22-08-2022, 01:36 PM
बारिश में मिला चुदाई का आनंद
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
Adultery बारिश में मिला चुदाई का आनंद
|
22-08-2022, 01:36 PM
बारिश में मिला चुदाई का आनंद
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
22-08-2022, 01:36 PM
मेरा नाम रिया है। मैं बनारस में रहती हूँ। मेरी उम्र 22 साल की है। मैं देखने में बहुत ही हॉट और सेक्सीलगती हूँ। मेरे मम्मे बहुत ही रोमांचक है। लड़के मेरे मम्मो को देखते ही अपना लंड खड़ा कर लेते हैं। मुझे भी अपने मम्मो को चुसाना बहुत अच्छा लगता है। मैं खुद भी अकेले में अपने मम्मो को चूसती हूँ। मैने अपनी सील खुद ही तोड़ी है। अभी तक मैंने किसी लड़के से नहीं चुदवाया था। अब तक मैं ब्लू फिल्म देख देख कर मुठ मार लेती थी। रात में मै किचन से बैगन ले आती थी। बैगन ना हो तो मूली गाजर और कई लंबी सब्जियां ले आती थी। रात में सब्जियों को अपनी चूत में डालकर लंड का एहसास करती थी। कई बार तो मैंने अपने चूत में सब्जियों को डालकर ही सो जाती। सुबह जब उठती तो निकालती थी। मुझे सेक्सकरने का बहुत ही मन कर रहा था। सब्जियां से बहुत काम चला लिया। अब तो बस लंड खाने को मन कर रहा था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
22-08-2022, 01:36 PM
मेरे पापा की कई टैक्सियां हैं। उसी से हमारे घर किसी तरह से पैसा आता है। बाकी कमाई का कोई रास्तानहीं है। मेरा एक भाई है जो अभी छोटा है। पापा अकेले ही पूरा घर सँभालते है। मेरी कोई बहन नहीं है। मम्मी घर पर ही रहती है। दादा दादी जी जब मैं छोटी थी तभी गुजर गए थे। मैंने M.A फ़ाइनल कर लिया है। अब मैं पूरा दिन घर पर ही रहती थी। मेरे कॉलेज के लड़के मुझ पर मरते थे। लेकिन मुझे कोई पसंद ही नहीं आता था। कोई भी लड़का स्मार्ट ही नहीं था। किसी की हाइट छोटी, तो कोई काला। इसी वजह से मेरी किसी लड़के से दोस्ती नहीं हुई। और अब तक मैं चुदने के मामले में कुवांरी रह गई। मै चुदने को बेकरार हो रही थी। मैं हर रोज ब्लू फिल्म देखकर सब्जियों और अँगुलियों से काम चला रही थी। आखिर एक दिन आ ही गया जब मुझे चुदाई का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
22-08-2022, 01:37 PM
एक दिन की बात है। मेरे मोहल्ले का एक लड़का था जो काफी सीधा बनता था। कभी किसी लड़की की तरफ नहीं देखता था। मुझे वो बहुत पसंद था। मेरा घर उसके घर से लगभग 150 मीटर दूर था। मेरे मामा के यहाँ कोई पार्टी थी। तो मम्मी और मेरा भाई मामा के यहां चले गए थे। मै और पापा घर पर ही थे। पापा भी कुछ देर बाद अपने काम पर चले गए। अब मैं अकेली ही घर पर थी। मैं ब्लू फिल्म देख रही थी। पापा के जाने के 2 घंटे बाद बहुत तेज बारिश होने लगी। मै घर पर बरामदे में बैठी थी। अचानक मैंने अपने मोहल्ले वाले लड़के को गेट के पास पेड़ के नीचे खड़े देखा। उसका नाम अभय था। वो पहले मेरे ही साथ पढ़ता था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
22-08-2022, 01:39 PM
मैंने आवाज दी- “अभय अंदर आ जाओ। बहुत तेज बारिश हो रही है”। अभय गेट खोलकर अंदर आ गया।
