09-07-2022, 01:57 PM
(This post was last modified: 09-07-2022, 02:30 PM by IndianUSA. Edited 3 times in total. Edited 3 times in total.)
दोस्तों - ये मेरी पहली कहानी है । दरसल कहानी नहीं सच्चाई है । इस कहानी में मैं बस नाम बदले है — बाक़ी सब जैसा सच में हुआ वही लिखा है ।
कहानी में बस ३ लोग है - विक्रम (देवर - २७ साल ), प्रिया (भाभी - २६ साल) और आशीष (विक्रम से ५ साल बड़ा भाई ) । कहानी में कई भाग होंगे — क्यूँकि सच में प्रिया और विक्रम के बीच प्रिया की शादी के पहले साल से ही कुछ होने लगा — पर उनके बीच हमेशा एक झिझक रही जो धीरे धीरे कम हुई ।
हमारे बीच हुई हर बात बताऊँगा पर क्रम थोड़ा बदल कर - उससे रोमांच थोड़ा बना रहेगा ।
प्रिया गोरी है - और थोड़ी स्लिम ही । कभी पूछा नहीं पर फ़िगर शायद ३४ - २८ - ३२ होगी ।
कहानी पढ़कर अच्छा लगे तो लाइक कीजिए - आगे लिखने का हौंसला मिलेगा ।
भाग - १
——————————-
उस बार विक्रम देर रात घर पहुँचा । दरवाज़ा प्रिया ने ही खोला - उसने बताया कि बाक़ी सब सो चूके है । चाय पीते समय विक्रम का भाई आशीष थोड़ी देर को उठा पर फिर सो गया । प्रिया और विक्रम उसी डबल बेड पर बैठे थे जहां आशीष सोया था - विक्रम पैरो की तरफ़ था उन दोनो से । जब आशीष फिर से सो गया तब प्रिया और विक्रम बातें ही कर रहे थे । अचानक कम्बल के अंदर दोनो के पैर टकराय - शायद गलती से । पर तब ऐहसास हुआ की कम्बल के अंदर कुछ हो तो आशीष का डर नहीं । ये बहुत रोमांचक था - क्यूँकि प्रिया का पति आशीष बराबर में ही सोया था । फिर भी एक बार टच होने के बाद दोनो में से किसी ने अपना पैर वापस नहीं हटाया । बल्कि दोनो के पैरो की उँगलिया थोड़ी हलचल करने लगी । और धीरे धीरे ऊपर की तरफ़ बढ़ने लगी ।
विक्रम शॉर्ट्स में था और प्रिया साड़ी में । दोनो के पैर अब एक दूसरे के घुटने के पास तक पहुँच गए थे - रोमांच बढ़ रहा था । जब ऐसा लगा की दोनो में से कोई रुकने वाला नहीं - तो दोनो के पैर अब जाँघो के पास टच करने लगे । प्रिया तो विक्रम के शॉर्ट्स के ऊपर से ही टच कर पा रही थी - पर विक्रम का टच तो सीधे प्रिया की स्किन पर था - कपड़ों के अंदर । अचानक प्रिया का पैर वहाँ टच हुआ - जहां शायद सोचा भी नहीं था - पर रुकी नहीं । अब थोड़ा और ज़ोर से आगे बढ़ाया । विक्रम ने भी आगे बढ़ते हुए दोनो पैर के बीच में टच किया । दोनो की साँसें तेज होने लगी । लेकिन इससे आगे कुछ करने में डर सा भी लग रहा था । पता नहीं था की एक दूसरे के मन में क्या है । अचानक आशीष नींद में थोड़ा हिला - तो दोनो सम्भाल कर बैठ गए ।
तभी प्रिया बोली की अगर अभी नींद नहीं आ रही तो थोड़ी देर टीवी देख लेते है । टीवी ऑन किया और लाइट बंद करके विक्रम अब प्रिया के बराबर में आकर बैठ गया - उसी कम्बल में । डबल बेड पर तीन लोग थे तो थोड़ा क़रीब ही बैठे थे । दोनो में कोई बात नहीं हो रही थी - पर कुछ तो अंदर चल ही रहा था । लग ही रहा था की अब तो और ज़्यादा क़रीब बैठे है - और आशीष को कुछ दिखेगा भी नहीं । इतने क़रीब बैठे थे तो हाथ तो टकराने ही थे - पर मूड पहले से थोड़ा बना था तो इस बार ज़्यादा देर नहीं लगी हाथों को प्रिया को कमर तक जाने में । प्रिया को भी ये टच अच्छा लगा शायद - उसने आँखें बंद की तो थोड़ा पीछे को होकर लेट गयी ।
विक्रम के हाथ लगातार प्रिया के कमर और पेट को सहला रहे थे और जल्दी ही उसके बूब्स तक पहुँच गए । प्रिया की तरफ़ देखा तो उसकी आँखें अभी भी बंद थी - विक्रम ब्लाउस के ऊपर से बूब्स को मसलने लगा । प्रिया की सांसे तेज चल रही थी - और विक्रम भी प्रिया के बूब्स के टच से उत्तेजित हो रहा था । विक्रम से रहा नहीं गया और उसने ब्लाउस के ऊपर से अंदर हाथ घुसाने की कोशिश की - पर हाथ आसानी से ब्लाउस के अंदर चला गया -- शायद प्रिया ने पहले ही २ हुक खोल दिय थे । बस अब विक्रम अच्छे से प्रिया के नंगे बूब्स को मसलने लगा -- प्रिया आहें भरने लगी ।
दोनो को मज़ा आ रहा था पर आशीष वही था -- और आवाज़ होने का डर लगने लगा । विक्रम को लगा ज़्यादा कंट्रोल खोने से पहले उसे चले जाना चाहिए । विक्रम ने टीवी बंद किया और वह से उठकर जाने लगा -- पर पता नहीं क्या सोचकर वो रुका - और अंधेरे में ही प्रिया के होंठों पर एक किस कर दिया ।
