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Adultery बुआ ने अपनी सहेली की चूत दिलवायी
#1
बुआ ने अपनी सहेली की चूत दिलवायी

जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#2
(11-07-2022, 04:45 PM)neerathemall Wrote:
बुआ ने अपनी सहेली की चूत दिलवायी


1

सगी बुआ के साथ जोरदार सेक्स का मजा
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#3
(11-07-2022, 04:46 PM)neerathemall Wrote:
1

सगी बुआ के साथ जोरदार सेक्स का मजा

मेरी बुआ का नाम सारिका है और वो बेहद ही सेक्सी शरीर की मालकिन हैं. उनकी हाइट 5 फुट 5 इंच के करीब होगी. वो थोड़ी मोटी हैं, पर उनके बूब्स और गांड बहुत बड़ी है.

उनके पति दूसरी कंट्री में काम करते हैं. इधर उनकी एक बेटी है, जो हॉस्टल में रहती है.
जब मैं बुआ के घर गया तो उन्होंने मेरा बहुत अच्छे से स्वागत किया. मैं सुबह ही उनके घर पहुंच गया था. उस वक्त बुआ नाइटी पहने थीं और उनके निप्पल बहुत अच्छे से नज़र आ रहे थे.
मैंने और बुआ बैठ कर बहुत सारी बातें करना शुरू कर दीं. बुआ ने मेरे लिए चाय नाश्ता बनाया.
मैं बार बार उनके बूब्स देख रहा था और उन्होंने भी ये बात नोटिस कर ली थी, पर अनदेखा कर दिया था.
फिर कुछ देर बाद बुआ ने मुझसे कहा- तुम टीवी देखो, मैं नहा कर आती हूँ.
मेरे दिमाग में तो वैसे ही हमेशा चुदाई भरी होती थी. उसके चलते मैं अभी भी गर्म हो गया था. बुआ के बाथरूम में जाते ही मैं उनके पीछे चला गया. जैसे ही बुआ नहाने घुसीं, मैं दरवाजे के पास जाकर खड़ा हो गया और अन्दर देखने के लिए छेद ढूंढने लगा. तभी मुझे कुंडी के पास एक छोटा सा छेद दिख गया. मैंने अन्दर झांक कर देखा, तो देखा कि बुआ ने हैंगर पर टॉवल और पैंटी लटकाई हुई थी. वो अपनी नाइटी उतार रही थीं.
उन्होंने जैसे ही नाइटी उतारने के लिए हाथ ऊपर किए, मैंने देखा उनकी बगल में बहुत बाल थे. वो नाइटी ऊपर से निकलती गयी और मुझे धीरे धीरे उनके शरीर के एक एक अंग दिखते गए. पहले उनके गोरे चिकने पैर, फिर चिकनी दूध जैसी गोरी जांघें, चूत पर लाल पैंटी, जिसमें से बाल बाहर निकले हुए दिख रहे थे.
जब उन्होंने पूरी नाइटी उतारी, तो मैंने देखा कि उन्होंने ब्रा नहीं पहनी थी. उनके बड़े बड़े मम्मों को देख कर मैंने अपना लंड हाथ में लेकर मसलने लगा. उनके मम्मों का साइज़ 36 इंच था. उनका एकदम गोरा शरीर, चूत की झांटें और बगल में काले बाल देख कर मैं अपना लंड निकालकर हिलाने लगा.
फिर बुआ ने शॉवर चालू किया और नहाने लगीं. वो साबुन अपने मम्मों पर और चूत पर लगा कर जोर जोर से रगड़ रही थीं. वो नहाते वक्त किसी कामदेवी की तरह लग रही थीं.
मैं लगभग दस मिनट तक उन्हें देख कर लंड हिलाता रहा. मैंने अपना माल बाथरूम के बाहर पड़े पायदान पर गिर जाने दिया और हॉल में आकर बैठ गया. मैंने आने से पहले पायदान पलट दिया था, जिससे बुआ को शक न हो.
जब बुआ बाहर आईं, तो मैंने देखा कि बुआ सिर्फ टॉवल बांधे हुए ही बाहर आई थीं. उनके चूचे उस तौलिया में से मुझे अच्छी से दिख रहे थे.
वो बाथरूम से निकल कर जल्दी से अपने रूम में चली गईं और दूसरी लाल रंग की साटिन की नाइटी डाल कर बाहर आ गई.
बुआ अपने गीले बाल पौंछते हुए बाहर आईं और मुझसे बात करने लगीं.
मेरी आंखों में बुआ के मदमस्त जिस्म की तस्वीर बन चुकी थी और मैं उन्हें देख कर उनके नंगी चूचियों को ही सोच रहा था. बुआ ने भी ये बात अच्छे से नोटिस कर ली थी.
फिर बुआ अपनी बड़ी सी गांड मटकाती हुई रसोई में चली गईं.
कुछ देर बाद मैं भी किसी बहाने से किचन में गया और उन्हें देखने लगा.
वो मुझे देख कर बोलीं- क्या हुआ समीर, जब से आए हो, तुम मुझे ताड़े ही जा रहे हो!
उनकी बात सुनकर मैंने अपनी नज़रें झुका लीं.
वो बोलीं- अरे शर्मा गया … मैं तो मज़ाक कर रही थी.
फिर वो खाना बनाने लगीं और मुझसे मेरी लाइफ के बारे में बात करने लगीं. बात करते करते मुझसे मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछने लगीं. जिस पर मैंने उन्हें मना कर दिया. उन्होंने भी मुझ पर ज्यादा जोर नहीं दिया.
फिर हम दोनों खाना खाने लगे.
उस समय बुआ ने फिर से मुझसे अपनी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछा … और इस बार थोड़ा जोर देकर पूछा.
तो मैंने बोला- हां एक थी, पर अब कोई नहीं है.
मेरी इस बात पर वो मुस्कुरा दीं और फिर हम खाना खाने लगे.
मेरी नज़र बार बार उनके मम्मों पर जा रही थी. उनके निप्पल इस समय भी एकदम कड़क थे और नाइटी के ऊपर से ही दिख रहे थे.
उन्होंने फिर से मुझे अपने मम्मों को देखते पकड़ लिया, पर बस एक स्माइल दे दी.
हमारा खाना खत्म हुआ और हम दोनों टीवी देखने लगे. टीवी पर मस्तीज़ादे मूवी चल रही थी.
तभी बुआ ने मुझे अपनी गोद में सर रखने कहा- आराम से लेट जा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#4
मैं उनकी गोद में सर रख कर लेट गया. वो कुछ देर मेरे बालों को सहलाती रहीं. मुझे उस वक्त उनके चूचे अपनी आंखों के बिल्कुल सामने दिख रहे थे, जिससे मेरा लंड एक बार फिर तन गया.

