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Incest चचेरी बहन बबिता ने ........................
#1
चचेरी बहन बबिता ने .........................

जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#2
मैं संजय पटेल उम्र 27 वर्ष कानपुर के पास एक कस्बे रूरा से आगे एक गांव का निवासी हूँ गांव में मेरे पिताजी के पास थोड़ी सी जमीन है जिस पर वो खेती बाड़ी करते हैं मैं अपने पिता की तीसरी संतान हूँ मुझसे बड़े भाई और बहन की शादी हो चुकी है पर मै अभी अविवाहित हूँ, मैंने इंटर तक शिक्षा रूरा के ही एक सरकारी कॉलेज में प्राप्त की और उसके बाद मैंने अपने परिवार की गरीबी को देखते हुए पढ़ाई छोड़ कर कुछ करने की सोची और आखिर में पिताजी ने अपने कानपुर में रह रहे एक रिश्तेदार से बात की वो प्लम्बर का काम करते थे और रिश्ते में मेरे चाचा लगते थे उन्होंने कहा लड़के को मेरे यहाँ भेज दो कानपुर में इस तरह के कामो में बहोत पैसा है मैं दो तीन महीने में इसे सारा काम सिखा दूंगा उसके बाद ये आराम से महीने के 30-35 हजार कमाने लगेगा, गांव की हमारी 4 बीघे जमीन से बस साल भर खाने का प्रबंध हो पाता था ये बड़ी रकम थी हमारे परिवार के लिए इसलिए पिताजी ने फौरन हामी भर दी और मैं भी ये सुन कर खुश हुआ कि कम से कम अपने पैरों पर खड़ा हो पाऊंगा और गांव से निकल शहर में कुछ नया माहौल भी मिलेगा।
कुछ अपने बारे में बता दूं नाम और उम्र तो पता ही है आप सबको मेरी hight 5.6 है और waight 55 kg हमारे घर मे हमेशा से भैंस रही है तो दूध घी की कोई कमी नही रही अच्छी खिलाई और खेतों में मेहनत करने की वजह से मेरा बदन एकदम छरहरा और फुर्तीला है और मेरा रंग एकदम मेरी अम्मा को पड़ा था मैं दूध जैसा गोरा हूँ अम्मा भी एकदम गोरी हैं पढ़ाई में मैं बहोत अच्छा नही तो बुरा भी नही था 60+ मार्क्स के साथ ही हमेशा पास हुआ सब मिला कर गांव में मेरे जैसा गुड लुकिंग और स्मार्ट बन्दा मेरी उम्र का दूसरा ना था और इसी वजह में खेतों में काम करने आने वाली एक चमार की बीवी जिसे मैं भाभी बोलता था वो थी तो एकदम काली पर मुझे बड़ी खूबसूरत लगती थी असल मे शुरू से ही मेरा रुझान काली/सांवली औरतों और लड़कियों में ज्यादा था सांवला रंग मुझे खास आकर्षित करता था एक कुम्हारों की लड़की जो मुझे भैया कहती थी और वो भी एकदम तवे जैसी काली पर नैन नक्श उसके भी बड़े तीखे थे इन दोनों के साथ चोदा चोदी का खेल बहुत बार खेल चुका था और वो भाभी जिसका नाम सुनीता था वो कई बार बोल चुकी थी संजय तुम्हारा लंड बहोत दमदार है तुम्हारी बीवी मज़े में रहेगी हमेशा और सच मे मेरा लंड था भी ऐसा 9 इंच का लंबा अच्छा खासा मोटा एकदम गुलाबी सुपाड़ी वाला गोरा लंड।
फिलहाल गांव में बस ऐसे ही गुजारा चल रहा था और फिर वो दिन भी आ गया जिस दिन मुझे कानपुर निकलना था चाचा के यहां उस से एक दिन पहले सुनीता ने मुझे खास तौर पर खेतों में बुलाया था और कुतिया बन के दो बार खूब मस्ती में चुदी थी और बारबार कह रही थी कि संजय बीच बीच मे टाइम निकाल कर आते रहना मेरी चूत को तेरे लंड से चुदे बिना चैन नही आएगा….. खैर सुबह मैं अपने बैग में कपड़े और कुछ पैसे ले कर अपना टूटा फूटा की पैड वाला मोबाइल ले कर अम्मा पिताजी का आशीर्वाद ले कर ट्रेन पकड़ कर कानपुर चल पड़ा मैंने कल ही रूरा की लोकल मार्केट से ली हुई एक सस्ती सी जीन्स और और ब्लैक टी शर्ट पहनी हुई थी चाचा के यहां मैं पहले भी एक बार आ चुका था अम्मा की तबियत खराब थी तब उनके इलाज के सिलसिले में, दोपहर के दो बजे मैं चाचा के यहां पहुंचा उनका छोटा सा 3 कमरों का घर था और घर मे 4 प्राणी रहते थे चाचा चाची उनका बेटा और बेटी चाचा किशनपाल की उम्र 44 वर्ष है चाची सुधा 40 की बेटा छोटा है अभय उम्र 22 साल और बेटी बबिता उम्र 24 साल चाचा अभी जल्दी से बबिता की शादी करने के चक्कर मे थे पर उसके लिए उनके पास पर्याप्त पैसे नही थे इसी चक्कर मे वो अपना प्लम्बर वाला काम बढ़ाना चाह रहे थे क्यों कि उनके पास काम तो बहोत था पर अकेले कितना करें और उनका लड़का अभय वो थोड़ा सा बिगड़ैल और लापरवाह था वो प्रयास कर रहे थे कि वो भी उनके साथ लग कर काम करे और पैसे कमाए पर वो अपने आवारा दोस्तो के घूमने और बियर शियर में ज्यादा दिमाग लगाता था।
मैंने दरवाजा खटखटाया तो चाची ने दरवाजा खोला मुझे देखते ही उनके चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान आ गयी मैंने चाची के पैर छूए उन्होंने सर पर हाथ फ़िराते हुए मुझे आशीर्वाद दिया मुझे अंदर ले गयी और मेरा बैग ले कर एक अलमारी में ठूंस दिया घर पर कोई नजर नही आ रहा था पूछने पर पता चला चाचा अभय के साथ काम पर गए हैं और बबिता एक दो जगह खाना बनाने का काम करती है। चाची ने अम्मा पिताजी के हाल चाल लिए और फिर चाय बनाने चली गईं चाय नाश्ता कर के मैं थोड़ी देर लेटा फिर खाने की बारी आ गयी तब तक बबिता भी आ गयी बबिता और चाची बहोत काली तो नही पर फिर भी सांवली ही थीं और बबिता को मैं पूरे 7 साल बाद देख रहा था पहले मिली थी तो 17 साल की दुबली पतली सी नाक बहाए हुए और अब 24 साल की भरपूर जवान भरा भरा बदन 40 साइज के रसभरे चूचे और लेगिंग में कसी हुई उभरी गांड़ देख कर मेरे मन मे कुछ हसरत सी जागी, उसने एक ढीली सी कुर्ती पहनी हुई थी वो भी खुशी से मुझसे मिली बैठ कर बातेँ करती रही और फिर चाची ने आवाज़ दी वो किचन से दो थालियां ले कर आ गयी और जैसे ही थाली रखने को झुकी कुर्ती के ढीले गले से मेरी बाजार उसकी लटकती हुई ठोस मोटी मस्त चुचियो पर गयी और मेरा 9 इंची थोड़ा सा सर उठाने लगा वो लड़की थी जवान थी शहर में रहती थी फौरन मेरी नजरो को ताड गयी पर उसने कोई जल्दबाजी नही की आराम से थाली रख कर झुके झुके ही बोली और कुछ लेंगे भइया….
मैंने उसकी सांवली चुचियो से नजर हटा कर उसकी आँखों मे देखते हुए कहा नही बबिता इतना काफी है इतना खा लूं फिर देखा जाएगा वो भी मेरी बगल में बैठ गयी और हम बातें करते हुए खाने लगा बीच बीच मे वो रोटियां लेने किचन में जाती और वापस आ कर उसी अदा से झुक कर अपनी चुचियो का दर्शन कराते हुए मेरी थाली में डालती उसकी चुचियाँ देखने के चक्कर मे मैं 2 रोटियां ज्यादा ही खा गया। खाना खत्म हुआ और फिर मैं बाहर निकल गया घूमने वापस आते हुए मैं 10 रुपये वाली 5स्टार ले कर आया और बबिता को थमा दी और उसे ले कर मेरी ओर देखने लगी मैंने कहा खा ले इतने दिनों बाद मिली है वो बोली बस 10 रुपये की चॉकलेट वाह रे कंजूस मैंने कहा अभी बेरोजगार हूँ एक बार कमाना शुरू कर दूं फिर होटल ले चलूंगा….. वो चहक कर बोली ठीक है जिस दिन पहली कमाई होगी उसी दिन होटल ले चलोगे प्रॉमिस करो…. मैंने उसके हाथ पकड़ते हुए कहा अच्छा ठीक है प्रॉमिस अब खुश वो मुस्कुराती हुई सर हिला दी मुझे अच्छे से समझ आ रहा था कि वो मुझसे प्रभावित है और मेरी ओर आकर्षित हो रही है…..
फिर शाम को चाचा आ गए और मुझे देखते ही खुश हो गए मैंने पैर छुए तो बोले बेटा बड़े अच्छे कदम हैं तुम्हारे आज ही मुझे दो नई साइट का काम मिला मैं परेशान भी था की इतना काम कैसे निपटेगा हम बाप बेटे से अच्छा हुआ तुम आ गए कुछ तो मदद हो ही जाएगी….. फिर रात के खाने के दौरान ही उन्होंने ही बताया कि एक बड़े कॉन्ट्रैक्टर की दो मल्टीस्टोरी बिल्डिंग बन रही हैं दोनो बिल्डिंग 30 मंजिला हैं और हर मंजिल पर 3 फ्लैट हैं लंबा काम है सालों चलेगा और भरपूर पैसा मिलेगा बस मन से काम करना होगा मैंने कहा चाचा आप एक बार काम सिखा दो बस फिर देखना मेरा काम चाचा ने कहा मुझे तुझ पर भरोसा है तू मेहनती है बाकी अभय तो नालायक है फिर हमारे खाने के डेढ़ घंटे बाद अभय का आगमन हुआ वो बीयर मे टुन्न था आते ही अपने कमरे में घुस गया और वहीं से गला फाड़ कर बबिता को आवाज़ देने लगा बबिता उसका खाना वहीं दे आयी उसे और वो खा पी कर सो गया।
थोड़ी देर में बबिता मेरे पास आई और बोली भइया माँ कह रही है आपका बिस्तर अपने रूम में ही लगा दूँ क्योंकि अभय रात में बड़ें नाटक करता है आप परेशान होंगे मैंने मुस्कुरा कर उसकी आँखों मे झांका और कहा रात में थोड़े नाटक तो मैं भी करता हूँ तुम ना परेशान हो जाना वो असमंजस में खड़ी मुझे देखने लगी तो मैंने हंसते हुए कहा अरे जा के बिस्तर लगा मैं मजाक कर रहा था तो वो जीभ निकाल कर मुह बनाते हुए चली गयी।
उस रात मैं बबिता के कमरे में ही सोया वो फोल्डिंग बेड पर और मैं नीचे हांलाकि उसने बड़ी जिद की वो नीचे सो जाएं और मैं बिस्तर पर लेकिन मैं जमीन पर ही सोया
अगली सुबह मैं 8 बजे नहा धो कर तैयार था काम पर जाने के लिए और अभय अभी अपने कमरे में पड़ा सो रहा था साढ़े 8 के करीब चाचा भी तैयार हो गए उन्होंने बाइक निकाली और चाची से बोले अपने पूत को भेज देना अगर टाइम से जाग जाए तो और फिर हम लंच बॉक्स ले कर साइट पर चल पड़े चाचा के कहने पर मैंने एक पुराना लोवर और टी शर्ट रख ली थी झोले में साइट पर पहुंच कर मेरी आँखें खुल गयी ये बहोत बड़ी बिल्डिंग बन रही थी चाचा मुझे ले कर ऊपर आ गए वहां तीन चार कमरों में प्लंबिंग का सामान भरा पड़ा था उन्होंने सुपरवाइजर से मेरा परिचय कराया और फिर दूसरे कमरे में ले गए वहां ढेर सारे औजार ड्रिल कटर प्लास रेंच आदि रखे थे चाचा मुझे समझाते गए और मैं समझता गया सबसे पहले उन्होंने कपड़े बदले और मुझे भी पुराने कपड़े पहनाए, मेरा दिमाग अच्छा चलता है वो काम शुरू किए और मैं जरूरत के अनुसार उन्हें औजार देता रहा फिर एक जगह दीवार काटनी थी उन्होंने कटर थोड़ा सा चला कर मुझे समझाया और बोले कर पायेगा मैंने कहा जरूर और बड़ी सफाई से दीवार काट दी पर दीवार काटने में इतनी डस्ट उड़ी की मुझे खांसी आने लगी वो खुश हो गए बोले लगता है तू दो चार दिन में ही प्लम्बर बन जायेगा…… 2 बजे तक हमने जी लगा कर काम किया और एक बाथरूम की फिटिंग पूरी कर दी, चाचा बोले कमाल है मुझे पूरा दिन लगता था एक बाथरूम में ये तो आधे दिन में ही हो गया फिर हमने हाथ मुह धो कर खाना खाया थोड़ा सुस्ताये, मैंने चाचा से 10 रुपये मांगे उन्होंने पूछा क्या करेगा गुटखा खाता है क्या मैंने कहा नही वो सब मैं नही खाता आप दो तो उन्होंने पैसे दिए ले कर मैं सीधा नीचे आया और पास के मेडिकल स्टोर से दो मास्क ले के आ गया और एक चाचा को दे कर बोला आगे से कटिंग के टाइम मास्क पहन के रखें इतनी धूल में काम करेंगे तो बीमार हो जाएंगे चाचा इस से भी कुछ प्रभावित हुए बोले हां यार सांस लेने में तो बड़ी दिक्कत होती थी धूल में मैंने कहा अब नही होगी कुल मिला कर शाम तक हमने काफी काम निपटा डाला और और जब शाम को सुपरवाइजर आया तो उसने मजदूरी के अलावा दो सौ रुपये एक्स्ट्रा दिए चाचा को फिर हम कपड़े बदल कर घर आ गए…
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#3
अभय का आज दिन भर पता नही था और ना ही चाचा ने उसका नाम लिया एक भी बार घर आ कर मैंने स्नान किया और लोअर टी शर्ट पहन कर रूम में आ गया चाची चाय ले आईं और चाचा और मैं चाय पीने लगे तब तक बबिता भी आ गयी उसने आज येलो कुर्ती पहनी थी और उसके सांवले कैसे हुए भरे बदन पर कुर्ती फब रही थी आज उसके चूचे कुछ ज्यादा ही भारी दिख रहे थे चाय पीते पीते मेरी नजर एकदम से उसके चुचियो पर अटक गई और मैं उन्हें देखे ही जा रहा था वो आ कर पास ही बैठ गयी और मेरे काम के पहले दिन के बारे में पूछने लगी मेरे बोलने से पहले ही चाचा ने मेरी तारीफे शुरू कर दी चाची भी वहीं आ गयी और सब्जी काटने लगी चाचा ने उन्हें और बबिता को बताया कि कैसे मेरी वजह से दो दिन का काम एक ही दिन में निपट गया और अब उन्हें लग रहा था कि एक दिन कानपुर शहर के सारे बड़े काम उनके ही पास होंगे और वो ढेर सारा पैसा कमा लेंगे, चाचा मुझसे बताने लगे कि वो पुराने प्लम्बर हैं उनका नाम चलता है यहां की मार्केट में लेकिन अब उम्र बढ़ने की वजह से और भारी बदन होने की वजह से अब वो उतना काम नही कर पाते वो ये भी बोले कि अगर 3-4 और ऐसे ही लड़के मिल जाएं तो वो आराम से बिना काम किये महीने के एक डेढ़ लाख कमा लें मैंने कहा चाचा गाँव मे तो बहोत बेरोजगार लड़के हैं आप जितने बोलो उतने लड़के बुला लेता हूँ उन्होंने चाय का घूंट भरते हुए कहा संजय पहले दो चार दिन तुम अच्छी तरह से काम सीख लो फिर दो लड़कों को और बुला लेना उन्हें काम तुम ही सिखाना मैंने कहा ठीक है फिर रात का खाना हुआ खाना खा कर मैं बाहर जाने लगा मुझे रात के खाने के बाद थोड़ा टहलने की आदत थी पर कल रात बिना टहले खा कर सोने की वजह से आज सारा दिन मेरे पेट मे कुछ भारीपन था तो मैं टहलने के इरादे से बाहर निकला पीछे से बबिता ने आवाज़ दी भैया कहां जा रहे हो मैंने कहा बस 10 मिनट टहल के आ जाऊंगा वो बोली एक मिनट रुकिए मैं भी चलती हूँ और वो चप्पलें पहन के बाहर आ गयी.............................
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#4
वो जल्दी से बाहर आई और बोली चलिए भैया यही पीछे वाली सड़क पर एक पार्क है वहीं तक चलते हैं फिर हम बातें करते हुए चल पड़े उसने कहा आपने तो पहले ही दिन बाबूजी को इम्प्रेस कर डाला इतनी तारीफ वो करते नही किसी की जितनी आपकी कर दी मैंने कहा अभी तो पहला दिन ही था जरा महीना बीतने दो फिर देखना यूँ ही बातें करते करते हम उस पार्क तक आ गए ये एक ज्यादा बड़ा तो नही फिर भी ठीक ठाक पार्क था रात के साढ़े 9 बज रहे थे सड़क पर ज्यादा लोग नही थे बबिता ने कहा अंदर चलेंगे मैंने कहा हां चलो देखे जरा कैसा है पार्क हम अंदर आ गए अंदर इक्का दुक्का लड़के इधर उधर बैठे अपने मोबाइल फ़ोन्स में बिजी थे कोई बात कर रहा था कोई वीडियो देखने मे बिजी हम चलते हुए पार्क की पिछली दीवार की ओर आ गए पार्क की चौड़ाई कोई 200 मीटर थी और मध्य से एक 20 फुट का रास्ता एकदम पीछे तक चला गया था रास्ते के दोनों ओर आगे छोटे पौधे और झाड़ियां थी पीछे की ओर बड़े पेड़ थे काफी हरा भरा पार्क था जब हम एकदम पीछे की ओर पहुंच गए तो मेरे मोबाइल की घंटी बजी मैंने जेब से अपना खटारा सा फ़ोन निकाला ये नोकिया का 1200 मॉडल था जिस पर बात करते हुए आपके पास खड़ा इंसान दूसरी ओर से आने वाली आवाज़ आराम से सुन सकता था….. मैंने डिस्प्ले पर नजर डाली अननोन नंबर था तो मैंने कॉल रिसीव कर ली हेलो बोलते ही उधर से एक लेडीज आवाज़ आयी कैसे हो संजय मैंने मैं ठीक हूँ पर आप कौन उधर से आवाज़ आयी हाय मेरे चोदू राजा शहर जाते ही अपनी भाभी को भी भूल गए….. मैं बड़ी असमंजस की स्थिति में आ गया ये सुनीता थी पता नही किसके फ़ोन से कॉल कर दी अगर उसने अपने नंबर से कॉल की होती तो मैं बबिता के सामने रिसीव ही नही करता मैंने हकलाते हुए कहा नही नही ऐसी बात नही है भाभी वो असल मे ये दूसरा नंबर है ना सुनीता ने कहा हाँ वो मेरे फ़ोन में रिचार्ज नही था इसलिए बगल वाली पिंकी की माँ का फ़ोन ले कर आई बड़ा मन कर रहा था राजा तुमसे बात करने का….. कल इतनी जोर जोर से चोदे थे कि आज चूत में दर्द हो रहा है….. भाभी की ये बात सुन कर एक ओर मेरे लंड में हरकत हुई वहीं दूसरी ओर बबिता की मौजूदगी से मेरी हालत खराब हुई जा रही थी फ़ोन से काफी तेज आवाज आ रही थी मैं शर्म के मारे बबिता की ओर देख भी नही पाया….. तभी बबिता बोली भैया आप बात कर लो मैं दो मिनट में आई और वो उस मुख्य रास्ते से उतर कर साइड में चली गयी मैंने चोर नजरो से उसकी ओर देखा, पार्क में रास्ते के दोनों ओर खंभे और एलईडी लाइट्स लगी थी जिससे पार्क में तेज रोशनी थी बबिता अपनी भारी गांड़ मटकाती हुई एक झाड़ी के पास पहुंची और थोड़ा सा झाड़ी की आड़ ले कर अपनी कुर्ती उठा कर अपनी पजामी सरका कर बैठ गयी उफ्फ वो शायद मूत रही थी…. तभी भाभी की आवाज़ आयी क्या हुआ संजय चुप क्यों हो मैंने कहा भाभी तुमने गलत टाइम फ़ोन कर दिया अभी मेरी चचेरी बहन है साथ मे उसके सामने कैसे बोलूं कुछ तो भाभी हंस कर बोली लगता है बहन को पा कर भाभी को भूल ही जाओगे पर याद रखना तुम्हारे लंड को चूत भाभी देंगी बहन नही मैंने कहा क्या बोल रही हो यार अब चुप रहो फ़ोन रखो कल दिन में बात करूंगा तुमसे….. सुनीता से बात करते हुए मैं कुछ कदम पीछे आ गया था और अब मेरी नजर झाड़ी के पीछे बैठी हुई बबिता पर पड़ी आहह क्या मस्त भरे हुए सुडौल भारी काले काले चूतड़ थे बबिता के सुनीता और पिंकी उन दोनों को कई बार नंगा देख चुका था चोद चुका था पर बबिता की सेक्सी सांवली गांड़ ने मेरे दिल और लंड में आग लगा दी उधर बबिता ने एक बार जरा सा गर्दन घुमा कर मेरी ओर देखा और मेरी नजर अपने चूतड़ों पर चिपकी देख उसने एक बार अपनी अपनी मोटी गांड़ को झटका दिया और उठ खड़ी हुई खड़ी हो कर उसने पहले अपनी पैंटी ऊपर की उफ्फ कसे हुए चूतड़ों पर उसकी फ्लावर वाली गुलाबी पैंटी बड़ी खूबसूरत लग रही थी फिर उसने अपनी पजामी भी ऊपर कर ली और नाड़ा बांधने लगी मैं थोड़ा सा आगे चले गया मेरा लंड इस शानदार दृश्य को देख कर एकदम खड़ा हो गया था और लोअर में अच्छा खासा उभार बना हुआ था मुझे बड़ी तेज मुठ मारने की इच्छा हो रही थी पर कैसे??? तभी बबिता तेज चलती हुई मेरे पास आई और बोली भैया हो गयी बात किसका कॉल था मैंने कहा अरे वो पड़ोस की भाभी थी ऐसे ही हाल चाल ले रही थीं हम चलते हुए थोड़ा और आगे आये वहां एक पत्थर की बेंच लगी थी बबिता बोली आइये बैठते हैं यहां थोड़ी देर हम उस बेंचपर बैठ गए तो बबिता बोली लगता है ये कोई खास भाभी हैं आपकी मैंने कहा नही ऐसी कोई बात नही है तभी बबिता की नजर मेरे लोअर के उभार पर पड़ी और वो थोड़ा मुस्कुरा कर बोली लगता है भाभी की बातें अंदर तक असर कर गईं हैं मैने उसकी बात का अर्थ समझ कर अपने लोअर में बने टेंट पर हाथ रखा और फिर मैं ये कहते हुए उठ खड़ा हुआ कि मैं भी जरा हल्का हो के आता हूँ और बेंच के पीछे की ओर एक पेड़ की साइड में जा कर लंड निकाल कर मूतने लगा बबिता मुझसे 5-6 मीटर की दूरी पर ही थी मैंने चोर नजरो से देखा वो भी बड़ी दिलचस्पी से मेरी ओर देख रही थी पर मेरी पीठ उसकी ओर थी तो उसे मेरा लंड नही नजर आ रहा था पर मुझे ऐसा लगने लगा था कि बबिता मेरा लंड देखने के लिए उत्सुक है और मुझे ये भी लग रहा था कि बबिता एक चालू टाइप लड़की है जिसे कोई आसानी से फंसा कर चोद सकता है फिर मेरे मन मे ख्याल आया कि जब मेरे गांव की रहने वाली अनपढ़ 16 साल की पिंकी 2-3 लड़को से चुद गयी तो बबिता तो कानपुर शहर में रहती है 10वीं तक पढ़ी भी है और नौकरी भी करती है चार घरों में आती जाती है ये तो जरूर ही चुदती होगी ये सब सोच कर मूतने से लंड में जितना ढीलापन आया था वो गायब हो गया और लंड फिर से सख्त हो गया और ना चाहते ही भी मैं लंड को धीरे धीरे मुठियाने लगा तभी अचानक मुझे लगा बबिता बड़े गौर से मेरा हिलता हुआ हाथ देख रही है और मैंने मन मार कर लंड अंडरवियर में ठूंस दिया और फिर वापस आ गया बबिता ने कहा भैया घर चले मैंने कहा हां चलो चलते हैं पर कल से रोज आएंगे यहां खाने के बाद उसने खुश होते हुए कहा ठीक है…..
