोत प्यार करता हूं । तुम भी जानती हो । एक बार मुझे मौका तो दो में तुम्हे बोहोत खुश रखूंगा "



मम्मी नाराजगी दिखा रही थी लेकिन हल्ला नही कर रही थी " भाई साहब आप समझते क्यू नही। में एक जवान बच्चे की मां हूं और आप भी । छोड़िए मुझे आप बोहोत गंदे है आज पता चला । छोड़िए लोद्दू ने देख लिया तो बबाल हो जायेगा । चलिए छोड़िए मुझे । नही तो में चोर मचा दूंगी "



और मेरा दिल फटा जा रहा था । एक अजीब सा एहसास गुस्सा भी और मैने दरवाजा खोलने की आवाज की तो रोशन अंकल मम्मी से अलग हो कर बैठ गए ।




मम्मी भी खिड़की के पास चड़क गई और में सामने वाले सीट पर बैठ गया और अपने मोबाइल निकाला । कुछ देर बाद रोशन अंकल मुझे इशारों से ऊपर की बर्थ पर जाने को बोल रहा था । में नही गया तो अंकल लाल आंखे दिखाने लगे । साला में मोहल्ले में दादा बन कर फिरता था लेकिन पता नहीं क्यों रोशन अंकल से फट्टी थी मेरी । और उनकी सीट की ऊपर वाले बर्थ पर चढ़ कर नया आईफोन और हेडफोन निकल कर उसपे व्यस्त होने लगा लेकिन मेरा पूरा ध्यान नीचे ही था और चुप चुप के नीचे देख रहा था ।



रोशन अंकल मम्मी को एक नेकलेस दे रहा था । देखने में तो असली सोने की ही लग रहा था लेकिन मम्मी सर हिला के माना कर रही थी और रोशन अंकल को अपने से दूर कर रही थी ।



रोशन अंकल मुझे आवाज लगाता है में जान बूझ कर आवाज नही देता हूं । रोशन अंकल ऊपर की और झांक मार के मुझे देखता हे और मुझे कानो में हेडफोन लगाया हुआ देख कर मम्मी के बगल में बैठ कर बोला " बच्चा गाना सुन रहा हे। लाओ में पहना दून मेरी प्यारी रानी "



तब मम्मी बड़े प्यार से रोशन अंकल को समझती है " देखिए भाई साहब में आपको अपने भाई जैसा मानती हूं । सालों से हमारी अच्छी जान पहचान हे। इस सम्मान की रिश्ते को खराब मत करिए । ये कभी संभव नही है में शादी शुदा हूं एक मां हूं "



" रीता तुम उसे शादी कहती हो । में सब जानता हूं तुम्हारा पति तुमपे ध्यान नहीं देता है । में भाई साहब की अंदर की बाते सब जानता हू दिन भर क्लिनिक पर रहता है और रात को खाना खा कर सो जाता है। तुम जानती हो रीता मेरी पत्नी को मरे हुए कितने साल हो गए है। तुम नही जानती में पत्नी की प्रेम के लिए और पत्नी को प्रेम देने के लिए कितना तड़प रहा हूं । में कसम खा के कहता हूं में तुम्हे बोहोत प्यार दूंगा "



" भाई साहब तो आप दूसरी शादी कर लीजिए । ऐसे भी आप अब भी जवान दिखते है ", मम्मी बोली



" चलो में तुम्हे जवान तो लगता हूं ", रोशन अंकल अपने काले घने बालों पर हाथ फिराता हुआ बोला



तब मम्मी भी थोड़ा शरमा जाती है।


" रीता तुम पहले मेरा ये तोफा लेलो मुझे बोहोत खुशी होगी। पहले भी तो मेरे दिए हुए तोफा ले चुकी हो खुशी खुशी "


", हा भाई साहब लेकिन वो सब आपने किसी तोहार में सबके सामने दिया है । लेकिन आज में ये नही ले सकती। वैसे भी ये नेकलेस बोहोत महंगा होगा 4 , 5 लाख का होगा । घर में पूछेंगे तो में क्या जवाब दूंगी । अगर कोई साधारण गिफ्ट होता तो भाई साहब में खुशी खुशी ले लेती लेकिन इतना महंगा ना बाबा ना "



" रीता तुम ऐसा करोगे मेरे साथ । नही तुम्हे ये नेकलेस अभी मेरे सामने पहना होगा " और रोशन अंकल जबरदस्ती मम्मी के गले में नेकलेस पहनाने लगा


" ना भाई साहब ना " मम्मी माना करने लगी



पर रोशन अंकल ने पहना ही दिया किसी ना किसी तरीके से ।
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#4
जब नेकलेस पहना दिया तब मम्मी भी क्या कर सकती थी मजबूर हो कर मम्मी अपने गले पे लटकी हुई नेकलेस को हाथों में नेकलेस की लॉकेट को उठा कर देख रही थी ।



" देखें कितनी सुंदन लग रही हो रीता तुम । इस लॉकेट के पीछे दो आर लिखा है एक मेरे नाम का एक तुम्हारे नाम का "



मम्मी बोली " भाई साहब अभी के लिए पहन रही हू। बाद में बापाच कर दूंगी "


रोशन अंकल हस के बोला " में बापाछ लूंगा ही नही। अगर बपाच करने की कशिश की तो में तुमपे छोरी का इल्जाम लगा दूंगा हां हा हा "



मम्मी भी रोशन अंकल के मजाक के हस पड़ी " आप भी ना । में नैना को बापच कर दूंगी "



रोशन अंकल फिर मम्मी को खिकड़ी की कोने में बाहों में भर कर मम्मी को चूमने लगता हे यहां वहां " उम्म्ह्ह्ह रीता तुम्हारी खुश्बू "



मम्मी पूरी ताकत से रोशन अंकल को अपने से दूर करने की कशिश कर रही थी और में ना सुनूं इसलिए धीरे धीरे बोल रही थी " नही भाई साहब नहीं। ऐसा मत कीजिए ये पाप हैं। भाई साहब में आपके आगे हाथ जोड़ती हूं प्लीज ऐसा मत कीजिए मेरे साथ ।"



लेकिन मम्मी की विरोध रोशन अंकल के लिए कुछ नही था । वो एक मर्द था और मम्मी एक औरत । रोशन अंकल जबरदस्ती मम्मी को ईहा वोहा गले पर कंधे पर गाल पर चूमते हुए मम्मी की चुचियों को ब्लाउज के ऊपर से दबा दबा के मसल रहा था ।



मम्मी अपनी हाथ और बाजू का इस्तमाल कर के रोशन अंकल को विरोध कर रही थी पर रोशन अंकल मम्मी की कलाई पकड़ के अपने आड़े में ले कर अपने बलिष्ट हाथों से चूचियां दबा रहा था ।





में ये सब देख कर गुस्सा भी हो रहा था लेकिन नैना की खयाल मेरी मजबूरी बन रही थी हाथों में रोशन अंकल के दिए हुए आईफोन थे वो भी एक कारण था ।




मम्मी विरोध करते करते एक समय में थक गई और फिस्फिसा के बोली " प्लीज भाई साहब बच्चा देख लेगा "



रोशन अंकल मम्मी की कान की लो मुंह में ले कर बोला " नही वो मोबाइल में बिजी हे और गाने सुन रहा हे । इसलिए तो मैंने उसे नया फोन और नया हेडफोन दिया "



" आप बोहोत गंदे है। इस तरह आप मेरी फायदा उठा रहे हे ना । बच्चे के आगे में कुछ कर भी नही सकती वरना में अभी बास से उतर जाती " मम्मी नाराज हो कर बोली



" रीता तुम एक बार समझो मेरे प्यार को देखना तुम्हे भी मेरे प्यार में सुख मिलेगा जो तुम्हारे पति नही देते है "


" नही चाहिए मुझे कोई सुख । जैसी हूं में वैसी ही ठीक हूं "



मम्मी अपना मुंह कोने में छुपा लेती है और रोशन अंकल अब मम्मी की खुली कंधे पर चूमता हुआ मम्मी की चूचियां मसलने लगता है इस बार मम्मी भी कोई विरोध नहीं करती बस अपनी हाथो से अपना शर्मीली चेहरा छिपा के रखती है । रोशन अंकल की चेहरे पर आनंद साफ दिख रहा था । और मजे से मम्मी की चूचियां दबा रहा था मसल रहा था । और चूम रहा था ।



