.ह तेज़-तेज़ सिसकारियां लेने लगी और कहने लगी- भाई जान, अब मत तड़पाओ, अपना लंड मेरी चूत में डाल दो. अब मत तड़पाओ मुझे. अब आपका लंड मुझे चूत में चाहिए. मेरी चूत में डालो प्लीज़।
फिर मैंने एक जोर का धक्का मारा तो मेरा लंड 5 इंच तक उसकी चूत में घुस गया. वह जोर से चिल्लाई- उईई अम्मी … मार दिया … हाय रे … अल्लाह … मार दिया। थोड़ा आराम से नहीं कर सकता था क्या हरामी?
मैं थोड़ी देर रुका और फिर एक धक्का मारा. इस बार मेरा पूरा 8 इंच का लंड उसकी चूत में समा गया. वह फिर से चिल्लाई लेकिन मैं धक्के पर धक्के मारता रहा. थोड़ी देर बाद उसको भी मजा आने लगा।
फिर मैंने उसकी दोनों टांगों को अपने कंधों पर रखा और जोर के धक्के मारने लगा. उसके मुंह से तेज सिसकारियों के साथ गालियां भी बाहर आने लगीं- उउउई … उउउई … बहनचोद। चोद मुझे … और जोर से चोद … उउउई … उउउई … आआआह … आआआहल्ल्ला … मर गई रे।
फिर 20 मिनट की चुदाई के बाद वह झड़ने लगी और मैं भी उसके अंदर ही झड़ गया और उसके ऊपर ही लेट गया. थोड़ी देर बाद मेरी नज़र खिड़की पर गई तो मैंने देखा कि मेरी भानजी सोनिया खिड़की से हम दोनों को देख रही थी.
मैंने आपा से कहा- आपा उधर देखो तो!
आपा सोनिया को देखते ही घबरा गई. फिर हम दोनों ने अपने अपने कपड़े जल्दी से पहन लिए और पहनकर बेड पर लेट गए।
मौके की नज़ाकत को देखते हुए मैं आपा से बोला- आपा, आप सोनिया को बुलाकर उसे समझा दो, नहीं तो वो किसी से बाहर इस बारे में बोल देगी. अगर ऐसा हुआ तो हमारी बहुत बदनामी होगी।
आपा ने सोनिया को अपने रूम में बुलाया तो मैंने देखा कि सोनिया की पजामी चूत के पास से बिल्कुल गीली हो गयी थी.
आपा सोनिया को मनाने लगी तो सोनिया बोली- मैं नानाजी से आप दोनों की शिकायत करुंगी।
यह सुनते ही आपा ने उसके गाल पर थप्पड़ मारा और उसे चुप रहने के लिए कहा. फिर आपा ने उसकी पजामी को देखा तो वो गीली थी.
आपा बोली- ये क्या है?
सोनिया- कुछ नहीं अम्मी।
आपा ने फिर एक झटके में उसकी पजामी उतार दी. सोनिया ने पजामी के नीचे कुछ भी नहीं पहना हुआ था. उसकी चूत मेरे सामने नंगी हो गयी. अपनी भांजी की चूत देख कर मेरे मुंह में लार आने लगी. मैं उसकी चूत पर फिदा हो गया.
शायद आपा ने मुझे सोनिया की चूत को घूरते हुए देख लिया था.
आपा सोनिया से बोली- क्या कर रही थी तू खिड़की पर? हमें देख रही थी न?
सोनिया का चेहरा लाल हो गया. वो कुछ नहीं बोल रही थी. उसकी चूत से लगातार पानी आ रहा था.
आपा ने उसकी चूत में उंगली से कुरेद कर देखा.
इससे सोनिया ने जोर से आह्ह … भरी और आपा का हाथ पकड़ लिया.
आपा बोली- तेरी चूत तो बहुत गर्म हो गयी है. लगता है तुझे भी कुछ चाहिए है.
इतना बोलकर आपा ने उसको बेड पर अपने पास बिठा लिया और मुझे इशारा कर दिया. मैं आपा का इशारा समझ गया और मैंने सोनिया के बूब्स पर हाथ रख दिये. वो मेरे हाथों को हटाने लगी लेकिन मैंने उसको बेड पर नीचे पटक लिया और उसकी चूचियों को जोर जोर से दबाने लगा.
