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Adultery मेरी माँ की चूत की भड़ता बनाया बदमाश ने !
#1
मज़दार सैक्स कहानी होगी । इसने ज्यादा सेडक्शन नही होगा। ज्यादा उतावले पाठक को बोहोत मजा आयेगा । शीर्षक से जान ही चुके होंगे की किस तरह का होगा कहानी और prefix से जान गए होंगे । 


तो आते है कहानी पर । अगले अपडेट से ।






 मेरी माँ की चूत की भड़ता बनाया बदमाश ने 
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#2
[Image: images.jpg]



हम गांव में रहते थे । हमारा गांव पिछड़ा हुआ नही था काफी विकास हो चुका था अब तक । आस पास के गांव मिल कर कम दूरी पर ही सरकारी कॉलेज , हॉस्पिटल सभी सुबिधा का संसालन था ।




मेरी उम्र अभी 20 चल रही है और में कॉलेज जाना चूरू कर दिया है पिछले साल ही । घर के विषय में बता दूं तो मेरे घर में नाना नानी और मेरे मां रहती है । एक मामा है जो अपने परिवार के साथ शहर में रहते है वोही नौकरी भी करते हैं ।



अब सवाल मेरे पिता के बारे में जिक्कर क्यू नेही हो रहा है । तो ऐसा ही की मुझे नहीं पता की मेरा पिता कौन है । आज तक अपनी पिता की फोटो भी नही देखी ये भी नही जानता की वो है भी या नही ।


बास इतना सुना है की दशक पहले कंस्ट्रक्शन के काम के सिलसिले में गांव में एक इंजीनियर आया था और मेरी मां को पहली नजर में ही देख कर अगले ही दिन मेरी मां का हाथ मांगने आया था । कहते हे की मेरी मां की खूबसूरती देख कर इंजीनियर बाबू लड्डू हो गए थे ।




मां से शादी कर के इंजीनियर बाबू मां को शहर ले के गया और कुछ साल बाद मुझे और मेरी मां को गांव छोड़ के गया लेकिन 16 साल हो गए आज तक बापच नहीं आया । नाना ने बोहोत कशिश की ढूंढने की लेकिन कुछ सुरागो से यही समझा गया की मां को इंजीनियर बाबू की परिवार वाले पसंद नही करते थे क्यू की मेरी मां ज्यादा पढ़ी लिखी नही थी । बोहोत तरह तरह की पीठ पीछे आज भी बाते होती है मां के बारे में अच्छी बुरी हर तरह की ।






और सायेद मां ने उम्मीद छोड़ के मान ली है सत्य को । अब गांव की परंपरा में मां की दूसरी शादी होना ना मुमकिन था और ऊपर से एक बच्चे की मां ।



तो मैं अकेली ही रह गई । फिर भी हम भूखे नही मरे । नाना के पास इतनी खेतो की जमीनें थी की हमारा गुजारा चल जाता था । और मामा भी मेरे पढ़ाई का खर्चा थोड़ा बोहोत उठा लेते थे ।





आज मां की उम्र 40 साल हे । और आज भी मां की यौवन पूरे गांव में मेहकाती हे जवान क्या बूढ़े का भी धोती के अंदर गर्मी पैदा होती है ऐसा मैने सुना है । ओह मेरा नाम अंजन है और मां का नाम चारू है । मेरा एक दोस्त है जो बचपन से मेरा दोस्त है । जिसके कारन मेरी नज़रिया भी मां के प्रति बदल सा गया है । मां की खेतों में काम कर के पसीने से तड़बदर गदराई गई गोरी जिस्म को देख कर मेरे पतलुंग में भी गर्मी होती है अब । विचार तो हे मां को चोदने का लेकिन इतना आसान थोड़ी हे ।
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#3
लेकिन पिछले चार साल पहले हमारे गांव के सुख शांति भंग हो चुका है । धीरे धीरे कर के कुछ लोग गांव छोड़ के जाने लगे हे ।