बुआ ने भी शायद खड़ा लंड देख लिया था. अब वो भी कुछ नॉटी मूड में आ गयी थीं.
बुआ ने पूछा- गर्लफ्रेंड के साथ कुछ किया या नहीं?
मैं एकदम गर्म था, तो कह दिया- बहुत कुछ कर चुका हूं.
बुआ बोलीं- बहुत कुछ मतलब क्या!
वो मेरी छाती पर हाथ सहला रही थीं. मैंने आंखों आंखों में ही बुआ को अपने लंड की तरफ इशारा किया और स्माइल कर दिया.
उन्होंने मुझे प्यार से चांटा मार दिया और हंसने लगीं. फिर बुआ धीरे धीरे हाथ नीच मेरी जांघों तक ले गईं और सहलाने लगीं.
मैंने भी उनका मुँह पकड़ा और उन्हें होंठों पर किस कर दिया. तभी उन्होंने मेरा लंड पकड़ लिया और मसल दिया.
बस अब क्या था … मैं उठ कर उनके बाजू में बैठा और उन्हें किस करने लगा. वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थीं. मैं अपने एक हाथ से उनके चेहरे को पकड़े हुए था और दूसरा हाथ उनके मम्मों पर फेर रहा था.
हम दोनों ने लगभग 5 मिनट किस किया और इस दौरान मैंने अपना हाथ उनके मम्मों से ले जाते हुए उनकी जांघ पर फेरना शुरू कर दिया.
वो भी गर्म होने लगीं. मैंने उनकी नाइटी को घुटनों तक ऊपर किया और उनके गोरे चिकने पैरों पर हाथ फेरने लगा. हम एक दूसरे को पागलों की तरह किस कर रहे थे. मैंने अपना हाथ उनकी नाइटी में डालकर उनकी जांघ को मसलने लगा.
बुआ तो इससे जैसे पागल ही हो गईं और मुझे जोर जोर से किस करने लगीं.
अब हम दोनों के सब्र का बांध टूटने को था. हम दोनों ने एक दूसरे की जरूरत को समझ लिया था. हम बेडरूम में गए और मैंने बुआ को बेड पर लिटा दिया. मैं अपनी शर्ट उतारी और उनके ऊपर चढ़ कर उन्हें किस करने लगा.
वो मेरे बालों में और पीठ हाथ फेरने लगीं.
मैं उनकी गर्दन पर जोर जोर से चूमने चाटने लगा, जिससे वो बेहद कामुक होकर गर्म आहें भरने लगीं. उनकी सुराही सी गर्दन को चाटते हुए मुझे उनके पसीने का स्वाद और भी उत्तेजित कर रहा था.
फिर मैं उठकर उनके पैरों के पास गया और उनके पैर का अंगूठा मुँह में लेकर चूसने लगा.
मैं आपको बता दूं कि मुझे आर्मपिट फेटिश और फुट फेटिश बहुत पसंद है.
धीरे धीरे मैं ऊपर आते हुए उनके पैर को चाटते हुए उनकी जांघ तक पहुंच गया. मैंने उनकी नाइटी उतार दी और उनके पेट को चाटने लगा. उन्होंने उस वक्त ब्रा नहीं पहनी थी. मैं अपनी जुबान उनकी नाभि में डालकर चाटने चूसने लगा.
बुआ पूरी तरह से उत्तेजित हो चुकी थीं और उनकी लाल रंग की पैंटी पूरी गीली हो चुकी थी. मैंने उन्हें और तड़पना चाह रहा था.
मैं अब उनके मम्मों पर आ गया और उनके मम्मों को बारी बारी से चूसने लगा. उनके चूचे बहुत बड़े और मुलायम थे. मैं उनके मम्मों को किसी पागल कुत्ते की तरह काट रहा था.
बुआ भी जोर जोर से सिसकारियां लेते हुए कह रही थीं- अअअ … आहह समीर बस करो .. और मत तड़पाओ, अब चोद दो मुझे.
पर मैं उनकी बातों को अनसुना कर रहा था. मैं उनके निप्पलों को जोर से चूस रहा था और बीच बीच में काट लेता, जिससे वो कामुक सिसकारियां लेने लगतीं.
मैंने चूस चूस कर उनके मम्मों को पूरे लाल कर दिए थे.
तभी बुआ ने मुझसे पूछा- समीर तुझे चूत चाटना पसंद है?
जिसके उत्तर में मैंने हां में सर हिलाया.
तुरंत ही उन्होंने मेरा सर पकड़ा. अपनी चूत की तरफ कर दिया और पैरों से मेरे सर को जकड़ लिया.
मैं बुआ की चूत चाटने लगा. उनकी चूत थोड़ी सांवली थी, पर चुत की खुशबू मुझे मदहोश कर रही थी. मैं उनकी चूत का पानी चाटने लगा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#5
वो मेरा सर अपने पैरों से दबा कर जोर जोर से सिसकारियां लेने लगीं- ओह हाय … आह समीर चाट ले … ऐसे ही मेरी चूत को खा ले … और मुझे संतुष्ट कर दे. आह मुझे चुदे हुए बहुत दिन हो गए. आज चोद दे मुझे … और बुझा दे मेरी चूत की प्यास.