अभय- “थैंक यू’ मै-“थैंक यू क्यों? तुम मेरे दोस्त थे। अब भी दोस्त हो। इसमें थैंक यू का कोई काम नहीं। अभय मुझे घूर रहा था मै-“क्या देख रहे हो अभय” अभय-“तुम्हे देख रहा था। तुम कितना बदल गई हो। पहले तो तुम ऐसी नहीं थी”। मै-“तुम्हे कैसे पता। तुम तो कभी किसी की तरफ देखते ही नहीं थे”। अभय-“मैं तो तुम्हे पहले से ही देखता था” मै-” झूंठ बोल रहे हो। तुम मुझे ही क्यों देखते थे। और भी लडकियां थी। उन्हें भी तुम देखते रहे होंगे” अभय- “झूठ नहीं बोल रहा। मै सिर्फ तुम्हे ही देखता था” मै- “मुझे ही क्यों देखते थे” अभय- फ़िल्मी डायलॉग में बोलने लगा “पता नहीं क्यों जबसे तुमको देखा। पता नहीं कैसा लगा। लेकिन जब भी मैं तुम्हे नहीं देखता। तो मुझे उस दिन अजीब लगता था। मै अब भी तुमको देखता हूँ” मैंने कहा- ऐसा क्यूँ। अभय ने पता नहीं। मै चुपचाप बैठी थी। अभय ने कहा- तुम किसी से प्यार करती हो। मैंने कहा- हाँ। अभय- किससे?? मैंने कहा- बता दूं। अभय का चेहरा लाल पीला हो रहा था। मैंने कहा- तुमसे। अभय की ख़ुशी का तो ठिकाना ही नहीं रहा। जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
22-08-2022, 01:39 PM
अभय ने कहा- तो पहले क्यों नहीं बोल दिया। मैंने कहा- कभी देखते भी थे तुम मेरी तरफ। अभय और मै दोनों लोग पास पास सटकर कुछ देर बाद बैठ गए। अभय ने मुझे अपनी बाहों में भर लिया। कहने लगा- जो मैं आज तक नहीं बोला किसी से वो मै आज तुमसे बोलता हूँ। फिर अभय ने बोला- आई लव यू। मै भीख़ुशी से अभय को बाहों में भरकर लव यू टू बोलने लगी। अभय ने मुझे चूम लिया। मै मन ही मन खुश हो गई। मैंने भी अभय को चूम लिया। अभय ने फिर से मुझे हँसते हुए चूमा। मैंने भी अभय को फिर से चूमा। इस तरह से हम दोनों ने शुरूवात की। अभय शरमा रहा था। लेकिन मुझे चुदाई के लिए बेचैनी होने लगी। मै अभय की गोद में बैठ गई। अभय मुझे कस के पकड़ लिया। अभय मेरे गले को चूम रहा था। मैं गरम होंने लगी। बारिश खूब तेज हो रही थी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
22-08-2022, 01:39 PM
किसी के आने का कोई डर नहीं था। हम दोनों बरामदे में ही चुम्मा चाटी कर रहे थे। अभय ने मेरे होंठो पर अपना होंठ रख कर चूमने लगा। मै भी अभय का साथ दे रही थी। अभय मेरी होंठ को काट काट कर चूस रहा था। अभय को मैने भी पकड़ लिया। अभय ने तुरंत अपना हाथ मेरी कमर से हटा कर। मेरी दोनों कानो कों पकड कर दबा दिया। मेरे होंठ को अपने होंठो से चिपका कर जोर जोर से मेरे होंठ चूसने लगा। मेरा होंठ चूसते चूसते काला हो गया। मै भी अभय की होंठ कों जोर जोर से चूस रही थी। अभय ने मेरी होंठ का रस निचोड़ निचोड़ कर पी रहा था। मेरे गुलाब जैसे होंठो को रसगुल्ले की तरह काला कर दिया। मुझे पहली बार किसी के चूमने का एहसास हो रहा था। मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैंने उस दिन हाफ लोवर औऱ टी शर्ट पहन रखी थी। अभय मेरे मम्मो को घूर रहा था। उसे मेरे मम्मो को छूने से डर लग रहा था। कुछ देर बाद बड़ी हिम्मत करके मेरे बूब्स पर हाथ रख दिया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
22-08-2022, 01:39 PM
किस करते करते अभय की हिम्मत बढ़ रही थी। मैंने कहा कुछ भी करो आज से मै तेरी हो गई। अभय अब मेरे होंठ को चूसते चूसते मेरे बूब्स भी दबाने लगा। मै अपने बूब्स दबवा रही थी। लेकिन मेरे पडोसी के घर का कोई ना देख ले हमे इसीलिए मैं अभय के साथ अपने रूम में चली आयी। अभय ने फिर वही कार्यक्रम जारी रखा। मैंने उसके तने लंड पर अपना हाथ रख दिया। वो समझ गया मै चुदवाने को बेकरार हूँ। मैं चुदवाना चाहती हूँ। उसने मेरी टी शर्ट निकाल दी। मेरी सफ़ेद रंग की ब्रा में मेरी चूंचियां बहुत ही जबरदस्त लग रही थी। अभय मेरे बूब्स को दबा रहा था। आज पहली बार कोई दूसरा मेरे बूब्स को दबा रहा था। मुझे बहुत मजा आ रहा था। अभय ने अपने दोनों हाथों में मेरे चुच्चो को लेकर खेलने लगा।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
