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Adultery ब्लोजॉब
#1
ब्लोजॉब

जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#2
मेरे परिवार में हम दो भाई हैं और हमारी एक बहन है, बहन की शादी तीन साल पूर्व हो चुकी है, वो अपने पति के साथ अपनी ससुराल में रहती है. मेरे बड़े भाई का भी विवाह डेढ़ साल पहले हो चुका है. तो अब हमारे घर में मैं, मेरे मम्मी पापा और भैया भाभी हैं. भैया घर से तीस किलोमीटर दूर एक कम्पनी के ऑफिस में जॉब करते हैं हैं तो वे सुबह सुबह ही घर से निकल कर बस लेते हैं.

बात उन दिनों की है, जब मैं बारहवीं में पढ़ रहा था. इस क्लास में पढ़ाई का काफी भार रहता है तो मैं ज्यादातर पढ़ाई में ही व्यस्त रहता था, इस कारण से भाभी से ज्यादा बात हो ही नही पाती थी.
मेरी भाभी का नाम सुमन है. मेरी भाभी दिखने में बहुत सेक्सी हैं, मुझे उन के होंठ चूचे और चूतड़ बहुत सेक्सी लगते हैं. उनका साइज होगा करीब 34 30 36… हाईट भी अच्छी थी पांच फुट साढ़े चार इंच. गोरा रंग, तीखे नयन नक्श… जैसे पुरानी हिरोइन सायरा बानो दिखती थी. भाभी के बाल भी काफी लम्बे थे. भाभी हर दो तीन हफ्ते बाद ब्यूटी पार्लर जाती थी, अपना और अपने रूप का बहुत ध्यान रखती थी.

बारहवी की परीक्षा के बाद मैं फ्री हो गया था तो मैं भाभी से बात करने लगा था और कुछ खुलने लगा था.

मुझे महसूस हुआ कि भाभी मेरे में कुछ ज्यादा ही रूचि लेने लगी हैं, मेरी ओर आकर्षित हो रही हैं. भाभी कभी बातों बातों में मेरे गाल पकड़ लेती तो कभी कभी मजाक में मेरी पीठ पर हाथ मारतीं. उस समय मुझे सेक्स की समझ तो थी पर मैं अनुभवी ना होने के कारण से मैं भाभी की कामुकता से भरपूर हरकतें समझ नहीं पाया.

मैं कॉलेज में आ गया था, बी ए जॉइन कर लिया. मुझे कॉलेज की हवा लगी तो मुझे भाभी की हरकतों का मतलब समझ आने लगा था. मेरी कामुकता भी अब जवान होने लगी थी.

एक बार मेरे मम्मी पापा कुछ दिनों के लिए मेरे मामा के घर गए हुए थे. मेरे अलावा मेरे भैया और भाभी ही घर पर रुके थे. भाई सुबह ही जॉब पर चले जाते तो घर में भाभी और मैं ही रहते थे तो मैं और भाभी ज्यादातर बातें करते रहते थे.

अब भाभी का कामुक बदन मेरी नज़र में चढ़ गया, मुझे लगने लगा कि भाभी मेरी प्यास बुझा सकती हैं.

फिर मम्मी पापा वापस आ गए.

अब मैं घर पर ज़्यादा नहीं पढ़ता था, मैं भाभी की तरफ ज्यादा आकर्षित होने लगा. भाभी तो पहले से ही मेरी तरफ आकर्षित थीं, पर मेरी तरफ से ही कोई प्रति उत्तर ना देने के कारण से भाभी खुल नहीं पाई थीं.

एक दिन भाभी अपने कमरे में आराम कर थीं तो मैं भी उन के पास चला गया और हँसी मजाक करने लगा. मैंने मजाक मजाक में भाभी का चुम्बन ले लिया, तो उन्होंने मुझ से कुछ नहीं कहा. बस ‘अरे… अरे… सनी क्या कर रहे हो?’ कह कर शांत हो गईं.

