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Fantasy Chudai King Tapu : Babita Ki Dhakad Chudai
#1
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Tarak Mehta ka ooltah chashma -01

नमस्कार दोस्तों मेरा नाम आरव है और मेरी उम्र 23 साल है और आज में आपके सामने एक कहानी प्रस्तुत कर रहा हूं जो एक काल्पनिक सोच पर आधारित है जिसका सच्चाई से कोई संबंध नहीं है. 

आप सभी लोग तारक मेहता का उल्टाह चश्मा सिरियल देखते ही होगे जिसमे सबसे ज्यादा आपको बबिता का किरदार निभाने वाली मूनमून दत्ता पंसद होगी बहुत से लोग तो उनका होट फिंगर के दिवाने ही होगे. 

दोपहर का टाइम था बबिता अपने घर पर थी अय्यर ओफिस पर गया था और बबिता अपने बेडरूम में आराम करने बेड पर लेटी ही थी तभी उसको टपू का कोल आता है इसलिए बबिता कोल उठाती है. 

बबिता : हा बोलो. 
टपू : आंटी आपने क्या सोचा फिर. 
बबिता : अबतक मेने कुछ नहीं सोचा है और में तुम्हे ना कह चुकी हु हमारे बिच संभव नहीं है. 
टपू : में आपसे उम्र में 13 साल छोटा हु इसलिए आप मना कर रही हु. 
बबिता : हा ओर यह एक नहीं ऐसी बहुत सी वजह है जिस वजह से मेरी ना है. 
टपू : प्लीज आंटी सिर्फ एक बार मान जाओ सिर्फ एक बार मेरी इच्छा पुरी कर दो सिर्फ एक बार करने दो. 
बबिता : टपु तुम समझ नहीं रहे हो हमारे बिच संभव नहीं है. 
टपू : आंटी प्लीज एक बार मेरे बारे में भी सोचो. 


बबिता कुछ नहीं बोलती है ओर कोल कट कर देती है. कोल रखने के बाद वो सोचने लगती है. 

बबिता मन ही मन सोचने लगती है टपू सच में पागल हो गया है पता नहीं मेरे पिछे क्यों पड़ा है जिद पर अड चुका है में अय्यर या किसी को बता भी नहीं सकती हु वर्ना टपू की बेइज्जती हो जाएगी ऊपर से बापुजी और जेठाजी को सिर जूकाना पड़ेगा. जेठाजी तो मेरे पर लाईन मारते ही है लेकिन उनका बेटा डायरेक्ट मेरी मारना चाहता है. माना की अय्यर सेक्स में मुझे खुशी नहीं देता है इसका मतलब यह तो नहीं कि में एक लड़के के साथ सो जाऊ. टपू लडका बहुत अच्छा है और अभी जवान है तो इसी वजह से वो मेरी ओर आकर्षित हो रहा है. मेरी तरह वो जवानी में मजबूर है जिसकी वजह से वो सेक्स की चाहत रखता है उसके पास सोनू जेसी मस्त दोस्त है लेकिन उसको वो पटाना नहीं चाहता है. 

टपू को सोनू के ऊपर चडना चाहिए उसके बदले वो मेरे ऊपर चडने के चक्कर में है. टपू के खुशी के खातिर अगर मेने उसको हा बोल दिया तो में जानती हु वो मेरे पर रहम तो करेंगा नहीं क्योंकि उसकी जवानी उसके काबु नहीं रहेगी और एक बार सेक्स के बाद उसका ओर मन करेंगा और फिर से वो मेरे पिछे पड़ेगा. वेसे तो टपू को दोस्त मानती हु लेकिन उसके निचे लेटना क्या सही रहेगा. अब पता नहीं उसका लंड भी कितना बड़ा होगा. अय्यर का तो छोटा है और टपू एक जवान लडका है तो उसका लंड भी बड़ा ही होगा तो में टपू को झेल भी नहीं पाऊँगी. 

बबिता मन ही मन अपने बारे में सोचते हुए मेरे बूब्स भी बड़े है तो सब लोगों की नजर उधर ही जाती है और टपू को हा बोला तो वो भी बूब्स से ही खेलेगा जिससे मेरे बूब्स ओर बड़े होगे. जेठाजी इतने अच्छे हैं और इतने सालों से मेरे पर लाईन मार रहे हैं फिर भी उनको कभी ऊपर चडने का मौका नहीं दिया है लेकिन उनका बेटा जल्द से जल्द मेरी चुत में लंड डालना चाहता है. 

टपू जानता है कि अय्यर मूझे ठीक से चोदता नहीं है तो इसलिए टपू सोनू के बदले मेरी लेना चाहता है ताकि अगर मेने हा बोला तो वो जेसे चाहे वेसे मेरी ले सकेंगा क्योंकि टपू यही सोच रहा होगा अगर बबिता आंटी मान गई तो में उसको पुरा मजे करने दूँगी. पता नहीं में भी टपू को लेकर क्या क्या सोचने लगी हु. 

