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जिया की कामुकता उर्फ बुर कि दुर्दशा
#1
जिया की कामुकता उर्फ बुर कि दुर्दशा
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#2
1

जिया अपने जवानी के २२ वें साल में थीं, सांवला रंग तो लम्बाई ५’३ इंच मात्र, बूब्स गोल और कसे हुए तो गोल गद्देदार चूतड़ जिसपर मैं बार नहीं रखती थी, मेरे सेक्सी जिस्म का आनंद दर्जनों ने लिया था लेकिन मुझे किसी अधेड़ उम्र के मर्द के साथ सेक्स का आनंद लेना था लेकिन आज तक मौका ही नहीं मिला की ऐसा मजा ले सकूं। ये बात दो तीन महीने पहले की है जब डैड, मॉम, भाई और मैं अपने पैतृक गांव गए हुए थे जहां की रिश्ते में एक शादी थी तो मुझे लगा कि इससे अच्छा मौका नहीं मिलेगा की किसी अधेड़ उम्र के मर्द के साथ सेक्स कर सकूं। हमलोग शादी में शामिल होने के लिए पहुंचे तो वहां पहले से ही रिश्तेदार लोग आए हुए थे और शाम को पहुंची फिर फ्रेश होकर नाश्ता की तो महिलाओं और लड़कियों के लिए घर के प्रथम मंजिल और निचले मंजिल पर ठहरने की व्यवस्था की गई थी, शाम के ०६:३० बजे होंगे कि मेरी चचेरी बहन पूनम मुझसे मिलने आई जिसके साथ मैं उसके घर चली गई और चाचा जी बरामदे पर बैठकर चाय की चुस्की ले रहे थे, उनसे आशीर्वाद लियातो वो बोले ” दो तीन साल बाद आईं है कितनी बड़ी हो गई है

( मैं पास में पड़े कुर्सी पर बैठी ) और चाचा जी आपका काम कैसा चल रहा है
( वो बोले ) काम क्या खाक चलेगा सिर्फ रिश्वत लेना और साहब को देना यहीं काम रह गया है बिटिया ” रूम से चाची निकली फिर मैने उनसे आशीर्वाद लिया और फिर चाय मिलते ही उसे पीने लगी, पूनम के पिता जी मुश्किल से ३९-४० साल के होंगे, नौकरी ब्लॉक ऑफिस में करते थे तो बदन किसी गबरू जवान की तरह और पहली बार आज मुझे एहसास हो रहा था कि चाचा जी जिनका नाम रघु है मेरी बूब्स की ओर देख रहे हैं तो मैं उनसे नजरें भी मिलाने लगी लेकिन अपनी ओर से कोई ग्रीन सिग्नल उन्हें नहीं देना चाहती थी ताकि उन्हें मालूम हो कि मैं चरित्रवान लड़की हूं। उस शाम उनके घर से निकले फिर रात को खाना खाकर सो गई, फर्श पर गद्दा बिछा हुआ था तो थकावट के कारण गहरी नींद में रात बीत गई फिर अगले दिन ही शोभा दीदी की शादी थी तो शाम को बारात आने वाली थी और फिर दिन में तो सिर्फ अगल बगल के घर घूमती रही, रिश्तेदारों से मिली और शाम होते ही फ्रेश होकर अपना कपड़ा बदलने लगी, मैं अपने लिए पीले रंग की लहंगा और चोली लाई थी तो आप समझ ही सकते हैं कि इस ड्रेस में मेरी जिस्म कितनी खूबसूरत लगती और आज की रात शादी के समय ही मुझे रघु चाचा से प्रेम मोहब्बत करना था लेकिन शादी के माहौल में ऐसा कर पाना कठिन था। जिया ब्रा और पैंटी पहनी फिर लहंगा और चोली पहन ली कि मॉम बोली ” क्या जिया ऐसी ड्रेस पहन रखी हो
( मैं ) क्या मॉम इस ड्रेस में क्या प्रॉब्लम है, शादी के माहौल में तब क्या पहनूं ” और फिर लिपस्टिक ओंठो पर लगाकर बाल संवारने लगी, मेरी चचेरी बहन पूनम आईं और मुझे देख बोली ” ओह तुम तो बला की खूबसूरत लग रही हो किसी कि नजर ना लग जाए
( मैं हंस दी ) चूपकर और चाचाजी ऑफिस से वापस आए
( वो मुझे संकोच भरे नजर से देखी ) हां आज तो दोपहर ही आ गए ” मैं अब आंगन से बाहर निकली तो हर जगह पर सजावट और रोशनी की व्यवस्था की गई थी और इस रोशनी से ही बचकर सबसे नजरें बचाकर अंधेरे में गुल होना था लेकिन साथी अगर रधू चाचा हों तो, मैं अब बाहर लगे कुर्सी पर बैठ गई फिर मेरी बहनें पूनम, शीला और लवली आईं और चारों बैठकर बातें करने लगे फिर कुछ देर बाद कॉफी पीने को मिला, शाम के ०७:४५ बजे होंगे कि मेरी नजर रघु काका पर पड़ी और वो सफ़ेद रंग के पैजामा साथ ही पीले रंग के कुर्ते पहन रखे थे, हम चारों की ओर देखे फिर मुझे इशारे से बुलाए, मैं उनके ओर गई ” हां काका बोलिए
( वो बोले ) बारात आने में अभी कम से कम दो घंटा है तो बैठने कि बजाय जरा देख लो कि सजावट में कोई कमी तो नहीं रह गई है या खाना जो बन रहा है सारा कुछ तैयार हो रहा है कि नहीं ” और चारो बहनें द्वार से आगे बढ़कर सारी व्यवस्था को देखने लगे लेकिन मेरी नजर तो उन पर थी जिन्होंने मुझे अपने नजरो से दूर किया था, उम्र के हिसाब से स्मार्ट और छरहरा बदन साथ ही लम्बा कद ( ५’१० इंच ) और अब हम चारों वापस द्वार पर आए तो वहीं रघु काका और साथ में कई लोग बैठकर बातें कर रहे थे, फिर आगे बढ़े जहां एक जगह को घेरकर रसोई बनाया गया था तो वहां देखी की खुद ही रमेश अंकल बैठे हैं फिर वहां से निकल गई और एक घंटे बाद बारात पहुंची तो द्वार पर बेंड बाजा साथ ही पटाखे फोड़े जा रहे थे और मेरी चचेरी बहनों ने डांस करना शुरू किया तो कहिए कि मुझे भी उन लोगों ने खींच लिया फिर मैं भी कमर हिलाते हुए नाचने लगीं और फिर बारातियों को नाश्ता दिया जाने लगा तो मैं रघु काका को ढूंढ रही थी, कुछ देर बाद रघु चाचा बारातियों से बात करते दिखे और मुझे लगा की यहीं सही वक़्त है इन्हें रिझाने का और मैं थोड़े दूरी पर खड़े हुए उन्हें ही सिर्फ देखने लगी तो वो भी मेरे इशारे को समझते हुए मुझे देख रहे थे फिर बारातियों के पास से उठकर मेरे पास आए और पूछे ” तुम अकेले यहां क्या कर रही हो तुम्हारी बहनें किधर है ” और मैं उनको धीमे स्वर में बोली ” द्वार के उपरी मंजिल पर जा रही हूं मौका मिले तो, समझ रहे हैं ” तो वो मुस्कुरा दिए और मैं द्वार के उपरी मंजिल पर चली गई, फिलहाल तो द्वार और आंगन में ही शादी की रस्म शुरू होने वाली थी। जिया उपरी मंजिल पर एक सीमेंट कि बनी बेंच पर बैठी तो रघु काका भी आए और मैं उन्हें आते देख उनकी ओर गई और उनसे लिपटकर चूमने लगी तो काका मेरे गोल गद्देदार चूतड़ को सहलाने लगे ” लेकिन जिया क्या ये सही है कोई जान गया तो समझे ” लेकिन मेरे जिस्म में तो काम रस प्रवाहित हो रही थी और काका के गरदन से चेहरा को चूमते हुए मैं उनके छाती से बूब्स दबाने लगी…
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#3
2
जिया अपने घरवालों के साथ एक शादी में शरीक होने आईं थी तो उसकी जिज्ञासा एक अधेड़ उम्र के मर्द के साथ सेक्स करने को था जिस कारण मेरी नजर रघु काका पर थी और दोनों छत पर एक दूसरे से लिपटे हुए मस्त थे कि काका ने मेरे जूल्फ पकड़ चेहरा को अपने चेहरा के सामने किया फिर ओंठ पर ओंठ रख चुम्बन दिया, उनसे लिपटकर मैं उनके ओंठ को चूमने लगी तो काका अपनी बिटिया को भूलकर उसके गोल गद्देदार गांड़ सहलाने लगे फिर मेरे चोली की डोरी जोकि पीठ पर थी को खोलकर बाहों से चोली को निकालने लगे, सच पूछो तो मैं अपनी शर्म और हया भूल उनके सामने ब्रा और लहंगा में खड़ी थी तो रघु काका मुझे सीमेंट के बेंच पर बिठाए फिर मेरे बूब्स को पकड़ उसे चूमने लगे तो मेरा हाथ उनके पैजामा की डोरी को खोज रहा था लेकिन नहीं मिला तो हाथ उनके लंड कि उभार को ही पकड़ दबाने लगा और काका चूची को चूमते हुए ब्रा कि स्ट्रैप को बाहों पर करने लगे। जिया खुद से ब्रा खोल अपने चूचियों को नग्न कर काका के हवाले कर दी तो रघु मेरे बूब्स को पकड़ चेहरा थोड़ा नीचे किया फिर मुंह में लेकर चूसने लगा और मेरा हाथ उनके लंड के उभार को पकड़ दबाए जा रहा था, द्वार के उपरी मंजिल पर दोनों सेक्स कि दुनिया में खो चुके थे और मेरे गोल गोल बूब्स का २/३ भाग मुंह में लिए काका चूसे जा रहा था तो मेरे जिस्म में गुदगुदी होने लगी और तभी रघूू अपने पैजामा की डोरी को खोल मेरे काम को आसान कर दिया तो जिया हाथ अंदर घुसाए लंड को पकड़ ली लेकिन पहले चढ्ढी को थोड़ा नीचे की और मेरे मुंह से अब आहें निकलने लगी ” उह ओह काका मेरे बूब्स छोड़िए ना