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#5
(11-08-2022, 03:35 PM)neerathemall Wrote:
चचेरी बहन बबिता ने .........................


धन्यवाद
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#6
होते हुए कहा ठीक है…..
फिर हम घर आ गए और मैं दिन भर की थकान की वजह से जमीन पर बिछे बिस्तर पर लेट गया और थोड़ी देर में ही सो गया मुझे सोए थोड़ी ही देर हुई थी कि मैं सपना देखने लगा मैं उसी कमरे में लेटा हुआ हूँ बबिता कमरे में आई और मेरे पास आ कर बैठ गयी फिर उसने मेरे लंड पर हाथ रख दिया और हाथ फिरा कर मेरे लंड का जायजा लेने लगी और उसे सहलाते हुए दूसरे हाथ से अपनी पजामी के ऊपर से अपनी बुर मसलने लगी मेरा लंड एकदम सख्त हो गया था कि तभी उसने मेरे लोअर में हाथ घुसा कर लंड बाहर निकाल लिया उसे तेजी से दबा दबा कर सहलाने लगी और फिर झुक कर उसने मेरे सुपाड़ी को चूम लिया उफ्फ बड़ा मज़ेदार सपना था पर तभी अचानक मेरी नींद खुल गयी पर मेरा लंड सच में खड़ा था पत्थर जैसा सख्त मुझे पेशाब लगा था मैंने तकिए के नीचे से अपना फ़ोन निकालने की कोशिश की पर तभी मेरी नजर बबिता के फोल्डिंग पर पड़ी कमरे में पंखा चल रहा था बबिता ने चादर ओढ़ रखी थी मुह के ऊपर से पर मुझे ऐसा लग रहा था चादर के अंदर कुछ रोशनी आ रही है मैंने धीरे से अपना फ़ोन निकाल कर टाइम देखा 12:25 हो रहे थे फिर मुझे उत्सुकता हुई कि आखिर चादर के अंदर वो रोशनी कैसी अचानक मुझे समझ आया कि ये तो मोबाइल की रोशनी है वो शायद फ़ोन पर कुछ देख रही थी…… कमरे में कोई लाइट नही जल रही थी घुप्प अंधेरा था बस वही चादर के अंदर से आती हुई हल्की रोशनी थोड़े से हिस्से में फैली हुई थी मैं कुछ मिनट ऐसे ही लेटा बबिता की ओर देखता रहा और जब मेरी आँखें अंधेरे में देखने की अभ्यस्त हुई तो मुझे ऐसा लगा चादर के अंदर बबिता का हाथ हिल रहा है उसकी कमर के आसपास……

ये महसूस करते ही मेरा दिमाग और लंड एक्टिव हो गए और फिर मैं लेटे हुए एकदम आहिस्ते से सरकता हुआ बबिता के सर की ओर आ गया और सर उठा कर उस झीनी सी चादर के अंदर झांकने की कोशिश की थोड़ा गौर से देखने पर मुझे समझ आ गया कि बबिता उस मोबाइल पर पोर्न देख रही है स्क्रीन पर एक अफ्रीकी काली मोटी सी लड़की एकदम नंगी नजर आ रही थी और सामने बेड पर एक गोरा अंग्रेज बंधा हुआ था वो भी एकदम नंगा था….. काली लड़की बेड पर चढ़ गई और फिर अंग्रेज के मुह पर अपनी गांड़ और चूत रख कर रगड़ने लगी और वो अंग्रेज उसकी गांड़ और बुर को जीभ से रगड़ते हुए चाट रहा था ये देख कर मेरा लंड एकदम से पागल होने लगा चुदाई की थी पर ये सब एकदम नया था मेरे लिए पता नही क्यों उस गोरे अंग्रेज को ऐसे काली काली गांड़ चाटते देख कर मैं अजीब सी उत्तेजना महसूस कर रहा था और मुझे सुनीता याद आने लगी पिंकी याद आने लगी इन दोनों का रंग भी ऐसा ही था और मैं सोचने लगा इस बार गांव जा कर मैं भी उस चमारिन सुनीता की काली गांड़ और भोसड़ी चाटूँगा तभी एकदम से मुझे बबिता की गांड़ याद आ गयी आज शाम ही तो दर्शन किये थे उसके उफ्फ बबिता की गांड़ इन तीनो से सुनीता पिंकी और पोर्न वाली लड़की से शानदार थी पर वो क्यों मुझे अपनी गांड़ चाटने देगी वो तो बहन लगती है मेरी….. पोर्न देखते हुए बबिता और सुनीता की गांड़ के बारे में सोचते हुए मैं अपना लंड निकाल कर मुठियाने लगा था…… तभी अचानक बबिता के मुह से बेहद हल्की आवाज़ें निकलने लगी शायद वो चूत में उंगली कर रही थी एक बार तो मेरा मन हुआ कि मैं चढ़ जाऊं उस पर और चोद दूँ उसे पर फिर ये सोच कर कहीं उसके मन मे ऐसा कुछ न हो और कोई बवाल ना हो जाये मैंने अपना इरादा बदल दिया और फिर बबिता के मुह से तेज आह के साथ सिसकारी सी निकली इस आवाज़ को मैं पहचानता था सुनीता भी झड़ते हुए ऐसी ही आवाज़ें निकालती थी….. फिर बबिता एकदम शांत हो गयी वो भी झड़ चुकी थी और फिर मैं वापस चुपचाप सरकते हुए अपने बिस्तर पर आ गया लेकिन अब पेशाब का प्रेशर और बढ़ गया था तो मैं अनजान बन कर उठा और दरवाजा खोल कर बाहर निकल आया….. और चाचा के कमरे के बगल में बने हुए बाथरूम में घुस गया… और मूतने लगा पर मैंने दरवाज़े की कुंडी नही लगाई थी ये सोच के रात के एक बजे कौन आ रहा है और मैं अपना खड़ा गुलाबी 9 इंची लंड पकड़े आंखे बंद किये मूत रहा था…… तभी मेरी नजर सामने दीवार पर लगे शीशे पर पड़ी बाथरूम के बाहर कोई था और चुपके से दरवाज़े को जरा सा खोल कर अंदर झांक रहा था गौर से देखा तो ये बबिता ही थी उसे यूँ चुपके से झांकते देख कर मेरे लंड में हलचल हुई और मैं थोड़ा सा घूम गया दरवाज़े की ओर और अपना मस्त लौड़ा हिला हिला कर उसे दिखाते हुए मूतने लगा….. पूरे एक मिनट तक मूतने और बबिता को लंड दर्शन करवाने के बाद भी मैंने लंड अंदर करने की जगह उसे सहलाते हुए मुठियाना शुरू कर दिया….. और फिर एक और मिनट बीतने के बाद वो हुआ जिसकी मुझे उम्मीद ना थी एकदम से बाथरूम का दरवाजा खुला और बबिता अंदर आ गयी और फिर बड़ी हैरानी से मेरी ओर देख कर बोली अरे आप अंदर हो कम से कम दरवाजा तो बन्द कर लिया करो उसकी नजर एकटक मेरे लौड़े पर टिकी थी मैंने हड़बड़ाते हुए जल्दी से लंड को अंदर किया और बोला हाँ यार सॉरी गलती हो गयी मुझसे आइंदा से ध्यान रखूंगा और बाहर निकल गया पर मैं सिर्फ बाहर निकला और दरवाज़े को बाहर की ओर से भिड़ा लिया पर उतनी झिरी मैंने भी बाकी रखी कि अंदर देख सकू बहार्स कर मैंने साइड में हो कर दरवाज़े की झिरी से आंख लगा दी बबिता कुछ सेकेंड्स खड़ी कुछ सोचती रही फिर एकदम से अपनी पजामी नीचे सरका कर बैठ गयी इस टाइम उसने पैंटी नही पहनी थी उसकी काली काली झांट से भरी हुई बुर नंगी हो गयी थी फिर वो बैठ गयी और उसकी झांटो के बीच से एक तेज धार सीटी मारती हुई निकलने लगी और मैं उसे मूतते देख कर अपना लंड मसलने लगा मूतने के बाद वो जैसे ही खड़ी हुई मैं भाग कर कमरे में आ गया और अपने बिस्तर पर लेट गया, कुछ सेकेंड्स में वो भी अंदर आयी और उसने कमरे का दरवाजा अच्छी तरह बंद कर लिया मैं चुपचाप लेटा उसे देखने को कोशिश कर रहा था तभी वो मेरे बिस्तर के पास आई और बोली सॉरी भैया मुझे ऐसे नही घुसना चाहिए था बाथरूम में मैंने कहा कोई बात नही गलती मेरी थी मुझे दरवाजा बंद करना चाहिए था पर मुझे लगा रात के एक बजे कौन आएगा और एक मिनट का काम था तो मैं भी लापरवाह हो गया….. थोड़ा रुक कर मैंने कहा बबिता प्लीज किसी को बोलना मत ये बात वो थोड़ा सा हंस कर बोली अरे नही भैया आप भी प्लीज कुछ मत बोलना किसी को इस बारे में फिर वो बोली भैया आप ऊपर सो जाया करो न मुझे अच्छा नही लगता आप ऐसे जमीन पे पड़े रहते हो मैंने कहा पर तुम जमीन पर पड़ी रहो वो भी मुझे अच्छा नही लगेगा…., बबिता कुछ सोच कर बोली अच्छा ठीक है पर आज आप ऊपर सो जाइये कल से मैं हम दोनों का इंतजाम कर दूंगी ऊपर छत पर एक फोल्डिंग और पड़ा है लेकिन उसकी एक टांग टूटी है कल मैं उसे वेल्डिंग करवा लाऊंगी फिर हम दोनों को ही जमीन पर नही सोना पड़ेगा लेकिन आज के लिए आप मेरी बात मान लो आखिर मैं उठ कर उसके बिस्तर पर जा लेटा और वो मेरे बिस्तर पर आ गयी मैंने लेट कर कहा बबिता इस रूम में नाईट बल्ब नही है क्या बहोत अंधेरा है बोली लगा तो था फ्यूज हो गया अभय कुछ सुनता ही नही है कल मैं सब सही करती हूं फिर थोड़ी देर में वो सो गई पर मुझे मेरे लंड ने ना सोने दिया वो बस ठंडा होना चाह रहा था तभी मैंने तकिए को थोड़ा सा ऊपर करने के लिए खिसकाना चाहा तो मेरी उंगलियां किसी सख्त चीज से टकरायीं मैंने उसे बाहर निकाला तो वो वही फ़ोन था जिस पर बबिता पोर्न देख रही थी मैंने उसे धीरे से चादर के अंदर लेकर उसी तरह ऑन किया और चेक किया ( मैं गांव में भी अपने एक दो दोस्तों के फ़ोन पर पोर्न देख लेता था कभी कभी तो स्मार्ट फ़ोन का थोड़ा आईडिया था मुझे ) फ़ोन ऑन कर के मैंने ब्राउज़र खोला पर वहां हिस्ट्री में ऐसा कुछ नही मिला फिर मैंने चेक किया तो उस फ़ोन में सिम ही नही था बिना नेटवर्क का फ़ोन किस काम का फिर मैंने गैलेरी ओपन की और मेमोरी कार्ड में मुझे 4 फोल्डर दिखे उन्हें खोलते ही मैं एकदम से हैरान हो गया उन फ़ोल्डर्स में 100 से भी ज्यादा पोर्न वीडियो भरे पड़े थे और सब एक से एक शानदार…. हाँ एक बात जो मैंने गौर की ज्यादातर वीडियो में फीमेल ब्लैक ही थी और मेल गोरे चिट्टे उनमें अधिकतर वीडियोस में फीमेल मेल को डोमनेट कर रही थी और मर्दों को टार्चर करते हुए जलील करते हुए अपनी प्यास बुझा रही थी मैं फ़ोन चेक करते हुए एक बार फिर से तकिया एडजस्ट करने लगा पर इस बार मेरे हाथ मे कुछ और आ गया फ़ोन की रोशनी में मैंने चादर के अंदर देखा उफ्फ ये तो वही फ्लावर प्रिंट की पिंक पैंटी थी जिसे बबिता ने शाम को पहन रखा था ये देखते ही मेरा लंड झटके लेने लगा और पता नही कैसे किस भावना के वशीभूत हो कर मैं वो पेंटी अपने चेहरे पर फिराने लगा मैंने अगले दो घण्टे में कई सारे वीडियोस देखते हुए बबिता की पैंटी सूंघी चाटी उसकी पैंटी से मस्त तीखी सी स्मेल आ रही थी जिससे मेरा लंड हद से ज्यादा ही पागल होने लगा और मुझे लगा पैंटी सूंघ कर इतना मज़ा आ रहा है तो बाबिता की काली मोटी गांड़ में कितना मज़ा समाया होगा और मैं बबिता की कच्छी को अपने खूंटे जैसे लंड पर लपेट कर एक हार्डकोर पोर्न 3some वीडियो देखते हुए मुठ मारने लगा और आखिर में ढेर सारा गाढ़ा रस बबिता की पैंटी में टपका उसे लंड के पानी से भिगो कर मज़े में डूबा कब सो गया मुझे पता भी ना चला……, सुबह 7 बजे मेरी नींद खुली…., आंखे खुलने के कुछ पल बाद मुझे रात की सारी घटना याद आने लगी कैसे बबिता को पोर्न देख कर उंगली करते देख कर मैं गरम हुआ फिर बाथरूम में बबिता का मेरा लंड देखना और फिर मेरा उसके बिस्तर पर उसके फोन पर वो गंदे गंदे चुदाई के वीडियोस देख कर उसकी पहनी हुई पैंटी को सूंघ कर उसकी बुर की स्मेल महसूस करते हुए मुठ मार कर उसकी पैंटी में झड़ना……, पर एक मिनट उसके बाद तो मैं मस्ती में डूबा वैसे ही सो गया था लंड नंगा किये हुए उसकी पैंटी अपने लंड पर रखे हुए ही हे प्रभु ये क्या गलती कर बैठा मैं ना जाने अब क्या होगा किसी अनहोनी की आशंका से ग्रस्त हो कर मैं उठ कर बैठ गया मेरा लोअर एकदम सही से पहना हुआ था बबिता की पैंटी कही नजर नही आ रही थी मैंने एक बार लोअर के अंदर झांक कर देखा पैंटी वहां भी नही थी पूरा बिस्तर ढूंढ मारा लेकिन वो फ़ोन और पैंटी गायब…… धड़कते दिल के साथ मैं बिस्तर से उतर कर बाहर आया….. और देखा कि….