टपू को लेकर बबिता बहुत कूछ सोचने लगी थी क्योंकि टपू ने अपनी मन की बात बबिता को बता दी थीं कि वो बबिता को चोदना चाहता है जिसके लिए अब टपू बबिता को पटा रहा था ताकि वो बबिता के मक्खन जेसे फिंगर को रोंद सके और अपनी बबिता आंटी की चुत चोदकर अपनी सेक्स की चाहत पुरी कर सके. 

बबिता उम्र में 34 साल की है जबकि टपू उम्र में 21 साल है मतलब टपू से 13 साल बड़ी बबिता है ऊपर से बबिता भरावदार फिंगर वाली औरत है तो बबिता के लिए टपू के निचे लेटना बहुत अजीब है जबकि टपू के लिए बबिता एक गदा जेसा है जितना मन करे ऐसे खूंदो.

अय्यर ने आजतक बबिता को ठीक से चोदा नहीं है तो सेक्स के मामले में बबिता नाखुश जिदंगी ही जिती है तो सेक्स की जरूरत तो है और टपू को सेक्स की चाहत है लेकिन बबिता का टपू के साथ रिलेशन बनाने में मन नहीं लगता है. 

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बबिता पुरे दिन यही सोचती है कि उसको टपू को हा बोलना चाहिए या ना टपु के साथ सेक्स करना ठीक है या गलत. रात को नव बजे वोट्सएप पर टपू बबिता को मेसेज करता है कि वो हा कह दे लेकिन तब बबिता कोई जवाब नहीं देती है. 

अब अय्यर और बबिता के बिच महिने से ज्यादा हो चुका था कि दोनों ने सेक्स नहीं किया था तो आज अय्यर का मन बना था तो रात को करीब दस बजे अय्यर बबिता को सेक्स के लिए पूछता है तो बबिता पत्नी होते हुए मना नहीं करती है और अय्यर हर बार की तरह नोमॅल तरीके से थोड़ी देर बबिता की चुदाई करता है और अपना पानी निकाल कर सो जाता है और बबिता अधूरी प्यास के साथ सोच रही थी कि उनका पति उसको वो खुशी नहीं देता है तो शायद उसको वो खुशी पाने का मौका मिला है और टपू वेसे अच्छा लड़का है ऊपर फिट लड़का है तो टपू बबिता की ढंग से चुदाई कर पाएगा तो शायद बबिता की जरूरत पुरी हो जाए और बबिता फिर कपड़े ठीक करके सो जाती है. 

अय्यर का जब भी मन करता हैं तब वो कपड़े निकालकर कॉन्डम लगाकर फिर बबिता ने निचे जो कपड़े पहने हुए होते हैं वो निकाल देता है और फिर ऊपर आकर लंड सेट करके धीमे-धीमे बबिता को चोदता है और पांच-दस मिनट में जड जाता है और फिर दस्टबिन में कॉन्डम फेंककर लंड साफ करके अपने कपड़े पहन लेता है और बबिता को थेक्स बोलकर सो जाता है. 

सेक्स के बाद बबिता अपने ख्यालो में डूबी थी तो उधर टपू अपने रुम में बेड पर लेटे हुए अपने ख्यालो में डूबा हुआ था. 

टपू मन ही मन सोचता है कि अब किसी तरह बबिता आंटी मान जाए ताकि में रसगुल्ला खा सकु बल्कि में तो बड़े मजे से रसगुल्ला निचोडना चाहता हूं कसम से बबिता आंटी के बूब्स ने पागल बना रखा है. जिस दिन बबिता आंटी मान गई उसी दिन उनके सारे कपड़े निकालकर ताबड़तोड़ चुदाई करने वाला हु कसम से पूरा लंड उनकी चुत में घूसा दूँगा अब पता नहीं उनकी चुत केसी होगी वेसे जेसी भी हो मुझे क्या मुझे तो बस चुत चोदने मिलनी चाहिए. बबिता आंटी की ऐसी चुदाई करुँगा कि वो भी खुश हो जाएंगी. बस एक बार बबिता आंटी की ठुकाई करने का मौका मिल जाए इतना तो तय है कि चुदाई में कोई कसर नहीं छोड़ूंगा. वेसे तो मेरा लंड अच्छा बड़ा है लेकिन बबिता आंटी का फिंगर देखकर लग रहा है वो मुझे झेल लेगी. 

इधर टपू बबिता को पेलने का ख्वाब देख रहा था तो उधर बबिता यह सोच रही थी कि उसको टपू को हा बोलनी चाहिए या नहीं हालांकि उसको भी दुसरे लंड की जरूरत थी लेकिन टपू से चूदना सही रहेगा या गलत यही वो सोच रही थी. 