( वो मेरे दाहिने बूब्स मुंह से निकाल बाई चूची को पकड़ दबाने लगा ) तू तो जवान हो गई हैं ” और काका अपने पैजामा कमर से नीचे कर चढ्ढी तक हटाए तो उनका मोटा और लम्बा लंड मेरे सामने था, उसको पकड़ लगा की पहली बार लंड पकड़ रही हूं बिल्कुल ही गेहूं रंग का तो लम्बाई अर्ध रूप से टाईट होने पर छह इंच था और आज मेरी बुर कि दुर्दशा लिखी हुई थी जिसे मैं ही आमन्त्रित की थी। रघु के लंड को पकड़ हिलाने लगी तो वो मेरे बूब्स मुंह में भर चूसने लगा और मैं तो अब कामुकता की गिरफ्त में आ रही थी, मेरे हाथ में काका का लौड़ा था जिसे मुंह और बुर में लेना था तो नीचे बारातियों को नाश्ता देकर ही दोनों छत पर आए थे और काका मेरी चूची पर दांत भी गड़ाने लगे तो मैं उनके चेहरे को पीछे धकेल चूची को मुंह से बाहर की फिर अपने सांसों पर नियंत्रण करने लगी लेकिन काका मेरी दोनों बूब्स पकड़ दबाने लगे और उनके लंड को मैं छोड़ बोली ” काका जो हो रहा है वो किसी को नहीं बताना
( काका बोले ) तू तो शहर की छोकरी है लौड़ा चुसेगी ना ” फिर मैं अर्ध नग्न अवस्था में बेंच पर से उठी और उनके सामने घुटनों के बल हो गई, वो अपना चूतड़ आगे की ओर किए फिर मैं उनके ९-१० इंच लंबे और ढाई तीन इंच मोटे लंड को पकड़ चमड़ा नीचे की और उस पर ओंठ सटाए चूमने लगी, जिया की मचलती जवानी में एक और अध्याय जुड़ने पर था तो काका के लौड़े को पकड़ उसके हरेक हिस्से को चूमते हुए जांघ सहलाने लगी और रघु मेरे बाल सहलाता हुआ मस्त था ” ओह इतनी अदा से लांड चाटने जानती है जरूर खेली खाई छोकरी है
( मैं उनसे नजर मिलाने लगी ) काका एक पैक मिल जाए ना तो तेरी रात हसीन कर दूंगी ” और फिर मुंह खोले उनका लंड अंदर ले ली लेकिन आधा से अधिक लंड मुंह में था कि सुपाड़ा गले से अटक रहा था और मैं मुंह में लंड लिए चुस्क चूसक कर उसे चूसने लगी लेकिन काका के सांड सा लंड चूसने में मजा नहीं आ रहा था और मैं अब मुंह का झटका देते हुए मुखमैथुन करने लगी तो रघु काका मेरे सर पर हाथ रख नीचे से ही लंड का धक्का देते हुए मुंह चोदने लगे और मैं कल्पना लोक से परे हकीकत में एक अधेड़ उम्र के मर्द के साथ सेक्स कर रही थी, अब मेरे मुंह में थोड़ा दर्द होने लगा तो मैं लंड बाहर निकाल दी फिर काका को देख बोली ” क्या कार्यक्रम चालू रखें या फिर शादी में शरीक होना है
( वो हंस दिए ) आज कि रात शादी भी और तेरे साथ सुहागरात भी ” फिर मैं काका के लंड पकड़े जीभ से चाटने लगी तो वो हाथ मेरे पीठ पर फेरने लगे और बाईं चूची पकड़ मसलना शुरू किए तो मैं लंड चाटकर उठ खड़ी हुई ” जरा ब्रा और चोली तो बढ़ाइए काका अपनी बिटिया के बूब्स को तो माप ही लिए
( वो मुझे ब्रा और चोली बढ़ाए ) हां वैसे उम्र के हिसाब से ज्यादे बड़ी हो गई है ” जिया चोली पहन ली तो काका अपने पैजामा को पहनकर बोले ” आधे घंटे बाद यहीं मिलते हैं तब तक शादी में शामिल हो आओ ” फिर दोनों छत से उतरे और नीचे मंडप पर फिलहाल दुल्हन और दूल्हा नहीं बैठे थे तो जाकर कमरे में देखी की शोभा दीदी को तैयार किया जा रहा है और सच पूछो तो मेरे बुर में खुजली हो रही थी तो थोड़ी देर तक इधर उधर सबसे मिलकर मैं द्वार की ओर गई और छत पर जाने लगी कि काका भी मेरे पीछे पीछे आने लगे। जिया छत पर चढ़ी की पीछे से काका आए और मैं बेंच पर बैठती की वो मुझे पीछे से दबोच लिए, मैं पीछे मुड़कर देखी फिर पलटकर उनसे लिपट गई तो काका मेरी बूब्स दबाना शुरु कर दिए और मेरे लहंगा को कमर से नीचे करने लगे तो जिया बोली ” लहंगा नहीं खोलूंगी बस आप काम से मतलब रखिए ” और उनके सामने लहंगा को कमर तक उठाए उन्हें बुर के हिस्से का दीदार कराई फिर काका मेरी पेंटी पर हाथ फेरने लगे और पेंटी के हूक को खोल बुर को नंगा कर दिए, अब मैं जांघें फैलाकर खड़ी थी और काका मेरी जांघो के बीच मुंह लगाए बुर को चूमने लगे…
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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जिया छत पर थी और उसके फैले हुए जांघो के बीच काका का चेहरा था, काका मेरी बुर पर चुम्बन देते हुए उसके फांकों को अलग कर छेद में जीभ घुसाए और चाटने लगे तो उनका एक हाथ मेरे चूतड़ पर था जिसे वो सहलाते हुए बुर को लपलप चाटे जा रहे थे और मेरे पैर में थरथरी होने लगी तो मैं काका के बाल पर हाथ फेरते हुए आहें भरने लगी ” उह ओह काका तुम तो एक नंबर के बुर चट्ट हो प्लीज चूसो ना मैं तो कल शाम से ही तुझसे मिलने को मरी जा रही थी ” और मेरे रघु काका बुर के दोनों फांकों को आपस में सटाए मुंह में लिए फिर चूसने लगे, मैं चाहकर भी रस निकलने से रोक नहीं सकी फिर बुर में रस स्खलित होने लगा तो काका बुर मुंह से निकाल अब जीभ से चाटने लगे और मैं छत पर यही सोचकर आईं थीं कि रघु के मूसल लंड से चुदवाने का आनंद लेकर ही रहूंगी, काका बुर से जीभ निकाल दिए तो मैं अब बेंच पर बैठी और अभी रात के ०९:२० हुए थे तो मैं पूछी ” क्या काका कुछ पीने की व्यवस्था नहीं है क्या

( ...”  इतने में मेरी मोबाईल बजने लगी और देखी की मॉम का कॉल है ” हैलो
( मॉम ) तुम आंगन में नहीं हो और ना द्वार पर
( मैं डर गई ) हां रितिका के साथ बाराती के जनवाशा पर हूं ” सोची की झूठ पकड़ी ना जाए इसलिए जल्दी में पेंटी पहन छत पर से उतरी फिर आंगन गई तो मंडप पर दूल्हा और दुल्हन बैठे थे और शादी की रस्म शुरू हो चुकी थी तो जमीन पर गद्दा बिछा हुआ था जिसपर कितनी लड़कियां और महिलाएं बैठी हुई थी, मैं मॉम को एक नजर देखी और वहीं खड़ी होकर शादी की रस्म देख रही थी कि मॉम उठकर मेरे पास आई ” बारातियों के भोजन में देर होगी जाकर कुछ खा लो
( मैं बोली ) कोई नहीं, मैं जाकर कुछ खा लेती हूं ” फिर मैं मस्ती में आंगन से बाहर निकली तो मेरा मोबाइल बजने लगा, अनजान नंबर से कॉल था और मैं कॉल रिसीव की ” हैलो कौन
( मर्द की आवाज थी ) रघु काका छत पर आओ तो तुम्हारे लिए बहुत कुछ लाया हूं ” और मैं इधर उधर देखते हुए द्वार के सीढ़ी से उपर पहुंची तो काका फर्श पर गद्दा पर बैठे हुए थे।
मैं अपना सैंडल खोली फिर गद्दे पर उनके सामने बैठ गई तो वो गद्दा के पास ही बबैटः गये े और मैं बोली ” क्यों काका लगता है आज शोभा दीदी की शादी में मेरी सुहागरात हो ही जायेगी
( वो हाथ बढ़ाकर मेरे बूब्स पकड़ दबाने लगे ) पूरी रात यहीं रहना है समझी बाकी खाने का इंतजाम भी यहीं है ” , रघु काका ज्योंहि सिगरेट सुलगाए मैं उनकी ओर हाथ बढ़ाई फिर पैजामा पर से ही लंड के उभार को पकड़ दबाने लगी तो वो सिगरेट की लंबी कस लेते हुए बोले ” ले पिएगी ” मैं सिगरेट लेकर फूंकने लगी और  उनके पैजामा की डोरी को खोलने लगी तो काका खुद ही लंड बाहर निकाल मुझे पकड़ा दिए जिसे मैं खुशी खुशी स्वीकार की, लंड सहलाते हुए दूसरा ग्लास बियर पीने लगी और फिर मैं कामुकता वश बेड पर लेटकर लहंगा को कमर तक की तो काका बेशरम की तरह अपना पैजामा उतार मेरी पेंटी को खोल दिए तो मैं उन्हें बोली ” मेरे मोबाईल कवर में एक दवाई है उसे अंदर घुसाने के बाद ही समझे काका ” तो वो मेरे मोबाईल कवर से टुडे की स्ट्रिप निकाले फिर एक गोली निकाल उसे बुर में घुसाने लगे, उंगलियों की मदद से दवाई बुर के अंदर थी तो रघु काका बोले ” पहले भी चुदवा चुकी हो लेकिन मेरा लंड घुसते ही मत चिल्लाना ” जिया टांगें फैलाए लेटी थी तो काका को क्या पता कि मैं कितनी बड़ी चुदक्क़ड लड़की हूं। एक ओर शोभा दीदी की शादी की रस्में हो रही थी तो हर जगह सजावट, रोशनी तो गीत संगीत भी ब्ज रही थी और छत पर जिया की फैली जांघो के बीच रघु लंड पकड़े बैठा फिर सुपाड़ा को चूत में घुसाने लगा तो मेरी चूत मुखमैथुन करते वक़्त ही रसीली हो गई थी, अब सुपाड़ा सहित उनका लंड अंदर घुसने लगा तो मेरी बुर कि फ्लक पिछले साल भर में बढ़ चुकी थी और मुझे तो लग रहा था कि कोई लोहे का रॉड बुर में घुसे जा रहा है, तभी मेरे बूब्स को चोली पर से ही पकड़ काका दबाने लगे और जोर का धक्का बुर में दिए तो लगा कि उनके लंड से चूत कि सील तुड़वा रही हूं ” ओह फाड़ दिया बे साले
( काका दे दनादन चोदने लगे ) बहुत दिनों से चुदवा रही हो बेबी तू शहरी आवोहवा में मस्त होकर जवानी का आनंद ले रही हो ” मैं क्या बोलती और काका तो मेरे ऊपर सवार होकर चोदने लगे और मैं उनके पीठ से लेकर चूतड़ तक को सहलाने लगी, दोनों जांघें फैलाए चुदवा रही थी तो मन में डर भी था कि कोई छत पर आ गया तो इस हाल में हमें देख क्या सोचेगा, रघु का लौड़ा बुर का तार तार ढीला कर रहा था तो मैं उनके चेहरे को चूमने लगी ” ओह उह आह और तेज चोद साले मेरी मां की भी फट जायेगी तो मैं कौन हूं ” और काका चोदते हुए पसीना पसीना हो चुके थे वैसे भी वसंत ऋतु थी तो मैं उनके नीचे लेटे हुए चुदवाने लगी और कहिए तो अपने आपको समर्पित कर चूत को भगवान के भरोसे छोड़ दी थी, ३-४ मिनट की चुदाई में ही बुर का हाल खराब हो चुका था और मैं आहें भरने लगी ” काका थोड़ा रेस्ट दे दो ” तो रघु अपना लौड़ा बुर से निकाल लिए, मैं उठी तो लगा कि बुर में काफी दर्द और लहर है फिर भी ये तो प्राकृतिक मिलन है चाहे सम्बन्ध की सीमा को दोनों लांघकर मजे ले रहे थे…..
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#5
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शोभा दीदी की शादी की रस्में हो रही थी और इधर छत पर मैं अपने रघु काका के साथ सेक्स में मस्त थी, मोबाईल में समय देखी तो रात के १०:१५ बजे थे और काका के मूसल लंड पर नजर पड़ते ही मैं सहम सी गई लेकिन इसी लौड़े से तो चुदाई का मजा ले रही थी फिर काका को बोली ” एक बार चलकर शादी में शामिल हुआ जाए क्यों काका

