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Incest भाइयों और बहन का ग्रुपसेक्स
#1
भाइयों और बहन का ग्रुपसेक्स

जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#2
(26-08-2022, 06:14 PM)neerathemall Wrote:
भाइयों और बहन का ग्रुपसेक्स








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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#3
अभी में एक सीधी साधी बड़ी-बड़ी झांटे रखने वाली चुदाई ना समझने वाली एक लड़की हूँ।

मैने आजतक कभी अपनी झांटे साफ़ नहीं की है पूरा जंगलराज हो गया है अब मैं सोच रही हूँ किसी डाकू के आने के पहले जंगल काट दू, पर अक्सर मुझे डर लगता है कोई देख ना ले।
हम चार भाई बहन है मैं अकेली लड़की हूँ मेरे अम्मी अब्बू की और बाक़ी तीन भाई है, मैं तीसरे नंबर पर हूँ उम्र में पहले मेरा बड़ा भाई फेजान, दूसरा सलमान और तीसरा रेहान।
मेरी चूचियाँ बड़ी-बड़ी हो गई है और मैं कभी ब्रा नहीं पहनती शायद कभी ज़रूरत ही भी पड़ी मेरी अम्मी भी नहीं पहनती है यहाँ तक कि मेरी अम्मी तो पैंटी भी सिर्फ़ पीरियड्स में ही पहनती हैं।
हमारे घर एक माहौल खुला खुला-सा है अब्बू दिनभर बाहर रहते है और भाई फेज़ान भी, सलमान ओर रेहान पढ़ाई करते है कभी-कभी घर पर ही रुक जाते है कॉलेज नहीं जाते।
एक दिन घर में सिर्फ़ में और अम्मी ही थे अम्मी नहाने जा रही थी और मैं बैठी थी अम्मी के फ़ोन में गैम खेल रही थी इतने में पता नहीं क्या हुआ और पोर्न चालू हो गई जोरों से आवाजें आने लगी मैं देखे जा रही थी अम्मी ने मेरे हाथ से फ़ोन लेकर साइड रख दिया।
अम्मी ने कमीज़ नहीं पहनी थी उनकी चूचियाँ साफ़ नज़र आ रही थी बड़ी बड़ी। अम्मी मेरी तरफ़ देख मुस्कुरा रही थी तो मुझे समझ ही नहीं आया कब मेरे हाथ से अम्मी के दूध दन गए, अम्मी मेरी ओर देखती हुई चली गई नहाने, अक्सर अम्मी नहाते वक़्त दरवाज़े की कुण्डी नहीं लगती है आज भी नहीं लगाई थी।
मुझे अम्मी को ऐसे देखने में मज़ा आ रहा था। मेरे साथ पता नहीं क्या हुआ था मेरे पैरों के बीच कुछ गीला-सा महसूस हो रहा था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#4
थोड़ी देर में अम्मी ने मुझे बाथरूम में बुलाया में झट्ट से चली गई अन्दर नजारा अलग ही था अम्मी अन्दर नंगी खड़ी थी उसके हाथ में एक रेजर था जो कि चूत पर था और चूत पर शेविंग क्रीम लगीं हुई थी, अम्मी मुझे देखकर बोली "क्या हुआ ऐसे क्या देख रही है?" मैने ना में सिर हिलाया अम्मी बोली "चल इधर आ देख तो कहीं कटा तो नहीं"।