दूसरे दिन सुबह नव बजे जेसे ही अय्यर ओफिस के लिए निकल जाता है टपू तूंरत बबिता कोल करता है. 

टपू : बबिता आंटी अब तो हा कह दो प्लीज़. 
बबिता : उम ठीक है लेकिन मेरी शतॅ है. 
टपू : क्या. 
बबिता : हमारे बिच की बात किसी को भी कभी पता नहीं चलनी चाहिए. 
टपू : ठीक है. 
बबिता : तुम कभी भी गलत फायदा नहीं उठाओंगे. 
टपू : ओके. 
बबिता : यह पहली और आखिरी बार है. 
टपू : ठीक है तो कब आ जाओ. 
बबिता : एक काम करो आज दोपहर को आ जाना किसी पता ना चले वेसे. 
टपू : किसी को कूछ भी पता नहीं चलने दूंगा. 
बबिता : ओर हा प्रोटेक्शन लेकर आना छूपके से. 
टपू : क्या. 
बबिता : बूधु कॉन्डम लेकर आना उसके बिना कुछ नहीं करने दूँगा क्योंकि मैं रिश्क नही लेना चाहता हूं. 
टपू : ठीक है में अभी बाहर जाकर बढिया वाला लेकर आता हु. 

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टपू इतना खूश हो जाता है उसकी खूशी का ठिकाना नहीं रहता है वो बिना देर किए टपू सेना को पता ना चले ऐसे छूपके से गोकूलधाम सोसायटी से निकल जाता है और गूगल पर कोंन्डम देखने लगता है और फिर जानकारी लेकर वो एक मेडिकल शोप पर जाता है और उधर से मेन फोसॅ कंपनी का सबसे बेहतर तीन पैक वाला कोंन्डम लेता है ताकि अगर एक कोंन्डम कही बेकार हो जाए तो दूसरा इस्तेमाल कर सके. 

वो कोंन्डम लैकर वापस सोसाइटी में आ जाता है तब वो एक नजर अय्यर के घर की ओर देखता है. अब बबिता ने उसको दोपहर को बूलाया था लेकिन अब टपू का मन बबिता के घर पर ही था तो वो अभी उसकी घर चला जाता है वहाँ जाकर दरवाज़ा नोक करता है तभी बबिता दरवाज़ा ओपन करती है तो सामने टपू खड़ा था जिसको देखकर चोक जाती है. 

बबिता : तुम अभी क्यों आ गए. 
टपू : मुझसे रहा नहीं गया तो आ गया. 
बबिता : पागल हो क्या किसी ने देख लिया होगा तो. 
टपू : आंटी डोन्ट वरी मुझे इधर आते हुए किसी ने भी नहीं देखा है. 

बबिता टपू को तूंरत अंदर आने देती है ताकि कोई टपू को देख ना ले. टपू तूंरत सोफे पर जाकर बेठ जाता है और बबिता भी आती है. 

टपू : पानी मिलेगा. 

बबिता किचन में जाकर पानी का ग्लास लेकर आती है और टपू को पानी देती है. 

बबिता : तुम अभी घर पर चले जाओ जेसा हमारा तय हूआ था वेसे दोपहर को आना. 
टपू : अब आ गया हु तो घर बाद में जाऊगा. इधर बेठो ना आंटी एक बात करनी है. 

बबिता टपू के पास जाकर बेठ जाती है और दोनों एक-दूसरे को देखते हैं. 

टपू : कब से ख्वाब देख रहा था. 
बबिता : क्या. 
टपू : आपको चोदने के लिए कितना बेताब था आज जाकर मौका मिला. 
बबिता : बेशमॅ. 
टपू : उसमें क्या बेशर्मी जो सच है वो बताया कसम से आप पर बहुत टाइम से फिदा हु. 
बबिता : हवस दिख रही हैं. 
टपू : आंटी मेरा वादा है आज आपको पूरी खूशी दूंगा जो अंयर अंकल नहीं दे पाते हैं. 
बबिता : बोलना आसान है अभी तुम बच्चे हो. 
टपू : यह बचा ही आपकी लाल करेंगा. 
बबिता : सटअप. 

तभी टपू बबिता के करीब होकर किस करने के लिए आगे बढ़ जाता है बबिता कुछ समझ पाए उससे पहले ही टपू बबिता के रसिले होठों पर किस करने लगता है लेकिन बबिता कुछ नहीं बोलती है. थोडी देर के बाद बबिता भी टपू का धीमे-धीमे साथ देने लगती है तभी टपू एक हाथ उसके बड़े मूलायम बूब्स पर रख देता है और प्यार से दबाने लगता है जिस वजह से बबिता उत्तेजित होने लगती है. इधर टपू का लंड भी खड़ा हो जाता है. टपू का एक ही मकसद था कि अपनी बबिता आंटी की दमदार चुदाई करके अपने मन को शांत करना. 

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