( cool2 कौन हमको तुमको खोज रहा है आराम से चुदवा फिर खाना भी यहीं मंगवा दूंगा ” मुझे लगा कि यहीं तो मेरी चाहत है और फिर एक एक ग्लास पीकर मैं काका को बेड पर लेटने को बोली, उनका निचला हिस्सा नंगा था तो मेरा भी लेकिन अब मैं तन की गरमी से निजात पाने के लिए अपनी चोली और ब्रा उतार फैंकी और काका के तन पर लेट गई लेकिन मेरा चेहरा लंड कि ओर था तो मैं अपने जांघों को फैलाकर रखी थी, इस आसन में उनके उपर डॉगी स्टाईल में हुए लंड को पकड़ चूमने लगी तो काका मेरे चूतड़ को सहलाने लगे और फिर किसी समझदार व्यक्ति की तरह अपना मुंह बुर पर लगा दिए तो मेरे गुदाज बुर पर उनका ओंठ चुम्बन दिए जा रहा था और मैं उनके टाईट लंड को पकड़ मुंह में ली तो आधा लंड मुंह में लेते हुए चूसने लगी, अब काका मेरी बुर के फांक को फैलाए फिर किसी कुत्ते की तरह लपलप जीभ घुसाए चाटने लगे, शादी में शामिल होकर इतना मजा कर पाऊंगी ये तो मेरी सोच के परे था। शांत वातावरण और शादी का माहौल, उसमें छत्त पर काका अपनी बिटिया की चूत चाट रहे थे तो बिटिया उनके लौड़े को मुंह में लिए मुखमैथुन कर रही थी, उनके मोटे जांघ पर हाथ फेरते हुए स्वर्ग की सैर कर रही थी कि काका बुर से जीभ निकाल अब उसमें उंगली करने लगे और मैं जल्द ही रस स्खलित करने वाली थी, पल भर बाद लंड को मुंह से निकाल उसको जीभ से चाटने लगी की काका बुर में तेजी से उंगली करने लगे और मैं जोर जोर से सिसकने लगी ” उह ओह काका अब छोड़ो प्लीज चोद दो ना ” फिर मैं उनके तन पर से उतर गई, मेरे नग्न जिस्म को वो बाहों में लिए और उनके गोद में किसी काम की देवी की तरह मैं बैठ गई तो काका मेरे पीठ सहलाते हुए बोले ” तू बहुत ही सेक्सी है
( मैं उनके चेहरे को चूम ली ) तो क्या तारीफ ही करते रहेंगे या फिर ” और मैं बेड पर फिर से लेटी, काका मेरी चूत को चाटकर मस्त कर चुके थे फिर उन्होंने अपना लौड़ा पकड़ा और मेरी जांघो के बीच घुटनों के बल होकर लंड को चूत में घुसाने लगे, ये तो काम वासना की चरम है जहां लिंगो का मिलन होता है और मेरे गुदाज कोमल चूत में लंड घुसे जा रहा था तो मैं अपने चूतड़ को थोड़ा ऊपर किए उन्हें चोदने में मदद करने लगी लेकिन वो साला चोदु इसका ख्याल कहां रखा, जोर से धक्का देकर मेरी बुर को चोदने लगा और मेरी गरम और सुष्क चूत में मानो गरम लोहा दे दनादन चोदता हुआ मुझे तड़पा रहा था, तड़प इसकी की वीर्य कब चूत में गिरे और अबकी बार मेरे बुर से रस निकलने की देरी थी फिर तो उन्हें बता देती की मैं चूतड़ उछालने की कला में माहिर हूं और रघु मेरे स्तन को पकड़ दबाए जा रहा था साथ ही लंड बुर की गहराई तक रगड़ दे रही थी कि चूत से रस की फुहार निकल पड़ी और मैं थोड़ी ढीली पड़ गई लेकिन बुर को थोड़ी शांति मिली, अब काका लंड बाहर किए फिर बोले ” चल डॉगी स्टाईल में हो जा
( मैं उठी फिर घुटनों और कोहनी के बल हुए बोली ) क्या काका आप भी चुदाई के आसन जानते हैं
( रघु मेरे चूतड़ पर थप्पड़ मार बोला ) अबे साली तेरी मां को चोद चोदकर तुझ जैसी तीन औलाद को पैदा करवाया और तू ” फिर रघु मेरे बुर में लौड़ा पेलने लगे और मैं पीछे मुड़कर देखी, काका का लंड तेजी से बुर में घुस रहा था तो मैं अब उनके तेज धक्का की उम्मीद में थी और तभी काका जोर से पेल कर चोदने लगे लेकिन अबकी बार वो मेरे गरदन को पकड़कर दे दनादन चोदने लगे, मैं चाहकर भी अपने चूतड़ को हिला नहीं सकती थी और फिर उन्होंने मेरे गरदन को छोड़ा तो जिया अब अपने गोल गद्देदार चूतड़ को हिलाने लगी और चुदाई का आनन्द लेने लगी, लंड मोटा हो या लम्बा से बुर को थोड़ा ही फर्क पड़ता है लेकिन चुदाई की अवधि ९-१० मिनट ही काफी है और यहीं पर मेरी चूत को संतुष्टि मिलती है। जिया की चूत में मस्ती छाई हुई थी तो रघु काका धकाधक मेरी बुर चोद रहे थे तो मै अपने गोल गद्देदार गांड़ को स्प्रिंग की तरह हिलाते हुए अब बुर में वीर्य की धार के उम्मीद में मरी जा रही थी ” उफ़ उह ओह काका तेरा लंड दर्जनों से बेहतर है और एक सप्ताह यहां मैं रुकूंगी तो फिर ” काका चोदते हुए मेरे बूब्स पकड़ दबाने लगे और हांफने भी लगे, मैं समझते हुए अपने चूतड़ को और तेजी से हिलाने लगी फिर कुछ पल की खामोशी और काका बोल उठे ” ओह हो गया, मेरे लन्ड से रस निकल गया डियर आह ” और फिर मेरी चूत वीर्य से लबालब भर गई तो मैं उसी अवस्था में कुछ पल तक रही फिर छत के कोने में बैठकर बुर को पानी से धो ली, अपना कपड़ा पहनी तो काका भी कपड़ा पहने और दोनों उस गद्दे पर लेट गए….
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#6
cool2
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जिया अपने जवानी का आनंद जमकर ले रही थी, महज २० साल की उम्र में ही बुर का सील तुड़वाई और फिर कई क्लास -मेट तो कई रिश्तेदारों के साथ शारीरिक संबंध बनाई लेकिन कभी किसी देहाती मर्द का लंड नसीब नहीं हुआ था तो अपने पैतृक गांव आकर इस ख्वाइश को भी पूरा करने में लग गई, शोभा दीदी की शादी के लिए यहां आईं थी तो बगल के आंगन के रघु काका से आंखें चार कर ली फिर द्वार के छत पर ही दोनों सेक्स करने लगे और काका का फौलादी लंड बुर में लेकर मजा आ गया। रात के १०:३० बजे मैं अपने लहंगे चोली पहनी फिर छत पर से नीचे आईं और वहीं पर मेरा चचेरा भाई शांतनु दिखा, मेरे बिखरे बालों साथ ही कपड़े पर काफी सिलवट देखते हुए पूछा ” जिया किधर गई थी, शादी आंगन में हो रही है और तुम छत पर

( मैं बोली ) हां गई थी किसी काम से ” फिर मैं पहले तो आंगन गई फिर खाना खाने के लिए बैठी महिलाओं के साथ बैठकर हलका फुल्का खाने लगी और खाना खाकर उठी तो शांतनु मेरे पास आया और मुझे देख पूछा ” जिया तू छत पर क्या कर रही थी मुझे सब मालूम है
( मैं सहम गई ) क्या तुमको अंकल ने सब बता दिया, क्या क्या बताया
( शांतनु मुझे देख मुस्कुराने लगा ) हां तुम तो सही में जवान हो गई हो
( मैं उसके इरादे को समझ चुकी थी ) चचेरे भाई हो फिर भी ऐसी गन्दी बातें कर रहे हो
( शांतनु ) ओह सॉरी बहन वैसे रघु काका के साथ तो शादी की गीत तू गा रही थी क्यों ” और वो जाने लगा, मेरा तो डर से हाल खराब था की शांतनु भैया यदि डैड या किसी को ये बात बता दिए तो मेरा क्या हाल होगा, इसलिए मैं शांतनु के पीछे भागी और उन्हें आवाज दी ” शांतनु जरा सुनो तो
( वो रुका फिर मेरी ओर मुड़ा ) हां बोल जिया
( मैं शर्म के मारे चेहरा झुकाए बोली ) तुमको आखिर चाहिए क्या
( वो मेरे कंधे पर हाथ रखा ) जब रिश्ता नाता की मां बहन कर ही चुकी हो तो फिर बहती गंगा में मुझे भी डुबकी लगा लेने दो
( मैं उनके ओर देखी ) ठीक हैं तो क्या आज रात ही या ” फिर मैं आंगन गई जहां शादी की रस्म चल रही थी, समय देर रात बारह बजे थे तो मां मुझे इशारे से बोली कि जाकर सो जाओ और शादी के माहौल में किसे इतना फुर्सत की वो देखे की कौन कहां है, मैं बेमन घर के उपरी मंजिल पर गई जहां एक रूम में हमसब रुके थे। मैं रूम में घुसी और उदास मन बेड के किनारे पर बैठी की मोबाइल बजने लगी, देखी की रघु काका का कॉल था ” हां काका बोलिए
( वो हंसते हुए ) क्या यहां नहीं आओगी
( मैं ) फिर कभी यहां मॉम के गुस्से की शिकार हो चुकी हूं ” और फिर मेरा ध्यान शांतनु पर था, काका का मूसल लंड बुर में लेकर पहले ही उसकी दुर्दशा कर चुकी थी तो इस वक़्त शांतनु का प्यार मेरे लिए अच्छा होता लेकिन क्या उसे रूम में ही बुलाकर शुरू हो जाती या फिर किसी एकान्त में उसके साथ मजे लेती, जिया पिछले साल भर में दर्जनों लौड़े का स्वाद चख चुकी थी और शोभा की शादी में कहीं मैं चुद्वाकर पेट से ना हो जाऊं।
रात के १२:०० बजे थे और घर के आंगन में शादी की रस्में पूरी की जा रही थी तो मेरी मॉम वहीं बैठी थीं, अब
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#7
Shy




6

जिया अब शांतनु भैया के नजर में चढ़ चुकी थी, रघु काका के साथ शोभा दीदी की शादी में ही छत पर चुदाई तो शांतनु मुझे संभोग कर्म करते देख लिया लेकिन मैं जानती थी की कैसे इस बात को उन्हीं तक रखा जाए, रात के बारह बजे थे . और शांतनु भैया को अकेले पाकर बोली ” शांतनु क्या अब तुमको कोई काम है