मैंने ऐसे ही मजाक मजाक में एक दो बार और भाभी को चुम्बन कर लिया तो भाभी कुछ नाराज नहीं हुई, बस अपने दोनों हाथों से अपने गालों को छुपा लिया. मैं जब भी भाभी का चुम्बन लेने के लिए आगे बढ़ता तो भाभी अपने दोनों हाथ अपने गालों पर रख लेती.
मैंने भाभी से कहा- भाभी, एक चुम्मा तो और लेने दो ना!
भाभी ने मना कर दिया तो मैंने कहा- जब तक एक और चुम्मा नहीं दोगी, मैं यहाँ से नहीं जाऊंगा.
लेकिन भाभी ने मना कर दिया.
मैं भी ज़िद पर अड़ गया तो भाभी मान गईं.. और मैं बड़े प्यार से भाभी के गालों की चुम्मी लेकर चला गया.

अब जब भाभी मुझे अकेले में मिलतीं, मैं उन्हें चूम लेता. शायद भाभी को भी मेरी ऎसी हरकत से मजा आता था. ऐसे ही मेरी और भाभी की किसिंग चलती रही.

एक दिन मैं और भाभी उन के कमरे में बैठे बातें कर रहे थे तो बातों के बीच में भाभी ने मुझ से पूछा- सनी, तुम यह तो बताओ कि तुम मुझे क़िस क्यों करते हो?
तो मैंने कहा- बस भाभी… आप मुझे अच्छी लगती हो. इसलिए!
भाभी ने कहा- क्यों तुम्हारी गर्लफ्रेंड अच्छी नहीं है क्या? उसे तुम किस नहीं करते?

मैंने भाभी को खुश करने के लिए कहा- भाभी, मेरी कोई गर्लफ्रेंड ही नहीं है.
भाभी ने कहा- ऐसा हो ही नहीं सकता कि तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं हो. तुम तो इतने सुन्दर हो, स्मार्ट हो! तुम पर तो लड़कियां मरती होंगी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#3
मैंने कहा- भाभी, कॉलेज में मुझे कोई लड़की पसंद नहीं है, मुझे तो बस आप ही बहुत अच्छी लगती हो और सेक्सी भी..
भाभी मुस्कुराने लगीं और कहा- मुझ में तुम्हें क्या सेक्सी लगता है? बताओ ज़रा?
मैंने कहा- भाभी… आपके होंठ…
भाभी- और?
मैंने कहा- और… आपके बूब्ज़!
भाभी मुस्कुराने लगीं और पूछा- और क्या क्या? सब बता दो आज!
मैंने कहा- आप की बैक भी..
तो भाभी हंसने लगीं और बोलीं- अब बस करो.

मैंने कहा- सच में भाभी, आप मुझे बहुत सेक्सी लगती हो.

इतना कह कर मैंने भाभी के होंठों पर चुम्बन कर लिया. ये मेरा भाभी के होंठों पर पहला चुम्बन था.
भाभी बोलीं- अर्र… अरे ये नहीं..
मैं फिर भाभी के गाल पर क़िस करने लगा तो भाभी ने कहा- सनी, यार मान जाओ… कोई आ जाएगा.

मैं हट गया और इस तरह मैं कभी भाभी के गाल पर किस करता तो कभी भाभी के होंठों पर.. कभी कभी तो मैं भाभी की बैक पर हाथ फेरता रहता था, भाभी बस मुस्कुरा देती थीं. मेरी हिम्मत बढ़ती गई.

एक दिन मैं रसोई में पानी लेने गया था तभी भाभी भी वहां आ गईं, तो मैंने हिम्मत कर के भाभी के गाल पर चुम्मा करते हुए भाभी के मम्मों को भी छू दिया. भाभी चौंक गईं और जल्दी से अपने कमरे में चली गईं. मैं थोड़ा सा डर गया था कि कहीं भाभी भैया या मम्मी से कुछ कह नहीं दें, पर भाभी ने कुछ नहीं कहा.

इस तरह से अब मैं कभी कभी भाभी के मम्मों को भी दबाने लगा. मैंने देखा कि भाभी भी इस का मजा लेती थीं.

उन दिनों गर्मियों का मौसम था, ज्यादातर घर वाले छत पर सोना पसंद करते हैं और मैं भी.
भाभी और मम्मी नीचे सोती थीं क्योंकि भैया रात में 11-12 बजे तक आते थे क्योंकि आजकल उनके ऑफिस में ज़्यादा काम चल रहा था.