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#7
बबिता बाहर बैठी सब्जियां काट रही थी मुझे देखते ही चहक कर मुस्कुराते हुए बोली गुड मॉर्निंग भैया उठ गए मैंने उलझन में उसे देखते हुए कहा गुड मॉर्निंग और बाथरूम की तरफ जाने लगा तो बबिता तेजी से उठ कर मेरे पास आई और मेरा हाथ पकड़ कर मेरे कान में फुसफुसा कर बोली एक मिनट मेरे कमरे में आइये और मेरा हाथ पकड़े हुए मुझे लगभग खींचते हुए अपने कमरे में ले आयी और मेरी आँखों मे देखते हुए शरारत से बोली भैया वो फ़ोन के बारे में अम्मा या बाबूजी को मत बोलना प्लीज मैंने बड़ी मुश्किल से खरीदा है पैसे जोड़ जोड़ के अम्मा पहले मेरा एक फ़ोन तोड़ कर फेंक चुकी हैं….., अब मेरी जान में जान आयी कि मामला गंभीर नही है सब कुछ नार्मल ही है मैंने कहा एकदम निश्चिंत रहो मैं किसी से कुछ नही बताने वाला ना फ़ोन के बारे में ना ही उन वीडियोस के बारे में और हां थोड़े पैसे आते ही मैं एक अच्छा सा फ़ोन ले लूंगा जो कि तुम्हारा ही होगा पर बबिता तुम भी किसी से कुछ मत बताना कल रात जो मैंने तुम्हारी पैंटी के साथ किया ये सुन कर उसकी नजरें झुक गयी और वो धीरे से बोली मैंने वो धो कर सुखाने डाल दी है और आप न कहते तो भी मैं किसी को कुछ न बताती अब आप जाओ और जल्दी से तैयार हो जाओ वैसे ही आप देर से उठे हो आज फिर मैं फटाफट नहा धो कर नाश्ता कर के चाचा के साथ काम पर आ गया और आज फिर सारा दिन दिल लगा कर मैंने काम सीखा दोपहर में लंच टाइम में सुपरवाइजर सक्सेना मेरे पास आया और बोला संजय मेरे एक दोस्त की भी दो साइट में काम शुरू होने वाला है अगर कुछ और लड़कों का प्रबंध हो जाये तो कर लो पर लड़के अपने जैसे ही होशियार और मेहनती लाना फिर वो बोला नए लड़को को लाने वाले को हम 10% कमीशन देते हैं देख लो अगर दो तीन लड़के लगा दोगे तो महीने के 15000 तक ऐसे ही कमा लोगे मैंने कहा ठीक है सर गांव में 10-12 लड़के हैं जो काम की तलाश में हैं मैं एक दो दिन में बात कर के बुलवाता हूँ उन्हें सक्सेना ने कहा ठीक है 600 रुपये रोज के और खाने का इंतजाम मेरी तरफ से होता है वैसे तो 700 मिलते हैं लेबर को पर 100 मेरा कमीशन होता है बाकी तुम जितने में उन्हें सेट कर लो वो तुम देख लो अब हमारे गांव की तरफ तो लेबर को 300-350 ही मिलता है वो भी काम मिले ना मिले कोई ठिकाना नही यहां तो अच्छे खासे पैसे मिल रहे थे मैंने कहा ठीक है सर मैं कल ही लड़के बुलवा देता हूँ पर आप उन्हें 500 ही पेमेंट बताना लेकिन उनके रहने का इंतजाम करना होगा ये सुन कर सक्सेना बोला यार यही इसी साइट पर रह लेंगे अभी तो 3-4 महीने काम चल ही रहा है यहां इतने कमरे बने हैं जैसे बाकी लेबर रहते हैं वो भी रह लेंगे मैंने कहा ठीक है सर मेरी बात सुन कर सक्सेना बोला संजय तुम्हारे चाचा से अब ज्यादा काम होता नही वो तो मेरे पुराने जानने वाले हैं और मेरी सभी साइट्स पर उन्होंने ही काम किया है इस वजह से मैं उन्हें मना नही कर पाता पर अब मैं उनके काम से ज्यादा खुश नही हूँ पर कल तुम्हारा काम देख कर मुझे लगा कि उनकी कमी तुम पूरी कर सकते हो मेरी बात गौर से सुनो मैं जिस कंपनी में काम करता हूँ इसके दो चार प्रोजेक्ट हर टाइम चलते रहते हैं काम की कमी नही है और न ही पैसे की बस मेरी बातें मानते रहो समझते रहो और पैसा छापते रहो…. मैंने कहा श्योर सर मैं अपनी तरफ से आपको कभी शिकायत का मौका नही दूंगा और काम के लिए मैं हमेशा हाजिर हूँ पर मुझे यहां चाचा ही ले कर आये हैं सो आप उन्हें काम से मत हटाना उनके काम की कमी मैं पूरी कर दूंगा आप निश्चिंत रहिये उसने खुश हो कर मेरी पीठ थपथपाई और बोला मैं पहली नजर में जान गया था तुम कामके आदमी हो और अच्छे इंसान भी अपने चाचा के प्रति तुम्हारी सोच बहोत अच्छी है देखना एक दिन तुम बहोत तरक्की करोगे….. मैंने बस हाथ जोड़ कर कहा सर आपका आशीर्वाद बना रहे बस उसने कहा अपना फ़ोन नंबर दे दो मुझे मैंने ना जाने क्यों झूठ बोल दिया कि मेरे पास फोन नही है वो अजीब से नजरो से मुझे देखते हुए बोला आज एक जमाने मे बिना फ़ोन के कौन रहता है यार मैंने कहा सर मैं गांव से हूं गरीब परिवार से अभी कल से ही काम शुरू किया है पैसे आते ही फ़ोन लेना है सक्सेना ने कहा शाम को काम खत्म कर के मुझसे मिल कर जाना मैंने कहा ok सर और फिर वो चला गया और मैं चाचा के साथ काम पर जुट गया उस दिन हमने साढ़े छह तक काम किया और दो बाथरूम और एक किचेन की फिटिंग कम्पलीट कर दी और फिर हाथ मुह धो कर कपड़े बदल कर हम नीचे आ गए सक्सेना अपने केबिन के बाहर खड़ा लेबर को पैसे बांट रहा था मैं जा कर पास में खड़ा हो गया उसने मुझे देखा और अपने काम से फुर्सत हो कर कहा एक काम और कर पाओगे मैंने कहा जी सर बताइए वो बोले कल से दिन भर अपना काम करने कर बाद शाम को ठीक 6 बजे यही आ कर सारे लेबर को पैसे देने होंगे….. कल से एक और साइट का नया काम शुरू हो रहा है तो कुछ दिन मैं उधर व्यस्त रहूंगा और ये जिम्मेवारी का काम है हर किसी को नही कह सकता मैंने कहा लेकिन सर मैं तो नया हूँ अभी आप मुझे ठीक से जानते भी नही उसने कहा जानने के लिए 10 मिनट बहोत होते हैं बेटे और ना जानने के लिए पूरी जिंदगी भी कम फिर उसने एक सिगरेट सुलगाई और धुंवा उगलते हुए बोला संजय मैंने भी ऐसे ही एक साइट पर मजदूरी करने से अपना जीवन शुरू किया था पर मेहनत और ईमानदारी ने मुझे आज सब कुछ दिया है इस साइट की वैल्यू 750 करोड़ है और ऐसी 4 साइट मेरे अंडर हैं एक लाख मेरी सैलेरी है बंगला गाड़ी सब मुझे कंपनी ने दे रखा है ईमानदारी से बेईमानी कर के तीन चार लाख और कमा लेता हूँ और क्या चाहिए मैंने कहा ठीक है सर आप एक बार काम समझा दीजिये बस उन्होंने कहा अंदर आओ और केबिन में चले गए पीछे पीछे मैं भी आ गया ये एक एयरकंडीशनर कमरा था जिसमे एक टेबल और एक लेदर कुर्सी लगी हुई थी सामने एक सोफा पड़ा था ac की ठंडक मुझे बड़ी अच्छी लगी और दिन भर की थकान मिटने लगी पीछे की दीवार के साथ एक बड़ी अलमारी खड़ी थी उसे सक्सेना ने खोला और अंदर से एक और चाभी निकाल कर लाकर खोला अंदर दो हजार और 5 सौ के नोटो की गड्डियां भरी पड़ी थी सक्सेना ने कहा ये पैसा पड़ा है और ये रहा रजिस्टर इस पर हर एक लेबर का नाम दर्ज है और उसका कोड नंबर उसके साथ ही सामने इस कॉलम में उसे दी जाने वाली मजदूरी की रकम दर्ज की जाती है और इस आखिरी कॉलम में उनके दस्तखत या अंगूठे के निशान कल से तुम्हे इसी केबिन के बाहर उन सब को पेमेंट करनी है और उनके साइन ले कर बचा हुआ कैश और रजिस्टर वापस यही रख देना है और इस काम के लिए तुम्हे 8000 सैलेरी मिलेगी अलग से मैंने कहा जरूर सर ये तो आसान काम है और मुझे पैसों की जरूरत भी है इस टाइम फिर सक्सेना ने उस अलमारी में से ढूंढ कर एक मोबाइल फ़ोन निकाला ये एक एक रेडमी का 18000 रेंज का इस्तेमाल किया हुआ मोबाइल था उसने उसे ऑन किया तो वो ऑन हो गया और उसने वो मोबाइल मुझे पकड़ाते हुए कहा ये लो संजय बेटा स्मार्टफोन और कल से एकदम स्मार्ट बन जाओ ये मेरा ही फ़ोन है मैंने पिछले महीने नया ले लिया तो ये फालतू पड़ा हुआ है मैंने कहा सर कल से क्यों आज से ही और फिर सक्सेना ने अपने जेब से हजार रुपये निकाल कर मुझे दिए और बोला इसका चार्जर नही है मेरे पास ले लेना और सिम डाल कर रिचार्ज करवा लेना कल से इस साइट की काफी हद तक जिम्मेवारी तुम पर रहेगी कोई समस्या हो तो मेरे नंबर पर कांटेक्ट कर लेना मैं अब अगले हफ्ते ही यहां आऊंगा मैंने कहा ok सर फ़ोन के लिए thanks……
तभी चाचा ने केबिन में एंट्री की सक्सेना ने कहा आओ किशनपाल तुम्हारा भतीजा पहली परीक्षा में कामयाब हुए मैंने इससे तुम्हारी बहोत बुराई की पर इसने आखिर में यही कहा कि मैं तुम्हे काम से ना निकालूँ बल्कि ये तुम्हारे धीमे काम के बदले ओवरटाइम भी करने को तैयार है काश तुम्हारा बेटा अभय भी ऐसा ही होता चाचा ने मेरे पास आ के मेरी पीठ पर हाथ फेरते हुए कहा साहब मैंने तो पहले ही कहा था आपसे ये लड़का सबसे अलग है सक्सेना ने चाचा को बताया कि उन्होंने मुझे पैसे बांटने का एक्स्ट्रा काम दे दिया है इस पर चाचा सोचने की मुद्रा में आ गए सक्सेना ने पूछा अब क्या हुआ किशनपाल चाचा बोले अभी तक तो ये मेरे साथ ही बाइक से आता जाता था पर अब मुझे भी इसके चक्कर मे रोज देर तक रुकना होगा….. सक्सेना ने कहा एक काम करो मेरे घर पर एक पुरानी बाइक पड़ी है वो मैंने अपने पुराने नौकर के लिए ली थी लेकिन फिर वो काम छोड़ कर चला गया और अब जो आया है वो बाइक नही चला पाता तो वो बाइक फालतू पड़ी हुई कबाड़ हो रही है मैं कल उसे गैरेज भेज के सही करवा देता हूँ कल शाम को इसे मेरे घर भेज देना वो बाइक इसे दे दूंगा इसके काम आएगी चाचा बोले ठीक है साहब अब हम जाएं सक्सेना ने अलमारी और केबिन की चाभियों का दूसरा सेट मुझे पकड़ाया और हाँ में सर हिला दिया और हम उसे नमस्ते कर के बाहर आ गये चाचा ने अपनी बाइक की चाभी मुझे दी और बोले आज तू ही चला देखूं यहां के ट्रेफिक में चला लेगा या नही मैंने बाइक स्टार्ट की और चाचा बैठ गए फिर हम घर की ओर चल पड़े घर पहुंच कर मैंने बाइक खड़ी की और फिर बाजार आ गया अपने फ़ोन का एक चार्जर लिया उस पर नया कवर और ग्लास लगवाया अब वो लगभग नया फोन ही लग रहा था फिर मैंने अपने पुराने फ़ोन से सिम निकाल कर नए फ़ोन में डाला और उसमे नेट पैक वाला रिचार्ज करवाया और फोन पर नेट कनेक्ट होते ही मुझे बड़ी अच्छी फीलिंग आयी कल मेरे पास कुछ नही था पर आज मेरे हाथ में बढ़िया फ़ोन था जेब में 500 रुपये थे और कल मैं एक बाइक का मालिक भी बनने वाला था इसके अलावा अगर सब ठीक रहा तो मैं महीने के 25-30 हजार रुपये भी कमाने वाला था और इस सब के अलावा बबिता उसका सांवला सलोना भरा हुआ कामुक बदन जो हर बार मेरे लंड की बेताबी को बढ़ा रहा था और कल रात से आज सुबह तक घटी घटनाएं मुझे ऐसा लग रहा था मैंने कानपुर आने में इतनी देर क्यों कर दी यहां तो सब कुछ मिल रहा है बड़े आराम से यही सब सोचता हुआ मैं घर आ गया और अंदर घुसते ही मेरे कानों में चाचा की आवाज़ पड़ी वो चाची से कह रहे थे कि कैसे उनकी लाख कोशिशों के बाद भी अभय कुछ न कर सका और कैसे मैंने एक ही दिन में सक्सेना के ऊपर जादू कर के उससे कितने फायदे ले लिए मैं अंदर आया तो चाचा बोले बेटा संजय किसी तरह अभय को भी अपने साथ लगा कर लाइन पर ले आओ तो मैं तेरा अहसान मानूंगा मैंने कहा चाचा ऐसे मत बोलो मैं सोचता हूँ कुछ फिर मैंने चाची से पूछा बबिता कहाँ है तो वो बोली अभी तो आयी नही बस आती ही होगी कोई काम है उससे मैंने कहा काम तो नही है पर उसे होटल ले के जाना है उससे वादा किया था पहली कमाई होते ही उसे होटल में खाना खिलाऊंगा चाचा ने कहा पर बेटा अभी तो मैंने तुम्हे पैसे दिए भी नही तुम्हारी दिहाड़ी के फिर वो जेब मे हाथ डाल कर पैसे निकाल कर हजार रुपये मेरे हाथ पर रखते हुए बोले ये लो तुम्हारी दो दिन की कमाई वैसे तो 600 मिलते हैं तुम्हे रोज के पर चूंकि तुम यहाँ रहोगे खाओगे तो तुम्हे 500 ही मिलेंगे मैंने कहा ठीक है चाचा और तभी बबिता घर मे दाखिल हुए मैंने उसे देखते ही कहा बबिता चल जल्दी से तैयार हो जा होटल चलना है खाना खाने उसने हैरानी से मुझे देखा और बोली दो दिन में ही इतने पैसे कमा लिए मैंने कहा उस से भी ज्यादा अब जल्दी कर तैयार हो जा वो अपने रूम में घुस गई और फिर दूसरे कपड़े ले कर बाथरूम में चली गयी 10 मिनट में वो नहा कर कपड़े बदल कर निकली उसने क्रीम कलर की लेगिंग और गुलाबी कुर्ती पहनी थी उसके निकलते ही मैं बाथरूम में घुस गया और नहा कर गमछा लपेट कर बाहर निकला मेरा बैग उसी के रूम में था तो मैं उसके रूम में चला गया वो अपने बाल संवार रही थी मैंने बैग से अपनी इकलौती अच्छी जीन्स और टीशर्ट निकाली और पहन कर बबिता के पास आ गया वो कमरे की दीवार में अलमारी के पास लगे हुए छोटे शीशे में खुद को निहारते हुए अपने सांवले से होठो पर लिपस्टिक लगा रही थी पहली बार मैं उसके इतने पास आया था मुझे भी कंघी करनी थी पर वो छोटा सा शीशा था और वो पूरी तरह से शीशे के सामने थी तो मैं उसके पीछे जा कर खड़ा हुआ मेरी लंबाई उससे काफी ज्यादा थी लगभग 10 इंच और मैं किसी तरह झांकते हुए शीशे में देख कंघी करने लगा तभी बबिता थोड़ा सा पीछे को हुई उसकी उभरी हुई गांड़ मेरे लंड पर आ चिपकी मुझे लगा उसने जान बूझ कर ऐसा किया है पर मुझे भी अच्छा लग रहा था इसलिए मैं कंघी करते हुए अपनी कमर को थोड़ा आगे को पुश करने लगा जिससे मेरा लंड अच्छी तरह से बबिता की फुले हुए मोटे चूतड़ों पर दबने लगा कंघी कर के भी मैं वैसे ही खड़ा रहा और शीशे में गौर से बबिता को देखने लगा एक तो उसका सांवला रंग उस पर फुले हुए चमकदार गाल गोल चेहरा बड़ी बड़ी आंखे कुल मिला कर बहोत सेक्सी लग रही थी मुझे मैंने कहा तैयार हो तो चलें उसने मुस्कुराते हुए गर्दन हिलाई और मेरे लंड से चिपकी हुई गांड़ को मटकाती हुई चल दी मैं भी उसके पीछे बाहर आ गया और चाचा से बाइक की चाभी मांगी उन्होंने कहा बबिता मेरे कुर्ते की जेब से चाभी निकाल ले और बबिता ने चाभी ला कर मुझे थमा दी फिर हम बाहर आये और मैंने बाइक स्टार्ट की और बबिता उछल कर मेरे पीछे बैठ गयी पर वो दोनो पैर एक साइड कर के लड़कियों जैसे बैठी थी मैंने बाइक आगे बढ़ा दी और अगले चौराहे आ कर उस से पूछा किधर चलना है मुझे कोई आईडिया नही है वो बोली सस्ते होटल में चलना है या महंगे मैंने कहा सबसे अच्छे होटल में चलो पहली बार तुम्हे ले के जा रहा हूँ सस्ते में क्यों चलें तो उसने पूछा पैसे तो हैं उतने मैंने कहा हां हजार रुपये हैं इससे ज्यादा का तू नही खा सकती एक बार मे तो वो मेरी पीठ पर मुक्का मारते हुए बोली भैया इतना भी नही खाती हू मैं फिर वो रास्ता बताती रही और मैं बाइक चलाता रहा लेकिन अगले ही चौराहे पर रेड सिग्नल था तो मैंने बाइक रोक दी और फिर वो बाइक से उतर गई मैंने पीछे मुड़ के देखा तो वो फिर से बाइक पर बैठ गयी पर इस बार वो क्रॉस लेग से बैठी थी लड़को की तरह और बोली मुझे डर लग रहा था कही आप गिरा ना दो मैंने कहा तो अच्छे से पकड़ ले मुझे कस कर तभी ग्रीन लाइट हुई और मैंने जानबूझ कर झटके से बाइक बढ़ा दी और झटका लगते ही बबिता ने दोनों हाथों से मेरी टीशर्ट पकड़ ली मैंने एक ही अच्छी टी शर्ट है मेरे पास वो भी फाड़ देगी क्या कपड़े ना पकड़ मुझे पकड़ और फिर उसने मेरी कमर में हाथ डाल कर अच्छे से मुझे पकड़ लिया और उसकी लगभग 40 साइज की भारी चुचियाँ मेरी पीठ में धंस गयी उसकी नरम चुचियो का स्पर्श बड़ा अच्छा लग रहा था मुझे फिर लगभग 20 मिनट की ड्राइव के बाद उसने एक रेस्टोरेंट के बाहर बाइक रुकवाई रास्ते मे मैंने उसे आज की अपनी कामयाबी के बारे में बताया नया फोन नई बाइक और 8000 कि अतिरिक्त सैलेरी के बारे में बताया ये सब सुन कर वो खुश होती रही….. फिर हम रेस्तरां में गए और कॉर्नर की एक टेबल पर बैठ गए वो मेरे सामने बैठी थी तभी वेटर आया और मेन्यू दे गया मैंने वो उसे पकड़ा दिया और बोला आर्डर मैडम देंगी….. उसने दो तीन बार ऊपर से नीचे तक मेन्यू पर नजर फिराई और फिर कढ़ाई पनीर दाल मखनी बैगन भरता और बटर नॉन आर्डर किया वेटर चला गया तो वो चहक कर बोली अपना फोन दिखाओ भैया मैंने जेब से फोन निकाल कर उसे दे दिया उसने उसे ऑन कर के एप्प्स देखने शुरू कर दिए और मैं गौर से उसके सांवले मुखड़े को निहारे जा रहा था……
तभी अचानक टेबल के नीचे से उसका पैर मेरे पैर को टच हुआ और मैंने एक पैर की चप्पल निकाल कर पैर के अंगूठे से उसके पैर को कुरेदना शुरू कर दिया ये करते हुए मैं अपनी गर्दन घुमा घुमा कर रेस्तरां में इधर उधर देख रहा था उसने एक बार मेरी ओर देखा पर जल्दी ही वो वापस फ़ोन में बिजी हो गयी मैं लगतार अपने अंगूठे को उसके पैर पर फिरा रहा था पहले पंजे पर और अब थोड़ा सा ऊपर उसकी लेगिंग के ऊपर से ऊपर पिंडली के पास पर वो बेखबर सी फ़ोन में लगी हुई थी तभी वो बोली भैया मैने वो फोल्डिंग सही करा दिया था दिन में आज से हम दोनों जमीन पर नही सोएंगे और मैंने नाईट बल्ब भी खरीद लिया पर उसे लगा आप देना बहुत ऊपर है मैंने कहा ठीक है मैं घर जा कर लगा दूंगा तभी वो बोली अरे वाह इस पर तो नेट भी चल रहा है मैंने कहा हां अब तुम रात में आराम से वीडियो देख सकती हो उसने एक बार मेरी ओर देखा फिर शर्मा कर नजर झुका ली पर उसकी आँखों मे थोड़ा गुलाबी रंग आ रहा था धीरे धीरे शायद मेरे पैर की हरकत से वो गरम हो रही थी तभी वेटर हमारा आर्डर ले आया और हम खाना खाने लगे वाकई में बड़ा लाजवाब खाना था 3-3 बटर नॉन खाने के बाद मैंने एक प्लेट राइस मंगवा लिया चावल खाने के बाद मैंने रसमलाई और icecream भी आर्डर कर दी बबिता बोली बस करो भैया फिर कभी देखेंगे मैंने कहा आज मौका मिला है तो खा पी लो फिर की फिर देखेंगे रसमलाई और टेस्टी icecream खा कर हमारा पेट और मन भर गया था मैंने वेटर से बिल लाने को कहा 680 कि बिल था 700 रुपये वेटर को दे कर हम उठ लिए बाहर आये मेरा एक सिगरेट पीने का मन हुआ वैसे तो मैं किसी तरह के नशे का लती नही हूँ पर कभी कभी सब कुछ कर लेता हूँ मैंने कहा बाबिता मैं एक सिगरेट पी सकता हूँ उसने कहा भैया आप सिगरेट भी पीते हो मैंने कहा नही ऐसी कोई आदत नही है बस कभी कभार जब अच्छे मूड में होता हूँ तो उसने कहा ठीक है ले लो पर यहां मत पीने लगना ये शहर है ऐसे पब्लिक प्लेस में स्मोकिंग नही कर सकते यहां मैंने कहा ठीक है और फिर एक goldflak और माचिस ले कर जेब मे डाल ली और बाइक स्टार्ट कर दी बबिता मेरे पीछे मेरी कमर में हाथ डाल कर अपनी रसीली चुचियाँ मेरी पीठ पर दबा कर बैठ गयी और मेरा लंड धीरे धीरे गरम होने लगा….., अभी 10 से ऊपर का वक़्त था सड़को पर ट्रेफिक कम था एक खाली सड़क से गुज़रते हुए मैंने कहा बबिता एक बात कहूँ वो बोली हाँ भैया बोलिये ना मैंने कहा तुम मेरे बारे में क्या सोचती हो वो बोली मैं समझी नही भैया आप मेरे भैया हैं और मुझे बहोत पसन्द हैं अभय से भी ज्यादा मैंने कहा बस इतना ही या कुछ और वो बोली मैं समझ नही पा रही आपकी बात को मैंने कहा देखो बाबिता कल से आज तक काफी कुछ ऐसा हुआ है जो कि एक भाई बहन के बीच नही होना चाहिए पर फिर भी हुआ इसके बाद मैं थोड़ा अजीब सा महसूस कर रहा हूँ चूंकि हमारा रिश्ता भाई बहन का है इसलिए मैं ये निर्णय नही कर पा रहा हूँ कि ये सब होने दूँ या इसे यही रोक दूँ….. बबिता ने कोई जवाब नही दिया मैंने कहा बबिता प्लीज जवाब दो इस पर बबिता ने कहा एक बात बताइए जब मैं आपको भैया कहती हूँ तब आपको कैसा लगता है मैंने कहा सच कहूं तो मुझे अच्छा नही लगता वो बोली क्यों मैंने कहा पता नही पर मुझे ऐसा लगता है कि तुम मुझे भैया की बजाय संजय कहो तो ज्यादा ठीक रहेगा ये सुन कर बबिता की बाहें मेरे पेट थोड़ी सी कस गयीं और उसकी चुचियाँ और अच्छे से मुझे अपनी पीठ पर महसूस होने लगी तभी मुझे उस पार्क का गेट दिखा जिसमे कल हम टहलने आये थे मैंने बाइक पार्क गेट ले बगल में खड़ी की बबिता बाइक से उतर गई और फिर हम पार्क के अंदर को चल पड़े……..