मै पास गई तो अम्मी बोली "कपड़े उतार दे नहीं तो खराब हो जाएंगे मेने शरमाते हुए सलवार का नाड़ा खोला और उतार दी" अन्दर गई तो अम्मी बोली "फर्श गीला है तू नीचे बैठेगी तो कमीज़ खराब हो जाएगी"।
मैने कहा "अम्मी मैने अन्दर कुछ नहीं पहना है" तो अम्मी ने कहा "मैने तो जैसे तेरे सामने बुर्का पहन रख हो।"
मैने अम्मी की तरफ़ देखते हुए अपने कपडे उतार दिए मेरी कमीज़ उतरते ही मेरे बूब्स उछलते हुए बाहर आ गए अम्मी बोली "मेरी बच्ची बड़ी हो हुई है"।
मै बाथरूम में चली गई और अम्मी की चूत के पास बैठ गई एक जगह कट-सा गया था उस्तरे से मैने अम्मी से रेजर लिया और में चूत साफ़ करने लगी मुझे मज़ा आ रहा था ऐसा करने में।
बाल साफ़ होते ही अम्मी की गोरी चिकनी फेली हुई चूत दिखने लगी चूत के अंदर से पानी रिस रहा था अम्मी ने दोबारा रेजर घुमाने को कहा और जब में खड़ी हुई तो अम्मी ने देखा कि मेरी चड्डी गीली थी और झांटे बाहर आ रही थी।
अम्मी मुझे डांटने लगी बोली "इतने बड़े-बड़े नाल के लिए तुझसे करे नहीं साली कुत्ती तुझसे नहीं हो रहे थे तो मुझे बोल देती में कर देती" अम्मी ने इतने में मेरी चड्डी नीचे खींच दी अब मैं पूरी नंगी उनके सामने थी।
अम्मी ने मेरी झांटे पकड़कर खींच दी मैं चिल्ला उठी और बोली "अम्मी मैं अब ध्यान रखूंगी आपसे ही झांटे बनवाऊंगी बस"। अम्मी ने अब शेविंग क्रीम मेरी चूत पर लगाया मुझे एक अजीब-सा मज़ा आ रहा था। अम्मी ने रेजर से मेरी झांटे साफ़ की और उन्हें एक थैली में भरकर रख दिया। मेरे पूछने पर वह कुछ नहीं बोली और हम दोनों बाथरूम के बाहर भी नंगी ही थी।
मैने अम्मी को कपडे पहनने को बोला तो वह बोली "झांटे बनाने के बाद कुछ देर हवा लगने देनी चाहिए नहीं तो चूत की जगह काली पद जाती है" हम दोनों अब नंगी ही थी अम्मी की चूत से पानी रिस रहा था और जांघों तक आ गया था। अम्मी छत पर जा रही थी और मैं पीछे थी मैने अम्मी को रोका तो वह बोली "कोई नहीं आएगा कोई नहीं देखेगा और देख भी ले तो क्या" हम दोनों छत पर नंगी घूम रही थी आसपास कोई घर भी नहीं था क्योंकि हमारा घर गाव के बाहर खेत में है।
अम्मी तो बिल्कुल फ्री दिख रही थी जैसे कोई डर ही ना हो। अम्मी बोली "अपने पैरों के बीच इस ठंडी हवा को महसूस कर इस छेद के अंदर जाने दे हवा"।
अम्मी ने सब मेरी चूत देखी और बोली "अभी तक अनछुई है मेरी तो तेरी उम्र तक पता नहीं कितनों ने चोद ली थी" अम्मी ने कहा "इसे तो मैं अपने सामने खुलवाऊंगी वीडियो बनाते हुए" मैं शर्मा गई।
और बोली "तूने कभी लेस्बियन का नाम सुना है?" मुझे पता तो था पर मैने माना कर दिया अम्मी ने हंसकर मुझे उठाया और वह नीचे बैठ गई औएरी चूत चाटने लगी मुझे बहुत मज़ा आ रहा था मैं सिसक रही थी कुछ ही देर में मैं अम्मी के मुंह में झड गई अम्मी सारा माल पी गई, अब मेरी बारी थी मैं नीचे बैठ गई और अम्मी की चूत चाटने लगी अम्मी भी कुछ देर में झड़ गई और मैं सारा माल पी गई। अम्मी बोली "यह होता है लेस्बियन"।
हम नीचे आकर सो गए ऐसे ही नंगे। कुछ देर बाद मेरी नींद खुली जोरों से घंटियाँ बजने की आवाज़ से मैने अम्मी को उठाया वा बोली "शायद सलमान ओर रेहान होंगे" हम कपडे पहनने लगे अम्मी ने फट से सलवार कमीज़ पहन ली ब्रा पेंटी तो पहनना थी नहीं मैं अपनी चड्डी ढूँढ़ रही थी तो अम्मी बोली "तू चड्डी छोड़ अब से तुझे चड्डी पहनने कि कोई ज़रूरत नहीं है चड्डी तो बच्चियाँ पहनती है तू रहने दे" मैने इसे ही सलवार पहन ली मुझे अच्छा लग रहा था ओर कुछ अजीब भी कमीज़ मेरी चूत से चिपके जा रही थी और तो और बालों में चिपक रही थी।
दरवाजे पर सलमान और रेहान थे वह अन्दर आ गए।
अम्मी ने हमे खाना खाने बिठा दिया मेरे मुंह पर अभी भी शायद अम्मी का पानी लगा था सलमान ने देख लिया और साफ़ किया मेरे होंठ पर से और सूंघने लगा शायद उसे कुछ शक हुआ और वह खाना खाने लगा।
अब शाम को अब्बू और फ़ेज़ान आ गए हमने खाना खाया और अब्बू आज कहीं बाहर चले गए रता को वक़्त देखकर अम्मी ने मुझे रात को छत पर आने को कहा।
सलमान को कुछ शक-सा था। क्योंकि हम एक ही कमरे में सलमान और मैं और दूसरे में रेहान और फ़ेजान सोते थे। रात को मैं टाइम देखकर छत पर जाने लगी रास्ते में अम्मी का कमरा देखा तो वह नहीं थी। मैं ऊपर गई छत का दरवाज़ा खुला था मैने बाहर से ही अपने कपड़े उतार दिए और चली गई मुझे नहीं पता था कि सलमान मेरे पीछे है और उसने सब कुछ देख लिया है।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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