17-06-2022, 06:08 PM
चाची को उनके भाई से चुदते देखा
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
Incest चाची को उनके भाई से चुदते देखा
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17-06-2022, 06:08 PM
चाची को उनके भाई से चुदते देखा
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
17-06-2022, 06:08 PM
शारदा मेरी सगी चाची नहीं है, बल्कि मेरे पापा के चाचा के बेटे की बहू है, उसकी आयु 40 साल है लेकिन शरीर की बनावट ऐसी कि बुड्ढों का भी हाल-बेहाल कर दे. कहानी में और भी पात्र हैं, उनका परिचय उनके आगमन के साथ ही मिल जायेगा।
शारदा चाची का घर मेरे ही नगर में कुछ ही दूरी पर है. उनके घर में चाचा-चाची के अलावा उनकी दो बेटियां और एक बेटा है. बड़ी बेटी ममता की शादी हाल ही में हुई है. दोनों बेटियां भी चाची पर गई हैं. कैसै गई हैं आप समझ ही गये होंगे. छोटी बेटी प्राची तो और भी सुंदर और जबरदस्त माल लगती है. चाची का लड़का एकदम रंडीबाज है और मैं जानता था कि अगर उसे मौका मिलेगा तो वो खड़े-खड़े तीनों ही मां- बेटियों को चोद डालेगा. चाचा भी कुछ कम नहीं थे, परिवार में शायद ही कोई बचा हो जिसे उन्होंने नहीं चोदा हो. मेरे परिवार में मैं, मेरे पापा और मेरी मां, मेरे बड़े भैया, भाभी और एक बहन भी है जिसकी शादी हो गई है. पूरा खान-दान बहुत ही बड़ा है. बात उस दिन से आरम्भ होती है जब दो दिन बाद ममता की शादी थी. हर कोई भागा-दौड़ी में लगा था. मैं और मेरे कुछ दोस्त भी काम में लगे थे. काम में क्या लगे थे, शादी में आयी चाची की तरफ से आयी हुई लड़कियों और औरतों को ताड़ रहे थे. साला चाची के खानदान की क्या लड़कियां, क्या औरतें … सब एक से बढ़कर एक! मुझे लगा कि चाची ने हमें देख लिया था. उनकी पारखी नजरों को समय नहीं लगा यह जांचने में कि हमारी नजरें क्या कर रही हैं. शारदा चाची- सन्नी, दोस्तों से ही बातें करता रहेगा या कुछ काम भी करेगा? मैंने मन ही मन सोचकर कहा- चाची आपका तो सारा काम कर दूं आप करने तो दो? मैंने मन की हवस के आवेग से अपने मन की बात चाची के मन तक पहुंचाने की कोशिश की. मगर ऐसा तो संभव नहीं हो सकता था. मैंने भोला सा चेहरा बनाकर चाची की बात का जवाब अगले ही पल दिया. “हां चाची बोलिये, मेरे साथ ये मेरे दोस्त भी शादी में हाथ बंटाने आये हैं.” शारदा चाची- हां-हां मुझे सब पता है कि तुम लोग क्या कर रहे हो! और एक शरारती मुस्कान आ गयी उनके चेहरे पर यह बात कहते-कहते। मैं- नहीं नहीं चाची, हम लोग तो बारात के स्वागत की बात कर रहे थे क्योंकि जो दूल्हा है वो भी हमारे ही दोस्तों में से है. शारदा चाची- सब जानती हूं मैं, चलो जाकर धर्मशाला में व्यवस्था देखो और अपने चाचा का हाथ बटाओ. चाची ने बनावटी गुस्से में कहा। मैं- जाते हैं चाची। सभी दोस्त धर्मशाला की ओर प्रस्थान कर गये. रास्ते में मुझे इन्दु (मेरी मंगेतर) का फोन आया. मैंने दोस्तों से कहा- तुम लोग चलो, मैं आता हूं. राम (मेरा दोस्त)- हां भई हां, चलो भाभी का फोन आ गया. अब दोस्तों की जरुरत नहीं. ऐसा बोल कर वो लोग धर्मशाला की ओर चले गये. मैं फोन पर- हां जी बोलिये, कैसे याद आई हमारी? इन्दु- जब से सगाई हुई है दिन में आप ही आप याद आते हो. मैं- अच्छा जी, सिर्फ दिन में ही या रात में भी? कभी रात में भी याद कर लिया करो हमें. हम तो आपको हर रात ही याद करके सोते हैं. मगर आप केवल हमें दिन में ही याद करते हो. इन्दु – नहीं आप तो मुझे हमेशा ही याद आते रहते हो. हर समय, हर घड़ी … तभी मैंने देखा कि चाची घर के पीछे बने स्टोर की तरफ जा रही थी (उनके घर के पीछे तीन स्टोर बनाये थे जिन्हें उन्होंने साफ सफाई करके चाची के परिवार वालों को रहने के लिये दिया था शादी में) लेकिन अभी थोड़ी ही देर पहले मैंने चाची के भाई कपिल को उधर जाते देखा था. फिर मैंने