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Hello bhaiyo
Ye story vir rathore ki h jisne xossip pe likhi thi or usi khani ko me yha pesh karna chahta hu agar aapka support rha to ise me jarur pura karunga
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मुख्यपात्र
मेरा परिवार है
1 शमागुन उर्फ अम्मी ८ राशिद और सकीना की अम्मी
2 राशिद ८ सकीना का बडा भाई, अफीम की खेती का करोबार, तालिबानी
3 सकीना ८ 17 वर्षीय राशिद की वहन
4 जरीना ८ 21 वर्षीय, राशिद की पहली बीबी
5 साना ८ 14 वर्षीय, राशिद की दूरारी बीवी
6. एरिया ८ 18 वर्षीय, राशिद की रखैल
7. आयशा ८ 16 वर्षीय, राशिद की रखैल, शेख जलाल गॉव, वगत्ताम के पारा
8 रुखसार उर्फ रुख ८ 13 वर्षीय, राशिद और जरीना को बेटी
9 महरूनिखा उर्फ माही ८ 11 वर्षीय, राशिद और जरीना की बेटी
10 शीबा ८ 10 वर्षीय, राशिद और जरीना की बेटी
11. सुना ८ 13 वर्षीय, आयशा की बहन
12 बीहू ८ 12 वर्षीय, आयशा की बहन
नौकर
1 बडीबी ८ घरेलू काम-काज़ करने बाली वृद्धा
2 जोरावर ८ दरबान
3 करीम ८ रसोईया
4 रातीमन ८ नौकरानी
तालिबानी और ड्रग्स से जुडे हुए खास पात्र
5 इमरान हाफिज ८ सकीना का चचेरा भाई, तालिबानी और राशिद का कातिल
6. अहमद दुर्रानी उर्फ सोहराबुद्दीन ८ हेरात मे ड्रग्स का सबसे वडा व्यापारी
7. हामिद रब्बानी ८ दुर्रानी का ऐज़न्ट और वगत्तान ने ड्रग्स का व्यापारी
8 बिलाल ८ इमरान हाफिज का वडा माहं और रब्बानी का दया हाथ
9. जमाल ८ राशिद का ममेरा भाई और अफीम के खेतों की निगरानी करने बाला तालिबानी
10 जाफर खामैनी ८ इरानी ड्रग्स का व्यापारी तायबात्त का बेताज बादशाह
11. मस्तान भाई ८ पाकिस्तानी ड्रग्स का व्यापारी खामैनी का दुश्मन, तायबात्त
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पाकिस्तानी मुख्य पात्र है
1 शुजाल मियाँ ८ पाकीस्तानी जनरल, आईएसआई
2 जनरल जियानी ८ पाकिस्तानी आर्मी का चीफ़
3 शेख अहमदी ८ पाकिस्तानी, ड्रग्स और हथियारों का व्यापारी, अलकायदा और पाकिस्तानी फौज़ का बिचौतलिया, नकली नोटों
का कारोबार
4 जमाल बतालवी ८ शेख एहमदी का एजेन्ट, आईएसआई का कर्नल
5 अजीज मिजां ८ पाकिस्तानी फौज़ मे हवलदार, अफगानी युवकों को तालिबान फौज मे मिलाने का काम, बमलान से
कोतृरव्यंल तक अफीम के कारोबार की सुरक्षा देते का काम
6. कुंज मुहाग्द ८ नायब हवलदार, बलूचिस्तान ईन्धोंट्री
अमरीकन मुख्य पात्र
1रोजर जेनेस्की ८ सीआईए का डिप्टी डाईरेक्टर, काबुल स्थित यूएस एम्बेसी
2 रहमत खान ८ स्पेशल फोर्स का टीम लीडर
3 जमीर स्पेशल फोर्स का मेम्बर
4 कमाल पाशा ८ डेल्टा कमांडो फोर्स का लीडर
और कुछ अन्य पात्र
1 फुलया ८ आयशा के भाई का दोस्त और अफीम का पुराना सौदागर
