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Incest चचेरी बहन रेखा
#1
चचेरी बहन रेखा

जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#2
नदिनो मेरी चचेरी बहन रेखा कानपुर के एक कोचिंग़ मे अध्यनरत है, वो एक गर्लस होस्टल मे रह्ती है और हमदोनो का मिलना जुलना लगा ही रह्ता है ! रेखा की उम्र 18-19 साल की है और उसके सुंदर मुख़ड़े पर कई लड़्के दिवाने है, गोरा रंग़, 5 फ़ीट 5 इंच की लम्बाई, सुड़ोल बदन, छाती पर लगे दो संतरे समान चुचि, मांसल उभार वाली चुत्तर और अंदर के हिस्से का क्या कहना ! रेखा की चिकनी चुत, उसके दोनो फ़ुले हुए फ़ांक मेरे लंड़ को टाईट कर देते थे, उसकी बुर का सील मैने ही भंग़ किया था ! एक सुबह मेरे मोबाईल पर रेखा का काल आया……. “हेलो राहुल कैसे हो ?

(राहुल) ठीक हु और तुम आज कल काफ़ी ब्यस्त हो

(रेखा) नही राहुल तुम तो दो हफ़्ते से मेरे पास मिलने भी नही आए हो

(राहुल) बुआ के घर गया था, अभी फ़्री हो क्या

(रेखा) बिल्कुल आओ फ़िर चलते है घुमने फ़िरने. ”

मै कालेज के लिये तैयार हुआ और सिधे गर्लस हास्टल पहुंच गया, रेखा मेरा इंतज़ार कर रही थी और उसको मिनी स्कर्ट….. टोप्स मे देख मन तड़प उठा, उसके स्कर्ट आधे जङ्हा तक को ढके हुए थे तो वो मेरे से चिपककर बाईक पर बैठ गयी ! मेरे कमर पर हाथ लगाए वो अपने एक स्तन को मेरे पिठ से रगड़ रही थी, मै बाईक को देल्ही -कानपुर हाईवे पर चला रहा था, 11:00 बजे के आसपास हमदोनो उसी नदी के किनारे थे जहा अक्सर हमदोनो मजा किया करते थे ! बाईक से उतरकर हमदोनो घास पर बैठे और मै रेखा को अपने गोद मे बिठा लिया, वो अपने दोनो पैर को मेरे कमर से लपेटे मुझे जकड़ रखी थी तो मै उसके पिठ को अपने बाहो के घेरे मे ले रखा था ! रेखा मेरे चेहरे पर चुम्बन देने लगी तो मै उसके नग्न जङ्हा को सहला रहा था, उसकी स्कर्ट काफ़ी उपर कि ओर हो चुकी थी, तभी रेखा अपना जिभ मेरे मुह्न मे ड़ाल दी तो मै उसकी जिभ चुसता हुआ उसके स्कर्ट को कमर तक कर दिया ! उसके नग्न गांड़ को सहला रहा था तो रेखा मेरे छाति से अपने दोनो स्तन को रगड़ रही थी, पल भर बाद अपने जिभ को मेरे मुह्न से निकाली, अब मै रेखा के पेंटी के हूक को खोल दिया तो रेखा उसको निकाल कर अपने पर्स मे रख ली !

रेखा अब मेरे सामने खड़ी हो गयी और उसके स्कर्ट को कमर तक करके मै उसके दोनो पैर को दो दिशा मे कर दिया, उसकी चमकती चुत पर चुम्बन देता हुआ उसके चुत्तर को सहला रहा था ! उसकी बुर पर हल्के रोये उग आए थे और मै अब अपना जिभ उसके बुर की दरार मे रगड़ने लगा तो रेखा उङ्ली की मदद से बुर को फ़लका दी, अब मेरा जिभ बुर को कुरेद रहा था तो रेखा सिसकने लगी…… “ऊह्हह आह्हह्हह ऊम्मम्म राहुल मेरी बुर मे कितनी खुजली हो रही है. “लेकिन मै तो कुत्ते की तरह रेखा की बुर चाटता रह गया ! मेरा लंड़ चड़्ही के अंदर खम्बे की तरह खड़ा हो चुका था, तो मै उसकी बुर के दोनो फ़ांक को मुह्न मे भरकर चुभलाने लगा, पल भर बाद उसकी बुर को छोड़ा तो रेखा मेरे से थोड़ी दुरि पर जाकर बैठ गयी और छरछर मुतने लगी ! वो मेरे करीब आकर बैठी तो मै उसके गोलाई पर हाथ रखकर चुची मसलने लगा और रेखा मेरे जिंस को खोलने लगी, अब मेरा लंड़ रेखा के मुठ्ही मे था और वो मुझे बोली…… “राहुल जरा खड़ा तो हो जाओ