continued…
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#8
पार्क के अंदर आज एकदम सन्नाटा था साढ़े 10 बज रहे थे और इस टाइम हम दोनों ही थे पार्क में मैं और बबिता साथ चलते हुए पार्क में थोड़ा अंदर की ओर आ गए और फिर एक बेंच पर बैठ गए यहां रोशनी कुछ कम थी मैंने जेब से सिगरेट निकाल कर जलाई और कश ले कर बोला बोलो बबिता अब जवाब दो मेरी बात का वो थोड़ा हिचकते हुए बोली संजय मुझे भी तुम्हे भैया कहना खास अच्छा नही लगता पर घर मे अम्मा और पिताजी के सामने नाम भी तो नही ले सकती इतना कहते हुए उसने मेरे हाथ से सिगरेट ले ली और एक गहरा कश ले लिया मैंने हैरानी से उसे देखा तो वो मुस्कुरा कर बोली बस आपकी तरह कभी कभी मैंने सर हिलाते हुए कहा ठीक है कोई नही फिर मैंने कहा अगर निभा सको तो इतना करो कि घर पर सबके सामने भैया कह लेना लेकिन अकेले में संजय ही कहना….. उसने एक और कश लेते सिगरेट मुझे वापस कर दी और बोली संजू कैसा रहेगा मैंने उसकी आँखों मे देखते हुए कहा बहोत अच्छा और इसी के साथ बाबिता ने मेरी ओर झुकते हुए मेरे सर के पीछे हाथ डाल कर मेरे बालो को मुट्ठी में जकड़ा और मुझे अपनी ओर खींच कर मेरे नरम गुलाबी होठो पर अपने सांवले रसीले होंठ रख दिये और एक गहरा गीला किस ले के मुझे छोड़ दिया फिर धीरे से बोली संजू ये आज की इस ट्रीट का रिटर्न् गिफ्ट था मेरी ओर से…… मैं उस से ऐसी कोई उम्मीद नही कर रहा था पर जो भी हुआ वो अच्छा ही था मैं भी तो यही चाहता था पर चूंकि वो रिश्ते में मेरी बहन थी इसलिए कुछ बातें क्लियर करना जरूरी था….. मैंने कहा बबिता इतने छोटे से गिफ्ट में मेरा कुछ भला नही होने वाला तो उसने धीरे से यहां इस जगह इस से बड़ा गिफ्ट नही मिल सकता कोई आ गया तो मैंने कहा मैं इसी समय थोड़े कुछ मांग रहा हूँ उसने कहा फिर सब्र रखो समय आने पर सब मिल जाएगा मैंने सम्हलते हुए कहा बबिता तुम्हे याद है ना हमारा रिश्ता क्या है और हमारा समाज ऐसे रिश्तों की इजाजत नही देता उसने थोड़ा रुक कर कहा संजू मेरी उम्र 24 साल है उस पर मैं एकदम काली हूँ तो कोई लड़का मुझे पसन्द नही करता यहां शहरमे हर लड़की का बॉयफ़्रेंड है जिसके साथ वो घूमती फिरती हैं ऐश करती हैं मज़े लेती हैं जिंदगी के एक तो हमारी गरीबी बाबूजी किसी तरह घर का खर्चा चलाते हैं उस पर भी मेरा रंग रूप उन्हें हमेशा मेरी शादी की चिंता रहती है भाई निकम्मा है इसी सब से परेशान हो कर मैंने खाना बनाने का काम पकड़ा है 7-8 हजार कमा लेती हूं लेकिन इतने से मेरी शादी लायक पैसे शायद ही कभी इकट्ठे हों और अगर कभी मेरी शादी हुई भी तो जैसी मैं हूँ वैसे ही लड़के से होगी और तुम मुझे शुरू से ही अच्छे लगते हो संजू मैं जानती हूं हमारे रिश्ते की वजह से हम कोई नया रिश्ता नही बना सकते पर इस पुराने रिश्ते के अलावा हम एक और रिश्ता बना लें एक दूसरे के दोस्त साथी बन जाएं मैं जानती हूं तुम भी जवान हो खूबसूरत हो तुम्हारी भी कुछ जरूरतें हैं जो कि गांव में पूरी भी होती थीं शायद लेकिन यहां कैसे करोगे उन्हें पूरा दिन भर काम करोगे रात में बाबूजी कहीं जाने नही देंगे तुम्हे हम दोनों एक दूसरे के काम आ सकते हैं माना कि मैं बहोत खूबसूरत नही हूँ पर ये सच है मैं तुम्हें बेहद पसन्द करती हूं……. मैं सिगरेट पीते हुए गौर से उसकी बातें सुन रहा था जैसे ही वो चुप हुई मैंने सिगरेट उसकी ओर बढ़ा दी उसने सिगरेट ले कर कश लिया और मैंने बोलना शुरू किया……
ये सच है बबिता की तुम बहोत खूबसूरत नही हो पर मैं अपनी पसंद का क्या करूँ मुझे गोरी लड़कियां में कोई रुचि ही नही है मेरी पसन्द तुम ही हो बबिता मुझे सांवले रंग से बहोत बहोत प्यार है और तुम्हारा रंग और तुम्हारा मस्त बदन मुझे पागल कर देता है मुझे लगता है कि मुझे तुमसे प्यार हो गया है हांलाकि इस प्यार का कोई अंजाम नही होगा पर फिर भी मुझे ऐसा लगता है कि तुम्हें पा कर मेरी जिंदगी बदल जाएगी बबिता ने आखिरी कश लगा कर सिगरेट फेंकदी और मेरी आँखों मे झांकते हर बोली सच मे तुम मुझसे प्यार करते हो संजू मैंने कहा हाँ मेरी जान अभी तो बोला तुम्हे मुझ पर यकीन नही क्या वो बोली यकीन है संजू पूरा यकीन है फिर वो बोली संजू ऐसा है किस्मत में जब तक और जहां तक लिखा है आज से हम एक दूसरे के हैं बाकी अगर कभी अलग होना पड़ा तो उसका ना तुम अफसोस करोगे ना मैं मैंने कहा बस यही मैं समझाना चाहता था तुम्हे कोई भी नया रिश्ता बनाने से पहले वो मुस्कुरा दी और काले होंठो के बीच से उसके मोतियों ऐसे दांत चमकने लगे और मैंने एक बार फिर उसके होठों को प्यार से चुम लिया ऊम्म्म्म् फिर वो बोली अब घर भैया काफी टाइम हो गया बाकी बातें कमरे में कर लेंगे मैंने कहा ठीक है पर मुझे जोर से सूसू आयी है वो बोली आयी तो मुझे भी है मैंने कहा तो कर लो कल जैसे ही मेरा भी कुछ भला हो जाएगा वो दांत दिखाते हुए बोली कल आपका तो भला हो गया था पर मेरा कोई भला नही हुआ था तो मैंने कहा चलो पहले मैं ही तुम्हारा भला कर देता हूँ और मैंने खड़े हो बेंच के साइड में आ कर अपनी ज़िप खोल कर लंड बाहर निकाल लिया जो कि लगभग खड़ा ही था 9 इंच का मस्त मोटा गुलाबी लंड बबिता के चेहरे से दो फुट की दूरी पर था वो बड़ी दिलचस्पी से मेरा लंड देखने लगी और मैं उसे दिखा दिखा कर हिलाते हुए मूतने लगा…….
मूतने के बाद लंड थोड़ा नरम हुआ और मैं उसे अंदर करने ही लगा था कि बबिता ने हाथ बढ़ा कर मेरा लंड पकड़ लिया और सहलाते हुए बोली मस्त है संजू मैंने कहा घर चल कर अच्छे से खेल लेना इसके साथ फिर वो उठ खड़ी हुई और वही मेरे बगल में आ कर अपनी कुर्ती उठा कर लेगिंग और पैंटी सरका कर बैठ गयी और मूतने लगी उसकी बुर से तेज सीटी जैसी आवाज़ आ रही थी जिसे सुन कर उसकी काली चमकती गांड़ देख कर मेरा लंड पागल सा होने लगा…….. पूरे एक मिनट तक मूतने के बाद जब वो खड़ी हुई तो मैंने भी उसके चूतड़ पर हाथ रख दिया उफ्फ गजब के नरम पर कसे हुए चूतड़ थे उसके मुझे तो ऐसा लगा जैसे मेरी लाटरी लग गयी हो मैंने दो तीन बार मुट्ठी में भर कर उसकी गांड़ को दबाया तो उसने सर मेरे सीने पर टिका दिया और बोली संजू क्यों पागल कर रहे हो मुझे मैंने कहा चलो अभी ज्यादा पागल नही करता घर चलते हैं और फिर उसने कपड़े सही किये और हम पार्क से बाहर को चल पड़े बाहर आ कर मैंने बाइक स्टार्ट की और बबिता फिर से वैसे ही ज्यादा ही चिपक कर बैठ गयी और मेरे बाइक बढ़ाते ही उसका हाथ मेरे लंड पर आ गया और वो उसे सहलाने लगी ऐसे ही मस्ती करते हुए 5 मिनट में हम घर आ गए उसने दरवाजा खुलवाया मैंने बाइक अंदर लगाई और फिर मैं सीधा रूम में चला गया अंदर जाते ही देखा उसके फोल्डिंग के पास एक और फोल्डिंग दीवार से लगा हुआ रखा था तभी बबिता भी अंदर आ गयी उसने पंखा चलाया कमरे का दरवाजा बंद किया बोली संजू ये फोल्डिंग डलवा दो मैंने एक साइड पकड़ कर वो फोल्डिंग डलवाया उसने मेरा फोल्डिंग अपने फोल्डिंग से एकदम सटा कर डाला अब वो एक बेड जैसा बन गया था फिर उसने उस पर बिस्तर बिछा कर तकिया और चादर रख दी फिर उसने अलमारी से एक नाईट बल्ब निकाला और मुझे पकड़ा कर बोली लो इसे लगा दो मैंने देखा तो वो होल्डर मेरी पहुंच से भी एक फुट ऊपर निकला मैंने कहा ऐसे तो मैं भी नही लगा पाऊंगा तो वो बोली रुको मैं बाहर से स्टूल लाती हूँ मैंने कहा कुछ मत ला बस तू इधर आ जा और जब वो पास आई तो मैंने उसे कंधों से पकड़ कर होल्डर के एकदम नीचे खड़ी किया उसके हाथ मे बल्ब पकड़ाया और झुक कर उसे कमर से पकड़ कर उठा लिया उसके नरम पेट पर मेरा चेहरा धंसा हुआ था मैंने कहा लगा बल्ब उसने जल्दी से बल्ब लगाया पर मैंने फिरभी उसे नही छोड़ा और उसके पेट पर अपना चेहरा रगड़ने लगा वो मेरे बालो में हाथ फिराने लगी और मेरी हरकत को एन्जॉय कर रही थी….. फिर मैंने उसे नीचे उतारा तो वो बोली कपड़े बदल लो मैं भी बाथरूम से चेंज कर के आती हूँ मैंने उसकी बांह पकड़ी और कहा जी नही कोई जरूरत नही है जो करना है यहीं करो मेरे सामने वो कसमसाते हुए बोली पर मेरे कपड़े तो बाथरूम में ही हैं उन्हें लाये बिना कैसे चेंज करूँ मैंने कहा वैसे कपड़ो की खास जरूरत है भी नही जानेमन थोड़ी ही देर में मैं तुम्हे नंगी करने वाला हूँ वो हंस पड़ी और बोली ठीक है फिर नही करती क्या फायदा वो हंस दी और हाथ छुड़ा कर जा कर बिस्तर पर लेट गयी मैंने भी अपने कपड़े खोल कर एक ओर फेंके और लाइट ऑफ कर के नाईट बल्ब जला कर सिर्फ अंडरवियर में आ गया बिस्तर पर मैं बबिता के बगल में लेट गया गांव के खेत मे किसी के देख लेने के डर के साथ सुनीता को चोदने में और आज बबिता के साथ बंद कमरे में थोड़ा निश्चिंत हो कर लेटने का फर्क मुझे महसूस हो रहा था बबिता ने मुह दूसरी ओर कर रखा था शायद शर्म की आखिरी दीवार हमारे बीच थी जिसे मुझे तोड़ना था तभी मुझे कुछ याद आया मैंने ढूंढ कर पैंट की जेब से अपना फ़ोन निकाला और ब्राउज़र पर पोर्न वीडियो लिख कर सर्च मार दिया अगले पल ही सैकड़ो पोर्न साइट्स की लिस्ट स्क्रीन पर थी मैंने पहली पर ही क्लिक किया और पोर्न का खजाना मेरे सामने था थोड़ा स्क्रोल करने के बाद एक थ्रीसम वीडियो नजर आगयी दो ब्लैक गर्ल्स और एक गोरा अंग्रेज मैंने वो प्ले कर दी और वॉल्यूम इतना कम कर दिया कि आवाज़ कमरे से बाहर ना जा सके आवाज़ कान में पड़ते ही बबिता ने घूम कर देखा और फिर मेरी ओर मुह कर के लेट गयी हांलाकि अभी हम दोनो अपने अपने फोल्डिंग पर थे और हमारे बीच डेढ़ दो फुट की दूरी थी…..
वीडियो की शुरुवात में दो काली लड़कियां आपस मे फोन पर बात करती हैं फिर उनमें से एक अपने बॉयफ्रेंड को कॉल कर के घर बुलाती है कुछ देर में ही दूसरी लड़की और उसका बॉयफ्रेंड दोनो बारी बारी उसके घर पहुंचते हैं फिर वो तीनो बैडरूम में जाते हैं और वहां दोनो लडकिया उसे बेड के चारो कोनो दे रस्सी से बांध देती हैं फिर धीरे धीरे उसके कपड़े उतार कर उसे एकदम नंगा कर देती है उसके बाद एक लड़की कपड़े सुर सैंडल पहने बेड पर चढ़ कर उस लड़के को अपने सैंडल और पैर चाटने को कहती है और वो लड़का किसी गुलाम जैसे उसके सैंडल चाटने लगता है और फिर वो सैंडल उतार कर अपने पैर के तलवे उस लड़के से चटवाती है ये सब देख कर मेरा लंड राकेट हो रहा था और मेरे मन में भी ऐस ही कुछ करने का इरादा आने लगा मैंने एक नजर बबिता की ओर देखा वो गौर से वीडियो देखते हुए एक हाथ अपने सीने पर फिरा रही थी मैंने उंगली के इशारे से उसे पास बुलाया और वो जैसे मेरे बुलाने का ही इंतजार कर रही थी वो खिसक कर एकदम मेरे पास आगयी और करवट ले कर मेरे कंधे पर सर रख कर लेट गयी उसके बालो से भीनी भीनी खुशबू आ रही थी मैंने बांह मोड़ कर अपना हाथ उसके सीने पर रख दिया उसकी नरम और बड़ी चूची मेरे हाथ मे समा नही रही थी पर मैं धीरे धीरे उसकी चूची को सहलाते हुए वीडियो देखने लगा अब दूसरी लड़की भी बेड पर चढ़ चुकी थी ये थोड़ी मोटी थी बबिता जैसी उसने अपनी स्कर्ट और पैंटी घुटनो तक सरकाई एयर सीधा उस गोरे के मुह पर बैठ गयी और गोरा अपनी नाक और होंठ उसकी काली गांड़ पर रगड़ने लगा दूसरी लड़की गोरे के खड़े लंड को अपने पैरों से मसल रही थी…… मैंने कहा बबिता अब मौका भी है और सही जगह भी लंड इंतजार कर रहा है कि तुम कब उसे पकड़ोगी उसने बिना कुछ कहे अपना हाथ मेरे लंड पर रख दिया और अंडरवियर के ऊपर से ही उसे सहलाने लगी…..
मैंने कहा बबिता लड़कियों को गांड़ चटवाने में बहोत मज़ा आता है क्या उसने मेरे कान के पास धीरे दे कहा मैं क्या जानू मैंने कहा चेक कर के देख लो वो बोली कैसे मैंने कहा मुझे चटवा कर देख लो तुम्हे मज़ा आता है या नही वो बोली संजू क्या कह रहे हो मेरी गांड़ चाटोगे तुम मुझे यकीन नही हो रहा मैंने सच कह रहा हूँ जान कल से तेरी मस्त गांड़ देख कर मेरे मुह में पानी आया हुआ है अब और न तड़पा रानी जल्दी से अपनी मस्त चिकनी गांड़
का स्वाद चखा दे मुझे ये सुन कर वो धीरे से उठी और फोल्डिंग से नीचे उतर कर अपनी कुर्ती और पजामी निकाल दी और फिर अपनी पैंटी भी निकाल दी मैं हल्की रोशनी में उसका मस्त नंगा बदन देख रहा था फिर वो अपनी ब्रा भी खोलने लगी और मैंने फ़ोन बिस्तर पर फेंक दिया और जल्दी से उठ कर जा कर कमरे की दोनो लाइट ऑन कर दी और एक बार फिर से कमरे का दरवाजा चेक कर के दोनों खिड़कियां अंदर से बंद कर के उन पर पर्दे डाल दिये में नही चाहता था किसी को पता चले कि हम जाग रहे हैं……
इतना सब कर के मैं मुड़ा तो देखा बबिता बिस्तर पर सिमटी हुई बैठी है सिर्फ उसकी मोटी मोटी जांघे बाहें और नंगी पीठ ही नजर आ रही थी वो एक भरपूर जवान औरत जैसी लग रही थी भले ही मैं उस से 3 साल बड़ा था पर अभी नंगी होने के बाद वो ही बड़ी लग रही थी मैं उसके नंगे जिस्म को देख कर गरम हो रहा था जो बदन देखने मे इतना रसीला और मज़ेदार है वो आगे कितने मज़े देगा उफ्फ मैं उसके पास आया वो शर्म से नजरें झुकाए बैठी थी मैंने उसके चेहरे को ऊपर उठाया वो सर उठा कर भी नजरें झुकाए रही और बोली लाइट क्यों जला दी मैंने कहा अंधेरे में इस हुस्न के खजाने को जी भर के कैसे देख पाता…. इस बार उसने मेरी आँखों मे देखा मुझे उसकी गहरी काली आंखों में अजीब सी चमक दिखी वो फुसफुसा कर बोली सच कह रहे हो संजू मैं पसन्द आयी तुम्हे मैंने कहा यार कैसे साबित करूँ तुम ही बता दो मुझे अब वो थोड़ खुल कर बैठ गयी उसकी मोटी मांसल फूली हुई काली चुचियाँ मुझे नजर आने लगी और उसके नीचे उसका उभरा हुआ पेट और गहरी नाभि सब मिला कर वो कमाल थी…..
वो बोली ऐसे क्या देख रहे हो संजू मैंने कहा जी भर के देख रहा हूँ अपनी रानी को कितनी हसीन है वो वो हंसते हुए बोली बातें बनाना कोई आपसे सीखे मैंने उसे कंधों से पकड़ा और बिस्तर पर लिटा दिया अब मेरी नजर उसकी जांघो के बीच उसकी चूत पर पड़ी और मेरे मुह में पानी ही आ गया दो इंच लंबी घनी झांटो के बीच झांकती हुई फूली हुई काली काली कसी हुई बुर जिसकी क्लिट काफी बड़ी किसी छोटे बच्चे के लंड जैसी थी वो देख कर उत्तेजना से मेरा बुरा हाल हो गया मैं एकदम से झुक कंसर उसकी झांटो पर होठ रगड़ने लगा बबिता सिसक उठी और मेरे बालो को पकड़ कर मेरे मुह को अपनी बुर पर दबाने लगी उसकी कड़ी कड़ी क्लिट बार बार मेरे होठो पर लग रही थी और फिर मैंने मुह खोल कर उसकी क्लिट अपने होठो में दबा ली और उसे लंड जैसे चूसने लगा बबिता के होठो से सिसकारी फूटने लगी और उसके बदन को झटके लगने लगे…… वो अपने हाथों से अपनी चुचियाँ मसलने लगी और मैं आंखे मूंद कर उसकी क्लिट को जीभ से चाट चाट कर चूसने लगा दो मिनट तक उसे सुख देने के बाद मैं अलग हट गया उसने अपनी नशीली आंखे खोल के मेरी ओर देखा मानो कह रही हो क्यों छोड़ दिया और चुसो ना पर मैं उसके पास आ कर झुक के उसके कान में फुसफुसाया बबिता उस वीडियो जैसे ही तुम भी ऊपर से से कर मुझे चटवाओ ना प्लीज और इस बार बबिता ने देर नही की उसने मेरा हाथ पकड़ कर खींच कर मुझे फोल्डिंग पर बिठाया और मुझे बाहों में भर के मेरे होंठ अपने काले काले होंठो में दबा कर जोर से चूसने लगी चूसते चूसते उसने अपनी जीभ ठेल कर मेरे मुह में डाल दी ये नया ही मज़ा मिला मुझे मैंने कभी सुनीता और पिंकी को लिप किस भी नही किया था पर बबिता की सांसों से अनोखी खुशबू आ रही थी और मैं भी उसकी जीभ को चाटते हुए उसके मुह के रस को चखने लगा दो मिनट तक हम ऐसे ही अपनी जीभ एक दूसरे के मुह में डाल डाल कर चाटते रहे फिर उसने मुझे धक्का दे कर बिस्तर पर गिरा दिया और मुझ पर झुक कर अपनी अपनी एक चुंची मेरे होठो पर रगड़ने और बोली संजू मेरे चूचे कैसे लगे तुम्हे मैंने चुचियो पर होठ रगड़ते हुए कहा जान पूछो मत तुम ऊपर से नीचे तक मज़ेदार हो एक एक अंग रसीला है तुम्हारा मेरा तो दिमाग नही काम कर रहा क्या चूसूं क्या चाटू वो उसकी नाक से गरम भाप जैसी निकल कर मेरे चेहरे से टकरा रही थी और वो किसी नागिन जैसे फुंफकार कर बोली संजू मेरे राजा चूस ले ना मेरे चूचे कस कस के काट काट के बहोत तरसी हूँ 5-6 साल से कोई इस बदन को नोचे काटे खसोटे मैंने मुह खोल कर उसकी लंबी सी एकदम गहरी काली निप्पल को मुह में भर लिया और उस पर जीभ फिराने लगा और चाटते हुए कस के दांत गड़ा कर काट लिया बबिता ने आह भर कर हाथ बढ़ा कर मेरा सख्त लंड पकड़ लिया और उसे मुठियाने लगी और बोली संजू अब तो रोज रात को ऐसे ही मस्ती करेंगे हम दोनों नंगे हो के मैंने चूची मुह से निकाल कर कहा हाँ रानी जब तक तेरी शादी ना हो जाये या मुझे यहां से जाना ना पड़े वो अपनी चूची वापस मेरे मुह में ठेलते हुए बोली संजू मेरी शादी हो भी जाये तो भी कभी कभी आ जाना मेरे पास मेरी शादी भले किसी से भी हो पर इस जिस्म पर पहला हक तुम्हारा ही रहेगा….. वो सिसकते हुए बोलती रही aaahhhhh संजू कितना मीठा मीठा दर्द हो रहा है मेरे निप्पल में जब तुम इसे दाँत से काट रहे हो और काटो….. मैंने जोश में आ कर ज्यादा ही जोर से दांत गड़ा दिए उसके निप्पल के चारो ओर के काले घेरे पर और हल्का सा चीख उठी पर फौरन ही अपने मुह पर हाथ रख कर सिसकने लगी और बोली हाय मैं मर जाऊंगी संजू मैं पागल हो रही हूं मेरी बुर से पानी टपक रहा है मैंने फिर से उसकी चूची से मुह हटा कर कहा बबिता रानी मुझे अपनी बुर का पानी चखा दो ना कब दे तरस रहा हूँ तेरी बुर का स्वाद चखने को वो तुरंत ही उठ खड़ी हुई और फोल्डिंग पर चढ़ आयी पर फोल्डिंग की एक टांग कुछ छोटी थी तो वो खट खट की आवाज़ कर रहा था वो फिर से नीचे उतर गयी और मैं बस नजर भर के उसकी मोटी कमर भारी जांघे काले काले फुले हुए चूतड़ और मस्त लटकी हुई चुचियाँ देख रहा था उसने उतर कर मेरा हाथ पकड़ कर मुझे उठने का इशारा किया और फिर फोल्डिंग से गद्दे उठा कर जमीन पर डाल दिये दोनो गद्दे एक के ऊपर एक डालने से वो काफी मुलायम हो गया और फिर तकिया रख कर मुझसे बोली लेट जाओ संजू….., मैं चुपचाप नीचे पड़े गद्दों पर लेट गया
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#9
मेरे लेटते ही वो अपनी मोटी गांड़ हिलाती हुई मेरे पास आ गयी और फिर मेरे सर की ओर आ कर अपने पैर फैला कर एक एक पैर मेरे सर के दोनों ओर रख कर खड़ी हो गयी मुझे इस पोजीशन में बबिता की नंगी बुर और मोटे चूतड़ साफ नजर आ रहे थे फिर वो धीरे धीरे बैठने लगी अपने पंजो पर उसने अपना चेहरा मेरी ओर ही किया था वो मेरी आँखों मे देख रही थी मुस्कुरा रही थी और मेरी आँखों मे प्यास झलक रही थी जिसे महसूस करते हुए उसने अपना एक हाथ पीछे ले जा कर मेरे लंड की अपने हाथ की गिरफ्त में ले लिया और उसे दबाते हुए सहलाने लगी उसके हाथ काफी नरम थे मेरा लंड आग जैसे तप रहा था मेरी ओर फेस कर के पीछे को झुक कर लंड पकड़ने की वजह से उसकी चूत का हिस्सा मेरे चेहरे के सामने खुल कर उभरा हुआ था और उसकी लंबी सी क्लिट मुझे ललचा रही थी मैंने अब तक दो चूत सामने से नंगी देखी थीं और पोर्न में सैकड़ो चूते देख चुका था पर ऐसी अजीब सी क्लिट मुझे कभी नही दिखी लगभग ढाई तीन इंच लंबी और और नीचे से मोटी और ऊपर आते हुए पतली होती गयी और एकदम टिप पर छोटे से लंड के सुपाड़े जैसी आकृति बनी हुई थी मैं बस गौर से उसे देखे जा रहा था तभी बबिता ने मुझसे पूछा क्या हुआ संजू मैंने उसकी आँखों मे देख कर कहा बहोत सेक्सी और मस्त बुर है रानी तेरी खास कर ये जो स्पेशल चीज है तेरी बुर पर ये इसे और भी खूबसूरत बना रही है बबिता ने कहा संजू ये मुझे भी अजीब ही लगती है मैंने भी आज तक किसी की बुर पर ऐसी चीज नही देखी मुझे पोर्न देख कर थोड़ा ज्ञान हो चुका था तो मैंने फौरन ज्ञान बघारते हुए बताया कि इसे क्लिट कहते हैं चूत का दाना और लड़कियों को इसे छूने या चूसने पर उत्तेजना होती है वैसे ये छोटा सा होता है पर रेयर केस में इतना बड़ा होता है शायद लाखों में किसी एक का….. फिर मैंने मुस्कुराते हुए कहा मेरी बबिता रानी लाखों में एक है बबिता ने मेरा लंड दबाते हुए कहा मेरा संजू भी लाखों में एक है पहले मैं इस वजह से डर रही थी कि पता नही मेरी बुर की अलग बनावट तुम्हे बुरी न लगे पर अच्छा हुआ तुम्हे ये पसन्द आया मैंने कहा बहोत पसन्द आया मेरी जान और मैंने सर थोड़ा उठा कर अपनी जीभ निकाली और उसकी लंबी क्लिट पर फिरा फिरा कर चाटने लगा उसकी बुर से तीखी सी स्मेल आ रही थी और वो गंध सूंघ कर मैं और मदहोश हुआ जा रहा था मैंने ये सब पोर्न में देखा था पर कभी ऐसा कर पाऊंगा इसकी उम्मीद नही थी पर कहते हैं ना अक्सर जीवन मे वो हो जाता है जिसकी उम्मीद नही होती…..