मम्मी की मजबूरी का अच्छा फायदा उठा रहा था भली भाली मम्मी शर्म के मारे मजबूर हो गई थी । रोशन अंकल मम्मी की चुचियों से नीचे हाथ ले जाता हुआ मम्मी की उभरी हुई मखमली पेट पर हाथ सेहलाता हुआ मम्मी को बगल में से अपनी बाहों में जकड़ रहा था और तब दबी कसी बाहों में मम्मी की मुंह से कराह निकल जाती आह्ह्ह्।



मम्मी इस आह्ह से मेरी बदन में एक अजीब सा फीलिंग आती है क्यू की कुछ कामुक आह्ह्हह्हह थी मम्मी की मुंह से। पहली बार मम्मी की मुंह से कामुक आह्ह्हह्हह् सुनी थी । एक शर्म और कुछ अजीब सा एहसास मुझे एहसास हुआ की मुझे समझ ही नही आया ।



नीचे रोशन अंकल मम्मी को बाहों में भर के सूंघ रहे थे मसल रहे थे चूम रहे थे और मम्मी पुतला बनी हुई चुप चाप कोने में मुंह छुपाए बैठी थी । मैने देखा रोशन अंकल अपना हाथ मम्मी की चूत की हिस्से पर ले जा रहा हे तब मम्मी एकदम से जैसे होश में आई और घूम के रोशन अंकल को धक्का देती हे पता नही तब कहा से उसके अंदर इतनी ताकत आ गई ।



रोशन अंकल भी मंद मंद मुस्कुराता हुआ थोड़ा खिचक के बैठ गया । और मम्मी अपनी ढीली हो गई बालों के जुड़े को अच्छे से बनाने लगी और तब मेरी नजर मम्मी की बगल पर गई जो पसीने से गीली हो गई थी । एक कामुक फीलिंग आ गई थी मेरे मन में मम्मी की गीली कांख देख कर हालाकि ब्लाउज स्लीव वाली थी । मैने तुरंत अपनी ध्यान हटाया की ये में सोच रहा हूं ।




और कुछ देर रोशन अंकल दूर ही रहे लेकिन मम्मी अब उससे नजरे मिलाना तो दूर रोशन अंकल की तरफ देख भी नही रही थी । और ऐसे ही रात हो गई । करीब रात के 9 बजे बास रुकी एक होटल पर ।



इस बार भी रोशन अंकल ने हमे खाना खिलाया मम्मी ने हमारा पैसा देना चाहा पर रोशन अंकल ने देने नही दिए । बास के लोग हो या होटल के वेटर सब हमे एक परिवार समझ रहे थे मम्मी और रोशन अंकल को पति पत्नी और मुझे उनका बेटा समझ रहे थे । और साला रोशन अंकल सही में मेरा बाप बनने की कशिश में ही लगा था । जो देख रहा था ऐसा लग रहा की सही में बोहोत जल्द रोशन अंकल मेरा ससुर बने ना बने लेकिन सौतेला बाप जरूर बन जाएगा ।
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#5
बास एक बार फिर चल पड़ी । हम तीनो सोने के लिए तैयार हुए में भी ऊपर की बर्थ पर चढ़ गया ।


" मुझे लाइट में सोने की आदत नही । लोद्दु बेटा लाइट बंद कर दूं " रोशन अंकल बोला ।


मेरे मुंह से भी निकल गया की " हां अंकल"


मुझे भी लाइट में सोने आदत नही थी और ये बात मम्मी को पता थी । रोशन अंकल ने लाइट बंद कर दिया । पता नही मेरी भी क्या खुजली मची की में जानना चाहता था की आगे क्या होता हे और मैने मोबाइल की ब्राइटनेस एकदम कम कर दी । बार बार में नीचे देख रहा था और हर बार अंकल को अपने बर्थ पर पाया । तो एक समय में में भी नीचे देखना छोड़ दिया । नया आईफोन मिला था उसी में ध्यान लग गया।




करीब 12 बजे मुझे एक थोरी जोर की आक्क्ककह्ह्हह्ह्ह कर के आवाज सुनाई दी । मेरे कान खड़े हो गए थे और ने नीचे देख रहा था लेकिन इतना अंधेरा की कुछ नही दिखाई दे रहा था ।



लेकिन अंकल की दबी दबी आवाज सुनाई दी " क्या कर रही थी हो । बच्चा जाग जायेगा "





कुछ पल तक फिर कोई आवाज नही पर में इंटेजार में था की कोई और आवाज सुनाई दे क्या और तभी मेरी मम्मी की दबी दबी आवाज सुनाई दी " उह्ह्ह् मां। निकालिए निकालिए भाई साहब प्लीज प्लीज । आह्ह्ह्ह्ह नही नही में मर जाऊंगी आह्ह्हह् नही । उफ्फफ्फ ओह।"



मुझे समझने ने देर नही लगी और में रोशन अंकल को गलियां देने लगा मन में की साला ठरकी इतनी जल्दी मेरी मम्मी की चूत छेद करना भी शुरू कर दिया। और में सोचने लगा की मम्मी भी क्या कुंवारी दुल्हन की तरह दर्द में तड़प रही है ।




" अभी आराम हो जाएगा रीता । उमाहहह" रोशन अंकल फुसफुसाते हुए मम्मी को माना रहे थे ।




और फिर एक बार कोई भी आवाज आना बंद हुआ । लेकिन कुछ दो मिनिट में ही मम्मी की फिर हल्की आवाज आई " उह्ह्ह्ह्ह भाई साहब । प्लीज । प्लीज भाई साहब बस कीजिए। उह्ह्ह्ह्ह भाई साहब । सच्ची में बोहोत लग रही हे। उह्ह्ह्ह्ह नही। भाई साहब नही"




और जवाब में रोशन अंकल की धीमी आवाज आता है " देखा रीता इस उम्र में तुम्हारी गुफा होना चाहिए लेकिन देखो तुम्हारी मुनिया कैसे टाइट हे । आज के बाद तुम खुश रहोगी रीता । मेरी डार्लिंग उम्हाह उम्हाह्ह "




और मम्मी भी कहती हे " बस कीजिए भाई साहब आआह्ह्ह्ह । नहीं ना । उह्ह्ह्ह्ह ना भाई साहब प्लीज । मुझसे नही होगा प्लीज "


" थोड़ा तो बर्दास्त करो रीता । कितना प्यार करता हूं तुमसे और तुम मेरे लिए इतना नही कर सकती "



उसके बाद दोनों को कोई आवाज नहीं आई । कुछ दिखाई भी नही दे रहा था । पता नही रोशन अंकल मम्मी को चोद रहा था या फिर रुक गया था ।


करीब 5 मिनिट बाद मम्मी की हल्की हल्की बीच बीच में रुक रुक कर आवाज आने लगी " आआह्ह्ह्ह्ह । उन्ह्ह्ह । उम्म्ह्ह । उम्म्ह्ह्ह्ह । आह्ह्हः । ओह"



ये आवाज मम्मी की सुखद कामुक आवाज लगी मुझे । और नाचते हुए भी मम्मी आवाज सुन के उत्तेजित हो गया था । एक अजीब सा माहोल था एक अजीब सा फीलिंग थी । हमारा पड़ोसी अंकल मेरी मम्मी को मेरी मौजूदगी में चोद रहा था और मम्मी को अब मजा भी आ रही थी । उसकी आवाज में तो ऐसा ही लग रहा था । कैसा एक संजोग होगा अपनी ही मम्मी की कामुक आवाज धीमी ही सही पर सुन पा रहा था । में जवान खून का था खुद को काबू नही कर पाया ।




और कुछ आधे घंटे बाद मम्मी की दबी दबी उम्मम उम्मम्म्म आवाज सुनाई दी । ऐसा लग रहा था उसकी मुंह दबाया गया है ।



" देखा निकला पानी । आराम मिल रहा है ना मेरी प्यारी रीता। ऐसे ही तुम्हे मजा दूंगा में " रोशन अंकल की आवाज़ सुनाई दी



और में समझ गया की मम्मी वाकई में झाड़ गई हे । क्यू वो हाफ रही थी गहरी सांस लेने की मुझे आहत हो रही थी ।



कुछ देर तक फिर कुछ सुनाई नहीं दिया । और ऐसे ही एक घंटे तक कोई आवाज नही आई ।


और एक घंटे के बाद मम्मी की फीस फीस आवाज आई " जाइए आप वाहा अपने सीट पर । लोद्दू सुसु करने उठ जाता हे"