कहानी में बस ३ लोग है - विक्रम (देवर - २७ साल ), प्रिया (भाभी - २६ साल) और आशीष (विक्रम से ५ साल बड़ा भाई ) । कहानी में कई भाग होंगे — क्यूँकि सच में प्रिया और विक्रम के बीच प्रिया की शादी के पहले साल से ही कुछ होने लगा — पर उनके बीच हमेशा एक झिझक रही जो धीरे धीरे कम हुई ।
हमारे बीच हुई हर बात बताऊँगा पर क्रम थोड़ा बदल कर - उससे रोमांच थोड़ा बना रहेगा ।
प्रिया गोरी है - और थोड़ी स्लिम ही । कभी पूछा नहीं पर फ़िगर शायद ३४ - २८ - ३२ होगी ।
कहानी पढ़कर अच्छा लगे तो लाइक कीजिए - आगे लिखने का हौंसला मिलेगा ।
भाग - १
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उस बार विक्रम देर रात घर पहुँचा । दरवाज़ा प्रिया ने ही खोला - उसने बताया कि बाक़ी सब सो चूके है । चाय पीते समय विक्रम का भाई आशीष थोड़ी देर को उठा पर फिर सो गया । प्रिया और विक्रम उसी डबल बेड पर बैठे थे जहां आशीष सोया था - विक्रम पैरो की तरफ़ था उन दोनो से । जब आशीष फिर से सो गया तब प्रिया और विक्रम बातें ही कर रहे थे । अचानक कम्बल के अंदर दोनो के पैर टकराय - शायद गलती से । पर तब ऐहसास हुआ की कम्बल के अंदर कुछ हो तो आशीष का डर नहीं । ये बहुत रोमांचक था - क्यूँकि प्रिया का पति आशीष बराबर में ही सोया था । फिर भी एक बार टच होने के बाद दोनो में से किसी ने अपना पैर वापस नहीं हटाया । बल्कि दोनो के पैरो की उँगलिया थोड़ी हलचल करने लगी । और धीरे धीरे ऊपर की तरफ़ बढ़ने लगी ।
विक्रम शॉर्ट्स में था और प्रिया साड़ी में । दोनो के पैर अब एक दूसरे के घुटने के पास तक पहुँच गए थे - रोमांच बढ़ रहा था । जब ऐसा लगा की दोनो में से कोई रुकने वाला नहीं - तो दोनो के पैर अब जाँघो के पास टच करने लगे । प्रिया तो विक्रम के शॉर्ट्स के ऊपर से ही टच कर पा रही थी - पर विक्रम का टच तो सीधे प्रिया की स्किन पर था - कपड़ों के अंदर । अचानक प्रिया का पैर वहाँ टच हुआ - जहां शायद सोचा भी नहीं था - पर रुकी नहीं । अब थोड़ा और ज़ोर से आगे बढ़ाया । विक्रम ने भी आगे बढ़ते हुए दोनो पैर के बीच में टच किया । दोनो की साँसें तेज होने लगी । लेकिन इससे आगे कुछ करने में डर सा भी लग रहा था । पता नहीं था की एक दूसरे के मन में क्या है । अचानक आशीष नींद में थोड़ा हिला - तो दोनो सम्भाल कर बैठ गए ।
तभी प्रिया बोली की अगर अभी नींद नहीं आ रही तो थोड़ी देर टीवी देख लेते है । टीवी ऑन किया और लाइट बंद करके विक्रम अब प्रिया के बराबर में आकर बैठ गया - उसी कम्बल में । डबल बेड पर तीन लोग थे तो थोड़ा क़रीब ही बैठे थे । दोनो में कोई बात नहीं हो रही थी - पर कुछ तो अंदर चल ही रहा था । लग ही रहा था की अब तो और ज़्यादा क़रीब बैठे है - और आशीष को कुछ दिखेगा भी नहीं । इतने क़रीब बैठे थे तो हाथ तो टकराने ही थे - पर मूड पहले से थोड़ा बना था तो इस बार ज़्यादा देर नहीं लगी हाथों को प्रिया को कमर तक जाने में । प्रिया को भी ये टच अच्छा लगा शायद - उसने आँखें बंद की तो थोड़ा पीछे को होकर लेट गयी ।
विक्रम के हाथ लगातार प्रिया के कमर और पेट को सहला रहे थे और जल्दी ही उसके बूब्स तक पहुँच गए । प्रिया की तरफ़ देखा तो उसकी आँखें अभी भी बंद थी - विक्रम ब्लाउस के ऊपर से बूब्स को मसलने लगा । प्रिया की सांसे तेज चल रही थी - और विक्रम भी प्रिया के बूब्स के टच से उत्तेजित हो रहा था । विक्रम से रहा नहीं गया और उसने ब्लाउस के ऊपर से अंदर हाथ घुसाने की कोशिश की - पर हाथ आसानी से ब्लाउस के अंदर चला गया -- शायद प्रिया ने पहले ही २ हुक खोल दिय थे । बस अब विक्रम अच्छे से प्रिया के नंगे बूब्स को मसलने लगा -- प्रिया आहें भरने लगी ।
दोनो को मज़ा आ रहा था पर आशीष वही था -- और आवाज़ होने का डर लगने लगा । विक्रम को लगा ज़्यादा कंट्रोल खोने से पहले उसे चले जाना चाहिए । विक्रम ने टीवी बंद किया और वह से उठकर जाने लगा -- पर पता नहीं क्या सोचकर वो रुका - और अंधेरे में ही प्रिया के होंठों पर एक किस कर दिया ।