मन में सोचा कि भाई बहन हैं. बाकी परिवार वाले भी होंगे वहां पर, कुछ लेन-देन या रीति-रिवाज की बातें हो रही होंगी शायद! मैंने वापस फोन पर बात करते हुए इन्दु से कहा- ओहो … तो ये बात है, लेकिन यार, जब तुम मिलती हो तो कुछ करने नहीं देती. इन्दु- सब्र रखिये साहब, शादी के बाद सब कुछ कर लेना. उससे पहले कुछ भी नहीं. मैं- क्या यार … शादी तो एक साल बाद होनी है. तब तक क्या मुझे अपने दिल को अपने हाथ से ही बहलाना पड़ेगा? इन्दु- मतलब? मैं- कुछ नहीं. मैं तो बस ऐसे ही मजाक कर रहा था. मगर यार तुम सच में शादी के बाद ही अपने बदन को छूने दोगी क्या? इन्दु – जी, बिल्कुल सही समझा आपने. तब तक फोन पर काम चलाइये. तभी एक आवाज आई- सन्नी, तुमने कपिल अंकल को देखा क्या? और शारदा जीजी भी नहीं दिख रही हैं? मैंने सोचा- अब ये कौन है साला? आराम से बात भी नहीं करने देते. पीछे मुड़ कर देखा तो वो रमा थी कपिल की पत्नी. मैं पहले तो बोलने वाला था कि दोनों स्टोर की तरफ गये हैं फिर कुछ सोच कर बोला- नहीं, मुझे तो नहीं पता! रमा- पता नहीं कहां गये दोनों, कल भी तो ऐसे ही गायब हो गये थे. मैंने फोन पर इन्दु से कहा- अच्छा मैडम, थोड़ा काम है, कोई बुला रहा है, जाना पड़ेगा, लव यू. इन्दु- मुझसे भी ज्यादा जरूरी काम है क्या? मैं- नहीं यार, लेकिन शादी वाले घर में सौ काम होते हैं। मैं अब ये सोच रहा था कि शारदा चाची और उनका भाई अकेले स्टोर में क्या कर रहे होंगे. यही सोच कर मैंने ईंदु को प्यार से बोला- प्लीज यार समझा करो। इन्दु- समझ गई, मैं तो मजाक कर रही थी, ओके लव यू … मैं- लव यु टू! और मैंने फोन काट दिया. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
17-06-2022, 06:09 PM
फिर कुछ सोच कर अपने चारों तरफ देखा कि कोई मुझे देख तो नहीं रहा है ना और मैं चुपके से स्टोर की तरफ जाने लगा.
पहले स्टोर को ताला लगा था, दूसरे को भी ताला लगा था. तीसरे स्टोर का दरवाजा दूसरी तरफ से था. मैंने सोचा कि मुझे वहम हुआ है. किस बात का वहम हुआ था मुझे आप सब भी समझ ही गए होंगे! जैसे ही मैं मुड़ कर जाने को हुआ तो मुझे एक चीख जैसी आवाज सुनाई दी. मैं वापस मुड़ कर तीसरे स्टोर की तरफ गया तो देखा कि वो अंदर से बंद था. मेरा शक यकीन में बदल गया. स्टोर में कोई खिड़की नहीं थी. दरवाजे पर कान लगा कर ध्यान से सुना तो यकीन और पक्का हो गया कि ये लोग पक्का चुदाई ही कर रहे थे. शायद इसीलिये उन लोगों ने इसी स्टोर को चुना था. मैं हताश हो गया और सोचा कि ये तो हाथ में आया मौका निकल गया लाईव चुदाई देखने का. फिर कुछ सोचने लगा, आज मेरी किस्मत मुझ पर मेहरबान थी. गौर से देखा तो लगा कि शायद दरवाजा पूरी तरह से बंद नहीं हुआ था. एक लम्बी लकड़ी से दूर से दरवाजे को हिलाया तो वो हल्का सा खुल गया और जितना खुला उतना मेरे लिये काफी था. मैंने दरवाजे के पास जाकर उस जगह में से देखा तो दोनों की पीठ दरवाजे की तरफ थी. शारदा चाची घोड़ी बनी हुई थी और उनका भाई कपिल उन्हें पीछे से चोद रहा था! मैं ये मौका गंवाना नहीं चाहता था. फटाफट अपना मोबाइल निकाला और उसे साइलेंट मोड पर किया और चुदाई की रिकार्डिंग करने लगा. ऐसे मौके भला छोड़ने के होते हैं क्या … वाह रे मेरी किस्मत! क्या मस्त चुदाई का सीन चल रहा है अंदर और मुझे लाइव देखने का मौका मिल रहा है. शारदा चाची- और जोर से कपिल, और जोर से … शादी में बहुत थक गयी हूं, तू पूरी थकान उतार दे मेरी आज. कल भी रमा के आने की वजह से चुदाई पूरी नहीं हो पाई, आज चोद मुझे … चोद बहनचोद … चोद! कपिल- शारदा, मुझे भी रमा को चोदने में उतना मजा नहीं आता जितना मजा तुझे और ममता को चोदने में आता है. ले मेरी रंडी बहन … मैं झड़ने वाला हूं. शारदा चाची- चोद साले … ‘अपनी बेटी’ को चोद कर बड़ा खुश हो रहा है, साले … झड़ जा मेरी चूत में ही … उनकी बात