जैसे ही मैन बबिता की क्लिट को चाटना शुरू किया उसकी आंखें मुंदने लगी और वो फिर से सिसकते हुए मेरे लंड को मरोड़ने लगी अब मैंने एक हाथ आगे ले कर उसकी बुर के होठो को फैला दिया ऊपर से काली झांटो से ढकी हुई बुर अंदर से एकदम गुलाबी और रसीली थी मेरा मन हुआ कि बुर के अंदर वाले हिस्से को चूम लूं मैंने होठ गोल कर के बबिता की बुर के गुलाबी हिस्से अंदरूनी हिस्से पर चिपका दिए और बबिता तड़प उठी उसने मेरा लंड छोड़ दिया और अच्छे से बैठ गयी जैसे लड़कियां पेशाब करने बैठती हैं और उसकी काली झांटे मेरे मुह और नाक में घुसने लगी मैं मस्ती में भरता गया और फिर मैंने सर हिला कर अपनी नाक उसकी चिपचिपी गीली बुर में घुसा दी दी और गहरी सांसें ले कर उसकी बुर की गंध सूंघने लगा बबिता आहें भरती हुई अपनी आँखें बंद कर के अपनी चुचियाँ खुद ही सहलाने लगी कुछ सेकेंड्स तक बबिता बुर की मदहोश करने वाली गंध सूंघने के बाद मैंने अपनी जीभ निकाली और बबिता की बुर की काली काली फांको को चाटने लगा बबिता के मुह से आवाज़ें निकलने aaahhhh उफ़्फ़फ़ संजू और चाटो मेरी बुर को रगड़ रगड़ कर चाटो तुम्हारी जीभ मुझे बड़ा सुख दे रही है और मैने ये सुन कर जीभ को कड़ी कर के और अंदर तक घुसा दिया और घुमाते हुए बबिता की फूली हुई बुर चाटने लगा बबिता की गांड़ अब धीरे धीरे मूव करने लगी थी और अपनी बुर को अच्छी तरह मेरे होठो और जीभ रगड़ते हुए मुझे अपनी बुर चटवा रही थी कुछ मिनट तक उसकी बुर को चाटने पर उसकी बुर से खट्टा कसैला सा चिपचिपा रस जैसा रिसने लगा जिसे चाट चाट कर मैं साफ करता जा रहा था और फिर मैंने बड़ा सा मुह खोल कर उसकी पूरी बुर क्लिट समेत अपने मुह में भर कर और अपनी बबिता रानी की काली झांट वाली बुर को चूस चूस कर उसका रसपान करने लगा बबिता तो मानो मरी सी जा रही थी उसके मुह से अजीब अजीब आवाज़ें निकल रही थी मैंने एक बार उसके गाल को थपथपाया उसने आंख खोल बड़ी कामुक और नशीली नजरो से मुझे देखा मैंने धीरे से कहा आवाज़ें कम करो जरा चाचा ना आ जाये…. उसने कहा क्या करूँ संजू मुझसे बर्दाश्त ही नही हो रहा मैंने कहा अच्छा उठो वो उठ खड़ी हुई और फिर मैंने भी उठ कर उसके नंगे बदन को बाहों में भरा और उसके काले रसभरे होंठ पीने लगा चूसते हुए मैंने उसके निचले होंठ पर दांत गड़ा कर काट लिया वो सिसक उठी फिर से और मेरा लंड पकड़ कर बोली हाय संजू अब चोद लो ना जल्दी से मैंने जल्दी किस बात की है रानी मुझर जी भर के तेरे नंगे बदन का रस तो पी लेने दे उसने कहा पी लेना मेरे राजा मैं कहाँ मना कर रही हूं पर अभी तो बुर में जबरदस्त हलचल मची है जो इस मोटे मस्त लौड़े से ही शांत होगी मैंने कहा तुझे मजा आ रहा या नही वो बोली इठलाते हुए बोली सच बताऊँ मैंने कहा हां सच ही बता ना वो बोली जी कर सारी उम्र इसी कमरे में नंगी पड़ी रहूं आपके सामने और आप बस चूसते चाटते रहे मेरे नंगे जिस्म को मैंने कहा फिर थोड़ा सब्र कर मेरी रानी अभी और मज़े देता हूँ तुझे और मैंने बबिता को छोड़ कर कमरे में देखा मेरा अंडरवियर एक ओर पड़ा था मैं उसे उठा लाया और बबिता को देखते हुए उसे मोड़ कर गोल गेंद जैसा बना लिया फिर मैंने बबिता से कहा मुह खोल उसने सवालिया नजरो से मेरी ओर देखा मैंने कहा तेरी आवाज़ बन्द करने का इंतजाम कर रहा हूँ रानी तभी पूरा मज़ा दे पाऊंगा अपनी जान को वरना तू शोर कर कर पूरा मुहल्ला इकट्ठा कर लेगी यहां उसने मेरी बात समझ आते ही मुह खोल दिया उसका खुला हुआ बड़ा सा मुह देख कर दिल किया लंड ही डाल दूँ उसके मुह में पर फिलहाल मैंने अपने अंडरवियर की गेंद उसके मुह में ठूंस दी और फिर उसकी ब्रा उठा कर ऊपर से उसके मुह पर पट्टी जैसी बांध दी और फिर मैं बबिता का हाथ पकड़ कर बिस्तर पर ले आया और उसके कानमे बोला चल अब तू कुतिया बन जा बबिता ने अपने घुटने मोड़ कर बिस्तर पर टिकाए और झुक कर अपने हाथों पर खड़ी हो गयी उसकी भारी चुचियाँ लटक गई निप्पल बिस्तर को छूने लगे और उसके मोटे मस्ताने काले काले चूतड़ और भी उभर गए पीछे की ओर मैं घूम कर उसके पीछे आ गया और घुटनों पर बैठ गया मैंने कहा बबिता अपनी टांगे फैला दो जितना फैला सको और अपना सर तकिए पर टिका दो ऐसे थक जाओगी उसने अपनी टांगे खूब चौड़ी कर दी और सर तकिए पर रखते ही उसकी गांड़ की दरार एकदम चौड़ी हो गयी काली काली गांड़ की दरार और बीच मे चूत से दो इंच ऊपर गांड़ का कसा हुआ काला छेद देख कर मुझसे कंट्रोल नही हुआ और मैं झुक कर दोनो हाथ उसके विशाल चूतड़ों पर फ़िराते हुए अपनी नाक की नोक से उसकी गांड़ की दरार को ऊपर से नीचे तक सहलाने लगा मेरी गरम सांस उसके बदन के अनछुवे हिस्से पर पड़ते ही उसके रोएं खड़े हो गए वो कसमसाने लगी और मैं अपनी नाक उसकी गांड़ के छेद पर रख सूंघने लगा वो ऊऊऊऊ ऊऊऊऊ की आवाज़ करने लगी पर मैंने अपना काम चालू रखा गांड़ की खुशबू लेने के बाद मैंने अपने गर्म तपते होंठ उसकी गांड़ के छेद पर रख कर चूम लिया और वो उछल सी गयी मैंने दोनो हाथों से उसके चूतड़ों को मजबूती से पकड़ा और उसके चूतड़ों के नरम मांस में उंगलियां धंसा कर उसे कस कर पकड़ लिया एयर फिर लंबी सी जीभ नीकाल कर गांड़ की पूरी दरार को चाटने लगा और वो अपनी गांड़ को हिलाते हुए गहरी सांस लेने लगी फिर 8-9 बार ऊपर से नीचे तक अच्छी तरह चाटने के बाद मैं उसके चूतड़ों को चाटने लगा और दांतों से काटने लगा उसके काले चूतड़ मेरे थूक से गीले कर एलईडी की तेज रोशनी में चमकने लगे और फिर मैं मुह में भर भर कर उसके चूतड़ों के नरम मांस को काटने लगा मेरी हर बाईट पर उसके जिस्म को एक झटका से लगता वो मेरी हरकतों को किसी तरह बर्दाश्त करते हुए सेक्स का आनंद ले रही थी और फिर मैं उसकी मोटी मोटी जांघो को चाटने और काटने लगा इस वक़्त मेरी हालत किसी भूखे कुत्ते जैसी थी जिसे कई दिन बाद खाना मिला हो और वो पेट भर कर खाना खा रहा हो जी भर के बबिता की जांघो और चूतड़ों को चूसने चाटने के बाद मैंने एक बार फिर से उसकी गांड़ के छेद की ओर रुख किया और इस बार बड़ा सा मुह खोल कर बबिता रसीली नरम गुदाज गांड़ के छेद को मुह ले कर चूसने लगा मैं चूसता जा रहा था और उसके मुह से निकलने वाली ऊऊऊऊ की आवाज़ थोड़ी तेज हो गयी थी आखिरकार वो एकदम से तड़प कर पलट गयी और दयनीय नजरो से मेरी ओर देखने लगी पर मैंने उसके चेहरे से नजर हटा कर उसकी झांटो से भरी काली बुर को देखा और झुक कर उसकी टांगे फैला कर बड़ा सा मुह खोल फिर से उसकी बुर को क्लिट समेत मुह में भर कर पीने लगा उसकी बुर काफी पानी छोड़ रही थीं मेरे मुह में बुर के रस का खट्टा से स्वाद घुलने लगा और मैं पागलों की तरह उसकी क्लिट को होठो में दबा कर लंड जैसे चूसने लगा 35-40 सेकेंड्स ऐसे बुर पीने के बाद बबिता एकदम से उठी अपने मुह से ब्रा खोल कर फेंक दी मुह से अंडरवेअर निकाल कर गहरी सांस लेने लगी और फिर बड़ी जलती हुई नजरो से मुझे देख कर मुझ पर झपट पड़ी और मुझे नीचे गिरा कर मुझ पर चढ़ कर गुलाबी पतले मेरे होठो को चूसने लगी वो इस समय पागल सी हो रही थी चाटते हुए ही मेरे मुह मे जीभ डाल दी और अपनी गीली बुर मेरे खड़े लंड कमर हिलाते हुए रगड़ने लगी आखिर में एक बार मेरा सख्त सुपाड़ा उसकी बुर के होठो के बीच फंस गया और उसने अपनी गांड़ को नीचे सरकाते हुए लगभग 5 इंच लंड अपनी गीली कसी हुई बुर में ले लिया और मेरी जीभ चाटती हुई अपनी मोटी गांड़ को ऊपर नीचे करते हुए चुदने लगी उसकी बुर अंदर से किसी भट्ठी जैसी गर्म थी मेरा लंड उस गर्मी से और फूल कर सख्त हुआ जा रहा था अभी कोई 4 इंच लंड बाहर ही था अब मेरे भी बर्दाश्त के बाहर था मैंने दोनो हाथ बबिता के चूतड़ों पर रख कर उसे कस के पकड़ा और उसे अपने लंड पर दबाते हर नीचे से कमर के एक तेज झटका दिया तो पूरा 9 इंच लंड जड़ तक बबिता की कसी हुई गहरी बुरके समा गया बबिता इस धक्के से हिल गयी सिसक उठी और मेरे सीने पर नंगी चुचियाँ रख कर लेट गयी मेरे गालों से गाल रगड़ती हुई बोली aaahhhhh संजू क्या मस्त लंड है यार तेरा अब कस के चोद दे मेरी रण्डी बुर को को साली बहोत तड़पती है ये लंड के लिए मैंने बबिता के चूतड़ मसलते हुए कमर उठा उठा के अपना मूसल जैसा लंड उसकी बुरमे ठोकना शुरू किया और उसके काले होंठ चूमते हुए कहा ले मेरी चुदक्कड़ बहन खा मेरा लंड तेरी रण्डी चूत को चोद चोद के छिनाल बना दूंगा साली मेरी बातों से बबिता और भी जोश में आ कर अपनी भारी गांड़ मेरे लंड पर पटक पटक कर चुदने लगी असल मे मैं तो चुपचाप पड़ा था वो मुझे चोद रही थी उसके मुह से गुर्राहट की आवाज़ सी आने लगी वो तो पुराना पंखा आवाज़ कर के हमारी मदद कर रहा था हमारी आवाज़ों को दबाने में और फिर बबिता एकदम से अकड़ सी गयी उसका बदन सख्त हो गया आंखें बंद हो गयी और बोली आहह संजू और तेज पेलो फाड़ दो मेरी बुर को हाय मेरे सैय्यां मैं गयी और मेरे सीने से चिपक कर झड़ने लगी उसका बदन थरथराने लगा चूत ने मेरे लंड को कस सा लिया और करीब दो मिनट तक ऐसे ही झटके मार मार के झड़ती रही फिर शांत हो कर लेट गयी……
continued…
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#10
मेरा लंड अभी भी सख्त था और बबिता की बुर में घुसा हुआ ठुमकियाँ मार रहा था कोई 4-5 मिनट तक बबिता ऐसे ही पड़ी गहरी सांसें लेती रही मैं उसके भारी बदन के नीचे दबा पड़ा था पर उसका भार मुझे अच्छा ही लग रहा था आखिर में मैंने उसकी नंगी पीठ को सहलाते हुए कहा बबिता अभी मेरा हुआ नही…. उसने सर उठा कर मेरी ओर देखा और मेरे होंठो को चूम कर बोली थैंक्स संजू आज जीवन मे पहली बार इतना सुख मिला मुझे आज मुझे पता चला लड़कियां इसी सुख को पाने के लिए सारे जतन कर के किसी लड़के साथ सम्बन्ध बनाती हैं मैंने कहा तुमने भी जतन कर के सब कुछ पा लिया मेरी जान वो मेरे ऊपर से उठी और मेरे बगल में ही बैठ गयी मेरे नंगे सीने और पेट पर हाथ फ़िराते हुए बोली संजू आज तुम मेरी जान भी मांग लो तो मैं मना नही करूंगी इतना आंनद दिया है तुमने मुझे मैंने मेरी जान मुझे तुम्हारी जान नही चूत चाहिए वो बोली संजू अभी और चोदोगे क्या मैंने टाइम देखा रात के 12:30 हो रहे थे मुझे लगा अब तो हर रात ही बबिता को चोदने का मौका मिलेगा और कल काम पर भी जाना है थोड़ी देर तो सोना भी चाहिए मैंने कहा बबिता काफी रात हो रही है सुबह काम पर भी जाना बस जल्दी से मेरे लौड़े की गर्मी शांत कर दे फिर सोते हैं ये सुन कर वो मेरे लंड को देखने लगी जो उसकी बुर के चिपचिपे रस से भीगा सर उठाये खड़ा था उसने लंड पर झुकते हुए अपना मुह खोला और सुपाड़े को होंठो के बीच दबा लिया और जीभ को सुपाड़े पर गोल गोल घुमाने लगी मैं आंखे बंद कर आराम से लेट गया और बबिता अपना सर हिला कर लंड को चूसने लगी वो बीच बीच मे लंड मुह से निकाल कर जीभ से उसे ऊपर से नीचे तक चाटती और फिर से मुह में ले कर चूसने लगती धीरे धीरे उसने 5 इंच तक लंड मुह में ले कर चूसना शुरू कर दिया और फिर लंड चूसते हुए उसने एक हाथ मेरे सीने पर सीने को सहलाना शुरू कर दिया और फिर अपनी उंगली से मेरे निप्पल को छेड़ने लगी मेरे गुलाबी गुलाबी निप्पल चवन्नी के साइज के थे पर उस पर बबिता की उंगली लगते ही मेरे जिस्म में एक लहर ही दौड़ गयी मुझे बहोत अच्छा महसूस हुआ तभी मेरे दिमाग मे अगर उंगली इतना मज़ा दे रही है तो बबिता इन्हें चूसे तो कितना मज़ा आएगा मैंने बबिता की बांह पकड़ कर उसे ऊपर खींचा तो उसने मेरी ओर देखा मैंने उसे इशारा किया तो वो खिसक कर ऊपर आ गयी मैंने उसके सर के पीछे हाथ डाल कर उसका सर अपने सीने पर झुकाते हुए कहा बबिता मेरे निप्पल चूसते हुए मुठ मार दे बबिता ने मुस्कुराते हुए मेरे छोटे से निप्पल पर होंठ रखे और हाथ बढ़ा कर गीले लंड को मुट्ठी में कस लिया और लंड पर तेजी से हाथ चलाते हुए निप्पल को चूसने लगी कभी वो जीभ से निप्पल को कुरेदती कभी दांतो से पकड़ती और कभी होंठो में दबा कर पीने लगती मेरे बदन में बिजली सी दौड़ने लगी मैं भी झड़ने की कगार पर था मेरे मुह से हल्की आवाज़ें निकलने लगी….. मैंने एक हाथ बबिता के सीने के नीचे घुसा कर उसकी एक चूची मुट्ठी में भर ली और चूची को मसलते हुए बोला aaahhhh बबिता रानी ऐसे ही चूस साली बड़ा अच्छा लग रहा है मेरी जान मैं झड़ने वाला हूँ मेरी जान aaahhhh और तेजी से हाथ चला बुरचोदी….. ( वैसे मैं गालियां नही देता किसी को पर आनंद के अतिरेक में मेरे मुह से गाली निकल गयी ) बबिता ने और तेजी से लंड पर हाथ चलाना शुरू कर दिया और एकदम से मेरे लंड से वीर्य के तेज धार निकली इतना फोर्स से झडा मेरा लंड की पहली धार हवा में उड़ती हुई बबिता के सर पर आ गिरी पर ये तो पहली थी अगले ही पल दूसरी धार निकली और बबिता के सर के साथ साथ कुछ बूंदे मेरे चेहरे पर भी आ गिरी उसके बाद 3-4 झटके और लगे और काफी सारा गाढ़ा गाढ़ा गर्म वीर्य मेरे पेट पर टपक गया बबिता ने सर पर कुछ टपकने का आभास होते ही निप्पल चूसना छोड़ कर मेरे लंड की ओर देखा और कुछ बूंदे उड़ती हुई उसके चेहरे पर भी आ गिरी….. पर वो लंड पर हाथ चलाती रही एक एक बूंद निचोड़ कर ही उसने अपना हाथ रोका फिर मेरी आँखों मे देख कर बोली संजू कैसा लगा मज़ा आया….. मैंने उसके गाल पर उंगली फ़िराते हुए कहा जान मुझे लगता है मुझे सेक्स का इस से ज्यादा सुख कोई भी औरत या लड़की नही दे सकती जितना तुमने दिया वो मुस्कुराने लगी मैंने कहा पर मेरा वीर्य आज बर्बाद हो गया वो सवालिया नजरो से मेरी ओर देखने लगी मैंने कहा मैंने आज तक अपना वीर्य ऐसे नही निकाला ( हांलाकि मैं सफेद झूठ बोल रहा था ) वो बोली फिर कैसे निकालते थे मैंने हमेशा किसी औरत या लड़की के अंदर उसकी चूत गांड़ या मुह में ही निकाला है मैंने लंड का रस वो बोली पहले बोलना था ना मैं भी मुह में ले लेती वैसे भी मेरा बड़ा मन करता था पोर्न में देख कर मैं भी किसी आप जैसे गोरे चिकने लंड का रस चाटती मैंने कहा वैसे अभी भी चाट सकती हो मेरे पेट पर ही पड़ा है उसने एक बार गर्दन घुमा कर मेरे बदन पर बिखरी वीर्य की बूंदों को देखा फिर झुक कर जीभ निकाल कर उन बूंदों पर फिराने लगी एक बार चाट कर वो थोड़ा रुकी मानो उस स्वाद को चेक कर रही हो और फिर लंबी सी जीभ निकाल कर लपर लपर कुतिया जैसी उन वीर्य की बूंदों को चाटने लगी पूरा पेट और सीना चाट कर साफ करने के बाद वो थोड़ा सा नीचे सरक कर लंड के सुपाड़े पर जीभ फिरा कर वहां लगी दो चार बूंदे भी चाट गयी और चटकारा सा ले कर बोली मज़ेदार है और फिर बगल में लेट कर नंगी ही मुझसे कस के लिपट गयी मेरे कान पर होंठ रगड़ती हुई बोली लव यू संजू मैंने कहा लव यू टू बबिता…. अब हमें सोना चाहिए वो बोली ठीक है फिर हमने कपड़े पहने और अपने अपने फोल्डिंग पर बिस्तर लगा कर लाइट्स ऑफ कर के सो गए…..
