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Adultery एक चौथाई इश्क तीन तिहाई बदला ( adultery + revenge +magical)
#1
Lightbulb 
ये कहानी मैं पहले ही एक अन्य वेबसाइट पर शुरू कर चुका हू । यहां भी ये स्टोरी डाल रहा हू । हफ्ते में दो तीन अपडेट आयेंगे क्यू कि ऑफिस से ज्यादा टाइम नही मिलता । और ऑफिस के बाद जो थोड़ा समय बचता है वो घर परिवार में निकल जाते है । आशा करता हू कि आपको कहानी पसंद आयेगी । कहानी में सेक्स उतनी ही मात्रा में होगा जितना कहानी की मांग होगी । और कहानी में  सही मां ,बहन ,पिता भाई वाला सेक्स बिलकुल नहीं होगा । बाकी थोड़ी देर मात्रा में incest होगा ।
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#2
INTRODUCTION

Ajinkya : xx saal ka middle class family se belong karta hai . Thoda dabbu nature hai ,gussail hai lekin sab andar hi reh jata hai . Man me bahut se khwab hai jinhe pura karna chahta hai . Kahani ka lagbhag hero/villain .

Suresh ji : ajinkya ke pita ji . 41 warshiy jo chennai ke kisi MNC me manager hai aur wahi rehte hai . Ghar 3-4 mahine me ek baar aate hai 2-3 din ke liye .

Komal ji – 40 warshiy bhare shareer ki mahila . Swabhav se bholi. Aur dabbu nature ki . Apna hero apne hi maa ke upar gaya hai . Inka role bas aate me namak barabar hai

Ashi : warshiy sexy hot ladki pahad ki waadiyo se utri hui apsara jaisi . Chehra gol matol sa ,32 30 34 vitals wali . Jab hansti hai to apne hero k dil k taar jhanjhanaa jaati hai . Pehla aur aakhiri pyar ajinkya ka aur kahani k mukhya patron me se ek .



Shivkesh baba : aghori baba ,jo apne hero se bas sanyog se takra jaate hai . In dono ki mulakat sanyog hi thi lekin bahut jabardast thi . Apne hero ke guru ,dost yaa use sambhaalne wala keh sakte hai .



Sam aur ajay : 20 warshiy ,jo ki ajinkya ke best friend hai aur har achche bure karm ke sathi . Pure manmouji Hai lekin ek dusre ke liye jaan bhi de sakte hai.



Baaki paatra aate jaye aur unke baare me batata jaunga .





PART 1



घनघोर बारिश हो रही थी एकदम काले काले बादल घुमड़ आए थे ,मानो आज ये भी किसी की याद में रो रहे हो ।हवा सांय सांय चल रही थी और बारिश की बूंदे मुंह पर थपेड़ों के जैसे पड़ रही थी । रात के २ बजे का वक्त था । एक लड़का बारिश में भीगते हुए झील के किनारे घाट पर पानी में पैर लटकाए बैठा हुआ था।और जाने क्या क्या बड़बड़ाए जा रहा था।ध्यान से सुनने पर बस एक ही बात समझ आ रही थी जैसे वो बोल रहा था “I am fine I will be back “



कुछ देर ऐसे ही बैठा रहा फिर उठा और सीढ़ियों से नीचे चल दिया पानी में ।पानी में आगे जाता जा रहा था और तब तक आगे बढ़ता गया जब तक पानी उसके सीने तक न आ गया ।कुछ देर वो ऐसे ही खड़ा रहा और अचानक ही खुद को डुबो दिया था ।कुछ देर तक हलचल नहीं हुई और खुद को तब तक डुबो कर रखा जब तक सीना भर न आया और फेफड़े सांस के लिए चीत्कार न करने लगे ।कुछ सेकंड्स में ही वो बाहर निकला हांफता हुआ और जा कर वापस सीढ़ियों पर बैठ कर अपनी सांसे दुरुस्त करने लगा। और उसका ये ही क्रम ३ -४ बार चला । मानो वो खुद को खत्म करना चाहता है पर हिम्मत नही हो रही । थक हार कर उठा और एक पेड़ के नीचे बैठ गया और जब से पन्नी में पैक की हुई सिगरेट का पैकेट निकाल उसमे से सिगरेट और लाइटर निकाला और सिगरेट सुलगा कर आंखे बंद कर सिगरेट के धुएं को खुद में ही घुलने देने लगा ।