सुनकर मैं सोच में पड़ गया- कपिल ने कहा ममता को चोदा, चाची ने कहा ‘अपनी बेटी’ को चोदा? ममता कहीं कपिल और शारदा चाची की औलाद तो नहीं? मैं दिमाग के घोड़े दौड़ाने ही लगा था और अगले ही पल सब कुछ साफ हो गया. कपिल- ले मैं आ गया! और ऐसा बोल कर वो चाची की चूत में ही झड़ गया. “शारदा, क्या तूने कभी किसी को बताया है कि ममता मेरा बीज है?” चाची- इसमें बताना क्या है? इन्हें तो पक्का पता है कि ये तीनों औलादें उनकी नहीं हैं. वो चोदते तो जबरदस्त हैं पर बाप नहीं बन सकते. इसीलिये ममता तुम्हारा बीज है. प्राची देवर जी का और विकास का पता नहीं किसकी औलाद है! इतने लंड खाये हैं इस चूत ने कि पता नहीं किसका है … बडे़ जेठ जी का है या छोटे जेठ जी का? या पापा का! क्योंकि विकास जब पैदा हुआ तो उस समय इन दोनों से बहुत चुदवाया करती थी मैं! बड़े जेठ जी का नाम सुनते ही मेरा माथा ठनका, मैंने सोचा- बड़े जेठ जी यानि कि मेरे पापा ने भी बहती गंगा मे हाथ धोये हैं! तभी चाची बोली- मेरा बस चले तो मैं सब से चुदवा लूं और सबसे पहले उस सन्नी से ही चुदवा लूँ, साले की नजरें हमेशा मेरे मम्मों और गांड पर ही टिकी रहती हैं. साला घर की सब औरतों को आँखों ही आखों में चोद चुका है वो. मैं दावे के साथ कह सकती हूँ कि वो कैसे चोदता होगा, उसका अंदाजा उसके बाप की चुदाई से लगा सकती हूं. उसका बाप भी जब चोदता था तो खटिया भी रहम की भीख मांगने लगती थी. मैं तो फिर भी इंसान थी. एक बार चुदवाने के बाद दो दिन तक बराबर नहीं चल पाती थी मैं. अपने बाप की तारीफ सुन कर मैं खुश हो गया कि पापा भी चुदाई के माहिर खिलाड़ी हैं. चाची- चल, दूसरा राउंड करते हैं! कपिल- ठीक है, लेकिन पहले इसे मुंह में ले कर खड़ा तो करो? चाची ने कपिल का लंड मुंह में लिया और लपालप लॉलीपोप की तरह कपिल के लंड को चूसने लगी. कपिल- आह … शारदा ऐसे ही … चूसो ऐसे ही … और उस रमा को भी सिखाओ कि लंड कैसे चूसते हैं … आह! चाची भी एक मंझी हुई खिलाड़ी की तरह लंड को पूरा मुंह में लेकर चूसे जा रही थी. पांच मिनट तक लंड चूसने के बाद चाची बोली- चल अब चोद जल्दी से … बहुत देर हो जायेगी तो कोई ढूंढता हुआ आ जायेगा. कपिल ने फटाफट अपने लंड को हाथ में लेकर थोड़ा सा हिलाया और झट से चाची की चूत में घुसा दिया. चाची चिल्लाई- मां … मर गई! बहनचोद … एक ही झटके में पूरा डाल दिया. अगर फट गई तो लेने के देने पड़ जायेंगे. कुछ ही पल के विराम के बाद फिर से वही चुदाई का घमासान चालू हो गया. चाची सिसकारती हुई, चीखती हुई चुदवा रही थी. तभी चाची पलटी और उसने धीरे से लंड बाहर निकाल कर पकड़ लिया और खड़ी हो गई और फिर हाथ से सहलाने लगी. कपिल भी उसकी जीभ को, होंठों को चूमते हुए उसके निचले भाग की तरफ़ बढ़ने लगा. पहले गले पर, फिर और भी नीचे और फिर उसकी उभरी हुई छाती पर चूमने लगा. उसकी सांसें तेज हो उठीं. उसकी छाती तेजी से ऊपर-नीचे होने लगी थी. फिर उसकी पूरी चूचियों पर हाथ फ़िरा-फ़िरा कर उसे दबाने लगा. उसके मुख से आनन्द भरी सिसकारियाँ निकलने लगीं. उसे बहुत अच्छा लग रहा था. शारदा चाची अपनी पिछाड़ी (गांड) को मटकाते हुए सिसकारियाँ ले रही थी- ओह भाई, तुम बहुत सता रहे हो. ह्हाई … आऐ … ईईइ … स्स्स … इसी प्रकार से अपनी बहन की गरमाई हुई बुर को चाटते रहो चूसते रहो. मुझे बहुत मजा आ रहा है … ओह भाई … तुम कितना मजा दे रहे हो. ओहहह … चाटो … मेरी जान, मेरे कुत्ते, मेरे हरामी बालम! चाची का ऐसा रूप देखकर मैं तो हैरान रह गया. सच है कि चुदाई अंदर के असली इसांन को बाहर ले आती है. मैंने भी चाची का एक अलग ही रूप देखा था आज. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
17-06-2022, 06:09 PM
कपिल- आज तू मुझको जब तक गन्दी-गन्दी गालियाँ न बकने लगेगी तब तक तेरी बुर को चचोरता रहूँगा साली. मेरी रंडी बहनिया, मेरी कुतिया!