सुबह साढ़े सात बजे बबिता ने मुझे हिला हिला कर जगाया मैंने आँखे खोल कर देखा वो नहा कर गीले बालों में मुझ पर झुकी थी बोली उठो भैया काम पर नही जाना क्या मैंने कहा वाह दिन में भैया रात में सैय्यां और रात भर इतनी मेहनत करवाओगी तो दिन में काम कैसे करेगा कोई उसने आंखे तरेर कर रहा अम्मा बाहर हैं अभी बातें नही उठो जल्दी से फिर मैं उठ कर बाथरूम में घुस गया और जल्दी से नहा धो के आ गया कपड़े पहन कर तैयार हुआ और वही आंगन में आ कर बैठ गया बबिता नाश्ता ले आयी वो बड़े प्यार से मुझे खिला रही थी उसकी आँखों और व्यवहार में आज अलग ही प्यार झलक रहा था…. मैंने नाश्ता निपटाया चाचा भी खा पी कर तैयार थे फिर हम चल पड़े काम पर साइट पर पहुंच कर मैंने कहा चाचा आप काम शुरू करो मैं बस 10 मिनट में आया मैंने गांव में अपने दोस्त गोपाल को फ़ोन किया और उस से बात कर के उसे बताया कि यहां शहर में बहोत काम है बढ़िया काम है अच्छा पैसा मिलेगा खाने रहने का भी इंतजाम है गांव के जितने लड़के आना चाहें सबसे बात कर के शाम तक बता मुझे उसने कहा 9-10 लड़के तो पहले से तैयार हैं कि कहीं कोई काम मिले बाकी 2-4 और बात करने पर आ जाएंगे उसने कहा वो 2-3 घंटे में मुझे बताएगा और फिर मैं भी चाचा के पास आ गया, तभी मुझे लगा एक बार सक्सेना जी से बात कर लेनी चाहिए मैंने कागज के टुकड़े पर लिखा उनका नंबर डायल किया उन्होंने कॉल रिसीव करते हुए कहा कौन मैंने कहा प्रणाम सर मैं संजय मेरा नम्बर नही था आपके पास इसलिए कॉल की… वो बोले खुश रहो बेटा सुनो मेरी बात यहाँ नई साइट पर लेबर कम हैं कम से कम 50 लेबर चाहिए लेकिन यहाँ 23 लोग ही हैं जल्दी इंतजाम कर दो मैंने कहा ठीक है सर मैंने गांव बात कर ली है शायद कल लड़के आ जाएंगे वो बोले गुड फिर वो बोले तुम्हारी बाइक पहुंच गई है गैरेज में शाम को चाचा के साथ अंसारी के गैरेज चले जाना उस से बोलना सक्सेना जी वाली बाइक दे दे या मेरी बात करवाना उस से मैंने ok सर मैं अब काम मे लग जाऊं फिर उन्होंने कॉल काट दी और मैं कपड़े बदल कर काम पर लग गया दोपहर तक हमने काम किया आज भी काफी काम निपटा गया था फिर दोपहर में 2 बजे चाचा बोले संजय बेटा अब खाना खा लेते हैं मैंने कहा ठीक है फिर हमने हाथ मुह धो कर खाना खाया खाना खाते हुए मैं सोच रहा था सब कुछ एकदम सही चल रहा है पैसे भी और चोदने के लिए मस्त मेरी पसन्द की चूत भी तभी चाचा खाते हुए बोले संजय परसो रविवार है यहाँ रविवार को काम नही होता छुट्टी रहती है मैं उस दिन तेरी चाची के साथ गांव जाऊंगा मैंने कहा ठीक है चाचा मैं तो घर पर ही आराम करूँगा उस दिन अच्छा हुआ हफ्ते में एक छुट्टी है नही हालत खराब हो जाती काम कर कर के चाचा खाना खत्म कर चुके थे जेब से बीड़ी निकाल कर जलाते हुए बोले पहले वाला सुपरवाइजर रोज काम करवाता था लेकिन सक्सेना जी बढ़िया आदमी हैं ये जब से आये हैं रविवार को छुट्टी देने लगे हैं और सही भी है 6 दिन काम करने के बाद सारे लेबर एक दिन के लिए अपने घर या गांव जा पाते हैं घर परिवार वालों से मिलने वो बोले तुम भी चाहो तो गांव चले जाने एक दिन के लिए मैंने टिफ़िन झोले में रखते हुए कहा चाचा अभी 3 दिन पहले ही तो आया हूँ क्या करूँगा जा के और दिन तो आने जाने में ही निकल जायेगा यहीं घर पर पड़ा रहूंगा वो बोले जैसी तेरी मर्ज़ी फिर हम दोबारा काम मे लग गए और शाम 6 बजे चाचा बोले तू जा के लेबर का हिसाब कर दे मैं थोड़ी देर और काम निपटा लूं फिर साथ ही घर चलेंगे मैंने कहा चाचा वो सक्सेना जी से बात हुई थी कह रहे थे शाम को अंसारी के गैरेज से बाइक उठानी है चाचा बोले ठीक है साढ़े 6 तक तू फुर्सत हो जा फिर चलते हैं मैं हाथ मुह धो कर कपड़े बदल कर नीचे आया केबिन के बाहर मजदूरों की भीड़ लगी थी मैंने चाभी निकाल कर केबिन खोला और लाकर से पैसे और रजिस्टर ले कर बाहर आ गया मैनें एक एक लेबर का नाम पुकारना शुरू किया और उन्हें पैसे दे कर उनके अंगूठे के निशान लेता गया आधे घंटे में मेरा काम खत्म हुआ तभी चाचा भी आ गए बोले मेरे पैसे भी दे दे अब तो तू ही सेठ हो गया है मैंने कहा क्या चाचा मैं यो नौकर हूँ सेठ का चाचा बोले जिसके हाथ मे पैसा वही सेठ फिर वो हंसने लगे बोले बड़ी किस्मतवाला है तू आते ही एकदम से यहां तक पहुंच गया मैंने चाचा को भी पैसे दिए उनके वो बोले अपना भी ले ले मैंने अपने भी 600 निकाल कर चाचा को दे दिए वो बोले सारे क्यों दे रहा अपने पैसे अपने पास रख मैंने कहा चाचा आप ही रखो जब मुझे जरूरत होगी आपसे ले लूंगा वो खुश हो गए ये सुन कर बोले एक मेरा लौंडा है साला पैसे पाते ही निकल लेता था मुझे यहां छोड़कर मैंने कहा चाचा यहां बाबूजी और अम्मा तो हैं नही आप लोग ही उनकी जगह हो तो मेरे लिए आप ही मेरे बाबूजी और चाची अम्मा जैसी हैं यहां वो मेरी पीठ ठोंकते हुए बोले खुश रहो बेटा फिर मैंने बचे हुए पैसे और रजिस्टर अलमारी में रख कर सब लॉक किया और हम पार्किंग में आ गए चाचा ने बाइक की चाभी मुझे दी और हम चल पड़े एक खास बात ये हुई कि आज गेट पर खड़े गॉर्ड ने मुझे सलाम किया शायद उसे भी पता चल गया था कि इस साइट का काम सक्सेना जी ने मेरे जिम्मे कर दिया है मैंने उसे सर हिला कर जवाब दिया और फिर हम चल पड़े चाचा मुझे रास्ता बताते रहे और हम अंसारी के गैरेज पहुंचे वहां काफी सारे लड़के ढेर सारी बाइक की मरम्मत में लगे हुए थे और बूढ़ा दाढ़ी वाला इंसान लुंगी बनियान में कुर्सी पर बैठा सिगरेट पी रहा था चाचा ने उसके पास सलाम किया और बोले अंसारी मियां सक्सेना जी के कोई बाइक भिजवाई थी क्या सर्विस के लिए अंसारी ने उनकी सलाम का जवाब देते हुए कहा हां भिजवाई थी और उसका सारा काम हो भी गया है वो कह रहे थे किसी लड़के को भेजेंगे बाइक लेने चाचा बोले हां ये मेरा भतीजा संजय है इसी के बारे में बोला होगा उन्होंने अंसारी आवाज़ दी इरशाद जरा वो सक्सेना जी वाली पल्सर की चाभी देना और इरशाद एक चाभी ले कर आया अंसारी ने इरशाद से चाभी ले कर मुझे दी मैंने फ़ोन निकाल कर सक्सेना जी को कॉल की उन्होंने कॉल रिसीव की मैंने कहा प्रणाम सर मैं अंसारी चाचा की दुकान पर हूँ बाइक लेने आया हूँ वो बोले मेरी बात करवाओ मैंने फ़ोन अंसारी को दिया उसने उनसे बात की और फिर फ़ोन मुझे पकड़ाते हुए बोला अमा मियां मैंने तुमसे पैसे कब मांगे तो तुमने सक्सेना जी को कॉल कर दी मैंने तो चाभी तुम्हें दे दी थी मैंने कहा फिर भी ऐसे कैसे मैं ले कर चला जाता चाचा बोले अब चलो भी घर संजय मुझसे और खड़ा नही रहा जा रहा अंसारी बोला वो सामने वाली बंद दुकान के नीचे खड़ी है तुम्हारी बाइक ले जाओ मैं बाइक के पास ब्लू कलर की शानदार बाइक मैंने पहले एक बार ही पल्सर चलाई थी गांव में एक दोस्त अपने मामा के लड़के की मांग कर लाया था और मेरे बड़ी खुशामद करने के बाद उसने 10 मिनट के लिए मुझे चलाने दी थी मैंने बाइक पर बैठ कर सेल्फ लिया और इंजन जाग उठा मैंने मन ही मन खुद को शाबाशी दी……, तभी चाचा अपनी बाइक ले कर मेरे पास आये और बोले मेरे पीछे पीछे आ जा मैंने अपनी बाइक उनकी बाइक के पीछे डाल दी आधे घण्टे में हम घर पहुंच गए मैंने गेट के सामने बाइक लगा कर हॉर्न बजाय हॉर्न की आवाज़ सुनते ही बबिता ने दरवाजा खोला उसने स्काई कलर की कुर्ती और पजामी पहनी थी बाल खुले हुए थे उसके बहोत ही सेक्सी लग रही थी वो मुझे बाइक पर देखते ही पास आ कर बोली अरे वाह भैया मिल गयी बाइक मैंने कहा हां मिल गयी फिर मैंने और चाचा ने अपनी अपनी बाइक अंदर लगाई और हम अंदर आ गए मैं सीधा बाथरूम में घुस गया उर नहा कर कपड़े बदल कर बाहर आया आज सब घर पर ही थे हम ही लेट आये थे तो बबिता भी काम से आ चुकी थी और अभय भी घर पर ही था वो वही आंगन में बैठा था 3 दिन में पहली बार मेरा उसका सामना हुआ उसने मुझसे नमस्ते की आज शायद वो पिये हुए नही था फ्रेश लग रहा था वो चाचा से बोला पापा कल मैं भी काम पर चलूंगा चाचा सर हिलाते हुए बोले नही अब सक्सेना जी ने साफ मना कर दिया है मैं पहले ही 3 मौके दिलवा चुका हूं तुझे उन्हें ये सब एकदम पसन्द नही तू दो दिन जाता है फिर 4 दिन गायब रहता है वो सर झुका कर बोला पापा अब ऐसा नही होगा मैं कल से रोज काम पर जाऊंगा चाचा बोले लगता है जेब मे पीने के लिए पैसे खत्म हो गए हैं तेरे तभी काम की याद आ रही है तुझे देख भाई मैं तो अब तेरी कोई मदद नही कर सकता हां संजय चाहे तो सक्सेना से बात कर सकता है वो इसकी बात मान ले शायद, अभय मेरी ओर देख कर बोला संजय भैया आप बात करो न सक्सेना जी से तभी बबिता सब के लिए चाय ले आई और मेरे बगल में बैठ गयी मैंने चाय पीते हुए कहा देखो अभय ऐसा है मैं बात तो कर लूंगा पर तुम वादा करो आज के बाद शराब नही पियोगे दूसरी बात रोज काम पर जाओगे और तीसरी बात तुम जो भी कमाओगे वो पैसे चाचा के पास रहेंगे तुमहे जब जरूरत हो पैसों की चाचा से ही मांग लेना वो कुछ सोचता रहा फिर बोला भैया मैं शराब तो नही पीता हैं बीयर पी लेता हूँ लेकिन कोशिश करूंगा अब से वो भी ना पियूँ फिर वो थोड़ा रुक कर बोला अगर मैं केवल संडे को छुट्टी के दिन एक दो बीयर पी लूं बाकी दिन बस काम पर ध्यान दूँ…… मैंने कहा चल ठीक है पर याद रखना संडे के अलावा अगर मैंने तुझे पिये पकड़ा तो सक्सेना से पहले मैं तुझे काम से निकाल दूंगा वो बोला नही भैया ऐसी नौबत नही आएगी असल मे मेरे दो दोस्त थे सलीम और जावेद बस उन्ही के चक्कर मे रोज पीना होने लगा था लेकिन आज मेरा उनसे झगड़ा हो गया अब उनसे कोई मतलब नही रखना मुझे चाची भी वहीं आ गयी थीं सब्जी काटते हुए वो सब बातें सुन रही थीं मैंने कहा उनसे झगड़ा क्यों हुआ बता सकते हो अभय बोला कभी वो दोनो पिला देते कभी मैं फिर अक्सर वो देने पैसे ना होने का बहना कर के सारा खर्चा मुझसे ही करवाने लगे और आज शाम को मेरे पास पैसे नही थे तो मैंने उनसे कहा पिलाने को तो वो दोनो भी पैसे ना होने का बहाना कर के निकल गए पर थोड़ी देर बाद ही वो मुझे बीयर की दुकान पर पीते हुए दिखाई दिए मैंने कहा ये पीने पिलाने की दोस्ती ऐसी ही होती है जब तक तेरी जेब मे पैसे रहेंगे वो तेरे जिगरी दोस्त पैसे खत्म दोस्ती खत्म वो सर खुजाते हुए बोला हां भैया यही बात है मैंने कहा दोबारा ऐसों से कोई दोस्ती मत करना तुझे संडे को पीना है तो घर मे ला कर पी लेना कोई तुझे कुछ नही कहेगा वो बोल ठीक है भैया तभी मेरे फ़ोन की घंटी बजी मैनें फ़ोन निकाल कर देखा गोपाल का कॉल था काम के चक्कर मे मैं भूल ही गया था उस से बात करने को मैंने फ़ोन रिसीव किया वो बोला भैया नमस्ते सारा दिन गांव में घूमने के बाद 18 लड़के मिले हैं जो काम करने को तैयार हैं मैंने कहा फिर बस कल उन सब को ले कर कानपुर आ जा मैंने उसे साइट का एड्रेस समझाया और फिर फ़ोन काट कर सक्सेना जी को कॉल की उन्होंने कॉल रिसीव की मैंने कहा सर कल 18 लड़के आ रहे हैं गांव से एकदम मेहनती और काम करने वाले वो बोले बहोत बढ़िया यार तुमने मेरी मुश्किल आसान कर दी मैंने कहा सर आप जितना कर रहे हैं मेरे लिए इतना कौन करता है आज के जमाने मे वो बोले यार संजय सीधी बात है तुम मेरे लिए काम कर आदमी हो मुझे बस काम के लोगों से काम करवाना आता है अब इस जमाने मे कोई फ्री में किसी के लिए कुछ नही करता मैं तुम्हारे लिए कुछ करूँगा तभी तुम मेरे लिए कुछ करोगे……, मैंने कहा सर आपकी बात ठीक है फिलहाल कल लड़के आ जाएंगे और परसों दे काम शुरू कर देंगे पर एक रिक्वेस्ट और है वो बोले क्या मैंने कहा आज मैंने अभय को बहोत समझाया और वो अब जिम्मेवारी से कम करने को तैयार है सर कल से उसे भी ले आऊं साथ मे सक्सेना जी बोले संजय वो पहले भी कई बार ऐसा कर चुका है किशनपाल के कहने पर उसे कई बार चान्स दे चुका हूं पर वो कुत्ते की पूंछ है नही सुधरेगा मैंने कहा सर प्लीज एक बार मेरे कहने से भी एक मौका दीजिये उसे अगर उसने कोई गड़बड़ की तो इस बार आप दे पहले मैं उसे निकाल दूंगा काम से वो बोले ठीक है भाई तू इतने यकीन से कह रहा है तो दे देते हैं उसे एक मौका वैसे मैं भी चाहता हूं वो सुधर जाए काम पे ध्यान दे चलो ठीक है ले आना उसे फिर उन्होंने फोन काट दिया मैंने कहा अभय वो मान गए हैं पर ये तेरा आखिरी मौका है याद रखना वो बोला जी भैया चाचा बोले भाई संजय वाकई तेरे आते ही कमाल हो गया मेरी सारी परेशानियां ठीक होती दिख रही हैं अब चाची बोली सुनो जी आज का दिन बड़ा अच्छा है जरा दूध मंगा दो आज तो खीर बनाउंगी सब कस मुह मीठा होना चाहिए चाचा ने गर्दन हिलाते हुए जेब से 100 का नोट निकाल कर मुझे दिया और बोले संजय बेटा चौराहे से एक लीटर दूध ले आना मैंने नोट ले कर जेब मे रखस और बबिता से कहा चल तुझे नई बाइक पे घुमा दूँ चौराहे तक और मुझे दूध की दुकान भी नही मालूम बबिता फौरन चप्पलें पहन कर चल दी और हम बाहर आ गए मैंने बाइक स्टैंड से हटा कर सेल्फ लिया और बबिता ने गेट खोला मैंने बाइक बाहर निकाली और वो गेट बंद कर के आ कर चिपक कर बैठ गयी…… मैंने बाइक बढ़ा दी वो बोली संजू आज मैं बहोत खुश हूँ मैंने कहा हूँ तो मैं भी बहोत खुश वो बोली तुम क्यों खुश हो मैंने कहा इतनी सुंदर लड़की मेरी जो गयी है ये वजह काफी है खुश होने के लिए फिर मैंने कहा तुम क्यों खुश हो वो बोली एक तो अभय का बर्ताव आज काफी बदला लग रहा ऊपर से तुम जैसा स्मार्ट और खूबसूरत इंसान मेरा हो गया कल रात तुमने कितनी खुशी दी मुझे और आज अम्मा और बाबूजी भी खुश इतनी खुशी मेरे खुश होने के लिए भी काफी है मैंने कहा इस खुशी के मौके पर कुछ मीठा हो जाये वो बोली मीठे का ही इंतजाम हो रहा है खीर खिलाऊंगी ना अभी अपने हाथों से बना के तभी उसने एक दुकान के सामने बाइक रोकने को कहा मैंने बाइक रोक कर स्टैंड पर लगाते हुए कहा मुझे खीर से नही तुम्हारी चुचियो से मीठा मीठा दूध पीना है मेरी बात सुन कर उसके होठो पर प्यारी सी मुस्कान आ गयी उसके सफेद मोतियों जैसे दांत चमकने लगे वो आंखे नचा कर बोली उसके लिए रात तक इंतजार करो फिर जितनी मर्ज़ी हो पी लेना मैं मना नही करूंगी फिर वो दुकान पर चली गयी दूध लेने और उसकी मोटी गांड़ को देखता रहा……
जल्दी ही वो दूध ले कर आ गयी और फिर हम घर को चल पड़े घर पहुंच कर वो किचन में चली गयी और मैं अपना फ़ोन ले कर छत पर आ गया…..

