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Incest रात भर दीदी को चोदा
#1
रात भर दीदी को चोदा

जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#2
री दीदी बड़ी ही हॉट लग रही थी, क्यों की आपको तो पता है जब कोई घर में मेहमान आता जाता है तो अच्छे अच्छे कपडे पहनते है. दीदी रेड कलर की सूट पहनी थी. ऊपर से गला थोड़ा बड़ा था तो उनकी गोरी गोरी चूचियों का क्लीवेज ओह्ह्ह मेरा मन खराब कर दिया था, उसपर से मटक मटक कर चलना, जी तो कर रहा था की चूतड़ पर हाथ रख कर सहला दूँ. दोस्तों जब मैं नहाने गया था बाथरूम में उनकी रेड कलर की ब्रा और पेंटी तो और मेरा दिमाग ख़राब कर दिया, जिसो दीदी ने नहाते वक्त खोली थी धोने के लिए. ओह्ह क्या खुशबू था यार, मैं तो उनकी ब्रा को और पेंटी को सूंघ कर मदहोश हो गया

हले तो मैंने पाने लंड पर उनकी पेंटी को खूब रगड़ा, और फिर मूठ मार कर अपना मन शांत किया और अपना सारा वीर्य उन्हीं के पेंटी में साफ़ कर दिया.कुछ देर बाद ही दीदी मुझे अपने कमरे में बुलाई और बोली, की कुणाल तुमने मेरे पेंटी में क्या किया है, मैंने चौकते हुए बोल. मैंने क्या किया? दीदी बोली वही तो मैं पूछ रही है. तुम नहाने गया और कुछ कर के आया? मैंने कहा कुछ भी तो नहीं किया, तो दीदी बोली मेरी पूरी पेंटी गीली थी, मुझे समझ आ रहा है, मैं जानती हु की तुमने क्या किया, अगर तुमने नहीं बताया तो मैं मम्मी को बोल दूंगी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#3
मैं डर गया सोचा क्यों ना बात को खत्म किया जाये. मैंने कहा दीदी सॉरी बात को यही खत्म कर दो प्लीज, हां मैंने किया है, मैंने हस्थमैथुन किया है. और मैंने थोड़ा डांटते हुए लहजे में बोल की और पहनो नई नई सेक्सी ड्रेस, तो दीदी ने कहा बात खत्म नहीं होगी बल्कि बात बढ़ेगी, मैंने कहा दीदी मैं तो कह रहा हु पर आप ये बात क्यों बढ़ाने की बात कर रही हो, तो दीदी बोली, मैं तो बढ़ाऊंगी, तू डर मत मैं मम्मी को नहीं बताउंगी, पर आज मैं तेरा क्या हाल करने बाली हु,दोस्तों मैं दिन भर मैं टेंशन में रहा, क्यों की मुझे लग रहा था की पता नहीं वो क्या करेगी किसको बता देगी. रात को दस बजे तक तो कुछ भी नहीं हूआ, कहना कहकर मैंने ऊपर बाले कमरे में सोने चला गया, मेहमान लोग जो थे वो सब निचे ही कहना खा रहे थे और सो रहे थे. मुझे नींद नहीं आ रही थी. मैं बस करवट बदल रहा था. माँ और दीदी अभी तक जगी थी क्यों की सबको खिला पिला रही थी.