और ऐसा कहते हुए कपिल ने अपनी जीभ उसकी बुर में ठेल दी. वो अब बहुत तेज सिसकारियाँ ले रही थी- मेरी जान तुम मुझे पागल बना रहे हो … उम्म्ह… अहह… हय… याह… ओह मेरे चोदू भाई! हाँ ऐसे ही, ऐसे ही … ओह्ह, ओह्ह, चूसो मेरी बुर को … ईई … इह्ह … मेरी बुर की धज्जियाँ उड़ा दो. साली इसकी पत्तियों को अपने मुँह में भर कर ऐसे ही चाटो मेरे राजा!! ओह डियर … बहुत अच्छा कर रहे हो तुम …! मेरी बुर के छेद में अपनी जीभ को पेलो और अपने मुँह से चोद दो मुझे! शारदा चाची लगातार गालियाँ बकती जा रही थी- हाय मेरे चोदू भाई! मेरी बुर के होंठों को काट लो और अपनी जीभ को मेरी बुर में पेलो … ओह मेरे चोदू भाई. ऐसे ही प्यार से … हां, ऐसे ही! ओह … खा जाओ मेरी बुर को, चूस लो इसका सारा रस! उसके मुख से लगातार सीत्कारें निकल रही थीं, मुझे भी उसकी सीत्कारों को सुन कर बहुत ही मजा आ रहा था और साथ ही डर भी लग रहा था कि कहीं कोई आ न जाये, पर ये दोनों लगे हुये थे अपनी कामवासना की सैर करने में. मैं भी सीन का मजा लेने में लगा हुआ था. शारदा चाची – मैं गई … गई … गईई राजा … ओह बुर चोदू … देख मेरी बुर … पी मेरे पानी को, हाय पी जा इसे! ओह पी जा मेरी बुर से निकले रस को … सीईईई … भाई मेरे .. बुर से निकले स्वादिष्ट माल को पी जा प्यारे भाई! उसकी बुर फड़फड़ा रही थी और उसकी गांड में भी कम्पन हो रहा था. फिर शारदा चाची ने मुँह घुमा कर लंड को देखा और बोली- सच में तुमने मुझे बहुत सुख दिया. ओह डियर तुम्हारा लंड तो एकदम लोहे की रॉड जैसा खड़ा है. ओह डार्लिंग आओ … जल्दी आओ, तुम्हारे लंड में खुजली हो रही होगी … मैं भी तैयार हूँ. आओ भाई चढ़ जाओ अपनी बहन की बुर पर और जल्दी से मेरी बुर चोद दो. चलो जल्दी से चुदाई का खेल शुरू करें. कपिल- अब मैं तुम्हें चोदूँगा मेरी प्यारी बहनिया. मेरे लंड को लेने के लिए तैयार हो जा मेरी रंडी. यह कह कर कपिल ने अपने मोटे लंड को अपनी दीदी की बुर के ऊपर रगड़ना शुरू किया. शारदा चाची को लंड बुर में लेने की बेचैनी भी हो रही थी. वह बुर उछाल रही थी और सिसयाते हुए बोलने लगी- ओह मेरे बहनचोद भाई. अब देर मत करो, मैं अब गर्म हो गई हूँ, अब जल्दी से अपनी इस छिनाल बहन को चोद दो और प्यास बुझा लो. ओह भाई, जल्दी करो और अपने लंड को मेरी बुर में पेल दो. कपिल ने अपने खड़े लंड को उसकी गीली बुर के छेद के सामने लगा दिया और एक जोरदार धक्के के साथ अपना पूरा लंड उसकी बुर में एक ही धक्के में पेल दिया. उसके मुख से एक आह निकली- आई ईईई … मादरचोद, बिल्कुल रांड समझ कर ठोक दिया अपना हथियार. माँ म्म्म … मर गई ईईई … मेरी फट जाएगी कुत्ते, जरा धीरे नहीं पेल सकता था हरामी! कपिल- अभी तो शुरुआत है शारदा. अभी तो तेरी बुर में 3 इंच तक ही घुसा है. अरे अभी तो कह रही थी चोद दो! धीरे-धीरे शारदा चाची ने दर्द कम होने का नाटक करते हुए अपनी गांड को उछालते हुए अपने भाई के लंड को अपनी बुर में लेना शुरू कर दिया. कपिल अपना लंड एक आध इंच बाहर निकालता और फिर से अंदर डाल देता. फिर अचानक एक धक्के में पूरा 8 इंच का मोटा लंड शारदा चाची की छोटी सी बुर में घुसेड़ दिया. आख़िर शारदा चाची का दर्द थोड़ा कम होने लगा, उनको अब थोड़ा थोड़ा मज़ा आ रहा था. अब लंड बुर में अंदर बाहर हो रहा था. हर एक धक्के पर शारदा चाची का मज़ा ज़्यादा हो रहा था. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
17-06-2022, 06:09 PM
वो सिसकारियाँ भरने लगी- आअहह … आआहह … मम्म्मम … आआ आआआ … आआआ … अह्ह।