2 चाँदनी ८ आयशा की दूसरी मॉ और बिलाल की शाल
3 मुजीबुर ८ हथियारों का कारोबार, अलकायदा का आदमी
4 शाकिर रिजा ८ ताजिकिस्तान सीक्रंट सर्विस का चीफ़
5 गुलाम रसूल ८ अफगानी काबुल का ट्रान्सपोटंर, पाकिस्तानी फौज़ और तालिबानियों के बीच की कडी
(; शाक्ति कुरैशी ८ 60 वर्षीय, दवाईयों के व्यापारी के भेश मे आनंद से ड्रग्स का व्यापारी
7. रेहाना ८ 21 वर्षीय, शकील कुरेशी की बोनी
8 इस्माईल ८ दुर्रानी का लडका, अत्यंत के प्लांट का इन्याजं
9 फिरोज ८ मस्तान माई का छोटा भाई
10 तनबीर ८ हेरात का हवाला डीलर
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प्रस्तावना
उँची गगनचुम्बी पहाडियों के बीचोंबीच पथरीली जमीन पर एक व्यक्ति खून में लथपथ घायल पडर हुआ कराह रहा था । उससे कुछ
दूरी पर जलते हुए एक इंडियन एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर से निकलते स्याह काल घुए ने (आकाश को ढक दिया था । बीब-बीचे में
हेलिकॉप्टर के अन्दरूनी भागों ने शार्ट-सर्किंटिंग की आवाजे तेज होने लगी और तभी एक चिंगारी जीए पकड लेती है । कराहते हुए
व्यक्ति की शक्ति क्षीण होती जा रही थी और उस पर धीरे-धीरे बहाशी छा जाती है । तभी कहीं से एक घुडसवार बहुत तेजी से बढता
हुआ घटनास्थल पर पहुंचा और तुरत उतर कर घायल व्यक्ति को खीचकर जलते हुए हेलिकॉप्टर से हैं ले गया । आग की लपटों
में गिरे हुए हैलिकॉप्टर में अचानक एक विस्फोट हुआ और फिर चारों और शान्ती छा गयी ।
नकाब से चेहरा छिपाये घुडसवार अपनी मश्क मे से थोडा पानी निकाल कर घायल व्यक्ति के चेहरे पर छींटे मार कर उसे
होश में लाने का विफल प्रयास यता है 1 घुडसवार कुछ सोच कर उस व्यक्ति को उठा कर अपने घोडे की पीठपर डालने का
निरर्थक प्रयास करता है 1 घायल व्यक्ति शरीर और वज़न के अनुपात से घुडसवार से दुगना प्रतीत होता है । परंतु घुडसवार फिर भी
आस नहीं छोडता और जुगत लगा कर पास पडी हुई एक चट्टान पर उस व्यक्ति को घसीट कर लिटा देता है और फिर आते घोडे
को चट्टान के समीप लिटा कर उसकी पीट पर घायल व्यक्ति को खींचे लेता है । घुडसवार का ध्यान मायनों की पीट पर जाता है तो
चौंक जाता है क्योंकि पीत पर यूनिफार्म जल कर चिपक गयी है और पथरीली जमीन पर खीचने से पूरी पीट पर घिसट लगने से
धब्बे हो गय थे और जिनमें से खून रिस रहा है बिना देर जिये घुडसवार आते घोडे पर घायल को सवार कर पैदल पूर्व कि ओर बढ जाता है ।
पाच घंटे तक लगातार चलने के बाद घुडसवार एक मैदानी इलाके में पहुंचे जाता है । लहलहाते हुए मैदान मे से हो कर एक
किलेनुमा मकान के दरवाजे पर आ कर रुक जाता है 1 तभी अचानक एक बूढी सहिता दरवाजा खोल कर बाहर निकल कर बोली...
.अरे....कौन है....?….