कारण था दो नामों का कहर । तूफान और बादल । ये दो नाम सुनते ही आस पास के सारे गांव दर से घबरा के घरों में घुस कर चुप के बैठे रहते है । औरते और लड़कियां घर से बाहर कदम रखने से डरते है ।




पता नेही कहा से आया है ये दोनों बदमाश । सुना है 10 साल जेल से काट के आया है । दोनों ही पहलवान टाइप 40 वर्षीय गुंडे थे । दिन में ही बीज बाजार मर्डर कर चुका है । लेकिन मजाल फिर भी पुलिस को कोई सबूत मिले । नजाने कितने जुर्म कर चुके है आज तक । कुछ दिन इस गांव कुछ दिन उस गांव वैसे ही घूमते रहते है और लोगो की घोरो में घुस कर डाका डाल के ले जाते हे जबकि घरवाले देखते रह जाते हे जितने पुलिस को खबर दी अगले दिन उनका लाश मिली है ।




यही नहीं कोई भी औरत पसन्द आए या फ़िर लड़की उसे उठा ले जाते है जबतक उन दोनो का मन नहीं भरता तबतक रखते है अपने पास ।





एक की घटना से हम काफी डरे डरे से रहने लगे । जो मेरा जिगरी दोस्त था अमन करीब देर साल पहले उसकी मां को उठा ले गए थे जब सुबह हल्का होने गई थी खेतो में और पूरे 5 दिन तक अपने साथ रखा था । मैंने खुद देखा था जब अमन की मां लौटी थी वो लंगड़ाते हुए चल रही थी ।






और जो दर और घबराहट दिल में घुसी उस दिन ऐसा लगता है जैसे अभी तूफान और बादल मां को उठा ले जायेगा और मेरा रूह कांप जाती हे ।




एक की बात है मां शाम को खेतों से लौटी थी और वो घर के चौखड पे दोरती हुई घुसी थी । और जा के अपनी कमरे में घुस गई थी । मां को देख के में भी घबरा गया था और मां से पूछा था लेकिन मां ने कहा कि उसे जोर की लगी है इस लिए दौर के आई है । पर पता नेही क्यू मुझे सक्क था की कुछ हुआ है और में जानता था मां कभी नहीं बताएगी क्यू की मा हमें किसी भी हालत में परेशान नही करना चाहती है । नाना नानी और में भी मां को खेतों में जाने से माना करते थे लेकिन मां नही सुनती थी ।




अगले तीन दिन मां खेतो में नहीं गई । तो मुझे सक्क हुआ कुछ तो बात हे । और चौथे दिन मां खेतों में गई और उस दिन में कॉलेज ना जाकार मां की पीछा किया । कुछ गलत नहीं लगा मां दोपहर की खाना खा के बापच खेतों में गई और मज़दूरों का खेतो की देख रेख के साथ खुद भी थोड़ा बोहोत हाथ बटा रही रही थी  । में दिन भर से दूर दूर से मां की पीछा किया जा रहा था ।




और जब शाम को मां लौट रही थी । तब सूरज ढल चुका था अंधेरा शाने लगा था । और जिस रास्ते से मां जा रही थी एक मोड़ में मैंने देखा कि अचानक दो बदमाश कूद पड़े हे ।



तूफान और बादल ने मां का रास्ता रोक लिया था । में कुछ 200 मीटर दूर था । अंधेरे में इतना देख पाया की उनलोगो ने मां से हस हस के कुछ कहा । और मां बगल से निकल कर जाना चाहती थी लेकिन दोनो गुंडे ने मां को पकड़ के मां की ब्लाउस के उभार में हाथों से मसलता हुआ दिखाई दिया। मेरी रूह तक पहले से निकली हूई थी मेरा गला सुख गया था । बास इतना ही खयाल आ रहा था की अब क्या होगा मेरी मां का ।






मुझे पता था कि अब मां के साथ भी वोही होगा जो अमन की मां के साथ हुआ था । मुझसे रहा नही गया में क्या करू और क्या ना करु कुछ समझ नहीं पा रहा था । में जानता था नाना नानी को बता के कोई फायेफा नहीं और मामा जो पिछले 6 सालो से गांव नहीं आया । उससे भी कोई उम्मीद नही बची थी ।