" मन नही कर रहा हे रीता तुमसे अलग होने का " रोशन अंकल बोल रहे थे ।


" जाइए आप । एक तो आपने जबरदस्ती मुझे बर्बाद कर दिया कही मुंह दिखाने लायक नही छोड़ा आपने। ऊपर से लोद्दू को पता चल गया तो में जीते जी मर जाऊंगी "


तभी में उठने की आहत दी लेकिन मैने दोनो को थोड़ा समय दिया और नीचे उतर के लाइट ऑन कर के बोला " में सुसु कर के आता हूं "



लेकिन मैने ध्यान दिया की रोशन अंकल अपने सीट पर सिर्फ लुंगी में थे और मम्मी अपनी सीट पर सारी पहनी हुई अपने बदन को पूरी तरह से ओढ़ रखी थी जिसका मतलब साफ था मम्मी ने ब्लाउज पहनने को समय नही मिला । दोनो ने कोई जवाब नही दिया ।
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#6
कुछ देर में बापाच आया और लाइट बंद कर के अपने सीट पर ऊपर चढ़ के लेट गया । में कान लगा लेता रहा पर कोई हरकत कोई आवाज कुछ सुनाई नहीं दिया तो में कब सो गया पता ही नही चला मुझे ।




लेकिन करीब 4 बजे मुझे नैना का मैसेज ने जगा दिया । हम कभी कभी 4 बजे उठ कर जॉगिंग करते थे तो भूल गई थी की घर से बाहर हूं । लेकिन अच्छा किया उसने जगा दिया था ।


और इस बार सुबह के 4 बजे अपनी मम्मी और अपने होने वाले ससुर की बाते सुन पा रहा था । दोनो समझ रहे थे की में गहरी नींद में हूं।




" ओह भाई साहब। प्लीज बस कीजिए । सच्ची में उफ्फ मुझे जलन हो रही है। प्लीज मान जाइए ना प्लीज " मम्मी की कराह निकल रही थी



" जान थोड़ा सा मेरा होने ही वाला है। उफ्फ कितने सालों बाद ये सुख पाया मैने । प्लीज थोड़ा सा बस हो गया "



" उफ्फ मार डालोगे आप । आह्ह्हह्हह्ह आधे घंटे से बस थोड़ा और थोड़ा आह्ह्ह्ह्ह कर रहे है"



" बस हो गया "



तभी मम्मी की चुबकबे की आवाज सुनाई दी " प्लीज भाई साहब । प्लीज आआह्ह्ह्ह्ह दर्द हो रहा है यूफफ्फ्फ । में नही कर सकती और चार बार किया आपने । आआह्ह्ह्ह्ह "



" है है। नही नही मत रो जान ठीक है ठीक है में नही करूंगा और ठीक हे । ठीक हे जान मेरी प्यारी गुड़िया । रोना नही हा। मेरी गुड़िया । उमाहहह्ह्व उमाआहहहहहहह "



रोशन अंकल मम्मी को बोहोत ही प्यार से मना रहा था । साले ने मम्मी को रुला दिया मेरे मन में खयाल आ रहा था की सच में दमदार था मेरा होने वाला ससुर । और जो सुना उससे साफ पता चल गया की मेरे बाबा कुछ करते नही थे ।



" अब ठीक हे गुड़िया " रोशन अंकल बोहोत ही प्यार से बोल रहा था ।


और इतना प्यार पा कर मम्मी भी पिघल गई और बोली " इम्मम ठीक है। लेकिन उसे निकाल लीजिए "



" गुड़िया थोड़ा रहने दो ना प्लीज " रोशन अंकल मिन्नते करता हे ।



और फिर कुछ 5 मिनिट बाद रोशन अंकल की आवाज आती है" गुड़िया इसे दबाऊ या चूसु "



लेकिन जवाब में मम्मी की तरफ से कुछ आवाज नही आई तो रोशन अंकल ने फिर पूछा " बोलो ना गुड़िया रानी बोलो ना "



तब मम्मी धीरे से कहती हे " पियों "



में समझ गया की मम्मी की चूची दबाने की बात हो रही थी । और पता नही रोशन अंकल मम्मी की चूचियां कैसे चूस रहा था की चाप पॉप पॉप चाप चाप कर आवाज गूंज रही थी तो मम्मी तुरंत बोली " ऐसे नही। बच्चा जाग जायेगा आराम से "




और फिर कोई आवाज नही ।



कुछ देर बाद रोशन अंकल की बोले " गुड़िया तुम्हारी मुनिया बोहोत टेस्टी है।"



सायेद रोशन अंकल ने मम्मी की चूत चूस लिया होगा ।



" प्लीज आराम से । एक दम से झटके मत दीजिएगा उन्ह्ह" मम्मी की आवाज़ आई ।



" आआह्ह्ह्ह् । आआह्ह्ह्ह्ह । आह्ह्हह्ह । उफ्फ " मम्मी कराह उठी ।



" ओह जान क्या हुआ । गुड़िया सच में दर्द हो रहा है या नखरा कर रही हो। "



मम्मी की चूड़ीया खनकने की आवाज आई और एक मारने की । सायेद मम्मी ने रोशन अंकल को मारा हे पीठ पे सायेद और रोने जैसे आवाज में बोली " नखरा । आपको नखरा लग रहा हे। आपकी उसकी मुंडी से कही लगी मुझे आह्ह्। एक तो आपका घोड़े जैसे बड़ा है। इतना कोई करता है भला । आआह्ह्ह्हह चार बार । क्या खाते हो आप । सच्ची में में मर जाऊंगी "


रोशन अंकल फीस फीस कर के हस रहे थे । मेरे मन भी खयाल आ रहे थे । मम्मी की चूत में इतना बड़ा लन्ड घुसा क्या वाकई में रोशन अंकल का इतना बड़ा हे की मम्मी अधमरी जैसी हो गई ।



" गुड़िया ये प्यार हे। पति पत्नी का यही तो सुख हे। थोड़ा दर्द थोड़ा मजा थोड़ा लड़ाई थोड़ा रूठना मनाना । हर पत्नी अपने पति से थोड़ा दर्द और ढेर सारा मजा देर सारा प्यार । है की नही "



" आप थोड़े मेरे पति हे । "


" नही हूं पर मान लो आज से । क्यू की आज से तुम्हारे पति का काम में करूंगी ।"



और साएद रोशन अंकल फिर से चोदना शुरू कर दिया मम्मी अचानक से कराहने लगी " उह्ह्ह्ह्ह भाई साहब । उह्ह्ह्ह्ह में मर जाऊंगी। आआह्ह्ह्ह्ह फट गई । आह्ह्ह्ह्ह फट गई । धीरे धीरे उह्ह्ह्ह्ह । आआह्हह । आह्ह्हह्ह "



रोशन अंकल के धक्के दमदार थे में समझ पा रहा था क्यू की ठप ठप ठप आवाज गूंज रही थीं । मम्मी फिर एक बार रो रो कर कहती हैं" बस कीजिए आआह्हह्ह । उह्ह्ह्ह्ह्ह "



" बस होने ही वाला था गुड़िया । ठीक है अब नही करता ठीक है तुम भी ना एकदम नाजुक हो । इतना नाजुक कैसे चलेगा हम्मम "


मम्मी थोड़ा गुस्से में कहती हे " आपने इतना बड़ा क्यू बनाया तो फिर । फट गई मेरी । लूट लिया आपने मुझे सब कुछ उम्मम्मम "



" अच्छा अच्छा ठीक हे । ठीक हे रो मत । तुम भी ना रीता छोटी लड़की की तरह रोटी हों " रोशन अंकल प्यार से मनाने लगे ।


कुछ देर बाद दोनो में कोई बात नही हुई।
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#7
" आजा गुड़िया में तुम्हे सुलाता हूं "



" हटिए आप । जाइए आप । में बास से कूद जाऊंगी "



पता नही रोशन अंकल ने क्या किया की मम्मी खिलखिला कर हस पड़ी " हटिए "



" अच्छा रीता तुम्हे कैसा लगा "



" एक दम घटिया । आपके जैसा बुरे आदमी इस दुनिया में नही है। 100 कमीनें मरे होंगे तब उनकी कमी पूरी करने के लिए आपका जन्म हुआ होगा "



" बाप रे इतनी बुरी बद्दूवा । रीता प्लीज सच बताओ ना थोड़ा सा भी तुम्हे अच्छा नही लगा "