(मै खड़ा हो गया) ये लो रेखा ड़ार्लिंग़ जमकर मेरा लंड़ चुसो
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#3
(रेखा घुट्ने के बल होकर) आज साले तेरे लंड़ का मलाई भी मुह्न मे लुंग़ी

(राहुल) जरुर ले ने साली मुह्न मे. ” रेखा मेरे से नज़र मिलाते हुए लंड़ को चुमने लगी, वो लंड़ के चमड़ा को छिलकर सुपाड़ा को अपने चेहरे और ओंठ पर रगड़ने लगी ! फ़िर वो मेरे लंड़ को मुह्न मे भरकर चुसते हुए मस्त थी तो मै घांस पर खड़े-2 अपनी चचेरी बहन से लंड़ चटवाने लगा, वो मेरे लंड़ पर जिभ फ़ेरकर मस्त थी और पल भर बाद मेरे पुरे लंड़ को अपने मुह्न मे लेकर मुखमैथुन करने लगी, मेरा लंड़ पुरी तरह से गरम हो चुका था और मै रेखा के बाल को कसकर पकड़े उसकी मुह्न को अपने लंड़ से चोदने लगा ! लग्भग 3-4 मिनट तक रेखा की मुह्न को चोदा और फ़िर पास मे ही खड़े-2 मुतने लगा !

रेखा की बुर का सील 2-3 हफ़्ते पहले तोड़ा था, अब रेखा बाईक के सीट पर अपने कोहनी को रख आगे की ओर झुकी तो उसका मस्त चुत्तर मेरे लंड़ के सिध मे था, वो चौपाया जानवर की तरह खड़ी थी तो मै उसके नितम्ब के सामने लंड़ पकड़े खड़ा था, उसके स्कर्ट को कमर तक करके बुर के मुहाने को उङ्ली से कुरेदने लगा और फ़िर
गांड़ पर दो थप्पड़ भी लगा दिया तो रेखा….. “अबे साले चोदेगा या फ़िर हाईवे पर जाकर खड़ी हो जाउ

(राहुल सुपाड़ा को उसकी बुर के मुहाने पर रखा) अभी चोद्ता हु साली. ” और ये कहते हुए 1/2 लंड़ बुर मे पेल दिया, उसकी कसी हुई चुत मे मेरा आधा लंड़ घुस चुका था तो मै रेखा के कमर को थामे जोर का झट्का बुर मे दे दिया, मेरा पुरा लंड़ बुर के अंदर था और वो चिंख पड़ी…… “ऊऊउ बाप रे मेरा बुर फ़ाड़ देगा क्या, कितना मोटा लंड़ है तुम्हारा

(राहुल) चुपकर बे साली चुदा ना गांड़ हिला रंड़ी कहि की. ” अब मै तेज गति से रेखा को चोद रहा था तो वो अपने चुत्तर को हिलाने लगी, 4-5 मिनट की चुदाई के बाद रेखा की बुर गिली हो गयी तो मै लंड़ को बुर से निकाल लिया और फ़िर उसके चुत्तर के सामने बैठ्कर बुर को चाट्ने लगा !

रेखा बुर को पानी से साफ़ करके घास पर बैठ गयी और फ़िर घास पर लेट्कर मुझे चोदने का न्योता दी ! मै उसके जङ्हा के बिच बैठे अपना लंड़ उसकी चुत मे ड़ाल दिया और गिलि चुत मे पुरा लंड़ पेले उसके बदन पर औंध गया, मेरा लंड़ बुर के अंदर बाहर तेजी से होने लगा तो रेखा अपने गांड़ को उपर निचे करने लगी, लग्भग 12-14 मिनट कि चुदाई के बाद मै चिंख पड़ा…. “ले बे साली अपने बुर को विर्य पीला. ” और लंड़ से विर्य की तेज धार बुर मे छुट पड़ी, हमदोनो आराम करने के बाद घर वापस
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#4
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रेखा दीदी को ट्रैन मे चोदा

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#5
(06-07-2022, 02:41 PM)neerathemall Wrote:
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रेखा दीदी को ट्रैन मे चोदा


