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Incest उसकी दीदी एक नंबर की छिनार है
#1
उसकी दीदी एक नंबर की छिनार है
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#2
हमारा सभ्यता, संस्कृति और परंपरा क्या पतन की ओर है! या इसे हमलोग कलयुग की पराकाष्ठा समझें जहां अपना भाई ही बहन के साथ सेक्स कर बैठता है तो बहनें भी यही सोच भाई के साथ शारीरिक सम्बन्ध बना लेती है कि कल होकर शादी के बाद तो इसी सुख के लिए जीना है लेकिन वो तो पति परमेश्वर के साथ होगा तो वो सामाजिक है और परम्परा भी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#3
(11-08-2022, 03:54 PM)neerathemall Wrote: हमारा सभ्यता, संस्कृति और परंपरा क्या पतन की ओर है! या इसे हमलोग कलयुग की पराकाष्ठा समझें जहां अपना भाई ही बहन के साथ सेक्स कर बैठता है तो बहनें भी यही सोच भाई के साथ शारीरिक सम्बन्ध बना लेती है कि कल होकर शादी के बाद तो इसी सुख के लिए जीना है लेकिन वो तो पति परमेश्वर के साथ होगा तो वो सामाजिक है और परम्परा भी। ........................
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जिया अपने जीवन के २१ वें वर्ष में प्रवेश कर चुकी है तो उसके कौमार्य साल भर पहले ही भंग हो चुके हैं तो घर में अनुशासन प्रिय भाई को अपने वश में रखने के लिए ही उन्हें रिझाई और वो बहन – चोद भाई मुझे पेलना शुरू कर दिया और जिया मात्र इस उम्र में सात लौड़े का स्वाद चख ली, मुझे नहीं लगता कि मेरी मां आज तक दूसरा लंड भी देखी होगी और अगर देखी भी होगी तो निश्चित रूप से चुदाई नहीं होगी तो मेरा छरहरा बदन साथ ही सुडौल शरीर, चूचियां थोड़ी बड़ी हो गई तो चूतड में लचक आईं कारण की सेक्स की दुनिया में जो कदम रख दी। ये बात नवंबर की है जब ठंड का मौसम शुरू हुआ तो मेरे बड़ी मौसी का लड़का जोकि पीलीभीत में रहता है एक एग्जाम के सिलसिले में इलाहाबाद आया तो उससे मुलाकात करीब तीन साल बाद हो रहा था और रवि मेरा हम उम्र था तो उसका यहां आई टी आई एंट्रेंस का पेपर था, संयोगवश डैड और बड़े भाई नितिन खेती बारी के लिए पैतृक गांव गए हुए थे तो घर में मॉम, छोटा भाई और मैं थी। रवि देखने में कुछ खास नहीं था लेकिन उसका कसरती बदन साथ ही लम्बा कद तो सांवला रंग उसे थोड़ा स्मार्ट बना रखा था और वो घर पर दोपहर में पहुंचा, शाम को कॉलेज से वापस आईं तो रवि से मुलाकात हुई और मुहे देख वो बोला ” तुम तो काफी बड़ी हो गई हो

( मैं उसे तिरछी नजरों से देख बोली ) तो क्या तुमसे मुलाकात नहीं हुई तो मेरा शारीरिक विकास अवरूद्ध हो जाता, वैसे तुम भी तो बड़े हो गए हो ” फिर मैं अपने रूम गई और फिर अपने वूलेन कपड़े उतार टॉप्स को उतारने लगी, गले से बाहर कर पलंग पर रखी ही थी कि मेरी नजर दरवाजे कि ओर गई और मैं रवि को वहां खड़े देख दंग रह गई, उसने मेरे नग्न पीठ को देख लिया था तो चूचियों पर भी उसकी नजर पड़ चुकी थी और मैं शर्मारे हुए अपना टॉप्स लिए वाशरूम घुसी फिर फ्रेश होकर निकली, रूम में आकर स्कर्ट पहन ली तो लेगिंग्स को उतार फैंकी और स्कर्ट के अन्दर जानबूझकर पेंटी तक नहीं पहनी थी ताकि अपने मौसेरे भाई को चूत भी दिखा दूं, वैसे भी मुझे क्या फ़र्क पड़ता यदि वो मेरी दो चार बार चुदाई करता और लड़कियों की गुप्तांगों की खूबसूरती उसके इस्तेमाल होने में है ना कि छुपा के रखने में और अब डायनिंग हॉल आकर सोफ़ा पर बैठी, मॉम पूछी ” चाय पियोगी जिया या नाश्ता बनाऊं
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#4
(11-08-2022, 03:54 PM)neerathemall Wrote: हमारा सभ्यता, संस्कृति और परंपरा क्या पतन की ओर है! या इसे हमलोग कलयुग की पराकाष्ठा समझें जहां अपना भाई ही बहन के साथ सेक्स कर बैठता है तो बहनें भी यही सोच भाई के साथ शारीरिक सम्बन्ध बना लेती है कि कल होकर शादी के बाद तो इसी सुख के लिए जीना है लेकिन वो तो पति परमेश्वर के साथ होगा तो वो सामाजिक है और परम्परा भी।
[Image: 04a68e97e8538a722d9e815f05d40b44.gif]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#5
(11-08-2022, 03:54 PM)neerathemall Wrote: Big Grin
उसकी दीदी एक नंबर की छिनार है
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#6
Nice update
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