मम्मी कुछ जवाब नही देती ।


" तुम ऐसे नही मानोगी । तुम्हारी फिर से ठुकाई करनी पड़ेगी "


मम्मी हस्ती हुई बोलती है ", अच्छा अच्छा । थोड़ा थोड़ा "



" बस थोड़ा थोड़ा । तुम "



" ही ही । बच्चा जाग जायेगा "


" तुम बताओ "


मम्मी की तब गंभीर आवाज आती हे " सच बताऊं। पहले बोहोत बुरा लगा मुझे । आपसे बोहोत नफरत हुई घिन होने लगी थी आपसे "


" फिर रीता "



" फिर कुछ नही"


" आआह्ह्ह्हह्ह । उह्ह्ह्ह्ह इतनी जोर से क्यू दबाते हो आप "



" रीता सच में में तुमसे प्यार करता हूं बोहोत दीनो से तुम्हे पाना चाहता था । अगर मुझे तुम्हारी जिस्म ही चाहता तो मुझे कोई मौके मिले थे तुम्हारी रेप करने का । घर पे तुम अकेली रहती हो तुम्हारी सास तो लेती रहती हे "


" तो ये क्या था ये भी तो एक तरह से जबरदस्ती ही थी ना भाई साहब ",


" इसके लिए में दिल से माफी मांगता हूं । पर में और बर्दास्त नही कर पाया "




में सोचने लगा साला सच में ये ठरकी मम्मी से प्यार करता हे । हरकतों से बातों से तो ऐसा ही लग रहा हे । अब तक तो मैने भी ध्यान नही दिया की मम्मी और बाबा का रिश्ता कैसा हे लेकिन आज समझ पा रहा था की सिर्फ नाम का रिश्ता है साएद। और मम्मी भी जिस्म से नही प्यार कि भी भूखी हे।



" गुड़िया बोलो ना कैसा लगा मेरे साथ "



" आप ना बड़े वो हो । अच्छा लगा बोहोत अच्छा । पता हे 5 सालों से मैने नही किया वो मुझ्पे 5 सालो से एक बार भी उस तरह से ध्यान नही दिया । "


" में जानता था । ऐसा ही होता हे कुछ मर्द घर की दाल से ऊब जाता हे । और क्या क्या अच्छा लगा मेरे साथ "


" सभी । आपने मेरे शरीर की हर हिस्से को चूमा बोहोत अच्छा लगा । और वो भी "


" वो भी क्या रीता बताओ ना "



" हाय आप कितने बेशर्म हो। हटिए । जाइए सो जाइए सोने दीजिए मुझे "



फिर कुछ हाथा पाई होने की और दोनो की हसी की गूंज उठी । और दोनो चुप हो गए ।



" तुम्हे मेरे प्यार का वास्ता रीता बोलो ना वो क्या "



" में आपकी प्यार को नही मानती "


" नही मानती "


" नही "

" नही मानती सच में "


" हिहिहि नही "



दोनो गुड्डा गुड्डी की तरह खेल रहे थे ऐसा लग रहा था ।


लेकिन अचानक मम्मी की कराह निकली " आआक्कककक । आअआऊहह्ह्ह । उह्ह्ह्ह्ह । सच में फाड़ दी "


" बोला था बोल दे गुड़िया "


" आपको मुझे तड़पा तड़पा के दर्द देने में मजा आ रहा हे " मम्मी कराहती हुई बोली


" गुड़िया औरतों को चूत में दर्द अच्छा ही लगता है। "



" उफ्फ में सब समझती हूं "


" क्या समझती हो गुड़िया "


" आपा मर्दों को मर्दानगी दिखाने में बड़ा मजा आता हे । बड़ा सकून मिलता है ना आप लोगो को । उह्ह्ह्ह्ह कितना जल रहा हे "



" तो गुड़िया मेरी मर्दानगी कैसी लगी तुम्हे हम्मम "



मम्मी भी अब खुलकर बेशर्म हो कर जवाब दे रही थी । उसकी काम वासना ने उसकी शर्म खोल दी है।
मम्मी जवाब देती है " मान गई में आपकी भाई साहब अह्ह्ह "


" क्या मान गई गुड़िया रानी "

" आप बोहोत बड़े मर्द है। दिल से कह रही हूं । काश में आपकी बीवी होती आउह्ह्ह । में एक जवान बच्चे की मां हूं फिर भी आपने मेरी मुनिया लाल कर दी लगता है अंदर से सुंजा दिया । आपके हथियार सच में बोहोत बड़े हे फाड़ दी मेरी बोहोत अंदर गई हे उच्च थोड़ा रुकिए "



" गुड़िया में तो रुका हुआ ही हूं । तुम ऊपर हो तुम्हे करना है"



रोशन अंकल ने साएद मम्मी को उपच चढ़ा लिया होगा । मेरे मन भी उत्तेजना और उग्र भाव आ रहे थे और मेरा सोच कह रहा अब। चोद दे मम्मी की चूत फाड़ दे । चोद चोद के लाल कर दे अंकल । पता नही मम्मी की कामुक आहे सुन के साएद में पागल हो गया था आखिर मर्द जात ही हू।
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#8
" में नही कर पाऊंगी भाई साहब प्लीज थोड़ा आराम दीजिए "


" रीता क्या भाई साहब लगा रखा है । रोशन बुलाओ मुझे "


" नही आप उम्र में बड़े हे । ठीक है रोशन जी बुलाऊंगी आपको। रोशन जी आपकी बदन से पसीने की बू आ रही हे। आपसे पसीना निकल रहा हे "


" ओह गुड़िया रानी तुम्हे मेरा मर्दाना गन्ध पसंद नही। पर मुझे तुम्हारी बगल की पसीने की खुशबू बोहोत अच्छे लगते हे
उम्म्ह्ह् क्या खुशबू हे"



" ओह रोशन जी किसने कहा आपकी मर्दानी गंध मुझे पसंद नही आपकी मर्दानगी गंध और आपकी मजबूत बाहों में ही में भी मसल उठी । रोशन जी मुझे दर्द हो रहा है पर मन भी कर रहा हे प्लीज आप मेरी चुम्मी ले कर धीरे धीरे करिए ना "


" हा अब ठीक हे मजा आ रहा हे, गुड़िया तुमने मेरी ज़िंदगी आज सफल कर दी हे । आज से तुम्हे में अपना पत्नी मानता हूं। समाज में तुम्हे नाम नही दे पाऊंगा हमारे बच्चो के खातिर लेकिन तुम्हे अपनी पत्नी की तरह प्यार दूंगा जब हम मिलेंगे । तुम्हारा पति जब सो जायेगा तब में आऊंगा और तुम्हारे पति बिस्तर पर तुम्हे चोद के प्यार दूंगा "



" आह्ह्ह्ह्ह । उफ्फ। कितने गंदे है आप । उह्ह्ह्ह्ह । रोशन जी मैने ऐसा मजा कभी नही लिया आआह्ह्हह्ह । दोपहर को आना आप उह्ह्ह्ह्ह् । में भी आपको पत्नी का प्यार दूंगी "



" ओह मेरी गुड़िया । जोर से मारने का मन हो रहा हे ।"


" रोशन जी मेरे रोशन जी । पागल कर दिया आपने आह्ह्ह्ह्ह्ह । अभी नही बच्चा जाग जायेगा उह्ह कितने देर लगाते हे आप "


" क्यू ज्यादा देर तुम्हे पसंद नही गुड़िया "



" रोशन जी प्लीज बुरा मत मानिए में नही कर पाऊंगी । आपकी कसम मेरी अंदर चील गई हे । बोहोत दुख रहा है। "


" ठीक हे गुड़िया आ जा में तुम्हे सुला देता हूं "




कुछ देर बाद फिर आवाज आती हे ।


" गुड़िया सो गई "


" नही"


" गुड़िया । आई लव यूं बोलो "


" अभी नही रोशन जी । जब सच्ची में हो जायेगी तब बोल दूंगी । प्लीज आप अपने सीट पर जाइए सुबह हो गई हे बच्चा उठ सकता है "


", ठीक हे । गुड नाईट गुड़िया "


" गुड नाईट रोशन जी "