बुआ की बातें सुन कर मैं भी गर्म हो रहा था. मैं उठा और बुआ के मुँह के पास अपना लंड लगा दिया. तो बुआ मेरा लंड लेटे लेटे ही चूसने लगीं.
फिर हम 69 के पोज़ में आ गए. ऐसे ही 5 मिनट की चटाई चुसाई के बाद हम दोनों झड़ गए.
मैं बुआ के बगल में लेट गया और उनके मम्मों से खेलने लगे. बुआ और मैं पसीने से तरबतर हो चुके थे. मैंने बुआ का हाथ उठाया और उनके बालों से भरी बगल को चाटने लगा. बुआ को थोड़ी गुदगुदी हो रही थी, पर मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. उनके पसीने और चमड़ी का टेस्ट मुझे उत्तेजित करने लगा और मैं 5 मिनट में ही फिर से चुदाई के लिए तैयार हो गया.
मैं अब बुआ की चूत में उंगली करने लगा. कुछ देर में बुआ भी उत्तेजित हो गईं और मुझसे चोदने को कहने लगीं.
मैंने भी समय नहीं गंवाया और अपना लंड उनकी चूत पर लगाकर एक धक्का दे मारा … लेकिन लंड फिसल गया.
बुआ ने अपने हाथ से लंड को पकड़ा और चुत की फांकों में सैट करके इशारा कर दिया. मैंने धक्का दे दिया. इस बार मेरा आधे से ज्यादा लंड चुत के अन्दर चला गया और बुआ की मादक सिसकी निकल गयी.
अब बुआ ने अपनी गांड उचकाना शुरू कर दिया और मैं भी धक्के लगाने लगा. मैं बुआ की धकापेल चुदाई करने लगा. बुआ जोर जोर से वासना से भरी सिसकारियां ले रही थीं और मेरी गांड पकड़ कर अपनी ओर खींच रही थीं. इस बीच मैं उन्हें किस करता जा रहा था, उनके मम्मों को चूस रहा था.
लगभग 5 मिनट बाद मैं बुआ में पीछे लेट गया और पीछे से अपना लंड उनकी चूत में डाल कर धक्के मारने लगा.
मैं पीछे से उनके मम्मों को पकड़ के दबा रहा था. उनके निप्पलों को जोर से दबाते हुए मसल रहा था, जिससे वो चिल्ला देतीं और सिसकारियां लेने लगतीं.
मैंने उनके बाल सरकाए और उनकी गर्दन पर पीछे से किस करने लगा. इसके बाद मैंने अपना हाथ नीचे ले जाते हुए उनकी भग्नासा (क्लाइटोरिस) को मसलना शुरू कर दिया, जिससे बुआ बिन पानी की मछली की तरह तड़प उठीं.
वो अब बहुत ज्यादा उत्तेजित हो चुकी थीं और मैं भी निकलने वाला था. इसलिए मैं एक मिनट रुक गया और लंड निकाल कर उनकी गीली चूत चाटने लगा.
बुआ ने मुझे थका देखा, तो मुझे नीचे लिटाया और मेरे ऊपर आकर लंड पर बैठ गईं.
अब वो लंड पर कूदने लगीं … इससे उनके बड़े बड़े चूचे जोरों से हिलने लगे. मैं बुआ के मम्मों को दबाने लगा.
कुछ मिनट बाद हम दोनों झड़ने को हुए तो मैंने बुआ को फिर से अपने नीचे लिटाया और ऊपर आकर जोर से धक्के मारने लगा.
बुआ चिल्लाते हुए झड़ गईं. मैं भी दस बारह धक्के देता हुआ उनकी चुत में ही झड़ गया और उनके ऊपर ही लेट गया.
इसके बाद बुआ के फ़ोन पर कॉल आया तो हम दोनों उठ गए. ये फोन उनकी किसी सहेली का था.
उस वक्त दोपहर के चार बज रहे थे और उनकी सहेली ने बताया कि वो दो और औरतों के साथ पांच बजे आने वाली थी.
अब मैं और बुआ उठे और अपने अपने कपड़े पहने. मैंने अपने बदन पर टी-शर्ट बरमूडा डाल लिया और बुआ ने गाउन पहन लिया.
उन्होंने अपने इस गाउन के नीचे कुछ नहीं पहना था. हमने एक किस की और घर संवारने में लग गए. हम दोनों उन सभी के आने की तैयारी करने लगे.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#6
लगभग एक घंटे बाद बुआ की वो तीनों सहेलियां घर आ गईं. उनके नाम नीलिमा, स्वर्णा और साक्षी था. वो तीनों आईं, तो बुआ ने उन्हें अन्दर बुलाया और वो सब सोफे पर बैठ गईं.

बुआ ने उनके खाने पीने की सारी तैयारी पहले ही कर रखी थी. वो औरतें बैठी बातें कर रही थीं. मैं उनके लिए जूस और स्नैक्स की प्लेट ले गया.
फिर बुआ ने उनसे मेरा परिचय करवाया. मैं भी वहीं बैठ गया. वो तीनों औरतें बड़ी ही सुंदर थीं.
नीलिमा उनमें से सबसे अलग और सबसे सेक्सी थी. वो बेहत गोरी थी और लाल लिपस्टिक लगाए हुए थी. उसकी हाइट कुछ 5 फुट 3 इंच की होगी. उस वक्त उसने नीले रंग की सलवार कमीज पहनी थी, जिसमें उसके चूचे बेहद गोल मटोल लग रहे थे. उसकी सेक्सी जांघों को देख कर मैं कुछ उत्तेजित हो रहा था.
उसने अपनी फिगर काफी अच्छे से मेन्टेन कर रखी थी.
स्वर्णा क्रीम कलर की साड़ी पहनी हुई थी. वो भी सेक्सी थी, पर थोड़ी मोटी सी थी. ज्यादा नहीं, बस कुछ कुछ और हाइट 5 फुट 4 इंच का रहा होगा. उसका रंग गेहुंआ था. साक्षी भी दिखने में ठीक-ठाक थी, पर उसके बूब्स और गांड बहुत बड़ी थी. वो साड़ी पहनी हुई थी.
वो तीनों और बुआ आपस में बातें कर रही थीं.
तभी नीलिमा मुझसे बात करने लगी और मेरे बारे में पूछने लगी. फिर वो अपनी सहेलियों से बात करने में मशगूल हो गई. कुछ देर तक उनकी बातें चलीं.
फिर बुआ मुझसे अन्दर रूम में जाने को बोलीं, तो मैं उठ कर रूम में चल गया. पर न जाने क्यों मेरे मन में आया कि क्यों न देखा जाए, ये सब क्या बातें कर रही हैं.
मैं छिप कर उनकी बातें सुनने लगा. मैंने सुना कि स्वर्णा कुछ दुखी थी. मैंने ध्यान से सुना, तो वो कह रही थी कि उसके पति को घर आए पांच महीने हो गए थे और इस वजह से वो शारीरिक सुख के लिए तड़प रही थी.
तब नीलिमा उसे कॉलबाय ट्राय करने को बोल रही थी, पर स्वर्णा इसमें कुछ आनाकानी कर रही थी.
कुछ देर बाद वो सभी जाने को निकलीं, तो मैं भी रूम से बाहर आ गया.
बुआ, स्वर्णा और साक्षी आगे चली गयी थीं और नीलिमा सबसे पीछे थी. मैं उनकी बातें सुन कर कुछ उत्तेजित हो गया था, जिससे मेरा लंड खड़ा था.
मैं बाहर आया, तो नीलिमा ने मुझसे पूछा- क्या तुमने हमारी बातें सुनी हैं?
मैंने कहा- नहीं.
नीलिमा- अच्छा … तो ये पैंट में क्या खड़ा है?
वो ये कहकर हंसते हुए बाहर चली गयी और मेरी तरफ देख कर आंख मारते हुए एक नॉटी सी स्माइल दे गई. वो गांड मटकाते हुए चली गयी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#7
उन सभी के जाने के बाद कुछ देर मैंने और बुआ ने टीवी देखा. इसके बाद बुआ खाना बनाने चली गईं.
कुछ देर बाद मैं भी उनके पीछे चला गया. किचन में मैंने बुआ को पीछे से पकड़ लिया और उनकी गर्दन पर चूमने लगा. आगे हाथ करके मैं बुआ के चूचे दबाने लगा.
बुआ मुझसे छोड़ने को कहने लगीं, तो मैंने उन्हें छोड़ दिया और नीचे बैठ कर गाउन के ऊपर से ही उनकी गांड दबाने और चाटने लगा. इससे बुआ अजीब सी सिसकारियां लेने लगीं.
फिर मैंने उनका गाउन उठाया और अन्दर घुस गया. मैंने उनकी गांड के होल को चाटा तो वो उत्तजित होने लगी थीं. मैं अपनी जीभ उनकी गांड के अन्दर तक डालता जिससे वो सिसक उठतीं.
कुछ देर बाद बुआ पलट गई और मेरा मुँह उनकी चूत पर आ गया. मैं तुरंत उनकी चूत को चाटने लगा. उनकी चुत गीली हो गयी थी. कुछ देर तक मैं उनकी चूत का रस चाटता रहा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#8
कुछ देर में उनके पैर लड़खड़ाने लगे, तो वो किचन की स्लैब पर बैठ गईं. थोड़ी ही देर में वो मेरे मुँह में झड़ गईं. मैं अब उनके गाउन से बाहर निकल आया और उन्हें किस करने लगा.