continued…
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#11
छत पर ऐसे ही टहलते हुए एक पोर्न साइट खोल ली और एक मस्त वीडियो देखने लगा ये एक नार्मल चुदाई की वीडियो थी मैं थोड़ी देर देखता रहा पर मुझे खास मज़ा नही आया फिर मैंने एक दूसरी वीडियो प्ले करी उस वीडियो के ऊपर डिस्क्रिप्शन में लिखा था femdom उस वीडियो में दो बड़ी उम्र की मोटी गांड़ और भारी बदन की औरतें एक 19-20 साल के लड़के से साथ मस्ती कर रही थी एक औरत एकदम गोरी थी और दूसरी काली अफ्रीकन वो कुछ ज्यादा ही लंबी चौड़ी थी मुझे लगा अगर बबिता थोड़ी और मोटी हो जाये तो काफी हद तक इस अफ्रीकन औरत जैसी ही लगेगी उन दोनों औरतों ने उस लड़के के कपड़े खींच फाड़ कर फेंक दिया फिर उसे सोफे पर लिटा कर वो काली औरत उसके मुह पर बैठ गयी उस दुबले से लड़के का चेहरा उसकी काली मोटी गांड़ के नीचे दब कर गायब ही हो गया दूसरी अंग्रेज औरत उस लड़के का लंड चूसने लगी….. ये वीडियो देखते ही मेरा लंड गरम हो कर खड़ा हो गया और फिर मुझे ऐसा लगने लगा कि शायद मेरी पसन्द ही अलग है सांवली/काली औरतें ही मेरे लंड को उत्तेजित करती हैं और नॉर्मल सेक्स से ज्यादा मुझे ऐसे डोमिनेट सेक्स पसन्द है जिसमे औरत मर्द को अपना गुलाम बना कर चुदती है…… मैं मन मे सोचने लगा कि आज रात बबिता से अपनी पसंद बता कर ऐसा ही कुछ करूँगा उसकी गांड़ भी भारी है उसे भी अपने मुह पर बिठा कर उसकी गांड़ चाटूगा ये सब सोच मेरा लंड झटके लेने लगा और मैं लोअर में हाथ डाल कर आगे का दृश्य देखने लगा लड़के का गोरा लंड अब सख्त हो चुका थ तो काली औरत उसके मुह से उठ कर उसकी कमर पर बैठ गयी उसका लंड पकड़ अपनी थूक से भीगी हुई गांड़ के छेद पर लगा कर बैठ गयी और पूरा लंड उसकी गांड़ में समा गया फिर वो तेजी से ऊपर नीचे गांड़ हिलाती अपनी मोटी गांड़ चुदवाने लगी और गोरी औरत उस लड़के के मुह पर अपना भोसड़ा रख कर रगड़ने लगी लड़का भी मस्ती में उसका भोसड़ा चाटते हुए काली औरत की गांड़ चोदने लगा मैं अपना लंड मसल रहा था तभी अचानक मुझे सुनीता की याद आ गयी मैंने उस से बाद मे बात करने को बोला कुछ भी हो वो हमारे यहां खेतों में काम करने वाली मजदूर सही पर सच तो यही था कि वो मस्त माल टाइप औरत थी काली थी पर छोटे कद की दुबली पतली तीखे नक्श वाली औरत थी और पहली बार चुदाई का मज़ा उसी ने दिया था मुझे उसका पति और देवर लुधियाना में किसी फैक्ट्री में काम करते थे वो गांव में अपनी सास के साथ रहती थी उसकी सास और वो दोनो ही हमारे खेतों में निराई गुड़ाई फसल काटने जैसे काम करती थीं बदले में उनके पशुओं के लिए मुफ्त चारा और थोड़ा अनाज हम उन्हें देते थे मैं उसे भाभी कहता था उसकी उम्र 29-30 की थी भरपूर जवानी में पति के परदेस में रहने की वजह से उसका भी झुकाव मेरी तरफ हो गया और वो अक्सर ही खेतों में काम करते हुए अपनी चूचियो के दर्शन मुझे कराने लगी मैं उसकी चुचियाँ देखने के चक्कर मे खेतों के काम मे रुचि लेने लगा था और मेरा ज्यादातर समय अब खेतों पर ही बीतता था फिर ऐसे ही हमारी नजदीकियां बढ़ती गयीं एक दोपहर जब हम दोनों ही अकेले थे उसने हिम्मत कर के मेरा लंड पकड़ लिया और फिर उस दिन खेतों पर बनी झोपड़ी में ही उसने दो बार अपनी चूत का मज़ा दिया मुझे उस दिन को 5 साल हो रहे थे इन 5 सालों में हजारों बार मैंने उसे चोदा खेतों में उसके घर मे अपने घर मे जहां मौका मिलता हमारी चुदाई हो जाती वो भी मेरे लंड की दीवानी थी और मुझसे चुदने का मौका ढूंढती रहती और पड़ोस की पिंकी की चूत भी मुझे उसी ने दिलवाई थी इतने अहसान काफी थे उसके मुझ पर मैंने उसका नंबर डायल किया दो घंटी में उसने कॉल रिसीव कर ली और बोली मिल गयी फुर्सत आ गयी मेरी याद मैंने कहा भाभी तुमको भूल ही नही सकता कभी तो याद आने जैसी कोई बात ही नही हां अभी नया काम है तो फुर्सत नही मिल रही पर दो चार दिन में सब सेट हो जाएगा फिर टाइम मिलने लगेगा वो मेरे काम वगैरह के बारे में पूछने लगी मैंने सब बताया तो वो खुश हो कर बोली देवर जी इस बार गांव आना तो मेरे लिए नई साड़ी ले कर आना मैंने कहा जरूर भौजी साड़ी के साथ नया पेटीकोट ब्लाउज और चड्ढी ब्रा भी ले आऊंगा फिर वही पहन कर अपनी बुर मरवाना मुझसे वो हंसती हुई बोली देवर जी बुर देने को कभी मना तो किया नही है तुम आओ तो सही जी भर के चोद लेना मैंने कहा अब बुर का दर्द कैसा है वो हंस के बोली दर्द तो खत्म हो गया लेकिन खुजली बढ़ गयी है आ के चोदोगे तभी खुजली मिटेगी मैने अगले संडे को आऊंगा भाभी तेरी नई साड़ी ले कर तेरी बुर की खुजली मिटाने वो फ़ोन पर ही थोड़ी नसीली आवाज़ में बोला हाय राजा तुम्हारी बात से ही बुर पनिया गयी है अब तो रात में उंगली कर के पानी निकालना पड़ेगा फिर वो बोली देवर जी रात में फ़ोन करना ना फ़ोन पर ही गंदी गंदी बातें कर के मज़ा लेंगे ( हम पहले गांव में अक्सर रात मे फ़ोन पर चुदाई की बातें या फ़ोन सेक्स कर के भी एक दूसरे को संतुष्ट किया करते थे ) मैंने कहा भाभी वो तो नही हो पायेगा मैं रात को अपने चाचा की लड़की के साथ सोता हूँ उसके सामने बात नही कर पाऊंगा तो भाभी थोड़ी मायूसी से बोलीं बहन की नई बुर के आगे भाभी की पुरानी बुर का खयाल थोड़े रखोगे मैंने कहा ओ मेरी बुरचोदी भाभी ऐसा कुछ नही है बस यहां दूसरे का घर है तो सब कुछ अपने मन का थोड़े कर सकता हूँ पर कल दिन में जुगाड़ लगा तो फोन करूँगा फिर निकाल दूंगा तेरी बुर का पानी साली छिनाल……. भाभी हंसने लगी और बोली हाय राजा आज तो बड़ी मस्त बातें कर रहा है ऐसे ही बोलता रह मैं जल्दी से उंगली चला लूं बुर मैं मैंने कहा ठीक है भोसड़ी वाली सुनीता चल कुतिया बन जा और अपनी बुर चटवा मुझे वो उधर से सिसियाते हुए बोली हां राजा बन गयी कुतिया आजा चाट अपनी रण्डी भाभी की बुर मैंने कहाँ हां भाभी तेरी बुर में जीभ डाल कर चाट रहा हूँ साली ऊम्म्म्म्म क्या रसीली काली काली मस्त बुर है तेरी जी करता है चाटता ही रहूं सुनीता बोली हाय राजा बड़ा मज़ा आ रहा है इस बार आया तो सच मे बुर चाटनी पड़ेगी मेरी मैंने कहा हाँ रण्डी इस बार आऊंगा तो तो तुझे नंगी कर के तेरी बुर और गांड़ दोनो चाट चाट के चोदूगा तुझे हरामजादी ( गालियां सुन कर सुनीता बड़ी जल्दी गरम हो कर झड़ जाती थी ये बात मुझे मालूम थी और मैं बस किसी तरह जल्दी से उसे ठंडी करना चाह रहा था ) सुनीता उधर से सिसकते हुए बोली हां मेरे चोदू राजा जैसे चाहे चोद लेना अपनी रण्डी को मैं मना नही करूंगी मैंने कहा भाभी माँ की लौड़ी मेरा बड़ा मन करता है कि मैं भी तुझे अपनी गांड़ चटवाऊं सुनीता तेजी से बुर में उंगली चलाते हुए बोली तो क्या हुआ राजा आना इस बार लंड तो चूसती ही हूँ इस बार अपने राजा की चिकनी गांड़ भी चाट कर मस्त कर दूंगी तुझे और इसी के साथ सुनीता के मुह से तेज आहें निकलने लगी और वो सिसियाते हुए बोली हाय संजय राजा झड़ गयी तेरी भाभी की रण्डी चूत टपका दिया मैंने बुर का रस तेरे गरम लौड़े पर राजा aaahhhhhhh फिर वो शांत हो गयी मैंने कहा अच्छा भाभी मैं रखता हूँ फिर अगले संडे को मिलते हैं…… भाभी ने फ़ोन पर एक जोरदार चुम्मा दे कर फोन काट दिया मेरा लंड इस गरम फ़ोन सेक्स से एकदम टनटना कर खड़ा था मैंने उसे हाथ से दबा कर शांत करने की कोशिश की पर वो और झटके मारने लगा अब खड़ा लंड गला दबाने से कहाँ शांत होता है उसे बस कोई गरम रसीला छेद चाहिए होता जिसमे घुस कर वो झटके लगा कर अपनी गर्मी निकाल सके…….. फिर मैं दीवार के पास बनी नाली के पास जा कर मूतने लगा छत पर हल्की रोशनी थी तभी मेरी नजर बगल वाली छत पर गयी वहां एक गोरी चिट्टी औरत नाइटी पहने खड़ी थी चाचा के और उसके घर की छत के बीच कोई 4 फुट की बाउंडरी थी वो उस पार खड़ी घूर के मेरे लंड को ही देख रही थी मुझे समझ नही आया वो अभी अचानक आ गयी है या पहले से ही थी यहां कहीं उसने मेरी और सुनीता की बातें ना सुन ली हों मैं थोड़ा घूम गया और उसकी ओर अपनी पीठ कर ली फिर मैं मूत कर फ्री हुआ तो लंड थोड़ा नरम हुआ अंडरवियर में घुसा कर मैं मुड़ा तो वो औरत अभी भी वहीं खड़ी थी इस बार मैंने गौर से उसे देखा वो कोई 38-40 साल की भरपूर जवान खूबसूरत औरत थी एकदम दूध जैसी गोरी और उसका जिस्म ना सन्तुलित था ना मोटी और ना ही दुबली मेरी उसकी बाजार मिली तो वो मुस्कुरा दी बोली क्या नाम है तुम्हारा पहले कभी यहां देखा नही तुम्हे, मैंने भी मुस्कुराते हुए कहा जी मेरा नाम संजय है मैं अभय का चचेरा भाई हूं यहां काम के सिलसिले में आया हूँ अब यही रहूंगा वो बोली मेरा नाम नीलम है मैंने कहा वाह आपका नाम भी खूबसूरत है आपकी तरह तभी नीचे से बबिता ने आवाज़ दी भैया आओ खाना लग गया मैंने नीलम से कहा चलता हूँ खाना खाने वो बोली ठीक है जाओ और मैं नीचे आ गया आलू के पराठे और कद्दू की सब्जी के साथ टमाटर बाकी चटनी देख के मेरी भूख जाग गयी और मैं खाने पर टूट पड़ा 5 पराठे खत्म करने के बाद बबिता खीर को कटोरी ले आयी उसे भी साफ करने के बाद मैं हाथ मुह धो कर बबिता के कमरे में आ गया 10 मिनट बाद ही बबिता भी आ गयी बोली भैया आज टहलने नही चलेंगे क्या मैंने कहा क्यों नही और फिर हम बाहर आ गए टहलते हुए मैंने कहा बबिता तुम काम करने कहाँ जाती हो उसने तीन जगह का नाम बताया और ये भी की उनमें से दो जगह उसी साइट के पास हैं जहां मैं काम करता हूँ मैंने उस से उसकी पूरी टाइमिंग पूछी तो उसने बताया वो सुबह 10 बजे घर से निकलती है एक जगह खाना बना कर 12 बजे तक घर आ जाती है फिर बाकी दो जगह उसे शाम में ही जाना पड़ता है उनमें से एक घर मे एक बैंक के मैनेजर साहब रहते हैं वो शाम को ही उनके लिए रात और अगली सुबह का खाना बना देती है और दूसरी जगह एक मैडम अकेली रहती हैं उनके पति विदेश में जॉब करते हैं और बच्चे देहरादून के किसी बड़े स्कूल में पढ़ते हैं उनके यहां भी हल्का फुल्का साफ़ सफाई और रात का खाना बनाने के काम करती है और सब काम खत्म करके वो साढ़े 6 या 7 तक फ्री हो जाती है और फिर वहीं से ऑटो पकड़ कर घर आ जाती है मैंने कहा यार उसी टाइम तो मैं भी घर लौटता हूँ तो तू मेरे साथ ही वापसी आ जाया कर वो बोली ये भी सही है मेरे रोज के 15 रुपये बच जाएंगे मैंने कहा कितने पैसे कमा लेती है तू इस काम से वो बोली दो जगह तो 25-25 सौ मिलते हैं पर मैडम मुझे 4000 देती हैं मैंने कहा मैडम इतने पैसे क्यों देती हैं वो शरारत से बोली है एक वजह पर मैं वो तुम्हे नही बताऊंगी मैंने कहा क्यों ऐसी क्या खास वजह है जो तू मुझे नही बता सकती वो बोली कुछ नही मैं तो ऐसे ही कह रही थी हम फिर से उसी पार्क में दाखिल हो रहे थे आज भी इक्का दुक्का लड़के थे वहां लेकिन सब खुद में बिजी ज्यादातर तो वहां अपनी सेटिंग से बातें करने ही आते थे एकांत में हम टहलते हुए रोज की तरह पार्क में पीछे की ओर चले गए इस ओर कोई नही था हम उसी बेंच पर जा कर बैठ गए और आज बबिता एकदम मुझसे सट कर बैठी थी मैंने बबिता की मोटी पजामी में फंसी हुई जांघ पर हाथ रख दिया और सहलाते हुए कहा बबिता कल रात तू बड़ी आवाज़ें कर रही थी किसी ने सुन लिया तो प्रॉब्लम होगी वो बोली क्या करती इतना मज़ा आ रहा था कि मुझसे कंट्रोल ही नही हो रहा था मैंने कहा मुझे भी तेरी आवाज़ें सुन कर अच्छा लग रहा था और जोश आ रहा था पर डर भी लग रहा था वो बोली काश किसी दिन घर मे कोई ना हो फिर उस दिन हम जी भर के खुल के जैसे चाहें मस्ती करें व थोड़ा रुक कर बोली आवाज़ें निकालते हुए मैंने हाथ ऊपर सरकाते हुए उसकी जांघो के जोड़ में घुसा कर बुर पर रख दिया और उसकी फूली हुई बुर को मुट्ठी में भर के मसलने अलग उसने टांगे थोड़ी फैला दी और बोली आज क्रीम लानी थी भूल गयी मैंने कहा कैसी क्रीम वो बोली बाल साफ करने वाली मैंने कहा अच्छा हुआ जो भूल गयी वो बोली क्यों मैंने कहा मुझे झांटो वाली बुर ही अच्छी लगी तेरी मत साफ करना जब तक मैं ना कहूँ वो बोली छी कितनी गंदी लगती है बड़े बड़े बाल हो गए हैं मैंने उसकी ओर झुक कर उसके गाल चूम कर कहा बबिता अब तेरी चूत तेरी नही है मेरी है और मुझे जैसी पसन्द है वैसी रखनी होगी तुझे अपनी चूत समझी वो भी मेरे होंठ चूसती हुई बोली ठीक है संजू जैसा तुमहे पसन्द है वैसा ही होगा मैं अपने बाल नही साफ करूंगी बस मैंने कहा हां मेरी जान और फिर उसके चेहरे को पकड़ कर अच्छे से उसके होंठो को पीने लगा वो भी गरम हो उठी और अपनी जीभ मेरे मुह में डाल दी मेरा लंड फौरन ही खड़ा हो कर झटके देने लगा मैंने उसका हाथ पकड़ा और अपने लंड पर रख दिया उसने मेरे लंड को मुट्ठी में भर कर दबाना शुरू कर दिया और मैं उसकी जीभ चूसने लगा दो मिनट तक हम ऐसे ही लगे रहे ना वो हट रही थी ना मैं आखिर में वो उसने ही अपना मुह पीछे कर लिया और उखड़ी हुई सांस को सम्हालते हुए बोली अब घर चलो या यही शुरू हो जाओगे मैंने उसकी चुंची मुट्ठी में भर कर जोर से मसलते हुए कहा मन तो कर रहा है यही तुझे नंगी कर के कुतिया बना के चोद डालू तेरी रसीली बुर साली वो सिसियाते हुए बोली यहां नही घर चलो ना फिर जैसे दिल करे चोद लेना अपनी बबिता को मैंने उसकी चुंची मसलते हुए कहा बबिता सच बताना मेरे अलावा कभी किसी के साथ कुछ नही किया तूने वो मेरी आँखों मे देखती हुई बोली ऐसे क्यों पूछ रहे हो क्या तुम्हें मुझ पर शक है मैंने कहा नही पगली ऐसी कोई बात नही है तेरी जिंदगी है तू जो चाहे कर मैं रोक टोक नही पसन्द करता लेकिन बस ऐसे ही मुझे जानने का मन है वो बोली तुम्हारे अलावा मैंने सिर्फ दो और लोगों के साथ मज़े किये हैं मैंने कहा कौन है बता ना तो उसने कहा संजू जरूरी है क्या बताना ये सब मैंने कहा जरूरी तो नही है तुम्हारी मर्ज़ी मेरी उंगली उसके निप्पल पर घूम रही थी जो कि फूल कर अंगूर के दाने जैसे सखत हो गया था मैंने चुटकी में पकड़ कर उसका निप्पल जोर से रगड़ दिया उसके मुह से तेज आह निकल गयी मैंने कहा बबिता मुझे ऐसे सेक्स की गंदी बातें सुनने में मज़ा आता है बता ना प्लीज वो बोली संजू तुम्हे बुरा तो नही लगेगा किसी और के साथ मेरे बारे में सुन कर मैंने कहा नही पागल बल्कि मुझे अच्छा लगेगा बस जरा अच्छे से बताना खुल के उसने कहा एक तो वो मैडम हैं जिनके यहां मैं काम करने जाती हूँ मैंने कहा क्या बात कर रही हो औरत के साथ वो बोली हां संजय पर सच मे उनके साथ बड़ा मजा आता है मैंने कहा और दूसरा वो बोली दूसरा अब नही है यहां उसने बताया कि पहले वो एक और घर मे काम करती थी वो कोई पुलिस वाला था जी यहां नौकरी करता था और किराए के घर मे रहता था बबिता उसके यहां भी खाना बनाने जाती थी वो अधेड़ उम्र का 44-45 साल का इंसान था और धीरे धीरे बबिता को पैसे और पुलिस के रुतबे में फंसा कर वो उसके बदन से खेलने लगा लेकिन उसका लंड छोटा सा था और ठीक से खड़ा भी नही होता था तो वो बस बबिता को नंगी कर के उसके बदन को चूम चाट कर अपना लंड उसके चूत पर रगड़ कर झड़ जाता था वो कभी ठीक से बबिता को चोद नही पाया फिर साल हर बाद उसका तबादला हो गया और वो चला गया मैंने फ़ोन निकाल कर टाइम देखा 9:40 हो रहे थे मैंने कहा अब चलना चाहिए वो भी उठ खड़ी हुई मैं भी खड़ा था मैंने एक बार उसे बाहों में भर कर कस के सीने से लगा लिया वो भी मेरे सीने से लिपट गयी मैंने कहा बबिता वो बोली हां संजू मैंने कहा एक बार लंड चुसो ना वो बोली घर चलो न नंगी हो के चुसुंगी अपने यार का लौड़ा मैंने कहा अभी यहीं चूस ना एक मिनट वो एक कदम पीछे हो कर नीचे बैठ गयी और मेरे लोअर में हाथ डाल कर मेरे खड़ा लंड बाहर निकाल कर एक बार गौर से देखी फिर मुह खोल कर गप से सुपाड़ा मुह में ले लिया और गर्दन हिला हिला कर चूसने लगी कोई एक मिनट तक उसे लंड चुसवाने के बाद मैंने लंड उसके मुह से खींच लिया और लोअर में डाल लिया वो भी खड़ी हो गयी फिर बोली बस एक मिनट मैं जरा हल्की हो लूं मैंने सर हिला दिया वो बेंच की साइड में जा कर अपनी पजामी सरका कर बैठ गयी उसने अपनी कुर्ती पीछे से उठा दी और उसकी फैली हुई काली चमकीली गांड़ मुझे नजर आने लगी मैं उसके एकदम पीछे जा कर खड़ा हो गया उसकी बुर से सीटी की आवाज़ के साथ मूत निकल रहा था मूत कर जैसे ही वो खड़ी हुई मैं उसके पीछे बैठ गया और अपना चेहरा उसके चूतड़ों की दरार में घुसा दिया वो बोली संजू क्या कर रहे हो ये घर नही पार्क है मैंने कहा रानी बस एक बार गांड़ चटवा दे रहा नही जा रहा तेरी नंगी गांड़ देख कर उसने मुड़ कर अदा से मेरी ओर देखा और फिर थोड़ा सा आगे को झुक कर अपनी टांगे थोड़ी फैला कर अपने हाथों से अपने मोटे मोटे चूतड़ फैला कर बोली लो राजा जल्दी करो कोई आ ना जाये और मैंने फिर से अपना चेहरा उसकी गांड़ की गहरी दरार मे घुसा कर आपनी जीभ निकाल उसकी गांड़ के कैसे हुए काले छेद पर फिराई उसके मूत की कुछ बूंदे बह कर उसकी गांड़ की छेद तक आयी थीं उसका नमकीन सा स्वाद मेरे मुह में आ गया और मुझे वो स्वाद बेहद अच्छा लगा मैं जोश में और तेजी से उसकी गांड़ के छेद को जीभ से कुरेद कुरेद कर चाटने लगा और फिर वो एकदम से अलग हो कर अपनी पजामी ऊपर कर के बोली अब घर चलो फिर हम बाहर आ गए और घर की ओर चल पड़े 10 मिनट बाद हम अपने कमरे में थे……

continued…
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#12