में भी सो गया फिर ।
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#9
सुबह में 10 बजे उठा । मैने देखा तब भी मम्मी और राशन अंकल गहरी नींद में । में टॉयलेट गया कुछ देर लगाया और जब हमारे केबिन में आया तो पाया दोनो जाग चुके है। बास एक होटल पे रुकी जहा हमने बाथरूम किया नहाया धोया फ्रेश हो गया ।



नाश्ता वास्ता कर के हम फिर चल पड़े । बास चल पड़ी थी और हमे पता चला बास नंदियां शाम को पोहोच जायेंगे और वहा से हम मम्मी के गाओ मलारंगराम पोहोचेंगे । में देख पा रहा था अंकल भी थके हुए लग रहे थे अपनी सीट पर पीठ टिकाए बैठे हुए थे ।



और मम्मी भी कुछ ऐसी हाल में थी । मम्मी ऊपर सीट पर रखी बैग से नींबू पानी का बोतल निकलने के लिए खड़ी हो गई और हाथ ऊपर कर के जैसे बेग की जिप खोलने की कशिश की तो मम्मी की मुंह से आईहहह कर कराह निकली ।



" मम्मी क्या हुआ " मेरे मुंह से मम्मी की फिक्र



" ओह बैठे बैठे मेरी कमर अकड़ गई है लोद्दु " मम्मी बोलो और नींबू की पानी का बोतल निकल के बैठ गई ।



लेकिन मैने साफ देखा था की मम्मी कमर में हाथ ना रख के अपनी दोनो जांघें चिपकाते हुए अपनी निचली पेट पर कस के पकड़ के आआह्ह्ह्ह्ह भरी थी । जिसका मतलब साफ था ।



मेरे कुछ बोलने से पहले ही अंकल बोला " होता है भाभी जी ऐसा । लंबी सफर है ना मेरी भी कंधे अकड़ सा गया है। रीता भाभी आप नींबू पानी पियो आराम मिलेगा और बस कुछ घंटे शाम होते होते हम पोहोच ही जायेंगे "



मम्मी कुछ नही बोलती और नींबू पानी पी कर बोली " में अभी आती हूं "



तब अंकल मेरे पास आए और बोले " बेटा तुम कुछ देर के लिए केबिन से बाहर जाना "



में पहली बार रोशन अंकल से हिम्मत दिखा के बात की " क्यू ताकि आप फिर से मेरी मम्मी को तकलीफ दे सको । मुझे सब पता हे रात को क्या हुआ था में सोया नही था "



रोशन अंकल की भी तब नजरे झुक गई और बड़ी शांत हो कर बोले " बेटा तुम भी सब समझते हो । में सच कहता हूं तुम्हारी मम्मी को कोई तकलीफ नही दूंगा अभी । रात को को हुआ तब में जोश में था । मुझे देखो मेरी भी हालत बुरी है। उम्र हो गई हे मेरी भी। समझो बात को में तुम्हारी मम्मी को तकलीफ से आराम ही दूंगा । कसम से ।"




में भी नजरे झुका के बोला " अगर आपने मेरी शादी नैना से नही करवाई तब देखना मे क्या करता हूं । नैना और मेरे कुछ फोटोस हे सब वायरल कर दूंगा में।", पता नही कहा से मेरे अंदर इतनी हिम्मत आई वो भी रोशन अंकल के सामने । हाला की में जूठी धमकी दे रहा था मेरे पास की ऐसी वैसी फोटोस नही थे नैना और मेरे ।



" बेटा तुम समझते क्यू नही । घर जाते ही में जल्द से जल्द नैना और तुम्हारी सगाई करवा दूंगा । और फिर तुम दोनो जब शादी के लिए कहो करवा दूंगा ।" रोशन अंकल समझते हुए बोले ।



तभी मम्मी आई और मुस्कुरा के बोली " अरे आप दोनों क्या बात कर रहे थे । मेरे आते ही चुप हो गए "


तब रोशन अंकल बोले " अरे भाभी कुछ नही। ऐसे हमारी मेन टू मेन बाते हो रही थी ।" और तब रोशन अंकल ने मुझे इशारा किया



में खींचते हुए उठा और बोला " में कुछ देर बास की गेट पर खुली हवा खाने जा रहा हूं "


" संभाल के लोद्दु ज्यादा बाहर मत जाना गेट के अंदर ही रहना । हाथ पेड़ बहार मत निकालना " मम्मी ने सावधानी दी मुझे ।



में मोबाइल ले कर केबिन से बाहर निकला और दरवाजा बंद ऐसे किया की एक इंच की दरार से में देख चकु । और में देखने लगा ।
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#10
रोशन अंकल सीट से उठ कर मम्मी के सामने घुटने में बैठ कर बड़ी फिक्र के साथ बोला " गुड़िया जरा दिखाओ मुझे कही कुछ चोट बोट तो नही है"



मम्मी साफ मना करती हुई बोली " नही भाई साहब नही।प्लीज अभी में ठीक नही हूं "


" गुड़िया तुम गलत समझ रही हो । में उसके लिए नही बोल वहा हूं । मुझे फिक्र हो रही हे कही घाव ना हो जाए । दिखाओ गुड़िया " रोशन अंकल मम्मी को मनाते है।



मम्मी भी सहमी हुई सकल बना लेती है। रोशन अंकल खुद मम्मी की सारी ऊपर करता है जांघें तक और धीरे से मम्मी की दोनो टांगे सीट पर उठा कर फैला देता है । मम्मी साह कर के कराह लि " उफ्फ भाई साहब टांगो में भी दर्द है"



में पहली बार मम्मी की गोरी चिकनी जांघें देख रहा था । मम्मी ने वैक्सिंग ना करते हुए भी उसकी जांघें चिकनी थी बिना बाल वाली थी । मम्मी की चूत उभरे हुए दिख रहे और कम मात्रा में बाल दिख रहे थे लेकिन लंबे लंबे ।




रोशन अंकल धीरे से मम्मी की चूत फैला के देख रहे थे और मम्मी कराहती हुई कह रही थी " आउफफफ भाई साहब आराम से । "


मम्मी की वो चेहरे देख कर में भी बहक सा गया । मम्मी के बारे में गंदी खयाल आया एक औरत की भाव की तरह मेरे मन में मेरे दिमाग में ।



" गुड़िया तुम्हारी मुनिया बोहोत सुंदर है। और हा एक और बार भाई साहब बुलाया तो में तुम्हारी मुनिया काट लूंगा "



मम्मी की चूत की अंदरूनी भाग मुझे दिखाई नही दे रही थी पर कल्पना किया की बोहोत सुंदर ही होगा लाल गुलाबी रंग की सुंदर बनवात ही होगा । और मम्मी रोशन अंकल की प्यारी धमकी सुन कर मुस्कुरा के बोली " भूल गई थी सॉरी। और आप मुझे क्यू गुड़िया बुलाते हो में क्या छोटी बच्ची हूं क्या "


रोशन अंकल मुस्कुरा के बोले " नही प्यार से बुलाता हूं । बोहोत प्यारी लगती हूं रीता तुम । मासूम प्यारी बोहोत ज्यादा प्यारी लगती हो मुझे। अच्छा तुम ऐसे ही रुकना में तुम्हारी मुनिया की तकलीफ अभी दूर कर दूंगा "



रोशन अंकल उठे मम्मी अपनी टांगे हवा में फैला के पकड़ के रखती है और रोशन अंकल अपनी बैग से एक छेहेड (honey) की छोटी सीसी निकल लेता है ।



" ये क्या है कोई दवाई है " मम्मी ने पूछा


" नही ये मधु मक्खी का शहद है। में रोज सुबह नींबू के रस के साथ लेता हूं । अभी देखना तुम कैसे आराम लोगो । "


मम्मी देखती रही रोशन अंकल की हरकतों को और रोशन अंकल मम्मी की चूत पर मधु रस यानी honey लगा के जीव से चाटने लगा । मम्मी उसे देखती रहती हे ।




और चाट चाट के कुछ देर बाद रोशन अंकल ने पूछा ।" गुड़िया दर्द तो नेही हो रहा हे । "


मम्मी शर्मीली मुस्कान से ना में सर हिला के जवाब देती हे " अच्छा लग रहा हे "




रोशन अंकल मम्मी को आंख मार देता है और मम्मी भी शर्मा जाती हे । रोशन अंकल इस बार मम्मी की जांघें पकड़ के मम्मी की चूत के छेद में जीव घुसाने की कशिश करते हुए एक अलग तरकीब से अपना जीव घुमाता हे हिलाता है।