चाची सिसकारते हुए बोल रही थी- ओह भाई, ऐसे ही, ऐसे ही अपनी दीदी की चूत चुदाई कर, हाँ-हाँ और जोर से, इसी तरह से ज़ोर-ज़ोर से धक्का लगाओ भाई, इसी प्रकार से चोदो. कपिल- हाय मेरी रंडी बहना, तुम्हारी बुर कितनी गर्म है, ओह मेरी प्यारी बहन, लो अपनी बुर में मेरे लंड को … ओह ओह … कपिल उसकी बुर की चुदाई अब पूरी ताक़त और तेज़ी के साथ कर रहा था. शारदा चाची- और ज़ोर से चोद मुझे, बहन की बुर को चोदने वाले बहन के लौड़े हरामी, और ज़ोर से मार, अपना पूरा लंड मेरी बुर में घुसा कर चोद कुतिया के पिल्ले … सीई … ईईई मेरा निकल जाएगा. कपिल अब और ज़ोर-ज़ोर से धक्का मारने लगा. अपने लंड को पूरा बाहर निकाल कर फिर से उसकी गीली बुर में पेल देता. चूतड़ों को नचा-नचा कर आगे-पीछे की तरफ धकेलते हुए लंड को अपनी बुर में लेते हुए सिसिया रही थी शारदा चाची. मेरी चुदक्कड़ चाची चुदाई के पूरे मजे ले रही थी. मेरा लंड तो मेरी पैंट को फाड़ कर बाहर आने के लिए मुझे ही गालियाँ देने लगा था. मन कर रहा था कि चाची की बुर की चुदाई को देखते हुए वहीँ पर अपने लंड के माल को झाड़ लूँ. ऐसी ब्लू फिल्म तो मैंने कभी टीवी पर भी नहीं देखी थी. मैंने धीरे से अपनी पैंट की चेन के ऊपर से अपने खड़े लंड को सहला दिया. मेरा लंड तो उनकी चुदाई देख-देख कर दर्द करने लगा था. एक बार तो सोचा कि फिल्म की शूटिंग रोक देता हूँ और यहीं पर मुट्ठ मार लेता हूँ. ऐसा मौका फिर पता नहीं कब मिलेगा. मगर अचानक ही अंदर से फिर आवाज आनी शुरू हो गई और मेरा ध्यान फिर से उनकी चुदाई पर चला गया. शारदा चाची- चोद मेरे राजा … बहन के लंड … और ज़ोर से चोद … ओह … मेरे चुदक्कड़ बालम. मादक सीत्कारें भरते हुए अपने दांतों को भींच कर और चूतड़ों को उचकाते हुए वो झड़ने लगी. कपिल भी झड़ने ही वाला था. उसके मुख से भी झड़ते समय की सिसकारियाँ निकल रहीं थीं. कपिल- ओह मेरी रांड … लंडखोर … कुतिया … साली मेरे लिए रूक … मेरा भी अब निकलने ही वाला है … ओह … रानी मेरे लंड के पानी को भी अपने बुर में ले … ओह ले … ओह सीईईई … कपिल ने भी आआहह … आआअहह करके झड़ना शुरू कर दिया और अपना वीर्य शारदा चाची की बुर में निकालना शुरू कर दिया. दोनों निढाल होकर गिर पड़े. पांच मिनट ऐसे ही पड़े रहने के बाद चाची उठ कर अपने कपड़े पहनते हुए बोली- जो मजा चीखते-चिल्लाते हुए चुदाई करवाने में है वो कहीं और नहीं है. कपिल- सही कहा, जब तुम ये दर्द होने का नाटक कर के चिल्लाते हुए चुदवाती हो, तब अपार आनंद आता है. शारदा चाची- चल अब चलते हैं, एक घंटा हो गया. साले बहनचोद ये परिवार वाले हमें चुदाई का मजा ज्यादा देर नहीं लेने देंगे और कहीं न कहीं ढूंढ रहे होंगे. तुम्हारी वह बीवी भी तो हमारी चुदाई में अड़ंगा डाल देती है बार-बार. कपिल और शारदा चाची बाहर निकलने ही वाले थे इसलिए तब मैं भी वहीं से भागा, लेकिन भागने के कारण जो आवाज हुई उसकी वजह से शायद शारदा चाची का ध्यान दरवाजे की तरफ गया और दरवाजा हल्का खुला हुआ देख कर वह तुरंत समझ गई होगी कि कोई देख रहा था. मैं आगे की तरफ आकर धर्मशाला की तरफ ये सोचते-सोचते बढ़ गया कि चलो चाची का काम आज रात को ही कर देते हैं. बहुत चुदास भरी है साली के अंदर. जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
20-06-2022, 03:59 AM
Excellent Story, update it ASAP please
20-06-2022, 06:41 PM
ok cool model is not cooling
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
21-06-2022, 05:47 AM
Jabardast yaar ..keep Posting
21-06-2022, 02:13 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
27-06-2022, 02:40 AM
Mast story
29-06-2022, 11:28 AM