कुछ ही देर में वो मचलने लगी. उसकी चूत बार बार ऊपर उठ कर आ रही थी. लग रहा था जैसे कि वो अपनी चूत पर मेरा मुंह रखवाना चाह रही हो.
फिर आपा ने भी सोनिया की चूचियों को दबाना शुरू कर दिया. अब मैंने चूचियों को छोड़ उसकी चूत पर हमला कर दिया और उसकी कुंवारी चूत को जोर जोर से चाटने लगा. वो मछली के जैसे छटपटाने लगी.
मेरा लंड अब तक पूरा तनाव में आ चुका था और मेरी भांजी की कुंवारी बुर की चुदाई करने के लिए पूरे जोश में था. कुछ देर तक हम दोनों सोनिया की चूचियों और चूत से खेलते रहे. मेरे चूसने के बाद आपा ने भी अपनी बेटी की चूत में उंगली की.
फिर आपा ने मुझे सोनिया पर चढ़ाई करने का इशारा कर दिया. आपा ने उसके मुंह पर हाथ रख लिया और सोनिया समझ गयी कि उसकी बुर को उद्घाटन होने वाला है.
वो शायद अपने आपको इसके लिए पहले ही तैयार कर चुकी थी इसलिए उसकी तरफ से किसी भी तरह का विरोध नहीं हो रहा था. फिर आपा ने मुझे इशारा किया तो मैंने अपनी निक्कर उतार दी और टीशर्ट को भी उतारकर फिर से पूरा का पूरा नंगा हो गया.
नंगा होने के बाद मैंने लंड को एक दो बार सोनिया के सामने हिलाया. वो ललचाई नज़र से मेरे लौड़े को देख रही थी. उसके बाद मैंने अपने लंड का टोपा उसकी बुर पर रख दिया. लंड बुर पर टच होते ही सोनिया की आह्ह … निकल गयी.
मैं अपने लंड के सुपाड़े को उसकी बुर पर रखकर रगड़ने लगा. उसकी बेचैनी बढ़ती जा रही थी. कुछ देर तक अपने लंड से ही उसकी बुर को सहलाने के बाद मैंने एक धक्का मारा तो मेरा लंड 2 इंच तक उसकी बुर में चला गया.
वह जोर से चिल्लाई लेकिन आपा ने उसके मुंह को बंद कर दिया. वो ऊं … ऊं … हुफ्फ … फू … फू … करके अपनी चूत में उठे दर्द को बयां करने लगी. उसकी बुर की सील टूट चुकी थी. उसी वक्त उसकी बुर से खून निकलने लगा.
अब मुझे रुकना पड़ा. मैं थोड़ी देर तक रुका रहा. रुकने के बाद मैंने फिर से एक जोर का धक्का मारा. अब मेरा लंड उसकी चूत में 5 इंच तक उतर गया था. उसकी आँखों से अब आंसू आने लगे.
वो मुझे जोर से पीछे धकेलने लगी लेकिन मैंने उसकी चूचियों को जोर जोर से दबाना शुरू कर दिया. मेरा लंड उसकी चूत में था और मेरे हाथ उसकी चूचियों को भींच रहे थे. आपा ने उसको पकड़ रखा था. इसलिए वो थोड़ी देर में शांत हो गयी.
अब आखिरी प्रहार की बारी थी. मैंने जोर से एक आखिरी धक्का मारा और पूरा का पूरा लंड अपनी भांजी की चूत में घुसा दिया. वह बेहोश हो गयी. फिर आपा ने उसके चेहरे पर पानी मारा तो उसे होश आया.
मेरा लंड अभी भी उसकी चूत में ही था. मैंने थोड़ा सा हिलाया तो उसको पता लग गया कि अभी लंड चूत में ही है. अब मैंने धीरे धीरे उसके होंठों को चूसते हुए उसकी चूत में लंड को हिलाना शुरू किया. वो भी मेरा साथ देने लगी और मेरे होंठों को चूसने लगी.