रोशन अंकल बोहोत एक्सपेरिंस नजर आ रहे थे मेरे मन में भी खयाल आया की में भी नैना की चूत ऐसे चुसूंगा और चाटूंगा । अब तक तो मैने बस नैना की चूत पर ऊपर नीचे कर के जीव फिराते हुए चाटा था ।




मैने देखा मम्मी की आंखे बंद हो गई हे और सर पीछे की और गिरा रही हे । होठ खुल रहे थे आनंद में कामुक चेहरा बना कर हरकत दे रही थी और कभी कभी अपनी कामुक आखों की पलके धीरे से खोल के रोशन अंकल देखती हे । रोशन अंकल भी प्यार से मम्मी को सुख दे रहा था । और ये देख कर कही ना कही मेरा दिल कह रहा की इतने बुरे आदमी भी नही है रोशन अंकल । साएद अब में सामने जो हो रहा हे उसे मान चुका था । फिर भी एक उधरबुन थी क्या ये सही है या गलत । मम्मी भी अब रोशन अंकल के साथ खुश दिख रही थी । गुनेगार वो भी थी अब देखा जाय तो ।


मम्मी अब प्यार से रोशन अंकल सर की बालों पर उंगलियां फिरा रही थी । रोशन अंकल नजर ऊपर कर के मम्मी की सकून भरी कामुक चेहरे को देख कर और जीव की हरकत देता था तो मम्मी भी हल्की आह्ह्हह्ह्ह भरती ।



मम्मी को सुख मिल रहा था । लेकिन कुछ 15, 20 मिनिट बाद रोशन अंकल मुंह पोंछते हुए बोला " गुड़िया मेरा जबरा दुखने लगा है। बाद में और मजा दूंगा "


मम्मी की होठों पर मुस्कान आखों पर अजीब सी शर्म की लाली थी । और मम्मी ने भी बिना कुछ बोले अपनी सारी नीचे कर बैठ गई ।



लेकिन रोशन अंकल खड़ा हुआ और अपनी लुंगी उतार कर खड़ा हुआ । में सोचने लगा की ना मम्मी ने पैंटी पहनी थी और ना रोशन अंकल अंदर चड्डी पहना था ।



रोशन अंकल की खड़े लन्ड को देख के मम्मी की आखों ने अजीब सी शर्म की लाली और मुस्कान थी । मेरी भी नजरे टिक गई थी । क्यू की रोशन अंकल के लंद वाकई में रोशन कर देने वाला था। काफी बड़ा मोटा लंबा काला इतना काला भी नही पर साफ त्वचा का दिख रहा था। में भी सोचने लगा और खुद से तुलना करने लगा की मेरे से थोड़ा सा लंबा लग रहा हे ।



रोशन अंकल अपना लंद ममी की मुंह के सामने कर के बोला " गुड़िया थोड़ा मेरा भी प्यार कर दो ना अपनी नर्म होठों से "



मम्मी रोशन अंकल लन्ड मुट्ठी ले हे जरूर पर कहती हे " प्लीज रोशन जी मुझसे नही होगा । मुझे ये अच्छा नही लगता है "



रोशन अंकल मानाने लगे " प्लीज गुड़िया रानी । प्लीज गुड़िया थोड़ा सा प्लीज । मैने अच्छे से धोया है "



मम्मी अपनी आंखे भींच लेती और एक सांस खींच कर रोशन अंकल के लंद के सुपाड़े पर दो चुम्मी दे कर बोलती है " अब ठीक है। रोशनी इससे आगे नहीं प्लीज "



मम्मी अपने हाथो से मगर रोशन अंकल के लंद को मुठियाती रहती हे । रोशन अंकल झुक कर मम्मी की माथे पर चूम के प्यार से बोला " गुड़िया कुछ नही होता हमारा शरीर का हिस्सा ही तो हे । अपनी आंखे बंद करो सब ठीक लगेगा मन को खुला छोड़ो "



रोशन अंकल बड़े नजाकत से अपने लंद पर मधु रस सुपाड़े पर लगा कर मम्मी की आंखे अपने हाथों से बंद कर देती हे और मम्मी की सर पकड़ कर अपना लंद ममी की मुंह पर लगा देता हे मम्मी भी बिलकुल आज्ञाकारी की तरह अपनी मुंह खोल देती हे । रोशन अंकल धीरे धीरे मम्मी की सर आगे पीछे हिलाता है ।



कुछ एक दो मिनिट में मम्मी खुद दया था रोशन अंकल की कमर पर हाथ रख कर और दूसरे हाथ से रोशन अंकल लन्ड की जड़ पकड़ के आधा लंद मुंह में भर बिना कोई जीझक बिना कोई हिचकिचाहट से चूसने लगी । लेकिन मम्मी की आंखे अब भी बंद थी पर लग रहा था की उसे अच्छा लग रहा था ।




में हैरान था की रोशन अंकल कितने सुलझे हुए आदमी थे कैसे किसी को आचनी से बेहला फुसला कर प्यारी मीठी बाते और अंदाज से भी मना लेता है ।
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#11
रोशन अंकल मम्मी की सर प्यार से सेहलाते हुए आनंद में बोल रहे थे " मेरी गुड़िया तुम बोहोत अच्छी हो । बोहोत रसीले भी तुम्हारी मुंह गर्म होठ बोहोत मजा दे रहा हे । गुड़िया मेरी रीता में तुन्हें जिंदगी भर प्यार करूंगा । बोहोत प्यार करूंगा आआह्ह्हह्ह्ह । गुड़िया मेरी गुड़िया "




मम्मी को भी रोशन अंकल की प्यारी मीठी बाते अच्छी लग रही थी । और मम्मी ने वो किया जिसकी उम्मीद नहीं थी की मम्मी इतनी जल्दी तैयार हो सकती है उसके लिए या फिर रोशन अंकल की मीठी बोल ने मम्मी को खोल दिया या मजबूर कर दिया हो ।



मम्मी ने रोशन अंकल का लंद मुंह से निकाला और रोशन अंकल की नजरो में नशीली अदाह से देख कर अपनी जीव निकाली और लंद के निचले भाग से सुपाड़े तक चाट चाट हाथों से सेहलाया और सुपाड़े पर जीव फिरा फिरा रोशन अंकल की " आह्ह्हह्ह् गुड़िया " निकाल दी ।



मम्मी फिर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी । रोशन अंकल भी कामाल दिखा रहा था 10 मिनिट तक भी उसका पानी नही निकला । मम्मी थक गई और मुंह से लंद निकल के बोली " रोशन जी आप ना शिलाजीत है। बस कीजिए अब"


मम्मी ने पहली में बात तो की लेकिन फिर अपनी कही बातों पे ही शर्मा गए। रोशन अंकल झुक कर मम्मी की होठ चूस कर पूछा " कैसा लगा गुड़िया "



मम्मी शर्म के बोली " जाओ आप "



" अच्छा अच्छा कान में बोलो मेरा " रोशन अंकल मम्मी की मुंह पर कान लगा के बोला ।


मम्मी मुस्कुरा के बोली ", अच्छा था ,"



", सिर्फ अच्छा । स्वाद कैसा था अनुभव कैसा था बताओ ना"


" छी। जाओ आप । नही बताती में " मम्मी ठेंगा दिखा के मुस्कुराने लगी ।



रोशन अंकल मम्मी को सीट पर ही गिरा कर ऊपर चढ़ गया " नही बताओगी तो में ऐसे ही तुम्हे पकड़ के रखूंगा "



मम्मी भी रोशन अंकल को बाहों में भर कहती हे " रोशन जी हटिए ना । लोद्दू अचानक से आ जायेगा । प्लीज जिद्द मत कीजिए "



रोशन अंकल फिर भी जिद्द पे अड़े रहे तो मम्मी भी मजबूर हो कर रोशन अंकल की आखों में देख कर बिना शर्म किया बोली " आपको क्या लगता है मुझे कैसा लगा। हम औरते जैसा मर्द चाहते हे वैसा ही मर्द हो आप रोशन जी । आपकी बातें प्यार से और आपने मुझे जिस तरह काल रात से प्यार किया आपका दिल नर्म हे । जैसा औरते चाहते हे मर्द में नर्म दिल लेकिन बलिष्ट शरीर मर्दाना ताकत वाला । रोशन जी सच कहती हूं मुझे इस तरह से अपने पति से कभी प्यार नही मिला । और मिला भी सालों बीत चुके है भूल भी गई हूं में ।"