एक दिन मम्मी और भैया एक साथ किसी काम से आउट ऑफ स्टेशन चले गए थे. पापा भाभी और मैं ही घर पर बचे थे.
उस दिन दिन भर कॉलेज में रहने से मैं थक गया था सो घर आ कर सो गया. जब उठा तो घर के काम में लग गया. इसी वजह से मुझे भाभी के साथ टाइम नहीं मिल पाया.

शाम को मैं अपने दोस्तो के साथ घूमने चला गया. जब रात में आया तो भाभी खाना बना कर सोने चली गई थीं. मैं भी खाना खा कर छत पर सोने के लिए जा रहा था तो पापा ने कहा- आज तुम नीचे सो जाओ, तेरी भाभी नीचे अकेली है.

मैं नीचे सोने के लिए चला गया. दिन में सो लेने की वजह से मुझे नींद नहीं आ रही थी. मैं टीवी देखने लगा, तभी लाइट चली गई तो मैं बोर होने लगा था.
अचानक मेरे दिमाग में भाभी के बारे में याद आया कि मैं और भाभी नीचे अकेले हैं, तब मैंने सोचा कि क्यों ना आज अपनी किस्मत को आजमा कर देखा जाए.

मैंने भाभी के रूम के पास जा कर देखा कि भाभी गहरी नींद में सो रही हैं तो मैं भाभी के पास बेड पर जा कर लेट गया.
मैं ज्यादातर सोते टाइम सिर्फ़ शॉर्ट पहनता हूँ और कुछ नहीं, यहाँ तक कि अंडरवियर भी नहीं पहनता हूँ.

मैंने धीरे धीरे भाभी के मम्मों को सहलाना स्टार्ट कर दिया. कुछ देर मम्मों को सहलाने के बाद मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था तो मैंने भाभी के कुर्ते को ऊपर कर दिया. भाभी ने ब्रा नहीं पहनी थी, ये देख कर मैं और पागल हो गया.

भाभी दिन भर थकी होने के कारण बहुत गहरी नींद में सो रही थीं. ये उन्हें देख कर ही लग रहा था.

अब मैंने भाभी के एक चूचे को मुँह में लेकर चूसना आरम्भ कर दिया. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था क्योंकि ये मेरा पहला एक्सपीरियन्स था. मुझ से कंट्रोल नहीं हो रहा था तो मैं भाभी के ऊपर चढ़ गया और ज़ोर जोर से उनके चूचे चूसने लगा.
कुछ ही देर में भाभी की आँख खुल गईं और उन्होंने मुझे अपने ऊपर से हटा दिया. अपने मम्मों को कुर्ते से छुपा लिया- ये क्या कर रहे हो सनी?
मैं- भाभी, आज आप मुझे बहुत सेक्सी लग रही थी तो मैं खुद पर कंट्रोल नहीं रख पा रहा था.
भाभी- नहीं सनी, ये सब इतनी जल्दी नहीं.
मैं- भाभी प्लीज आज मुझ से कंट्रोल नहीं हो रहा है.
भाभी- नहीं सनी, तुम्हारे भाई आने वाले हैं.
मैं- अभी नहीं आएंगे क्योंकि अभी सिर्फ़ दस बजे हैं.
भाभी- नहीं, सनी जाओ और जा कर सो जाओ.
मैं- नहीं भाभी आज मैं आप को प्यार कर के ही जाऊंगा.
भाभी- नहीं सनी प्लीज़ जाओ सो जाओ.
मैं- नहीं भाभी मैं आज नहीं सोऊंगा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#4
ये कह कर मैंने भाभी को बांहों में भर लिया और चुम्बन करने लगा.
भाभी- नहीं सनी प्लीज़.. तुम्हारे भाई आ जाएंगे.
मैं- नहीं भाभी आज कोई नहीं आएगा.
भाभी- सनी आख़िर तुम आज करना क्या चाहते हो?
मैं- आज मैं आपके साथ सेक्स करूँगा.
भाभी- नहीं सेक्स नहीं सनी… तुम्हारे भाई आ जाएंगे.
मैं- देखो भाभी कंट्रोल नहीं हो रहा है.