(17-06-2022, 06:09 PM)neerathemall Wrote: वो सिसकारियाँ भरने लगी- आअहह … आआहह … मम्म्मम … आआ आआआ … आआआ … अह्ह। (20-06-2022, 03:59 AM)Dg1973 Wrote: Excellent Story, update it ASAP please (27-06-2022, 02:40 AM)Akhilsingh700 Wrote: Mast story जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
03-07-2022, 10:24 AM
Update please
04-07-2022, 12:43 PM
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
04-07-2022, 01:04 PM
(17-06-2022, 06:08 PM)neerathemall Wrote: एक दिन घर के सभी लोग मेरे कज़िन की शादी में गए। मेरी वार्षिक परीक्षा चल रही थी इसलिए मैं नहीं गया, तो चाची ने कहा मैं भी नहीं जाऊंगी, मैं यहीं सन्नी की देखभाल करूंगी। चाचा ने भी हां कर दी। मैं उनको स्टेशन छोड़ कर आया तो चाची ने खाना के लिए पूछा तो मैंने खाना लगाने को कह दिया। चाची ने कहा कि खाना तो तैयार है, तुम रसोई में ही आ जाओ, वहीं खा लेना। मैं रसोई में चला गया। चाची खाना लगा रही थी कि बिजली चली गई। कुछ देर बाद गर्मी के कारण चाची का ब्लाऊज़ पसीने से भीग गया और उनकी ब्रा नज़र आने लगी। मैं खुश हो गया और उनके वक्ष देखने लगा। कुछ देर तो चाची को पता नहीं लगा पर बाद में उन्होंने भांप लिया कि मेरी नज़रें उनकी छाती पर हैं तो उन्होंने मुस्कुराते हुए पूछा कि क्या देख रहे हो। मैं घबरा गया और कहा कि कुछ नहीं, आप को गर्मी लग रही होगी, मैं खाना खा चुका हूं, आप कुछ देर बाहर जाकर हवा में बैठ जाएं। उन्होंने कहा कि नहीं, मैं नहाने जा रही हूं, तुम दरवाजा चैक कर लेना। दरवाजा बंद करके मैं अपने कमरे में चला गया। बराबर में ही बाथरूम है और उस का एक दरवाजा मेरे कमरे में भी खुलता है। अपने कमरे में पहुंच कर जब मैंने पानी गिरने की आवाज़ सुनी तो एकदम मेरे जहन में ख्याल आया कि क्यों ना मैं चाची को नंगा देखूं? मैं फ़ौरन उठा और दरवाजे के की-होल से देखने लगा। वो मोमबत्ती की रोशनी में नहा रही थी। बड़ी मादरचोद लग रही थी, रण्डी की तरह मम्मे मसल रही थी अपने। हे भगवान ! मैंने पहली बार उनको नंगा देखा था। उनके मम्मे इतने बड़े थे कि मैं बस उनको ही देखता रहा। मेरे शरीर में एक अजीब किस्म का करंट दौड़ गया। मेरा लण्ड एकदम खड़ा होने लगा। मैंने उसे अपने हाथ में ले लिया और हिलाने लगा। हिलाते हिलाते बराबर में मेज़ पर रखा फ़ूलदान गिर गया। उसकी आवाज़ को सुन कर चाची ने मेरे कमरे वाले दरवाजे को खोल कर देखा कि क्या हुआ। मगर जब उन्होंने मुझे अपना लण्ड पकड़े हुए देखा तो एकदम चौंक गई। मैं भी एकदम अपने लण्ड को अन्दर करके ज़िप लगाने लगा। चाची भी तुरन्त चली गई। 45 मिनट के बाद उन्होंने मेरे कमरे का दरवाजा खटखटाया तो मैं घबरा गया कि पता नहीं अब क्या होगा। खैर मैंने दरवाज़ा खोल दिया। चाची ने आसमानी रंग की साड़ी और मैचिन्ग ब्लाऊज़ पहन रखी थी। वो अन्दर आई और मेरे बेड पर बैठ गई। कुछ देर बाद उन्होंने कहा कि मेरे पास आओ। मैं घबराते हुए उनके पास जा कर खड़ा हो गया। उन्होंने मुझ से पूछा कि तुम कितनी बार मुझे नहाते हुए देख चुके हो? मैं एकदम घबरा गया, मेरे पसीने छूट गए। उन्होंने मेरी यह हालत देखी तो मुस्कुराई और कहा कि तुम मुझे बताओ, मैं किसी को नहीं बताऊंगी, अगर तुमने नहीं बताया तो मैं सबको बता दूंगी। मैंने फ़ौरन कहा – मुझे माफ़ कर दें ! यह पहली बार हुआ है, इससे पहले मैंने कभी ऐसा नहीं किया है। उन्होंने कुछ देर बाद कहा कि क्या मैं तुम्हें अच्छी लगती हूं? मैंने कहा- हां ! आप मेरी चाची हैं मैं आपको बहुत पसन्द करता हूं। उन्होंने कहा कि मैं जो कहूं, तुम