22-08-2022, 01:39 PM
मेरे दोनो चुच्चो को दबा दबा कर उसका भरता लगा रहा था। अभय ने मेरी ब्रा निकाल दी। मेरी चूंचियो के दर्शन कर के दोनो चुच्चो का रसपान करने के लिए। उसने अपना मुँह मेरी चुच्चो के निप्पल पर लगा दिया। अभय ने मेरी दोनों चुच्चो के निप्पल को बारी बारी से पीना शुरू किया। मैंने उसका सर अपने चुच्चो से सटा दिया। अभय मेरे बूब्स को दबा दबा कर चुस रहा था। बीच बीच में मीठी निप्पलों को काट लेता। मेरी मुँह से सिसकारियां निकल जाती थी। मैं “सी…सी..सी…-अहहह्ह्ह्हह स्सीई ई ई इ..अ अ अ अअ…उफ़…फ..उफ्फ्फ…उफ्फ्फ..!! की आवाज निकल रही थी। अभय मेरे चुच्चो को चूसने में मस्त था। मैं तेज तेज से साँसें ले रही थी। मै गरम गरम साँसे छोड़ रही थी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
22-08-2022, 01:40 PM
उसने मेरे चुच्चो का रस पीकर रुक गया। अभय ने मेरे लोवर को नीचे सरका दिया। मेरी लोवर को नीचे करके निकाल कर उसने मुझे पैंटी में कर दिया। अभय के सामने मै पैंटी में खड़ी थी। मुझे शरम आ रहीथी। अभय ने मेरी पैंटी पीकर अपना हाथ रखकर घुमाने लगा। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।
लग रहा था अभय मुझे गुदगुदी कर रहा है। अभय ने कुछ देर तक मेरी चूत पर हाथ फेरा उसके बाद उसने मेरी पैंटी निकाल दी। मैंने अपनी चूत को हाथ से ढक लिया। अभय ने मेरे हांथो को हटा कर। मेरी चिकनी चूत के दर्शन करने लगा। अपना मुँह मेरी चूत पर लगा कर चाटने लगा। मुझे चूत चटवाने में बहुत मजा आ रहा था। वो अपना जीभ मेरी चूत पर चला कर चाट रहा था। अभय को भी मेरी चूत चकटने में बहुत मजा आ रहा था। उसने अपनी जीभ को मेरी चूत में घुसा दी। मै सिसक रही थी। मैं-““….अई….अई….अई……अई…-इसस्स्स्स्स्स्स्स……उहह्ह्ह्ह…ओह्ह्ह्हह्ह की सिसकारियां मेरे मुह से निकल रकही थी। मैंने अपनी चूत में अभय कर सर दबा दिया। वो और जोर से मेरी चूत पीने लगा। मै बहुत ही गर्म हो गई। मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया। उसने मेरी चूत का सारा माल पी लिया। जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
22-08-2022, 01:40 PM
कुछ देर बाद अभय ने मेरी चूत को पीना बंद किया। मैंने उसकी पैंट निकाल दी। उसका लंड उसके कच्छे में तना हुआ दिख रहा था। मैंने अभय का कच्छा भी निकाल दिया। उसका लंड बहुत बड़ा था। अभय काकच्छा निकालते ही उसके लंड अपना फन फैलाने लगा। लंड लगभग 8 इंच का था। मैंने अभय के लंड को अपने हाथों में लेकर मै भी खेलने लगी। आगे पीछे कर रही थी। मैंने सेक्स के सारे स्टेप ब्लू फिल्म मेंसीखे थे। मैं उसके लंड को मुठ मार कर और मोटा कर रही थी। अभय का लंड गर्म होकर कडा हो गया। मैंने कुछ देर तक उसका लंड चूसा। अभय की दोनों गोलियां नीचे लटक रही थी। मैं दोनो गोलियों को टॉफी की तरह अपनी मुँह में रखकर चूसने लगा। वो भी चोदने को बेकरार होने लगा। मैंने उसके लंड को छोड़ दिया। अभय ने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया, खुद खड़ा हो गया। अभय ने अपना लंड मेरे चूत के दोनों टुकड़ो के बीच में फंसाकर रगड़ने लगा।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
22-08-2022, 01:40 PM