मैंने भाभी को अपने शॉर्टस के ऊपर से अपना छह इंच लंबा और तीन इंच मोटा लंड दिखाते हुए कहा, जो शॉर्टस में तम्बू बना रहा था.
भाभी- जाओ सनी इसे अपने हाथ से ठण्डा कर लो.
मैं- नहीं भाभी, आज मैं इसे अपने हाथ से ठण्डा नहीं करूँगा आज तो इसे आप ही ठण्डा करेंगी.
भाभी- अच्छा सनी, मैं तुम्हारा लंड अपने हाथ से ठण्डा कर देती हूँ.
मैं- हाथ से तो मैं भी अपना लंड ठण्डा कर सकता हूँ तो फिर आप की क्या जरूरत.
भाभी- अच्छा तो मैं अपने मुँह से चूस कर तुम्हारा लंड ठण्डा कर दूँगी.

मैंने सोचा कि आज ये ब्लोजोब का एक्सपीरियन्स भी ले कर देखा जाए और मैं तैयार हो गया.
भाभी- अपनी शॉर्टस तो उतारो.
मैं- आप अपने हाथों से उतारो!

भाभी ने अपने हाथों से मेरा शॉर्ट उतार दिया तो मेरा लंड उछल कर बाहर आया और भाभी को सैल्यूट करने लगा. मैंने नोटिस किया कि मेरा खडा लंड देख कर भाभी का चेहरा कामुकता से लाल हो गया था.
भाभी- सनी तुम्हारा लंड बहुत ही लंबा और मोटा है, तुम्हारी पत्नी तुम से बहुत ही खुश रहेगी.
बस भाभी ने इतना कहा और मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगीं.
मैं- आआअहह.. भाभी और प्यार से आआअहह.. भाभी.. उम्म्ह… अहह… हय… याह…
भाभी- उउन्न्ं आहह.

भाभी मेरा लंड चूस रही थीं और मैं भाभी के मम्मों को दबा रहा था. मैंने देखा भाभी भी गर्म होने लगी थीं. मैं भी बहुत गर्म हो गया था.
भाभी- बस अब मेरा मुँह तुम्हारा लंड चूसते चूसते थक गया है.
मैं- भाभी बस कुछ देर और मैं कुछ ही देर में शांत हो जाऊंगा.
लंड चुसाई फिर शुरू हो गई.

‘आहह उउउन्ननह..’
मैं- भाभी, मैं झड़ने वाला हूँ, मेरा सारा माल अपने मुँह में ही लेना, मेरा लंड अपने मुँह से निकालना नहीं.. आअहह… मेरा पानी निकलने वाला है.
भाभी- आंआहह ऊंउउहह..

फिर मैं भाभी के मुँह में झड़ गया और भाभी ने मेरे पूरा वीर्य अपने अंदर कर लिया. मैं शांत हो गया और कुछ देर बाद मैं अपने कमरे में सोने चला गया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#5
अस्द
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#6
कजिन के मुहं में लंड डाला

जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#7
(04-07-2022, 02:19 PM)neerathemall Wrote:
कजिन के मुहं में लंड डाला


मेरी कजिन का नाम ममता है और वो मेरी बुआ की लड़की है. उसका साईज़ 36 बूब्स, 24 कमर और 35 की गांड है, वो हमारे यहाँ रहकर पड़ाई करती थी, वो मुझसे कोई 3 या 4 साल बड़ी है, उसके दो भाई है. अब में आपको बोर ना करते हुए सीधे कहानी पर आता हूँ, बात आज से करीब 7 या 8 साल पहले की है जब में 10वीं क्लास में पढ़ता था. मुझे दोस्तों से थोड़ी बहुत सेक्स की जानकारी थी, में अक्सर ही उसके साथ चिपक कर सोता था, क्योंकि में बहुत छोटा था इसलिए वो भी बुरा नहीं मानती थी.