अंदर आते ही मैंने दरवाजा बंद कर लिया और खिड़कियां भी लगा कर पर्दे डाल दिये और बबिता के पास आ गया पंखा मैंने 5 नंबर पर कर दिया अब उसकी आवाज़ और तेज हो गयी थी बबिता कमर पर हाथ रखे मुझे देख रही थी मुस्कुराते हुए प्यार से उसने कहा क्या इरादा है जनाब का मैंने कहा 10 बज रहे हैं 12 बजे तक अपनी जवान रसीली गरम बहन को नंगी कर के उसके बदन के एक एक अंग का रस पी कर उसे कस कस के चोद कर मस्त करने का इरादा है मेरा तेरा क्या इरादा है वो बोली मेरा भी ऐसा ही कुछ इरादा है मैंने कल की तरह फोल्डिंग से दोनो गद्दे उठा कर फर्श पर डाल दिये और बबिता के पास आ कर उसकी कुर्ती पकड़ कर ऊपर उठाते हुए निकालने लगा उसने अपनी बाहें उठा दी और मैंने कुर्ती निकाल कर एक ओर फेंक दी फिर मैंने उसकी पजामी भी पकड़ कर नीचे सरका दी उसने अपने पैर उठाते हुए दोनो पैरों से पजामी निकाल दी नीचे उसने सिर्फ पैंटी पहनी थी ब्रा नही उसकी नंगी लटकी हुई चुचियाँ देख कर मुझसे रहा नही गया और मैं झुक कर उसके एक निप्पल को चाटने लगा उसने मेरी गर्दन पर हाथ रख कर फ़िराते हुए मेरे बाल मुट्ठी में पकड़े और एक हाथ से अपनी वो चुंची पकड़ कर उठाते हुए मेरे मुह में ठेलने लगी मैंने बड़ा सा मुह खोल जितनी चुंची मुह में जा सकती थी मुह में भर ली और जोर से चुसने लगा मैं पागलों की तरह उसकी चुंची के नरम मांस को दांतों से काट काट कस चूस रहा था और वो खड़ी खड़ी अपने हाथ से चुंची पकड़ कर मस्ती में चुस्वा रही थी फिर मैंने उसके अंगूर जैसे काले निप्पल को दांतों से पकड़ कर अपनी ओर खींच लिया और वो जोर से सिसक उठी और बोली संजू मैं जोर से आवाज़ें करते हुए मज़े लेना चाहती हूं मैंने कहा फिलहाल तो आवाज़ पर काबू रखो और उसकी दूसरी चुंची पर टूट पड़ा उसे भी चूसते काटते हुए पीने लगा वो दीवार के पास खड़ी थी मैंने उसे थोड़ा स पीछे पुश किया तो उसकी पीठ दीवार से लग गयी और मैंने उसके सामने आ कर उसके दोनों हाथ अपने हाथों में फंसा कर उसके हाथ एकदम ऊपर उठा दिए उसकी बालो से भरी आर्मपिट्स मेरी आँखों के सामने थी बड़ा ही सेक्सी नजारा था उसकी बगलों के घने काले बाल देख कर मेरा चेहरा उस पर झुकता चला गया और मैंने अपना मुह उसकी बगल में घुसा दिया उसके बालो से पसीने की हल्की गंध आ रही थी जो मुझे बड़ी मादक लग रही थी मैं उसके बालो और पसीने को गंध को गहरी सांस लेते हुए सूंघने लगा और उसकी सांसे भी तेज होने लगी उसकी मोटी काली चुचियाँ ऊपर नीचे होने लगी और फिर मैंने अपनी जीभ निकाल कर उसकी बगल चाटनी शुरू कर दी अजीब सा खट्टा नमकीन सा स्वाद था पर वो स्वाद मेरे लंड को बेकाबू कर रहा था आंखे मूंदे मैं उसकी बगल को जी भर कर चाटता रहा और फिर जीभ उसके बदन पर फ़िराते हुए उसी ओर के निप्पल को चाटने लगा वो खड़ी खड़ी अपनी जांघे आपस मे रगड़ रही थी और सिसक रही थी मैं एक निप्पल से जीभ फ़िराते हुए उसके क्लीवेज को चाटते हुए दूसरे निप्पल तक आया और उस निप्पल को जोर से काट लिया उसके मुह से हल्की सी चीख सी निकल गयी औरर फिर मैं उसकी दूसरी बगल को भी सूंघने और चाटने लगा वो एकदम चुदासी हो कर अपनी जांघे रगड़ रही थी फिर मैं उसकी बगल से जीभ फ़िराते हुए नीचे आ गया उसकी कमर पर और उसके हाथ छोड़ कर नीचे बैठ गया उसकी कमर के मांस को हल्के हल्के बाईट करते हुए चूमने चाटने लगा उधर उसने हाथ फ्री होते है अपनी चुचियाँ खुद से सहलानी शुरू कर दी और फिर मैंने उसकी नाभि पर होंठ रख दिये काली काली गहरी नाभि बहोत सेक्सी लग रही थी मैं अपनी जीभ उसकी नाभि में डाल चुसने लगा वो तड़पने लगी आहें भर रही थी नाभि चूसते हुए मैने उसकी पैंटी में उंगलियां फंसा कर नीचे खींच दिया और अपनी जीभ उसके पेड़ू पे फ़िराते हुए उसकी घनी रेशमी झांटे चाटने लगा और नीचे उसकी बड़ी सी क्लिट तन कर खड़ी थी उसे देख कर मेरे मुह में पानी से गया और मैंने होठो में उसकी क्लिट दबा ली और चुसने लगा जोर जोर से उसने अपने पैर फैला दिये मैंने क्लिट चूसना छोड़ कर उसकी ओर देखा उसका सर ऊपर को उठा था आंखे बंद मुट्ठियाँ कसी हुई मैंने कहा बबिता तो वो मेरी ओर देखने लगी उसकी आंखें लाल थीं मैंने अपना अपनी बुर अपने हाथों दे फैला कर चटवाओ ना उसने अपनी टांगे अच्छे से फैला कर दोनो हाथों से अपनी बुर के होठ फैला दिए अंदर का गुलाबी रंग दिखने लगा वो फुसफुसा कर बोली संजू लो चाटो मेरी बुर मैंने कहा तुम कौन हो जान वो बोली तुम्हारी रानी तुम्हारी जान मैंने उसकी क्लिट को उंगली से सहलाते हुए कहा सच मे तुम मेरी क्या हो वो बताओ वो सिसियाते हुए बोली मैं तो बहन हूँ तुम्हारी मैंने कहा फिर मैं किसकी बुर चाटू बताओ न वो मेरे सर पर एक हाथ रख कर मेरे बालो को मुट्ठी में जोर से पकड़ कर मेरा मुह अपनी गीली चिपचिपी बुर पर रख कर अपनी गांड़ उठा कर बुर मेरे होठो पर रगड़ते हुए बोली आहह भैया अपनी बहन की बुर चाटो पूरी जीभ डाल कर अच्छे से चाटो अपनी बहन की बुर को और मैंने लंबी सी जीभ निकाल कर बबिता की बुर में पेल दी और अंदर तक घुमा घुमा कर चाटने लगा बबिता अपनी गांड़ उचका उचका कर अपनी बुर को और दबाने लगी मेरे मुह पर और बोली आहह भैया खा जाओ मेरी बुर को कल जैसे ही चुसो अपने मुह में भर कर मैंने बड़ा सा मुह खोल कर उसकी पूरी बुर और क्लिट मुह में भर ली और जोर जोर से चुसकने लगा वो दीवानी हुई जा रही थी उसके पैर कांपने लगे और आखिर में उसने अपने ही हाथ से अपना मुह जोर से दबा लिया उसके मुह स एक घुटी घुटी चीख निकली और वो भलभला कर झड़ गयी उसकी बुर से चिकना चिकना खट्टा रस बहता हुआ मेरे मुह में आने लगा और मैं उसे चूस चूस कर निगलता जा रहा था……, आखिरी बून्द तक चुसने के बाद मैंने उसे छोड़ दिया और वो दीवार से टिकी गहरी सांसें ले रही थी मैं वही बैठा उसे देख रहा था फिर मैं खड़ा हुआ और अपना लोअर और टीशर्ट निकाल दी बबिता ने आंखे खोल कर मुझे देखा मैं सिर्फ अंडरवियर में था वो मेरे पास आ कर मेरे सीने से नंगी ही लिपट गयी और उचक कर मेरे होठ मुह में भर कर चुसने लगी पूरे एक मिनट तक चुसने के बाद वो अलग हुई और बोली आई लव यू संजू पागल कर देते हो तुम मुझे मैंने उसे आंख मारते हुए कहा मैं कुछ नही करता रानी ये तेरे नंगे खूबसूरत सेक्सी बदन का कमाल है जिसे देख कर मैं होश खो देता हूँ इतनी तारीफ सुन कर उसके चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान आ गयी मैंने कहा अब तेरी बारी है बबिता वो बोली हां क्यों नही और उसने मेरा हाथ पकड़ा और गांड़ मटकाती हुई बिस्तर की ओर चल दी फिर उसने मुझे बिस्तर पर बिठाया और मेरे पास घुटनो पर बैठ गयी और मेरे कंधे पकड़ते हुए मुझे लिटा दिया और अंडरवेअर के ऊपर से मेरे खड़े लंड पर हाथ फिराने लगी फिर उसने अंडरवियर को नीचे सरका कर लंड नंगा किया और उसे मुठियाते हुए झुक कर मेरे निप्पल चुसने लगी और मैं मदहोशी में डूबता चला गया उसे मेरी पसन्द का ख्याल था इसलिए उसने शुरुआत इसी से की वो बारी बारी दोनो निप्पल को चाट रही थी कभी दांतो से पकड़ती कभी होठो में दबा कर चूसती और लंड को मुट्ठी में भींच कर मसल रही थी मैंने कहा बबिता वो बोली हां संजू मैंने कहा यार तुम चुदवाते टाइम भी भैया कहा करो ऐसे मुझे ज्यादा उत्तेजना आती है उसने शरारत से मेरी आँखों मे देखते हुए कहा हाँ मैं देख रही थी बहन की बुर चाटने के नाम पर आप कुछ ज्यादा ही जोश में आ गए थे मैंने कहा हाँ वो फीलिंग अलग अहसास देती है कि मेरी बहन मुझसे चुद रही है वो ठीक है मेरे भैया अब बोलिये आप क्या कह रहे थे….. मैंने कहा मुझे अपनी बहन की गांड़ चुसनी है तो वो बोली भैया कैसे चूसेंगे अपनी बहन की गांड़ आपकी बहन कुतिया बने या अपने भैया के मुह पर गांड़ रख कर बैठ जाये मैंने कहा बस मुह पर गांड़ रख कर बैठ जाना फिर मैंने उसे फ़ोन में वो ही वाला वीडियो प्ले कर के दिखाया जो मैं छत पर देख रहा था बस दो मिनट वो मुह पर बैठ कर गांड़ चटवाने वाला सीन दिखा कर मैंने कहा ऐसे ही उसने कहा ok भैया और वो खड़ी हो गयी और मेरे सर के दोनों ओर पैर रख कर झटके से बैठ गयी मेरे मुह पर मेरा मुह उसकी गांड़ की दरार में दब गया और वो पूरा वजन डाल आराम से बैठी थी मेरी सांस रुक गयी और एक मिनट में ही मेरा दम निकलने लगा मैंने हाथ से उसकी पीठ थपथपाइ वो थोड़ा सा ऊपर उठी ताजी हवा मिलते ही मैं गहरी सांस लेने लगा वो मुझे चिढ़ाते हुए बोली भैया मज़ा आया मैंने कहा साली जान मत ले लेना वो बोली मैं तो आपके मन की कर रही आपने ही तो बोला था मैंने कहा हां बोला था पर सांस लेने की तो गुंजाइश रखनी थी वो फिर से अपनी गांड़ मेरे चेहरे पर रख दी लेकिन इस बार उसने सारा वजन नही डाला और मैं अपनी नाक गांड़ के मस्त छेद पर रगड़ने लगा वो धीरे से बोली भैया एक दिन मैंने सड़क पर देखा था एक कुत्ता ऐसे ही कुतिया की गांड़ सूंघ रहा था और फिर वो उस पर चढ़ कर उसे चोदने लगा…………..
फिर वो मेरे सीने पर लेट सी गयी और उसका मुह ठीक मेरे खड़े लंड कर ऊपर आ गया इस पोजीशन में उसकी गांड़ भी मेरे होठो से एक इंच दूरी पर आ गयी उसकी गांड़ का काला काला कसा हुआ छेद मेरी नजरो के सामने था मैंने जीभ निकाल उसे धीरे धीरे चाटना शुरू कर दिया उधर बबिता ने भी मेरे लंड को पकड़ कर उसकी स्किन नीचे की और सुपाड़े पर अपने होंठ फिराने लगी फिर जीभ निकाल लंड को ऊपर से नीचे तक चाटने लगी मैं अपनी जीभ नुकीली कर के उसकी गांड़ में घुसाने की असफल कोशिश कर रहा था फिर मैंने अपनी एक उंगली अपने मुह में डाल कर गीली की उसकी गांड़ में उंगली घुसाने लगा वो थोड़ा कसमसाई पर कुछ बोली नही और मेरा लंड चूसती रही मैंने अपनी बीच वाली मोटी उंगली पूरी उसकी गांड़ में उतार दी इर फिर उंगली 10-12 बार अंदर बाहर कर के उसकी गांड़ उंगली से ही चोदने लगा फिर मैंने एकदम से उंगली उसकी गांड़ से निकाली और अपनी जीभ उसकी खुली हुई गांड़ पर फिराने लगा इस बार मैंने जीभ कड़ी कर के गांड़ में डालने की कोशिश की तो एक इंच जीभ उसकी गांड़ के छेद में चली गयी और मैं जीभ को गोल गोल उसकी गांड़ के अंदर घुमाते हुए उसकी गांड़ का स्वाद लेने लगा कसैला से स्वाद आ रहा था पर मुझे भा रहा था सो मैं मज़े से उसकी गांड़ चाटता रहा और आखिर में मैंने मुह खोल कर उसकी गांड़ के पूरे छेद को मुह में भर लिया और उसे चुसने लगा वो फिर से गरम होने लगी थी मेरा लंड उसके थूक से गीला हो चुका था वो मेरे लंड को मुट्ठी में भर कर सहलाते हुए सुपाड़े को होंठो में दबा कर जोर से चूस रही थी और मैं उसकी गांड़ के काले छेद को मुह में भर जोरों से चूस रहा था…… फिर उसने लंड से मुह हटा कर मेरे बॉल्स को चाटना शुरू कर दिया और फिर उसने मुह खोल के मेरे दोनो गोटे मुह में भर लिए और उन्हें रसगुल्ले जैसे चुसने लगी मैं तो सातवे आसमान में उड़ रहा था मेरे बदन में चिंगारियां सी उठ रही थी मैंने बबिता की गांड़ चुसनी छोड़ कर सिसकते हुए कहा बबिता वो बोली हां भैया मज़ा आ रहा ना मैंने कहा बहोत मज़ा आ रहा है मेरी जान वाकई तुझसे प्यारी लड़की कोई नही इस दुनिया मे अब एक काम कर ना वो बोली हां भैया अब चुदवाने का टाइम आ गया है उसे लगा अब मैं उसे चोदना चाहता हूं मैंने कहा हां पर उससे पहले कुछ और वो लंड सहलाते हुए बोली हां भैया बोलो ना मैंने कहा जैसे मैं तेरी गांड़ चूस चाट रहा हूँ तू भी मेरी गांड़ चाट ले न साली वो लंड रगड़ती हुई बोली ठीक है भैया और उठने लगी मैंने उसकी कमर पकड़ कर वापस बिठाते हुए कहा ऐसे ही इसी पोज में हम दोनों एक दूसरे की गांड़ चूसेंगे बबिता और मैंने अपनी दोनो टांगे फैला का ऊपर उठा दीं मेरे गोरे गोरे चूतड़ खुल गए और एलईडी की तेज रोशनी में मेरी गांड़ का गुलाबी छेद बबिता को दिखने लगा उसने थोड़ा आगे झुक कर अपना मुह मेरी गांड़ तक पहुंचाया और फिर जीभ निकाल कर मेरी गांड़ चाटनी शुरू कर दी उसकी जीभ गांड़ पर लगते ही मेरे बदन में उत्तेजना की लहर सी दौड़ गयी और मैंने भी सर उठा कर फिर से उसकी गांड़ का काला छेद अपने होंठो में दबा लिया और चुसने लगा वो अच्छे से जीभ फिरा कर पूरी गांड़ की दरार को चाट रही थी और फिर उसने भी मेरी गांड़ के छेद को मुह में भर लिया और चुसने लगी हम दोनों पागलों जैसे एक दूसरे की गांड़ को चूस रहे थे मुझे अपने जीवन मे इतनी उत्तेजना और आनन्द कभी नही महसूस हुआ था,……. कोई 4-5 मिनट तक हमने एक दूसरे की गांड़ को जी भर के चूसा फिर पहले मैंने और फिर उसने मुह हटा लिया और हम ऐसे ही पड़े गहरी सांस लेने लगे मैंने उसकी गांड़ पर एक चपत मारी तो वो उठी और मेरी बगल में बैठ गयी मैं भी उठ कर बैठा तो मेरे सीने से लिपट गयी और मेरे बदन को सहलाते हुए बोली भैया कितने मज़े देते हो जी करता है सारी रात ऐसे ही नंगी पड़ी आपसे चुस्वाती रहूं अपने जिस्म को मैं भी उसे सीने से लगा कर उसके होंठ पीने लगा कुछ सेकेंड्स में वो अलग हुई और बोली भैया अब चोद दो ना अपनी बहन की बुर मैंने उसे धक्का दे कर बिस्तर पर गिराया और उसकी टांगे फैला कर बीच में आ गया और अपना सख्त गरम सुपाड़ा उसकी दहकती गीली झांटो भरी बुर पर रख कर रगड़ने लगा उसकी बुर की क्लिट पर सुपाड़े की रगड़ लगते ही वो फिर से सिसकने लगी अपने हाथो से अपने निप्पल रगड़ने लगी और धीरे से बोली भैया क्यों तड़पा रहे हो पेल दो न अपना लंड मेरी बुर में मैंने सुपाड़े को बुर की फांको में फंसा दिया और उसके नंगे बदन लेट गया और फिर उसके होंठो पर अपने होंठ कर चूसते हुए अपनी जीभ उसके मुह में डाल दी वो मेरी जीभ मज़े से चुसने लगी और मैंने कमर का दबाव डालते हुए पूरा जड़ तक लंड बुर में पेल दिया बबिता ने मेरी जीभ को दांतों से काट लिया और फिर से चुसने लगी मैंने अपनी कमर को झटके देते हुए उसकी बुर में गहरे धक्के लगाने शुरू कर दिए वो भी नीचे से अपनी गांड़ उठा उठा र लंड लेने लगी मैं अपनी हथेलियों पर थोड़ा ऊपर उठ गया और उसकी आँखों मे देखते हुए कस कस के चोदने लगा वो भी मेरी आँखों मे देख रही थी और आहह आहह करते हुए सिसक रही थी मैंने झुक कर उसकी नाक अपने मुह में भर ली और उसकी नाक चूसते हुए और तेजी से लंड पेलने लगा उसकी बुर में फिर ऐसे ही चोदते हुए मैंने अपनी जीभ उसकी नाक में घुसा दी और चाटने लगा उसने अपना सर घुमा कर ऐसा करने से रोकने की कोशिश की तो मैंने एक हाथ से उसका चेहरा पकड़ कर घुमाया अपनी ओर और उसकी आँखों मे देखते हुए फुसफुसा कर कहा बबिता अभी जो कर रहा हूँ करने दे रोक मत साली उसने मुस्कुरा कर आंखे बंद कर ली और मैं फिर से उसकी नाक के छेद के चाटते हुए उसे चोदने लगा 10 मिनट तक मैंने ऐसे ही उसे रगड़ कर चोदा और फिर लंड निकाल लिया उसकी बुर से वो मेरी ओर देखने लगी मैंने कहा कुतिया बन जा अब वो झट से पलट कर झुक गयी और टांगे फैला कर गांड़ उठा दी मैं उसके पीछे आया और उसकी बुर में लंड पेल कर उसकी गांड़ मसलते हुए तेज तेज धक्के देते हुए चोदने लगा उसने एक हाथ नीचे से घुसा कर अपनी क्लिट को रगड़ना शुरू कर दिया और आखिर में तेजी से सिसियाते हुए झड़ने लगी उसका बदन कांपने लगा वो मज़े से बेहोश सी हो रही थी मैने धीरे से लंड बाहर खींच लिया और वो लुढ़क गयी बिस्तर पर मेरी नंगी चुद कर बेहाल हुई चचेरी बहन बिस्तर पर पड़ी गहरी सांसें ले रही थी उसके नंगे चूचे ऊपर नीचे होते हुए बड़े मस्त लग रहर थे थोड़ी देर में उसने आंखे खोली और मेरी ओर देख कर बाहें फैला दी मैं उसकी बाहों में समा गया उसने मेरे पूरे चेहरे पर चुम्बनों की बौछार कर दी और बोली मेरे प्यारे चोदू भैया मैं हंस दिया और बोला मेरी सेक्सी चुदक्कड़ रण्डी बहना अब भैया के लंड का भी ख्याल कर कुछ वो मेरी गाली को नजरअंदाज करती हुई बड़ी अदा से बोली क्या हुक्म है मेरे आका मैंने बस तेरे इस हसीन चेहरे पर अपने लौड़े का गर्म गर्म रस टपकाने की इच्छा है जानेमन वो अपने घुटनों पर बैठ गयी और बोली आ जाइये मैं उसके सामने खड़ा हो गया और उसकी बुर के रस में भीग चमकता हुआ लंड मुठियाने लगा उसने अपने होंठो पर जीभ फिराई और और फिर सुपाड़े को चाटने लगी….. मैंने लंड मुठियाते हुए कहा बबिता मैं तुम्हे गाली देता हूं तुम्हे बुरा तो नही लगता वो मेरी आँखों मे देख कर बोली भैया मैं कितना प्यार करने लगी हूँ आपसे आप नही समझ सकते आप की किसी भी बात का बुरा मानने का तो सवाल ही नही है हाँ अगर मैं किसी भी तरह आपको कोई खुशी दे सकूं तो ये मेरा सौभाग्य होगा मैंने उसकी बात सुन कर झुक कर उसके होंठ चुम लिए और वापस लंड तेजी से हिलाते हुए लव यू मेरी बुरचोदी बहन…….. उसने फिर से सुपाड़ा चूसना शुरू कर दिया और मैं लंड मुठियाते हुए एकदम से ना जाने क्या सोच कर अपने लंड पर थूक दिया मेरा थूक एकदम उसके होठो के पास सुपाड़े पर गिरा उसने एक बार मेरी ओर देखा फिर जीभ निकाल कर लंड पर से मेरा थूक चाटने लगी मेरे लंड की हालत खराब हो गयी ये सीन देख कर मैंने एक हाथ से बबिता के बाल मुट्ठी में पकड़े और दूसरे हाथ से एकदम तेजी से लंड हिलाने लगा मेरे टट्टे सख्त होने लगे मैंने बबिता की आंखों में देखते हुए कहा मुह खोल भोसड़ी की उसने बड़ा सा मुह खोल दिया मेरे लंड के सामने और मैं झड़ने ही वाला था कि अचानक मैंने झुक कर उसके खुले हुए मुह में थूक दिया उसने मुस्कुराते हुए मेरा थूक निगल कर फिर से मुह खोल दिया मेरे मुह से अब गुर्राहट निकलने लगी थी मैने सुपाड़ा उसके होठो पर रगड़ते हुए कहा ले बुरचोदी रण्डी छिनाल पी ले मेरे लंड का रस इसी के साथ मेरे सुपाड़े से वीर्य की फुहारें निकलने लगी बबिता उसे देखते हुए अपने होंठ सुपाड़े के छेद पर रख कर चुसने लगी और मैं झटके लेते हुए झड़ता रहा aaahhhhh उसका पूरा मुह मेरे वीर्य से भर गया कुछ बूंदे उसके होठो के किनारे से बह कर उसकी ठोढ़ी पर आ गयी थी वो गाल फुलाये मुह में मेरा वीर्य भरे बैठी थी मैंने उसे आंख मार दी वो मुस्कुरा कर एकदम से मेरा वीर्य गटक गयी और मुह खोल कर मुझे दिखाने लगी मैंने एक बार फिर से उसके होंठ चुम लिए और वीर्य का स्वाद मेरे मुह में भी आ गया फिर वो खड़ी हो कर मेरे गले लग गयी और बोली भैया हमारी शादी तो हो नही सकती मुझे अपनी रखैल ही बना लो कम से कम आपके लंड का मज़ा तो मिलता रहेगा मैंने उसके नंगे चूतड़ मसल कर कहा वो तो तू है ही मेरी जान मेरी रखैल मेरी रण्डी मेरी कुतिया और फिर हमने अपने कपड़े पहने और लाइट ऑफ कर के बिस्तर पर आ गए वो मेरे पास आ गयी और मुझे बाहों में भर कर मेरे सीने से लग कर सो ग
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#13
(11-08-2022, 03:35 PM)neerathemall Wrote:
चचेरी बहन बबिता ने .........................


Namaskar
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#14
Good story
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