मान लोगे? मैंने कहा- आज़मा कर देख लें। उन्होंने कहा- अपनी पैन्ट उतारो। मैं सन्न रह गया। उन्होंने कहा- अगर मेरा कहा नहीं मानोगे तो मैं सब को बता दूंगी कि तुम मुझे नंगा नहाते हुए देख रहे थे। मैं और ज्यादा परेशान हो गया। उन्होंने फ़िर कहा कि अपनी पैन्ट उतारो। मैंने कहा- क्यों? उन्होंने कहा कि तुमने मुझे नंगा देखा है, मैं भी तुम्हें नंगा देखूंगी। इसके बाद वो मेरे करीब आईं और जबरदस्ती मेरी शर्ट उतारने लगी। इससे मेरी आस्तीनें फ़ट गई तो मैंने कहा- अच्छा ! मैं उतारता हूं और मैंने अपनी कमीज़ उतार दी। फ़िर चाची ने कहा – पैन्ट भी उतारो। मैंने धीरे धीरे वो भी उतार दी। अब मैं अन्डरवीयर में उनके सामने खड़ा था। मुझे बहुत शरम आ रही थी। इस पर उन्होंने कहा कि यह भी उतारो, मैं तुम्हें पूरा नंगा देखना चाहती हूं। मैंने मना कर दिया तो उन्होंने मेरे पास आ कर मुझे एक चपत लगाई और कहा- मादरचोद उतारता है या नहीं ! मैं उनके मुंह से गाली सुन कर हैरान रह गया। उन्होंने जलदी से मेरा अन्डरवीयर नीचे कर दिया। मेरा लण्ड उस वक्त ५” का था और किसी खम्बे की तरह खड़ा था। चाची ने मेरे लण्ड को अपने हाथ में लिया तो मुझे एक अजीब सा मज़ा आया और मेरे मुंह से सिसकारी निकल गई। उन्होंने कहा कि तुम्हारे चाचा का तो 3″ ही लम्बा होगा मगर तुम्हारा तो उस से भी बड़ा है। तुम्हारे चाचा तो सेक्स करना जानते ही नहीं हैं, उनका लण्ड मेरे अन्दर जाते ही पानी छोड़ देता है। क्या तुमने किसी से सेक्स किया है? जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
04-07-2022, 01:05 PM
मैंने कहा कि नहीं। तो उन्होंने कहा कि आज मैं तुन्हें एक नया गेम सिखाऊंगी। तुम्हें फ़ुटबाल बहुत पसन्द है ना, यह खेल उससे भी ज्यादा अच्छा है।
उसके बाद उन्होंने मेरे होंटों पर किस किया। मैं भी अपना काबू खो बैठा और उनको अपनी बाहों में ले लिया। वो किस मुझे हमेशा याद रहेगी, उनके होंटों को जब मैंने अपने दांतों में दबाया तो मुझे बहुत मज़ा आया था। चाची ने मुझे २०-२५ मिनट तक किस किया, फ़िर कहा कि बेडरूम में चलो। मैं नंगा ही उनके साथ बेडरूम में चला गया। वहां पर चाची ने मुझे बेड पर धक्का दे दिया और मेरा लण्ड अपने मुंह में लेकर आइसक्रीम कई तरह चूसना शुरू कर दिया। मैं तो आसमान पर पहुंच गया। मैं बता नहीं सकता कि कितना मज़ा आया था कुछ देर बाद मैंने कहा- चाची अब मेरा निकलने वाला है, आप मुंह से मेरा लण्ड निकाल दें तो उन्होंने कहा कि मेरे मुंह में ही गिरा दो, मैं कब से लण्ड का पानी पीने को बेकरार हूं। मैंने ऐसा ही किया। मुझे अच्छी तरह याद है कि इससे पहले मेरा पानी इतना ज्यादा नहीं निकला था। फ़िर चाची ने पूछा कि तुम्हें मेरे शरीर में सबसे ज्यादा क्या पसन्द है? मैंने कहा- आप के स्तन। तो उन्होंने कहा- दूर से तो देख ही चुके हो, क्या छूना चाहते हो? यह सुनते ही मैंने उनको अपनी ओर खींच लिया और उनके ब्लाऊज़ के बटन खोलने लगा। ब्लाऊज़ के नीचे काले रंग की ब्रा उनके बूब्स पर कसी हुई थी। मैंने उनके बूब्स को ब्रा के ऊपर से ही दबाना और चूमना शुरू कर दिया। फ़िर मैंने ब्रा खोलने की कोशिश की मगर मुझसे नहीं खुली। चाची हंस पड़ी और अपने आप अपनी ब्रा उतार दी। उनके बूब्स देख कर मैं पागल हो गया, उफ़्फ़ ! इतने बड़े ! मैंने एकदम अपने मुंह में ले ली और चाची अजीब अजीब आवाज़ें निकालने लगी। मैंने उनके लाल लाल निप्पल चूस चूस कर बड़े कर दिए। तब चाची ने कहा कि मुझे किस दो। मैं फ़ौरन उन के होंटों की तरफ़ बढा तो उन्होंने कहा- यहां पर नहीं ! नीचे ! मैंने कहा कि वहां पर मैं कैसे