मैं “–अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ—-अअअअअ—-आहा —हा हा हा” की तेज सिसकियाँ निकाल रही थी. वो बहुत तेज तेज अपना लंड चूत पर रखकर रगड़ रहा था. मैं गर्म हो रही थी. मेरी चूत भी गर्म हो रही थी. बड़ा हॉट हॉट फील हो रहा था. मै चुदने को बहुत ज्यादा तड़पने लगी। मैंने अभय से कहा-” अभय और ना तड़पा। बहुत हो गया। अब डाल दो”। अभय ने अपना सर हिलाया और अपना लौड़ा मेरी बुर में पेलने लगा। मै आज पहली बार चुदाई का आनन्द पाने जा रही थी। वो अपना लंड मेरी चूत में डालने की कोशिश कर रहा था। मेरी चूत बहुत ही टाइट थी। अभय का लौड़ा जल्दी घुस ही नहीं रहा था। बड़े कोशिशों के बाद अभय ने अपना लौड़ा मेरी चूत में घुसा दिया। मेरी मुँह से “…-मम्मी…मम्मी…सी सी सी सी– हा हा हा …-ऊऊऊ ..ऊँ…ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ…” की चीख निकल गई। अभय ने फिर से धक्का मारा। मेरी थोड़ी सी फटी चूत को इस बार पूरा लंड घुसा कर फाड़ दिया। मैंने जोर से चिल्लाया। अभय डर गया। अभय ने चुदाई ही रोक दी। मै चुप हो गई।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
22-08-2022, 01:40 PM
अभय ने फिर से अपना लौड़ा मेरी चूत में डालकर पेलने लगा। इस बार मैंने धीऱे धीऱे सिसकारियां लेकर चुदवाने लगी। मै अब धीऱे धीरे सिसक रही थी। मेरी मुँह से अब “ओह्ह माँ…..ओह्ह माँ…आह आह उ उ उ उ उ…..अअअअअ आ आ आ आ…” की सिसकारियां भर रही थी। अभय मेरी चूत में अपना लंड लगातार पलटा रहा। मै सिसकती रही। मेरी चूत में उसका लंड लपा लप अंदर बाहर हो रहा था। अभय की चुदाई कीस्पीड बढ़ती ही जा रही थी। वो अपना पूरा लंड मेरी चूत ने डाल रहा था। उसकी दोनों गोलियां मेरी चूत के नीचे लड़ रही थी। मैं अपनी अंगुली से अपनी चूत को मसल रही थी। मेरी चूत बहुत ही गरम हो गई। अभय का लौड़ा मेरी गर्म चूत की गर्मी को शांत कर रहा था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
22-08-2022, 01:40 PM
आज मुझे पहली बार किसी का लंड खाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। अभय का लौड़ा आज मुझे लौड़े से चुदाई का एहसास करा रहा था।कुछ देर बाद उसने मेरी चूत से अपना लौंडा बाहर निकाला। अभय का घुटना दर्द करने लगा था। अभय ने मुझे खड़ी करके झुका दिया। अभय ने अपना लौड़ा पीछे से मेरी चूत में डाल दिया। अभय ने मेरी कमर पकड़ी। जोर से धक्का मार कर अपना लंड जड़ तक मेरी चूत में घुस दिया। मैं “——अई—अई—-अई——अई—-इसस्स्स्स्स्——-उहह्ह्ह्ह—–ओह्ह्ह्हह्ह—-” बोलकर चीख रही थी। अभय अपना लौड़ा मेरी कमर पकड़ कर जोर जोर से पेल रहा था। अपनी कमर को जल्दी जल्दी हिला हिला कर मेरी चुदाई कर रहा था। उसकी ताबड़तोड़ चुदाई ने मेरी चूत से पानी निकाल लिया। अभय ने मेरी चूत को चोद चोद कर भरता बना डाला।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
22-08-2022, 01:41 PM
भय और हम दोनों नंगे ही बिस्तर पर चिपक कर लेट गये। 1 घंटे बाद उसने अपना कपड़ा पहना और चला गया। मै कुछ देर नंगी ही लेटी रही। चुदाई के बारे में सोच रही थी। मैंने भी कुछ देर बाद अपने कपडे पहन लिए।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
23-08-2022, 11:04 AM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
23-08-2022, 11:05 AM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
23-08-2022, 11:06 AM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
23-08-2022, 11:08 AM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
23-08-2022, 11:09 AM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
|
« Next Oldest | Next Newest »
|