( वो मुझे घूरते हुए बोला ) २१ वर्ष की उम्र और अभी से ये हाल, कब से शुरू की
( मैं लहंगा चोली में थी ) उतना बकवास करने से बेहतर है की ” तो शांतनु मुझे इशारा किया और दोनो अपने घर के द्वार से दूर जाने लगे, उधर अपना गोदाम था जिसमें अनाज रखा जाता था और ज्योंहि गोदाम के पास पहुंचे, शांतनु  ने मेरे हाथ थाम लिया ” बस यही पर, इधर कोई नही आयेगा
( मैं अचंभित थी ) लेकिन शांतनु यहां तो ना कोई बेड है और ना कोई खाट ” वो गोदाम के पीछे की ओर ले गया जहां की एक सड़क की बत्ती जल रही थी, थोड़ी रोशनी थी तो पूरा सन्नाटा, एक लकड़ी की चौंकी थी जिसपर मैं बैठ गई और वो मेरे बगल में बैठकर मेरे गले में बाहें डाला फिर गाल चूम लिया ” बेबी इधर ठीक है, चूंकि गोदाम की चाभी मेरे पास नहीं है, यहां पर भी साथ में घंटा दो घंटा बीता सकते हैं ” मैं शांतनु के चेहरे को चूमने लगी और उसका एक हाथ मेरे बाईं स्तन को पकड़ दबाने लगा, अच्छा लग रहा था और फिर नितिन मुझे चौंकी पर बीचो बीच बिठाया और खुद अपना पैंट खोल रखा, उसका लौड़ा चड्डी पर से ही मोटा लग रहा था। जिया बेशर्म की तरह अपना हाथ पीठ पर की और चोली की डोरी खोल बूब्स को अर्ध नग्न कर दी, चचेरा भाई अब मुझे अपने मोटे जांघो पर बिठाया तो मैं टांगें चिहारे उसके गोद में बैठी, वो सिर्फ बनियान में था और मैं उसके पीठ सहलाने लगी तो शांतनु मेरे गाल चूमने लगा तो जिया उसके गर्दन को, शांतनु २३ साल का लौंडा था जिसके लंबे छरहरे बदन थे और मैं उसके गोद से उतरकर पहले तो अपना लहंगा खोली, अब सिर्फ ब्रा पेंटी में उसके गोद में बैठी और उसके ओंठ को चूमते हुए उसके छाती से अपने बूब्स दबाने लगा, जिस पर ३२ सी साइज की ब्रा थी और शांतनु झट से मेरे ओंठ मुंह में लिए चूसने लगा साथ ही ब्रा के हुक खोल दिया। आज की रात शोभा दीदी सुहाग रात एंजॉय करेगी की नहीं, मुझे नहीं मालूम लेकिन मैं तो आज रात दूसरा लन्ड खाने वाली थी।
जिया अब अपने भाई को कसकर पकड़े उसके मुंह में जीभ घुसाई और शांतनु मेरी जीभ चूसते हुए मेरे नग्न पीठ सहला रहा था, मेरा स्तन जोकि नंगा था उसकी छाती से चिपक रही थी लेकिन ब्रा तो चुचियों के नीचे लटक रहे थे, अब मेरी आंखें बंद हो गई तो सांसें तेज और बुर में खुजली होने लगी फिर भी फ्रेंच किस्स में लीन थी, शांतनु पल भर जीभ चूसा फिर वो जीभ मुंह से निकाल मुझे उस चौंकी पर लेटने को बोला, ना बिस्तर और ना तकिया लेकिन चुदासी लड़की तो रेगिस्तान में चुदवा ले, मैं चित लेटी और अपने दोनो हाथ सर के नीचे लगाई, तो शांतनु मेरे दोनो स्तन दबाते हुए गर्दन से चूची तक को चूमने लगा और मैं अब अपना हाथ सर के नीचे से हटाकर उसके पीठ पर रख दी। शांतनु मेरी दाईं चूची मुंह में लेकर चूसने लगा तो मैं बिन पानी की मछली की तरह तड़प रही थी, अपने जांघो को आपस में रगड़ने लगी और वो मेरे स्तन को मुंह से निकाला फिर मेरी पेंटी की डोरी को खोला तो मैं निर्वस्त्र लेटी थी लेकिन सर को फेरकर शर्मीली लड़की का रोल कर रही थी, अब वो मेरे भोंपू दबाए जा रहा था तो सपाट पेट चूमते हुए मस्त था, मैं अब सिसकने लगी ” उह ओह अंदर गुदगुदी हो रही है डियर
( वो हंस दिया ) अंदर किधर
( मैं धीमे स्वर में बोली ) बुर में डियर ” और वो मेरी जांघों को फैलाया फिर बुर को निहारने लगा तो मैं पूछी ” क्यों शांतनु पहली बार देख रहे हो
( वो ) हूं तेरा कब देखा ” फिर वो मेरी चूतड के नीचे हाथ लगाया और मुंह को बुर पर लगा दिया, मैं उंगलियों की मदद से बुर फैलाई तो वो लपा लप बुर चाटने लगा। शांतनु की जीभ बुर की गहराई तक जा रही थी तो उसका नाक बुर के ऊपरी भाग पर था, मैं अब सिसकने लगी ” ओह अब बर्दास्त नही होता प्लीज चोद ना, आह मेरा रस निकला ” तो बुर चट्टा बुर को ओंठो के बीच लेकर चूसने लगा, मैं ढीली पड़ गई।
रात के १२:२० बजे थे और मुझे पानी पीने की इच्छा हुई, मैं उठकर बैठी फिर लहंगा पहनने लगी ” क्या हुआ डार्लिंग
( मैं ) चल कोई खाली रूम में ही वैसे मुझे प्यास भी लगी है ” फिर दोनो कपड़ा पहने, पहले मैं द्वार की ओर गई तो सीधे आंगन पहुंची, जहां की शादी की रस्म पूरी की जा रही थी, मां को देखी तो वो इशारे से बुलाई ” किधर गई थी, तुम्हारा दो घंटे से कोई अता पता नहीं
( मैं ) किरण के साथ थी ” फिर द्वार पर के दूसरे मंजिले पर चढ़ी जहां एक कमरा खाली था और शांतनु को कॉल की ” तू किधर है
( मैं ) सीधे दूसरे मंजिल पर आ जा, द्वार के ऊपर ” मैं उस कमरे के बेड ठीक की फिर लेट गई तो कुछ देर में वो आया ” ये रूम तो रघु चाचा का है
( मैं मुस्कुराई ) तो क्या हुआ वो तो पहले ही मेरी बुर चोद चुके हैं, आयेंगे तो उन्हें भी शामिल कर लूंगी ” तो शन्तनु दरवाजा बंद किया फिर अपने कपड़े तेजी से उतार दिया, उसका गोरा लन्ड फंफना रहा था और मैं उसके सामने ही बेड के किनारे पर आकर लौड़े को पकड़ी फिर चुम्मे देने लगी
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#8
जिया की मचलती जवानी


7

जिया जैसी कुंवारी लड़की एक नहीं चार चार लौड़े निगलकर मस्त हो चुकी थी, भूल माफ कीजिए कि मेरे चूत में अब तक ५ लंड घुस चुके हैं और मैं दुनिया की नजरों में कुंवारी हूं लेकिन मेरी बुर तो शादी कर चुकी है, पहले नीलेश फिर रोहित, नितिन और अमित तो आखिरी में गुरु जी राधे श्याम तिवारी जी सभी का लंड मुंह में भी ली और चूत में भी तो मेरे जिस्म में अब भूख लगी ही रहती थी। जिया अपने गुरुजी के साथ संभोग कर मस्त तो हुई साथ ही चूत की लहर और दर्द एक दिन तक बरकरार रही तो उस शाम मैं घर में थी तो मॉम और डैड दोनों एक रिश्तेदार के यहां पूजा में शामिल होने गए थे, नितिन भैया जल्दी ही ऑफिस से घर वापस आ गए तभी छोटा भाई अमित भी घर पर नहीं था और भैया घर आते ही बोले ” एक कप कॉफी बनाना

( मैं उनके सामने खड़ी थी ) क्या बात है, ऑफिस से जल्दी घर आ गए और साथ ही व्हिस्की पी रखी है
( वो मुझे मुस्कुराते हुए देखे ) हां मॉम और डैड दोनों रात को ही लौटेंगे तो मुझे लगा कि तुम घर में अकेली
( मैं अपने कमर पर हाथ रखे बोली ) ओह तो क्या मुझे अकेले में डर लगता है ” नितिन कुछ बोलने की बजाय अपने कपड़े खोलने लगे तो मैं किचन चली गई फ़िर दो कप कॉफी बनाई और वापस बालकनी में कॉफी लेकर आई, भैया अपने रूम में थे तो कुर्सी पर बैठ मैं कॉफी पीने लगी फिर नितिन आकर मेरे सामने बैठा और कॉफी पीने लगा ” तब आजकल क्लास करने की जगह इधर उधर घूमती रहती है
( मैं उन्हें देखते हुए बोली ) क्लास तो रेगुलर कर रही हूं बाकी आप मेरे पीछे खुफिया लगा रखे हैं
( वो मुझे घूरने लगे ) दो दिन पहले तुम दोपहर के वक्त कार में किसी के साथ थी ” मैं चुप रही और कॉफी पीकर वहां से चली गई, डायनिंग हॉल में ही बैठकर सब्जी काटने लगी तो कुछ देर के बाद नितिन मेरे बगल में आकर बैठ गया फिर मेरे कंधे पर हाथ रख दिया और मैं जैसे ही उसकी ओर चेहरा की वो मेरे गाल चूम लिया ” जवानी का पूरा आनंद उठा रही हो
( मैं उनके हाथ पकड़ कंधे पर से हटाने लगी तो वो मेरे ज़ुल्फ पकड़े ओंठ पर चुम्बन देने लगे ) ओह नितिन, प्लीज़ अभी खाना बनाने दो फिर
( वो मेरे चेहरे पर चुम्बन देने लगा ) खाना बनेगा सेक्सी पहले मूड तो खराब मत करो ” और वो मेरे करीब होकर मेरे रसीले ओंठ मुंह में लिए चूसने लगे तो मैं उनसे लिपटकर उनके बाहों में आ गई, स्कर्ट और टॉप्स पहनी जिया अपने भाई के गोद में बैठकर उसे चूमने लगी तो नितिन सिर्फ शॉर्ट्स और बनियान में था और वो मेरे ओंठ को जीभ से चाटने लगा तो मैं भी अपने जीभ मुंह से बाहर निकाली फिर दोनों एक दूसरे के जीभ को चाटने लगे और इस खेल में नितिन मेरे जिस्म को सहलाता हुआ मुंह में जीभ घुसा दिया तो जिया भैया की जीभ चूसने लगी और मेरी बाई चूची उनके छाती से चिपकी हुई थी तो गोल गुंबदाकार नितम्ब उनके जांघ पर उन्हें सुखद अहसास दे रही थी। जिया नितिन के जीभ चूसने में लीन थी कि वो मेरे स्कर्ट को कमर से नीचे खींचने लगा और स्कर्ट मेरे चूतड से नीचे आ गया तो मेरी चूत और चूतड सिर्फ पेंटी में थी और पल भर बाद उनके मुंह से मेरे मुंह में थूक भर गया जोकि शराब के स्वाद को दे रहा था तो मैं नितिन के जीभ निकाल बोली ” जाकर पहले अच्छे से मुंह धो लो ” तो वो मुझे सोफ़ा पर बिठाकर चला गया और मैं सिर्फ टॉप्स पहने बैठी हुई थी।
नितिन उधर से आया फिर घर का मेन गेट बंद कर मेरे सामने फर्श पर बैठ गया ” अकेले अकेले मजे ले लिए, क्या तेरी बहन दारू नहीं पिएगी
( वो मेरे कमर में हाथ लगाए चूतड़ को सोफ़ा के किनारे किया ) जरूर देर रात पीना लाया हूं ” और फिर मेरी पेंटी के हुक खोल चूत को नंगा कर दिया, आज नितिन सिर्फ मेरे साथ सेक्स करने के लिए ही ऑफिस से जल्दी घर आया था तो मुझे भी कोई एतराज नहीं था और मैं दोनों पैर घुटनों के बल मोड़कर सोफ़ा पर रखी तो जांघें फैलाकर चूत को सहलाने लगी और नितिन मेरे चूत पर मुंह लगाए चूमने लगा, बदन में तो मानो करेंट दौड़ने लगी तो मैं उसके बाल पर हाथ फेरते हुए मस्त हो रही थी, उम्मीद भी नहीं थी कि इस वक़्त मेरे जिस्म किसी के आगोश में होगा और वो भी बड़े भैया के साथ शाम को सेक्स करने का मौका मिलेगा। मेरे चूत के फूले फांकों को चूमता हुआ नितिन ने चूत को फेलाया फिर जीभ घुसाए चाटने लगा और उसका एक हाथ मेरे बूब्स पर था तो टॉप्स पर से ही मेरी चूची को वो पकड़ दबाने लगा ” उह उई आह उफ़ चाटो बे कुत्ते मजा आ गया, भाई की जीभ बहन के चूत में हो तो फिर क्या सोचना ” और मेरी चूत महीने भर में ढीली पड़ चुकी थी कारण की नीलेश के साथ दो बार चुदाई हूं तो रोहित के साथ दो बार साथ ही छोटे भाई के साथ एक बार तो नितिन ने मुझे दो बार इसके पहले चोदा है साथ ही गुरु जी के मुसल लंड से भी एक बार चुदवा चुकी हूं तो मेरी चूत की चुदाई नौ बार हो चुकी है और अब मेरी चूत थोड़ी परिपक्व हो चुकी है, नितिन की जीभ चूत में तेजी से नाच रही थी तो मेरे जिस्म में आग लग चुकी थी ” इह ओह उई मां बुर में इतनी खुजली अब छोड़ो ना नितिन ” और फिर मेरी मोबाईल की घंटी बजने लगी तो मज़बूरी वश भैया मेरी चूत से जीभ निकाले और मैं अर्ध नग्न अवस्था में ही अपने रूम भागी तो मॉम का कॉल था ” हां मम्मी
( वो ) क्या खाना बना रही हो
( मैं ) जी सब्जी काट चुकी हूं अब बनाऊंगी
( मॉम ) तुम लोगो का खाना लेकर आऊंगी
( मैं ) ठीक है फिर कटी हुई सब्जी को रेफ्रिजरेटर में रख देती हूं ” अब मैं निश्चिंत थी और फिर वाशरूम गई और मूतने के बाद फ्रेश हुई लेकिन अपने ही बेड पर लेट गई, देखती हूं साला चोदु मेरे पास आता है कि नहीं…
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#9
8