बुआ फिर से खाना बनाने में लग गईं. मेरा लंड भी बेहद तन चुका था. मैंने बुआ से मेरा लंड चूसने को कहा.
इस पर वो बोलीं- अभी ही निकाल लोगे, तो बाद में मेरी चुदाई कैसे करोगे! इसे अब ज्यादा थकाओ मत, आराम करने दो ताकि ये रात भर मेरी चूत को अपना पानी पिला सके.
ये कहकर बुआ ने मेरे लंड पर धीरे से हाथ मार दिया.
मैं भी उनकी बात से सहमत था, तो मैं भी थोड़ा अपने आपको कंट्रोल करके हॉल में जाकर बैठ गया.
फिर बुआ ने खाना लगा दिया और हम दोनों खाने बैठ गए.
मैंने बुआ से कहा- आप खुद मुझे अपने हाथ से खिलाओ.
वो मान गईं. पर मेरे मन में पोर्न देखने की वजह से कुछ अलग ही आईडिया आया था.
मैंने बुआ से कहा- बुआ मुझे खाने में मजा नहीं आ रहा है, कुछ स्वाद ही नहीं आ रहा.
बुआ- क्यों खाने में कुछ कमी है क्या?
मैं- हां … इसमें आपके मुँह का टेस्ट ही नहीं है. आप पहले निवाला अपने मुँह में डालो, फिर अपने मुँह से मेरे मुँह में डालो.
बुआ- छी: गंदा … ऐसे थोड़ी हो सकता है.
बुआ ने कुछ देर मना किया, पर मेरे बहुत फ़ोर्स करने पर वो मान गईं.
इस तरह से खाने में बहुत मज़ा आ रहा था. बुआ को पहले ये थोड़ा अजीब लगा, पर बाद में उन्हें भी ये अच्छा लगने लगा.
अब हमने खाना खत्म किया और हॉल में टीवी देखने लगे.
मैंने बुआ से कहा- क्यों न हम टीवी पर पोर्न मूवी देखें.
बुआ को ये आईडिया अच्छा लगा, तो मैंने टीवी पर पोर्न मूवी लगा दी. अब हम दोनों ही उत्तेजित होने लगे थे.
मैंने अपना हाथ बुआ की जांघ पर रख और सहलाने लगा.
मुझे पोर्न देख कर बगल चाटने, थूक अदला बदली जैसी फेटिश चीजें बहुत पसंद हैं. मैंने पोर्न भी ऐसी ही लगाई थी, जिसमें पहले लड़का लड़की की बगलें चाटता है, फिर उसे जोर जोर से चोदते वक्त उसके मुँह में थूकता है और लड़की उसके मुँह में अपना रस गिराती है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#9
ये देख कर बुआ बोलीं- ये कितना घिनौना लग रहा है.

मैं- बुआ एक बार ट्राय करके देखो, तब आपको इसका मज़ा समझ में आएगा.
बुआ हंस दीं.
मैंने बुआ से कहा कि मुझे आपकी बगलें चाटनी हैं.
इस पर उन्होंने साफ मना कर दिया.
पर मैं कहां सुनने वाला था. मैंने बुआ का हाथ ऊपर उठा दिया और उनकी बगल चाटने लगा. उन्होंने शायद बगल कुछ 10-15 दिन पहले साफ की थीं, क्योंकि उसमें छोटे से रोयेंदार बाल उगे थे.
बुआ ने मुझे रोकने की कोशिश की, पर बाद में हार मानकर बैठ गईं.
मैंने 15 मिनट तक उनकी दोनों बगलें चाटीं. अब उन्हें भी मज़ा आने लगा था, तो वो मेरा सिर अपनी बगल में दबा रही थीं.
उनकी बगल की खुशबू बहुत अच्छी थी और उसमें पसीने का खारा टेस्ट मुझे पागल कर रहा था.
फिर मैंने उन्हें छोड़ा और उन्हें किस करने लगा.
मैंने उनसे कहा कि जिस तरह पोर्न में देखा था, आप भी मेरे मुँह में थूको. कुछ मनाने के बाद हमने वो भी किया. मुझे उनकी थूक बहुत ही मीठी लग रही थी.
अब हम दोनों बहुत उत्तेजित हो गए थे, तो बुआ ने मेरा हाथ पकड़ा और बेडरूम में ले गईं.
मैं उनके पीछे चलते वक्त उनकी मटकती गांड देख रहा था, जिससे मुझे रहा नहीं गया और मैंने उनकी गांड पर एक चमाट लगा दी. इससे वो थोड़ी उछलीं और मेरी तरफ देख कर स्माइल करने लगी. फिर वो जाकर बेड पर बैठ गईं. मैं उनके सामने खड़ा हुआ और उनका चेहरा पकड़ कर उन्हें किस करने लगा.
बुआ अब अपना एक हाथ मेरे लंड पर सहला रही थीं. मैं भी उनके मम्मों को गाउन के ऊपर से ही दबा रहा था.
मैंने अपना हाथ उनके गाउन के अन्दर डाला और उनके निप्पलों को उंगलियों से मसलने लगा. वो जोर से सिसकारियां लेने लगीं.
उन्होंने मेरी शर्ट उतारी और मुझे खींच कर बेड पर लिटा दिया. अब वो बहुत उत्तेजित हो गयी थीं और किसी भूखी शेरनी की तरह मुझ पर टूट पड़ीं. उन्होंने मेरे गले पर किस किया और मेरे गले को चूसने लगीं.
फिर वो किस करते हुए नीचे आने लगीं. उन्होंने मेरे निप्पलों पर पहले हल्के से किस किया, फिर जोर से चूसना शुरू कर दिया.
उनकी इस हरकत से मेरा लंड एकदम तन गया और किसी लोहे की रॉड की तरह हो गया.
बुआ ने उसे देखा और मेरे लंड पर हाथ फेरने लगीं. उन्होंने मेरी बरमूडा पैंट भी उतार दी, जिसके साथ ही मेरी चड्डी भी निकल गई. अब मैं बिल्कुल नंगा लेटा था. बुआ मेरे सीने पर निप्पलों को चूस रही थीं और एक हाथ से मेरा लंड सहला रही थीं.
कुछ देर बाद वो खड़ी हुईं और उन्होंने अपना गाउन उतार दिया. अब वो भी पूरी तरह नंगी थीं. वो मेरे करीब आईं और मेरे मुँह पर अपनी गीली चूत रखकर बैठ गईं.
उनकी चूत बहुत ज्यादा गीली थी. वो 69 की पोज़ में आ गयी थीं और मेरा लौड़ा चूसने लगी थीं. मैं उनकी चूत चाटते वक्त उनकी गांड में उंगली भी कर देता, जिससे वो एकदम कराह उठतीं.
हमने ये चुसाई का खेल कुछ मिनट खेला. फिर वो जोर से अपनी चूत मेरे मुँह पर रगड़ते हुए झड़ गईं. मैं भी झड़ने वाला था, तो उन्होंने मेरा लंड हिला कर मेरा माल अपनी चुचियों पर ले लिया और उसे अच्छे से अपनी चुचियों पर किसी क्रीम की तरह रगड़ लिया.
इसके बाद बुआ मेरे बाजू में आकर लेट गईं. बुआ ने मुझसे पूछने लगीं.
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#10
बुआ- आज आयी हुई मेरी सहेलियों में से तुझे कोई पसंद आई?