रात के करीब साढ़े ग्यारह बजे, मेरे कमरे का दरवजा खुल मैंने देखा तो दीदी थी. अंदर आते ही वो दरवाजा लगा दी. और आकर मेरे बेड पे बैठ गई. फिर दीदी बोली की जा तू कुणाल के कमरे में ही सो जा, वो बेड पर सो रहा था तू निचे बिछा के सो जाना. पर आज तो मैं तेरे साथ सोऊंगी, ताकि ये नौबत कभी नहीं आये की तू मेरे पेंटी में अपना सीमन साफ़ करे. मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था पर उनकी मुस्कराहट से मैं धीरे धीरे सब कुछ समझ गया, तभी दीदी बोली क्यों रे? दिल्ली में कोई अभी तक पटी की नहीं? कोई गर्लफ्रेंड बनाया की नहीं? मैंने कहा नहीं दीदी. दो दीदी बोली बनाना भी नहीं, पढाई पर ध्यान दो. बाकी गर्ल फ्रेंड की कमी को मैं पूरा कर दूंगी. मुझे पता है तू मुझे लाइक करता है.मैं तो दोस्तों खुश हो गया, और दीदी को अपने बाहों में ले के बोल आई लव यू दीदी. यू अरे माय बेस्ट दीदी, और दीदी मेरे होठ पर किश करते हुए बोली, लव यू माय डिअर भाई. और फिर हम दोनों एक डीप किस करने लगे. वो मेरे होठ को चूस रही थी और मैं उनके होठ को किश कर रहा था
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#4
फिर हम दोनों एक दूसरे का कपडे उतारने लगे. और फिर दोनों नंगे होके कभी वो मेरे ऊपर चढ़ रही थी और कभी मैं उनके ऊपर चढ़ रहा था. और मैं उनकी चूचियों को पकड़ कर अपने मुझे में ले लिया और उनके निप्पल को दांत से काटने लगा. वो इस इस इस कर रही थी. उनके बगल से पसीने की खुशबु मुझे और भी मदहोश कर रही थी. मैंने उन हाथ को ऊपर उठा दिया और उनके बगल को चाटने लगा. वो अंगड़ाइयां लेने लगी. उनकी चूचियाँ बड़ी बड़ी और टाइट हो गई. मैंने उनकी चूचियों को सहलाने लगा. फिर मैं निचे सरक कर चला गया और दोनों पैरों को अलग अलग करके, मैंने उनकी खूबसूरत बिना बालों बाली चूत को अपने जीभ से चाटने लगा. वो भी रह रह कर अपने चूत को मेरे मुंह में रगड़ देती.दोस्तों उसके बाद दीदी पसीने पसीने हो गई. और मेरी भी धड़कन तेज हो गई. दीदी बोली कुणाल अब रहा नहीं जा रहा था मेरी चूत की गर्मी को शांत कर दे.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#5
और मैंने अपना मोटा लंड दीदी के चूत पे पहले ऊपर से निचे तक रगड़ा, और चूत के छेद पर रख कर दिया, दोस्तों सही में दीदी की चूत धधक रही थी. मुझे वो गर्मी का एहसास हुआ, दीदी की चूत काफी गीली हो चुकी थी, फिर मैंने एक जोर से झटका मारा, दीदी पूरी हिल गई. उनकी चूचियाँ भी हिल गई. लंड मेरा अंदर चला गया, और दीदी एक जोर की आह ली. और अपने होठ को दाँतों के निचे दबाने लगी. तकिया को अपने मुट्ठी में भर ली, और मैं अंदर बाहर करना सुरु किया, दीदी भी अपना मोटा गांड उठा उठा के लंड को अपने चूत में लेने को मदद कर रही थी. पर दीदी आह आह आह कर रही थी. मैंने पूछा दीदी आप आह आह क्यों कर रहे हो
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#6
दर्द हो रहा है तो धीरे धीरे करू, तो दीदी बोली नहीं नहीं और जोर जोर से चोदो मुझे, मैं तो इसलिए कर रही हु, की मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा था, मुझे खूब चोदो, रुको मत.दोस्तों, दीदी इतने में झड़ गई. और मैं फिर अपना लंड निकाल कर फटा फट दीदी की चूत की सारा पानी पि गया, वाओ क्या नमकीन पानी था. फिर दीदी को मैंने अपने ऊपर किया, और लंड को उन्होंने अपने हाथ से पकड़ कर फिर अपने चूत में ले लिया, और जोर जोर से उछलने लगी. और हाय हाय हाय कर रही थी. उनकी दोनों बूब्स भी हवा में लहरा रहा था, मैं निचे से जोर लगा रहा था वो ऊपर से लगा रही थी, दोस्तों वो जोर जोर से अजीब अजीब सी आवाज निकालने लगी, इससे मैं और जोर से चोदने लगा, उसके बाद मेरे पूरी शारीर में अजीब सी हरकत होने लगी. और मैं उनके चूत में झड़ और दीदी मेरे ऊपर ही लेट गई. उसके बाद दोस्तों दोनों ऐसे ही पड़े रहे, अपना लंड उनके चूत से तब निकाला जब निढाल हो गया.उसके बाद तो दोस्तों चार दिन तक मैंने रात रात भर दीदी को खूब चोदा

[Image: FaceApp_1620455957214_copy_346x400.jpg]
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#7
किसी आउर समय








मेरा नाम कुणाल है. में और मेरी बहन एक दूसरे से हर एक बात में बहुत खुले हुए है और इस कहानी की हिरोईन मेरी किरण दीदी है वो बहुत सेक्सी है और वो हमेशा बहुत सेक्सी कपड़े पहनती है. एक बार वो फोन पर चेटिंग कर रही थी तो मेरे उसके पास जाते ही उसने अचानक से हड़बड़ाकर अपनी चेटिंग को बंद कर दिया और जब मैंने उनसे पूछा कि दीदी आप क्या कर रही हो? तो वो मुझसे बोली कि कुछ नहीं में तो बस ऐसे ही टाईम पास कर रही थी और फिर वो मुझसे पूछने लगी.