रोशन अंकल जूठा गुस्सा दिखा के मम्मी की माथे पे टिकली मार के बोला " फिर भी घुमा फिरा के असल मतलब की बाते ताल देती हो । बोहोत नटखट हो गुड़िया तुम "



मम्मी हस पड़ी और बोली " बोहोत अच्छा लगा आपका वो । बोहोत ज्यादा मर्दाना हे स्वादिश है एक दम टेस्टी कड़क हे । अच्छा लगा प्यार करने में "



रोशन अंकल बोले " क्या प्यार करने में साफ साफ ठीक से बोलो "

मम्मी चिढ़ जाती हे और रोशन अंकल पीठ पर मुक्का मारती हुई रोशन अंकल के गाल पर काट के बोली " आप बोहोत गंदे हो । मुझे भी गंदी बना रहे हो । अगली बार ना आपकी चुसूंगी नही पूरा काट के था जाऊंगी "



रोशन अंकल जोश दिखाते हुए मम्मी की चेहरे को चूम चूम के जोर से बाहों में जकड़ के बोला ", काट खा जाओगी गुड़िया तुम मेरा "



मम्मी प्यार के की उमंग में रोशन अंकल की गाल चूम के आंखे बंद कर के कामुक आवाज में कहती है" हा काट खाऊंगी । "



रोशन अंकल बोले " गुड़िया अगली बार में तुम्हे अपना गढ़ा पानी भी पिलाऊंगा "



मम्मी शर्म से रोशन अंकल की कंधे पर मुंह छुपा लेती हे मगर मम्मी रोशन अंकल की मोह में मुग्ध हो चुकी थी और बोली " छी आप गंदे हो । बोहोत गंदे । लेकिन पता नही क्यू आपका मुझे सब अच्छा लगने लगा हे। आप ऐसे ही मुझे प्यार करोगे तो पी जाऊंगी । हा पी जाऊंगी में उह्ह्ह्ह्ह । आप बोहोत खराब हो बोहोत खराब हो बोहोत । "




" गुड़िया शाम को हम अलग होने वाले है । एक बार करे क्या "


मम्मी रोशन अंकल की आखों में देख के बोली " नही रोशन जी अभी संभव नही हे। बच्चे मत बनिए । लोद्दू आ जायेगा "



रोशन अंकल बोले ", गुड़िया दुख हो रहा हे हम अब अलग होने वाले है "

। मम्मी भी प्यार भरी निगाहों से देख के और कुछ सोच के बोली " ऐसा करिए की जब बास दोपहर को कही ढाबे पे रुकेगी तो आप और में भूख नही है बोल के रुक जायेंगे उसे भेज देंगे। "


रोशन अंकल खुश हो कर बोले ", वाह गुड़िया । क्या आइडिया दिया है । तुझे भी मेरा प्यार चाहिए हम्मम"



मम्मी शर्म के अंकल को अपने ऊपर हटा दिया । और अंकल भी लुंगी पहन लिया मम्मी ने अपने सारी ठीक किए ..



और में कुछ देर बाद केबिन में आ जाता हूं ।
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#12
केबिन में बैठा था मोबाइल में खोया हुआ था पर ध्यान उन दोनो पर ही था । दोनो नॉर्मली बात चीत पर लगे हुए थे । मम्मी को तो कुछ नही पता था पर रोशन अंकल को सब पता था और मेरी तरफ एक शरारत मुस्कान दे रहे थे । और में भी मन ही मन बोल रहा था हसो अंकल मैंने भी आपकी बेटी की ली है।



बास ढाबे पे रुक जाता हे और प्लान के अनुसार दोनो ही भूख नही हे कर के बहाना मार कर रुक जाता है। और में जल्दी से ढाबे पे जा कर जल्दी जल्दी में खाना खाता हूं फिर भी मुझे 20 मिनिट लग ही जाता है। मे भी जान नही पा रहा था की अंकल और मम्मी की चूदाई देखने को क्यू इतना तड़प रहा था में। उन दोनो के लिए में खाना पैक कर के लाता हूं । और केबिन का दरवाजा धीरे से हल्का खोलता हूं परदे की आड़ में मुझे सारा नजारा दिखने लगता हे ।




दोनो ही नंगे थे । मम्मी नंगी हुस्न देख कर मेरे मुंह में भी पानी आ जाता है इस बार मम्मी की जिस्म देख कर मेरा खड़ा हो जाता है और में खुद को कंट्रोल नही कर पाता हूं । मम्मी की बाल खुले हुए थे कितनी हसीन कामुक लग रही थी । गले में इस बार सिर्फ मंगलसूत्र थे हाथो मे चूड़ियां थी और कानो में भी बाली । लेकिन मम्मी की पेड़ो में नई मॉडर्न डिजाइन की पायल देखता हूं सायेद अंकल ने अभी अभी दिए होंगे ।



रोशन अंकल मम्मी को सीट पर लेटा कर मम्मी की बदन को चूम रहे थे । मेने देखा मम्मी की छाती उसकी गोल गोल ठोस चूचियां रोशन अंकल की सलाइवा से चमक रही है। मम्मी कामुक दिख रही थी उत्तेजित थी ।



मेरे जाते ही दोनो चुम्मा चाटी पर लग गए थे सायेद। और अब दोनो तैयार हे घुसाने और घुसवाने के लिए । अंकल अपने लंद पे मधु रस (honey) सीसी पूरी खतम कर देता है मम्मी की चूत पर भी मल देता है । रोशन अंकल मम्मी की टांगो के बीच घुटने रख के बोला " गुड़िया डाल दूं अंदर "



और मम्मी मासूमियत से लेकिन कामुकता से जवाब देती है " आराम सेहह्हह डालियेगा रोशन जी उम्म्ह्ह्ह्ह "


रोशन अंकल मम्मी की कामुकता देख कर और उत्तेजित हो जाता हे वैसे मम्मी की उस अदाह पर मेरी लन्ड भी उछल पड़े थे पेंट के अंदर । में मजबूर हो गया था अपनी ही होठ चाटने को ।


रोशन अंकल मम्मी की चूत पर लन्ड टिका कर कमर दबाते हुए मम्मी की ऊपर गिर जाता हे और मुंह से " आह्ह्ह्ह्ह् रीता मेरी गुड़िया "



और मम्मी भी तिलमिला जाती हे रोशन अंकल को बाहों में जकड़ कर कराहती हे " आईआईआई । उफ्फ उफ्फ । रोशन जी "




मम्मी मुंह फूला कर कुछ देर अपनी दर्द को बर्दास्त करने की कशिश करती हे। दिख रहा था मम्मी को कितना दर्द मेहसूस हुआ होगा। रोशन अंकल मम्मी की माथा चूम के मम्मी की माथा सेहलाते हुए धीरे धीरे धक्का लगाना चालू करता है। मम्मी भी सांस रोक रोक कर आहे भर भर कर बर्दास्त करती है.


" गुड़िया बोहोत ज्यादा दर्द हो रहा हे तो रहने देते है ये आखरी बार थोरी है"


मम्मी आंख बंद ही रखती हुई कहती है " रोशन जी इस सुख से में भी अनजान थी । काल जब आपने पहली बार मुझसे जबरदस्ती की थी तब मुझे सिर्फ और सिर्फ दर्द हुआ । लेकिन दूसरी बार से अब तक बोहोत मजा आ रहा है। और आपकी प्यार करने की तरीके से रोशन जी उफ्फफ्फफ्फ में बता नही सकती में कितनी खुश हूं । "




" लेकिन तुम्हे दर्द हो रहा हे ना "


मम्मी तब मुस्कुरा के कहती है " मजा भी तो आता हे आपकी नागराज से । "


मम्मी शर्म से मुंह छुपा ली । रोशन अंकल मुस्कुराते हुए धक्के लगाए जा रहे थे अब । ममी को बेसक अब दर्द से ज्यादा दस गुना मजा आ रही थी सायेद दर्द भी खतम हो गई थी । मम्मी काम सुख में कसमसा रही थी और सिसकारियां भर रही थी ।



दोनो बेखबर मजा उठने लगे । इतना उत्तेजित थे की दोनो पसीने पसीने होने लगे । मम्मी की चेहरे पसीने से और गाल लाल लाल हो गई थी आखों की पलके कभी बंद कभी खुल रही थी । केबिन में दो पंखा था ऊपर लेकिन बोहोत छोटा पंखा था और एक पंखा तो धीमा चलता था ।