मैं- हां, वो तो तीनों ही बड़ी सेक्सी थीं. पर आज जब वो जा रही थीं, तो नीलिमा आंटी ने मेरा लंड पैंट में खड़ा देख लिया था और हंसकर चली गयी थीं.
बुआ इस पर हंसते हुए बोलीं- तो तुझे नीलिमा मस्त लगी. तू चाहे तो मैं उससे बात करूं? वो भी एक नम्बर की चुदक्कड़ औरत है. आज तक न जाने कितनों से चुद चुकी है.
मैंने कहा- बुआ वो तो अच्छी है पर अब तो मुझे आप ही पसंद हो. मैं तो आप की चूत का फैन हो गया हूं.
बुआ- अच्छा, चल चल अब ज्यादा बातें मत कर.
मैं- बुआ क्या आपकी कोई सेक्स फैंटेसी है?
बुआ- हां, मैं हमेशा से ही खुले आसमान के नीचे चुदना चाहती हूं.
मैं- अच्छा, चलिए फिर क्यों न इसे आज पूरा किया जाए.
बुआ- सच में … चल फिर हम 12:00 बजे टेरेस पर जाकर वहीं चुदाई करेंगे.
मैंने हामी भर दी. फिर रात के कुछ 12 बजे हम दो गद्दे लेकर ऊपर टेरेस पर आ गए. मैंने वहां गद्दे बिछा दिए और बुआ को ऊपर बुलाया.
मैं वहीं पर लेट गया. कुछ देर बाद बुआ आईं और आकर मेरे बाजू में लेट गईं. बाहर की ठंडी हवा मेरे हर अंग को गुदगुदा रही थी.
बुआ ने अपना एक हाथ मेरे गले में डाल दिया और एक पैर मेरे ऊपर रखकर लेट गईं. मैं उन्हें सहलाने लगा और कुछ देर बाद वो मेरे ऊपर लेट गईं और मेरे खड़े लंड को अपनी चूत पर एडजस्ट करने लगीं. लंड सैट होते ही वो एक झटके के साथ ही मेरे लौड़े पर बैठ गईं. अंधेरे में सिर्फ चांद की रोशनी में वो जैसे चमक रही थीं. मैंने उन्हें नीचे खींचा और उन्हें किस करने लगा. तभी मैंने उनके बाल भी खोल दिये.
वो अब अपने खुले बालों के साथ मेरे लंड पर कूद रही थीं और मैं उनके मम्मों को दबा रहा था.
हमारी चुदाई कुछ 20-25 मिनट चली. फिर बुआ झड़ कर मेरे ऊपर ही लेट गयी और हम वैसे ही नंगे सो गए.
मेरी नींद कुछ 4:30 के आस पास खुली, तो देखा बुआ मेरा लंड चूस रही थीं. मैंने तुरंत उन्हें लेटाया और लंड पेल कर उन्हें ताबड़तोड़ चोदने लगा. उनके चेहरे के हाव-भाव मुझे पागल कर रहे थे. उनके चेहरे पर एक अलग खुशी थी, जो उनकी संतुष्टि की थी.
हम दोनों कुछ देर की चुदाई के बाद झड़ गए और नीचे रूम में आकर सो गए.
इस तरह उस रात मैंने बुआ को घर में चोदा चुदाई से पूरी तरह संतुष्ट कर दिया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#11
(11-07-2022, 04:45 PM)neerathemall Wrote: neerathemall
बुआ ने अपनी सहेली की चूत दिलवायी


सुबह जब मेरी आंख खुली तो देखा बुआ अभी भी सो रही थीं.

मैंने उनके गाल पर किस किया, पर वो गहरी नींद में सो रही थीं.
वो नंगी ही बेड पर मेरी तरफ पीठ करके लेटी थीं. उनकी मोटी गोरी गांड मेरी तरफ थी.
मैंने आगे होकर उन्हें अपनी बांहों में भर लिया. मैंने अपना लंड उनकी गांड की दरार में लगा दिया और उनके बूब को पकड़ कर मसलने लगा.
साथ ही में मैं उनकी गर्दन पर की किस कर रहा था.
मेरे कुछ देर ऐसा करने से बुआ जाग गईं.
मैंने उन्हें गुड मॉर्निंग बोला और उनके गाल पर एक किस कर दी.
फिर मैं और बुआ कल की चुदाई के बारे में बात करने लगे थे.
बातों ही बातों में बुआ ने पूछा- क्या तू मेरी सहेली नीलिमा को चोदना चाहेगा?
मैं- जरूर बुआ, पर कैसे?
बुआ- उसकी चिंता तुम मत करो, मैं तुम्हें उसकी चूत दिलवाऊंगी, ये मेरा काम है.
मैंने बुआ से बताने के लिए जिद की, पर वो बस इतना ही बोलीं कि समय आने पर तुम समझ जाओगे.
खैर … मैंने भी ज्यादा जोर नहीं दिया. मुझे तो बस चूत मिलने से मतलब था.
अब हम दोनों उठे और फ्रेश हुए.
जब बुआ कपड़े पहन रही थीं तो मैंने कहा- बुआ अब जब तक हम घर में अकेले हैं, हम कपड़े नहीं पहनेंगे.
बुआ को भी ये आईडिया अच्छा लगा और वो मान गईं. फिर वो अपनी बड़ी सी गांड मटकाती हुई रसोई में चली गईं.
कुछ देर बाद हम दोनों कुछ नाश्ता आदि करके फ्री हुए तो बुआ ने नीलिमा को कॉल किया और उसे घर आने को कहा.
वो भी तुरंत आने को तैयार हो गयी.
कुछ देर बाद नीलिमा आयी.
वो घर आने वाली थी इसलिए हमने कपड़े पहन लिए थे.
मैंने सिर्फ बरमूडा और बनियान डाल ली और बुआ ने अपना गाउन पहन लिया.
कुछ देर बाद नीलिमा आयी.
वो आकर सोफे पर बैठ गयी और बुआ से बातें करने लगी.
आज वो गज़ब की माल लग रही थी.
उसने लाल रंग की चुस्त टी-शर्ट और ब्लू जींस पहनी थी, जिसमें से उसके बूब्स और जांघें बहुत भरी सी नज़र आ रही थीं.
मैं वहीं बैठा उसे वासना से देख था.
तभी बुआ ने कुछ ऐसा कहा कि जो सुनकर मैं दंग रह गया.
बुआ- नीलिमा, आज तो एकदम चुदने के लिए तैयार लग रही हो!
नीलिमा- हां यार, जब से तेरे इस ठोकू को देखा है, तब से इसके लंड के बारे में सोच रही हूँ.
मैं ये सुनकर भौचक्का रह गया- क्या … क्या मतलब है आपका … क्या ये पहले से तय था?
बुआ- हां बेटा, नीलिमा जानती थी कि मैं तेरा लंड ले रही हूँ, इसलिए उसने मुझे अपनी इच्छा बता दी थी.
नीलिमा- हां समीर, तेरी इस चुदक्कड़  बुआ सारिका ने मुझे बाद में फ़ोन पर सब बताया था.
बुआ- जितना तू इसे चोदना चाहता था, उससे ज्यादा ये तुझसे चुदवाने को मरी जा रही थी. इसलिए मैंने तुझे नीलिमा को चोदने के बारे में पूछा. तुम दोनों रेडी थे, इसलिए मैंने ये प्लान बनाया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#12
बुआ की बात से मैं बहुत खुश हुआ.

