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Adultery मां की गर्म जवानी
#1
मां की गर्म जवानी

























cool2

.........0..........

fight
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#2
ये वाकया तकरीबन ८ वर्ष पहले की है जब मैं ( जिया ) मात्र १३ वर्ष की थी लेकिन मेरी मां जवानी के उफान पर, उनकी उम्र ३३-३४ साल होगी तो लंबाई ५ फीट ४ इंच के आसपास, चूचियों की गोलाई मानो ३८ सी साइज की ब्रा लगाती हो तो चूतड गोल और गुंबदाकर लेकिन कभी मैं सोची तक नहीं थी की मेरी मां जोकि पुरानी विचारधारा की है साथ ही बच्चों पर कड़ी निगरानी रखती है वो खुद ही प्रेम की गहराई में गैर मर्द के साथ रंगरेलियां मनाएंगी, उनको पड़ोस के एक लड़के रवि के साथ मस्ती करते देखी तो अब मेरी नजर मॉम की हरकतों पर रहने लगी, एक दिन मैं जानबूझकर स्कूल से जल्दी ही निकल गई कारण की कल की शाम उनको किसी लड़के के साथ मोबाइल पर बातें करते सुनी थी तो आज पापा और भैया अपने अपने ऑफिस गए हुए थे। जिया पेट में दर्द के बहाने स्कूल से निकल एक ऑटो ली फिर घर पहुंची, मुझे मालूम था कि बाहर का गेट खुला मिलेगा और घर का दरवाजा बंद और ऐसा ही हुआ तो मैं बाहर के गेट से अंदर घुसी फिर पीछे की ओर जाने के लिए जो रास्ता था उससे पीछे की ओर गई, अपने स्कूल बैग को बागान में लगे आम के पेड़ के नीचे रखी फिर उस कमरे की ओर गई जहां मॉम गैरों के साथ बिस्तर गर्म किया करती थी। फरवरी का महीना था तो वसंत ऋतु का प्रवेश फूल पत्तियों में नई जान डाल चुके थे और जिया स्कूल ड्रेस पहने अपनी मॉम की बेशर्मी को देखने हेतु दबे कदम उस रूम की ओर जा रही थी, मिनी स्कर्ट साथ ही व्हाइट शर्ट तो अंदर ब्रा और चड्डी, मेरा निर्मल मन अब बेकाबू हो जाया करता था जब भी अपनी मां को रवि के संग सेक्स करते याद करती थी और मैं अब रूम की खिड़की के पास पहुंची, खिड़की पूरी तरह से खुली हुई थी लेकिन मुझे थोड़ा उच्चक कर रूम में झांकना होता, कारण की बागान की सतह और खिड़की के बीच अधिक दूरी थी तो मैं खिड़की के कोने से पैर उचकाए अंदर झांकी तो दिमाग सन्न रह गया। मेरी मॉम रेणु नग्न अवस्था में बिस्तर पर किसी काम की मूर्त की तरह बैठी हुई थी, उसकी चूचियां साथ ही ब्राउन निप्पल, सपाट पेट पर गहरी नाभी, कभी इनके जीवन शैली को देख सोच नही पाई थी की ये गैर मर्दों के साथ मस्ती करती होगी, रवि मात्र २५-२६ साल का लड़का था तो इन्हें कम उम्र के लौंडे में ही मजा आता था और अभी तो सिर्फ रेणु को नंगे देख पा रही थी, कारण की उनका चेहरा खिड़की की ओर था लेकिन इनके संग जो बिस्तर पर थे और मॉम के चेहरे से लेकर ओंठ तक को चूमने में मस्त थे उनका पिछला हिस्सा ही नजर आ रहा था, मैं अब देखी की वो मर्द /लड़का मां को गोद में बिठाकर उसके उसे चूमने में लगा है तो मां उसके पीठ पर हाथ फेरने में लगी हुई है, किसी तरह उसका लन्ड मुझे दिखा जोकि मां की जांघों के बीच साथ ही चूतड के नीचे दबा हुआ था और मेरी हालत खराब होने लगी। कुछ देर के बाद रेणु उसके गोद से उतरकर वाशरूम घुसी तो मुझे उस लड़का का चेहरा दिखा, ये तो पापा के दोस्त का लड़का मोहन था, जिसके मूसल लन्ड को देख मैं तड़प उठी, मेरे स्कर्ट के अंदर की पेंटी को मैनें खुद थोड़ा सा इधर