जाने क्या मन में चल रहा था की एक तरफ खुद को खत्म करने में आमादा था और दूजी तरफ धुएं में खोते हुए गुनगुना रहा था । थोड़ी देर बाद उठा और खड़ा हो कर एक बार झील की तरफ देखा ,मुस्कुराया और चल दिया अपनी बाइक की ओर ।



कुछ महीनो पहले ही आया था बड़े शहर में पढ़ने अपने कस्बे से ।और यहां आते ही समझ में आ गया था की यहां भोलेपन से काम नहीं चलेगा ,दुनिया हरामी है ,इसके लिए हरामी ही बनना पड़ेगा। यहां आते ही एक हॉस्टल में दाखिला करवा लिया रहने के लिए । सुनीता बाई के हॉस्टल के नाम से प्रसिद्ध था वो । सुनीता उस समय २८ वर्ष की दुबली पतली महिला था बिना चूंचे और बिना गांड के । मेरा मतलब चूंचे बिलकुल चीकू के आकार के थे और गांड में मांस नहीं था । मुझे तो ताज्जुब ये होता था इसका पति जब इसको चोदता होगा तो वो पकड़ता क्या होगा । जरूर दोनो लोगो की हड्डियां ठकरा कर बर्तन जैसी आवाज निकालते होंगे ।

सुबह नाश्ते में एक पराठा और चाय ,दोपहर में ४ रोटी सब्जी दाल चावल और ऐसा ही कुछ रात में ।रात में १० के बाद एंट्री नहीं ।

खैर हॉस्टल में रूम ले लिया था । एक १०X१२ का रूम था जिसमे दो बेड पड़े थे और साथ में एक रूममेट था ।अर्चित १९ साल का गोरा सा चिकना सा लड़का ।लेकिन दर हरामी । रात में बिना मुट्ठ मारे नींद नही आती । और हिलाता भी था तो सुनीता को चोदने के बारे में सोच कर । पता नही उस हड्डी की दुकान में इसे क्या पसंद था । वक्त के साथ पता चला की लड़का हरामी होने के साथ साथ जिगरवाला भी है ।

हॉस्टल के रूम में आते ही पहले ही दिन अर्चित से दोस्ती हो गई । और रात में हॉस्टल की छत में दारू पी कर दोस्ती को मजबूत बनाया । जब शराब का सुरूर चढ़ गया तो अर्चित पूछा



अर्चित : यार अजिंक्य भाई , ये तेरा नाम कुछ ज्यादा लंबा नहीं होगा तेरी हाइट के जैसे । कुछ छोटा नाम नही है क्या

मै : (हंसते हुए) अबे कुछ भी पुकार ले ,नाम से लौड़ा कुछ फर्क नही पड़ता ।बस दिल मिलने चाहिए ।



अर्चित : हां भाई सच बोली ये बात । अच्छा भाई अब हम दोस्त बन ही गए है तो एक बात पहले ही क्लियर कर दूं ,मै सोने से पहले मुट्ठ मारता हूं रूम में ही । वो नही छोड़ने वाला । और दूसरी बात अगर कभी सुनीता बाई को चोदने का मौका मिला तो पहले मैं चोदूंगा फिर तुम



मै : हाहाहाहाहा अबे लोडू बाकी सब ठीक है लेकिन तुझे इस सींकड़ी में क्या अच्छा दिखा के इसे चोदना चाहता है बे



अर्चित : और भाई तू बात मत कर उसकी यार । एक बार अपने रूम में कपड़े बदल रही थी। और मैं अचानक ही इसके रूम का दरवाजा खोल दिया कुछ बात करने को। तो दरवाजा खुल गया और ये अंदर नंगी खड़ी थी । एक पल में मैने इसके छोटे छोटे सांवले चूचे देख लिए और इसकी बिना बालों वाली चूत भी । तब से इसे चोदना चाहता हू । बस एक बार मिल जाए ।



मै : हाहाहाहाहा वाह भोसड़ी के वाह । बस यही बचा रह गया है जिंदगी में ।



खैर रात में दो बजे के आसपास छत से नीचे उतर कर आए और बिस्तर पर लेट गया । और उधर अर्चित बेड पे आते ही शराब के नशे मे जाने क्या क्या बड़बड़ाए हुए सो गया ।



To be continued in next part ....
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#3
watinggggggggggggggggg
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