रेखा दीदी कानपुर आई हुई थी, हफ़्ते भर रहने के बाद उसको देल्ही जाना था तो उनके पति को आने का वक़्त नही था! ऐसे मे मम्मी और पापा ने मुझे ही रेखा के साथ जाने को बोला, कानपुर से देल्ही के लिये एक ट्रैन मे आरक्षण लिया और फ़िर मै रेखा दीदी के साथ ट्रैन पकड़्ने के लिये निकल पड़ा ! रेखा दीदी काले रंग़ के स्कर्ट और आसमानी रंग़ के टोप्स मे मस्त दिख रही थी, हमदोनो एक औटो बुक करके निकल पड़े और फ़िर ट्रैन पर सवार हो गये ! रात के 10:40 मे ट्रैन खुली और हमदोनो अपने ए सी-प्रथम कुप मे बैठ गये, चार बर्थ के कुप मे हमदोनो के सिवा एक औरत थी और एक बर्थ खाली था ! खैर हमदोनो एक तरफ़ के बर्थ पर बिस्तर लगाकर सोने चले गये, मै उपर क बर्थ पर था तो दीदी निचे के बर्थ और वो औरत निचे की बर्थ पर सो चुकी थी, वो अपने बर्थ का पर्दा खिंचकर आराम से सोई हुई थी तो मै ट्रैन के खुलने के 15 मिनट बाद अपने बर्थ से उतरा और बाथरूम चला गया !
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#6
उधर से लौट्कर आ रहा था तो रेखा दीदी अपने पर्से को लिये बाथरूम जा रही थी, मै आकर अपना जिंस खोला और बरमुड़ा पहने दीदी की बर्थ पर बैठ गया ! दीदी की बर्थ का पर्दा खिंचकर अंदर आराम से लेट गया तो पल भर बाद दीदी आई और मुझे देख मुस्कुराने लगी, दोनो बर्थ पर बैठे हुए थे और दीदी बिना संकोच के मेरे करीब आ गयी, वो मेरे गाल पर हाथ फ़ेरने लगी तो मै उसके बूब्स को दबाने लगा ! दीदी को अपने गोद मे बिठाकर चुमने लगा तो वो मेरे गले मे अपनी बाहो को ड़ाल रखी थी, उसके ओंठ को चुसता हुआ बूब्स को मसल रहा था तो दीदी अपने लम्बे से जिभ को मेरे मुह्न मे भरकर मुझसे चुसवाने लगी ! रेखा की जिभ को चुसता हुआ उसके एक स्तन का एह्सास अपने छाती पर पा रहा था, वो मुझसे चिपके बैठी थी और फ़िर वो अपने जिभ को मेरे मुह्न से निकाल दी ! दीदी कामुकता के आगोश मे आकर अपने टोप्स को निकाल दी और उनका दोनो स्तन उज्ले रंग़ के जालिदार ब्रा मे कैद था, उनको बर्थ पर सुलाकर मै उनके सिने पर औंधा और वो खुद अपने ब्रा को निकाल दी ! दीदी के दोनो भरे-2 स्तन मेरे हाथ मे थे और मै जोर-2 से स्तन दबाता हुआ उनके चेहरे की लालिमा को देख रहा था, वो सिसकने लगी तो मै उनका एक स्तन मुह्न मे भरकर चुसने लगा और दुसरे को मसल रहा था ! मेरा लंड़ बरमुड़ा के अंदर खम्बा की तरह खड़ा हो चुका था और मै दीदी की स्तन को चुसचुसकर लाल कर चुका था, दीदी खुद हि अपने दुसरे स्तन को पकड़कर मेरे मुह्न मे ड़ाल दी और मै उनके छाति से चिपककर उनका दुध पीने लगा ! पल भर बाद उठा और दीदी कि कमर के पास बैठ्कर उनके स्कर्ट को कमर तक कर दिया और वो एक पेंटी से अपने बुर को ढक रखी थी, मै उनके पेंटी के हुक को खोला और बुर को नण्गा कर दिया !
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#7
दीदी की ड़्नलप सी चूतड के निचे तकिया ड़ाला और उनके दोनो जङ्हा को दो दिशा मे करके अपना मुह्न उनके बुर पर लगा दिया, बुर को चुमता हुआ उसके जङ्हा को कसकर पकड़े हुए था और दीदी की बुर पर चुम्बन देता रहा, वो सिसकते हुए उंग़ली लगाकर बुर को फ़लका दी तो मेरा जिभ बुर को चाट्ने लगा ! रेखा की बुर 2 साल से चुद रही थी इसलिए बुर पुरी तरह से ढीली नही पड़ी थी और मेरा आधा जिभ बुर को चोदता हुआ मस्त हो रहा था, रेखा की बुर को चोदता हुआ उसके स्तन को भी मसलने लगा ! फ़िर क्या था रेखा जोर-2 से सिसकने लगी और फ़िर मेरा लंड़ बरमुड़ा के अंदर फ़नफ़नाने लगा, मै दीदी को अब चोदना चाहता था लेकिन वो मेरे लंड़ को चुसना चाह्ती थी ! रेखा दीदी मुझे लिटाकर अब मेरे कमर के पास बैठ गयी, वो मेरे बरमुड़ा को खोलकर लंड़ को थामी और सर झुककर चुमने लगी, रेखा मेरे लंड़ के सुपाड़ा को अपने ओंंठ पर रगड़्ने लगी और धीरे से पुरा लंड़ अपने मुह्न मे भर ली, वो लंड़ को मुह्न मे लेकर मुखमैथुन कर रही थी और मै अब दीदी को चोदने के लिये आतुर था! रेखा लंड़ को छोड़ अपने टोप्स को पहनी और स्कर्ट को ठीक करके बाथरूम गयी !
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#8
रेखा दीदी वापस आई और बर्थ पर बैठकर बोली….. “राहुल अब जरा चुदाई करो अंदर काफ़ी खुजली हो रही है