बहरहाल में अपने दस्त अमन के पास गया और सब कुछ बता दिया ।
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#4
पहले तो अमन ने खूब मजाक उड़ाया कहा " हाहहा साले ले अब । कह रहा रहा था अपनी मां को चोद दे या फिर मुझे ही पता के चोदने दे । तेरी मां सालों से प्यासी है । ले अब वो गुंडे तेरी मां को चोदेंगे जैसे मेरी मां को चोद चोद के लंगड़ा कर दिया था । पता है मां को डॉक्टर से दिखाना पड़ता था इन्फेक्शन हो गया था मां का"



में गुस्से में बोला " साले मझाक नही "



अमन भी मेरा गुस्सा देख के गंभीर से मेरे कंधे पे हाथ रख के बोला " बुरा मत मान दोस्त । यही सच्चाई है दोस्त। अब चाह कर भी हम कुछ नहीं कर सकते है । उन्हें रोकने जायेंगे तो या तो हम जान से जायेंगे या फिर तेरी मां। तू भी जानता हे । तू अकेला नही ही । में समझ सकता हूं तेरे दिल पे क्या गुजर रहा है एक दिन मेरे दिल पर भी गुजरा था । और इस गांव के लगभग सभी के दिल में ये गुजर चुका है । ज्यादा मत सोच बास दुआ कर की चाची(मां) सही सलामत लौट आए जब वो कमीने उठा के के ले जाए । दोस्त अगर कुछ कर पता तो जरूर करता में । फिर भी तू जो कहे में तेरे साथ हूं । मर मीट जाऊंगा अपने यार के लिए "



अमन ने मुझे काफी समझाया । लेकिन में ही जानता था कि मेरे दिल में क्या गुजर रही है हलकी उसके दिल में भी गुजर चुका है ।








अगले दो दिन मां फिर खेतो में नहीं गई । वो बुझे बुझे सा गुमसुम सी रहने लगी । नाना नानी को पता नही था पर मुझे था मैंने मां से पूछा तो मां ने बहाना मार दिया ।




अगले तीचरे दिन मां सुबह की खेत निकली । में उस दिन भी मां के पीछे गया । सुबह के 10 बज रहे थे लेकिन आचंभित कर देने वाली बात थी की खेतो में एक परिंदा भी नही था


कहा गए सब लग अब तक नही आए क्या बात है । मां पखदानियों से चलती जा रही थी । सारी घुटनो तक उठाए पल्लू लपेटे हुए कमर में बांध के चल रही थी नंगी पाओ । मां भी सायेद आचंभित थी और इधर उधर देख रही थी ।


लेकिन जैसे ही मां खेतों में बनी झोपड़ी के पास पोहिची अचानक से तूफान झोपड़ी से निकल कर मां का बाजू पकड़ कर खींचता हुआ झोपड़ी के अंदर ले के गया ।
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#5
में घबराता हुआ दौर कर झोपड़ी के पास गया । और मां को रोने चीखने चिल्लाने की आवाज सुनी । मैने दीवारों की छेद से देखा तो मेरी गांड सख्त हो गया ।




तूफान ने बास एक जोर का तमाचा मारा था बस एक तमाचा । और में आधी बेहोश हो कर जैसे खटिया पर गिर गई थी । मां की ऊंचाई थी 5फीट 3इंच और तूफान का ऊंचाई था 6फीट 5 इंच उसका हाथ किसी हथौड़े से कम नही था ऊपर से उसका हाथ तेज़ रफ्तार में मां की गालों में पड़ा था जो की मां की गाल लाल हो गए और सायेद सर भी सकरा गई होगी उसकी ।



और में भी हिल गया था चाह कर भी में हिम्मत नही कर पाया की तूफान से मां को बचाऊं। मेरे आंखों से आसूं निकल रहे थे ।