आधे सिर और मुख पर लिपटे हुए कपड़े को उतारते हुए घुडसवार ने बूढी की ओंर देखते हुए बोला की बडी बी
मै दूँ…
वृद्धा आवाज सुन कर चौंकते हुए बोली... हाय री........सकिना .... यह क्या हाल बना रखा है ।
आते चेहरे से करलर स्याह नकाब निकल कर आते काले लंबे और घने बालों को सील कर और उनसे धूल झाडती हुई
सकीना बोली....बडी बी लम्बी कहानी है अन्दर चल कर बताती हूँ मगर अभी... घायल व्यक्ति की ओंर इशारा करते हुए.… इस को
नीचे तहखाने में ले जाने का इंतजाम कराइये….
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वही हालनुमा कमरे में आठ बुर्कापोश स्त्रीया एक दूसरे के साथ दबी आबाज में बातें कर रही हैं । तभी सकीना और उनके साथ बडी
बी को कमरे में प्रवेश करती है । कमरे में चुप्पी छा जाती है और सबकी निगाहें सकीना पर टिक जाती है ।
मातमी सूरत लिए अंदर आते हुए सकीना बोली... बुरी खबर है अम्मी राशिद भाई नहीं रहे । इतना बोल कर सकीना की
आखो से आंसू छलक जाते हैं ।....इमरान हाफिज और उसके आदमियों ने बडी बेरहमी से राशिद भाई को हलाक कर दिया सुन
कर सब बैठे हुए लोग सकते में आ गये और उनके चेहरे पर मातम छा गया । कमरे में कुछ क्षणों के लिए शांति छा गयी ।
अचानक सफेद बुर्का ओढे वृद्धा विचलित आवाज में बोली… सकीना…क्या हुआ था? तू और राशिद तो इमरान के पास इस
साल की फ़सल का सौदे की बात करने गये थे ।
अम्मी... किसी बात पर इमरान और राशिद भाई के बीच में तनातनी हो गयी... मुझको राशिद भाई थोडी दूर पर छोड कर
इमरान से बात करने के गये थे । मेरे देखते-देखते ही दोनो के बीच में तेज आवाज में झगडा शुरु हो गया और इससे पहले में
कुछ समझ पाती इमरान ने गोली चला दी… राशिद जख्मी हालत में मेरी तरफ़ आने को मुडे तब तक इमरान के साथी खंजर लेकर
उन पर टूट पडे… मेरी समझ में कुछ भी नहीं आया....पास ही मेरा घोडा खडा था बस जिसी तरह राशिद भाई को अपने साथ
लेकर मैं जान बचा कर यहा से भाग निवासी ।
चिंता मुक्त हो कर वृद्धा दबे स्वर में बोलती है फिर तो वह लोग यहा पर आने वाले होगे अब की बार यह लोग हम
सबको भी नहीं छोडेंगे ।
सकीना अपनी अम्मी को दिलासा देती है । ....अम्मी मेरा ख्याल है कि इमरान हाफिज हमारी फसल दी ताक में है रास्ते में
ही घायल राशिद भाई का इन्तकाल हो गया था... उस हालत में हम दोनो का बचना मुश्किल था क्योकि इमरान के आदमी मेरा
पीछा को दूर तक करतै रहे रास्ते मे रहमती दर्रे के पार करने के बाद मुझे भाईजान को वहीं छोड़ कर आना पडा क्योकि वहॉ की
चढाई बहुत सीधी थी । मैने खाई के सिरे पर एक खोह में राशिद भाई की लाश छिपा कर निकल भागी कुछ देर तो उन्होंने पीछा
किया परंतु दरें को पार करते ही वह वापिस लौट गये थे ।
अम्मी के मुख से एक हृदयविदारक आह निकलती है हाय अल्लाह... मेरे बेटे राशिद को ऐसे ही छोड आयी… गुस्से से
भग्नाती हुई सकीना अपनी अम्मी करें घूरती हुई… सारे अफगानी मर्द तो एक दूसरे को मारने पर तुले हुए हैं कनी
कही तो कोम के नाम