दरअसल बुआ और नीलिमा कॉलेज से अच्छी सहेली थीं और उन दोनों ने मिलकर बहुत बार लेस्बियन सेक्स किया था.
उन दोनों ने कई लड़कों से साथ में भी सेक्स किया था.
इस सब वजहों से उन दोनों में बहुत गहरी दोस्ती थी.
ये मुझे बुआ ने बताया था.
इन दोनों चुदक्कड़ औरतों की कहानी मैं आपको अगले भाग में जरूर बताऊंगा.
फिलहाल आप मेरी बुआ की सहेली नीलिमा की चुदाई का मजा लें.
अब बुआ ने अपना हाथ नीलिमा की ओर बढ़ाया.
नीलिमा ने भी तुरंत उनका हाथ पकड़ा और आकर उनकी गोद में बैठ गईं.
मैं बुआ की बगल में बैठा ये सब देख रहा था.
तभी नीलिमा ने बुआ का मुँह पकड़ा और उनके होंठों पर किस कर लिया
फिर उसने अपना एक हाथ से बुआ के एक बूब को पकड़ लिया और मसलने लगी.
मैं ये देख कर हैरान तो था, पर उससे कहीं ज्यादा उत्तेजित हो गया था.
मैंने अपना हाथ बुआ के दूसरे बूब पर रख और दबाने लगा.
बुआ ने भी तुरंत मेरा लंड पकड़ा और मसलने लगीं.
कुछ देर तक बुआ के मम्मों को दबाने के बाद नीलिमा उठी और आकर मेरी गोद में बैठ गयी.
इस वक्त मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया था और जब नीलिमा मेरी गोद में बैठी, तो उसकी गांड में चुभने लगा.
वो अपनी गांड को मेरे लंड पर रगड़ने लगी, मुझे किस करने लगी और मेरी छाती पर हाथ फेरने लगी.
बुआ भी मेरे गले पर किस कर रही थी और साथ ही नीलिमा के बूब्स दबा रही थीं.
कुछ देर ऐसा ही चलता रहा.
फिर नीलिमा उठी और उसने अपने पर्स से एक गोली निकाली और मुझे देकर बोली- समीर ये खा ले ताकि हमारी चुदाई जल्दी न रुके.
मैंने वो गोली खा ली.
अब नीलिमा उठी और मेरी बनियान निकाल कर मेरी छाती चूमने लगी.
मुझे उसके ऐसे करने से बहुत मज़ा आ रहा था.
तभी बुआ मेरे करीब आईं और मुझे किस करने लगीं.
कुछ देर बाद नीलिमा ने मेरे बरमूडा पैंट को नीचे खींच दिया.
मैं उन दोनों औरतों के सामने पूरा नंगा था.
मुझे देख कर बुआ ने भी अपना गाउन उतार दिया और वो भी पूरी नंगी हो गईं.
अब बुआ मेरी गोद में आकर बैठ गईं और उन्होंने नीलिमा को अपनी ओर खींच लिया.
बुआ अपनी सहेली के कपड़े निकालने लगीं.
पहले बुआ ने उसकी टी-शर्ट निकाली और मैंने उसकी जींस निकाल दी.
अब वो सिर्फ क्रीम कलर की ब्रा और वायलेट कलर की पैंटी में थी.
मैंने उसे अपनी ओर खींच लिया और बुआ उसकी पीठ पर किस करने लगीं, उसकी ब्रा निकाल दी.
कुछ ही देर में नीलिमा अब सिर्फ पैंटी में थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#13
बुआ अब मेरे से चिपक कर बैठ गईं और नीलिमा को किस करने लगीं.