दीदी : क्या तेरी कोई गर्लफ्रेंड है?
में : जी नहीं दीदी मेरी कोई भी गर्लफ्रेंड नहीं है.
दीदी : लेकिन ऐसा क्यों?
में : मुझे अब तक कोई मिली ही नहीं.
दीदी : तू कोशिश कर तुझे बहुत जल्दी जरुर वो मिल जाएगी.
दोस्तों दीदी ने उस समय बिना बाहं का टॉप और पेंट पहनी हुई थी, वो उसमे बहुत सेक्सी लग रही थी. फिर सुबह जब में उठा तो मैंने देखा कि दीदी कांच के सामने खड़ी होकर अपने बाल सुखा रही है और वो उस समय सिर्फ़ टावल में है, वो क्या सेक्सी लग रही थी? उनका वो दूध जैसा गोरा बदन, चिकने पैर जिन्हें देखकर मेरा तो लंड ही खड़ा हो गया. में तुरंत बाथरूम में चला गया और मुठ मारकर बाहर आ गया, लेकिन अब मेरे मन में उनके लिए बहुत गलत गलत विचार आने लगे और में अब ना जाने क्या क्या उनके बारे में गलत सोचने लगा.
 अगले दिन दीदी नहाने बाथरूम में चली गई तो मैंने दरवाजे के एक छोटे से छेद से अंदर झांककर देखा. दीदी उस समय बिल्कुल नंगी खड़ी थी, उनके क्या मस्त बड़े बड़े झूलते हुए बूब्स थे, जिनको देखकर मेरा लंड एक बार फिर से तनकर खड़ा हो गया और अब में वहीं पर मुठ मारने लगा. फिर मैंने अंदर देखा कि दीदी ने भी अपनी चूत में उंगलियां करनी शुरू कर दी है और थोड़ी देर बाद वो झड़ गई और में भी झड़ गया और अब में हर रोज दीदी को इस तरह बाथरूम के बाहर खड़ा होकर नहाते हुए पूरा नंगा देखने लगा. एक दिन में कमरे में बैठकर टीवी देखा रहा था तो दीदी मेरे पास आकर बैठ गई, वो एकदम सेक्सी माल लग रही थी और फिर हम इधर उधर की बातें करने लगे और अब मैंने थोड़ी हिम्मत करके उनसे कुछ सवाल किए
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#8
दीदी : हाँ कुछ समय पहले था, लेकिन अब मेरा उससे ब्रेकअप हो गया है.

में : और अब क्या चल रहा है?

दीदी : मुझे अभी तक कोई और नहीं मिला.

में : दीदी क्या में आपसे एक बात कहूँ, आपको बुरा तो नहीं लगेगा? आपका बॉयफ्रेंड बहुत लकी होगा
दीदी : हाँ कहो, मुझे भी तो पता चले कि तुम्हारे मन में ऐसा क्या सवाल चल रहा है?

में : वो क्या है कि मुझे लगता है कि आपका बॉयफ्रेंड बहुत किस्मत वाला होगा.

दीदी : लेकिन तुम्हे ऐसा क्यो लगा?


में : क्योंकि आप बहुत सुंदर हो इसलिए.

दीदी : में क्या सिर्फ़ सुंदर ही हूँ या मुझमें तुम्हे और कुछ भी दिखता है?

में : जी नहीं, आप जितनी हॉट सेक्सी दिखती हो आप सही में वैसी हो भी.

दीदी : क्यों क्या बात है, आज तुम्हे अपनी दीदी पर बहुत प्यार आ रहा है?