जिया को अब दिन रात सिर्फ सेक्स की ही पड़ी रहती थीं तो सेक्स का नशा मुझ पर हावी हो चुका था और शाम के ०६:३० बजे होंगे की घर में ही अपने बेड पर मैं अर्धनग्न रूप में लेटी हुई थी, मेरे चूत को चाटते हुए नितिन ने मुझे कामुक कर दिया था और फिर नितिन मेरे रूम आया ” अरे मैं तेरा इंतजार कर रहा हूं और तू

( मैं हंस पड़ी ) मम्मी का फोन था अब खाना भी नहीं बनाना है
( वो मेरे बगल में बैठा और अपने शॉट्स बनियान उतार नंगा हो गया ) तुम बताई की मैं घर आ चुका हूं
( मैं ) उहुं क्यों क्या दिक्कत बता देती तो ” और वो मेरे टॉप्स को बदन से बाहर करने लगा, मैं अब नंगे लेटी हुई थी साथ ही अपने बाहों से चूचियों को ढकने की कोशिश कर रही थी तो नितिन के लंड पर मेरी नजर थी जोकि फिलहाल पूरी तरह से टाईट नहीं हुआ था। नितिन मेरे कमर सहलाता हुआ झुका फिर मेरे सपाट पेट से लेकर कमर तक को चूमने लगा, मैं बेड पर सिसक रही थी तो आपस में सटी हुई जांघें अब फैलने लगी और खुद ढीली पड़कर चूचियों को स्वतंत्र छोड़ दी तो नितिन मेरे छाती के उपर मुंह किए मुझे देखा ” लगता है आजकल कुछ ज्यादा ही इधर इधर मुंह मार रही है
( मैं बेशर्मी में बोली ) तो क्या खुजली को सिर्फ तुम ही मिटाओगे ” फिर खिलखिलाकर हंस पड़ी तो नितिन मेरे चूची को पकड़े अपने मुंह में ठूंस लिया फिर चूसक चूसक कर चूसने लगा, मेरी चूची की साईज कोई खास नहीं थी तो उसके मुंह में २/३ हिस्सा था और वो जोर से चूसने लगा तो मेरी चूची पर उनका दांत लग रहा था ” उह अबे कुत्ते चूची पर दांत मत लगा
( वो चूची मुंह से निकाला फिर जीभ से मेरी निप्पल चाटने लगा ) सॉरी बेबी अब मुंह में तेरा आधा चूची ही लूंगा ‘ फिर वो दूसरी चूची को मुंह में भर चूसने लगा, चूत तो अब रस छोड़ने के करीब थी तो वो चूची चूसता हुआ मेरे गाल सहलाने लगा और मैं उसके पीठ को सहलाते हुए चूत की खुजली से परेशान थी, तभी मैं चींखं उठी ” ओह उह बुर से रस निकल गया जानु
( वो मेरी चूची मुंह से निकाला ) ओह जरा चाट लूं टेस्टी रस ” नितिन मेरे दोनों जांघों को फैलाकर मुंह को बुर पर लगाया, पहले तो चूत से निकलते रस को जीभ से चाटने लगा फिर चूत में जीभ घुसाए रस चाटने लगा और मैं अब ढीली पड़ चुकी थी तो नितिन के टाईट लंड देख मेरा मन चुदवाने का होने लगा फिर वो उठकर वाशरूम चला गया तो मैं नंगे लेटी रही, फ्रेश होकर उसको बेड पर लेटने को बोली फिर उनका फुंफकारता लंड पकड़े हिलाने लगी तो नितिन लेटा रहा।
जिया और नितिन बेड पर नंगे थे तो मुझे मुखमैथुन करने की इच्छा थी, भैया के लंड का चमड़ा छीलकर उसको चूमने लगी तो वो मुझे देख मुस्कुराने लगे और मैं उनसे नजरें मिलाते हुए लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी, फिलहाल पूरा मुंह खोल लंड को अंदर लिए सर का झटका देने लगी तो सुपाड़ा गले तक जाकर फंस रहा था साथ ही मेरे मुंह से लार भी टपकने लगा तो अब मुंह से लंड को बाहर की फिर अपनी लम्बी सी जीभ निकाले उसपर सुपाड़ा को ही रगड़ने लगी, बहुत मजा आ रहा था तो उसके गद्देदार सुपाड़ा को जीभ पर रगड़ते हुए मस्त थी फिर उनके लंड को मुंह में लिए चूसने लगी तो वो आहें भर रहे थे ” उह ओह बेबी तुम बहुत सेक्सी है, आह चूस चूस कर लौड़ा का रस पी लो ” तो मैं नितिन के लंड को मुंह से बाहर की फिर उसे जीभ से चाटते हुए जांघें सहला रही थी और वो हाथ बढ़ाकर मेरे चूची को पकड़े दबाने लगा, अब उसके लंड छोड़कर उसके बगल में लेट गई और दोनों एक दूसरे की बाहों में थे तो नितिन मेरे गोल गद्देदार गान्ड सहलाने लगा ” क्या अभी ही डाल दूं
( मैं उसके गाल चूम ली ) क्या डालना है डियर
( वो हंस दिया ) मेरा लंड जिससे तेरी चूत चोद चोदकर भोंसड़ा बनाना है
( मैं ) हां फिर तो पति पहली रात ही समझ जाएगा कि चुदवाकर आई है और फिर
( नितिन बोला ) रहने दो तेरी शादी अगले साल तक हो जाएगी फिर तू लाईफ एंजॉय करना ” और दोनों अब एक दूसरे को चूमने लगे तो मैं भैया को चित लिटाकर उनके उपर सवार हो गई तो वो मेरे चूतड को सहलाने लगे, जिया अब नितिन को चूमने लगी और उनकी चौड़ी छाती पर ओंठ रख चुम्बन देते हुए मस्त हो रही थी तो उनके हाथ का स्पर्श मुझे कामुक कर रहा था और जिया उनके पेट से कमर तक को चूमते हुए अब लंड को पकड़ हिलाने लगी तो नितिन बोला ” अब डार्लिंग एक बार और
( मैं लंड पकड़े बोली ) तेरा लंड इतना मोटा है कि चूसते हुए मुंह में दर्द हो गया
( वो बोला ) मजा भी तो आता होगा बेबी, चूस ना जल्दी ही झड़ जाऊंगा
( मैं बोली ) ठीक है जान, अगर रस पी ली तो फिर गिफ्ट में क्या दोगे
( वो बोला ) ओके एक सेक्सी ड्रेस ” तो मैं उससे नजरें मिलाते हुए लंड को मुंह में ली फिर चूसने लगी साथ ही मुंह का झटका देते हुए मुखमैथुन कर रही थी, मुझे मालूम था कि छोटा भाई अमित भी घर आने को है सो सेक्स का मज़ा लेना बन्द ही करना होगा और मैं नितिन के लंड चूसते हुए सेक्स में लीन थी तो नितिन आहें भर रहा था ” उई आह ओह उफ चूस चूस साली रण्डी मेरा झड़ा ” तो जिया उसके पूरे लंड मुंह में डाले रुक सी गई तो लंड से वीर्य की पिचकारी निकल पड़ी जिसे मैं पी ली साथ ही लंड मुंह से निकाल उसे चाटने भी लगी तो नितिन बेड पर सुस्त लेटा था और मैं उठकर वाशरूम जाने लगी की तभी डोर बेल बजने लगा, मैं वाशरूम में तो नितिन शॉर्ट्स पहने दरवाजा खोलने गया
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एक तो वीर्य चिपचिपा उस पर से गाढ़ा और गर्म तो गले से नीचे उतर वीर्य पेट में गया लेकिन मुंह का स्वाद बदलने के लिए मैंने तुरन्त ही एक ग्लास कोल्ड ड्रिंक्स पी ली तो छोटा भाई अमित भी घर आ चुका था और मैं फ्रेश होने के बाद अपने ही रूम में आराम करने लगी तो आज की रात फिर से नितिन मुझे चोदता और मुझे तो चुदवाने कि आदत सी पड़ गई थी। रात के ०९:४५ बजे होंगे की मॉम और डैड रिश्तेदार के यहां से वापस आ गए फिर मैं, नितिन और अमित ने साथ ही खाना खाया और सारे लोग अपने अपने रूम चले गए तो मैं अपने बेड पर जाकर लेटी फिर नाईट बल्ब ऑन करके पहले तो अपने स्कर्ट और टॉप्स उतार दी तो बदन पर नाईटी डाल ली, अब नितिन के आने का इंतजार था और मुझे तो बस बुर में लंड ही चाहिए आखिर एक बार स्वाद लेने के बाद मुझे अच्छा लगने लगा था साथ ही सेक्स में रूचि बढ़ने लगी थी, अब मोबाइल पर पोर्न वीडियो देखना तो सेक्स की कहानियां पढ़कर अपने आपको कामुक करने में लगी रहती थी। मैं आज दिन में क्लास भी की थी तो शाम को नितिन के साथ ओरल सेक्स भी की थी और थकावट के कारण मुझे नींद आ गई तो मैं गहरी नींद में थी और अचानक से मुझे लगा कि मेरे जिस्म पर कोई कपड़ा नहीं है तो तन पर किसी के हाथ का स्पर्श और ज्योंहि आंख खोली, नितिन मेरे बगल में बैठे मेरे जिस्म को सहला रहा था और मैं चुपचाप लेटी रही। जिया के नग्न जिस्म पर हाथ फेरते हुए नितिन अब झुका और फिर से चूची मुंह में लिए चूसने लगा तो मैं उसे छाती से लगाए दूध पिलाने लगी ” लगता है तुम्हें चूची चूसने में बहुत मजा आता है, बच्चे में मां का दूध नहीं पिए थे