मैं भी पीछे से बुआ की गर्दन चूम रहा था और साथ ही नीलिमा के बूब्स दबा रहा था.
कुछ देर ऐसे ही चूमाचाटी चली.
फिर हम तीनों बेडरूम में आ गए.[Image: 10930779_006_81ab.jpg]
बेडरूम में आते ही बुआ ने नीलिमा को बेड पर धक्का दे दिया, जिससे वो बेड पर जा गिरी.
तुरंत ही बुआ उसके ऊपर चढ़ गईं और वो दोनों किस करने लगीं.
वो दोनों बिल्कुल किसी लेस्बियन पोर्नस्टार की तरह दिख रही थीं.
मैं भी तुरंत जाकर उनके बाजू में लेट गया और बुआ की पीठ पर हाथ सहलाने लगा.
मैंने बाजू में बुआ के लटकते स्तन को हाथ में पकड़ लिया और चूसने लगा.[Image: 62548648_018_85bc.jpg]
कुछ देर बाद वो दोनों उठीं और मुझ पर चढ़ गईं.
बुआ मेरे एक बाजू में लेट गईं और नीलिमा दूसरी ओर.
वो दोनों मेरे पास सरक आईं और हम तीनों ने एक साथ किस किया.
इसी दौरान मैं नीलिमा के बूब्स दबा रहा था और वो दोनों मेरे लंड को सहलाने लगी थीं.
उन्हें लंड सहलाने में मजा आने लगा था तो वो दोनों नीचे आकर मेरे लंड को चूमने लगीं.
कुछ पल बाद नीलिमा मेरी छाती पर किस करने लगी और बुआ मेरी जांघों पर जीभ फेरने लगीं.
थोड़ी देर ऐसे ही चलता रहा.[Image: 62548648_021_3223.jpg]
अब मैंने नीलिमा को लेटा दिया और उसके ऊपर चढ़ कर उसे किस करने लगा.
नीलिमा बिल्कुल पागल हो चुकी थी और मेरे बाल खींच रही थी, साथ ही वो बहुत जोर से किस भी कर रही थी.
ये मेरी जिंदगी का सबसे सेक्सी और वाइल्ड किस था.
इसी दौरान बुआ पीछे से मेरे टट्टे दबा रही थीं और गांड के छेद में किस कर रही थीं.
मैं नीलिमा के बूब्स चूसने लगा और बुआ उसके ऊपर चढ़कर उसे किस करने लगी.
नीलिमा के बूब्स चूसते हुए मैं बुआ की मोटी गांड दबा रहा था. नीलिमा के बूब्स काफी बड़े और नर्म थे. उसके मम्मों के चूचुक बिल्कुल सनी लिओनी जैसे थे. [Image: 51693973_002_ddb2.jpg]
मैं उसके दोनों निप्पलों को बारी बारी से कभी चूसता तो कभी दांतों में दबा देता.
वो सिसकी लेने की कोशिश करती, पर बुआ के होंठों के लगे होने की वजह से उसकी आवाज अन्दर ही दब जाती.
अब मैं नीलिमा पर नीचे आ गया और उसकी गोरी जांघों में फंसी उसकी गीली चूत को देखने लगा.
उसकी पैंटी पूरी गीली हो गयी थी और चूत की फांकों में फंस कर चूत का आकार दिखा रही थी.
मैंने उसकी जांघों पर यहां-वहां किस किया और अंतत: अपना मुँह सीधे उसकी चूत पर लगा दिया.
वो उस वक्त बुआ के बूब्स चूस रही थी.[Image: 51693973_001_5ae0.jpg]
मेरा मुँह अपनी चूत पर महसूस करते ही वो जोर से चिल्ला उठी- इस्स स आह आह मां मर गई … अह चूसो ऐसे ही आह आह.
मैंने उसकी पैंटी दांतों से पकड़ी और नीचे खींच ली.
उसकी गीली हो चुकी पैंटी को मैंने चाटा और उसमें लगा सारा चूत रस चाट लिया.
अब मैंने उसकी चूत देखी और क्या बताऊं दोस्तो … मैं बस उसे ही देखता रह गया.
उसकी चूत कुछ भूरे रंग की थी पर बिल्कुल गीली और चमकदार.
उसने अपनी चूत पर उगे झांटों के बाल सजावटी अंदाज में काटे थे, चूत के ऊपर झांटों की एक छोटी सी पट्टी थी.
मैंने तुरंत ही अपना मुँह उसकी चूत पर लगा दिया.[Image: 51693973_012_e92c.jpg]
आंह क्या खुशबू थी उसकी चूत की … सच में याद करके ही लंड फिर से खड़ा हो गया है.
उसकी चूत का पानी भी काफी टेस्टी था. मैं तो बिल्कुल जन्नत में था.
मैं आपको बता दूँ कि मुझे चूत चाटना, गांड चाटना, बगलें चाटना आदि बहुत पसंद हैं.
तभी बुआ भी आ गईं और हम दोनों ने बारी बारी से नीलिमा की चूत चाटी.




[Image: 85714391_043_3620.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#14
फिर नीलिमा ने कहा- समीर, बस अब और मत परेशान कर, जल्दी से एक बार चोद दे … ये साली तेरी रंडी बुआ ने तो अपनी आग बुझा ली है, अब मेरी भी बुझा दे.

इस पर बुआ ने मुझे चोदने का इशारा किया और बोलीं- हां चोद दे इस मेरी प्यारी छिनाल को … साली की चूत में बहुत गर्मी है.
मैंने तुरंत ही उठकर अपना लंड नीलिमा की चूत पर लगा दिया और बुआ ने उस पर थूक कर उसे चिकना बना दिया.
फिर मेरी गांड पर थपकी मार कर मुझे लंड चूत के अन्दर डालने का इशारा कर दिया.
मैंने पूरी ताकत से एक झटका दे मारा, जिससे लंड पूरा अन्दर चला गया.
नीलिमा जोर से सिसियायी और मेरे भी मुँह से सिसकारी निकल गयी.
बिना रुके मैंने उसे चोदना शुरू कर दिया.[Image: 57037538_008_ede1.jpg][Image: 71456352_009_0359.jpg]



[Image: 94474636_013_977c.jpg]
[Image: 59214565_003_872a.jpg]
[Image: 59214565_016_eca6.jpg]
बुआ नीलिमा के पास चली गईं और उसके मुँह पर अपनी चूत रखकर बैठ गयी.
वो मेरी तरफ मुँह करके बैठी थीं तो बुआ मुझे किस करने लगीं.
अब हम तीनों को मज़ा आ रहा था.
हम इस पोजीशन में 5 मिनट तक रहे.
फिर बुआ बाजू में सरक गईं और बगल में लेट कर वो कभी नीलिमा को किस करतीं, तो कभी उसके बूब्स चूसतीं या उससे अपने मम्मे चुसवाए लगतीं. [Image: 86428519_004_7f3f.jpg]
मुझे ये देख कर बहुत उत्तेजना हो रही थी.
मैं भी कभी बुआ के बूब्स चूसता या कभी नीलिमा के चूस लेता.
ऐसी हमारी चुदाई चलती रही, जिसमें हमने दो बार पोजीशन बदली.
फिर मैं नीचे लेटा और नीलिमा मेरे लंड पर कूद रही थी और बुआ अपनी चूत मेरे मुँह पर रख कर बैठी थीं.
ऊपर वो दोनों चूमाचाटी चुसाई कर रही थीं.
जब नीलिमा झड़ने को हुई तो बुआ मेरे ऊपर से उठ गई और मैंने नीलिमा को अपने नीचे लिया और पूरी ताकत से चोदने लगा.
एक मिनट बाद वो झड़ कर निढाल हो गयी.
मैंने लंड बाहर निकाला और नीलिमा की कामरस भरी चूत चाट कर साफ कर दी. बुआ ने मेरे लंड को चूस कर साफ कर दिया.
मैं अभी भी पूरे जोश में था. मेरा लंड झड़ने के बाद भी कड़क था.
अब मैं बुआ की चुदाई करने लगा.
हम दोनों ने फिर से उसी तरह सेक्स किया.
बस इस बार नीलिमा की जगह बुआ मेरे लंड का शिकार थीं.
हमारा ये चुदाई का खेल न जाने कितनी देर चला.[Image: 62548648_021_3223.jpg]
फिर जब मैं बुआ की चुदाई करके झड़ने को हुआ तो उन दोनों ने मेरे लंड का माल अपने ऊपर निकलने को कहा.
मैंने वैसा ही किया और अपना माल उनके ऊपर निकाल दिया.
नीलिमा और बुआ दोनों के चेहरे और बूब्स मेरे माल से भरे थे, जिसे दोनों ने एक दूसरे के शरीर से चाट लिया.
हम तीनों थक गए थे तो यूं ही नंगे सो गए.
उस वक्त दोपहर के तीन बजे थे.
बाद में हम तीनों उठ कर नहाये और होटल से खाना मंगवा लिया.
खाना खत्म करके बातें करने लगे.[Image: 30131754_609_0c08.jpg]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#15
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#16
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#17
(11-07-2022, 05:14 PM)neerathemall Wrote:
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बुआ की चुदाई