दोस्तों फिर में उनकी तरफ मुस्कुराकर वहां से उठकर दूसरे कमरे में चला गया और उसके कुछ देर बाद हमने साथ में बैठकर खाना खाया और फिर सोने चले गए. दोस्तों दीदी और में हमेशा एक साथ ही सोते है और रात को हमेशा दीदी लोवर पहनकर सोती है.
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#9
फिर जब रात को मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि दीदी मेरी तरफ अपना मुहं करके सोई हुई थी और मुझे उनके कपड़ो से बाहर निकलते हुए उनके वो सेक्सी बूब्स दिख रहे थे जिनको देखकर में उनकी तरफ आकर्षित होने लगा और कुछ देर बाद मैंने बहुत हिम्मत करके अपना एक हाथ उनके बूब्स पर रख दिया, लेकिन मेरी गांड अब बहुत फट रही थी कि कहीं दीदी उठ ना जाए और मुझे डांटने ना लगे या मेरा यह गलत काम घर पर सबको बता ना दे तो में उस समय उनको अपने इतने पास और उस अवस्था में देखकर अपने आप को रोक ना सका और में अब धीरे धीरे उनके बूब्स को दबाने लगा, जिसकी वजह से मेरा लंड अब पूरा खड़ा हो चुका था और फिर मैंने उनकी तरफ से किसी भी तरह की हलचल ना देखकर थोड़ी हिम्मत करके और अपना एक हाथ दीदी के टॉप में डाल दिया और अब में उनकी ब्रा के ऊपर से बूब्स को दबाने लगा, वाह दोस्तों में शब्दों में आपको क्या बताऊँ? वो कैसा अहसास था और अब मुझे ऐसा करने में बहुत मज़ा आ रहा था
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#10
तभी अचानक से दीदी थोड़ा हिली और वो अपना मुहं दूसरी तरफ करके सो गई जिसकी वजह से में बहुत डर गया, लेकिन कुछ देर बाद में थोड़ी हिम्मत करके उनके थोड़ा पास सरक गया और मैंने अपना एक हाथ उनके ऊपर रखा और उनके बूब्स को छूने लगा और अब में अच्छा मौका देखकर झट से किरण दीदी से चिपक गया और फिर मेरा लंड दीदी की गांड पर लग रहा था.
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#11
में अपने लंड को दीदी की गांड पर धीरे धीरे रगड़ने लगा, लेकिन अब मुझसे रहा नहीं गया और मैंने अपना लंड पेंट से बाहर निकाला और एक बार फिर से दीदी की गांड पर रगड़ने लगा. मुझे ऐसा करने में बहुत मज़ा आ रहा था. अब में ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा और में थोड़ी देर में झड़ गया और मुझे कब नींद आई पता ही नहीं चला. फिर में सो गया और में जब सुबह उठा तो मैंने देखा कि दीदी किचन में चाय बना रही है. फिर में भी उनके पर जाकर खड़ा हो गया और फिर हम दोनों पहले तो इधर उधर की बातें करने लगे, लेकिन उसके कुछ देर बाद दीदी मुझसे बोली कि कल पूरी रात मुझे नींद नहीं आई.
में : दीदी, लेकिन ऐसा क्यों?
दी : कल रात को एक मोटे चूहे ने मुझे बहुत परेशान किया.

में : क्या दीदी, आप यह क्या कह रही हो, ऐसा कैसे हो सकता है?

दोस्तों में दीदी के उस व्यहवार से अब बहुत अच्छी तरह से समझ गया था और मुझे अब पता चल गया था कि दीदी कल रात सोने का नाटक कर रही थी और वो यह सब बातें घुमा फिराकर मुझसे क्यों कर रही है और इन सब बातों का क्या मतलब है? और अब में भी मज़े लेता गया.

दीदी : मुझे पता नहीं, लेकिन शायद वो कोई बिल ढूंढ रहा था.

में : तो क्या उसे वो बिल मिल गया जिसको वो कल रात ढूंढ रहा था?

दीदी : नहीं यार वो बैचारा कुछ देर मेहनत करने के बाद थककर हार मानकर सो गया.

में : दीदी तो क्या पता आज उसको उसकी किस्मत से वो बिल मिल भी जाए?

दीदी : हाँ देखते है कि उसकी किस्मत कितनी अच्छी है, मुझे उसका क्या पता?
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#12
दोस्तों अब में रात होने का इंतजार करने लगा और जब रात को में सोने के लिए कमरे में गया तो मेरी आँखे वो सब देखकर खुली की खुली रह गई क्योंकि आज दीदी ने एक मिनी स्कर्ट और बहुत ढीला सा टॉप पहना हुआ था. उनके कपड़ो और उनकी सुबह की बातों से मुझे साफ साफ पता चल गया कि दीदी भी मुझसे अब क्या चाहती है? मेरी हिम्मत अब बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी और में अब पूरे जोश में था.