( वो चूची मुंह से निकाल हंस पड़ा ) वो तो मॉम से पूछना होगा ” और फिर जिया शर्म के मारे चेहरा फेर ली तो नितिन फिर से उसी चूची को मुंह में भर चूसने लगा तो बदन अब काम की ज्वाला में जलने लगी, वैसे भी लड़कियों और महिलाओं को बिना गरम किए अगर चोदोगे तो दुबारा वो तुझे सुंघने भी नहीं देगी और नितिन काम कला में निपुण था तो मेरी चूची चूसते हुए दूसरे स्तन को पकड़ पुचकारने लगा और मैं आहें भर रही थी ” ओह आह नितिन चूस चूस बे मादरचोद तेरी मां की चूची भी इतनी सेक्सी नहीं होगी, ओह साला चूची पर थूक लगा दिया
( वो चूसे हुए चूची मुंह से निकाल उसे चाटने लगा ) सेक्सी तुम नहीं जानती कि नितिन आज तक सिर्फ ३५-४० साल की औरत को ही चोदता आया है
( मैं ) ओह तुम तो छुपे रुस्तम निकले कितनों को चोदे हो ” लेकिन नितिन कुछ नहीं बोला और मेरी दाईं चूची मुंह में लिए चूसने लगा तो मैं उसके पीठ पर नाखून गड़ाने लगी साथ ही उसके बाल को पकड़े छाती से लगाए स्तनपान करा रही थी, अब मेरा तन कुछ हद तक गर्म हो चुका था तो चूत में गुदगुदी होने लगी ” उह उई मां कितनी खुजली प्लीज़ अब चोद चोदो साले रण्डी की औलाद ” और वो मेरी चूची चूस चूस कर लाल कर चुका था तो काले निप्पल टाईट हो चुके थे, अब मेरे चिकने जिस्म को चूमने लगा तो मैं सेक्स की दुनिया में खो चुकी थी साथ ही अपनी जांघो को सटाए चूत को रगड़ रही थी और वो कमर तक चूमा फिर मेरे जांघों को फैलाकर चूत पर हाथ फेरने लगा ” तो बेबी चूत में टेबलेट डाल लो फिर मेरा लंड अंदर जाएगा ” तो मैं लेटे हुए ही उसे वार्डरोब से पर्स निकालने को बोली, अब पर्स से टुडे गोली निकाल उसे थमा दी तो नितिन मेरी चूत में उंगली करने लगा फिर उंगली निकाल उसमें टेबलेट घुसाया और उंगली से उसे अंदर तक घुसा दिया। जिया लेटी रही फिर नितिन मेरे चेहरे के पास आकर बैठ गया तो जिया चेहरा उसके लंड की ओर की, लंड को पकड़ अपने चेहरे को कोहनी के बल की फिर लंड को मुंह में लिए चूसने लगी तो वो मेरे सर के पीछे हाथ लगाए मुंह में ही लंड का धक्का देने लगा, मुंह चुदवाकर बुर चुदाना है तो पूरी रात बाकी है और अब मेरे मुंह में भाई का लंड अंदर बाहर होने लगा तो उधर चूत की गरमी से टेबलेट पिघल गई और मैं चेहरा पीछे किए लंड निकाल दी तो नितिन अब मेरे जांघो के बीच लंड पकड़े बैठ गया। जिया अब सांस थामे लेटी रही तो नितिन धीरे से सुपाड़ा को चूत में घुसाया फिर लंड को अंदर पेलने लगा, अब तो जिया की चूत थोड़ी सी ढीली पड़ चुकी थी तो उनका २/३ लंड चूत में घुसा होगा तभी उन्होंने मेरे कमर को पकड़ा फिर थोड़ा सा लंड बाहर निकालकर जोर से चोद दिया और जिया ” उई मां फाड़ दिया मेरी बुर ” तो नितिन का लंड गपागप अंदर बाहर होने लगा और मैं चुदवाती हुई मस्त हो रही थी। जिया अपनी जांघें हवा में उठाई तो नितिन मेरे जांघों को पकड़ पैर को कंधे पर रख धकाधक चोदने लगा और मुझे तो लग रहा था मानो चूत की गहराई को भी नितिन का लौड़ा फाड़कर आगे चला जाएगा और मैं सिर्फ आहें भर रही थी ” उफ़ ओह उई चोद चोद साले कुत्ते ऐसी चूत तो मिलती नहीं इसलिए चोद चोदकर इसका भोंसड़ा बना दे
( नितिन अब रुका फिर उसने मुझे कोहनी और घुटनों के बल किया ) अब तुझे अलग आसन में चोदूंगा, समझी मेरी रानी
( मैं पीछे मुड़कर बोली ) हां इसे डॉगी स्टाईल कहते हैं ” तो नितिन मेरे जांघों को पूरी तरह से फेलाया फिर वो मेरी चूत में थूक कर लंड घुसाने लगा, आराम से भाई का लंड बहन की चूत में घुस रही थी तभी वो जोर का धक्का दे मारा और मैं सिर्फ ओंठ पर दांत लगा चुप रही, चिंख़ने से कहीं दूसरे रूम में सोई मॉम और डैड जाग जाते तो दोनों का क्या होता पता नहीं तो अब नए अंदाज में जिया चुदवाने लगी…
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जिया के बुर में मूसल लंड दे दनादन चोद रहा था तो डॉगी स्टाईल में पहली बार चुदवा रही थी और नितिन मेरे कमर कसकर पकड़े हुए पूरा लंड चूत की गहराई तक पेलने में लगा हुआ था तो मैं पीछे मुड़कर देखी ” थोड़ी ढीली पकड़ रख अब चूतड हिलाने का जी कर रहा है

( मैं चूतड को हिलाने लगी ) तू एक नंबर की चुदासी रण्डी बनेगी
( मैं चूतड हिलाते हुए मुस्कराई ) वो तो हूं डियर आखिर जवानी में आग जो लगी है ” और नितिन मेरी चूत की चुदाई करता हुआ मेरे सीने से लगे बूब्स को पकड़ दबाने लगा और मैं अपने बेड पर नितिन से चुदवाती हुई मस्त थी, ना कोई शर्म और ना कोई झिझक तो वो मेरी चूत में लंड डाले अब स्थिर हो गया तो जिया अपने चूतड को स्प्रिंग की तरह हिलाते हुए खुद से चुदवा रही थी साथ ही सेक्सी आवाज भी निकाल रही थी ” ओह क्या मस्त लौड़ा है बिल्कुल लोहे कि रॉड की तरह मुझे तो बेहद पसंद है जान
( नितिन भी धक्का देने लगा ) चिंता मत कर जान तेरी शादी हो या मेरी हमदोनो एक दूसरे के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाते रहेंगे ” अब घुटनों के बल हुए चुदवा कर थक चुकी थी लेकिन नितिन चोदे जा रहा था और मेरी चूत तो आग की भट्टी बन चुकी थी ” नितिन प्लीज़ थोड़े देर का ब्रेक ” वो भी लंड निकाल वाशरूम चला गया तो मैं बिस्तर पर लेट गई, रूम में कूलर ऑन रहते हुए भी मैं पसीना पसीना हो चुकी थी, बेड पर पड़े एक टॉवेल से अपने बदन को पोंछि फिर वाशरूम जाकर फ्रेश हुई तो नितिन लेट गया फिर दोनों नंगे हुए सिर्फ बातें कर रहे थे, जिया की चूत दो बार रसीली हो चुकी थी तो लग रहा था मानो जल्द ही फिर से रस छोड़ेगी तो जिया भैया से चिपककर उसके गाल चूमने लगी और नितिन मेरे गोल गद्देदार चूतड को सहलाता हुआ ओंठ चूमा ” चलो संभोग क्रिया का अंत कर ही दिया जाए ” और जिया टांग फैलाए लेटी रही तो सूखे गर्म चूत में नितिन ने थूका फिर लंड पेलने लगा, आधा लंड एक ही सांस में घुसाया फिर कमर पकड़े जोर से चोद डाला और मैं चिंहुक उठी ” ओह मां बिल्कुल गदहे का लौड़ा है ” और वो फिर से जोर का धक्का दिया तो पूरा लंड बुर में था, मेरे उपर सवार हुए चोदने लगा तो जिया उसके पीठ सहलाते हुए चुदवा रही थी। नितिन का कसरती बदन साथ ही मोटा लौड़ा हर किसी को पसंद आता तो मैं अब उसके कमर पकड़े चूतड उछालने लगी और वो मेरे पर लेटा हुआ चोद रहा था, पल भर में ही बुर से रस की फुहार निकल पड़ी तो मैं चूतड स्थिर किए चुदवा रही थी और नितिन चोदने में लीन था तो कमरे में फचाफाच की आवाज होने लगी, मेरे ओंठ चूम बोला ” सेक्सी बस दो मिनट की बात है, चूतड उछाल ना प्लीज ” मैं तो ढीली पड़ चुकी थी और नितिन शाम के वक़्त मेरे चूत से दो बार रस निकाल दिया था, फिर भी चूतड उछालने लगी तो वो मेरे ओंठ चूमता हुआ पूरे ताकत और गति के साथ चोदे जा रहा था और जिया नितिन चुदाई के आखिरी क्षण गुजार रहे थे ” उह ओह चोद चोद साले मादरचोद तुम्हें तो मां की चूत भी मिलेगी
( वो चोदता हुआ हांफने लगा ) ओके तो उस बुढ़िया की बुर में मेरा लंड, इतने खराब दिन मेरे नहीं आए हैं ” और दोनों एक दूसरे से लिपटे हुए चुदाई का आनंद ले रही थे फिर नितिन बोल पड़ा ” बस हो गया, पीला अपने बुर को मेरे लौड़े का रस ” तो मेरी चूत में वीर्यपात हुआ और बुर में रस भरे पड़े थे, कुछ पल बाद नितिन मेरे बदन पर से उठा फिर वो फ्रेश होकर अपने रूम चला गया तो जिया भी फ्रेश होकर सो गई।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#12
ShyShyShy
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#13
(11-08-2022, 02:40 PM)neerathemall Wrote:
जिया की कामुकता उर्फ बुर कि दुर्दशा

जिया की कामुकता उर्फ बुर कि दुर्दशा
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#14
(11-08-2022, 04:24 PM)neerathemall Wrote:
जिया की कामुकता उर्फ बुर कि दुर्दशा