पर और कभी सियासत के नाम पर… अब हमारे घर में कोई मर्द तो रहा नहीँ… अगर आप बीच में पड़ कर उससे बात करें तो शायद
हम सब की जान बख्श दे । आखिर इमरान आपका भतीजा है ।
....जब से इमरान तालिबानियों की संगत में आया था तभी से वह बहुत जालिम हो गया है उस नामुराद से बात करना
नामुमकिन है....अब किस मुँह से उसके पास जाऊं जब राशिद ने इमरान के अब्बा का कल्ल करवाया था अफीम की खेती ने हमारे
सारा खानदान ही बर्बाद कर के रख दिया बूढी अम्मी सिसकते हुए बोली । बैठे हुए बाकी सभी लोग चुपचाप माँ-बेटी की बातें सुन
रहे थे ।
सकीना अपनी अम्मी को दिलासा देते हुए कहती है राशिद भाई के मरने का उन्हें कोइ इल्म नहीं है यह सिर्फ जानते हैं
कि भाई घायल है इस लिए मुझे लगता है कि अभी तो इमरान हाफिज कुछ भी करने से डरेगा... वैसे तो मुझे कोई सास अफ़सोस नहीं है आखिर मेरे भाई ने कौन सा अच्छा काम जिया है अब्बा के इन्तकाल के बाद से उसने सिर्फ जुल्म ही किया है ।
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...........अरी सकीना....कहीं तु पागल तो नहीं हो गई है…अगर इमरान को राशिद के इन्तकाल की भनक भी लग गयी... तो वह इसी वक्त आकर घर और घरवालों पर कब्जा कर लगा....मेंरी तो सोच कर रूप जाती है कि हम बेचारी लडकियों का क्या हश्र होगा… ।
....अम्मी तुम्हारे फ़र्ज़न्द ने कौन सी कमी छोड़ी थी ।यह बेचरिया तो पहले से ही राशिद भाई के जुल्म का शिकार हैं इनका और क्या बुरा होगा....बेचारी त्तेरह साल की आशफ़ा को दो महीने पहले अगवा कर लाया और उसके साथ जबरदस्ती निकाह पढवा लिया
और उसके पहले सलमा और आयशा को जाने कहाँ से जबरदस्ती उठा लाया था और क्या क्या गिनाऊं.... मेरा भाई था परन्तु मेरा बस चलता तो मैं खुद ही उसे गोली मार देती जरीना भाभी को तो जैसे बच्चा जनने की मशीन बना दिया था ।तीन लडकयों का बाप होने के बाद भी उसके अन्दर रहम नाम की कोई चीज नही थी ।
....रहने दे सकीना... मरे हुए को नहीं कोसना चाहिए... और तू आते हुए साथ किसको उठा लायी... पहनावे से तो फोजी लगता है । कौन है....?
अम्मी कांई एयरफोर्स का पायलट है । अम्मी ने धीमे स्वर ने पूछा....क्या पाकिस्तानी है?
पता नहीं... अम्मी जिस हेलीकॉप्टर का क्रेश हुआ था ....जब तक मैं वहाँ पहुंची तब तक उसमें पूरी तरह आग लग चुकी थी और वह नजदीक हीं बेहोश पडा हुआ था।बडी मुश्किल से उसे खींचकर दूर ले गई , और जब तक में संभलती तब तक टंकी में आग लग गयी और सब कुछ खत्म हो गया था । जिन्दा बच गया था तो में यहॉ है आयी ।
बीच में बात को काटती हुई बड़ी बी बोली कि ....हुजूर, मेरा ख्याल है कि वह हिन्दुस्तानी है ।
अम्मी चौंकती हुहुँ बडी बी की और देखते हुए बोल पडी....तुम्हें कैसे पता? तो बी झिझकती हुई अम्मी के पास गयी और उनके कान में दबी हुई आवाज ने कहा....उसका खतना नहीं हुआ है । वह * है।
अम्मी सिर हिलाती हुई बोली... अच्छा यह हिन्दुस्तानी पायलट है । अब तो हमारे लिए और भी ज्यादा खतरा बढ गया है । एक तरफ़ तालिबानी हमारी जान के दुश्मन बने हुए हैं और दूसरी तरफ पाकिस्तानी फौज़ इसको दूँढ रही होगी सकीना की और देखते हुए ....अब क्या करें।....अम्मी कोई भी हो है तो एक इंसान ही। ओर मेने वही कीया जी किया जो सही लगा... कहते हुए सकीना अपनी