 
(राहुल) बर्थ पर कुत्तिया बनोगी या खड़े-2. ” रेखा बर्थ पर कुत्तिया की तरह हो गयी तो मै उसके चिकने चूतड को चुमने लगा, उसके मांसल गांड़ पर थप्पड़ मारने लगा और बुर से लेकर गांड़ के दरार तक को जिभ से चाटने लगा ! मेरे मुसललंड़ को चुत की भुख लगी हुई थी तो मै उसके बुर के मुहाने पर सुपाड़ा को रखा और धीरे-2 पुरा लंड़ दीदी की बुर मे घुसाने लगा, आधा लंड़ अंदर जाते ही मै रेखा के कमर को कसकर पकड़ा और जोर से लंड़ पेल दिया ! रेखा की बुर मे मेरा मुसल लंड़ था तो वो चिंख पड़ी……. “ओह्हह कितना मोटा तेरा लंड़ है धीरे-2 चोद ना. मै उसके चूतड की ओर से अपना मुसललंड़ बुर मे पेले चुदाई कर रहा था, तो रेखा अपने गांड़ को आगे पिच्हे करते हुए चुदाई का मजा ले रही थी ! रात के 12;30 बज रहे थे और हमदोनो का काम क्रिया चालु था, उसकी बुर अब आग हो चुकी थी और मै उसके सिने से लटकते बुब्स को मसल रहा था ! दीदी तेजी से सिसक रही थी तो मै पुरे गती से चोद रहा था, वो बोली…… “राहुल अब लंड़ का माल झाड़ो बुर जल रही है
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#9

(राहुल) जरुर रेखा मेरा माल फ़ेंकने वाला है. ” 12-14 मिनट की चुदाई के बाद बुर मे विर्य गिराकर मस्त हो गया, फ़िर दोनो फ़्रेश होकर सो गये
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#10
Angry Angry Angry Angry
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#11
(06-07-2022, 02:47 PM)neerathemall Wrote: Angry Angry Angry Angry

cool2cool2
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#12
रेखा दीदी की सहेली राखी

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#13
मै रेखा दीदी को लेकर कानपुर से देल्ही पहुंचा और फ़िर दीदी अपने घर के कामकाज मे लग गयो तो मै 2-3 घंटे आराम करने के बाद एक काफ़ी पिया ! दोपहर के 12:00 बजे दीदी की फ़्लैट से बाहर निकला और अपार्टमेंट के बाहर जाकर एक दुकान से सिगरेट लिया, फ़िर पीने लगा, सोच रहा था की दीदी की सहेली राखी से बात कि जाय ! उनके मोबाईल पर काल किया तो स्विच ओफ़ बताया, खैर घर वापस आकर स्नान किया और दोपहर मे खा पिकर सो गया ! शाम 5:00 बजे मेरा मोबाईल रिंग़ हुआ तो मै राखी के नम्बर को देख खुश हुआ, बात करने लगा……….. “बोलिये राखी जी आप कहि बाहर है क्या ?