एक दिन में अचानक से रात में उठा तो मेरा हाथ उसके बूब्स पर था, मैंने महसूस किया कि वो रात में ब्रा नहीं पहनती थी सिर्फ़ नाइटी पहनकर सोती थी. मुझे उसके बूब्स बड़े मुलायम लगे, तो मैंने उनको धीरे-धीरे सहलाना शुरू किया और इधर मेरे लंड महाराज भी अपनी नींद से उठ रहे थे. अब लंड धीरे-धीरे उठकर पूरी तरह से खड़ा हो गया. उधर में उसके बूब्स सहला रहा था, क्या बताऊँ यार कितना मज़ा आ रहा था? में तो जन्नत में था. मैंने पहली बार किसी लड़की के बूब्स छुए थे.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#8
फिर धीरे-धीरे में और आगे बड़ा और मैंने अपना हाथ उसकी क्लीवेज पर रखा, जिसमें से उसके आधे बूब्स बाहर नज़र आ रहे थे. अब में अपने दोनों हाथों से उसके दोनों बूब्स सहलाने लगा. मेरा दिल और आगे बढ़ने को कह रहा था, लेकिन दिमाग़ रोक रहा था कि कहीं वो उठ ना जाए और मुझे पकड़ ना ले, लेकिन कहते है ना चूत की भूख की आग लगती है तो भूत से भी डर नहीं लगता है, तो मैंने अपना हाथ उसकी नाइटी में डाल दिया और उसके बूब्स सहलाने और हल्के-हल्के दबाने लगा, क्या मस्त बूब्स थे यार उसके? बड़े मुलायम और शायद मेरे सहलाने की वजह से निपल बड़े सख्त हो गए थे.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#9
फिर धीरे-धीरे मैंने अपना पूरा हाथ उसके शरीर पर घुमाया. क्या बताऊँ यार उसकी बॉडी की स्किन कितनी सॉफ्ट थी? फिर में हाथ फेरते हुए उसकी नाभि पर पहुँचा और वहाँ हाथ फेरने लगा. फिर थोड़ी देर के बाद में अपना हाथ उसकी पेंटी पर ले गया, उसकी पेंटी को टच करते ही मेरे शरीर में अजीब जी झंनझनाहट हुई जैसे मेरे पूरे शरीर में बिजली दौड़ गई हो. फिर मैंने यहाँ वहां टटोलना जारी रखा तो मुझे एक फूला हुआ पार्ट दिखा. में तुरंत समझ गया कि ये उसकी चूत है.

फिर मैंने उसकी पेंटी के नीचे से उंगली डालकर मैंने उसका जायजा लिया, क्या बताऊँ यार उसकी चूत पूरी आग की भट्टी लग रही थी? एक ऐसी आग जिसमें हर कोई जल जाना चाहता है. फिर ऐसा करते हुए वो रात निकल गई और उसे पता नहीं चला. फिर जब भी में उसके साथ सोता तो में यही सब करता था, लेकिन फिर जब तक वो हमारे यहाँ रही में इसके आगे नहीं बड़ पाया.

फिर उसका कॉलेज पूरा हो गया और वो अपने गावं चली गई. फिर में अकेला पड़ गया और उसको सोचकर मुठ मारने लगा, लेकिन वो मज़ा नहीं आता था. मेरे पापा चार भाई है और उनमें मेरे पापा सबसे बड़े है, मेरे बड़े अंकल की एक बेटी है, उसका नाम सौम्या है, वो मुझसे दो साल छोटी है. जब मेरी बुआ की लड़की चली गई तब मैंने सोचा क्यों ना इसी से काम चलाया जाए? फिर में उसके साथ भी वही सब करने लगा, लेकिन में उसके साथ ज़्यादा खुल नहीं पाया था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#10
फिर मेरे बड़ी बहन की शादी आ गई, उसमें मेरी बुआ की लड़की भी आई हुई थी. अब वो हमारे घर पर करीब दो साल के बाद आई थी, उन दो सालों में वो काफ़ी ज़्यादा बदल गई थी और उसके बूब्स और बड़े हो गए थे. लेकिन अब में 21 साल का हो गया था, तो मुझे उसके साथ सोने को नहीं मिलता था, लेकिन जब से वो आई है, उसके व्यवहार में काफ़ी बदलाव हुआ है. अब वो खुलकर मज़ाक करती और कभी-कभी तो हद ही पार कर देती थी. एक दिन वो बाथरूम में नहा रही थी, हमारा बाथरूम हमारे घर के बीचो बीच आँगन में है और ऊपर से खुला है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#11
मैंने डिसाइड किया कि आज इसे नंगा देखूँगा, मेरे घर की छत से बाथरूम के अंदर का पूरा दिखता है तो में छत पर चढ़ गया और छुपकर उसे नहाते हुए देखने लगा, लेकिन वो ठीक से दिख नहीं रही थी. वो बाथरूम में बैठकर नहा रही थी, उसके साथ मेरी बहन भी खड़ी थी तो में निराश हो गया, लेकिन फिर भी में देखता रहा और जब वो कपड़े पहनने के लिए उठी तो वो थोड़ा बाहर आ गई, क्योंकि अब मेरी बहन वहाँ बैठकर नहाने लगी थी.