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#3
उधर किया फिर बुर में उंगली करते हुए उसके लन्ड देख कल्पना लोक में खो गई। रेणु वाशरूम से बाहर आई तो उसके नग्न जिस्म को अच्छी तरह से देखी, मोटे चिकने जांघो के बीच फूली हुई चूत की फांकें और ये औरत बुर को चिकना रखी थी, अब आते ही बोली ” मोहन अब मेरी बुर चाट दे
( वो लन्ड पकड़े बोला ) जानू पहले मेरे लौड़े को चूस तो फिर चाट लूंगा ” और अब मोहन बेड पर चित लेटा हुआ था तो मैं अपनी चूत में उंगली घुसाए रगड़ने लगी।
मोहन के नंगे बदन को रेणु चूमने लगी साथ ही अपना हाथ बढ़ाए लन्ड पकड़ सहला रही थी, काश ये लन्ड मेरा होता मैं तो मुंह में लेकर लोलीपॉप की तरह चूसने लगती लेकिन यहां तो चुदासी मां अपने उम्र से ७ – ८ साल छोटे लड़के के साथ सेक्स का आनंद ले रही थी, मेरी चूत में सुरसुरी होने लगी तो मां की बड़ी बड़ी चूचियों को पकड़े मोहन दबाए जा रहा था, मेरी मां रेणु उसके छाती से कमर तक चूमकर लन्ड का चमड़ा नीचे की फिर सुपाड़ा को नाक से लगाए सूंघ ली तो मोहन बोला ” चल साली अब लन्ड को चूस चूसकर मजा दे
( रेणु उसके लन्ड पर चुम्बन देने लगी ) डार्लिंग तुम अपने दोस्त sr मुझे मिलवाने वाले थे
( मोहन लेटा हुआ मुस्कुराया ) हां सेक्सी फिर तो तू मुझे करीब फटकने भी नही देगी ” लेकिन रेणु चुप रही और मुंह खोल पूरा लन्ड अंदर लिए चूसने लगी, मैं मां के मुंह में लन्ड देख ईर्ष्या से जल उठी लेकिन क्या १३ साल की बच्ची ये कर्म कर सकती थी, मॉम मुंह में लन्ड लिए चेहरा ऊपर नीचे करने लगी तो उनकी बेटी जिया अपनी बुर कुरेद रही थी, लाइव सेक्स देखने का आनंद ही अलग होता है और मोहन लेटे हुए सिसकियां भरने लगा ” उह ओह बहुत मजा आ रहा है जानू आज तू लन्ड से रस निकालकर पी ले
( रेणु लन्ड को मुंह से बाहर की ) अबे कुत्ते सिर्फ मस्ती करना आता है कभी कोई गिफ्ट तक मुझे दिया है ” ये कहते हुए उसके लन्ड पर लगे थूक को जीभ से चाटने लगी तो मेरी बुर अब रस छोड़ देती, इसलिए वहां से हटी फिर बागान में ही पेंटी खोल बैठी और मूतने लगी, नल से थोड़ा पानी हाथ में लेकर बुर को धो ली फिर उस रूम की खिड़की के पास चली गई तो देखी की आसन में बदलाव आ चुका है और किस कदर मेरी मां उसके मुंह पर चूतड किए बैठी है तो वो छोकरा मां की बुर में जीभ पेले चाट रहा है, अपनी मां की लालिमा लिए बुर साथ ही ब्रेड पकोड़ा की तरह मोटी फांकें तो बुर के दरार फैले हुए और मोहन का जीभ किसी कुत्ते की भांति लपलप बुर चाट रहा है, अब