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#15
निर्जन स्थान पर सेक्स


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#16
निर्जन स्थान तो सामने तालाब और चारो और घने जंगल लेकिन जिया और रोहित एक साथ, सिर्फ सोचकर ही मन प्रफुल्लित हो उठेगा लेकिन ये तो हकीकत है कि २० साल की लौंडिया अपने बदन को तृप्त करने के लिए इधर उधर मुंह मारने लगी है साथ में अपने बॉय फ्रेंड से गिफ्ट के बदले पैसे भी ऐंठ रही है और जिया के हाथ में रोहित का लंड है तो उसे हिलाते हुए मैं आगे की ओर झुकी या यों कहिए की मैं घुटनों के बल हुए उसके लंड को चूमने लगी तो मेरे सामने बैठा रोहित मेरे चूतड को सहला रहा था और मैं उसके सुपाड़ा को जीभ से चाटना शुरू की, सच पूछो तो पांच लंड के साथ खेल चुकी थी लेकिन गुरु जी का लंड सबसे लंबा और मोटा था, लेकिन उम्र को अगर देखे तो नितिन का लंड मुझे काफी अच्छा लगा और मैं रोहित के लंड मुंह में लिए चूसने लगी साथ ही अपना चेहरा पूरी तरह से नीचे की ओर करके उसके लंड निगल गई तो अब मुझे मेरे लेगिंग्स कमर से नीचे होते लग रहे थे, खोलने दो साले को आखिर मुझे भी तो चुदवाने का मन है और अब उसके लंड चूसते हुए मुंह का झटका देते हुए मुखमैथुन करने लगी, कामशास्त्र में योनि चूसने का भी जिक्र है लेकिन मुझे नहीं लगता कि मॉम की उम्र की औरत अपने पति के लंड मुंह में लेती होंगी लेकिन मेरी पीढ़ी की लड़कियां और लड़के ओरल सेक्स में अधिक दिलचस्पी रखते हैं और उसके लंड चूसते हुए मुझे लगा कि रोहित ने मेरे लेगिंग्स और चढ्ढी को घुटनों तक किए चूत को उंगलियों से कुरेद रहा है और मैं उसके लंड मुंह से निकाल उसे चाटने लगी तो रोहित एक हाथ चूत पर लगाए उसे उंगली से कुरेद रहा था तो दूसरा हाथ मेरे चूची पर लगाए उसे पुचकार रहा था और जिया उसके लंड को जीभ से कुछ पल तक चाटी फिर उठकर बैठ गई लेकिन अपने दोनो पैर के बल तो मेरी पेंटी सहित लेगिंग्स पैर तक आ चुकी थी और मैं उठकर उसे निकाल दी। जिया सिर्फ टॉप्स पहने रोहित के सामने से कमर बलखाते हुए कुछ दूरी पर बैठी फिर मूतने लगी तो वापस आकर पानी की बोतल लेकर चूत को धो ली तो रोहित अपना जींस सहित चढ्ढी पैर से निकाल नंगा हो गया तो दोनों के बदन का निचला हिस्सा नंगा था, अब उसके सामने खड़ी थी और जांघें फैलाकर बोली ” क्यों डियर अब चाट लो
( वो बुर को देख रहा था ) लेकिन अभी तो इससे मूत की गंध आएगी, छोड़ो सीधे चुदाई करता हूं ” मैं उसके सामने बैठी फिर उसके हाथ पकड़ अपने स्तन पर लगा दी वैसे भी दिन के १:३० बजे थे तो अभी दो घंटे का समय मेरे पास मस्ती करने का था और चूची को पकड़ दबाने लगा तो मै टॉप्स को उपर की ओर उठाई ” रुको बिना टॉप्स उतारे ही ब्रा खुल जाएगी फिर चूची चूसना ” तो मेरा टॉप्स गर्दन पर था और उसके सामने मैं फ्रंट स्ट्रैप लॉक खोल चूचियों को नंगा कर दी तो वो मुझे घांस पर लिटाया और मैं अपने सर के नीचे दोनों हाथ लगाए जमीन पर लेटि रही तो रोहित मेरे छाती पर झुककर चूची को मुंह में लिया और चूसने लगा तो दूसरे चूची को मसले जा रहा था। कामशास्त्र के अनुसार चुदाई शारीरिक संबंध की आखिरी मुकाम है तो आलिंगन, चुम्बन, योनि को चूमना चाटना करके ही संभोग क्रिया करना चाहिए तभी लड़कियां या औरतें गर्म होती है और कामुक होकर चुदाने में आनंद ले पाती हैं। रोहित मेरी चूची को चूसे जा रहा था तो उसके जांघो के बीच झूलते अंडकोष और लंड देख मैं हाथ बढ़ाई फिर लंड पकड़े सहलाने लगी लग रहा था कि लंड नहीं पूरी दुनिया ही मेरी मुट्ठी में है तो मेरी चूत अब खुजलाहट के मारे चुदाने को बेकरार थी ” उई ओह आह रोहित अब नहीं आह मेरी चूत अब छोड़ो चूसना ” उसके बाल पकड़ चेहरा पीछे की ओर धकेल दी तो वो तेज सांसे लेते हुए मेरे दूसरे स्तन को पकड़ा फिर उसके निप्पल को जीभ से चाटने लगा, मेरी टाईट चूचियां सहित भुरे रंग की निप्पल तक कड़ी हो चुकी थी जिसे वो चाटे जा रहा था और कामग्नि की गिरफ्त में जिया जांघें सटाए चूत को रगड़ रही थी, रोहित अब मेरे बदन को चूमने लगा तो वो मेरे पेट से कमर तक चुम्बन देता हुआ चूची को दबाने लगा तो मैं अब जांघें फैलाए चुदाने को तड़प रही थी।
जिया टांगे फैलाई लेटी हुई थी तो रोहित अब मेरे चूत में उंगली घुसाने लगा फिर गर्भ निरोधक दवाई डालकर मेरी जांघें पकड़े चूम रहा था तो मैं अब पूरी तरह से चुदाने को बेकरार थी ” उई मां कितनी खुजली अब कब चोदेगा बे चोदु ” बुर में चिपचिपाहट शुरू हुई तो उसे आंख मार जिया उसे चोदने को बोली, अब रोहित लंड पकड़े मेरी चूत में पेलने लगा तो आधा लंड आराम से अन्दर चला गया फिर मादरचोद ने इतने जोर से चोदा की चूत की तार तार ढीली हो गई तो जिया चींखं पड़ी ” ओह आउच फाड़ दिया कुत्ता साला अपनी मां को चोद रहा है कि इतने जोर से चोदा ” और वो अब चोदते हुए मेरे बदन पर लेटा फिर दे दनादन चोदता हुआ मेरे ओंठ चूम रहा था, एक तो अगस्त का महीना उसपर से निर्जन स्थान में सेक्स दोनों पसीने से लथपथ थे लेकिन चुदाई तो मजेदार ही होती है चाहे रेगिस्तान क्यों ना हो तो वो जिस्म पर लेट चोदे जा रहा था साथ ही मेरे टॉप्स गले पर थे सो उसकी छाती से चूचियां रगड़ खा रही थी, चूत में लंड गपागप घुस रहा था और अब मेरे चूत से रस की फुहार निकल पड़ी फिर भी वो चोदता रहा तो जिया उससे चुदवाकर ढीली पड़ चुकी थी लेकिन अभी तो साले का लंड वीर्यपात कराता तब मेरी चूत तृप्त होती और उसके पीठ सहलाते हुए गाल चूम ली ‘ ओह डियर बहुत मजा आ रहा है पूरे गति से चोद तो
( वो चोदता हुआ हांफने लगा, ) अब और नहीं बेबी बस झडने पर हूं ” और उसके लंड ने वीर्य स्खलित कर दिया, जिया उसके गाल चूम ली ” दो चार मिनट और टिकते तो मजा आ जाता
( वो ) अबे साली रण्डी बुर को क्या घंटो तक लंड चाहिए ” फिर दोनों अलग हुए और मै उठकर बुर को पानी से साफ की, रुमाल से पोंछ डाली फिर कपड़े पहन वापस अपने घर।
(16-08-2022, 02:55 PM)neerathemall Wrote:
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#17
(16-08-2022, 02:55 PM)neerathemall Wrote:
निर्जन स्थान पर सेक्स