अम्मी से लिपट मयी ।
..,..हुजूर अगर इजाज़त दें तो कुछ बोलूँ। मेंरे ख्याल से यहीं अच्छा रहेगा की हम राशिद मियाँ के इन्तकाल की खबर किसी को न दें और बाहरयह खबर फैला दें कि इमरान ने राशिद मियाँ पर जानलेवा हमला करवाया था पर किसी तरह बच गए । अब वह अपने जख्म का इलाज करा रहे हैं । इसकी वज़ह से यह फौजी भी बच जाएगा और इमरान हाफिज भी एकदम हमला करने से डरेगा । साय बैठी हुई सभी स्त्रियां ने बडो बी की बात पर हामी भरते हुए सिर हिला कर अपनी सहमति दी ।
....बडी बी, राशिद की खबर कैसे छिपेगी ।आखिर हमारे यहाँ काम करने लोगों से यह राज कैसे छिपा सकतें हैं ।
सकीना बीच में बात काट कर बोली.…अम्मी मेने उस फौजी को तहखाने में रखवा दिया है । मुझे उसे यहाँ लाते हुए उस वक्त किसी ने नहीं देखा है । ओर बड़ी बी ने दो नौकरों बुला कर उस फौजी को तहखाने में रखवा दिया था । चेहरा देखने का सवाल हीं नहीं होता क्योकि मैंने अपने चेहरे पर बाँधा सुती कपडा उस फौजी के उपर डाल दिया था ।
....बीबी आप ज्यादा न सोचें, अब इस घर में कोई मर्द तो नहीं बचा है । अगर यह पाकिस्तानी होता तो वह अपने वतन आसानी से चला जाता लेकिन यह चूँकि हिन्दुस्तानी है तो बेचारा कहीँ भी नहीं जा सकेगा तो यहीं पडा रहेगा । जब तक इस बात का हल नहीं निकलता तब तक इसको ही राशिद भाई बना कर दुनिया के सामने रखेंगे.… आखिर अकेली सकिना बेगम से घर नहीं चल सकेगा ........
to be continue.....
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अम्मी कुछ सोचती हुई बोली .…हाँ बडी बी तुम शायद सही कह रही हो । ठीक है तुम लडकिया कान खोल कर सुन लो कि. कोई भी नीचे तहखाने में नहीं जाएगा । अगर किसी ने भी हुक्मबदूली की तो मुझसे बुरा कोई नही होगा और सजा के तौर पर उसे खेत के काम पर लगा दूँगी । सब बैठे हुए लोगों ने सिर हिला कर हामी भर दी ।
....पर अम्मी हमें तहखाने में जाने से क्यो रोक रही हो आखिर क्या आप दोनो उस फौजी की तीमारदारी कर सकेंगी ।
मुझ अकेली से तो हिल भी नहीं पाया था तो क्या आप दोनो सम्भाल पाओगी?....सकीना ने अपनी अम्मी की ओंर देखत हुए कहा ।
सकीना की बात पर सिर हिलाते हुए बड़ी बी समझाने वाले अन्दाज में अम्मी की ओर रुख करके बोली ....बीबी, सकीना ठीक कह रही है । मेंरे ख्याल से हमें जरीना बीबी, आयशा और सलमा की मदद लेनी पडेगी । आफशा बी और तीनो बच्चियों के जाने पर पाबन्दी लया दीजिए । आखिर उनकी नासमझ उम्र है ।
....हाँ ठीक है सुन लिया सबने कडकते स्वर में अम्मी ने सामने बैठी महिलाओं को ताकीद दी और फिर उस फौजी के बारे में बड़ी बी से पूछा... आपने तो उसकी हालत का जायजा लिया है....क्या हाल है? बचेगा या नहीं... ....बच तो जाएगा पर समय लगेगा... धाव गहरे हैं । बीबी मैं आप से कुछ बात अकेले में करना चाहती हूँ।बीबी कुछ बात ऐसी ही है कि सबके सामने नहीं हो सकती ।