मां की बुरी हालत थी । वैसे तो वो भी हट्टी कट्टी गदराई हुई जवान थी लेकिन तूफान के सामने वो बेबस बेचहरा मजबूर थी जो अब गाल पर हाथ रख के रो रो के बिनती कर रही थी " छोड़ दो मुझे जाने दो । पाप लगेगा तुम्हे। जाने दो मुझे पेड़ पकड़ती हूं में तुम्हारे "



लेकिन तूफान बत्तीसी दिखा कर मां की भरा हुआ बदन को हाटों से सहलाते हुए बोल रहा था " आज मेरा दोस्त नही है । और थोड़ी देर बाद मुझे भी जाना ही कही इसलिए जल्दी में हूं । अगली बार बादल और मिल के तेरी बदन को अच्छे से चाटेंगे और चूसेंगे और तुझे भी मजा देंगे । चल पैर फैला "



ये बोल कर उसने मां कि सारी कमर तक उठा के मां की टांगे फैला दी । भले ही दिल दहेल रहा था लेकिन मां की चूत में इतने घने काले बाल देख कर मेरे मन भी अजीब सा खयाल आने लगा मां ने अपनी मोटी मोटी गोरी जांघों से चिपका के अपनी हाथ से चूत को ढक कर लज्जा बचा रही थी रो रो कर ।



और उस वक्त तूफान अपना पतलुंग खोल रहा था । और में हैरान रह गया बस इतना ही खयाल किया और सवाल किया क्या सच में इंसान का लन्ड है ये ।




किसी घोड़े या गधे की लंड की तरह फनफना रहा था । तूफान बोहोत जल्दी में था उसने मां को खटिये के किनारे तक खींचा और ढेर सारा थूक मां की चूत पर थूका और अपने सुपाड़े पर भी थूक मला और मां का हाथ हटा के जबरदस्ती मां की चूत में अपना लन्ड टीका कर सुपाड़ा अंदर घुसा दिया और मां आईईईई कर कर कराह उठी ।




और तूफान दात पीछता हुआ पैर जमीन पर टिका कर ही मां के ऊपर झुक गया और मां को बाहों में भर कर जोर से धक्का मरा । मुझे नही दिखाई पर रहा था की उसका गधे जैसा लंबा और मोटा लौड़ा कितना मां की चूत में अंदर गया था । लेकिन मां छटपटाते हुए चिल्लाई थी " आन्ह्ह्ह मररर गैईईई "



मां इधर उधर सर पटक रही थी दर्द से बिलख रही थी लेकिन तूफान है की मां को कस के धक्के लगा रहे थे । मां बिलख बिलख करते रो रही थी ।



" साली क्या टाइट चूत है तेरी रांड । मजा आ गया वे। ले रांड ले साली मादरजाट्ट कही की। साली कभी ऐसा लौड़ा लिया नही होगा । ले और ले साली फाड़ दूंगा आज तेरी"



तूफान अपने मजे में धक्के लगाते हुए गालियां दे रहा था । मेरी मां तड़प रही थी दर्द से जो हाथ पाओ मारती हुई दात काट रही थी दर्द सहने के लिए । और तूफान मेरी मां की गर्दन चूम रहा था । लेकिन एक सेकेंड के लिया भी उसने धक्के नही रोके।




मुझे बोहोत बुरा लग रहा था। लेकिन में भी मजबूर था झोपड़ी के अंदर मेरी मां तड़प रही थी दर्द से और वो गुंडा मां की चूत का मजा लिए जा रहा था ।



लेकिन कुछ भी कहो औरतों की सेहनसक्ति प्राकृतिक रूप से ज्यादा ही होती है । पिछले सायेद आधे घंटे से तूफान मन मर्जी से धक्के लगा रहा था और मां किसी तरह से सहन कर रही थी ।




तूफान इतने समय के बाद पहली बार रुका और अपना लंड निकाल के खड़ा हो गया । मां दोनों हाथ से मुंह ढक रही रही थी ।