 
(राखी) नही तो लेकिन मोबाईल स्विच ओफ़ मिला होगा
 
(राहुल) मै दीदी को लेकर आया हु
 
(राखी) ओह आज तो…….. तुम कल सुबह आओ ना.
 
मै रात को मोबाईल पर एक पोर्न क्लिप देखा और फ़िर सो गया ! सुबह दीदी मुझे एक चाय के साथ उठाने आई, जिजा भी घर पर ही थे, खैर हमलोग साथ मे चाय पिये फ़िर जिजा अपने काम पर जाने को तैयार होने लगे तो दीदी भी उनके नाश्ता बनाने मे ब्यस्त हो गयी ! जिजा घर से निकले तो मै भी स्नान करने चला गया और नाश्ता करने के बाद तैयार होने लगा, तो दीदी मेरे पास आकर बोली…… :”अभी कहा जा रहे हो राहुल
 
(राहुल) अपने दोस्तो से मिलने जा रहा हु 2-3 घंटे मे आउंग़ा
 
(रेखा) ओह दिन मे जिजा नही है सोची थोड़ी मस्ती करुंग़ी
 
(राहुल) तो क्या हुआ दीदी अभी तो 10:00 ही बजे है, आता हु. और मै सिधे राखी के घर चला गया, गेट को खटखट करने लगा तो राखी आकर दरवाजा खोली ! मै उनके घर के अंदर घुसा तो राखी मुझे बैठ्ने को बोली
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#14
और किचन चली गयी, गुलाबी रंग़ के गाउन मे सेक्सी लग रही थी, उधर से एक बियर की बोट्ल और ग्लास लेकर आई ! राखी मेरे करीब सोफ़ा पर बैठ्कर बियर को ग्लास मे ड़ालने लगी, उसके ड़ीप गले की वजह से चुची का उपरी हिस्सा दिख रहा था तो वो झुककर जब ग्लास मे बियर ड़ालने लगी तो उनके गुलाबी ब्रा मे सुंदर सी चुचि दिख् रही थी, अब दोनो बियर पीने लगे तो राखी मेरे जिंस के उपर हाथ रखकर मेरे ओर खिंसकी…… “राहुल दीदी के यहा कितने दिन तक रुक्ना है

 
(राहुल) 4-5 दिन तक. दोनो दो-2 ग्लास बियर पीकर मस्त हो उठे तो मेरा हाथ राखी के गाउन के ड़ोरी पर चला गया, मै ड़ोरी को खोला और गाउन को उसके जिस्म से निकालने लगा ! राखी बिन ब्रा और पेंटी के नग्न अवस्था मे थी और दोनो पैर को एक दुसरे पर चढाकर सोफ़ा पर बैठी हुई थी तो मै उसके स्तन को मसल्ता हुआ गाल को चुमने लगा, वो मेरे शर्ट और जिंस को निकालने लगी और पल भर बाद दोनो नग्न थे ! अब दोनो ज़मीन पर खड़े होकर एक दुसरे से लिपट गये और मै उसके चेहरे को चुम रहा था तो वो मेरे गर्दन को चुम रही थी, मेरा हाथ राखी के मस्तायी गांड़ पर था तो अब दोनो एक दुसरे के ओंठ को चुमने लगे, मेरे मुह्न मे उसके रसिले ओंठ थे तो मै चुसता हुआ उसके गांड़ की ओर से बुर मे एक उंग़ली कर दिया ! राखी अब अपने जिभ को मेरे मुह्न मे ड़ालकर चुसवा रही थी तो मै उसकी बुर को उंग़ली से कुरेदने लगा, उसकी चुचि मेरे सिने से चिपक रही थी तो पल भर बाद उसके जिभ को छोड़कर बुर से उंग़ली बाहर किया !
 