मम्मी रोशन अंकल को अपने बाहों में भींच रही थी जिसके कारण उनकी कलाई की चूड़ियां खनक रही थी । रोशन अंकल रात की तरह उग्र नही हो रहे थे प्यार से मम्मी की चूदाई कर रहे थे ।


" गुड़िया मेरी आखों में देखते रहो"


" नही जी शर्म आती हे "


" फट्ट देखो ना गुड़िया "


मम्मी कामुक आंखो से रोशन अंकल की और देखती रहती है । रोशन अंकल ममी की आखों में देख कर रुक जाता हे और फिर कस कर एक धक्का मार के रुक जाता हे । मम्मी चीखती हे " ओन्ह्छ रोशन जी "



और रोशन अंकल वैसे ही तीन धक्का मारता है और मम्मी तीनो बार चिल्लाती हे मजे में । लेकिन रोशन अंकल फिर एक दम से रुक ही जाता हे । और मम्मी आखिर पूछती हे " क्या हुआ रोशन जी"



तब रोशन अंकल शरारत से मुस्कुराता है और कहा " मुझे मनाओ फिर करूंगा "


मम्मी मुस्कुराती हुई अपने टांगो से रोशन अंकल का कमर बांध कर अपनी टांगे से टांगे रगड़ती हुई कहती हे " मजाक नही रोशन जी बच्चा आ जाएगा "


" ना मुझे मनाओ"


" आप बड़े नटखट हे जी । " मम्मी रोशन अंकल के गाल चूम चूम के पीठ सेहलाटी हुई कामुक अंदाज से कहती है " उह्ह्ह्ह्ह रोशन जी करिए ना । मूड चला जायेगा आआह्ह्हह्ह् । प्लीज रोशन जी "


रोशन अंकल मुस्कुरा के कहता है " थोड़ा मान गया और थोड़ा "



मम्मी भी मस्ती में रोशन अंकल का कान मोड़ोड़ देती हे और अंकल की आखों में देख कर कहती है " रोशन आई लव यूं। प्लीज करिए ना प्लीज "



" ये हुई ना बात मेरी गुड़िया । गुड़िया थोड़ा तेज करू गुड़िया । "


" रोशन जी में चल भी नहीं पाऊंगी " मम्मी मासूमियत से कहती हे



" प्लीज ना गुड़िया " अंकल भी बच्चो जैसा मांग करता हे



मम्मी रोशन अंकल की बगल से हाथ घुसा कर अंकल की पीठ कस के पकड़ कर हिम्मत दिखा के कहती है " रोशन जी में भी आपको खुश करना चाहती हूं । "


" अगर तुम्हे बर्दास्त नही होगा तो तब बता देना गुड़िया "


" नही रोशन जी में एक औरत हूं । और औरत हर दर्द बददस्त कर सकती है । आप रात वाला उस तरीके से करिये अंदर तक डालिए मीठा दर्द के साथ बोहोत मजा आता है "
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#13
रोशन अंकल हरी झंडी दिखाते ही मम्मी की सर दोनो हाथों से पकड़ कर ताकतवर धक्के लगाने लगे । रोशन अंकल की मुंह से हेन्हह्ह हेन्हह्ह्ह कर के हाफने की आवाज निकलने लगे ।



मम्मी की आखों से आसू बेह आई लेकिन उसकी आखों में भी मस्ती कामुकता और रोशन अंकल के हर धक्के पर सर की ऊपर की धक्का खाती हुई " एन्ह्ह्ह । एन्ह्ह्ह ।एन्ह्ह्ह ।एन्ह्ह्ह । " कर के दबी दबी आवाज निकाल रही थी ।



में सोचने लगा की क्या चूदाई हे मन ही मन रोशन अंकल का फैन हो गया में ।



कुछ देर में रोशन अंकल थक हार कर रुक गए । मम्मी तुरंत बोली ", करते रहिए नाहहह । में आ रही हूं "



" गुड़िया मेरी तारीफ करो " रोशन अंकल जोश में आ गए । अगर औरत चाह रही है और वो थक जाए तो इससे बड़ा मर्दानगी की अपमान क्या हो सकता है । तो रोशन अंकल पूरे जोश में थे अब और हामुस हामूस कर धक्के लगाने लगे ।


मम्मी की चूत इतनी गीली थी की गीलेपन की आवाज गूंज उठी और मम्मी की सिसकारियां । मम्मी आनंद में सर पटक पटक के जवाब दे रही थी और अंकल को उकसा रही थी " हान्हह रोशन जी । हा ऐसे ही उह्ह्ह्ह्ह । रोशन जी आप
। आप आआह्ह । आप शेर हे उहहहह। करिए रोशन जी उफ्फ । आई लगी लगी । ओह  । निकल लीजिए ओह "



मम्मी एक दम से रो पड़ी । तो तुरंत राशन अंकल ने अपना लन्ड निकाल लिया और बोला " क्या हुआ गुड़िया "


मम्मी कराहती हुई मसलती हुई बोली " उफ्फ अंदर लग गई "



" ओह सॉरी गुड़िया । तुम कमर हिला रही थी तो वो में भी टेढ़ा हो गया था तो उसी से सक्कर में लग गई तुम्हे । सॉरी हा गुड़िया "


मम्मी काफी खुल चुकी थी और बोली " आप भी ना क्यू निकाल लिए करते रहते मेरा मूड चला गया "



" तुम ना गुड़िया अंदर से बोहोत चुदासी हो "

मम्मी शर्मा के बोली " 5 सालों से नही किया । आपने भड़का दिया हे। "


रोशन अंकल मुस्कुराते हुए फिर मम्मी को बाहों में भर के चोदने लगे और मम्मी भी मूड में आ गई और झाड़ गई और अंकल ने भी जैसे रोक रखा था ।वो भी झड़ गए और दोनो एक दूसरे से प्यार करने लगे चूम कर सेहला कर एक दूसरे की बदन को ।




और में बापाच बास से नीचे आया । जब बास ने हॉर्न बजाई तो में बास पर चढ़ गया । दोनो अपने कपरे पहने हुए बात कर रहे थे जब में केबिन में घुसा । और मेंने खाने का पैकेट दिया तो दोनो ने खाया ।




शाम तक हम हमारे मंजिल पोहौच गए । मम्मी और अंकल की आखों में पिछड़ने का गम साफ दिखाई दे रहा था। अंकल अपने ससुराल गए और हम अपनी यानी मम्मी की मायके ।



दोनो मामा मार काट पर उतर आए थे । मम्मी ने दोनो मामा को मुश्किल से संभाला । नाना नानी नही है दोनो मनाओ के बीच सुलाह करवाने और बटवारा करवाने में हमे 10 दिन लगे । और हम घर लौटे ।




घर लौट कर मेरी किस्मत सही में खुल गई । रोशन अंकल ने सही में वैसा ही किया मेरे बाबा से बात की नैना और मेरी शादी की । और हम दोनो की सगाई हो गए । पर मैंने फिर भी  रोशन अंकल से और एक चीज मांगा की हम अभी शादी नहीं कर सकते क्यू की पढ़ाई और नौकरी ये सब सेटल होने तीन चार लगने थे तो मैने रोशन अंकल से बात की हमारी कोर्ट में रेसिस्ट्री कर के रख दे । और रोशन अंकल ने वैसा ही किया । नैना और में खुश थे । अब हम बेफिक्र मिलना जुलना घूमना फिरना।  कभी कभी अंकल ko पता चल जाता था की मैं नैना के कमरे me हूं लेकिन वो नजर अंदाज कर देते थे । तो वेहर हाल में खुश था ।






समाप्त
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#14
Waiting for feedback
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#15
दोस्तो अगर अच्छी फीडबैक आई तो इसका दूसरा पार्ट भी लिखूंगा । धन्यवाद
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#16
Acchi story hai magar beech mein dusri kahani ka update bhi post kar diya hai usko hata dena .. maybe 3rd ya 4th hai shayad.
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#17
Waise to ye total surprise he hai .. main to vaishali se milne ko betab tha magar yaha to reeta ne baaji maar li... ha ha
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#18
(25-12-2022, 03:40 AM)xfirefox Wrote: Waise to ye total surprise he hai .. main to vaishali se milne ko betab tha magar yaha to reeta ne baaji maar li... ha ha

बोहोत बोहोत शुक्रिया दोस्त । Thanks
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#19
Nice one.
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#20
Nice story
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