जिया की कामुकता





अब जिया की जवानी में मौज मस्ती ने पढ़ाई की जगह ले ली तो मेरे घर में अनुशासन प्रिय और मेरे पर नकेल कसने वाले बड़े भाई नितिन को तो मैं अपने जिस्म की गुलाम बना ली तो बाहर कॉलेज के टाईम में एंजॉय करने लगी, जिया की इच्छा दिन प्रतिदिन काम क्रिया के लिए बढ़ने लगी तो अब मेरे गान्ड के पीछे चक्कर लगाने वाला तीसरा लड़का मोहित का नंबर था जोकि मेरे साथ कॉलेज में था और अब जिया घर से कोई और ड्रेस पहने निकलती थी तो कॉलेज में कोई और ड्रेस में होती थी, कभी अपने लंबे स्कर्ट के अंदर मिनिस्कर्ट पहन लेती थी तो मेरी कमसिन जवानी अब कई लड़कों की जागीर हो गई। एक शाम मैं घर में छत पर टहल रही थी तो संयोग अच्छा था कि मोबाईल साथ में था, तभी रोहित का कॉल आया और कॉलेज की छुट्टी भी ख़तम हो चुकी थी ” बोल रोहित कैसे याद किए
( वो बोला ) तो कल कॉलेज आओगी
( मैं हंसने लगी ) हां पिछला दो वीक तो काफी बोरिंग रहा, आऊंगी बोल क्या बात है
( वो धीमे स्वर में बोला ) चलोगी कहीं घूमने
( मैं बेशरम की तरह बोली ) जरूर लेकिन कहां उसी होटल के रूम में
( वो चुप हो गया ) हेल्लो क्या हुआ बोलो…. ओके बाई ” अगले सुबह स्नान कर नाश्ता की फिर कॉलेज चली गई तो मैं आज ब्लू रंग की लेगिंग्स साथ ही टॉप्स पहन रखी थी तो रोहित मुझे प्यार भरी नजरों से देखता रहा और मैं सोची की यदि लंच ब्रेक में मुझे उसने सेक्स का ऑफर दिया तो साले से कुछ गिफ्ट के लिए तो निकलवा ही लूंगी, वैसे इस बीच मेरी चूत रेस्ट में थी तो मासिक धर्म की वजह से मुझे काफी दर्द भी सहना पड़ा और सच पूछो तो मासिक चक्र समाप्त होते ही चूत की खुजलाहट चरम पर होती है और लंच ब्रेक होते ही जिया क्लास में ही रुकी रही, मेरी एक ही सहेली कॉलेज आईं थीं वो भी मुझे छोड़कर वाशरूम चली गई तो रोहित को मुझसे बात करने का मौका मिला ” जिया और कैसी हो
( मैं मुस्कराई ) ठीक हूं
( वो ) लंच के बाद तो दोनों क्लास बोरिंग है
( मैं ) सो तो है सीधे बोलो क्या बात है
( वो ) चलो आज कहीं घूमने चलते हैं ” तो मुझे लगा कि २-३ घंटे उसके साथ वक़्त बिताया जाए, दोनों कॉलेज परिसर से निकले फिर वो इलाहाबाद शहर। के बाहरी इलाके ले आया तो जिया बाईक पर दोनों पैर फैलाए उसके पीछे बैठी थी और जब हाईवे पर बाईक ७०-८० किमी की रफ्तार से चल रही थी तो मैं पूछी ” किधर ले चल रहे हो रोहित
( वो बोला ) चलो तो सही फिर देखना क्या मस्त नजारा है ” और फिर एक जगह सड़क किनारे वो बाईक रोका, वाईन शॉप से बियर की बोतलें खरीद उसे डिक्की में रखा फिर दोनों एक कच्ची सड़क पर उतरे तो मैं बोली ” क्या रोहित आखिर हमलोग जा कहां रहे हैं
( वो बोला ) बस दो मिनट बाद दिख जाएगा ” तो रोहित ने बाईक रोकी, सामने एक तालाब था तो चारों ओर जंगल और झाड़ियां, मैं बाईक से उतरी ” ये कहां ले आए बिल्कुल ही सुनसान जगह ” फिर दोनों एक विशाल बरगद के पेड़ के नीचे बैठे तो रोहित प्लास्टिक बैग लिए मेरे सामने बैठ गया, जिया घांस पर बैठ सोची की अगर यहां रोहित मुझे नंगा कर चोद दे तो क्या करूंगी! फिर बियर की बोतल वो खोला तो मैं उसके साथ बियर पीते हुए एक सिगरेट सुलगाई ” अच्छी जगह है आशिकों के लिए क्यों रोहित
( वो मेरे जांघ पर हाथ फेरने लगा ) हां बेबी वैसे मैं तो तेरे साथ सिर्फ बियर पीने ही आया हूं
( मैं उसके हाथ पकड़ अपने जांघ पर से हटा दी ) तो फिर मुझे छूने की जरूरत ही क्या ” और वो चुप रहा तो दोनों बियर पीते हुए मस्त थे, उसे सिगरेट बढ़ाई फिर खुद उसके सामने आगे की ओर खिसकी तो वो थोड़ा शरमा गया लेकिन मैं आधा बोतल बियर पीने के बाद ही बोतल को बगल में रखी फिर उसके चेहरे को चूमने लगी साथ ही उसके पीठ सहलाते हुए बोली ” तू सिर्फ बियर पी रोहित लेकिन मैं तो कुछ और पीकर ही यहां से जाऊंगी ” और वो भी बियर की बोतल रख मुझसे लिपट गया तो जिया उसके गोद में चूतड रख बैठी, मेरे गद्देदार गान्ड उसकी जांघों पर थे तो वो मेरे लंबे जुल्फों को पकड़ मेरे रसीले होंठ चूमने लगा और मैं उसकी बाहों में समाए उसके छाती से चूचियों को रगड़ रही थी। रोहित ओंठ को मुंह में लिए चूसने लगा तो उसका हाथ अब पीठ से नीचे और मेरी चूतड के नीचे यानि मेरी योनि के क्षेत्र में फिसलने लगी तो मैं उसके मुंह से ओंठ निकाल ली फिर लंबी सी जीभ निकाले उसके ओंठ चाटने लगी, कुछ पल तो वो मेरे जीभ से ओंठ चटवाया फिर मुंह में जीभ लिए चूसने लगा साथ ही मेरी चूतड के नीचे हाथ लगाकर मेरी चूत को सहलाने की कोशिश कर रहा था लेकिन वो तो पेंटी और लेगिंग्स में सुरक्षित थी, जिया उसके मुंह में जीभ घुसाए चुसवा रही थी तो बदन में मानो आग सी लग गई और मेरी दोनों आंखें बन्द हो गई तो सांसे तेज और दोनों चुम्बन चुसं में लीन थे, जिया के बुर की खुजली शुरू हो गई तो इस सुनसान इलाके में निर्वस्त्र होकर चुदाना भी कठिन नहीं था, अब मेरी जीभ मुंह से निकाला तो मैं उसके गोद से उतर गई। जिया अब रोहित के सामने बैठी फिर बियर पीने लगी ” एक सिगरेट सुलगा डियर
( वो बियर पी रहा था और सिगरेट सुलगाया ) क्यों सिगार नहीं पियोगी
( मैं उसके हाथ से सिगरेट लेकर फूंकने लगी ) अबे कुत्ते तू तो सिर्फ बियर पीने इधर आया था फिर काहे का तंग कर रहा है
( वो मुझे देखता हुआ अपने जींस का ज़िप खोला फिर चढ्ढी से लंड निकाल बाहर किया ) इसे सिगार कहते हैं बेबी चूसोगी ना तो
( मैं बियर की खाली बोतल फेंक उसके लंड पकड़ी ) चूसना क्या चुदवा भी लूंगी लेकिन मेरे लिए गिफ्ट
( वो ) तुम तो सेक्स के मामले में प्रोफेसनल हो ” फिर वो अपने पर्स से मुझे २००० रू निकाल के दिया तो मैं अपने पर्स में रखते हुए बोली ” ठीक है अब तू दो घंटे तक मुझसे मजा ले सकता है ” फिर उसके लंड पकड़ सहलाने लगी…
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#18
पिछले भाग के आगे… मॉम तो अमन से चुदाई का मजा लेकर मस्त हो गई तो मैं नशे में झूम रही थी और मेरा दोस्त अमन थकान महसूस करता हुआ आराम कर रहा था, कुछ देर बाद रेस्तरां से खाना भी आ गया और मैं नंगे ही बेड पर लेटी थी तो मॉम और अमन दोनों दूसरे रूम में थे और रात ग्यारह बजे के आसपास तीनों खाना खाकर थोड़ा रेस्ट किए फिर सेक्स की दुनिया में चले गए।
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#19
मैं एक फ्रॉक पहन रखी थी जिसके अंदर पेंटी तक नही पहनी थी तो मॉम नाईट गाऊन पहने अपने जिस्म को ढक रखी थी, मेरे रूम अमन आया और मुझे लेटे देख बोला ” क्यों बेबी तुम्हें एंजॉय करने का मुड नही है क्या
( मैं उठकर बैठी ) हां क्यों नही लेकिन पहले जरा अपनी पर्स ढीली कर
( वो मेरे गाल सहला दिया ) ओह बेबी तुझे पैसे दे दूंगा वैसे भी मुफ्त की चुदाई अच्छी नहीं होती ” और मैं डाइनिंग हॉल उसके साथ आ गई तो मॉम सोफा पर बैठी थी, मैं उनके बगल में बैठी तो अमन मेरे सामने खड़ा हो गया और उसके शॉर्ट्स पर से ही लन्ड का उभार स्पष्ट था तो मैं उसके शॉर्ट्स को नीचे कर लन्ड को थाम ली तो मॉम मेरी फ्रॉक पर से ही चूची दबाने लगी तो अमन का लन्ड मैं चूमने लगी, वो अपना एक पैर सोफा पर रखा तो मैं उसके लन्ड मुंह में भर चूसने लगी और मेरी मॉम रेणु उसके जांघ को चूमते हुए नाईट गाउन उतार डाली, मॉम अब उसके जांघ को चूमते हुए उठ खड़ी हुई फिर उसके गाल को चूमते हुए उसके हाथ पकड़ अपनी बूब्स पर लगाई तो अमन मॉम की चूची दबाते हुए उनके ओंठ पर ओंठ रख चुम्बन देने लगा जबकि मैं उसके लन्ड को मुंह में लिए मुखमैथुन करने लगी तो देखी की रेणु अमन के मुंह में जीभ घुसाए चुसवा रही है और अमन उनके चूतड को सहलाता हुआ मस्त है। अमन को डबल मस्ती मिल रही थी, बेटी लन्ड चूस रही थी तो वो मॉम की जीभ चूसता हुआ उसके गांड़ की दरार में उंगली फेर रहा था और फिर मैं उसके लन्ड मुंह से निकाली और जिह्ह से चाटने लगी। अमन तो मॉम के जीभ निकाल कर उसके बूब्स को पकड़ जीभ से चाटने लगा और मैं लन्ड छोड़ बोली ” चल अब बेड पर ही इस साले को औकात बताती हूं ” तो गेस्ट रूम में तीनों बेड पर आए और अमन को लेटने को बोली तो रेणु लन्ड को पकड़ चूमना शुरू की और मैं उसके चेहरे को चूमते हुए उसके हाथ का स्पर्श पीठ पर पा रही थी, मैं उसके बगल में पट हुए लेट गई थी फिर खुद ही उसके ओंठ पर ओंठ रख चुम्बन देने लगी और अमन मेरे पीठ को सहलाते हुए मेरे जीभ मुंह में लिए चूसने लगा तो मैं देखी की मॉम अमन के लन्ड मुंह में लिए चूस रही है। मेरी बुर तो उसके लन्ड चूसने के क्रम में ही खुजलाने लगी थी तो उससे जीभ चुस्वाते हुए मैं मस्त थी फिर उसके मुंह से जीभ निकाल बोली ” क्यों मुंह पर बैठूं बुर चाटोगे
( वो बोला ) हां बेबी क्यों नही ” तो मॉम मुखमैथुन करने में लीन थी तो मैं उसके मुंह के ऊपर ही चूतड रखे बैठी और मेरी फैली जांघो के बीच उसका चेहरा था तो अमन मेरी बुर को नाक लगाए सूंघने लगा और मैं तो मस्त हो रही थी, उसके ओंठ मेरी कोमल चूत पर किस्स करने लगे तो मैं खुद उंगलियों से बुर फैलाई और अमन बुर में जीभ घुसाए चाटने लगा तो मैं आहें भर रही थी ” उह आह ओह बुर में गुदगुदी हो रही है
( मॉम बोली ) हां होगी ही आखिर लन्ड जो अंदर लेना है ” और मुड़कर देखी तो मॉम लन्ड चाटकर हट गई, अमन मेरी बुर चाटने में लीन था साथ ही मेरे बूब्स को दबाने लगा फिर तो मैं रस निकलने के उम्मीद में मरी जा रही थी तो कुछ पल बाद बुर से रस टपकने लगा, उसके मुंह पर भी गिरा तो मैं हटकर लेट गई।
मॉम वाशरूम से निकली तो अमन मेरी बुर में लन्ड घुसाने लगा और मॉम हंसते हुए बोली ” लगता है तुन्हें जिया में ही सिर्फ रुचि है
( अमन का २/३ लन्ड बुर में था और वो धक्का देकर चोदने लगा ) उई मां मर गई साला गधे का लौड़ा बुर में डाल दिया
( अमन चोदता हुआ बोला ) कोई बात नही डार्लिंग आज तेरी मां की गांड़ चोदूंगा तब उनकी चींख सुननी ” रेणु मेरे पास आकर बैठी फिर मेरे बूब्स पकड़ दबाने लगी और अमन मेरी जांघों के बीच बैठे हुए धकाधक चुदाई कर रहा था, अब मैं उसे बदन पर लेटने को बोली और अमन मेरे ऊपर सवार हुआ तो मैं चूतड उछाल उछाल कर चुदाने लगी और मेरी रसीली चूत तो अब गर्म हो चुकी थी, मैं फिर भी चूतड स्थिर किए चुदाने लगी लेकिन अमन तीन चार मिनट चोदा फिर मेरे जिस्म पर से उठकर वाशरूम चला गया तो मॉम बोली ” जाकर बटर की टिकिया ले आ
( मैं पूछी ) सो क्या काम है
( वो बोली ) गांड़ चुउदाऊंगी तो बटर लगाकर ” मैं उठी फिर रेफ्रिजरेटर से बटर लेकर आई तो मॉम बिस्तर पर पट लेट गई और अमन उनके गोल गुंबदाकार गांड़ को चूमता हुआ गांड़ के दरार में बटर रगड़ने लगा, यकीनन गांड़ का छेद ही बुर से ऊपर होता है जिसको फैलाया फिर उसमें बटर की टिकिया घुसाने लगा तो मैं मॉम के पीठ को चूमने लगी और अमन उनकी गांड़ में बटर घुसाए उंगली से रगड़ने लगा तो रेणु ” आह ओह अब गांड़ तो चिकनी हो गई लन्ड घूसाओ जानू ” तो अमन रेणु को घुटनो के बल होने बोला फिर वो रेणु के गांड़ में सुपाड़ा घुसाने लगा, मैं अमन के करीब बैठकर देख रही थी की कैसे मॉम की गांड़ में लन्ड घुस रहा है लेकिन ३/४ लन्ड आराम से घुस गया तो अमन उनके कमर को पकड़ धक्का दे दिया फिर गांड़ चोदने लगा तो मैं मॉम के सीने से झूलते स्तन को पकड़ दबाने लगी और मॉम इतनी बड़ी गाँडू औरत होगी ये समझ में आने लगा, साली मुसल लन्ड से गांड़ चुदाते हुए चूतड को हिलाने लगी तो अमन चोदता हुआ मस्त था ” काफी रसीली गांड़ है इस साली का
( मॉम पीछे मुड़कर बोली ) क्यों जिया की भी गांड़ चोदा है
( वो ) नहीं सिर्फ बुर चोदता हूं आंटी ” और अमन पूरे गति से गांड़ चोदता हुआ मस्त था तो मैं लेटकर अब दोनो को देखने लगी तो मॉम आहें भर रही थी ” आह उह अब थोड़ी देर बुर चोद दो
( मैं बोली ) नो मॉम वो अब मुझे चोदेगा ” तो अमन गांड़ से लन्ड निकाला जोकि पूरी तरह से टाईट हो चुका था और अब वो अपने लन्ड पर एक स्प्रे मारा तो मैं टांगे चिहारे चुदाने को आतुर थी ” ओह तुम लॉन्ग लास्टिंग स्प्रे किए ताकि देर तक ” वो कुछ नही बोला और मेरी बुर को सहलाने लगा, सुपाड़ा को दरार में रगड़ते हुए लन्ड अन्दर घुसाया तो लग रहा था मानो खर्ंजा बुर को चुभ रही हो फिर वो धक्का देकर आधे से अधिक लन्ड अंदर घुसाया फिर थोड़ा लन्ड निकाल जोर का धक्का देकर चोदने लगा और मैं ” आह उह फाड़ दिया साले आराम से चोद ना ” तो मैं उसके लन्ड का धक्का बर्दास्त करते हुए देखी की मॉम मेरे चूची को पकड़ मुंह में भर चूसने लगी और अमन तो मेरी बुर का हाल खराब करने में लगा हुआ था, मैं उसके लन्ड से मस्त थी लेकिन बुर गर्म थी इसलिए थोड़ा दर्द हो रहा था और मां तो मेरी चूची चूसते हुए मुझे मजे दे रही थी, अब बुर की गर्मी चरम पर थी तो लन्ड के हरेक धक्का से मुझे मजा आ रहा था लेकिन अब बुर रसीली हो जाए इस उम्मीद में थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ और मैं बेसुध अवस्था में बिस्तर पर लेटे हुए चुदाई करा रही थी, अमन बुर से लन्ड निकाला फिर उसमें थूक दिया और लन्ड घुसाए चोदने लगा तो मॉम मेरे चूची को छोड़ दी तभी वो मेरे बदन पर लेटा और चोदता हुआ गाल चूमने लगा तो मैं उसके पीठ सहलाते हुए चूतड उछालना शुरू की, संयोगवश बुर रसीली हो गई तो मैं थोड़ी ढीली फिर मॉम वापस आई तो अमन रसीली बुर को चोदने में मस्त था ” मेरा नंबर क्या नही आयेगा अमन
( अमन बोला ) जरूर जरा जिया की बुर को ठंडा कर दूं ” और फिर वो मुझे कुछ देर चोदा की मैं ही उसे हटने को बोली फिर सीधे वाशरूम चली गई, मूतने के बाद डाइनिंग हॉल ड्रिंक्स लेने गई तो देखी की मॉम डॉगी स्टाइल में हुए गांड़ चुदाई का मजा ले रही है, मेरी बुर भले ही रसीली हो गई थी लेकिन लहर रही थी और मैं ड्रिंक्स लेते हुए देख रही थी की रेणु अपने चूतड को हिलाते हुए किस कदर गांड़ मरवा रही है तो अमन उनको चोदे जा रहा है ” आह बस कर तेरा लन्ड मेरी गान्ड की गर्मी शांत कर दिया
( अमन चोदता हुआ बोला ) तेरी गांड़ में बहुत मस्ती है एक नशा जल्द ही झडूंगा ” तो मैं लेटी हुई रेणु की गांड़ चुदाई देख रही थी और अब मॉम चूतड को तेजी से हिलाने लगी तो अमन भी चोदता हुआ बोल पड़ा ” आह उह अब झड़ गया बेबी ” तो मॉम की गांड़ को वीर्य से लबालब कर वो लन्ड बाहर निकाला तो मैं उसे मुंह में लिए चूसने लगी फिर वीर्य का स्वाद चख कर बोली ” अबकी बार मेरी बुर चोदोगे और उसमें ही रस गिराओगे ” फिर थकान वश तीनों नंगे ही बेड पर लेट गए,
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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#20
जिया और नीलेश की मौज मस्ती


जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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