राखी अब सोफ़ा पर बैठी थी और उसका चुत्तर किनारे पर था, अपने दोनो पैर को दो दिशा मे किये बुर को सहला रही थी तो मै ज़मीन पर बैठ्कर राखी के जङ्हा को चुमने लगा और अब अपने हथेली को बुर पर रगड़ रहा था ! उसके चिकने जङ्हा को चुम-2 कर अब अपना मुह्न उसके बुर पर लगा दिया, बुर पर बार नही थे तो मै उसपर चुम्बन देता हुआ उसके स्तन को मसलने लगा, राखी अपने बुर को उङ्ली की मदद से फ़ल्का दी तो मेरा आधा जिभ उसकी बुर को चाट्ने लगा ! राखी दीदी की हमउम्र थी और इनका बुर काफ़ी टाईट था, मेरा जिभ बुर को कुत्ते की तरह चोद रहा था तो वो सिसक रही थी…….. “ऊह्हह आह्हह्ह ऊम्मम्मम्मम राहुल अब बुर को चोद दो ना यार. लेकिन मै उसकी बुर के दोनो फ़ांक को मुह्न मे भरकर चुभलाने लगा तो वो मेरे बाल पकड़े मेरे मुह्न को बुर की ओर धंसाने लगी ! मेरा लंड़ अब चुदाई को आतुर था……
 
राखी को सोफ़ा पर ही कुत्तिया की तरह कर दिया और उसके भारी भरकम चुत्तर के सामने खड़ा होकर लंड़ के सुपाड़ा को बुर के मुहाने मे घुसाया, अब कमर थामे धीरे-2 लंड़ को अंदर की ओर पेलने लगा ! राखी की चुत मे
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#15
जब मेरा आधा लंड़ घुस गया तो मै उसके कमर को पकड़े लंड़ का जोरदार धक्का बुर मे दिया तो लंड़ बुर के अंदर था और वो चिल्लाने लगी…… “ऊउईइ बाप रे इतना मुसल लंड़ बुर फ़ाड़्कर ही दम लोगे क्या

 
(राहुल) अबे साली चुद ना जबतक बुर कसी हुई है तब तक हि तो चुदने मे मजा है. राखी अब चुदाई का मजा ले रही थी, अपने चुत्तर को आगे पिच्हे करते हुए चुद रही थी तो मेरा लंड़ पुरी गति के साथ उसकी बुर को चोद रहा था ! उसके सिने से झुलते दोनो चुची को रहरह्कर मसलने लगा और 5 मिनट की चुदाई के बाद वो बोली…… “राहुल और तेज चोदो ना पानी आने पर है
 
(राहुल) तो क्या आज चुदाई रुकने वाली नही है. “. मेरा मुसललंड़ उसकी बुर को चोदने मे मस्गुल था तो पल भर बाद बुर पानी से भर गयी लेकिन मै राखी को चोदता जा रहा था, अब कमरे मे फ़चाफ़च की आवाज भी उसके बुर से निकलने लगी ! वो अपने नितम्ब को हिलाते हुए बोली…… “राहुल थोड़ी देर के लिये रुको ना
 
(राहुल) सो क्या करना है
 
(राखी) बहुत तेज पिसाब लगी है. दोनो बाथरूम घुसे और वो अब पैन पर बैठ्कर मुतने वाली थी तो मैने उसको बोला…. “चल साली इधर आकर खड़ी हो जा तेरी मुत आज पीनी है. अब राखी अपने दोनो पैर को फ़ल्काये खड़ी थी तो मै उसके सामने ज़मीन पर बैठ गया, उसके बुर पर मुह्न लगाया और बुर के दोनो फ़ांक को अपने मुह्न मे लेकर चुसने लगा, वो पल भर बाद मेरे मुह्न मे छरछर मुतने लगी, बुर से निकला मुत की गरम धार को मै पीकर उठा और फ़िर दोनो फ़्रेश होकर बेड़ रूम चले गये ! अब राखी बिस्तर पर लेटकर चुदने को तैयार थी तो मै उसके जङ्हा के बिच बैठ्कर लंड़ को पकड़ा और उसकी बुर मे पेलने लगा, 2/3 लंड़ पेलकर एक तेज झट्का बुर मे दिया और उसकी चुदाई करता हुआ उसके चुचक को मसलने लगा ! पल भर बाद उसके जिस्म पर औंधकर चुदाई कर रहा था तो राखी तेजी से अपने चुत्तर को उपर निचे करने लगी, मै उसकी बुर चोद-चोदकर हांफ़ने लगा और बोला…… “राखि अब मेरा लंड़ विर्य फ़ेंकने वाला है आह्हह. मेरे लंड़ से विर्य राखि की चुत मे गिरा और फ़िर मै उसके बदन पर लेटा रहा !
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#16
mast ram ki bhasha!
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#17
(06-07-2022, 02:34 PM)neerathemall Wrote: Big Grin
चचेरी बहन रेखा

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#18
Nice story
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