फिर जब मैंने देखा कि दीदी सो गई है तो मैंने अपना हाथ दीदी के बूब्स पर रख दिया, लेकिन टॉप के अंदर से कुछ महसूस करके मेरी तो गांड फटकर हाथ में आ गई दोस्तों मैंने महसूस किया कि आज दीदी ने ब्रा नहीं पहनी थी और उनके बूब्स की निप्पल एकदम कड़क थी. मुझे तो यह सब महसूस करके बहुत मज़ा आ रहा था और मेरा लंड अब खड़ा हो चुका था.

अब में बूब्स को दबाने लगा वाह क्या बूब्स थे? दोस्तों मुझे मज़ा ही आ गया और अब में बहुत जोश में था फिर मैंने थोड़ी हिम्मत करके टॉप को पूरा ऊपर कर दिया वाह दोस्तों वो क्या मस्त मदहोश कर देने वाला नज़ारा था. दूध जैसे सफेद बूब्स और उस पर गुलाबी कलर की निप्पल मुझसे अब रहा नहीं गया और मैंने एक बूब्स की निप्पल को मुहं में ले लिया और दूसरे बूब्स को में धीरे धीरे सहलाने, दबाने लगा.

फिर मैंने सुना कि दीदी के मुहं से सिसकियाँ निकल गई जिसको सुनकर में समझ गया कि दीदी नींद में नहीं बल्कि वो सिर्फ अपनी दोनों आखें बंद करके सोने का नाटक कर रही है और मेरे साथ साथ पूरे पूरे मज़े ले रही है. अब में ज़ोर ज़ोर से एक बूब्स के निप्पल को चूसता रहा और दूसरे बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाता.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#13
अब मैंने कुछ देर बाद महसूस किया कि में और दीदी हम दोनों बहुत जोश में आ गये करीब 15 मिनट तक निप्पल को चूसने, निचोड़ने, दबाने और रगड़ने के बाद में अपना हाथ नीचे ले गया और मैंने किरण दीदी की स्कर्ट को ऊपर किया और जैसे ही मैंने अपना हाथ अंदर डाला तो मेरी गांड एक बार फिर से फट गई. में वो सब महसूस करके एकदम चकित रहा गया क्योंकि मैंने महसूस किया कि किरण दीदी ने पेंटी भी नहीं पहनी थी और मेरा हाथ सीधा उनकी नंगी चूत पर जा लगा जो जोश में आकर बहुत गीली हो गई थी.

फिर में अपनी एक उंगली उनकी चूत में अंदर बाहर करने लगा और अब मैंने उनकी स्कर्ट को उतार दिया और उनके टॉप को भी उतारकर उनसे बिल्कुल दूर किया और अब वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी. फिर मैंने उनकी दोनों जांघो को फैला दिया वाह दोस्तों उनकी क्या मस्त कामुक चूत थी बिल्कुल चिकनी और उस पर एक भी बाल नहीं था.

उसको देखकर मुझसे अब रहा नहीं गया और मैंने अपना मुहं उनकी चूत पर रख दिया और फिर में पागलों की तरह उनकी गरम गीली चूत को चूसने लगा और अपनी जीभ को अंदर बाहर करने लगा. 15 मिनट चूसने, चाटने के बाद मैंने दीदी के पैरों को पूरा फैला दिया और अपना लंड किरण दीदी की चूत पर रखा और एक ही ज़ोर के झटके में पूरा का पूरा लंड अंदर डाल दिया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#14
दीदी के मुहं से बहुत ज़ोर की चीख निकली और वो दर्द से छटपटाने लगी. अब मैंने ज़ोर ज़ोर से धक्के मारना चालू कर दिया और अब दीदी भी अपनी गांड को उठा उठाकर मुझसे चुदवा रही थी. फिर में तेज़ तेज़ धक्के मार रहा था और फिर में और दीदी करीब बीस मिनट की धमाकेदार चुदाई के बाद एक साथ झड़ गये और सो गए. दोस्तों यह थी मेरी दीदी के साथ मेरी पहली चुदाई की कहानी जिसमे मैंने उनको पहली बार चोदा, लेकिन उसके बाद मैंने उन्हें बहुत बार चोदा और हमारी यह चुदाई ऐसे ही लगातार दिन रात आगे बढ़ती गई और अब हम दोनों बहुत खुलकर मस्ती से चुदाई करने लगे है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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