मेरी बुर से रस निकलने लगा तो मैं थोड़ी सुस्त हुई फिर वहां से कुछ देर के लिए हट गई, आम के पेड़ के नीचे बैठकर सुस्ती दूर कर रही थी तो दिन के दो बजे होंगे, मन तो कर रहा था की जाकर उन दोनो के साथ सेक्स करने लगूं फिर जी घबराने लगा। जिया उठी और खिड़की के पास जाकर खड़ी हो गई, मोहन तो मेरी मॉम को पेलने में लगा हुआ था तो रेणु उसके लन्ड पर ही चूतड रख जांघें फैलाए चूतड उछाल उछाल कर चुदवाने में लीन थी तो मोहन उनके बूब्स को पकड़ मसल रहा था साथ ही अपना चूतड ऊपर नीचे करते हुए रेणु की चूत चुदाई कर रहा था, वाह मॉम वाह चुदवाने का ये आसन तो बेहतरीन है आखिर मैं जो मां की चूत में लन्ड घुसते निकलते देख रही थी और मेरे बुर की खुजली भी चरम पर थी, अपनी मां को इस कदर चूतड उछालते हुए चुदवाने का आनंद लेते देख जी कर रहा था की रूम में जाऊं और उन दोनो के साथ शरीक हो जाऊं और अब मेरी मां ” , उह ओह आह मेरे बुर से रस निकलने वाला है मोहन तेज धक्के दे देकर चोद ” मैं बुर में उंगली करते हुए अपनी बूब्स को दबाने लगी फिर देखी की मॉम की चूत से रस निकल रहा है और वो मोहन के बदन पर से उठी फिर बेड पर लेट गई तो मोहन उनके बूब्स पकड़ बोला ” रेणु डार्लिंग एक दिन ग्रुप सेक्स का आनंद तुझे देने की सोच रहा हूं
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#4
( मॉम उसके गाल चूम ली ) ठीक है, कब मौका मिलता है देखते हैं क्योंकि घर में तीन चार लौंडे के साथ ये काम मुस्किल है ” फिर मोहन मां की छाती पर मुंह लगाए एक चूची मुंह में लेकर चूसने लगा तो मॉम उसके लन्ड को पकड़ सहला रही थी साथ ही सिसक भी रही थी ” उह ओह चूस ना आराम से दांत मत लगा कुत्ते ” और वो मां की चूची छोड़कर अब उनके जांघों के बीच लन्ड पकड़े बैठ गया तो क्या खाक देखती, सिर्फ उसके हाथ में उसका लन्ड देखी जिसे वो उनके जननांग में पेलकर चोदता हुआ उनके बदन पर सवार हो गया, अब तो रेणु जैसी चुद्दक्कड औरत अपने चूतड को उछालने लगी और चुदाई का मजा ले रही थी तो मैं अपनी बुर से उंगली निकाल सिर्फ बूब्स दबाए जा रही थी ” , ओह डार्लिंग तू दो बच्चे की मां होकर भी टाईट माल लगती है, चूतड उछालती रह फिर तो बुर में रस जल्द ही झाड़ दूंगा ” और कुछ देर बाद मोहन चोदते हुए हांफने लगा तो मां चूतड स्थिर किए चुदाई के चरम पर थी फिर मोहन बोल पड़ा ” ले मेरे लन्ड का वीर्य निकला ओह ” तो मॉम निढाल बेड पर पड़ी रही और उनके ऊपर मोहन लेटा रहा, फिर क्या देखना था, मैं कुछ देर बगान में रही फिर वापस अपने घर के बरामदे पर जाकर दरवाजा नोक करने लगी, मां साड़ी के लिबास में थी लेकिन उनके चेहरे से थकावट महसूस हो रही थी ” इतनी जल्दी स्कूल से आ गई
( मैं ) हां आज दो क्लास ऑफ था ” और फिर अपने रूम जाकर ड्रेस बदलने लगी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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