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#18
    
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neerathemall

बुआ की चुदाई


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fight

 








बुआ के अंदर कुछ ज्यादा ही कामवासना की गर्मी भर रखी थी।
 
हालांकि बुआ का रिश्ता उनके पति के साथ अच्छा था लेकिन बुआ की शारीरिक जरूरतें ज्यादा थी। उनका थोड़े से मन नहीं भरता था उन्हें और ज्यादा कामुकता चाहिए थी।
 
तो जब बुआ अपने भैया के घर यानी कि अपनी मां के घूमने के लिए आए तब उसकी मुलाकात अपने भैया के बड़े बेटे समीर से हुई।
 
समीर बचपन से ही बुआ को बहुत ज्यादा पसंद करता था लेकिन अब वह लंबा चौड़ा बड़ा आदमी बन चुका था जिसको देखकर वह हैरान रह गई।
 
    उन्होंने समीर से मिलते ही कहा अरे समीर तुम तो इतने बड़े हो गए हो!
 
    समीर ने मन में सोचा बुआ जी सिर्फ मैं ही नहीं मेरा सब कुछ बड़ा हो चुका है!!
 
और फिर समीर बुआ के पैर छूने लगा तो बुआ ने रोक लिया और कहा तुम्हारी जगह मेरे सीने में है ना कि पैरों में।
 
और उन्होंने समीर को गले लगा लिया उन्होंने समीर को इतनी प्यार से और जोर से गले लगाया कि समीर बुआ की दिल की धड़कनो को सुन पा रहा था, बुआ की वासना बढ़ रही थी!!!
 
समीर ने इस बात को महसूस कर लिया कि बुआ के अंदर बहुत ही ज्यादा गर्मी और अश्लीलता भरी पड़ी है। क्योंकि समीर बुआ को बचपन से ही पसंद करता था और वह आज भी बहुत ज्यादा  हसीन और सुंदर औरत थी। तो समीर ने भी बुआ के साथ मजे लेने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
 
बुआ और समीर बस एक दूसरे के पास ही चिपके रहते थे दोनों के इरादों का साफ साफ पता चल रहा था लेकिन उन्होंने अभी तक बयान नहीं किया था।
 
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
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#19
बुआ बात-बात पर समीर के मजबूत बॉडी को छोटी थी उसके मजबूत बांहों में आग लगा दी थी उसके सीने पर भी हाथ लगा देती थी।

 
समीर को लेकर बुआ के अंदर हवस बहुत ही ज्यादा बढ़ चुकी थी और बढ़ती ही जा रही थी।
 
जब वह अपनी चरम सीमा पर थी और वह समीर को सोच समझकर अपनी चूत में उंगली कर रही थी। बुआ चुदाई मांग रही थी और वह बहुत ही ज्यादा प्यासी थी जिनकी प्यास केवल समीर ही मिटा सकता था।
 
और समीर भाई अपने कमरे में अंत्र्वासना कहानीपढ़कर अपने लंड को मसल रहा था और वह बुआ को अपने मन में सोचके मुट्ठ मार रहा था।
 
तभी अचानक से बिजली कड़की और बुआ समीर के कमरे में आ गई। बुआ ने समीर को अपने लंबे लंड से मुठ मारते हुए देख लिया और कहा – “इतनी कीमती चीज को तुम ऐसे बर्बाद कर रहे हो!!!!!!!!!
 
    माहौल बहुत ही ज्यादा कामुकता से भरा हुआ था और समीर ने कहा तो मैं क्या करूं बुआ जी??!!
 
    बुआ ने बोला क्यों ना हम दोनों एक दूसरे की प्यास को पूछा ल!!!
 
और फिर बुआ समीर के ऊपर चढ़ गई और उसे अचानक से पागलों की तरह चूमने लगी। समीर के कामवासना के सुख में सब कुछ भूल गया और वह बुआ को बहुत जोर जोर से चूमने लगा।
 
    फिर समीर ने अपने आप को रोका और कहा नहीं हुआ यह गलत है!!!
 
    बुआ ने बोला कुछ गलत नहीं है, वासना कोई रिश्तेदारी नहीं देखती, यह बस हो जाती है कुछ भी गलत नहीं हैसमीर।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#20
और फिर समीर ने बुआ को पूरा नंगा कर दिया। बुआ का गोरा हसीन शरीर देखकर समीर के लैंड से पानी टपकने लगा और समीर में नंगा हो गया।

 
दोनों नंगे होकर एक दूसरे को निहार रहे थे और अपनी कामुकता को और ज्यादा बढ़ा रहे थे फिर समीर में पूरा को बिस्तर पर पटक दिया और उनकी चूत में अचानक से लंड घुसा दिया।
 
    बुआ आ आ आया हम्म अम्म आ,,, धीरे डालो तुम्हारा बहुत मोटा है!!!
 
    समीर बोला अब मुझसे कंट्रोल नहीं होता!!!
 
और वह बुआ को जबरदस्त तरीके से खचाखच चोदने लगा उसमें बुआ के दोनों टांगों को अपने कंधे के ऊपर रखा और पूरा दम लगा कर दुआ की चूत पर चोट मारने लगा।
 
    बुआ कामवासना के चरम सुख से अपने चेहरे को दाएं बाएं हिला रही थी आ आ आ आ आ या आ अम्म अम्म अहह अहहहांअहह!!!!
 
    समीर मज़ा आ रहा ह बताओ मुझे मज़ा आ रहा
 
    फुआ बोली हां मजा आ रहा है हां हां बहुत ज्यादा मजा आ रहा है तो दो अपनी बुआ की चुदाई करो!!!
 
समीर फिर और जोर-जोर से बुआ को चोदने लगा और चोदते चोदते हो बुआ की चूत के ऊपर खुजली भी कर रहा था।
 
   
 
इसे बुआ की कामवासना और भी ज्यादा चरम सीमा पर पहुंच रही थी और उसकी आंखें पीछे को लौट रही थी लेकिन फिर भी समीर से चोदे जा रहा था और वासना पर सुख दे रहा था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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