किस कर सकता हूं, तो उन्होंने कहा कि मैंने तो भी तुम्हारे लण्ड को चूसा था, अब तुम्हारी बारी है। मैंने कहा- अच्छा ! कोशिश करता हूं! फ़िर मैंने चाची की साड़ी खोली, पेटिकोट भी उतार दिया। अब वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी। मैंने उन को बेड पर लिटाया और उनकी चूत पर हल्के से किस की। मुझे बड़ा मज़ा आया। मैंने फ़ौरन अपनी जीभ उनकी चूत के होंटों पर रख दी और रगड़ने लगा। उनकी सिसकारियां निकल गई लेकिन वो कह रही थी कि ” सन्नी ! खा जाओ मेरी चूत को ! मैं बहुत दिनों से प्यासी हूं ! मेरी चूत का पानी पी लो ! मुझ से बरदाश्त नहीं होता आह ह्ह आ आऽऽ यस फ़क मी यू बास्टर्ड यू मदर फ़कर ऽऽऽ” मैं सोच रहा था कि कैसे मां की लोड़ी गालियां दे रही है. मुझे चाचा की किस्मत पर रश्क हो रहा था। वो रोज़ कैसे मजे से चाची को बजाते होंगे. कुछ देर बाद चाची की चूत में से भी मनी निकली। मैं बहुत हैरान हुआ कि लेडीज़ की भी मनी निकलती है। हम दोनो एक दूसरे से लिपट कर बेड पर लेट गए। मैंने उन से पूछा कि क्या आपने शादी से पहले किसी के साथ सेक्स किया था? उन्होंने कहा कि यह मैं बाद में बताऊंगी, पहले मेरी चूत को ठण्डी तो कर। मैंने कहा कि ठीक है मेरा लण्ड दोबारा चूसें। चाची ने कहा कि ६९ पोज़ीशन में हो जाओ। मैंने कहा- यह क्या होता है तो वो कहने लगीं कि सीधे लेट जाओ। मैं सीधा लेट गया, वो मेरे ऊपर इस तरह लेटीं कि उनका मुंह मेरे लण्ड की तरफ़ और उनकी चूत मेरे मुंह की तरफ़। फ़िर उन्होंने कहा कि यह है ६९ पोज़ीशन। अब तुम मेरी चूत चाटो, मैं तुम्हारा लण्ड चूसती हूं। हम दोनो चूसना और चाटना शुरू हो गए। ५-१० मिनट बाद मेरा लण्ड फ़िर से खड़ा होने लगा था। पता नहीं उनके चूसने में क्या जादू था कि मेरा लण्ड इतना खूबसूरत कभी नहीं लगा। मैंने कहा- क्या आप की चूत में डाल दूं? उन्होंने कहा कि देर क्यों कर रहे हो, आ जाओ, लेकिन एक मिनट रुको, वो बेड से उठी और मेज़ की दराज़ से कन्डोम का पैकेट निकाला और मेरे लण्ड पे चढा दिया और कहा- मैं प्रेग्नैन्ट नहीं होना चाहती। फ़िर उन्होंने मेरे लण्ड पर क्रीम लगाई और कुछ अपनी चूत पर भी लगाई और घोड़ी बन गई और कहा कि मेरे अन्दर आ जाओ मेरी जान ! मैंने अपने लण्ड की टोपी उनकी चूत पर रगड़ी। चाची ने कहा कि क्यों तड़फ़ा रहे हो, जल्दी से मेरे अन्दर डाल दो। मैंने एक जोरदार धक्का लगाया तो चाची की चीख निकल गई। उन्होंने कहा – आराम से डालो। मैंने आराम से धीरे धीरे करना शुरू कर दिया तो वो कहने लगी – मादरचोद ! बहनचोद ! चोद दे मुझे ! मेरी चूत फ़ाड़ दे आ आहऽऽऽ आ मज़ा आ रहा है, जोर से करो। अब मैं जोर से करने लगा। कुछ देर बाद मैंने अपना लण्ड उनकी चूत में से निकाल लिया तो उन्होंने पूछा कि क्या हुआ? मैंने कहा कि मैं अपने अन्दाज़ में करना चाहता हूं। चाची ने कहा- तुम जो चाहो करो। मैंने चाची को गोद में उठाया और अपना लण्ड उनकी चूत में डाल कर उनको उछालने लगा। मुझे बहुत मेहनत करनी पड़ी मगर इस अन्दाज़ में मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। दस मिनट में मैंने चाची से कहा कि मेरी निकलने वाली है तो उन्होंने फ़ौरन मेरा लण्ड निकाल कर उस पर से कन्डोम हटा दिया और अपने मुंह में ले कर चूसने लगी। मेरी मनी फ़िर निकल गई। कुछ देर बाद मैंने चाची से कहा कि मैं आपको फ़िर चोदना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि सब्र करो, अब कल करेंगे, हमारे पास पूरा एक हफ़्ता है। जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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