फिर वो जैसे ही बाहर आई तो में उसे देखता ही रह गया, उसके बूब्स क्या लग रहे थे? और उसका फिगर तो कमाल का था, उसे देखकर मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया और फिर में उसे देखते हुए वहीं पर उसके नाम की मुठ मारने लगा. तभी उसने मुझे देख लिया, मेरी तो फट गई थी, अब क्या होगा? लेकिन फिर मैंने देखा कि वो छुपने या गुस्सा होने कि बजाए वो तो मुझको एक सेक्सी सी स्माइल दे रही थी. फिर में वहाँ से चला गया और दिनभर उससे बचता रहा. फिर रात को जब में घर वापस आया तो काफ़ी देर हो चुकी थी और घर की सारी औरतें पड़ोस के प्रोग्राम में गई हुई थी. फिर में खाना ख़ाकर एक कमरे में सो गया, फिर थोड़ी देर ऐसे ही लेटे रहने के बाद मुझे नींद नहीं आ रही थी और सुबह का वही सीन मुझे याद आ रहा था. तभी थोड़ी देर के बाद वो फोन पर किसी से बात करते हुए मेरे कमरे में आई और मुझे सोता हुआ देखकर फोन पर बात करते हुए मेरे बगल में सो गई.
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भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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#12
उसके बाद में मुझे पता चला कि वो उसका होने वाला पति था, फिर थोड़ी देर के बाद उसने फोन रख दिया. फिर वो लेटे हुए ही मेरे पास आ गई और मुझे जगाने लगी. फिर में थोड़ी देर के बाद बहाना करते हुए उठा तो उसने कहा कि तुम सुबह क्या कर रहे थे? तो मैंने बड़ी हिम्मत करके कहा आपको देख रहा था, तो मैंने सोचा यही मौका है आज जो भी ही करना है कर लो. तो उसने कहा अच्छा बहन को नंगा देखते हुए शर्म नहीं आई, तो मैंने कहा खूबसूरती से शर्माना कैसा? फिर मैंने पूछा आप गुस्सा तो नहीं हुई, फिर मुस्कुरा क्यों रही थी? तब उन्होंने मुझे बताया कि तुम मेरे साथ पहले जो करते थे मुझे सब पता है. फिर में समझ गया इसका भी मन है, फिर उसने कपड़े बदलने के लिए लाईट जलाई. फिर उसने मेरे ही सामने मेरी छोटी कजिन के स्कर्ट और टॉप पहन लिया और आकर मेरे पास सो गई. फिर मैंने देर किए बिना ही उसके बूब्स दबाना और किसिंग करना शुरू कर दिया. तभी उसके मंगेतर का फिर से फ़ोन आ गया, लेकिन में रुका नहीं और में उसे चूमता रहा और उसके बूब्स दबाता रहा.
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#13
फिर थोड़ी देर के बाद मैंने उसके पूरे कपड़े उतार दिए और ब्रा खोल दी. फिर में उसके निपल चूसने लगा वो, अया आह्ह्ह्ह करने लगी थी. उसके पति ने पूछा क्या कर रही हो? तो उसने कहा आपसे बात करके उत्तेजित हो गई तो अपने बूब्स दबा रही हूँ. इधर में उसकी पेंटी उतार चुका था और उसकी चूत में उंगली कर रहा था और वो मेरा लंड सहला रही थी. मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था. ऐसे ही काफ़ी देर तक करने के बाद वो झड़ गई और फिर में उसे उसके मुँह को चोदने लगा. वो बहुत अच्छा लंड चूसती है. फिर थोड़ी देर तक चोदने के बाद में उसके बूब्स चोदने लगा. फिर थोड़ी देर के बाद में भी झड़ गया, उसके बाद वो जब तक हमारे घर पर रही हम मौका मिलते ही शुरू हो जाते थे, लेकिन अब वो चली गई है. अब तो बस उसके नाम की मुठ मारकर काम चलाता हूँ.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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