मैने देखा तूफान का लंड गीला होकर चमक रहा था । तूफान ने मां की चूत के भगनासा पर अंगूठा रगड़ते हुए बोला " साली रांड क्या मस्त चूत है रे । "




मां का रोना अब बंद हो चुका था । मेरे पैर भी जम गए आंखे सुख गए थे पथरिया गए थे । तूफान ने फिर मां की चूत में थूका और मां की चूत में लंड टीका कर मां को बाहों भर कर कमर धकेलता गया ।




पहली बार मां की चुदाई देख रहा था वो भी जबरदस्ती तरीके से लेकिन कुछ ऐसा देखा की मुझे हेइरान कर दिया ।



जैसे तूफान ने मां की चूत मे लंड पेला मां " हाहऊऊऊ उन्ह्ह्ह " करती हुई तूफान के गले में बाहें लपेट के टांगो से तूफान की कमर लपेट ली ।



" सलीईई रांड तेरे को मजा आ रहा है अब । रुक साली बजाता हूं " और ऐसा कहता हुआ तूफान ताबड़ तोड़ धक्का लगाने लगा ।



में भी हैरान था कि जहा दर्द से बिलबिला रही थी और अब मां मजे ले रही है । सच में । मुझे विश्वास नहीं हो रहा था ।



मां सर इधर उधर पटकती हुई दोनो हाथों से तूफान को कस रही थी । और तूफान मां की मस्ती देख कर जोश में मां को गलियां दे कर चोद रहा था ।



लेकिन मां की चेहरे पर जो मस्ती थी वो मैंने कभी नही देखा था । मां काफी उत्तेजित लग रही थी और सिसकारियां मार मार के कह रही थी अब " आह्ह्ह्ह धीरे धीरे। ओन्ह्हह धीरे कीजिए । आन्ह्ह्ह नहीं। उह्ह्ह्ह ये क्या हो रहा है। उह्ह्ह्ह। "




कभी मां को इस तहत उत्तेजित और एक गुंडे से मजा लेगी ऐसा कभी सोचा नहीं था और में हैरान था ।बस अमन की कही हुई बात याद रही थी की तेरी मां अगर वाकई में 16 साल से प्यासी है तो देखना जब भी वो अब चुदेगी पूरा लंड निगल जाएगी । तू समझ नहीं पायेगा इस वक्त तेरी मां के चूत में कितनी आग लगी हुई है ।




और बिल्कुल ऐसा ही में देख रहा था और मेरा गला सुख रहा था । तूफान पागलों की तरह धक्के लगा रहा था ओर कह रहा था " ले रांड ले साली ले । मर साली तू तो पूरी रांड है अंदर से । आने दे मेरे दोस्त को दोनो मिल के तेरी बजाएंगे "


पर मेरी मां फिर भी तूफान को अपने अंदर समा लेने की कशिश करती हुई चिल्लाने लगी " इच्छ्छ आह्ह्ह्ह धीरे। उह्ह्ह धीरे कीजिए। आन्ह्ह्ह नही उह्ह्ह मर गई ।"


और अगले ही पल मां का पूरा जिस्म थर थर कांपने लगा था और मां ने तूफान के पीठ पर नाखून गाढ़ा कर चींखी थी ।



तूफान मां की सर के नीचे हाथ घुसा कर बाल कस के पकड़ा और मां की होंठ चूस के बोला " साली मजा आया । और मजा चाहिए ले "



तूफान ने फिर मां को ताबड़तोड़ चोदने लगा । मां फिर हिंगीनाने लगी मां फिर झड़ गई और इस बार तूफान भी हुंकार मारता हुआ झाड़ गया । मां भी हाफ रही थी और तूफान भी । दोनो पसीने पसीने हो गए थे ।



तूफान मां की गर्दन से पसीने चाट रहा था और मां बेसक कुछ कहें बिना आंख बंद कर रखी थी । और सकून की सांस ले रही थी । मां ने अब बाहें फैला दिए थे । जैसे वो थकान से उभर रही थी ।
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#6
Wow so hot man!!!
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#7
chut ko lund mil gay
Bhosdi ko chudne do
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