बड़ी बी का सहारा ले कर जाते हुए अम्मी बोली....चलो तहखाने ने चलते है रास्ते में बात कर लेंगे । बात करती हुई बड़ी बी और अम्मी कमरे के बाहर निकल गयी । उनके जाते हीं एक बार फिर से दबीदबी आवाज में बाते शुरू हो गई । राशिद के इन्तकाल की खबर से सब लोगों में जैसे एक नयी जान की सा गयी थी । एक और बैठ कर जरीना अपनी बेटियों को कुछ समजाने में लग गयी थी। और दूसरी और सलमा, आयशाऔर आफ़शा बैठ कर सकीना के साथ बात करने में लग गयीं ।
आशफा ने निगाह उठा कर सकीना से पूछा .. सकु बी तुमने तो उस फौजी को देखा था केसा है दिखने में....क्या बडा जालिम दिखता है? ....वाह मेरी बन्नो ... सकीना आँखे मटकाते हुई चिढाने वाले स्वर में बोली....क्या बात है जानना चाह रही हो कि क्या वह फौजी देखने में सुंदर है क्या हा भी आखिर राशिद की जगह तो इसी फौजी ने ही तो लेनी है ।
गम्भीर की दिखने बाली आयशा बीच ने बोल पड़ी... जो बात तुम नहीं देख सकी उसे बात को बड़ी बी ने इतनी आसानी से देख लिया? पप्रश्नवाचक दृष्टि डालते हुए सकीना ने पूछा... कौन सी बात? ....वही कि घायल फौजी हिंन्दुस्तानी पायलट है ।
यह तो मेंरी समझ के बाहर है कि इतने यकीन से कंस कह दिया कि वह एक * है सर हिलाते हुए सकीना ने सब पर नज़र डाली । चारों युवतियों इसी उलझन को सुलझाने में लग पडी थी । उधर जरीना अपनी बच्चियों को समझाने में लगी हुई थी । दबे स्वर में रोते हुए जरीना अपनी बच्चियों को बता रही थी कि उनके अब्बा हुजूर अल्लाह को प्यारे हो गए। सिसकते हुए जरीना ने अपनी को बेटी रुखसार से कहा… तू सबस बड़ी है ।। तुझे अब से अपनी दोनो बहनों का ख्याल रखना है ।
जरीना की बात सुन कर सहमी हुई तीनो लडकिया अपनी अम्मी से लिपट गयी और पूछने लगी.... अब्बा को क्या हुआ है? वह कब आएँगे?.... तेरे अब्बा अब कभी वापिस नहीं आएँगे ।रुख तू अब तेरह साल की हो गई है इस लिए तुझे अपनी दोनो बहनों का ख्याल रखना है । चिंताग्रस्त जरीना अपनी तीनो बेटियों को अपने सीने से लगा कर बोली... अब तुम्हारा क्या होगा।
सबसे छोटी शीबा हैरानी से जरीना को देखती हुई बोल पडी…अम्मी यह तो अच्छा है कि अब्बा अब कभी वापिस नहीं आएँगे । आपको मारेंगे भी नहीं तभी बीच वाली माहीं शीबा को चुप कराते हुए बोली... ऐसा नहीं बोलते शीबा । अभी जरीना उन्हें अपने से लिपटा कर सात्वना दे रही थी की तभी सलमा की आवाज उसके कान में पडी... जरीना बी, जरा यह आइये । जरीना अपने बहते हुए आसुओं को पोछते हुए खडी हो कर और उनकी और चली गयी । जरीना के पीछे-पीछे तीनो लडकियों भी उनकी और चली गयी ।....जरीनाबी, आप हम सब से बडी है और आपने बहुत दुनिया देखी है । हम लोग एक गुत्थी को नहीं सुलझा पा रहे, क्या आप मदद करेंगी?
....कोने सी गुथ्थी सकीना बीच में बोल पडी... भाभीजान, बड़ी बी को कैसे पता चला कि वह फौजी एक * है । कुवारी
लडकी के मुख से यह सवाल सुन कर जरीना का चेहरा शर्म से लाल हो गया । जरीना के चेहरे पर शर्म की लालिमा को देख कर..........
to be continued......
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